#कांगड़ा
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कांगड़ा में डिप्रेशन के डॉक्टर डॉ. देवाशीष शर्मा एक मनोचिकित्सक हैं जो डिप्रेशन, चिंता, नींद संबंधी विकारों और मूड विकारों के उपचार में विशेषज्ञ हैं। वह इंडियन साइकिएट्रिक सोसाइटी और एसोसिएशन फॉर साइकोलॉजिकल साइंस के सदस्य हैं।डॉ. देवाशीष शर्मा डिप्रेशन के लिए विभिन्न प्रकार के उपचार विकल्प प्रदान करते हैं, जिनमें दवा, चिकित्सा और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं। वह मरीजों के प्रति अपने दयालु और समझदार दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। https://ojasnpc.com/
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कांगड़ा सांसद मानीय किशन कपूर गद्दी गड़रिया समुदाय
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कलयुग को सच्ची सरकार है बाबा सिद्ध चानो जी महाराज, अन्याय से पीड़ितों की देते है न्याय; जानें उनकी कहानी
Baba Sidh Chano: बाबा सिद्ध चानो की उत्तर भारत में बहुत मान्यता है । यहां पर बाबा के बहुत से मंदिर हैं । इनमें कुछ मंदिर जैसे बाबा का आनंदपुर में मंदिर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के प्रागपुर का मंदिर और विलासपुर जिले के समैला का मंदिर और हमीरपुर जिले के पिपलु के मंदिर काफी प्रसिद् हैं। इन मंदिरों में हर दिन भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन मंगलवार और शनिवार के दिन यहां आने बाले भक्तों की…
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हिमाचल के शक्तिपीठ कांगड़ा देवी के बारे में जानिए खास बातें
कांगड़ा देवी का ऐतिहासिक महत्व है, जहां एक ओर पांडवों द्वारा इसके निर्माण की मान्यता है। वहीं इसे कई बार विदेशी आक्रमणकारियों ने लूटा, लेकिन हर बार इसके पुनर्निर्माण किया गया। मंदिर में तीन प्रमुख पिंडियाँ हैं: मां ब्रजेश्वरी, भद्रकाली और एकादशी की पिंडी। ब्रजेश्वरी देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित ब्रजेश्वरी देवी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। यहां माता भगवान शिव के…
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डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन कमेटी प्रधान पद चुनाव: धर्मवीर राणा की जीत पर विवाद, 70 जाली वोटों का आरोप, चुनाव स्थगित
चंडीगढ (अजीत झा): डोर टू डोर गार्बेज कलेक्शन कमेटी के प्रधान पद के चुनाव में मौजूदा प्रधान धर्मवीर राणा और उनके प्रतिद्वंदी सुरेंद्र कांगड़ा के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला। लेकिन चुनाव परिणाम के साथ ही माहौल में तनाव बढ़ गया, जब धर्मवीर राणा ने चुनाव कमेटी पर 70 जाली वोटों का आरोप लगाते हुए धांधली की शिकायत की। राणा ने चुनाव में अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि कर्मचारियों ने उन्हें भारी…
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लोकेशन : पालमपुर, कांगड़ा ,हिमाचल प्रदेश दिनांक 15 सितंबरगरीब मुसलमानो क...
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart64 के आगे पढिए.....)
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#हिन्दूसाहेबान_नहींसमझे_गीतावेदपुराणPart65
प्रश्न 46: वैष्णों देवी, नैना देवी, ज्याला देवी तथा अन्नपूर्णा देवी आदि पवित्र स्थानों पर अनेकों हिन्दू जाते हैं। क्या वहाँ जाने से भी मुक्ति लाभ नहीं है?
