#गांधी वध
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अहिल्या उद्धार नगर दर्शन, पुष्प वाटिका का मंचन देख भावविभोर हुए दर्शक
नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में श्रीराम लीला उत्सव का आयोजन इटारसी। नगर पालिका परिषद के तत्वाधान में चल रहे श्री रामलीला दशहरा महोत्सव के अंतर्गत आज गांधी मैदान पर सुबाहु-मारीच वध, अहिल्या उद्धार, श्रीराम का नगर दर्शन और पुष्प वाटिका का मंचन किया जो लोगों को बहुत भाया। गांधी मैदान पर श्री वृंदावन धाम से श्री बालकृष्ण लीला संस्थान के कलाकार स्वामी श्यामसुंदर शर्मा छोटे महाराज के नेतृत्व में…
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गांधी की राजनीति
सौजन्य: गूगल गांधी की राजनीति का अंत हो रहा है सत्ता की सियासत में हर उसूल ढह रहा है अपराध भ्रष्टाचार का हर ओर बोलबाला शब्दों की मर्यादा का वध कर डाला सियासत की बा��डोर जिनके हाथ आ गई मसीहा वही बन बैठ�� उनकी हर बात है सही राजनीति का एक सूत्र सत्य अहिंसा का दिया उस सूत्र को राजनेताओं ने नंगा कर दिया । ना कोई सुचिता ना कोई सम्मान रहा है अपराधियों का राजनीति में मान रहा है , गुंडा अपराधी…
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#education - 2 posts
#thought of the day - 2 posts
#happy navratri - 2 posts
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#लाल बहादुर शास्त्री
My Top Posts in 2022:
#5
Mahatma Gandhi was born on 2 Oct, 1869, and every year, this day is celebrated as Gandhi Jayanti.. He died on 30 Jan, 1948, one year after India's independence….
1 note - Posted October 2, 2022
#4
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में शारदा प्रसाद श्रीवास्तव और रामदुलारी देवी के घर हुआ था। उन्होंने पूर्व मध्य रेलवे इंटर कॉलेज और हरीश चंद्र हाई स्कूल में पढ़ाई की, जिसे उन्होंने असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए छोड़ दिया । उन्होंने मुजफ्फरपुर में हरिजनों की भलाई के लिए काम किया और अपने जाति-व्युत्पन्न उपनाम "श्रीवास्तव" को छोड़ दिया। शास्त्री के विचार स्वामी विवेकानंद , गांधी और एनी बेसेंट के बारे में पढ़कर प्रभावित हुए । गांधी से गहराई से प्रभावित और प्रभावित होकर, वह 1920 के दशक में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने सर्वेंट्स ऑफ द पीपल सोसाइटी (लोक सेवक मंडल) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया , जिसकी स्थापना ने की थीलाला लाजपत राय और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रमुख पदों पर रहे । 1947 में स्वतंत्रता के बाद, वह भारत सरकार में शामिल हो गए और प्रधान मंत्री नेहरू के प्रमुख कैबिनेट सहयोगियों में से एक बन गए, पहले रेल मंत्री (1951-56) के रूप में, और फिर गृह मंत्री सहित कई अन्य प्रमुख पदों पर रहे ।
उन्होंने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश का नेतृत्व किया । उनका नारा " जय जवान, जय किसान " ("सैनिक की जय हो, किसान की जय हो") युद्ध के दौरान बहुत लोकप्रिय हुआ। 10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते के साथ औपचारिक रूप से युद्ध समाप्त हो गया ; वह अगले दिन मर गया, अभी भी ताशकंद में, विवाद में उसकी मृत्यु के कारण के साथ; इसे कार्डिएक अरेस्ट बताया गया था, लेकिन उनके परिवार वाले प्रस्तावित कारण से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था ।
1 note - Posted October 2, 2022
#3
Thought of the Day | आज का सुविचार
1 note - Posted October 1, 2022
#2
