#ख्याल
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#गरीब#ऐसा राम अगाध है#अपरंपार अथाह । उरमें किरतम ख्याल है#मौले अलख अल्लाह ।।GodNightMondayभूखेबच्चेदेख_मां_कैसे_खुश_होजानने के लिए S
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रह तै रह बेटी की ढाला करके ख्याल कुटी पै - अरमान किलोई Super Hit Ragni
#youtube#रह तै रह बेटी की ढाला करके ख्याल कुटी पै - अरमान किलोई - New Haryanvi Ragni https://youtu.be/dqfNmhnn04s?si=8Bt2O1oSg7CPtFjM
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#गरीब#मुरली बजै कबीर की#परखो मुरली बिबेक।ताल ख्याल नहीं भंग होय#बाजैं बजैं अनेक।।जो मुरली काल ब्रह्म ने ब्रह्मलोक में नकली बजा रखी है#sant rampal ji
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उससे पहली दफा नज़र मिलते ही
सारी उम्र उसके साथ गुज़ारने का ख्याल आया था
और सितम ये हुआ
पलक झपकते मुलाक़ात कब्र में हुई
#shayari#laila majnu#spilled thoughts#spilled truth#hindi shayari#indian tumblr#spilled words#spilled ink#spilled poetry#desi tumblr#writers and readers#hindiblr#stainedpoetry#artists on tumblr
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कानपुर वाले घर में मेरी मां, पापा और छोटी बहन रहती थी. मेरी बहन का नाम सुषमा है. उम्र में वो मुझसे तीन साल छोटी है. वो घर में सबकी लाडली है. ये कहानी जो मैं आप लोगों को आज बताने जा रहा हूं, यह करीबन दो साल पुरानी है.
उस वक्त मेरी बहन ने अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी की थी. पढ़ाई में हम दोनों भाई-बहन ही अच्छे थे. एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी बहन अब जॉब की तलाश में थी.
चूंकि मैं हैदराबाद जैसे बड़े शहर में रह रहा था तो मैंने उससे कहा कि तुम मेरे ही शहर में जॉब ढूंढ लो. मेरी यह बा�� मेरे माता-पिता को भी ठीक लगी. मेरे शहर में रहने से उनको भी अपनी बेटी की सेफ्टी की चिंता करने की आवश्यकता नहीं थी.
हैदराबाद में पी.जी. रूम लेकर मैं रह रहा था. मगर अब सुषमा भी साथ में रहने वाली थी तो मैंने एक बीएचके वाला फ्लैट ले लिया. कुछ दिन के बाद बहन भी मेरे साथ मेरे फ्लैट में शिफ्ट हो गई.
सुषमा के बारे में आपको बता दूं कि वो काफी खुलकर बात करने वालों में से है. उसकी हाइट 5.6 फीट है और मेरी हाइट 6 फीट के लगभग है. मेरी बहन के बदन की बात करूं तो उसकी गांड काफी उठी हुई है. जब वो अपनी कमर को लचकाते हुए चलती है तो किसी भी मर्द को घायल कर सकती है.
मेरी बहन का फीगर 36-30-38 का है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसकी चूचियां भी कितनी बड़ी होंगी. उसकी चूचियां हमेशा उसके कपड़ों से बाहर झांकती रहती थीं. मैंने सुना था कि जवान लड़की की चूत चुदाई होने के बाद उसकी चूचियों का साइज भी बढ़ जाता है.
अपनी बहन की चूचियों को देख कर कई बार मेरे मन में ख्याल आता था कि कहीं यह भी अपनी चूत चुदवा रही होगी. मगर मैं इस बारे में विश्वास के साथ कुछ नहीं कह सकता था. मेरी बहन खुले विचारों वाली थी तो दोनों तरह की बात हो सकती थी.
जब वो मेरे साथ फ्लैट में रहने लगी तो अभी उसके पास जॉब वगैरह तो थी नहीं. वो अपना ज्यादातर समय फ्लैट पर ही बिताती थी. मैं सुबह ही अपने काम पर निकल जाता था. पूरा दिन फ्लैट पर रह कर वो बोर हो जाती थी.
