#घरेलू कानून
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helputrust · 9 months ago
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लखनऊ, 12.04.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में काशीश्वर इंटर कॉलेज, मोहनलालगंज, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 160 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा काशीश्वर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री सत्यप्रकाश तिवारी, शिक्षकों श्री सतीश चन्द्र यादव, श्री योगेन्द्र सिंह एवं रेड ब्रिगेड से सुष्मिता भारती ने दीप प्रज्वलित किया |
काशीश्वर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री सत्यप्रकाश तिवारी ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केवल कानून ही काफी नहीं है, हमें समाज में बदलाव लाने की भी जरूरत है । नियमों का पालन तो सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन यह समाज के हर व्यक्ति की भी जिम्मेदारी है । हमें महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलनी चाहिए और उन्हें समानता और सम्मान का हक देना चाहिए । आजकल कई सारी परिस्थितियों में महिलाओं को खुद की रक्षा करने की जरूरत होती है । अगर हम किसी संघर्षपूर्ण स्थिति में मोबाइल नहीं ले सकते और किसी से भी संपर्क नहीं कर सकते, तो अपनी रक्षा के लिए हमें अपने आप पर भरोसा करना होगा । हमें आत्मसंयम, शारीरिक दक्षता, और आत्मरक्षा तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए । यह हमें विपरीत परिस्थितियों  में सुरक्षित रखने और मुश्किलों का सामना करने में मददगार साबित हो सकता है |”
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने ��ालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका सुष्मिता भारती ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में काशीश्वर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री सत्यप्रकाश तिवारी एवं शिक्षकों श्री सतीश चन्द्र यादव, श्री योगेन्द्र सिंह, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, सुष्मिता भारती तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l
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rightnewshindi · 1 month ago
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महिला ने पति के खिलाफ दर्ज करवाई अजीबोगरीब शिकायत, हाई कोर्ट ने बताया तुच्छ मामला और कानून का दुरुपयोग
Bengaluru News: भारत में इस समय अतुल सुभाष सुसाइड केस सुर्खियों में है। महिला कानूनों को जिस बेदर्दी से गलत इस्तेमाल हो रहा है, ये केस उसकी बानगी मात्र है। देश में हजारों- लाखों शादीशुदा महिलाओं ने अपने पति और ससुराल वालों पर दहेज और घरेलू हिंसा के झूठे केस दर्ज कराए हुए हैं। ऐसा ही एक मामला कोर्ट के सामने आया, जिस पर हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए शिकायतकर्ता महिला की क्लास लगा दी। इसे तुच्छ…
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advkaransinghlegal · 2 months ago
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वो कौन से कानून है, जो हर भारतीय को पता होने चाहिए ताकि प्रशासन उन्हें ज्यादा ना घूमाए?
भारत में नागरिकों के अधिकार और उनके कानूनी ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कानून हैं, जिनसे हर भारतीय को अवगत होना चाहिए। ये कानून विभिन्न क्षेत्रों में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करते हैं और प्रशासन के सामने उनके लिए सुरक्षा कवच का कार्य करते हैं। यहां कुछ प्रमुख कानूनों की सूची दी गई है:
संविधान का अधिकार:
अनुच्छेद 14: समानता का अधिकार
अनुच्छेद 19: बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 21: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005:
इस कानून के तहत नागरिक सरकारी कार्यालयों से सूचना मांग सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है और प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित होती है।
भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 1988:
यह कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ है और नागरिकों को अधिकार देता है कि वे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत कर सकें।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकथाम अधिनियम, 2005:
इस कानून के तहत महिलाओं को सुरक्षा का अधिकार प्राप्त है और यह घरेलू हिंसा, यौन हिंसा आदि से बचाव करता है।
बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012:
इस अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की रोकथाम के लिए कड़े प्रावधान हैं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा की जाती है।
नागरिक अधिकार अधिनियम, 1955:
यह कानून जाति, धर्म, लिंग या भाषा के आधार पर भेदभाव के खिलाफ है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019:
यह कानून उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा करता है, जैसे कि वस्त्र और सेवाओं की गुणवत्ता, चुनाव की स्वतंत्रता आदि।
आर्यन अधिनियम, 1989:
यह कानून शादी, तलाक, और उत्तराधिकार के मामले में अधिकार और नियम स्थापित करता है।
सामाजिक सुरक्षा और कल्याण कानून:
विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा के अधिकारों के अंतर्गत आते हैं।
मानवाधिकार अधिनियम, 1993:
यह मानवाधिकारों की रक्षा के लिए विभिन्न प्रावधान करता है।
प्रशासनिक उत्पीड़न से बचने के लिए सुझाव:
अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें: अपने अधिकारों के बारे में सूचित रहना आवश्यक है।
दस्तावेज़ों की प्रतियाँ बनाएं: प्रशासन से संपर्क करते समय सभी संबंधित दस्तावेज़ों की प्रतियाँ रखें।
RTI का उपयोग करें: अगर आपको किसी ��ानकारी की आवश्यकता हो, तो RTI का उपयोग करें।
शिकायत की प्रक्रिया समझें: प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ शिकायत करने की प्रक्रिया को समझें।
इन कानूनों और प्रावधानों का ज्ञान आपको प्रशासनिक उत्पीड़न से बचने में मदद कर सकता है और आपको अपने अधिकारों की रक्षा करने का साहस देगा।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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drrupal-helputrust · 2 months ago
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ
लखनऊ, 21.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 38 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल, शिक्षकों एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को समाज में उचित स्थान और सम्मान दिलाना हैं । जो न सिर्फ समाज के विकास और प्रगति में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करता है अपितु समाज को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाता है । हमारे बीच आकर आपने महिलाओं और बच्चों को उन अनैतिक ताकतों, जो कानून, समाज और नैतिकता के खिलाफ हैं, से आत्मरक्षा करने का तरीका सिखाया । हमें उम्मीद है कि आज की इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों से आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख पाएंगे तथा अपने जीवन में किसी तरह की समस्या आने पर इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपने आपको बचा पाएंगे ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम  अख्तर, महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल एवं शिक्षकों श्री अखंड प्रसाद सिंह, डॉ मोहन कुमार, श्री रितेश प्रकाश सिंह, श्री सौमित्र सिंह, श्री उपेन्द्र नाथ तिवारी, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l  
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helputrust-drrupal · 2 months ago
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ
लखनऊ, 21.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 38 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल, शिक्षकों एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को समाज में उचित स्थान और सम्मान दिलाना हैं । जो न सिर्फ समाज के विकास और प्रगति में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करता है अपितु समाज को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाता है । हमारे बीच आकर आपने महिलाओं और बच्चों को उन अनैतिक ताकतों, जो कानून, समाज और नैतिकता के खिलाफ हैं, से आत्मरक्षा करने का तरीका सिखाया । हमें उम्मीद है कि आज की इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों से आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख पाएंगे तथा अपने जीवन में किसी तरह की समस्या आने पर इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपने आपको बचा पाएंगे ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम  अख्तर, महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल एवं शिक्षकों श्री अखंड प्रसाद सिंह, डॉ मोहन कुमार, श्री रितेश प्रकाश सिंह, श्री सौमित्र सिंह, श्री उपेन्द्र नाथ तिवारी, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l  
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helpukiranagarwal · 2 months ago
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आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला : लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ
लखनऊ, 21.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 38 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल, शिक्षकों एवं रेड ब्रिगेड से तंजीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को समाज में उचित स्थान और सम्मान दिलाना हैं । जो न सिर्फ समाज के विकास और प्रगति में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करता है अपितु समाज को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाता है । हमारे बीच आकर आपने महिलाओं और बच्चों को उन अनैतिक ताकतों, जो कानून, समाज और नैतिकता के खिलाफ हैं, से आत्मरक्षा करने का तरीका सिखाया । हमें उम्मीद है कि आज की इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों से आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख पाएंगे तथा अपने जीवन में किसी तरह की समस्या आने पर इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपने आपको बचा पाएंगे ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्रियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तंजीम  अख्तर, महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल एवं शिक्षकों श्री अखंड प्रसाद सिंह, डॉ मोहन कुमार, श्री रितेश प्रकाश सिंह, श्री सौमित्र सिंह, श्री उपेन्द्र नाथ तिवारी, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तंजीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l  
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ourkanpur · 4 months ago
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हर धर्म की महिला के लिए है घरेलू हिंसा संरक्षण कानून
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prabudhajanata · 11 months ago
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उत्तराखंड: (Pushkar Singh Dhami) समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक उत्तराखंड 2024 बुधवार को विधानसभा में पारित कर दिया गया। विधेयक पर दो दिनों तक लंबी चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। इस प्रकार उत्तराखंड विधानसभा आजाद भारत के इतिहास में समान नागरिक संहिता का विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई है l Pushkar Singh Dhami मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 को विधानसभा में पेश किया था। बुधवार को सदन में विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने इसे पास कर दिया। अब अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है l बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखण्डियों से भी समिति ने संवाद किया l समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की ये कानून सुरक्षा करेगा l विवाह का पंजीकरण अनिवार्य। पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं से होना पड़ सकता है वंचित। पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह पूर्णतः प्रतिबंधित। सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित। वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा। पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के ��च्चे की कस्टडी उसकी माता के पास ही रहेगी। UCC in Uttarakhand- सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार। सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार। मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक। संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना गया है। किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी व बच्चों को समान अधिकार दिया गया है। उसके माता-पिता का भी उसकी संपत्ति में समान अधिकार होगा। किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया गया । लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी। लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा और उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधिकार प्राप्त होंगे l “हमारे देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रऋषि नरेन्द्र मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है।” “समान नागरिक संहिता का विधेयक प्रधानमंत्री द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है।”“UCC के इस विधेयक में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।
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hindibat · 1 year ago
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अगर शादी में लिया दहेज तो होगी ये सजा और जुर्माना, जानें- क्या है कानून….
