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#कसरत के बाद पीने के फायदे
bharatalert · 3 years
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सोनाली सेगल का कसरत के बाद का स्वास्थ्य पेय पोषक तत्वों से भरपूर है
सोनाली सेगल का कसरत के बाद का स्वास्थ्य पेय पोषक तत्वों से भरपूर है
सोनाली सीगल अपने वर्कआउट रूटीन से प्यार करता है। फिटनेस के प्रति उत्साही अभिनेत्री नियमित रूप से अपनी फिटनेस डायरी के अंश अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर साझा करती रहती हैं। अभिनेता हाल ही में ऋषिकेश में अपनी लंबी यात्रा से वापस आया है – जब पहाड़ियों और मंदिरों के शहर में, सोनाली ने यह सब किया, नदी के किनारे योग की दिनचर्या से लेकर पृष्ठभूमि में पहाड़ियों के साथ, सर्दियों की धूप में तपने तक। हिल…
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abhay121996-blog · 3 years
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इन आसान टिप्स से आप भी पा सकते हैं नींद की सामान्य समस्याओं से छुटकारा... Divya Sandesh
#Divyasandesh
इन आसान टिप्स से आप भी पा सकते हैं नींद की सामान्य समस्याओं से छुटकारा...
डेस्क। रात के दौरान अच्छी नींद स्वस्थ शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। अगर आप पूरी नींद नहीं ले पाते हैं या गलत समय पर सोते हैं या फिर टुकड़ों में नींद पूरी करते हैं तो इससे आपको निंद्रा विकार की समस्या हो सकती है। आज के समय में नींद की समस्या इस समय पूरी दुनिया के लोगों में सबसे आम समस्याओं में से एक है। तनावपूर्ण जीवन, गलत खान-पान, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, कसरत के लिए कम समय की वजह से हमारे बीच तनाव का स्तर लगातार बढ़ रहा है। नतीजतन, हमारी नींद का पैटर्न बदल रहा है और हमें नींद नहीं आ पाती और नींद न आने पर सब कुछ बहुत मुश्किल लगता है। 
ये खबर भी पढ़े: दूध में घी डालकर पीने के ये फायदे जानकर आप हो जायेंगे हैरान
अगर ये लंबे समय तक जारी रहता है, तो इसके परिणामस्वरूप आपको नींद की बीमारी हो सकती है। इसलिए, देर होने से पहले कदम उठाना बेहतर है और अपनी सामान्य नींद की समस्याओं को जल्द से जल्द ठीक करें। हम आपको यहां कुछ टिप्स बता रहे हैं कि आपको इसके लिए क्या करना चाहिए?
-अगर आपको अक्सर अनिद्रा की शिकायत रहती है तो आपको एक बार अपने खान−पान पर भी फोकस करना चाहिए।  बिस्तर पर जाने से पहले शराब या कैफीन जैसे किसी भी उत्तेजक पदार्थ का सेवन न करें। क्योंकि कैफीन आपको जागे रहने में मदद करता है। 
-यदि आप बिस्तर पर हैं, तो किसी भी प्रकार की गतिविधि न करें। अपने बिस्तर पर फोन कॉल, पढ़ना-लिखना या स्टडी न करें। 
एक हेल्दी स्लीप पैटर्न को कंट्रोल करें और इसे नियमित रूप से बनाए रखें। बिस्तर पर जाएं और हर दिन एक ही समय पर जागें
  -किसी भी दिन अपने वर्कआउट रूटीन को न छोड़ें। मजबूत कोर के लिए रोजाना व्यायाम करें और खुद को स्वस्थ रखें। 
-अपने बिस्तर पर जाने के बाद कभी भी कुछ न खाएं-पिएं. क्योंकि ये आपके पाचन तंत्र में समस्याएं पैदा कर सकता है और पाचन समस्याएं नींद की समस्याओं की सबसे आम वजह है। 
-अपने कमरे के वातावरण को सुखदायक, रिलैक्स्ड और आरामदायक बनाएं। सभी लाइटों को बंद करके अंधेरा कर दें और बिस्तर को साफ और व्यवस्थित करें। आप अपने कमरे में एक ऑयल-डिफ्यूजर भी रख सकते हैं ताकि ये सुखद और ताजा हो। 
-बिस्तर पर जाने से पहले किसी भी कीमत पर तनाव से खुद को मुक्त रखें। तनाव आजकल लोगों में नींद की समस्याओं के लिए अहम मुद्दों में से एक है। योग, ध्यान का अभ्यास करें। सकारात्मक और खुश रहें और अपने तनाव के स्तर को कम करने के लिए हमेशा मुस��कुराएं।
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lokjantoday · 5 years
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रोजाना खजूर खाएं और इन बीमारियों से मुक्ति पाएं…
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जैसे की खजूर सभी को पसंद नहीं होते, ये स्वाद में मीठे के साथ फीके भी होते हैं। बहुत से लोग खजूर देखकर ही इसे खाने से मना कर देते हैं, जिसका कारण है इसका पक्का रंग।
खाने-पीने की हर सामग्री में कुछ ना कुछ पौष्टिक गुण होते ही हैं, चाहे वो फल-सब्जियां हों या मसाले, सभी अपने गुणों का हमे लाभ प्रदान करते हैं। लेकिन खजूर के कुछ गुण ऐसे हैं जिनसे मिलने वाले फायदों को जानने के बाद आप वाकई चकित होने वाले हैं। आप यदि खजूर बेहद पसंद करते हैं तो रोजाना कम से कम 3 या 4 खजूर सुबह-सुबह खाएं। यदि पसंद नहीं है, तब भी 2 खजूर अवश्य खाएं।
खजूर में भारी मात्रा में विटामिन और मिनरल यानि खनिज पदार्थ के साथ- साथ इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। इसके अलावा फायबर के गुणों से भी युक्त है खजूर। खजूर में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, ए1 और विटामिन सी भी पाया जाता है। इसके साथ ही पोटैशियम से लैस लेकिन सोडियम से मुक्त होता है खजूर।
जानते हैं खजूर के फायदे…
 खजूर में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से बॉडी को शक्ति मिलती है। जो लोग अधिक थकान महसूस करते हैं वो थकान आयरन की कमी की वजह से होती है, खजूर में मौजूद आयरन उसे कुछ ही दिनों में पूरा कर देता है।
खजूर का सेवन पाचन शक्ति को बढ़ाता है। पेट संबंधी कैसी भी दिक्कत हो, उसमें खजूर का सेवन रामबाण इलाज सिद्ध होता है। यह पाचन शक्ति को सही कर भूख बढ़ाता है।
खजूर हृदय रोगियों के लिए बहुत अच्छा है। यदि किसी को दिल का रोग है तो वह रोजाना 3 से 4 खजूर खाए। खजूर बॉडी के कॉलेस्ट्रोल को कंट्रोल करता है, जिससे हृदय आघात जैसा खतरा कम हो जाता है।
ढेर सारे मिनरल्स और कम सोडियम होने की वजह से, खजूर हमारी हड्डियों के लिए अच्छा माना जाता है। खजूर में मौजूद सेलीनियम, मैगनीज, कॉपर जैसे मिनरल हमारी हड्डियों को मजबूती देते हैं।
जो लोग रोजाना वर्कआउट करते हैं, ढेर सारी कसरत करने के शौकीन हैं उन्हें खजूर अवश्य ही खाना चाहिए। ये उन्हें बिना किसी परेशानी के कसरत करने में सहयोग देगा।
आजकल जिस तरह का प्रदूषण शहरों में फैला हुआ है, उससे सबसे ज्यादा धूल संबंधी संक्रमण होत��� है। खजूर में ‘सल्फर’ पाया जाता है, जो शरीर में पैदा हो रहे संक्रमण को काटता है , इसे खाने वाले लोगों को कभी कोई संक्रमण अपना शिकार नहीं बना सकता।
यह फायदा उनके लिए है जो पतले हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। शरीर से बेहद कमजोर या यूं कहें कि अंडरवेट लोगों को खजूर खाने चाहिए। ऐसे लोग चाहें तो दिन में 3 से अधिक खजूर भी खा सकते हैं। खजूर का मीठापन और इसमें प्रोटीन होता है। जिसमे एक किलोग्राम खजूर में कुल 3000 कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ाने के सही अच्छी मात्रा है।
कैंसर से बचाए…
खजूर खाने से कैंसर रोग नहीं होता। खजूर का यह एक ऐसा गुण है जो अधिकतर लोग नहीं जानते। महिलाओं में आजकल उदर कैंसर, यानी कि साधारण भाषा में जिसे पेट का कैंसर भी कहा जाता है, वह काफी बढ़ गया है।
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chaitanyabharatnews · 5 years
