#ग्रहण 2018
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saraikela-kuchai new oc took charge- सरायकेला और कुचाई के नए थानेदार ने संभाला पदभार, कहा- अपराध पर अंकुश लगाना प्राथमिकता
सरायकेला: शुक्रवार को कुचाई और सरायकेला के नवनियुक्त थाना प्रभारियों ने अपने- अपने थाने की कमान संभाल लिया है. 2018 बैच के दारोगा सतीश वर्णवाल ने सरायकेला और नरसिंह मुंडा ने कुचाई थाने में योगदान दिया है. दोनों ही अधिकारियों का गुरुवार को पदस्थापन हुआ था. प्रभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए दोनों ने कहा कि थाना क्षेत्र में अपराध पर अंकुश लगाना उनकी पहली प्राथमिकता होगी. (नीचे भी…
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भारतीय जनता पार्टी के “वरिष्ठ नेता”, “नि. विधायक”, “उत्तराखंड भाजपा राज्य परिषद् के सदस्य”, उत्तराखंड सरकार के दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री “मा. सुरेश राठौर जी” द्वारा सदस्यता शुल्क 51₹ जमा कर “रुद्र🔱सेना” की सदस्यता ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई ���वं शुभकामनाएं।
हम सभी के अभिभावक “परम् पूज्य भंते संघप्रिय राहुल जी” व “राष्ट्रीय संरक्षक आदरणीय डॉ.सत्यनारायण जटिया जी” के निर्देशानुसार “आदरणीय सुरेश राठौर जी” को “रुद्र🔱सेना” का “राष्ट्रीय सलाहकार व मार्गदर्शक” मनोनीत करते हुए आज मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है।
आप सभी को बताना चाहता हूं कि “श्रद्धेय सुरेश राठौर जी” ने 2018 से अब तक मेरे हर कार्य और फैसलों में मजबूती से मेरा साथ दिया है और एक अभिभावक के समान मेरे जीवन की हर परेशानियों में चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे हैं।
मैं आदरणीय राठौर साहब को स्नेहपूर्वक गुरुजी कहता हूं क्योंकि एक गुरु की भांति ही आपने मेरा सदैव मार्गदर्शन किया है साथियों “आज राठौर साहब ने ज़िद्द पकड़ ली थी कि मैं उन्हें “रुद्र🔱सेना” का “राष्ट्रीय उपाध्यक्ष” मनोनीत करूं”, किंतु मैं उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोनीत करने में काफी असहज हो गया था, इसका जिक्र भी मैंने आदरणीय राठौर साहब से किया तो उन्होंने कहा कि “अब मैं अपने बेटे के संगठन में उसके साथ रहूंगा और मेरा बेटा जो भी कार्य करेगा मैं उस कार्य में अपने बेटे के साथ उसके नेतृत्व में रहकर कार्य करना चाहता हूं।”
साथियों उनकी इस बात ने आज मुझे बहुत ही भावुक कर दिया था जिसके बाद ही मैंने उन्हें कसम खिलाकर संगठन का सलाहकार व मार्गदर्शक बनाया है।
मैं उम्मीद करता हूं कि आप सभी भी मेरे इस निर्णय से पूर्णतः सहमत होंगे।
मैं आज अपने गुरू “आदरणीय सुरेश राठौर जी” व अपने सभी “रुद्रसैनिकों” को यह वचन देता हूं कि चाहे कुछ भी हो जाए मैं व “मेरे भाई अनमोल प्रजापति जी, मोहित जायसवाल जी, दुर्गेश वैश्य जी, मनीष सिंह जी” हम सभी लोग कभी भी आपका सर नहीं झुकने देंगे व सभी “रुद्रसैनिकों” और “कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान की रक्षा के लिए अपनी जान लड़ा देंगे...”
साथ ही गुरू जी मैं आपको वचन देता हूं की “रुद्र🔱सेना” आपके मार्गदर्शन में धार्मिक कार्यों, समाजोत्थान, किसानों व महिला सशक्तीकरण हेतु हरसंभव प्रयास कर देश में मिसाल कायम करेगी...
