SC:-केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि एनएफएसए के तहत खाद्यान्न अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे
SC:-केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि एनएफएसए के तहत खाद्यान्न अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे
नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत खाद्यान्न अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। शीर्ष अदालत ने कहा, कोई भी खाली पेट न सोए, यह सुनिश्चित करना हमारी संस्कृति है।जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने केंद्र को निर्देश दिया कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत प्रवासी और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या के साथ…
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इरानले विश्वकपमा कतारलाई दैनिक २५० टन खाद्यान्न निर्यात गर्दै
इरानले विश्वकपमा कतारलाई दैनिक २५० टन खाद्यान्न निर्यात गर्दै
तेहरान, ५ मङ्सिर । इरानले फिफा विश्वकपमा कतारमा प्रतिदिन २५० टन खाद्यान्न र कृषि उत्पादन निर्यात गर्ने इरानको ट्रेड प्रमोशन अर्गनाइजेसन (टीपीओ) प्रमुखले आइतबार जानकारी दिएका छन् ।
इरानले दुई देशबीचको सम्झौता अनुसार कतारमा केही ढुवानी शुरु गरिसकेको इरानको आईआरआईबी समाचार एजेन्सीले टीपीओका अध्यक्ष अलिरेजा पेमनपाकलाई उद्धृत गर्दे उल्लेख गरेको छ। कतार लगायत छिमेकीहरूसँगको व्यापार बढाउनु वर्तमान इरानी…
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“उतना ही लें थाली में, व्यर्थ न जाएं नाली में”
भुखमरी की समस्या के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और भोजन की बर्बादी रोकने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व खाद्य दिवस की समस्त देश व प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
आइये, इस अवसर पर हम खाद्यान्न की महत्ता को समझते हुए उसकी बर्बादी को रोकने का संकल्प करें और दूसरों को भी प्रेरित करें ।
#विश्व_खाद्य_दिवस_2023
#WorldFoodDay_2023
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भुखमरी की समस्या के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और भोजन की बर्बादी रोकने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व खाद्य दिवस की समस्त देश व प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
आइये, इस अवसर पर हम खाद्यान्न की महत्ता को समझते हुए उसकी बर्बादी को रोकने का संकल्प करें और दूसरों को भी प्रेरित करें ।
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आइये, इस अवसर पर हम खाद्यान्न की महत्ता को समझते हुए उसकी बर्बादी को रोकने का संकल्प करें और दूसरों को भी प्रेरित करें ।
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भुखमरी की समस्या के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और भोजन की बर्बादी रोकने के उद्देश्य से मनाए जाने वाले विश्व खाद्य दिवस की समस्त देश व प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं ।
आइये, इस अवसर पर हम खाद्यान्न की महत्ता को समझते हुए उसकी बर्बादी को रोकने का संकल्प करें और दूसरों को भी प्रेरित करें ।
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पाकिस्तान में भुखमरी के जैसे हालात बने हैं वो दिखाता है कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने आत्मनिर्भर भारत की सोच से जो निर्णय लिए एवं बड़े-बड़े कल कारखानों, इस्पात कारखानों, बांधों के निर्माण के साथ भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने की सोच रखी वो कितनी आवश्यक थी।
नेहरू जी ने पहली पंचवर्षीय योजना का 45% फंड कृषि, सामुदायिक विकास, सिंचाई और ऊर्जा पर खर्च किया था। नेहरू जी के कार्यकाल में भाखड़ा नांगल बांध, हीराकुंड बांध, दामोदर घाटी परियोजना, नागार्जुन सागर बांध जैसी बड़ी सिंचाई परियोजनाएं बनीं। इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टिट्यूट एवं इंडियन कांउसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च जैसे संस्थानों को विकसित किया एवं नई कृषि विश्वविद्यालय खोले।
इसी का परिणाम है कि आजादी के 75 वर्ष में भारत मजबूत हुआ है जबकि भारत के साथ ही आजाद हुआ पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है एवं आज वहां गृहयुद्ध के हालात बन चुके हैं।
