#जद��ू
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#शिवजी_की_समर्थता #Kabir_Is_RealGod
#SantRampalJiMaharaj
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https://youtu.be/GDC4QCxDPk0?si=6E9nTmRGKBGKXDzT
#kabir is real god#puran parmatma#santrampaljimaharaj#sat kabir ki daya#satlok#ब्रह्मा नहीं जद का टीका। शिव शंकर से योगी
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#साहेब कबीर जी गोरखनाथ जी को बताते है कि धरती नहीं जद की टोपी दीना#ब्रह्मा नहीं जद का टीका। शिव शंकर से योगी#न थे जद का झोली शिका ।।साह
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#साहेब कबीर जी गोरखनाथ जी को बताते है कि धरती नहीं जद की टोपी दीना#ब्रह्मा नहीं जद का टीका। शिव शंकर से योगी#न थे जद का झोली शिका ।।सा
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#साहेब कबीर जी गोरखनाथ जी को बताते है कि धरती नहीं जद की टोपी दीना#ब्रह्मा नहीं जद का टीका। शिव शंकर से योगी#न थे जद का झोली शिका ।।साह
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साहेब कबीर जी गोरख नाथ जी को बताते हैं कि
धरती नहीं जद की टोपी दीना, ब्रह्मा नहीं जद का टीका।
शिव शंकर से योगी, न थे जद का झोली शिका।।
साहेब कबीर ने ही सतलोक सृष्टि शब्द से रची तथा फिर काल की सृष्टि भी सतपुरुष ने रची। जब मैं अकेला रहता था जब धरती भी नहीं थी तब से मेरी टोपी जानो। ब्रह्मा जो गोरखनाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाला पैदा भी नहीं हुआ था। तब से मैंने टीका लगा रखा है अर्थात् मैं (कबीर) तब से सतपुरुष आकार रूप मैं ही हूँ।
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साहेब कबीर जी गोरखनाथ जी को बताते है कि
धरती नहीं जद की टोपी दीना,
ब्रह्मा नहीं जद का टीका।
शिव शंकर से योगी, न थे जद का झोली शिका ।।
साहेब कबीर ने गोरखनाथ से कहा कि जब मैं अकेला रहता था जब धरती भी नहीं थी तब से मेरी टोपी जानो। ब्रह्मा जो गोरखनाथ तथा उनके गुरु मच्छन्दर नाथ आदि सर्व प्राणियों के शरीर बनाने वाला पैदा भी नहीं हुआ था। तब से मैंने टीका लगा रखा है अर्थात् मैं (कबीर) तब से सतपुरुष आकार रूप मैं ही हूँ।
#सिद्धि_बड़ी_या_भगवान #Gorakhnath #kashi #nath #nathdwara #गोरखनाथ #सिद्धि
#leela #fbreelsviral #fbreelsvideo #fbreels #reelsfbシ
#KabirParmatma_Prakat Diwas
#SantRampalJiMaharaj
#KabirPrakatDiwas #KabirisGod #kabir #god
देखें "साधना" चैनल शाम 7:30 बजे।
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#GodMorningThursday
गरीब, रामनाम के पटतरै, देवे कूं नहिं और । सो ऊदम तादिन भये, उभर गई जद गौर ।।
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हिमाचल प्रदेश में गिराया गया 60 साल पुराना शनि देव मंदिर, सड़कों पर उतरे लोग; जानें क्या बताया गया कारण
Bulldozer Action in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर से थुरल हाईवे पर कुठेडा क्षेत्र में शिव ओर शनि देव मंदिर को हाई कोर्ट के आदेशा के मुताबिक अतिक्रमण की जद में आए वर्षों पुराने मंदिर को शुक्रवार के गिरा दिया गया। एक व्यक्ति की शिकायत के बाद प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में लोक निर्माण विभाग की और से यह कार्रवाई की गई। मंदिर के साथ ही एक व्यक्ति के मकान के छज्जे को भी तोड़ा गया है।…
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नीतीश को उनके करीबी सहयोगियों ने ‘बंधक’ बनाया, सहयोगी फैसले ले रहे: तेजस्वी
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सामान्य रूप से काम करने में सक्षम नहीं हैं और मुट्ठी भर करीबी सहयोगियों ने उन्हें ‘‘बंधक’ बनाकर रखा है। जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) प्रमुख की भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अचानक वापसी से पहले तक कुमार के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहे तेजस्वी ने…
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Jamshedpur pays homage to ex pm : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जदयू ने दी श्रद्धांजलि, महान नेता के बताये मार्ग के अनुसार चलने का लिया संकल्प
जमशेदपुर : जद(यू) जमशेदपुर महानगर के नेताओं ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय मनमोहन सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन डिमना रोड स्थित महेंद्र हाल में किया. जदयू नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धा सुमन व्यक्त किया. सभा में उपस्थित नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने स्वर्गीय मनमोहन सिंह की स्मृति को साझा करते हुए अपना वक्तव्य रखा. वक्ताओं ने कहा…
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CIN /माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार में कला-संस्कृति के क्षेत्र में नया आयाम गढ़ रहा बिहार: हिमराज राम
जद (यू) प्रदेश प्रवक्ता श्री हिमराज राम ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सरकार में कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में बिहार नया आयाम गढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में राज्य की प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। इससे ना केवल बिहार को देशभर में नई पहचान मिल सकेगी बल्कि स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर स्थानीय प्रतिभाओं के लिए रोजगार…
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#सत्यभक्ति_संदेश...
