#कुंदन
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hadleysmis · 9 days ago
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One of the things I didn't expect to find myself in while going down a semi-deep search of Les Misérables adaptations, was to find myself having been fooled by obvious British propaganda. Of course with this revelation, I have to undo its damage by educating myself, but more importantly, this is about the portrayal of the Quit India Movement (1942-5) from Kundan, released in 1955.
I know many of the people who interact with me online are not British (lucky you), I do want to explain what the misleading education is for us in the education system: no mention of India.
When we talk about the British Empire, it was very brief and not a proper topic to be questioned on, etc. Of course, with this knowledge of the gigantic holes in education, one wouldn't be surprised to know that we were not officially taught of India, Bangladesh, and Pakistan. (We also weren't taught of other countries under the Empire.)
One of the very few things we were given were quotes from leaders who 'liberated' India, by saying that the British were so moved by the peaceful protests, that we let them go. This is harmful thinking, and obviously not true.
For the longest time, I thought the way it was phrased was wrong and that the leaders were racists still; however I never questioned the contents of the words. That yes indeed it was a completely peaceful protest (with no civil disobedience either), and only from watching a Hindi movie about the protest movement was I able to find out that this was way further from the truth than I imagined.
There were fights, guns, smokes, arson, flogging: violence. It was a protest. A successful protest which violence played a role in.
India fought long, and very long they officially fought and argued with the Brits for better treatment, and they fought hard. That's something I will try not let swept under the rug. (Not to mention that the Empire stole tens of trillions of pounds from India and then subsequently fractured the country.)
It's art like these which wakes people up from propaganda. Art is also educational.
I know this can be frustrating (and obvious in its conclusion) to read this post if you knew about basic recent Indian history, but I am truly trying to learn and undo the colonial mindset that I was brought up in when I moved to England. I've linked sources for others like me who may not have encountered educational materials surrounding the Quit India Movement, so if anyone is interested, click the 'keep reading' button.
Anyways, if you know me you already know Kundan is my favourite on-screen adaptation of Les Misérables; but jic this reaches to people outside of my small audience in a big stroke of luck, then yeah, I want to reiterate that this adaptation is goated. Have a nice day, everybody.
Have a read:
https://southasia.ucla.edu/history-politics/gandhi/quit-india/
"Women were prominent in the Quit India Movement that began in 1942. When the movement spread to the countryside, large number of peasant women joined men in protesting taxes, land tenure, and landholder's rights. At the end of September 1942, peasants attacked police stations and destroyed telegraph lines in four sub-divisions of Medinipur district. When people of Tamluk sub-division marched on the town, Matangini Hazra, a 73-year old widow, stepped forward, lifted the Congress flag, and gave her first public speech. She was shot first in the hand holding the flag and then in the head.
Two Bengali women, Aruna Ganguli Asaf Ali (1909-1996) and Sucheta Mazumdar Kripalani (1908-1974), both domiciled in other parts of the country, became all-India leaders in this movement. In 1942 Aruna Asaf Ali went underground to organise the resistance and hinder the war effort. Sucheta Kripalani also went into hiding in 1942, but she worked to co-ordinate non-violent activity to bring the government to a standstill.
