#कोरोना योद्धाओं के समर्पण
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कोरोना योद्धाओं के हौसलों को,
आओ मिलकर और बढ़ाते हैं।
सहयोग, समर्पण, दृढ़ विश्वास से,
कोरोना को हराते हैं।।
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देश में फिर से लॉकडाउन लगने को लेकर पीएम मोदी का बड़ा खुलासा, कही ये बात...
देश में फिर से लॉकडाउन लगने को लेकर पीएम मोदी का बड़ा खुलासा, कही ये बात…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से देश में लॉकडाउन लगने की बातों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा कि अब लॉकडाउन की अफवाहों से लड़ने और अनलॉक 2.0 की तैयारियों में जुटने का समय है।
देश में हालात नियंत्रित
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशवासियों के संयम, प्रशासन की तत्परता और कोरोना योद्धाओं के समर्पण की वजह से देश में हालात नियंत्रण में…
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#2019 Novel Coronavirus#2020 coronavirus lockdown in India#Corona#Coronavirus infected#country again#COVID-19#covid-19 infection#lockdown#lockdown in country again#pm modi#statement of PM Modi#television serial#कोरोना योद्धाओं के समर्पण#कोरोना वायरस से संक्रमित#कोविड-19 संक्रमण#देशवासियों के संयम#प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी#प्रशासन की तत्परता#हालात नियंत्रण
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जय हिंद 🇮🇳 कोरोना योद्धाओं के हौसलों को, आओ मिलकर और बढ़ाते हैं। सहयोग, समर्पण, दृढ़ विश्वास से, कोरोना को हराते हैं।। आज दिनांक 07/01/2023 को सैम ग्लोबल विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के स्वयंसेवकों द्वारा आनंद नगर बस्ती में कोरोना महामारी पर पोस्टर और रैली के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया । जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को कोविड-19 के नये वैरिएंट BF-7 के लक्षणों के बारे में बताया गया । स्वयंसेवको द्वारा लोगों को यह भी बताया कि अभी कोरोना वायरस गया नही है , सभी को कोविड के नियमो का पालन करना चाहिए, मास्क और सैनिटाइजर अपने साथ रखना चाहिए एवं ज्यादा भीड-भाड़ नही करना चाहिए । रैली के साथ - साथ स्वयंसेवको द्वारा मास्क वितरण भी किया गया। जय जगत ✨ #nss_sam_group #nsssamgroup #nsslifestyle #covid_19 #drxdeepakjatav (at Anand Nagar) https://www.instagram.com/p/CnI6K8lrlGx/?igshid=NGJjMDIxMWI=
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हम एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आशा तभी कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच साथ आये: राष्ट्रपति कोविंद
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हम एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आशा तभी कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच साथ आये: राष्ट्रपति कोविंद
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नई दिल्ली / भारत के राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को कर्नाटक के चामराजनगर में चामराजनगर आयुर्विज्ञान संस्थान के नवनिर्मित शिक्षण अस्पताल के उद्घाटन के अवसर कहा, हम तभी एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की उम्मीद कर सकते हैं जब हमारी प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच साथ आये।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 6 अक्टूबर से 8 अक्तूबर तक कर्नाटक के दौरे पर है।उन्होंने सीआईएमएस के प्रबंधन और कर्नाटक की राज्य सरकार से सभी के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ उन्हें सस्ती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया। यह देश में चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के वास्तविक उद्देश्य के अनुरूप होगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार पहले ही एम्स की संख्या 6 से बढ़ाकर 22 कर चुकी है। वह पूरे देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए हर जिले में नये मेडिकल कॉलेज भी खोल रही है। जैसे-जैसे नये स्नातकोत्तर कॉलेज आ रहे हैं, मौजूदा स्नातकोत्तर संस्थानों को भी उत्कृष्टता केंद्र बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।