उत्तर (कबीर जी जिंदा महात्मा का) हे धर्मदास! अभी बताया था कि तीर्थों धामों पर जाने से क्या लाभ-हानि होती है। फिर भी सुन।
पूरा हिन्दू समाज जानता है कि ये पवित्र धर्म स्थान कैसे बने। आप अनजान मत बनो। जिस समय दक्ष पुत्री सती जी अपने पति श्री शिव ��ी से रूठकर पिता दक्ष जी के पास अपने घर आई। राजा दक्ष ने सती जी का अनादर किया। राजा दक्ष उस समय यज्ञ कर रहे थे। बहुत बड़े हवन कुण्ड में हवन चल रहा था। सती जी अपने पिता की बातों का दुःख मानकर हवन कुण्ड की अग्नि में गिरकर जल मरी। भगवान शिव को पता चला तो उन्होंने उसके बचे हुए नर कंकाल को उठाया तथा पत्नी के वियोग में उसे उठाए फिरते रहे। पत्नी के मोहयश महादुःखी थे। आपके पुराण में लिखा है कि दस हजार वर्षों तक सती पार्वती जी के कंकाल को लिए घूमते रहे। फिर श्री विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र से उस कंकाल (अस्थि पिंजर) के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। उस समय श्री शिव जी का मोह भंग हुआ। सती जी के शरीर के भाग कहीं-कहीं गिरे।
> वैष्णों देवी मंदिर की स्थापना
जहाँ पर देवी जी का घड वाला भाग गिरा। वहीं पर यादगार बनाए रखने के लिए श्रद्धालुओं ने धड को श्रद्धा के साथ पृथ्वी में दफनाकर उसके ऊपर एक छोटी सी मंदिरनुमा यादगार बना दी। बाद में समय अनुसार इसका विस्तार होता रहा। इस यादगार को देखने और वहाँ पर पूजा करने जाने से कोई पुण्य नहीं, अपितु पाप लगता है जो आने-जाने में जीव हिंसा होती है।
नैना देवी के मंदिर की स्थापना:
जिस स्थान पर सती पार्वती जी की आँखों वाला शरीर का माग गिरा, वहाँ पर भी उसी प्रकार जमीन में दफनाकर मंदिर बना दिया ताकि घटना का प्रमाण रहे। कोई पुराण कथा को गलत न बताए। ज्वाला जी की स्थापना:
जिस स्थान पर कांगड़ा जिले (हिमाचल प्रदेश) में देवी जी की अधजली जीम वाला भाग गिरा, उसको श्रद्धा से उस स्थान पर पृथ्वी में उस जीम को श्रद्धा से दबाकर यादगार रूप में छोटा मंदिर बना दिया। बाद में बहुत बड़ा मंदिर बनाया गया। वह ज्वाला देवी जी का मंदिर है।
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आध्यात्मिक जानकारी के लिए आप संत रामपाल जी महाराज जी के मंगलमय प्रवचन सुनिए। Sant Rampal Ji Maharaj YOUTUBE चैनल पर प्रतिदिन 7:30-8.30 बजे। संत रामपाल जी महाराज जी इस विश्व में एकमात्र पूर्ण संत हैं। आप सभी से विनम्र निवेदन है अविलंब संत रामपाल जी महाराज जी से नि:शुल्क नाम दीक्षा लें और अपना जीवन सफल बनाएं।
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सुक्खू सरकार का बड़ा एक्शन, ओमापति जम्वाल समेत बदले तीन आईपीएस; जानें किसको कहां भेजा
Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को तीन आईपीएस अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए हैं। सरकार ने पोस्टिंग का इंतजार कर रहे साल 2011 बैच के आईपीएस ओमापति जम्वाल को एसपी पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज डरोह कांगड़ा भेजा है। नोटिफिकेशन देखें साल 2018 बैच के आईपीएस भाग मल को एसपी एकेडमी ट्रेनिंग एंड रिसर्च पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज डरोह में आईजी पद के अगेंस्ट तैनाती दी है। इसी बैच के एसपी (लीव…
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ताजा खबर के अनुसार हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग��ने पांच जिलों में 24 से 30 जुलाई तक बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। हिमाचल के चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला व सिरमौर के कुछ स्थानों पर भारी बारिश का पूर्वानुमान है।
