#ग्राम प्रधान प्रत्याशी की हत्या
Explore tagged Tumblr posts
Text
विकास दुबे के गांव बिकरू में 25 साल बाद निष्पक्ष चुना गया प्रधान Divya Sandesh
#Divyasandesh
विकास दुबे के गांव बिकरू में 25 साल बाद निष्पक्ष चुना गया प्रधान
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर की चर्चित बिकरू ग्राम पंचायत में करीब 25 साल बाद कोई निष्पक्ष रूप से प्रधान बना है। यहां मधु ने 381 वोट हासिल कर प्रधान पद पर कब्जा जमाया है। उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बिंद कुमार को 54 वोटों से हराया। इसके पहले विकास दुबे की दहशत और प्रभाव के कारण 1995 से अभी तक कभी निष्पक्ष मतदान नहीं हुआ था। ज्ञात हो कि बिकरू गांव पिछले साल तब सुर्खियों में आया जब वहां दुर्दांत विकास दुबे ने आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। जिसके बाद पुलिस एनकाउंटर में विकास दुबे और उसके 5 साथी ढेर हो गए थे।
लंबे समय तक आतंक का पर्याय बने रहे विकास दुबे के अंत के बाद बिकरू ग्राम पंचायत में लगभग ढाई दशक बाद एक बार पुन: लोकतंत्र बहाल हो गया। 25 साल बाद बिना किसी दबाव के चुनाव हुए। मतदान में गणना के बाद मधु ने जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया है। यहां मधु और प्रतिद्वंद्वी बिंदु कुमार के बीच कांटे की टक्कर रही। कड़े मुकाबले के बाद मधु ने जीत दर्ज की है।
जनता ने भी अपने-अपने प्रत्याशियों का खुलकर समर्थन किया। मुख्य मुकाबला मधु और बिंद कुमार के बीच रहा। नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान मधु का कहना है कि अभी तक गांव में जो भी हुआ उसे भुलाकर पूरी निष्ठा व निष्पक्षता के साथ गांव में विकास कार्य कराएंगी।
गौरतलब है कि 14 सौ वोटर वाली बिकरू ग्राम पंचायत इस बार आरक्षित सीट थी। जिस पर 10 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। ज्ञात हो कि विकास जिसे चाहता था, उसे निर्विरोध चुनाव जितवाता था। बिकरू ग्राम पंचायत में विकास दुबे के रहते किसी ने चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटाई। 1995 में विकास के प्रधान बनने के बाद ग्राम पंचायत विकास की विरासत सी बनकर रह गई थी।
यह खबर भी पढ़ें: अंधविश्वास के चलते यूपी में ��ोरोना मरीज पीपल के पेड़ के नीचे जुटे
उसने जिसे चाहा, उसे प्रधान बनाया। 25 वर्षों के दौरान प्रधान कोई भी रहा हो लेकिन अधिकार सारे विकास दुबे के पास रहे। विकास दुबे के एनकाउंटर के साथ ही उसकी दहशत का भी अंत हुआ और इस बार 10 लोगों ने प्रधानी के लिए दावा किया।
दूसरी ओर बिकरू गांव के ठीक बगल में भीठी ग्राम पंचायत में भी हमेशा से ही विकास की ही दखलंदाजी रही। यहां भी इस बार निष्पक्ष चुनाव में रीता देवी ने अपनी प्रतिद्वंद्वी मीरा देवी को 157 वोटों से हराया। बकौल रीता गांव का विकास कराना ही उनकी प्राथमिकता होगी।
गौरतलब हो कि 25 साल पहले विकास दुबे यहां का प्रधान बना था। जिसके बाद से वहां पर निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सका। विकास दुबे जिसे चाहता था वहीं चुनाव जीतता था। विकास बिकरू ही नहीं आसपास के इलाके में निर्विरोध प्रधान का चुनाव करा देता था। पिछली बार उसकी बहू अंजली दुबे बिकरू से ग्राम प्रधान थी। जबकि उसकी पत्नी रिचा दुबे घिमऊ से क्षेत्र जिला पंचायत सदस्य थी।
ग्रामीण इस बार निष्पक्ष चुनाव होने से काफी खुश हैं। बिकरू और आसपास के गांवों का आलम यह था कि कई युवाओं ने पहली बार यहां पंचायत चुनाव प्रचार देखा था। इतना ही नहीं प्रत्याशी घर-घर जाकर वोट मांग रहे थे।
प्रधान पर विजयी हुई मधु का कहना है कि वह बिकरू के विकास के लिए काम करेंगी।
