#केंद्रीय बजट 2022 भारत
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dainiksamachar · 9 months ago
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56 मिनट और फिर... बजट इतिहास में सबसे लंबा भाषण देने वाली सीतारमण ने कैसे कही 1 घंटे से कम में अपनी बात
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने गुरुवार को संसद में अपना लगातार छठा बजट पेश किया। उन्‍होंने सिर्फ 56 मिनट में अपना बजट भाषण समाप्त कर दिया। यह उनका अब तक का था। फिरोजी रंग की कढ़ाई वाली कांथा सिल्क साड़ी पहनकर सीतारमण संसद पहुंची थीं। भाषण के दौरान लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्य उनकी घोषणाओं और टिप्पणियों पर बीच-बीच में मेजें थपथपाते देखे गए। जब उन्होंने कहा कि ‘हमारी सरकार जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी’ तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने सबसे ज्यादा देर तक मेजें थपथपाईं। विपक्षी सदस्यों ने भी वित्त मंत्री का बजट भाषण पूरे ध्यान से सुना। हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार के सत्ता में लौटने संबंधी कथन पर विपक्ष की ओर से कुछ विरोध के सुर सुनाई दिए। इससे पहले आज 11 बजे बजट भाषण शुरू होने से पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा कक्ष में पहुंचे तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सदस्यों ने ‘भारत माता की जय’, ‘जय श्रीराम’ और ‘जय सियाराम’ के नारे लगाए।सीतारमण का सबसे छोटा बजट भाषण सीतारमण का 56 मिनट का आज का बजट भाषण उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण है। सदन में सबसे लंबा बजट भाषण देने का श्रेय भी सीतारमण को जाता है। उन्होंने साल 2020 में दो घंटे 40 मिनट तक भाषण पढ़ा था।भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में 2019 में सीतारमण का बजट भाषण दो घंटे 17 मिनट तक चला था। साल 2021 में उन्होंने एक घंटा 50 मिनट तक बजट भाषण दिया। 2022 में उनका यह भाषण 92 मिनट का और 2023 में 87 मिनट का रहा।सीतारमण के आज के बजट भाषण में पहले की तरह तमिल कवियों और विचारकों के उद्धरण नहीं थे। हालांकि, उन्होंने कम से कम आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख किया और उनके भाषणों के अंश पढ़े।लोकसभा की दर्शक दीर्घाओं में अधिक संख्या में लोग नहीं थे। दीर्घा-2 में राज्यसभा के कुछ सदस्य बैठे थे। वहीं, वित्त मंत्री के रिश्तेदार कृष्णमूर्ति लक्ष्मीनारायणन और विद्या लक्ष्मीनारायणन और उनकी बेटी वांग्मयी पराकला को दीर्घा-3 की पहली कतार में बैठे हुए देखा गया।बजट पेश करने से पहले सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्रियों- पंकज चौधरी और भागवत कराड और वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।राष्‍ट्रपति ने ख‍िलाया चम्‍मच से दही-शक्‍कर राष्ट्रपति ने सीतारमण को चम्मच से दही-शक्कर खिलाया। केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए शुभकामनाएं दीं। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कुछ शब्द-संक्षेपों की नई व्याख्या की। मसलन, उन्होंने एफडीआई को ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ (पहले भारत का विकास) और जीडीपी को ‘गवर्नेंस, डेवलपमेंट एंड परफॉर्मेंस’ (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) कहा।उन्होंने कहा, ‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के रूप में बढ़ोतरी के अलावा सरकार अधिक समावेशी जीडीपी (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) पर भी समान रूप से ध्यान दे रही है।’वित्त मंत्री सीतारमण ने 2019 में बजट दस्तावेजों को परंपरागत ब्रीफकेस में लाने के बजाय बही-खाते के रूप में लाना शुरू किया था। इस पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न होता है। इस बार उन्होंने इस परिपाटी को कायम रखा।जनता दल (यूनाइटेड) के नेता राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ को बजट भाषण के दौरान अनेक बार मेज थपथपाते हुए देखा गया। उनकी पार्टी गत सप्ताह ही दोबारा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुई है। सीतारमण के बजट भाषण की समाप्ति पर प्रधानमंत्री मोदी उनके पास पहुंचे। अंतरिम बजट प्रस्तुत करने के लिए उन्हें बधाई दी। कई मंत्रियों को भी सीतारमण को बजट प्रस्तुत करने के बाद बधाई देते हुए देखा गया। http://dlvr.it/T29v2q
