#कामकाजी
Explore tagged Tumblr posts
top-leaders-in-india · 8 days ago
Text
₹4.07 करोड़ की लागत से बांडी नदी, कालवाड़ रोड पर नई पुलिया निर्माण कार्य का उद्घाटन — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ 🚧🏗️
Tumblr media
झोटवाड़ा क्षेत्र के नागरिकों के लिए एक और महत्वपूर्ण विकास कार्य की सौगात! ₹4.07 करोड़ की लागत से बांडी नदी, कालवाड़ रोड पर नई पुलिया निर्माण का उद्घाटन कर कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने क्षेत्र की यातायात, जल निकासी और कनेक्टिविटी को नई मजबूती दी है। इस पुलिया के निर्माण से यात्रा सुगम होगी, ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और बारिश में जलभराव की समस्या समाप्त होगी।
🚧 पुलिया निर्माण के प्रमुख लाभ
1️⃣ यातायात की सुगमता और ट्रैफिक जाम से राहत
✅ पुलिया बनने से कालवाड़ रोड पर यातायात अब तेज और सुगम होगा। ✅ वाहन चालकों और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित आवागमन की सुविधा। ✅ भारी वाहनों और छोटे व्यवसायियों के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स सपोर्ट।
2️⃣ जलभराव और बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान
✅ हर साल बारिश में बांडी नदी का जलस्तर बढ़ने से आने वाली दिक्कतों का समाधान। ✅ नया ड्रेनेज सिस्टम विकसित किया गया, जिससे जलभराव की समस्या खत्म होगी। ✅ स्थानीय ग्रामीण और शहरी इलाकों को मानसून में बाढ़ से राहत मिलेगी।
3️⃣ व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
✅ पुलिया बनने से व्यापारियों और दुकानदारों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। ✅ परिवहन सुविधाओं में सुधार से कृषि उत्पादों और स्थानीय बाजारों तक आसान पहुंच। ✅ आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ेगी, जिससे छोटे व्यवसायों को फायदा होगा।
4️⃣ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी
✅ झोटवाड़ा और कालवाड़ रोड के ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से बेहतर जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम। ✅ आसपास के गांवों के किसानों, विद्यार्थियों और कामकाजी लोगों को सुगम परिवहन सुविधा। ✅ पर्यटन और धार्मिक स्थलों तक यात्रियों की पहुंच और आसान होगी।
🏗️ कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का विज़न: आधुनिक और सशक्त झोटवाड़ा
शुभारंभ समारोह में कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा:
“झोटवाड़ा और कालवाड़ रोड क्षेत्र की जनता के लिए यह पुलिया एक बड़ी उपलब्धि है। यह सिर्फ एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि क्षेत्र के नागरिकों की वर्षों पुरानी मांग का समाधान है। हमारा प्रयास है कि झोटवाड़ा को विकास के हर क्षेत्र में आगे ले जाएं और इसे राजस्थान का मॉडल क्षेत्र बनाएं।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि: 🔹 झोटवाड़ा में आने वाले समय में और भी नई सड़क एवं पुलिया परियोजनाएं शुरू होंगी। 🔹 ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के बीच यातायात को और बेहतर बनाया जाएगा। 🔹 युवाओं, व्यापारियों और किसानों को सुविधाएं देकर क्षेत्र के समग्र विकास को गति दी जाएगी।
🎉 स्थानीय जनता की खुशी और प्रतिक्रिया
✅ व्यापारियों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों ने आभार व्यक्त किया, क्योंकि पुलिया बनने से उनका व्यापार सुगम होगा। ✅ स्थानीय नागरिकों और विद्यार्थियों को राहत, अब यात्रा में समय की बचत होगी। ✅ बाढ़ और जलभराव से राहत मिलने पर ग्रामीणों ने सरकार का धन्यवाद किया।
🚀 झोटवाड़ा के विकास की नई उड़ान!
✅ स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर यातायात सुविधाएं। ✅ जलभराव और ट्रैफिक जाम से मुक्ति। ✅ रोजगार, व्यापार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
🚧🏗️ “बेहतर पुलिया, सशक्त झोटवाड़ा!” 🇮🇳 जय हिंद! जय राजस्थान! 🚀
4 notes · View notes
newsliveindia · 17 days ago
Text
राजस्थान के IAS-IPS के वॉट्सऐप हैक कर रहे साइबर ठग: रिटायर्ड आईपीएस से ठगे 2.15 करोड़, महिला आईएएस भी हुईं शिकार; सरकारी वेबसाइट से चुरा रहे डेटा
आजकल साइबर अपराधियों का एक नया तरीका सामने आया है, जो न सिर्फ आम लोगों, बल्कि उच्च सरकारी अधिकारियों को भी अपनी जालसाजी का शिकार बना रहे हैं। राजस्थान में पिछले कुछ समय से एक ऐसा साइबर ठगी का मामला सामने आ रहा है, जिसमें आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के वॉट्सऐप अकाउंट्स को हैक कर ठग उनसे भारी-भरकम रकम उड़ा रहे हैं। इस प्रकार की साइबर धोखाधड़ी ने न केवल कानून-व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि यह सरकारी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
Tumblr media
कैसे हुआ ठगी का मामला?