भारत में दहेज प्रथा एक अभिशाप बन गई है, आए दिन दहेज के कारण हत्या की खबरें आती रहती हैं। इसे लेकर समाज में जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। सरकार की ओर से कई कानून भी बनाये गये हैं। इन कानूनों में दहेज निषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) और घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act) शामिल हैं।
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gurujidineshsharma · 1 year ago
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Today's Horoscope-
मेष - मेष राशि के लोग क्रिएटिव कार्यों को करने में सफल होंगे तो वहीं वाकपटुता करियर के क्षेत्र में अच्छे परिणाम लेकर आएगी. कपड़े का व्यापार करने वाले लोगों को ग्राहकों की पसंद के अनुसार माल स्टोर करने पर ध्यान देना चाहिए. जिन युवाओं का प्रेम संबंध है उन्हें ��त्यधिक सोच विचार से बचना चाहिए क्योंकि सोच विचार रिश्तों को कमजोर कर सकता है. नए रिश्ते की शुरुआत करने जा रहे हैं तो परिवार वालों के साथ इसकी चर्चा अवश्य कर लें. सेहत में आज के दिन सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों को दर्द की शिकायत रहेगी.
वृष - इस राशि के जो लोग आर्थिक तंगी से परेशान हैं, उन्हें आए के नए स्रोत मिलेंगे तथा दिन के अंत तक आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा. जो लोग इंपोर्ट एक्सपोर्ट के व्यापार से जुड़े हैं, उन्हें एक्सपोर्ट किए जाने वाले माल की निगरानी करनी है क्योंकि माल डैमेज होने की आशंका है. कंपटीशन की तैयारी करने वाले युवाओं को अध्ययन के साथ मॉक टेस्ट भी देते रहना चाहिए, जिससे परीक्षा की प्रैक्टिस अच्छे से हो सके. आपको सभी सदस्यों के साथ तालमेल बना कर चलना होगा, तो वहीं दूसरी ओर घर से संबंधित कोई वस्तु खरीद सकते हैं. सेहत की दृष्टि से यदि आपको आंखों से संबंधित कोई दिक्कत है तो उसे अनदेखा करने से बचें.
मिथुन - मिथुन राशि के लोगों को सतर्कता बरतते हुए कार्यों को अंजाम देना होगा, क्योंकि नकारात्मक ग्रह गलती कराने के फिराक में है. व्यापारिक स्थिति अनुकूल है आज अच्छा मुनाफा होगा, लेकिन इसे स्थाई मानते हुए भविष्य की कल्पना तो बिल्कुल न करें. ग्रहों की स्थिति पुराने मित्रों से मिलने की रूपरेखा तैयार कर रही है, दोस्तों से मिलकर पुरानी यादें ताजा होगी साथ ही सुखद समय व्यतीत होगा. परिवार के महत्वपूर्ण फैसलों में सक्रिय भूमिका निभाने का मौका मिलेगा, सुझाव देते वक्त पक्षपात न हो इस बात का ध्यान रखें. सेहत की बात करें तो साफ सुथरा टॉयलेट का इस्तेमाल करें, साथ ही पानी अधिक मात्रा पिए क्योंकि यूरिन इन्फेक्शन होने की आशंका है.
कर्क - इस राशि के लोगों पर यदि मैनेजमेंट की जिम्मेदारी है, तो उन्हें अन्य कार्यों के साथ ऑफिस का डाटा भी बहुत संभाल कर रखना है. व्यापार में लाभ हानि का दौर तो चलता रहता है, इसे लेकर बहुत ज्यादा आपको परेशान नहीं होना चाहिए. युवाओं को अपने लक्ष्य पर निशाना साधकर इसी दिशा में आगे बढ़ते रहना है. आज के दिन की बात करें तो घरेलू कार्य के चलते आपको भागदौड़ करनी पड़ सकती है. सेहत को लेकर दिन सामान्य रहेगा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे.
सिंह - सिंह राशि के कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों की विशिष्ट पहचान बनेगी और कार्यों में यश भी मिलेगा. कारोबार की बात करें तो सामान की गुणवत्ता में ध्यान दें, ग्राहकों के अनुसार सामानों को अपडेट करते रहना होगा. आज के दिन युवा वर्ग को टीम के साथ काम करने का मौका मिल सकता है, टीम के सभी मेंबर के साथ अच्छा व्यवहार करें. घर में कोई बड़ा सामान खराब होने की आशंका है, जिसे बनवाने में धन अधिक खर्च होगा. स्वास्थ्य की दृष्टि से फेफड़ों का ध्यान रखना चाहिए खांसी, अस्थमा जैसी समस्याएं कुछ परेशान करेंगी.
कन्या - इस राशि के लोग ऑफिशियल बातों को बाहरी व्यक्ति के साथ शेयर करने से बचे, आपके द्वारा कही गई बातों को गलत ढंग से प्रयोग करने की आशंका है. कारोबारी ने यदि धन निवेश की योजना बनाई है, तो आज का समय अनुकूल नहीं है. कुछ समय के लिए रुकना ही बेहतर होगा. कुछ अप्रत्याशित घटनाओं को देखकर युवाओं के मन में नकारात्मक बातें चल सकती है, जिससे उन्हें बचने का प्रयास करना है. पारिवारिक दृष्टि से आज का दिन सामान्य है. सेहत संबंधित मामलों में हाथों की केयर करें, दबकर कर चोट लगने की भी आशंका है.
तुला - तुला राशि के जिन लोगों की नौकरी को लेकर कोई मामला कोर्ट-कचहरी में है, तो उसके लिए नए रास्ते खुलेंगे. जो लोग इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का कारोबार करते हैं, वह आज मुनाफे की स्थिति में रहेंगे. विद्यार्थी वर्ग अवकाश को सिर्फ मनोरंजन में बर्बाद न करें, मौज मस���ती करने के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान दें . लंबे समय के बाद करीबी रिश्तेदारों का आगमन हो सकता हैं, उनका अतिथि करने में कमी न रखें. स्वास्थ्य की दृष्टि से दिन लगभग सामान्य ही रहने वाला है, ग्रहों का गोचर आपको फिट रखने में मदद करेगा.