आपको बता दे की मंगलवार रात सबसे ज्यादा बारिश बैजनाथ में 85.0 एमएम, पालमपुर में 25.2, जोगिंद्रनगर में 18.0, धर्मशाला में 10.4, पांवटा साहिब में 7.6, सैंज में 7.5, काहू में 7.5, कसौली में 7.4 व शिमला में 5.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में बुधवार को हल्की धूप खिलने के साथ धुंध छाई रही। मानसून सीजन के चलते PWD ने बीते 24 घंटे में दस सडक़ों को दुरुस्त कर लिया है।
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हिमाचल में 225 करोड़ के निवेश से लगेगा स्वचालित दूग्ध प्रसंस्करण संयंत्र
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा कि सरकार ने राज्य के कांगड़ा जिले में अत्याधुनिक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र लगाने के लिए परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
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मैकलोडगंज: भारत का छोटा तिब्बत
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मैकलोडगंज ‘छोटा ल्हासा’ या ‘ढासा’ के नाम से प्रसिद्ध है। यह धर्मशाला का संक्षिप्त रूप है और इसकी संस्कृति तिब्बतियों के समान है। यह तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा का घर भी है। हरी-भरी हरियाली और ऊंचे पहाड़ों के बीच मैकलोडगंज प्रकृति के मनमोहक नजारे देता है। हर साल, पर्यटक तिब्बती संस्कृति और जगह की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए इस जगह का दौरा करते थे।
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Top 10 Hill Stations of Himachal Pradesh
Hill Stations of Himachal Pradesh, भारत का एक राज्य, अपनी प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विविधता, और शिमला, मनाली जैसे दर्शनीय हिल स्टेशन्स के लिए प्रसिद्ध है। यहां के हिल स्टेशन दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, और इस लेख में हम जानेंगे कि पूरी दुनिया में प्रमुख हिमाचल प्रदेश के 10 विशेष हिल स्टेशन कौन-कौन से हैं।
Dharamshala — The Serene Abode
धर्मशाला वह स्थान है जहां प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक धरोहर का सही मेल होता है। यहां की शानदार तस्वीरों का आनंद लेने के लिए दर्शनीय स्थलों का वर्णन किया जा सकता है, साथ ही धर्मशाला के सांस्कृतिक आकर्षणों की चर्चा की जा सकती है।
Shimla — Queen of Hills
शिमला, हिमाचल प्रदेश की राजधानी और हिल स्टेशनों की रानी, इतिहास से भरी हुई है। यहां पर्यटकों को ऐतिहासिक स्थलों का आनंद लेने का विशेष अवसर है, साथ ही यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी आनंद लिया जा सकता है।
Manali — A Gateway to Adventure
मनाली, स्वभाव से ही एक एडवेंचर और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ स्थान है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य और एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा लेने के लिए अनेक सुविधाएं हैं, साथ ही स्थानीय भोजन और बाजारों का भी वर्णन किया जा सकता है।
Kullu — The Valley of Gods
कुल्लू, भगवानों की उपासना के लिए प्रसिद्ध है और यहां कई प्रमुख धार्मिक स्थल हैं। कुल्लू में मनाए जाने वाले पर्व और त्���ोहारों का विवरण भी इस लेख में शामिल किया जा सकता है।
Chamba — Ancient Charm
चंबा, अपने ऐतिहासिक विरासत और सौंदर्य से परिपूर्ण है। यहां की शानदार सांस्कृतिक विरासत और चंबा की अद्वितीय वास्तुकला की चर्चा भी की जा सकती है।
Dalhousie — Mini Switzerland of India
डलहौजी, भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहलाने वाला स्थान है, जिसमें उपनगर वास्तुकला, सुरम्य दृश्य और ट्रेकिंग के ऑप्शन्स शामिल हैं। इसके बारे में और जानकारी प्राप्त करने के लिए पढ़ते रहें।