–आईएएनएस
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
Text
प्रधान प्रत्याशी की गोली मार कर हत्या,नामांकन के वाद घर लौटते समय की घटना
पटियाली(कासगंज) तहसील इलाके के थाना सिकंदरपुर वैश्य में ग्राम बल्ले के प्रधान प्रत्याशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक समेत सड़क किनारे घायल मिले प्रत्याशी ने बदायूं में इलाज के दौरान दम तोड़ा। वहां पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ��ीने में गोली फंसी मिली। इसके बाद बुधवार शाम को घरवालों ने उनकी हत्या का मुकदमा अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया। रिपोर्ट के अनुसार प्रधान पद के प्रत्याशी संदीप यादव पुत्र…
View On WordPress
0 notes
Text
Quick Read: घर से बाहर प्रधान पद प्रत्याशी का मर्डर, समर्थकों से हुआ था विवाद [Source: Patrika : India's Leading Hindi News Portal]
Quick Read: घर से बाहर प्रधान पद प्रत्याशी का मर्डर, समर्थकों से हुआ था विवाद [Source: Patrika : India’s Leading Hindi News Portal]
गोली मारकर हत्या, चुनावी रंजिश में वारदात अंजाम देने की आशंका वाराणसी. प्रधान पद प्रत्याशी सहडी ग्राम निवासी किशन उर्फ जैन सिंह (38) शनिवार देर रात चुनाव प्रचार के बाद अपने स्कॉर्पियो वाहन से घर लौटे थे। घर पहुंचने के बाद किसी अज्ञात व्यक्ति से मोबाइल पर बात करते हुए वह घर से बाहर चला गया। इसके बाद वापस नहीं आया। घर से 100 मीटर दूर जैन सिंह का खून से लथपथ शव देखकर ग्रामीणों ने परिजनों को सूचना…
View On WordPress
0 notes
Text
इंदरपुर वाराणसी में पंचायत चुनव स्थगित
इंदरपुर वाराणसी में पंचायत चुनव स्थगित
रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम Updated Sun, 11 Apr 2021 09:18 PM IST मृतक विजेंद्र यादव उर्फ पप्पू। (फाइल फोटो) – फोटो: सोशल मीडिया ख़बर सुनना ख़बर सुनना वाराणसी जनपद के पिंडरा ब्लाक स्थित इंदरपुर के ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी विजेंद्र कुमार यादव की नामांकन के बाद हत्या होने से गांव की चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर गई है। चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में पत्र…
View On WordPress
#up news in hindi#uttar pradesh news in hindi#uttar pradesh अपराध#uttar pradesh न्यूज़ क्राइम#var आज की खबर#var आज की शीर्ष खबर#var आज की शीर्ष पांच खबरें#varasi news in hindi#अपराध#अपराध आज की खबर#अपराध आज शीर्ष पांच समाचार#अपराध उत्कर्ष प्रधान#अपराध नवीनतम समाचार#अपराध में#अपराध शीर्ष समाचार आज#अपराध समाचार#अपराध समाचार हिंदी में#अमर उजाला न्यूज़ क्राइम#अमर उजाला वराणासी न्यूज़#आग उगलता हुआ#उत्तर प्रदेश#काशी उतप्रेष प्रधान#काशी भारत#क्राइम ब्रेकिंग न्यूज#ग्राम प्रधान पद प्रत्याशी की हत्या#ग्राम प्रधान प्रत्याशी की हत्या#नवीनतम वाराणसी समाचार हिंदी में#पंचायत चुनाव#फायरिंग#बनारस uttar pradesh
0 notes
Photo
यूपी : रामराज में समाजवादी पार्टी के नेता और बेटे की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में समाजवादी पार्टी के नेता और उसके बेटे की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई | ये हत्या गांव में बन रही एक सड़क को लेकर हुये विवाद पर की गई है | हत्या की इस वारदात का लाइव वीडियो भी कैमरे में कैद हुआ है |
मामला संभल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र का है. यहां के गांव समसोई में सड़क को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. सपा नेता की पत्नी ग्राम प्रधान हैं.
