#किसान का शव
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UP: खेत की रखवाली करने गए किसान की बेरहमी से हत्या, कूच दिया गया था चेहरा
उत्तर प्रदेश के हरदोई में सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां हरपालपुर के बरनई गांव में खेत में फसल की रखवाली कर रहे बुजुर्ग किसान की बेरहमी से हत्या कर दी गई. किसान का चेहरा कुचल दिया गया था. पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा.घटना से गांव में हड़कंप मच गया. हरदोई के बरनई गांव की घटना है. 65 वर्षीय वृद्ध श्यामू उर्फ कल्लू राठौर गांव के…
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मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिले में लहसुन को रखवाली कर रहे किसान की धारदार हथियार से हत्या
मुख्यमंत्री मोहन यादव के गृह जिले में लहसुन को रखवाली कर रहे किसान की धारदार हथियार से हत्या
MP Farmer Murder Case: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले में किसान नेता की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी. वारदात के समय किसान नेता खेत पर लहसुन की चौकीदारी कर रहे थे. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि अगले 24 घंटे में अंधे कत्ल का खुलासा कर दिया जाएगा. पुलिस ने सुराग मिलने की बात कही है. उज्जैन पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि भाट पचलाना थाना क्षेत्र में खेत से किसान के शव की सूचना मिली…
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कुएं में गिरकर किसान की मौत:घर के आंगन में घुसे गाय-बैल को भगा रहा था, संतुलन बिगड़ने से गिरा, सुबह मिला शव - Chhattisgarh Farmer Died After Falling In The Well In Jagdalpur
कुएं से शव निकालती एसडीआरएफ की टीम। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी विस्तार छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में रविवार देर रात 30 फीट गहरे कुएं में गिरकर एक किसान की मौत हो गई। किसान घर में घुसे गाय-बैलों को भगा रहा था। इसी दौरान अंधेरे में घर के पास बने कुएं में गिर गया। अगले दिन सुबह परिजनों ने तलाश शुरू की तो हादसे का पता चला। इसके बाद एसडीआरएफ की मदद से शव को बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है।…
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किसान का शव कुएं में मिला
किसान का शव कुएं में मिला
गोरेगांव : गोरेगांव पुलिस थाना अंतर्गत सिलेगांव कटंगी मार्ग पर खेत में स्थित कुवे में किसान का शव मिलने से क्षेत्र में खलबली मच गई है. मृतक किसान की पहचान सिलेगांव निवासी रूपसेन भरतलाल ठाकरे 39 के नाम से की गई है. इस संदर्भ में जानकारी दी जा रही है कि मृतक रूपसेन ठाकरे पर निजी फाइनेंस कंपनी का कर्ज था. जिससे वह गत कई दिनों से परेशान था. 12 नवंबर से वह घर से लापता था. परिजनों ने उसकी खोज की…
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सिंघु बॉर्डर पर फांसी के फंदे पर लटका मिला किसान का शव, शुरुआती जांच में आत्महत्या का मामला
सिंघु बॉर्डर पर फांसी के फंदे पर लटका मिला किसान का शव, शुरुआती जांच में आत्महत्या का मामला
पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद आत्महत्या का मामला बताया,फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा सिंघु बॉर्डर (Singhu Border Farmer Death) पर बुधवार को फांसी के फंदे पर एक किसान का शव लटका मिला है. मिली जानकारी के मुताबिक शुरुआती जांच में किसान के आत्महत्या करने की बात सामने आई है. मृतक किसान का नाम गुरप्रीत सिंह निवासी पंजाब (फतेहगढ़)बताया जा रहा है. किसान प्रधान जगजीत सिंह ढलेवाल की यूनियन और बीकेयू…
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36 घन्टे बाद भी नही मिला युवक का शव, पानी बन्द होने से किसान बेहाल
36 घन्टे बाद भी नही मिला युवक का शव, पानी बन्द होने से किसान बेहाल
