#गूगल से जुड़े विवाद
Explore tagged Tumblr posts
Text
Today's Horoscope -
मेष (चु, चे, चो, ला, लि, लु, ले, लो, अ):- जीवनसाथी से तालमेल अच्छा बना रहेगा। लाभ की नई स्थितियां उत्पन्न होंगी। आज धार्मिक कार्य में रूचि बनी रहेगी। घर में किसी शुभ, मांगलिक अथवा धार्मिक कार्य के आयोजन की चर्चा हो सकत�� है। धन की व्यवस्था को लेकर मन में चिंता के भाव रहेंगे। अपने जीवन स्तर को सुधारने के लिए फिलहाल आपको स्थायी प्रयोग में आने वाली वस्तुओं की ही खरीद करनी चाहिए। जिन जरूरी कामों में आप अभी व्यस्त हैं उसे बीच में रोकने की कोशिश नहीं करें। उपहार मिलने से मन में खुशी रहेगी।
वृषभ (इ, उ, ए, ओ, वा, वि, वु, वे, वो):-आज की स्थिति काफी संतोषजनक है। हर परिस्थिति में आप सामंजस्य बनाकर रखेंगे। कार्यक्षेत्र में कोई भी नया काम शुरू करने से पहले घर के वरिष्ठ और अनुभवी सदस्यों की सहमति अवश्य लें। घर पर किसी धार्मिक उत्सव संबंधी योजना भी बनेगी। घर में परिवार जनों के साथ समय व्यतीत कर के आप अपने आपको तरोताजा महसूस करेंगे। अगर किसी से कोई वादा किया है, तो उसे अवश्य पूरा करें।
मिथुन (का, कि, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा) :-आज आपके मन में नए नए विचार आएंगे। आज आप कुछ ज्यादा ही जोश में रहेंगे। आज आपके व्यापार में फायदे के आसार नजर आ रहे हैं। धन लाभ से आप अपने अटके हुए काम पूरे करने में सफल होंगे। आज घर के बड़ों की सलाह कारगर साबित होगी। तनाव कम होगा, मानसिक रूप से आज आप बहुत हल्कापन महसूस कर सकते हैं। धन के लेनदेन संबंधी कार्यों में अचानक की कोई लाभदायक स्थिति बनेगी।
कर्क (हि, हु, हे, हो, डा, डि, डु, डे, डो):-आज भाग्य का आपको पूरा-पूरा साथ मिलेगा। आगे बढ़ने के लिए आप कुछ नया सीखेंगे। जो लोग राजनीति से जुड़े हुए हैं, उन्हें तरक्की के नये अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा आज आप कोई नया काम शुरु करने की योजना भी बनायेंगे, जो की काफी फलदायी होगा। माता पिता का आशीर्वाद आपके साथ बना रहेगा। सेहत के लिहाज से भी आप खुद को तंदुरुस्त महसूस करेंगें। आज आपको जरुरतमंदों की सहायता करने का मौका मिलेगा।
सिंह (मा, मि, मु, मे, मो, टा, टि, टु, टे):-आपको महत्वपूर्ण निर्णय लेने में असुविधा रह सकती है। अपने मन की आवाज़ अवश्य सुनें। आपके मूड में कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है। कई दिनों से जिस बात को लेकर आप चिंतित थे वह चिंता आपकी दूर हो सकती हैं। आज आपके बिजनेस में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं। आज आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आज बिना वजह विवादों ��ें फंसने से बचें।
कन्या (टो, पा, पि, पु, ष, ण, ठ, पे, पो):-मन में कुछ नया सीखने की उत्सुकता बनी रहेगी। परिवार का सहयोग मिलेगा। व्यर्थ के विवाद से दूर रहने की कोशिश करें। किसी से प्रेरित होकर आप भविष्य के लिए नई योजनाओं पर कार्य करेंगे। अपने भावी लक्ष्यों के प्रति एकाग्रचित्त और सुनियोजित ढंग से कार्य करने से काफी हद तक सफलता मिलेगी। दोपहर बाद परिस्थितियां बेहतरीन बन रही है। इसलिए आपके कार्य आसानी से संपन्न होते जाएंगे।
तुला (रा, रि, रु, रे, रो, ता, ति, तु, ते) :- आज आपका दिन बढ़िया रहेगा। दोपहर तक आपको कोई अच्छी खबर मिलेगी, जो आपकी प्रतिभा मान-सम्मान बढ़ाने में कारगर साबित होगी। आज के दिन शीघ्रता से सभी काम पूरे होंगे। आज आप कोशिश करेंगे कि सभी कामों को छोड़कर घर वालों के साथ वक्त बिताया जाए। अपने कौशल से दूसरों का मार्गदर्शन करें, दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की आप क्षमता रखते हैं। अनावश्यक यात्रा या घूमने फिरने से बचें। घर में गूगल लोबान की धूनी दें।
वृश्चिक (तो, ना, नि, नु, ने, नो, या, यि, यु) :-आपके मन में प्रसन्नता देखने को मिलेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे। नई योजनाओं को लेकर सहयोगियों से विचार-विमर्श होगा। अपनी जीवनशैली को एक नए ढंग से व्यवस्थित करने की दिशा में कार्य करेंगे। अपने और परायों में पहचान कराने वाला दिन साबित हो सकता है। नकारात्मक वृत्ति वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें।
धनु (ये, यो, भा, भि, भु, धा, फा, ढा, भे):-ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें जो लोग आपकी प्रतिष्ठा को हानि पहुंचा सकते हैं। आपके परिवार में भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी। वाहन-भवन भी खरीदने के योग बन रहे हैं। आय के साधन बढ़ने से सुविधाएं जुटाना आसान होगा। व्यस्तता बनी रहेगी। ऑफिस में सफलता मिलेगी। मित्र मण्डली का सहयोग होगा। जीवनसाथी को समय , त्यागभाव और सहयोग अवश्य दें। सकारात्मक सोचें सकारात्मक बनें। आराम करें।
मकर(भो,जा,जि,जु,जे,जो,ख,खि,खु,खे,खो,गा,गि) :-आपकी भावनाएं आपके कार्यों और निर्णयों पर प्रभाव डालेंगी लेकिन संतुलित दृष्टि के लिए दिमाग और बुद्धिमत्ता से भी काम लें। आपके प्रियजन का संदेश दिन को महत्वपूर्ण और खुशनुमा बनाएगा। आपका रूका हुआ धन भी प्राप्त होगा, जिससे आप संतुष्टि महसूस करेंगे। परिवार और दोस्तों को प्रति आपका व्यवहार अच्छा रहेगा, जिससे आपको कार्यक्षेत्र में लाभ भी होगा। अध्यात्मिक सलाह आपके अंदर आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकती है।
कुम्भ (गु, गे, गो, सा, ��ि, सु, से, सो, दा) :-प्रेम संबंधों में नकारात्मक बातें अलगाव उत्पन्न कर सकती हैं। इसलिए व्यवहार करते समय स्वभाव में मधुरता बनाकर रखें। आज आप समाज सेवा के कार्यों में पर्याप्त रुचि लेंगे। कारोबार को बढ़ाने के लिये अपने प्रयासों में तेजी लायेंगे। अधिक सोच-विचार स्वास्थ्य को हानि पहुंचाएगा। अपने खानपान की तरफ विशेष ध्यान दें। गैस्टिक संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आवारा पशुओं से दूरी बनाकर रखें।
मीन (दि, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, चि) :-आपके पास मौका है कि आप प्रेम, आनंद और खुशी को दूसरों के साथ साझा करके अधिक संतुष्टि महसूस करें। आपको पुराने गिले शिकवे दूर करके मित्रों और परिवार जनों के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहिए। जीवनसाथी का अनुशासित स्वभाव घर को व्यवस्थित बनाकर रखेगा। जिससे बच्चे तथा परिवार में पॉजिटिव माहौल रहेगा। आपके स्वभाव में भावुकता होने की वजह से छोटी सी नकारात्मक बात भी आपको दुखी कर सकती हैं।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
समस्या चाहे कैसी भी हो 100% समाधान प्राप्त करे:-
स्पेशलिस्ट-
मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान।
एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी।
Guru Ji T M Shastri Ji
Call Now: - +91-9872539511
फीस संबंधी जानकारी के लिए #Facebook page के message box में #message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं।
#famousastrologer#astronews#astroworld#Astrology#Horoscope#Kundli#Jyotish#yearly#monthly#weekly#numerology#rashifal#RashiRatan#gemstone#real#onlinepuja#remedies#lovemarraigespecilist#prediction#motivation#dailyhoroscope#TopAstrologer
0 notes
Text
Today’s Horoscope-
मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope)
भाग्य का आपको अच्छा साथ मिलेगा। पुरानी गलतियों को दोहराने की बजाए आप उन गलतियों से सबक लेकर भविष्य में अच्छा कार्य कर सकते हैं। घर में किसी शुभ, मांगलिक अथवा धार्मिक कार्य के आयोजन की चर्चा हो सकती है। धन की व्यवस्था को लेकर मन में चिंता के भाव रहेंगे। अपने जीवन स्तर को सुधारने के लिए फिलहाल आपको स्थायी प्रयोग में आने वाली वस्तुओं की ही खरीद करनी चाहिए। जिन जरूरी कामों में आप अभी व्यस्त हैं उसे बीच में रोकने की कोशिश नहीं करें। उपहार मिलने से मन में खुशी रहेगी।
वृष दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
अपनी सोच सकारात्मक रखें। आपको भाग्य का पूर्ण सहयोग मिलेगा। पसंदीदा वस्तुओं की खरीद करेंगे। खुद पर भरोसा करें तो आपकी कोशिशों का आपको उम्दा लाभ मिलेगा। भाइयों और मित्रों के साथ संबंधों में मधुरता आएगी। आज आपके चारों तरफ सुखद माहौल रहेगा। घर-परिवार के सभी सदस्यों की खुशियां बढ़ेंगी। पिछले दिनों से चल रही लेन-देन की कोई बडी डील तय हो जाने की खुशी होगी।
मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
आज के दिन शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे। कई दिनों से जिस बात को लेकर आप चिंतित थे वह चिंता आपकी दूर हो सकती है। आज आप अपने विचारों में स्थिरता लाने का प्रयास करें। आप एक लक्ष्य बनाकर चलते हैं तो आपको अद्भुत लाभ होगा। किसी से अकारण तर्क-वितर्क नहीं करें। जो जैसा सोचता है उसको वैसा ही सामने भी नजर आता है। आज के दिन भी किसी बड़े बहन-भाई या बुजुर्ग माता-पिता की चिन्ता आपको परेशान कर सकती है।
कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope)
आज भाग्य का आपको पूरा-पूरा साथ मिलेगा। आगे बढ़ने के लिए आप कुछ नया सीखेंगे। जो लोग राजनीति से जुड़े हुए हैं, उन्हें तरक्की के नये अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा आज आप कोई नया काम शुरु करने की योजना भी बनायेंगे, जो की काफी फलदायी होगा। माता पिता का आशीर्वाद आपके साथ बना रहेगा। सेहत के लिहाज से भी आप खुद को तंदुरुस्त महसूस करेंगें। आज आपको जरुरतमंदों की सहायता करने का मौका मिलेगा।
सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)
आज आपके बिजनेस में वृद्धि होने के योग बन रहे हैं। आज आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। विद्यार्थी आज कुछ नया सिखने का प्रयास करेंगे। आज बिना वजह विवादों में फंसने से बचें। समाज मे मान-सम्मान बढ़ेगा। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। आज आपका आत्मविश्वास आपके लिये सफलता की कुंजी साबित होगा। सरकार से संबंधित काम करवाने के लिए आपको थोड़े धैर्य से काम लेना होगा।
कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope)
मन में कुछ नया सीखने की उत्सुकता बनी रहेगी। परिवार का सहयोग मिलेगा। व्यर्थ के विवाद से दूर रहने की कोशिश करें। किसी से प्रेरित होकर आप भविष्य के लिए नई योजनाओं पर कार्य करेंगे। अपने भावी लक्ष्यों के प्रति एकाग्रचित्त और सुनियोजित ढंग से कार्य करने से काफी हद तक सफलता मिलेगी। दोपहर बाद परिस्थितियां बेहतरीन बन रही है। इसलिए आपके कार्य आसानी से संपन्न होते जाएंगे।
तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope)
आज आपका दिन बढ़िया रहेगा। दोपहर तक आपको कोई अच्छी खबर मिलेगी, जो आपकी प्रतिभा मान-सम्मान बढ़ाने में कारगर साबित होगी। आज के दिन शीघ्रता से सभी काम पूरे होंगे। आज आप कोशिश करेंगे कि सभी कामों को छोड़कर घर वालों के साथ वक्त बिताया जाए। अपने कौशल से दूसरों का मार्गदर्शन करें, दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की आप क्षमता रखते हैं। अ���ावश्यक यात्रा या घूमने फिरने से बचें। घर में गूगल लोबान की धूनी दें।
वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
आपके मन में प्रसन्नता देखने को मिलेगी। शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ महसूस करेंगे। नई योजनाओं को लेकर सहयोगियों से विचार-विमर्श होगा। अपनी जीवनशैली को एक नए ढंग से व्यवस्थित करने की दिशा में कार्य करेंगे। अपने और परायों में पहचान कराने वाला दिन साबित हो सकता है। नकारात्मक वृत्ति वाले लोगों से दूरी बनाकर रखें। योग और एक्सरसाइज अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
आज काम में मन नहीं लगेगा। अपना फोकस बनाए रखें। यदि अपने काम से संतुष्ट नहीं हैं तो वह काम करिए जिसमे आपको ख़ुशी मिलती हो। अपने खानपान की तरफ विशेष ध्यान दें। गैस्टिक संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपको अपने दायरे से बाहर निकलकर ऐसे लोगों से मिलने-जुलने की ज़रूरत है, जिनका आपके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है। आपके मन में उत्साह रहेगा।
मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
आपकी भावनाएं आपके कार्यों और निर्णयों पर प्रभाव डालेंगी लेकिन संतुलित दृष्टि के लिए दिमाग और बुद्धिमत्ता से भी काम लें। आपके प्रियजन का संदेश दिन को महत्वपूर्ण और खुशनुमा बनाएगा। आपका रूका हुआ धन भी प्राप्त होगा, जिससे आप संतुष्टि महसूस करेंगे। परिवार और दोस्तों को प्रति आपका व्यवहार अच्छा रहेगा, जिससे आपको कार्यक्षेत्र में लाभ भी होगा। अध्यात्मिक सलाह आपके अंदर आश्चर्यजनक परिवर्तन ला सकती है।
कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
आपको अपनी सोच का ��ायरा बढ़ाना होगा। व्यर्थ की बातों को इग्नोर करने का प्रयास करें। जो साथी आपसे दूर हो गए हैं उनसे बातचीत करके संबंधों को ठीक करें। बने बनाए कामों में अचानक रुकावटें उत्पन्न होंगी लेकिन कुछ संघर्ष के बाद काम बन जाएगा। अधिक सोच-विचार स्वास्थ्य को हानि पहुंचाएगा। अपने खानपान की तरफ विशेष ध्यान दें। गैस्टिक संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बेजुबान जानवरों को खाने पीने की वस्तुएं दें।
मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
आपके पास मौका है कि आप प्रेम, आनंद और खुशी को दूसरों के साथ साझा करके अधिक संतुष्टि महसूस करें। आप अतीत में अटके रहने के बजाय इन मौजूदा पलों का आनंद उठाने की भरपूर कोशिश कीजिए। जीवनसाथी का अनुशासित स्वभाव घर को व्यवस्थित बनाकर रखेगा। जिससे बच्चे तथा परिवार में पॉजिटिव माहौल रहेगा। आपके स्वभाव में भावुकता होने की वजह से छोटी सी नकारात्मक बात भी आपको दुखी कर सकती हैं।
आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।
समस्या चाहे कैसी भी हो 100% समाधान प्राप्त करे:-
स्पेशलिस्ट-
मनचाही लव मैरिज करवाना, पति या प्रेमी को मनाना, कारोबार का न चलना, धन की प्राप्ति, पति पत्नी में अनबन और गुप्त प्रेम आदि समस्याओ का समाधान।
एक फोन बदल सकता है आपकी जिन्दगी।
Call Now: - +91-78888-78978/+1(778)7663945
फीस संबंधी जानकारी के लिए #Facebook page के message box में #message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं।
Get to Know More About Astrologer Gopal Shastri: - www.ptgopalshastri.com
#famousastrologer #astronews #astroworld #Astrology #Horoscope #Kundli #Jyotish #yearly #monthly #weekly #numerology #rashifal #RashiRatan #gemstone #real #onlinepuja #remedies #lovemarraigespecilist #prediction #motivation #happiness
0 notes
Text
टूलकिट केस: दिशा रवि के बाद पुलिस अब कर रही निकिता जैकब की तलाश, जानिए कौन है Divya Sandesh
#Divyasandesh
टूलकिट केस: दिशा रवि के बाद पुलिस अब कर रही निकिता जैकब की तलाश, जानिए कौन है
नई दिल्ली गूगल टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अब (Nikita Jacob) और शांतनु (Shantanu) को ढूंढ रही है। उसने दिल्ली की एक अदालत में दोनों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है ��िसके आधार पर कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया है। टूलकिट केस में बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है जिसे अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
खालिस्तानी आतंकी के साथ मीटिंग कर चुकी है निकिता? सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी संगठन पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से उसके सहयोगी पुनीत के जरिए संपर्क किया। मकसद गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर तूफान खड़ा करना था। गणतंत्र दिवस से पहले निकिता, दिशा और कुछ अन्य लोगों ने धालीवाल के साथ जूम पर मीटिंग (Mo Dhaliwal meeting with Nikita Jacob and Disha Ravi) की थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल चार दिन पहले यानी 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर जाकर उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की पड़ताल की थी। दिल्ली पुलिस ने तब निकिता से कहा था कि वो फिर से आएगी, लेकिन दोबारा पहुंचने पर निकिता गायब थी।दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रही है। उसने अंतरिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में आवेदन दिया है।
कौन है निकिता जैकब? विवाद छिड़ने पर निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर लिया था। दावा किया जा रहा है कि तब उसने अपने प्रोफाइल में खुद का परिचय बॉम्बे हाई कोर्ट की वकील, पर्यावरणविद और आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े होने के रूप में दे रखा था। हालांकि, नए प्रोफाइल में उसने आम आदमी पार्टी से अपने संबंध की बात हटा दी है। ट्विटर यूजर विजय पटेल ने दावा किया है कि निकिता ने 30 जनवरी, 2021 को ‘सॉलिडेरिटी विद इंडियन फार्मर्स’ के नाम डॉक्युमेंट तैयार की थी। दावा है कि वो इंस्टाग्राम पर News Infuse नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है जहां पर वो प्रॉपगैंडा फैलाती रहती है।
निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक शेयर किया है। इस वेबसाइट पर उसने अपना देते हुए बताया है कि वो एक वकील है। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती रहती है। वेबसाइट के मुताबिक, निकिता सही के पक्ष में खड़ा होना चाहती है लेकिन आखिर में वो अनचाहे गलती कर बैठती है। वो अपने बारे में कहती है कि उसे कोई भी आसानी से प्रभावित कर सकता है। निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वो लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती है। फोटॉग्राफी भी कर लेती है और खाना भी बना लेती है।
वो कहती है कि उसे वर्गविभेद बिल्कुल पसंद नहीं है। वो कहती है, “मैं किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि के व्यक्ति से बातचीत करके आसानी से जुड़ सकती हूं।” वो खुद को गहन आलोचक बताती है और कहती है कि उसे तथ्यों और आंकड़ों का तार्किक और भावनात्कम, दोनों स्तर पर विश्लेषण करना पसंद अच्छा लगता है। निकिता मुंबई में एक कैथलिक इसाई परिवार में जन्मी है।
0 notes
Text
लद्दाख की गलवान घाटी में बिना गोली चले कैसे शहीद हो गए जवान
Galwan valley incident near India China border in Ladakh: गलवान घाटी में डिसएंगेजमेंट को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। मगर इस दौरान एक भी गोली चलने की खबर नहीं है।
Edited By Deepak Verma | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 16 Jun 2020, 03:07:00 PM IST
लद्दाख बॉर्डर पर भारत-चीन के बीच अचानक क्या हुआ?
हाइलाइट्स
गलवान घाटी में चीन की कायराना हरकत, बातचीत के बजाय हिंसा का लिया सहारा
चीनी सैनिकों से बातचीत करने गई थी सैनिकों की एक टीम, हो गई हिंसक झड़प
मेजर जनरल लेवल पर बातचीत कर हालात सामान्य करने की कोशिश जारी
रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों संग की बैठक, चीन ने भारत पर लगाया बॉर्डर क्रॉस करने का आरोप
नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan valley) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है। सोमवार रात हुई इस घटना में दोनों ओर के जवान हताहत हुए। सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एक अधिकारी और दो जवान शहीद हुए हैं। घटना के बारे में जो शुरुआती जानकारी आ रही है, उसके मुताबिक सीमा पर गोली नहीं चली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने लाठी-डंडों और पत्थरों का इस्तेमाल किया। तीन जवान किस तरह शहीद हुए, इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। अटकलें लग रही हैं कि मारपीट के दौरान जवानों ने दम तोड़ा होगा। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि चीनी सैनिकों ने धक्कामुक्की जिससे भारतीय सैनिक फिसल गए और खाई में जा गिरे। हालांकि अभी सेना की ओर से कोई वजह नहीं दी गई है। सेना के मुताबिक, गलवान घाटी में हालात ���ीक करने के लिए दोनों देशों के मेजर जनरल्स बात कर रहे हैं।
चीन को भी हुआ नुकसान सोमवार रात हुई झड़प में दोनों ओर के सैनिक मारे गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने तीन से ज्यादा सैनिकों को खोया है जबकि कई घायल हुए हैं। घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाते देखा गया। हालांकि सेना ने ��पने बयान में चीन को हुए नुकसान पर साफ कुछ कहा। बयान में बस इतना कहा गया कि ‘दोनों तरफ नुकसान हुआ है।’ चीनी सैनिकों की तरफ से लाठी-डंडों और पत्थरों के इस्तेमाल की बात भी सामने आ रही है।
भारतीय सेना हरकत में, ऐक्शन पर काम शुरू भारत-चीन बॉर्डर पर करीब 45 साल बाद किसी सैनिक की जान गई है। इस झड़प की गंभीरता को देखते हुए फौरन दोनों देश्राों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत शुरू हो गई है। घटना की जानकारी होने के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में हुई इस बैठक में सीमा के ताजा घटनाक्रम और जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पठानकोट मिलिट्री स्टेशन का अपना दौरा रद्द कर दिया है।
भारत-चीन सीमा झड़प: जानें सब क्या हुआभारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हुई हिंसक झड़प में तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर है। हालांकि गोली चलने की खबर नहीं है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह झड़प कितनी भयंकर होगी। खबरों के मुताबिक चीन के भी चार जवान मारे गए हैं। जिन्हें स्ट्रेचर पर लेकर जाते देखा गया। भारत चीन सीमा पर पहले भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच पत्थरबाजी होती रही हैं लेकिन बात इतनी कभी नहीं बढ़ी। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान आया है कि वह मामले को शांति से सुलझाना चाहते हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी गलवान घाटी में ही मीटिंग कर तनाव को दूर करने की कोशिश में लगे हैं। गलवान घाटी भारत के लिए बहुत अहम है और चीन इस बात को समझता है, तभी वह यहां से पीछे हटने को राजी नहीं हो रहा। इस बीच खबर है कि सैनिकों को अब आदेश है कि अगर सामने से गोली चलती है तो फायरबैक कर सकते हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि कोर कमांडर्स के बीच हुई बैठक में कोई राय नहीं बन पाई थी। हालांकि पहले यह कहा जा रहा था कि बैठक बहुत अच्छी रही है और जल्द ही विवाद का अंत हो सकता है।
चीन अपना ही राग अलापने में लगा गलवान घाटी की घटना को चीन ने अलग ही रंग दे दिया है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि ‘भारतीय सेना ने अवैध रूप से दो बार बॉर्डर पार किया और चीनी सैनिकों पर भड़काऊ हमले किए जिससे गंभीर झड़प हुई।’ अखबार ने यह भी लिखा कि चीन ने भारत से अपना विरोध दर्ज करा दिया है और यह भी चेताया है कि वह ‘सीमा पर कोई ऐसी एकतरफा कार्रवाई न करे जिससे हालात और खराब हों।’ आखिर में फिर चीन ने बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की बात की है।
1 इंच पीछे नहीं हटेंगे… चीन पर बन रही रणनीति
टूटा दशकों की शांति का सिलसिला भारत-चीन के बीच 1967 के बाद से सीमा पर वैसी तनातनी देखने का नहीं मिली है। 2017 में डोकलाम विवाद जरूर हुआ था मगर उस दौरान भी गोली नहीं चली थी। साल 1975 में LAC पर आखिर बार चीन के हमले में भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। तब अरुणाचल प्रदेश में चीन ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें चार सैनिक शहीद हुए थे। भारत ने चीन पर बॉर्डर क्रॉस कर हमले का आरोप लगाया था मगर चीन हमेशा की तरह मुकर गया। तबसे लेकर सोमवार तक, बॉर्डर पर झड़प तो कई बार हुई लेकिन किसी की जान नहीं गई थी।
लद्दाख बॉर्डर: भारत-चीन विवाद की जड़ समझाने वाला इंटरव्यूभारत और चीन के बीच आखिर लद्दाख बॉर्डर (Ladakh LAC) पर क्या चल रहा है? क्या वाकई चीन की सेना हमारी सीमा में घुस आई है और क्या बातचीत से इस समस्या का समाधान निकल पाएगा। ऐसे कई सवाल आम लोगों के जहन में है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्टर पूनम पांडेय ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया से इन तमाम सवालों के जवाब जानने की कोशिश की। भाटिया भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस यानी डीजीएमओ रह चुके हैं।
चीन की तरफ से शुरू हुआ है बॉर्डर पर तनाव लद्दाख में बॉर्डर पर तनाव की शुरुआत चीन की ओर से मई के पहले हफ्ते में हुई। पूर्वी लद्दाख में चार पॉइंट्स पर चीनी सैनिक भारतीय इलाके में घुस आए। अपने साथ वे भारी मात्रा में हथियार भी लाए थे। गलवान घाटी और पैंगोंग झील के पास बड़ी संख्या में चीनी सेना मौजूद है। 5 मई को पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिक टकरा गए थे। इसके बाद भारत ने भी तेजी से बॉर्डर पर सैनिक और हथियार पहुंचाने शुरू किए। जब दोनों सेनाओं की स्ट्रेन्थ लगभग बराबर हो गई, तब बातचीत शुरू हुई।
