#चंद्र ग्रहण सूतक काली
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mrdevsu · 3 years ago
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Lunar Eclipse 2021 Live: देश के इन हिस्सों में दिखेगा चंद्र ग्रहण, जानें टाइम और इससे जुड़ी पूरी जानकारी
Lunar Eclipse 2021 Live: देश के इन हिस्सों में दिखेगा चंद्र ग्रहण, जानें टाइम और इससे जुड़ी पूरी जानकारी
चंद्र ग्रहण 2021 लाइव: देश के अंदर की स्थिति में चंद्रा, जानें Source link
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lokkesari · 4 years ago
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14 दिसंबर सोमवती अमावस्या पर होगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, भारत मैं नहीं दिखाई देगा, बन रहा है अनूठा पंच ग्रह युति योग
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14 दिसंबर सोमवती अमावस्या पर होगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण, भारत मैं नहीं दिखाई देगा, बन रहा है अनूठा पंच ग्रह युति योग
जातक पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए करेंगे पित्र श्राद्ध व्रत तर्पण- तुलसी परिक्रमा करने से होगी दरिद्रता दूर- मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को सोमवती अमावस्या है। यह तिथि इस बार 14 दिसंबर सोमवार को पड़ रही है। यह सोमवती अमावस्या वर्ष 2020 की अंतिम सोमवती अमावस्या होगी। इस दिन साल का अंतिम पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। हालांकि यह ग्रहण विदेशों में ही नजर आएगा यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा और ना ही इस का सूतक लगेगा साथ ही 57 साल बाद पंच ग्रह युति योग ।सोमवती अमावस्या का संयोग भी बन रहा है। अमावस्या तिथि भगवान शिव के साथ पितरों को समर्पित होती है। इस दिन जातक अपने मृतक रिश्तेदारों की आत्मा की शांति के लिए पवित्र नदि��ों में डुबकी लगाकर प्रार्थना करते हैं वही इस दिन यज्ञ दान तप हवन अनुष्ठान करने से सुख सौभाग्य में वृद्धि हो कर दुख समाप्त होते हैं। साथ ही सोमवती अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा करना ओंकार का जप करना सूर्यनारायण को अर्घ देना फलदाई होता है । तुलसी जी की 108 बार प्रदक्षिणा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार ज्योतिष गणना से ग्रहों की विभिन्न युती बनती हैं इसमें से 2 ग्रहों से लेकर 7 ग्रहों की युति बनती रहती हैं ।विशेष पर्व काल में अगर युति योग बनता है तो यह दान पुण्य जप तप हवन अनुष्ठान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार सोमवती अमावस्या पर पंच ग्रह युति बन रही है वृश्चिक राशि में सूर्य चंद्र बुध शुक्र केतु की युति रहेगी ।इसी युति का वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल से नवम पंचम दृष्टि संबंध भी बनेगा सन 1963 में पंचांग के पांच अंग जैसे थे वैसे ही 2020 में अमावस्या तिथि पर हैं जिसमें अमावस्या तिथि जेष्ठा नक्षत्र शूल योग चतुष्पाद करण वृश्चिक राशि का चंद्रमा पांच अंकों के साथ पंच ग्रही योग विशेष प्रबलता लिए हुए हैं। इसका असर कूटनीतिक क्षेत्रों में देखने को मिलेगा इस दृष्टि से देखें तो भारतीय विदेशी नीति आने वाले तीन सालों में बेहतर परिणाम देने वाली रहेगी वहीं भारत का विश्व में प्रभाव बढ़ेगा
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sandhyamodi · 5 years ago
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Chandra Grahan 2020 : आज रात 10.37 पर लगेगा चंद्र ग्रहण, भारत में देखा जा सकेगा
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Chandra Grahan 2020 : आज 10 जनवरी, शुक्रवार को साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह करीब चार घंटे तक चलेगा। इसके बाद इसी साल में तीन और चंद्र ग्रहण होंगे। ग्रहण का समय रात 10 बजकर 37 मिनट से शुरू होगा। यह रात 2 बजकर 42 मिनट पर खत्‍म होगा। इस ग्रहण के बारे में खास यह है कि इसे भारत में भी देखा जा सकेगा। छत्‍तीसगढ़ के बिलासपुर में ग्रहण काल दो घंटे एक मिनट का रहेगा। - विश्‍व में ��स ग्रहण को यूरोप, एशिया, अफ्रीका व आस्‍ट्रेलिया महाद्वीपों में भी देखा जा सकता है। - भारत समेत एशिया के सभी देशों में देखा जा सकेगा। - विश्‍व में इसे ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, भारतीय महासागर आदि जगहों पर देखा जा सकेगा। साल में तीन चंद्र ग्रहण और होंगे, 2 सूर्य ग्रहण भी यह वर्ष 2020 का पहला चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद साल में तीन और चंद्र ग्रहण होंगे। इसके अलावा दो सूर्य ग्रहण भी होंगे। ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले से आरंभ हो जाएगा। भारतीय समय के अनुसार 10 जनवरी की सुबह 10 बजे से यह सूतक लग जाएगा। - दूसरा ग्रहण: 5 जून को होगा, यह चंद्र ग्रहण होगा - तीसरा ग्रहण: 21 जून को होगा, यह सूर्य ग्रहण होगा - चौथा ग्रहण: 5 जुलाई को होगा, यह चंद्र ग्रहण होगा - पांचवा ग्रहण: 30 नवंबर को होगा, यह चंद्र ग्रहण होगा - छठा ग्रहण: 14 दिसंबर को होगा, यह सूर्य ग्रहण होगा क्‍या होता है चंद्र ग्रहण, कैसे लगता है सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा पर पृथ्वी छाया पड़ने लगती है, तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। चांद के संपूर्ण बिंब पर हसिया के समान काली छाया नज़र आती है। इस अवस्‍था को आंशिक या खंड ग्रहण कहा जाता है। कुछ मौकों पर यह काली छाया चांद को पूरी तरह से ढंक लेती है। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण या खग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है। source : https://www.naidunia.com/ Read the full article
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lokkesari · 4 years ago
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30 नवंबर को पड़ेगा साल का आखिरी चंद ग्रहण,नही दिखाई देगा भारत मे असर , कार्तिक पूर्णिमा को ही हुआ था तुलसी जी का अवतरण,दीप दान का भी है इस दिन बड़ा महत्व
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30 नवंबर को पड़ेगा साल का आखिरी चंद ग्रहण,नही दिखाई देगा भारत मे असर , कार्तिक पूर्णिमा को ही हुआ था तुलसी जी का अवतरण,दीप दान का भी है इस दिन बड़ा महत्व
कार्तिक पूर्णिमा पर लगेगा उप छाया चंद्रग्रहण लेकिन नहीं होगा कोई असर- सर्वार्थ सिद्धि योग और वर्धमान योग में होगा कार्तिक पूर्णिमा का स्नान- हिंदू धर्म में पूर्णिमा महत्वपूर्ण स्थान रखती है प्रत्येक वर्ष मैं 12 पूर्णिमा आती हैं लेकिन जब अधिक मास या मलमास आता है तो इनकी संख्या 13 हो जाती है कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है।
बालाजी धाम काली माता मंदिर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश सोनी के अनुसार इस दिन जब चंद्रमा आकाश में उदित होता है । उस समय चंद्रमा की 6 कृतिका ओं का पूजन करने से शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पूरे वर्ष का स्नान करने का फल मिलता है ।आगामी 30 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र के साथ सर्वसिद्धि योग एवं वर्धमान योग का संयोग होने से इस पूर्णिमा का शुभ योग बन रहा है । इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का 551 बा जन्मदिन भी मनाया जाएगा पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 29 नवंबर को दोपहर 12:47 से प्रारंभ होकर 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक रहेगी इसी दिन कार्तिक स्नान का समापन भी होगा। श्री सोनी ने आगे बताया कार्तिक पूर्णिमा पर इस साल का चौथा और आखिरी उप छाया चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है और वही 14 दिसंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा यह चंद्र ग्रहण अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का असर भारत में नहीं पड़ेगा ।इसलिए भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा वैसे भी यह उप छाया चंद्र ग्रहण है इसलिए इसका किसी भी राशि पर कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा । यह चंद्र ग्रहण के दौरान भारत के मंदिरों के पट ��ी बंद नहीं होंगे इसलिए अंतिम चंद्रग्रहण को लेकर सभी लोग बिल्कुल निश्चिंत रह सकते हैं ।तथा किसी भी तरह के भ्रम में पढ़ने की जरूरत नहीं होगी। कार्तिक पूर्णिमा क्यों है खास-
कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान विष्णु चतुर्मास के बाद जागृत अवस्था में होते हैं । भगवान विष्णु ने इसी तिथि को मस्य अवतार लिया था और मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की फिर से रचना की थी। राक्षस त्रिपुरासुर का संघार किया था त्रिपुरासुर वध को लेकर देवताओं ने मनाई थी इस दिन देव दीपावली। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी का जन्मदिन के साथ ही इस दिन तुलसी का अवतरण कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था।
दीप दान करने से होंगी मां लक्ष्मी प्रसन्न। कार्तिक पूर्णिम�� के दिन तुलसी के समीप तथा तालाब में सरोवर में गंगा तट पर दीप जलाने से अथवा दीप दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर सुख समृद्धि का वरदान देती हैं । वही विष्णु को तुलसी पत्र की माला और गुलाब का फूल चढ़ाने से मन की सारी मुरादें पूरी होती हैं। तिल स्नान से मिलेगी शनि दोषों में राहत। कार्तिक पूर्णिमा पर तिल जल में डालकर स्नान करने से शनि दोष समाप्त होंगे । खासकर शनि की साढ़ेसाती वही कुंडली में पित्र दोष चांडाल दोष नंदी दोष की स्थिति यदि है तो उसमें भी शीघ्र लाभ होगा। क्या करें दान अक्षत यानि चावल जो काले तिल मौसमी फल लौकी में छिपाकर सिक्का।
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