#घरेलू हिंसा
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घरेलू हिंसा से बचने के उपाय का वर्णन।
घरेलू हिंसा से बचने के उपाय का वर्णन।
घरेलू हिंसा से बचने के उपाय :- घरेलू हिंसा से बचने के उपाय निम्नलिखित है – मानसिकता में परिवर्तन सामाजिक जागरूकता लेखन के माध्यम से आत्मनिर्भरता समुदाय आधारित रणनीति जिला सहायता समिति मानसिकता में परिवर्तन – घरेलू हिंसा से निपटने के लिए महिलाओं को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। जब तक वह परिवार और समाज की जागरूक नागरिक बनने की कोशिश नहीं करती, अपने ऊपर होने वाली हिंसा और उत्पीड़न के खिलाफ नहीं…
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#gharelu hinsa se bachne ke upay#ways to avoid domestic violence#घरेलू हिंसा#घरेलू हिंसा से बचने के उपाय
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#kabir is almighty#FreedomFromEvils🏳संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान गृह क्लेश व घरेलू हिंसा से आज़ादी दिला रहा है।Sant Rampal Ji Maharaj
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लखनऊ, 13.11.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 68 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्रोफेसर गीताली रस्तोगी, प्रोफे��र मनजुला यादव, डॉ. वनदना द्विवेदी, डॉ. मनीषा बडौनिया, डॉ. सीमा पाण्डेय, मिशन शक्ति समिति एवं रेड ब्रिगेड से सुश्री खुशी शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया l
नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद देते हुए कहा कि, "आत्मरक्षा का यह प्रशिक्षण केवल शारीरिक तकनीकों तक सीमित नहीं है यह एक मानसिक और आत्मिक शक्ति का निर्माण है, जो आपको हर परिस्थिति ��ें सक्षम बनाएगा । यह जानना बेहद आवश्यक है कि जीवन की हर चुनौती का सामना करने के लिए हमें खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनाना होगा । आत्मरक्षा के जो गुर आपको सिखाए जा रहे हैं, वे केवल संकट के समय आपकी रक्षा के लिए नहीं, बल्कि आपके आत्मविश्वास और स्वाभिमान को मजबूत करने के लिए हैं । यह कौशल आपको मानसिक रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाएगा, ताकि आप हर चुनौती का डटकर सामना कर सकें । इस प्रशिक्षण से जो भी आपने सीखा है, उसे अपने जीवन में आत्मसात करें और अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वयं उठाएं । खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रखें और आत्मनिर्भरता के इस मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ें ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं l महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है l आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है l महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है l आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी l आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं l फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं l हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा l आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा ��े ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके l"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर, सुश्री खुशी शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया l
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये गये ।
कार्यशाला में नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय, प्रोफेसर गीताली रस्तोगी, प्रोफेसर मनजुला यादव, डॉ. वनदना द्विवेदी, डॉ. मनीषा बडौनिया, डॉ. सीमा पाण्डेय, मिशन शक्ति समिति, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर, सुश्री खुशी शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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#GodMorningWednesday
संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान गृह क्लेश व घरेलू हिंसा से आज़ादी दिला रहा है।
अपना जीवन सुखमय बनाने के लिए सुने सतसंग साधना 📺 पर रोजाना शाम 0730 बजे से।
Sant Rampal Ji Maharaj
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संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान गृह क्लेश व घरेलू हिंसा से आज़ादी दिला रहा है।
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#Freedom_From_Evil
🌺संत रामपाल जी महाराज का तत्वज्ञान गृह क्लेश व घरेलू हिंसा से आज़ादी दिला रहा है।मानसिक तनाव से आज़ादी दिलायेगा संत रामपाल जी महाराज का सतज्ञान🌺
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Free tree speak काव्यस्यात्मा 1404.