“मैं विशेषकर भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे संरक्षक परमपूज्य भंते संघप्रिय राहुल जी, डॉ.सत्यनारायण जटिया जी और डॉ. अनीता आर्या जी को धन्यवाद देता हूं जिनके मार्गदर्शन में आज रुद्र🔱सेना बहुत ही अच्छे स्तर पर विस्तार कर रही है।”
📿जय रुद्र🔱सेना📿
आपका अपना
चौधरी अनिल कुमार राज (प्रिंसराज)
राष्ट्रीय अध्यक्ष,
रुद्र 🔱 सेना...
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चंद्रग्रहण के बारे में दस बातें, जिन्हें जानना है जरूरी
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आगामी 27 जुलाई की आधी रात को लगने वाला पूर्ण चंद्रग्रहण 21वीं शताब्दी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा, जो लगभग 103 मिनट तक रहेगा. पिछली सदी में सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण वर्ष 2000 में 16 जुलाई को हुआ था, जो इस बार के पूर्ण चंद्रग्रहण से चार मिनट अधिक लंबा था.
एशिया और अफ्रीका के…
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महाभियोग और परिस्थति -
महाभियोग एक प्रक्रिया है इसपे हमारी नज़र इन दिनों पड़ी जब ट्रम्प समर्थकों ने अमेरिका की संसद में हंगामा किया । फिर हमने सोचा क्यों न इसको पुरे विस्तार से समझे ।महाभियोग की प्रक्रिया से अमेरिका के कई राष्ट्रपति गुज़र चुके है ।महाभियोग की प्रक्रिया तब होती है जब अमेरिका में अमेरिका के राष्ट्रपति अभियुक्त हो और ये भी तय है की उनपे दोष किस तरह के हो जैसे -राजद्रोह , घुस लेने का आरोप , दुराचार और भी हाई क्राइम हो|ये आप यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के सविधान आर्टिकल 2 सेक्शन -4 लिखा है ।संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के अनुसार उस देश के राष्ट्रपति, सहकारी राष्ट्रपति तथा अन्य सब राज्य पदाधिकारी अपने पद से तभी हटाए जा सकेंगे जब उनपर राजद्रोह, घूस तथा अन्य किसी प्रकार के विशेष दुराचारण का आरोप महाभियोग द्वारा सिद्ध हो जाए (धारा 2, अधिनियम 4)।। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में महाभियोग का स्वरूप और आधार भिन्न भिन्न रूप में हैं। प्रत्येक राज्य ने अपने कर्मचारियों के लिये महाभियोग संबंधी भिन्न भिन्न नियम बनाए हैं, किंतु नौ राज्यों में महाभियोग चलाने के लिये कोई कारण विशेष नहीं प्रतिपादित किए गए हैं अर्थात् किसी भी आधार पर महाभियोग चल सकता है।
महाभियोग का जन्म कहा हुआ -
महाभियोग के जन्म से यहाँ मतलब इसकी शुरवात कहा से हुई या कहे की ये शब्द आया कहा से और किस देश में इसका पहला प्रयोग हुआ ।महाभियोग का मूल शब्द -अभियोग है । और अभियोग का अर्थ होता है दोषरोपड़ या आरोप लगने से है । किसी भी देश में जहाँ लोकतंत्र है वहाँ देश सविधान के बनाये नियम -कानून से चलता है।देश न्यायपलिका , विधायिका , कार्यपालिका से ही चलता है ।इंग्लैंड में राजकीय परिषद क्यूरिया रेजिस के न्यासत्व अधिकार द्वारा ही इस प्रक्रिया का जन्म हुआ। जब किसी बड़े अधिकारी या प्रशासक पर विधानमंडल के समक्ष अपराध का दोषारोपण होता है तो इसे महाभियोग कहा जाता है।जब क्यूरिया या पार्लियामेंट का हाउस ऑफ लार्ड्स तथा हाउस ऑफ कामंस, इन दो भागों में विभाजन हुआ तो यह अभियोगाधिकार हाउस ऑफ़ लार्ड्स को प्राप्त हुआ।इंग्लैंड में कुछ महाभियोग इतने महत्वपूर्ण हुए हैं कि वे स्वयं इतिहास बन गये ।
इंग्लैंड के महाभियोग और अमेरिका के महाभियोग में अंतर -