गांव में एक सड़क बनाने का काम चल रहा है, जिसका कुछ लोग विरोध कर रहे थे. यही विवाद इतना बढ़ गया कि बंदूकें निकल आईं. इस दौरान मौके पर मौजूद सपा नेता छोटे लाल दिवाकर और उसके बेटे को गोली मार दी गई.
आरोपी जब फायरिंग कर रहे थे तो उस वक्त वहां काफी लोग मौजूद थे. लोगों ने इस घटना का वीडियो मोबाइल में शूट कर लिया.
इस वीडियो में आरोपी गोली मारते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं. फिलहाल पुलिस ने कुछ लोगों को हिर���सत में लिया है, लेकिन हत्या के मुख्य आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.
मौके पर जिले के आला अधिकारी भी पहुंचे और हालात का जायजा लिया | सपा नेता के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है |
परिजनों का आरोप है कि पुलिस को सूचना दी गयी पर देर से मौके पर पहुंची | फिलहाल गांव में तनावपूर्ण माहौल देखते हुये पीएसी तैनात कर दी गई है |
समाजवादी पार्टी ने इस वारदात पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है | पार्टी ने ट्वीट कर कहा, ‘हत्यारी सरकार! BJP के सत्ता संरक्षित गुंडे कर रहे जनता की आवाज उठाने वालों पर प्रहार! संभल के दलित नेता एवं चंदौसी से पूर्व सपा विधानसभा प्रत्याशी श्री छोटे लाल दिवाकर समेत उनके पुत्र की हत्या दुखद! परिजनों के प्रति संवेदना! हत्यारों को गिरफ्तार कर हो न्याय!’
पार्टी ने वारदात का वीडियो भी ट्वीट किया है | इस वीडियो में सपा नेता और फायरिंग करने वाले दबंगों के बीच पहले बहत हो रही है |
आसपास बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं | ये घटना उसी जगह की है जिस सड़क को लेकर विवाद है | वीडियो में नजर आ रहा है कि दो लोगों ने हाथों रायफल ली हुई है |
कुछ लोग उन्हें समझाते हैं जिसके बाद वो आगे बढ़ जाते हैं | इतने में ही वो दोनों पीछे से आ रहे सपा और उसके बेटे की तरफ मुड़ते हैं और फायरिंग कर देते हैं |
फायरिंग के बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया | दबंगों ने भीड़ के मौजूदगी में सपा नेता और उसके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी |
https://kisansatta.com/up-samajwadi-party-leader-and-son-shot-dead-in-broad-daylight-in-ramraj/ #UPSamajwadiPartyLeaderAndSonShotDeadInBroadDaylightInRamraj UP: Samajwadi Party leader and son shot dead in broad daylight in Ramraj State, Top, Trending #State, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
0 notes
Text
मेरठ में माता-पिता की हार के बाद यूपी पंचायत प्रत्याशी सोन मान ने युवक को गोली मारी उपचुनाव में नाम वापस नहीं लेने पर युवक की हत्या कर दी गई।पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया
मेरठ में माता-पिता की हार के बाद यूपी पंचायत प्रत्याशी सोन ��ान ने युवक को गोली मारी उपचुनाव में नाम वापस नहीं लेने पर युवक की हत्या कर दी गई।पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया
मेरठ१३ मिनट पहले प्रतिरूप जोड़ना रविवार दोपहर अंकित ने मोहल्ले के एक युवक की हत्या कर दी. उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मेरठ के अंकोली थाना क्षेत्र में रविवार दोपहर पूर्व प्रखंड प्रमुख के बेटे को चुनावी रंजिश में हत्या के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता चला कि आरोपी की मां ने ग्राम प्रधान और जिला पंचायत सदस्य के पिता का चुनाव लड़ा था,…
View On WordPress
0 notes
Text
विकास दुबे की मौत... और बिकरू गांव मना रहा लोकतंत्र का पर्व... बुजुर्ग ऐसे पहुंच रहे मतदान स्थल Divya Sandesh
#Divyasandesh
विकास दुबे की मौत... और बिकरू गांव मना रहा लोकतंत्र का पर्व... बुजुर्ग ऐसे पहुंच रहे मतदान स्थल