र लेकिन यह बुनियादी ढांचा मानव संसाधनों के बिना अपने उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकता। यदि हमारे पास एक मजबूत वितरण तंत्र नहीं है तो सभी तकनीक बेकार हो जायेंगी। हमें अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को देश के दूर-दराज के हिस्सों तक ले जाने की जरूरत है। हम एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की उम्मीद तभी कर सकते हैं जब हमारी तकनीक, मानव संसाधन और दोनों तक पहुंच एक साथ आयें।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि 2020-21 में आयुष्मान भारत-आरोग्य कर्नाटक योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए सीआईएमएस को तीसरा स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ावा देने में इस संस्थान के छात्रों और प्रशासकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यहां प्रशिक्षित किये जा रहे डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिक्स उच्च स्तर की प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ राष्ट्र की सेवा करेंगे और पेशे और अपने शिक्षण संस्थान को गौर��� दिलायेंगे।
पिछले साल की शुरुआत से पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी के प्रभावों के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश कोई अपवाद नहीं है, और इस साल हमने संक्रमण की विनाशकारी लहर का सामना किया। यह एक गंभीर संकट था, लेकिन इसने अदृश्य दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में सभी भारतीयों को एकजुट किया। दूसरी लहर का असरकाफी हद तक कम हो गया है, और यह हमारे चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के अत्यधिक समर्पण के बिना संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि कुछ ने कर्तव्य की राह में अपने जीवन तक बलिदान कर दिये। हमारा देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। हमारे कोरोना योद्धाओं – डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स और अन्य ने अपने अनवरत उत्साह से हमारे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के पीछे भी यही समर्पण काम कर रहा है। भारत ने न केवल देश में कोरोनावायरस के टीके तैयार किये हैं, बल्कि टीके लगाने में नये विश्व रिकॉर्ड बनाये हैं। एक ही दिन में, हम करीब 2.5 करोड़ लोगों को टीका लगाने में कामयाब रहे, और हमारा कुल कवरेज जल्द ही एक अरब का आंकड़ा पार कर जायेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने स्वास्थ्य पेशेवरों की अनुकरणीय प्रतिबद्धता के बिना यह मुकाम हासिल नहीं कर सकते थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि, उनके विचार में, दो उद्यम जो राष्ट्र के विकास के लिए दो आधार बनाते हैं, वे हैं- स्वास्थ्य देखभाल तथा शिक्षा, और सीआईएमएस इन दोनों को अपने में समेटता है। यह स्नातक स्तर पर चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए एक मेडिकल कॉलेज है। इसे चामराजनगर जिले में विशिष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले एकमात्र मेडिकल कॉलेज होने का गौरव प्राप्त है। उन्होंने कहा कि 450 बिस्तरों वाले अस्पताल के उद्घाटन से यहां उभरती प्रतिभाओं को व्यावहारिक अनुभव और प्रशिक्षण के अधिक अवसर मिलेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अत्याधुनिक सुविधाओं और क्रिटिकल केयर और सुपर स्पेशियलिटी विभागों जैसे कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी आदि के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाला अस्पताल इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगा।
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अनलॉक 2.0 की तैयारी
Rohit Sharma :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से देश में लॉकडाउन लगने की बातों को अफवाह करार दिया है। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान कहा कि अब लॉकडाउन की अफवाहों से लड़ने और अनलॉक 2.0 की तैयारियों में जुटने का समय है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देशवासियों के संयम, प्रशासन की तत्परता और कोरोना योद्धाओं के समर्पण की वजह से देश में हालात नियंत्रण में है।…