गलवान घाटी पर क्यों है चीन की नजर, समझिए
कई दौर की बातचीत, फिर थोड़ा पीछे हटा चीन दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल से बातचीत शुरू होकर अब टॉप लेवल तक पहुंच गई है। इसके अलावा डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए भी तनाव दूर करने की कोशिश हो रही है। भारत का स्टैंड साफ है कि चीन भारत के इलाकों से अपनी सेना वापस ले और बॉर्डर के पास जो युद्ध का साजोसामान इकट्ठा किया है, उसे भी हटाए। कई दौर की बातचीत के बाद, कई पॉइंट्स से चीन की सेना पीछे हटी भी थी मगर गलवान घाटी और पैंगोंग झील में उसका रु�� वैसा ही था।
गलवान घाटी में हुई झड़प (फोटो: गूगल मैप्स)
Web Title india china border standoff in galwan valley violent faceoff details(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
india News से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए NBT के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें
रेकमेंडेड खबरें
Source link
from WordPress https://hindi.khabaruttarakhandki.in/%e0%a4%b2%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%a6%e0%a4%be%e0%a4%96-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%b2%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%98%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ac/
0 notes
Link
FINGER TOUCH NEWS :-
मोबाइल के एक क्लिक से पता लगाएं जमीन का सही नाप
समय के साथ तकनीक ने खेती किसानी को भी बहुत कुछ दिया है। किसान भाई कम से कम लागत और श्रम में अच्छा मुनाफा कमा पा रहे हैं। तो इसका एक बड़ा कारण तकनीकों का विकास भी है। मशीनरी, सिंचाई और बुवाई आदि सभी काम तकनीक के कारण पहले के मुकाबले सरल हो गए हैं. खेती से जुड़े भी कई तकनीक प्रतिदिन विकसित हो रहे हैं, जिससे किसानों को फायदा हो रहा है।
Third party image reference
एक खास तरह के ऐप को लॉंच किया गया है, जो खेतों के नाप लेने में सहायक है अब खेतों से जुड़े वाद-विवाद को निपटाने के लिए न तो किसी पुराने कागज़ की जरूरत है और नहीं पटवारी की मदद लेने की आवश्यक्ता है। आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप एक ऐप के माध्यम बिना किसी की मदद से खेत का नाप ले सकते हैं।
इसके लिए बस एक स्मार्टफोन की जरूरत है. जरूरी नहीं कि स्मार्टफोन बहुत अधिक महंगा हो बस उसमें इंटरनेट और जीपीएस का होना जरूरी है।
Third party image reference
इस तरह नापें मोबाइल से खेत
पहले अपने प्लेस्टोर में जाएं और जीपीएस एरिया केलकुलेटर को सर्च करेंगे इस ऐप को इन्स्टॉल करते हुए उसे डाउनलोड कर लो, अब इसे ओपन करें और सबसे ऊपर नीले रंग में सर्च के विकल्प पर जाएं। आपको ज़मीन नापने के लिए ऐप द्वारा दो विक्लप दिया जाता है। पहला वॉकिंग का है, जबकि दूसरा मैन्युअली का है। आपको मैन्युअली वाले ऑप्शन पर जाकर ज़मीन का नाप लेना है।
Third party image reference
डिस्टेंस एंड एरिया
एक और ऐप आपके गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है, जिस��ा नाम “डिस्टेंस एंड एरिया मेज़रमेंट” है। ज़मीन के नाप के लिए एप्लीकेशन को भी इंस्टाल किया जा सकता है। इंस्टॉल के बाद इस ऐप को खोले और जीपीएस को ऑन करे और डिस्टेंस मीटर, फीट यार्ड आदि पर ध्यान दें। अगर आप इस एप्लीकेशन के सहार अपने खेत का नाम लेना चाहते हैं तो लगभग एकड़ के बराबर की भूमि का चुनाव करते हुए स्टार्ट बटन दबाएं। जितनी जगह नापना चाहते हैं उसको कवर करते हुए पूरा चक्कर लगाये चक्कर के पूरा होते ही ज़मीन की सही नाप ऐप के माध्यम से पता लग जाएगा।
आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेन्ट करके बताएं साथ ही हमें Subscribe जरूर करें।
https://ift.tt/2JY4Pr2
0 notes
Text
गूगल 4 चार साल पुराने टैक्स विवाद के निपटारे के लिए 7600 करोड़ रुपए चुकाएगी
गूगल 4 चार साल पुराने टैक्स विवाद के निपटारे के लिए 7600 करोड़ रुपए चुकाएगी
पेरिस. गूगल फ्रांस में टैक्स से जुड़े विवाद के सेटलमेंट के तहत 96.5 करोड़ यूरो (7,600 करोड़ रुपए) चुकाएगी। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। 2011 से 2014 के बीच टैक्स संबंधी धोखाधड़ी के मामले में कोर्ट में यह समझौता हुआ। पेरिस कोर्ट ऑफ अपील ने गूगल को 50 करोड़ यूरो का भुगतान करने और 46.5 करोड़ यूरो अतिरिक्त चुकाने के आदेश दिए। 2015 में गूगल के खिलाफ जांच शुरू हुई थी।
फ्रांस के वित्त मंत्री…
View On WordPress
0 notes
Text
अब, आसान नहीं है Youtube से पैसा कमाना
YouTube का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब कोई भी इसपर सेलिब्रिटी बन सकता है। साथ में कमाई भी होती है। Forbes मैगजीन की ताजा सूची को देखें तो पाएंगे कि उन लोगों की भरमार है जो यूट्यूब पर वीडियो गेम्स खेलने के तरीके बताने वाले या बच्चों के खिलौने से जुड़े वीडियो डालकर तगड़ी कमाई कर रहे हैं। इनमें सबसे ऊपर हैं डेनियल मिडिलटन जो कि डेन टीडीएम नाम से मशहूर हैं।
ब्रिटेन के 26 वर्षीय डेन ने वर्ष 2017 में यूट्यूब से 1.65 करोड़ डॉलर (करीब 73 करोड़ रु.) कमा��। लेकिन हाल ही एक अध्ययन में कहा गया है कि यूट्यूब पर कमाई अब टेढ़ी खीर हो गई है। अध्ययन से जुड़े जर्मनी की एप्लाइड साइंसेज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मेथिया बार्ल का कहना है कि यूट्यूब के सर्वाधिक देखे गए चैनल्स के 3.5 फीसदी स्लॉट में आने का मतलब है कि महीनेभर में कम से कम 10 लाख वीडियो व्यूज होने चाहिए। विज्ञापन आय की बात करें तो यह सालभर में 12 हजार से 16 हजार डॉलर (करीब साढ़े आठ लाख से ग्यारह लाख रु.) होगा। यूट्यूब क्रिएटर्स को लेकर यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है।
उन्होंने पाया कि क्रिएटर्स के लिए टॉप में पहुंचना इसलिए भी मुश्किल हो गया है क्योंकि यूट्यूब खुद अब हर मिनट 300 घंटे के वीडियो डाल रहा है। वीडियो देखने वालों का औसत दस वर्ष पहले प्रति वीडियो 10,262 था जो 2016 में घटकर मात्र 89 रह गया था। इसी तरह शीर्ष के तीन प्रतिशत चैनल्स को जहां 2006 में ऑल व्यूज में से 64 फीसदी व्यूज मिल रहे थे जो दस वर्षों में बढक़र 90 फीसदी हो गए। म्यूजिक वीडियो की बात करें तो गाने अपलोड करने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन श्रोता मिलना मुश्किल है।
यों होती है कमाई मार्केट रिसर्च फर्म नीलसन के मुताबिक पिछले साल यूट्यूब पर जारी 86 फीसदी म्यूजिक वीडियो में से मात्र एक फीसदी से भी कम कामयाब हुए। इन वीडियो से कमाई के लिए जरूरी है कि लाखों बार इन्हें सुना जाए। विवाद होने पर बड़े स्टार लोगान पॉल के चैनल्स पर यूट्यूब ने विज्ञापन बंद कर दिए थे। वीडियो गेम्स के बारे में बताने वाले प्यूडीपाई (फैलिक्स कैलबर्ग) जैसे स्टार को नस्लीय विवाद पर गूगल ने अपनी एश्�ँ सर्विस से उन्हें हटा दिया था।
इसलिए मुश्किल हुई कमाई यूट्यूब के नए नियमों के मुताबिक चैनल्स को 12 महीनों में एक बजार सब्सक्राइबर्स और चार हजार घंटे का वॉच टाइम होने पर पर ही विज्ञापनों से कमाई के योग्य माना जाएगा। यूट्यूब का कहना है कि यह बदलाव आपत्तिजनक व आक्रामकता वाले वीडियो को हतोत्साहित करने के लिए है। यूट्यूब चैनल्स में एंटरटेनमेंट वीडियो की श्रेणी में ऑल व्यूज का 24 फीसदी हिस्सा आता है। इसके बाद म्यूजिक व गेमिंग का नंबर आता है।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/now-it-s-not-so-easy-to-earn-money-through-youtube-3673728/
0 notes
Text
हिंदू खतरे में है? कैसे नकली समाचार तंत्र भय का माहौल बनाने के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है
सोशल मीडिया गलत सूचनाओं को फ़ैलाने का सुविधाजनक माध्यम बन गया है। नकली समाचार कई गुना बढ़ गए हैं। इसकी बड़ी संख्या सांप्रदायिक प्रकृति और अनिश्चित लहजे वाली जानकारी की है, जो धार्मिक स्तर पर अलगाव पैदा करना चाहती है। ऑल्ट न्यूज़ ने ��ेखा है कि पिछले कुछ महीनों में, मुसलमानों और ईसाईयों को निशाना बनाने के लिए व्यवस्थित, परस्पर जुड़े और संगठित प्रयास चल रहे हैं। दोनों समुदायों को अपराधी और नैतिक स्तर पर दिवालिया दिखाया जा रहा है, जबकि लगातार हिंदू समुदाय को शिकार के रूप में चित्रित किया जा रहा है। तोड़-मरोड़ और झूठ के सहारे गलत सूचना का हथियार की तरह उपयोग करके और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर इसका प्रयास किया जा रहा है।
1. ‘साजिद’ के यौन उत्पीड़न से 9-वर्षीय को बचाने की झूठी खबर
“9-वर्षिया एक लड़की को सतर्क लोगों ने बलात्कार से बचाया। बच्ची के साथ जो व्यक्ति पकड़ा गया, वह साजिद है। यूपी पुलिस उसे जेल में कुछ समय डालने के लिए कृपया इस आदमी को गिरफ्तार करे!” यह संदेश एक वीडियो के साथ प्रसारित किया गया था जिसमें एक बच्ची के रोने और आते-जाते लोगों द्वारा एक युवक की पिटाई होते देखा गया है। इसे शेयर करने वालों का कहना था कि दोषी व्यक्ति जिसका नाम साजिद है, के द्वारा बच्ची का यौन शोषण होने ही वाला था, लेकिन उसे समय पर बचा लिया गया। इसके वीडियो को कुंवर अजयप्रताप सिंह @sengarajay235 नाम के एक अकाउंट से ट्वीट किया गया है, जिसे पीएम मोदी द्वारा फॉलो किया जाता है। एक और ट्वीटर उपयोगकर्ता @goyalsanjeev ने भी इसे ट्वीट किया जिसे पियूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किया जाता है।
दोषी व्यक्ति का नाम साजिद नहीं, बल्कि गोकुल रामदास है। ऑल्ट न्यूज़ से जिंझना पुल���स थाने के निरीक्षक ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर चल रहे दावे झूठे हैं।
2. “2016 में 95% बलात्कार के लिए मुसलमान जिम्मेदार हैं”
पोस्टकार्ड न्यूज के संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े उन लोगों में से एक थे, जिन्होंने आंकड़ों का एक सेट ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने दावा किया कि 2016 में बलात्कार के 95% अपराधी मुस्लिम थे और इनकी 96% शिकार गैर-मुस्लिम महिलाएं थीं। ट्वीटर पर हेगड़े को पीएम मोदी फॉलो करते हैं। यह संदेश सोशल मीडिया में व्यापक रूप से शेयर किया गया था।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) जो भारत में हुए अपराध डेटा को संरक्षित रखने की प्रमुख संस्था है, ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में इस दावे को झूठा और दुर्भावनापूर्ण बताया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “यह पूरी तरह से गलत आंकड़ा है और तथ्यों की पूर्णतया गलत प्रस्तुति है क्योंकि एनसीआरबी अभियुक्तों और पीड़ितों के धर्म संबंधी आंकड़े एकत्र नहीं करता। यह दुर्भावनापूर्ण प्रचार है, जिसका कानून-पालन करने वाले नागरिकों द्वारा मुकाबला करने की जरूरत है। संबंधित अधिकारियों को कानूनी कार्रवाई शुरू करने की सलाह दी गई है।” (अनुवाद)
3. लखनऊ बलात्कार मामले में ‘खालिद’ और ‘इरफान’ के आरोपित होने के बारे में नकली समाचार
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक नाबालिग लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार हुआ और अपराधियों ने इस घटना की फिल्म बनाई। यह घटना जुलाई 2018 की शुरुआत में लखनऊ में हुई थी। जल्द ही, सोशल मीडिया इस दावे से भर गया था कि इस घटना में दो अभियुक्तों के नाम खालिद और इरफान हैं, और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। संदेश में कहा गया- “मंदसौर के बाद लखनऊ में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म… आरोपी खालिद और इरफान गिरफ्तार… वीडियो भी बनाई”
इस मामले में खालिद और इरफान के आरोपी होने का दावा झूठा निकला। एसएसपी लखनऊ, दीपक कुमार ने कहा है कि इस मामले में दो आरोपी भोला चंद्राकर और कुशमेष कनौजिया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी चंद्राकर छत्तीसगढ़ का निवासी है, जबकि कनौजिया सीतापुर जिले से है। पीड़िता के आवाज़ उठाने के बाद दोनों को पकड़ा गया जब वे भागने की तैयारी में थे।
4. मंदसौर बलात्कार के आरोपी को छोड़ने की मांग करते मुसलमानों की नकली खबर
मंदसौर में जून 2018 में 8 वर्षीया बालिका के साथ क्रूर बलात्कार को सोशल मीडिया में बेशर्मीपूर्वक सांप्रदायिक घुमाव दिया गया था। हजारों यूजर्स ने एक संदेश साझा किया जिसके अनुसार मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने मंदसौर की सड़कों पर रैली निकालकर इस अपराध के दोषी को छोड़ने की मांग की, क्योंकि कुरान गैर-मुस्लिम महिलाओं के बलात्कार की इजाजत देता है। यह दावा इंडियाफ्लेयर (IndiaFlare) नामक वेबसाइट में प्रकाशित एक लेख के माध्यम सा��ने आया था।