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prabudhajanata · 2 years ago
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रायपुर । दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में आज आम आदमी की आवाज उठाना, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष 4 बार के सांसद राहुल गांधी जब संसद के अंदर बात करते है तो उनको बोलने नहीं दिया जाता, उनका माइक बंद कर दिया जाता है, सत्तारूढ़ दल के सांसद बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये संसद की कार्यवाही नहीं चलने देते है। केंद्रीय मंत्री अपने पद की गरिमा को तार-तार करते हुये अनर्गल बयाबाजी करते है और जब इन सबसे भी राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष की आवाज को नहीं दबा पाते तो एक और षड़यंत्र रचा जाता है। उक्त बातें एआईसीसी की महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा Kumari Selja ने बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहीं। उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को समाप्त करने के पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्योरा सामने रखा। उन्होंने कहा राहुल गांधी के ऊपर यह सारी कार्यवाही क्यों की गयी? इसका एकमात्र कारण है राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री की दुखती रग पर हाथ रख दिया। उन्होंने मोदी के निकट सहयोगी अडानी के घोटालेबाजी और अडानी-मोदी के गठबंधन पर आवाज उठाया। उन्होंने दो सवाल पूछे थे। पहला : क्या अडानी की शेल कंपनियों में ₹20,000 करोड़ या 3 बिलियन डॉलर हैं ? अडानी इस पैसे को खुद कमा नहीं सकता क्योंकि वो इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस में है। यह पैसा कहां से आया? किसका काला धन है? ये किसकी शेल कंपनियां हैं? ये कंपनियां डिफेंस फील्ड में काम कर रही हैं। कोई क्यों नहीं जानता? यह किसका पैसा है? इसमें एक चीनी नागरिक शामिल है। कोई यह सवाल क्यों नहीं पूछ रहा है कि यह चीनी नागरिक कौन है? दूसरा : प्रधानमंत्री मोदी का अडानी से क्या रिश्ता है? उन्होंने अडानी के विमान में आराम करते हुए पीएम मोदी की तस्वीर दिखाई। उन्होंने रक्षा उद्योग के बारे में, हवाई अड्डों के बारे में, श्रीलंका में दिए गए बयानों के बारे में, बांग्लादेश में दिए गए बयानों के बारे में, ऑस्ट्रेलिया में स्टेट बैंक (भारत के) के चेयरमैन के साथ बैठे नरेंद्र मोदी और अडानी की तस्वीरें, जिन्होंने कथित तौर पर $1 बिलियन का ऋण स्वीकृत किया था, के बारे में दस्तावेज दिए। यह सबूत के साथ सवालों का दूसरा सेट था। मोदी सरकार ने सवाल का जवाब तो नहीं दिया उल्टे राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण ��े अडानी घोटाले के महत्वपूर्ण अंश और राहुल गांधी के भाषण (लगभग पूरी तरह से) को संसद के रिकॉर्ड से हटा दिया गया। संसद के बजट सत्र के चल रहे दूसरे भाग में, भारत के इतिहास में पहली बार एक सत्तारूढ़ पार्टी - भाजपा संसद को बाधित कर रही थी और इसे काम नहीं करने दे रही है। यह अडानी को बचाने के लिए एक ध्यान भटकाने की साजिश है। जबकि संयुक्त विपक्ष इस पर JPC (संयुक्त संसदीय समिति) चाहता है। राहुल गांधी पर भाजपा मंत्रियों द्वारा हमला किया गया। लोक सभा अध्यक्ष को राहुल ने दो लिखित अनुरोध किये कि उनको संसद में जवाब देने दें। इसके बाद तीसरी बार अध्यक्ष से मीटिंग भी की पर तीन अनुरोधों के बावजूद अध्यक्ष ने संसद में उन्हें बोलने का अवसर देने से इनकार कर दिया। इससे साफ़ पता चलता है कि पीएम मोदी नहीं चाहते कि अडानी के साथ उनके रिश्ते का पर्दाफाश हो। दूसरा घटनाक्रम : 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी चुनावी भाषण देते हैं। 16 अप्रैल 2019 बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने गुजरात के सूरत में शिकायत दर्ज कराई। 7 मार्च 2022 शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत पर गुजरात उच्च न्यायालय से रोक लगाने की मांग की; हाई कोर्ट ने रोक लगा दी। 7 फरवरी 2023 राहुल गांधी ने लोकसभा में अडानी और पीएम मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाते हुए भाषण दिया। 16 फरवरी 2023 शिकायतकर्ता ने गुजरात उच्च न्यायालय में स्टे के अपने अनुरोध को वापस ले लिया। 27 फरवरी 2023 निचली अदालत में सुनवाई फिर से शुरू। 23 मार्च 2023 ट्रायल कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया और अधिकतम 2 साल की सजा सुनाई। 