वृश्चिक - इस राशि के लोगों के लिए लापरवाही नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकती है, काम की शुरुआत से पहले नियम कानून का एक बार ध्यान जरूर कर लें. खुदरा व्यापारियों को सतर्कता रखनी होगी. अनावश्यक गतिविधियों के लिए अपनी प्रतिष्ठा दांव पर बिल्कुल न लगाएं. आज के दिन यदि यात्रा की योजना है, तो सब की सहमति से इसे टालना ही उचित है. यात्रा में धन और समय खराब होने की आशंका है. भाई-बहनों के साथ आपका तालमेल अच्छा रहेगा, यदि छोटे भाई बहन को आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है, तो उनकी मदद जरूर करें. हेल्थ में ऊंचाई वाली जगह पर काम करते समय अलर्ट रहें क्योंकि गिरकर चोट लगने की आशंका है.
धनु - धनु राशि की नौकरीपेशा लोगों की बात करें, तो कामकाज में बड़बोलापन और अति आत्मविश्वास भूलकर भी न लाएं. ग्रहों की स्थिति को देखते हुए व्यापारिक वर्ग आर्थिक परेशानी से घिरे हुए नजर आ सकते हैं, तो वहीं पिता की ओर से ��र्थिक सहयोग मिलने की भी संभावना है. युवाओं की वाणी में कलात्मकता व सौम्यता को देखकर लोग आपसे प्रसन्न रहेंगे और आपकी बातों को महत्व भी देंगे. परिवार के साथ समय बिताएं उनके साथ कोई गेम आदि भी खेल सकते है, जिससे रिफ्रेश महसूस करेंगे. सेहत में डायबिटीज पेशेंट को शुगर फ्री भोजन तो करना ही है साथ ही दिनचर्या को भी नियमित रखना है.
मकर - इस राशि के लोगों को कर्मक्षेत्र के साथ-साथ सामाजिक दायरा भी बढ़ाना होगा. जिससे सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी हो. बड़े ग्राहक और क्लाइंट के साथ यदि छोटी-मोटी कहा सुनी होने की स्थिति बनती भी है, तो व्यापारी वर्ग को उसे अवॉइड ही करना चाहिए. आज के दिन युवाओं के भाग्य में बढ़ोतरी होती दिखाई दे रही है, जो आपके लिए प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगी. परिजन किसी बात पर आपसे नाराज हो सकते हैं, यदि ऐसी स्थिति बने तो खुद पहल कर समस्या का निदान करें. सेहत की बात करें तो हेल्थ में मानसिक रोगों से जूझ रहे लोगों को अधिक सचेत रहना है.
कुंभ - कुंभ राशि के लोग ऑफिस में पूरी ऊर्जा के साथ काम करें जिससे लाभ अवश्य मिलेगा. पिछले समय से लेकर वर्तमान तक व्यापारी वर्ग ने जो भी ज्ञान और अनुभव अर्जित किया है, उसकी जरूरत आज कारोबार में पड़ सकती है. युवाओं का कॉन्फिडेंस में होना तो जरूरी है लेकिन आप ओवर कॉन्फिडेंस में न हो इस बात का भी ध्यान रखें. संभव है कि कोई मित्र या रिश्तेदार आपके बर्ताव से परेशान हो जाए, ऐसे में घर परिवार के बीच बेवजह के तर्क-वितर्क से दूर रहें. सेहत की दृष्टि से शारीरिक फिटनेस पर पूरा ध्यान रखें. व्यायाम और योग के अलावा खानपान संतुलित रखना होगा.
मीन - इस राशि के लोगों की कार्यस्थल पर विवाद की स्थिति बन सकती है, लेकिन नई जिम्मेदारी के साथ काम के नए मौके बनेंगे. व्यापारी वर्ग को आर्थिक नुकसान होने की आशंका है यदि आप सोच समझकर निर्णय लेंगे तो आप इससे बच भी सकते हैं. युवा वर्ग की बात करें तो उन्हें जब तक सामने वाले का इंटेंशन क्लियर न हो, तब तक अपनी बात रखने से बचना चाहिए. ससुराल पक्ष से शुभ समाचार की प्राप्ति के साथ निमंत्रण भी मिल सकता है, जिसमें आपकी उपस्थिति जरूरी होगी. सेहत में इंफेक्शन से बच कर रहना है अन्य मामलों की अपेक्षा हेल्थ संबंधित मामलों में सजग रहना चाहिए.
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helputrust · 10 months ago
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लखनऊ, 21.03.2024 l माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुहिम आत्मनिर्भर भारत को साकार करने तथा महिला सशक्तिकरण हेतु गो कैंपेन (अमेरिकन संस्था) के सहयोग से हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में लखनऊ लॉ कॉलेज, अहिमामऊ, सुल्तानपुर रोड, लखनऊ में आत्मरक्षा कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें 38 छात्राओं ने मेरी सुरक्षा, मेरी जिम्मेदारी मंत्र को अपनाते हुए आत्मरक्षा के गुर सीखे तथा वर्तमान परिवेश में आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को जाना l
कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ तथा लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल, शिक्षकों एवं रेड ब्रिगेड से तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने दीप प्रज्वलित किया |
लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल ने हेल्प यू एजुकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं को समाज में उचित स्थान और सम्मान दिलाना हैं । जो न सिर्फ समाज के विकास और प्रगति में महिलाओं की भूमिका को मजबूत करता है अपितु समाज को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाता है । हमारे बीच आकर आपने महिलाओं और बच्चों को उन अनैतिक ताकतों, जो कानून, समाज और नैतिकता के खिलाफ हैं, से आत्मरक्षा करने का तरीका सिखाया । हमें उम्मीद है कि आज की इस आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला में आए हुए प्रशिक्षकों से आप निश्चित ही आत्मरक्षा के गुर सीख पाएंगे तथा अपने जीवन में किसी तरह की समस्या आने पर इस प्रशिक्षण का उपयोग करके अपने आपको बचा पाएंगे ।"
कार्यशाला में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख श्री अजय पटेल ने बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के महत्व को बताते हुए कहा कि, "किसी पर भी अन्याय तथा अत्याचार किसी सभ्य समाज की निशानी नहीं हो सकती हैं, फिर समाज के एक बहुत बड़े भाग यानि स्त्���ियों के साथ ऐसा करना प्रकृति के विरुद्ध हैं | महिलाओं एवं बालिकाओं के खिलाफ देश में हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं तथा सरकार निरंतर महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है लेकिन यह अत्यंत दुख की बात है कि हमारा समाज 21वीं सदी में जी रहा है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या व लैंगिक भेदभाव के कुचक्र से छूट नहीं पाया है | आज भी देश के तमाम हिस्सों में बेटी के पैदा होते ही उसे मार दिया जाता है या बेटी और बेटे में भेदभाव किया जाता है | महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा होती है तथा उनको एक स्त्री होने की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है | आत्मरक्षा प्रशिक्षण समय की जरूरत बन चुका है क्योंकि यदि महिला अपनी रक्षा खुद करना नहीं सीखेगी तो वह अपनी बेटी को भी अपने आत्म सम्मान के लिए लड़ना नहीं सिखा पाएगी | आज किसी भी क्षेत्र में नजर उठाकर देखियें, नारियां पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रगति में समान की भागीदार हैं | फिर उन्हें कमतर क्यों समझा जाता है यह विचारणीय हैं | हमें उनका आत्मविश्वास बढाकर, उनका सहयोग करके समाज की उन्नति के लिए उन्हें साहस और हुनर का सही दिशा में उपयोग करना सिखाना चाहिए तभी हमारा समाज प्रगति कर पाएगा | आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का हमारा यही मकसद है कि हम ज्यादा से ज्यादा बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा सके तथा समाज में उन्हें आत्म सम्मान के साथ जीना सिखा सके |"
आत्मरक्षा प्रशिक्षण की प्रशिक्षिका तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला ने लड़कियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हुए लड़कों की मानसिकता के बारे में अवगत कराया तथा उन्हें हाथ छुड़ाने, बाल पकड़ने, दुपट्टा खींचने से लेकर यौन हिंसा एवं बलात्कार से किस तरह बचा जा सकता है यह अभ्यास के माध्यम से बताया |