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दोस्तो! यदि यूपी राशन कार्ड के लाभार्थी है तो आपके लिए महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करने जा रहा हू। यदि आप इस सूचना को नजरअं��ाज किए तो आपका राशन कार्ड रद्द हो जाऐगा और मुक्त खाद्यान्न मिलना बंद हो जाऐगा।
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Khetee se Kamaen: Jaanen Kaise Milate Hain Rojagaar ke Nae Avasar
भारत एक कृषि प्रधान देश है, और सदियों से खेती यहां के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। हालांकि बदलते समय के साथ, लोग अन्य उद्योगों की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन खेती में रोजगार के अवसर आज भी अपार हैं। नई तकनीकों, नवाचारों और सरकारी योजनाओं के साथ, खेती में रोजगार के कई नए दरवाज़े खुल चुके हैं। आइए जानते हैं, खेती के क्षेत्र में कैसे रोजगार के नए अवसर प्राप्त किए जा सकते हैं और यह क्षेत्र क्यों आज भी एक स्थायी और लाभकारी करियर विकल्प है।
खेती में रोजगार के अवसर: एक व्यापक दृष्टिकोण
खेती केवल खाद्यान्न उत्पादन तक सीमित नहीं है। यह एक व्यापक उद्योग है जिसमें कृषि प्रबंधन, बागवानी, पशुपालन, डेयरी उद्योग, मछली पालन, और औषधीय पौधों की खेती जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं। इन सभी में रोजगार के ढेरों अवसर छिपे हुए हैं। आधुनिक तकनीक और बाजार की मांग ने खेती को सिर्फ परंपरागत खेती से आगे बढ़ाते हुए नए व्यवसायिक संभावनाओं के साथ जोड़ा है।
संगठित कृषि उद्योग
खेती अब सिर्फ छोटे किसानों तक सीमित नहीं है। बड़ी कंपनियां और कॉर्पोरेट संस्थाएं भी इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। संगठित कृषि उद्योग के बढ़ने से रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि हुई है। खेती से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स, एग्रीबिजनेस और एक्सपोर्ट कंपनियां युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान कर रही हैं। इस उद्योग में कई तरह के विशेषज्ञों की मांग है, जैसे कृषि वैज्ञानिक, मैनेजमेंट विशेषज्ञ, मार्केटिंग प्रोफेशनल्स, और तकनीकी विशेषज्ञ।
ऑर्गेनिक खेती
आजकल ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उपभोक्ता अब जैविक और स्वस्थ्य भोजन की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। ऑर्गेनिक खेती का बाजार बढ़ने के साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार के कई नए अवसर उत्पन्न हुए हैं। ऑर्गेनिक फार्मिंग में बेहतर लाभ मिलने की संभावना अधिक होती है, और इससे जुड़ी मार्केटिंग, पैकेजिंग और वितरण सेवाओं में भी रोजगार के अवसर मिलते हैं। इसके लिए किसानों को उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, और कई संस्थान इसे मुफ्त में भी प्रदान कर रहे हैं।
खेती में तकनीकी नवाचार
खेती में तकनीकी नवाचारों का उपयोग बढ़ रहा है। स्मार्ट फार्मिंग, ड्रिप इरिगेशन, और ड्रोन जैसी नई तकनीकों ने खेती को एक अलग स्तर पर पहुंचा दिया है। इन तकनीकों के सही उपयोग के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होती है। ऐसे में कृषि तकनीकी विशेषज्ञ, आईटी प्रोफेशनल्स, और मशीनरी ऑपरेटर्स के लिए खेती में रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। कृषि मशीनीकरण के साथ, किसानों को खेती में अधिक उत्पादन और कम श्रम के साथ बेहतर परिणाम मिल रहे हैं।
डेयरी और पशुपालन
खेती के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी उद्योग भी रोजगार के बेहतर विकल्प प्रदान करते हैं। डेयरी उद्योग में रोजगार के कई विकल्प हैं जैसे दूध उत्पादन, पैकेजिंग, और वितरण सेवाएं। इसके अलावा, पशुपालन में मवेशियों की देखभाल, आहार प्रबंधन, और पशु चिकित्सा सेवाओं से भी रोजगार मिलता है। आजकल आधुनिक डेयरी फार्म्स उन्नत तकनीकों के साथ चल रहे हैं, और इसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत होती है।
कृषि आधारित उद्योग
खेती से जुड़े अन्य उद्योग भी रोजगार का एक बड़ा स्रोत हैं। कृषि आधारित उद्योग जैसे फूड प्रोसेसिंग, कृषि उपकरण निर्माण, उर्वरक उत्पादन, और कीटनाशक उद्योग में भी रोजगार के अनगिनत अवसर उपलब्ध हैं। ये उद्योग किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करते हैं, साथ ही कृषि उत्पादों के बाजार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन उद्योगों में कृषि अभियंता, मैनेजर, और तकनीशियनों की मांग रहती है।