सुमित शर्मा, कानपुर कानपुर में गुरुवार को पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग हो रही है। लेकिन सभी की नजर बिकरू गांव पर है। कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद बिकरू गांव के ग्रामीण 25 साल बाद लोकतंत्र के इस पर्व को मना रहे हैं। ग्रामीणों में खु��ी का माहौल है, पूरा गांव इसे त्योहार के रूप में मना रहा है। सुबह सात बजे से ही ग्रामीण मतदान स्थल पर लाइन लगाकर खड़े हैं। गांव के बुजुर्ग जो चलने में असमर्थ, परिजन उन्हे गोद में लेकर मतदान स्थल तक पहुंच रहे हैं। विकास दुबे के रहते गांव में उसके खिलाफ या फिर उसके प्रत्याशी के खिलाफ कोई नामाकंन नहीं करता था।
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने बीते 02 जुलाई की रात अपने अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू हत्याकांड के बाद एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर विकास दुबे समेत उसके साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास की मौत के बाद बिकरू गांव के लोग खुद को आजाद महसूस कर रहे थे। विकास दुबे एनकांउटर के 09 महीने बीत चुके हैं। अब ग्रामीणों के मन से विकास नाम की दहशत भी निकल चुकी है। जिसका झलक पंचायत चुनाव में देखने को मिल रही है।
पहली बार 10 दावेदार चुनावी मैदान में उतरे बिकरू ग्रामसभा में 25 साल बाद प्रधानपद के 10 दावेदार सामने आए हैं। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की ग्रामीणों में इस कदर दहशत थी कि कोई भी दावेदार खड़ा नहीं होता था। विकास जिसको चाहता था, उसको निर्विरोध चुनाव जितवाता था। इसके साथ ही विकास जिसे कहता था, ग्रामीण उसे ही वोट देते थे। विकास की मौत के बाद ग्रामीण आजादी महसूस कर रहे हैं। अब वो जिसको चाहें उसको वोट कर रहे हैं, अपनी मर्जी का प्रधान चुनने के लिए मतदान स्थ्ल पर लाइन लगा कर खड़े हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति का होगा प्रधान पंचायत चुनाव 2021 में बिकरू गांव से अनुसूचित जाति जनजाति का प्रधान होगा। बिकरू ग्रामसभा में डिब्बानिवादा मजरा आता है। गांव की आबादी लगभग 800 है। बिकरू गांव में 7 दावेदारों और मजरा डिब्बानिवादा से 3 दावेदारों ने नामांकन किया है। सभी दावेदार पूरी ताकत से चुनाव के प्रचार-प्रसार में लगे है। वहीं विकास के परिवार ने पंचायत चुनाव से दूरी बना रखी है।
25 वर्षों में कौन-कौन बना प्रधान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जैसे-जैसे कद बढ़ता गया। उसकी जड़े मजबूत होती चली गई। विकास जिसको चाहता था, उसको ग्राम प्रधान बनाता था। 1995 में विकास दुबे पहली बार ग्राम प्रधान चुना गया था। चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र की चाभी उसके हाथ लग गई। सन् 2000 में अनुसूचित जाति की सीट होने पर विकास ने गांव की गायत्री देवी को प्रत्याशी बनाया था। गायत्री देवी चुनाव जीत कर प्रधान बन गई। 2005 में जनरल सीट होने पर विकास के छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली को निर्विरोध प्रधान चुना गया। सन् 2010 में बैकवर्ड सीट होने पर विकास ने रजनीश कुशवाहा को मैदान में उतारा था। रजनीश कुशवाहा ग्राम प्रधान चुना गया। 2015 में अंजली दुबे दोबारा निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गई थी। प्रधान कोई भी बने लेकिन उसकी चाभी विकास के हाथों में रहती थी।
0 notes
Text
UP Panchayat Chunav: विकास दुबे की मौत... और बिकरू गांव मना रहा लोकतंत्र का पर्व... बुजुर्ग ऐसे पहुंच रहे मतदान स्थल Divya Sandesh
#Divyasandesh
