#छत्तीसगढ़ इलेक्शन
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indianfasttrack · 7 days ago
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BJP ने Municipal and Panchayat Elections: बैलेट पेपर से कराने का फैसला किया।
नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत चुनाव EVM मशीन के बीना बैलेट पेपर से होने जा रहे हैं। इसका फैसला छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने लिया है। कांग्रेस ने इसका स्वागत किया। (BJP decided to conduct Municipal and Panchayat Elections through ballot paper) न्यूज़ डेस्करायपुर- छत्तीसगढ़ नगर निगम और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर एक बार फिर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में भाजपा सरकार ने ईवीएम मशीन के बजाय…
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deshbandhu · 4 months ago
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Dhyaan Bhatakaane ke Lie Laaya Gaya 'One Nation-One Election' Sarakaar ki Koi Taiyaaree Nahin: T S Singhdev
रांची। छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता टी एस सिंहदेव ने गुरुवार को 'वन नेशन-वन इलेक्शन' और मल्लिकार्जुन खड़गे और जेपी नड्डा के बीच हुए हालिया पत्राचार को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
केंद्र सरकार द्वारा गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को लेकर एक और कमेटी बनाई गई है और कहा जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में बिल को सदन में पेश किया जाएगा। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा, "यह एक अपरिपक्व कदम है। कमेटी को पहले बनाना चाहिए था। कैबिनेट से पास कराने के बाद कमेटी बनाने का क्या औचित्य है?"
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nbs-hindi-news · 1 year ago
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चुनाव आयोग की ऑब्जर्वर्स के साथ बैठक:MP-राजस्थान समेत 5 राज्यों में 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक वोटिंग संभव, 2-3 दिन में तारीखों का ऐलान
चुनाव आयोग की ऑब्जर्वर्स के साथ बैठक:MP-राजस्थान समेत 5 राज्यों में 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक वोटिंग संभव
देश के 5 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर दिल्ली में चुनाव आयोग की एक बैठक जारी है। इसमें चीफ इलेक्शन कमिश्नर राजीव कुमार समेत पांचों राज्यों के इलेक्शन ऑर्ब्जर्व्स शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन राज्यों में 15 नवंबर से 7 दिसंबर तक मतदान हो सकते हैं। तारीखों का ऐलान 8 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकता है। 2018 में 6 अक्टूबर…
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dainikkhabarlivesblog · 2 years ago
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क्या समय से पहले होगा लोकसभा चुनाव?, जाने नितीश कुमार के इस बयान के क्या हैं मायने?
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Lok Sabha Election 2024 : साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी पार्टियां चुनावों की तैयारियों में लगी हुई हैं। आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की कोशिश में लगी हुई हैं। ऐसे में एक खबर आ रही है कि ��ुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए जो समय निर्धारित किया गया है। उससे पहले भी इलेक्शन हो सकते हैं। ये बात हम नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कही है।
नितीश कुमार ने दिया अटपटा बयान
नीतीश कुमार का यह बयान उस समय सामने आया है, जब वे भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता बनाने में जुटे हैं। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा गठबंधन (NDA) ने 350 से ज्यादा सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी कर ली थी। वहीं साल 1971 और साल 1984 में समय से पहले लोकसभा चुनाव हुए थे। दोनों बार बनने वाली सरकारों को बंपर जीत मिली थी।
ऐसे में अब नीतीश कुमार का ये मानना है कि साल 1971 और साल 1984 वाला इतिहास एक बार फिर से दोहराया जा सकता है और समय से पहले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) कराए जा सकते हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि समय से पहले लोकसभा चुनाव विधानसभा चुनाव को देखते हुए किए जा सकते हैं।
वन नेशन-वन इलेक्शन की पैरवी कर चुके हैं पीएम मोदी
लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) से पहले छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में मविधानसभा चुनाव होने वाले हैं और समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए जाने का सबसे अहम फैक्टर यही माना जा रहा है। 4 में से 3 राज्यों में भाजपा अपनी सरकार लाने की कोशिश कर रही है तो वहीं मध्य प्रदेश में सत्ता को बचाने की कोशिश कर रही है।
