#गणपतिऔरलक्ष्मीजीकापूजन
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शुक्रवार को इस विधि से पूजा करें, जरूर प्रसन्न होगी धन की देवी लक्ष्मी
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
#chanchladevikipujavidhi#dhankidevimaalakshmi#friday#guptnavratri#guptnavratri2019#lakshmipujan#maalakshmi#maalakshmikipujakamahtav#maalakshmikipujavidhi#matalakshmiaurganeshjikipuja#shukrvarkedinlakshmipujan#गणपतिऔरलक्ष्मीजीकापूजन#मांलक्ष्मी#मांलक्ष्मीकीपूजामहत्त्व#मांलक्ष्मीकीपूजा-विधि#शुक्रवारकेदिनकैसेकरेलक्ष्मीकीपूजा#शुक्रवारव्रत#शुक्रवारव्रतकामहत्त्व
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माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा-अर्चना, जरूर होगी शुभ फल की प्राप्ति
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि...
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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शुक्रवार को इस तरह पूजा करके आप बन सकते हैं धनवान, जरूर बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा शनिवार के दिन इस तरह पूजन से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा Read the full article
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शुक्रवार की शाम इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा, दूर होगी धन से जुड़ी समस्या
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा शनिवार के दिन इस तरह पूजन से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा Read the full article
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शुक्रवार की शाम इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा, दूर होगी धन से जुड़ी समस्या
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्च��� और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा शनिवार के दिन इस तरह पूजन से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा Read the full article
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माता लक्ष्मी की पानी है कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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माता लक्ष्मी की पानी है कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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माता लक्ष्मी को करना है प्रसन्न, तो शुक्रवार को इन उपायों को अपनाएं, हमेशा बरसेगी कृपा
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का दिन कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से धन-संबंधी सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही मां प्रसन्न होकर भक्तों को मनचाहा वरदान देती हैं। यदि आप भी आर्थिक स्थिति में हमेशा सुधार रखना चाहते हैं तो शुक्रवार के दिन आप ये उपाय जरूर अपनाएं। लेकिन एक बात ध्यान रहे आपको ये उपाय रात 9 बजे से रात 12 बजे के बीच ही करना होगा। इससे सभी मनोकामनां हो पूरी हो जाएगी। एक और बात ध्यान रहे ��ि जब भी आप ये उपाय कर रहे हो तो आपको बीच में कोई भी रोके-टोके नहीं। आइए जानते हैं कैसे करना है ये उपाय- पहला उपाय- रात को घर के पूजा स्थल पर साफ-सफाई कर चौकी पर एक सफेद रंग का कपड़ा बिछा दें। उस पर कलश रखें। कलश के ऊपर शुद्ध केसर से स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उसमें पानी भर दें। अब कलश में दूर्वा, चावल और एक का सिक्का दाल दें। फिर एक छोटी प्लेट में चावल भरकर उसे कलश पर रख दें। अब उसके ऊपर श्रीयंत्र की स्थापना कर दें। कलश के बाई ओर चार बत्ती वाला एक दीया जलाकर उसकी कुमकुम और चावल से पूजन करें। पूजन के बाद करीब 15 मिनट तक माता लक्ष्मी का ध्यान करें। इससे आपकी सभी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी। दूसरा उपाय- अमावस्या के आप चावल की खीर बना लें। फिर उस खीर में एक रोटी को बारिक पीसकर मिला लें। अब खीर को कौओं के खाने के लिए अपने घर की छत पर रख दें। इस उपाय से हमेशा पितरों का आशीर्वाद आप पर बना रहेगा। साथ ही इसे करने से पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है। तीसरा उपाय- यदि किसी जातक की कुंडली में चंद्र अशुभ हो या फिर किसी दुष्ट ग्रह के प्रभाव से अपना पूरा असर नहीं दे पा रहा है। ऐसे लोगों को अपनी मां से एक मुट्ठीभर चावल दान लेना चाहिए। इससे हमेशा के लिए चन्द्रमा की अशुभवता दूर हो जाती है। चौथा उपाय- पूर्णिमा या किसी शुभ मुहूर्त वाले दिन चावल को केसर या हल्दी में रंग कर पीला कर लें। एक बात जरूर ध्यान रखें कि सभी चावल में से कोई भी दाना टूटा हुआ न हो। पीला रंगने के बाद अब इन चावलों को किसी मंदिर में जाकर भगवान को समर्पित कर दें। फिर आप भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें। इससे आपकी समस्याएं जल्दी ही दूर हो जाएंगी। मां लक्ष्मी को रक्तचन्दन इस मंत्र के साथ समर्पण करें। रक्तचन्दनसम्मिश्रं पारिजातसमुद्भवम्। मया दत्तं महालक्ष्मि चन्दनं प्रतिगृह्यताम् । ॐ महालक्ष्म्यै नमः रक्तचन्दनं समर्पयामि। फिर इस मंत्र से लक्ष्मी को पुष्प माला समर्पण कीजिए माल्यादीनि सुगन्धीनि मालत्यादीनि वै प्रभो । ॐ मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशीमहि । ॐ महालक्ष्म्यै नमः । पुष्पमालां समर्पयामि । उसके बाद इस मंत्र से मां लक्ष्मी का आवाहन करें। सर्वलोकस्य जननीं सर्वसौख्यप्रदायिनीम । सर्व��ेवमयीमीशां देवीमावाहयाम्यहम्। ॐ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम् | यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् । Read the full article
