#क्या मेथी के पत्ते वजन घटाने के लिए अच्छे हैं?
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mrdevsu · 3 years ago
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वजन कम करने के लिए मेथी का इस्तेंमाल करें
वजन कम करने के लिए मेथी का इस्तेंमाल करें
वजन घटाने युक्तियाँ: मेथी का सेवन कर रहे हैं। थी थी मेथी को सभी चीजों को मिलाने में मदद करता है। हरा मेथी का उपयोग किया जाता है। लेकिन ‍ काम से कम भार के लिए काम करेंगे। मेथी किसी रामबाण से कम है। मेथी के संपर्क में आने से यह प्रक्रिया संपन्न होती है, जैसे कि प्रक्रिया को क्रियान्वित करने में सक्षम होता है। I मेथी में सुरक्षित रखने के लिए है ️️️️️️️️ ऐसे में अगर आपने ऐसा किया है तो यह खराब हो गया…
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hindicatch · 4 years ago
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फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड (एफएसएसएआई) ने कोरोना से बचने के लिए ढेर सारे उपाय आजमाने की सलाह दी है। इसे अपने रोजाना के डायट में समावेश कर आप कोरोना ही नहीं, कई तरह की बीमारियों से भी बच सकते हैं।
कोरोनावायरस, स्वाइन फ्लू या अन्य कोई मौसमी बीमारी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर आसानी से हमें अपनी चपेट में ले सकती है। इम्यून सिस्टम हमारे शरीर के भीतर एक प्रोटेक्शन मेकनिजम है, जो बाहरी संक्रमण से हमें सुरक्षित रखने का काम करता है।
ओमेगा-3 बढ़ाती है इम्युनिटी पावर
ओमेगा-3 में फूड्स रीच इम्युनिटी के स्तर को सुधारने में मदद करता है। इसे एफएसएसएआई ने भी साबित किया है। फूड रेगुलेटरी बॉडी ने सुझाव दिया है कि इस तरह के प्लांट आधारित फूड्स को डायट में शामिल किया जाना चाहिए। फूड सेफ्टी रेगुलेटर, एफएसएसआई ने ट्वीट करके बताया है कि किस प्रकार से ओमेगा-3 में फूड्स आपकी इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है।
जानिए क्या है ओमेगा-3 ?
ओमेगा-3 ऐसा आवश्यक फैटी एसिड है, जो शरीर के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन शरीर इसे खुद नहीं बना सकता है। ये पॉलीअनसैचुरेटेड फैट होते हैं, जिन्हें फूड आइटम्स (या सप्लीमेंट्स, केवल एक डॉक्टर द्वारा सलाह के बाद) से लिया जा सकता है।
देखिए, एफएसएसएआई द्वारा जारी पूरी ओमेगा-3 रिच फूड प्रोडक्ट की लिस्ट- जिसका उपयोग कर आप अपने इम्युनिटी पावर को बढ़ा सकते हैं:
1. अखरोट: इसमें भरपुर मात्रा में एंटी ऑक्सिडेंट होता है। अखरोट में प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फॉस्फोरस, कॉपर, सेलेनियम, ओमेगा-3 फैटी ऐसिड जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह आंत को हेल्दी रखता है। साथ ही डायबिटीज और ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मदद करता है। आपके शरीर में मात्रा ज्यादा या कम नहीं होने देता है। बैलेंस रखता है। इतना ही नहीं यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करता है।
2. कद्दू के बीज: यह हाई फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। इसे आप अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। इन छोटे बीज में कई सारे फायदे छुपे हुए हैं। कद्दू सिर्फ अपने मौसम में ही मिलता है लेकिन कद्दू के बीज के फायदे आप पूरे साल ले सकते हैं। इसके बीज के इस्तेमाल से यूरिन संबंधी समस्या नहीं होगी। मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होने के कारण यह आपके ब्लड प्रेशर, डायबिटीज को बैलेंस रखने में मदद करता है। साथ ही यह ह्दय और हड्डियों को मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है।
3. मेथी के पत्ते: मेथी के बीज और पत्ते दोनों वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। ये पत्ते फाइबर और दूसरे जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। फाइबर खाने से आपका पेट देर तक भरा रहता है, जिससे आप अ���िरिक्त कैलोरी लेने से बचा जाते हैं। मेथी की पत्तियों में शक्तिशाली गुण होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं। मेथी के पत्ते डायबिटीज में भी अच्छे होते हैं। यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं। मेथी के पत्ते हेल्थ के साथ ही स्कीन के लिए भी लाभदायक होते हैं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और कई आवश्यक विटामिन होते हैं।