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ब्रिटेन: फूड पैकेट्स पर लिखना होगा- पिज्जा या चॉकलेट खाई तो कितनी देर पैदल चलना या दौड़ना होगा
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चैतन्य भारत न्यूज आज का खानपान मोटापे की सबसे बड़ी वजह है। ऐसे में ब्रिटेन में मोटापा कम करने के लिए लोबौरो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने सरकार को एक प्रस्ताव दिया है। शोध में कहा गया कि खाने-पीने की चीजों के पैकेट पर कैलोरी चार्ट लगाए जाए। इसमें यह भी बताना चाहिए कि इसे खाने के बाद पचाने के लिए कितनी कसरत की जरुरत होगी। (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); जानकारी के मुताबिक, यह शोध 14 अलग-अलग फूड पर किया गया। इस प्रस्ताव में कहा गया कि फूड पैकेट पर बताना चाहिए कि अगर  पिज्जा खाया तो 4 घंटे पैदल चले या चॉकलेट खाई है तो 22 मिनट तक दौड़ना होगा। इससे फायदा यह होगा कि खानपान की सही आदत से जुड़ेंगे और सेहतमंद रहेंगे। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसी लेबलिंग से हर शख्स की रोजाना कैलोरी खपत में औसतन 200 कैलोरी को कम किया जा सकता है। प्रमुख शोधकर्ता अमांडा डेली का कहना है कि फूड पैकेट्स पर ऐसी लेबलिंग से लोगों को यह समझने में आसानी होगी कि वे कितनी कैलोरी वाली चीजें खा रहे हैं। आमतौर पर घर बनी चीजों में कम कैलोरी होती है लेकिन आप चॉकलेट मफिन खरीदते हैं तो इसमें 500 कैलोरी होती है। रिपोर्ट में यह बताया गया कि इसे पचाने के लिए 50 मिनट तक दौड़ना ही होगा। इस लेबल से ज्यादातर ग्राहक निश्चित तौर पर खुश होंगे, क्योंकि उन्हें पता होगा कि वे कितनी कैलोरी ले रहे हैं और उसे पचाने के लिए क्या करना होगा। इस लेबलिंग से लोग समझेंगे कि गलत खानपान की आदत कैसे रोकी जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में दो तिहाई से ज्यादा लोग मोटापे से जुड़ी बीमारी से पीड़ित हैं। न सिर्फ बड़े बल्कि बच्चों में भी अन्य यूरोपीय देशों की अपेक्षा मोटापा बढ़ा है। ये भी पढ़े... रिपोर्ट : गरीब लोगों को ज्यादा आता है हार्ट अटैक, ये है वजह PETA का चौंकाने वाला दावा, दूध से ज्यादा फायदेमंद है बियर पीना, गिनाए बियर के फायदे और दूध के नुकसान मोबाइल-लैपटॉप पर बढ़ता जा रहा बच्चों का स्क्रीन टाइम, WHO ने जताई चिंता Read the full article
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gethealthy18-blog · 5 years
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समुद्री नमक के 20 फायदे और नुकसान – Sea Salt Benefits and Side Effects in Hindi
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समुद्री नमक के 20 फायदे और नुकसान – Sea Salt Benefits and Side Effects in Hindi
Bhupendra Verma Hyderabd040-395603080 October 9, 2019
भोजन में नमक न हो, तो खाने का स्वाद नहीं आता। प्रतिदिन संतुलित मात्रा में लिया गया नमक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसलिए, देखा जाए, तो नमक की हमारे जीवन में अहम जगह है। फिर चाहे बात हो काले नमक की या फिर सफेद नमक की। इसके लिए अलावा भी नमक के कई प्रकार हैं, जिनमें से समुद्री नमक सबसे खास है। समुद्री नमक के इस्तेमाल से कई तरह के शारीरिक और मानसिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है। स्टाइलक्रेज का यह खास लेख समुद्री नमक पर ही है। हम समुद्री नमक का उपयोग और समुद्री नमक के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। सबसे पहले हम समुद्री नमक से जुड़ी कुछ खास बातें जान लेते हैं।
विषय सूची
समुद्री नमक क्या है? – What is Sea Salt in Hindi
यह तो हर कोई जानता है कि समुद्र का पानी खारा होता है। इस पानी से नमक का निर्माण किया जाता है, जिसे समुद्री नमक कहा जाता है। कई देशों में समुद्री नमक की खेती भी कि जाती है। समुद्री नमक कई रंगों और प्रकार में बाजार में उपलब्ध है। समुद्री नमक को बनाने के बाद इसे साफ जरूर किया जाता है, ताकि इसे भोजन बनाने व अन्य काम में इस्तेमाल किया जा सके।
चलिए, अब समुद्री नमक के प्रकार के बारे में जान लेते हैं।
समुद्री नमक के प्रकार – Types of Sea Salt in Hindi
समुद्री नमक के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से खास प्रकारों के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
हिमालयन समुद्री नमक : जब शुद्ध समुद्री नमक की बात होती है, तो सबसे पहले हिमालयन समुद्री नमक का जिक्र होता है। इस नमक का उपयोग पौराणिक काल से किया जा रहा है। इस नमक का रंग गुलाबी होता है। इस नमक का उपयोग आपके लिए लाभदायक हो सकता है।
सेल्टिक समुद्री नमक : सेल्टिक समुद्री नमक को सेल्टिक सागर से निकाला जाता है। यह समुद्री नमक ग्रे रंग का होता है, जिसे लंबे समय तक संग्रहीत करने के बाद भी स्पर्श करने पर नम महसूस होता है। सेल्टिक समुद्री नमक मस्तिष्क और रक्तचाप को संतुलित करने में फायदेमंद हो सकता है।
परतदार समुद्री नमक : यह अन्य नमक के मुकाबले पतला और क्रिस्टल के रूप में होता है। यह आसानी से घुल जाता है। इस नमक में खनिज सामग्री अन्य प्रकार के समुद्री नमक की तुलना में अपेक्षाकृत कम होती है।
फ्लेर डे सेल समुद्री नमक : इस समुद्री नमक को फ्रेंच और पुर्तगाली भाषा में नमक का फूल कहा जाता है, क्योंकि इसका आकार फूल की तरह होता है। इस नमक को पहले लैक्सेटिव और नमकीन के लिए इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन आज-कल इसे खाना बनाने में भी उपयोग किया जाने लगा है।
हवाई समुद्री नमक : इस समुद्री नमक को पेसिफिक यूनाइटेड स्टेट के हवाई (Hawaii) देश के ज्वालामुखी आइलैंड से निकाला जाता है। यही कारण है कि इसे हवाई समुद्री नमक के नाम से जाना जाता है। यह नमक काले और लाल रंग का होता है। यह नमक महंगा होता है और हवाई शहर के बाहर मुश्किल से मिलता है।
आइए, अब समुद्री नमक के फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
समुद्री नमक के फायदे – Benefits of Sea Salt in Hindi
आहार के जरिए जब समुद्री नमक हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो इससे कई तरह के फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में हम यहां बता रहे हैं :
1. इम्यून सिस्टम के लिए
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शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए समुद्री नमक का उपयोग किया जा सकता है। प्रतिरक्षा प्रणाली में मौजूद इम्यून सेल्स संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। नमक में पाया जाने वाला सोडियम टी सेल्स के विकास में सहायता कर सकता है। इससे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है (1)।
2. ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार और सामान्य धड़कन
ऐसा माना जाता है कि समुद्री नमक का इस्तेमाल करने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। साथ ही दिल की धड़कन को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यह इसलिए संभव हो पाता है, क्योंकि समुद्री नमक में सोडियम, क्लोराइड और पोटैशियम पाए जाते हैं। यह तत्व तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को सक्रीय रूप से काम करने में मदद कर सकता है। इससे नियमित रूप से दिल की धड़कन को सामान्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