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कोरोना योद्धाओं का सम्मान उनकी राष्ट्रभक्ति को सम्मान : दीपक रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि रविवार को जिस प्रकार से देश भर के कोरोना योद्धाओं को देश की तीनों सेना ने मिलकर उनका सम्मान किया, योद्धाओं पर फाइटर जहाज-हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कर उनका हौसला बढ़ाया, यह सब उनके राष्ट्र के प्रति समर्पण का सम्मान है। प्रकाश ने कहा कि लॉकडाउन में पूरा देश घरों में बंद है।
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कोरोना वारियर्स के इसी शौर्य और देश प्रति समर्पण को देखते हुए सेना ने उन्हें सलामी पेश की।
देशभर में कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हजारों पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी देशवासियों को इस बिमारी से बचाने में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। कोरोना वारियर्स के इसी शौर्य और देश प्रति समर्पण को देखते हुए सेना ने उन्हें सलामी पेश की। भारतीय वायुसेना के विमान इन योद्धाओं पर पुष्पवर्षा की गई। सेना के जवानों ने पुलिस वॉर मेमोरियल पर फूलों की बारिश की और उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया।
लॉकडाउन के बीच मौसम ने ली करवट, दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाओं के साथ बारिश
पूरे देश में कोरोना योद्धाओं को सलाम
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टीम सफल समाधान संस्था के स्वयंसेवकों द्वारा देहरादून रुद्रप्रयाग और गुप्तकाशी क्षेत्रों में कोरोना योद्धाओं के रूप में अपने कर्तव्यों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया देहरादून से अकील खान की रिपोर्ट। टीम सफल समाधान संस्था के स्वयंसेवकों द्वारा देहरादून रुद्रप्रयाग और गुप्तकाशी क्षेत्रों में कोरोना योद्धाओं के रूप में अपने कर्तव्यों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया स्वयंसेवकों की टीम ने स्थानीय प्रशासन और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से प्रवासी और फंसे मजदूरों को राशन प्रदान कर मदद की साथ ��ी सड़क पर घूमते लावारिस बीमार जानवरों को भी हरी सब्जियां और हरा चारा खिला रहे हैं। स्वयंसेवकों ने निर्धन असहाय ग्राम समुदायों के बीच कोरोना से सुरक्षा हेतु मास्क व सैनिटाइजर वितरित किए । सभी स्वयंसेवकों ने कोरोना महामारी के बारे में उपयोगी जानकारी को कोरोना के आगे प्रसार होने से रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया व सफल के स्वयंसेवक फील्ड में लगातार सेवा कार्य कर रहे हैं और समाधान कानूनी हेल्पलाइन हमेशा की तरह प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ जनता को 24 x 7 सेवा दे रही है, स्वयंसेवी कार्यकर्ता देहरादून से अनिता देवी, हृदेश मैथानी, चांदबीबी, समरीन, अखिल खान, रुद्रप्रयाग से अंजना देवी।
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लॉक डाउन अपनायें देश बचायें
वर्तमान समय में लॉक डाउन का प्रसंग कोविड-19 जो एक प्रकार का कोरोना वायरस है के चलते फैली वैश्विक महामारी को देखते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण है। लॉक डाउन हमारे जीवन को सुरक्षित करने एवं सम्मूर्ण समाज को सुरक्षित करने का सरल माध्यम है। लॉक डाउन क्या है और वर्तमान समय में इसकी प्रयोज्यता एवं प्रयोजन क्या है जैसे अनेक विचार प्रतिस्फुटित होना स्वाभाविक है। सीधे शब्दों में लॉकडाउन का अर्थ है तालाबंदी। जिस तरह किसी संस्थान या फैक्ट्री को बंद किया जाता है और वहां तालाबंदी हो जाती है उसी तरह लॉक डाउन का अर्थ है कि आप अनावश्यक कार्य के लिए घर से बाहर सड़कों पर ना निकलें। दुनिया में सबसे पहला लॉक डाउन अमेरिका में 9/11 हमले के बाद किया गया था, यह एक एमरजेंसी व्यवस्था है। कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन के सही समय पर और सफल कार्यान्वन के आभाव में पश्चिमी देशों का जो वीभत्स रूप दिखा वह काफी डरावना रहा है और पूरा विश्व आज इस समस्या के प्रति विवस है क्योंकि कोरोना वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन सामने नही आई है। ऐसे में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा लॉक डाउन से पहले जनता कर्फ्यू का आवाहन भारतीय जनमानस के लिए भारतीय जनमानस द्वारा किया गया सफलतम सहयोग था। 