हाल ही में राजस्थान के एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी को ठगों ने 2.15 करोड़ रुपये का चूना लगाया। इस धोखाधड़ी में साइबर ठगों ने पहले उनके वॉट्सऐप अकाउंट को हैक किया और फिर उसके जरिए फर्जी संदेश भेजकर उन्हें पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। अधिकारी ने सोचा कि वह किसी अपने परिचित से बात कर रहे हैं, लेकिन यह एक साइबर ठग का काम था। इस ठगी में ठगों ने वॉट्सऐप चैट और कॉल्स का उपयोग करते हुए सारा प्लान तैयार किया, और जब तक अधिकारी को इसकी भनक लगी, तब तक काफी देर हो चुकी थी।
इसी तरह, एक महिला आईएएस अधिकारी भी इस धोखाधड़ी का शिकार हुईं, जब उनके वॉट्सऐप अकाउंट को हैक कर लिया गया और फिर उन्हें फर्जी तरीके से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। ये दोनों ही घटनाएं साबित करती हैं कि साइबर अपराधियों की चालें कितनी सूक्ष्म और विकसित होती जा रही हैं।
साइबर ठगी का नया तरीका: सरकारी वेबसाइट से डेटा चोरी
यह मामला सिर्फ वॉट्सऐप तक सीमित नहीं है, बल्कि अब साइबर ठग सरकारी वेबसाइटों से भी संवेदनशील डेटा चुराने लगे हैं। ठग सरकारी वेबसाइटों से उच्च अधिकारियों के व्यक्तिगत और पेशेवर विवरण चोरी करते हैं, ताकि उन्हें टार्गेट करके अधिक भरोसा जीत सकें। इसके बाद, इन विवरणों का इस्तेमाल करके वे अधिकारियों को फर्जी कॉल्स और मैसेज भेजते हैं, जो उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बना देते हैं।
साइबर ठग अब सरकारी अधिकारियों की पहचान और उनके कामकाजी नेटवर्क का पूरी तरह से अध्ययन करने के बाद अपना शिकार चुनते हैं। यह एक पूरी तरह से संगठित साइबर अपराध है, जिसमें ठग बहुत ही पेशेवर तरीके से काम करते हैं।
इस साइबर धोखाधड़ी को रोकने के उपाय
इस तरह की साइबर ठगी के मामलों में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या हमारे देश में सुरक्षा व्यवस्थाएं इतनी कमजोर हैं कि एक उच्च अधिकारी भी ऐसे ठगों का शिकार हो सकता है? यहां कुछ उपाय दिए गए हैं, जिनसे ऐसे मामलों को रोका जा सकता है:
दो-कारक प्रमाणीकरण (Two-factor authentication): वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर दो-कारक प्रमाणीकरण को सक्रिय करना एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अकाउंट हैक होने की संभावना कम हो जाती है।
साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण: अधिकारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए। उन्हें यह समझना होगा कि उन्हें किसी भी संदिग्ध संदेश या कॉल का जवाब नहीं देना चाहिए, खासकर जब वह पैसे ट्रांसफर करने की मांग करें।
सामाजिक इंजीनियरिंग के खिलाफ सतर्कता: ठग अब सामाजिक इंजीनियरिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं। अधिकारियों को यह समझने की आवश्यकता है कि उनकी जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जा सकता है और उन्हें हमेशा अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखनी चाहिए।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मदद: सरकारी वेबसाइटों और डिजिटल प्लेटफार्मों को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा नियमित रूप से चेक करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की संवेदनशील जानकारी चोरी होने से पहले उसे पकड़ा जा सके।
वॉट्सऐप के लिए सुरक्षा अपडेट्स: वॉट्सऐप जैसे प्लेटफार्म्स के लिए सुरक्षा अपडेट्स और पैचेस नियमित रूप से लागू किए जाने चाहिए, ताकि अकाउंट हैकिंग जैसे मामलों को रोका जा सके।
समाप्ति
साइबर ठगी के इस नए तरीके ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक महंगी साबित हो सकती है। यदि उच्च अधिकारी भी इस जालसाजी का शिकार हो सकते हैं, तो सामान्य नागरिकों की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजिमी है। यह समय है जब साइबर सुरक्षा को लेकर हमारी चेतना और सतर्कता में इजाफा किया जाए, ताकि हम सभी इन ठगों के जाल में न फंसे और देश की डिजिटल सुरक्षा मजबूत हो सके।
2 notes · View notes
hinditechblogs · 10 months ago
Text
एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली
परिचय: आधुनिक तकनीकी विकास के साथ, कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) क्षेत्र में एक नया अध्याय खुल रहा है। एक ऐसी तकनीक जो विशेष रूप से अंधाकार में समय बिताती है और उज्ज्वलता लाती है, छवि पहचान प्रणाली है। यह तकनीक छवियों को विशेषता और आदर्शता के आधार पर पहचानने में मदद करती है, जो अनेक क्षेत्रों में उपयोगी है। इस लेख में, हम एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली के बारे में बात करेंगे।
एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली: एआई आधारित छवि पहचान प्रणाली कंप्यूटर विज्ञान में एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। इस प्रणाली में, कंप्यूटर सिस्टम को प्रशिक्षित किया जाता है कि वह छवियों में विशेष विशेषताओं और पैटर्न को कैसे पहचाने। यह सिस्टम बड़ी संख्या में छवियों को एक-से-एक अनुमानित कर सकता है, जो इंसानी नजर से संभव नहीं है।
कैसे काम करता है: छवि पहचान प्रणाली आमतौर पर दो प्रमुख चरणों में काम करती है - प्रशिक्षण और परीक्षण। प्रशिक्षण के दौरान, सिस्टम को लाखों छवियों का डेटासेट प्रदान किया जाता है, जिसमें उनके साथ संबंधित टैग और विशेषताएं होती हैं। सिस्टम फिर से और फिर से इस डेटा को प्रोसेस करता है और अपनी प्रतिक्रिया को संशोधित करता है ताकि यह सही परिणाम प्राप्त कर सके।
एक बार प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, सिस्टम परीक्षण में जाता है, जिसमें नए और अज्ञात छवियों का परीक्षण किया जाता है। सिस्टम को दिए गए प्रशिक्षण के आधार पर, यह छवियों को पहचानने का प्रयास करता है और अपने प्रशिक्षित डेटासेट के अनुसार परिणाम उत्पन्न करता है।
उपयोग क्षेत्र: छवि पहचान प्रणाली के कई कामकाजी उपयोग हैं। यह बड़ी मात्रा में डेटा को विश्लेषित करने, व्यापार विश्लेषण करने, यातायात निगरानी करने, चिकित्सा डायग्नोसिस में सहायक होने, और बहुत कुछ में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह सिस्टम सुरक्षा में भी मदद कर सकता है, जैसे कि चेहरों की पहचान और ��ईआरसीटीवी कैमरों का उपयोग।
Tumblr media
2 notes · View notes
bhaktibharat · 1 year ago
Text
🪔 लाभ पंचमी - Labh Panchami
❀ गुजरात राज्य में लाभ पंचमी को दिवाली उत्सव का समापन माना जाता है।
❀ लाभ पंचमी के दिन पूजा करने से व्यवसाय और परिवार में लाभ, भाग्य तथा उन्नति मिलती है।
❀ लाभ पंचमी गुजरात न्यू ईयर का पहला कामकाजी दिन होता है।
❀ गुजरात में अधिकतर व्यवसायी दिवाली मनाकर लाभ पंचमी को वापस अपने काम को प्रारंभ करते हैं।
लाभस्तेषां जयस्तेषां कुतस्तेषां पराजयः
येषामिन्दीवरश्यामो हृदयस्थो जनार्दनः ॥
हिन्दी भावार्थ: जिनके हृदयमें श्याम रंगके पद्म स्वरूपी जनार्दनका वास है, उन्हें सदैव यश (लाभ) मिलता है, उनकी सदैव जय होती है, उनकी पराजय कैसे संभव है!