4. राजमा: राजमा में उच्च मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जिस वजह से ये ताकत देने का काम करता है। शरीर के मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा के लिए आयरन की जरूरत होती है, जो राजमा खाने से पूरी हो जाती है। साथ ही ये शरीर में ऑक्सीजन के सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है। राजमा में जिस मात्रा में कैलोरी मौजूद होती है वो हर आयु वर्ग के लिए सही होती है। राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर होते हैं। जो पाचन क्रिया को सही बनाए रखते हैं। साथ ही ये ब्लड शूगर के स्तर को भी नियंत्रित रखने में मददगार होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन 'के' पाया जाता है, जोकि नर्वस सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है। साथ ही ये विटामिन 'बी' का भी अच्छा स्त्रोत है। साथ ही ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने का काम करता है। मैग्नीशि‍यम की मात्रा दिल से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में भी सहायक होती है।
5. तरबूज के बीज: इनमें आयरन होता है जो हीमोग्लोबिन का एक महत्वपूर्ण तत्व है, जो शरीर में ऑक्सीजन ले जाने में मदद करता है। हृदय के लिए पोटैशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करना अच्छा माना जाता है। इसमें मैग्नीशियम काफी मात्रा मे होता है जो दिल की सुरक्षा करने में सहायक है। इसके अलावा यह ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाता है। उबले बीजों के सीरप का रोजाना खाली पेट सेवन करना मधुमेह के रोगी के लिए काफी फायदेमंद होता है।
6. बाजरा: बाजरा ग्लूटेन फ्री होता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद है। इसमें पोटेशियम होता है। फाइबर से भरपूर होने की वजह से बाजरा पाचन क्रिया को सही रखता है। बाजरा खाने से कब्ज़ की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनको अपनी डाइट में बाजरा शामिल करना चाहिए है। ऐस�� करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
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fssai advice : Add these 6 foods to the diet to strengthen the immune system; Omega-3 is plentiful
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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गरम मसाले के फायदे, बनाने का तरीका और नुकसान – Garam Masala Benefits and Side Effects in Hindi
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गरम मसाले के फायदे, बनाने का तरीका और नुकसान – Garam Masala Benefits and Side Effects in Hindi
गरम मसाले के फायदे, बनाने का तरीका और नुकसान – Garam Masala Benefits and Side Effects in Hindi Somendra Singh Hyderabd040-395603080 October 22, 2019
भारत के लगभग हर रसोई घर में गरम मसाला जरूर इस्तेमाल किया जाता है। इसे चुटकी भर ही इस्तेमाल करने भर से पूरे खाद्य पदार्थ का स्वाद लजीज हो जाता है। आप यह तो जानते ही होंगे कि कई प्रकार के मसालों को मिलाकर गरम मसाला तैयार किया जाता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि खाने का स्वाद बढ़ाने वाला गरम मसाला स्वास्थ्य के लिए कितना गुणकारी है। अगर आप नहीं जानते, तो परेशान होने की कोई बात नहीं है, हम आपको बताते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में आपको गरम मसाला के फायदे के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही गरम मसाला बनाने की विधि या ये कहें कि घर में गरम मसाला कैसे बनाएं, इसकी जानकारी भी आपको दी जाएगी। इसलिए, स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़िए।
विषय सूची
गरम मसाले के फायदे – Benefits of Garam Masala in Hindi
गरम मसाला खाने के फायदे एक नहीं अनेक हैं, जिनमें से प्रमुख फायदों के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
1. वजन घटाने में