22 मार्च की वीरान सड़कें, बाजार, रेलवे स्टेशन और हर स्थानों पर पसरा सन्नाटा देखकर यह विश्वास हो गया था कि ह�� अपने नैतिक दायित्यों के प्रति कितने सजग हैं तथा अपने परिवार की सुरक्षा के साथ-साथ समाज की सुरक्षा के प्रति कितने दृढ संकल्प हैं लेकिन उसी दिन शाम को 05 बजकर 05 मिनट पर कर्मवीर योद्धाओं डॉक्टर, प्रशासन, सफाई कर्मियों, सैनिकों और मीडिया साथियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के दौरान कई स्थानों पर लोगों के समूह सड़कों पर उतर आए और एक दूसरे से गले मिलने लगे जिससे कई स्थानों पर यह एक जुलूस का रूप हो गया। पीलीभीत के डीएम वैभव श्रीवास्त और एसपी अभिषेक दीक्षित खुद भीड़ का नेतृत्व करते दिखे। इन सब घटनाओं का तथ्यात्मक अवलोकन करने पर स्पष्ट होता है कि हम अभी भी लॉक डाउन की उपयोगिता और गंभीरता को नही समझ रहे हैं न ही वैश्विक महामारी के प्रति सचेत हैं।
इन सब कार्यों और हमारे व्यवहारों से 23 मार्च को गुलजार सड़कें, बाजारों में बढ़ी हुई भीड़ ने यह प्रदर्शित कर दिया कि हम न तो इस समस्या के प्रति गंभीर हैं और न ही अपने प्रधानमंत्री जी के सम्मान के प्रति, न ही इस समस्या से लड़ने वाले कर्मवीरों के प्रति। उन कर्तव्यनिष्ठ सेवकों के लगातार निवेदन और मार्गदर्शन के बाद भी हम अपने वर्ताव से संक्रमण के प्रति लापरवाह बने हुए हैं, जहाँ डॉक्टर नरेश त्रेहान, डॉक्टर राजेश पारिख जैसे कई चिकित्साविदों द्वारा मीडिया के माध्यम से यह सलाह दी जा रही है कि प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से लगभग 2 फीट की दूरी बनाकर रखे जिसको नजर अंदाज करते हुए कहीं कहीं तो 2 फीट की ही जगह में ही एक साथ 10 से 12 लोग यात्रा करते देखे गए। यही हाल सब्जी बाजारों का भी रहा जहाँ भारी संख्या में लोग भीड़ का हिस्सा बनकर खरीदारी करते रहे। इन सब कार्यों से आहत होकर प्रधानमंत्री जी ने पुनः देश की जनता से ट्वीट के माध्यम से अपील की कि “आप अपने परिवार की एवं अपनी सुरक्षा स्वयं करें तथा कुछ लोग अभी भी लॉक डाउन की गंभीरता को नही समझ रहे हैं। यदि आप को लगता है कि आप को कुछ नही होगा और आप यूं ही घूमते-फिरते रहेंगे तो यह आपकी भूल है, कोई भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है तथा राज्य सरकारें नियमों और निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाना सुनिश्चित करें”। यह हमारी लापरवाही का ही फल है कि पूरे देश को पूर्णतया लॉक डाउन कर दिया गया जो एक तरह से कर्फ्यू ही है। कई राज्यों ने अपनी सीमाएं सील कर ली और इसके साथ ही साथ कई राज्यों में धारा 144 लागू कर दिया गया। इस समय विशेष में लॉक डाउन हमारे जीवन को ��चाने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है जिसका पालन करके हम अपने परिवार के साथ-साथ अपने समाज और देश को सुरक्षित कर सकते हैं। यह हमारा कर्तव्य भी है कि पूर्णतया जागरूक बने और किसी में भी इससे जुड़े लक्षण दिखे तो मेडिकल हेल्प लाइन नंबर पर फोन कर स्वास्थ्य सेवकों के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करें। इससे हम अपने समाज को सुरक्षित कर सकते हैं।
हमारे देश में इस बीमारी को फैलने से रोकने हेतु लॉक डाउन का प्रयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि भारत विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा बड़ा देश है जबकि इस बीमारी का फैलाव लोगों के संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो रहा है। ऐसे में हम लॉक डाउन के माध्यम से अपने समाज को इस महामारी के संक्रमण से बचा सकते हैं। कोरोना वायरस की गंभीरता हम इस तथ्य से समझ सकते हैं कि आज अमेरिका, रूस, चीन, इटली, ईरान जैसे देश इस वायरस से उत्त्पन्न वैश्विक महामारी से अपने नागरिकों की रक्षा करने में असमर्थ हैं। भारत अभी जिस स्टेज पर है उसे लॉक डाउन के माध्यम से नियंत्रित कर सकता है लेकिन यदि हम सब इसकी गंभीरत�� को नजर अंदाज करते रहे तो हमें भी अन्य देशों की भांति लाचार होकर आंकड़े गिनने पडेंगे। लॉक डाउन इस वायरस का कोई उपचार नही है लेकिन लॉक डाउन के माध्यम से हम इस गम्भीर महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है जो हमारी देश और जनमानस के प्रति पूर्ण निष्ठा और समर्पण से ही संभव है। लॉक डाउन के माध्यम से संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित कर सकते हैं जिसके उपरांत संक्रमित व्यक्तियों को ठीक किया जा सकता है जो कि लॉक डाउन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