3. बेहतर पाचन तंत्र व कम वजन
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समुद्री नमक के फायदे पाचन तंत्र को बेहतर करने और वजन घटने के लिए भी हो सकते हैं। यह सब इसलिए संभव हो सकता है, क्योंकि इसमें सामान्य नमक के मुकाबले कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है। सोडियम खाने को पचाने के साथ-साथ फैट को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (2)। इससे वजन को कम करने में मदद मिल सकती है (3)।
4. रक्त शुगर को नियंत्रित के लिए
सी सॉल्ट के सेवन से शरीर को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। इनमें से एक रक्त शुगर को नियंत्रित करना भी है (4)। फिलहाल, इस विषय में और शोध की आवश्यकता है, ताकि यह पता चल सके कि किस गुण के कारण सी सॉल्ट रक्त शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
5. अस्थमा का इलाज
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समुद्री नमक का उपयोग करने से अस्थमा के इलाज में मदद मिल सकती है। दरअसल, लोगों का यह मानना है कि पानी पीने के बाद जीभ पर एक चुटकी समुद्री नमक रखकर सेवन करने से यह इनहेलर के समान प्रभावी हो सकता है। फिलहाल, इस बात की पुष्टि के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। इसलिए, ऐसा करने से ��हले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
6. मांसपेशियों के ऐंठन से राहत
कसरत करने वाले ज्यादातर लोगों की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या देखी गई है। जब आप कसरत करते हैं, तो पसीने के माध्यम से शरीर के इलेक्ट्रोलाइट्स (एक तरह का सोडियम) निकल जाता है, जो ऐंठन का कारण बन सकता है। वहीं, समुद्री नमक में इलेक्ट्रोलाइट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं (5)।
7. मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए
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समुद्री नमक में सोडियम, क्लोराइड और पोटैशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। ये सभी इलेक्ट्रोलाइट्स नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं। अगर तंत्रिका तंत्र बेहतर तरीके से काम करेगा, तो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा। इसलिए, समुद्री नमक को मस्तिष्क के लिए लाभदायक माना गया है (6)।
8. रूमेटाइड अर्थराइटिस से राहत
एक शोध में पाया गया कि समुद्री नमक को नहाने के पानी में उपयोग करने से रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या से राहत मिल सकती है (7)। यह इसलिए संभव होता है, क्योंकि इसमें सूजन को कम करने की क्षमता होती है, जिससे गठिया की समस्या कम हो सकती है।
9. एक्सफोलिएंट के रूप में
समुद्री नमक को एक्सफोलिएंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। समुद्री नमक युक्त पानी को इस्तेमाल करने से त्वचा पर मौजूद मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद मिल सकती है। साथ ही त्वचा में नमी बनाए रखने में भी मिलती है। इसलिए, समुद्री नमक के फायदे में एक्सफोलिएशन प्रक्रिया भी शामिल है (8)।
10. शरीर के पीएच स्तर के लिए
अगर आपके शरीर का पीएच स्तर असंतुलित है, तो ऐसे में मैग्नीशियम से समृद्ध खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए (9)। एक अध्ययन के अनुसार, सी सॉल्ट में मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है (10)। इसलिए, समुद्री नमक का उपयोग करके पीएच स्तर को संतुलित किया जा सकता है।
11. रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए
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नमक में पाए जाने वाले सोडियम के कारण उच्च रक्तचाप का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, नियमित उपयोग होने वाले नमक के मुकाबले समुद्री नमक में सोडियम की मात्रा कम पाई जाती है (11), (12)। ऐसे में समुद्री नमक का उपयोग रक्तचाप को नियंत्रित करने में फायदेमंद साबित हो सकता है (13)।
12. सोरायसिस का इलाज
समुद्र के पानी से समुद्री नमक बनाया जाता है। इस लिहाज से समुद्र के पानी का उपयोग कर सोरायसिस का उपचार किया जा सकता है (14)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि समुद्री नमक का उपयोग सोरायसिस की समस्या पर सकारात्मक असर डाल सकता है।
13. ऑस्टियोअर्थराइटिस से बचाव
ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या दर्दनाक साबित हो सकती है। अगर आप इससे बचना चाहते हैं, तो कम से कम सोडियम का सेवन करें। वहीं, इस आर्टिकल में हम ऊपर बता चुके हैं कि सामान्य नमक के मुकाबले समुद्री नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है। इसलिए, अगर आप ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या से जूझ रहे हैं, तो आज से ही सामान्य नमक की जगह समुद्री नमक को अपनी डाइट में शामिल करें (15)।
14. डिप्रेशन से राहत
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कुछ लोगों का मानना है कि समुद्री नमक अवसाद के लक्षणों को दूर करने में भी सहायक हो सकता है। समुद्री नमक के इस्तेमाल से शरीर में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन नामक हार्मोन का निर्माण होता है। ये हार्मोन आरामदायक नींद में मददगार होते हैं। नींद अच्छी आने से अवसाद से निकलने में मदद मिलती है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि समुद्री नमक के इस गुण की पुष्टि के लिए अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
15. डिहाइड्रेशन से बचाने में सहायक
हमारे शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में सोडियम की अहम भूमिका होती है। इसलिए, अगर शरीर में सोडियम की कमी हो जाए, तो डिहाइड्रेशन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। जैसा कि आप जान चुके हैं कि समुद्री नमक में सोडियम की मात्रा पाई जाती है (12), इसलिए समुद्री नमक के प्रयोग से शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखने में मदद मिल सकती है (16)।
16. राइनोसिनिटिस का इलाज
एक रिसर्च के अनुसार, समुद्री नमक के इस्तेमाल से राइनोसिनिटिस (यह नाक से संबंधित विकार है, जो बैक्टीरिया के कारण हो सकता है) का इलाज किया जा सकता है। इसके उपयोग से बलगम का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को कम किया जा सकता है (17)।
17. मुंह का स्वास्थ्य
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जब मुंह के स्वास्थ्य की बात आती है, तो समुद्री नमक आपके लिए अच्छा सहायक साबित हो सकता है। इसमें कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है (12), जो दांतों को स्वस्थ व मजबूत बनाए रखने का काम करता है। इससे दांत टूटने जैसी समस्या से बचा जा सकता है (18)।
18. पैरों में दर्द से राहत
कई बार अधिक चलने या देर तक खड़े रहने से पैरों में तेज दर्द होने लगता है। दवाई खाने पर भी खास आराम नहीं आता। ऐसे में पानी में समुद्री नमक को मिलकर उसमें कुछ देर पैरों को डुबोकर रखने से दर्द कम हो सकता है। फिलहाल, इस तथ्य को सही साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