बागवानी और फूलों की खेती
बागवानी और फूलों की खेती भी एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसमें रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। फल और सब्जियों की मांग लगातार बढ़ रही है, जिससे इस क्षेत्र में निवेश करने वालों के लिए सुनहरे मौके हैं। फूलों की खेती भी एक उभरता हुआ क्षेत्र है, जिसमें निर्यात के लिए बड़े अवसर उपलब्ध हैं। इसके साथ ही पौध नर्सरी, ग्रीनहाउस खेती, और लैंडस्केपिंग सेवाओं में भी रोजगार के कई अवसर होते हैं।
मछली पालन और मत्स्य पालन
मछली पालन और मत्स्य पालन भी खेती के क्षेत्र में उभरते हुए रोजगार के अवसर हैं। आजकल मत्स्य पालन के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिनसे उत्पादन में वृद्धि हो रही है। मछली पालन में निवेश कम है और लाभ अधिक, जिससे यह एक आकर्षक व्यवसाय बनता जा रहा है। मत्स्य पालन के साथ जुड़े तकनीकी विशेषज्ञ, प्रोसेसिंग यूनिट्स, और मार्केटिंग में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।
सरकारी योजनाएं और समर्थन
भारत सरकार कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, और कृषि मशीनीकरण योजनाएं किसानों को आर्थिक मदद और संसाधन प्रदान करती हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाकर युवा किसान खेती में नए रोजगार के अवसर तलाश सकते हैं। इसके अलावा, सरकार की ओर से कृषि संबंधित प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जिससे युवाओं को खेती में रोजगार के लिए तैयार किया जा सके।
कृषि में स्टार्टअप्स
खेती में रोजगार के अवसर अब पारंपरिक तरीकों से हटकर स्टार्टअप्स की ओर भी बढ़ रहे हैं। आजकल कई युवा कृषि स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं, जो किसानों को तकनीकी सहायता, बाजार पहुंच, और वित्तीय मदद प्रदान कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में नौकरी के कई अवसर होते हैं, जैसे डिजिटल मार्केटिंग, डेटा एनालिसिस, एग्रीटेक सॉल्यूशंस, और फाइनेंशियल प्लानिंग।
खेती में स्वरोजगार के अवसर
खेती में स्वरोजगार के भी असीमित अवसर हैं। अगर आपके पास जमीन है, तो आप खुद की खेती कर सकते हैं और अपने उत्पादों को सीधे बाजार में बेच सकते हैं। खेती में स्वरोजगार करने के लिए बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती, लेकिन इसके लिए सही तकनीक और बाजार की जानकारी आवश्यक होती है। छोटे किसान भी उन्नत तकनीकों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
निष्कर्ष
खेती में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं, और यह क्षेत्र न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नई तकनीक, सरकारी योजनाएं, और बदलते बाजार की मांगों ने खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बना दिया है। चाहे आप किसान हों, कृषि वैज्ञानिक हों, या कृषि क्षेत्र में नौकरी की तलाश कर रहे हों, खेती में रोजगार के कई नए और उभरते हुए अवसर आपके लिए हैं। खेती में करियर बनाने का मतलब न केवल खुद को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि समाज और देश की समृद्धि में योगदान देना भी है।
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पारस से जाने: ज्ञान की देवी माता सरस्वती
वसंत पंचमी (मां सरस्वती का जन्मोत्सव)
पारस परिवार के संस्थापक, आदरणीय “महंत श्री पारस भाई जी” एक सच्चे मार्गदर्शक, एक महान ज्योतिषी, एक आध्यात्मिक लीडर, एक असाधारण प्रेरक वक्ता और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो देश और समाज के कल्याण के लिए खुद को समर्पित करते हैं। उनका एक ही लक्ष्य है लोगों के सुखी और समृद्ध जीवन की कामना करना। लोगों को अँधेरे से निकालकर उनके जीवन में रोशनी फैलाना।
“पारस परिवार” हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। पारस परिवार से जो भी जुड़ जाता है वो इस परिवार का एक अहम हिस्सा बन जाता है और यह संगठन और भी मजबूत बन जाता है। जिस तरह एक परिवार में एक दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखा जाता है। ठीक उसी तरह पारस परिवार भी एक परिवार की तरह एक दूसरे का सम्मान करता है और जरूरतमंद लोगों के जीवन में बदलाव लाने के साथ यह परिवार एकजुट की भावना रखता है ।
