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#गुजरात पुल टूटा
mwsnewshindi · 2 years
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गुजरात ब्रिज त्रासदी: उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की खिंचाई की
गुजरात ब्रिज त्रासदी: उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की खिंचाई की
30 अक्टूबर को एक सदी से अधिक पुराने निलंबन पुल के ढहने से 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। (फ़ाइल) अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने 30 अक्टूबर को गिरे मोरबी में पुल के जीर्णोद्धार का ठेका दिए जाने के तरीके की आज आलोचना की। “सार्वजनिक पुल के मरम्मत कार्य के लिए निविदा क्यों नहीं जारी की गई? बोली क्यों नहीं आमंत्रित की गई?” मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार ने दोपहर से ठीक पहले शुरू हुई सुनवाई के…
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newslobster · 2 years
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कहीं मोदी के ‘आकर्षण’ के कारण तो नहीं टूटा गुजरात में पुल; कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का तंज
कहीं मोदी के ‘आकर्षण’ के कारण तो नहीं टूटा गुजरात में पुल; कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का तंज
खरगे ने कहा, ‘‘मोदी एक छोटी ट्रेन को हरी झंडी दिखाने सहित छोटी से छोटी घटना का भी श्रेय लेते हैं. वह गुजरात में मोरबी पुल के दो करोड़ रुपये के मरम्मत कार्य का श्रेय लेना चाहते थे. मुझे नहीं पता, कहीं उनका (मोदी का) ‘आकर्षण’ तो नहीं था कि पुल उद्घाटन के पांच दिनों के भीतर ही टूट गया जिसमें 138 लोगों की मौत हो गई.” नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष यहां अपने अभिनंदन समारोह ‘सर्वोदय समावेश’ में लोगों को…
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sphhindi · 2 years
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सदियों पुराने पुल के ढहने से हताहत व्यक्तियों के लिए आत्मशांति || 
सदियों पुराने पुल के ढहने से हताहत साठ से अधिक व्यक्तियों के लिए आत्मशांति || 30 अक्टूबर, 2022
गुजरात के मोरबी शहर में माछू नदी पर आज शाम एक सदी पुराना केबल पुल गिरने से 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब पुल टूटा तो उस पर सैकड़ों लोग सवार थे।
हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माध्यक्ष  (एसपीएच) जगतगुरु महासन्निधानम, परम पावन भगवान नित्यानंद परमशिवम ने मारे गए 60 से अधिक लोगों की आत्म शांति के लिए भगवान परमशिव से प्रार्थना की। एसपीएच परमशिव से प्रियजनों और संपूर्ण समुदाय के उपचार  के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
वैश्विक शांति लाने के लिए आध्यात्मिक जिम्मेदारी लेते हुए  कैलाश का धर्म और उपासना  विभाग उस हेतु एसपीएच के चरणों में महेश्वर पूजा अर्पण  करेगा।
कैलाश का धर्म और उपासना विभाग और श्रीकैलाश संयुक्त राष्ट्र वैश्विक शांति और संघर्ष समाधान के लिए सभी क्षेत्रों के वैश्विक नागरिकों को, विशेष रूप से इस कठिन समय के दौरान मानवता को उपचारित  करने, सशक्त बनाने और प्रबुद्ध करने में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। हिस्सा कैसे बनें? http://kailaasa.tv/minutes4peace
महेश्वर पूजा के बारे में: आत्मा ने चाहे जितने भी जन्म लिए हों, इसकी परवाह किए बिना कि वह आत्मा अपने जीवनकाल में गुरु द्वारा दीक्षित होते हुई हो या नहीं - गुरु वहां  हस्तक्षेप कर सकता है और दिवंगत आत्मा के जीवन में अपनी उपस्थिति उपलब्ध करा सकता है और उसे आत्मज्ञान की ओर ले जा सकता है। ! यह महेश्वर पूजा के द्वारा ही संभव है! हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माध्यक्ष, जगतगुरु महासन्निधानम, परम पावन भगवान नित्यानंद परमशिवम कहते हैं, "पिंड तर्पण" देने के लिए पृथ्वी ग्रह पर सबसे अच्छी जगह एक संन्यासी का उदर है। अर्थात  एक संन्यासी की क्षुद्धा की आग (जठराग्नि) सबसे अच्छी अग्नि है जिसमें आप "पिंड तर्पण", "श्राद्ध" अर्पण कर सकते हैं, जो सीधे दिवंगत पूर्वजों (पितरों) तक पहुंचती है।