एक रोज वो कहने लगी कि वो सारा दिन फ्लैट पर रह कर बोर हो चुकी है. उसका मन कहीं बाहर घूमने के लिए कर रहा था. उसने मुझसे कहीं बाहर घूमने चलने के लिए कहा.मैंने कह दिया कि हम लोग मेरी छुट्टी वाले दिन चलेंगे.
फिर वीकेंड पर मैंने अपनी बहन के साथ बाहर घूमने का प्लान किया. अभी तक मेरे मन में मेरी बहन के लिए कोई गलत ख्याल नहीं था. हम लोग पास के ही एक मॉल में घूमने के लिए गये. मेरी बहन उस दिन पूरी तैयार होकर बाहर निकली थी.
उसके कुर्ते में उसकी चूचियां पूरे आकार में दिखाई दे रही थीं. हम लोगों ने साथ में घूमते हुए काफी मस्ती की और फिर घर वापस लौटने लगे. मगर रास्ते में बारिश होने लगी. इससे पहले कि हम लोग बारिश से बचने के लिए कहीं रुकते, हम दोनों ऊपर से लेकर नीचे तक पूरे भीग चुके थे.
बारिश काफी तेज थी इसलिए मैंने सोचा कि बारिश रुकने का इंतजार करना ही ठीक रहेगा. हम दोनों बाइक रोक कर एक मकान के छज्जे के नीचे खड़े हो गये. सुषमा के बदन पर मेरी ��जर गई तो मैं चाह कर भी खुद को ��से ताड़ने से नहीं रोक पाया.
उसकी मोटी चूचियों की वक्षरेखा, जिस पर पानी की बूंदें बहती हुई अंदर जा रही थी, मेरी नजरों से कुछ ही इंच की दूरी पर थी. उसको देख कर मेरे लौड़े में अजीब सी सनसनी होने लगी. मैंने उसकी सलवार की तरफ देखा तो उसकी भीगी हुई गांड और जांघें देख कर मेरे लंड में और ज्यादा हलचल होने लगी.
मैं बहाने से उसको घूरने लग गया था. ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था. फिर कुछ देर के बा��� बारिश रुक गयी और हम अपने फ्लैट के लिए निकल गये. उस दिन के बाद से मेरी बहन के लिए मेरा नजरिया बदल गया था.
अपनी बहन की चूचियों को मैं घूरने लगा था. बहन की गांड को ताड़ना अब मेरी आदत बन चुकी थी. मेरी हाइट उससे ज्यादा थी तो जब भी वो मेरे सामने आती थी उसकी चूचियां ऊपर से मुझे दिखाई दे जाती थीं. कई बार हंसी-मजाक में मैं उसको गुदगुदी कर दिया करता था.
इस बहाने से मैं उसकी चूचियों को छेड़ दिया करता था. कभी उसकी गांड को सहला देता था. यह सब हम दोनों के बीच में अब नॉर्मल सी बात हो गई थी. जब भी वो नहा कर बाहर आती थी तो वह तौलिया में होती थी. ऐसे मौके पर मैं जानबूझकर उसके आस-पास मंडराने लगता था.
जब मैं उसके साथ छेड़खानी करता था तो वो मेरी हर हरकत को नोटिस किया करती थी. उसको मेरी हरकतें पसंद आती थीं. इस बात का पता मुझे भी था. जब भी मैं उसको छेड़ता था तो वो मेरी हरकतों को हंसी में टाल दिया करती थी.
वो भी कभी-कभी मुझे यहां-वहां से छूती रहती थी. कई बार तो उसका हाथ मेरे लंड पर भी लग जाता था या फिर यूं समझें कि वो मेरे लंड बहाने से छूने की कोशिश करने लगी थी. अब आग दोनों तरफ शायद बराबर की ही लगी हुई थी.
ऐसे ही मस्ती में दिन कट रहे थे. एक दिन की बात है कि मैं उस दिन ऑफिस से जल्दी आ गया. हम दोनों के पास ही फ्लैट की एक-एक चाबी रहती थी. मैंने बाहर से ही लॉक खोल लिया था.
