#जन्माष्टमी विचार
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CIN /श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: अपने "कृष्ण भाव" को प्रकट कीजिए - लेखक: अवधेश झा
CIN /श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव वास्तव में विशुद्ध आत्मा का ही उत्सव है। श्रीकृष्ण परब्रह्म स्वरूप परमात्मा आदि नारायण के अवतार हैं और सत्य रूपी धर्म की रक्षा के लिए पृथ्वी पर प्रकट हुए और धर्म की स्थापना किए। जस्टिस राजेंद्र प्रसाद (पूर्व न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय, पटना) से जब मैंने पूछा कि आप गीता का अध्ययन निरंतर करते रहते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के संदर्भ में कुछ विचार दीजिए; तो…
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जन्माष्टमी 2022: कृष्ण की पालकी को इन अनोखे विचारों से सजाकर मनाएं कृष्ण का जन्मदिन
जन्माष्टमी 2022: कृष्ण की पालकी को इन अनोखे विचारों से सजाकर मनाएं कृष्ण का जन्मदिन
छवि स्रोत: INSTAGRAM/MEZMERIZEHAPPINESSUNWRAPPED जन्माष्टमी 2022 जन्माष्टमी हिंदुओं के सबसे शुभ त्योहारों में से एक है। यह भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी गुरुवार 18 अगस्त से शुक्रवार 19 अगस्त तक मनाई जाएगी। दुनिया भर के भक्त इस त्योहार को बहुत धूमधाम और शो के साथ मनाते हैं। वे उपवास रखते हैं, प्रार्थना करते हैं और कृष्ण भजन गाते हैं। शिशु कृष्ण या बाल गोपाल की मूर्ति को…
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लखनऊ | 30 अगस्त |
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर उर्दू के अज़ीम शायर व नाज़िम पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिंदी) में रचित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता का ऑडियो वर्जन आज यूट्यूब (YouTube) पर रिलीज़ हुआ l हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल की परिकल्पना के तहत भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आवाज़ और संगीत विवेक प्रकाश ने दिया है l ऑडियो वर्जन ट्रस्ट के YouTube चैनल youtube.com/c/HelpUTrust पर उपलब्ध है l ऑडियो में भगवद्गीता के 18 अध्याय के 18 ट्रैक हैं और सम्पूर्ण संस्करण 452 मिनट का है l साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के मद्देनज़र ट्रस्ट ने इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया है l ट्रैक के प्रारम्भ में अनवर जलालपुरी के स्वर में प्रत्येक अध्याय का संक्षिप्त विवरण है तथा भगवद्गीता के 700 श्लोक जिन्हें अनवर जलालपुरी ने उर्दू शायरी के 1761 अशआर में भावान्तरित किया है l
इस ऑडियो वर्जन के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ��पनी भावनाएं इस प्रकार प्रकट की हैं, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से श्री अनवर जलालपुरी द्धारा रचित 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण तैयार किए जाने के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई है l श्री अनूप जलोटा जी के स्वर से सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा l मुझे आशा है कि 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण से अधिकाधिक लोगों तक इसके अमृत वचनों का प्रसार होगा l इस महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े सभी लोगों को बधाई और इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं l”
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है, भगवद्गीता को शायरी में ढालना एक बहुत बड़ा काम है l वर्तमान परिवेश में, गीता पढ़ के आदमी साहसी बनता है l जिन लोगों का मनोबल कम हो जाता है गीता उन्हें शक्ति प्रदान करती है l गीता ने समाज को रास्ता दिखाया है l जितनी बार गीता पढ़ी जाती है उतनी ही सारगर्मित लगती है l गीता श्लोक को अनवर जलालपुरी ने अपन�� शायरी में सरल शब्दों में पेश किया है l यह आम जनता में प्रचलित होगी l यह प्रयास समाज को सार्थक दिशा देने का काम करेगा l समाज को जोड़ने का काम करेगा l
डॉ० दिनेश शर्मा का विचार है, गीता का उपदेश संस्कृत भाषा में है, जैसे रामायण की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है l मैं समझता हूँ अनवर जलालपुरी साहब ने आम बोलचाल की भाषा में गीता के फ़लसफ़े को पेश किया है l एक व्यक्ति कर्मयोगी बने इसके लिये गीता के उपदेश में तमाम श्लोकों का वर्णन जलालपुरी साहब ने अपने शब्दों में किया है l इसके लिये वह साधुवाद के पात्र हैं l
महाकवि डॉ० गोपाल दास 'नीरज' ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा था कि, “मैनें गीता के हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं के कई अनुवाद पढ़े हैं लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिला l उर्दू शायरी में गीता इतनी बोधगम्य सहज और सरल है जो ज़ुबां पर तुरंत बैठ जाती है l सबसे बड़ी सार्थकता गीता की यही होगी कि, वो किताब में ही न होकर लोगों की ज़ुबां पर भी हो, जिसे वो गायेंगे भी गुनगुनायेंगे भी l
योगगुरु स्वामी रामदेव कहते हैं, पुस्तक के कुछ अंश पढ़ने पर मुझे बहुत खुशी हुई l मरहूम शायर ने लिखा है कि 'गीता क़दीम हिन्दुस्तान की बेइंतिहा मक़बूल किताब है l सारे हिन्दुस्तान के आवाम पर इसके फलसफे का बड़ा गहरा असर है l' अनवर साहब ने वास्तव में भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन किया था l इस पवित्र ग्रन्थ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होनें 'उर्दू शायरी में गीता' की रचना कर जीवन की जटिल समस्याओं का हल साधारण हिन्दुस्तानी भाषा में आमजन के लिए प्रस्तुत किया l
श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू बताते हैं, अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है l मेरा यक़ीन है कि 'उर्दू शायरी में गीता' मदीना को काशी तक ले आएगी और काशी को मदीना तक ले जाएगी l यह किताब दोनों मज़हब की दूरी ख़त्म कर सकती है l 'हम इकट्ठे होते हैं लेकिन एक नहीं होते' l संस्कृत उर्दू में उतरे, उर्दू संस्कृत में उतरे, ये 21वीं सदी की ज़रूरत है l
भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा कहते हैं, हमने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये गीता के उर्दू तर्जुमा के 1761 अशआर को अपनी आवाज़ दी l अक्सर तर्जुमे ऐसे होते हैं कि उनमें असल मज़मून के अर्थ नहीं आ पाते हैं, लेकिन अनवर जलालपुरी ने जो तर्जुमा किया उसमें ऐसी कमी ज़रा भी नहीं थी l इसीलिए हमने उसे रिकॉर्ड किया l मुझे उम्मीद है कि शायरी में श्रीमद्भगवद्गीता की संगीतमय प्रस्तुति हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी l
वयोवृद्ध कवि उदय प्रताप सिंह का कहना है, गीता का दार्शनिक पक्ष जन सुलभ शैली में जन साधारण को उपलब्ध कराना काम जटिल ज़रूर है, साथ ही पवित्र भी है और आवश्यक भी l गीता का मूल संदेश कर्म करो फल की चिंता मत करो l संसार से दूर का लगाव रखना, सुख दुख में एक सा व्यवहार तथा आत्मा की अजरता, अमरता की प्रकृति से भौतिक शरीर की नश्वरता से तुलना, अनवर जलालपुरी साहब ने अपने शेरों में बखूबी की है l
