*आज दिनांक - 9 अप्रैल 2024 का हिंदू वैदिक पंचांग*
दिन - मंगलवार
विक्रम संवत् - 2081
मास - चैत्र
पक्ष - शुक्ल
तिथि - प्रतिपदा रात्रि 08.30 तक, तत्पश्चात द्वितीया
दिशा शूल - उत्तर दिशा में
व्रत पर्व विवरण- चैत्री नूतन वर्ष विक्रम संवत 2081 प्रारम्भ, गुड़ी पड़वा (पूरा दिन शुभ मुहूर्त), चैत्री नवरात्र प्रारम्भ, हेडगेवारजी जयंती
विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड(कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है।
*चैत्री नूतन वर्ष : 9 अप्रैल 2024 - वि. सं 2081 प्रारम्भ*
शक्ति के उपासकों के लिये माँ भगवती विश्रांति ध्यान..
नवरात्रि का व्रत धन धान्य प्रदान करनेवाला, आयु और आरोग्य वर्धक हैं । शत्रुओं का दमन और बल की वृद्धि करनेवाला हैं । नवरात्री में सारस्वत्य मंत्र या इष्ट मंत्र का अनुष्ठान करने से और रात्रि 12:00 बजे तक का जागरण और जप,कीर्तन, ध्यान से अद्भुत लाभ होता हैं ।
इस दिन घर में नीम और अशोक वृक्ष के पत्तों का तोरण बाँधें, जिससे वहाँ से लोग गुजरें तो वर्षभर प्रसन्न रहें, निरोग रहें । स्वास्थ्य-रक्षा के लिए नीम की पत्तियाँ, मिश्री, काली मिर्च व अजवायन प्रसादरूप में लें ।।
*चैत्र नवरात्रि (09 से 17 अप्रैल 2024)*
प्रतिपदा तिथि (नवरात्र के पहले दिन) पर माता को घी का भोग लगाएं । इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा शरीर निरोगी होता है ।
*नवरात्रि का महत्व*
देवी भागवत के तीसरे स्कन्द में नवरात्रि का महत्त्व वर्णन किया है । मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए देवी की महिमा सुनायी है, नवरात्रि के 9 दिन उपवास करने के शारीरिक लाभ बताये हैं ।
शरीर में आरोग्य के कण बढ़ते हैं ।
जो उपवास नहीं करता तो रोगों का शिकार हो जाता है, जो नवरात्रि के उपवास करता है, तो भगवान की आराधना होती है, पुण्य तो बढ़ता ही है, लेकिन शरीर का स्वास्थ्य भी वर्ष भर अच्छा रहता है ।
प्रसन्नता बढ़ती है । द्रव्य की वृद्धि होती है । लंघन और विश्रांति से रोगी के शरीर से रोग के कण खत्म होते हैं ।
नौ दिन नहीं तो कम से कम 7 दिन / 6 दिन /5 दिन , या आख़िरी के 3 दिन तो जरुर उपवास रख लेना चाहिए ।
3. नवरात्री में भगवती रुप में कन्या का पूजन हो (पूजन करने के लिए कन्या कैसी हो इसका वर्णन बापूजी ने किया) और प्रेरणा देनेवाली ऐसी कन्या को भगवती समझ कर पूजन करने से दुःख मिटता है, दरिद्रता मिटती है ।
नवरात्रि के पहले दिन स्थापना, देव वृत्ति की कुंवारी कन्या का पूजन हो ।
नवरात्रि के दूसरे दिन 3 वर्ष की कन्या का पूजन हो, जिससे धन आएगा ,कामना की पूर्ति के लिए ।
नवरात्रि के तीसरे दिन 4 वर्ष की कन्या का पूजन करें, भोजन करायें तो कल्याण होगा, विद्यामिलेगी, विजय प्राप्त होगा, राज्य मिलता है ।
नवरात्रि के चौथे दिन 5 वर्ष की कन्या का पूजन करें और भोजन करायें । रोग नाश होते हैं ।
या देवी सर्व भूतेषु आरोग्य रुपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यैनमस्तस्यैनमो नमः ।।
*जप करें; पूरा साल आरोग्य रहेगा ।*
नवरात्रि के पांचवे दिन 6 वर्ष की कन्या काली का रुप मानकर पूजन करके भोजन करायें तो शत्रुओं का दमन होता है ।
नवरात्रि के छठे दिन 7 वर्ष की कन्या का चंडी का रुप मानकर पूजन करके भोजन करायें तो ऐश्वर्य और धन सम्पत्ति की प्राप्ति होती है ।
नवरात्रि के सातवे दिन 8 वर्ष की कन्या का शाम्भवी रुप में पूजन कर के भोजन करायें तो किसी महत्त्व पूर्ण कार्य करने के लिए, शत्रु पे धावा बोलने के लिए सफलता मिलेगी ।
नवरात्रि की अष्टमी को दुर्गा पूजा करनी चाहिए । सभी संकल्प सिद्ध होते हैं । शत्रुओं का संहार होता है ।
नवरात्रि के नवमी को 9 से 17 साल की कन्या का पूजन भोजन कराने से सर्व मंगल होगा, संकल्प सिद्ध होंगे, सामर्थ्यवान बनेंगे, इसलोक के साथ परलोक को भी प्राप्त कर लेंगे, पाप दूर होते हैं, बुद्धि में औदार्य आता है, नारकीय जीवन छुट जाता है, हर काम में, हर दिशा में सफलता मिलती है । नवरात्रि में पति पत्नी का व्यवहार नहीं, संयम से रहें ।
चैत्री नूतन वर्ष ( गुडी पड़वा ): 09 अप्रैल 2024 - वि. सं 2081 प्रारम्भ
चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा या गुडी पड़वा वर्ष का आरम्भ दिवस माना जाता है ।
इस दिन मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचन्द्रजी ने बालि के अत्याचार से लोगों को मुक्त किया था । उसकी खुशी में लोगों ने घर-घर गुड़ी (ध्वजा) खड़ी कर उत्सव मनाया इसलिए यह दिन ‘गुड़ी पड़वा’ नाम से प्रचलित हुआ ।
शालिवाहन ने शत्रुओं पर विजय पायी, जिससे इस दिन से शालिवाहन शक प्रारम्भ हुआ ।
इसी दिन राजा विक्रमादित्य ने शकों पर विजय पायी और विक्रम संवत्सर प्रारम्भ हुआ ।
आध्यात्मिक ढंग से देखें तो यह सतयुग का प्रारम्भिक दिवस है । ब्रह्माजी ने जब सृष्टि का आरम्भ किया उस समय इस तिथि को ‘प्रवरा’ (सर्वोत्तम) तिथि सूचित किया था ।
वर्ष के साढ़े तीन शुभ मुहूर्तों में से एक है गुडी पड़वा का दिन ! यह बिना मुहूर्त के मुहूर्त है अर्थात् इस पूरे दिन शुभ मुहूर्त रहता है, पंचांग में शुभ मुहूर्त नहीं देखना पड़ता । इस दिन जितना भी भजन, ध्यान, जप, मौन, सेवा की जाए, उसका अनेक गुना फल मिलता है ।
नये साल के प्रथम दिन से ही चैत्री नवरात्र का उपवास चालू हो जाता है । 9 दिन का उपवास करके माँ शक्ति की उपासना की जाती है, जिससे आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ मानसिक प्रसन्नता व शारीरिक स्वास्थ्य-लाभ भी सहज में ही मिल जाता है ।
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा वर्ष का पहला दिन होने से इसका विशेष महत्व है । वर्षारम्भ की यह मंगलदायिनी तिथि समूचे वर्ष के सुख-दुःख का प्रतीक मानी जाती है ।
*भारतीय चैत्री नूतन वर्ष 9 अप्रैल को कैसे मनायें ?*
सुबह सूर्योदय पहले स्नान करें । तिलक करें ।
सूर्योदय के समय शंखध्वनि करें । सूर्यनारायण को अर्घ दें । भगवा ध्वज फहरायें ।
अशोक - आम- नीम- पीपल के पत्ते का तोरण बांधे । नीम - काली मिर्च - मिश्रीयुक्त चटनी खायें ।
भजन-संकीर्तन करें । एक दूसरे को हार्दिक बधाई दें ।
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प्रतिवर्ष चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाने वाला त्योहार गुड़ी पड़वा इस वर्ष 2024 को 9 अप्रैल मंगलवार को मनाया जाएगा। यह त्योहार आमतौर पर भारत के दक्षिणी प्रान्तों में मनाया जाता है। इसी वर्ष हिन्दू नववर्ष प्रारंभ माना जाता है। हिन्दू मान्यता के अनुसार ब्रह्मा जी के सृष्टि रचने के दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में मनाया जाता है जबकि यह सत्य नहीं है क्योंकि सृष्टि की रचना करने वाले पूर्ण ब्रह्म कबीर जी हैं। अतः गुड़ी पड़वा एक शास्त्र विरुद्ध पूजा होने के कारण इसका कोई लाभ नहीं है। जाने क्या है गुड़ी पड़वा और शास्त्र अनुकूल साधना को: https://bit.ly/3LlPuOH