जैसा की हम जानते है की महाभियोग की प्रक्रिया इंग्लैंड से ही जन्म ली है और कई देशों ने उसे अपनाये है लेकिन उसमे भी अपने कानून के हिसाब से मूल -चूल परिवर्तन किये है । सबसे पहला तो महाभियोग सिद्ध हो जाने पर दंड से सम्बंधित है ।इंग्लैंड में महाभियोग की पूर्ति के पश्चात् क्या दंड दिया जायेगा, इसकी कोई निश्चित सीमा नहीं, किंतु अमरीका में संविधानानुसार निश्चित है कि महाभियोग पूर्ण हो चुकने पर व्यक्ति को पदभ्रष्ट किया जा सकता है तथा यह भी निश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में वह किसी गौरवयुक्त पद ग्रहण करने का अधिकारी न रहेगा। इसके अतिरिक्त और कोई दंड नहीं दिया जा सकता। यह अवश्य है कि महाभियोग के बाद भी व्यक्ति को देश की साधारण वि��ि के अनुसार न्यायालय से अपराध का दंड स्वीकार कर भोगना होता है।
भारतीय सविधान में भी महाभियोग की प्रक्रिया -
भारतीय संविधान में इस प्रक्रिया को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है। महाभियोग वो प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों को हटाने के लिए किया जाता है। इसका ज़िक्र संविधान के अनुच्छेद 61, 124 (4), (5), 217 और 218 में मिलता है।इसके तहत सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज पर साबित कदाचार और अक्षमता के लिए महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाता है ।मुख्या न्यायधीश के खिलाफ किसी भी सदन में अभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है ।लेकिन लोकसभा में इसे पेश करने के लिए कम से कम 100 सांसदों के दस्तख़त, और राज्यसभा में कम से कम 50 सांसदों के दस्तख़त ज़रूरी होते हैं इसके बाद अगर उस सदन के स्पीकर या अध्यक्ष उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लें (वे इसे ख़ारिज भी कर सकते हैं) तो तीन सदस्यों की एक समिति बनाकर आरोपों की जांच करवाई जाती है।सिक्किम हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस पीडी दिनाकरन के ख़िलाफ़ भी महाभियोग लाने की तैयारी हुई थी लेकिन सुनवाई के कुछ दिन पहले ही दिनाकरन ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया|2015 में ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस एसके गंगेल के ख़िलाफ़ भी महाभियोग लाने की तैयारी हुई थी लेकिन जांच के दौरान उन पर लगे आरोप साबित नहीं हो सके|आंध्र प्रदेश/तेलंगाना हाई कोर्ट के जस्टिस सीवी नागार्जुन रेड्डी के ख़िलाफ़ 2016 और 17 में दो बार महाभियोग लाने की कोशिश की गई लेकिन इन प्रस्तावों को कभी ज़रूरी समर्थन नहीं मिला|उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ 2018 में राज्य सभा में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया जिसे उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने ख़ारिज कर दिया।भारत में आज तक किसी जज को महाभियोग लाकर हटाया नहीं गया क्योंकि इससे पहले के सारे मामलों में कार्यवाही कभी पूरी ही नहीं हो सकी|
ट्रम्प पर दो बार महाभियोग क्यों लगा -
अमेरिका के इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके ख़िलाफ़ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया है|ट्रंप पर पिछले सप्ताह अपने समर्थकों को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद परिसर पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप था| जिसे सदन में 197 के मुक़ाबले 232 वोटों से पारित कर दिया गया| दस रिपब्लिकन्स सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया|दिसंबर 2019 में भी उन पर महाभियोग लाया गया था क्योंकि उन्होंने यूक्रेन से बाइडन की जाँच करने का कहकर क़ानून तोड़ा था|हालांकि सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था| लेकिन उस समय एक भी रिपब्लिकन सांसद ने ट्रंप के ख़िलाफ़ वोट नहीं दिया था|हमारी कोशिश यही रहेगी की आपके मनोरंजन के साथ साथ आपको कुछ ज्ञान की बातें बता सके |