19. त्वचा के लिए
समुद्री नमक त्वचा पर चमत्कारी असर दिखा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि डेड सी साल्ट के घोल से स्नान करने से त्वचा को स्वस्थ रखा जा सकता है। साथ ही यह त्वचा को मॉइस्चराइज करने का भी काम करता है। इसके अलावा, त्वचा में आए खुरदरेपन और सूजन को कम भी किया जा सकता है। यह समुद्री नमक में मौजूद मैग्नीशियम के कारण संभव हो पाता है (8)।
20. बालों को झड़ने से रोकना
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ऐसा माना जाता है कि समुद्री नमक रक्त परिसंचरण को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसलिए, समुद्री नमक के घोल से स्कैल्प की मालिश करने से बाल जड़ों से मजबूत होते हैं और उन्हें बढ़ने में मदद मिलती है। अभी इस संबंध में कोई मेडिकल रिसर्च नहीं हुई है, इसलिए इसका उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें।
समुद्री नमक के पौष्टिक तत्वों के बारे में जानने के लिए लेख का अगला भाग जरूर पढ़ें।
समुद्री नमक के पौष्टिक तत्व – Sea Salt Nutritional Value in Hindi
समुद्री नमक के पोषक तत्वों में मुख्य रूप से सोडियम पाया जाता है, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, कुछ अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो इस प्रकार हैं (12) (10) :
पोषक तत्व कुल मात्रा ऊर्जा 500kcal प्रोटीन 25g टोटल लिपिड फैट 25g कार्बोहाइड्रेट 25g फाइबर 25g कैल्शियम 500 mg आयरन 9 mg सोडियम 1000 mg विटामिन बी-12 30 µg विटामिन ए IU 2500 IU कोलेस्ट्रोल 125 mg पोटैशियम 2.9 mg/g मैग्नीशियम 3.9 mg/g
लेख के अगले भाग में समुद्री नमक और सामान्य नमक के बीच का अंतर बताया गया है।
समुद्री नमक और टेबल नमक के बीच अंतर
समुद्री नमक और टेबल नमक के पोषण मूल्य लगभग एक समान होते हैं। समुद्री नमक को कई बार सोडियम के रूप में उपयोग किया जा सकता है। दोनों के बीच मुख्य अंतर स्वाद का होता हैं। साथ ही इनकी बनावट भी अलग-अलग हो सकती है (19)।
समुद्री नमक– समुद्री नमक का उत्पादन समुद्र के पानी के वाष्पीकरण और समुद्री झीलों के पानी के माध्यम से किया जाता है।
टेबल नमक– इसे जमीन से खनन करके निकला जाता है। इसे लंबी प्रक्रिया के तहत तैयार किया जाता है, जिस कारण इसमें मौजूद मिनरल्स समाप्त हो जाते हैं। ज्यादातर टेबल नमक में आयोडीन मिलाया जाता है, जो शरीर में थायराइड हार्मोन को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है।
चलिए, अब जानते हैं कि समुद्री नमक का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है।
समुद्री नमक का उपयोग – How to Use Sea Salt in Hindi
समुद्री नमक का उपयोग कई तरह से किया जा सकता है, जो इस प्रकार है:
कैसे खाएं :
इसे सब्जी बनाने में उपयोग किया जा सकता है।
नींबू पानी बनाने के लिए समुद्री नमक का उपयोग किया जा सकता है।
इसे फ्रूट सलाद पर मसाले के ताैर पर उपयोग किया जा सकता है।
आचार तैयार करते समय इसका उपयोग कर सकते हैं।
पोहा आदि बनाने में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
कब खाएं :
आप हर प्रकार की खाद्य सामग्री में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, इसलिए इसे खाने का कोई तय समय नहीं है।
कितना खाएं :
एक दिन में 2300 मिलीग्राम से कम सोडियम का उपयोग करना चाहिए (13)।
चलिए जानते हैं कि समुद्री नमक के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
समुद्री नमक के नुकसान – Side Effects of Sea Salt in Hindi
ऊपर आपने समुद्री नमक के कुछ फायदे जाने, लेकिन इसका अधिक उपयोग करने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :
उच्च रक्तचाप का कारण– समुद्री नमक में सोडियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसे अधिक मात्रा में खाने में उपयोग करने से रक्तचाप बढ़ सकता है। उच्च रक्तचाप के कारण हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें ह्रदयाघात और दिल की धड़कन का रुक जाना भी शामिल है (13)।
किडनी डैमेज– अधिक मात्रा में सोडियम युक्त आहार का सेवन करने पर किडनी संबंधी समस्या उत्पन्न हो सकती है (20)।
हम प्रतिदिन खाने वाले हर तरह के खाद्य पदार्थ में नमक का उपयोग करते हैं��� इसलिए, सही नमक का चुनाव करना भी जरूरी है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए उचित हो। वहीं, इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि समुद्री नमक हमारे स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। साथ ही इसका उपयोग कर कई बीमारियों को दूर रखने में भी मदद मिल सकती है। हमें उम्मीद है कि इस लेख की जानकारी आपके काम आएगी। आप अपने सवाल या सुझाव के लिए नीचे दिए कमेंट बॉक्स के जरिए हमें संपर्क कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या समुद्री नमक प्रतिदिन उपयोग होने वाले नमक की तुलना में स्वस्थ है?
जी हां, समुद्री नमक प्रतिदिन उपयोग वाले नमक की तुलना में अधिक स्वस्थ है, क्योंकि इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है। इसलिए, इसे अधिक स्वस्थ माना जा सकता है।
सेहतमंद नमक क्या है?
समुद्री नमक के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से हिमालयन समुद्री नमक को सबसे सेहतमंद समुद्री नमक माना जाता है।
क्या समुद्री नमक युक्त पानी से स्नान करने पर शरीर को लाभ हो सकता हैं?
समुद्री नमक युक्त पानी से स्नान करने पर शरीर से बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है। साथ ही जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द से छुटकारा मिल सकता है।
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Bhupendra Verma
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/samudri-namak-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/
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bisaria · 6 years
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By: Dr. Sanjeev Kumar Singh
दूध को एक सम्पूर्ण पौष्टिक आहार माना जाता है. इसके फायदे के रूप में हमें कई तरह की बातें बताई जाती हैं. वैसे भी आम तौर पर लोग इसे पिते तो हैं ही. इसमें आपको स्वाद और सेहत दोनों मिलते हैं. लेकिन दूध पिने को लेकर कई तरह की धारणाएं भी प्रचलित हैं. जैसे कि ठंडा दूध पियें या गर्म दूध पियें? इन सभी धारणाओं के अपने आधार हैं. यहाँ ये बता देना आवश्यक है कि कुछ सावधानियां बरतते हुए आप दोनों तरह से आप दूध पी सकते हैं. पुरे दुनिया में दूध पिने के फायदों को लोगों ने महसूस किया है. ठंडा दूध पीने एसीडिटी, मोटापा, बार-बार ���ूख लगना आदि जैसी छोटी मोटी बीमारियां दूर हो सकती हैं. गरम-गरम दूध पीने के क्‍या हैं फायदे यही नहीं अगर आप जिम से आ कर बुरी तरह से थक जाते हैं और तुरंत एनर्जी के लिये कुछ खाने के लिये ढूंढते हैं तो, आपको एक ओट्स और ठंडे दूध का कटोरा भर खा जाएं. इससे आपकी खोई हुई एनर्जी भी वापस आएगी और मसल्‍स को रिपेयर होने के लिये प्रोटीन भी मिल जाएगा. आइए ठंडा दूध पिने के फायदों पर एक नजर डालते हैं.