चारों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की लोकल लीडरशिप काफी कमजोर है। साल 2018 में भारतीय जनता पार्टी चुनाव हार गई थी लेकिन कांग्रेस से ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के कारण भाजपा एक बार फिर सत्ता में वापस आ गई। हालांकि मध्यप्रदेश में 230 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 130 विधायक हैं लेकिन पार्टी के लिए इस बार सत्ता वापसी आसान नहीं है।
सियासी गलियारों में समय से पहले चुनाव कराए जाने के पीछे वन नेशन वन इलेक्शन को भी वजह माना जा रहा है। भाजपा और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) वन नेशन-वन इलेक्शन की पैरवी कर चुके हैं। आने वाले समय में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में ये भी चर्चा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन की तर्ज पर एक साल में एक चुनाव कराया जा सकता है, जिससे सभी राज्यों के चुनाव एक साथ निपट सके।
इन राज्यों में में भी होने हैं चुनाव
Lok Sabha Election 2024 : इसके अलावा साल 2024 में महाराष्ट्र, हरियाणा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने वाले हैं। हिमाचल, महाराष्ट्र और हरियाणा में भाजपा गठबंधन सरकार है। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के साथ ही 16 विधायकों की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में समय से पहले चुनाव कराके यहां के संकटों से भी निपटा जा सकता है। इसके अलावा विपक्षी पार्टियां मिलकर विपक्षी एकता की कोशिश में लगी हुई हैं लेकिन अभी तक इन क��शिशों का कोई नतीजा नहीं निकला है।
इस महीने विपक्ष की पहली मीटिंग पटना में होने वाली है। हालांकि सीट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर विपक्ष का पेंच अटका हुआ है। अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्षी एकता से पहले लोकसभा चुनाव हो पाते हैं या नहीं? अगर समय पर चुनाव हुए तो विपक्षी एकता कितनी एक होगी और ये सभी पार्टियां मिलकर भाजपा को हरा पाएंगी या नहीं या एक बार फिर से महागठबंधन की तरह इन पार्टियों के हाथ कुछ नहीं लगेगा?
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realtimesmedia · 3 years ago
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अविरल सिंह AAP के, गोपाल राय ने दिलाई सदस्यता
अविरल सिंह AAP के, गोपाल राय ने दिलाई सदस्यता
रायपुर(realtimes) इलेक्शन स्ट्रैटेजिस्ट अविरल सिंह ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली है. छत्तीसगढ़ प्रभारी एवं दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई. बता दें कि गोपाल राय के द्वारा रायपुर पंचशील नगर स्थित आम आदमी पार्टी के नये प्रदेश कार्यलय का उद्घाटन किया. जिसके बाद प्रदेश के कई प्रतिष्ठित लोगों ने पार्टी की सदस्यता ली, जिसमे विभिन्न राज्यों के चुनावों…
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jodhpurnews24 · 6 years ago
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काम की बातः ये हैं चुनाव आयोग के वो ऐप्स जो जनता और नेता सबके काम आएंगे
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नई दिल्ली। चुनाव आयोग चुनावों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन रोकने और निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए तकनीकी का सहारा लेगा। इसके लिए कई ऐप्स की मदद ली जाएगी। चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सूचित करने के लिए लोगों के एंड्रॉएड फोन में ‘सी-विजिल’ एप विकसित किया है। चुनाव आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘आचार संहिता उल्लंघन की सूचना देर से मिलने से अब तक दोषी सजा से बचते आए हैं। इसके अतिरिक्त तस्वीरें या वीडियो जैसे साक्ष्यों की कमी के चलते शिकायतों की पुष्टि करने में परेशानी होती है।’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि ज्यादातर शिकायतें गलत होती हैं।
सी-विजिल से थमेगा आचार संहिता का उल्लंघन
चुनाव आयोग ने कहा, ‘सी-विजिल’ ऐप से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों का अंतर भरने की उम्मीद है, जिससे त्वरित शिकायत स्वीकृति कर उनका निवारण किया जा सके।’ कोई भी व्यक्ति इस ऐप का उपयोग कर मिनटों में आचार संहिता के उल्लंघन की सजीव रिपोर्ट भेज सके���ा। पंजीकृत रिपोर्ट के मामले में इससे संबंधित व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या जारी होगी, जिससे वह अपने मामले की वर्तमान स्थिति का पता लगा सके। अज्ञात शिकायतों को कोई विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित नहीं की जाएगी।
‘सुविधा’ से 24 घंटों में मिलेगी अनुमति