24 मार्च 2023 लोकसभा सचिवालय ने 24 घंटे के भीतर राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी। कुमारी सैलजा ने कहा कि हम न्यायिक प्रक्रिया पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। आगे हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के तीन दिन के अंदर लोकसभा के गृह समिति ने राहुल गांधी को मकान खाली करने के लिये 30 दिन का नोटिस दे दिया। यह सारी कार्यवाही यह बताने के लिये पर्याप्त है कि इस देश में तानाशाही और असहिष्णु सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की ध्यान भटकाने की कवायद 3 हास्यास्पद आरोपों से साबित होती है। सबसे पहले, उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने “विदेशी ताकतों“
से लंदन में भारत की मदद करने के लिए कहा। ये एक सफेद झूठ है ! अगर कोई उनके वक्तव्यों को ध्यान से देखें, तो उन्होंने कहा कि ये “भारत का अंदरूनी मामला है, हम स्वयं इसका हल निकालने में सक्षम है।“ दूसरा, भाजपा अब झूठा हौवा खड़ा कर रही है कि राहुल गांधी ने ओबीसी को सिर्फ इसलिए निशाना ��नाया, क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी से एक सवाल किया था! ध्यान भटकाने का एक और बोगस हथकंडा! जो व्यक्ति एकता फैलाने के लिए “भारत जोड़ो यात्रा“ में 4000 किलोमीटर पैदल चल सकता है, वो कैसे एक समुदाय को निशाना बना सकता है? तीसरा - सूरत, गुजरात में एक निचली अदालत के फैसले के 24 घंटे के भीतर- भाजपा ने गांधी को लोकसभा में उनकी सदस्यता को रद्द करने के लिए “बिजली की गति“ से काम किया, भले ही अदालत ने उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया था! भाजपा राहुल गांधी से इतना डरती क्यों है ? भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओबीसी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाने की घटिया चाल स्पष्ट हताशा साबित हुई है। सबसे पहले, राहुल गांधी द्वारा दिया गया बयान यह पूछ रहा था कि कुछ चोरों का एक ही उपनाम (नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी) क्यों है - उन्होंने ऐसा नहीं है कि “सारे मोदी चोर हैं“ ! उन्होंने किसी समुदाय को निशाना नहीं बनाया। दूसरा, न तो नीरव मोदी और न ही ललित मोदी ओबीसी है। और उनकी जाति जो भी हो, क्या उन्होंने धोखाधड़ी नहीं की? भाजपा धोखेबाजों और भगोड़ों को क्यों बचा रही है? तीसरा, कांग्रेस पार्टी में 2 ओबीसी मुख्यमंत्री हैं। इससे साबित होता है कि कांग्रेस उनके योगदान को महत्व देती है। आपराधिक मानहानि के लिए अधिकतम दो साल की सजा आजतक किसी को नहीं मिली है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं के खिलाफ मामले अत्यधिक उदारता से निपटाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के बांदा से भाजपा सांसद, आरके सिंह पटेल को नवंबर में एक ट्रेन रोकने, सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध करने और पुलिस कर्मियों पर पथराव करने के लिए दोषी ठहराया गया था - लेकिन उन्हें केवल 1 साल की जेल हुई। महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल, मौलाना आजाद को या तो राजद्रोह या जेल के मामले में अंग्रेज़ों ने सजा दी। अंततः कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ जीत हासिल की। अब मोदी सरकार चोरों और घोटालेबाजों का पर्दाफाश करने के लिए श्री राहुल गांधी पर निशाना साध रही है। कांग्रेस लड़ेगी, फिर जीतेगी। यह प्रहार सिर्फ राहुल गांधी पर नहीं यह आक्रमण देश के समूचे विपक्ष पर यह देश की 135 करोड़ जनता को धमकाने की साजिश है। राहुल गांधी विपक्ष के सबसे प्रभावशाली नेता है। जब उनकी सदस्यता रद्द कर सकते है उनकी आवाज दबा सकते है तब आम आदमी की क्या बिसात? यह भारत के प्रजातंत्र में तानाशाही की शुरुआत है कांग्रेस इससे डरने वाली नहीं। हम जनता के बीच जायेंगे, देश के हर गली, मोहल्ले, चौक-चौराहे को संसद बनायेंगे। कहां-कहां आप हमारी आवाज रोकेंगे? पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस ��ध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री टी.एस. सिंहदेव, मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम, मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा उपस्थित थे।
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webvartanewsagency · 2 years ago
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Good News For The Farmers : अगले 4 दिनों में किसानों के खाते में डाले जाएंगे 2 हजार रुपये!