कात्यायनी नवदुर्गा या हिंदू देवी पार्वती (शक्ति) के नौ रूपों में छठवीं रूप हैं। 'कात्यायनी' अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेेमावती व ईश्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं। शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमे भद्रकाली और चंडिका भी शामिल है, में भी प्रचलित हैं। यजुर्वेद के तैत्तिरीय आरण्यक में उनका उल्लेख प्रथम किया है। स्कन्द पुराण में उल्लेख है कि वे परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से उत्पन्न हुई थीं , जिन्होंने देवी पार्वती द्वारा दी गई सिंह पर आरूढ़ होकर महिषासुर का वध किया। वे शक्ति की आदि रूपा है, जिसका उल्लेख पाणिनि पर पतञ्जलि के महाभाष्य में किया गया है, जो दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में रचित है।
Happy Navratri
1 note - Posted October 1, 2022
My #1 post of 2022
भारत में प्रथम पुरुष सूची | Bharat Me Pratham Purush List | List of First Man in India
1 note - Posted September 30, 2022
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गाँधी वध: नाथूराम गोडसे(nathuram godse) कौन था उन्होंने महात्मा गांधी (mahatma gandhi) की हत्या क्यों किया-
https://bharattalk.in/nathuram-godse-who-was-why-they-killed-mahatma-gandhi/
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नाथूराम गोडसे से जुड़ा रिकॉर्ड और पुलिस जांच में उसके बयान अब देखिए एक क्लिक पर #godse #gandhi #killer नई दिल्ली: अब आप जान सकेंगे के नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी के बारे में क्या सोचता था. केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने महात्मा गांधी की हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे का बयान और इस केस से जुड़े रिकॉर्ड नेशनल आर्काइव की वेबसाइट पर पब्लिक करने का ऑर्डर दिया है. मुख्य सूचना आयुक्त एम. श्रीधर आचार्युलू ने कहा, ''कोई नाथूराम और हत्या में शामिल रहे बाकी दोषियों के भले ही सहमत ना हो, लेकिन हम उनके विचारों को पब्लिक करने से इनकार नहीं कर सकते हैं.'' एक शख्स ने आरटीआई में केस की चार्जशीट, गोडसे का बयान और बाकी जानकारियां दिल्ली पुलिस से मांगी थीं. CIC ने कहा, ''इस जानकारी के लिए दिल्ली पुलिस और नेशनल अर्काइव ने कोई आपत्ति नहीं जताई है. चूंकि यह 20 साल से ज्यादा पुरानी है और इसके पब्लिक होने से देश को कोई नुकसान नहीं.'' ''ना ही नाथूराम और ना ही उनके सिद्धांतों और विचारों को मानने वाला शख्स किसी के सिद्धांत से असहमत होने की स्थिति में उसकी हत्या करने की हद तक जा सकता है. ''गांधी का जीवन, कैरेक्टर और उनकी इमेज एक शांतिदूत की रही है. देश की आजादी और हि��दूमुस्लिम एकता को उनसे जुड़ी जानकारी सामने आने पर कोई खतरा नहीं होगा.'' ''नेशनल अर्काइव अपनी ऑफिशियल साइट पर बापू की शहादत से जुड़ी सभी जानकारियां पब्लिश करे.'' बता दें कि, 30 जनवरी, 1948 को बापू को गोलियां मारने वाले नाथूराम को एक राइट विंग एक्टिविस्ट बताया जाता है. क्या है मामला? दरअसल, पिटीशन फाइल करने वाले आशुतोष बंसल ने दिल्ली पुलिस से गोडसे की चार्जशीट, उसके बयान और केस से जुड़ी बाकी जानकारियां मांगी थीं. पुलिस के मुताबिक, केस से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया (NAI) को भेज दिया गया था. इसीलिए पुलिस ने पिटीशन को एनएआई को भेज दिया. इस पर नेशनल आर्काइव ने बंसल से कहा कि वह यहां आकर खुद मांगी गई जानकारियां खोज सकते हैं. इसके बाद बंसल ने CIC का रुख किया. आचार्युलू ने सेंट्रल पब्लिक इन्फॉर्मेशन कमिश्नर (CPIONAI) को ऑर्डर दिया कि बंसल से फोटोकॉपी का चार्ज नहीं वसूला जाए, क्योंकि यह एक सार्वजनिक जानकारी है. आरटीआई एक्ट के मुताबिक जानकारियां मांगने वाले से 3 रुपए प्रति पेज चार्ज लिया जाता है.