कार्यशाला में लखनऊ लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ छोटेलाल एवं शिक्षकों श्री अखंड प्रसाद सिंह, डॉ मोहन कुमार, श्री रितेश प्रकाश सिंह, श्री सौमित्र सिंह, श्री उपेन्द्र नाथ तिवारी, छात्राओं, रेड ब्रिगेड ट्रस्ट से श्री अजय पटेल, तन्ज़ीम अख्तर, महिमा शुक्ला तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही l 
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anjalibuildestate · 1 year ago
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रियल एस्टेट बूम: जयपुर संपत्ति की कीमत पर एक नजदीकी नजर
जयपुर एक जीवंत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है जिसने सदियों से लोगों को आकर्षित किया है। यह अपने राजसी किलों, महलों, हलचल भरे बाजारों और रंगीन त्योहारों के लिए जाना जाता है। हाल ही में, जयपुर में रियल एस्टेट बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिसने खरीदारों और निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया है। इस ब्लॉग में, हम राजस्थान में संपत्ति की कीमतों में वृद्धि में योगदान देने वाले कारकों का पता लगाते हैं और संभावित खरीदारों और निवेशकों के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
जयपुर के रियल एस्टेट बाजार का विकास
जयपुर का रियल एस्टेट उद्योग एक पारंपरिक बाजार से एक जीवंत और आकर्षक रियल एस्टेट गंतव्य के रूप में विकसित हुआ है। बुनियादी ढांचे में सरकार के निवेश, डेवलपर्स को आकर्षित करने के कारण जयपुर  का जुड़ाव बढ़ा है। स्मार्ट शहरों के विकास से होटल और अवकाश ग���हों के निर्माण को बढ़ावा मिला है, जिससे रियल एस्टेट गतिविधि में वृद्धि हुई है। कम लागत वाले आवास, भव्य अपार्टमेंट और वाणिज्यिक क्षेत्रों की परियोजनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है।
जयपुर संपत्ति की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक
कई कारक जयपुर में  संपत्ति की कीमतों को प्रभावित करते हैं। यहां पांच प्रमुख कारक हैं:
स्थान: किसी संपत्ति की कीमत उसके स्थान से काफी प्रभावित होती है। सुविधाओं, सुविधाओं और रोजगार केंद्रों तक बेहतर पहुंच वाले क्षेत्रों में संपत्ति की लागत आम तौर पर अधिक होती है।
बुनियादी ढाँचा विकास: संपत्ति के मूल्य किसी क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के स्तर से प्रभावित हो सकते हैं। अच्छी सड़कों, परिवहन विकल्पों और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच वाले क्षेत्रों में संपत्ति की लागत अधिक होती है।
मांग और आपूर्ति: संपत्ति की कीमतें रियल एस्टेट बाजार में आपूर्ति और मांग की गतिशीलता से भी प्रभावित होती हैं। यदि संपत्तियों की मांग आपूर्ति से अधिक हो जाती है, तो कीमतें बढ़ने की संभावना है, और इसके विपरीत भी।
आर्थिक स्थितियाँ: संपत्ति के मूल्य बाजार की धारणा और सामान्य आर्थिक स्थितियों से प्रभावित हो सकते हैं। संपत्ति की कीमतें जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों जैसे चर से प्रभावित हो सकती हैं।
नीति परिवर्तन: संपत्ति की कीमतें सरकारी कानून, नीतियों और कराधान में बदलाव से प्रभावित हो सकती हैं। रियल एस्टेट निवेश नीतियां बाजार की गतिशीलता पर प्रभाव डाल सकती हैं और, परिणामस्वरूप, संपत्ति के मूल्यों पर।
जयपुर  में संपत्ति की कीमतों का आकलन करते समय इन कारकों पर विचार करना महत्वपूर्ण है क्योंकि वे बाजार के रुझानों में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं और सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं।
निवेश क्षमता: जयपुर  एक रियल एस्टेट हॉटस्पॉट के रूप में
भारत का सबसे बड़ा राज्य, राजस्थान, निवेश के स्थान के रूप में अधिक से अधिक लोकप्रिय हो गया है, खासकर रियल एस्टेट बाजार में। जयपुर अपने सुविधाजनक स्थान, विकासशील बुनियादी ढांचे और विस्तारित अर्थव्यवस्था के कारण रियल एस्टेट हॉटस्पॉट के रूप में बड़ी निवेश क्षमता प्रस्तुत करता है। निम्नलिखित कुछ तत्व हैं जो इसकी अपील को बढ़ाते हैं:
आर्थिक विकास: हाल के वर्षों में, जयपुर की अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ी है। औद्योगीकरण, व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार ने कई नीतियां और कार्यक्रम लागू कि��� हैं। इससे रोजगार के अधिक अवसर पैदा हुए हैं और मध्यम वर्ग में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप घरों और व्यवसायों की मांग बढ़ी है।
पर्यटन क्षमता: कई घरेलू और विदेशी पर्यटक अपने प्रसिद्ध महलों, किलों और सांस्कृतिक विरासत के कारण राजस्थान आते हैं। जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर और जोधपुर जैसे शहरों में लक्जरी होटल, ऐतिहासिक रिसॉर्ट और गेस्टहाउस बहुतायत में पाए जा सकते हैं। राजस्थान में, रियल एस्टेट में निवेश करना जो पर्यटकों की जरूरतों को पूरा करता है, जैसे कि होटल, रिसॉर्ट्स और छुट्टियों के किराये, काफी लाभदायक हो सकते हैं।
किफायती संपत्ति की कीमतें: मुंबई, दिल्ली और बैंगलोर जैसे बड़े क्षेत्रों की तुलना में राजस्थान में रियल एस्टेट की लागत तुलनात्मक रूप से कम है। अपनी लागत के कारण, यह निवेशकों और अंतिम-उपयोगकर्ताओं दोनों को आकर्षित कर रहा है। राज्य कम लागत वाले अपार्टमेंट से लेकर सुरुचिपूर्ण विला और वाणिज्यिक स्थानों तक संपत्तियों की एक विविध श्रेणी प्रदान करता है, जो खरीदार श्रेणियों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा करता है।
सरकारी पहल: रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने कई निवेशक-अनुकूल नियम और सुधार लागू किए हैं। इनमें एकल-खिड़की समाशोधन प्रणाली, सरल अनुमोदन प्रक्रियाएं, कर छूट और भूमि अधिग्रहण परिवर्तन शामिल हैं। इस तरह की गतिविधियां रियल एस्टेट डेवलपर्स और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाती हैं, जिससे उन्हें जयपुर में अवसरों की जांच करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
औद्योगिक और वाणिज्यिक विकास: कपड़ा, हस्तशिल्प, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी और ऑटोमोटिव में जयपुर में औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। जयपुर, जोधपुर, कोटा और उदयपुर जैसे शहरों में औद्योगिक पार्क, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), और तकनीकी पार्क स्थापित किए गए हैं।
भविष्य में विकास की संभावनाएं: राज्य में वर्तमान और संभावित प्रगति के साथ, जयपुर के रियल एस्टेट क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है। स्मार्ट सिटी विकास, किफायती आवास परियोजनाओं और पर्यावरण-पर्यटन को बढ़ावा देने जैसी पहलों पर सरकार का जोर एक अनुकूल निवेश माहौल को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, जयपुर की दिल्ली से निकटता -मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स-संबंधी रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए इसकी क्षमता को बढ़ाते हैं।
अंत में, जयपुर का रियल एस्टेट उद्योग निवेशकों, घर खरीदारों और डेवलपर्स के लिए एक रोमांचक संभावना प्रदान करता है। व्यक्ति संपत्ति की कीमतें बढ़ाने वाले अंतर्निहित चरों को जानकर और लगातार बदलते बाजार की गतिशीलता पर नजर रखकर जयपुर के तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट क्षेत्र का लाभ उठाने के लिए सूचित निर्णय ले सकते हैं। चाहे आप सपनों का घर तलाश रहे हों, व्यावसायिक स्थान, या बुद्धिमान निवेश, जयपुर के संपत्ति बाजार में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।