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#TrueKnowledge_On_Navratri
🙏गुड़ी पड़वा पर जानिए वह परमात्मा कौन है... ❓जिसकी पूजा माता दुर्गा करने के लिए कहती हैं |
🌈जानने के लिए अवश्य पढ़ें पुस्तक ज्ञान गंगा ।
चैत्र नवरात्रि___ पर जानिए वह पूर्ण परमेश्वर कौन है जो हमारे सब दुखों और कष्टों का नाश करता है सबका पाप भंजन ,दुख भंजन , भक्तिदाता, मुक्तिदाता है, काल के बंधनों से छुड़वाने वाला है | पांचो देवी देवताओं के रचाये प्रपंच से बाहर निकालने वाला है | असंख्य ब्रह्मांड का मालिक है | सह शरीर है , सतलोक के सिंहासन पर राजा के समान विराजमान है, आत्मा के मोक्ष के लिए बिजली से भी तीव्र गति से इस धरती पर चला आता है | हमारे शरीर में भी और काल के 21 ब्रह्मांड में भी उसका अपना एक गुप्त राज भवन स्थान है, जहां बैठकर वह आत्मा के सभी कार्य करता है, शरण पड़े का विशेष ध्यान रखता है ,वह परम दयालु और प्रेमी पुरुष समर्थ सुखसागर है | बंदी छोड़ जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज की जय हो सत साहेब🙏🙏🙏
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हिंदू नववर्ष का आगाज 22 मार्च 2023 को हो रहा है। हिंदू नववर्ष को अलग अलग राज्यों में गुड़ी पड़वा, उगादी, बैसाखी और सिंधी चेती चंडी के नाम से मनाते हैं। हिन्दू नव वर्ष का पहला त्यौहार नवरात्रि है जिसमें 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है।
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गुड़ी पड़वा
हिन्दू नववर्ष की शुरुआत है गुड़ी पड़वा। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है गुड़ी पड़वा। इस साल 22 मार्च, 2023, बुधवार को मनाया जाएगा यह त्योहार। गुड़ी पड़वा के दिन महिलाएं घर में सुंदर गुड़ी लगाकर उसका पूजन करती हैं। गुड़ी को श्रीखंड-पूरी या पूरनपोली का भोग लगाया जाता है। गुड़ी पड़वा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:29 से सुबह 07.39 तक रहेगा।
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उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: तिथि, पूजा विधान, समय, महत्व और महत्व
उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: तिथि, पूजा विधान, समय, महत्व और महत्व
उगादी, गुड़ी पड़वा 2021: तिथि, पूजा विधान, समय, महत्व और महत्व।
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🚩 मकर संक्रांति के बारे में ये जरूर जाना ले, अनुपम लाभ होगा -12 जनवरी 2021
🚩 हिन्दू संस्कृति अति प्राचीन संस्कृति है, उसमें अपने जीवन पर प्रभाव पड़ने वाले ग्रह, नक्षत्र के अनुसार ही वार, तिथि त्यौहार बनाये गये हैं । इसमें से एक है मकर संक्रांति..!! इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जायेगी ।
🚩 सनातन हिंदू धर्म ने माह को दो भागों में बाँटा है- कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष । इसी तरह वर्ष को भी दो भागों में बाँट रखा है। पहला उत्तरायण और दूसरा दक्षिणायन। उक्त दो अयन को मिलाकर एक वर्ष होता है ।
🚩 मकर संक्रांति के दिन सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करने की दिशा बदलते हुए थोड़ा उत्तर की ओर ढलता जाता है, इसलिए इस काल को उत्तरायण कहते हैं ।
🚩 ईसी दिन से अलग-अलग राज्यों में गंगा नदी के किनारे माघ मेला या गंगा स्नान का आयोजन किया जाता है । कुंभ के पहले स्नान की शुरुआत भी इसी दिन से होती है ।
🚩 सूर्य पर आधारित हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत अधिक महत्व माना गया है । वेद और पुराणों में भी इस दिन का विशेष उल्लेख मिलता है । होली, दीपावली, दुर्गोत्सव, शिवरात्रि और अन्य कई त्यौहार जहाँ विशेष कथा पर आधारित हैं, वहीं मकर संक्रांति खगोलीय घटना है, जिससे जड़ और चेतन की दशा और दिशा तय होती है । मकर संक्रांति का महत्व हिंदू धर्मावलंबियों के लिए वैसा ही है जैसे वृक्षों में पीपल, हाथियों में ऐरावत और पहाड़ों में हिमालय ।
🚩 सूर्य के धनु से मकर राशि में प्रवेश को उत्तरायण माना जाता है । इस राशि परिवर्तन के समय को ही मकर संक्रांति कहते हैं । यही एकमात्र पर्व है जिसे समूचे भारत में मनाया जाता है, चाहें इसका नाम प्रत्येक प्रांत में अलग-अलग हो और इसे मनाने के तरीके भी भिन्न हो, किंतु यह बहुत ही महत्व का पर्व है ।
🚩 विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है:-
उत्तर प्रदेश : मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है । सूर्य की पूजा की जाती है । चावल और दाल की खिचड़ी खाई और दान की जाती है ।
गुजरात और राजस्थान : उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। पतंग उत्सव का आयोजन किया जाता है ।
आंध्रप्रदेश : संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है ।
तमिलनाडु : किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है । घी में दाल-चावल की खिचड़ी पकाई और खिलाई जाती है ।
महाराष्ट्र : लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं ।
पश्चिम बंगाल : हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है ।
असम : भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है ।
🚩पंजाब : एक दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता है । धूमधाम के साथ समारोहों का आयोजन किया जाता है ।
🚩 इसी दिन से हमारी धरती एक नए वर्ष में और सूर्य एक नई गति में प्रवेश करता है। वैसे वैज्ञानिक कहते हैं कि 21 मार्च को धरती सूर्य का एक चक्कर पूर्ण कर लेती है तो इसे माने तो नववर्ष तभी मनाया जाना चाहिए। इसी 21 मार्च के आसपास ही विक्रम संवत का नववर्ष शुरू होता है और गुड़ी पड़वा मनाया जाता है, किंतु 14 जनवरी ऐसा दिन है, जबकि धरती पर अच्छे दिन की शुरुआत होती है। ऐसा इसलिए कि सूर्य दक्षिण के बजाय अब उत्तर को गमन करने लग जाता है। जब तक सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर गमन करता है तब तक उसकी किरणों को ठीक नहीं माना गया है, लेकिन जब वह पूर्व से उत्तर की ओर गमन करने लगता है तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं।
🚩 महाभारत में पितामह भीष्म ने सूर्य के उत्तरायण होने पर ही स्वेच्छा से शरीर का परित्याग किया था, कारण कि उत्तरायण में देह छोड़ने वाली आत्माएँ या तो कुछ काल के लिए देवलोक में चली जाती हैं या पुनर्जन्म के चक्र से उन्हें छुटकारा मिल जाता है।