डॉ० कुमार विश्वास कहते हैं, उर्दू शायरी गीता में, गीता के विशद और व्यापक ज्ञान को अपनी सारगर्भित शायरी में बेहद सलीक़े से ढालने का काम बड़े भाई मरहूम अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l क़ौमी यकजहती के एक सशक्त शाब्दिक-सिपाही, अज़ीम शायर व नाज़िम थे अनवर जलालपुरी l
अनवर जलालपुरी के पुत्र शहरयार जलालपुरी कहते हैं कि, सबसे पहले तो मैं ‘उर्दू शायरी में गीता’ को यूट्यूब पर रिलीज़ करने के लिये हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल जी का धन्यवाद करता हूँ l मेरे पिता पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी साहब की उर्दू शायरी में गीता को पढ़कर यह लगता है कि, इस महान पुस्तक के अन्दर जो ज्ञान का भण्डार है वह जन सामान्य की समझ में आसानी से आ जाये, इस का प्रयास श्री अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l अनवर जलालपुरी साहब पूरे जीवन हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा हिन्दी-उर्दू को करीब लाने का काम करते रहे यही भाव गीता में भी पाया जाता है l गीता हमें कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग का सन्देश देती है अर्थात गीता सभी को जोड़ने का कार्य करती है l गीता का दर्��न सदैव प्रासंगिक है l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल का कहना है कि, अनवर जलालपुरी जी ने भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोकों को 1761 अशआर में उर्दू काव्य में प्रस्तुत किया l साम्प्रदायिक एवं भावनात्मक सौहार्द तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति जलालपुरी जी के सुझाव एवं प्रेरणा को देखते हुए यह पहल उत्कृष्ट है l जलालपुरी जी का यह मत रहा है कि गीता आमजन में इंसानियत का बोध कराती है, "गीता, उपनिषद और क़ुरान 'मानव विरासत' से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं है तथा इन्हें हर क़ीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए तथा धर्म का लिहाज़ किये बिना गीता में अन्तर्निहित संदेश को समस्त मानवजाति के बीच प्रसारित करने की प्रबल आवश्यकता है l"
उर्दू शायरी में गीता के 18 अध्याय निम्नलिखित YouTube Link पर उपलब्ध हैं:
https://www.youtube.com/playlist?list=PL7aGD41D00hALNqQTXp4B0y2-1OrdM3-G
#उर्दूशायरीमेंगीता
#UrduShayariMeinGita
#AnwarJalalpuri
#AnupJalota
#VivekPrakash
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
#HarshVardhanAgarwal
www.helputrust.org
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लखनऊ | 30 अगस्त |
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर उर्दू के अज़ीम शायर व नाज़िम पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिंदी) में रचित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता का ऑडियो वर्जन आज यूट्यूब (YouTube) पर रिलीज़ हुआ l हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल की परिकल्पना के तहत भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आवाज़ और संगीत विवेक प्रकाश ने दिया है l ऑडियो वर्जन ट्रस्ट के YouTube चैनल youtube.com/c/HelpUTrust पर उपलब्ध है l ऑडियो में भगवद्गीता के 18 अध्याय के 18 ट्रैक हैं और सम्पूर्ण संस्करण 452 मिनट का है l साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के मद्देनज़र ट्रस्ट ने इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया है l ट्रैक के प्रारम्भ में अनवर जलालपुरी के स्वर में प्रत्येक अध्याय का संक्षिप्त विवरण है तथा भगवद्गीता के 700 श्लोक जिन्हें अनवर जलालपुरी ने उर्दू शायरी के 1761 अशआर में भावान्तरित किया है l
इस ऑडियो वर्जन के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भावनाएं इस प्रकार प्रकट की हैं, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से श्री अनवर जलालपुरी द्धारा रचित 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण तैयार किए जाने के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई है l श्री अनूप जलोटा जी के स्वर से सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा l मुझे आशा है कि 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण से अधिकाधिक लोगों तक इसके अमृत वचनों का प्रसार होगा l इस महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े सभी लोगों को बधाई और इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं l”
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है, भगवद्गीता को शायरी में ढालना एक बहुत बड़ा काम है l वर्तमान परिवेश में, गीता पढ़ के आदमी साहसी बनता है l जिन लोगों का मनोबल कम हो जाता है गीता उन्हें शक्ति प्रदान करती है l गीता ने समाज को रास्ता दिखाया है l जितनी बार गीता पढ़ी जाती है उतनी ही सारगर्मित लगती है l गीता श्लोक को अनवर जलालपुरी ने अपनी शायरी में सरल शब्दों में पेश किया है l यह आम जनता में प्रचलित होगी l यह प्रयास समाज को सार्थक दिशा देने का काम करेगा l समाज को जोड़ने का काम करेगा l
डॉ० दिनेश शर्मा का विचार है, गीता का उपदेश संस्कृत भाषा में है, जैसे रामायण की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है l मैं समझता हूँ अनवर जलालपुरी साहब ने आम बोलचाल की भाषा में गीता के फ़लसफ़े को पेश किया है l एक व्यक्ति कर्मयोगी बने इसके लिये गीता के उपदेश में तमाम श्लोकों का वर्णन जलालपुरी साहब ने अपने शब्दों में किया है l इसके लिये वह साधुवाद के पात्र हैं l
महाकवि डॉ० गोपाल दास 'नीरज' ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा था कि, “मैनें गीता के हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं के कई अनुवाद पढ़े हैं लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिला l उर्दू शायरी में गीता इतनी बोधगम्य सहज और सरल है जो ज़ुबां पर तुरंत बैठ जाती है l सबसे बड़ी सार्थकता गीता की यही होगी कि, वो किताब में ही न होकर लोगों की ज़ुबां पर भी हो, जिसे वो गायेंगे भी गुनगुनायेंगे भी l
योगगुरु स्वामी रामदेव कहते हैं, पुस्तक के कुछ अंश पढ़ने पर मुझे बहुत खुशी हुई l मरहूम शायर ने लिखा है कि 'गीता क़दीम हिन्दुस्तान की बेइंतिहा मक़बूल किताब है l सारे हिन्दुस्तान के आवाम पर इसके फलसफे का बड़ा गहरा असर है l' अनवर साहब ने वास्तव में भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन किया था l इस पवित्र ग्रन्थ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होनें 'उर्दू शायरी में गीता' की रचना कर जीवन की जटिल समस्याओं का हल साधारण हिन्दुस्तानी भाषा में आमजन के लिए प्रस्तुत किया l