UP Panchayat Chunav: विकास दुबे की मौत... और बिकरू गांव मना रहा लोकतंत्र का पर्व... बुजुर्ग ऐसे पहुंच रहे मतदान स्थल
सुमित शर्मा, कानपुर कानपुर में गुरुवार को पंचायत चुनावों के लिए वोटिंग हो रही है। लेकिन सभी की नजर बिकरू गांव पर है। कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मौत के बाद बिकरू गांव के ग्रामीण 25 साल बाद लोकतंत्र के इस पर्व को मना रहे हैं। ग्रामीणों में खुशी का माहौल है, पूरा गांव इसे त्योहार के रूप में मना रहा है। सुबह सात बजे से ही ग्रामीण मतदान स्थल पर लाइन लगाकर खड़े हैं। गांव के बुजुर्ग जो चलने में असमर्थ, परिजन उन्हे गोद में लेकर मतदान स्थल तक पहुंच रहे हैं। विकास दुबे के रहते गांव में उसके खिलाफ या फिर उसके प्रत्याशी के खिलाफ कोई नामाकंन नहीं करता था।
दुर्दांत अपराधी विकास दुबे ने बीते 02 जुलाई की रात अपने अपने गुर्गों के साथ मिलकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू हत्याकांड के बाद एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर विकास दुबे समेत उसके साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। विकास की मौत के बाद बिकरू गांव के लोग खुद को आजाद महसूस कर रहे थे। विकास दुबे एनकांउटर के 09 महीने बीत चुके हैं। अब ग्रामीणों के मन से विकास नाम की दहशत भी निकल चुकी है। जिसका झलक पंचायत चुनाव में देखने को मिल रही है।
पहली बार 10 दावेदार चुनावी मैदान में उतरे बिकरू ग्रामसभा में 25 साल बाद प्रधानपद के 10 दावेदार सामने आए हैं। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की ग्रामीणों में इस कदर दहशत थी कि कोई भी दावेदार खड़ा नहीं होता था। विकास जिसको चाहता था, उसको निर्विरोध चुनाव जितवाता था। इसके साथ ही विकास जिसे कहता था, ग्रामीण उसे ही वोट देते थे। विकास की मौत के बाद ग्रामीण आजादी महसूस कर रहे हैं। अब वो जिसको चाहें उसको वोट कर रहे हैं, अपनी मर्जी का प्रधान चुनने के लिए मतदान स्थ्ल पर लाइन लगा कर खड़े हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति का होगा प्रधान पंचायत चुनाव 2021 में बिकरू गांव से अनुसूचित जाति जनजाति का प्रधान होगा। बिकरू ग्रामसभा में डिब्बानिवादा मजरा आता है। गांव की आबादी लगभग 800 है। बिकरू गांव में 7 दावेदारों और मजरा डिब्बानिवादा से 3 दावेदारों ने नामांकन किया है। सभी दावेदार पूरी ताकत से चुनाव के प्रचार-प्रसार में लगे है। वहीं विकास के परिवार ने पंचायत चुनाव से दूरी बना रखी है।
25 वर्षों में कौन-कौन बना प्रधान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जैसे-जैसे कद बढ़ता गया। उसकी जड़े मजबूत होती चली गई। विकास जिसको चाहता था, उसको ग्राम प्रधान बनाता था। 1995 में विकास दुबे पहली बार ग्राम प्रधान चुना गया था। चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र की चाभी उसके हाथ लग गई। सन् 2000 में अनुसूचित जाति की सीट होने पर विकास ने गांव की गायत्री देवी को प्रत्याशी बनाया था। गायत्री देवी चुनाव जीत कर प्रधान बन गई। 2005 में जनरल सीट होने पर विकास के छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली को निर्विरोध प्रधान चुना गया। सन् 2010 में बैकवर्ड सीट होने पर विकास ने रजनीश कुशवाहा को मैदान में उतारा था। रजनीश कुशवाहा ग्राम प्रधान चुना गया। 2015 में अंजली दुबे दोबारा निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गई थी। प्रधान कोई भी बने लेकिन उसकी चाभी विकास के हाथों में रहती थी।
0 notes
Text
भूमि विवाद को लेकर पंचायत प्रत्याशी की गोली मारकर हत्या, मामला दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस Divya Sandesh
#Divyasandesh