#गांधी की हत्या#गांधी वध#गोड़से#जांच#थाना तुगलक रोड#दस्तावेज#नेशनल आर्काइव#पूछताछ#मुख्य सूचना आयुक्त
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धू धू कर जल उठे रावण,मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले
धू धू कर जल उठे रावण,मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले
गया। जिले भर में दशहरा पर्व धूमधाम से मनाया गया। गया के ऐतिहासिक गांधी मैदान में भगवान राम ने एक वाण से रावण का वध कर दिया. रावण, कुंभकरण और मेघनाद का जैसे ही वध हुआ उनके प्रतीकात्मक स्वरूप पुतले धू-धू कर जल उठे। पूरा मैदान पर जलकर आग की चिंगारियां पड़ रही थी। 50 फुट ऊंचा रावण का पुतला 20 सैकंड में जलकर राख हो गया। शाम को जैसे ही सुर्यास्त हुआ पुतले को आग लगाते ही आतिशी धमाके गूंज उठे। बुरा�� पर…
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रावण वध समारोह के लिए गांधी मैदान जाना है तो प्लान देख कर ही घर से निकलिए | patna traffic rout map on vijyadashmi; bihar bhaskar latest news
रावण वध समारोह के लिए गांधी मैदान जाना है तो प्लान देख कर ही घर से निकलिए | patna traffic rout map on vijyadashmi; bihar bhaskar latest news
पटना19 मिनट पहले आज विजयादशमी है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में आज के दिन को मनाया जाता है। इस मौके पर राजधानी के गांधी मैदान में बुधवार को ‘‘रावणवध’’ समारोह का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पटना आते हैं। गांधी मैदान के अंदर लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। इस वजह से भीड़ को कंट्रोल करने के लिए जिला प्रशासन और ट्रैफिक पुलिस ने खास तौर पर रूट प्लान तैयार किया…
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‘गांधी वध’ उल्लेख केल्याने नाना पटोले तोंडघशी; काँग्रेसकडून सारवासारव
‘गांधी वध’ उल्लेख केल्याने नाना पटोले तोंडघशी; काँग्रेसकडून सारवासारव
‘गांधी वध’ उल्लेख केल्याने नाना पटोले तोंडघशी; काँग्रेसकडून सारवासारव काँग्रेसकडून सारवासारव मुंबई : महात्मा गांधी यांच्या पुण्यतिथीच्या दिवशी हिंदुत्ववादापेक्षा गांधींचा विचारच देशात प्रभावी आहे हे सांगताना काँग्रेसचे प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले यांची जीभ घसरली व गांधी हत्येऐवजी गांधी वध हा गोडसेसमर्थकांचा शब्द पटोले यांनी उच्चारल्याने काँग्रेस तोंडघशी पडली. अखेर बोलण्याच्या ओघात चुकून तो शब्द…
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लाइव कार्यक्रम देखने के लिए यहां क्लिक करें brvj
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पटना विजय दशमी पर राव को मारने की योजना है। पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हर साल दशहरा समिति द्वारा इसका आयोजन किया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण इसका आयोजन नहीं किया जा रहा है. हालांकि दशहरा समिति जिला प्रशासन की अनुमति से कुवैत के नियमों का पालन करते हुए रावण वध कार्यक्रम आयोजित कर रही है। कुवेद 19 की वजह से गांधी मैदान में रावण वध कार्यक्रम नहीं हो रहा है, बल्कि काली दास…