श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू बताते हैं, अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है l मेरा यक़ीन है कि 'उर्दू शायरी में गीता' मदीना को काशी तक ले आएगी और काशी को मदीना तक ले जाएगी l यह किताब दोनों मज़हब की दूरी ख़त्म कर सकती है l 'हम इकट्ठे होते हैं लेकिन एक नहीं होते' l संस्कृत उर्दू में उतरे, उर्दू संस्कृत में उतरे, ये 21वीं सदी की ज़रूरत है l
भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा कहते हैं, हमने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये गीता के उर्दू तर्जुमा के 1761 अशआर को अपनी आवाज़ दी l अक्सर तर्जुमे ऐसे होते हैं कि उनमें असल मज़मून के अर्थ नहीं आ पाते हैं, लेकिन अनवर जलालपुरी ने जो तर्जुमा किया उसमें ऐसी कमी ज़रा भी नहीं थी l इसीलिए हमने उसे रिकॉर्ड किया l मुझे उम्मीद है कि शायरी में श्रीमद्भगवद्गीता की संगीतमय प्रस्तुति हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी l
वयोवृद्ध कवि उदय प्रताप सिंह का कहना है, गीता का दार्शनिक पक्ष जन सुलभ शैली में जन साधारण को उपलब्ध कराना काम जटिल ज़रूर है, साथ ही पवित्र भी है और आवश्यक भी l गीता का मूल संदेश कर्म करो फल की चिंता मत करो l संसार से दूर का लगाव रखना, सुख दुख में एक सा व्यवहार तथा आत्मा की अजरता, अमरता की प्रकृति से भौतिक शरीर की नश्वरता से तुलना, अनवर जलालपुरी साहब ने अपने शेरों में बखूबी की है l
डॉ० कुमार विश्वास कहते हैं, उर्दू शायरी गीता में, गीता के विशद और व्यापक ज्ञान को अपनी सारगर्भित शायरी में बेहद सलीक़े से ढालने का काम बड़े भाई मरहूम अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l क़ौमी यकजहती के एक सशक्त शाब्दिक-सिपाही, अज़ीम शायर व नाज़िम थे अनवर जलालपुरी l
अनवर जलालपुरी के पुत्र शहरयार जलालपुरी कहते हैं कि, सबसे पहले तो मैं ‘उर्दू शायरी में गीता’ को यूट्यूब पर रिलीज़ करने के लिये हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल जी का धन्यवाद करता हूँ l मेरे पिता पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी साहब की उर्दू शायरी में गीता को पढ़कर यह लगता है कि, इस महान पुस्तक के अन्दर जो ज्ञान का भण्डार है वह जन सामान्य की समझ में आसानी से आ जाये, इस का प्रयास श्री अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l अनवर जलालपुरी साहब पूरे जीवन हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा हिन्दी-उर्दू को करीब लाने का काम करते रहे यही भाव गीता में भी पाया जाता है l गीता हमें कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग का सन्देश देती है अर्थात गीता सभी को जोड़ने का कार्य करती है l गीता का दर्शन सदैव प्रासंगिक है l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल का कहना है कि, अनवर जलालपुरी जी ने भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोकों को 1761 अशआर में उर्दू काव्य में प्रस्तुत किया l साम्प्रदायिक एवं भावनात्मक सौहार्द तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति जलालपुरी जी के सुझाव एवं प्रेरणा को देखते हुए यह पहल उत्कृष्ट है l जलालपुरी जी का यह मत रहा है कि गीता आमजन में इंसानियत का बोध कराती है, "गीता, उपनिषद और क़ुरान 'मानव विरासत' से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं है तथा इन्हें हर क़ीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए तथा धर्म का लिहाज़ किये बिना गीता में अन्तर्निहित संदेश को समस्त मानवजाति के बीच प्रसारित करने की प्रबल आवश्यकता है l"
उर्दू शायरी में गीता के 18 अध्याय निम्नलिखित YouTube Link पर उपलब्ध हैं:
https://www.youtube.com/playlist?list=PL7aGD41D00hALNqQTXp4B0y2-1OrdM3-G
#उर्दूशायरीमेंगीता
#UrduShayariMeinGita
#AnwarJalalpuri
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर उर्दू के अज़ीम शायर व नाज़िम पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिंदी) में रचित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता का ऑडियो वर्जन आज यूट्यूब (YouTube) पर रिलीज़ हुआ l हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल की परिकल्पना के तहत भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आवाज़ और संगीत विवेक प्रकाश ने दिया है l ऑडियो वर्जन ट्रस्ट के YouTube चैनल youtube.com/c/HelpUTrust पर उपलब्ध है l ऑडियो में भगवद्गीता के 18 अध्याय के 18 ट्रैक हैं और सम्पूर्ण संस्करण 452 मिनट का है l साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के मद्देनज़र ट्रस्ट ने इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया है l ट्रैक के प्रारम्भ में अनवर जलालपुरी के स्वर में प्रत्येक अध्याय का संक्षिप्त विवरण है तथा भगवद्गीता के 700 श्लोक जिन्हें अनवर जलालपुरी ने उर्दू शायरी के 1761 अशआर में भावान्तरित किया है l
इस ऑडियो वर्जन के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भावनाएं इस प्रकार प्रकट की हैं, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से श्री अनवर जलालपुरी द्धारा रचित 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण तैयार किए जाने के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई है l श्री अनूप जलोटा जी के स्वर से सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा l मुझे आशा है कि 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण से अधिकाधिक लोगों तक इसके अमृत वचनों का प्रसार होगा l इस महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े सभी लोगों को बधाई और इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं l”
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है, भगवद्गीता को शायरी में ढालना एक बहुत बड़ा काम है l वर्तमान परिवेश में, गीता पढ़ के आदमी साहसी बनता है l जिन लोगों का मनोबल कम हो जाता है गीता उन्हें शक्ति प्रदान करती है l गीता ने समाज को रास्ता दिखाया है l जितनी बार गीता पढ़ी जाती है उतनी ही सारगर्मित लगती है l गीता श्लोक को अनवर जलालपुरी ने अपनी शायरी में सरल शब्दों में पेश किया है l यह आम जनता में प्रचलित होगी l यह प्रयास समाज को सार्थक दिशा देने का काम करेगा l समाज को जोड़ने का काम करेगा l
डॉ० दिनेश शर्मा का विचार है, गीता का उपदेश संस्कृत भाषा में है, जैसे रामायण की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है l मैं समझता हूँ अनवर जलालपुरी साहब ने आम बोलचाल की भाषा में गीता के फ़लसफ़े को पेश किया है l एक व्यक्ति कर्मयोगी बने इसके लिये गीता के उपदेश में तमाम श्लोकों का वर्णन जलालपुरी साहब ने अपने शब्दों में किया है l इसके लिये वह साधुवाद के पात्र हैं l
महाकवि डॉ० गोपाल दास 'नीरज' ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा था कि, “मैनें गीता के हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं के कई अनुवाद पढ़े हैं लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिला l उर्दू शायरी में गीता इतनी बोधगम्य सहज और सरल है जो ज़ुबां पर तुरंत बैठ जाती है l सबसे बड़ी सार्थकता गीता की यही होगी कि, वो किताब में ही न होकर लोगों की ज़ुबां पर भी हो, जिसे वो गायेंगे भी गुनगुनायेंगे भी l