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चन्द्र ग्रहण २०१८ (Chandra Grahan 2018): 27 जुलाई को रात 11:54 से होगा शुरू
चन्द्र ग्रहण २०१८ (Chandra Grahan 2018): 27 जुलाई को रात 11:54 से होगा शुरू
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(Image: AP)
Updated: July 27, 2018, 7:44 AM IST
21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण कल यानी 27 जुलाई को पड़ रहा है. लगभग 1 घंटे 43 मिनट तक रहने वाला ये ग्रहण पूरे भारत में आसानी से देखा जा सकेगा. इसे किसी उपकरण से देखने की आवश्कता नहीं होगी.…
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ग्रहण 2018
हमारी पृथ्वी पर सूर्यादि ग्रहों का सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव सदैव से ही रहा है। सूर्यादि ग्रह नक्षत्रों पर घटने वाली घटनाओं से हमारी पृथ्वी अछूती नहीं रह सकती है। पृथ्वी पर पड़ने वाले शुभाशुभ प्रभाव से मानव जीवन सदैव ही प्रभावित होता रहता है। यह बात किसी से छुपी नही है। धरा पर रहने वाले प्राणियों में मनुष्य ही ऐसा प्राणी है। जो सभी से अग्रणी है, उसकी सूझबूझ बड़ी ही उत्कृष्ट है, जिससे वह पृथ्वी सहित आकाशीय घटनाओं के बारे भी हानि-लाभ का भली-भांति मूल्यांकन करता रहता है।
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Surya Grahan 2018 Timings in india
Surya Grahan 2018 Timings in india
Surya Grahan 2018 Timings in india
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सूतक में कुछ काम हैं वर्जित
ग्रह दशा…
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सलिल पारेख इंफोसिस के वर्तमान मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक हैं। पारेख ने 2 जनवरी 2018 को अंतरिम सीईओ यूबी प्रवीण राव से पदभार ग्रहण किया। सलिल पारेख प्रारंभिक जीवन और शिक्षा सलिल पारेख का जन्म 1 मई 1965 को हुआ था इनके पिता जी का नाम सतीश पारेख था वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, (Salil Parekh Biography in Hindi (Infosys)) बॉम्बे (IIT बॉम्बे) से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। कॉर्नेल विश्वविद्यालय से कंप्यूटर विज्ञान और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री। सलिल पारेख का कैरियर पारेख कैपजेमिनी में समूह प्रबंधन बोर्ड के सदस्य थे, जहां उन्होंने अर्न्स्ट एंड यंग के कंसल्टेंसी डिवीजन के बाद 2000 से काम किया था, जहां वे पहले काम कर रहे थे, कंपनी में विलय कर दिया गया था। हाल ही में, वह समूह कार्यकारी बोर्ड के सदस्य थे, और उन्हें मार्च 2015 में डिप्टी सीईओ नियुक्त किया गया था। वह एक बिजनेस क्लस्टर की देखरेख के लिए जिम्मेदार थे जिसमें एप्लिकेशन सर्विसेज और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज शामिल थे सलिल एस पारेख नेट वर्थ और वेतन क्या आप सलिल एस पारेख की कुल संपत्ति के बारे में जानना चाहते हैं? आय का मुख्य स्रोत क्या है? यह आम बात है कि समय के साथ वेतन और संपत्ति में बदलाव होता है। हमने नीचे दी गई तालिका में वेतन और संपत्ति के बारे में नवीनतम जानकारी प्रदान की है�� हमने इस खंड में विवादों को जोड़ा है। सलिल एस पारेख की कुल संपत्ति $30 मिलियन (₹200 करोड़) है। Salil Parekh Biography in Hindi Infosys company related information in hindi Infosys history in Hindi Infosys company related information in hindi Infosys history in Hindi