🚩 दक्षिणायन में देह छोड़ने पर बहुत काल तक आत्मा को अंधकार का सामना करना पड़ सकता है । सब कुछ प्रकृति के नियम के तहत है, इसलिए सभी कुछ प्रकृति से बद्ध है । पौधा प्रकाश में अच्छे से खिलता है, अंधकार में सिकुड़ भी सकता है । इसीलिए मृत्यु हो तो प्रकाश में हो ताकि साफ-साफ दिखाई दे कि हमारी गति और स्थिति क्या है ।
🚩 क्या करे मकर संक्रांति में? मकर संक्रांति या उत्तरायण दान-पुण्य का पर्व है । इस दिन किया गया दान-पुण्य, जप-तप अनंतगुना फल देता है । इस दिन गरीब को अन्नदान, जैसे तिल व गुड़ का दान देना चाहिए। इसमें तिल या तिल के लड्डू या तिल से बने खाद्य पदार्थों को दान देना चाहिए । कई लोग रुपया-पैसा भी दान करते हैं।
मकर संक्रांति के दिन साल का पहला पुष्य नक्षत्र है मतलब खरीदारी के लिए बेहद शुभ दिन ।
उत्तरायण के दिन भगवान सूर्यनारायण के इन नामों का जप विशेष हितकारी है ।
ॐ मित्राय नमः । ॐ रवये नमः ।
ॐ सूर्याय नमः । ॐ भानवे नमः ।
ॐ खगाय नमः । ॐ पूष्णे नमः ।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः । ॐ मरीचये नमः ।
ॐ आदित्याय नमः । ॐ सवित्रे नमः ।
ॐ अर्काय नमः । ॐ भास्कराय नमः ।
ॐ सवितृ सूर्यनारायणाय नमः ।
🚩 ॐ ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नम:। इस मंत्र से सूर्यनारायण की वंदना करनी चाहिए। उनका चिंतन करके प्रणाम करना चाहिए। इससे सूर्यनारायण प्रसन्न होंगे, निरोगता देंगे और अनिष्ट से भी रक्षा करेंगे।
🚩 यदि इस दिन नदी तट पर जाना संभव नहीं है, तो अपने घर के स्नानघर में पूर्वाभिमुख होकर जल पात्र में तिल मिश्रित जल से स्नान करें । साथ ही समस्त पवित्र नदियों व तीर्थ का स्मरण करते हुए ब्रह्मा, विष्णु, रूद्र और भगवान भास्कर का ध्यान करें । साथ ही इस जन्म के पूर्व जन्म के ज्ञात अज्ञात मन, वचन, शब्द, काया आदि से उत्पन्न दोषों की निवृत्ति हेतु क्षमा याचना करते हुए सत्य धर्म के लिए निष्ठावान होकर सकारात्मक कर्म करने का संकल्प लें । जो संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता.... वह 7 जन्मों तक निर्धन और रोगी रहता है ।
🚩 तिल का महत्व :-विष्णु धर्मसूत्र में उल्लेख है कि मकर संक्रांति के दिन तिल का 6 प्रकार से उपयोग करने पर जातक के जीवन में सुख व समृद्धि आती है ।
★ तिल के तेल से स्नान करना ।
★ तिल का उबटन लगाना ।
★ पितरों को तिलयुक्त तेल अर्पण करना।
★ तिल की आहुति देना ।
★ तिल का दान करना ।
★ तिल का सेवन करना।
🚩 ब्रह्मचर्य बढ़ाने के लिए :-
ब्रह्मचर्य रखना हो, संयमी जीवन जीना हो, वे उत्तरायण के दिन भगवान सूर्यनारायण का सुमिरन करें, जिससे बुद्धि में बल बढ़े ।
ॐ सूर्याय नमः... ॐ शंकराय नमः...
ॐ गं गणपतये नमः... ॐ हनुमते नमः...
ॐ भीष्माय नमः... ॐ अर्यमायै नमः...
ॐ... ॐ...
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गुड़ी पड़वा हमेशा से मेलजोल बढ़ाने वाला उत्सव रहा ह: रश्मि अगडेकर Divya Sandesh
#Divyasandesh
गुड़ी पड़वा हमेशा से मेलजोल बढ़ाने वाला उत्सव रहा ह: रश्मि अगडेकर
मुंबई| अभिनेत्री रश्मि अगडेकर ने हर साल की तरह मंगलवार को अपने परिवार के साथ गुड़ी पड़वा का त्योहार मनाया। रश्मि ने कहा, “गुड़ी पड़वा हमेशा हमारे लिए एक मेलजोल बढ़ाने वाला उत्सव रहा है। परिवार के साथ समय बिताना और बहुत सारे स्वादिष्ट भोजन करना।”
अभिनेत्री ने बताया कि हमेशा की तरह ही यह इस वर्ष भी बहुत अधिक प्यारा अनुभव रहा। उन्होंने इस उत्सव के दौरान जो नए कपड़े पहने, उसे लेकर भी उत्सुकता जाहिर की। रश्मि ने कहा कि इस दौरान घर पर पूजा की और महाराष्ट्रीयन भोजन का आनंद लिया।
यह खबर भी पढ़ें: चमगादड़ के हैरान कर देने वाले रहस्य, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
अभिनेत्री ने सभी के लिए त्योहार की शुभकामनाएं दीं और साथ ही लोगों से यह आग्रह भी किया कि वह चल रही कोविड महामारी के बीच सतर्क रहें। रश्मि ने अपने प्रशंसकों को एक संदेश में कहा, “हर त्योहार अपने आप में बुराई/नकारात्मकता पर जीत का प्रतीक है। गुड़ी पड़वा महाराष्ट्रीयन नव वर्ष का प्रतीक है। सभी को नए साल की शुभकामनाएं। आशा है कि आप इस वर्ष कुछ नया करना या अभ्यास करना शुरू कर देंगे। कृपया घर के अंदर रहें, सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें।”–आईएएनएस
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भारत के त्यौहारों त्यौहार और पर्व की सूची
यह हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दिए गए सभी भारतीय त्योहारों की संपूर्ण सूची है। ये सभी के लिए केवल प्रमुख और महत्वपूर्ण हैं। जानिए ऐसे कौन कौन से त्यौहार है जिन्हें हमारे देश और पुरे दुनिया में धूम धाम से मनाया जाता है। यह पोस्ट हिंदी में "Indian Festival Names In Hindi" और उनकी सामान्य जानकारी है। भारत त्यौहारों का देश है।
Hindu Festivals List in Hindi
भारत में कई त्योहार और त्यौहार बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। हिंदू धर्म, इस्लाम, धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, पारसी धर्म के कई त्योहार हर साल आते हैं।
Indian Festival Names In Hindi (प्रमुख त्योहार के नाम)
भारत त्योहारों का देश है, जहाँ सभी धर्म के लोग इसे मनाते हैं। जनवरी और दिसंबर माह से शुरू होने वाले हिंदी और अंग्रेजी में सभी महत्वपूर्ण त्योहारों की सूची का पता लगाएं।
धार्मिक त्योहार के नाम हिंदी में (Indian Festival Names In Hindi)
1. मकर संक्रांति (Makarsankranti)
मकर संक्रांति, या माघी, हिंदू कैलेंडर में एक त्योहार का दिन है, जो देवता सूर्य को समर्पित है। यह प्रत्येक वर्ष जनवरी में मनाया जाता है। यह सूर्य के मकर राशि में पारगमन के पहले दिन, सर्दियों के संक्रांति के साथ महीने के अंत और अधिक दिनों की शुरुआत का प्रतीक है।
2. पोंगल (Pongal)
थाई पोंगल सूर्य देव को समर्पित एक फसल उत्सव है। यह चार दिवसीय त्योहार है जो आम तौर पर तमिल कैलेंडर के अनुसार 14 जनवरी से 17 जनवरी तक मनाया जाता है। थाई पोंगल मकर संक्रांति से मेल खाता है, जिसे पूरे भारत में मनाया जाता है।
3. वसंत पंचमी (Vasant Panchami)
वसंत पंचमी को बसंत पंचमी भी क��ा जाता है, यह एक ऐसा त्योहार है जो भारतीय उपमहाद्वीप में इस क्षेत्र के आधार पर विभिन्न तरीकों से लोगों द्वारा मनाए जाने वाले वसंत के आगमन की प्रारंभिक तैयारियों का प्रतीक है।
4. महा शिवरात्रि (Maha Shivaratri)
महा शिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक हिंदू त्यौहार है, और विशेष रूप से, शिव के विवाह के समापन का दिन है।
5. पुथंडू (Puthandu)
तमिल पुथंडु, जिसे तमिल नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है, तमिल कैलेंडर पर वर्ष का पहला दिन है। त्योहार की तारीख हिंदू कैलेंडर के सौर चक्र के साथ निर्धारित की जाती है, तमिल महीने के पहले दिन के रूप में चिथिरई। इसलिए यह ग्रेगोरियन कैलेंडर पर हर साल 14 अप्रैल को पड़ता है।