📲 https://www.bhaktibharat.com/festival/labh-panchami
Tumblr media
✨ कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21  👇
📲 https://www.bhaktibharat.com/katha/kartik-mas-mahatmya-katha-adhyaya-21
2 notes · View notes
aadeshtimes · 1 year ago
Text
Tumblr media
2 notes · View notes
lekhjunction · 13 days ago
Text
Tumblr media
आंटी प्लीज़ सवाल ना पूछें
हम लोग एक समाज में रहते हैं जहां एक दूसरे की खैर खबर लेना, हाल चाल पूछना हमारी तहज़ीब का एक हिस्सा है। लेकिन क्या करें, कुछ लोगों की आदत का वो खैर खबर लेने के बहाने दूसरे की खबर लेने और टोह लेने के चक्कर में सवालों की ऐसी बौछार शुरू कर देते हैं कि उनका होना कई बार दूसरों के लिए सिरदर्द बन जाता है। कई बार परिवार में कुछ आंटीज़ ऐसी होती हैं जिनके पास सवालों की एक पूरी पोटली होती है।
आपको पता चल जाएगा
अगर खानदान में किसी लड़के की जॉब लगी है तो इन आंटीज़ को पता करना होता है कि पैकेज कितना है। अरे भई, आपको क्या करना है किसी के पैकेज का? वैसे भी कम है या ज़्यादा, इंसान खुद ही मैनेज कर लेता है। कोई आपसे कुछ मांगने तो नहीं आ रहा। सोचकर देखिए, अगर आप कामकाजी हों और कोई आपसे आपकी सैलरी के बारे में वो भी किसी महफिल में पूछे तो आपको कैसा लगेगा? आपको इस बात को भी समझना होगा कि अगर किसी का पैकेज बहुत शानदार होता है तो वह या ��सके परिवार के लोग पैकेज के बारे में बढ़चढ़ कर बताते हैं।
शादी का मामला
यह सवाल तो उन लड़कियों के लिए गली की हड्डी बन जाता है जिनकी शादी की उम्र हो चली है और फिलहाल कहीं बात नहीं बन रही। इस तरह की लड़कियां शादियों में एक तरह से इन सो-कॉल्ड आंटीज़ की रडार पर रहती हैं। इन आंटीज़ को मैं बताना चाहती हूं कि आप लोगों की वजह से ही यह लड़कियां और उनके घरवाले महफिलों में जाने से कतराने लगते हैं। आपको एक सौ आने की बात बताती हूं—अगर आपको इन बड़ी होती लड़कियों की शादी की इतनी फ़िक्र है तो कोशिश करिए कि कहीं बात बने। अगर आप उनके लिए रिश्ता ला सकती हैं तो ज़रूर उनकी मदद करें। लेकिन सिर्फ "शादी अब तक क्यों नहीं हुई" पूछकर उन्हें इरिटेट ना करें। आप भी शादी में एंजॉय करने आई हैं, आप भी एंजॉय करें और इन्हें और इनके घरवालों को भी ऐसा करने दें...
पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
0 notes
ainnewsone · 21 days ago
Text
गाजियाबाद के लिए केंद्र से 100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर, नगर निगम ने किया खर्च का विस्तृत प्लान?
Tumblr media
Ghazibad Gets ₹100 Crore Budget from Central Government, Municipal Corporation Plans Spending गाजियाबाद के लिए केंद्र से 100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर, नगर निगम ने किया खर्च का विस्तृत प्लान AIN NEWS 1: गाजियाबाद के लिए केंद्रीय सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है, जिसका उद्देश्य शहर की साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण, और अन्य विकासात्मक योजनाओं को मजबूती देना है। नगर निगम ने इस राशि को विभिन्न कार्यों में लगाने का एक विस्तृत योजना तैयार की है, जिससे शहर की छवि में सुधार और जनता को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। यह बजट मुख्यतः ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, हरित पट्टी, सड़क निर्माण, और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारों के लिए खर्च किया जाएगा। कूड़ा निस्तारण पर 60 करोड़ रुपये का खर्च गाजियाबाद शहर में हर रोज़ करीब डेढ़ हजार मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। नगर निगम को कूड़ा निस्तारण के मामले में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके पास पर्याप्त डंपिंग ग्राउंड की सुविधा नहीं है। इस समस्या को हल करने के लिए केंद्रीय सरकार से मंजूर की गई 100 करोड़ रुपये की राशि क��� 60 करोड़ हिस्सा कूड़ा निस्तारण और सफाई व्यवस्था को सुधारने में लगाया जाएगा। निगम ने कूड़ा निस्तारण के लिए विशेष योजना तैयार की है, ताकि शहर की सड़कों पर कूड़ा न पड़े और शहर साफ-सुथरा बने। विकसित होगा हरित पट्टी क्षेत्र बजट का शेष 40 करोड़ रुपये का हिस्सा शहर में हरित पट्टियों के विकास और अन्य आवश्यक कार्यों में खर्च होगा। हरित पट्टियों का निर्माण शहर में हरियाली बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इन पट्टियों पर फलदार और छायादार पौधे लगाए जाएंगे, जिससे न सिर्फ शहर की सुंदरता बढ़ेगी, बल्कि वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। हरित पट्टियों के विकास से शहर में एक साफ और हरित वातावरण बनेगा। इसके अलावा, इन पट्टियों पर गंदगी भी नजर नहीं आएगी, जिससे गाजियाबाद और भी सुंदर और स्वच्छ दिखाई देगा। यातायात व्यवस्था में सुधार गाजियाबाद में यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए भी नगर निगम कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम कर रहा है। इस बजट के अंतर्गत, 41 प्रमुख चौराहों पर आधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे। इससे यातायात की निगरानी में सुधार होगा और ट्रैफिक नियमों का पालन करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, नगर निगम ने ITMS (Intelligent Traffic Management System) के तहत कई सुधार