जमानियां। स्थानीय कोतवाली क्षेत्र के बड़ेसर स्थित मुख्य नहर में युवक के डूबने की सूचना पर बीते मंगलवार की सुबह से ही हलकान पुलिस तमाम कोशिश के बाद भी युवक का शव बरामद नहीं कर पाई है। नहर में डूबे युवक का शव अगले दिन भी नहर से बरामद न होना क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुलिस की ओर से बुधवार को दोपहर बाद भी नहरों में शव की तलाशी अभियान जारी होने के बाद भी कहीं से शव बरामद नहीं हुआ। ऐसे में…
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वाह! रे सेक्यूलरिज्म
बच्चा जन्म लेते ही उसके जन्म प्रमाणपत्र में जाति व सम्प्रदाय की घोषणा हो जाती है। जब विद्यालय जाता है, तब भी जाति व मजहब लिखा जाता है, जब सरकारी वा प्राइवेट नौकरी करता है तब भी जाति व मजहब उसके साथ चलता है। विवाह के समय भी जाति व मजहब का लेबल लगा रहता है। मरने पर शव के भी जाति व मजहब साथ चलते हैं। मृत्यु प्रमाणपत्र में यह सब देखा जाता है। यह सब सरकारी अर्थात् संविधान के अनुकूल होता है परन्तु यदि कोई आतंक फैलाता है, दंगा करता है, तब उसकी जाति वा मजहब का कोई नाम लेवें, तो उसके विरुद्ध मीडिया से लेकर राजनेता, शिक्षाविद, सामाजिक कार्यकर्ता, कानूनवेत्ता चिल्लाने लगते हैं कि आतंकवादी का कोई मजहब नहीं होता और न उसकी कोई जाति होती। आश्चर्य यह है कि यदि उस दंगाई वा आतंकवादी की मौत हो जाये और उसकी अन्त्येष्टि उसके मजहब के विरुद्ध विधि से करने लगे, तो सब उसका मजहब बताने लग जायेंगें और उसी के अनुसार उसकी अन्त्येष्टि की वकालत करेंगे।
अहो! देश में शिशु, बच्चे, किशोर, युवा, बूढ़े, महिला व पुरुष, किसान, मजदूर, व्यापारी, छात्र, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, नेता, उद्योगपति सबका मजहब व जाति, मुर्दे की जाति व मजहब, जीवित की जाति व मजहब परन्तु दंगाई व आतंकी की कोई जाति नहीं? वाह! रे सेक्यूलरिज्म! काश! आज देश में कोई ऐसा वीर व सच्चा भारतीय होता, जो यह कहता कि इस देश में कोई मजहब व जाति में नहीं बंटेगा और सभी भारतीय है और संविधान भी इसी समृद्ध धर्म का पालन करेगा।
- आचार्य अग्निव्रत नैष्ठिक
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कर्नाटक में जंगली हाथी ने किसान को कुचलकर मार डाला, लोगों का दावा- अब तक 5 लोगों की गई जान
हसन (कर्नाटक): कर्नाटक के हासन जिले में सनसनीखेज घटना सामने आई है। जिले के हेब्बानहल्ली गांव में मंगलवार को एक जंगली हाथी ने एक किसान को कुचल कर मार डाला। मृतक किसान की पहचान मनु (34) के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इलाके में हाथियों ने आतंक मचा रखा है। ग्रामीणों ने यह भी दावा किया कि जंगली हाथियों ने हाल के दिनों में इस क्षेत्र में पांच लोगों की जान ले ली है, लेकिन राज्य सरकार ने मुआवजे के वितरण के बाद हाथियों के हमलों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया पुलिस के अनुसार, घटना उस समय हुई जब मनु स्थानीय मंदिर में पूजा-अर्चना कर लौट रहा था। हाथी अचानक रास्ते में आया और उसने मनु को कुचल कर मार डाला। वन विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके का दौरा कर चुके हैं। इस बीच, स्थानीय लोगों ने वन विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ अपना गुस्सा निकाला है, जबकि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने जंगली जानवरों से सुरक्षा की मांग करते हुए शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने से इनकार कर दिया। धान और चावल के बैग जंगलों में ले जाते हैं हाथी हासन जिले के सकलेशपुर, अलूर और बेलूर कस्बों में रहने वाले लोग अक्सर हाथी के खतरे का सामना करते हैं। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि इस क्षेत्र में हाथी अक्सर ��ाशन की दुकानों और स्टोर रूम के दरवाजे तोड़ देते हैं और धान और चावल के बैग जंगलों में ले जाते हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि जंगली हाथियों ने हाल के दिनों में इस क्षेत्र में पांच लोगों की जान ले ली है, लेकिन राज्य सरकार ने मुआवजे के वितरण के बाद हाथियों के हमलों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। http://dlvr.it/Sc3WHM