‘सी-विजिल’ तंत्र में एक बार शिकायत स्वीकृत होने पर वह जिला नियंत्रण कक्ष में सूचित कर देगा, जो सचल दस्ते को कार्रवाई का निर्देश देगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव आयोग वहां राष्ट्रीय शिकायत सेवा, इंटीग्रेटेड कॉन्टेक्ट सेंटर, सुविधा, सुगम, इलेक्शन मॉनिटरिंग डैशबोर्ड और वन-वे इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट जैसे ऐप्स का उपयोग भी करेगा। चुनाव आयोग ने कहा कि ‘सुविधा’ एक सिंगल विंडो सिस्टम है, जो चुनाव संबंधी अनुमति या मंजूरी 24 घंटों के अंदर प्रदान करता है। उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी इस तंत्र के माध्यम से जनसभाओं, बैठकों, जुलूसों, गाड़ियों, अस्थाई चुनाव कार्यालय स्थापित करने और एक स्थान पर लाउडस्पीकर लगाने संबंधित अनुमति ले सकते हैं।
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indiawriters-blog · 6 years ago
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1 करोड़ 85 लाख मतदाता तय करेंगे छत्तीसगढ़ की अगली सरकार
1 करोड़ 85 लाख मतदाता तय करेंगे छत्तीसगढ़ की अगली सरकार
छत्तीसगढ़ निर्वाचन पदाधिकारी ने गुरूवार को अंतिम मतदाता सूचि का प्रकाशन किया. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुब्रत साहू ने निर्वाचन की तैयारियों को लेकर पत्रकारवार्ता में जानकारी को साझा किया. बता दें कि छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां चरम पर है. इस बार होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग पुरी तरह से मुस्तैद रहेगी. इलेक्शन कमीशन प्रत्याशियों के चुनावी खर्च और बैक खाते पर…
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abhay121996-blog · 4 years ago
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असम में वापसी को बेकरार कांग्रेस ने विधासभा चुुनाव के लिए अपनाई दोतरफा रणनीति Divya Sandesh
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असम में वापसी को बेकरार कांग्रेस ने विधासभा चुुनाव के लिए अपनाई दोतरफा रणनीति
नई दिल्ली असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने राज्य में अपने कमजोर किले को मजबूत करने के लिए दोतरफा रणनीति बनाई है। वह एक ओर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने में जुटी है तो दूसरी ओर वह प्रदेश के मुद्दों को लेकर लगातार लोगों के बीच जा रही है। इन दिनों वहां कांग्रेस बूथ लेवल कार्यकर्ताओं में जोश भर रही है। बताया जाता है कि बूथों की मजबूती का यह मॉडल छत्तीसगढ़ तर्ज पर चलाया जा रहा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को असम का आर्ब्जवर बनाया गया है। वह काफी आक्रामक तरीके से यहां प्रचार कार्यक्रम एवं चुनाव प्रबंधन के काम को अंजाम दे रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत राज्य की सभी 126 असेंबली सीटों के सभी बूथों पर इन दिनों दिनभर की ट्रेनिंग कार्यक्रम चल रहा है। यह ट्रेनिंग हर बूथ में मौजूद पांच से छह बूथ सदस्यों के लिए चलाया जा रहा है जिसमें ट्रेनिंग एवं विभिन्न गतिविधियों द्वारा इन सदस्यों को तैयार किया जा रहा है। इसमें पदाधिकारी इन लोगों के साथ मीटिंग भी करते हैं। यह ट्रेनिंग तीन स्तर पर होनी है। हर स्तर के बाद इनकी समीक्षा की व्यवस्था है। इसके लिए 15 एक्सपर्ट ट्रेनर्स को लगाया गया है। इस बारे में इलेक्शन ऑब्जर्वर टीम में शामिल शकील अहमद खान का कहना था कि इस कार्यक्रम का फीडबैक काफी उत्साहजन�� है। इससे जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं में एक नई ऊर्जा दिख रही है।
इसके अलावा, कांग्रेस ने पूरे प्रदेश को छानने के लिए ‘असम बचाओ यात्रा’ नाम से बस यात्रा का आयोजन भी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह यात्रा प्रदेश में इलाके के हिसाब से चलाई जा रही है। मसलन ऊपरी असम, ब्रह्मपुत्र वैली, बराक वैली जैसे इलाकों में बस यात्रा की जा रही है। इस यात्रा में स्थानीय स्तर के नेताओं से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक के नेता शामिल हैं। इस योजना के पीछे पार्टी की मंशा जहां लोगों से संपर्क एवं संवाद स्थापित करना है, वहीं उनकी समस्याओं को समझना भी है। इसमें छोटी-छोटी जनसभाएं भी आयोजित की जा रही है।
पार्टी के एक नेता का कहना है कि इन समस्याओं में से हमें बहुत सी ऐसी जानकारी और फीडबैक मिल रहे हैं, जो हमें अपना मेनिफेस्टो तैयार करने में मदद करेंगे। इस दौरान कांग्रेस लोगों के बीच नागरिकता संशोधन कानून, किसान कानूनों, पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम एवं महंगाई जैसे मुद्दों को उठाकर जागरुक कर रही है। इस कवायद में पार्टी के तमाम नेताओं को जमीनी कार्यकर्ताओं से संपर्क का मौका मिल रहा है।
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realtimesmedia · 4 years ago
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असम में राहुल गांधी ने CAA को लेकर दिया बड़ा बयान, बोले...