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दिवाली 2022 तारीख लक्ष्मी पूजा मुहूर्त का समय 24 अक्टूबर दीपावली पर सूर्य ग्रहण सूतक काल को जानें
दिवाली 2022 तारीख लक्ष्मी पूजा मुहूर्त का समय 24 अक्टूबर दीपावली पर सूर्य ग्रहण सूतक काल को जानें
दिवाली 2022 तिथि, सूर्य ग्रहण सूतक काल: पंचांग के हिसाब से, दीवाली (दिवाली 2022) का हर कार्तिक माह के कृष्ण अमावस्या को डेट्स घोषित करें। इस साल दीवाली (दिवाली 2022 तारीख) 24 अक्टूबर 2018 को खत्म होने वाला है। यह सुख-समृद्धि और वैभव के साथ-साथ शांति और सौर ऊर्जा का चिह्न है। ज्योतिष के अनुसार, वर्ष 25. संकट सूतक काल दीवाली की शाम से शुरू हो जाओ। वहीँ rayrी rayrफ kana kana kana योग योग भी बन बन बन…
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Kapali op incharge takes charge- कपाली ओपी प्रभारी सोनू कुमार ने पदभार संभाला, कहा- क्राइम कंट्रोल पर रहेगा फोकस
कपाली: सोनू कुमार ने शनिवार को कपाली ओपी प्रभारी के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया. 2018 बैच के दरोगा सोनू कुमार इससे पूर्व जमशेदपुर के उलीडीह ओपी प्रभारी रह चुके हैं. अपराध एवं अपराधियों पर अंकुश लगाने के साथ साथ ओपी में लंबित पड़े कांडों का निष्पादन करते हुए दोषियों पर उचित कार्रवाई करना पहली प्राथमिकता बताया.(नीचे भी पढ़े) इस दौरान उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों के साथ सामंजस्य स्थापित कर उनके…
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इम्रान खान यांनी पक्षाच्या खासदारांना अविश्वास प्रस्तावावर मतदान करण्यापासून दूर राहण्यास सांगितले
इम्रान खान यांनी पक्षाच्या खासदारांना अविश्वास प्रस्तावावर मतदान करण्यापासून दूर राहण्यास सांगितले
2018 मध्ये पदभार ग्रहण केल्यापासून इम्रान खान त्यांच्या सर्वात कठीण राजकीय परीक्षेला सामोरे जात आहेत. (फाइल) इस्लामाबाद: पाकिस्तानचे अडचणीत आलेले पंतप्रधान इम्रान खान यांनी मंगळवारी त्यांच्या पक्षाच्या खासदारांना एप्रिलच्या पहिल्या आठवड्यात होणाऱ्या अविश्वास प्रस्तावावर मतदानाच्या दिवशी नॅशनल असेंब्लीच्या अधिवेशनात अनुपस्थित राहण्याचे किंवा उपस्थित न राहण्याचे कठोर निर्देश दिले. पाकिस्तानच्या…
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लोढ़ा समिति ने सुधारों का नेतृत्व किया, लेकिन पारदर्शिता एक सपना बनी हुई है
लोढ़ा समिति ने सुधारों का नेतृत्व किया, लेकिन पारदर्शिता एक सपना बनी हुई है
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने 2018 में जस्टिस आरएम लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू किया – सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के तीन साल बाद – एक नए संविधान को अपनाकर और 2019 में चुनाव कराकर, जिसके परिणामस्वरूप सौरव गांगुली और जय शाह क्रमशः अध्यक्ष और सचिव के रूप में पदभार ग्रहण कर रहे हैं। तब से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के दो संस्करण आयोजित किए…
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#आईपीएल#बीसीसीआई#लोढ़ा समिति#लोढ़ा समिति आईपीएल#लोढ़ा समिति नियम#लोढ़ा समिति बीसीसीआई#लोढ़ा समिति सुधार