जब मैं अंदर गया तो उस वक्त सुषमा बाथरूम के अंदर से नहा कर बाहर आ रही थी. मैंने उसे देख लिया था मगर उसकी नजर मुझ पर नहीं पड़ी थी. उसने अपने बदन पर केवल एक टॉवल लपेटा हुआ था.
Nangi Behan
वो सीधी कबॉर्ड की तरफ जा रही थी. मैं भी उसको जाते हुए देख रहा था. अंदर जाकर उसने अलमारी से एक ब्रा और पैंटी को निकाला. उसने अपना टॉवल उतार कर एक तरफ डाल दिया. बहन के नंगे चूतड़ मेरे सामने थे.
मेरे सामने ही वो ब्रा और पैंटी पहनने लगी. उसका मुंह दूसरी तरफ था इसलिए उसकी नंगी चूत और चूचियां मैं नहीं देख पाया. मगर जल्दी ही उसको किसी के होने का आभास हो गया और वो पीछे मुड़ गई.
जैसे ही उसने मुझे देखा वो जोर से चिल्लाई और मैं भी घबरा कर बाहर हॉल में आ गया. कुछ देर के बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुझ पर गुस्सा हो��े हुए कहने लगी कि भैया आपको नॉक करके आना चाहिए था.
मैंने उसकी बात का जवाब देते हुए कहा- अगर मैं नॉक करके आता तो क्या तुम मुझे वैसे ही अंदर आने देती?उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया. मैं समझ गया कि उसकी इस खामोशी में उसकी हां छुपी हुई है.
अब मैंने थोड़ी हिम्मत की और उसके करीब आकर उसको अपनी बांहों में भर लिया. वो मेरी तरफ हैरानी से देख रही थी. मैंने उसकी आंखों में देखा और देखते ही देखते हम दोनों के होंठ आपस में मिल गये. मैंने उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
पहले तो मेरी बहन दिखावटी विरोध करती रही. फिर कुछ पल के बाद ही उसने विरोध करना बंद कर दिया. शायद उसको भी इस बात का अंदाजा था कि आज नहीं तो कल ये सब होने ही वाला है. इसलिए अब वो मेरा पूरा साथ दे रही थी.
दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के होंठों को पीते रहे. उसके बाद मैंने उसके कपड़ों उतारना शुरू कर दिया. उसका टॉप उतारा और उसको ब्रा में कर दिया. फिर मैंने उसकी जीन्स को खोला और उसकी जांघों को भी नंगी कर दिया.
अब मैंने उसकी ब्रा को खोलते हुए उसकी चूचियों को नंगी कर दिया. उसकी मोटी चूचियां मेरे सामने नंगी हो चुकी थीं. उसकी चूचियों को मैंने अपने हाथों में भर लिया.
उसके नर्म-नर्म गोले अपने हाथ में भर कर मैंने उनको दबा दिया. अब एक हाथ से उसकी एक चूची को दबाते हुए मैं दूसरे हाथ को नीचे ले गया. उसकी पैंटी के अंदर एक उंगली डाल कर मैंने उसकी चूत को कुरेद दिया.
बहन की चूत पानी छोड़ कर गीली हो रही थी. मैंने उसकी चूत को कुरेदना जारी रखा. उसका हाथ अब मेरे लंड पर आ गया था. मेरा लंड भी पूरा तना हुआ था. वो अब मेरे लंड को पैन्ट के ऊपर से ही पकड़ कर सहला रही थी.
मैं भी उत्तेजित हो चुका था और मैंने अपनी पैंट को खोल दिया. पैंट नीचे गिर गयी. सुषमा ने मेरी पैन्ट को मेरी टांगों में से निकलवा दिया. वो अब खुद ही आगे बढ़ रही थी. उसने मेरे अंडरवियर को भी निकाल दिया.
मेरे लंड को पकड़ कर वो उसकी मुठ मारने लगी. मैं तो पागल ही हो उठा. मैं उसकी चूचियों को जोर से भींचने लगा. फिर मैंने झुक कर उसकी चूचियों को मुंह में भर लिया और उसके निप्पलों को काटने लगा.