‘महंत श्री पारस भाई जी’ एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते हैं जहाँ कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, जहाँ जाति-धर्म के नाम पर झगड़े न हों और जहाँ आपस में लोग मिलजुलकर रहें। साथ ही लोगों में द्वेष न र��े और प्रेम की भावना का विकास हो। पारस परिवार निस्वार्थ रूप से जन कल्याण की विचारधारा से प्रभावित है।
इसी विचारधारा को लेकर वह भक्तों के आंतरिक और बाहरी विकास के लिए कई आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करते हैं। आध्यात्मिक क्षेत्र (Spiritual Sector) की बात करें तो महंत श्री पारस भाई जी “दुख निवारण महाचण्डी पाठ”, “प्रार्थना सभा” और “पवित्र जल वितरण” जैसे दिव्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
जिससे वे भक्तों के दुखों का निवारण, उनकी आंतरिक शांति और उनकी सुख-समृद्धि के लिए समर्पित हैं। इसी तरह सामाजिक क्षेत्र की बात करें तो पारस परिवार सामाजिक जागरूकता और समाज कल्याण के लिए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के लिए लंगर, धर्मरथ और गौ सेवा जैसे महान कार्यों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके अलावा हरियाणा और मध्य प्रदेश में “डेरा नसीब दा” जैसे महान कार्य का निर्माण भी है, जहाँ जाकर सोया हुआ नसीब भी जाग जाता है।
हिन्दू धर्म में बसंत पंचमी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी माँ सरस्वती की पूजा करने का विधान है। यानि यह पर्व शिक्षा की देवी मां सरस्वती को समर्पित है।बसंत पंचमी से बंसत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है। इस समय पीले-पीले सरसों के खेत एक अलग ही छटा बिखेरते हैं। इस अवसर पर पीले वस्त्र धारण करना शुभ होता है। वसंत ऋतु की महत्ता की बात करें तो गीता में भगवान श्री कृष्ण ने ‘’ऋतूनां कुसुमाकराः’’ अर्थात मैं ऋतुओं में वसंत हूं, यह कहकर वसंत को अपना स्वरूप बताया है।
कब है बसंत पंचमी का त्यौहार?
बसंत पंचमी “वसंत” के आगमन को मनाने का एक पवित्र हिंदू त्यौहार है। इस त्यौहार में सरसों के फूल���े की खुशी में लोग वसंत ऋतु का स्वागत करते हैं। प्रकृति के इस पर्व को महाकवि कालीदास ने ‘सर्वप्रिये चारुतर वसंते’’ कहकर अलंकृत किया है। इस दिन मां सरस्वती, ज्ञान की देवी की पूजा भी की जाती है। बसंत पंचमी का त्योहार इस बार 14 फरवरी, 2024 को पूरे देश भर में उत्साह के साथ मनाया जाएगा। बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूरे श्रद्धा भाव के साथ पूजा की जाती है। इस दिन घरों में पीले-केसरिया रंग के खाद्यान्न बनाने और खाने से विशेष कृपा मिलती है। बसंत पंचमी के दिन विद्यालयों, कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
बसंत पंचमी पूजन विधि
बसंत पंचमी के दिन सबसे पहले सुबह स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें। इसके बाद मां सरस्वती की मन से आराधना करें। मां सरस्वती को पीले रंग के वस्त्र पहनायें। उन्हें हल्दी, केसर, पीले रंग के फूल, पीली मिठाई आदि चीज़ेंअर्पित करें। पूजा प्रारंभ करने से पहले ‘यथोपलब्धपूजनसामग्रीभिः माघ मासे बसंत पंचमी तिथौ भगवत्या: सरस्वत्या: पूजनमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद मां सरस्वती की पूजा कर माँ के सामने वाद्य यंत्र और किताबें रखें। अपने पूरे परिवार के साथ खासकर बच्चों के साथ इस दिन जरूर पूजा करें। मां सरस्वती को पीले चावल का भोग लगाकर इसके बाद इस खीर को प्रसाद के रूप में सभी को बांट दें। मां सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा और वीणावादनी आदि नामों से भी पूजा जाता है।
महंत श्री पारस भाई जी ने कहा कि इस दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती व्रत कथा का पाठ करने से आपकी मनचाही मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। इसके अलावा मां सरस्वती की पूजा से ज्ञान की प्राप्ति भी होती है। शिक्षा और कला के क्षेत्र में उन्नति के लिए माता सरस्वती की पूजा में शिक्षा से संबंधित चीजें जरूर रखें, जैसे पेन, कॉपी, किताब और वाद्य यंत्र आदि। मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए बसंत पंचमी के दिन सरस्वती जी के मंत्रों का जाप करना भी बेहद शुभ फलकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि अपनी प्रारंभिक अवस्था में शांत और नीरस थी। इस तरह मौन देखकर भगवान ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का और इससे मां सरस्वती प्रकट हुईं। मां सरस्वती की वीणा से संसार को वाणी मिली। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