6. गुडी पड़वा (Gudi Padwa)
गुड़ी पड़वा और कोंकणी: संवत्सर पाडवो, संवर पाडवो एक वसंत-समय त्योहार है जो मराठी और कोंकणी हिंदुओं के लिए पारंपरिक नए साल को चिह्नित करता है। यह चैत्र महीने के पहले दिन महाराष्ट्र और गोवा में मनाया जाता है और हिंदू हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए किया जाता है।
7. होली (Holi)
होली; एक लोकप्रिय प्राचीन हिंदू त्योहार है, जो भारतीय उपमहाद्वीप से आता है। यह मुख्य रूप से भारत और नेपाल में मनाया जाता है, लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप से प्रवासी भारतीयों के माध्यम से एशिया और पश्चिमी दुनिया के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गया है।
8. रामनवमी (Ramanavami)
राम नवमी एक वसंत हिंदू त्योहार है कि भगवान राम का जन्मदिन मनाता है। वह हिंदू धर्म की वैष्णववाद परंपरा के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, विष्णु के सातवें अवतार के रूप में। यह त्योहार अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के जन्म के माध्यम से, भगवान विष्णु के वंश को राम अवतार के रूप में मनाता है।
9. वैसाखी (Vaisakhi)
वैसाखी, जिसे बैसाखी, वैशाखी या वैसाखी के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू धर्म और सिख धर्म में एक ऐतिहासिक और धार्मिक त्योहार है। यह आमतौर पर हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जो 1699 में गुरु गोविंद सिंह के अधीन योद्धाओं के खालसा पंथ के गठन की याद दिलाता है।
10. हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti)
हनुमान जयंती एक हिंदू धार्मिक त्यौहार है जो भगवान श्री हनुमान के जन्म का जश्न मनाता है, जो पूरे भारत और नेपाल में बहुत मन्नत करता है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है।
सभी भारतीय त्योहारों की सूची List of all Indian Festivals in Hindi
11. अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya)
अक्षय तृतीया, जिसे अक्ती या अखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, जैन और हिंदुओं का एक वार्षिक वसंत त्योहार है। यह वैशाख महीने के ब्राइट हाफ की तीसरी तीथी पर पड़ता है। यह भारत और नेपाल में हिंदुओं और जैनों द्वारा क्षेत्रीय रूप से एक शुभ समय के रूप में मनाया जाता है, जो "संयुक्त समृद्धि के तीसरे दिन" को दर्शाता है।
12. सावित्री पूजा (Savitri Pooja)
वट सावित्री पूजा भारत में व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह पूजा सावित्री के दृढ़ संकल्प और अपने पति को वापस लाने के लिए भक्ति के सम्मान के लिए की जाती है। पूरे भारत में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करने के लिए इस पूजा में भाग लेती हैं।
13. रथ यात्रा (Rath Yatra)
पुरी में रथयात्रा महोत्सव के दौरान, एक जुलूस में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों को मंदिर से बाहर ले जाया जाता है। यहां आपको जानना आवश्यक है।
14. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima)
गुरु पूर्णिमा हिंदू संस्कृति में आध्यात्मिक और अकादमिक शिक्षकों को समर्पित एक आध्यात्मिक परंपरा है, जो कर्म योग पर आधारित बहुत कम या कोई मौद्रिक अपेक्षा के साथ, अपनी बुद्धि साझा करने के लिए तैयार, विकसित या प्रबुद्ध मनुष्य हैं।
15. नाग-पंचमी (Nag Panchami)
नागा पंचमी पूरे भारत, नेपाल और अन्य देशों में जहां हिंदू अनुयायी रहते हैं, हिंदुओं द्वारा नाग या नागों की पारंपरिक पूजा का दिन है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास के चमकदार आधे महीने के पांचवें दिन पूजा की जाती है।
16. रक्षा-बंधन (Raksha-Bandhan)
रक्षाबंधन, भी रक्षाबंधन, एक लोकप्रिय, पारंपरिक रूप से हिंदू, वार्षिक संस्कार, या समारोह है, जो उसी नाम के एक त्योहार का केंद्र है, जिसे भारत में, दक्षिण एशिया के कुछ अन्य हिस्सों में और दुनिया भर के लोगों द्वारा हिंदू के रूप में मनाया जाता है।
17. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami)
कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे बस जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के रूप में भी जाना जाता है, एक वार्षिक हिंदू त्योहार है जो विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण का जन्म��िन मनाता है।
18. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी या विनायक चविथी के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो गणेश के जन्म का उत्सव है। यह ग्रेगोरियन कैलेंडर के अगस्त या सितंबर के महीनों में पड़ता है। यह त्यौहार निजी तौर पर घरों में, या सार्वजनिक रूप से विस्तृत पंडालों में गणेश मिट्टी की मूर्तियों की स्थापना के साथ चिह्नित किया जाता है।
19. अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi)
अनंत चतुर्दशी जैन और हिंदुओं द्वारा मनाया और मनाया जाने वाला त्योहार है। चतुर्दशी चंद्र पखवाड़े का 14 वां दिन है। सामान्य रूप से, अनंत चतुर्दशी गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आती है।
20. तीज (Teej)
तीज कई हिंदू त्योहारों का एक सामान्य नाम है जो मुख्य रूप से नेपाल और उत्तर भारत में महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज मानसून के मौसम का स्वागत करते हैं और मुख्य रूप से लड़कियों और महिलाओं द्वारा गीत, नृत्य और प्रार्थना अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहार के नाम (Hindu Festivals Name)
21. विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja)
विश्वकर्मा जयंती, एक हिंदू देवता, दिव्य वास्तुकार, विश्वकर्मा के लिए उत्सव का दिन है। उन्हें स्वायंभु और दुनिया का निर्माता माना जाता है। उन्होंने द्वारका के पवित्र शहर का निर्माण किया जहां कृष्ण ने शासन किया, पांडवों की माया सभा, और देवताओं के लिए कई शानदार हथियारों के निर्माता थे।
22. ओणम (Onam)
ओणम भारत के केरल राज्य में एक वार्षिक हार्वेस्ट त्योहार है। यह चिंगम के मलयालम कैलेंडर माह में 22 वें नक्षत्र थिरुवोनम पर पड़ता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर में अगस्त-सितंबर के साथ ओवरलैप होता है।
23. नवरात्रि (Navaratri)
नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो नौ रातों तक फैलता है और हर साल शरद ऋतु में मनाया जाता है। यह विभिन्न कारणों से मनाया जाता है और भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। सैद्धांतिक रूप से, चार मौसमी नवरात्रि हैं।
24. दशहरा (Dusshera)