इतने में ही मेरी बहन ने अपनी पैन्टी को खुद ही नीचे कर लिया. उसकी चूत अब नंगी हो गई थी. मैं उसकी चूचियों को चूस रहा था. उसके निप्पलों को काट रहा था. बीच-बीच में चूचियों के निप्पलों को दो उंगलियों के बीच में लेकर दबा रहा था.
सुषमा अब काफी उत्तेजित हो गई थी. अचानक ही वो मेरे घुटनों के बीच में बैठ गई और अपने घुटनों के बल होकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में भर लिया. मेरी बहन मस्ती से मेरे 8 इंची लंड को चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे उसको मेरा लंड बहुत पसंद है.
वो जोर से मेरे लंड को चूसती रही और मेरे मुंह से अब उत्तेजना के मारे जोर की आवाजें सिसकारियों के रूप में बाहर आने लगीं. आह्ह … सुषमा, मेरी बहन, मेरे लंड को इतना क्यों तड़पा रही हो!मैंने उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड पर अंदर दबा��ा और घुसाना शुरू कर दिया.
दो-तीन मिनट तक लंड को चुसवाने के बाद मैं स्खलन के करीब पहुंच गया. मैंने बहन के मुंह में लंड को पूरा घुसेड़ दिया और मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी बहन के मुंह में जाकर गिरने लगी.
मेरी बहन मेरा सारा माल पी गयी. मैंने उसको बेड पर लिटा लिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा. वो तड़पने लगी. उसकी चूत पानी छोड़ रही थी. मगर उसकी चूत की चुदाई शायद पहले भी हो चुकी थी. चूत भले ही टाइट थी लेकिन कुंवारी चूत की बात ही अलग होती है. मुझे इस बात का अन्दाजा हो गया था.
मैं उसकी चूत को चाटने लगा. उसकी चूत का सारा रस मैंने चाट लिया.जब उससे बर्दाश्त न हुआ तो वो कहने लगी- भैया, अब चोद दो मुझे… आह्ह … अब और नहीं रुका जा रहा मुझसे.मैंने उसकी चूत में अन्दर तक जीभ घुसेड़ दी और वो मेरे मुंह को अपनी चूत पर जोर से दबाने लगी.
फिर मैंने मुंह हटा लिया. अब उसकी टांगों को मैंने बेड पर एक दूसरे की विपरीत दिशा में फैला दिया. बहन की चूत पर अपने लंड को रख दिया और रगड़ने लगा. मेरा लंड फिर से तनाव में आ गया. देखते ही देखते मेरा पूरा लंड तन गया.
मैंने अपने तने हुए लंड के सुपाड़े को चूत पर रखा और एक झटका दिया. पहले ही झटके में लंड को आधे से ज्यादा उसकी चूत में घुसा दिया. वो दर्द से चिल्ला उठी- उम्म्ह… अहह… हय… याह…मगर मैं अब रुकने वाला नहीं था. मैंने लगातार उसकी चूत में झटके देना शुरू कर दिया. बहन की चूत की चुदाई शुरू हो गई.
सुषमा की चूत में अब मेरा पूरा लंड जा रहा था. वो भी अब मजे से मेरे लंड को अंदर तक लेने लगी थी. मैं पूरे लंड को बाहर निकाल कर फिर से पूरा लंड अंदर तक डाल रहा था. दोनों को ही चुदाई का पूरा आनंद मिल रहा था.
अब मैंने उसको बेड पर घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी चूत में लंड को पेलने लगा. उसकी चूत में लंड घुसने की गच-गच आवाज होने लगी. मेरे लंड से भी कामरस निकल रहा था और उसकी चूत भी पानी छोड़ रही थी इसलिए चूत से पच-पच की आवाज हो रही थी.
फिर मैंने उसको सीधी किया और उसके मुंह में लंड दे दिया. मेरे लंड पर उसकी चूत का रस लगा हुआ था. वो फूल चुके लंड को चूसने-चाटने लगी. उसकी लार मेरे लंड पर ऊपर से नीचे तक लग गई.
