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जननी सुरक्षा योजना के उद्देश्य, लाभ और प्रक्रिया
जननी सुरक्षा योजना केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही गर्भवती महिलाओं और नवजातों के हित में एक प्रयास है।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इस योजना को 2005 में किया गया था। इस प्रायोजित योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को प्रसव की उचित सुविधा प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत रजिस्टर्ड महिलाओं को एमसीएच (MCH- mother and child health) कार्ड दी जाती है, जो योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी है।
जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य
जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य गरीब गर्भवती महिलाओं को यथोचित सुविधा देना एवं सुरक्षित प्रसव करवाना है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद देने का प्रावधान रखा गया है। सरकार का लक्ष्य जननी सुरक्षा योजना के माध्यम से बच्चों के जन्म के समय मां एवं नवजात मृत्यु दर को कम करना है। साथ ही ग़रीब महिलाओं की घर में डिलीवरी को रोकना भी उद्देश्य है क्योंकि यह पूरी तरह से असुरक्षित है। सरकार की पहल है कि इससे ग़रीब महिलाएं भी अस्पताल में सुरक्षित डिलीवरी करवा सके ताकि ज़च्चा बच्चा आपात स्थितियों से बच सकें और सुरक्षित हों।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) के लाभ
इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये के आर्थिक लाभ दिए जाते हैं। यह राशि सरकार की ओर से गर्भवती महिलाओं के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफ़र किये जाते हैं साथ ही गर्भवतियों की सारी जांच और बच्चे की डिलीवरी नि:शुल्क करायी जाती है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जननी सुरक्षा योजना से देश में सालाना एक करोड़ से अधिक महिलाओं को मदद मिल रही है और जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध करायी जा रही है। 12 अप्रैल 2005 को शुरू हुए जननी सुरक्षा योजना पर केंद्र सरकार सालाना 1600 करोड़ रुपये व्यय करती है। हमारे देश में हर साल बीमारियाँ, पर्याप्त पोषण की कमी, गर्भावस्था से जुडी दिक्कतें आदि कई समस्याएँ के कारण तक़रीबन 50 से 60 हज़ार महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान मृत्यु हो जाती है और लगभग 13 लाख से अधिक नवजात की मृत्यु 1 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। इसी स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने जननी सुरक्षा योजना की शुरुआत की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित यह एक सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है।
JSY योजना के नियम
गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली सुरक्षा योजना अर्थात ��ननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 1,400 रुपये और शहरी क्षेत्र में एक हजार रुपये दिए जाने का प्रावधान है। विदित हो कि गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पांच हजार रुपये और मिलते हैं। बच्चे की नि:शुल्क डिलीवरी के बाद पांच साल तक जच्चा-बच्चा के टीकाकरण को लेकर उन्हें जानकारी भेजी जाती है और और नि:शुल्क टीकाकरण किया जाता है। योजना की प्रक्रिया और जरूरी दस्तावेज इसके लिए गर्भवती महिला को किसी सरकारी अस्पताल में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेज की ज़रूरत पड़ती है इनमे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, सरकारी अस्पताल द्वारा जारी डिलीवरी सर्टिफिकेट महिला का बैंक अकाउंट नंबर आदि है। Janani Suraksha Yojana "आशा" एक महत्वपूर्ण कड़ी जननी सुरक्षा योजना में "आशा" का महत्वपूर्ण रोल है। "आशा" मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की एक संस्था है जो इस योजना के कार्यान्वित करने और सफल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। देश के ग़रीब और पिछड़े इलाकों की महिलाओं तक ये आशा कार्यकर्त्ता ही इन सुविधाओं का लाभ पहुँचाने का काम करती है। आशा कार्यकर्ताएं ही गर्भवती महिलाओं की पहचान से लेकर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने और उन्हें जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने तक की सभी औपचारिकता पूरी करती हैं। उन्हें जननी सुरक्षा योजना में लाभार्थी महिला को सरकारी प्रणाली से जोड़ने की भूमिका भी निभानी पड़ती है। प्रधानमंत्री जननी सुरक्षा योजना (PMJSY) के बारे में अधिक जानकारी आपको नीचे दिए गए लिंक पर मिल सकते हैं| Read the full article
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