उपरोक्त तस्वीर फ़ोटोशॉप से छेड़छाड़ की हुई है। तस्वीर वास्तव में मंदसौर की है, लेकिन रैली पीड़िता के समर्थन में थी और आरोपी के लिए कठोर सजा की मांग कर रही थी। लेख में गलत तरीके से यह दावा भी किया गया था कि पीड़िता के समर्थन में एक भी मुस्लिम समूह सड़क पर नहीं उतरा।
5. हिंदुत्व के मुकाबले इस्लाम को बड़ा बताते हुए मदरसा शिक्षक की फोटोशॉप तस्वीर
जून 2018 में, एक तस्वीर सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर की गई थी। इसमें एक शिक्षक स्पष्ट रूप से ब्लैक बोर्ड पर छात्रों को बता रहा है कि कैसे इस्लाम हिंदुत्व से बेहतर धर्म है।
उम्मीद के अनुसार, यह तस्वीर भी फ़ोटोशॉप में छेड़छाड़ करके बनाई हुई थी। यह तस्वीर गोरखपुर, उत्तर प्रदेश के दारुल उलूम हुसैनी नामक मदरसा की है। अप्रैल 2018 में कई समाचार संगठनों ने तस्वीर के साथ इसकी कहानी की रिपोर्टिंग की थी। आउटलुक के एक लेख में बताया गया था, “यह मदरसा आधुनिक शिक्षा का केंद्र बन गया है, जहां अरबी और अंग्रेजी के साथ, संस्कृत भी पढ़ाई जाती है”। लेख में आगे लिखा था, “इस मदरसा की विशेषता है कि संस्कृत एक मुस्लिम शिक्षक द्वारा सिखलाई जा रही है। शायद, यह पहली बार है कि मदरसा में संस्कृत भी पढ़ाई जा रही है।”
6. बुरका नहीं पहनने पर महिला के बाल काटने का झूठा दावा
“यह तरीका है कि यदि बुर्का न पहनो, तो गोद में बेटी को लेकर बैठी महिला को बाल काट कर दंडित किया जाता है। और ये कायर कहते हैं कि वे दुनिया को जीतेंगे? ये मूर्ख मुजाहिद पृथ्वी पर सबसे डरपोक प्राणी हैं, वे केवल असहाय इंसानों को यातना दे सकते हैं। वे असली पुरुषों का सामना नहीं कर सकते हैं” (अनुवाद) 26 जून, 2018 को एक सोशल मीडिया यूजर सिंह सिंह (@HatindersinghR) ने एक वीडियो के साथ इसे ट्वीट किया था। ट्वीट में दावा किया गया था कि एक महिला के बाल काट दिए गए क्योंकि उसने बुर्का पहनने से इनकार कर दिया था और वीडियो में एक पुरुष को महिला के बाल काटते दिखाया गया था।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश की। गूगल पर “man cuts off woman’s hair” (महिला के बाल काटता पुरुष) की-वर्ड (key words) डालकर खोज की गई तो गूगल पर लेखों की एक सूची आ गई। इनमें एक लेख डेली पाकिस्तान द्वारा प्रकाशित किया गया था। इसमें कहा गया है कि यह कथित तौर पर एक ऐसे व्यक्ति का वीडियो है जो उसके भतीजे के साथ मिलकर उसके साथ धोखा करने पर, अपनी पत्नी के बाल काट रहा है। आगे की जांच में, ऑल्ट न्यूज को जानकारी मिली कि इस घटना की सूचना पुर्तगाल के कई वेबसाइटों द्वारा दी गई है। यह दावा किया गया है कि घटना विवाहेत्तर संबंध में हुए विवाद के कारण हुई है। यही कारण है कि ट्विटर में किए गए दावों का ऐसा कोई संदर्भ नहीं मिला- कि यह एक मुस्लिम जोड़ी है और बुर्का पहनने से इनकार करने पर उसके बाल काट दिए गए थे।
7. रजिया बानो बन जाती है शर्मा जी- नफरत उगलने वाला एक नकली प्रोफाइल उजागर
“हिंदुस्तान का शेर जिसने *** का बदला लिया” किसी “रजिया बानो” के दुर्भावनापूर्ण फेसबुक पोस्ट द्वारा मंदसौर में बच्ची से बलात्कार के भयावह मामले के आरोपी को लेकर खुशी जाहिर की गई कि उसने कठुआ की पीड़िता के बलात्कार का बदला लिया। पोस्ट ने सुझाव दिया कि मंदसौर बलात्कार मामले में शिकार हिंदू और कथित बलात्कारी मुस्लिम होने से कठुआ का बदला पूरा हो गया जहां मामला इसके ठीक उलट था।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह एक नकली प्रोफ़ाइल है। उदाहरण के लिए, वह विश्वविद्यालय जहां रजिया बानो पढ़ाने का दावा करती है, पाकिस्तान में है ही नहीं, यह फिलीपींस में है। इसके अलावा मई 2018 में एक फेसबुक पोस्ट ने इस रजिया बानो की पहचान का खुलासा किया। एक पोस्ट से पूछा गया “क्या हाल है दोस्तों” तो जवाब में यह पूछा गया कि नाम क्यों बदल लिया है। टिप्पणियों में से एक में, इस व्यक्ति को “शर्मा जी” के रूप में संबोधित किया जाता है, जबकि एक और टिप्पणी में यह व्यक्ति “पवन” के रूप में संबोधित किया जाता है।
कर्नाटक के बारे में सांप्रदायिक उत्तेजक गलत सूचना
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव मई 2018 में हुआ था। चुनाव के दौरान गलत सूचनाओं कि की बाढ़-सी आ गई थी, जो चुनाव समाप्त होने के बाद और नई सरकार बनने तक निरंतर जारी रही। इन सभी मामलों में, मुसलमानों और ईसाइयों को आक्रामकों और योजनाकारों क�� रूप में पेश किया गया था, जो राज्य में कांग्रेस पार्���ी और कांग्रेस-जेडीएस सरकार के समर्थन और संरक्षण में आनंदित थे।
चुनाव से पहले गलत जानकारी
1.अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो कांग्रेस नेता ‘बिना रुके हिंदुओं का खून बहाने’ का वादा करते हैं
‘बैंगलोर (चामराजपेट) से कांग्रेस उम्मीदवार ज़मीर अहमद बिना रुके हिंदुओं का खून बहने का वादा करते हैं यदि कांग्रेस को सत्ता में आने के लिए वोट दिया गया और वह मंत्री बन गए।’ यह उत्तेजक संदेश एक वीडियो के साथ चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा था। वीडियो में, कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार ज़मीर अहमद खान अपने चुनाव अभियान के दौरान नागरिकों को उर्दू में संबोधित करते हुए दिख रहे हैं। इस संदेश के साथ यह वीडियो ट्विटर पर उपयोगकर्ता कमल लोचन महंता द्वारा पोस्ट किया गया था। महंता, उसके ट्विटर प्रोफाइल के अनुसार शिकागो में रहने वाला स्वघोषित हिंदू राष्ट्रवादी हैं, जिन्हें ‘पीएम नरेंद्रमोदी द्वारा फॉलो किया जाता है’।
vimeo
जैसा कि ऊपर पोस्ट किए गए वीडियो में देखा और सुना जा सकता है, 00:51 से 1:00 मिनट तक ज़मीर अहमद खान कह रहे हैं, “लिखवा लेना, मेरे को मिनिस्टर बनाया गया तो 5 साल के अन्दर ऐसे कारनामे करके दिखाऊंगा गिनीज रिकॉर्ड में नाम आएगा”। इसकी बजाय, दावा किया गया कि कांग्रेस उम्मीदवार हिंदुओं के रक्तपात का वादा कर रहे हैं कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है और वह मंत्री बन जाते है। इसे बीजेपी समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर किया गया था।
2. कर्नाटक में कांग्रेस रैली में पाकिस्तानी झंडा लहराया
सोशल मीडिया इस दावे से भरा था कि उत्तरी बेलगाम में कांग्रेस पार्टी की रैली में पाकिस्तानी झंडा लहराया गया। रैली का एक वीडियो जिसमें हरे रंग का एक झंडा देखा जा सकता है, यह संदेश कई सोशल मीडिया ��े प्लेटफार्मों- फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर फैलाया गया।
youtube
इस रैली में लहराया गया झंडा पाकिस्तानी ध्वज नहीं था। यह वास्तव में आईयूएमएल (भारतीय संघ मुस्लिम लीग) का झंडा है, और पाकिस्तान के झंडे से अलग है। पाकिस्तानी ध्वज के बाईं तरफ एक सफेद पट्टी है। इसके अलावा, दोनों झंडे में रंग और चंद्रमा के कोण में भी अंतर है। अक्सर ही, पाकिस्तानी ध्वज और इस्लामिक बैनर को लेकर उलझन रहती है।
3. लिंगायत मसले में चर्च की भूमिका
“देखो देखो! #हिंदुओं से #लिंगायत को अलग करने की विभाजनकारी योजना के पीछे कथित रूप से #चर्च है। अनुमानत: सीबीसीआई के महासचिव द्वारा आर्चबिशप बैंगलोर को भेजे गए ईमेल का लीक… यह बहुत कुछ कहता है।” (अनुवाद) लिंगायतों को अलग धार्मिक दर्जा दिए जाने का जश्न मना रहे कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा कथित रूप से आर्चबिशप बैंगलोर को इस संदेश के साथ, लिखा ईमेल वितरित किया गया और कर्नाटक में “समृद्ध आत्मिक फसल” के लिए कड़ी मेहनत करने का आग्रह किया गया। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी उन लोगों में से थे जिन्होंने इस संदेश को रीट्वीट किया था।
ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे यह नकली ईमेल है। कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव बिशप थियोडोर मस्करेनहास ने दावों को फर्जी और शैतानी के रूप में खारिज कर दिया। एक स्पष्टीकरण में, मस्करेनहास ने कहा, “चुनावों की पूर्व संध्या पर सोशल मीडिया और कर्नाटक में बहुत ही दुर्भावनापूर्ण नकली पत्र प्रसारित किया जा रहा है”। उन्होंने कहा कि “झूठे पत्र लिंगायत मुद्दे में चर्च की भागीदारी के बारे में भयानक आरोप बनाते हैं”।
कर्नाटक चुनाव के बाद गलत सूचना
विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद भी कर्नाटक के संबंध में गलत जानकारी की लहर जारी रही। इसका आधार राज्य में नवनिर्मित कांग्रेस-जेडीएस की सरकार और अल्पसंख्यक थे जो निशाना बने।
1. रांची में सार्वजनिक विवाद के वीडियो ��ो कर्नाटक में हिंदुओं पर मुसलमानों द्वारा हमला के रूप में शेयर किया
“जो कोई भी सोचता है कि कांग्रेस को 2019 में वापसी करनी चाहिए, उसे इस वीडियो को देखना चाहिए। सरकार के गठन के बाद एक महीना बीता नहीं है और मुस्लिम बाजार में मुसलमान हिंदुओं और पुलिस को मार रहे हैं।” यह संदेश जून 2018 में एक वीडियो के साथ प्रसारित किया गया जिसमें एक बाइक सवार को मारने वाले पुरुषों का एक समूह दिखाया गया था, जिसके बाद एक हिंसक बवाल हुआ। दावा किया गया कि राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार के सत्ता संभालने के बाद से कर्नाटक में यह स्थिति है।
जिस भड़वे को लगता है कि देश में 2019 में कांग्रेस आना चाहिए कांग्रेसी चमचे को ये वीडियो देख लेना चाहिए कर्नाटक में 1महीना भी नही हुआ है सरकार बने और ये हालात है वीडियो में मुस्लिम बाजार में मुस्लिमो ने हिन्दू और पुलिस को कैसे दौड़ा दौड़ा कर पिट रहा है भारत में सुरक्षित रहना है pic.twitter.com/FIz5BpnNGd
— Sunilkarmunge JaiHind #NAMO (@sunilkarmunge21) June 12, 2018
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो रांची, झारखंड का है। द पायनियर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर केंद्र में चार साल की बीजेपी सरकार का जश्न मनाने के लिए आयोजित बाइक रैली के दौरान उत्तेजक नारे लगाए जाने के बाद संघर्ष शुरू हुआ था। भाजयुमो भाजपा का युवा संगठन है।
2. लिंगायत कैथोलिक चर्च की फ़ोटोशॉप तस्वीर
“हे कन्नड़ियों यह कर्णाटक में मिशनरियों द्वारा किया गया व्यापक काम है। ‘लिंगायत कोथोलिक’ क्या है? ये नृशंस मिशनरी निर्दोष गरीब हिंदुओं को बेवकूफ बना रहे हैं.. और वे कुछ पैसे के लिए गिर रहे हैं .. (@SushmaSwaraj) उम्मीद करते हैं कि आप इनके लिए वीजा मंजूरी नहीं दे रही हैं …” (अनुवाद) इस संदेश के साथ एक चर्च की तस्वीर थी जिसे ‘लिंगायथ कैथोलिक चर्च’ का नाम दिया गया था। चर्च के नाम के नीचे “स्थापित : 16 अप्रैल, 2018 बैंगलोर, कर्नाटक” लिखा था। इसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था।
अप्रैल 2018 में बैंगलोर में स्थापित ‘लिंगायथ कैथोलिक चर्च’ के रूप में जारी तस्वीर वास्तव में महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से में ठाणे जिले के तटीय शहर दहानू में स्थित चर्च की है। चर्च की तस्वीर से फोटोशॉप में छेड़छाड़ की गई थी।
3. व्यक्तिगत शत्रुता में हुए हमले का वीडियो हिंदुओं को मारने के रूप में शेयर किया गया
“कर्नाटक में ��िन्दू कार्यकताओं को मारा जा रहा है … केंद्र मौन क्यों ???” फेसबुक पर प्रसारित एक वीडियो में कम से कम चार लोगों द्वारा एक दुकान के बाहर एक आदमी को निर्दयतापूर्वक मारते दिखाया गया था। दावा किया गया था कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार राज्य भर में हिंदुओं पर हमलों को लेकर आंख बंद की हुई थी।
ऑल्ट न्यूज ने पाया कि यह घटना बेंगलुरू में हुई थी और व्यक्तिगत शत्रुता का नतीजा थी। यह घटना राज्य में हिंदुओं पर एक आम हमले का प्रतिनिधित्व करती है, इस दावे में कोई सच्चाई नहीं थी।
पिछले कुछ महीनों में सांप्रदायिक उत्तेजक गलत सूचनाओं की बाढ़
पिछले कुछ महीनों में, कई पोस्ट ने अल्पसंख्यकों की आक्रामकता, धमकी और हमले का हिंदुओं को निशाना बनाने का चित्र दिखाया है। इनका असली निशाना प्राथमिक रूप से मुस्लिम समुदाय है, हालांकि ईसाईयों को भी निशाना बनाया गया है।
1. “अल्लाह की जीत, राम की हार”- कैराना के नए सांसद के लिए नकली उद्धरण
मई 2018 में आयोजित उपचुनाव में उत्तर प्रदेश के कैराना से राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) की उम्मीदवार बेगम तबस्सुम हसन की प्रभावशाली जीत के बाद, हसन का एक बयान सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर आग की तरह फैलाया गया था। इस उद्धरण के अनुसार, हसन ने कहा था, “ये अल्लाह की जीत और राम की हार है”। ट्विटर पर कम से कम तीन वैसे लोगों ने इसे ट्वीट किया था, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किया जाता है।