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महाभियोग और परिस्थति -
महाभियोग एक प्रक्रिया है इसपे हमारी नज़र इन दिनों पड़ी जब ट्रम्प समर्थकों ने अमेरिका की संसद में हंगामा किया । फिर हमने सोचा क्यों न इसको पुरे विस्तार से समझे ।महाभियोग की प्रक्रिया से अमेरिका के कई राष्ट्रपति गुज़र चुके है ।महाभियोग की प्रक्रिया तब होती है जब अमेरिका में अमेरिका के राष्ट्रपति अभियुक्त हो और ये भी तय है की उनपे दोष किस तरह के हो जैसे -राजद्रोह , घुस लेने का आरोप , दुराचार और भी हाई क्राइम हो|ये आप यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका के सविधान आर्टिकल 2 सेक्शन -4 लिखा है ।संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान के अनुसार उस देश के राष्ट्रपति, सहकारी राष्ट्रपति तथा अन्य सब राज्य पदाधिकारी अपने पद से तभी हटाए जा सकेंगे जब उनपर राजद्रोह, घूस तथा अन्य किसी प्रकार के विशेष दुराचारण का आरोप महाभियोग द्वारा सिद्ध हो जाए (धारा 2, अधिनियम 4)।। अमेरिका के विभिन्न राज्यों में महाभियोग का स्वरूप और आधार भिन्न भिन्न रूप में हैं। प्रत्येक राज्य ने अपने कर्मचारियों के लिये महाभियोग संबंधी भिन्न भिन्न नियम बनाए हैं, किंतु नौ राज्यों में महाभियोग चलाने के लिये कोई कारण विशेष नहीं प्रतिपादित किए गए हैं अर्थात् किसी भी आधार पर महाभियोग चल सकता है।
महाभियोग का जन्म कहा हुआ -
महाभियोग के जन्म से यहाँ मतलब इसकी शुरवात कहा से हुई या कहे की ये शब्द आया कहा से और किस देश में इसका पहला प्रयोग हुआ ।महाभियोग का मूल शब्द -अभियोग है । और अभियोग का अर्थ होता है दोषरोपड़ या आरोप लगने से है । किसी भी देश में जहाँ लोकतंत्र है वहाँ देश सविधान के बनाये नियम -कानून से चलता है।देश न्यायपलिका , विधायिका , कार्यपालिका से ही चलता है ।इंग्लैंड में राजकीय परिषद क्यूरिया रेजिस के न्यासत्व अधिकार द्वारा ही इस प्रक्रिया का जन्म हुआ। जब किसी बड़े अधिकारी या प्रशासक पर विधानमंडल के समक्ष अपराध का दोषारोपण होता है तो इसे महाभियोग कहा जाता है।जब क्यूरिया या पार्लियामेंट का हाउस ऑफ लार्ड्स तथा हाउस ऑफ कामंस, इन दो भागों में विभाजन हुआ तो यह अभियोगाधिकार हाउस ऑफ़ लार्ड्स को प्राप्त हुआ।इंग्लैंड में कुछ महाभियोग इतने महत्वपूर्ण हुए हैं कि वे स्वयं इतिहास बन गये ।
इंग्लैंड के महाभियोग और अमेरिका के महाभियोग में अंतर -
जैसा की हम जानते है की महाभियोग की प्रक्रिया इंग्लैंड से ही जन्म ली है और कई देशों ने उसे अपनाये है लेकिन उसमे भी अपने कानून के हिसाब से मूल -चूल परिवर्तन किये है । सबसे पहला तो महाभियोग सिद्ध हो जाने पर दंड से सम्बंधित है ।इंग्लैंड में महाभियोग की पूर्ति के पश्चात् क्या दंड दिया जायेगा, इसकी कोई निश्चित सीमा नहीं, किंतु अमरीका में संविधानानुसार निश्चित है कि महाभियोग पूर्ण हो चुकने पर व्यक्ति को पदभ्रष्ट किया जा सकता है तथा यह भी निश्चित किया जा सकता है कि भविष्य में वह किसी गौरवयुक्त पद ग्रहण करने का अधिकारी न रहेगा। इसके अतिरिक्त और कोई दंड नहीं दिया जा सकता। यह अवश्य है कि महाभियोग के बाद भी व्यक्ति को देश की साधारण विधि के अनुसार न्यायालय से अपराध का दंड स्वीकार कर भोगना होता है।
भारतीय सविधान में भी महाभियोग की प्रक्रिया -