The Bengal Famine of 1943-1944 caused the death of at least 3.5 million people and the impoverishment and dislocation of millions more. Women who previously earned a living by husking paddy or trading in the local market were deprived of their incomes. In addition to food shortages, women faced sexual harassment when they sought employment or help from relief centres. During the famine years, women were visible both as victims and activists. Starving women begged for food in public places, while middle-class women worked to provide relief." -Banglapedia, titled 'Women'
Kundan:
youtube
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top-leaders-in-india · 2 months ago
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Cabinet Minister Col Rajyavardhan Rathore inaugurated the Jaipur Jewellery Show
कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने जयपुर ज्वेलरी शो का किया शुभारंभ
जयपुर ज्वेलरी शो का भव्य आयोजन रत्न और आभूषण उद्योग की सर्वश्रेष्ठ पेशकश का सर्वोत्कृष्ट प्रतिनिधित्व है : कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
राजस्थान सराकर में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शुक्रवार को विश्व भर में अपनी खास पहचान बना चुके जयपुर ज्वेलरी शो का जेईसीसी, जयपुर में शुभारंभ कर उपस्थित गणमान्य जनों को संबोधित किया एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, यह भव्य आयोजन रत्न और आभूषण उद्योग की सर्वश्रेष्ठ पेशकश का सर्वोत्कृष्ट प्रतिनिधित्व है।
मुख्य अतिथि कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने आभूषण उद्योग से जुड़े उद्योगपतियों से आग्रह किया कि वे अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि आभूषणों के पीछे एक ऐसी कहानी गढ़नी चाहिए जिससे उपभोक्ता भावनात्मक रूप से जुड़ सकें। उन्होंने आभूषण उद्योग में कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया। टूरिज्म के साथ ज्वेलरी को जोड़ना चाहिए साथ ही ऐसे और भी आयोजन होने चाहिए, जहाँ भारत के साथ साथ विदेश में रहने वाले लोग भी आयें और जहाँ पर यह काम होता है, जहाँ कारखाने हैं वहां देखें कि ज्वेलरी किस तरह से बन��ी है, कैसे काम होता है। इससे अच्छी मार्केटिंग होने के साथ बिक्री भी ज्यादा होगी और लोग भारत के हुनर, कला और यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों की खूबियों को जान पाएंगे।
राज्य में लगभग 100 से अधिक कारखाने कार्यरत हैं। जयपुर में 300 से अधिक विभिन्न प्रकार के बहुमूल्य और अर्ध-कीमती रत्नों का प्रसंस्करण किया जाता है। यह क्षेत्र प्रमुख रोजगार सृजनकर्ता है, तथा ‘जेम बोर्स’ की स्थापना की योजना है, जिससे 1 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। भारत के कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात में राजस्थान का योगदान 17.5%, भारत के मीनाकारी आभूषण निर्यात में लगभग 90% तथा कुंदन आभूषण निर्यात में 60% है। जयपुर के सीतापुरा में 110.8 एकड़ भूमि पर फैले विशेष आर्थिक क्षेत्र में 154 इकाइयां हैं, जो 11,217 लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं। आईआईजीजे आरएलसी सीतापुरा में स्थापित परीक्षण और प्रमाणन के लिए उन्नत अनुसंधान एवं केन्द्रों में से एक है।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, अप्रैल-जनवरी 2024 के दौरान भारत का रत्न और आभूषण निर्यात 26.3 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा। देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान 6–7% है तथा 4.3 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वित्त वर्ष 2023 में भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में इस क्षेत्र का योगदान 9% होगा। भारत दुनिया में सोने के आभूषणों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है, जबकि अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, रूस, सिंगापुर, हांगकांग, लैटिन अमेरिका और चीन इसके आयातक देशों में शामिल हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए भारत आभूषणों का सबसे बड़ा आयातक देश है, जो अमेरिकी बाजार की 16% मांग को पूरा करता है। वित्त वर्ष 2023 में भारत का प्रयोगशाला में विकसित हीरे का निर्यात 27.8% बढ़कर 1678.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
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helputrust · 2 years ago