योगगुरु स्वामी रामदेव कहते हैं, पुस्तक के कुछ अंश पढ़ने पर मुझे बहुत खुशी हुई l मरहूम शायर ने लिखा है कि 'गीता क़दीम हिन्दुस्तान की बेइंतिहा मक़बूल किताब है l सारे हिन्दुस्तान के आवाम पर इसके फलसफे का बड़ा गहरा असर है l' अनवर साहब ने वास्तव में भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन किया था l इस पवित्र ग्रन्थ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होनें 'उर्दू शायरी में गीता' की रचना कर जीवन की जटिल समस्याओं का हल साधारण हिन्दुस्तानी भाषा में आमजन के लिए प्रस्तुत किया l
श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू बताते हैं, अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है l मेरा यक़ीन है कि 'उर्दू शायरी में गीता' मदीना को काशी तक ले आएगी और काशी को मदीना तक ले जाएगी l यह किताब दोनों मज़हब की दूरी ख़त्म कर सकती है l 'हम इकट्ठे होते हैं लेकिन एक नहीं होते' l संस्कृत उर्दू में उतरे, उर्दू संस्कृत में उतरे, ये 21वीं सदी की ज़रूरत है l
भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा कहते हैं, हमने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये गीता के उर्दू तर्जुमा के 1761 अशआर को अपनी आवाज़ दी l अक्सर तर्जुमे ऐसे होते हैं कि उनमें असल मज़मून के अर्थ नहीं आ पाते हैं, लेकिन अनवर जलालपुरी ने जो तर्जुमा किया उसमें ऐसी कमी ज़रा भी नहीं थी l इसीलिए हमने उसे रिकॉर्ड किया l मुझे उम्मीद है कि शायरी में श्रीमद्भगवद्गीता की संगीतमय प्रस्तुति हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी l
वयोवृद्ध कवि उदय प्रताप सिंह का कहना है, गीता का दार्शनिक पक्ष जन सुलभ शैली में जन साधारण को उपलब्ध कराना काम जटिल ज़रूर है, साथ ही पवित्र भी है और आवश्यक भी l गीता का मूल संदेश कर्म करो फल की चिंता मत करो l संसार से दूर का लगाव रखना, सुख दुख में एक सा व्यवहार तथा आत्मा की अजरता, अमरता की प्रकृति से भौतिक शरीर की नश्वरता से तुलना, अनवर जलालपुरी साहब ने अपने शेरों में बखूबी की है l
डॉ० कुमार विश्वास कहते हैं, उर्दू शायरी गीता में, गीता के विशद और व्यापक ज्ञान को अपनी सारगर्भित शायरी में बेहद सलीक़े से ढालने का काम बड़े भाई मरहूम अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l क़ौमी यकजहती के एक सशक्त शाब्दिक-सिपाही, अज़ीम शायर व नाज़िम थे अनवर जलालपुरी l
अनवर जलालपुरी के पुत्र शहरयार जलालपुरी कहते हैं कि, सबसे पहले तो मैं ‘उर्दू शायरी में गीता’ को यूट्यूब पर रिलीज़ करने के लिये हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल जी का धन्यवाद करता हूँ l मेरे पिता पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी साहब की उर्दू शायरी में गीता को पढ़कर यह लगता है कि, इस महान पुस्तक के अन्दर जो ज्ञान का भण्डार है वह जन सामान्य की समझ में आसानी से आ जाये, इस का प्रयास श्री अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l अनवर जलालपुरी साहब पूरे जीवन हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा हिन्दी-उर्दू को करीब लाने का काम करते रहे यही भाव गीता में भी पाया जाता है l गीता हमें कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग का सन्देश देती है अर्थात गीता सभी को जोड़ने का कार्य करती है l गीता का दर्शन सदैव प्रासंगिक है l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल का कहना है कि, अनवर जलालपुरी जी ने भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोकों को 1761 अशआर में उर्दू काव्य में प्रस्तुत किया l साम्प्रदायिक एवं भावनात्मक सौहार्द तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति जलालपुरी जी के सुझाव एवं प्रेरणा को देखते हुए यह पहल उत्कृष्ट है l जलालपुरी जी का यह मत रहा है कि गीता आमजन में इंसानियत का बोध कराती है, "गीता, उपनिषद और क़ुरान 'मानव विरासत' से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं है तथा इन्हें हर क़ीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए तथा धर्म का लिहाज़ किये बिना गीता में अन्तर्निहित संदेश को समस्त मानवजाति के बीच प्रसारित करने की प्रबल आवश्यकता है l"
उर्दू शायरी में गीता के 18 अध्याय निम्नलिखित YouTube Link पर उपलब्ध हैं:
https://www.youtube.com/playlist?list=PL7aGD41D00hALNqQTXp4B0y2-1OrdM3-G
#उर्दूशायरीमेंगीता
#UrduShayariMeinGita
#AnwarJalalpuri
#AnupJalota
#VivekPrakash
#HelpUTrust
#HelpUEducationalandCharitableTrust
#HarshVardhanAgarwal
www.helputrust.org
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लखनऊ | 30 अगस्त |
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर उर्दू के अज़ीम शायर व नाज़िम पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिंदी) में रचित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता का ऑडियो वर्जन आज यूट्यूब (YouTube) पर रिलीज़ हुआ l हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल की परिकल्पना के तहत भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आवाज़ और संगीत विवेक प्रकाश ने दिया है l ऑडियो वर्जन ट्रस्ट के YouTube चैनल youtube.com/c/HelpUTrust पर उपलब्ध है l ऑडियो में भगवद्गीता के 18 अध्याय के 18 ट्रैक हैं और सम्पूर्ण संस्करण 452 मिनट का है l साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के मद्देनज़र ट्रस्ट ने इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया है l ट्रैक के प्रारम्भ में अनवर जलालपुरी के स्वर में प्रत्येक अध्याय का संक्षिप्त विवरण है तथा भगवद्गीता के 700 श्लोक जिन्हें अनवर जलालपुरी ने उर्दू शायरी के 1761 अशआर में भावान्तरित किया है l
इस ऑडियो वर्जन के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भावनाएं इस प्रकार प्रकट की हैं, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से श्री अनवर जलालपुरी द्धारा रचित 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण तैयार किए जाने के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई है l श्री अनूप जलोटा जी के स्वर से सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा l मुझे आशा है कि 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण से अधिकाधिक लोगों तक इसके अमृत वचनों का प्रसार होगा l इस महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े सभी लोगों को बधाई और इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं l”