योजनाओं को मंजूरी दी है। यह सिस्टम ट्रैफिक को नियंत्रित करने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद करेगा। बायोडायवर्सिटी पार्क और खेलकूद सुविधाएं गाजियाबाद में एक नया बायोडायवर्सिटी पार्क भी स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 12 करोड़ रुपये के टेंडर की तैयारी की जा रही है। यह पार्क शहर के नागरिकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगा, जहां लोग प्रकृति के बीच समय बिता सकेंगे। इसके अलावा, महिलाओं के लिए छात्रावास निर्माण की योजना भी जारी है, जिससे कामकाजी महिलाओं को सुविधा मिल सके। राजनगर एक्सटेंशन में स्पोर्ट्स प्लाजा के निर्माण की मंजूरी भी मिल चुकी है। इसमें 32 खेलों के मैदान होंगे, जिससे स्थानीय खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग मिल सकेगी। जल निकासी और सड़क मरम्मत गाजियाबाद में जल निकासी की व्यवस्था को सुधारने के लिए निर्माण विभाग द्वारा दो बड़े नालों का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही कुछ नालों की मरम्मत भी की जाएगी, ताकि बरसात के दौरान पानी की निकासी में कोई रुकावट न हो। इससे सड़कें जलमग्न नहीं होंगी और सड़कें भी अधिक समय तक बनी रहेंगी। नगर निगम का बजट और विकास कार्य गाजियाबाद नगर निगम का कुल बजट करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये है, जिसका इस्तेमाल सभी 100 वार्डों में विकास कार्यों के लिए किया जाता है। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकार से भी अलग-अलग मदों में बजट जारी किया जाता है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहा, "केंद्र सरकार से मंजूर किए गए 100 करोड़ रुपये का बजट विकास कार्यों के लिए शीघ्र ही खर्च किया जाएगा।" अपर नगर आयुक्त अवनी��द्र कुमार ने कहा, "इस बजट से कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को और भी बेहतर बनाया जाएगा। इससे गाजियाबाद एक स्वच्छ और सुंदर शहर बनेगा।" केंद्रीय सरकार द्वारा गाजियाबाद को 100 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किए जाने से शहर में कई महत्वपूर्ण सुधार होंगे। कूड़ा निस्तारण, सड़क निर्माण, हरित पट्टियों का विकास, और यातायात सुधार जैसी योजनाओं के साथ, गाजियाबाद की तस्वीर जल्द ही बदलने वाली है। नगर निगम के अधिकारी इन योजनाओं को लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, और उम्मीद की जा रही है कि इन सुधारों से शहर में रहने वाले नागरिकों को काफी राहत मिलेगी। The Central Government has approved a ₹100 crore budget for Ghazibad, which will be utilized by the Municipal Corporation for solid waste management, infrastructure improvements, and city beautification. The primary focus of the fund allocation is waste disposal, with ₹60 crore dedicated to this task, while the remaining ₹40 crore will be used for the development of green spaces, road repairs, and other major development initiatives. The Municipal Corporation plans to enhance the city's cleanliness and sustainability, creating a cleaner, greener, and more organized Ghazibad. Read the full article
0 notes
allhindinews24h · 1 month ago
Text
Airtel 1GB Data Loan Code: अब इंटरनेट की टेंशन खत्म, 2 मिनट में लें डेटा लोन!
आज के डिजिटल युग में इंटरनेट एक ऐसी आवश्यकता बन चुका है, बिना इसके हमारा दिन-प्रतिदिन का काम अधूरा सा महसूस होता है। चाहे बात कामकाजी जिंदगी की हो, पढ़ाई की, या फिर मनोरंजन की, इंटरनेट हर जगह जरूरी है। खासकर जब हम किसी ज़रूरी काम के लिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे होते हैं, और अचानक डेटा खत्म हो जाए, तो वह स्थिति काफी निराशाजनक हो सकती है। लेकिन अब आपको इन समस्याओं से जूझने की जरूरत नहीं है, क्योंकि…
1 note · View note
vedantbhoomidigital · 1 month ago
Text
अमित शाह ने दिल्ली में सुषमा भवन और पशु चिकित्सालय का उद्घाटन किया | दिल्ली समाचार
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को उद्घाटन किया गया'सुषमा भवन', सेंट्रल में कामकाजी महिला छात्रावास का एक नया ब्लॉक दिल्लीमोती बाग क्षेत्र में एक एनडीएमसी पशु चिकित्सालय के साथ।शाह ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली के निवासियों के लिए 'शीशमहल दर्शन' कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए, उन्होंने 6 फ्लैगस्टाफ रोड का जिक्र किया जहां केजरीवाल रहते थे…
0 notes
the-trends · 1 month ago
Text
Personal Finance: वर्किंग वुमन को निवेश के लिए काम आएंगी ये तरकीबें
Personal Finance: आजकल की व्यस्त जिंदगी में हम अक्सर अपने भविष्य के लिए बचत या निवेश के बारे में भूल जाते हैं। अगर आप एक कामकाजी महिला (Working Woman) हैं, तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि अपने भविष्य के लिए निवेश करना बेहद जरूरी है। ये कुछ निवेश के बेहतरीन विकल्प हैं जो आपकी मदद कर सकते हैं, ताकि आप भी भविष्य के लिए तैयार रह सकें। गोल्ड इन्वेस्टमेंट है बेस्ट भारत में सोने में निवेश हमेशा से एक…
0 notes
Text
महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए
Tumblr media
महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए?