पवित्र पांचवे वेद अर्थात् #सुक्ष्मवेद में बताया गया हैं कि
गरीब,राम नाम के पटतरै,देने कूं नहिं और *
सो ऊदम तादिन भये,उभर गई जद गौर **
✓ वह राम अर्थात् #पूरण_परमात्मा कौन हैं ?
✓ उस पूरण परमात्मा का नाम क्या हैं ?
✓ उस परमेश्वर के शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना के वह यथार्थ मंत्र अर्थात् वह नाम कौन सा हैं जिसे शिव जी के मुख से सुनने के पश्चात् गौरी (पार्वती जी) उतना अमर हो पाई जितना अमर शिव जी हैं ?
अपने संपूर्ण शंका के समाधान हेतु सपरिवार देखिए साधना टीवी चैनल सायं 07:30 pm.
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अहंकार: परिवार और जीवन पर इसके विनाशकारी प्रभाव
आपको और आपके परिवार को कैसे तोड़ता है : अहंकार
सूचना प्रौद्धयोगिकी का समय है, तेज रफ्तार जीवनशैली, संसार में तेजी से हो रहे बदलाव, सबकुछ इतनी तेजी से बदल रहा है, तो इन सबका प्रभाव भी स्वाभाविक रूप से मनुष्य के जीवन पर भी पड़ ही रहा है, या फिर यह कहें कि बहुत हद तक कुप्रभाव पड़ रहा है, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । इससे साथ-साथ यदि कोई व्यक्ति स्वभाव से अहंकारी हो तो और भी मुश्किल है !
मित्रो ! असल बात तो यह है, कि अधिकतम लोग किताबों में, अपने सामान्य अध्ययन में, अपनी शिक्षा के समय, बहुत हद तक गूगल, इंटरनेट आदि के माध्यम से अर्थात डिजिटल माध्यम से मनुष्य जानकारियाँ एवं सूचनाएं बड़े पैमाने पर प्राप्त कर रहा है । व्यक्ति के पास जानकारियों का अंबार लगा हुआ है । गहराई में जाएंगे तो समझ में आएगा, कि यह भी मनुष्य के अभिमान बढ़ाने का बहुत बड़ा कारण बनता जा रहा है , इससे आगे देखेंगे तो समझ में आएगा लोग इन्हीं सब जानकारियों को ज्ञान अपना समझ लेते हैं । उनको सबकुछ पता है, जानकारी है, मैं सबकुछ जानता हूँ, मैं परम ज्ञानी हूँ, ऐसे ही वहम से आज दुनियाँ ग्रसित होती जा है । न किसी के प्रति आत्मानुभूति है, न ही मनुष्य अपने कर्म और विचार को विवेक की तुला पर तोलने का श्रम कर पाता है, बस लकीर के फकीर बनने की प्रतिस्पर्धा में दुनियाँ अवसाद के मायाजाल में फंसी जा रही है । नई पीड़ी का तो बुरा हाल है, उनमें संवेदनाओं का अभाव, लोक व्यवहार की कमी, सामाजिक सद्भाव का अभाव, एक दूसरे के सा�� सामंजस्य बैठाने का धैर्य कहाँ बचा है । बस भाग रहे हैं, दुनियाँ की इस अंधी दौड़ में, लक्ष्य विहीन, सुविधाओं और विकास की अंतहीन दौड़ में !