ऑल्ट न्यूज ने तबस्सुम हसन से संपर्क किया जिन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन अफवाह फैलाई जा चुकी थी। इस नकली उद्धरण के अपलोड होने के बाद हजारों सोशल मीडिया उपयोगकर्ता इसे पहले ही शेयर कर चुके थे।
2. स्विट्जरलैंड में फुटबॉल संबंधी बर्बरता को रमजान के दौरान मुसलमानों के दंगों के रूप में शेयर किया
“रमजान के दौरान बर्मिंघम में मुस्लिम हिंसा!!! वे सड़कों पर खाने के लिए सड़क बंद करना चाहते हैं”। (अनुवाद) यह संदेश एक ऐसे वीडियो के साथ साझा किया गया था जो सड़क पर कारों पर हमला करने वाले दंगे को दिखाता है। दावा किया गया था कि यह घटना बर्मिंघम, यू.के. में हुई थी जब मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने बर्बरता का सहारा लिया, क्योंकि वो रमजान के दौरान उपवास तोड़ने के लिए ‘सड़कों पर खाना’ चाहते थे। यह वीडियो यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक पर प्रसारित किया गया।
ऑल्ट न्यूज ने छानबीन में पाया कि यह घटना बर्मिंघम, यू.के. में नहीं, बल्कि स्विट्जरलैंड के बेसल में हुई थी। इसके अलावा, इसका इस्लाम या मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। यह बर्बर प्रदर्शन बेसल और लुसेर्न फुटबॉल क्लबों के बीच एक फुटबॉल मैच को लेकर है, और यह हिंसा 19 मई को बिर्सस्ट्रैस, बेसल में हुई थी।
3. ‘पश्चिम बंगाल से आने वाली मुस्लिमों से भरी बस’ पर पाकिस्तानी ध्वज
“पश्चिम बंगाल (दीदी के राज) के मुसलमानों से भरी बस पाकिस्तान का ध्वज फहराते हुए पंजाब (कैप्टन अमरिंदर के राज) पहुंची। पाकिस्तान के ध्वज को देख कर पंजाब पुलिस ने क्या किया, सुनें”। उपरोक्त संदेश के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल था। इस वीडियो में एक बुजुर्ग व्यक्ति से दुर्व्यवहार किया जा रहा है। उन लोगों के मुताबिक जो उससे दुर्व्यवहार कर रहे हैं, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उसने बस पर पाकिस्तानी ध्वज फहराया है। ट्विटर अकाउंट @ExSecular उन लोगों में से थे जिन्होंने इस वीडियो को शेयर किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ट्विटर पर इन्हें फॉलो किया जाता है।
See below a tourist bus came from West Bengal of 'Didi'. It was full of 'M's'. A Pakistan flag was placed on the front. When it reached Punjab, it was 'suitably' treated by the public there pic.twitter.com/d6yNuTlMjG
— नारदमुनि (@NaMuGC) June 3, 2018
वीडियो में प्रदर्शित झंडा पाकिस्तान का ध्वज नहीं है। यह एक सामान्य ध्वज है जिसे उपमहाद्वीप में मुस्लिम समुदाय द्वारा धार्मिक प्रतीक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह घटना हरियाणा में मार्च 2018 में हुई थी।
4. तमिलनाडु के एनईईटी छात्रों वाली ट्रेन नमाजियों के कारण देर हुई
मई 2018 में, सोशल मीडिया पर एक तस्वीर प्रसारित हुई जिसमें पुरुषों का एक समूह रेलवे ट्रैक पर नमाज पढ़ता है। इस तस्वीर के साथ यह संदेश था जिसमें कहा गया था- ‘रेल मार्ग नमाज के लिए अवरुद्ध है। दुख की बात है कि इस ट्रेन में यात्रा करने वाले छात्र देर हो गए और एनईईटी परीक्षाओं के लिए उपस्थित नहीं हो सके।’ यह संदेश तमिल भाषा में था।
pic.twitter.com/MDKEYU28QC
— ஜெகநாதன் ஜி जेगनाथन जी Jaganathan G (@yogees46) May 8, 2018
यह तस्वीर तमिलनाडु से नहीं है और एनईईटी परीक्षा से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इसे जून 2017 में नई दिल्ली में क्लिक किया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया के फोटो जर्नलिस्ट अनिन्द्य चट्टोपाध्याय ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अलविदा नमाज (रमजान की आ��िरी प्रार्थना) की पेशकश करने वाले धर्मावलंबियों की यह तस्वीर ली, जिसे टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा 23 जून, 2017 को प्रकाशित किया गया था।
5. मेरठ का पुराना, झूठा मामला मदरसा के अंदर बलात्कार की घटना के रूप में फैलाया गया
मई 2018 में, पत्रकारों से बात करने वाली एक युवा महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में प्रसारित हुआ। वीडियो में, महिला ने आरोप लगाया कि उसके साथ एक मदरसा के अंदर बलात्कार किया गया था, और उ���े कैद करने वालों द्वारा जिन्होंने उसका और उसके विश्वास का दुरुपयोग किया, उसे इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए दबाव डाला गया था। इस वीडियो को कई दक्षिणपंथी अकाउंट और पेजों से शेयर किया गया।
मदरसे में रेप
मेरठ के मदरसे में इस हिन्दू बेटी से कई महीनो तक हुआ बलात्कार पर हमारा सारा मीडिया मौन ऐसा क्यों ? कोई पत्रकार इस पर नहीं बोलता, इस पर कोई बहस नहीं क्योंकि मामला मदरसे का है और मौलवी का है, अगर किसी मंदिर का होता और साधू संत का तब सारा मीडिया अगले 6 महीने तक समाचार चलाता और बताता की सारे साधू संत रेपिस्ट होते हैं मंदिरों को बंद करो
Posted by We Support RSS on Saturday, 14 April 2018
यह विशेष मामला कोई हालिया घटना नहीं, बल्कि अगस्त 2014 की थी, जब मेरठ से खबर उभरी थी कि एक महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और जबरन धर्म-परिवर्तित किया गया था। आरोप लगाया गया था कि यह अपराध मदरसा के अंदर हुआ था। हालांकि उसी वर्ष बाद में, घटना में दिलचस्प मोड़ आया जब बलात्कार और जबरन धर्म-परिवर्तन का आरोप लगाने वाली महिला ने इस मामले को वापस ले लिया। उसने कहा कि उसके साथ ऐसा कोई अपराध नहीं किया गया था और वह अपनी मर्जी से अपने प्रेमी के पास गई थी, जो दूसरे धर्म से ताल्लुक रखता था। बाद में 2015 में, महिला ने उस आरोपी से विवाह कर लिया था।
यह सिर्फ हालिया दृश्य नहीं
उपरोक्त संकलन नकली खबरों के उदाहरणों का वर्णन करता है जिनसे पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया त्रस्त है। ऑल्ट न्यूज ने देखा कि यह प्रवृत्ति जनवरी 2018 से ही उपरोक्त उदाहरणों की तरह है जब कुछ घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी। सोशल मीडिया पर तब से ये रुझान चल ही रहे हैं।
1. “सद्दाम, नदीम, फिरोज, आमिर, अशरफ ने गुरुग्राम में स्कूल बस पर हमला किया”
जनवरी 2018 में, फिल्म पद्मावत के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान, गुरुग्राम में एक स्कूल बस पर हमला किया गया था। इस हमले का एक वीडियो वायरल हो चला, जिसमें छोटे बच्चों को डरते हुए दिखाया गया क्योंकि बस पर पत्थर फेंके गए थे और देश भर में भारी आक्रोश हुआ था। इस वीडियो के साथ, एक संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित होना शुरू हुआ, जिसमें था- “गुड़गांव में एक स्कूल बस पर पत्थर फेंकने के मामले में, करणी सेना के सद्दाम, आमिर, नदीम, फिरोज और अशरफ को गिरफ्तार कर लिया गया है”। इस संदेश को प्रसारित करने वाले प्रमुख अकाउंट में से कम से कम तीन अकाउंट ऐसे थे जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं- जय (@Saffron_Rocks), जितेंद्र प्रताप सिंह (@jpsin1) और कुंवर अजयप्रताप सिंह (@sengarajay235)।
इस दावे की जांच करने के लिए ऑल्ट न्यूज ने पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम से बात की, जिन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित की जाने वाली जानकारी बिल्कुल झूठी है और ऐसे किसी भी नाम से आरोपियों के वास्तविक नाम नहीं मिलते हैं जैसा कि सोशल मीडिया में प्रसारित किया जा रहा है।
यह सबसे शुरुआती उदाहरणों में से एक था जिसमें मुस्लिम नामों को हिंसा के लिए जिम्मेवार ठहराया गया था। इसके बाद इस प्रवृत्ति का पालन किया जाता रहा है।
2. कासगंज हिंसा में हिंदू युवा के मौत की नकली खबर
26 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश के कासगंज में सांप्रदायिक हिंसा के बाद 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। तिरंगा फहराने में असफल होने पर हुई झड़प के बाद, दो समुदायों के बीच संघर्ष हो गया, जिसमें एक युवा, चंदन गुप्ता की मौत हो गई थी। दुकानों में तोड़फोड़ हुई और बसों को आग लगाई गई थी। सोशल मीडिया पर रिपोर्ट फैलनी शुरू हुई कि गुप्ता के अलावा एक और युवा, राहुल उपाध्याय हिंसा में मारा गया था। इसे पोस्ट करने वालों में मेल टुडे के त���्कालीन प्रबंध संपादक अभिजीत मजूमदार भी शामिल थे।
इन ट्वीटों की भाषा और स्वर प्रकृति में भड़काऊ और सांप्रदायिक थे, यह बताते हुए कि मुसलमानों के हाथों संघर्ष में हिंदू युवाओं की मौत हो रही थी। हालांकि यह रिपोर्ट पूरी तरह झूठी साबित हुई। यूपी पुलिस ने एक आधिकारिक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया कि उपाध्याय जीवित है और झूठी अफवाहें फैलाने के लिए चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
3. कर्नाटक में परेश मेस्टा की मौत के सम्बंधित अफवाहें
जनवरी 2018 में कर्नाटक के उत्तरा कन्नड़ जिले में 21 वर्षीय परेश मेस्टा की मौत का वर्णन करने के लिए सोशल मीडिया पर चलाए गए कुछ उत्तेजक संदेश थे- ‘सिर कटा’,’बधिया किया’ और ‘उबलता तेल चेहरे पर डाला’। क्षेत्र में सांप्रदायिक संघर्षों के बाद, उसके गायब होने के कुछ दिनों बाद, मेस्ता का बिगड़ रहा शरीर होनवार शहर की एक झील में पाया गया था। कर्नाटक की भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने इस मामले में नेतृत्व किया था। यह नकली समाचार वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ द्वारा भी शेयर किया गया था।
SP under #SiddaramaiahRule has declared this as 'Samaanya Saavu' Hindu boy 21 yr old Paresh Mesta goes missing.when he was found, he was mutilated,castrated.burnt by boiling oil poured over his head & his head split dastardly with a weapon. pic.twitter.com/tmxkK6r2GS
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) December 10, 2017
ये उत्तेजक दावे दुर्भावनापूर्ण और मनगढ़ंत थे। फोरेंसिक मेडिसिन विभाग, मणिपाल जिसने पोस्ट-मॉर्टम का एक दस्तावेज जारी किया, परेश मेस्टा के उत्पीड़न और अंग-भंग के आरोपों का बिंदु-दर-बिंदु खंडन कर दिया।
कुछ तय फार्मूला के आधार पर हिंसा और अशांति फ़ैलाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है – मुस्लिम नाम वाले हिंसा के अपराधियों, खराब तस्वीरों, जाली पत्रों, विभिन्न संदर्भों के सा�� प्रसारित वीडियो आदि से ये सरासर अफवाहों को फैलाते हैं। लगभग हर दिन, एक नया दावा प्रसारित किया जाता है और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से शेयर किया जाता है। यह प्रवृत्ति चुनाव के दौरान शीर्ष पर होती है, और आम दिनों में भी बिना रुके जारी रहती है। अगले कुछ महीनों में कई विधानसभा चुनाव सामने आएंगे और 2019 का आम चुनाव भी बहुत दूर नहीं हैं। इस लेख में उल्लिखित प्रवृत्ति से पता चलता है कि अल्पसंख्यकों के बहाने और गलत सूचनाओं के माध्यम से दैनिक आधार पर निरंतर ध्रुवीकरण के प्राथमिक उद्देश्य के साथ अगले वर्ष में यह एक महत्वपूर्ण चुनावी रणनीति होगी।
The post हिंदू खतरे में है? कैसे नकली समाचार तंत्र भय का माहौल बनाने के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है appeared first on Alt News.
Hindi News Latest Hindi News
The Hindi News हिंदू खतरे में है? कैसे नकली समाचार तंत्र भय का माहौल बनाने के लिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाता है appeared first on Hindi News.
source http://hindi-news.krantibhaskar.com/latest-news/hindi-news/ajab-gajab-news/15810/
0 notes
Text
प्रेस रिव्यू: फ़ेक न्यूज़ पर सरकार की वॉट्सऐप को चेतावनी
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर है कि भारत सरकार ने वॉट्सऐप को चेतावनी दी है कि अगर वो फ़ेक न्यूज़ पर लगाम न लगा पाया तो उसे क़ानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
आईटी मिनिस्ट्री ने कंपनी को एक नई चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वो फ़ेक न्यूज़ पर लगाम लगाने के लिए ज़्यादा कारगर और जिम्मेदारी वाला तरीका लेकर आए.
यह चेतावनी ऐसे वक़्त में आई है जब भारत के तमाम हिस्सों में वॉट्सऐप के जरिए फ़र्जी ख़बरें फैलने से कई लोगों को भीड़ के हाथों मारे जाने की घटनाएं सामने आई हैं.
अभी कुछ दिनों पहले ही कर्नाटक में गूगल के एक इंजीनियर को भीड़ ने बच्चा चोरी की अफ़वाह फैलने से मार डाला था.