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लखनऊ, 28.8.2023 | श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाये जाने वाले भाई बहन के अटूट प्रेम और सौहार्द के प्रतीक रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा लोयोला इंटरनेशनल स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में लोयोला इंटरनेशनल स्कूल, महानगर में राखी मेकिंग कार्यशाला (Rakhi Making Workshop) का आयोजन किया गया | कार्यशाला में छात्राओं ने रंग बिरंगी राखियां बनाकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का परिचय दिया बल्कि भाई बहन के प्यार से बंधे हुए पावन पर्व रक्षाबंधन की सभी को शुभकामनाएं भी दीं | कार्यशाला में स्कूल की लगभग 50 छात्राओं ने बड़े उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा श्रीमती पल्लवी आशीष, मैं पलाश कलाकार से अलग-अलग तरह की राखियां बनाना सीखा |
श्रीमती पल्लवी आशीष ने छात्राओं को एम-सील (M-Seal), कार्डबोर्ड, मौली, कुंदन और मोतियों से परंपरागत भैया भाभी राखियां व लुम्बा बनाना सिखाया जिसे बनाकर छात्राओं के चेहरे खुशी से खिल उठे | इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं में रचनात्मक एवं कलात्मक कौशल को पहचानना एवं उनका विकास करना था।
कार्यशाला में श्रीमती पल्लवी आशीष, मैं पलाश कलाकार, लोयोला इंटरनेशनल स्कूल की शिक्षिकाओं श्रीमती मीनाक्षी श्रीवास्तव, श्रीमती लिपिका वैद्य, छात्राओं में इफ़रा, एलिजा, गार्गी, श्रेया वर्मा, अनन्या वैद्य, अनुष्का दूबे, आरुषि गुप्ता, फातिमा हुसैन, शीन जावेद, मायशा खातिब, सुहानी, वैष्णवी जायसवाल, गौर��� रस्तोगी, ख़ुशी यादव, इशिका वर्मा, रौनक फ़िरदौज, यशस्वी श्रीवास्तव, आर्या गुप्ता, दीप्ति कुमारी, शानवी सिंह, रिशिका मित्तल, अरीबा  सहित 50 छात्राओं तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयं सेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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deathelegy · 2 years ago
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साला पहले कुंदन में खुद को देखता था, आज खुद में कुंदन देख रहा हूं ।।
– अय्यारी
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komalcreatpublication · 17 days ago
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राजस्थान के आभूषण 
राजस्थान के आभूषण
राजस्थान अपनी समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और आभूषणों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के गहने न केवल सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि राजस्थानी संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक भी हैं। ये आभूषण सोने, चांदी, कुंदन, मीनाकारी, और लाख से बनाए जाते हैं और इनमें बारीक नक्काशी तथा रत्न जड़ित होते हैं। Let us discuss about राजस्थान के आभूषण 
राजस्थान के प्रमुख आभूषण
1. सिर के आभूषण
बोरला – गोल आकार की मांगटीका, जिसे विवाहित महिलाएं पहनती हैं।
माथा पट्टी – माथे पर पहनने वाला गहना, जो दोनों ओर बालों में जुड़ा होता है।
शीशफूल – सिर को सजाने वाला एक भव्य आभूषण, जो शादी और उत्सवों में पहना जाता है।
2. गले के आभूषण
आड़ (Aad) – एक पारंपरिक चौड़ी चोकर-स्टाइल हार, जिसे राजस्थानी दुल्हनें पहनती हैं।
रानी हार – लंबी और बहुस्तरीय माला, जिसे राजघराने की महिलाएं पहनती थीं।
कंठी – सोने या चांदी की छोटी माला, जिसे धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है।
3. कान के आभूषण
झुमके – बेलनुमा झूलते हुए कानों के कुंडल।
कानबाली / सूरलिया – बड़े और भारी कान के कुंडल।
बजराबंद – बालों से जुड़ी हुई कान की बालियां।
4. नाक के आभूषण
नाथ – बड़ी और मोतियों से जड़ी नथ, जिसे शादी में पहना जाता है।
लौंग – छोटी नाक की बाली, जिसे रोज़मर्रा में भी पहना जाता है।
5. हाथ और बाजू के आभूषण
चूड़ा / कड़ा / गोखरू / पाटला – चूड़ियां जो लाख, सोने, चांदी से बनी होती हैं।
हथफूल – अंगूठियों और कंगन को जोड़ने वाली चेनयुक्त सुंदर ज्वेलरी।
बाजूबंद (बाहुबंध) – ऊपरी भुजा पर पहना जाने वाला एक विशेष आभूषण।
6. कमर के आभूषण
कर्दनी (कमरबंद) – कमर पर बांधा जाने वाला गहना, जिसे महिलाएं और बच्चे पहनते हैं।
7. पैरों के आभूषण
पायल – चांदी की बनी पायल, जो चलते समय मधुर ध्वनि करती है।
बिछुआ – विवाहित महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली चांदी की अंगूठी।
निष्कर्ष
राजस्थान के आभूषण शाही ठाठ-बाट और परंपरा का प्रतीक हैं। चाहे शादी हो या कोई विशेष अवसर, ये गहने हर महिला की सुंदरता को निखारते हैं और पीढ़ी-दर-पीढ़ी इनकी विरासत चली आ रही है। ✨