विजयदशमी को दशहरा, Dasahara, Dusshera, Dasara, Dussehra or या दशैन के नाम से भी जाना जाता है, जो हर साल नवरात्रि के अंत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है।
25. लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja)
लक्ष्मी पूजा उत्सव, विवरणलक्ष्मी पूजा, एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो तिहाड़ के तीसरे दिन आश्विन के विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर माह में कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है और इसे दीपावली के मुख्य त्योहार के रूप में माना जाता है।
26. धनतेरस (Dhanteras)
धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी या धन्वंतरी त्रयोदशी के रूप में भी जाना जाता है, पहला दिन है जो भारत में दिवाली का त्योहार और नेपाल में तिहार का त्योहार है। कार्तिक के विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर माह में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चंद्र दिवस पर धनतेरस मनाया जाता है।
27. दीवाली (Diwali)
दिवाली, दीपावली या दीपवली रोशनी का त्योहार है, जिसे उत्तरी गोलार्ध में हर शरद ऋतु में हिंदू, जैन, सिख और कुछ बौद्ध लोग मनाते हैं।
28. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Poornima)
कृतिका पूर्णिमा एक हिंदू, सिख और जैन सांस्कृतिक त्योहार है, जो कार्तिक के पूर्णिमा के दिन या पंद्रहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। इसे त्रिपुरी पूर्णिमा और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसे कभी-कभी देव-दीपावली या देव-दीपावली कहा जाता है, जो देवताओं की रोशनी का त्योहार है।
29. कार्व चौथ (Karva Chauth)
करवा चौथ, कार्तिक माह में पूर्णिमा के चार दिन बाद हिंदू महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक दिन का त्योहार है। तिथियां ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार भिन्न होती हैं जो सारणीबद्ध होती हैं और नक्षत्रों पर आधारित नहीं होती हैं।
30. छठ (Chhath)
छठ एक प्राचीन हिंदू वैदिक त्योहार है जो ऐतिहासिक रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी है, विशेष रूप से, भारतीय राज्यों बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ नेपाल के मधेश क्षेत्र में भी है।
प्रमुख त्योहार के नाम (Festival Name In Hindi)
31. भाई दूज (Bhai Dooj)
भाई-दूज / भाऊ-बीज / भाई टीका / भाई फोंटा भारतीय उपमहाद्वीप के हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है, विशेषकर भारत और नेपाल, विक्रम संवत हिंदू कैलेंडर या कार्तिकेय शाका कैलेंडर महीने के कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के दूसरे चंद्र दिवस पर। ।
32. महावीर जयंती (Mahavir Jayanti)
महावीर जन्म कल्याणक, जैनियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह वर्तमान अवसारपीरी के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर महावीर के जन्म का जश्न मनाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, छुट्टी मार्च या अप्रैल में होती है।
33. पर्युषण (Paryushana)
जैनियों के लिए पीरुशाना सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक पवित्र कार्यक्रम है और आमतौर पर हिंदी कैलेंडर भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में अगस्त या सितंबर में मनाया जाता है। जैन उपवास और प्रार्थना / ध्यान में मदद करने के लिए अक्सर आध्यात्मिक तीव्रता के अपने स्तर को बढ़ाते हैं। इस दौरान पांच मुख्य व्रतों पर जोर दिया जाता है।
34. ईद मिलादुन्नबी (Prophet's Birthday)
मावलिद या मावलिद अल-नबी अल-शरीफ इस्लामी पैगंबर मुहम्मद के जन्मदिन का पालन है जो कि इस्लामिक कैलेंडर में तीसरे महीने रबी अल-अव्वल में मनाया जाता है।
35. हजरत अली का जन्मदिन (Hazarat Ali’s Birthday)
अली इब्न अबी तालिब इस्लाम के अंतिम पैगंबर मुहम्मद के चचेरे भाई और दामाद थे। उन्होंने 656 से 661 तक चौथे खलीफा के रूप में शासन किया, लेकिन शिया मुसलमानों द्वारा इमाम के रूप में मुहम्मद के लिए तत्काल तत्काल उत्तराधिकारी माना जाता है।
36. शबे बरात (Mid-Sha'ban)
बारा रात या मध्य-शाबान 14 और 15 शाबान के बीच मुस्लिम समुदायों द्वारा मनाई जाने वाली छुट्टी है। यह एक रात के रूप में माना जाता है जब आने वाले वर्ष के लिए व्यक्तियों की किस्मत का फैसला किया जाता है और जब अल्लाह पापियों को माफ कर सकता है।
37. जमात उल विदा (Jamat-ul-vida)
"जुमू 'अतुल विदा का अंग्रेजी में" शुक्रवार का दिन "होता है। जमात-उल-विदा को जुम्मे-अल-विदा के रूप में भी जाना जाता है जो पवित्र कुरान की शुभकामनाओं को इंगित करता है।
38. ईद-उल-फित्र (Eid-ul-fitr)
ईद अल-फ़ित्र को "फेस्टिवल ऑफ़ ब्रेकिंग द फास्ट" भी कहा जाता है, दुनिया भर में मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक धार्मिक अवकाश है जो उपवास के इस्लामी पवित्र महीने रमजान के अंत का प्रतीक है। यह धार्मिक ईद शव्वाल के महीने में पहला और एकमात्र दिन है जिसके दौरान मुसलमानों को उपवास करने की अनुमति नहीं है।
39. ईद-उल-ज़ुहा (Id-ul-zuha0)
ईद अल-अधा या ईद क़ुर्बान भी कहा जाता है "त्याग का उत्सव", दो इस्लामी हर साल दुनिया भर में मनाया छुट्टियों के पीछे नहीं है, और दो की पवित्र माना जाता है। यह इब्राहिम की इच्छा का सम्मान करता है कि वह अपने बेटे को परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने के लिए बलिदान करे।
40. मुहर्रम (Muharram)
मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है। विशेषण मुहर्रम का सामान्य अर्थ है "प्रतिबंधित, वर्जित, निषिद्ध, अवैध, अवैध, अभेद्य, निषिद्ध, गैरकानूनी, अनुचित, अनधिकृत या वर्जित"। यह वर्ष के चार पवित्र महीनों में से एक है, जिसके दौरान युद्ध करना मना है।
धार्मिक त्योहारों के नाम (Indian Festival Names In Hindi)
41. गुरु गोविंद सिंह जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti)
गुरु गोविंद सिंह जयंती (गोविंद सिंह भी कहलाता है) एक सिख त्योहार है जो सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
42. लोहड़ी (Lohri)
लोहड़ी एक पंजाबी लोक त्योहार है, जिसे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पंजाब क्षेत्र के सिखों और हिंदुओं द्वारा मुख्य रूप से मनाया जाता है, जिसे हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। लोहड़ी त्योहार के बारे में महत्व और किंवदंतियां कई हैं और ये त्योहार पंजाब क्षेत्र से जुड़ते हैं।
43. होला मोहल्ला (Hola Mohalla)