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है, भगवद्गीता को शायरी में ढालना एक बहुत बड़ा काम है l वर्तमान परिवेश में, गीता पढ़ के आदमी साहसी बनता है l जिन लोगों का मनोबल कम हो जाता है गीता उन्हें शक्ति प्रदान करती है l गीता ने समाज को रास्ता दिखाया है l जितनी बार गीता पढ़ी जाती है उतनी ही सारगर्मित लगती है l गीता श्लोक को अनवर जलालपुरी ने अपनी शायरी में सरल शब्दों में पेश किया है l यह आम जनता में प्रचलित होगी l यह प्रयास समाज को सार्थक दिशा देने का काम करेगा l समाज को जोड़ने का काम करेगा l
डॉ० दिनेश शर्मा का विचार है, गीता का उपदेश संस्कृत भाषा में है, जैसे रामायण की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है l मैं समझता हूँ अनवर जलालपुरी साहब ने आम बोलचाल की भाषा में गीता के फ़लसफ़े को पेश किया है l एक व्यक्ति कर्मयोगी बने इसके लिये गीता के उपदेश में तमाम श्लोकों का वर्णन जलालपुरी साहब ने अपने शब्दों में किया है l ���सके लिये वह साधुवाद के पात्र हैं l
महाकवि डॉ० गोपाल दास 'नीरज' ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा था कि, “मैनें गीता के हिन्दी व अंग्रेजी भाषाओं के कई अनुवाद पढ़े हैं लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिला l उर्दू शायरी में गीता इतनी बोधगम्य सहज और सरल है जो ज़ुबां पर तुरंत बैठ जाती है l सबसे बड़ी सार्थकता गीता की यही होगी कि, वो किताब में ही न होकर लोगों की ज़ुबां पर भी हो, जिसे वो गायेंगे भी गुनगुनायेंगे भी l
योगगुरु स्वामी रामदेव कहते हैं, पुस्तक के कुछ अंश पढ़ने पर मुझे बहुत खुशी हुई l मरहूम शायर ने लिखा है कि 'गीता क़दीम हिन्दुस्तान की बेइंतिहा मक़बूल किताब है l सारे हिन्दुस्तान के आवाम पर इसके फलसफे का बड़ा गहरा असर है l' अनवर साहब ने वास्तव में भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन किया था l इस पवित्र ग्रन्थ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होनें 'उर्दू शायरी में गीता' की रचना कर जीवन की जटिल समस्याओं का हल साधारण हिन्दुस्तानी भाषा में आमजन के लिए प्रस्तुत किया l
श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू बताते हैं, अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है l मेरा यक़ीन है कि 'उर्दू शायरी में गीता' मदीना को काशी तक ले आएगी और काशी को मदीना तक ले जाएगी l यह किताब दोनों मज़हब की दूरी ख़त्म कर सकती है l 'हम इकट्ठे होते हैं लेकिन एक नहीं होते' l संस्कृत उर्दू में उतरे, उर्दू संस्कृत में उतरे, ये 21वीं सदी की ज़रूरत है l
भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा कहते हैं, हमने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये गीता के उर्दू तर्जुमा के 1761 अशआर को अपनी आवाज़ दी l अक्सर तर्जुमे ऐसे होते हैं कि उनमें असल मज़मून के अर्थ नहीं आ पाते हैं, लेकिन अनवर जलालपुरी ने जो तर्जुमा किया उसमें ऐसी कमी ज़रा भी नहीं थी l इसीलिए हमने उसे रिकॉर्ड किया l मुझे उम्मीद है कि शायरी में श्रीमद्भगवद्गीता की संगीतमय प्रस्तुति हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी l
वयोवृद्ध कवि उदय प्रताप सिंह का कहना है, गीता का दार्शनिक पक्ष जन सुलभ शैली में जन साधारण को उपलब्ध कराना काम जटिल ज़रूर है, साथ ही पवित्र भी है और आवश्यक भी l गीता का मूल संदेश कर्म करो फल की चिंता मत करो l संसार से दूर का लगाव रखना, सुख दुख में एक सा व्यवहार तथा आत्मा की अजरता, अमरता की प्रकृति से भौतिक शरीर की नश्वरता से तुलना, अनवर जलालपुरी साहब ने अपने शेरों में बखूबी की है l
डॉ० कुमार विश्वास कहते हैं, उर्दू शायरी गीता में, गीता के विशद और व्यापक ज्ञान को अपनी सारगर्भित शायरी में बेहद सलीक़े से ढालने का काम बड़े भाई मरहूम अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l क़ौमी यकजहती के एक सशक्त शाब्दिक-सिपाही, अज़ीम शायर व नाज़िम थे अनवर जलालपुरी l
अनवर जलालपुरी के पुत्र शहरयार जलालपुरी कहते हैं कि, सबसे पहले तो मैं ‘उर्दू शायरी में गीता’ को यूट्यूब पर रिलीज़ करने के लिये हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल जी का धन्यवाद करता हूँ l मेरे पिता पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी साहब की उर्दू शायरी में गीता को पढ़कर यह लगता है कि, इस महान पुस्तक के अन्दर जो ज्ञान का भण्डार है वह जन सामान्य की समझ में आसानी से आ जाये, इस का प्रयास श्री अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l अनवर जलालपुरी साहब पूरे जीवन हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा हिन्दी-उर्दू को करीब लाने का काम करते रहे यही भाव गीता में भी पाया जाता है l गीता हमें कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग का सन्देश देती है अर्थात गीता सभी को जोड़ने का कार्य करती है l गीता का दर्शन सदैव प्रासंगिक है l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल का कहना है कि, अनवर जलालपुरी जी ने भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोकों को 1761 अशआर में उर्दू काव्य में प्रस्तुत किया l साम्प्रदायिक एवं भावनात्मक सौहार्द तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति जलालपुरी जी के सुझाव एवं प्रेरणा को देखते हुए यह पहल उत्कृष्ट है l जलालपुरी जी का यह मत रहा है कि गीता आमजन में इंसानियत का बोध कराती है, "गीता, उपनिषद और क़ुरान 'मानव विरासत' से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं है तथा इन्हें हर क़ीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए तथा धर्म का लिहाज़ किये बिना गीता में अन्तर्निहित संदेश को समस्त मानवजाति के बीच प्रसारित करने की प्रबल आवश्यकता है l"
उर्दू शायरी में गीता के 18 अध्याय निम्नलिखित YouTube Link पर उपलब्ध हैं:
https://www.youtube.com/playlist?list=PL7aGD41D00hALNqQTXp4B0y2-1OrdM3-G
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर उर्दू के अज़ीम शायर व नाज़िम पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिंदी) में रचित पुस्तक उर्दू शायरी में गीता का ऑडियो वर्जन आज यूट्यूब (YouTube) पर रिलीज़ हुआ l हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल की परिकल्पना के तहत भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा ने आवाज़ और संगीत विवेक प्रकाश ने दिया है l ऑडियो वर्जन ट्रस्ट के YouTube चैनल youtube.com/c/HelpUTrust पर उपलब्ध है l ऑडियो में भगवद्गीता के 18 अध्याय के 18 ट्रैक हैं और सम्पूर्ण संस्करण 452 मिनट का है l साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के मद्देनज़र ट्रस्ट ने इसे निःशुल्क उपलब्ध कराया है l ट्रैक के प्रारम्भ में अनवर जलालपुरी के स्वर में प्रत्येक अध्याय का संक्षिप्त विवरण है तथा भगवद्गीता के 700 श्लोक जिन्हें अनवर जलालपुरी ने उर्दू शायरी के 1761 अशआर में भावान्तरित किया है l