1. मोटापा काम करने में अगर आप बिल्‍कुल ठंडा दूध पियें तो शरीर को पहले उसे सामान्य तापमान पर लाने के लिये कैलोरी बर्न करनी पड़ेगी और फिर उसे पचाना पड़ेगा. इसस कैलोरी के खर्च होने से आपका मोटापा नियंत्रण में रहेगा. 2. नींद आने में सहायक हल्‍का गुनगुना दूध पीने से नींद आती है क्‍योंकि दूध में अमीनो एसिड ट्रिप्टोफान पाया जाता है जो कि दूध गर्म होने तथा स्‍टार्च वाले फूड के साथ पीने से दिमाग में घुस जाता है. मगर ठंडे दूध में प्रोटीन होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाता और इसलिये इसको दिन में कभी भी पी सकते हैं. 3. पेप्टिक अल्सर दूर करने में ठंडा दूध के कई फायदे हैं उनमें से एक ये भी है कि इसको पिने से आपको पेप्टिक अल्सर से छुटकारा मिल सकता है. धीरे-धीरे ठंडा दूध पीने से पेप्‍टिक अल्‍सर के कारण से पैदा होने वाला दर्द दूर हो जाता है. 4. भूख मिटाने में खाना खाने के बाद अगर आपको बार बार भूख लगती है तो, आप ठंडा दूध पी सकते हैं. आप चाहें तो ठंडे दूध में ओट्स मिला कर भी खा सकते हैं. इससे आपकी भूख तो मिटती ही है साथ ही आपको कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. 5. हाइड्रेटेड रहने में ठंडे दूध में एलेक्‍ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को डीहाइड्रेशन होने से रोकते हैं. अगर आप दिन में दो गिलास ठंडा दूध पियेंगे तो आपका शरीर हमेशा हाइड्रेट बना रहेगा. दूध पीने का सबसे अच्‍छा समय है कि इसे सुबह पिया जाए. 6. पाचन तंत्र की मजबूती के लिए इसमें गैस को दबाने के गुण होते हैं जो कि खाना पचाने के लिये लाभकारी है. यह फैट, घी या तेल को आराम से पचा सकता है. अगर इसमें अररक या मिर्च मिला कर पिया जाए तो ज्‍यादा असरदार होता है. 7. एनर्जी ड्रिंक के रूप में भारी वर्क आउट के बाद का ड्रिंक जिम में भारी कसरत करने के बाद अगर कोई एनर्जी से भरी ड्रिंक पीनी है तो आप ठंडा दूध पी सकते हैं. इससे मसल्‍स को रिपेयर होने के लिये प्रोटीन और शरीर को एनर्जी मिलता है. 8. त्वचा के लिए हमारे शरीर की त्वचा को बेहतर बनाने में दूध बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. चेहरे पर ठंडा दूध लगाने से त्‍वचा क्‍लीन और टाइट बनती है. इससे त्‍वचा हाइड्रेट और मुलायम बनती है साथ में त्वचा को कई पोषक तत्वों की प्राप्ति भी हो जाती है. इसलिए रोजाना दूध पीना शुरू कर दें तो कई तरह के और लाभ मिल सकते हैं.
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gyanyognet-blog · 7 years
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सूर्य नमस्कार के फायदे और 3 टिप्स
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सूर्य नमस्कार के फायदे और 3 टिप्स
सूर्य नमस्कार सबसे जाने-माने योग अभ्यासों में से एक है। इसका प्रभाव पूरे शरीर पर महसूस किया जा सकता है। लेकिन क्या आध्यात्मिक साधना करने वालों के लिए भी ये फायदेमंद है? क्या यह मन और विचारों पर भी प्रभाव डाल सकता है?
सद्‌गुरु:
आम तौर पर सूर्य नमस्कार को कसरत माना जाता है जो आपकी पीठ, आपकी मांसपेशियों, वगैरह को मजबूत करता है। हां, वह यह सब और इसके अलावा भी बहुत कुछ करता है। यह शारीरिक तंत्र के लिए एक संपूर्ण अभ्यास है – व्यायाम का एक व्यापक रूप जिसके लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती। मगर सबसे बढ़कर यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो इंसान को अपने जीवन के बाध्यकारी चक्रों और स्वरूपों से आजाद होने में समर्थ बनाता है।
सूर्य नमस्कार : शरीर को एक सोपान बनाना
सूर्य नमस्कार का मतलब है, सुबह में सूर्य के आगे झुकना। सूर्य इस धरती के लिए जीवन का स्रोत है। आप जो कुछ खाते हैं, पीते हैं और सांस से अंदर लेते हैं, उसमें सूर्य का एक तत्व होता है। जब आप यह सीख लेते हैं कि सूर्य को बेहतर रूप में आत्मसात कैसे करना है, उसे ग्रहण करना और अपने शरीर का एक हिस्सा बनाना सीखते हैं, तभी आप इस प्रक्रिया से वाकई लाभ उठा सकते हैं।
भौतिक शरीर उच्चतर संभावनाओं के लिए एक शानदार सोपान है मगर ज्यादातर लोगों के लिए यह एक रोड़े की तरह काम करता है। शरीर की बाध्यताएं उन्हें आध्यात्मिक पथ पर आगे नहीं जाने देतीं। सौर चक्र के साथ तालमेल में होने से संतुलन और ग्रहणशीलता मिलती है। यह शरीर को उस बिंदु तक ले जाने का एक माध्यम है, जहां वह कोई बाधा नहीं रह जाता।
  सूर्य नमस्कार : सौर चक्र के साथ तालमेल
यह शारीरिक तंत्र के लिए एक संपूर्ण अभ्यास है – व्यायाम का एक व्यापक रूप जिसके लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती।
सूर्य नमस्कार का मकसद मुख्य रूप से आपके अंदर एक ऐसा आयाम निर्मित करना है जहां आपके भौतिक चक्र सूर्य के चक्रों के तालमेल में होते हैं। यह चक्र लगभग बारह साल और तीन महीने का होता है। यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि जानबूझकर इसमें बारह मुद्राएं या बारह आसन बनाए गए हैं। अगर आपके तंत्र में सक्रियता और तैयारी का एक निश्चित स्तर है और वह ग्रहणशीलता की एक बेहतर अवस्था में है तो कुदरती तौर पर आपका चक्र सौर चक्र के तालमेल में होगा।
युवा स्त्रियों को एक लाभ होता है कि वे चंद्र चक्रों के भी तालमेल में होती हैं। यह एक शानदार संभावना है कि आपका शरीर सौर और चंद्र दोनों चक्रों से जुड़ा हुआ है। कुदरत ने एक स्त्री को यह सुविधा दी है क्योंकि उसे मानव जाति को बढ़ाने की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए, उसे कुछ अतिरिक्त सुविधाएं दी गई हैं। मगर बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता कि उस संबंध से उत्पन्न अतिरिक्त ऊर्जा को कैसे संभालें, इसलिए वे इसे एक अभिशाप की तरह, बल्कि एक तरह का पागलपन मानते हैं। ‘लूनर’ (चंद्रमा संबंधी) से ‘लूनी’ (विक्षिप्त) बनना इसक�� प्रमाण है।
सूर्य नमस्कार का महत्त्व
चंद्र चक्र, जो सबसे छोटा चक्र (28 दिन का चक्र) और सौर चक्र, जो बारह साल से अधिक का होता है, दोनों के बीच तमाम दूसरे तरह के चक्र होते हैं। चक्रीय या साइक्लिकल शब्द का अर्थ है दोहराव। दोहराव का मतलब है कि किसी रूप में वह विवशता पैदा करता है। विवशता का मतलब है कि वह चेतनता के लिए अनुकूल नहीं है। अगर आप बहुत बाध्य होंगे, तो आप देखेंगे कि स्थितियां, अनुभव, विचार और भावनाएं सभी आवर्ती होंगे यानि बार-बार आपके पास लौट कर आएंगे। छह या अठारह महीने, तीन साल या छह साल में वे एक बार आपके पास लौट कर आते हैं। अगर आप सिर्फ मुड़ कर देखें, तो आप इस पर ध्यान दे सकते हैं।
योग के अभ्यास के बाद कम से कम डेढ़ घंटे बाद स्नान करें – तीन घंटे उससे भी बेहतर होंगे। पसीने के साथ दो से तीन घंटे न नहाना गंध के मामले में थोड़ा मुश्किल हो सकता है – इसलिए बस दूसरों से दूर रहें!