परिचय शारीरिक संबंधों की आवृत्ति हर जोड़े के लिए अलग होती है, और यह कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे शारीरिक, मानसिक स्थिति, उम्र, रिश्ते की स्थिति और व्यक्तिगत इच्छाएं। महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए, यह सवाल अक्सर पूछा जाता है। हालांकि इसका कोई सटीक उत्तर नहीं है, इस ब्लॉग में हम इस विषय पर चर्चा करेंगे और समझेंगे कि शारीरिक संबंधों की आदर्श आवृत्ति क्या हो सकती है।
1. शारीरिक और मानसिक स्थिति का प्रभाव
शारीरिक स्वास्थ्य: महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप और आपका साथी शारीरिक रूप से कितने स्वस्थ हैं। शारीरिक बीमारियों, थकान, या किसी तरह के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे आवृत्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
मानसिक स्थिति: मानसिक स्थिति का भी शारीरिक संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब कोई पार्टनर मानसिक तनाव, चिंता या अवसाद का सामना कर रहा होता है, तो शारीरिक संबंधों की इच्छा कम हो सकती है। इस स्थिति में एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना जरूरी है।
2. आदर्श आवृत्ति: महीने में कितनी बार?
अधिकांश विशेषज्ञों के अनुसार, महीने में 4 से 8 बार शारीरिक संबंध बनाना एक सामान्य और स्वस्थ आवृत्ति मानी जाती है, यानी सप्ताह में 1 से 2 बार। यह संख्या दोनों पार्टनर्स की संतुष्टि, शारीरिक स्वास्थ्य और रिश्ते की स्थिति के अनुसार बदल सकती है।
युवा जोड़े: युवा और स्वस्थ जोड़े महीने में 8-12 बार तक शारीरिक संबंध बना सकते हैं, क्योंकि उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति अधिक सक्रिय होती है।
उम्र बढ़ने के साथ: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शारीरिक समस्याएं, काम की व्यस्तता, या पारिवारिक जिम्मेदारियां शारीरिक संबंधों की आवृत्ति को घटा सकती हैं। हालांकि, रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
3. व्यक्तिगत इच्छाएं और जीवनशैली
हर व्यक्ति और हर रिश्ते की जरूरतें अलग होती हैं। शारीरिक संबंधों की आवृत्ति का निर्धारण दोनों पार्टनर्स की इच्छाओं और जीवनशैली पर भी निर्भर करता है। अगर कोई पार्टनर व्यस्त कामकाजी दिनचर्या या अन्य जिम्मेदारियों के कारण शारीरिक संबंधों के लिए समय नहीं निकाल पा रहा है, तो आवृत्ति कम हो सकती है।
कामकाजी जीवन: लंबे कार्यदिवस और जिम्मेदारियां शारीरिक संबंधों की आवृत्ति को प्रभावित कर सकती हैं। लेकिन इसे संतुलित करने के लिए आप शारीरिक संबंधों को खुशहाल और शांतिपूर्ण बना सकते हैं, भले ही उनकी संख्या कम हो।
आध्यात्मिक या मानसिक संतोष: अगर दोनों पार्टनर मानसिक रूप से संतुष्ट हैं, तो शारीरिक संबंधों की आवृत्ति में प्राकृतिक वृद्धि हो सकती है।
4. शारीरिक संबंधों के लाभ
शारीरिक संबंधों के कई शारीरिक और मानसिक लाभ होते हैं:
शारीरिक स्वास्थ्य: शारीरिक संबंध नियमित रूप से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार और तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
भावनात्मक जुड़ाव: नियमित शारीरिक संबंधों से रिश्ते में भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास मजबूत होता है।
तनाव कम करना: सेक्स के दौरान एंडोर्फिन्स (फील-गुड हार्मोन) का रिलीज़ तनाव को कम करने में मदद करता है।
5. जब शारीरिक संबंधों की आवृत्ति कम हो जाए
कभी-कभी शारीरिक संबंधों की आवृत्ति कम हो सकती है, और यह कोई समस्या नहीं है, जब तक दोनों पार्टनर इस बदलाव को समझते हैं और स्वीकार करते हैं। शारीरिक संबंधों में कमी का कारण मानसिक तनाव, शारीरिक समस्याएं, या रिश्ते में असंतोष हो सकता है। इस स्थिति में संवाद और समझ का महत्व बढ़ जाता है।
Click here to Read A Blog- एक हफ्ते में कितनी बार संबंध बनाना चाहिए ?