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advkaransinghlegal · 2 months ago
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जी हाँ, भारत में पत्नी द्वारा पति के प्रति अत्याचार या प्रताड़ना के मामलों के लिए भी कानून मौजूद हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण कानूनी विकल्प हैं:
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराएं:धारा 498A: यह धारा दहेज के लिए या पति या उसके परिवार के सदस्यों द्वारा महिला को प्रताड़ित करने के मामले में लागू होती है। हालांकि यह मुख्यतः पत्नी की सुरक्षा के लिए है, लेकिन पति को भी अत्याचार का शिकार होने पर मदद मिल सकती है, जैसे कि उसके खिलाफ झूठे आरोपों का मामला।
महिला संरक्षण अधिनियम: घरेलू हिंसा (अवधारणा) अधिनियम, 2005 के अंतर्गत पति द्वारा पत्नी या पत्नी द्वारा पति के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों को शामिल किया गया है। इस अधिनियम के तहत किसी भी दिशा में प्रताड़ना की स्थिति में पति भी शिकायत कर सकता है।
सामाजिक न्याय: कई राज्य सरकारों में पति को सहायता देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और योजना भी होती हैं, जैसे कि काउंसलिंग सेवा।
आपातकालीन उपाय: अगर पति को वास्तविक धमकी या हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, तो वह सुरक्षा के लिए पुलिस में शिकायत कर सकता है और आपातकालीन उपाय मांगा सकता है।
परामर्श: कानूनी कार्रवाई से पहले इसके खिलाफ आरंभिक परामर्श लेना महत्वपूर्ण हो सकता है। यह व्यक्तिगत, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श या किसी परिवारिक विवाद निपटान केंद्र से हो सकता है।
महत्वपूर्ण है कि यदि आप किसी प्रकार की प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं, तो उसे गंभीरता से लें और उचित कदम उठाएं। जिनके पास कानूनी ज्ञान या समर्थन होता है, वे जल्दी और सही उचित कदम उठा सकते हैं।
Advocate Karan Singh (Kanpur Nagar) [email protected] 8188810555, 7007528025
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astrologergopalshastri · 1 year ago
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Today's Horoscope -
मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। आपके घर में किसी शुभ और मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। किसी जरूरी काम को कल पर ना टाले, नहीं तो समस्या हो सकती है और यदि आपने किसी काम में उसके नियमों का उल्लंघन किया, तो इससे आपका कोई नुकसान होने की पूरी संभावना है। आपकी वाणी की सौम्यता से घर परिवार में चल रही कलह को भी आसानी से दूर कर पाएंगे। यदि आपके स्वास्थ्य में कुछ समस्या चल रही है, तो उसे आप नजरअंदाज ना करें और डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें।
वृष दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। आप किसी नए वाहन, मकान, दुकान आदि की खरीदारी कर सकते हैं। व्यापार के मामलों में गति आएगी और आपकी नेतृत्व क्षमता का आपको लाभ मिलेगा। सबको साथ लेकर चलने की कोशिश में कामयाब रहेंगे। आप किसी से कोई भी बात बहुत ही सोच विचार कर कहे। आपके मान सम्मान में वृद्धि होगी। आप अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समय रहते पूरा करेंगे, नहीं तो समस्या हो सकती है।
मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए मेहनत और लगन से कम करने के लिए रहेगा। कार्य योजनाओं को आप आगे बढ़ाएंगे और आपको यदि कोई पेट संबंधित समस्या है, तो आप उसमें ढील ना दें और यदि कोई समस्या हो, तो उसमें डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें। आपको निर्णय लेने की क्षमता का पूरा लाभ मिलेगा। यदि आपने किसी से धन उधार लेने का मन बनाया है, तो बिल्कुल ना ले, नहीं तो आपको उसे उतार पाना मुश्किल होगा। किसी सरकारी योजना में आप निवेश कर सकते हैं।
कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए रचनात्मक कार्य से जुड़कर नाम कमाने के लिए रहेगा। मित्रों के साथ आज आप कुछ समय मौज मस्ती करने में व्यतीत करेंगे। धन संबन्धित मामलों में आप सक्रियता बनाए रखें। आप कार्यक्षेत्र में अपनी प्रतिभा से आज एक जगह बनाएंगे और व्यवसाय में आपकी योजनाओं को सफलता मिलने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। घूमने फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। आधुनिक विषयों में आपकी पूरी रुचि रहेगी।
सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। यदि आपको किसी पैतृक संपत्ति संबंधित मामला कानून में चल रहा है, तो उसमें आपको जीत मिलेगी। घरेलू मामलों में आप पहल करने से बचें और किसी को बिना मांगे सलाह ना दें, नहीं तो बाद में समस्या होगी। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा हो सकता है। आपके भाई के विवाह में यदि कोई बाधा आ रही थी, तो उसके लिए आप अपने किसी मित्र से बातचीत कर सकते हैं। आपकी तरक्की की मार्ग में आ रही समस्याएं दूर होगी।
कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए आलस्य को त्यागकर आगे बढ़ाने के लिए रहेगा। ससुराल पक्ष से आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है। व्यर्थ की चर्चाओं में न पड़ें नहीं तो समस्या हो सकती है। कारोबार कर रहे लोग किसी छोटी दूरी की यात्रा पर जा सकते हैं। आपके अंदर प्रेम और स्नेह का भाव बना रहेगा। सभी से सामंजस्य और व्यवहार बनाए रखेंगे। कुछ नए संपर्कों से आपको लाभ मिलेगा। सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के जन समर्थन में इजाफा होगा। आप किसी काम को हड़बड़ाहट में ना करें, नहीं तो आपसे कोई गलती हो सकती है।
तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए धन-धान्य में वृद्धि लेकर आने वाला है और आप परिजनों का भरोसा जीतने में कामयाब रहेंगे। आप यदि किसी का भला सोचेंगे, तो लोग इसे आपका स्वार्थ समझ सकते हैं। आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है। रक्त संबंधी रिश्तों में कोई तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें आपको शांत रहना होगा। कार्यक्षेत्र में आपके दिए गए कार्यों की सराहना होगी और आपको किसी मांगलिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने का मौका मिलेगा।
वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा। आपको नीति नियम पर पूरा ध्यान देना होगा और आपकी सकारात्मकता बढ़ेगी। सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश में आप कामयाब रहेंगे। पारिवारिक विषयों में आपकी रुचि बढ़ेगी। आप किसी काम में एक बजट बनाकर चले, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। व्यक्तिगत विषयों पर आपको पूरा ध्यान देना होगा। पारिवारिक मामलों में आप ढील ना दें, नहीं तो समस्या हो सकती है। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।
धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए किसी वाद विवाद में पड़ने से बचने के लिए रहेगा। व्यावसायिक गलतियों को आपको करने से बचना होगा। करिबियों का साथ और सहयोग आपको भरपूर मिलेगा। आप अपने आवश्यक कार्य को गति दे पाएंगे। किसी काम में उसके नीति व नियमों पर पूरा ध्यान दें, नहीं तो समस्या हो सकती है। जीवनसाथी से यदि रिश्ते में किसी बात को लेकर खटास चल रही है, तो आप अपने रिश्ते को बचाने की पूरी कोशिश करें, नहीं तो बाद में आपको पछतावा होगा। किसी कानूनी मामले में आप लापरवाही ना बरतें।
मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए लेनदेन के मामले में सावधान रहने के लिए रहेगा। आप किसी से उधार लेने से बचें और अपनी आय व्यय में संतुलन बनाकर चलेंगे, तो आपके लिए अच्छा रहेगा। आपके प्रभावशाली परिणाम से आप उत्साहित रहेंगे। आप यदि किसी सरकारी काम में ढील देंगे, तो उससे आपको समस्या हो सकती है। आप व्यवसाय की कुछ रुकी हुई योजनाओं की शुरुआत करने के लिए आपसे बातचीत कर सकते हैं। अनुशासन से कार्य करें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा और आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है, जिसे आप तुरंत आगे ना बढ़ाएं।
कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
आज का दिन आपके लिए संपत्ति संबंधित मामले में अच्छा रहने वाला है। शासन प्रशासन के कामों में आपको सावधान रहना होगा और व्यापार में आप किसी को साझेदार बनाने से बचें। सबके प्रति समर्थन का भाव रखेंगे। आपको किसी योजना से अच्छा लाभ मिलेगा। आप अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और उन्हें समय रहते पूरा करेंगे, जिससे आपके परिवार के सदस्य भी आपसे प्रसन्न रहेंगे, जो विद्यार्थी विदेश जाकर शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं, उन्हें कोई अच्छा अवसर हाथ लग सकता है।
मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
आज का दिन कारोबार कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है, उन्हें योजनाओं से अच्छा लाभ मिलने से कारोबार में अच्छा लाभ मिलेगा। आप संतान की शिक्षा पर पूरा जोर देंगे। आपको किसी लंबी दूरी की यात्रा का जाने का मौका मिलेगा और आप यदि किसी लक्ष्य को पकड़ते चलेंगे, तभी वह पूरा होता दिख रहा है। भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा। आपके प्रभाव और प्रताप में वृद्धि होगी। आपको अपने किसी परिजन की ओर से कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है।
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lawspark · 1 year ago
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मानव अधिकार और भारत का संविधान
परिचय मानव अधिकार किसी भी मनुष्य को उसके मानव जाति में जन्म के आधार पर उपलब्ध मूल अधिकार हैं। यह सभी मनुष्यों में अपनी राष्ट्रीयता, धर्म, भाषा, लिंग, रंग या किसी अन्य विचार के बावजूद निहित है। मानव अधिकारों का संरक्षण अधिनियम, 1993 मानवाधिकारों को परिभाषित करता है: “मानवाधिकार” का अर्थ है, संविधान द्वारा प्रदत्त व्यक्ति की जीवन, स्वतंत्रता, समानता और गरिमा से संबंधित अधिकार या भारत में अदालतों में अंतर्राष्ट्रीय वाचाएं और प्रवर्तनीय।देश के लोगों के विकास के लिए मानव अधिकारों का संरक्षण आवश्यक है, जो अंततः राष्ट्रीय विकास को एक पूरे के रूप में ले जाता है। भारत का संविधान देश के प्रत्येक नागरिक को बुनियादी मानवाधिकारों की गारंटी देता है। संविधान के मर्मज्ञों ने आवश्यक प्रावधानों को पूरा करने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया है। हालांकि, निरंतर विकास के साथ, मानव अधिकारों के क्षितिज का भी विस्तार हुआ है। सांसद अब लोगों के अधिकारों को पहचानने और प्रतिमाओं को पारित करने, प्रावधानों को संशोधित करने और आवश्यकता पड़ने पर आदि में एक महान भूमिका निभा रहे हैं। मानव अधिकारों का विकास भारत में मानव अधिकारों की उत्पत्ति बहुत पहले हुई थी। इसे बौद्ध धर्म, जैन धर्म के सिद्धांतों से आसानी से पहचाना जा सकता है। हिंदू धार्मिक पुस्तकों और धार्मिक ग्रंथों जैसे गीता, वेद, अर्थशत्र और धर्मशास्त्र में भी मानव अधिकारों के प्रावधान शामिल थे। अकबर और जहाँगीर जैसे मुस्लिम शासकों को उनके अधिकारों और न्याय के लिए बहुत सराहना मिली। शुरुआती ब्रिटिश युग के दौरान, लोगों को कई अधिकारों का बड़ा उल्लंघन करना पड़ा और इसके कारण भारत में आधुनिक मानवाधिकार न्यायशास्त्र का जन्म हुआ।24 जनवरी, 1947 को, संविधान सभा ने सरदार पटेल के साथ अध्यक्ष के रूप में मौलिक अधिकारों पर एक सलाहकार समिति बनाने के लिए मतदान किया। डॉ। बीआर अंबेडकर, बीएन राऊ, केटी शाह, हरमन सिंह, केएम मुंशी और कांग्रेस विशेषज्ञ समिति द्वारा अधिकारों की मसौदा सूची तैयार की गई थी। हालाँकि इसमें कुछ संशोधन प्रस्तावित थे, लेकिन इसमें शामिल सिद्धांतों पर लगभग कोई असहमति नहीं थी। मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा में अधिकार लगभग पूरी तरह से भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों या राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों में शामिल थे। उन्नीस मौलिक अधिकारों को मोतीलाल नेहरू समिति की रिपोर्ट, 1928 में शामिल किया  गया था, जिसमें से दस मौलिक अधिकारों में दिखाई देते हैं जबकि उनमें से तीन मौलिक कर्तव्य के रूप में दिखाई देते हैं ।अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार और मौलिक अधिकार (COI का भाग III) प्रावधान का संक्षिप्त विवरणयूडीएचआरसीओआईकानून के समक्ष समानता और समान सुरक्षाअनुच्छेद 7अनुच्छेद 14मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के उपायअनुच्छेद 8अनुच्छेद 32जीवन का अधिकार और व्यक्तिगत स्वतंत्रताअनुच्छेद 9अनुच्छेद 21अपराधों की सजा के संबंध में संरक्षणअनुच्छेद 11(2)अनुच्छेद 20(1)संपत्ति का अधिकारअनुच्छेद 17इससे पहले अनुच्छेद 31 के तहत एक मौलिक अधिकारअंतरात्मा की स्वतंत्रता का अधिकार और किसी भी धर्म का अभ्यास, प्रचार और प्रसार करनाअनुच्छेद 18अनुच्छेद 25(1)बोलने की स्वतंत्रताअनुच्छेद 19अनुच्छेद 19(1)(ए) सार्वजनिक सेवा के अवसर में समानताअनुच्छेद 21(2)अनुच्छेद 16(1)अल्पसंख्यकों की सुरक्षाअनुच्छेद 22अनुच्छेद 29(1)शिक्षा का अधिकारअनुच्छेद 26(1)अनुच्छेद 21(ए)भारत ने 01 जनवरी, 1942 को यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑन ह्यूमन राइट्स पर हस्ताक्षर किए थे। संविधान का भाग III ‘जिसे मैग्ना कार्टा भी कहा गया है’ में मौलिक अधिकार शामिल हैं। ये ऐसे अधिकार हैं जो किसी भी उल्लंघन के मामले में राज्य के खिलाफ सीधे लागू करने योग्य हैं। अनुच्छेद 13(2) राज्य को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन में कोई भी कानून बनाने से रोकता है। यह हमेशा यह प्रदान करता है कि अगर कानून का एक हिस्सा मौलिक अधिकारों के खिलाफ है, तो उस हिस्से को शून्य घोषित किया जाएगा। यदि शून्य भाग को मुख्य अधिनियम से अलग नहीं किया जा सकता है, तो पूरे अधिनियम को शून्य घोषित किया जा सकता है। कशवानंद भारती बनाम केरेला राज्य के मामले में , शीर्ष अदालत ने कहा: “मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा कानूनी रूप से बाध्यकारी साधन नहीं हो सकती है, लेकिन यह दिखाता है कि भारत ने उस समय मानवाधिकारों की प्रकृति को कैसे समझा, जब संविधान को अपनाया गया था। ”अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड और अन्य बनाम चंद्रिमा दास और अन्य, के मामले मेंयह देखा गया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यूडीएचआर को आदर्श आचार संहिता के रूप में मान्यता ��ी गई है। घरेलू न्यायशास्त्र में जरूरत पड़ने पर सिद्धांतों को पढ़ा जा सकता है।