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। देश के 12 करोड़ से ज्यादा किसानों (Farmers) के लिए एक खुशखबरी है। केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) किसान सम्मान निधि (PM Kisan Nidhi) योजना की 13वीं किस्त 24 फरवरी को देगी। यह राशि अगले ���ीन दिनों के बाद आपके खाते में पहुंचने की संभावना है। केंद्र सरकार ने 2019 का अंतरिम बजट (Union Budget 2023) पेश करते हुए पीएम किसान योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत किसानों को हर साल तीन किस्तों में 2,000 रुपये का भुगतान (Payment) किया जाता है। इस हिसाब से किसानों को साल में कुल छह हजार रुपये मिलते हैं। पीएम किसान योजना की 12वीं किस्त 17 अक्टूबर 2022 को जारी की गई थी।  12 करोड़ से अधिक किसान नामांकित करीब 8 करोड़ किसानों को उस समय 16 हजार करोड़ रुपये दिए गए थे। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomer) ने पिछले सप्ताह बजट सत्र के दौरान योजना के लाभार्थियों (Beneficiaries) के बारे में संसद (Parliament) को जानकारी दी थी। 2019 की शुरुआत में इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 3.16 करोड़ रुपये थी, जो 2022 के मध्य तक 10.45 करोड़ हो गई है। पीएम किसान योजना में 12 करोड़ से अधिक किसान नामांकित हैं। सभी लाभार्थियों को 13वीं किस्त प्राप्त करने के लिए अपने खातों का ईकेवाईसी कराना अनिवार्य है। पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए ई केवाईसी (E-KYC) अनिवार्य कर दिया गया है। अपना नाम जांचें - सबसे पहले पीएम किसान योजना की वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं। - भारत के मानचित्र के साथ एक “डैशबोर्ड” स्क्रीन पर दिखाई देगा। इस पर क्लिक करें। - अपने संबंधित राज्य, जिले और गांव का चयन करें। Read the full article
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rudrjobdesk · 2 years ago
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सुकन्या से PPF खाताधारक तक के लिए बजट में क्या है खास, आसान भाषा में समझें
सुकन्या से PPF खाताधारक तक के लिए बजट में क्या है खास, आसान भाषा में समझें
सुकन्या योजना या प्रकाशित होने के लिए प्रकाशित होने वाले रोग (पीआयफ) कीट कीट के रूप में आपके कार्यालय खतरनाक होते हैं। सूचना, आम बजट I खाते में चालू होने की सूचना देने के बाद उसे पोस्ट करने के लिए पोस्ट किया जाएगा। पोस्ट की गई दफ्तरों की सूची से पैकेज पैकेज में शामिल होंगे। इसके मतलब ये कि पोस्ट ऑफिस के लिए आप चेक कर सकते हैं। सरकार के लिए विशेष रूप से विशेष रूप से लागू किए जाने वाले उत्पाद के…
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mwsnewshindi · 2 years ago
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थोक, खुदरा क्षेत्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से सीबीडीसी का परिचय: आधिकारिक
थोक, खुदरा क्षेत्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से सीबीडीसी का परिचय: आधिकारिक
को लागू करने की प्रक्रिया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) चरणबद्ध तरीके से थोक और खुदरा क्षेत्रों के लिए काम कर रहा है, रिजर्व बैंक के एक अधिकारी भारत हाल ही में कहा है। की शुरूआत सीबीडीसी केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किया गया था और आरबीआई अधिनियम, 1934 के संबंधित खंड में आवश्यक संशोधन वित्त विधेयक 2022 के पारित होने के साथ किया गया है, अजय कुमार चौधरी,…
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lok-shakti · 3 years ago
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अंबानी, अडानी की पूजा होनी चाहिए क्योंकि वे रोजगार पैदा करते हैं: भाजपा सांसद अल्फोंस
अंबानी, अडानी की पूजा होनी चाहिए क्योंकि वे रोजगार पैदा करते हैं: भाजपा सांसद अल्फोंस
बेरोजगारी पर तीखी बहस और विपक्षी दलों और सरकार के बीच जुबानी जंग के बीच भाजपा के एक सांसद ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि अंबानी और अदानी जैसे उद्योगपतियों की ‘पूजा’ की जानी चाहिए क्योंकि वे रोजगार पैदा कर रहे हैं। दूसरी ओर, विपक्ष ने सरकार पर “बेकार” और “बेरोजगार” विकास के बारे में बात करने का आरोप लगाया और तर्क दिया कि सरकार की नीतियां आय असमानताओं को बढ़ा रही हैं। “आप मुझ पर पूंजीपतियों के…
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technofyworld · 3 years ago
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सरकार के कदम से एनिमेशन, गेमिंग प्रमोशन स्क्वॉड को मजबूत विकास के लिए प्रोत्साहन के रूप में देखा गया
सरकार के कदम से एनिमेशन, गेमिंग प्रमोशन स्क्वॉड को मजबूत विकास के लिए प्रोत्साहन के रूप में देखा गया
इस सप्ताह केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स स्थापित करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य भारत और दुनिया भर में बढ़ती मांग को पूरा कर���े के लिए रोजगार पैदा करने और “घरेलू क्षमता का निर्माण” करने की क्षमता को “साकार करने के तरीकों की सिफारिश करना” है। हितधारकों ने इस कदम का…