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मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली आखिरी सांस
उत्तर प्रदेश। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार सुबह निधन हो गया है। उन्होंने आज सुबह 8.16 पर आखिरी सांस लिया। वह 82 साल के थे। मुलायम सिंह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे। बीते रविवार से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। दक्ष राजनीतिज्ञ, पहलवान और शिक्षक रहे मुलायम यादव ने लंबी सियासी पारी खेली। तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र में रक्षा मंत्री रहे। उनको बेहद साहसिक सियासी फैसलों के लिए भी जाना जाता है। मुलायम सिंह यादव की बिगडी स्वास्थ्य- मुलायम सिंह यादव को 22 अगस्त को मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था। मुलायम सिंह को एक अक्तूबर की रात को आइसीयू में शिफ्ट किया गया था। मेदांता में डॉक्टरों का पैनल मुलायम सिंह यादव का इलाज कर रहा था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ मौजूद रहते थे। दिल्ली से उनका शव लखनऊ लाया जाएगा। यहां से फिर उनके पार्थिव शरीर को इटावा ले जाया जाएग���। कल तीन बजे मुलायम सिंह यादव का सैफई में अंतिम संस्कार किया जाएगा। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी अपने ट्विटर हैंडल से दिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे। मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे। pic.twitter.com/jcXyL9trsM — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 10, 2022 किसान परिवार में हुआ जन्म- मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता सुघर सिंह यादव एक किसान थे। मुलायम सिंह यादव वर्तमान में मैनपुरी सीट से लोकसभा सांसद हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति ही नहीं देश की राजनीति में मुलायम सिंह यादव को प्रमुख नेताओं में गिना जाता हैं। वे तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा मुलायम सिंह यादव 8 बार विधायक और 7 बार लोकसभा सांसद भी चुने गए हैं। मुलायम सिंह यादव ने दो शादी की थी। उनकी पहली पत्नी का नाम मालती देवी है। उनकी मृत्यु मई 2003 में हुई है। वह अखिलेश यादव की मां थी। मुलायम सिंह ने दूसरी शादी साधना गुप्ता से किया। मुलायम सिंह और साधना के बेटे का नाम प्रतीक यादव है। हाल ही में साधना का निधन निधन हो चुका है। मुलायम सिंह यादव और समाजवादी पार्टी का गठन- मुलायम सिंह यादव ने सन् 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया था। मुलायम सिंह यादव के पांच दशक का राजनीतिक सफर- - 1967, 1974, 1977, 1985, 1989, 1991, 1993 और 1996- 8 बार विधायक रहे। - 1977 उत्तर प्रदेश सरकार में सहकारी और पशुपालन मंत्री रहे। लोकदल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे। - 1980 में जनता दल प्रदेश अध्यक्ष रहे। - 1982-85- विधानपरिषद के सदस्य रहे। - 1985-87- उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। - 1989-91 में उत्तर प्रदेश के सीएम रहे। - 1992 में समाजवादी पार्टी का गठन किया। - 1993-95- उत्तर प्रदेश के सीएम रहे। - 1996- सांसद बने। - 1996-98- रक्षा मंत्री रहे। - 1998-99 में दोबारा सांसद चुने गए। - 1999 में तीसरी बार सांसद बन कर लोकसभा पहुंचे और सदन में सपा के नेता बने। - अगस्त 2003 से मई 2007 में उत्तर प्रदेश के सीएम बने। - 2004 में चौथी बार लोकसभा सांसद बने। - 2007-2009 तक यूपी में विपक्ष के नेता रहे। - मई 2009 में 5वीं बार सांसद बने। - 2014 में 6वीं बार सांसद बने। - 2019 से 7वीं बार सांसद थे। Read the full article
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गांव दादू में एक किसान की संदिग्धावस्था में मौत