भूमि विवाद को लेकर पंचायत प्रत्याशी की गोली मारकर हत्या, मामला दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस
वाराणसी। पप्पू यादव के नाम से परिचित एक पूर्व ग्राम प्रधान बृजेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वह दोबारा चुनाव लड़ने वाले थे। मृतक के परिवार ने हिस्ट्री शीटर अनिल यादव उर्फ भूसी यादव के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। अनिल के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी है।
एसपी (ग्रामीण) अमित वर्मा ने कहा, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अनिल के रिश्तेदारों की तरफ से बृजेश के नाम पर एक जमीन का पंजीकरण कराया गया था और इसी बात को लेकर वह बृजेश से नाराज था। अनिल उस जमीन को अपने नाम करवाना चाहता था।
उन्होंने आगे कहा, बृजेश और अनिल पहले दोस्त हुआ करते थे और पंचायत चुनाव का प्रत्याशी मृतक बृजेश यादव खुद भी एक हिस्ट्री शीटर था।
रविवार को बृजेश जब बाइक पर सवार होकर अपने घर लौट रहा था, तभी एक बगीचे के पास उस पर हमला बोला गया। उस पर कई बार गोलियां चलाई गईं। इलाज के लिए बनारस हिंदू विश्वविद्या��य के ट्रॉमा सेंटर ले जाने के रास्ते में उसने अपना दम तोड़ दिया।
यह खबर भी पढ़ें: PHOTOS: शादी को बेताब 2 फुटे अजीम की चमकी किस्मत, दिल्ली की लड़की ने किया प्रपोज़
बृजेश के घरवालों ने पुलिस को एक वीडियो सौंपा है, जिसमें उसका बयान है। एसपी ने कहा, “मरने से पहले उसने अपने परिवार को बताया कि अनिल ने उस पर हमला किया था। उसके परिवार के सदस्यों ने उसके बयान पर एक वीडियो रिकॉर्ड किया है, जिसमें वह अनिल का नाम लेते नजर आ रहा है।”
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
फरार आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।
–आईएएनएस
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
Text
पंचायत चुनाव
रिपोर्टर डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी द्वारा प्रकाशित: लेखराज गौतम अपडेटेड सन, 11 अप्रैल 2021 10:54 AM IST मृतक विजेंद्र यादव उर्फ पप्पू। (फाइल फोटो) – फोटो: अमर उजाला ख़बर सुनना ख़बर सुनना उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शनिवार रात बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशी की हत्या कर दी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के इंदरपुर गांव के पूर्व प्रधान और इस बार फिर पंचायत चुनाव में अपनी…
View On WordPress
#up news in hindi#uttar pradesh news in hindi#uttar pradesh अपराध#uttar pradesh न्यूज़ क्राइम#var आज की खबर#var आज की शीर्ष खबर#var आज की शीर्ष पांच खबरें#varasi news in hindi#अपराध#अपराध आज की खबर#अपराध आज शीर्ष पांच समाचार#अपराध उत्कर्ष प्रधान#अपराध नवीनतम समाचार#अपराध में#अपराध शीर्ष समाचार आज#अपराध समाचार#अपराध समाचार हिंदी में#अमर उजाला न्यूज़ क्राइम#अमर उजाला वराणासी न्यूज़#आग उगलता हुआ#उत्तर प्रदेश#काशी उतप्रेष प्रधान#काशी भारत#क्राइम ब्रेकिंग न्यूज#ग्राम प्रधान पद प्रत्याशी की हत्या#ग्राम प्रधान प्रत्याशी की हत्या#नवीनतम वाराणसी समाचार हिंदी में#पंचायत चुनाव#फायरिंग#बनारस uttar pradesh
0 notes
Text
UP Panchayat Chunav: विकास की मौत के बाद बिकरू में लोकतंत्र का हुआ उदय, 25 साल बाद दावेदार कर रहे खुलकर प्रचार Divya Sandesh
#Divyasandesh
UP Panchayat Chunav: विकास की मौत के बाद बिकरू में लोकतंत्र का हुआ उदय, 25 साल बाद दावेदार कर रहे खुलकर प्रचार