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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एनिमेशन, गेमिंग प्रमोशन आउटफिट बनाने के भारत के कदम पर उद्योग के विचार
एनिमेशन, गेमिंग प्रमोशन आउटफिट बनाने के भारत के कदम पर उद्योग के विचार
इस सप्ताह केंद्रीय बजट 2022 पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स की स्थापना की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य भारत और दुनिया भर में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए रोजगार पैदा करने और “घरेलू क्षमता का निर्माण” करने की क्षमता को “साकार करने के तरीकों की सिफारिश करना” है। हितधारकों ने इस कदम का…
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parichaytimes · 3 years ago
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भारत का बजट 2022-23: एओपी, एलटीसीजी पर सरचार्ज 15% होगा, एफएम का कहना है | समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
भारत का बजट 2022-23: एओपी, एलटीसीजी पर सरचार्ज 15% होगा, एफएम का कहना है | समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया वीडियो
फरवरी 01, 2022, 02:18 अपराह्न ISTस्रोत: TOI.in वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि एओपी और लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर अधिभार 15% तक सीमित रहेगा। एफएम सीतारमण ने आगे कहा कि सूचीबद्ध इक्विटी शेयर इकाइयों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ 15% के अधिकतम अधिभार के अधीन है। . Source link
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joinnoukri · 2 years ago
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Is Bitcoin Legal in India? SC Asks Centre to Take Clear Stand on Cryptocurrencies
भारत में बिटकॉइन वैध है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टोकुरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों को विनियमित करने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है। केंद्रीय बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी और अपूरणीय टोकन या एनएफटी सहित आभासी संपत्ति पर 30 प्रतिशत की दर से कर…
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ashokgehlotofficial · 2 years ago
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नालसा द्वारा आयोजित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के 18वें अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया। देश में संवैधानिक मूल्यों का संरक्षण करने में न्यायपालिका की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान हालात में संविधान द्वारा दी गई स्वतंत्रताओं को बचाने में न्यायपालिका को अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
नालसा व इसकी राज्य इकाइयां विधिक सेवाओं के प्रचार-प्रसार, निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान करने,अपराध से पीड़ित व्यक्तियों को मुआवजा दिलवाने तथा लोक अदालतों के माध्यम से अधिकाधिक मुकदमों को निपटाने में महती भूमिका निभा रही है। इसके साथ ही, वंचित तबकों को न्याय दिलाने तथा भ्रष्टाचार की रोकथाम में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लोक अदालतों ने गरीबों, आपदा पीड़ितों, आदिवासियों, वरिष्ठ नागरिकों और एसिड अटैक पीड़ितों को निःशुल्क कानूनी सहायता और मुआवजा दिलवाया है।
देश के स्वतंत्रता आदोलन में वकीलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज की स्थिति में भी उन्हें अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सहिष्णुता लोकतंत्र का गहना है। आज देश में तनाव और हिंसा का माहौल है ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री को देश को आश्वस्त करना चाहिए कि देश में प्रेम, सद्भावना और भाईचारा बना रहे। न्यायपालिका का सम्मान सभी का दायित्व है। राज्यों में राजनैतिक स्थिरता आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि चुनी हुई सरकारों को खरीद फरोख्त के आधार पर प्रभाव��त करने की प्रवृति पर अंकुश लगे।
इस बात की आवश्यकता पर बल दिया कि समाज के वंचित तबके को न्याय सुलभ हो। न्यायलयों में क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। न्यायपालिका से विचाराधीन कैदियों की समस्या बड़ी चुनौती है, इस दिशा में गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने गत वर्षों में विधिक सेवाओं में अभूतपूर्व कार्य करते हुए नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। राज्य सरकार द्वारा प्राधिकरण को वित्तीय वर्ष 2021-22 में 66.51 करोड़ तथा 2022-23 में 67.66 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इसके अलावा भवनों के निर्माण और रख-रखाव के लिए भी फण्ड जारी किए गए। लोक अदालतों के सफल अयोजन के लिए अतिरिक्त मैनपावर की व्यवस्था की गई।
राष्ट्रीय लोक अदालत के कार्यों में सम्मिलित रहे राज्य कर्मचारियों को क्षतिपूर्ति अवकाश दिए जाने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा लोगों को समय पर न्याय मिल सके इसके लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को सभी आवश्यक सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। इससे अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा।