Palampur — Tea Gardens and Tranquility
पालमपुर, इसके चाय बाग़ों और शांति से भरे माहौल के लिए प्रसिद्ध है। इस लेख में हम चाय के बाग़ों के इतिहास और इसके पर्यटकों के लिए राहतगीत गतिविधाओं के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
Kasauli — Quaint and Quiet Retreat
कसौली, एक छोटा और शांत स्थान, अपनी शांति और कम-बसी चर्म से प्रसिद्ध है। इसमें विशेष रूप से दर्शनीय स्थलों का वर्णन और कसौली के आवश्यक स्थानों का सुझाव दिया जा सकता है।
Solan — The Mushroom City
सोलन, जिसे “मशरूम नगरी” भी कहा जाता है, अपनी अनूठी कृषि प्रथाओं के लिए प्रसिद्ध है। इसमें स्थानीय व्यापारों और बाजारों का विवरण भी शामिल किया जा सकता है।
Kangra — History and Nature Blend
कांगड़ा, अपने ऐतिहासिक किले और प्राकृतिक सौंदर्य के संघम में है। इसके ऐतिहासिक महत्व और कांगड़ा की प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में विवरण दिया जा सकता है।
Bir Billing — Paragliding Hub
बीर बिलिंग, पैराग्लाइडिंग का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पराग्लाइडिंग के साथ-साथ बौद्ध मठों और स्थानीय सांस्कृतिक के बारे में भी बताया जा सकता है।
Mandi — Temple Town
मंडी, जिसे “मंदिर नगर” भी कहा जाता है, वहां के प्रमुख मंदिरों का वर्णन कर सकते हैं। इसके अद्वितीय पर्व और त्योहारों की चर्चा भी इस लेख में की जा सकती है।
Narkanda — Winter Wonderland
नारकंडा, यहां की बर्फबारी और शीतकालीन खेलों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के स्नोफॉल और शीतक कालीन खेलों का वर्णन किया जा सकता है, साथ ही यहां की सेब के बागों और स्थानीय उत्पाद के बारे में भी जानकारी प्रदान की जा सकती है।
Conclusion
इस लेख में, हिमाचल प्रदेश के शीर्ष 10 हिल स्टेशनों की यात्रा पर चर्चा की गई है, जो प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर, और रोमांटिक माहौल के साथ अपने आप में एक साहसिक अनुभव प्रदान करते हैं। पढ़ने वालों से निवेदन है कि इन हिल स्टेशनों का आनंद लें और हिमाचल प्रदेश के सौंदर्य में डूबें।
FAQs (Frequently Asked Questions)
क्या हिमाचल प्रदेश में पूरे साल भर किसी भी समय यात्रा की जा सकती है?
हाँ, हिमाचल प्रदेश पूरे साल भर सुरक्षित और यात्रा के लिए उपयुक्त है। हर सीजन में यहां का अपना महत्वपूर्ण चार्म है।
क्या हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की सुविधा है?
हाँ, हिमाचल के हिल स्टेशनों में एडवेंचर स्पोर्ट्स की अनेक सुविधाएं हैं, जैसे कि पैराग्लाइडिंग, ट्रेकिंग, और शिक्षुता यात्राएँ।
क्या हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों के लिए पूरे परिवार के साथ यात्रा करना सुरक्षित है?
जी हाँ, हिमाचल प्रदेश में हिल स्टेशन्स परिवार के साथ यात्रा करने के लिए सुरक्षित हैं, और यहां अनेक सुविधाएं व्यावसायिक और व्यावसायिक यात्रीयों के लिए हैं।
कौन-कौन से हिल स्टेशन गर्मी के मौसम के लिए प्रसिद्ध हैं?
शिमला, मनाली, और नारकंडा जैसे स्थानें हिमाचल प्रदेश में गर्मी के मौसम के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। यहां मौसम ठंडा रहता है और प्राकृतिक सौंदर्य आनंद का अद्भुत अनुभव प्रदान करता है।
कैसे पह��ंचा जा सकता है हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों त��?
हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन्स ट्रेन, बस, और वाहन से आसानी से पहुंचे जा सकते हैं। नजदीकी हवाईअड्ड़े से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
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