सुमित शर्मा, कानपुर कुख्यात अपराधी के बिकरू गांव में लोकतंत्र की बयार बह रही है। पंचायत चुनाव में 25 साल बाद पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है। ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन कराने वाले दावेदार खुलकर प्रचार कर रहे। ग्रामीणों से गांव का विकास कराने का वादा कर रहे हैं। दीवारों पर पोस्टर पंप्लेट चस्पा हैं। विकास दुबे के रहते इस तहर से चुनाव कभी नहीं हुआ है। विकास दुबे की मौत के बाद बिकरू गांव में लोकतंत्र का उदय हुआ है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत 08 आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। 10 जुलाई को यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस ने विकास दुबे को एनकांउटर में मार गिराया था। विकास दुबे की मौत के बाद ही बिकरू गांव में लोकतंत्र ‘जिंदा’ हो गया था। पंचायत चुनाव 2021 बिकरू गांव के लिए नया सबेरा लेकर आया है।
25 साल बाद 10 दावेदार आए सामने बिकरू ग्रामसभा में 25 साल बाद प्रधान पद के 10 दावेदार सामने आए हैं। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की ग्रामीणों में इस कदर दहशत थी कि कोई भी दावेदार खड़ा नहीं होता था। विकास जिसको चाहता था, उसको निर्विरोध चुनाव जितवाता था। इसके साथ ही विकास जिसे कहता था, ग्रामीण उसे ही वोट देते थे। विकास की मौत के बाद ग्रामीण आजादी महसूस कर रहे हैं। अब वो जिसको चाहें उसको वोट कर सकते है, अपनी मर्जी का प्रधान चुन सकते हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति का होगा प्रधान पंचायत चुनाव 2021 में बिकरू गांव से अनुसूचित जाति जनजाति का प्रधान होगा। बिकरू ग्रामसभा में डिब्बानिवादा मजरा आता है। गांव की आबादी लगभग 800 है। बिकरू गांव में 7 दावेदारों और मजरा डिब्बानिवादा से 3 दावेदारों ने नामांकन किया है। सभी दावेदार पूरी ताकत से चुनाव के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वहीं, विकास के परिवार ने पंचायत चुनाव से दूरी बना रखी है।
विकास दुबे 1995 में पहली बार बना था प्रधान कुख्यात अपराधी विकास दुबे चौबेपुर विधानसभा क्षेत्र से दबंग विधायक रहे हरिकिशन श्रीवास्तव के संपर्क में आया था। विकास ने विधायक हरिकिशन श्रीवास्तव के लिए काम करना शुरू कर दिया था। विधायक के जो काम कोई नहीं कर पाता था, उस काम को विकास चुटकियों में कर देता था। जमीनों में कब्जा करना, रंगदारी वसूलना इस तरह के कामों से विकास विधायक का करीबी बन गया। राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाते हुए 1995 में विकास दुबे बिकरू गांव से ग्राम प्रधान चुना गया।
25 वर्षों में कौन-कौन बना प्रधान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जैसे-जैसे कद बढ़ता गया। उसकी जड़ें मजबूत होती चली गईं। विकास जिसको चाहता था, उसको ग्राम प्रधान बनाता था। 1995 में विकास दुबे पहली बार ग्राम प्रधान चुना गया था। चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र की चाभी उसके हाथ लग गई। सन् 2000 में अनुसूचित जाति की सीट होने पर विकास ने गांव की गायत्री देवी को प्रत्याशी बनाया था।
गायत्री देवी चुनाव जीत कर प्रधान बन गई। 2005 में जनरल सीट होने पर विकास के छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली को निर्विरोध प्रधान चुना गया। सन 2010 में बैकवर्ड सीट होने पर विकास ने रजनीश कुशवाहा को मैदान में उतारा था। रजनीश कुशवाहा ग्राम प्रधान चुना गया। 2015 में अंजली दुबे दोबारा निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गई थी। प्रधान कोई भी बने, लेकिन उसकी चाभी विकास के हाथों में रहती थी।
0 notes
Text
UP Panchayat Chunav: विकास की मौत के बाद बिकरू में लोकतंत्र का हुआ उदय, 25 साल बाद दावेदार कर रहे खुलकर प्रचार Divya Sandesh
#Divyasandesh
UP Panchayat Chunav: विकास की मौत के बाद बिकरू में लोकतंत्र का हुआ उदय, 25 साल बाद दावेदार कर रहे खुलकर प्रचार