18वें अखिल भारतीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के सम्मेलन में विधि सेवाओं को मजबूत करने तथा पीड़ित वर्गों को न्याय दिलाने की दृष्टि से जो भी उपयोगी सुझाव आएंगे उनके क्रियान्वन में राज्य सरकार अपनी भूमिका सकारात्मक रूप से निभाएगी।
सम्मेलन में भारत के मुख्य न्यायाधिपति श्री एन. वी. रमन्ना ने अपने उद्बोधन में कहा कि लोकतंत्र तभी सफल माना जाएगा जब न्याय तक सभी की पहुंच तथा कानून में सभी की भागीदारी सुनिश्चि��� होगी। उन्होंने कहा कि जब न्याय व्यवस्था तक गरीब की पहुंच रहेगीतभीवह अपने अधिकारों के उल्लंघन पर कानून का उपयोग कर पाएगा।उन्होंने कहा कि न्याय व्यवस्था में संविधान की मूल भावनाओं को निहित करते हुए आधुनिक तकनीकों एवं टूल्स का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयासों तथा नवाचारों की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के प्रयासों के तहत काफी हद तक देश में न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के मामलों में कमी आई है। उन्होंने ज्यूडिशियल सिस्टम में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने तथा नई भर्तियां करने पर भी जोर दिया जिससे कोर्ट में लंबित मामलों को कम किया जा सके।
समारोह में केंद्रीय विधि मंत्री श्री किरण रिजिजू ने कहा कि कार्यपालिका तथा न्यायपालिका में तालमेल रहेगा तो संविधान में निहित ’’सभी को न्याय’’ का सपना साकार हो पाएगा। उन्होंने कहा की न्याय का द्वार सभी के लिए खुला होना चाहि��। उन्होंने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा संचालित लोक अदालतों की तारीफ करते हुए कहा कि इसके माध्यम से आमजन को शीघ्र न्याय मिलने पर राहत मिली है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर गैर जरूरी कानूनों को संसदीय व्यवस्था से हटाया गया है जिससे आमजन पर अनावश्यक भार नहीं पड़े। उन्होंने न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करने पर जोर दिया जिससे आमजन को न्यायिक प्रक्रिया की बेहतर समझ हो सकें।
समारोह में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की शुरुआत हुए 25 साल हो चुके हैं । उन्होंने बताया कि इस दौरान प्राधिकरण द्वारा विभिन्न तरह के नवाचार किये गए है जिससे कोर्ट में लंबित मामलों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा संचालित आउटरीच कार्यक्रम के तहत 42 दिनों तक देश के सभी गांवों में न्यायालयों के लंबित मामलों को निपटाया गया। समारोह में राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश श्री एस. एस. शिंदे ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पहले ई प्रिजन पोर्टल फोर सिटीजन एवं लीगल सर्विस अथॉरिटी के अंतर्गत नवाचार का लोकार्पण किया गया। साथ ही, लीगल ऐड केसेज मैनेजमेंट पोर्टल एवं मोबाइल ऐप फोर लीगल ऐड लायर्स का भी ऑनलाइन लोकार्पण किया गया।
केंद्रीय विधि मंत्री द्वारा नालसा ऑनलाइन मीडिएशन पोर्टल फॉर कमर्शियल मीडिएशन का ऑनलाइन लोकार्पण किया गया। समारोह में रिलीज यूटीआरसी एट 75 कैंपेन का भी ऑनलाइन लॉन्च किया गया। साथ ही केंद्रीय विधि मंत्रालय तथा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के बीच 112 एस्पिरेशनल जिलों में लीगल लिटरेसी प्रोग्राम, टेली लॉ तथा न्यायबंधु के लिए एमओयू किया गया। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न न्यायाधीश, विभिन्न राज्यों के मुख्य न्यायाधीश, मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा सहित संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
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webvartanewsagency · 2 years ago
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RBI ने रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का किया ऐलान, कार और होम लोन फिर होंगे महंगे
नई दिल्ली, (वेब वार्ता)।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है. आरबीआई ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) की है. इसके बाद सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. देश में महंगाई (Inflation) काबू में आने के बाद भी आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया है. 6.50 फीसदी पर पहुंचा रेपो रेट देश में महंगाई दर का आंकड़ा कम होने के बाद भी रिजर्व बैंक ने लगातार छठी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. इसके बाद रेपो रेट 6.25% से बढ़कर 6.50% हो गया है. यानी होम लोन से लेकर ऑटो और पर्सनल लोन सब कुछ महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी. देश का आम बजट पेश किए जाने के बाद ये आरबीआई एमपीसी की बैठक थी और इसमें फिर से आम आदमी के झटका लगा है. छह बार में इतनी हुई बढ़ोतरी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) ने बुधवार को तीन दिवसीय एसपीसी बैठक (MOC Meet) में लिए गए फैसलों का ऐलान किया. बता दें एक्सपर्ट्स पहले से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी किए जाने की संभावना जता रहे थे. गौरतलब है कि इससे पहले दिसंबर 2022 में हुई MPC बैठक में ब्याज दरों को 5.90% से बढ़कर 6.25% किया गया था. आरबीआई ने बीते साल से अब तक छह बार रेपो रेट में इजाफा करते हुए कुल 2.50% की बढ़ोतरी की है. 