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वजन घटाने के लिए गरम मासाला के फायदे देखे जा सकते हैं। इसके लिए गरम मसाले में पाए जाने वाले पोषक तत्व जिम्मेदार है। गरम मसाले में कुछ मात्रा फाइबर की पाई जाती है (1)। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, अगर दिनभर में आहार स्रोत के जरिए करीब 30 ग्राम फाइबर का सेवन किया जाए, तो यह वजन घटाने में सहायक हो सकता है (2)। इसलिए, फाइबर युक्त अन्य खाद्य पदार्थों के साथ थोड़ा-सा गरम मसाला लेना भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
2. पाचन के लिए
एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है कि उसका पाचन तंत्र भी सुचारू रूप से कार्य रहे। इसके लिए हमारी रसोई में रखा गरम मसाला फायदेमंद हो सकता है। यह���ं पर एक बार फिर से गरम मसाले में ��ौजूद फाइबर का जिक्र होगा। फाइबर का सेवन हमारी पाचन क्रिया को सुधारने के साथ-साथ कब्ज की समस्या से भी राहत दिलाने में मदद करता है (1), (3)।
3. डायरिया में
डायरिया की स्थिति में पतले दस्त होना शुरू हो जाते हैं (4)। थोड़ी ही देर बाद पीड़ित व्यक्ति का शरीर बिल्कुल असहाय होने लगता है। ऐसे में आप गरम मसाले की मदद ले सकते हैं, क्योंकि इसमें फाइबर पाया जाता है (1)। फाइबर का सेवन डायरिया की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है (5)।
4. मधुमेह की समस्या में
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मधुमेह की स���स्या से बचे रहने के लिए भी गरम मसाला सकारात्मक असर दिखा सकता है। दरअसल, गरम मसाले को तैयार करने में कई प्रकार के मसाले का प्रयोग किया जाता है। इनमें से एक जीरा भी है (6)। वहीं, जीरा एक सक्रिय एंटी-डायबिटिक एजेंट है। यह डायबिटीज के लक्षणों को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करता है (7)। इसलिए, गरम मसाले में मौजूद जीरा डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए लाभदायक हो सकता है।
5. सर्दी और खांसी के लिए
सर्दी-खांसी से राहत पाने के लिए भी गरम मसाला के फायदे देखे जा सकते हैं। सर्दी के लक्षणों में खांसी को भी गिना जा सकता है (8)। आप इससे राहत पाने के लिए गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें इस्तेमाल होने वाले धनिया में जिंक पाया जाता है (6)। वहीं, जिंक बच्चों में पाए जाने वाले सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है (9)।
6. कैंसर की स्थिति में
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचे रहने के लिए भी गरम मसाला एक रामबाण औषधि की तरह कार्य कर सकता है। दरअसल, ऐसा इसलिए संभव है, क्योंकि गरम मसाले को तैयार करने के लिए काली मिर्च और सूखी लाल मिर्च का प्रयोग किया जाता है (6)। इनमें एंटी-कैंसर गतिविधि पाई जाती है (10)। एंटी-कैंसर गतिविधि कैंसर होने के लिए जिम्मेदार स्थितियों के खिलाफ क्रिया करके आपको कैंसर से बचाए रखने के काम आ सकती है (11)।
7. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं के लिए
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्या आपके पेट और पाचन क्रिया में होने वाली विभिन्न समस्याओं से जुड़ी हुई है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में गड़बड़ी होने का एक मुख्य कारण ��ब्ज का होना भी माना जाता है, जबकि गरम मसाला के जरिए कब्ज का इलाज संभव है। दरअसल, गरम मसाले में मौजूद फाइबर का सेवन कब्ज की समस्या को दूर करके, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल में हुई गड़बड़ी को ठीक कर सकता है (1), (12)।
8. शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में
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डिटॉक्सिफाई एक प्रकार की क्रिया होती है। इससे हमारे शरीर से जहरीले पदार्थों को हटाने, वजन घटाने और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिलती है (13)। डिटॉक्सिफाई की गतिविधि बढ़ाने के लिए एक अच्छे स्रोत के रूप में गरम मसाला का उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि गरम मसाला में डिटॉक्सिफाई का गुण पाया जाता है (14)।
9. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और बीमारियों से लड़ने में
बेहतर रोग-प्रतिरोधक क्षमता हमारे शरीर को कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियों से बचाए रखने का काम कर सकती है (15)। गरम मसाले में इस्तेमाल होने वाले धनिये में जिंक पाया जाया जाता है (16)। विशेषज्ञों के अनुसार, जिंक रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसलिए, गरम मसाला के जरिए जिंक का सेवन हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करेगा और हमारा शरीर बीमारियों से भी बचा रहेगा (17)।