You can also watch राजस्थान के प्रमुख आभूषण video in our channel
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narmadanchal · 27 days ago
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फुटबाल प्रतियोगिता : मॉर्निंग क्लब को नेशनल क्लब ने 5-2 से हराया
इटारसी। रेलवे बॉयज फुटबॉल क्लब एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ मुख्य शाखा द्वारा आयोजित फुटबाल के महाकुंभ में आज तीसरे दिन एक मैच खेला गया। मॉर्निंग क्लब एवं नेशनल फुटबॉल क्लब के बीच मैच काफी रोमांचक रहा। मुख्य अतिथि सीनियर डीईई टीआरएस नीरज शर्मा, एईई प्रतीक कुमार का वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ इटारसी के कोऑर्डिनेटर कुंदन अगलावे, मंडल कोषाध्यक्ष भागीरथ मीणा, आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश गौर, क्लब…
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zamania-news · 30 days ago
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गाजीपुर में बाइक हादसे में हलवाई की मौत, शादी के 10 दिन बाद उजड़ा सुहाग
गाजीपुर। सादात थाना क्षेत्र के प्यारेपुर साधु कुटी के पास रविवार की सुबह हुए एक भीषण सड़क हादसे में आजमगढ़ जिले के तरवां थाना क्षेत्र के भगवानपुर खिलवां गांव निवासी कुंदन यादव (27) की मौत हो गई। वहीं, दूसरे बाइक सवार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेंटर भेजा गया। घटना के समय कुंदन यादव अपने भांजे अस्मित (7) और भांजी मुस्कान (12) को बाइक पर बैठाकर वाराणसी जा रहे थे।…
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agra24 · 1 month ago
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गणतंत्र दिवस के अवसर पर बाईसी की सांस्कृतिक परंपराओं का उत्सव
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गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आगरा के बाईसी क्षेत्र में आयोजित एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम ने राष्ट्रीय एकता, भाईचारे और वैश्विक बंधुत्व का संदेश दिया। इस कार्यक्रम का आयोजन "बाईसी ब्रिगेड रेस्टोरेंट" और "अमृता विद्या- एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी एंड डिफेंस" के संयुक्त प्रयास से किया गया। कार्यक्रम के केंद्र में प्रख्यात गजल गायक सुधीर नारायण और उनके समूह की प्रस्तुति रही। सुधीर नारायण ने "वसुधैव कुटुम्बकम" की थीम पर आधारित अपनी गायन शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 'वसुधैव कुटुम्बकम' की संगीतमय प्रस्तुति "वसुधैव कुटुम्बकम," जिसका अर्थ है "संपूर्ण विश्व एक परिवार है," को गायक ने अपने गायन में इस प्रकार पिरोया कि हर श्रोता भावविभोर हो गया। इस प्राचीन संस्कृत वाक्यांश की प्रस्तुति का यह पहला अवसर था, जो व्यासजी की जन्मस्थली नगला मच्छेदरी के निकट आयोजित हुआ। सुधीर नारायण और उनके समूह ने देशभक्ति के गीतों के साथ-साथ गजल की प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन किया। उनकी प्रस्तुति में आगरा के कवि सुशील सरित की रचना भी शामिल थी: सारी ध���ा हमारा घर है, सारा जग परिवार युग युग से हम सदा बांटते, रहे सभी को प्यार। कार्यक्रम का समापन "ऐ मेरे वतन के लोगों" जैसे भावपूर्ण गीतों के साथ हुआ, जिसने उपस्थित लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत कर दी। सामाजिक सरोकारों से जुड़ी पहल
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ग्रुप कैप्टन डॉ. कुंवर जे.पी.एस. चौहान, जो इस आयोजन के मुख्य मेजबान थे, ने बाईसी ब्रिगेड रेस्टोरेंट की "कमाना और सेवा करना" की मूल भावना को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि यह प्रतिष्ठान सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से समाज सेवा के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। उन्होंने विशेष रूप से वृद्धाश्रमों के संवासियों के साथ जन्मदिन मनाने और स्थानीय मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने जैसे कार्यों का उल्लेख किया। अमृता विद्या की भूमिका "अमृता विद्या- एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी" संस्था के जनरल सेक्रेटरी अनिल शर्मा ने कहा कि उनका उद्देश्य शिक्षा और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में सांस्कृतिक गतिविधियों की कमी को देखते हुए संस्था स्थानीय कलाकारों और आयोजनों को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। इतिहास और परंपरा से प्रेरणा