इससे पहले महाराष्ट्र के धुले में भी ऐसी ही घटना हुई थी.दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ दो खालिस्तानी चरमपंथी दिल्ली में संसद भवन पर हमले की योजना बना रहे हैं. ख़बर में ख़ुफ़िया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ये दोनों चरमपंथी 2016 में पंजाब के नाभा जेलब्रेक की साज़िश से जुड़े हैं. बताया जा रहा है कि ये साल 2001 में संसद भवन पर हुए हमले की तरह ही एक बार फिर यहां हमला करने की योजना बना रहे हैं. यह जानकारी मिलने के बाद सेंट्रल और नई दिल्ली में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. दिल्ली के एक अधिकारी ने भी इसकी पुष्टि की है.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ही एक और रिपोर्ट के मुताबिक भारत में केंद्र सरकार और न्यायपालिका एक बार फिर आमने-सामने हैं.
केंद्र सरकार ने कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस अनिरुद्ध बोस को दिल्ली हाईकोर्ट का चीफ़ जस्टिस बनाने की कोलेजियम की सिफ़ारिश को ख़ारिज कर दिया है.
अख़बार कानून मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के हवाले से लिखता है कि सरकार को जस्टिस बोस के नाम से कोई आपत्ति नहीं है.
मंत्रालय की दलीलें कुछ और ही हैं. मंत्रालय का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस का पद बहुत अहम होता है और चीफ़ जस्टिस कई संवेदनशील मुद्दों से जुड़े मामलों की सुनवाई करते हैं.
इसके साथ ही ऐसी परंपरा रही है कि ज़्यादातर मामलों में हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के तौर पर किसी दूसरे हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस की नियुक्ति ही होती है.
इससे पहले केंद्र ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस केएम जोसेफ़ को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त करने की कोलेजियम की सिफ़ारिश वापस कर दी थी और इस पर काफ़ी विवाद हुआ था.
0 notes
Photo
मोदी का सच : सोशल मीडिया की खलने लगी बेबाकी, लगाम लगाने की तैयारी शुरू व्हाट्सएप विवाद पैदा करने के पीछे कहीं 2019 का लोकसभा चुनाव तो नहीं? मोदी सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव के मोड में भी आ गई है। प्लानिंग से लेकर जनसंपर्क अभियान जोरशोर से चल रहा है। मीडिया के तमाम माध्यमों पर शिकंजा कसा हुआ है। चैनल हो या अखबार कोई भी सरकार के अंदर की खबर दिखाने से परहेज बरत रहे हैं। इक्का दुक्का चैनल या अखबार यदि यह दुस्साहस कर भी लेते हैं तो वह ज्यादा दिनों तक मैदान में टिक नहीं पाते। किसी न किसी बहाने उन्हें भी कमजोर कर दिया जाता है। ले दे कर सोशल मीडिया ही रह गया है जहां सरकार के खिलाफ या फिर हकीकत से जुड़े समाचार देखने को मिल जाते हैं। अब मोदी सरकार को सोशल मीडिया की यह बेबाकी भी खलने लगी है। खतरा इस बात का महसूस होने लगा है कि सोशल मीडिया पर आने जाने वाली सामग्री मसलन लेख, आलेख, फोटो, वीडियो आदि 2019 के लोकसभा चुनाव में ��लीता न लगा दे। खतरे की आशंका के साथ ही शुरू हो गई है सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की कवायद। शुरुआत व्हाट्सएप से हुई है। ��ेसबुक की शाखा व्हाट्सएप के साथ भारत सरकार के मंत्रियों का पत्राचार शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस साल व्हाट्सएप के जरिए फैली अफवाहों के कारण एक दर्जन से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं। सबसे ताजा मामला महाराष्ट्र का है, जिसमें बीते रविवार को 7 लोगों को बच्चों को अगवा करने वाले अफवाह की वजह से पीट-पीट कर मार दिया गया। इस मॉब-लिंचिंग की घटना के बाद से केन्द्र सरकार की तकनीकि मंत्रालय ने सख्ती दिखाते हुए व्हाट्सएप को तत्काल कारवाई करते हुए अफवाहों को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने के लिए कहा। मंत्रालय ने व्हाट्सएप से कहा कि व्हाट्सएप की सेवा का इस्तेमाल करके शरारती तत्व अफवाहों को तेजी से फैला रहे हैं, इसके लिए कंपनी को अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए और सकारात्मक कदम उठाना चाहिए। इस पर व्हाट्सएप ने कहा कि केन्द्र सरकार की तरह ही हम भी मॉब-लिंचिंग की घटना से आहत है और जल्द ही इसका समाधान निकालना चाहते हैं। लेकिन वाकई में जो दिख रहा है क्या वही सत्य है? या फिर परदे के पीछे का खेल कुछ और है। देश में एक बहुत बड़े वर्ग का मानना है कि व्हाट्सएप के बहाने सोशल मीडिया पर लगाम की कवायद आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनदर की जा रही है। मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में सोशल मीडिया की अहम् भूमिका रही है। 2014 के चुनाव में इस मीडिया का इस्तेमाल भरपूर तरह से किया गया था। अब यह फार्मूला अन्य दलों के हाथ भी लग गया है। अब वे भी इसका खुल कर मोदी सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे भाजपा काे खतरा नजर आने लगा है। भाजपा नेताओं को लगने लगा है कि चुनाव के दौरान पार्टी और नेता के खिलाफ हवा बनाने में इसका इस्तेमाल होगा और फिर चुनाव परिणाम कुछ भी हो सकता है। वैसे यह तो सच है कि सोशल मीडिया से फैली अफवाहों के शिकार अब आम आदमी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय पार्टियां और उससे जुड़े लोग भी होने लगे हैं। सुषमा स्वराज और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के साथ हुई ‘साइबर बुलिंग’ इसके ताजा उदाहरण हैं। प्रियंका का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों की चुप्पी ट्रोलरों को बढ़ावा दे रही है, उनके हौसले बढ़ा रही है। ट्विटर पर कथित राष्ट्रवादी हिंदू ट्रोलर ने प्रियंका की बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। मीडिया में हंगामा मचने के बाद पुलिस एक्टिव मोड में आई और अंतत: संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि अगर वेरिफाइड अकाउंट हो तो ट्रोलिंग पर लगाम लग सकती है। लेकिन पुलिस व भुक्तभोगियों का मानना है कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होगा, क्योंकि ट्रोलिंग अमूमन ‘अनोनिमस’ ��काउंट से ही होती है। ये लोग अपनी पहचान छिपाकर ट्रोल करते हैं।कोई माने या न माने, लेकिन मेरी दलील यह है कि फेसबुक, गूगल और टिवटर आदि को दुनिया में यदि कहीं सबसे ज्यादा कमाई, लूट और मनमानी की छूट मिली हुई है तो वह भारत में है। आखिर यह छूट अब तक क्यों मिली हुई है? अब सरकार का ध्यान इस तरफ क्यों गया है? चीन, रूस व कई यूरोपीय देशों ने इन कंपनियों को पाबंदी लगाई हुई है। चीनियों ने तो अपनी भाषा में सबकुछ खुद का बनाया हुआ है लेकिन अंग्रेजी के हम गुलाम हिंदुओं ने इसे सिर पर बिठा रखा है।मालूम हो कि भारत में व्हाट्सएप के 200 मिलियन यानी कि 20 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स हैं। इसकी वजह से कोई भी अफवाह व्हाट्सएप के जरिए आग की तरह फैलती है। केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुछ समय पहले ‘हैशटैग आई एम ट्रोल्ड’ हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसका मकसद महिलाओं के खिलाफ ट्रोलिंग पर एक्शन लेना था, लेकिन यह पहल क्या कारगर हो पाई है? अधिकांश महिलाओं का अनुभव है कि हमने भी ‘हैशटैग आईएमट्रोल्ड’ पर शिकायतें भेजी थीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस तरह की नीतियां ध्यान भटकाने के लिए ही बनाई जाती हैं।सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने व्हाट्सएप को पत्र लिख कर अफवाह फैलाने वाली सामग्री पर रोक लगाने के लिए कोई व्यवस्था करने को कहा है। इससे पहले भी रवि शंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को समन भेजने की बात कही थी। लेकिन हुआ कुछ भी नहीं था। रिपोर्ट - इश्तियाक अहमद (साभार - वरिष्ठ पत्रकार संदीप ठाकुर की वाल से लिया गया पोस्ट)
0 notes
Text
सनी लियोन की जीवनी
सनी लियोन का नाम सुनते ही आपके दिमाग में क्या आता हैा ये हमें बताने की जरूरत नहीं है क्योकि हमारे पाठक तो इतने समझदार तो हैं हीं लेकिन फिर भी हम आपको उनसे जुड़े राज और कुछ ऐसे तथ्यों से रूबरू कराएंगे जिनसे शायद आप वाकिफ नहीं होंगेा करनजीत कौर वोहरा उर्फ सनी लियोन, हां हां असली नाम यही है, इंडो-कनाडियन, अमेरिकन अभिनेत्री, व्यवसायी और पूर्व पॉर्न फिल्मों की अभिनेत्री हैंा उन्हें हिन्दी फिल्मों में आने से पहले कर्इ तरह के संगठनों का विरोध भी झेलना पड़ा क्योंकि जो उनका बैकग्राउंड रहा है, वह तो जगजाहिर है और भारत जैसे देश में लोगों की भावनाएं जल्द ही आहत हो जाती हैां खैर, इंडस्टी से भी कई लोगों की तरफ से उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठे लेकिन आखिरकार उन्हें भट्ट कैंप के साथ हिन्दी फिल्मों में ब्रेक मिलाा उन्हें पहली बार जब बिग बॉस के घर में महेश भट्ट ने देखा तो तभी उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने का ऑफर दे दियाा पृष्ठभूमि- सनी का जन्म सार्निया, ओंटेरियो, कनाडा में एक सिख पंजाबी परिवार में हुआ थाा उनके पिता का जन्म तिब्बत में हुआ, बाद में वे दिल्ली में रहने लगे थेा वहीं उनकी मां हिमाचल प्रदेश की हैंा पढ़ाई- उनके परिवार ने सनी का दाखिला कैथलिक स्कूल में करायाा ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वे सोचते थे कि पब्लिक स्कूल में जाना सनी के लिए सुरक्षित नहीं हैा शादी- सनी ने डेनियल वेबर से शादी की हैा करियर- हिन्दी फिल्मों में उनके करियर की शुरूआत फिल्म 'जिस्म 2' से हुई थी जिसको आलोचकों की तो कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली लेकिन फिल्म ने ठीकठाक कमाई कर लीा प्रसिद्ध फिल्में- जिस्म 2, जैकपॉट, रागिनी एमएमएस 2 जैसी फिल्मों में वे अपनी पुरानी छवि की छाप छोड़ चुकी हैं और दर्शकों ने भी इसे काफी पसंद किया हैा आलम यह था कि लोग इन फिल्मों को सिर्फ सनी लियोन के नाम पर देखने गएा आने वाली फिल्में- उनकी आने वाली फिल्म है एक पहेली लीला जिसमें वे एकदम अलग किरदार में नजर आएंगी और इसके पहले आपने उन्हें ऐसे किरदार में नहीं देखा होगाा इसके बाद वे नजर आएंगी फिल्म मस्तीजादे में जो कि एक एडल्ट सेक्स कॉमेडी हैा सनी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें- 1. वे पॉर्न फिल्मों में लंबे वक्त तक काम कर चुकी हैंा 2. बिग बॉस के घर में दाखिल होने और हिन्दी फिल्मों में आने से पहले उनका भरसक विरोध हुआ थाा 3. फिल्म जिस्म 2 के पोस्टर को लेकर भी तब खूब बवाल मचा जब यह पोस्टर कई लोगों को काफी उत्तेजक लगाा इसका काफी ज्यादा विरोध हुआा 4. उन्हें हिन्दी फिल्मों में एकता कपूर का भरपूर साथ मिला हैा 5. रागिनी एमएमएस 2 के प्रमोशन के दौरान वे मुंबई के सिद्धीविनायक मंदिर में अपनी आने वाली फिल्म की कामयाबी के लिए मन्नत मांगने गईं थींा उस दौरान भी कई संगठनों और पुजारियों ने इसका विरोध किया थाा 6. उस समय भी विवाद काफी गहरा गया जब ट्विटर पर कमाल खान और सनी के बीच कमेंट में ही काफी तू तू मैं मैं हो गईा 7. 2014 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली सेलिब्रिटी हैं सनी लियोना 8. वे पहली ऐसी एडल्ट फिल्मों की अभिनेत्री हैं जो कि मुख्यधारा के हिन्दी सिनेमा में इतनी ज्यादा चर्चित हैंा 9. उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है जैसे 2008 में वेब बेब ऑफ द ईयर, 2010 में वेब स्टारलेट ऑफ द ईयर, 2012 में पोर्न सार्इट ऑफ द ईयर इत्यादिा 10. सनी लियोन ने अपनी कंपनी एलएलसी के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया। उन्होंने बताया कि उनकी साइट पर 80 फीसदी लोग भारत से आते हैं। यही नहीं साइट से होने वाली कमाई का 60 फीसदी ��ारत से आता है। जरा सोचिये बॉलीवुड से आने से पहले ही सनी ने भारत से ही कितने पैसे कमाये। 11. सनी बिग बॉस 5 से पहले भी भारतीय टेलीविजन पर दिखी थीं लेकिन तब उन्हें शायद ही कोई जानता था। उन्हें पहली बार एमटीवी इंडिया पर एमटीवी अवार्ड में कवर किया गया। 12. सनी को निर्देशक मोहित सूरी ने कई साल पहले फिल्म कलयुग के लिये संपर्क किया था लेकिन उस समय सनी ने फिल्म में काम करने के लिए 10 लाख डॉलर की मांग की थी जिस वजह से सनी को फिल्म में नहीं लिया गयाा 13. फिल्म 'शूटआउट एट वडाला' का गाना 'लैला तेरी' काफी पापुलर हुआ और इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में उनकी मांग और बढ़ गईा 14. वर्ष 2013 की सबसे अमीर पोर्न स्टार्स की सूची देखें तो सन्नी लियोन 19वें स्थान पर रही हैं। Click to Post