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कर्नाटक: गांधी जयंती पर बेंगलुरु में मांस बिक्री पर प्रतिबंध, BBMP ने लिया फैसला
कर्नाटक: गांधी जयंती पर बेंगलुरु में मांस बिक्री पर प्रतिबंध, BBMP ने लिया फैसला
बेंगलुरु. महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर बेंगलुरु में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने 2 अक्टूबर को पशु वध और मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इससे पहले गणेश चतुर्थी पर भी बेंगलुरु में मांस की बिक्री पर बैन लगाया गया था. पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपुल्स फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (PETA) ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी…
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रामलीला मंचन : श्रीराम का जन्म देख प्रसन्न और ताडक़ा वध देख रोमांचित हुए दर्शक
इटारसी के गांधी मैदान में वृंदावन के कलाकार कर रहे हैं ��्रीराम लीला का मंचन वीर सावरकर मैदान पुरानी इटारसी में जगदंबा रामलीला मंडल मैहर का मंचन इटारसी। नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में गांधी मैदान और वीर सावरकर मैदान पुरानी इटारसी में श्रीराम लीला और दशहरा उत्सव का आयोजन चल रहा है। गांधी मैदान में श्री बालकृष्ण लीला मंडल वृंदावन के कलाकार श्री श्यामसुंदर शर्मा छोटे महाराज के नेतृत्व में लीला…
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🚩विभाजन का यह इतिहास आपके कलेजों को फाड़ देगा 15 अगस्त 2021
🚩इस लेख में 1947 में जिन्ना के इशारों पर जो अत्याचार पाकिस्तान में बलूच रेजिमेंट ने हिन्दुओं पर किया उसका उल्लेख किया गया है। हर हिन्दू को यह इतिहास ज्ञात होना चाहिए।
🚩विभाजन पश्चात भारत सरकार ने एक तथ्यान्वेषी संगठन बनाया जिसका कार्य था पाकिस्तान छोड़ भारत आये लोगों से उनकी जुबानी अत्याचारों का लेखा जोखा बनाना। इसी लेखा जोखा के आधार पर गांधी हत्याकांड की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय के जज जी डी खोसला लिखित, 1949 में प्रकाशित, पुस्तक 'स्टर्न रियलिटी' विभाजन के समय दंगों, कत्लेआम, हताहतों की संख्या और राजनैतिक घटनाओं को दस्तावेजी स्वरूप प्रदान करती है। हिंदी में इसका अनुवाद और समीक्षा 'देश विभाजन का खूनी इतिहास (1946-47 की क्रूरतम घटनाओं का संकलन)' नाम से सच्चिदानंद चतुर्वेदी ने किया है। नीचे दी हुई चंद घटनायें इसी पुस्तक से ली गई हैं जो ऊंट के मुंह में जीरा समान हैं।
🚩11 अगस्त 1947 को सिंध से लाहौर स्टेशन पह़ुंचने वाली हिंदुओं से भरी गाड़ियां खून का कुंड बन चुकी थीं। अगले दिन गैर मुसलमानों का रेलवे स्टेशन पहुंचना भी असंभव हो गया। उन्हें रास्ते में ही पकड़कर उनका कत्ल किया जाने लगा। इस नरहत्या में बलूच रेजिमेंट ने प्रमुख भूमिका निभाई। 14 और 15 अगस्त को रेलवे स्टेशन पर अंधाधुंध नरमेध का दृश्य था। एक गवाह के अनुसार स्टेशन पर गोलियों की लगातार वर्षा हो रही थी। मिलिट्री ने गैर मुसलमानों को स्वतंत्रता पूर्वक गोली मारी और लूटा।
🚩19 अगस्त तक लाहौर शहर के तीन लाख गैर मुसलमान घटकर मात्र दस हजार रह गये थे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति वैसी ही बुरी थी। पट्टोकी में 20 अगस्त को धावा बोला गया जिसमें ढाई सौ गैर मुसलमानों की हत्या कर दी गई। गैर मुसलमानों की दुकानों को लूटकर उसमें आग लगा दी गई। इस आक्रमण में बलूच मिलिट्री ने भाग लिया था।