मां सरस्वती को अति प्रिय है पीला रंग
ज्ञान की देवी माँ सरस्वती को पीला रंग बेहद प्रिय है। इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अच्छा माना जाता है। पीले रंग के वस्त्र पहनने से मां सरस्वती की आप पर कृपा बनी रहती है। इस दिन मां सरस्वती को हल्दी जरूर अर्पित करनी चाहिए। साथ ही इस दिन मां सरस्वती को पीले रंग की मिठाईयों का भी भोग लगाया जाता है। इसके अलावा माँ को पीले रंग के फूल भी अर्पित किए जाते हैं। मां सरस्वती की पूजा से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन घर में मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर अवश्य स्थापित करें।
क्यों इतना खास होता है वसंत पंचमी का त्यौहार?
यह त्योहार पतझड़ के जाने के बाद बसंत ऋतु के आगमन की खुशी में मनाया जाता है। इसके अलावा यह दिन हिन्दू धर्म में ज्ञान की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। बसंत पंचमी के त्यौहार को सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश भी बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। चारों ओर खेतों में खिले सरसों के फूल इसके आने की आहट देते हैं।
बसंत पंचमी के दिन विद्यालयों, कॉलेजों और सांस्कृतिक संस्थाओं में माँ सरस्वती की पूजा के रूप में विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। यह त्यौहार भारत में मुख्य रूप से माँ सरस्वती की पूजा और उनकी कृपा का उत्सव है। यह त्यौहार विद्यार्थियों को सरस्वती माता का आशीर्वाद लेने का अवसर देता है। वसंत लोगों का सबसे मनचाहा मौसम होता है। इस मौसम में फूलों पर बहार आ जाती है, खेतों में सरसों के फूल लहलहाने लगते हैं। खेतों में ऐसा लगता है जैसे खेतों में पीली चादर सी बिछ गयी हो। सरसों के पीले फूल अपने आकर्षण से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। ऐसा लगता है मानो सोना चमक रहा हो। साथ ही आमों के पेड़ों पर बौर आ जाते हैं। प्रकृति का माहौल एकदम खुशनुमा हो जाता है। बसंत पचंमी का त्यौहार होली की तैयारियों का संकेत है।
यह दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत के लिए है अत्यंत ही शुभ
महंत श्री पारस भाई जी ने बताया कि यह दिन किसी भी नए व शुभ कार्य की शुरुआत करने के लिए अत्यंत ही शुभ होता है। इस दिन शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। साथ ही यह दिन मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। माँ सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा जाता है इसलिए स्कूलों और कॉलेज में भी इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं। विद्या की देवी को प्रसन्न करने के लिए बच्चे मां की पूजा करते हैं, जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंकों को प्राप्त करें और जीवन में आगे बढ़ें।
यह दिन छात्रों, कला, संगीत आदि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद खास होता है। वसंत पंचमी कई तरह के शुभ कार्यों के लिए सर्वश्��ेष्ठ मानी जाती है। बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त में विद्यारंभ, गृह प्रवेश, विवाह और कोई भी नई वस्तु की खरीदारी के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है। विद्यार्थी और कला साहित्य से जुड़े हर व्यक्ति को इस दिन मां सरस्वती की पूजा अवश्य करनी चाहिए। महंत श्री पारस भाई जी का मानना है कि इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा कभी विफल नहीं जाती है।
बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को लगायें इन चीज़ों का भोग
बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती की विधिवत पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा के दिन इन विशेष चीज़ों का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है। आइये जानते हैं माँ सरस्वती को किन चीज़ों का भोग लगाना शुभ फल देता है।
पीले चावल
माँ सरस्वती की पूजा में पीला रंग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि माँ सरस्वती को पीला रंग बेहद पसंद है। इसलिए बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती को पीले