https://is.gd/nRzw0C #AdoptLockDownSaveCountry Adopt lock down save country In Focus, Sport, Top #InFocus, #Sport, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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कोरोनावायरस: मैं डॉक्टरों और नर्सों को सलाम करता हूं, मानुषी छिल्लर कहती हैं
मानुषी छिल्लर के माता-पिता डॉक्टर हैं और घर से काम करना उनके लिए उपन्यास कोरोनावायरस महामारी के दौरान एक विकल्प नहीं है।
मानुषी छिल्लर द्वारा इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई तस्वीर।
मानुषी छिल्लर के माता-पिता के लिए, उपन्यास कोरोनवायरस वायरस महामारी के दौरान घर से काम करना एक विकल्प नहीं है क्योंकि उनके पिता और माता दोनों डॉक्टर हैं। उनके पिता, डॉ। मित्र बसु छिल्लर और मां, नीलम छिल्लर को स्थिति के बावजूद अपने काम को जारी रखना है और मानुषी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। जबकि मानुषी के पिता मुंबई में ��ार्यरत हैं, उनकी माँ दिल्ली में हैं। 22 वर्षीय अभिनेत्री उन्हें और हर एक दिन उनके लगातार योगदान के लिए पूरी मेडिकल बिरादरी को सलाम करती है।
“डॉक्टर माता-पिता की बेटी होने के नाते, मैं केवल एक ही बात कह सकता हूं। मुझे अपने माता-पिता और बड़े पैमाने पर बिरादरी पर गर्व है। वे संकट के बावजूद नियमित रूप से काम कर रहे हैं और रोगियों का इलाज कर रहे हैं और अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।” मानुषी ने कहा।
पूर्व मिस वर्ल्ड ने कहा, “मैं उन डॉक्टरों और नर्सों को सलाम करता हूं जो सीधे कोरोनावायरस रोगियों का इलाज कर रहे हैं और कार्रवाई की जद में हैं। हमारे पास आपको धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हैं। इस समुदाय ने दुनिया भर में पीढ़ियों की रक्षा और मदद करने के लिए अथक परिश्रम किया है। वे एकमात्र लोग हैं जो आज इस बढ़ते हुए संकट को कम कर सकते हैं। दुनिया भर में पूरी चिकित्सा बिरादरी के लिए, मैं आपके समर्पण, समर्पण और लचीलापन के लिए धन्यवाद देता हूं। पूरी दुनिया कृतज्ञता में है। “
भारत में अब तक 500 से अधिक उपन्यास कोरोनोवायरस मामले दर्ज किए गए जबकि देश में कोविद -19 के कारण ग्यारह लोगों की मौत हो गई।
इस बीच, मानुषी छिल्लर जल्द ही पृथ्वीराज के साथ बॉलीवुड में अपनी शुरुआत करेंगी, जो निडर और पराक्रमी राजा पृथ्वीराज चौहान के जीवन पर आधारित है। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले अक्षय कुमार के सामने उन्हें संयोगिता के रूप में लिया गया है।
यह भी पढ़ें: कश्मीर से दार्जिलिंग टाक: कोरोना योद्धाओं ने नेक कामों के साथ जयकार फैलाया
यह भी देखें: विश्व कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ता है: यहां बताया गया है कि यह कैसे शुरू हुआ
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कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कर्मयोद्धाओं ने मोर्चा संभाला…
जंग कोई भी हो, तभी जीती जाती है जब योद्धा मोर्चा संभालते हैं। आजकल कुछ ऐसे ही हालात हैं। देश-विदेश, शहर-गांव, अमीर-गरीब, राजा-फकीर हर कोई कोरोना वायरस की दहशत के साए में जी रहा है। इस दहशत के निदान और कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कर्मयोद्धाओं ने मोर्चा संभाल रखा है। ये कर्मयोद्धा न हों, तो हर किसी का जीवन ठहर सा जाए। बैंक में काम कर रहे बैंककर्मी, सुरक्षा कवच बने पुलिसकर्मी, जीवन को बचाने की जद्दोजहद में जुटे स्वास्थ्यकर्मी, देश के प्रति अपना दायित्व बखूबी निभा रहे हैं। समाज ने भी कर्मयोद्धाओं की सेवा का महत्व समझा है।
उन्हें सम्मान और प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे कर्मयोद्धाओं को काम करने के लिए नई ऊर्जा मिल रही है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए सफाईकर्मी हर समय सफाई करते दिखाई दे रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी परवाह किए बगैर कस्बे के बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा की कमान संभालने वाले कर्मयोद्धाओं की हर तरफ सराहना हो रही है। साहस, समर्पण और सेवा इसी जज्बे के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के डर को नजर अंदाज कर कर्मयोद्धा अपने दायित्व के निर्वहन में जुटे हैं। यह कर्मयोद्धा ही हैं, जिनके भरोसे आम नागरिक का जीवन सरल और सहज है। स्थानीय प्रशासन ने किराना, दवा एवं दुग्ध पदार्थों की दुकानों को सीमित समय के लिए खोलने की छूट दे रखी है।