🚩25 अगस्त की रात के दो बजे शेखपुरा शहर जल रहा था। मुख्य बाजार के हिंदू और सिख दुकानों को आग लगा दी गई थी। सेना और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आग बुझाने के लिये अपने घर से बाहर निकलने वालों को गोली मारी जाने लगी। उपायुक्त घटनास्थल पर बाद में पहुंचा। उसने तुरंत कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया और उसने और पुलिस ने यह निर्णय घोषित भी किया। लोग आग बुझाने के लिये दौड़े। पंजाब सीमा बल के बलूच सैनिक, जिन्हें सुरक्षा के लिए लगाया गया था, लोगों पर गोलियाँ बरसाने लगे। एक घटनास्थल पर ही मर गया, दूसरे हकीम लक्ष्मण सिंह को रात में ढाई बजे मुख्य गली में जहाँ आग जल रही थी, गोली लगी। अगले दिन सुबह सात बजे तक उन्हें अस���पताल नहीं ले जाने दिया गया। कुछ घंटों में उनकी मौत हो गई।
🚩गुरुनानक पुरा में 26 अगस्त को हिंदू और सिखों की सर्वाधिक व्यवस्थित वध की कार्यवाही हुई। मिलिट्री द्वारा अस्पताल में लाये जाने सभी घायलों ने बताया कि उन्हें बलूच सैनिकों द्वारा गोली मारी गयी या 25 या 26 अगस्त को उनकी उपस्थिति में मुस्लिम झुंड द्वारा छूरा या भाला मारा गया। घायलों ने यह भी बताया कि बलूच सैनिकों ने सुरक्षा के बहाने हिंदू और सिखों को चावल मिलों में इकट्ठा किया। इन लोगों को इन स्थानों में जमा करने के बाद बलूच सैनिकों ने पहले उन्हें अपने कीमती सामान देने को कहा और फिर निर्दयता से उनकी हत्या कर दी। घायलों की संख्या चार सौ भर्ती वाले और लगभग दो सौ चलंत रोगियों की हो गई। इसके अलावा औरतें और सयानी लड़कियाँ भी थीं जो सभी प्रकार से नंगी थीं। सर्वाधिक प्रतिष्ठित घरों की महिलाएं भी इस भयंकर दु:खद अनुभव से गुजरी थीं। एक अधिवक्ता की पत्नी जब अस्पताल में आई तब वस्तुतः उसके शरीर पर कुछ भी नहीं था। पुरुष और महिला हताहतों की संख्या बराबर थी। हताहतों में एक सौ घायल बच्चे थे।
🚩शेखपुरा में 26 अगस्त की सुबह सरदार आत्मा सिंह की मिल में करीब सात आठ हजार गैर मुस्लिम शरणार्थी शहर के विभिन्न भागों से भागकर जमा हुये थे । करीब आठ बजे मुस्लिम बलूच मिलिट्री ने मिल को घेर लिया। उनके फायर में मिल के अंदर की एक औरत की मौत हो गयी। उसके बाद कांग्रेस समिति के अध्यक्ष आनंद सिंह मिलिट्री वालों के पास हरा झंडा लेकर गये और पूछा आप क्या चाहते हैं । मिलिट्री वालों ने दो हजार छ: सौ रुपये की म���ंग की जो उन्हें दे दिया गया। इसके बाद एक और फायर हुआ और एक आदमी की मौत हो गई। पुन: आनंद सिंह द्वारा अनुरोध करने पर बारह सौ रुपये की मांग हुई जो उन्हें दे दिया गया। फिर तलाशी लेने के बहाने सबको बाहर निकाला गया। सभी सात-आठ हजार शरणार्थी बाहर निकल आये। सबसे अपने कीमती सामान एक जगह रखने को कहा गया। थोड़ी ही देर में सात-आठ मन सोने का ढेर और करीब तीस-चालीस लाख जमा हो गये। मिलिट्री द्वारा ये सारी रकम उठा ली गई। फिर वो सुंदर लड़कियों की छंटाई करने लगे। विरोध करने पर आनंद सिंह को गोली मार दी गयी। तभी एक बलूच सैनिक द्वारा सभी के सामने एक लड़की को छेड़ने पर एक शरणार्थी ने सैनिक पर वार किया। इसके बाद सभी बलूच सैनिक शरणार्थियों पर गोलियाँ बरसाने लगे। अगली प्रांत के शरणार्थी उठकर अपनी ही लड़कियों की इज्जत बचाने के लिये उनकी हत्या करने लगे।