जानकारी, सूचनाओं, अनुभवों, ज्ञान का अभिमान आदमी को तोड़े दे रहा है, क्योंकि जीवन में सामंजस्य बैठाने का लोगों के लिए आपके पास समय नहीं है, न किसी में सहन करने की शक्ति शेष है । कंटेन्ट और डेटा के युग में लोगों की स्मरण शक्ति लोप होती जा रही है, अतः भावनात्मक शून्यता की ओर यह युग बढ़ता जा रहा है । इन सभी परिस्तिथियों का दुष्प्रभाव समाज पर तो जो पड़ रहा है, पड़ ही रहा है, उससे भी कहीं ज्यादा स्वयं मनुष्य के जीवन पर भी इन सबका बहुत अधिक दुष्प्रभाव पड़ रहा है । इसलिए आज युवावस्था में ही युवक युवतियाँ मानसिक अवसाद से, अनसुने दबाव से, भय और असुरक्षा की भावना से ग्रसित होते जा रहे हैं । वैश्विक स्तर पर बढ़ती आत्महत्याएं, मानसिक अवसादों के जद आता मानव जीवन, जिसके परिणामतः कोई क्रूर होता जा रहा है तो कोई अलगाव की ओर बढ़ रहा है । इन सबका जन्मदाता आपका अहंकार ही तो है, क्योंकि आपका अहंकार, आपको किसी को स्वीकार करने नहीं देता, आप किसी का मान-सम्मान करना नहीं चाहते और न किसी को अपने जीवन में स्थान देना चाहते ।
जब से भारत में एकाँकी परिवार का प्रचलन चला है, तभी से देखने में आया है, कि लोग स्वयं केंद्रित होते जा रहे हैं, इसलिए उनके हृदय भी छोटे हो रहे हैं । संकुचन के कारण उनके मन और हृदय में मलीनता बढ़ती जा रही है और उनका अहंकार उफान मारता जा रहा है । इन सभी परिस्थितियों के कुप्रभाव मनुष्य जीवन पर साफ दिखाई दे रहे हैं । इसकी पीड़ा भी स्वयं मनुष्य को ही होती है, आपका अहंकार आपको ही तोड़ता है। यह एक बहुत ही गंभीर और अदृश्य(स्वयं के लिए) बीमारी है । आपने समय रहते इसे नहीं पहचाना तो आपका जीवन जीते जी नरक के ही समान है, समाज में आपके अपयश का कारण भी अहंकार ही है । क्योंकि यह जब आपके व्यवहार और व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाएगी तो आपको अंदर से तो तोड़ेगी ही, यह आपको समाज से भी तोड़ देगी, और एक दिन ऐसा आएगा जब यह आपको आपके परिवार से भी तोड़ देगी, आपको आपके अपनों से भी तोड़ देगी । तब आप जीवन के उत्तरार्ध में होंगे, जब आपको अपने अपनों की सबसे ज्यादा जरूरत होगी, तब आप अकेले खड़े होंगे । इसलिए अहंकार मुक्त जीवन को स्वीकार करें ।
अब आते हैं, आपके पारिवारिक रिश्तों की ओर विशेष तौर पर आपके दाम्पत्य जीवन की ओर दृष्टि डालें तो समझ आएगा, कि वैवाहिक संबंध विच्छेदन का बहुत बड़ा, या ऐसे कहें कि प्रमुख कारण ही EGO है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी । सामाज���क रूप से स्वीकारोक्ति के उपरांत भी, भविष्य में आजन्म साथ चलने के संकल्प करने के बाद भी, अधिकतम दम्पत्ति एक दूसरे के प्रति समर्पित भाव से नहीं रह पाते, एक दूसरे के स्वभाव, अपनी अच्छी-बुरी आदतें, रहन-सहन और व्यवहार की आदतें आदि विपरीत होने पर सामंजस्य की वृति का अभाव है, क्योंकि प्रेम और समर्पण का आभाव है । पारिवारिक एवं सामाजिक रूप से स्वीकार करने उपरांत भी साथी से थोड़ी सी भी प्रतिकूलता हुई तो मनुष्य सहन नहीं करना चाहता । यहीं से मामला प्रारंभ होता है, जिंदगी वार देने का दावा करने वाले, एक दिन एक दूसरे का साथ तो छोड़िए, एक दूसरे का चेहरा तक देखना नहीं चाहते और बाद अलगाव तक चली जाती है । क्या है ? यह सब .. यही है अहंकार का दंश !