भारतीय संविधान में इस प्रक्रिया को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है। महाभियोग वो प्रक्रिया है जिसका इस्तेमाल राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जजों को हटाने के लिए किया जाता है। इसका ज़िक्र संविधान के अनुच्छेद 61, 124 (4), (5), 217 और 218 में मिलता है।इसके तहत सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज पर साबित कदाचार और अक्षमता के लिए महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाता है ।मुख्या न्यायधीश के खिलाफ किसी भी सदन में अभियोग प्रस्ताव लाया जा सकता है ।लेकिन लोकसभा में इसे पेश करने के लिए कम से कम 100 सांसदों के दस्तख़त, और राज्यसभा में कम से कम 50 सांसदों के दस्तख़त ज़रूरी होते हैं इसके बाद अगर उस सदन के स्पीकर या अध्यक्ष उस प्रस्ताव को स्वीकार कर लें (वे इसे ख़ारिज भी कर सकते हैं) तो तीन सदस्यों की एक समिति बनाकर आरोपों की जांच करवाई जाती है।सिक्किम हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस पीडी दिनाकरन के ख़िलाफ़ भी महाभियोग लाने की तैयारी हुई थी लेकिन सुनवाई के कुछ दिन पहले ही दिनाकरन ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया|2015 में ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस एसके गंगेल के ख़िलाफ़ भी महाभियोग लाने की तैयारी हुई थी लेकिन जांच के दौरान उन पर लगे आरोप साबित नहीं हो सके|आंध्र प्रदेश/तेलंगाना हाई कोर्ट के जस्टिस सीवी नागार्जुन रेड्डी के ख़िलाफ़ 2016 और 17 में दो बार महाभियोग लाने की कोशिश की गई लेकिन इन प्रस्तावों को कभी ज़रूरी समर्थन नहीं मिला|उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ 2018 में राज्य सभा में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया जिसे उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने ख़ारिज कर दिया।भारत में आज तक किसी जज को महाभियोग लाकर हटाया नहीं गया क्योंकि इससे पहले के सारे मामलों में कार्यवाही कभी पूरी ही नहीं हो सकी|
ट्रम्प पर दो बार महाभियोग क्यों लगा -
अमेरिका के इतिहास में ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिनके ख़िलाफ़ एक ही कार्यकाल में दो बार महाभियोग प्रस्ताव पारित किया गया है|ट्रंप पर पिछले सप्ताह अपने समर्थकों को कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद परिसर पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप था| जिसे सदन में 197 के मुक़ाबले 232 वोटों से पारित कर दिया गया| दस रिपब्लिकन्स सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया|दिसंबर 2019 में भी उन पर महाभियोग लाया गया था क्योंकि उन्होंने यूक्रेन से बाइडन की जाँच करने का कहकर क़ानून तोड़ा था|हालांकि सीनेट ने उन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया था| लेकिन उस समय एक भी रिपब्लिकन सांसद ने ट्रंप के ख़िलाफ़ वोट नहीं दिया था|हमारी कोशिश यही रहेगी की आपके मनोरंजन के साथ साथ आपको कुछ ज्ञान की बातें बता सके |
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चंद्र ग्रहण 2018: सदी के सबसे लंबा चंद्र ग्रहण का ऐसा होगा जीवन पर प्रभाव चंद्र ग्रहण उस स्थिति को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है.
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सूर्य ग्रहण 2018
सूर्य ग्रहण वह घटना है। जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब अल्प समय ढ़कने के कारण सूर्य ग्रहण की स्थिति होती है। इस सूर्य ग्रहण को हम पूर्ण, आंशिक व वलयाकार के रूप में यथा समय देखते रहते हैं।
http://www.futurepointindia.com/2018/suryagrahan-2018
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