बोलते हुए फ़ोटोग्राफ़
और देखती नज़र
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
फ़ोटोग्राफ़ी शब्द ग्रीक शब्द "फ़ोटो" और "ग्राफोज़" से बना है, जिसका अर्थ है प्रकाश और ड्राइंग। दुनिया का पहला कैमरा "कैमरा ऑब्स्कुरा" था, जो 16वीं शताब्दी में आविष्कार के बाद सामने आया। पहला कैमरा बनाने का श्रेय जोहान्न ज़हन को जाता है। कैमरे का अस्तित्व, 1816 से माना जाता है। इसी कैमरे से फ्रांस के इंजीनियर जोसेफ नाइसफोन निप्से ने साल 1816 में पहली फ़ोटोग्राफ़ निकाली थी।
भारत में भी फ़ोटोग्राफ़ी की शुरुआत 16 वीं सदी से होती है तब अनुमानित छवियों के लिए एक तंत्र के रूप में कार्य शुरु हुआ था। फ़ोटोग्राफ़ी में कल्पनाशीलता, ग्लैमर, सादगी की भावनाएँ, पुरज़ोर कशिश यानी वह सब कुछ होता है, जो देखने वाले से बावस्ता हो। देखने के बाद उन्हें अमेजिंग कहने पर विवश कर दे। फ़ोटोग्राफ़ी की ख़ासियत होती है कि वह बोलती नज़र आती है। फ़ोटोग्राफ़र को यह पता होना चाहिए कि वह किसी शख़्स से किस समय पर क्या बात करते हुए फ़ोटोशूट करें, ताकि चेहरे को पढ़ा जा सके।
चेहरा पढ़ने की क़ाबिलियत होना बेहद ज़रूरी है। जिसे हम फ़ोटो की दुनिया में पीपुल (Pupil) फ़ोटोग्राफ़ी, फैसियल (Facial) एक्सप्रेशन फ़ोटोग्राफ़ी भी कहते हैं। समाज में यह दोनों बहुतायात में उपलब्ध है। फ़ोटोग्राफ़ी के मार्फ़त घरेलू हिंसा, बाल अपराध, अव्यवस्था, आक्रोश, दर्द, ख़ुशी को महसूस कराया जा सकता है।
एक कला के रूप में फ़ोटोग्राफ़ी दुनिया को एक अलग तरीके से देखने के बारे में है। एक कलाकार ही दुनिया को अलग ढंग से देखने की चाहत रखता हैं। कलाकार को अपने अस्तित्व को प्रकट करने के लिए आंतरिक संतुलन को अभिव्यक्त करने की लालसा रहती हैं, क्योंकि, कला अपने आप में एक उपकरण है, जो कलाकार को आंतरिक और वाह्य दुनिया के दो पलड़ों के बीच संतुलन महसूस करने में मदद करती है।
ऑनलाइन मीडिया साइटों और माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफ़ॉर्म पर एक तस्वीर हज़ार शब्दों के बराबर होती है। फ़ोटोग्राफ़िक कला में पहला रेखा, दूसरा आकार, तीसरा रूप, चौथा बनावट, पाँचवा रंग, छठवाँ आकार और सातवा गहराई कुल सात बुनियादी तत्व शामिल होते हैं। एक तस्वीर को प्रकाश, रंग, रचना और विषय पूरा दृश्य प्रदान करता है। ईमानदार भावना और कलात्मक स्पष्टता के साथ उत्तम शिल्प कौशल एक कलाकार को जीवन का दृष्टिकोण प्रदान करती है।
एडवरटाइजिंग और फ़ैशन की दुनिया में फ़ोटोग्राफ़ी एक नया आयाम जोड़ता है। ऑफबीट कॉंसेप्ट को अपना थीम बनाकर भी आकर्षक ढंग से सजीवता को दर्शाया जाता है। बड़े-बड़े सेलिब्रिटी म���ं ब्रांड्स को आधार बनाकर की गई फ़ोटोग्राफ़ी, फ़ोटोग्राफ़र की क्रिएटिविटी को गहराई तक सोचने को मज़बूर करती है। कैमरे की क्लिक और डार्क रूम से निकली तस्वीर पलभर में यादगार लम्हों को बयां करने लगती है।
एक छवि में पीले, नारंगी और लाल टोन के स्पेक्ट्रम तस्वीर के मूड को दर्शाते हैं। एक कलाकार की मौलिकता या ऐसे कहे कि हमारी स्वयं के होने का हस्ताक्षर अद्वितीय होता है। यह हमारी पहचान है। हमारी व्यक्तिगत शैली है। मौलिक अभिव्यक्ति हमेशा से ही जीवन को समृद्ध करती है। इसकी अपनी गुणवत्ता होती है और अपने में विशेषताओं को समेटे रहती है। इस विशेषता के कारण ही इसकी अलग पहचान होती है।
-© कामिनी मोहन पाण्डेय।
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घरेलू हिंसा क्या है? अर्थ, परिभाषा, कारण, प्रकार, प्रभाव
घरेलू हिंसा क्या है? अर्थ, परिभाषा, कारण, प्रकार, प्रभाव
प्रस्तावना :- कई महिलाएं न केवल खुद को परिवार में उपेक्षित समझती हैं, बल्कि अपने ही परिवार के उत्पीड़न और क्रूरता का शिकार हो जाती हैं। यह एक घरेलू हिंसा है। १९४७ में, स्वतंत्रता के साथ, भारत में महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा दिया गया था। फिर भी वैवाहिक हिंसा के क्षेत्र में वे अपने अधिकारों का प्रभावी उपयोग करने में असमर्थ रही हैं। महिलाओं के खिलाफ हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। कई महिलाओं…
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : सुरजन देवी अनुसुइया देवी डिग्री कॉलेज गंगागंज, लखनऊ
लखनऊ, 27.02.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सुरजन देवी अनुसुइया देवी डिग्री कॉलेज गंगागंज, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 21 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा सुरजन देवी अनुसुइया देवी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य श्री संजय कुमार सिंह, शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से यास्मीन बानो, साहिबा अली ने दीप प्रज्वलित किया |