25 बीपीएस की बढ़ोतरी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार, 8 फरवरी, 2023 को मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की घोषणा की। रेपो दर में 25 बीपीएस की वृद्धि की गई है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने प्रमुख बेंचमार्क ब्याज दर में 35 आधार अंकों (bps) की वृद्धि की थी। आपको बता दें कि पिछले साल मई से, रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अल्पकालिक उधार दर में 225 आधार अंकों की वृद्धि की है। मौद्रिक नीति समिति ने बैठक में Liquidity Adjustment Facility (LAF) के तहत रेपो दर को 25 आधार अंक बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में की गई छठी वृद्धि है। केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। दिसंबर में दरों में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। वैश्विक परिस्थियों से अछूता नहीं है भारत गवर्नर दास ने कहा कि पिछले वर्षों की अभूतपूर्व घटनाओं ने मौद्रिक नीति का परीक्षण करते रहने की जरूरत महसूस कराई है। उन्होंने कहा कि यह देखते हुए, हाल के महीनों में आरबीआई ने मुद्रास्फीति को कितनी अच्छी तरह नियंत्रित किया है, अनुमान है कि यह जल्द ही यह टॉलरेंस बैंड के भीतर होगी। कराधान के मोर्चे पर हाल के सुधारों के माध्यम से ऐसा लगता है कि सरकार ने भारत की अर्थव्यवस्था को बचत पर केंद्रित अर्थव्यवस्था से उपभोग पर आधारित अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए नियमों को बदल दिया है। दरों में आखिरी बढ़ोतरी? रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई कि शायद यह रेपो दरों में आखिरी बढ़ोतरी हो। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अगले महीनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी, इसके बाद अगले साल से दरों में उलटफेर शुर�� हो जाएगा। एमएस��फ, एसडीएफ दरों में बढ़ोतरी एसडीएफ (स्थायी जमा सुविधा) दर 6% से 6.25% तक समायोजित की गई हैं। MSF (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी) की दरें 25 बीपीएस से बढ़कर 6.75% हो गई हैं।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें...
…प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया। …मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया। …चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी। …मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में। …खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। ….चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान। ….बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ….चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा। ….दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी। Read the full article
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exampur · 2 years ago
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महत्वपूर्ण टॉपिक्स जिन्हें आपको यूपी लेखपाल परीक्षा हेतु अवश्य पढ़ना है।
जैसा की आप जानते है, Uttar Pradesh Revenue Lekhpal Exam 2022 उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 24 जुलाई 2022 को आयोजित करवाई जा रही है। आशा है कि आप लोग अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं लेकिन कई छात्र परीक्षा को लेकर चिंतित हो रहे हैं।  देखिए! स्ट्रेस लेना ठीक है लेकिन अगर स्ट्रेस लेना आपकी स्टडी रूटीन को प्रभावित कर रहा है तो स्ट्रेस को कम करने के लिए आपको योगा या मेडिटेशन करना चाहिए।
चूंकि हमारे हाथ में केवल कुछ दिन शेष हैं इसलिए मैं उम्मीद कर रही हूं कि आप लोग पहले ही पूरा सिलेबस कवर कर चुके होंगे। तो यही वह क्षण है जब आपको पढ़ी हुई चीजों को पुनः दोहराना शुरू कर देना चाहिए।
दोहराने के लिए आपको पता होना चाहिए कि इस समय किन विषयों को करने की सबसे अधिक आवश्यकता है। इस पोस्ट के माध्यम से मैं प्रत्येक खंड से कुछ सबसे महत्वपूर्ण विषय साझा कर रही हूं। आइये देखते हैं-
गणित
संख्या प्रणाली, प्रतिशत, लाभ और हानि, औसत, लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्��म समापवर्त्य और उनमें सम्बन्ध, ब्याज, केंद्रीय माप: समानांतर माध्य, माध्यिका और बहुलक, बार ग्राफ / पाई चार्ट / आवृत्ति बहुभुज, क्षेत्रमिति 2D और 3D, त्रिभुज, वृत्त, चतुर्भुज और द्विघात समीकरण।
ग्रामीण विकास और ग्रामीण समाज 
ग्राम विकास भारतीय सन्दर्भ में , ग्राम विकास प्रबंधन, ग्राम विकास शोध प्रणालियाँ, ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएँ, ग्रामीण सामाजिक विकास, ग्राम विकास में भूमि सुधार का महत्व, लेखपाल के कार्य एवं भूमि मापन, भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था (कृषि व्यवस्था), उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास एवं सामान्य जानकारी, पंचायती राज व्यवस्था/ उत्तर प्रदेश में कृषि व्यवस्था, केंद्र सरकार की योजनाएँ/ उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएँ।
सामान्य ज्ञान
