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#गुजरात बस ड्राइवर नौकरी
senabharti1 · 1 year
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12वी पास युवाओं के लिए गुजरात बस ड्राइवर के पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी, यहां से करें आवेदन GSRTC driver vacancy 2023
हेलो दोस्तों गुजरात बस ड्राइवर में आ चुकी बंपर भर्ती GSRTC recruitment 2023, गुजरात राज्य सड़क परिवहन में बस चालक के 4070 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया है, अधिक जानकारी के लिए नीचे देकर तालिका में चेक करें। व्हाट्सप्प जॉब्स अपडेट्स | टेलीग्राम जॉब अपड़ेस GSRTC driver vacancy 2023 :- तो दोस्तों जो छात्र इस वैकेंसी का इंतजार कर रहे थे उनके लिए सबसे सुनहरा मौका है इस गुजरात बस ड्राइवर…
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dainiksamachar · 9 months
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हिट एंड रन पर नए कानून में ऐसा क्‍या जिसने उड़ाए ड्राइवरों के होश? देशभर में विरोध का कारण समझिए
नई दिल्‍ली: यूपी, बिहार, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात... तमाम राज्‍यों के ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर सड़कों पर उतर आए हैं। वजह है 'हिट एंड रन' पर लाया जा रहा नया कानून। इसमें 'हिट एंड रन' को लेकर बेहद सख्‍ती से निपटने का प्रावधान किया गया है। यह भारतीय न्याय संहिता का हिस्‍सा है। इसके तहत ऐसे मामलों में ड्राइवरों को 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपये जुर्माने की बात कही गई है। इसने ड्राइवरों के होश उड़ा दिए हैं। कानून के विरोध में देश के कई राज्‍यों में ड्राइवरों ने चक्‍काजाम करना शुरू कर दिया है। सख्‍त प्रावधान के जरिये सरकार की मंशा सड़क हादसों पर अंकुश लगाना है। इसके उलट ड्राइवरों को लगता है कि यह उनके साथ ज्‍यादती है। यह पूरा कानून क्‍या है? हिट एंड रन के किस क्‍लॉज को लेकर ड्राइवरों में नाराजगी है? अभी तक क्‍या व्‍यवस्‍था थी? आइए, यहां इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं। * हिट एंड रन पर नए कानून के किस प्रावधान का विरोध?ट्रक और बस ड्राइवर भारतीय न्याय संहिता के एक प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। इसके तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने पर गंभीर सड़क दुर्घटना होने और पुलिस या प्रशासन के किसी अधिकारी को सूचित किए बिना मौके से भागने वाले चालकों को 10 साल तक की सजा या सात लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। * हिट एंड रन पर नए कानून के विरोध का क्‍या है कारण?चक्‍काजाम करने वाले ड्राइवरों का दावा है कि 'हिट एंड रन' के मामलों में विदेश की तर्ज पर सख्त प्रावधान लाया गया है। इसे लाने से पहले विदेश की तरह बेहतर सड़क और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए था। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने कहा है कि नए नियमों के कारण ड्राइवर नौकरी छोड़ रहे हैं। देशभर में पहले से ही 25-30 फीसदी ड्राइवरों की कमी है। ऐसे कानून ड्राइवरों की किल्‍लत को और बढ़ाएंगे। देश की अर्थव्यवस्था में रोड ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों का बड़ा योगदान है। प्रदर्शनकारी ड्राइवरों का कहना है कि नए कानून के अनुसार, 'हिट एंड रन' मामलों में 10 साल तक की जेल और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। ड्राइवर इतनी बड़ी राशि कैसे भर सकते हैं। * हिट एंड रन पर अभी तक क्या रहा है कानून?अब तक हिट एंड रन मामले में आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), 304A (लापरवाही के कारण मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल की सजा का प्रावधान है। खास मामलों में आईपीसी की धारा 302 भी जोड़ी जाती है। * ह‍िट एंड रन कानून में अब क्‍या हो गया है बदलाव?बदलाव के बाद सेक्शन 104(2) के तहत हिट एंड रन के बाद अगर आरोपी ड्राइवर घटनास्थल से भागता है या पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी पड़ेगी। 7 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा। * किन-किन राज्‍यों में कानून के विरोध में उतरे ड्राइवर?उत्तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र, ब��हार, मध्‍य प्रदेश, गुजरात सहित देशभर के ज्‍यादातर राज्‍यों के ट्रक और बस ड्राइवर नए कानून के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। इसका परिवहन सेवाओं के साथ सप्‍लाई चेन पर असर पड़ सकता है। * क्‍या है ड्राइवरों की मांग?ड्राइवरों की मांग है कि जब तक सरकार हिट एंड रन पर नए कानून को वापस नहीं लेती तब तक बस और ट्रक नहीं चलाएंगे। तमाम राज्‍यों में चालकों ने बस और ट्रक चलाने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार के नए परिवहन नियमों का ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने भी विरोध किया है। ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने एक जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया था। कन्‍फ्यूजन की स्थित‍िऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस की परिवहन समिति के अध्यक्ष सीएल मुकाती के मुताबिक, 'हिट एंड रन' मामलों में अचानक पेश किए गए कड़े प्रावधानों को लेकर चालकों में आक्रोश है। उनकी मांग है कि इन प्रावधानों को वापस लिया जाए। चश्मदीदों ने बताया कि मुंबई को आगरा से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर धार और शाजापुर जिलों में चालकों ने चक्काजाम किया। इससे सैकड़ों वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (एआईएमटीए) की राज्य इकाई के अध्यक्ष सुनील माहेश्वरी ने कहा कि ट्रक या टैंकर मालिकों की कोई हड़ताल नहीं है। माहेश्वरी ने कहा, 'कुछ टैंकर और ट्रक चालकों ने अपने वाहन खड़े कर दिए हैं। उन्हें सूचित किया जा रहा है कि नए कानून सिर्फ ट्रक चालकों पर ही नहीं बल्कि वाहन चलाने वाले हर व्यक्ति पर लागू होते हैं। फिलहाल कोई हड़ताल नहीं होगी।'ग्वालियर जिला पेट्रोल पंप एसोसिएशन के संरक्षक दीपक सचेती ने बताया कि रविवार को कुछ समय के लिए रायरू स्थित पेट्रोल डिपो से कुछ टैंकरों में पेट्रोल-डीजल नहीं आया। सचेती ने कहा कि केवल 10 फीसदी चालकों को नए नियम समझ में नहीं आए हैं, लेकिन उन्हें समझाया जा रहा है। http://dlvr.it/T0qtYh
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