होला मोहल्ला, जिसे होला भी कहा जाता है, एक दिन का सिख त्योहार है जो अक्सर मार्च में पड़ता है और चंद्र महीने के दूसरे दिन, हिंदू वसंत त्योहार होली के एक दिन बाद होता है, लेकिन कभी-कभी होली के साथ मेल खाता है। होला मोहल्ला दुनिया भर के सिखों के लिए एक बड़ा उत्सव है।
44. गुरू रामदास जन्मदिन (Guru Ramdas)
गुरु राम दास सिख धर्म के दस गुरुओं में से चौथे थे। उनका जन्म 24 सितंबर 1534 को लाहौर स्थित एक गरीब हिंदू परिवार में हुआ था, जो अब पाकिस्तान है। उनका जन्म का नाम जेठा था, वह 7 साल की उम्र में अनाथ हो गए थे और उसके बाद एक गाँव में अपनी नानी के साथ बड़े हुए।
45. गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti)
गुरु नानक जयंती को विशेष रूप से भारत में सिख धर्म और लोकप्रिय त्योहारों द्वारा मनाया जाता है। यह गुरु नानक साहिब के जन्म को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।
46. गुरपूरब (Guru Purab)
गुरु नानक गुरुपुरब, जिसे गुरु नानक के प्रकाश उत्सव और गुरु नानक जयंती के रूप में भी जाना जाता है, गुरु गुरु नानक में पहले सिख गुरु और सिंधी समुदाय के जन्म का जश्न मनाता है। यह सिख धर्म या सिख और सिंधियों में सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है।
47. महावीर जयंती (Mahavir Jayanti)
जैनियों के लिए महावीर जन्म कल्याणक सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों में से एक है। यह वर्तमान अवसारपीरी के चौबीसवें और अंतिम तीर्थंकर महावीर के जन्म का जश्न मनाता है। प्रति ग्रेगोरियन कैलेंडर के रूप में, छुट्टी या तो मार्च या अप्रैल में होता है।
48. गुड फ़्राइडे (Good Friday)
गुड फ्राइडे एक ईसाई छुट्टी है जो यीशु के क्रूस पर चढ़ने और कलवारी में उनकी मृत्यु की याद में मनाया जाता है। यह ईस्टर रविवार से पहले शुक्रवार को पसचल ट्रिडुम के हिस्से के रूप में पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है और फसह के यहूदी पालन के साथ मेल खा सकता है।
49. ईस्टर (Easter)
ईस्टर, जिसे पास्का या पुनरुत्थान रविवार भी कहा जाता है, एक त्योहार और छुट्टी है जो मृतकों में से जीसस के पुनरुत्थान की याद दिलाता है, न्यू टेस्टामेंट में वर्णित है, जो कल्वरी सी 30 ईस्वी में रोमनों द्वारा उनके क्रूस पर चढ़ने के बाद तीसरे दिन हुआ था।
50. क्रिसमस (Christmas)
क्रिसमस एक वार्षिक त्यौहार है जो यीशु मसीह के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है, मुख्य रूप से 25 दिसंबर को दुनिया भर के लाखों लोगों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
निष्कर्ष:
जी हाँ दोस्तों आपको आज की पोस्ट कैसी लगी, आज हमने आपको बताया कि सभी भारतीय त्योहारों की सूची और त्यौहारों के नाम बहुत ही आसान शब्दों में हमने भी आज की पोस्ट में सीखा।
Avocado Meaning in Hindi - ऐवकॉडो का हिंदी में मतलब
Lettuce Meaning in Hindi (लेटइस का मतलब और फायदे)
नीलगिरी तेल का उपयोग और फायदे - Benefits of Eucalyptus Oil
List of all Indian Festivals in Hindi आज मैंने इस पोस्ट में सीखा। आपको इस पोस्ट की जानकारी अपने दोस्तों को भी देनी चाहिए। तथा Social Media पर भी यह पोस्ट ज़रुर Share करे। इसके अलावा, कई लोग इस जानकारी तक पहुंच सकते हैं।
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🙏🙏 शुभ संध्या प्रिय मित्रों ॥ जय माता दी ॥ 🙏🙏 कैसे हैं आप सभी? मैं आशा करता हूं कि, आप सभी बिल्कुल स्वस्थ एवं प्रसन्नचीत होंगे।। 🌺🥀🌺🥀🌺🥀 चैत्र नवरात्र २०२० हेतु महत्वपूर्ण जानकारी 🌹💐🍁💐🍁 कल (चैत्र नवरात्रि) से शुरू होगा हिंदी का नया साल, जानिए सभी तिथियां इस बार पूरे नौ दिन रहेंगी नवरात्रि कल, 25 मार्च से नवरात्रि पर्व शुरू होने जा रहा है और 2 अप्रैल को नवरात्रि का आखिरी दिन होगा। इस बार की नवरात्रि कई कारणों की वजह से खास मानी जा रही है। एक तो इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है जिस वजह से मां दुर्गा की उपासना के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे। दूसरा नवरात्रि में कई शुभ योग भी बन रहे हैं। जिनमें चार सर्वार्थसिद्धि योग, 6 रवि योग, एक अमृतसिद्धि योग, एक द्विपुष्कर योग और एक गुरु पुष्य योग बनेगा। इस दिन से हिंदी नव वर्ष की हो जाती है शुरुआत: हिंदू पंचांग अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत का पहला दिन है। मान्यता है कि इसी दिन से कालगणना प्रारंभ हुई थी। इसी दिन ब्रह्मा जी ने मां सरस्वती के कहने पर सृष्टि का निर्माण किया था। इसी दिन सूर्य की पहली किरण पृथ्वी पर फैली थी। 9 ग्रह, 27 नक्षत्र और 12 राशियों का उदय और भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार भी इसी दिन हुआ था। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि आज यानि 24 मार्च मंगलवार दोपहर 2:57बजे से लग जायेगी और बुधवार शाम 05:26 बजे तक रहेगी। 25 मार्च सुबह 06:19 से सुबह 07:17 तक घटस्थापना का शुभ मुहूर्त है। कब कौन सा योग रहेगा? 26 मार्च को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 27 मार्च को सर्वार्थ सिद्धि योग ( सुबह 06:17 से सुबह10:09) और रवि योग 28 मार्च रवि योग 29 मार्च को रवि योग 30 मार्च पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और सुबह 06:13 से सुबह 05:18 तक रवि योग 31 मार्च को द्विपुष्कर योग (सुबह 06:12 से शाम 06:44) और रवि योग ( सुबह 07:14 से 06:44 शाम) 2 अप्रैल पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग (शाम 07:29 से सुबह 06:09) योग रहेगा। नवरात्रि के सभी नौ दिन की तिथि: 25 मार्च- प्रथमा तिथि, गुड़ी पड़वा, नवरात्रि आरंभ, घटस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा, हिंदू नव वर्ष की शुरुआत 26 मार्च- द्वितीया तिथि, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 27 मार्च- तृतीया तिथि, मां चंद्रघंटा की पूजा 28 मार्च- चतुर्थी तिथि, मां कुष्मांडा की पूजा 29 मार्च- पंचमी तिथि, मां स्कंदमाता की पूजा 30 मार्च- षष्ठी तिथि, मां कात्यायनी की पूजा 31 मार्च- सप्तमी तिथि, मां कालरात्रि की पूजा 1 अप्रैल- अष्टमी तिथि, मां महागौरी की पूजा 2 अप्रैल- नवमी तिथि, मां सिद्धिदात्री प (at Satnoor) https://www.instagram.com/p/B-HpSnxlfHX/?igshid=qec6whb60zys
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2021 में आने वाले हैं ये प्रमुख तीज त्योहार, यहां देखें हर महीने की लिस्ट
चैतन्य भारत न्यूज
साल 2021 यानी नए साल के आते ही हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा त्योहार कब पड़ रहा है। इसलिए हम आपको वैदिक ज्योतिष कैलेंडर के अनुसार साल 2021 में पड़ने वाले त्योहार और व्रत की तारीख के बारे में बता रहे हैं। तो आइए जानते हैं इस नववर्ष में कौन-सा त्योहार कब पड़ेगा?