निष्कर्ष
महीने में कितनी बार शारीरिक संबंध बनाना चाहिए, इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। यह पूरी तरह से दोनों पार्टनर्स की शारीरिक और मानसिक स्थिति, जीवनशैली, और रिश्ते की जरूरतों पर निर्भर करता है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आप और आपका साथी संतुष्ट और आरामदायक महसूस करें, और शारीरिक संबंधों को एक सकारात्मक और सुखद अनुभव बनाए रखें। संतुलित और समझदारी से शारीरिक संबंधों की आवृत्ति तय करना रिश्ते को और मजबूत बना सकता है।
1 note · View note
momkidcares · 2 months ago
Text
नैनी/बेबीसिटर बनने के फायदे: करियर और जीवन को नई दिशा देने का अवसर
Tumblr media
नैनी/बेबीसिटर बनने के फायदे
1. स्थिर और सम्मानजनक आय
नैनी/बेबीसिटर की नौकरी(babysitter jobs in Delhi) एक स्थिर आय का जरिया है।
गुरुग्राम जैसे शहरों में, कामकाजी परिवार बच्चों की देखभा�� के लिए पेशेवर नैनी/बेबीसिटर को प्राथमिकता देते हैं।
शुरुआती स्तर पर 10,000 से 15,000 रुपये प्रति माह की कमाई हो सकती है, जबकि अनुभवी नैनी/बेबीसिटर 20,000 से 30,000 रुपये या उससे अधिक कमा सकती हैं।
कुछ परिवार अतिरिक्त सुविधाएं, जैसे मुफ्त भोजन और आवास, भी प्रदान करते हैं।
2. आर्थिक आत्मनिर्भरता
यह नौकरी विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान करती है।
अपने कमाई के माध्यम से महिलाएं परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकती हैं।
यह नौकरी उन महिलाओं के लिए एक आदर्श विकल्प है जो घरेलू जिम्मेदारियों के साथ अपनी आय भी बढ़ाना चाहती हैं।
3. बच्चों के साथ समय बिताने का आनंद
अगर आप बच्चों के साथ समय बिताने का शौक रखती हैं, तो यह नौकरी आपके लिए एक शानदार अवसर है।
बच्चों की देखभाल करते समय उनकी मासूमियत और हंसी के साथ दिन बिताना अत्यंत संतोषजनक हो सकता है।
बच्चों को पढ़ाना, उनके साथ खेलना, और उनकी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होना व्यक्तिगत खुशी प्रदान करता है।
4. लचीला कार्य समय
नैनी और बेबीसिटर की नौकरियों(Nanny Jobs) में अक्सर कार्य समय लचीला होता है।
आप पार्ट-टाइम, फुल-टाइम या आवश्यकता के अनुसार काम का चयन कर सकती हैं।
परिवार की जरूरतों के अनुसार, कुछ नौकरी में आपको रहने और खाने की सुविधा भी दी जाती है, जिससे आपका समय और पैसा बचता है।
5. कार्यक्षेत्र में कौशल विकास
यह नौकरी केवल बच्चों की देखभाल तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें कई अन्य कौशल भी सीखे जा सकते हैं।
समय प्रबंधन: बच्चों की दिनचर्या को संभालना आपको समय का प्रबंधन सिखाता है।
संचार कौशल: परिवार और बच्चों के साथ संवाद करना एक महत्वपूर्ण कौशल है।
सुरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा: इस नौकरी में प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान अनिवार्य हो सकता है, जो जीवनभर काम आता है।
6. समाज में सम्मानजनक स्थान
बच्चों की देखभाल का काम समाज में एक जिम्मेदारीपूर्ण और सम्मानजनक कार्य माना जाता है।
माता-पिता आपके काम की सराहना करते हैं, जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है।
बच्चों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालना एक बड़ा योगदान है, जो समाज में आपकी छवि को और मजबूत करता है।
7. करियर में उन्नति के अवसर
नैनी और बेबीसिटर के रूप में काम करना आपके करियर में नई संभावनाएं खोल सकता है।
पेशेवर प्रशिक्षण: आप बच्चों की देखभाल के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकती हैं।
प्रशिक्षित नैनी सेवाएं: कई संस्थान अब नैनी और बेबीसिटर के लिए प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन प्रदान करते हैं, जिससे आप उच्च वेतन और बेहतर अवसर पा सकती हैं।
दीर्घकालि�� संभावनाएं: यदि आप किसी परिवार के साथ लंबे समय तक काम करती हैं, तो यह नौकरी आपके लिए स्थिर करियर बन सकती है।
8. बच्चों की परवरिश के अनुभव से व्यक्तिगत विकास
यह नौकरी आपको धैर्य, सहानुभूति और नेतृत्व जैसे गुणों को विकसित करने में मदद करती है।
बच्चों की मासूमियत और उनकी देखभाल में आने वाली चुनौतियां आपको बेहतर इंसान बनाती हैं।
आप उनके सवालों और जिज्ञासाओं का जवाब देते हुए खुद भी बहुत कुछ सीख सकती हैं।
9. महिलाओं के लिए सुरक्षित रोजगार
गुरुग्राम जैसे शहरी क्षेत्रों में नैनी/बेबीसिटर का काम महिलाओं के लिए एक सुरक्षित रोजगार विकल्प है।
कई परिवार महिलाओं को प्राथमिकता देते हैं, जिससे यह क्षेत्र विशेष रूप से महिलाओं के लिए अनुकूल बन जाता है।
रोजगार के दौरान परिवार द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है।
10. सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव
नैनी/बेबीसिटर के रूप में काम करने से आपको विभिन्न परिवारों और उनकी जीवनशैली को समझने का अवसर मिलता है।
यह नौकरी आपको नई संस्कृतियों, भाषाओं और परंपराओं को जानने का मौका देती है।
प्रवासी परिवारों के साथ काम करते हुए आप अंतरराष्ट्रीय जीवनशैली का अनुभव कर सकती हैं।
11. कम शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता
नैनी/बेबीसिटर की नौकरी के लिए उच्च शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती।
यह नौकरी उन महिलाओं के लिए आदर्श है जो औपचारिक शिक्षा नहीं ले पाई हैं, लेकिन उनके पास बच्चों की देखभाल का अनुभव है।
12. तनावमुक्त कार्यक्षेत्र
दूसरे पेशों की तुलना में यह काम कम तनावपूर्ण हो सकता है, खासकर अगर आपको बच्चों के साथ समय बिताने में खुशी मिलती है।
परिवार के साथ अच्छा तालमेल बैठाकर आप अपना काम आसानी से कर सकती हैं।
बच्चों की मासूमियत और उनके साथ बिताए गए पल काम के तनाव को कम करते हैं।
निष्कर्ष
नैनी/बेबीसिटर की नौकरी (nanny jobs in Gurgaon) केवल रोजगार का साधन नहीं है, बल्कि यह व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए एक बेहतरीन अवसर है। यह काम महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता, सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता प्रदान करता है।
जो महिलाएं बच्चों के साथ काम करना पसंद करती हैं और अपने करियर में स्थिरता चाहती हैं, उनके लिए यह नौकरी एक आदर्श विकल्प हो सकती है। सही दृष्टिकोण और जिम्मेदारी के साथ, नैनी/बेबीसिटर के रूप में काम करना न केवल आपको आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा, बल्कि समाज में आपकी एक विशिष्ट पहचान भी स्थापित करेगा।
0 notes
aicwaofficial · 2 months ago
Text
Tumblr media Tumblr media Tumblr media Tumblr media
ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन (AICWA) के अध्यक्ष का इंटरव्यू
हाल ही में दैनिक भास्कर की रिपोर्टर किरण जी ने AICWA के ऑफिस में एसोसिएशन के अध्यक्ष से एक विशेष बातचीत की। इस इंटरव्यू में बॉलीवुड फिल्म इंडस्��्री में स्पॉट बॉय की जिंदगी और उनकी समस्याओं पर चर्चा की गई।
इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर रोशनी डाली गई:
1. स्पॉट बॉय की रोजमर्रा की जिंदगी:
बॉलीवुड सेट पर एक स्पॉट बॉय का जीवन कैसा होता है?
