#काशीकेकोतवाल
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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काशी के काल भैरव मंदिर में होगा कोरोना का इलाज, मिल रहा 'कोरोना नाशक तेल'
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चैतन्य भारत न्यूज वाराणसी. दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन और दवा बनाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच यह खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में अब कोरोनोवायरस का इलाज किया जाएगा। 8 जून यानी आज से देशभर में कई धार्मिक स्थानों को खोल दिया गया है। वाराणसी का काल भैरव मंदिर भी खुल गया है। बता दें काल भैरव मंदिर को काशी के कोतवाल के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि भगवान काल भैरव को खुद महादेव शिव ने काशी में नियुक्त किया था। यदि काशी में रहना है तो पहले बाबा काल भैरव से अनुमति लेना होगी। काल भैरव के दर्शन के बिना भोलेनाथ के दर्शन अधूरे हैं। मान्यता है कि यदि कोई भक्त सरसों का तेल लेकर उसे सात बार अपने सिर के चारों ओर घुमाकर मंदिर में चढ़ा देता है, तो उसकी सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। मंदिर के पुजारी महंत सुमित उपाध्याय ने बताया कि, 'काल भैरव ने सदियों से लोगों की सभी बीमारियों और समस्याओं को ठीक किया ��ै और ऐसा कोई कारण नहीं है कि कोरोना ठीक न हो। कोरोना नाशक तेल वास्तव में सरसों का तेल है जिसे घातक वायरस को नष्ट करने की प्रार्थना के साथ मंदिर में चढ़ाया जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'काशी के कोतवाल में लोगों का विश्वास इतना दृढ़ है कि काशी आने वाला हर नेता या नौकरशाह कोई भी काम करने से पहले मंदिर जाता है। काशी में प्रवेश करने और वहां रहने के लिए हर किसी को बाबा भैरव की आज्ञा लेनी होती है। काशी के कोतावली पुलिस थाने में SHO की कुर्सी पर बाबा काल भैरव बैठते हैं। सालों से यहां ये परंपरा चली आ रही है। कोई भी एसएचओ थाने के शीर्ष पद के लिए निर्धारित कुर्सी पर बैठने की हिम्मत नहीं करता। यह पुलिस स्टेशन काल भैरव मंदिर के ठीक पीछे स्थित है। इतना ही नहीं बल्कि वाराणासी आने वाला हर वरिष्ठ अधिकारी शहर में अपना कार्यभार संभालने से पहले काल भैरव के दरबार में मत्था टेकता है। महंत ने कहा कि, 'सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के सुरक्षा प्रोटोकाल का जिला प्रशासन के निर्देशानुसार पालन किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, सोमवार से काल भैरव मंदिर में भक्तों के लिए 'कोरोना नाशक तेल' के पैकेट उपलब्ध होने शुरू हो गए हैं। यह भी पढ़े... महाशिवरात्रि 2020 : उज्जैन के राजा हैं महादेव तो रूद्र के रूप हैं काशी के कोतवाल महाशिवरात्रि 2020 : पचमढ़ी में भगवान शिव का अनोखा मंदिर, यहां श्रद्धालु चढ़ाते हैं दो क्विंटल तक के त्रिशूल Read the full article
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chaitanyabharatnews · 4 years ago
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काशी के काल भैरव मंदिर में होगा कोरोना का इलाज, मिल रहा 'कोरोना नाशक तेल'
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चैतन्य भारत न्यूज वाराणसी. दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए कई देशों के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन और दवा बनाने में जुटे हुए हैं। इसी बीच यह खबर सामने आई है कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर में अब कोरोनोवायरस का इलाज किया जाएगा। 8 जून यानी आज से देशभर में कई धार्मिक स्थानों को खोल दिया गया है। वाराणसी का काल भैरव मंदिर भी खुल गया है। बता दें काल भैरव मंदिर को काशी के कोतवाल के रूप में जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि भगवान काल भैरव को खुद महादेव शिव ने काशी में नियुक्त किया था। यदि काशी में रहना है तो पहले बाबा काल भैरव से अनुमति लेना होगी। काल भैरव के दर्शन के बिना भोलेनाथ के दर्शन अधूरे हैं। मान्यता है कि यदि कोई भक्त सरसों का तेल लेकर उसे सात बार अपने सिर के चारों ओर घुमाकर मंदिर में चढ़ा देता है, तो उसकी सारी बीमारियां ठीक हो जाती हैं। मंदिर के पुजारी महंत सुमित उपाध्याय ने बताया कि, 'काल भैरव ने सदियों से लोगों की सभी बीमारियों और समस्याओं को ठीक किया है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि कोरोना ठीक न हो। कोरोना नाशक तेल वास्तव में सरसों का तेल है जिसे घातक वायरस को नष्ट करने की प्रार्थना के साथ मंदिर में चढ़ाया जाएगा।' उन्होंने यह भी कहा कि, 'काशी के कोतवाल में लोगों का विश्वास इतना दृढ़ है कि काशी आने वाला हर नेता या नौकरशाह कोई भी काम करने से पहले मंदिर जाता है। काशी में प्रवेश करने और वहां रहने के लिए हर किसी को बाबा भैरव की आज्ञा लेनी होती है। काशी के कोतावली पुलिस थाने में SHO की कुर्सी पर बाबा काल भैरव बैठते हैं। सालों से यहां ये परंपरा चली आ रही है। कोई भी एसएचओ थाने के शीर्ष पद के लिए निर्धारित कुर्सी पर बैठने की हिम्मत नहीं करता। यह पुलिस स्टेशन काल भैरव मंदिर के ठीक पीछे स्थित है। इतना ही नहीं बल्कि वाराणासी आने वाला हर वरिष्ठ अधिकारी शहर में अपना कार्यभार संभालने से पहले काल भैरव के दरबार में मत्था टेकता है। महंत ने कहा कि, 'सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के सुरक्षा प्रोटोकाल का जिला प्रशासन के निर्देशानुसार पालन किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, सोमवार से काल भैरव मंदिर में भक्तों के लिए 'कोरोना नाशक तेल' के पैकेट उपलब्ध होने शुरू हो गए हैं। यह भी पढ़े... महाशिवरात्रि 2020 : उज्जैन के राजा हैं महादेव तो रूद्र के रूप हैं काशी के कोतवाल महाशिवरात्रि 2020 : पचमढ़ी में भगवान शिव का अनोखा मंदिर, यहां श्रद्धालु चढ़ाते हैं दो क्विंटल तक के त्रिशूल Read the full article
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