सोमशंभु पद्धति कहती है, यह किसी भी नदी, किसी जल-निकाय, किसी झील, किसी पवित्र भूमि, किसी भी पवित्र स्थान में किसी भी "श्राद्ध", किसी भी "पिंड" की पेशकश करने से हजार गुना अधिक श्रेष्ठ है। इसे परमशिव के जीवित अवतार के उदर में अर्पित करना "पिंड तर्पण" और 'श्राद्ध' का सर्वोत्तम रूप है।
हिंदू धर्म में, श्राद्ध जिसमें दिवंगत आत्माओं के पूर्णत्व के लिए सन्यासियों को भोजन दिया जाता है, उसे महेश्वर पूजा कहा जाता है।
सोमशंभु पद्धति में, श्राद्ध विधि, श्लोक 3 लिङ्गिनो ब्राह्मणाद्यश्च श्राद्धीयाः शिवःक्षिताः । लिंगिनो ब्राह्मणाध्यायच श्रद्धा: शिवादीक्षित:।
अनुवाद इस प्रकार है "संन्यासी और ब्राह्मण जिन्हें शिव दीक्षा में दीक्षित किया गया है, वे श्राद्ध में पितृ के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त होने के पात्र हैं।"
कैलाश का धर्म और उपासना  विभाग वेदों और आगमों द्वारा निर्धारित और एसपीएच नित्यानंद परमशिवम द्वारा पुनर्जीवित महेश्वर पूजा का आयोजन करता है। महेश्वर पूजा में, परमशिव के 1008 वें जीवित अवतार के रूप में, एसपीएच व्यक्तिगत रूप से भिक्षा प्राप्त करते हैं और वह नित्यानंद संन्यास संप्रदाय (मठवासी संप्रदाय) के साथ दिवंगत आत्मा को मुक्त करते हैं।
स्रोत लिंक: https://www.ndtv.com/india-news/5-facts-about-old-bridge-in-gujarat-that-collapsed-today-3474913
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02qpCkFGdaPRVqzPWJZJkAyhpipP1h9ZjS1kU8974qdp7m5Yh1sYs55Cy4eF9bSKtvl&id=100044485207419
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dainiksamachar · 2 years
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मोरबी ब्रिज हादसे के चलते आज गुजरात में राजकीय शोक, जानिए क्यों कहते हैं मच्छु नदी?
अहमदाबाद: गुजरात के में मच्छु नदी पर हादसे के दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन इस हादसे का दर्द कम नहीं हो पा रहा है। गुजरात में आज राजकीय शोक है। सरकार की तरफ कोई समारोह और मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। तो वहीं गुजरात के सौराष्ट्र में इस हादसे की गूंज सर्वाधिक है। इसके पीछे मच्छु नदी पर बना केबल ब्रिज है। मच्छु नदी की बात करें तो यह गुजरात की अपनी नदी हैं जो राजकोट जिले में जसदण की पहाड़ियों से निकलती है और 130 किलोमीटर चल कर कच्छ के रण में मालिया के मिलती है। नदी से मिलता है पानी घड़ियों के कारोबार, टाइल्स और टाइल्स की डिजाइन को लेकर दुनियाभर में मोरबी का नाम है। मोरबी को द टाइल्स कैपिटल ऑफ इंडिया भी कहा जाता है। यह शहर मच्छु नदी के किनारे पर बसा है। मोरबी के बिल्कुल पास से निकलने वाली यह नदी कई मायने में जीवनदायिनी के सामन है, लेकिन पुल हादसे से इसकी चर्चा गलत वजह से हो रही है। यह दूसरा मौका है जब मच्छु नदी शोक का कारण बनी है। 