सुरजन देवी अनुसुइया देवी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य श्री संजय कुमार सिंह ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करत�� हुए कहा कि, "आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आजकल महिलाओं की स्वायत्त रक्षा हेतु बहुत महत्वपूर्ण है । ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगातार होना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चों का उत्साह बढ़ता है और उन्हें अपनी स्वायत्त रक्षा हेतु आवश्यक जानकारी प्राप्त होती है ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरू���त बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो, साहिबा अली ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में सुरजन देवी अनुसुइया देवी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य श्री संजय कुमार सिंह एवं शिक्षकों श्री जय प्रकाश पाठक, श्री चंद्रेश कुमार विश्वकर्मा, श्री राहुल सिंह, श्री अंशुमान सिंह, श्रीमती अर्चना वर्मा, श्रीमती डॉली वर्मा, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो, साहिबा अली तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सरोजनी नगर, कानपुर रोड, लखनऊ
लखनऊ, 04.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंडस्ट्रियल स्टेट, सरोजनी नगर, कानपुर रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 144 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. लुबना, शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से यास्मीन बानो ने दीप प्रज्वलित किया |
जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. लुबना ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “पंडित जवाहर लाल नेहरू के अनुसार, लोगों को जगाने के लिये महिलाओं का जागृत होना जरुरी है ।" एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है । भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाले उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरूरी है जैसे दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, वेश्यावृत्ति, मानव तस्करी आदि | आज की इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों से आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख पाएंगे तथा अपने जीवन में किसी तरह की समस्या आने पर इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपने आपको बचा पाएंगे |
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला के समापन के बाद, छात्राओं ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि, हमें हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस 'आत्मरक्षा प्रशिक्षण' कार्यशाला में सीखने का मौका मिला । अगर हमें कोई पकड़ लेता है, तो हमें उससे कैसे बचना है, यह भी हमें अब पता है । अधिकांश लड़कियां अपने आप को दुर्बल महसूस करती हैं, लेकिन सेल्फ डिफेंस के माध्यम से हमें सिखाया गया है कि हमें कभी भी दुर्बल नहीं होना चाहिए । हम इन तकनीकों का उपयोग करके अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं ।
जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. लुबना एवं शिक्षक/ शिक्षिकाओं सृष्टि मैसी, शिल्पी, सदफ खान, श्रेया मिश्रा, दीपलता साहू, श्रीमती अंजिली तिवारी, श्रीमती स्वाति मिश्रा, सुश्री सिंड्रेला, सुश्री ज्योति तिवारी, सुश्री रचना मिश्रा, श्रीमती दीपिका, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सरोजनी नगर, कानपुर रोड, लखनऊ
लखनऊ, 04.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंडस्ट्रियल स्टेट, सरोजनी नगर, कानपुर रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 144 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. लुबना, शिक्षिकाओं एवं रेड ब्रिगेड से यास्मीन बानो ने दीप प्रज्वलित किया |
जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. लुबना ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “पंडित जवाहर लाल नेहरू के अनुसार, लोगों को जगाने के लिये महिलाओं का जागृत होना जरुरी है ।" एक बार जब वो अपना कदम उठा लेती है, परिवार आगे बढ़ता है, गांव आगे बढ़ता है और राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है । भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाले उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरूरी है जैसे दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, वेश्यावृत्ति, मानव तस्करी आदि | आज की इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों से आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख पाएंगे तथा अपने जीवन में किसी तरह की समस्या आने पर इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपने आपको बचा पाएंगे |
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला के समापन के बाद, छात्राओं ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि, हमें हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस 'आत्मरक्षा प्रशिक्षण' कार्यशाला में सीखने का मौका मिला । अगर हमें कोई पकड़ लेता है, तो हमें उससे कैसे बचना है, यह भी हमें अब पता है । अधिकांश लड़कियां अपने आप को दुर्बल महसूस करती हैं, लेकिन सेल्फ डिफेंस के माध्यम से हमें सिखाया गया है कि हमें कभी भी दुर्बल नहीं होना चाहिए । हम इन तकनीकों का उपयोग करके अपने आप को सुरक्षित रख सकते हैं ।