अगर वे बारह साल से ज्यादा समय में एक बार लौटते हैं, तो इसका मतलब है कि आपका शरीर ग्रहणशीलता और संतुलन की अच्छी अवस्था में है। सूर्य नमस्कार एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो इसे संभव बनाती है। साधना हमेशा चक्र को तोड़ने के लिए होती है ताकि आपके शरीर में और बाध्यता न हो और आपके पास चेतनता के लिए सही आधार हो।
चक्रीय गति या तंत्रों की आवर्ती प्रकृति, जिसे हम पारंपरिक रूप से संसार के नाम से जानते हैं, जीवन के निर्माण के लिए जरूरी स्थिरता लाती है। अगर यह सब बेतरतीब होता, तो एक स्थिर जीवन का निर्माण संभव नहीं होता। इसलिए सौर चक्र और व्यक्ति के लिए चक्रीय प्रकृति में जमे रहना जीवन की दृढ़ता और स्थिरता है। मगर एक बार जब जीवन विकास के उस स्तर पर पहुंच जाता है, जहां इंसान पहुंच चुका है, तो सिर्फ स्थिरता नहीं, बल्कि परे जाने की इच्छा स्वाभाविक रूप से पैदा होती है। अब यह इंसान पर निर्भर करता है कि वह या तो चक्रीय प्रकृति में फंसा रहे जो स्थिर भौतिक अस्तित्व का आधार है, या इन चक्रों को भौतिक कल्याण के लिए इस्तेमाल करे और उन पर सवार होकर चक्रीय से परे चला जाए।
सही तरीकों से बढ़ा सकते हैं सूर्य नमस्कार के फायदे
सूर्य नमस्कार के लाभों को बढ़ाना
हठ योग का मकसद एक ऐसे शरीर का निर्माण है जो आपके जीवन में बाधा न हो बल्कि अपनी चरम संभावना में विकसित होने की ओर एक सोपान हो। अपने शरीर को इसके लिए तैयार करने के लिए आप कुछ सरल चीजें कर सकते हैं और अपने अभ्यास से अधिकतम लाभ पा सकते हैं।
सूर्य नमस्कार से पहले ठंडे पानी से स्नान करें
अभ्यास शुरू करने से पहले, सामान्य तापमान से थोड़े ठंडे पानी से स्नान करें। अगर एक खास मात्रा में पानी आपके शरीर के ऊपर से बहता है या आपका शरीर सामान्य तापमान से कुछ ठंडे पानी में डूबा हुआ रहता है, तो एपथिलियल कोशिकाएं संकुचित होती हैं और कोशिकाओं के बीच का अंतर बढ़ता है। अगर आप गुनगुने या गरम पानी का इस्तेमाल करते हैं, तो कोशिकाओं के रोमछिद्र खुल जाते हैं और पानी को सोख लेते हैं, हम ऐसा नहीं चाहते। योग के अभ्यास के लिए यह बहुत जरूरी है कि कोशिकाएं संकुचित हों और कोशिकाओं के बीच का अंतर खुल जाए क्योंकि हम शरीर की कोशिका संरचना को ऊर्जा के एक अलग आयाम से सक्रिय करना चाहते हैं। अगर कोशिकाएं संकुचित होकर बीच में जगह बनाती हैं, तो योग का अभ्यास कोशिका की संरचना को ऊर्जावान बनाता है।
कुछ लोग दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा जीवंत और सक्रिय इसलिए लगते हैं क्योंकि उनकी कोशिकाओं का ढांचा ज्यादा ऊर्जावान होता है। जब वह ऊर्जा से सक्रिय होता है, तो वह बहुत लंबे समय तक ताजगीभरा रहता है। यह करने का एक तरीका है, हठ योग। दक्षिण भारत में, नल का पानी आम तौर पर सामान्य तापमान से थोड़ा ज्यादा ठंडा होता है। अगर आप एक मध्यम तापमान वाली जलवायु में रहते हैं, तो नल का पानी ज्यादा ठंडा हो सकता है। सामान्य तापमान से तीन से पांच डिग्री सेंटीग्रेड तापमान आदर्श होगा। सामान्य से दस डिग्री सेंटीग्रेड तक कम तापमान चल सकता है – पानी उससे ज्यादा ठंडा नहीं होना चाहिए।
सूर्य नमस्कार के बाद पसीने को त्वचा में मलें
चाहे आप आसन कर रहे हों, सूर्य नमस्कार या सूर्य क्रिया – अगर आपको पसीना आए, तो उस पसीने को तौलिये से न पोंछें – हमेशा उसे वापस मल दें, कम से कम अपने शरीर के खुले हिस्सों में। अगर आप पसीने को पोंछ देते हैं तो आप उस ऊर्जा को बहा देते हैं, जो आपने अभ्यास से पैदा की है। पानी में याददाश्त और ऊर्जा को धारण करने की क्षमता होती है। इसीलिए आपको तौलिये से पसीना नहीं पोंछना चाहिए, पानी नहीं पीना चाहिए या अभ्यास के दौरान शौचालय नहीं जाना चाहिए, जब तक कि उसे अनिवार्य बना देने वाले विशेष हालात न पैदा हों।
और योग के अभ्यास के बाद कम से कम डेढ़ घंटे बाद स्नान करें – तीन घंटे उससे भी बेहतर होंगे। पसीने के साथ दो से तीन घंटे न नहाना गंध के मामले में थोड़ा मुश्किल हो सकता है – इसलिए बस दूसरों से दूर रहें!
सही मात्रा में पानी पिएं
योग के अभ्यास के बाद स्नान से पहले कम से कम डेढ़ घंटे इंतजार करें।
सिर्फ उतना पानी पीना सीखें, जितने की शरीर को जरूरत है। जब तक कि आप रेगिस्तान में न हों या आपकी आदतें ऐसी न हों जिनसे आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है – जैसे कैफीन और निकोटिन का अत्यधिक सेवन – तब तक लगातार पानी के घूंट भरने की जरूरत नहीं है। शरीर का 70 फीसदी हिस्सा पानी है। शरीर जानता है कि उसे खुद को कैसे ठीक रखना है।
अगर आप सिर्फ मांसपेशियां मजबूत करने और शारीरिक मजबूती के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको सूर्य शक्ति करना चाहिए। अगर आप शारीरिक तौर पर फिट होना चाहते हैं, मगर उसमें थोड़ा आध्यात्मिक पुट भी चाहते हैं, तो आपको सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
अगर आप अपनी प्यास के मुताबिक और 10 फीसदी अतिरिक्त पानी पीते हैं, तो यह काफी होगा। मसलन – अगर दो घूंट पानी के बाद आपकी प्यास बुझ जाती है तो 10 फीसदी पानी और पी लें। इससे आपके शरीर की पानी की जरूरत पूरी हो जाएगी। बस अगर आप धूप में हैं या पहाड़ पर चढ़ाई कर रहे हैं, आपको बहुत पसीना आ रहा है और शरीर से तेजी से पानी निकल रहा है, तो आपको ज्यादा पानी पीने की जरूरत है। तब नहीं, जब आप एक छत के नीचे योग कर रहे हों।
जैसा कि मैंने पहले ही कहा, जितना हो सके, पसीने को वापस शरीर में मल लें मगर आपको हर समय ऐसा करने की जरूरत नहीं है। वह थोड़ा टपक सकता है – बस तौलिये का इस्तेमाल न करें। उसे वापस शरीर में जाने दें क्योंकि हम ऊर्जा को बहाना नहीं चाहते, हम उसे बढ़ाना चाहते हैं।
सूर्य नमस्कार और सूर्य क्रिया
अगर कोई व्यक्ति सूर्य नमस्कार के द्वारा एक तरह की स्थिरता और शरीर पर थोड़ा अधिकार पा लेता है, तो उसे सूर्य क्रिया नामक अधिक शक्तिशाली और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण प्रक्रिया से परिचित कराया जा सकता है। सूर्य क्रिया मूलभूत प्रक्रिया है। सूर्य नमस्कार, सूर्य क्रिया का अधिक आसान और सरल रूप है, दूसरे शब्दों में वह सूर्य क्रिया का ‘देहाती भाई’ है। सूर्य शक्ति नामक एक और प्रक्रिया है, जो और भी दूर का रिश्तेदार है। अगर आप सिर्फ मांसपेशियां मजबूत करने और शारीरिक मजबूती के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको सूर्य शक्ति करना चाहिए। अगर आप शारीरिक तौर पर फिट होना चाहते हैं, मगर उसमें थोड़ा आध्यात्मिक पुट भी चाहते हैं, तो आपको सूर्य नमस्कार करना चाहिए। मगर यदि आप एक शक्तिशाली आध्यात्मिक प्रक्रिया चाहते हैं, तो आपको सूर्य क्रिया करना चाहिए।