1979 में मच्छु-2 बांध टूटा था तो बड़ी त्रादसी हुई थी। इसमें बड़ी जनहानि हुई थी। मच्छु नदी का यह नाम क्यों पड़ा है? इसके पीछे भी एक कई कहानियां और किस्से जुड़े हुए हैं? कैसे पड़ा नाम? कहते हैं कि इस नदी के किनारे एक मगरमच्छ ने एक शख्स को जिंदा निगल लिया। की पूजा करके वह मगरमच्छ के पेट से बाहर आ गया। इस महापुरुष के दूसरे जन्म को मत्स्येन्द्रनाथ के नाम से जाना गया और वे हठयोगी के रूप में विख्यात हुए। मत्स्येन्द्रनाथ को अपने पुत्रों से बहुत लगाव था, उनके एक शिष्य ने उनके पुत्रों को नदी के किनारे मार डाला। इन दोनों पुत्रों ने तब नदी में ���छली के रूप में अवतार लिया। इस प्रकार, मच्छ और मत्स्य से नदी को मच्छु के नाम से जाना जाने लगा। राजा को लगा श्राप एक पौराणिक कथा के अनुसार, मोरबी के राजा को एक महिला से प्यार हो गया। लेकिन महिला को यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। राजा उसे परेशान कर रहा था, जिसके कारण एक दिन महिला ने मच्छु नदी में छलांग लगा दी और उसकी मृत्यु हो गई। लोककथाओं के अनुसार, इस महिला ने अपने प्राण त्यागने से पहले राजा को श्राप दिया था। महिला ने राजा के वंश के अंत और शहर के विनाश का श्राप दिया। राजा को यह श्राप झेलना पड़ा और उसके बाद उनके वंश का अंत हो गया। 1978 में, जब बांध बनकर तैयार हुआ, उसके बाद जियाजी के सातवें वंशज मयूरध्वज का यूरोप में किसी से झगड़ा हो गया और इस दौरान में उनकी मृत्यु हो गई। 130 किमी लंबी है नदी सौराष्ट के बहने वाली मच्छु नदी राजकोट, मोरबी और सुरेंद्र नगर से होकर कच्छ के रण में जाकर खत्म होती है। 130 किलोमीटर लंबी इस नदी पर भौगोलिक स्थिति काफी उतार-चढ़ाव वाली है। इस नदी पर अभी दो मुख्य बांध है। इनमें पहला बांध वांकानेर शहर से 10 किलोमीटर दूर स्थित है इस बांध का निर्माण कार्य 1952 में शुरू हुआ और 1965 में पूरा हुआ था। तब इसके निर्माण पर करीब 60 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसके बाद मच्छु-2 बांध बनाया गया। इसका काम 1960 में शुरू हुआ और साल 1978 में पूरा हुआ। इसके निर्माण पर 3.25 करोड़ रुपये खर्च हुए। यही बांध 1979 में टूटा था। http://dlvr.it/Sc4rDq
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tbnewsblog · 2 years
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#गुजरात : मोरबी में 140 साल पुराना पुल टूटा, 400 लोग नदी में गिरे, कई के डूबने की आशंका... #gujrat पूरी खबर पढ़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें-http://www.tbnews.in/2022/10/140-400.html https://www.instagram.com/p/CkXpTXnvPnL/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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poorikhabar · 2 years
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गुजरात: मोरबी में केबल ब्रिज टूटा, कई लोग नदी में गिरे, PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
गुजरात: मोरबी में केबल ब्रिज टूटा, कई लोग नदी में गिरे, PM मोदी ने किया मुआवजे का ऐलान
रविवार शाम को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना केबल पुल टूटने से एक बड़ा हादसा हो गया। इस घटना के दौरान पुल के ऊपर खड़े कई लोग नदी में गिर गए।इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त सैकड़ों की तादाद में लोग पुल पर मौजूद थे। रेस्क्यू टीमों ने कई लोगों को नदी से निकालकर अस्पताल भेज…
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nehakhosla · 5 years
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हादसे में कई लोग घायल हो गए और वाहन भी बुुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. from Zee News Hindi: India News https://zeenews.india.com/hindi/india/cars-plunge-into-river-as-bridge-collapses-near-junagadh-in-gujarat/582133
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newslobster · 2 years
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PM मोदी के ‘आकर्षण’ के कारण तो नहीं टूटा गुजरात में पुल? : कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का तंज
PM मोदी के ‘आकर्षण’ के कारण तो नहीं टूटा गुजरात में पुल? : कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का तंज