जब व्यक्ति का समय आगे बढ़ता है, उसको उसके जीवन के आगामी अनुभव और संयोग से उसके विवेक जागृत होने के उपरांत उसे समझ आता है ? अरे .. ! छोटी सी ही तो बात थी, थोड़ा गुस्सा और मेरी परिस्थिति व सामने का न झुकना, यही तो था, मैं इसे नजरंदाज कर देता तो मेरी जिंदगी में भूचाल न आया होता आदि आदि । यह तो तय है, सभी के विचार, स्वभाव, जीवन दृष्टि एक जैसी नहीं हो सकती तो एक दूसरे के अनुकूल व्यवहार की अपेक्षा ही बेमानी है । किन्तु फिर भी हम करते हैं, और इसका भारी खामियाजा भी भुगतते हैं । इसलिए किसी भी संबंध में, न केवल पति-पत्नी अपितु हर प्रकार के संबंध में हम प्रेम, समर्पण, दैन्यता का भाव रखेंगे और कुछ विषयों/ बातों को समय छोड़ने के स्वभाव, अनदेखी, सहनशीलता, धैर्य और सामंजस्य बैठाने का उपक्रम करेंगे तो न कोई विवाद होगा और न ही मतभेद होंगे और न ही कोई बाहरी आपके मध्य कुछ गलत कर सकेगा । आपसी प्रतिबद्धता ही आपके संबंधों को मधुर रखने के लिए पर्याप्त है । यह संसार के संबंध हैं । इनका अनुसरण सांसारिक भाव से करने के साथ-साथ, विरक्त भाव से व्यवहार में लाएंगे, सामने वाले को अपने जीवन में जितना स्थान देंगे । सामने वाले को जितना स्वीकार करेंगे, उनका व उनकी प्राथमिकताओं का जितना ख्याल रखेंगे । सामने वाले के अच्छे कार्यों, अच्छी आदतों, उनके रूप और योग्यता की मुखर रूप से प्रशंसा करेंगे तो संबंध विच्छेदन कभी होगा ही नहीं । आपके संबंधों में मधुरता रहेगी, आप मिलकर जीवन को भी आगे बढ़ाएंगे, अपनी संतान को भी मजबूती से जीवन दे सकेंगे । यही संसार आपको एक सुंदर उपवन, स्वर्ग के समान प्रतीत होगा । आपको जीवन जीने में सुखद अनुभूति भी होगी और एक उद्देश्य परक जीवन जीने का सौभाग्य प्राप्त कर सकेंगे, मात्र एक “अहंकार” जैसे दुर्गुण को त्यागने के उपरांत एक सुंदर और सार्��क जीवन आपकी प्रतीक्षा कर रहा है, उसका आलिंगन करें ।
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झारखंड फैसला आज: राज्य में अगली सरकार किसकी बनेगी इस पर सबकी निगाहें | भारत समाचार
रांची: झामुमो, कांग्रेस, राजद, भाजपा, आजसू-पी, जद (यू), एलजेपी (आर) और नवगठित जेकेएलएम सहित कई राजनीतिक दल और कुल मिलाकर 1,128 उम्मीदवार उत्सुकता से मतपत्रों की लड़ाई के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। शनिवार को घोषित किया जाएगा। दो राजनीतिक खेम���ं में से – भाजपा के नेतृत्व में एनडीए – ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने इसे मात देने का पक्ष लिया है भारत ब्लॉक झारखंड में अगली सरकार झामुमो के नेतृत्व में…
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chaksh
चक्षु बेबसी देख रहे या दिख रहा स्वयं को आईना रोज जो उसे निहारता हु इसे मृत्य प्रेम नहीं कहें तो क्या जो झूठ बतलाना मुझे पसंद अवश्य है मगर नापसंद तोह मानना भी रहेगा इसे मेरा स्थिर व्यवहार न कहें
क्यों चक्ष खोलो न तुम क्या तोहार नेत्र इतने हीन की क्यों दिख नहीं रहा क्या, क्या तुम देखना चाहते नहीं हो ओह,चाहत हीन मनुष्य! तुम और मैं जद फर्क तोह न रखते मगर रखें तोह सक्षम
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