2. काम मिलने में चुनौतियां:
क्या उन्हें नियमित रूप से काम मिलता है? क्या उनका रोजगार स्थिर है?
3. आर्थिक समस्याएं:
उनकी औसत सैलरी कितनी होती है? क्या उन्हें समय पर उनका वेतन मिलता है? क्या वे अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में सक्षम हैं?
4. सेट पर काम करने की स्थिति:
क्या शूटिंग के दौरान उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं मिलती हैं? जैसे खाना, पानी और आराम करने की जगह?
5. सम्मान और पहचान:
क्या स्पॉट बॉय को सेट पर महत्व दिया जाता है या उन्हें नजरअंदाज किया जाता है?
6. परिवार की जरूरतें पूरी करना:
क्या वे अपनी कमाई से अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें पूरी कर पाते हैं, या उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है?
इस इंटरव्यू के माध्यम से AICWA के अध्यक्ष ने फिल्म इंडस्ट्री में स्पॉट बॉय की अहमियत और उनके सामने आने वाली कठिनाइयों को उजागर किया। सेट के सुचारू संचालन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होने के बावजूद, उन्हें आर्थिक स्थिरता, पहचान और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
| @hollywood | @bollywood | @sureshsgupta |
0 notes
rightnewshindi · 2 months ago
Text
सीएम सुक्खू ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर की बड़ी घोषणाएं, वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट प्रणाली में होगा बदलाव
CM Sukhu: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित एक सम्मेलन में सरकारी कर्मचारियों के कामकाजी कामों को और बेहतर बनाने के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। सबसे पहले, उन्होंने बताया कि अब सरकारी विभागों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) की प्रणाली में बदलाव होगा। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म होगा लॉन्च कर्मियों का मूल्यांकन अंकों के आधार पर किया जाएगा, जिसमें काम की गुणवत्ता और…
0 notes
pawan9559 · 3 months ago
Text
भूलख उत्तराखंड
भूलख उत्तराखंड ऐप: एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
परिचय:
उत्तराख��ड राज्य में भूमि और संपत्ति से संबंधित मामलों की पारदर्शिता और सुविधा को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने "भूलख उत्तराखंड" ऐप को लॉन्च किया है। इस ऐप का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपनी भूमि की स्थिति, रिकॉर्ड और अन्य संबंधित जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करना है। विशेष रूप से, यह ऐप भूमि मालिकों, खरीदारों, और सरकारी अधिकारियों को भूमि रिकार्ड्स से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए एक सशक्त माध्यम प्रदान करता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उद्देश्य:
समान्य नागरिकों के लिए सुविधा: इस ऐप के माध्यम से नागरिक अब अपने भूमि रिकार्ड्स को ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं, जिससे समय की बचत होती है और उन्हें भिन्न-भिन्न सरकारी दफ्तरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
भूमि रिकार्ड्स का डिजिटलकरण: ऐप के जरिए सरकार भूमि रिकार्ड्स को डिजिटल रूप में प्रस्तुत कर रही है, जिससे दस्तावेजों की कागजी प्रक्रिया को कम किया जा सके और सभी रिकॉर्ड्स सुरक्षित तरीके से संचित किए जा सकें।
सार्वजनिक सूचना की सुलभता: यह ऐप भूमि से संबंधित सरकारी आंकड़ों और सूचनाओं को पारदर्शी तरीके से लोगों तक पहुंचाता है। इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जनता को जानकारी मिलती है और उन योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होती है।
भूलख उत्तराखंड ऐप की मुख्य विशेषताएँ:
ऑनलाइन भू-लेख देखना: इस ऐप के माध्यम से लोग अपनी भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर, और अन्य भू-लेख विवरण देख सकते हैं। पहले यह जानकारी कागजी रूप में होती थी, लेकिन अब इसे डिजिटल रूप में देखा जा सकता है।
भू-लेख प्रमाण पत्र (Land Record Certificate): भूमि का मालिकाना हक प्रमाणित करने के लिए लोग इस ऐप के जरिए ऑनलाइन भू-लेख प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं, जो कई सरकारी और निजी कार्यों में काम आता है।
पारदर्शिता और भ्रष्टाचार को रोकना: ऐप के माध्यम से भूमि रिकार्ड्स तक सरल पहुंच से सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए जाने वाले भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को कम करने में मदद मिलती है।
भूमि विवादों की निवारण में मदद: इस ऐप के माध्यम से भूमि से संबंधित विवादों की स्थिति का पता लगाया जा सकता है, जैसे कि भूमिकला विवाद, मालिकाना हक विवाद आदि। इससे विवादों को हल करने में सरलता आती है।
मालिकाना हक की स्पष्टता: लोग अपनी भूमि के मालिकाना हक को ऑनलाइन देख सकते हैं, जो भूमि से संबंधित विवादों के निवारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
लैंड रिकॉर्ड्स का ट्रैकिंग:इस ऐप के माध्यम से जमीन के रिकॉर्ड को ट्रैक किया जा सकता है, जैसे कि भूमि की खरीद-बिक्री, हस्‍तांतरण और अन्य घटनाओं का विवरण।
नक्शे और योजनाओं का अवलोकन:ऐप में नक्शों और भूमि योजनाओं का भी समावेश किया गया है, जिससे लोग अपनी भूमि के सीमा-रेखा और उसके आस-पास की भूमि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप का उपयोग कैसे करें?