इसके अलावा कई आवश्यक वस्तुएं ऐसी हैं, जिन पर आम नागरिक खासा निर्भर करता है। इनमें फल-सब्जी, गैस सिलेंडर, अखबार आदि शामिल हैं। इसके अलावा चिकित्सक, डाकिया, सफाईकर्मी, सैनिटाइजेशन टीम का भी लॉकडाउन के दौरान दायित्व निर्वाह के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। इन वर्गों के लोग खासा जोखिम उठाकर आमजन के काम आ रहे हैं। शहर हो या गांव कई जगहों पर कर्मयोद्धा ड्यूटी पर मु��्तैद नजर आ रहे हैं। कोरोना को काबू में करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण घरों में कैद और जिम्मेदार लोग कर्मयोद्धाओं को सम्मान देकर उन्हें उनकी ड्यूटी का इनाम दे रहे हैं। यही वजह भी है कि कर्म योद्धाओं को सम्मान और प्रोत्साहन मिलने से इस वर्ग के लोग लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं
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*वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम तथा उपचार दे रहे एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को विधानसभा अध्यक्ष ने किया कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित।*
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*वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम तथा उपचार दे रहे एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को विधानसभा अध्यक्ष ने किया कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित।*
देहरादून दिनांक 28 जुलाई 2021_ वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान विधानसभा भवन, देहरादून में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार दे रहे एलोपैथिक होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक डॉक्टरों सहित मेडिकल स्टाफ को उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया। विधानसभा परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अग्रवाल ने सभी कोरोना योद्धाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
विधान सभा सचिवालय में तैनात अधिकारी कर्मचारी एवं उनके पारिवारिक सदस्य जो कोरोना संक्रमित पाए गए उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान कर एलोपैथिक, होम्योपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सालय के डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ द्वारा अपनी हर संभव सहायता प्रदान की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी मेडिकल स्टाफ का उत्साहवर्धन करने के उद्देश्य से डॉक्टर एवं मेडिकल स्टाफ को सम्मानित किया।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा में स्थित चिकित्सालय के डॉक्टरों एवं मेडिकल स्टाफ द्वारा कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं उपचार में अपने उच्च स्तरीय सेवाएं प्रदान की गई, जिससे विधानसभा परिसर में कोरोना संक्रमण को समय रहते यथासंभव नियंत्रित किया गया।
अग्रवाल ने कहा कि कोरोना महामारी की भयावहता के कारण जब परिजन कोरोना पीड़ितों से मिलने के लिये भी तैयार नहीं थे, उस दौर में स्वास्थ्य विभाग के योद्धाओं ने कोरोना मरीजों का उपचार कर मानवता की बेमिसाल तस्वीर प्रस्तुत की है। ऐसे योद्धा हम सबके लिये वंदनीय और अभिनंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मेडिकल स्टाफ की जितनी भी तारीफ की जाए कम है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर मानव सेवा के लिए समर्पित रहकर फ्रंट लाइन में डटे रहे। कोरोना महामारी के खिलाफ यह लड़ाई सिर्फ कोरोना योद्धाओं के कारण ही संभव हुई है।उन्होंने अपील की अभी भी हमें एक लंबा रास्ता तय करना है एवं एकजुट होकर इस लड़ाई को जीतना है। इस अवसर पर उन्होंने समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए डॉक्टर सहित मेडिकल स्टाफ़ का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर एलोपैथिक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी सतीश चंद डोभाल, होम्योपैथिक चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ विनोद शर्मा, आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ हरीमोहन त्रिपाठी, चीफ फार्मेसिस्ट के.एस फरस्वाण, फार्मेसिस्ट अशोक पांडे, फार्मेसिस्ट नीलम वर्मा, कक्ष सेवक नवनीत चंदोला, लैब टेक्नीशियन दीपक पुंडीर, चालक पितांबर ��त्त चमोली, आयुर्वेदिक चिकित्सालय के चीफ फार्मेसिस्ट विशंभर दत्त को कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया गया। मौक़े पर विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल, वरिष्ठ निजी सचिव अजय अग्रवाल, विशेष कार्याधिकारी ताजेंद्र नेगी, समीक्षा अधिकारी राजीव बहुगुणा, प्रवीण जोशी, जय बडोनी सहित विधानसभा के अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