10. दर्द और सूजन के लिए
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दर्द और सूजन में आराम पाने के लिए भी आप गरम मसाले का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि गरम मसाले को बनाने में मेथी का भी उपयोग किया जाता है (18)। एक वैज्ञानिक शोध में देखा गया है कि मेथी के बीज में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। यह दोनों ही गुण दर्द और सूजन में आराम दिला सकते हैं (6)।
11. आंखों के स्वास्थ्य के लिए
आंखों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी गरम मसाले को बहुत उपयोगी माना गया है। इसके लिए गरम मसाला में उपयोग की जाने वाली दालचीनी लाभदायक होती है (6)। दालचीनी में फोलेट की भरपूर मात्रा पाई जाती है (19)। एक वैज्ञानिक शोध में यह देखा गया है कि फोलेट का सेवन जियोग्राफिक एट्रोफी (Geographic atrophy) से आंखों को सुरक्षित रखने में लाभदायक होता है (20)। जियोग्राफिक एट्रोफी आंखों का एक रोग, जिससे देखने की क्षमता में कमी आती है।
12. पेट की सूजन (Bloating) कम करने में
यह ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें पेट (पेट) भरा हुआ महसूस होता है और पेट सूजा हुआ भी लग सकता है। इस समस्या का एक प्रमुख कारण कब्ज हो सकती है (21)। आप कब्ज को गरम मसाले में मौजूद फाइबर के सेवन से दूर कर सकते हैं (1), (22)। इसका सेवन करने से पेट की सूजन या ब्लोटिंग की समस्या खत्म हो सकती है।
13. स��ंसों की बदबू दूर करने में
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गरम मसाला का उपयोग मुंह की बदबू को दूर करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। गरम मसाला को तैयार करने में लौंग का भी इस्तेमाल किया जाता है (6)। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है (23)। एक डॉक्टरी रिसर्च के अनुसार यह देखा गया कि एंटीऑक्सीडेंट गुण सांसों की बदबू को दूर करता है (24)।
14. स्लो एजिंग के लिए
इसका मतलब यह कि आप लंबे समय तक जवां नजर आ सकते हैं। इसके लिए गरम मसाले को बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाली दालचीनी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है (6)। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं और यह गुण स्लो एजिंग की प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद कर सकता है (25)।
गरम मसाला खाने के फायदे जानने के बाद, आइए अब जानते हैं कि इसमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
गरम मसाले के पौष्टिक तत्व – Garam Masala  Nutritional Value in Hindi
गरम मसाले में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं (1) :
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम एनर्जी 571kcal प्रोटीन 21.43g कुल लिपिड (वसा) 35.71 g कार्बोहाइड्रेट 28.57g फाइबर, कुल डाइटरी 14.3g मिनरल आयरन 7.71 mg सोडियम 1071mg लिपिड्स फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड 7.14g
आर्टिकल के इस हिस्से में हम घर में गरम मसाला तैयार करने की विधि बता रहे हैं।
गरम मसाला बनाने का तरीका – How To Make Garam Masala in Hindi
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गरम मसाला में क्या-क्या होता है और इसे कैसे बनाएं, इसके बारे में नीचे बताई जा रही गरम मसाला बनाने की विधि को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
एक कप गरम मसाला तैयार करने की विधि
सामग्री :
2 बड़े चम्मच जीरा
2 बड़े चम्मच धनिया के बीज
2 बड़े चम्मच इलायची के दाने
2 बड़े चम्मच काली मिर्च
2 छोटी लाल मिर्च
3 इंच की दालचीनी छड़ी
1 चम्मच साबुत लौंग
1 चम्मच कुटा हुआ जायफल
1/2 चम्मच पिसा हुआ केसर
मेथी के बीज 1 चम्मच
4 तेज पत्ते
नोट : गरम मसाला बनाने के लिए लोगों के द्वारा इन सामग्रियों के अतिरिक्त भी कुछ अन्य मसालों का उपयोग किया जाता है, जो उनके स्वाद और जरुरत के हिसाब से होता है। इसलिए कई लोग इसमें तुलसी के पत्ते, अदरक के सूखे टुकड़े, मेथी के बीज को भी शामिल करते हैं।
