#जदयू के सवर्ण प्रकोष्ठ के अध्यक्ष
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journalistcafe · 4 years ago
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नीतीश की पार्टी ने पहली बार बनाया 'सवर्ण प्रकोष्ठ', BJP के कोर वोटर्स पर JDU की नजर ?
नीतीश की पार्टी ने पहली बार बनाया ‘सवर्ण प्रकोष्ठ’, BJP के कोर वोटर्स पर JDU की नजर ?
बिहार में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कम सीटें मिलने के बाद से ही जनता दल (युनाइटेड) अपने कुनबे को बढ़ाने में जुटी है। इसी को लेकर पार्टी की नजर अब सवर्ण मतदाताओं पर टिकी हुई है। केंद्र द्वारा सामान्य जातियों के आर्थिक रूप से कमजेार वर्ग के लिए आरक्षण देने के बाद राजनीतिक दलों की नजर सवर्ण मतदताओं पर पड़ी है। आमतौर पर देखा जाता है कि राजनीतिक दल अपने संगठन में पिछड़ा प्रकोष्ठ, अल्पसंख्यक…
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avitaknews · 4 years ago
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JDU सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी, नीतीश ने तनावरहित विकास का मॉडल दिया: आरसीपी
JDU सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी, नीतीश ने तनावरहित विकास का मॉडल दिया: आरसीपी
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में जदयू सवर्ण प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित मिलन समारोह में विभिन्न जिलों के 500 से अधिक नौजवानों को जदयू की सदस्यता दिलाई। राहुल… Source link
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its-axplore · 4 years ago
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राजद ए टू जेड की पार्टी है, यह घोषणा तेजस्वी यादव अपने सभी सार्वजनिक समारोहों में करते रहे हैं। अब जब विधानसभा चुनाव करीब है तो दबे जुबान से ही सही, टिकटार्थियों की तरफ से यह मांग उठने भी लगी है। राजद नेतृत्व उन मांगों पर गंभीरता से विचार-विमर्श भी कर रहा है। हर वर्ग के जीतने याेग्य उम्मीदवाराें की चर्चा हो रही है। राजद ने अपने संगठन में जिस तरह अति पिछड़ों को 27 फीसदी आरक्षण दिया है, उसी तरह विधानसभा चुनाव में टिकट देने की भी चर्चा है। इस बार अपने इतिहास के उलट राजद सवर्णों को भी खासकर ब्राह्मण और भूमिहार जाति से भी मजबूत उम्मीदवार की तलाश में जुटा है। रोज सीट टू सीट एक-एक उम्मीदवार पर पार्टी में मंथन चल रहा है। राजद नेतृत्व इस बार अति पिछड़ा और सवर्णों की भागीदारी बढ़ाने के लिए ज्यादा उम्मीदवारों का चयन करने की तैयारी में जुटा है।
पार्टी प्रवक्ता चितरंजन गगन का कहना है कि कितनी फीसदी टिकट अति पिछड़ों और सवर्णों को दी जाएगी, अभी यह कहना ठीक नहीं हैं, क्योंकि वीनेबलिटी उम्मीदवार चयन का मुख्य आधार होता है। पर, टिकट वितरण के बाद यह साफ दिख जाएगा कि राजद ही ए टू जेड की पार्टी है। पिछले चुनाव में भूमिहार को नहीं मिला था टिकट: राजद ने वर्ष 2015 के चुनाव में जदयू और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे 80 फीसदी सफलता मिली थी। उसके 80 उम्मीदवार जीते थे। इस चुनाव में भूमिहार जाित से किसी को राजद ने टिकट नहीं दिया था। मात्र 3 सवर्ण और 2 अति पिछड़ा समुदाय के विधायक बन पाए थे। इसमें भी कायस्थ (एक उम्मीदवार) जाति से विधायक नहीं बन पाए, जबकि राजद के 80 विधायकों में 49 पिछड़ा, 13 दलित, 12 मुसलमान और 1 एसटी समुदाय से जीते थे। वर्ष 2017 में तेजस्वी ने पार्टी की कमान संभाली तो राजद को ए टू जेड की पार्टी बनाने की कोशिश में लग गए।
वामदल महागठबंधन के साथ, जल्द होगी सीटों की घाेषणा
महागठबंधन में सीट एडजस्टमेंट के मामले में तेजी आ गई है। रविवार को राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद से मिलने सीपीआई और सीपीएम का राज्य नेतृत्व फिर पहुंचा और अपनी सीटों पर दो घंटे तक बातचीत की। बैठक का फलाफल क्या निकला, इस पर दोनों तरफ के नेता कुछ नहीं बोल रहे। पर, सीपीएम के राज्य सचिव अवधेश कुमार और सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि हम महागठबंधन के साथ हैं।
चुनाव की अधिसूचना घोषित होने दीजिए, सीटों की घोषणा हो जाएगी। राजद सूत्रों पर भरोसा करें तो अब सीपीआई 15 और सीपीएम 8 सीटों पर महागठबंधन में अपनी हिस्सेदारी चाह रहे हैं। पर राजद इस हिस्सेदारी पर भी तैयार नहीं है। राजद चाहता है कि तीनों वाम दलों (माले, सीपीआई और सीपीएम) 22 से ज्यादा सीटों पर दावेदारी नहीं ठोकें। विधान और संविधान पर खतरा, तेजस्वी को सीएम बनाएं
राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने राजद अधिवक्ता प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारियों एवं जिलाध्यक्षों की बैठक में कहा कि विधान और संविधान पर खतरा है, इसलिए तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं। राजनीति प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए अधिवक्ताओं को आगे आना होगा। बैठक में रणविजय सिंह यादव, कामेश्वर सिंह, अरविंद कुमार सिंह आदि मौजूद थे।
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This time RJD's special emphasis on backward castes, upper castes, Bhumihar did not get ticket in last election to become A to Z party
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