सामान्य विज्ञान :- जीव विज्ञान (कोशिका, मानव शरीर, विटामिन, रोग) रसायन विज्ञान, भौतिकी, आदि
इतिहास: - भारतीय इतिहास के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक पहलू - प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास, आधुनिक इतिहास, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की प्रकृति और महत्व, राष्ट्रवाद का उदय
राजव्यवस्था;- भारतीय राजव्यवस्था - भारतीय संविधान, 
अर्थव्यवस्था:- भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना 
भूगोल: - विश्व भूगोल, भारतीय भूगोल - भूमि, मिट्टी, नदियाँ, झीलें, झरने, कृषि, सिंचाई, बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाएँ, जनजातियाँ, उद्योग, खनिज संसाधन, राष्ट्रीय उद्यान / वन्य जीवन अभयारण्य,
सामान्य कंप्यूटर ज्ञान।
स्टेटिक जीके
विविध; - भारत के वित्तीय, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक संस्थानों से विभिन्न विषय, भारत की भौतिक / पारिस्थितिकी, आर्थिक, सामाजिक और जनसांख्यिकीय मुद्दे।
सामान्य संख्या
समास, सन्धि, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, तत्सम शब्द, तद्भव शब्द, लिंग, वचन, कारक, काल, अनेकार्थी शब्द, वाक्यांशों के लिए एक शब्द निर्माण, लोकोक्तियां एवं मुहावरे, वर्तनी, त्रुटि, वाक्य संशोधन, रस, अलंकार, छन्द, वर्ण, उच्चारण और वर्तनी
विकारी शब्द:- संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण
अविकारी शब्द (अव्यय):- क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चय बोधक, विस्मयादिबोधक
यूपी स्पेशल
उत्तर प्रदेश: एक नज़र में, जलवायु, नदियाँ और धाराएँ मिट्टी, ऐतिहासिक परिदृश्य - उत्तर प्रदेश और स्वतंत्रता संग्राम, संगीत, लोक गीत, लोक नृत्य, पेंटिंग, प्रमुख त्यौहार और मे��े
संग्रहालय, दर्शनीय स्थल, जनजातीय समूह, कृषि, सिंचाई, पशुपालन और मत्स्य पालन
उद्योग, विद्युत ऊर्जा, खनिज संसाधन, परिवहन प्रणाली, वन और जीव संरक्षण, पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण, साहित्य और साहित्य, पत्रकारिता
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सामान्य सुझाव
आपको UP Lekhpal Previous Year Question Papers का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि इससे आपको प्रश्नों के कठिनाई स्तर को जानने में मदद मिलेगी।
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mwsnewshindi · 2 years ago
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थोक, खुदरा क्षेत्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से सीबीडीसी का परिचय: आधिकारिक
थोक, खुदरा क्षेत्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से सीबीडीसी का परिचय: आधिकारिक
को लागू करने की प्रक्रिया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) चरणबद्ध तरीके से थोक और खुदरा क्षेत्रों के लिए काम कर रहा है, रिजर्व बैंक के एक अधिकारी भारत हाल ही में कहा है। की शुरूआत सीबीडीसी केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा घोषित किया गया था और आरबीआई अधिनियम, 1934 के संबंधित खंड में आवश्यक संशोधन वित्त विधेयक 2022 के पारित होने के साथ किया गया है, अजय कुमार चौधरी,…
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lok-shakti · 3 years ago
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गौड़ा : एमएसपी के लिए बजट फंड कम होने से खाद्य उत्पादन पर पड़ेगा असर
गौड़ा : एमएसपी के लिए बजट फंड कम होने से खाद्य उत्पादन पर पड़ेगा असर
पूर्व प्रधान मंत्री देवेगौड़ा ने सोमवार को कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र के लिए केंद्र की घोषणा ने लोगों को निराश किया है, यह कहते हुए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए “कम” आवंटन खाद्य उत्पादन और किसानों की आय पर “प्रतिकूल प्रभाव” डालेगा। राज्यसभा में बोलते हुए, देवेगौड़ा ने कहा कि वह पक्ष नहीं लेते हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र के लिए सरकार के आवंटन ने उन सभी को “निराश” किया है जो बढ़े हुए…
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technofyworld · 3 years ago
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बिटकॉइन, एथेरियम, अन्य क्रिप्टो कभी भी कानूनी निविदा नहीं होंगे, केवल आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया होगा: वित्त सचिव
बिटकॉइन, एथेरियम, अन्य क्रिप्टो कभी भी कानूनी निविदा नहीं होंगे, केवल आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया होगा: वित्त सचिव
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेंगी, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने एएनआई को बताया कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी डिजिटल रुपया ही कानूनी निविदा होगा। एएनआई से बात करते हुए, वित्त सचिव ने कहा, “डिजिटल रुपये को आरबीआई द्वारा समर्थित किया जाएगा जो कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं होगा। पैसा होगा भारतीय रिजर्व बैंक लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी…
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