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#कोविद औषधियाँ
everynewsnow · 4 years
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अस्पताल में भर्ती कोविद -19 रोगियों में रीमेडिसविर का उपयोग न करें: डब्ल्यूएचओ
अस्पताल में भर्ती कोविद -19 रोगियों में रीमेडिसविर का उपयोग न करें: डब्ल्यूएचओ
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द्वारा: रायटर | 20 नवंबर, 2020 8:16:21 बजे
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एंटीवायरल, जिसे ब्रांड वीकलरी नाम से जाना जाता है, केवल दो दवाओं में से एक है जो वर्तमान में दुनिया भर में COVID-19 रोगियों के इलाज के लिए अधिकृत है। (फाइल)
गिलियड के रेमेडिविर का इस्तेमाल अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए नहीं किया जाना चाहिए COVID-19विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक पैनल ने शुक्रवार…
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rashtravadirishi · 4 years
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कोरोनाकोविडकाल में-चिकित्सा -विज्ञान-बाजार -व्यापार की राजनीति! *** पूरी दुनियाँ में अभी तक कोरोना कोविद-19 की चिकित्सा के लिए कोई निश्चित औषधि नहीं है।सामान्य वायरस जनित व्याधियों के मामले मे अक्सर होता है।इस बार भी नहीं है,फिर भी अनेक दवाये प्रयोग की जा रही है।रोगी स्वस्थ भी हो रहे है।मृत्यु भी हो रही है,जो स्वस्थ होने वालों की अपेक्षा बहुत कम है। स्वस्थ होने वालो में काफी संख्या ऐसे लोगो की है जो बिना किसी प्रकार की दवा लिए स्वस्थ हो रहे है।जैसा कि सामान्य जुकाम, सर्दी, फ्लू में होता है। इसी बीच एलोपैथी की ग्लेमर्क फार्मा ने फ्लू में प्रयोग की जाने वाली फेवीपीरावीर नामक एंटी फ्लू वायरस दवा बाजार में उतार दिया जिसे सहजता से GCDI-ICMR ने प्रयोग के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है।इसके पहले रेमडेसिवीर का प्रयोग की अनुमति थी।इसका पूरी दुनियाँ में प्रयोग किया जा रहा है परन्तु परिणाम के बारे में कुछ निश्चित नही कहा जा सकता है।आइए देखे फेवीपीरावीर कैसे क्या है। इसके 200 एमजी के एक टैबलेट की कीमत 103 रूप है। फार्माकम्पनी के दावे के अनुसार पहले दिन 9-9 टैबलेट सुबह -सायं देना है। दूसरे दिन से 14-15 दिन तक 4-4 गोली सुबह सायं देना है।गुर्दे, लीवर को रोगीयों तथा गर्भिणी, स्तनपान करने वाली स्त्रियों के लिए वर्जित है।इसके रियेक्शन, साइड इफेक्ट भी संभावित है। कीमत के हिसाब से देखे तो पहले दिन 1853 रु,आगे 14 दिन मे 14X8=112 टैबलेट का 11536 रु-कुल योग 13390रु होते है। यहाँ खास बात यह है कि परिणाम सुनिश्चित नहीं हैदवा प्रयोग से पहले रोगी को एक शपथपत्र देकर सरेंडर करना होगा कि किसी विपरीत दवा के किसी प्रकार का प्रतिकूल परिणाम स्वीकार है। निष्कर्ष यह कि यह चिकित्सा नहीं एक प्रयोग है, अध्ययन है जिसका परिणाम कुछ भी संभव है। यहाँ विचारणीय प्रश्न यह है कि आयुर्वेद की धातुभस्मों व वनस्तियों के निर्मित रस-भस्म युक्त अर्थात त्रिभुवन कीर्तिरस, लक्ष्मीविलासरस, गोदंती, श्वासचिंतामणिरस आदि औषधियाँ भी लम्बे समय से फ्लू, ज्वर, श्वासतंत्र के संक्रमण से ज्वरादि में प्रभावी रही है,वर्तमान में भी है। लाखो रोगीयो पर वैद्यो द्वार प्रयोग की जाती है। लगभग 95 प्रतिशत रोगी स्वस्थ होते है। ये दवाये आयुर्वेद फार्मेसियो धूतपापेश्वर, डाबर, बैद्यनाथ, ऊँझा, उझा आदि अनेक फार्मेसीयो द्वारा निर्मित व बेंची जाती है।इसके गुण कर्म कोविदृ-19 के लक्षणों को शमन करने गुण पाये जाते है।कोविद-19 की चिकित्सा के लिए इन योगो का सैकड़ो प्रोटोकाल सरकार,आयुष मंत्रालय,आईसीएमआर आदि के पास महीन से लंबित है| https://www.instagram.com/p/CBxKxX0F4JsckIfvJ4inLT7C2Lw_WUs3HHN8WU0/?igshid=j0yaso00dh7s
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