इस ऑडियो वर्जन के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भावनाएं इस प्रकार प्रकट की हैं, “हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट' के माध्यम से श्री अनवर जलालपुरी द्धारा रचित 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण तैयार किए जाने के बारे में जानकार प्रसन्नता हुई है l श्री अनूप जलोटा जी के स्वर से सजने वाला यह संस्करण निश्चय ही कर्णप्रिय और मनोहारी होगा l मुझे आशा है कि 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण से अधिकाधिक लोगों तक इसके अमृत वचनों का प्रसार होगा l इस महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े सभी लोगों को बधाई और इसकी सफलता के लिए शुभकामनाएं l”
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है, भगवद्गीता को शायरी में ढालना एक बहुत बड़ा काम है l वर्तमान परिवेश में, गीता पढ़ के आदमी साहसी बनता है l जिन लोगों का मनोबल कम हो जाता है गीता उन्हें शक्ति प्रदान करती है l गीता ने समाज को रास्ता दिखाया है l जितनी बार गीता पढ़ी जाती है उतनी ही सारगर्मित लगती है l गीता श्लोक को अनवर जलालपुरी ने अपनी शायरी में सरल शब्दों में पेश किया है l यह आम जनता में प्रचलित होगी l यह प्रयास समाज को सार्थक दिशा देने का काम करेगा l समाज को जोड़ने का काम करेगा l
डॉ० दिनेश शर्मा का विचार है, गीता का उपदेश संस्कृत भाषा में है, जैसे रामायण की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की है l मैं समझता हूँ अनवर जलालपुरी साहब ने आम बोलचाल की भाषा में गीता के फ़लसफ़े को पेश किया है l एक व्यक्ति कर्मयोगी बने इसके लिये गीता के उपदेश में तमाम श्लोकों का वर्णन जलालपुरी साहब ने अपने शब्दों में किया है l इसके लिये वह साधुवाद के पात्र हैं l
महाकवि डॉ० गोपाल दास 'नीरज' ने अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा था कि, “मैनें गीता के हिन्दी व अंग्रेज��� भाषाओं के कई अनुवाद पढ़े हैं लेकिन जैसा अनुवाद अनवर जलालपुरी ने किया है वैसा मुझे अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिला l उर्दू शायरी में गीता इतनी बोधगम्य सहज और सरल है जो ज़ुबां पर तुरंत बैठ जाती है l सबसे बड़ी सार्थकता गीता की यही होगी कि, वो किताब में ही न होकर लोगों की ज़ुबां पर भी हो, जिसे वो गायेंगे भी गुनगुनायेंगे भी l
योगगुरु स्वामी रामदेव कहते हैं, पुस्तक के कुछ अंश पढ़ने पर मुझे बहुत खुशी हुई l मरहूम शायर ने लिखा है कि 'गीता क़दीम हिन्दुस्तान की बेइंतिहा मक़बूल किताब है l सारे हिन्दुस्तान के आवाम पर इसके फलसफे का बड़ा गहरा असर है l' अनवर साहब ने वास्तव में भगवद्गीता का गहराई से अध्ययन किया था l इस पवित्र ग्रन्थ से प्रेरणा प्राप्त कर उन्होनें 'उर्दू शायरी में गीता' की रचना कर जीवन की जटिल समस्याओं का हल साधारण हिन्दुस्तानी भाषा में आमजन के लिए प्रस्तुत किया l
श्रीराम कथावाचक मोरारी बापू बताते हैं, अनवर जलालपुरी ने सम्पूर्ण गीता को बेहद आकर्षक ढंग से पाठकों के लिए प्रस्तुत किया है l मेरा यक़ीन है कि 'उर्दू शायरी में गीता' मदीना को काशी तक ले आएगी और काशी को मदीना तक ले जाएगी l यह किताब दोनों मज़हब की दूरी ख़त्म कर सकती है l 'हम इकट्ठे होते हैं लेकिन एक नहीं होते' l संस्कृत उर्दू में उतरे, उर्दू संस्कृत में उतरे, ये 21वीं सदी की ज़रूरत है l
भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा कहते हैं, हमने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट के ज़रिये गीता के उर्दू तर्जुमा के 1761 अशआर को अपनी आवाज़ दी l अक्सर तर्जुमे ऐसे होते हैं कि उनमें असल मज़मून के अर्थ नहीं आ पाते हैं, लेकिन अनवर जलालपुरी ने जो तर्जुमा किया उसमें ऐसी कमी ज़रा भी नहीं थी l इसीलिए हमने उसे रिकॉर्ड किया l मुझे उम्मीद है कि शायरी में श्रीमद्भगवद्गीता की संगीतमय प्रस्तुति हर उम्र के लोगों को पसंद आएगी l
वयोवृद्ध कवि उदय प्रताप सिंह का कहना है, गीता का दार्शनिक पक्ष जन सुलभ शैली में जन साधारण को उपलब्ध कराना काम जटिल ज़रूर है, साथ ही पवित्र भी है और आवश्यक भी l गीता का मूल संदेश कर्म करो फल की चिंता मत करो l संसार से दूर का लगाव रखना, सुख दुख में एक सा व्यवहार तथा आत्मा की अजरता, अमरता की प्रकृति से भौतिक शरीर की नश्वरता से तुलना, अनवर जलालपुरी साहब ने अपने शेरों में बखूबी की है l
डॉ० कुमार विश्वास कहते हैं, उर्दू शायरी गीता में, गीता के विशद और व्यापक ज्ञान को अपनी सारगर्भित शायरी में बेहद सलीक़े से ढालने का काम बड़े भाई मरहूम अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l क़ौमी यकजहती के एक सशक्त शाब्दिक-सिपाही, अज़ीम शायर व नाज़िम थे अनवर जलालपुरी l
अनवर जलालपुरी के पुत्र शहरयार जलालपुरी कहते हैं कि, सबसे पहले तो मैं ‘उर्दू शायरी में गीता’ को यूट्यूब पर रिलीज़ करने के लिये हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक व प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल जी का धन्यवाद करता हूँ l मेरे पिता पद्मश्री स्व० अनवर जलालपुरी साहब की उर्दू शायरी में गीता को पढ़कर यह लगता है कि, इस महान पुस्तक के अन्दर जो ज्ञान का भण्डार है वह जन सामान्य की समझ में आसानी से आ जाये, इस का प्रयास श्री अनवर जलालपुरी साहब ने किया है l अनवर जलालपुरी साहब पूरे जीवन हिन्दू-मुस्लिम एकता तथा हिन्दी-उर्दू को करीब लाने का काम करते रहे यही भाव गीता में भी पाया जाता है l गीता हमें कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग का सन्देश देती है अर्थात गीता सभी को जोड़ने का कार्य करती है l गीता का दर्शन सदैव प्रासंगिक है l
ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल का कहना है कि, अनवर जलालपुरी जी ने भगवद्गीता के 18 अध्यायों के सभी 700 श्लोकों को 1761 अशआर में उर्दू काव्य में प्रस्तुत किया l साम्प्रदायिक एवं भावनात्मक सौहार्द तथा राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति जलालपुरी जी के सुझाव एवं प्रेरणा को देखते हुए यह पहल उत्कृष्ट है l जलालपुरी जी का यह मत रहा है कि गीता आमजन में इंसानियत का बोध कराती है, "गीता, उपनिषद और क़ुरान 'मानव विरासत' से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं है तथा इन्हें हर क़ीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए तथा धर्म का लिहाज़ किये बिना गीता में अन्तर्निहित संदेश को समस्त मानवजाति के बीच प्रसारित करने की प्रबल आवश्यकता है l"
उर्दू शायरी में गीता के 18 अध्याय निम्नलिखित YouTube Link पर उपलब्ध हैं:
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#TrueKnowledgeAboutKrishnaJi
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष जानकारी क़े लिए :-
संत रामपाल जी के विचार जो उनकी किताबों और सत्संगो में पढ़ने को मिलते हैं:
ब्रह्मा जी, विष्णु जी, शिव जी, गणेश जी और दुर्गा जी का निवास हमारे शरीर में बने कमलों में है। उनका यथार्थ लाभ उनके यथार्थ मंत्रों से ही होगा।
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Chhattisgarh News: यादव समाज के द्वारा कलस शोभा यात्रा के माध्यम से कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का करेंगे शुभारंभ Chhattisgarh News: नगरी, बेलरगाँव, यादव...