2 जनवरी, शनिवार- संकष्टी चतुर्थी व्रत
6 जनवरी, बुधवार- रुक्मिणी अष्टमी
9 जनवरी, शनिवार- सफला एकादशी
13 जनवरी, बुधवार- लोहड़ी/ स्नानदान अमावस्या
14 जनवरी, बृहस्पतिवार- मकर संक्रांति/ पोंगल
16 जनवरी, शनिवार- विनायक चतुर्थी
20 जनवरी, बुधवार- गुरु गोविंद सिंह जयंती
24 जनवरी, रविवार- पुत्रदा एकादशी
26 जनवरी, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत
28 जनवरी, बृहस्पतिवार- पौष पूर्णिमा
31 जनवरी, रविवार, तिल चतुर्थी व्रत
6 फरवरी, शनिवार- भीष्म पितामह जयंती
7 फरवरी, रविवार- षटतिला एकादशी
11 फरवरी, बृहस्पतिवार- मौनी अमावस्या
15 फरवरी, सोमवार- तिल कुंद चतुर्थी
16 फरवरी, मंगलवार- बसंत पंचमी
19 फरवरी, शुक्रवार- नर्मदा जयंती
20 फरवरी, शनिवार- भीष्माष्टमी
23 फरवरी, मंगलवार- एजा एकादशी
27 फरवरी, शनिवार- माघी पूर्णिमा
2 मार्च, मंगलवार- गणेश चतुर्थी
6 मार्च, शनिवार- सीताष्टमी
9 मार्च, मंगलवार- विजया एकादशी
11 मार्च, बृहस्पतिवार- महाशिवरात्रि
24 मार्च, बुधवार- आमल एकादशी
28 मार्च, रविवार- होलिका दहन
29 मार्च, सोमवार- धुरेड़ी
30 मार्च, मंगलवार- चित्रगुप्त पूजन
31 मार्च, बुधवार- गणेश चतुर्थी
2 अप्रैल, शुक्रवार- रंगप��चमी/ गुड फ्राइडे
4 अप्रैल, रविवार- शीतला सप्तमी
5 अप्रैल, सोमवार- शीतला अष्टमी
7 अप्रैल, बुधवार- पापमोचनी एकादशी व्रत
12 अप्रैल, शुक्रवार- सोमवती अमावस्या
13 अप्रैल, शनिवार- चैत्र नवरात्रि आरंभ/ गुड़ी पड़वा
15 अप्रैल, सोमवार- गणगौर तीज
21 अप्रैल, बुधवार- श्रीराम नवमी
23 अप्रैल, शुक्रवार- कामदा एकादशी
25 अप्रैल, रविवार- महावीर जयंती
27 अप्रैल, मंगलवार- हनुमान जयंती
7 मई, शुक्रवार- वरुथिनि एकादशी
14 मई, बुधवार- परशुराम जयंती/ अक्षय तृतीया
18 मई, बृहस्पतिवार- गंगा सप्तमी
22 मई, शनिवार- मोहिनी एकादशी
25 मई, मंगलवार- भगवान नरसिंह जयंती
26 मई, बुधवार- वैशाखी पूर्णिमा
6 जून, रविवार- अचला एकादशी
10 जून, बृहस्पतिवार- शनि जयंती
19 जून, शनिवार- महेश नवमी
20 जून, रविवार- गंगा दशहरा
21 जून, सोमवार- निर्जला एकादशी व्रत
24 जून, बृहस्पतिवार- व्रट पूर्णिमा व्रत
5 जुलाई, सोमवार- योगिनी एकादशी
9 जुलाई, शुक्रवार- हल हारिणी अमावस्या
13 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी
18 जुलाई, रविवार- भड़ली नवमी
20 जुलाई, मंगलवार- देवशयनी एकादशी व्रत
21 जुलाई, बुधवार- वामन एकादशी
22 जुलाई, बृहस्पतिवार- विजया पार्वती व्रत
24 जुलाई, शनिवार- गुरु पूर्णिमा
27 जुलाई, मंगलवार- अंगारक चतुर्थी/ मंगला गौरी व्रत
3 अगस्त, मंगलवार- मंगला गौरी व्रत
4 अगस्त, बुधवार- कामिका एकादशी व्रत
8 अगस्त, रविवार- हरियाली एकादशी
11 अगस्त, बुधवार- हरियाली तीज
12 अगस्त, बृहस्पतिवार- दूर्वा गणपति व्रत
13 अगस्त, शनिवार- नाग पंचमी
17 अगस्त, बृहस्पतिवार- मंगला गौरी व्रत/ पवित्रा एकादशी
21 अगस्त, सोमवार- ओनम
22 अगस्त, मंगलवार- रक्षाबंधन
25 अगस्त, शुक्रवार- बहुला चतुर्थी
28 अगस्त, सोमवार- हरछठ
30 अगस्त, बुधवार- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
2 सितंबर, बृहस्पतिवार- जया एकादशी
3 सितंबर, शुक्रवार- गोवत्स एकादशी
6 सितंबर, सोमवार- कुशग्रहण अमावस्या
9 सितंबर, बृहस्पतिवार- हरितालिका तीज
10 सितंबर, शुक्रवार- गणेश उत्सव आरंभ
11 सिंतबर, शनिवार- ऋषि पंचमी
12 सितंबर, रविवार- मोरयाई छठ
14 सितंबर, मंगलवार- राधाष्टमी
16 सितंबर, बृहस्पतिवार- तेजा दशमी
17 सितंबर, शुक्रवार- डोल ग्यारस
19 सितंबर, रविवार- अनंत चतुर्दशी
21 सितंबर- मंगलवार- पितृ पक्ष शुरू
28 सितंबर, मंगलवार- महालक्ष्मी व्रत
2 अक्टूबर, शनिवार- इंदिरा एकादशी
6 अक्टूबर, बुधवार- पितृमोक्ष अमावस्या
7 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- शारदीय नवरात्रि आरंभ
10 अक्टूबर, रविवार- उपांग ललिता व्रत
13 अक्टूबर, बुधवार- दुर्गा अष्टमी व्रत
14 अक्टूबर, बृहस्पतिवार- दुर्गा नवमी व्रत
15 अक्टूबर, शुक्रवार- विजयादशमी
16 अक्टूबर, शनिवार- पापांकुशा एकादशी
20 अक्टूबर, बुधवार- शरद पूर्णिमा
24 अक्टूबर, रविवार- करवा चौथ
26 अक्टूबर, मंगलवार- स्कंद षष्ठी व्रत
1 नवंबर, सोमवार- रंभा एकादशी व्रत
2 नवंबर, मंगलवार- धनतेरस
3 नवंबर, बुधवार- रूप चतुर्थी
4 नवंबर, बृहस्पतिवार- दीपावली
5 नवंबर, शुक्रवार- गोवर्धन पूजा
6 नवंबर, शनिवार- भाई दूज
10 नवंबर, बुधवार- छठ पूजा
12 नवंबर, शुक्रवार- गोपाष्टमी
13 नवंबर, शनिवार- अक्षय नवमी
15 नवंबर, सोमवार- देवउठनी एकादशी
18 नवंबर, बृहस्पतिवार- बैकुंठ चतुर्दशी व्रत
19 नवंबर, शुक्रवार- कार्तिक पूर्णिमा
27 नवंबर, शनिवार- कालभैरव अष्टमी
30 नवंबर- उत्पन्ना एकादशी\
7 दिसंबर, मंगलवार- विनायक चतुर्थी
8 दिसंबर, बुधवार- विवाह पंचमी
14 दिसंबर, मंगलवार- मोक्षदा एकादशी
18 दिसंबर, शनिवार- दत्त पूर्णिमा
25 दिसंबर, शनिवार- क्रिसमस
27 दिसंबर, सोमवार- रुक्मणी अष्टमी
30 दिसंबर, बृहस्पतिवार- सफला एकादशी
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Bank Holiday: जल्द से जल्द निपटा ले बैंक से जुड़ा काम, 15 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक Divya Sandesh
#Divyasandesh
Bank Holiday: जल्द से जल्द निपटा ले बैंक से जुड़ा काम, 15 दिन बंद रहने वाले हैं बैंक
डेस्क। एक बार फिर 15 दिन तक बैंक बंद रहने वाले हैं। 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष 2021-22 की शुरुआत हो रही है। वहीं महीने के शुरू में ही यह जान लेना जरूरी है कि बैंक कब कब बंद रहेंगे यानी बैंकों में कब कब छुट्टियां रहेंगी। जानकारी के मुताबिक, अप्रैल महीने में 15 दिन बैंक बंद रहेंगे। इस महीने बैंकों में 8 छुट्टियों तो त्योहारों के कारण हो रही है। इस महीने राम नवमी, गुड फ्राइडे, बिहू, बाबू जगजीवन राम के जन्मदिन जैसे विभिन्न त्योहार आ रहे हैं। तमिल नव वर्ष भी इसी महीने मनाया जाएगा।
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1 अप्रैल 2021, गुरुवार: ओडिशा दिवस (ओडिशा में अवकाश)
2 अप्रैल 2021 शुक्रवार: गुड फ्राइडे (कई राज्यों में में अवकाश)
6 अप्रैल 2021 सोमवार: महावीर जयंती (कई राज्यों में अवकाश)
13 अप्रैल 2021 मंगलवार: उगादि / तेलुगु नववर्ष / बोहाग बिहू / गुड़ी पड़वा / वैसाख (कई राज्यों में अवकाश)
14 अप्रैल 2021 बुधवार: डॉ. अम्बेडकर जयंती / सम्राट अशोक की जयंती / तमिल नव वर्ष / महा विशुबा संक्रांति / बोहाग बिहू / चीरोबा (कई राज्यों में अवकाश)
15 अप्रैल 2021 गुरुवार: हिमाचल दिवस (हिमाचल प्रदेश में अवकाश)
21 अप्रैल 2021 बुधवार: राम नवमी / गरिया पूजा (कई राज्यों में अवकाश)
25 अप्रैल 2021 रविवार: महावीर जयंती (कई राज्यों में अवकाश)
अप्रैल में रविवार और शनिवार की छुट्टियां:
4 अप्रैल – रविवार
10 अप्रैल – दूसरा शनिवार
11 अप्रैल – रविवार
18 अप्रैल – रविवार
24 अप्रैल – चौथा शनिवार
25 अप्रैल – रविवार
बहरहाल, भले ही बैंक इन दिनों बंद रहेंगे, लेकिन मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग हमेशा की तरह चालू रहेगी, इसलिए ग्राहक ऑनलाइन मोड के माध्यम से लेनदेन कर सकते हैं। यहां जानिए अप्रैल में कब कब बैंकों में रहेगी छुट्टियां
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चैत्र नवरात्रि 2020: 25 मार्च से नवरात्र शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व...