🚩1 अक्टूबर की सुबह सरगोधा से पैदल आने वाला गैर मुसलमानों का एक बड़ा काफिला लायल���ुर पार कर रहा था। जब इसका कुछ भाग रेलवे फाटक पार कर रहा था अचानक फाटक बंद कर दिया गया। हथियारबंद मुसलमानों का एक झुंड पीछे रह गये काफिले पर टूट पड़ा और बेरहमी से उनका कत्ल करने लगा। रक्षक दल के बलूच सैनिकों ने भी उनपर फायरिंग शुरु कर दी। बैलगाड़ियों पर रखा उनका सारा धन लूट लिया गया। चूंकि आक्रमण दिन में हुआ था, जमीन लाशों से पट गई। उसी रात खालसा कालेज के शरणार्थी शिविर पर हमला किया गया। शिविर की रक्षा में लगी सेना ने खुलकर लूट और हत्या में भाग लिया। गैर मुसलमान भारी संख्या में मारे गये और अनेक युवा लड़कियों को उठा लिया गया।
🚩अगली रात इसी प्रकार आर्य स्कूल शरणार्थी शिविर पर हमला हुआ। इस शिविर के प्रभार वाले बलूच सैनिक अनेक दिनों से शरणार्थियों को अपमानित और उत्पीड़ित कर रहे थे। नगदी और अन्य कीमती सामानों के लिये वो बार बार तलाशी लेते थे। रात में महिलाओं को उठा ले जाते और बलात्कार करते थे। 2 अक्टूबर की रात को विध्वंश अपने असली रूप में प्रकट हुआ। शिविर पर चारों ओर से बार-बार हमले हुये। सेना ने शरणार्थियों पर गोलियाँ बरसाईं। शिविर की सारी संपत्ति लूट ली गई। मारे गये लोगों की सही संख्या का आंकलन संभव नहीं था क्योंकि ट्रकों में बड़ी संख्या में लादकर शवों को रात में चिनाब में फेंक दिया गया था।
🚩करोर में गैर मुसलमानों का भयानक नरसंहार हुआ। 7 सितंबर को जिला के डेढ़ेलाल गांव पर मुसलमानों के एक बड़े झुंड ने आक्रमण किया। गैर मुसलमानों ने गांव के लंबरदार के घर शरण ले ली। प्रशासन ने मदद के लिये दस बलूच सैनिक भेजे। सैनिकों ने सबको बाहर निकलने के लिये कहा। वो औरतों को पुरूषों से अलग रखना चाहते थे। परंतु दो सौ रूपये घूस लेने के बाद औरतों को पुरूषों के साथ रहने की अनुमति दे दी। रात मे सैनिकों ने औरतों से बलात्कार किया। 9 सितंबर को सबसे इस्लाम स्वीकार करने को कहा गया। लोगों ने एक घर में शरण ले ली । बलूच सैनिकों की मदद से मुसलमानों ने घर की छत में छेद कर अंदर किरोसिन डाल आग लगा दी। पैंसठ लोग जिंदा जल गये।
🚩यह लेख हमने संक्षिप्त रूप में दिया है। विभाजन से सम्बंधित अनेक पुस्तकें हमें उस काल में हिन्दुओं पर जो अत्याचार हुए, उससे अवगत करवाती हैं, हर हिन्दू को इन पुस्तकों का अध्ययन अवश्य करना चाहिए। क्योंकि "जो जाति अपने इतिहास से कुछ सबक नहीं लेती उसका भविष्य निश्चित रूप से अंधकारमय होता है।" -डॉ. विवेक आर्य
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गाँधी वध: नाथूराम गोडसे(nathuram godse) कौन था उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या क्यों किया- |
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राजनीतिक और समाजिक विसंगति को आइना दिखा गया 'आप कौन चीज के डायरेक्टर हैं जी' Divya Sandesh
#Divyasandesh
राजनीतिक और समाजिक विसंगति को आइना दिखा गया 'आप कौन चीज के डायरेक्टर हैं जी'