जी.एस.आर.एम मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. लुबना एवं शिक्षक/ शिक्षिकाओं सृष्टि मैसी, शिल्पी, सदफ खान, श्रेया मिश्रा, दीपलता साहू, श्रीमती अंजिली तिवारी, श्रीमती स्वाति मिश्रा, सुश्री सिंड्रेला, सुश्री ज्योति तिवारी, सुश्री रचना मिश्रा, श्रीमती दीपिका, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, यास्मीन बानो तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : आर्यावर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस, लखनऊ
लखनऊ, 07.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आर्यावर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 61 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा आर्यावर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की शिक्षिकाओ तथा रेड ब्रिगेड से यास्मीन बानो ने दीप प्रज्वलित कर किया | आर्यावर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की शिक्षिकाओं ने मां सरस्वती की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की |
आर्यावर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस के शिक्षक पारस त्रिपाठी ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, "हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट विगत 12 वर्षों से निरंतर समाज हित के कार्यों में लगा हुआ है | हम सभी हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के कार्यों की सराहना करते हैं तथा आज ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में कुशल प्रशिक्षकों द्वारा आपको आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे जिससे आपको भविष्य में अगर आपके साथ कोई अनहोनी घटित होती है, उससे निपटने में सहायता मिलेगी |"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका यास्मीन बानो ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला के समापन के बाद छात्राओं ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि, "आज आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में कुशल प्रशिक्षकों द्वारा आत्मरक्षा के गुर सीख कर बहुत अच्छा लगा | अब हम निश्चित ही अपने साथ होने वाली घरेलू या यौन हिंसा के खिलाफ आवाज उठा सकेंगे तथा समाज में एक अच्छा जीवन जी सकेंगे |"
कार्यशाला में आर्यावर्त ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन की प्राचार्य डॉ. राखी एवं शिक्षक/ शिक्षिकाओं डॉ. पूर्णिमा रायज़ादा, सुश्री अमिता चौधरी, श्रीमती लकी पांडे, श्रीमती नीतू पचौरी, श्रीमती विभा प्रकाश, डॉ. श्वेता त्रिपाठी, सुश्री विशाखा सिंह, सुश्री अंकिता सिंह, सुश्री सीमा मौर्य, सुश्री स्वाति, सुश्री दीक्षा सिंह, सुश्री संध्या स्वर्णकार, सुश्री सोनाली गुप्ता, डॉ. पारस त्रिपाठी, श्री सत्यम सिंह, श्री अजय यादव, डॉ. संतोष सिंह, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पट��ल, यास्मीन बानो तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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लखनऊ, 12.11.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में म्युनिस्पिल गर्ल्स इंटर कॉलेज, कश्मीरी मोहल्ला, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 54 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा म्युनिस्पिल गर्ल्स इंटर कॉलेज की सहायक अध्यापिका श्रीमती पूनम मिश्रा, श्रीमती रुचि किशोर, श्रीमती सरिता गौतम, श्रीमती प्रीति सिंह एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर ने दीप प्रज्वलित किया l
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं l महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है l आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है l महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है l आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी l आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं l फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं l हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा l आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके l"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम अख्तर ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया l
कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किये गये ।
कार्यशाला में म्युनिस्पिल गर्ल्स इंटर कॉलेज की सहायक अध्यापिका श्रीमती पूनम मिश्रा, श्रीमती रुचि किशोर, श्रीमती सरिता गौतम, श्रीमती प्रीति सिंह, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर तथा हेल्प यू एजुक��शनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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