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कार्यक्रम में बाईसी क्षेत्र के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। बाईसी, जो 22 चौहान-बहुल गांवों का समूह है, पृथ्वीराज चौहान के समय से अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। एत्मादपुर तहसील का आशापुरा मंदिर, जिसे ठाकुर समुदाय अपनी कुलदेवी के रूप में पूजता है, बाईसी क्षेत्र का एक प्रमुख आस्था स्थल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 45 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, जिसके तहत प्रमुख संरचनाओं और सांस्कृतिक पहलुओं का विकास किया जा रहा है। उपस्थित गणमान्य लोग इस अवसर पर मेजर जनरल जॉयदीप भाटी, सेना मेडल विजेता, 1965 और 1975 के युद्ध योद्धा, तथा कर्नल जहीर सिंह राठौड़ जैसे प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में नागरिक और सैन्य क्षेत्र से जुड़े कई अन्य गणमान्य अतिथि, जैसे एडवोकेट विजय पाल सिंह चौहान, न्यायाधीश कुंदन किशोर, और रक्षा संपदा अधिकारी दीपक मोहन उपस्थित रहे। बाईसी ब्रिगेड रेस्टोरेंट और अमृता विद्या के संयुक्त प्रयास ने न केवल गणतंत्र दिवस के जश्न को सांस्कृतिक गौरव से जोड़ा बल्कि सामाजिक और शैक्षिक जागरूकता को भी प्रोत्साहित किया। इस पहल ने क्षेत्र में सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक नई दिशा दी है। Read the full article
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sharpbharat · 1 month ago
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Jamshedpur rural gcjd school netaji jayanti : मुसाबनी जीसीजेडी हाई स्कूल में उत्साह पूर्वक मनी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती, प्रधानाचार्य व शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों ने भी नेताजी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया नमन
मुसाबनी : मुसाबनी एवं आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पूरे उत्साह एवं श्रद्धा के साथ मनाई गई. इस अवसर पर जीसीजेडी हाई स्कूल में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर नेताजी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई. विद्यालय के संस्थापक सचिव कुंदन कुमार सिंह के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षकों और छात्रों ने नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया. कार्यक्रम के…
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ashok-kumars-world · 3 months ago
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*युद्ध नहीं जिनके जीवन में,*
*वो भी बहुत अभागे होंगे।*
*या तो प्रण को तोडा होगा,*
*या तो रण से भागे होंगे।*
*दीपक का कुछ अर्थ नही है,*
*जब तक तम से नहीं लड़ेगा।*
*दिनकर नहीं प्रभा बांटेगा,*
*जब तक नहीं स्वयं धधकेगा।*
*कभी दहकती ज्वाला के बिन,*
*कुंदन भला बना है सोना।*
*बिना घिसे मेहंदी ने बोलो,*
*कब पाया है रंग सलोना।*
*जीवन के पथ के राही को,*
*क्षण भर भी आराम नहीं है।*
*कौन भला स्वीकार करेगा,*
*जीवन एक संग्राम नहीं है।*
**
केवल भाग्यशालीयों को ही कठिन परिश्रम करने का मौका मिलता है।
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hadleysmis · 6 months ago
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Introduction
My first and foremost intention is to share Asian adaptations/translations/retellings of Les Misérables.
Call me Hadley.
I tag the country and the language of the adaptation or translation, and from there you can navigate.
Unfortunately much of my resources are Japanese, so there will be a bias on that in terms of Asian content. Bear with me please ㅜㅜ
If you need information on where to find these adaptations, I can provide them.
Please have a good time scrolling through my account. I encourage interactions and questions.
Please, do not joke about suicide in relation to you or me on my blog. It sounds very specific but, hey, it happens. Until this statement gets deleted, please respect this request.
I also have an account about Ainu resources: @hawon-ee
Talk to me about other fandom stuff! @hadleysawsomethingheliked
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Submit suggestion of Asian adaptation to explore:
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Click below for adaptations discussed.