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🚩 जदुद्वारा - Jaduwara, #Umari #Sirsaganj #Firozabad #UP
❀ सिरसागंज में भगवान शिव की सबसे उँची मूर्ति। ❀ प्रमुख मंदिर भगवान श्री कृष्ण को समर्पित।
श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ 2022 : 16 अगस्त - 25 अगस्त कथा वाचक: आचार्य श्री पदम चंद्र उपाध्याय जी (श्री वृंदावन धाम) 16 अगस्त 2022 - श्री गणेश पूजा एवं कलश यात्रा | कथा प्रारंभ 19 अगस्त 2022 - जन्माष्टमी 24 अगस्त 2022 - कथा विश्राम एवं महाप्रसाद 25 अगस्त 2022 - कलश विसर्जन
🕖 समय | ♡ मुख्य आकर्षण | 📷 फोटो | ✈ कैसे पहुचें | 🌍 गूगल मेप | 🖋 आपके विचार | 🔖 बारें में 📲 https://www.bhaktibharat.com/mandir/jaduwara
For Quick Access Download Bhakti Bharat APP: 📥 https://play.google.com/store/apps/details?id=com.bhakti.bharat.app
🚩 सिरसागंज के प्रसिद्ध मंदिर - Top Famous Temple of Sirsaganj 📲 https://www.bhaktibharat.com/list/top-famous-temple-of-sirsaganj
#temples #mandir #mandirdarshan #BhaktiBharat #BhaktiBharatAPP #katha #bhagwat #bhagwatkatha #shrimadbhagwatkatha #krishna #radhe #shreeram #radheradhe #lordkrishna #harekrishna #loardkrishna #bhagwatkatha
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Business Ideas: अगले दो महीने में इन 5 पार्ट टाइम बिजनेस से कमाएं लाखो रुपये, निवेश करने होंगे कुछ हजार
Business Ideas: अगले दो महीने में इन 5 पार्ट टाइम बिजनेस से कमाएं लाखो रुपये, निवेश करने हों���े कुछ हजार
फोटो:इंडिया टीवी दो में पार्ट टाइम बिजनेस कमाएं लाखो हाइलाइट नई उड़ान ‘हर घर तिरंगा’ मिशन फूल के मामले में टैगडा व्यावसायिक विचार: भारत (भारत) त्योहारों का देश ��ै। एक बार फिर त्योहारी सीजन (त्योहार सीजन) होने जा रहा है। आने वाले हैं स्वतंत्रता दिवस (स्वतंत्रता दिवस), रक्षा बंधन (रक्षाबंधन), कृष्ण जन्माष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी), शिवरात्रि (शिवरात्रि), तीज, गणेश चतुर्थी (गणेश चतुर्थी), ओणम,…
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लोककीर्ति में केवल आपका समुदाय आपको जनता है और लोकोत्तर कीर्ति में सब आप पर गौरव करते हैं।
यथा अपना जन्म दिवस तो सब मनाते हैं लेकिन श्री राम नवमी पूरी दुनिया मनाती है, श्री कृष्ण जन्माष्टमी सारा संसार मनाता है और तो और अपने अपने घर पर सब अपने नाम की पट्टिका लगाते हैं लेकिन कुछ घरों में आज भी श्री सीताराम सदन लिखा मिलता है। अस्तु! व्यवहार ही तय करता है की आपकी कीर्ति आपके घर तक ही है अथवा बाहर भी है। क्षणिक है अथवा अक्षुण्य। अपने घर में ही आदर है अथवा समाज में भी है। यह विचार बिन्दु हमें हमारे होने के अर्थ को प्रकट करता है।
🌷🙏🏻💐
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श्री कृष्ण के प्रागट्य पर्व "जन्माष्टमी" के इस दिन प्रभु आपके और आपके परिवार का स्वास्थ्य सदा स्वस्थ रखे और एक विचार : आपसे जुड़े लोको को आप समजो, परिवार से जुड़े लोको की आपत्ति को समस्या को आप समजो और हो सके तो जैसे कृष्ण ने कंस को मारा था वैसेही आप भी अपने अहंम को मारो और अपने से जुड़े लोको से जुड़ने का प्रयास करो, इसी ईश्वर से प्राथना और आपको यह विचार संग आपको और आपके परिजनों को "लड्डु गोपाल के प्रागट्य पर्व" की "ईश्वरीय आशीर्वादमय" शुभकामनाये। #एक सोच संग शुभेच्छा। https://www.instagram.com/p/CTMuyDhqu2g/?utm_medium=tumblr
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#उर्दूशायरीमेंगीता
#UrduShayariMeinGita
श्री कृष्ण जन्माष्टमी दिनांक 30.08.2021 के शुभ अवसर पर, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्धारा मशहूर-ओ-मारूफ शायर पद्मा श्री (स्व०) अनवर जलालपुरी द्धारा देवनागरी लिपि (हिन्दी) में रचित पुस्तक 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण (Audio Version) को भजन सम्राट पद्मा श्री अनूप जलोटा की आवाज़ में YouTube (https://www.youtube.com/c/HelpUTrust) पर जारी किया जाएगा l
वर्तमान कोरोना त्रासदी (COVID-19) में जहां एक ओर न सिर्फ हमारे देश अपितु समग्र विश्व के जनमानस में नकारात्मक व निराशाजनक विचार एवं भावनाएं उत्पन्न हो रही हैं l कोरोना के डर से लोग भयभीत हैं l जनमानस के मन से कोरोना का नकारात्मक भय निकालने की तथा उनके अंदर सकारात्मक भाव जगाने की अत्यंत आवश्यकता है l
श्रीमद्भगवद गीता विपरीत परिस्थितयों में भी मन व मस्तिष्क को नियंत्रित करके सफलता पाने का अचूक मंत्र देती है l श्रीमद्भगवद गीता के श्लोकों को उर्दू शायरी में सुनने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा तथा विश्वभर की जनसंख्या लाभान्वित होगी l
हमें आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि श्रीमद्भगवद गीता के संदेश को विश्वस्तर पर प्रसारित करने के इस पावन कार्य में आपका सहयोग हमें अवश्य प्राप्त होगा l
साहित्य, आध्यात्म, संस्कृति एवं राष्ट्रीय सौहार्द के संवर्धन एवं उत्थान के दृष्टिगत, आपसे अनुरोध है कि कृपया, 'उर्दू शायरी में गीता' के श्रव्य संस्करण (Audio Version) को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे कि Facebook, Twitter, Linkedin, Instagram आदि पर साझा करके, हमारे इस जनहित में किये गये कार्य को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करना चाहें l
उर्दू शायरी में गीता के 18 अध्याय निम्नलिखित YouTube Link पर उपलब्ध हैं:
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#TrueKnowledgeAboutKrishnaJi
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष जानकारी क़े लिए :-
संत रामपाल जी के विचार जो उनकी किताबों और सत्संगो में पढ़ने को मिलते हैं:
ब्रह्मा जी, विष्णु जी, शिव जी, गणेश जी और दुर्गा जी का निवास हमारे शरीर में बने कमलों में है। उनका यथार्थ लाभ उनके यथार्थ मंत्रों से ही होगा।
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श्री कृष्ण जन्म का उद्देश्य कल और आज : विक्रम सिंह-
जन्माष्टमी स्पेशल्-
मित्रों भगवान विष्णु अवतार श्री कृष्ण हमारे अराध्य हैं हम सभी जानते हैं और उनके लीलाओं और उपदेश से परिचित हैं। गीता के उपदेश से महाभारत में पांडवों का साथ देकर धर्म की स्थापना तक उन्हें हम भली भाति जानते हैं पुजते हैं।
भगवान कृष्ण का जन्म 3112 ईसा पुर्व भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष के अष्टमी के ��ात 12 बजे बजे हुआ था। अर्थात् आज से लगभग 5123 वर्ष पुर्व कंस के कारागार में ��ाता देवकी और पिता वासुदेव के आठवें पुत्र के रूप में।
मित्रो भगवान विष्णु ने अपने जन्म लेने का विचित्र स्थान चुना बेडि़यों में जकड़े हुए विवश माता पिता अंधेरी बरसात की रात और कंस के क्रूर सैनिकों का कडा़ पहरा