असम में राहुल गांधी ने CAA को लेकर दिया बड़ा बयान, बोले…
गुवाहाटी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम में आगामी चुनाव के मद्देनजर इलेक्शन कैंपेन की शुरुआत की। इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी असम पहुंचे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत कई बड़े कद्दावर नेता मौजूद थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने असम के शिवसागर जिले में शिवनगर बोर्डिंग फील्ड से रैली को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि असम का सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार है।…
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realtimesmedia · 5 years ago
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नगर निगम के लिए रिजर्वेशन तय, जानिए...किस वर्ग का मेयर कहां होगा
नगर निगम के लिए रिजर्वेशन तय, जानिए…किस वर्ग का मेयर कहां होगा
रायपुर(realtimes) छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय इलेक्शन के लिए रिजर्वेशन तय हो गया है। रायपुर नगर निगम सामान्य वर्ग के लिए रिजर्व। बाकी निकायों में ये है रिजर्वेशन होगा।
भिलाई चरोदा अनुसूचित जाति, रायगढ़ अनुसूचित जाति महिला, अम्बिकापुर अनुसूचित जनजाति।
पिछड़ा वर्ग :- धमतरी अन्य पिछड़ा वर्ग राजनांदगांव अन्य पिछड़ा वर्ग महिला कोरबा अन्य पिछड़ा वर्ग
सामान्य :- रायपुर सामान्य जगदलपुर सामान्य…
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indiawriters-blog · 7 years ago
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राज्य के चीफ इलेक्शन आफिसर सुब्रत साहू को अब एक्सटेंशन नहीं रायपुर। छत्तीसगढ़ के चीफ इलेक्शन आफिसर सुब्रत साहू को अब स्वास्थ्य विभाग में काम करने के लिए अब और छूट देने से चुनाव आयोग ने स्पष्ट तौर पर इंकार कर दिया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर चुनाव आयोग सुब्रत को निर्वाचन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में सिकरेट्री के रूप में काम करने के लिए तीन बार छूट दे चुका है। आखिरी एक्सटेंशन उनका मार्च तक के लिए था। इसमें अब सिर्फ 10 दिन बच गए हैं। निधि छिब्बर के डेपुटेशन पर दिल्ली जाने के समय राज्य सरकार ने पिछले साल जून में नए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के लिए तीन सचिवों के नाम चुनाव आयोग को भेजा था। इनमें आयोग ने सुब्रत साहू के नाम पर टिक लगाकर उन्हें सीईओ ��ोस्ट किया था। लेकिन, राज्य सरकार द्वारा अफसरों का टोटा होने का हवाला देने पर आयोग ने जुलाई से लेकर मार्च तक, अब तक तीन बार सरकार में काम करने के लिए छूट दे चुका है। सुब्रत फिलहाल प्रिंसिपल सिकरेट्री हेल्थ एवं मेडिकल एजुकेशन हैं। ज्ञातव्य है, निर्वाचन में पोस्ट होने वाले अफसर या कर्मचारी चुनाव आयोग के अधीन हो जाते हैं। राज्य सरकार वेतन जरूर देगी मगर उन पर नियंत्रण उनका नहीं रहता। छुट्टी देने से लेकर सीआर लिखने तक काम आयोग करता है। पता चला है, आयोग ने राज्य सरकार से साफ कह दिया है कि अब सुब्रत साहू के एक्सटेंशन का लेटर ना भेजें। इसी शर्त पर मार्च तक के लिए उन्हें छूट मिली थी। वैसे भी विधानसभा चुनाव का प्रॉसेज अब प्रारंभ हो चुका है। मतदाता सूची का फायनल काम होना है। 16 मार्च को चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव की तैयारियो के सिलसिले में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी समेत कई अधिकारियों को दिल्ली बुलाया था। आयोग ने अब चुनाव अधिकारियों को विधानसभा चुनाव पर फोकस करने का निर्देश दिया है।
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