China
Chinese fandom (and modern translations)
Les Misérables Peking Opera | 京剧 悲惨世界
2023 Mandarin Les Misérables play|悲惨世界
1903 Su Manshu's translation
孤星淚(雨果)| gū xīng lèi
Hong Kong
《孤星淚》 中英劇團 | 2013 Hong Kong performance
Les Misérables manga classics
孤星淚(經典話劇版)| 2016 performance in Hong Kong
India
బీదలపాట్లు | Beedala Patlu
ஏழை படும் பாடு | Ezhai Padum Padu
कुंदन | Kundan
Indonesia
Vocal performances
Iran
2019 Tehran Musical production
Japan
青い鳥文庫|Aotoribunnko (book, two editions)
犬木加奈子|アロエッテの歌|Inuki Kanako|Alouette no uta
新井隆広|Arai Takahiro
Arm Joe
ルールブルーの友らへ | Dear Friends of L'Heure Bleu
五島夕夏|Gotou Yuuka's animal picture book
Japanese musical productions
ジャン・バルジャンとジャベール | Jean Valjean and Javert Audiobook
ジャンバルジャン物語|Jean Valjean monogatari
巨人傳|Kyojinndenn
Les Misérables 惨めなる人々 | Les Misérables mijime naru hitobito
まんが世界昔ばなし|Manga sekai mukashi banashi
みなもと太郎|Minamoto Tarou|Minamoto's manga
谷桃子バレエ団|Momoko Tani Ballet production
岡田純子|Okada Jyunko|Les Mis erotica
終わりなき旅路|Owarinaki tabiji
ポプラ世界名作童話|Popular sekai meisaku douwa (book)
レ・ミゼラブル 少女コゼット|Shoujo Cosette
少年少女世界名作の森|Shounenn shoujo sekai meisaku no mori (book)
TEAMバンミカス|Team Banmikasu manga
Korea
저학년을 위한 레 미제라블|Les Misérables for lower age students (Athena Publishing)
Korean Musical productions
쟌발쟌 (1961) | 1961 Korean Movie
도둑 (1996) | 1996 Korean TV series
레미제라블 창작뮤지컬|Original musical soundtrack
삼성당|Samseongdang The Classic Les Misérables
University performances
세계문학그림책|World Cultures Picture Book
Lebanon
Arab Idol and other vocal performances
Les Misérables 1974 series | دراما البؤساء
Mongolia
Musical performances
Philippines
Manila 2016
Singapore
Singapore's 2016 musical production
Sri Lanka
දුප්පතාගේ දුක|Duppathage Duka
Taiwan
University performances
Thailand
A Wish in the Dark
Türkiye
Sefiller
Vietnam
Hồ Biểu Chánh | Ngọn Cỏ Gió Đùa (1926 novel)
Ngọn Cỏ Gió Đùa (1989 Movie)
Ngọn Cỏ Gió Đùa (2013 TV series)
Nguyễn Văn Vĩnh's 1926 translation
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latestnewsandjokes · 3 months ago
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अदिति राव हैदरी और सिद्धार्थ की स्वप्निल सब्यसाची शादी के जोड़े की अनदेखी तस्वीरें
अपने शाही पहनावे को पूरा करने के लिए, अदिति ने बेहतरीन आभूषण पहने, जिसमें एक चोकर हार, लटकते हुए गोल झुमके, कुंदन के काम वाला एक मांग टीका और एक नाजुक नथ शामिल थी। उसके बालों को ताजा फूलों से सजी एक छोटी चोटी में स्टाइल किया गया था, और उसका मेकअप नरम और प्राकृतिक था, जिसमें लाल गाल, नग्न लिपस्टिक और चमकती त्वचा थी, जो एक अलौकिक दुल्हन के लुक को पूरा कर रही थी।
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helputrust · 2 years ago
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लखनऊ, 26.08.2023 | रक्षाबंधन के पावन अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा सेंट जोसेफ स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में सेंट जोसेफ स्कूल, ठाकुरगंज, लखनऊ में राखी मेकिंग कार्यशाला (Rakhi Making Workshop) का आयोजन किया गया | कार्यशाला में छात्राओं ने रंग-बिरंगी राखियां बनाकर न सिर्फ अपनी प्रतिभा का परिचय दिया बल्कि भाई-बहन के प्यार से बंधे हुए पावन पर्व रक्षाबंधन की सभी को शुभकामनाएं दीं | कार्यशाला में स्कूल के करीब 150 छात्राओं ने बड़े उत्साह से भाग लिया तथा श्रीमती पल्लवी आशीष, मैं पलाश कलाकार से अलग-अलग तरह की राखियां बनाना सीखा |
श्रीमती पल्लवी आशीष ने छात्राओं को एम-सील (M-Seal), कार्डबोर्ड, मौली, कुंदन और मोतियों से परंपरागत भैया भाभी राखियां बनाना सिखाई जिसे बनाकर छात्राओं के चेहरे खुशी से खिल उठे |
कार्यशाला में श्रीमती पल्लवी आशीष मैं पलाश कलाकार, सेंट जोसेफ स्कूल की शिक्षिकाओं तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के स्वयं सेवकों की गरिमामयी उपस्थिति रही |
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deathelegy · 2 years ago
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पिछली बार तो कुंदन था, मान गया । पर इस बार शंकर को कैसे रुकोगे ?