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rajatgarg79 · 7 years
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जब से हम पैदा हुए हैं हमारा मस्तिष्क लगातार काम कर रहा है। आपका शरीर सोते समय आराम कर भी लेता है लेकिन मस्तिष्क कभी आराम नहीं करता वो उस समय भी सोचता है, जिस कारण आप सपने देख पाते हैं। मस्तिष्क बहुत सारे काम जैसे सोचना, संख्याओं को याद रखना, लिखने के लिए शब्द देना आदि करता है। बहुत से काम करने के लिए मस्तिष्क का स्थिर होना बहुत ज़रूरी है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कम समय में अधिक काम करने के लिए दिमाग का सही समय पर सही प्रतिक्रिया देना आवश्यक है। तो आइये जानते हैं कुछ तरीके जो आपके मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।
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मस्तिष्क एक जटिल संरचना है। लोगों को लगता है कि मस्तिष्क को हम प्रभावित नहीं कर सकते। लेकिन एक शोध में मस्तिष्क की पैतृक बनावट (inherent plasticity) के बारे में दिखाया गया है जिसमें हमारा मस्तिष्क न्यूरॉन्स (एक कोशिका जो मस्तिष्क को सन्देश भेजती है) बना सकते हैं। ध्यान हर प्रकार से आपकी दिमागी शक्ति बढ़ाता है। यह तनाव कम करने में मदद करता है, आपकी स्मरण शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ता है। मानव इंसुलिन साइंस में फ्रंटियर जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, कसरत या व्यायाम करते समय भी मस्तिष्क कार्य करता है जिससे आप दर्द और भावनाओं को सहने के लिए सक्षम बनते हैं। (और पढ़ें - ध्यान या मेडिटेशन कैसे करें?)
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बायें हाथ का प्रयोग आपके मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करता है और नए न्यूरॉन्स भी बनाता है। जिस प्रकार व्यायाम करने से शरीर में मज़बूती और स्फूर्ति आती है ठीक उसी प्रकार हमारा मस्तिष्क भी बायें हाथ के प्रयोग से अधिक ऊर्जावान बनता है। कुछ अधययनों में यह सामने आया है कि जब आप अधिक उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क का एक ही गोलार्ध (hemisphere) काम करता है। लेकिन जब आप कम उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क के दोनों गोलार्ध कार्यशील होते हैं क्योंकि आपके मस्तिष्क का बायां गोलार्ध दाएं हाथ से और दायां गोलार्ध बायें हाथ से जुड़ा होता है।
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व्यायाम सेहत के लिए हर प्रकार से लाभदायक है। 20 मिनट बिना किसी रूकावट के ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क की मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं जिससे दिमाग तेज़ चलता है। व्यायाम से आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी होती है जिससे उन रोगों के होने की सम्भावना भी कम होती है जिनसे स्मरण शक्ति कम होती है जैसे शुगर (मधुमेह) और हृदय रोग आदि। ताकत वाले व्यायाम मस्तिष्क रसायनों के प्रभाव को बढ़ाते हैं और तनाव दूर करते हैं। कसरत का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह नए न्यूरॉनल कनेक्शनों को उत्तेजित करके नए न्यूरॉन्स की बनावट को बढ़ावा देते हैं। निष्क्रिय लोगों की तुलना में जो लोग व्यायाम करते हैं उनमें मस्तिष्क की गति बढ़ाने वाले प्रोटीन (BDNF protein) 32 प्रतिशत अधिक पाया जाता है जो निर्णय लेने, उच्च सोच और सीखने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय – सुबह या शाम)
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दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi
दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi
दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi
दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi
दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi
दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi
पाँच से आठ ग्राम दालचीनी पाउडर शहद में मिलाकर रोज़ लेने से दिमाग की कमज़ोरी दूर होती है और दिमाग तेज़ होता है। (और पढ़ें – शहद के फायदे)
दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi
ब्राह्मी दिमागी शक्ति के बहुत ही प्रसिद्ध जड़ीबूटी है। एक चम्मच ब्राह्मी का रस रोज़ लेने से या द्दह से सात ब्राह्मी के पत्ते रोज़ चबाने से दिमाग और तेज़ होता है।
दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi
बीस गर्म अखरोट के साथ दस ग्राम किशमिश खाने से दिमागी शक्ति तेज़ होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। (और पढ़ें – अखरोट के गुण)
दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi
अलसी के बीज में प्रोटीन और फाइबर होता है इसलिए यह भी दिमाग के लिए फायदेमंद है। इन्हें नियमित रूप से खाएं और तेज़ दिमाग पाएं।
दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi
बीस ग्राम तिल में थोड़ा गुड़ मिलाकर खाने से दिमागी शक्ति बढ़ती है। (और पढ़ें – तिल के तेल का उपयोग) from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/tips/dimag-tez-karne-ke-gharelu-upay-aur-kya-khaye-in-hindi/
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dayaramalok · 7 years
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बुखार के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार शरीर का एक सामान्य तापक्रम होता है, जिससे ताप बढ़े तो ज्वर का होना कहा जाता है।ज्वर के प्रभाव से शरीर बिना परिश्रम किए ही कमजोर हो जाता है। बेहोशी-सी छाई रहती है और भोजन में अरुचि हो जाती है। बुखार संक्रमण के खिलाफ शरीर की एक सुरक्षात्मक प्रक्रिया का हिस्सा है | सामान्यत: मानव शरीर का तापमान 37° सेल्सियस या 98.6° फारेनहाइट होता है | बुखार खुद कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक लक्षण है जो यह दर्शाती है कि शरीर किसी संक्रमण (infection) से ग्रस्त है | दूसरे शब्दों में यह रोग प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा किसी सक्रमण से लड़ने का लक्षण है | हालांकि बुखार खुद कोई बीमारी नहीं है लेकिन यदि तापमान 40° सेल्सियस या 104° फारेनहाइट से ज्यादा हो जाये तो यह काफी खतरनाक हो सकता है | आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के अनुसार अधिकांश बुखार बैक्टीरियल या वायरल इन्फेक्शन्स यानी संक्रमण होने पर होते हैं, जैसे टायफाइड, टांसिलाइटिस, इन्फुएन्जा या मीजल्स आदि बुखार हैं। वैसे बिना संक्रमण के भी बुखार होता है, जैसे