गांव दादू में एक किसान की संदिग्धावस्था में मौत
कलांवाली।उपमंडल के गांव दादू में रविवार को एक किसान का शव खेत में संदिग्धावस्था में पेड़ पर लटका हुआ मिला। सूचना मिलते ही कालांवाली पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए सिरसा के सामान्य अस्पताल में पहुंचाया। जानकारी अनुसार करीब 40 वर्षीय बंत सिंह निवासी गांव दादू जोकि गत रात्रि गांव में किसी शादी समारोह में गया हुआ था। लेकिन जब वह सुबह तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों…
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Hathras News:खेत में खाद लगाने जा रहे किसान की मौत, झटका मशीन से लगा करंट - Farmer Died From Electrocuted By Shock Machine
शव – फोटो : Social Media विस्तार कोतवाली हाथरस जंक्शन क्षेत्र के गांव गढ़ी सिंघा में खेत में खाद लगाने जा रहे एक किसान की झटका मशीन से करंट लगने से मौत हो गई। किसान की मौत पर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मंगलवार की दोपहर को 55 वर्षीय दानवीर सिंह पुत्र किरोड़ी सिंह अपने खेत में खाद लगाने के लिए जा रहे थे। इसी बीच पास के ही खेत में लगी झटका मशीन से उन्हें करंट लग गया। करंट लगते ही वह बेहोश…
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jamshedpur-rural- चाकुलिया में धान का बिचड़ा उखाड़ रहे किसान पर गिरी आकाशीय बिजली, मौत
jamshedpur-rural- चाकुलिया में धान का बिचड़ा उखाड़ रहे किसान पर गिरी आकाशीय बिजली, मौत
चाकुलिया : चाकुलिया के कालीयाम पंचायत के आखापाड़ा निवासी समीर मुर्मू की वज्रपात से मौत हो गयी. घटना गुरुवार की दोपहर की है. घटना की सूचना मुखिया ने पुलिस को दी. पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के भेज दिया. घटना के संबंध में बताया जाता है कि किसान समीर मुर्मू अपने खेत में धान की रोपनी करा रहे थे. साथ ही वे अपने खेत में धान के बिचड़े भी उखाड़ रहे थे. बिचड़े उखाड़ने के…
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मेरठ में खेत में मिला युवती का शव, पहचान में जुटी पुलिस
मेरठ में खेत में मिला युवती का शव, पहचान में जुटी पुलिस
मेरठ। सरधना थाना क्षेत्र के छोटी मंढियाई गांव में खेत में रविवार को एक युवती का शव पड़ा मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। पुलिस शव की शिनाख्त कराने के प्रयास में जुटी है। छोटी मंढियाई गांव में रविवार को कुछ किसान अपने खेतों में जा रहे थे। उन्हें सड़क किनारे खेत में एक युवती का शव पड़ा मिला तो खलबली मच गई। वहां पर लोगों की भीड़ लग गई। लोगों की सूचना पर सरधना पुलिस मौके पर पहुंची। लोगों ने…
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जो इस पुस्तक में न छप सका
घर
जब मिस्त्री ने कहा कि ईंटें कच्ची हैं वे दौड़े-दौड़े गए ईंट भट्टे वाले के पास कहा अच्छी पकी ईंटें दो ताकि मेरे बाद मेरे बच्चों के काम आये घर।
जब मिस्त्री ने कहा सीमेंट पुराना है, थोड़ा बेहतर हो वे दौड़े पसीनाए पहुँचे सीमेंट व्यापारी के पास कहा, पैसे लेते हो तो अच्छी चीज दो ताकि घर मजबूत बन सके ताकि मेरे बाद बच्चों के काम आए। धूप में पसीनाए गए वे टाल की दुकान में गोदाम में घूमते रहे अच्छी पकी लकड़ी की तलाश में उन्हें टिकाऊ चौखट-दरवाजे बनाने थे जो पीढ़ियों का साथ दें पीढ़ियों तक इस तरह बना घर। फिर एक दिन वे बड़ी-बड़ी मशीनें लेकर आए कहा, तुम्हारा घर तुम्हारा नहीं है तुम्हारी जमीन तुम्हारी नहीं तुम्हारे परदादा यहाँ के नहीं थे तुम मेरे जैसे नहीं बस्ती में तुम्हारे घर के लिए जगह नहीं और उन्होंने घर ढहा दिया। जिस घर को बनाने में रीत गई पीढ़ियाँ वह घर हमारी आँखों के सामने कराहता गिरा ऐसे जा बैठा जमीन पर जैसे उसका कोई घुटना न हो उसकी जाँघें न हों, एड़ियाँ, उँगलियाँ जैसे रेत में दबा दिए गए हजारहा शव ठीक वैसे ही दबा दिया गया घर रेत में। ... इस पुस्तक में न होते हुए भी, इसी से...