- तेरे इश्क़ में
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komalcreatpublication · 20 days ago
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राजस्थान कला एवं संस्कृति 
राजस्थान की कला एवं संस्कृति
राजस्थान अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक कलाओं, परंपराओं, शिल्प और स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है। यह राज्य अपनी रंगीन वेशभूषा, नृत्य, संगीत, चित्रकला, हस्तशिल्प, और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध है। Let us discuss about राजस्थान कला एवं संस्कृति 
1. राजस्थान की लोक कलाएँ
(क) लोक नृत्य
राजस्थान के लोक नृत्य इसकी संस्कृति की जीवंतता को दर्शाते हैं। कुछ प्रमुख लोक नृत्य इस प्रकार हैं:
घूमर नृत्य – यह राजस्थान का सबसे प्रसिद्ध नृत्य है, जिसे महिलाएँ विशेष रूप से त्योहारों और विवाह अवसरों पर करती हैं।
कालबेलिया नृत्य – कालबेलिया जाति की महिलाएँ इसे साँप जैसी लचकती हुई मुद्राओं में प्रस्तुत करती हैं।
भवाई नृत्य – इसमें महिलाएँ अपने सिर पर कई मटके रखकर संतुलन बनाते हुए नृत्य करती हैं।
चारी नृत्य – इसमें नर्तक अपने सिर पर जलते हुए दीपक रखते हैं।
गेर और तेरह ताली नृत्य – यह पुरुषों द्वारा किया जाने वाला नृत्य है, जिसे होली के अवसर पर प्रस्तुत किया जाता है।
(ख) लोक संगीत
राजस्थान का लोक संगीत इसकी परंपराओं और संस्कृति का प्रतिबिंब है। प्रमुख लोक गीत और संगीत रूप इस प्रकार हैं:
मांड – शास्त्रीय संगीत से प्रभावित यह शैली राजस्थानी शाही दरबारों में गाई जाती थी।
पंधारी गीत – यह गीत फसल कटाई और अन्य कृषि कार्यों से संबंधित होते हैं।
लांगुरिया और बन्ना-बन्नी गीत – विवाह और शुभ अवसरों पर गाए जाने वाले पारंपरिक गीत।
कमायचा और रावणहत्था – पारंपरिक राजस्थानी लोक वाद्ययंत्र जो लोक संगीत की ध्वनि को विशिष्ट बनाते हैं।
2. राजस्थान की स्थापत्य कला
राजस्थान अपनी भव्य इमारतों, महलों, किलों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। कुछ प्रमुख स्थापत्य शैली निम्नलिखित हैं:
(क) राजपूत स्थापत्य कला
जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर और बीकानेर के महल और किले इस शैली के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
आमेर किला, जयपुर – राजपूत और मुगल स्थापत्य कला का मिश्रण।
मेहरानगढ़ किला, जोधपुर – राजस्थान का सबसे विशाल किला।
चित्तौड़गढ़ किला – भारत का सबसे बड़ा किला, जो वीरता का प्रतीक है।
(ख) जैन मंदिर स्थापत्य
दिलवाड़ा के जैन मंदिर (माउंट आबू) – अपनी संगमरमर की नक्काशी के लिए विश्व प्रसिद्ध।
रणकपुर जैन मंदिर – संगमरमर से निर्मित यह मंदिर स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना है।
3. राजस्थान की चित्रकला
राजस्थान में कई प्रकार की पारंपरिक चित्रकला शैलियाँ विकसित हुईं, जो विभिन्न रियासतों की संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं को दर्शाती हैं।