भारत के संविधान में संबंधित प्रावधानों के साथ मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के प्रावधान निम्नानुसार हैं:प्रावधान का संक्षिप्त विवरणICCPRसीओआईजीवन और स्वतंत्रता का अधिकारअनुच्छेद 6(1) और 9(1)अनुच्छेद 21तस्करी और जबरन श्रम पर रोकअनुच्छेद 8(3)अनुच्छेद 23कुछ मामलों में नजरबंदी के खिलाफ संरक्षणअनुच्छेद 9(2), (3) और (4)अनुच्छेद 22आंदोलन की स्वतंत्रताअनुच्छेद 12(1)अनुच्छेद 19(1) (डी)समानता का अधिकारअनुच्छेद 14 (1)अनुच्छेद 14 खुद के खिलाफ गवाह बनने के लिए मजबूर न होने का अधिकारअनुच्छेद 14(3)(जी)अनुच्छेद 20(3)दोहरे खतरे से सुरक्षाअनुच्छेद 14(7)अनुच्छेद 20(2) पूर्व पोस्ट वास्तविक कानून के खिलाफ संरक्षणअनुच्छेद 15(1)अनुच्छेद 20(1)अंतरात्मा की स्वतंत्रता का अधिकार और किसी भी धर्म का अभ्यास, प्रचार और प्रसार करनाअनुच्छेद 18(1)अनुच्छेद 25(1) और 25(2)(ए)भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रताअनुच्छेद 19(1) और (2)अनुच्छेद 19(1)(ए)शांतिपूर्वक विधानसभा का अधिकारअनुच्छेद 21अनुच्छेद 19(1) (बी)संघ / संघ बनाने का अधिकारअनुच्छेद 22(1)अनुच्छेद 19(1) (सी)सार्वजनिक सेवा के अवसर में समानताअनुच्छेद 25(सी)अनुच्छेद 16(1)कानून के समक्ष समानता और समान सुरक्षा और किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं जैसे दौड़, रंग, लिंग, भाषा, धर्म आदि।अनुच्छेद 26अनुच्छेद 14 और 15(1) अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षणअनुच्छेद 27अनुच्छेद 29(1) और 30राजनीतिक और नागरिक अधिकारों, 1966 (ICCPR) पर अंतर्राष्ट्रीय वाचा में निहित कई नागरिक और राजनीतिक अधिकार भी भारत के संविधान के भाग III में निहित हैं। भारत ने ICCPR पर हस्ताक्षर और पुष्टि की है। जॉली जॉर्ज वर्गीस और अनर के मामले में। v। बैंक ऑफ कोचीन , जे। कृष्णा अय्यर ने देखा कि हालांकि एक प्रावधान ICCPR में मौजूद है, लेकिन भारतीय संविधान में नहीं है, यह वाचा को भारत में ‘कॉर्पस ज्यूरिस’ का प्रवर्तनीय हिस्सा नहीं बनाता है। भारत के संविधान के संगत प्रावधान के साथ ICCPR के प्रावधान इस प्रकार हैं:कुछ अधिकार जो पहले मौलिक अधिकारों में शामिल नहीं थे, लेकिन ICCPR में उपलब्ध थे। विभिन्न न्यायिक घोषणाओं द्वारा उन्हें मौलिक अधिकार माना गया। उनमें से कुछ हैं राइट टू फेयर ट्रायल, राइट टू प्राइवेसी, राइट टू लीगल एड, राइट टू राइट टू विदेश यात्रा। मैं इस लेख के बाद के भाग में उनके साथ विस्तार से काम करूंगा।आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों (ICESCR) और राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों (COI का भाग IV)  पर अंतर्राष्ट्रीय वाचाICESCR एक बहुपक्षीय संधि है जो मुख्य रूप से सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों जैसे कि भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा, आश्रय आदि पर केंद्रित है। भारत ने 10 अप्रैल, 1979 को इस वाचा का अनुमोदन किया। इस वाचा के अधिकांश प्रावधान भाग IV (DPSPs) में पाए जाते हैं। भारतीय संविधान।  भारत के संविधान के संगत प्रावधान के साथ ICESCR के प्रावधान इस प्रकार हैं: प्रावधान का संक्षिप्त विवरणICESCRसीओआईकाम का अधिकारअनुच्छेद 6(1)अनुच्छेद 41समान काम के लिए समान वेतनअनुच्छेद 7(ए)(i)अनुच्छेद 39(डी)जीवन यापन और जीवन के लिए वंश मानक का अधिकार।अनुच्छेद 7(ए)(ii) और (d)अनुच्छेद 43काम और मातृत्व अवकाश की मानवीय स्थिति।अनुच्छेद 7(बी) और 10)(2)अनुच्छेद 42बच्चों को शोषण के खिलाफ रोकथाम के लिए अवसर और अवसर।अनुच्छेद 10(3)अनुच्छेद 39(f)सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और पोषण का स्तर और जीवन स्तर में वृद्धि। अनुच्छेद 11अनुच्छेद 47बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षाअनुच्छेद 13(2)(ए)अनुच्छेद 45 अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षणअनुच्छेद 27अनुच्छेद 29(1) और 30अनधिकृत मौलिक अधिकार संविधान के अधिनियमन के समय वाचा में जितने अधिकार उपलब्ध थे, उतने मौलिक अधिकार उपलब्ध नहीं थे। न्यायिक व्याख्याओं ने भारतीय संविधान में उपलब्ध मौलिक अधिकारों के दायरे को चौड़ा किया है। एडीएम जबलपुर बनाम शिवाकांत शुक्ला की अदालत में, शीर्ष अदालत ने देखा था कि भूमि का कानून भारतीय संविधान में विशेष रूप से प्रदान किए गए अन्य प्राकृतिक या सामान्य कानून अधिकारों को मान्यता नहीं देता है। बाद में, मेनका गांधी बनाम भारत संघ , जे। भगवती के मामले में ; “आर्टिकल 21 में अभिव्यक्ति the व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ व्यापक आयाम की है और इसमें कई तरह के अधिकार शामिल हैं, जो मनुष्य की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का गठन करने के लिए जाते हैं और उनमें से कुछ को अलग मौलिक अधिकारों की स्थिति में खड़ा किया गया है और अतिरिक्त सुरक्��ा दी गई है अनुच्छेद 19 के तहत। कोई भी व्यक्ति विदेश जाने के अपने अधिकार से तब तक वंचित नहीं रह सकता, जब तक कि राज्य द्वारा उसे वंचित करने की प्रक्रिया को निर्धारित करने वाला कोई कानून न हो, और इस तरह की प्रक्रिया के अनुसार वंचित होने पर सख्ती से प्रभाव डाला जाता है। ”वर्तमान मामले के बाद, मौलिक अधिकारों को सक्रिय और सार्थक बनाने के लिए शीर्ष अदालत ने “मुक्ति के सिद्धांत” के साथ पेश किया। साथ ही, ‘लोकस स्टैंडी’ के नियम में छूट कोर्ट द्वारा दी गई थी। मौलिक अधिकार की कुछ प्रमुख न्यायिक व्याख्याएं इस प्रकार हैं:अधिकारनिर्णय विधिमानव सम्मान के साथ जीने का अधिकारPUCL और अन्य बनाम महाराष्ट्र और अन्य।स्वच्छ वायु का अधिकारएमसी मेहता (ताज ट्रेपेज़ियम मैटर) बनाम भारत संघस्वच्छ जल का अधिकारएमसी मेहता बनाम भारत संघ और अन्यशोर प्रदूषण से मुक्ति का अधिकारपुन: शोर प्रदूषणशीघ्र परीक्षण का अधिकारहुसैनारा खातून और अन्य बनाम गृह सचिव, बिहार राज्यनि: शुल्क कानूनी सहायता का अधिकारखत्री और अन्य लोग बनाम बिहार और राज्यआजीविका का अधिकारओल्गा टेलिस और अन्य बनाम बंबई नगर निगमभोजन का अधिकारकिशन पटनायक बनाम ओडिशा राज्यचिकित्सा देखभाल का अधिकारपं. परमानंद कटारा बनाम भारत और अन्य संघ।स्वच्छ पर्यावरण का अधिकारग्रामीण अभियोग और प्रवेश केंद्र उत्तर प्रदेश और राज्य के बनामएकान्तता का अधिकारके.एस. पुट्टस्वामी और अन्य बनाम भारत और ओआरएस संघनिष्कर्ष मानवाधिकार वे मूल अधिकार हैं जो मनुष्य के रूप में उसके विकास का अनिवार्य हिस्सा हैं। संविधान मौलिक अधिकारों और डीपीएसपी के रूप में उन मूल अधिकारों के रक्षक के रूप में कार्य करता है। मौलिक अधिकारों पर अधिक बल दिया गया है और वे कानून की अदालत में सीधे लागू हैं। भारतीय संविधान के भाग III और भाग IV के एक गहन अध्ययन से, यह आसानी से स्पष्ट है कि UDHR (मानव अधिकारों पर सार्वभौमिक घोषणा) में प्रदान किए गए लगभग सभी अधिकार इन दो भागों में शामिल हैं।न्यायपालिका ने ‘लोकस स्टैंडी’ के नियमों को शिथिल करने जैसे महान कदम भी उठाए हैं और अब प्रभावित लोगों के स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति कोर्ट का रुख कर सकता है। शीर्ष अदालत ने एक नागरिक को उपलब्ध मौलिक अधिकारों की व्याख्या की है और अब निजता के अधिकार, स्पष्ट पर्यावरण के अधिकार, मुफ्त कानूनी सहायता के अधिकार, निष्पक्ष निशान के अधिकार आदि को भी मौलिक अधिकारों में जगह मिलती है।  Read the full article
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imnitishverma · 1 year ago
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Facebook Twitter Instagram Ban| क्या ये Facebook Twitter Instagram भारत में कल से हो जाएंगे बंद?