खरगे ने कहा, ‘‘मोदी एक छोटी ट्रेन को हरी झंडी दिखाने सहित छोटी से छोटी घटना का भी श्रेय लेते हैं. वह गुजरात में मोरबी पुल के दो करोड़ रुपये के मरम्मत कार्य का श्रेय लेना चाहते थे. मुझे नहीं पता, कहीं उनका (मोदी का) ‘आकर्षण’ तो नहीं था कि पुल उद्घाटन के पांच दिनों के भीतर ही टूट गया जिसमें 138 लोगों की मौत हो गई.” नवनिर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष यहां अपने अभिनंदन समारोह ‘सर्वाेदय समावेश’ में लोगों को…
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newslobster · 2 years
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गुजरात के मोरबी में पुराने पुल के ढहने से जुड़े 5 प्रमुख तथ्य
गुजरात के मोरबी में पुराने पुल के ढहने से जुड़े 5 प्रमुख तथ्य
माच्छू नदी पर बना पुराना केबल पुल रविवार को गिर गया. नई दिल्ली: गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर रविवार की शाम एक सदी पुराना केबल पुल गिर गया. इस हादसे में 91 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक जब पुल टूटा तब उस पर सैकड़ों लोग सवार थे. मामले से जुड़ी अहम जानकारियां : रिपोर्टों के मुताबिक, ओरेवा नाम के एक निजी ट्रस्ट ने सरकार से टेंडर मिलने के बाद पिछले हफ्ते पुल का नवीनीकरण पूरा किया…
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newslobster · 2 years
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5 प्वाइंट न्यूज: गुजरात के मोरबी में टूटा पुल, 400 से अधिक लोग थे मौजूद, पढ़ें 5 अहम बातें
5 प्वाइंट न्यूज: गुजरात के मोरबी में टूटा पुल, 400 से अधिक लोग थे मौजूद, पढ़ें 5 अहम बातें
मोरबी पुल हादसे में अभी तक दो दर्जन से ज्‍यादा लोगों के मरने की खबर है. नई दिल्‍ली : गुजरात के मोरबी शहर में माच्‍छू नदी पर बना सस्‍पेंशन पुल रविवार को टूट गया. इस हादसे में अब तक दो दर्जन से ज्‍यादा लोगों के मारे जाने की खबर है और करीब 100 लोग लापता हैं. जिस वक्‍त यह हादसा हुआ उस वक्‍त पुल पर 400 से ज्‍यादा लोग मौजूद थे. मोरबी के दर्दनाक हादसे की खबर से जुड़ी पांच बड़ी बातें : मामले से जुड़ी…
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newslobster · 2 years
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गुजरात के मोरबी में पुल टूटा, करीब 100 लोगों के नदी में फंसे होने की आशंका
गुजरात के मोरबी में पुल टूटा, करीब 100 लोगों के नदी में फंसे होने की आशंका
नई दिल्ली: गुजरात के मोरबी इलाके में माच्छू नदी में आज एक केबल पुल गिर गया. इस घटना में कई लोगों के घायल होने की आशंका है. बताया जाता है कि जब पुल गिरा उस समय उस पर करीब 500 लोग सवार थे. मौके पर बचाव कार्य जोरों से चल रहा है. रिपोर्टों के मुताबिक मोरबी में आज सस्पेंशन ब्रिज गिर गया. करीब 100 लोगों के अभी भी पानी में फंसे होने की आशंका है. इस पुल को चार दिन पहले मरम्मत के बाद खोला गया था. गुजरात…
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nehakhosla · 5 years
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हादसा जूनागढ़ के मलंका गांव के पास हुआ। हादसे में कई लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है। हालांकि अबतक किसी के हताहत होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।  from Latest And Breaking Hindi News Headlines, News In Hindi | अमर उजाला हिंदी न्यूज़ | - Amar Ujala https://www.amarujala.com/india-news/a-bridge-collapse-near-malanka-village-in-junagadh-in-gujaratm-many-cars-damaged?utm_source=rssfeed&utm_medium=Referral&utm_campaign=rssfeed
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