0 notes
Text
टूलकिट केस: दिशा रवि के बाद पुलिस अब कर रही निकिता जैकब की तलाश, जानिए कौन है Divya Sandesh
#Divyasandesh
टूलकिट केस: दिशा रवि के बाद पुलिस अब कर रही निकिता जैकब की तलाश, जानिए कौन है
नई दिल्ली गूगल टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस अब (Nikita Jacob) और शांतनु (Shantanu) को ढूंढ रही है। उसने दिल्ली की एक अदालत में दोनों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है जिसके आधार पर कोर्ट ने इन दोनों के खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी कर दिया है। टूलकिट केस में बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है जिसे अदालत ने पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
खालिस्तानी आतंकी के साथ मीटिंग कर चुकी है निकिता? सूत्रों के मुताबिक, खालिस्तानी संगठन पॉएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) के संस्थापक एमओ धालीवाल ने निकिता से उसके सहयोगी पुनीत के जरिए संपर्क किया। मकसद गणतंत्र दिवस से पहले ट्विटर पर तूफान खड़ा करना था। गणतंत्र दिवस से पहले निकिता, दिशा और कुछ अन्य लोगों ने धालीवाल के साथ जूम पर मीटिंग (Mo Dhaliwal meeting with Nikita Jacob and Disha Ravi) की थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल चार दिन पहले यानी 11 फरवरी को निकिता जैकब के घर जाकर उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की पड़ताल की थी। दिल्ली पुलिस ने तब निकिता से कहा था कि वो फिर से आएगी, लेकिन दोबारा पहुंचने पर निकिता गायब थी।दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रही है। उसने अंतरिम जमानत के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में आवेदन दिया है।
कौन है निकिता जैकब? विवाद छिड़ने पर निकिता ने अपना ट्विटर अकाउंट डिलीट कर लिया था। दावा किया जा रहा है कि तब उसने अपने प्रोफाइल में खुद का परिचय बॉम्बे हाई कोर्ट की वकील, पर्यावरणविद और आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़े होने के रूप में दे रखा था। हालांकि, नए प्रोफाइल में उसने आम आदमी पार्टी से अपने संबंध की बात हटा दी है। ट्विटर यूजर विजय पटेल ने दावा किया है कि निकिता ने 30 जनवरी, 2021 को ‘सॉलिडेरिटी विद इंडियन फार्मर्स’ के नाम डॉक्युमेंट तैयार की थी। दावा है कि वो इंस्टाग्राम पर News Infuse नाम से एक अकाउंट भी बना रखा है जहां पर वो प्रॉपगैंडा फैलाती रहती है।
निकिता ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर एक शेयर किया है। इस वेबसाइट पर उसने अपना देते हुए बताया है कि वो एक वकील है। साथ ही, सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती रहती है। वेबसाइट के मुताबिक, निकिता सही के पक्ष में खड़ा होना चाहती है लेकिन आखिर में वो अनचाहे गलती कर बैठती है। वो अपने बारे में कहती है कि उसे कोई भी आसानी से प्रभावित कर सकता है। निकिता अपने बारे में बताते हुए कहती है कि वो लेखक, गायिका और वॉइस आर्टिस्ट बनना चाहती है। फोटॉग्राफी भी कर लेती है और खाना भी बना लेती है।
वो कहती है कि उसे वर्गविभेद बिल्कुल पसंद नहीं है। वो कहती है, “मैं किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि के व्यक्ति से बातचीत करके आसानी से जुड़ सकती हूं।” वो खुद को गहन आलोचक बताती है और कहती है कि उसे तथ्यों और आंकड़ों का तार्किक और भावनात्कम, दोनों स्तर पर विश्लेषण करना पसंद अच्छा लगता है। निकिता मुंबई में एक कैथलिक इसाई परिवार में जन्मी है।
0 notes
Photo
एयरेटल के कारण हर रोज फेल हो रही 2.6 करोड़ कॉल: रिलायंस जियो मुखपृष्ठ टेक्नोलॉजी एयरेटल के कारण हर रोज फेल हो रही 2.6 करोड़ कॉल: रिलायंस जियो इससे पहले एयरटेल ने दावा किया था कि उसने जियो को पर्याप्त (पीओआई) उपलब्ध कराए थे, लेकिन जियो इस्तेमाल नहीं कर सकी कॉल कनेक्टिविटी को लेकर रिलायंस जियो व एयरटेल में विवाद चल रहा है। दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो ने दावा किया कि एयरटेल ने उसे पर्याप्त POI (प्वाइंट आफ इंटरकनेक्ट) नहीं उपलब्ध कराए हैं जिसके कारण उसके यूजर्स की देश के अंदर लंबी दूरी की रोजाना 2.6 करोड़ यानी 53.4 प्रतिशत फोन कॉल फेल हो रही हैं। कंपनी का कहना है कि ट्राई के नियमों के अनुसार यह कॉल ड्रप दर 0.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलांयस जियो ने इसके साथ ही पीओआई के बारे में एयरटेल के दावे ‘भ्रमित’ करने वाला बताया है और कहा है कि वह मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उल्लेखनीय है कि कॉल कनेक्टिविटी को लेकर रिलायंस जियो व एयरटेल में विवाद चल रहा है। रिलायंस जियो ने एक बयान में दावा किया है कि उसके ग्राहकों की रोजाना 2.6 करोड़ से अधिक यानी 53.4 प्रतिशत एनएलडी कॉल (एक सर्किल से दूसरे सर्किल में की जाने वाली कॉल) लग नहीं पा रही हैं जो कि नियमानुसार तय सीमा से कहीं अधिक है। कंपनी ने अपने बयान में एयरटेल के नेटवर्क पर विफल हो रही फोन कॉल व पीओआई का ब्यौरा दिया है। जियो के प्रवक्ता ने पीओआई के बारे में एयरटेल के बयान का भी खंडन किया है और दावा किया है कि वह अपने ‘प्रतिस्पर्धा विरोधी व उपभोक्ता विरोधी’ कदमों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसे बयान दे रही है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारती एयरटेल ने आज दावा किया कि उसने रिलायंस जियो को 19 करोड़ तक ग्राहकों को सेवा देने के लिये पर्याप्त (पीओआई) क्षमता उपलब्ध करायी है लेकिन जियो उसे उपयोग में लाने में विफल रही है। भारती एयरटेल ने एक बयान में कहा, ‘‘जियो ने जितनी ग्राहक संख्या में वृद्धि का अनुमान दिया है उससे अधिक पीओआई उपलब्ध कराया गया है। यह क्षमता जियो नेटवर्क पर 19 करोड़ ग्राहकों को सेवा देने के लिये पर्याप्त है और यह जियो के मौजूदा 7.25 करोड़ ग्राहक के दावे से दोगुने से भी ज्यादा है।’’ रिलयंस जियो ने कहा है कि एयरटेल ने उसे एक सर्किल के अंदर की काल के लिए जियो को 31 जनवरी तक कुल 18,557 इंटरकनेक्शन प्वाइंट उपलब्ध कराए थे जबकि जरूरत 23,502 की थी। इसी तरह उसे एनएलडी के लिए 10043 नेटवर्क अंतरसंयोजन स्थलों की जरूरत की जगह केवल 4,432 संपर्क प्वाइंट उपलब्ध कराए गए थे। ASUS ने मार्केट में उतारा अपना नया स्मार्टफोन ZENFONE 3S MAX Hindi News से जुड़े अपडेट और व्यूज लगातार हासिल करने के लिए हमारे साथ फेसबुक पेज और ट्विटर हैंडल के साथ गूगल प्लस पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App First Published on February 8, 2017 11:45 am
0 notes
Text
लद्दाख की गलवान घाटी में बिना गोली चले कैसे शहीद हो गए जवान
Galwan valley incident near India China border in Ladakh: गलवान घाटी में डिसएंगेजमेंट को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई। मगर इस दौरान एक भी गोली चलने की खबर नहीं है।
Edited By Deepak Verma | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 16 Jun 2020, 03:07:00 PM IST
लद्दाख बॉर्डर पर भारत-चीन के बीच अचानक क्या हुआ?
हाइलाइट्स
गलवान घाटी में चीन की कायराना हरकत, बातचीत के बजाय हिंसा का लिया सहारा
चीनी सैनिकों से बातचीत करने गई थी सैनिकों की एक टीम, हो गई हिंसक झड़प
मेजर जनरल लेवल पर बातचीत कर हालात सामान्य करने की कोशिश जारी
रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों संग की बैठक, चीन ने भारत पर लगाया बॉर्डर क्रॉस करने का आरोप
नई दिल्ली पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan valley) में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई है। सोमवार रात हुई इस घटना में दोनों ओर के जवान हताहत हुए। सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक, एक अधिकारी और दो जवान शहीद हुए हैं। घटना के बारे में जो शुरुआती जानकारी आ रही है, उसके मुताबिक सीमा पर गोली नहीं चली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने लाठी-डंडों और पत्थरों का इस्तेमाल किया। तीन जवान किस तरह शहीद हुए, इसे लेकर कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। अटकलें लग रही हैं कि मारपीट के दौरान जवानों ने दम तोड़ा होगा। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि चीनी सैनिकों ने धक्कामुक्की जिससे भारतीय सैनिक फिसल गए और खाई में जा गिरे। हालांकि अभी सेना की ओर से कोई वजह नहीं दी गई है। सेना के मुताबिक, गलवान घाटी में हालात ठीक करने के लिए दोनों देशों के मेजर जनरल्स बात कर रहे हैं।
चीन को भी हुआ नुकसान सोमवार रात हुई झड़प में दोनों ओर के सैनिक मारे गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने तीन से ज्यादा सैनिकों को खोया है जबकि कई घायल हुए हैं। घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाते देखा गया। हालांकि सेना ने अपने बयान में चीन को हुए नुकसान पर साफ कुछ कहा। बयान में बस इतना कहा गया कि ‘दोनों तरफ नुकसान हुआ है।’ चीनी सैनिकों की तरफ से लाठी-डंडों और पत्थरों के इस्तेमाल की बात भी सामने आ रही है।
भारतीय सेना हरकत में, ऐक्शन पर काम शुरू भारत-चीन बॉर्डर पर करीब 45 साल बाद किसी सैनिक की जान गई है। इस झड़प की गंभीरता को देखते हुए फौरन दोनों देश्राों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत शुरू हो गई है। घटना की जानकारी होने के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में हुई इस बैठक में सीमा के ताजा घटनाक्रम और जवाबी कार्रवाई पर चर्चा हुई। ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने पठानकोट मिलिट्री स्टेशन का अपना दौरा रद्द कर दिया है।
भारत-चीन सीमा झड़प: जानें सब क्या हुआभारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर हुई हिंसक झड़प में तीन भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर है। हालांकि गोली चलने की खबर नहीं है। इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह झड़प कितनी भयंकर होगी। खबरों के मुताबिक चीन के भी चार जवान मारे गए हैं। जिन्हें स्ट्रेचर पर लेकर जाते देखा गया। भारत चीन सीमा पर पहले भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच पत्थरबाजी होती रही हैं लेकिन बात इतनी कभी नहीं बढ़ी। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान आया है कि वह मामले को शांति से सुलझाना चाहते हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी गलवान घाटी में ही मीटिंग कर तनाव को दूर करने की कोशिश में लगे हैं। गलवान घाटी भारत के लिए बहुत अहम है और चीन इस बात को समझता है, तभी वह यहां से पीछे हटने को राजी नहीं हो रहा। इस बीच खबर है कि सैनिकों को अब आदेश है कि अगर सामने से गोली चलती है तो फायरबैक कर सकते हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि कोर कमांडर्स के बीच हुई बैठक में कोई राय नहीं बन पाई थी। हालांकि पहले यह कहा जा रहा था कि बैठक बहुत अच्छी रही है और जल्द ही विवाद का अंत हो सकता है।
चीन अपना ही राग अलापने में लगा गलवान घाटी की घटना को चीन ने अलग ही रंग दे दिया है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्री के हवाले से कहा कि ‘भारतीय सेना ने अवैध रूप से दो बार बॉर्डर पार किया और चीनी सैनिकों पर भड़काऊ हमले किए जिससे गंभीर झड़प हुई।’ अखबार ने यह भी लिखा कि चीन ने भारत से अपना विरोध दर्ज करा दिया है और यह भी चेताया है कि वह ‘सीमा पर कोई ऐसी एकतरफा कार्रवाई न करे जिससे हालात और खराब हों।’ आखिर में फिर चीन ने बातचीत के जरिए मसला सुलझाने की बात की है।
1 इंच पीछे नहीं हटेंगे… चीन पर बन रही रणनीति
टूटा दशकों की शांति का सिलसिला भारत-चीन के बीच 1967 के बाद से सीमा पर वैसी तनातनी देखने का नहीं मिली है। 2017 में डोकलाम विवाद जरूर हुआ था मगर उस दौरान भी गोली नहीं चली थी। साल 1975 में LAC पर आखिर बार चीन के हमले में भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। तब अरुणाचल प्रदेश में चीन ने घात लगाकर हमला किया था जिसमें चार सैनिक शहीद हुए थे। भारत ने चीन पर बॉर्डर क्रॉस कर हमले का आरोप लगाया था मगर चीन हमेशा की तरह मुकर गया। तबसे लेकर सोमवार तक, बॉर्डर पर झड़प तो कई बार हुई लेकिन किसी की जान नहीं गई थी।