अगर आप सोशल मीडिया का प्रयोग करते हैं। तो आपने Facebook Twitter Instagram Ban होने जैसी कुछ न्यूज़ पढ़ी या सुनी होगी। इस पोस्ट में मैं आपको इसी के बारे पूरी जानकारी देने जा रहा हूँ।
फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया दिग्गजों को भारत में प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है यदि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए नए मध्यस्थ दिशानिर्देशों (intermediary guidelines) का पालन करने में विफल रहते हैं। इन दिशानिर्देशों को स्वीकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITy) द्वारा दी गई तीन महीने की समय सीमा आज यानी 25 मई को समाप्त हो रही है। लेकिन अभी तक किसी भी दिग्गज ने नए नियमों को स्वीकार नहीं किया है। इन कंपनियों द्वारा अपने कार्यान्वयन में कुल छह महीने की देरी की मांग के बावजूद नियम कल से प्रभावी होंगे।
घरेलू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू, जो कि ट्विटर का भारतीय संस्करण है, एकमात्र ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसने अब तक केंद्र के intermediary guidelines को स्वीकार किया है।यहाँ समझिये Online News और social media regulation पर भारत सरकार के दिशा-निर्देश क्या हैं?
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि नियमों का पालन नहीं करने पर सरकार उनके खिलाफ देश के कानून के मुताबिक कार्रवाई भी कर सकती है.
इस बीच, फेसबुक ने संकेत दिया है कि वह आईटी नियमों का पालन करेगा। “हमारा उद्देश्य आईटी नियमों के प्रावधानों का पालन करना है और कुछ ऐसे मुद्दों पर चर्चा करना जारी रखना है जिनके लिए सरकार के साथ अधिक जुड़ाव की आवश्यकता है। आईटी नियमों के अनुसार, हम परिचालन प्रक्रियाओं को लागू करने और दक्षता में सुधार करने के लिए काम कर रहे हैं। फेसबुक प्रतिबद्ध है लोगों की स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से हमारे मंच पर खुद को व्यक्त करने की क्षमता, “कंपनी के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा।
फरवरी में नए नियमों की घोषणा की गई थी, जिसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क व्यक्ति और निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित अतिरिक्त उचित परिश्रम का पालन करने के लिए ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती है।
अधिकारियों का सुझाव है कि शिकायतों के लिए सार्वजनिक संपर्क के महत्व और अनुरोधों के लिए एक acknowledgement system की आवश्यकता को देखते हुए, नियमों के लागू होने के पहले दिन से एक शिकायत अधिकारी की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण आवश्यकता होगी।
25 फरवरी को, सरकार ने सोशल मीडिया फर्मों के लिए कड़े नियमों की घोषणा की थी, जिसमें उन्हें 36 घंटे के भीतर अधिकारियों द्वारा किसी भी फ्लैग्ड सामग्री को हटाने और देश में स्थित एक अधिकारी के साथ एक मजबूत शिकायत निवारण तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता थी।
सरकार ने ‘significant social media intermediary’ को परिभाषित करने के लिए 50 लाख पंजीकृत उपयोगकर्ताओं को सीमा के रूप में निर्धारित किया था, जिसका अर्थ है कि ट्विटर, फेसबुक और Google जैसे बड़े खिलाड़ियों को अतिरिक्त मानदंडों का पालन करना होगा। फरवरी में दिशानिर्देशों की घोषणा करते हुए, सरकार कहा था कि नए नियम तुरंत प्रभावी होते हैं, जबकि महत्वपूर्ण सोशल मीडिया प्रदाताओं (उपयोगकर्ताओं की संख्या के आधार पर) को अनुपालन शुरू करने से पहले तीन महीने का समय मिलेगा।
महत्वपूर्ण सोशल मीडिया कंपनियों को एक मासिक अनुपालन रिपोर्ट भी प्रकाशित करनी होगी जिसमें प्राप्त शिकायतों और की गई कार्रवाई के विवरण के साथ-साथ सक्रिय रूप से हटाई गई सामग्री का विवरण भी होगा। उन्हें भारत में एक भौतिक संपर्क पता अपनी वेबसाइट या मोबाइल ऐप, या दोनों पर प्रकाशित करने की भी आवश्यकता होगी।
सरकार द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में 53 करोड़ व्हाट्सएप उपयोगकर्ता, 44.8 करोड़ YouTube उपयोगकर्ता, 41 करोड़ फेसबुक ग्राहक, 21 करोड़ इंस्टाग्राम ग्राहक हैं, जबकि 1.75 करोड़ खाताधारक माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर हैं। कू के करीब 60 लाख उपयोगकर्ता हैं, जिसने नए दिशानिर्देशों के तहत एक प्रमुख social media intermediary बनाया है।
Congress toolkit विवाद क्या है?
Congress toolkit विवाद में, दिल्ली पुलिस ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ट्विटर इंडिया के स्थानीय कार्यालयों का दौरा किया, जब ट्विटर ने भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को “हेरफेर मीडिया” के रूप में चिह्नित किया।
ट्विटर के अनुमानित फैसले ने देश भर में भारतीय उपयोगकर्ताओं के बीच व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है।
सूत्रों ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, जिन्हें मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता थी कि कितनी शिकायतें दर्ज की गईं और सुलझाई गईं, ऐसा करने में विफल रही हैं। सूत्रों ने कहा कि कुछ प्लेटफार्मों ने अनुपालन प्रस्तुत करने के लिए छह महीने तक का और समय मांगा है।
भारत जैसे लोकतंत्रों में अपने विशाल उपयोगकर्ता आधार और लाभदायक राजस्व के कारण, यूएस-आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बहुत बड़े हो गए हैं। हालांकि, किसी भी प्लेटफॉर्म ने भारत के घरेलू कानूनों का पालन करने के लिए कोई झुकाव नहीं दिखाया है।
इसके बजाय, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने अपने fact-checking mechanism और ट्वीट्स को लेबल करने के उनके मानदंडों के बारे में पारदर्शी होने से इनकार कर दिया है।
फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए नए नियम पेश किए गए थे – जिन्होंने भारत में पिछले कुछ वर्षों में उपयोग में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है – अपने प्लेटफॉर्म पर होस्ट की गई सामग्री के लिए अधिक जवाबदेह और जिम्मेदार।
सोशल मीडिया कंपनियों को शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर नग्नता या मॉर्फ्ड फोटो दिखाने वाले पोस्ट को हटाना होगा।
नियम यह भी कहते हैं कि जो उपयोगकर्ता स्वेच्छा से अपने खातों को सत्यापित करना चाहते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए एक उपयुक्त तंत्र दिया जाना चाहिए, और visible mark of verification दिया जाना चाहिए।
जब कोई महत्वपूर्ण social media intermediary स्वयं सामग्री को हटाता है, तो उपयोगकर्ताओं को पूर्व सूचना और स्पष्टीकरण प्रदान करना होगा। ऐसे मामलों में, उपयोगकर्ताओं को मध्यस्थ द्वारा की गई कार्रवाई पर विवाद करने के लिए पर्याप्त और उचित अवसर प्रदान करना होगा।
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