ऐप डाउनलोड करना:भूलख उत्तराखंड ऐप को स्मार्टफोन के Google Play Store (Android) या Apple App Store (iOS) से डाउनलोड किया जा सकता है।
रजिस्ट्रेशन और लॉगिन:ऐप को डाउनलोड करने के बाद, उपयोगकर्ता को अपने खाता नंबर और खसरा नंबर जैसे विवरणों के साथ लॉगिन करना होगा। एक बार लॉगिन करने के बाद, उपयोगकर्ता अपनी भूमि से जुड़ी सारी जानकारी देख सकता है।
भू-लेख विवरण की खोज:उपयोगकर्ता भूमि के खसरा नंबर, खाता नंबर या अन्य मान्यताओं के आधार पर अपने भूमि विवरण की खोज कर सकते हैं।
भू-लेख प्रमाण पत्र का डाउनलोड:ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता अपनी भूमि का प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं, जिसे किसी भी सरकारी या निजी प्रक्रिया में प्रस्तुत किया जा सकता है।
सरकारी योजनाओं की जानकारी:ऐप पर सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में भी जानकारी उपलब्ध है, जिससे लोग राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
भूलख उत्तराखंड ऐप के लाभ:
सुविधाजनक:यह ऐप नागरिकों को जमीन के रिकॉर्ड्स तक आसान पहुंच प्रदान करता है। पहले भूमि के रिकार्ड्स के लिए तहसील या पटवारी कार्यालय जाना पड़ता था, लेकिन अब इसे घर बैठे देखा जा सकता है।
समय और पैसे की बचत:भूमि रिकार्ड्स की जानकारी प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों में जाने की आवश्यकता नहीं होती, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।
पारदर्शिता:भूमि रिकार्ड्स की डिजिटल उपलब्धता से सरकारी कामकाजी में पारदर्शिता आती है और जनता को अधिक जानकारी मिलती है।
भ्रष्टाचार में कमी:कागजी कार्यवाही की बजाय डिजिटल रिकॉर्ड्स के कारण सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से रिकार्ड्स में बदलाव करने का अवसर कम होता है।
बेहतर प्रशासनिक कार्यक्षमता:सरकार और प्रशासन के लिए भी यह ऐप एक प्रभावी उपकरण है, जिससे भूमि से संबंधित मामलों का निपटारा जल्दी और बिना किसी कठिनाई के किया जा सकता है।
भूलख उत्तराखंड ऐप के चुनौतियाँ:
इंटरनेट कनेक्टिविटी:पहाड़ी इलाकों में इंटरनेट की कमजोर कनेक्टिविटी एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यदि नेटवर्क नहीं होगा, तो नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता:कुछ लोग तकनीकी रूप से अनुभवहीन हो सकते हैं, जिनके लिए इस ऐप का उपयोग कठिन हो सकता है। ऐसे लोगों को ऐप का उपयोग समझाने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है।
डिजिटल साक्षरता की कमी:कुछ लोग विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण इस ऐप का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
निष्कर्ष:
भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य में भूमि रिकॉर्ड्स के डिजिटलकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नागरिकों को भूमि से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी सुलभ, पारदर्शी, और तेज़ तरीके से प्रदान करता है। इसके माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि, कुछ चुनौतियाँ जैसे इंटरनेट की उपलब्धता और डिजिटल साक्षरता की कमी भी हैं, लेकिन इनका समाधान भी समय के साथ किया जा सकता है। कुल मिलाकर, भूलख उत्तराखंड ऐप राज्य के नागरिकों के लिए एक बेहद उपयोगी और आवश्यक सेवा बन गया है।
0 notes
lekhjunction · 18 days ago
Text
Tumblr media
सिर्फ तीन घंटे में आप कर सकते हैं रसोई को मैनेज
अगर आपको लगता है कि आपका जीवन सिर्फ रसोई के इर्द-गिर्द ही सिमट कर रह गया है तो विश्वास करें कि इसका समाधान केवल आपके पास है। अगर आप चाहें तो आप रसोई को दिन के तीन घंटे देकर सुचारु रूप से चला सकती हैं। इसके लिए सबसे अहम बात खुद पर विश्वास और समय का प्रबंधन है।
ठंडा खाना क्यों नहीं?
बहुत सी महिलाओं को तवे से उतरती रोटी खिलाने का अपने पति और बच्चों को शौक होता है। ऐसा करके वो एक पत्नी और मां के रोल में खुद को परफेक्ट पाती हैं। लेकिन आप एक बात बताएं अगर परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर ठंडी रोटी खा लेंगे तो क्या हो जाएगा? सभी को गर्म-गर्म फुलके परोसना ही क्या आपकी जिम्मेदारी है? क्यों थकाती हैं अपने आप को? आपके पति और बच्चे ऑफिस में भी तो ठंडी रोटी ही खाते हैं। आप दिन भर की रोटियां एक साथ बनाकर कैसरॉल में क्यों नहीं रख देतीं?
आप भी ज़रूरी हैं
महिलाएं चाहे कामकाजी हों या घरेलू, वह घर की गृहस्वामिनी होती हैं। घर किस तरह चल रहा है यह पूरी तरह उन पर निर्भर करता है। लेकिन अगर आप किचन से बाहर झांकेंगी तो ही आप जान पाएंगी कि आपके आसपास क्या हलचल रही है।
प्लानिंग करनी है
अगर आप बदलाव के लिए तैयार हैं तो जान लें कि तीन घंटे में आप अपनी रसोई के काम को तब निपटा सकती हैं जब आपकी प्लानिंग सही हो। आप अपने किचन के लिए वीकली प्लान बनाएं कि आप किस दिन क्या बनाएंगी।
दूसरे विकल्प तलाशें
बहुत सी महिलाओं को सब कुछ उसी समय ताज़ा बनाकर देने का शौक होता है, लेकिन अगर आप अपनी यह मानसिकता बदलेंगी तो आपके आस-पास बहुत कुछ बदलने के लिए तैयार हो जाएगा।
आप बाई नहीं हैं
मनोवैज्ञानिक डॉ. सफिया अख्तर कहती हैं, "यह बात आपके मन में क्यों आई? क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है? ऐसा इसलिए क्योंकि आपने स्वयं को केवल इस तरह के कामों में सीमित कर रखा है।...
पूरा आर्टिकल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
0 notes