1990 के दशक की कविता की चर्चा के दौरान, उसके सामाजिक सरोकारों पर विस्तार से बात होती रही है लेकिन उस बदले हुए दौर की एक सीमा यह थी कि जो नई पीढ़ी सामने आयी, उनकी रचनाओं में प्रतिरोध का पक्ष बहुत कमज़ोर था। फिर भी, थोड़े से ऐसे कवि ज़रूर आये, जिन्होंने प्रतिरोध की परंपरा को न केवल बचाए रखा, बल्कि उसे भरसक आगे बढ़ाने का उपक्रम भी किया। उन्हीं कुछ कवियों में एक राकेशरेणु हैं। ‘नये मगध में’ उनका तीसरा कविता संग्रह है। शीर्षक से ही ज़ाहिर है, ‘मगध’ ने जो कभी सत्ता की क्रूरता, अहंकार और मतिभ्रम पर कड़े प्रहार से प्रतिरोध की एक नयी राह बनायी थी, राकेशरेणु ने उस दिशा में आगे बढ़ते हुए, कुछ और जोड़ने का प्रयास किया है। संकलन के शुरू में ही यह कविता-शृंखला ‘नये मगध में’ नाम से है, जिसमें पंद्रह कविताएँ हैं। यह पूरी शृंखला प्रतिरोध का भाष्य रचती है। पिता और प्रेम को केन्द्र में रखकर भी कुछ शृंखलाबद्ध कविताएँ इस संग्रह में शामिल हैं लेकिन प्रतिरोध इस संकलन का मुख्य स्वर है। ग़ौरतलब है कि कवि ने मगध के गुप्तवंश के एक ऐसे शासक को केन्द्र में रखा है, जिसने राज तो लम्बे समय तक किया (कोई 30 वर्ष तक) लेकिन, उसकी उपलब्धियाँ कुछ ख़ास नहीं थीं। घटोत्कच के नायकत्व को केन्द्र में रखने का भी अपना एक अर्थ है। कवि वर्तमान शासन व्यवस्था की छवि को शायद उसके माध्यम से ही सही ढंग से व्यक्त कर सकता था। इस शृंखला की अंतिम कविताओं में तो सीधे-सीधे आज का यथार्थ आ गया है, जिसका विस्तार अन्य कविताओं, ‘लौट आऊँगा’, ‘किसान’, ‘...चमकी बुख़ार’ आदि में हुआ है। रंगों पर लिखी उनकी कविताएँ भी विशेष ध्यान खींचती हैं। हिन्दी में रंगों को लेकर कई महत्वपूर्ण कवियों ने अलग-अलग तरह से उल्लेखनीय कविताएँ लिखी हैं लेकिन राकेशरेणु का स्वर ��िलकुल अलग है। लाल, नीला, हरा और काला को वे सिर्फ रंग के रूप में नहीं देखते बल्कि प्रकृति और जीवन के किसी न किसी पक्ष से जोड़कर उसे नए आयाम के साथ नया अर्थ देते हैं। विशेष रूप से लाल रंग को लेकर लिखी गई उनकी कविता को देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने इस रंग को प्रेम से शुरू करके समताकारी भोर का बिम्ब बना दिया है। रंगों को लेकर लिखी गईं ये कविताएँ प्रतिरोध का नया रूपक रचती हैं। राकेशरेणु की कविताओं में, प्रेम का भी एक मज़बूत स्वर है। अधिकांश कविताओं में स्त्री के संघर्ष और करुणा को गहराई से उकेरा गया है। सबसे आगे बढ़कर कवि जब यह कहता है : आज़ाद होना चाहते हो तो प्रेम करो नफ़रतें मिटाने के लिए प्रेम करो . . . . हर विभाजन के ख़िलाफ़ प्रेम करो ज़ुल्मतें मिटाने के लिए प्रेम करो दु:शासन हटाने के लिए प्रेम करो तब अचानक ये पंक्तियाँ हमारे समय का नारा बन जाती हैं। – मदन कश्यप
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विद्युत करंट से तीन लोगों की मौत एक गंभीर रूप से घायल, परिजनों ने किया चक्का जाम
विद्युत करंट से तीन लोगों की मौत एक गंभीर रूप से घायल, परिजनों ने किया चक्का जाम
तहसीलदार, इंस्पेक्टर समेत प्रधान संगठन, किसान यूनियन एवं प्रधान ने पहुंचकर बंधाया ढांढस,परिजनो को सांत्वना दिलाते हुए कहा कि मृतक के परिवार वालों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दिलाने का दिया आश्वासन। मृतक के परिजनो ने शव को सड़क पर रख कर किया चक्का जाम। रवि सिंह कोरांव,प्रयागराज। तहसील कोरांव व थाना कोरांव क्षेत्र के ग्राम सभा अमिलियापाल गाढ़ा में एस.एस सिंह डिग्री कालेज के बगल धरकार बस्ती में…
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Rewari news: नहर में डूबे दो युवक, एक का शव मिला, दूसरे की तलाश जारी-Best24news
Rewari news: नहर में डूबे दो युवक, एक का शव मिला, दूसरे की तलाश जारी-Best24news
रेवाडी: यहां की जवाहर लाल नेहरू नहर में 2 किशोर डूब गए। एक के शव को शनिवार को पुलिस ने बरामद कर लिया, जबकि दूसरे का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। मृतक की पहचान रेवाड़ी शहर के मोहल्ला कुतुबपुर निवासी नितिन के रूप में हुई है। गांव कालाका निवासी एक किसान ने बताया कि वह नहर के निकट अपने खेत में पानी दे रहा था। इसी दौरान नहर किनारे दो बच्चे…
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