अब दोबारा से मैंने उसकी टांगों को फैलाया और उसकी चूत में जोर ��े अपने लंड के धक्के लगाने लगा. पांच मिनट तक इसी पोजीशन में मैंने उसकी चूत को चोदा और वो झड़ गई. अब मेरा वीर्य भी दोबारा से निकलने के कगार पर पहुंच गया था.
मैंने उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया. उसकी चूत मेरे लंड को पूरा का पूरा अंदर ले रही थी. फिर मैंने दो-तीन धक्के पूरी ताकत के साथ लगाये और मैं अपनी बहन की चूत में ही झड़ने लगा. उसकी चूत को मैंने अपने वीर्य से भर दिया.
हम दोनों थक कर शांत हो गये. उस दिन हम दोनों नंगे ही पड़े रहे. शाम को उठे और फिर खाना खाया. उसके बाद रात में एक बार फिर से मैंने अपनी बहन की चूत को जम कर चोदा. उसने भी मेरे लंड को चूत में लेकर पूरा मजा लिया और फिर हम सो गये.
उस दिन के बाद से हम भाई-बहन में अक्सर ही चुदाई होने लगी. अब उसको मेरे ��ाथ रहते हुए काफी समय हो गया है लेकिन हम दोनों अभी भी चुदाई करते हैं. मुझे तो आज भी ये सोच कर विश्वास नहीं होता है कि मैं इतने दिनों से अपनी बहन की चूत की चुदाई कर रहा हूं.
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तुम्हारे जीवन के पन्नो पे,क्या मेरा नाम होगा?
वो तो ना जानूं, पर मेरी यादों में, तेरा जिक्र सदा रहेगा।
हर ख्याल में, हर सपने में, तेरा रंग होगा।
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तेरे ख्याल तेरे ख्वाब, तेरी अधूरी मुलाकातें,
मेरे पास गुनगुनाने को तेरे अफ़साने बहुत हैं !!
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लखनऊ, 31.08.2024 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा "Building A Safer Community by Teaching School Aged Children” अभियान के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी इंटर कॉलेज, नीलमथा, लखनऊ में जागरूकता कार्यक्रम "सुरक्षित बच्चा : सुरक्षित समाज" का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को यह बताना था कि विषम परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा कैसे की जाए |
कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने विद्यालय के लगभग 80 छात्र-छात्राओं बुलीइंग (Bulling) के बारे में बताते हुए कहा कि, “बुलीइंग न केवल बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ���य पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक समस्या भी हैं । उन्होंने छात्रों को बताया कि यदि कोई उन्हें परेशान करता है या तंग करता हैं, तो उन्हें डरने या चुप रहने की आवश्यकता नहीं हैं । इसके बजाय, उन्हें इसकी सूचना अपने शिक्षक, माता-पिता या किसी जिम्मेदार व्यक्ति को देनी चाहिए ।“
स्वयंसेवकों ने छात्राओं को यह समझाया कि “एक सुरक्षित और सशक्त समुदाय का निर्माण तभी संभव हैं, जब सभी बच्चे एक-दूसरे का सम्मान करें और एक-दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखें । इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिससे वे जैसी घटनाओं से निपटने में सक्षम हो सके । इस जागरूकता कार्यक्रम ने छात्रों को बुलीइंग (Bulling) के खिलाफ जागरूक होने और अपनी सुरक्षा के लिए खड़े होने का सशक्त संदेश दिया ।“
जागरूकता कार्यक्रम “Building A Safer Community by Teaching School Aged Children” में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयंसेवकों सुश्री शिखा यादव, नमीरा सिद्दीकी, सुश्री मांडवी त्रिपाठी, श्री अजय कुमार पांडे, सुश्री स्नेहा (एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी) ने सहभागिता की तथा जागरूकता अभियान को सफल बनाया |
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हमने देखा कि आपने हमारा आस्क देखा, उसके लिए धन्यवाद,
चाँद बहुत ही खूबसूरत था आपकी उन तस्वीरों में, और वो शायरी जो आपने लिखी उससे भी ज्यादा खूबसूरत थी, लेकिन एक बात जानते हैं आप? सबसे खूबसूरत तो ये बात थी कि आपने हमारी लिखी हुई शायरी पढ़ी, और आपको पसंद आई, उसके लिए धन्यवाद। 😊
अब हम आपके लिए कुछ अंग्रेजी में कहना चाहेंगे, कविता है, हमने पढ़ी थी, आपके ख्याल के साथ, वो कविता भी हमें याद आगई :)
"And if you were the sun,
and I was the ice,
I would still stand there and look at you,
even though every second of looking would cost me my life.