लद्दाख बॉर्डर: भारत-चीन विवाद की जड़ समझाने वाला इंटरव्यूभारत और चीन के बीच आखिर लद्दाख बॉर्डर (Ladakh LAC) पर क्या चल रहा है? क्या वाकई चीन की सेना हमारी सीमा में घुस आई है और क्या बातचीत से इस समस्या का समाधान निकल पाएगा। ऐसे कई सवाल आम लोगों के जहन में है। नवभारत टाइम्स की रिपोर्टर पूनम पांडेय ने लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) विनोद भाटिया से इन तमाम सवालों के जवाब जानने की कोशिश की। भाटिया भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस यानी डीजीएमओ रह चुके हैं।
चीन की तरफ से शुरू हुआ है बॉर्डर पर तनाव लद्दाख में बॉर्डर पर तनाव की शुरुआत चीन की ओर से मई के पहले हफ्ते में हुई। पूर्वी लद्दाख में चार पॉइंट्स पर चीनी सैनिक भारतीय इलाके में घुस आए। अपने साथ वे भारी मात्रा में हथियार भी लाए थे। गलवान घाटी और पैंगोंग झील के पास बड़ी संख्या में चीनी सेना मौजूद है। 5 ���ई को पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिक टकरा गए थे। इसके बाद भारत ने भी तेजी से बॉर्डर पर सैनिक और हथियार पहुंचाने शुरू किए। जब दोनों सेनाओं की स्ट्रेन्थ लगभग बराबर हो गई, तब बातचीत शुरू हुई।
गलवान घाटी पर क्यों है चीन की नजर, समझिए
कई दौर की बातचीत, फिर थोड़ा पीछे हटा चीन दोनों देशों के बीच कमांडर लेवल से बातचीत शुरू होकर अब टॉप लेवल तक पहुंच गई है। इसके अलावा डिप्लोमेटिक चैनल्स के जरिए भी तनाव दूर करने की कोशिश हो रही है। भारत का स्टैंड साफ है कि चीन भारत के इलाकों से अपनी सेना वापस ले और बॉर्डर के पास जो युद्ध का साजोसामान इकट्ठा किया है, उसे भी हटाए। कई दौर की बातचीत के बाद, कई पॉइंट्स से चीन की सेना पीछे हटी भी थी मगर गलवान घाटी और पैंगोंग झील में उसका रुख वैसा ही था।
गलवान घाटी में हुई झड़प (फोटो: गूगल मैप्स)
Web Title india china border standoff in galwan valley violent faceoff details(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)
india News से जुड़े हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए NBT के फ़ेसबुक पेज को लाइक करें
रेकमेंडेड खबरें
Source link
from WordPress https://ift.tt/2BauueX
0 notes
Photo
मोदी का सच : सोशल मीडिया की खलने लगी बेबाकी, लगाम लगाने की तैयारी शुरू व्हाट्सएप विवाद पैदा करने के पीछे कहीं 2019 का लोकसभा चुनाव तो नहीं? मोदी सरकार 2019 के लोकसभा चुनाव के मोड में भी आ गई है। प्लानिंग से लेकर जनसंपर्क अभियान जोरशोर से चल रहा है। मीडिया के तमाम माध्यमों पर शिकंजा कसा हुआ है। चैनल हो या अखबार कोई भी सरकार के अंदर की खबर दिखाने से परहेज बरत रहे हैं। इक्का दुक्का चैनल या अखबार यदि यह दुस्साहस कर भी लेते हैं तो वह ज्यादा दिनों तक मैदान में टिक नहीं पाते। किसी न किसी बहाने उन्हें भी कमजोर कर दिया जाता है। ले दे कर सोशल मीडिया ही रह गया है जहां सरकार के खिलाफ या फिर हकीकत से जुड़े समाचार देखने को मिल जाते हैं। अब मोदी सरकार को सोशल मीडिया की यह बेबाकी भी खलने लगी है। खतरा इस बात का महसूस होने लगा है कि सोशल मीडिया पर आने जाने वाली सामग्री मसलन लेख, आलेख, फोटो, वीडियो आदि 2019 के लोकसभा चुनाव में पलीता न लगा दे। खतरे की आशंका के साथ ही शुरू हो गई है सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की कवायद। शुरुआत व्हाट्सएप से हुई है। फेसबुक की शाखा व्हाट्सएप के साथ भारत सरकार के मंत्रियों का पत्राचार शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस साल व्हाट्सएप के जरिए फैली अफवाहों के कारण एक दर्जन से भी ज्यादा लोग मारे गए हैं। सबसे ताजा मामला महाराष्ट्र का है, जिसमें बीते रविवार को 7 लोगों को बच्चों को अगवा करने वाले अफवाह की वजह से पीट-पीट कर मार दिया गया। इस मॉब-लिंचिंग की घटना के बाद से केन्द्र सरकार की तकनीकि मंत्रालय ने सख्ती दिखाते हुए व्हाट्सएप को तत्काल कारवाई करते हुए अफवाहों को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाने के लिए कहा। मंत्रालय ने व्हाट्सएप से कहा कि व्हाट्सएप की सेवा का इस्तेमाल करके शरारती तत्व अफवाहों को तेजी से फैला रहे हैं, इसके लिए कंपनी को अपनी जिम्मेवारी समझनी चाहिए और सकारात्मक कदम उठाना चाहिए। इस पर व्हाट्सएप ने कहा कि केन्द्र सरकार की तरह ही हम भी मॉब-लिंचिंग की घटना से आहत है और जल्द ही इसका समाधान निकालना चाहते हैं। लेकिन वाकई में जो दिख रहा है क्या वही सत्य है? या फिर परदे के पीछे का खेल कुछ और है। देश में एक बहुत बड़े वर्ग का मानना है कि व्हाट्सएप के बहाने सोशल मीडिया पर लगाम की कवायद आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनदर की जा रही है। मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में सोशल मीडिया की अहम् भूमिका रही है। 2014 के चुनाव में इस मीडिया का इस्तेमाल भरपूर तरह से किया गया था। अब यह फार्मूला अन्य दलों के हाथ भी लग गया है। अब वे भी इसका खुल कर मोदी सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करने लगे हैं। इससे भाजपा काे खतरा नजर आने लगा है। भाजपा नेताओं को लगने लगा है कि चुनाव के दौरान पार्टी और नेता के खिलाफ हवा बनाने में इसका इस्तेमाल होगा और फिर चुनाव परिणाम कुछ भी हो सकता है। वैसे यह तो सच है कि सोशल मीडिया से फैली अफवाहों के शिकार अब आम आदमी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय पार्टियां और उससे जुड़े लोग भी होने लगे हैं। सुषमा स्वराज और कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी के साथ हुई ‘साइबर बुलिंग’ इसके ताजा उदाहरण हैं। प्रियंका का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों की चुप्पी ट्रोलरों को बढ़ावा दे रही है, उनके हौसले बढ़ा रही है। ट्विटर पर कथित राष्ट्रवादी हिंदू ट्रोलर ने प्रियंका की बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी। मीडिया में हंगामा मचने के बाद पुलिस एक्टिव मोड में आई और अंतत: संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है।साइबर एक्सपर्ट का मानना ���ै कि अगर वेरिफाइड अकाउंट हो तो ट्रोलिंग पर लगाम लग सकती है। लेकिन पुलिस व भुक्तभोगियों का मानना है कि इससे कुछ खास फायदा नहीं होगा, क्योंकि ट्रोलिंग अमूमन ‘अनोनिमस’ अकाउंट से ही होती है। ये लोग अपनी पहचान छिपाकर ट्रोल करते हैं।कोई माने या न माने, लेकिन मेरी दलील यह है कि फेसबुक, गूगल और टिवटर आदि को दुनिया में यदि कहीं सबसे ज्यादा कमाई, लूट और मनमानी की छूट मिली हुई है तो वह भारत में है। आखिर यह छूट अब तक क्यों मिली हुई है? अब सरकार का ध्यान इस तरफ क्यों गया है? चीन, रूस व कई यूरोपीय देशों ने इन कंपनियों को पाबंदी लगाई हुई है। चीनियों ने तो अपनी भाषा में सबकुछ खुद का बनाया हुआ है लेकिन अंग्रेजी के हम गुलाम हिंदुओं ने इसे सिर पर बिठा रखा है।मालूम हो कि भारत में व्हाट्सएप के 200 मिलियन यानी कि 20 करोड़ से भी ज्यादा यूजर्स हैं। इसकी वजह से कोई भी अफवाह व्हाट्सएप के जरिए आग की तरह फैलती है। केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुछ समय पहले ‘हैशटैग आई एम ट्रोल्ड’ हेल्पलाइन शुरू की थी, जिसका मकसद महिलाओं के खिलाफ ट्रोलिंग पर एक्शन लेना था, लेकिन यह पहल क्या कारगर हो पाई है? अधिकांश महिलाओं का अनुभव है कि हमने भी ‘हैशटैग आईएमट्रोल्ड’ पर शिकायतें भेजी थीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इस तरह की नीतियां ध्यान भटकाने के लिए ही बनाई जाती हैं।सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने व्हाट्सएप को पत्र लिख कर अफवाह फैलाने वाली सामग्री पर रोक लगाने के लिए कोई व्यवस्था करने को कहा है। इससे पहले भी रवि शंकर प्रसाद ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को समन भेजने की बात कही थी। लेकिन हुआ कुछ भी नहीं था। रिपोर्ट - इश्तियाक अहमद (साभार - वरिष्ठ पत्रकार संदीप ठाकुर की वाल से लिया गया पोस्ट)
0 notes
Text
सनी लियोन की जीवनी
सनी लियोन का नाम सुनते ही आपके दिमाग में क्या आता हैा ये हमें बताने की जरूरत नहीं है क्योकि हमारे पाठक तो इतने समझदार तो हैं हीं लेकिन फिर भी हम आपको उनसे जुड़े राज और कुछ ऐसे तथ्यों से रूबरू कराएंगे जिनसे शायद आप वाकिफ नहीं होंगेा करनजीत कौर वोहरा उर्फ सनी लियोन, हां हां असली नाम यही है, इंडो-कनाडियन, अमेरिकन अभिनेत्री, व्यवसायी और पूर्व पॉर्न फिल्मों की अभिनेत्री हैंा उन्हें हिन्दी फिल्मों में आने से पहले कर्इ तरह के संगठनों का विरोध भी झेलना पड़ा क्योंकि जो उनका बैकग्राउंड रहा है, वह तो जगजाहिर है और भारत जैसे देश में लोगों की भावनाएं जल्द ही आहत हो जाती हैां खैर, इंडस्टी से भी कई लोगों की तरफ से उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठे लेकिन आखिरकार उन्हें भट्ट कैंप के साथ हिन्दी फिल्मों में ब्रेक मिलाा उन्हें पहली बार जब बिग बॉस के घर में महेश भट्ट ने देखा तो तभी उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने का ऑफर दे दियाा पृष्ठभूमि- सनी का जन्म सार्निया, ओंटेरियो, कनाडा में एक सिख पंजाबी परिवार में हुआ थाा उनके पिता का जन्म तिब्बत में हुआ, बाद में वे दिल्ली में रहने लगे थेा वहीं उनकी मां हिमाचल प्रदेश की हैंा पढ़ाई- उनके परिवार ने सनी का दाखिला कैथलिक स्कूल में करायाा ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वे सोचते थे कि पब्लिक स्कूल में जाना सनी के लिए सुरक्षित नहीं हैा शादी- सनी ने डेनियल वेबर से शादी की हैा करियर- हिन्दी फिल्मों में उनके करियर की शुरूआत फिल्म 'जिस्म 2' से हुई थी जिसको आलोचकों की तो कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली लेकिन फिल्म ने ठीकठाक कमाई कर लीा प्रसिद्ध फिल्में- जिस्म 2, जैकपॉट, रागिनी एमएमएस 2 जैसी फिल्मों में वे अपनी पुरानी छवि की छाप छोड़ चुकी हैं और दर्शकों ने भी इसे काफी पसंद किया हैा आलम यह था कि लोग इन फिल्मों को सिर्फ सनी लियोन के नाम पर देखने गएा आने वाली फिल्में- उनकी आने वाली फिल्म है एक पहेली लीला जिसमें वे एकदम अलग किरदार में नजर आएंगी और इसके पहले आपने उन्हें ऐसे किरदार में नहीं देखा होगाा इसके बाद वे नजर आएंगी फिल्म मस्तीजादे में जो कि एक एडल्ट सेक्स कॉमेडी हैा सनी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें- 1. वे पॉर्न फिल्मों में लंबे वक्त तक काम कर चुकी हैंा 2. बिग बॉस के घर में दाखिल होने और हिन्दी फिल्मों में आने से पहले उनका भरसक विरोध हुआ थाा 3. फिल्म जिस्म 2 के पोस्टर को लेकर भी तब खूब बवाल मचा जब यह पोस्टर कई लोगों को काफी उत्तेजक लगाा इसका काफी ज्यादा विरोध हुआा 4. उन्हें हिन्दी फिल्मों में एकता कपूर का भरपूर साथ मिला हैा 5. रागिनी एमएमएस 2 के प्रमोशन के दौरान वे मुंबई के सिद्धीविनायक मंदिर में अपनी आने वाली फिल्म की कामयाबी के लिए मन्नत मांगने गईं थींा उस दौरान भी कई संगठनों और पुजारियों ने इसका विरोध किया थाा 6. उस समय भी विवाद काफी गहरा गया जब ट्विटर पर कमाल खान और सनी के बीच कमेंट में ही काफी तू तू मैं मैं हो गईा 7. 2014 में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली सेलिब्रिटी हैं सनी लियोना 8. वे पहली ऐसी एडल्ट फिल्मों की अभिनेत्री हैं जो कि मुख्यधारा के हिन्दी सिनेमा में इतनी ज्यादा चर्चित हैंा 9. उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है जैसे 2008 में वेब बेब ऑफ द ईयर, 2010 में वेब स्टारलेट ऑफ द ईयर, 2012 में पोर्न सार्इट ऑफ द ईयर इत्यादिा 10. सनी लियोन ने अपनी कंपनी एलएलसी के नाम से अपना बिजनेस शुरू किया। उन्होंने बताया कि उनकी साइट पर 80 फीसदी लोग भारत से आते हैं। यही नहीं साइट से होने वाली कमाई का 60 फीसदी भारत से आता है। जरा सोचिये बॉलीवुड से आने से पहले ही सनी ने भारत से ही कितने पैसे कमाये। 11. सनी बिग बॉस 5 से पहले भी भारतीय टेलीविजन पर दिखी थीं लेकिन तब उन्हें शायद ही कोई जानता था। उन्हें पहली बार एमटीवी इंडिया पर एमटीवी अवार्ड में कवर किया गया। 12. सनी को निर्देशक मोहित सूरी ने कई साल पहले फिल्म कलयुग के लिये संपर्क किया था लेकिन उस समय सनी ने फिल्म में काम करने क�� लिए 10 लाख डॉलर की मांग की थी जिस वजह से सनी को फिल्म में नहीं लिया गयाा 13. फिल्म 'शूटआउट एट वडाला' का गाना 'लैला तेरी' काफी पापुलर हुआ और इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री में उनकी मांग और बढ़ गईा 14. वर्ष 2013 की सबसे अमीर पोर्न स्टार्स की सूची देखें तो सन्नी लियोन 19वें स्थान पर रही हैं। Click to Post
0 notes