चैत्र नवरात्रि 2020: 25 मार्च से नवरात्र शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व... #ChaitraNavratri2020 # ChaitraNavratri #AuspiciousTime
हिंदू धर्म में प्रमुख व्रत में से एक चैत्र नवरात्र माना जाता है। पूरे 9 दिन मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल चैत्र महिने के पहले से ही नव वर्ष की शुरुआत होती है। इसके साथ ही चैत्र नवरात्र भी शुरू हो जाते है। इसके साथ ही इस दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
आपको बता दें कि साल में 2 नवरात्र खास होते है। एक शारदीय नवरात्र और दूसरा…
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चैत्र हिंदू कैलेंडर का पहला महीना है और इसलिए लोग पूजा के पहले दिन नया साल मनाते हैं। इसे उगादी, गुड़ी पड़वा के नाम से भी जाना जाता है
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हिन्दू त्यौहार के नाम | हिंदी महीना और तिथि
जैसा कि आप जानते है की हिंदुओं में बहुत सारे त्योहार मनाए जाते है तो क्या आप जानते है कि हिंदुओं के त्योहार कौन से है और हिन्दू त्यौहार के नाम क्या है अगर नही जानते है इस लेख को पूरा पढ़िए आप जान जायेंगे।
जैसा कि आप जानते है भारत को त्यौहार और मेलों का देश कहा जाता है। वर्ष के प्रत्येक दिन उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पूरे विश्व की तुलना में भारत में सबसे अधिक त्यौहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्यौहार अलग अवसर से संबंधित है, कुछ वर्ष की ऋतुओं का, फसल कटाई का, वर्षा ऋतु का अथवा पूर्णिमा का स्वागत करते हैं। दूसरों में धार्मिक अवसर, ईश्वरीय सत्ता/परमात्मा व संतों के जन्म दिन अथवा नए वर्ष की शरूआत के अवसर पर मनाए जाते हैं। इनमें से अधिकांश त्यौहार भारत के अधिकांश भागों में समान रूप से मनाए जाते हैं।
तथापि यह हो सकता है कि उन्हें देश के विभिन्न भागों में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता हो अथवा अलग तरीके से मनाया जाता हो। कुछ ऐसे त्यौहार, जो पूरे भारत में मनाए जाते हैं, इन का उल्लेख नीचे किया गया है। तथापि इस खंड में अभी और वृद्धि की जा रही है। ऐसे और कई महत्वपूर्ण त्यौहार हैं जो हिंदुओं द्वारा मानते जाते है ।
हिंदु त्यौहार
हिन्दू त्यौहार विक्रम संवत (विक्रमी कैलेंडर) के अनुसार मनाये जाते है | विक्रम कैलेंडर “ईस्वी कैलेंडर” से 57 वर्ष आगे चलता है | अर्थात विक्रमी संवत = ईस्वी कैलेंडर सन + 57 वर्ष
विक्रमी कैलेंडर चन्द्रमा आधारित कैलेंडर होता है। जिसमे 12 महीनो को बताया गया है जिसके आधार पर ही हिंदू अपने त्योहार मनाते है तो आइए जानते है कि ये महीने कौनसे है।
हिंदुओं का सबसे बड़ा त्यौहार कौन सा है
राष्ट्रीय त्योहारों के नाम | national festival in hindi
विक्रमी कैलेंडर (विक्रमी संवत) के महीने –
- चैत्र 2. वैशाख
- ज्येष्ठ 4. आषाढ़
- श्रावण 6. भाद्रपद
- आश्विन 8. कार्तिक
- मार्गशीर्ष 10. पौष
- माघ 12. फाल्गुन
विक्रमी कैलेंडर के महीनो में 15-15 दिन के दो पखवाड़े होते है | प्रथम 15 दिन के पखवाड़े को कृष्ण पक्ष कहा जाता है।अगले 15 दिन के पखवाडे को शुक्ल पक्ष कहा जाता है। हिंदु नववर्ष : चैत्र शुक्ल एकम को हिन्दू नववर्ष मानते है। प्रथम हिन्दू त्यौहार : छोटी तीज (श्रावण शुक्ल तृतीया) अंतिम हिन्दू त्यौहार : गणगौर (चैत्र शुक्ल तृतीया )
छोटी तीज को हिन्दुओं का प्रथम त्यौहार तथा गणगौर को अंतिम त्यौहार माना जाता है। तो इसी के आधार पर हिंदुओं के त्योहार मनाए जाते है इसी कैलेंडर के आधार पर हिंदुओं के त्योहारों की तिथि निकली जाति है। वैसे तो हिंदुओं में बहुत सारे त्योहार मनाए जाते है लेकिन हमने कुछ खास त्योहारों का वर्णन किया है जिनकी लिस्ट नीचे लगाई गई है जिन्हे आप देख सकते है।
हिन्दू त्यौहार के नाम
पर्वतिथिसन् २०१९ में ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार तिथिसंक्षिप्त वर्णन
मकर सक्रांति 15 जनवरीसूर्य का मकर राशि में प्रवेश
वसंत पंचमीमाघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी10 जनवरीबांग्ला लोग इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी मनाते है जब देवी सरस्वती की पुजा की जाती है।
महाशिवरात्रिमाघ माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 4 मार्च
होलीफाल्गुन माह की पूर्णिमा21 मार्च
गुड़ी पड़वा चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा6 अप्रैलमहाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना में नए साल का दिन
राम नवमी चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी13 अप्रैलभगवान राम का जन्म
हनुमान जयंती चैत्र माह की पूर्णिमाभगवान हनुमान का जन्म
वट सावित्रीज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा महाराष्ट्र में मनाया जाता है जहां पत्नी अपने पति की लंबी आयू के लिए व्रत करती है।
विषु
रथयात्राओडिसा में भगवान जगन्नाथ की यात्रा
गुरु पूर्णिमाआषाढ़ माह की पूर्णिमाऋषी वेदव्यास का जन्म। अपने गुरू की पुजा करके मनाया जाता है।
ओढम केरल का त्यौहार
रक्षाबंधन श्रावण माह की पूर्णिमाभाई-बहन का त्यौहार
जन्माष्टमीभाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी भगवान कृष्ण का जन्म
गणेश चतुर्थीभाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी
नवरात्रिअश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
दशहरा / विजयादशमीअश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी
दीपावली / दीवालीअश्विन अमावस्या
भाईदूज / यम दुतिया
कार्तिक पूर्णिमा कार्तिक माह की पूर्णिमा
छठ पूजा
पोंगल
लोहड़ी
वांगला
करवा चौथ
विश्व का सबसे पुराना धर्म कौन सा है
विश्व का सबसे महान धर्म कौन सा है?
अब आप जान गए होंगे की हिंदुओं में कौन कौन से त्योहार मनाए जाते है । और हिन्दू त्यौहार के नाम भी । अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो आप इसे शेयर कीजिए । और आपका कोई सवाल जवाब हो तो आप कॉमेंट कर सकते है।
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25 मार्च से चैत्र नवरात्रि: प्रतिपदा, अष्टमी और नवमी पर बिना मुहूर्त देखे कर सकते हैं शुभ काम
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इस साल पूरे नौ दिनों की रहेगी नवरात्रि, देवी दुर्गा की पूजा में दुं दुर्गायै नम: मंत्र का जाप करें
दैनिक भास्कर
Mar 20, 2020, 03:22 PM IST
जीवन मंत्र डेस्क. बुधवार, 25 मार्च को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि और गुड़ी पड़वा है। इस दिन से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है और हिन्दू नववर्ष शुरू होगा। इस दिन रेवती नक्षत्र के साथ ही बुधवार होने से रहेगा ब्रह्म योग बन रहा है। उज्जैन के…
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