After all, I will get evaporated and will become a cloud,
and maybe,
I would get a little closer to you."
- 🪷
Ahhhhhhaanaaa
This poem is sooooo cute. Idk how to say thank you. My appreciation for you can never match you. Coz you're beyond that.
Soo here's an icecream for you sweeetu
After all this it reminds me a song💕
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#GodMorningFriday
🪴__ सत् भक्ति संदेश __ 🪴
परमेश्वर अपरमपार अथाह यानी समन्दर की तरह अमित शक्ति संपन्न है। तत्वज्ञान के अभाव से प्रत्येक ऋषि-देव अपने उर (हृदय) में किरतम यानी कृत्रिम (मन कल्पित) ख्याल (विचार) से मौला (परमात्मा) अलख अल्लाह (निराकार-दिखाई न देने वाला) मानते हैं।
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परमात्मा प्राप्त संतों से रूबरू
आदरणीय गरीबदास जी को परमेश्वर कबीर साहेब जी ने अपना अमर लोक दिखाया, फिर वापिस पृथ्वी पर छोड़ दिया। तब उन्होंने अपनी अमृत वाणी के माध्यम से बताया :
गैबी ख्याल विशाल सतगुरु, अचल दिगम्बर थीर है।
भक्ति हेत काया धर आये, अविगत सत कबीर हैं।।
हरदम खोज हनोज हाजर, त्रिवैणी के तीर हैं।
दास गरीब तबीब सतगुरु, बन्दी छोड़ कबीर हैं।।
#प्रभु_प्राप्त_संतों_से_रूबरू
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दिल में इस कदर मोहब्बत है तुम्हारे लिए, कि सोये तो ख्वाब तुम्हारे और जागे तो ख्याल तुम्हारे।
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माँगी थी दुआ रब से कि प्यार ऐसा देना जो अलग हो सबसे
खुदा ने तुमसे मिला दिया खा ख्याल रखना अनमोल है सबसे..
♥️
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#GodMorningMonday
♻️गरीब, ऐसा राम अगाध है, अपरम्पार अथाह। उरमे किरतम ख्याल है मौले अलख अल्लाह।।
संत रामपाल जी महाराज जी
🌺🌺🙏🙏🙏🌺🌺
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बहुत दूर आ चुका हूँ
उन जगहों से जहां कभी ज़िंदगी बीती थी
जहाँ समय रुका था मेरे लिए
जहाँ मेरे बचपनें के सामने सूरज झुका था
बहुत दूर आ चुका हूँ अब उन जगहों से
अपने बचपनें को छोड़ कर
माँ के साथ बिताए पल पीछे छूटते जा रहे है
ज़िंदगी मुझे बहुत दूर ले कर जा रही है सबकुछ से
मैं ���ागना चाहता हूँ अपनी माँ के पास
इतनी पीड़ाओं के बीच मुझे बस उनकी याद आती है
सबकुछ से दूर आ चुका हूँ कहीं किनारे पर
जिसके आगे कुछ नहीं
पीछे बस अंधकार है
सारे रिश्ते न जाने कहाँ छूट चुके है
मैं बहुत पीछे छूट चुका हूँ
अब बस चलना है
शायद कहीं पहुँच सकूं
सुकून की तलाश अब मुश्किल होती जा रही है
मैंने तलाश करना सीखा भी नहीं
माँ ख्वाइशों का ख्याल रखती थी
अब माँ दूर है
और मेरी सारी ख्वाइशें कहीं दफ़न!
—praphull
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