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लॉक डाउन अपनायें देश बचायें
वेद प्रकाश शास्त्री
वर्तमान समय में लॉक डाउन का प्रसंग कोविड-19 जो एक प्रकार का कोरोना वायरस है के चलते फैली वैश्विक महामारी को देखते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण है। लॉक डाउन हमारे जीवन को सुरक्षित करने एवं सम्मूर्ण समाज को सुरक्षित करने का सरल माध्यम है। लॉक डाउन क्या है और वर्तमान समय में इसकी प्रयोज्यता एवं प्रयोजन क्या है जैसे अनेक विचार प्रतिस्फुटित होना स्वाभाविक है। सीधे शब्दों में लॉकडाउन का अर्थ है तालाबंदी। जिस तरह किसी संस्थान या फैक्ट्री को बंद किया जाता है और वहां तालाबंदी हो जाती है उसी तरह लॉक डाउन का अर्थ है कि आप अनावश्यक कार्य के लिए घर से बाहर सड़कों पर ना निकलें। दुनिया में सबसे पहला लॉक डाउन अमेरिका में 9/11 हमले के बाद किया गया था, यह एक एमरजेंसी व्यवस्था है। कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन के सही समय पर और सफल कार्यान्वन के आभाव में पश्चिमी देशों का जो वीभत्स रूप दिखा वह काफी डरावना रहा है और पूरा विश्व आज इस समस्या के प्रति विवस है क्योंकि कोरोना वायरस की अभी तक कोई वैक्सीन सामने नही आई है। ऐसे में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा लॉक डाउन से पहले जनता कर्फ्यू का आवाहन भारतीय जनमानस के लिए भारतीय जनमानस द्वारा किया गया सफलतम सहयोग था। 22 मार्च की वीरान सड़कें, बाजार, रेलवे स्टेशन और हर स्थानों पर पसरा सन्नाटा देखकर यह विश्वास हो गया था कि हम अपने नैतिक दायित्यों के प्रति कितने सजग हैं तथा अपने परिवार की सुरक्षा के साथ-साथ समाज की सुरक्षा के प्रति कितने दृढ संकल्प हैं लेकिन उसी दिन शाम को 05 बजकर 05 मिनट पर कर्मवीर योद्धाओं डॉक्टर, प्रशासन, सफाई कर्मियों, सैनिकों और मीडिया साथियों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के दौरान कई स्थानों पर लोगों के समूह सड़कों पर उतर आए और एक दूसरे से गले मिलने लगे जिससे कई स्थानों पर यह एक जुलूस का रूप हो गया। पीलीभीत के डीएम वैभव श्रीवास्त और एसपी अभिषेक दीक्षित खुद भीड़ का नेतृत्व करते दिखे। इन सब घटनाओं का तथ्यात्मक अवलोकन करने पर स्पष्ट होता है कि हम अभी भी लॉक डाउन की उपयोगिता और गंभीरता को नही समझ रहे हैं न ही वैश्विक महामारी के प्रति सचेत हैं।
इन सब कार्यों और हमारे व्यवहारों से 23 मार्च को गुलजार सड़कें, बाजारों में बढ़ी हुई भीड़ ने यह प्रदर्शित कर दिया कि हम न तो इस समस्या के प्रति गंभीर हैं और न ही अपने प्रधानमंत्री जी के सम्मान के प्रति, न ही इस समस्या से लड़ने वाले कर्मवीरों के प्रति। उन कर्तव्यनिष्ठ सेवकों के लगातार निवेदन और मार्गदर्शन के बाद भी हम अपने वर्ताव से संक्रमण के प्रति लापरवाह बने हुए हैं, जहाँ डॉक्टर नरेश त्रेहान, डॉक्टर राजेश पारिख जैसे कई चिकित्साविदों द्वारा मीडिया के माध्यम से यह सलाह दी जा रही है कि प्रत्येक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से लगभग 2 फीट की दूरी बनाकर रखे जिसको नजर अंदाज करते हुए कहीं कहीं तो 2 फीट की ही जगह में ही एक साथ 10 से 12 लोग यात्रा करते देखे गए। यही हाल सब्जी बाजारों का भी रहा जहाँ भारी संख्या में लोग भीड़ का हिस्सा बनकर खरीदारी करते रहे। इन सब कार्यों से आहत होकर प्रधानमंत्री जी ने पुनः देश की जनता से ट्वीट के माध्यम से अपील की कि “आप अपने परिवार की एवं अपनी सुरक्षा स्वयं करें तथा कुछ लोग अभी भी लॉक डाउन की गंभीरता को नही समझ रहे हैं। यदि आप को लगता है कि आप को कुछ नही होगा और आप यूं ही घूमते-फिरते रहेंगे तो यह आपकी भूल है, कोई भी इस वायरस से संक्रमित हो सकता है तथा राज्य सरकारें नियमों और निर्देशों का कड़ाई से पालन करवाना सुनिश्चित करें”। यह हमारी लापरवाही का ही फल है कि पूरे देश को पूर्णतया लॉक डाउन कर दिया गया जो एक तरह से कर्फ्यू ही है। कई राज्यों ने अपनी सीमाएं सील कर ली और इसके साथ ही साथ कई राज्यों में धारा 144 लागू कर दिया गया। इस समय विशेष में लॉक डाउन हमारे जीवन को बचाने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है जिसका पालन करके हम अपने परिवार के साथ-साथ अपने समाज और देश को सुरक्षित कर सकते हैं। यह हमारा कर्तव्य भी है कि पूर्णतया जागरूक बने और किसी में भी इससे जुड़े लक्षण दिखे तो मेडिकल हेल्प लाइन नंबर पर फोन कर स्वास्थ्य सेवकों के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करें। इससे हम अपने समाज को सुरक्षित कर सकते हैं।