सुमित शर्मा, कानपुर कुख्यात अपराधी के बिकरू गांव में लोकतंत्र की बयार बह रही है। पंचायत चुनाव में 25 साल बाद पहली बार ऐसा नजारा देखने को मिल रहा है। ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन कराने वाले दावेदार खुलकर प्रचार कर रहे। ग्रामीणों से गांव का विकास कराने का वादा कर रहे हैं। दीवारों पर पोस्टर पंप्लेट चस्पा हैं। विकास दुबे के रहते इस तहर से चुनाव कभी नहीं हुआ है। विकास दुबे की मौत के बाद बिकरू गांव में लोकतंत्र का उदय हुआ है।
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने बीते 2 जुलाई की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत 08 आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। 10 जुलाई को यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस ने विकास दुबे को एनकांउटर में मार गिराया था। विकास दुबे की मौत के बाद ही बिकरू गांव में लोकतंत्र ‘जिंदा’ हो गया था। पंचायत चुनाव 2021 बिकरू गांव के लिए नया सबेरा लेकर आया है।
25 साल बाद 10 दावेदार आए सामने बिकरू ग्रामसभा में 25 साल बाद प्रधान पद के 10 दावेदार सामने आए हैं। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे की ग्रामीणों में इस कदर दहशत थी कि कोई भी दावेदार खड़ा नहीं होता था। विकास जिसको चाहता था, उसको निर्विरोध चुनाव जितवाता था। इसके साथ ही विकास जिसे कहता था, ग्रामीण उसे ही वोट देते थे। विकास की मौत के बाद ग्रामीण आजादी महसूस कर रहे हैं। अब वो जिसको चाहें उसको वोट कर सकते है, अपनी मर्जी का प्रधान चुन सकते हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति का होगा प्रधान पंचायत चुनाव 2021 में बिकरू गांव से अनुसूचित जाति जनजाति का प्रधान होगा। बिकरू ग्रामसभा में डिब्बानिवादा मजरा आता है। गांव की आबादी लगभग 800 है। बिकरू गांव में 7 दावेदारों और मजरा डिब्बानिवादा से 3 दावेदारों ने नामांकन किया है। सभी दावेदार पूरी ताकत से चुनाव के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। वहीं, विकास के परिवार ने पंचायत चुनाव से दूरी बना रखी है।
विकास दुबे 1995 में पहली बार बना था प्रधान कुख्यात अपराधी विकास दुबे चौबेपुर विधानसभा क्षेत्र से दबंग विधायक रहे हरिकिशन श्रीवास्तव के संपर्क में आया था। विकास ने विधायक हरिकिशन श्रीवास्तव के लिए काम करना शुरू कर दिया था। विधायक के जो काम कोई नहीं कर पाता था, उस काम को विकास चुटकियों में कर देता था। जमीनों में कब्जा करना, रंगदारी वसूलना इस तरह के कामों से विकास विधायक का करीबी बन गया। राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाते हुए 1995 में विकास दुबे बिकरू गांव से ग्राम प्रधान चुना गया।
25 वर्षों में कौन-कौन बना प्रधान हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जैसे-जैसे कद बढ़ता गया। उसकी जड़ें मजबूत होती चली गईं। विकास जिसको चाहता था, उसको ग्राम प्रधान बनाता था। 1995 में विकास दुबे पहली बार ग्राम प्रधान चुना गया था। चुनाव जीतने के बाद लोकतंत्र की चाभी उसके हाथ लग गई। सन् 2000 में अनुसूचित जाति की सीट होने पर विकास ने गांव की गायत्री देवी को प्रत्याशी बनाया था।
गायत्री देवी चुनाव जीत कर प्रधान बन गई। 2005 में जनरल सीट होने पर विकास के छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली को निर्विरोध प्रधान चुना गया। सन 2010 में बैकवर्ड सीट होने पर विकास ने रजनीश कुशवाहा को मैदान में उतारा था। रजनीश कुशवाहा ग्राम प्रधान चुना गया। 2015 में अंजली दुबे दोबारा निर्विरोध ग्राम प्रधान चुनी गई थी। प्रधान कोई भी बने, लेकिन उसकी चाभी विकास के हाथों में रहती थी।
0 notes