(क) प्रमुख चित्रकला शैलियाँ
मेवाड़ शैली – रामायण और महाभारत से प्रेरित चित्रों के लिए प्रसिद्ध।
मारवाड़ शैली – राजस्थानी वीरता, शिकार, और लोक जीवन को दर्शाती है।
बूंदी शैली – प्राकृतिक दृश्यों, पेड़-पौधों और बारिश के दृश्यों की अद्भुत चित्रकारी।
किशनगढ़ शैली – यह शैली अपनी सुंदर नायिका ‘बनी-ठनी’ के लिए प्रसिद्ध है।
4. राजस्थान की हस्तशिल्प कला
राजस्थान अपने हस्तशिल्प और पारंपरिक शिल्पकारी के लिए भी प्रसिद्ध है।
(क) प्रमुख हस्तशिल्प और शिल्पकारी
ब्लू पॉटरी (नीली मिट्टी के बर्तन) – जयपुर की विशेषता।
मीना कारी और कुंदन कारी – गहनों पर की जाने वाली बारीक नक्काशी।
बांधनी (बांधेज) और लहरिया प्रिंट – राजस्थान की पारंपरिक रंगाई शैली।
मोलेला टेराकोटा कला – मिट्टी की मूर्तिकला जिसमें देवी-देवताओं की आकृतियाँ बनाई जाती हैं।
चमड़े के जूते (मोजड़ी) – जैसलमेर और जोधपुर की प्रसिद्ध जूतियाँ।
5. राजस्थान के मेले और त्योहार
राजस्थान में कई रंगीन मेले और उत्सव मनाए जाते हैं, जो इसकी संस्कृति की जीवंतता को प्रदर्शित करते हैं।
(क) प्रमुख मेले
पुष्कर मेला – यह विश्व प्रसिद्ध ऊँट मेला है, जहाँ पशुओं की खरीद-बिक्री होती है।
मरु महोत्सव, जैसलमेर – यह रेगिस्तान में आयोजित होने वाला सांस्कृतिक उत्सव है।
नागौर मेला – यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला है।
(ख) प्रमुख त्योहार
गणगौर – महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला यह त्योहार भगवान शिव और पार्वती को समर्पित है।
तेजाजी का मेला – लोक देवता तेजाजी की पूजा के लिए मनाया जाता है।
मकर संक्रांति – इस दिन राजस्थान में पतंगबाजी का विशेष आयोजन किया जाता है।
दीपावली, होली और तीज – पूरे राज्य में विशेष हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं।
निष्कर्ष
राजस्थान की कला और संस्कृति इसकी समृद्ध ऐतिहासिक परंपराओं और लोक जीवन का अद्भुत मिश्रण है। यहाँ की रंग-बिरंगी वेशभूषा, नृत्य, संगीत, स्थापत्य कला और हस्तशिल्प इस राज्य को अनोखा बनाते हैं। राजस्थान की यह संस्कृति न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी प्रसिद्ध है।
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narmadanchal · 1 month ago
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वार्ड 26 में विधायक डॉ शर्मा ने किया आंगनबाड़ी प्ले स्कूल का लोकार्पण
इटारसी। महिला बाल विकास विभाग के लिए वार्ड 26 में नगर पालिका परिषद इटारसी द्वारा बनाइ आंगनबाड़ी- प्री प्ले स्कूल भवन का लोकार्पण आज विधायक डॉ सीतासरन शर्मा ने किया। इस अवसर पर नगरपालिका अध्यक्ष पंकज चौरे, सीएमओ श्रीमती रितु मेहरा, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती दीप्ति शुक्ला, स्थानीय पार्षद कुंदन गौर, सभापति राकेश जाधव, नाजिया शहबाज बेग, मंजीत कलोसिया, पार्षद शुभम गौर, अमित विश्वास,…
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