हमारे देश में इस बीमारी को फैलने से रोकने हेतु लॉक डाउन का प्रयोजन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि भारत विश्व में जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा बड़ा देश है जबकि इस बीमारी का फैलाव लोगों के संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से हो रहा है। ऐसे में हम लॉक डाउन के माध्यम से अपने समाज को इस महामारी के संक्रमण से बचा सकते हैं। कोरोना वायरस की गंभीरता हम इस तथ्य से समझ सकते हैं कि आज अमेरिका, रूस, चीन, इटली, ईरान जैसे देश इस वायरस से उत्त्पन्न वैश्विक महामारी से अपने नागरिकों की रक्षा करने में असमर्थ हैं। भारत अभी जिस स्टेज पर है उसे लॉक डाउन के माध्यम से नियंत्रित कर सकता है लेकिन यदि हम सब इसकी गंभीरता को नजर अंदाज करते रहे तो हमें भी अन्य देशों की भांति लाचार होकर आंकड़े गिनने पडेंगे। लॉक डाउन इस वायरस का कोई उपचार नही है लेकिन लॉक डाउन के माध्यम से हम इस गम्भीर महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है जो हमारी देश और जनमानस के प्रति पूर्ण निष्ठा और समर्पण से ही संभव है। लॉक डाउन के माध्यम से संक्रमण के फैलाव को नियंत्रित कर सकते हैं जिसके उपरांत संक्रमित व्यक्तियों को ठीक किया जा सकता है जो कि लॉक डाउन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कर्मयोद्धाओं ने मोर्चा संभाला…
जंग कोई भी हो, तभी जीती जाती है जब योद्धा मोर्चा संभालते हैं। आजकल कुछ ऐसे ही हालात हैं। देश-विदेश, शहर-गांव, अमीर-गरीब, राजा-फकीर हर कोई कोरोना वायरस की दहशत के साए में जी रहा है। इस दहशत के निदान और कोरोना वायरस के खात्मे के लिए कर्मयोद्धाओं ने मोर्चा संभाल रखा है। ये कर्मयोद्धा न हों, तो हर किसी का जीवन ठहर सा जाए। बैंक में काम कर रहे बैंककर्मी, सुरक्षा कवच बने पुलिसकर्मी, जीवन को बचाने की जद्दोजहद में जुटे स्वास्थ्यकर्मी, देश के प्रति अपना दायित्व बखूबी निभा रहे हैं। समाज ने भी कर्मयोद्धाओं की सेवा का महत्व समझा है।
उन्हें सम्मान और प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे कर्मयोद्धाओं को काम करने के लिए नई ऊर्जा मिल रही है। कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए सफाईकर्मी हर समय सफाई करते दिखाई दे रहे हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी परवाह किए बगैर कस्बे के बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा की कमान संभालने वाले कर्मयोद्धाओं की हर तरफ सराहना हो रही है। साहस, समर्पण और सेवा इसी जज्बे के साथ कोरोना वायरस संक्रमण के डर को नजर अंदाज कर कर्मयोद्धा अपने दायित्व के निर्वहन में जुटे हैं। यह कर्मयोद्धा ही हैं, जिनके भरोसे आम नागरिक का जीवन सरल और सहज है। स्थानीय प्रशासन ने किराना, दवा एवं दुग्ध पदार्थों की दुकानों को सीमित समय के लिए खोलने की छूट दे रखी है।
इसके अलावा कई आवश्यक वस्तुएं ऐसी हैं, जिन पर आम नागरिक खासा निर्भर करता है। इनमें फल-सब्जी, गैस सिलेंडर, अखबार आदि शामिल हैं। इसके अलावा चिकित्सक, डाकिया, सफाईकर्मी, सैनिटाइजेशन टीम का भी लॉकडाउन के दौरान दायित्व निर्वाह के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। इन वर्गों के लोग खासा जोखिम उठाकर आमजन के काम आ रहे हैं। शहर हो या गांव कई जगहों पर कर्मयोद्धा ड्यूटी पर मुस्तैद नजर आ रहे हैं। कोरोना को काबू में करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण घरों में कैद और जिम्मेदार लोग कर्मयोद्धाओं को सम्मान देकर उन्हें उनकी ड्यूटी का इनाम दे रहे हैं। यही वजह भी है कि कर्म योद्धाओं को सम्मान और प्रोत्साहन मिलने से इस वर्ग के लोग लगातार क्षेत्र में बने हुए हैं
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