आज के दौर में जब हम आधुनिक हो चुके हैं बावजूद ऐसे विवशता के बीच बच्चा पैदा हो तो उसे बदनशीब कहा जाएगा। और भगवान विष्णु की लीला वहीं से शुरू हो जाती है। आप उन परिस्थितियों में कृष्ण के जन्म के बीच छुपे संदेश पर पूरी किताब लिख सकते हैं। पर यहाँ से वह माताएं अनुसरण कर सकती हैं जिन्हें अपने बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल एवं पर्याप्त सुविधाएं नही मिल पाती। वह विवश बाप जो चाहते हुए भी धन के आभाव या किसी अन्य मजबूरी में वह सब संसाधन नही उपलब्ध कर पाता। ऐसे माँ बाप के लिए माता देवकी और पिता वासुदेव हौसला देते हैं और वह विवशता को ताकत बना सकते हैं।
श्री कृष्ण ने जो धरती पर आकर लीलाएं की वह वहाँ रहकर भी कर सकते थे। क्योंकि बिना उनके मर्जी के पत्ता भी नही हिल सकता था कल भी और आज भी। ऐसे में श्री कृष्ण का जन्म से आखिर तक हर कदम हर लीला आने वाली पीढियों के लिए संदेश है। खासकर द्वापर बाद कलयुग आना था और निश्चित उन्होंने अपनी लीलाएं तमाम भ्रांतियों को दूर करते हुए हर हाल में जीने और संघर्ष की प्रेरणा देने के लिए रची गयी।
मेरा मानना है सतयुग में श्री राम के आदर्श द्वापर तक कारगर और अनुकरणीय रहे पर समय के साथ उसमें कुछ आगे के लिए बदलाव समय की मांग थी खासकर कलयुग के लिए। क्योंकि मित्रों हमारा प्रथम संविधान हमारे शास्त्र हैं और यदि हम उनका पालन करें तो तमाम बुराइयां स्वत मिट जाती हैं। मित्रों भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ उससे पहले आपने सोचा है हमार संविधान क्या था? इसका जवाब होगा तब हमारा संविधान धर्म था शास्त्र थे भगवान श्री राम कृष्ण के आदर्श गीता का ज्ञान था।
जैसे रामायण में जो कुछ घटा वह अभिनय मात्र था रामायण तो पहले ही लिखी जा चुकी थी। और एक एक घटना पर जिवन्त अभिनय पात्र सबकुछ असली। रामायण तो वहीं खत्म हो जाता जब गलत दृष्टि से रावण माता सीता को हाथ लगाता।यही कारण था माता सीता को उनके पिता अग्नि देव को सौपकर वहाँ माता सीता की छाया से अभिनय कराया गया ताक�� हर पहलू सामने आ सके जिससे आने वाली तमाम पीढि़यां उसका अनुसरण कर सकें
भगवान राम के पैदा होने से लंका विजय तक और लवकुश कांड तक हर कदम जीवन के हर पहलू पर संदेश देना उद्देश्य था। और ठीक उसी प्रकार कृष्ण जन्म उन संदेशों में कुछ बदलाव के साथ बदलती परिस्थितियों और भविष्य के मानव प्रजाति के लिए महत्वपूर्ण संदेश उद्देश्य रहा
भगवान कृष्ण ने माखन चुराया गाय चराया गोपियों से रास रचाया महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन के सारथी भी बने प्रतिज्ञा भी तोडा़ धैर्य भी खोया छल भी किया बल का प्रदर्शन भी किया द्रोपदी को चीरहरण से भी बचाया नहाते हुए गोपियों का वस्त्र भी चुराया छलिया भी कहलाए
बहुत साधारण हरकतों से बहुत असाधारण कार्यों तक वह सब किया और सभी के द्वारा आज के लोगों को संदेश दिया किस प्रकार अलग अलग विभिन्न परिस्थितियों में जीना है और उनका अनुसरण करते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना और हर हाल में जीना अत्याचार के खिलाफ लड़ना और बुराई का अन्त करना सम्पुर्ण पैकेज हैं श्री कृष्ण आज के दौर के लिए
मित्रो एक धारणा है श्री कृष्ण की 16108 पत्नियाँ थी। और इसके पीछे एक कहानी है एक राक्षस भीमासुर अमर होने के लिए 16100 कन्याओं का अपहरण कर बलि देना चाहता था। जिन कन्याओं को श्री कृष्ण ने आजाद कराकर उनके परिवार के पास पहुंचा दिया। चुकी सभी कन्याएँ अलग अलग घर परिवार गांव देश से थीं और सभी अपने परिवार में गयीं पर उन सभी के माँ बाप ने लड़कियों को चरित्रहीन समझकर ठुकरा दिया। और यह बात कृष्ण को पता चली उन्होंने 16100 रूप धारणा कर सबसे शादी कर ली
जबकि आम मत है श्री कृष्ण की आठ पत्नियाँ थी जिनका नाम (1) रुक्मणी (2) जाम्बवन्ती (3) सत्या (4) कालिन्दी (5) मित्रविन्दा (6) सत्यभद्रा ( 7) लक्ष्मणा (8) भामा
जबकि कितना विचित्र संयोग कहिए पूरी दुनियां जिस राधा कृष्ण के प्रेम का मिसालें देती हैं वह राधा कृष्ण की आठ पत्नियों में जगह नहीं बना पातीं
भक्त राधा, कहें कृष्ण सुनते हैं आप कृष्ण कहें राधा सुनती हैं। पर दोनों एक कभी न हो सके जबकि जिसके आठ पत्नी थी उनकी नौ भी हो सकती थी पर यह प्रेम का अद्भुत मिसाल दुनियाँ कैसे देख पाती
जबकि ऐसा भी नही है श्री कृष्ण या राधा के घर परिवार से कोई दबाव रहा होगा कोई लोकलाज रहा होगा। क्योंकि प्रेमी प्रेमिका द्वार बिना माता पिता की अनुमति घर से भागकर शादी करने का चलक बेशक आज नया लगता है। लेकिन इसकी शुरूआत श्री कृष्ण ने 5000 साल पहले कर दिया था। ��ाजा भिष्मक की बेटी का विवाह शिशुपाल के साथ तय था और रूक्मणी श्री कृष्ण से प्रेम करती थी। जब रूक्मणी के विवाह की बात श्री कृष्ण को पता चली तो वह रूक्मणी को भगाकर ले गये और विवाह कर लिया
सिर्फ इतना ही नही श्री कृष्ण शायद उस दौरान के और काफी हद तक आज के दौर को देखते हुए भी पहले भाई हो सकते हैं। जिन्होंने अपनी सगी वहन सुभद्रा का विवाह अपने सगे भाई वगैरह के इच्छा के विरूद्ध सुभद्रा के प्रेमी अर्जुन से चोरी छुपे कराया। जिसे आजकल भागकर विवाह करना कह सकते है। एक तरह से कहें तो हजारों वर्ष पहले महिलाओं को उनके पसन्द का वर चुनने और इसके लिए हर कदम उठाने की स्वीकृति कृष्ण ने ही प्रदान की थी। पर इसमें ध्यान देना होगा कोई अन्तरजातीय विवाह नही था जिसमें श्री कृष्ण ने मदद और पहल की
ऐसे में ऐसा क्या हुआ की वह राधा रानी को पत्नी नही बना सके? हलाकिं कहा जाता है राधा रानी की शादी अभिमन्यु नाम के एक व्यक्ति से हुई मतलब सबसे अमर प्रेम कहनी में राधा के त्याग के पीछे कुछ कारण थे जिसपर फिर चर्चा करेंगे
लेकिन राधा की शादी जिस अभिन्यु से हुई वह कभी राधा रानी को स्पर्श नही करते हैं। क्योंकि राधा कोई और नही स्वयं माता लक्ष्मी की औतार थी जो विष्णु के सिवा किसी की नही हो सकती थी। और लीला तो उसी प्रभु और उन्हीं माता लक्ष्मी के द्वारा रचा गया था। इसलिए राधा रानी के वर का चयन एक बालक स्वरूप मानसिक स्थिति के व्यक्ति से हुई जिसे शादी व्याह स्त्री पुरूष जैसा कोई आभास नही था जो जवानी में भी एक दूध पीते बच्चे समान था
श्री कृष्ण गोपियों संघ नाचते थे रास रचाते थे प्रेमी युगलों का मेल कराते थे पर वह अश्लीलता को अपने अन्दाज में गलत भी ठहराते हैं। जैसे की नदी में नहाती गोपियों का कपडा चुराने पर कुछ लोग कटाक्ष करते हैं। लेकिन श्री कृष्ण कोई टीचर और उपदेशक या तालीवानी अन्दाज मे नग्नता का विरोध नही विशुद्ध अपने स्वभाव के अनुरूप हसी ठिठोली शरारत के द्वारा युगों तक के लिए सीख दे जाते हैं
महिलाओं द्वारा निर्वस्त्र नहाने पर उन्होंने एक तरह से रोक लगाई बल्कि महिलाओं ही नही सबके लिए यह संदेश था।
भगवान श्री कृष्ण पर जितना लिखा जाय कम है मित्रों जरूरत इन्हें समझने की है। उन्होंने बहुमूल्य लीला इस धरती पर किया उसके हर पहलू पर समझने और और शिक्षा लेने की जरूरत है। यहाँ मैं उनके बारे में कुछ अलग तथ्य रखने के विचार से आज आया था आपका भरपूर प्यार मिला तो अगले पोस्ट में एक अच्छा विश्लेषण लाऊंगा अपने अन्दाज में ! श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को हार्दिक बधाई शुभकामनाएं !! जय श्री राधे कृष्ण ।
Vikram singh.
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