बेगूसराय। बिहार की सांस्कृतिक धरती बेगूसराय में आयोजित आठवें आशीर्वाद राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार की ��ात मासूम आर्ट ग्रुप पलामू (झारखंड) के कलाकारों ने ‘आप कौन चीज के डायरेक्टर हैं जी’ में मंच के माध्यम से ऐसा सशक्त प्रहार किया कि शुरू से अंत तक लोग ताली बजाते रहे। इसमें वर्तमान सामाजिक परिवेश को पृष्ठभूमि में रखते हुए राजनीतिक, धार्मिक एवं परिवारिक विसंगतियों पर करारा प्रहार किया गया। जटिल एवं उलझे हुए विषय पर कैसे हास्य प्रधान नाटक हो, इसका जीवंत उदाहरण इसमें दिखा।
नाटक में महाभारत काल के भीम को आज क��� आम आदमी का प्रतिनिधि बनाया गया है जो दुर्बल है। दुर्योधन अराजकता, लूट-मार, भ्रष्टाचार का प्रतिक है जो बलवान है। महाभारत में तो भीम उसे पटकने में सफल होता है, लेकिन आज के भारत में दुर्योधन ही भीम पर हावी है। नाटक ने राजनीतिक विसंगति समाजिक विसंगति और धार्मिक विसंगति के साथ घरेलू विसंगतियों को हास्य व्यंग के द्वारा मंच से उजागर किया, जिसकी दर्शकों ने भरपूर सराहना की।
नाटक ने बताया कि गलतियों का सामूहिक प्रतिकार होना चाहिए, ताकि गलती करने वाले को इसका अहसास हो सके। लेकिन इस देश में सामूहिक प्रतिवाद की परंपरा समाप्त हो रही है, प्रतिवाद फैशन बनता जा रहा है। नाटक ने चर्चित हास्य फिल्म ‘जाने भी दो यारों’ की यादें ताजा कर दी। नाटक की कहानी एक नौटंकी के डायरेक्टर के ईद-गिर्द घूमती है। मुखियाजी विधायक का चुनाव लड़ना चाहते थे। उनकी मुलाकात एक नौटंकी पार्टी के डायरेक्टर से होती है।
जनता को लुभाने के लिए डायरेक्टर की सलाह पर नेताजी क्षेत्र में दुर्योधन वध नौटंकी कराने के लिए तैयार होते हैं। इसमें दुर्योधन का किरदार नेताजी के बलवान बेटे को मिल जाता है, जबकि उसके घर के हलवाह को भीम को रोल करता है। नेताजी का बेटा अपने घर के नौकर के हाथों मरने से इंकार कर देता है। इस दौरान डायरेक्टर की ऊहा-पोह दर्शकों को खूब हंसाती है। महाभारत के सीन को प्रदर्शित करने वाला निर्देशक अपने अभिनेताओं के डिमांड और फरमाईस से इतना परेशान है कि उसके पात्र महाभारत की कहानी ही बदल देते हैं। इस बात पर भीड़ गुस्साकर नाटक के डायरेक्टर को भला बुरा कहती है, भीड़ से जूता चल जाता है।
यह खबर भी पढ़ें: ‘कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली’ वाली कहावत ‘सांपों के किले’ से हैं जुड़ी, जानिए इतिहास
निर्देशक दर्शकों के गुस्से को देख कहता है कि ‘काश यह गुस्सा देश बंटने से पहले होता, निर्भया की घटना से पहले होता, पुलवामा से पहले होता तो आज कैंडिल ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती। कलाकारों ने नाटक के अंदर चल रहे दुर्योधन वध नौटंकी में राजनीतिज्ञों पर प्रहार किया तो पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी नहीं छोड़ा। बंगाल चुनाव पर कटाक्ष किया तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ममता बनर्जी, मधु कोड़ा और लालू यादव भी लपेटे में आते रहे। पत्रकार को लपेटे में लेते हुए कहा कि ‘प्रिंटिंग मिस्टेक पत्रकार के बचने की टेक्नोलॉजी है, सुविधा संपन्न होकर तो लोग सद�� में भी नाटक करते हैं विपरीत परिस्थिति को भी अनुकूल बनाने वाला मंचीय कलाकार होता है।’