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माता लक्ष्मी की पानी है कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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माता लक्ष्मी की पानी है कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा-अर्चना, होगी शुभ फल की प्राप्ति
चैतन्य भारत न्यूज शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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शुक्रवार की शाम इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा, दूर होगी धन से जुड़ी समस्या
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अ��िक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा शनिवार के दिन इस तरह पूजन से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा Read the full article
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शुक्रवार की शाम इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा, दूर होगी धन से जुड़ी समस्या
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा शनिवार के दिन इस तरह पू���न से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा Read the full article
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पाना चाहते हैं माता लक्ष्मी की कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें पूजा-अर्चना
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें। लक्ष्मी मंत्र या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... दरिद्रता का नाश करता है मां लक्ष्मी का यह व्रत, जानिए व्रत का महत्व और पूजन-विधि मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें इन नियमों का पालन इस शुभ मुहूर्त में करें मां लक्ष्मी की पूजा, जानिए पूजा-विधि और जरुरी पूजन सामग्री Read the full article
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शुक्रवार की शाम इस तरह करें माता लक्ष्मी की पूजा, दूर होगी धन से जुड़ी समस्या
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता समर्पित है। इसके मुताबिक शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व और पूजन-विधि। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({});
शुक्रवार व्रत का महत्व शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि लक्ष्मी जी की पूजा करने से व्यक्ति के घर में कभी धन का अभाव नहीं रहता है। लक्ष्मी जी को हिंदू धर्म में सुख-समृद्धि, धन, वैभव तथा ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसके अलावा यह व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
शुक्रवार व्रत पूजन-विधि शुक्रवार को पूरे दिन व्रत रख शाम को स्नान के बाद माता लक्ष्मी की पूजा करें। वैभव लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र की पूजा में खासतौर पर लाल चंदन, गंध, लाल वस्त्र, लाल फूल अर्पित करें। पूजा के बाद दान का अधिक महत्व है। पूजा के बाद समृद्धि व शांति की इच्छा से इस वैभव लक्ष्मी मंत्र का यथाशक्ति जप करें- या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी। या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥ या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी। सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ ये भी पढ़े... सुख, शांति और समृद्धि के लिए शुक्रवार को ऐसे करें मां संतोषी की पूजा शनिवार के दिन इस तरह पूजन से प्रसन्न होंगे शनिदेव, जानिए व्रत का महत्व और पूजा-विधि मनचाही सफलता के लिए रविवार को इस विधि से करें सूर्य देवता की पूजा Read the full article
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पाना चाहते हैं लक्ष्मी माता की कृपा, तो शुक्रवार को इस विधि से करें मां की पूजा-अर्चना
चैतन्य भारत न्यूज हिंदू धर्म में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। इन नौ दिनों में देवी की विशेष रूप से पूजा की जाती है। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। शास्त्रों में लक्ष्मी को चंचला कहा गया है। चंचला का मतलब है ऐसी देवी जिनका किसी एक स्थान पर अधिक समय तक रहना तय नहीं। जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है वे लोग शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा खासतौर से करें। इस दिन व्रत रखने का भी प्रावधान है। आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा-विधि..
मां लक्ष्मी की पूजा-विधि- मां लक्ष्मी की पूजा सफेद या गुलाबी वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। मां लक्ष्मी को गुलाबी पुष्प, विशेषकर कमल चढ़ाना सर्वोत्तम रहता है। पूजा के दौरान पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, नारियल, तांबे का कलश, लाल कपड़ा और घी होना चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की मिट्टी की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद सबसे पहले गणपति बप्पा और फिर लक्ष्मीजी का पूजन करें। इस पूजा में गणपति बप्पा और लक्ष्मीजी के साथ भगवान विष्णु की स्थापना जरूर करें। शुक्रवार के दिन भोजन और धन दान करना बेहद शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी के विशेष स्वरूप हैं, जिनकी उपासना शुक्रवार के दिन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। ये भी पढ़े... शुक्रवार को दही खाने का होता है विशेष महत्व, जानिए वजह शुक्रवार की रात मां लक्ष्मी को ऐसे करें प्रसन्न, इन उपायों को अपनाएंगे तो हमेशा बरसेगी कृपा गुप्त नवरात्रि, देवशयनी एकादशी से लेकर गुरु पूर्णिमा तक, जुलाई में आने वाले हैं ये महत्वपूर्ण तीज-त्योहार Read the full article
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