बनाने की प्रक्रिया:
सबसे पहले एक अच्छे वजन की कड़ाही लें और इसे गैस पर हल्के तापमान पर गर्म हो��े के लिए रखें।
ध्यान रहे कि कड़ाही सूखी हो।
अब इसमें जीरा, धनिया, इलायची, दालचीनी और लौंग डालें।
इसे बीच-बीच में चलाते रहें, जब तक कि गर्म होने के बाद मसालों के रंग में परिवर्तन न आ जाए।
इसे लगभग 10 मिनट तक और अच्छी सुगंध निकलने तक भूनते रहें।
ध्यान रहे कि इन्हें धीमी आंच पर ही इसे भूनें।
अब बची हुई सामग्रियों (जायफल और केसर को छोड़कर) को भी दो मिनट तक भून लें।
जब सभी सामग्रियां ठंडी हो जाएं, तो उन्हें मिक्सर में पीसकर पाउडर बना लें।
इसके बाद तैयार पाउडर में जायफल व केसर को मिलाएं।
फिर इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
अब आपका गरम मसाला तैयार है। आप इसे एयरटाइट कंटेनर में डालकर सूखे स्थान पर स्टोर करें।
आप इस मसाले को अगले छह महीने तक इस्तेमाल कर सकते हैं। 
लेख के इस भाग में आपको बताया जाएगा कि गरम मसाले को आप कैसे उपयोग कर सकते हैं।
गरम मसाले का उपयोग – How to Use Garam Masala in Hindi
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गरम मसाले को सब्जी बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
इसे आलू की टिकिया में इस्तेमाल कर सकते हैं।
गरम मसाले को नमक के साथ मट्ठे में मिलाकर पिया जा सकता है।
बेसनी भिंडी को बनाने में गरम मसाला का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अचार, खटाई और सलाद की ड्रेसिंग में गरम मसाले को इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब खाएं : गरम मसाला को आप दिन के किसी भी समय में खा सकते हैं।
कितना खाएं: एक बार में लगभग आधे से भी कम छोटा चम्मच (एक व्यक्ति के लिए) गरम मसाला इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके सेवन की मात्रा की सटीक जानकारी के लिए आप एक बार आहार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। 
आइए, अब गरम मसाला के सेवन से जुड़े हुए कुछ नुकसान के बारे में जान लेते हैं।
गरम मसाले के नुकसान – Side Effects of Garam Masala in Hindi
गरम मसाला के नुकसान कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
आयात किए गए गरम मसाले में लेड की मात्रा हो सकती है, जिसका अधिक सेवन शरीर में जहर बना सकता है (26)।
गरम मसाला में उपयोग होने वाले कुछ मसालों में जैसे धनिये में जिंक की मात्रा पाई जाती है(16)। अधिक मात्रा में जिंक का सेवन करने से यह मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है (27)।
गरम मसाले में सोडियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है और सोडियम का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है(1), (28)।
बेशक, अभी तक आप गरम मसाला का उपयोग केवल सब्जियां और पकवान बनाने के लिए ही करते थे, लेकिन अब इसमें छुपे सेहत के राज से भी वाकिफ हो गए हैं। इसलिए, अब आप ऊपर बताई गई सेवन और उपयोग विधि को ध्यान में रखते हुए, गरम मसाले का इस्तेमाल करें। इसके सेवन से जुड़ी हुई जिन सावधानियों और नुकसान के बारे आपको लेख में बताया गया है, उसे ध्यान में जरूर रखें। अगर आप गरम मसाले के सेवन से जुड़े किसी अन्य लाभ या दुष्प्रभाव को हमारे साथ साझा करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स का प्रयोग कर सकते हैं।
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Somendra Singh
सोमेंद्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से 2019 में बी.वोक इन मीडिया स्टडीज की है। पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने पढ़ाई से अतिरिक्त समय बचाकर काम करना शुरू कर दिया था। इस दौरान सोमेंद्र ने 5 वेबसाइट पर समाचार लेखन से लेकर इन्हें पब्लिश करने का काम भी किया। यह मुख्य रूप से राजनीति, मनोरंजन और लाइफस्टइल पर लिखना पसंद करते हैं। सोमेंद्र को फोटोग्राफी का भी शौक है और इन्होंने इस क्षेत्र में कई पुरस्कार भी जीते हैं। सोमेंद्र को वीडियो एडिटिंग की भी अच्छी जानकारी है। इन्हें एक्शन और डिटेक्टिव टाइप की फिल्में देखना और घूमना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/garam-masale-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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