नाटक की समाप्ति के बाद आशीर्वाद रंगमंडल के सचिव अमित रौशन समेत अन्य अतिथियों ने पूरी टीम को सम्मानित किया। दुर्योधन अमर कुमार भांजा, भीम राज प्रतीक पाल, कृष्ण उज्ज्वल सिन्हा, मुखिया अविनाश तिवारी तथ ग्रामीण आसिफ खान, अदनान कासिफ एवं राहुल कुमार ने जबरदस्त छाप छोड़ी। मेकअप एवं मंच सज्जा संजीत प्रजापति, लाइट उज्वल सिन्हा एवं संगीत सिकंदर कुमार का था। वहीं, हारमोनियम मास्टर सिकंदर कुमार, किलनारेट मास्टर विजय शंकर राम एवं नाल मास्टर आनंद कुमार रवि ने वादन के साथ अभिनय भी किया।
जानिए निर्देशक को नाटक के लेखक एवं निर्देशक सैकत चट्टोपाध्याय 1988 से रंगमंच पर सक्रिय हैं तथा अब तक 199 राष्ट्रीय पुरस्कार इन्हें नाटक में अभिनय, लेखन और निर्देशन के लिए मिला है। इसके अलावा झारखंड का राजकीय कला सम्मान, झारखंड रत्न सम्मान, राजीव गांधी सम्मान, पश्चिम बंग गणतांत्रिक लेखक संघ सम्मान, अंग नाट्य सम्मान, ताज रंगश्री सम्मान, चैतन्य महाप्रभु सम्मान, रंगमंच सम्मान, सत्यनारायण गोयल सम्मान, ब्रज नाट्य विभूषण सम्मान सहित देश के कई हिस्से से 56 सम्मान प्राप्त हुए हैं। सैकत बांग्ला और हिंदी के 67 नाटकों का 876 प्रस्तुति कर चुके है, बेगूसराय में आप कौन चीज के डायरेक्टर हैं जी की यह 101 वीं प्रस्तुति थी।
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रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांधी परिवार के लिए एटीएम है, सीएम को भी वध में मारे गए ग्रामीणों को 50-50 लाख रुपये देना चाहिए. रेणुका सिंह ने कहा कि केंद्रीय आदिवासी विकास राज्य मंत्री ने कांग्रेस को घेर लिया है.
रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांधी परिवार के लिए एटीएम है, सीएम को भी वध में मारे गए ग्रामीणों को 50-50 लाख रुपये देना चाहिए. रेणुका सिंह ने कहा कि केंद्रीय आदिवासी विकास राज्य मंत्री ने कांग्रेस को घेर लिया है.
जगदलपुर27 मिनट पहले। लिंक की प्रतिलिपि करें रेणुका सिंह ने जगदलपुर में प्रेस वार्ता की. केंद्रीय जनजातीय विकास राज्य मंत्री रेणुका सिंह बेदार के दो दिवसीय दौरे पर थीं। इस दौरान उन्होंने ट्राई फूड पार्क का दौरा किया और भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक भी की। जिसके बाद उन्होंने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस सरकार को घेरा. रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांधी परिवार के लिए एटीएम का काम…
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बॉम्बे HC ने मशाल खान को चाची की संपत्ति, परिवार के विवरण पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा
बॉम्बे HC ने मशाल खान को चाची की संपत्ति, परिवार के विवरण पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा
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द्वारा लिखित ओंकार गोखले | मुंबई | प्रकाशित: 22 अगस्त, 2020 6:22:27 बजे
खान अब्दुल गफ्फार खान (स्रोत: विकिमीडिया कॉमन्स)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक पाकिस्तानी नागरिक और खान अब्दुल गफ्फार खान के परपोते मशाल खान को फ्रंटियर गांधी के रूप में भी जाना जाता है, के रूप में उन्हें अपनी चाची ज़रीन गनी वध के संरक्षक के रूप…
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