चावल का भोग लगायें।
पीले लडडू
बसंत पंचमी के दिन माँ को पीले लडडू यानि बेसन या बूंदी के लडडू का भोग लगाएं। माना जाता है कि पीले लडडू का भोग लगाने से माँ प्रसन्न होती है।
राजभोग
इस दिन माँ सरस्वती को राजभोग का भी भोग लगाया जाता है, जो कि शुभ होता है। इन सबके अलावा मालपुआ और जलेबी का भी भोग लगा सकते हैं।
घर में वीणा रखने से रचनात्मक वातावरण निर्मित होता है
महंत श्री पारस भाई जी के अनुसार घर में वीणा रखने से घर के अंदर रचनात्मक वातावरण निर्मित होता है। मां सरस्वती की पूजा में मोर पंख को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
यहाँ तक कि घर के मंदिर में मोर पंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं करती है। इस दिन बच्चों के अक्षर का शुभारंभ भी किया जाता है। सरस्वती पूजा के दिन‘ओम् ऐं सरस्वत्यै नम:’ मंत्र का जाप करें और इस मंत्र को बोलकर विद्यार्थी मां सरस्वती का स्मरण करें। इस मंत्र का जाप करने से बुद्धि तेज होती है और आप सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
जीवन का यह बसंत, आप सबको अपार खुशियां दे … मां सरस्वती की कृपा आप पर हमेशा बनी रहे। “पारस परिवार” की ओर से आप सबको बसंत पचंमी और सरस्वती
पूजा की ढेर सारी शुभकामनायें !!!
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singhbhum chamber : सिंहभूम चैंबर और व्यापार मंडल रविवार को सरकार के फैसले के खिलाफ निकालेगी मशाल जुलूस, आंदोलन को तेज करने की घोषणा, तैयारी पूरी
जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर एवं व्यापार मंडल के नेतृत्व में झारखण्ड सरकार के द्वारा प्रस्तावित कृषि बाजार समिति शुल्क पर रविवार, 1 सितंबर को मशाल जुलूस निकालकर विरोध दर्ज किया जायेगा. सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं व्यापार मंडल के द्वारा झारखण्ड सरकार के द्वारा खाद्यान्न पर प्रस्तावित बाजार समिति शुल्क लगाये जाने के विरोध में रविवार, 1 सितंबर को संध्या 6.00 बजे चैम्बर भवन से बिष्टुपुर…
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कोरिया मिलेट्स कैफे ने 15 महीने में किया 92 लाख का व्यवसाय, 38 महिलाओं को मिला रोजगार, पीएम मोदी ने संचालक की थपथपाई पीठ
रायपुर, 26 अगस्त 2024। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में परंपरागत खाद्यान्न मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए स्व सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा संचालित कोरिया मिलेट्स कैफे एक नई सफलता की इबारत लिख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 अगस्त 2024 को महाराष्ट्र के जलगांव में आयोजित राष्ट्रीय लखपति दीदी सम्मेलन में कोरिया जिले के कोरिया मिलेट्स कैफे की विशेष सराहना की। इस मौके पर, उन्होंने ग्राम पंचायत…
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राजस्थान के सभी अपनाघर आश्रमों को मिले राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभ
जिला कलक्टर के मार्फ़त मुख्यमंत्री से की मांग
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया, अपनाघर आश्रम अध्यक्ष अनंतवीर जैन एवं वीरेंद्र किराडू ने राजस्थान राज्य में संचालित अपनाघर आश्रमों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत उत्तम खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के संदर्भ में ��ुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिला कलक्टर के मार्फ़त भिजवाया | ज्ञापन में बताया गया कि अपनाघर आश्रम राजस्थान…
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जालौन: पूर्ति निरीक्षक ने कोटेदारों की दुकानों का किया औचक निरीक्षण
रिपोर्ट, रामनरेश ओझा
Jalaun (कालपी)। सरकारी खाद्यान्न के वितरण की हकीकत को परखने के लिए नवांगतुक पूर्ति निरीक्षक ( Supply Inspector) ने महेवा विकास खंड की सरकारी उचित दर की दुकानों का औचक निरीक्षण किया राशनकार्ड धारकों से बातचीत करके कोटेदारों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
पदभार ग्रहण करने के उपरांत पूर्ति निरीक्षक Supply Inspector सुशील कुमार sushil Kumar ने वरिष्ठ लिपिक सुमेन्द्र तिवारी के साथ…
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