जलीयांश की कमी या थायरोटाक्सीकोसिस, मायोकार्डियल इन्फार्कशन और लिम्फोमा आदि। बुखार ठीक करने के कुछ घरेलू नुस्खे नीचे लिख देता हूँ- ठन्डे पानी से स्नान करें: बुखार होने पर ठन्डे पानी का स्नान करने से काफी राहत मिलती है, और यह बुखार को ठीक करने बहुत मददगार होता है | स्नान करने के लिए बाल्टी, फब्बारा (शॉवर) या टब कोई भी तरीका बुखार में लाभकारी होता है | ठन्डे पानी से स्नान करें: बुखार होने पर ठन्डे पानी का स्नान करने से काफी राहत मिलती है, और यह बुखार को ठीक करने बहुत मददगार होता है | स्नान करने के लिए बाल्टी, फब्बारा (शॉवर) या टब कोई भी तरीका बुखार में लाभकारी होता है | भीगे कपड़े से पोछना: अगर बुखार में स्नान करना अच्छा नहीं लगता तो भीगे कपड़े से बदन को पोछा जा सकता है | इसके लिए किसी साफ़ कपड़े या तौलिया को लेकर उसे ठन्डे पानी से गीला करके निचोड़ लें फिर उससे बदन पोछें और ऐसा कई बार करें | ऐसा करने से शरीर का तापमान कम करने में काफी मदद मिलती है | भीगे कपड़े की पट्टी माथे पर रखना भी बुखार में फायदा पहुंचाता है ठन्डे कमरे में रहे: बुखार से राहत पाने के लिए यह भी आवश्यक है कि आप जिस कमरे या घर में हों वो ठंडा हो | इसके लिए आप पंखा चला लें | घर ठंडा रखने से अच्छा महसूस होता है और इससे शरीर को भी ठंडा रखने में मदद मिलती है | ज्यादा कपड़े न पहने: अक्सर ऐसा देखा गया है कि बुखार आने पर मोटे-मोटे कपडे पहन लिए जाते हैं जो बुखार में फायदे की जगह नुकसानदायक है | ऐसा करने से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और बुखार जल्दी ठीक नहीं होता | इसलिए इस समय हल्के कपड़े पहने जिससे शरीर को ठंडक पहुंचे और बुखार जल्दी ठीक हो सके | यदि कभी ठण्ड या कंपकंपी लगे तो उस समय कम्बल या मोटी चादर ओढ़ लेना ठीक रहता है | जब ठण्ड या कंपकंपी न लगे तो कम्बल या मोटी चादर हटा दें, और सोते समय एक चादर ओढ़कर सोयें अपनी नाक साफ़ रखें: अगर नाक साफ़ न हो तो गले में भी खराश पैदा होने की संभावना बनी रहती है जो आपकी तकलीफ को और बढ़ा सकती है | इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें और अपने पास कुछ टिश्यू पेपर ज़रूर रखें ज्यादा कपड़े न पहने: अक्सर ऐसा देखा गया है कि बुखार आने पर मोटे-मोटे कपडे पहन लिए जाते हैं जो बुखार में फायदे की जगह नुकसानदायक है | ऐसा करने से शरीर की गर्मी बाहर नहीं निकल पाती और बुखार जल्दी ठीक नहीं होता | इसलिए इस समय हल्के कपड़े पहने जिससे शरीर को ठंडक पहुंचे और बुखार जल्दी ठीक हो सके | यदि कभी ठण्ड या कंपकंपी लगे तो उस समय कम्बल या मोटी चादर ओढ़ लेना ठीक रहता है | जब ठण्ड या कंपकंपी न लगे तो कम्बल या मोटी चादर हटा दें, और सोते समय एक चादर ओढ़कर सोयें भीगे कपड़े से पोछना: अगर बुखार में स्नान करना अच्छा नहीं लगता तो भीगे कपड़े से बदन को पोछा जा सकता है | इसके लिए किसी साफ़ कपड़े या तौलिया को लेकर उसे ठन्डे पानी से गीला करके निचोड़ लें फिर उससे बदन पोछें और ऐसा कई बार करें | ऐसा करने से शरीर का तापमान कम करने में काफी मदद मिलती है | भीगे कपड़े की पट्टी माथे पर रखना भी बुखार में फायदा पहुंचाता है | तरल भोजन करें: फलों में एंटीऑक्सीडेन्ट्स अच्छी मात्रा में होते हैं इसलिए फलों का खूब सेवन करें | गरिष्ठ खाने से परहेज़ करें और हल्का-फुल्का खाएं जो आसानी से पच जाए | ऐसा करना बुखार से लड़ने में काफी मददगार साबित होता हैशरीर को आराम दें: ध्यान रखें कि बुखार का मतलब है कि आप का शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा है और ऐसे में आपके शरीर को काफी ऊर्जा की ज़रुरत होती है | इसलिए अपने शरीर को आराम दें और खूब सोयें | बेवज़ह इधर-उधर घूमना फिरना छोड़ कर और अगर आवश्यक हो तो छुट्टी लेकर आराम करें | ठन्डे कमरे में रहे: बुखार से राहत पाने के लिए यह भी आवश्यक है कि आप जिस कमरे या घर में हों वो ठंडा हो | इसके लिए आप पंखा चला लें | घर ठंडा रखने से अच्छा महसूस होता है और इससे शरीर को भी ठंडा रखने में मदद मिलती है | घर में रहें: घर के अन्दर का तापमान प्रायः स्थिर ही होता है जो शरीर को अपना तापमान स्थिर रखने में मदद करता है | इसलिए ज��ां तक हो सके घर में रहें और अगर बाहर जाना ही पड़े तो छाँव में रहें और शारीरिक गतिविधियाँ कम-से-कम रखें खूब पानी पियें: बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को आराम और हल्के-फुल्के खान-पान के साथ-साथ खूब पानी पीने की भी ज़रुरत होती है | इसलिए दिन में कई बार पानी, फलों का रस सूप या दाल का पानी (ख़ासतौर पर मूँग दाल का पानी) लेना फायदेमंद होता है | ठंडक देने वाले पदार्थों का इस्तेमाल करें: अपने शरीर को बाहर से ठंडा करने के साथ-साथ उसे अन्दर से भी ठंडक पहुँचाना तापमान को कम कर बुखार में राहत देता है | दही, फल एवं फलों का रस बहुत लाभकारी होता है | कभी-कभी बर्फ की चुस्की भी फायदा पहुंचाती है | हर्बल चाय बना कर पियें: आपके रसोई या बागीचे में उपलब्ध जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल न सिर्फ खाना बनाने बल्कि आपके बुखार को कम करने में भी होता है जैसे पुदीना, अदरक, शहद, निम्बू, तुलसी, बड़ी का फूल, मीठी पत्ती, दालचीनी, मुलेठी और ऐसी कई और | इनमे से कोई एक या अगर आप चाहें तो कुछेक को मिलाकर किसी बर्तन में उबाल लेवें और उसके बाद उसमे शहद मिला दें | ठंडा होने के बाद दिन में कई बार पियें किशमिश का जूस भी बना सकते हैं: इसको बनाने का तरीका थोडा अलग है | इसे बनाने के लिए तीन चौथाई कप (115 ग्राम) किशमिश को साढ़े सात कप (1.75 लीटर) पानी में मिलकर उबाल लेवें फिर ठंडा होने दें के बाद छान लेवें | इस जूस को दिन में 5-6 बार पियें सेब का पानी बनाकर पियें: एक मध्यम आकार के सेब को डेढ़ कप पानी (350 मि.ली.) में तब तक उबालें जब तक सेब मुलायम न हो जाये | इसके बाद घोल को छान ले और स्वादानुसार शहद मिलाकर पियें | तुलसी की चाय पियें | इसे बनाने के लिए एक छोटा चम्मच तुलसी और 3-4 दाने काली मिर्च का पाउडर डेढ़ कप पानी में मिलाकर पांच मिनट तक उबालें | इसके बाद घोल को एक कप में छानकर पियें बुखार कम करने के लिए दवा लें: ऐसी कई दवाएं है जो बुखार में राहत पहुंचाती हैं जैसे: पैरासिटामॅाल, आइबुप्रोफेन, एस्पिरिन इत्यादि | ये दवाएं किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध होती हैं और बुखार कम करने में मददगार होती हैं अदरक, तुलसी का काढ़ा पिए: इसे बनाने के लिए अदरक का एक चम्मच कुटी हुई अदरक, एक चम्मच तुलसी, 3-4 काली मिर्च के दाने और स्वादानुसार शहद या चीनी को डेढ़ कप पानी में मिलाकर कुछ देर उबालें फिर उसे छान लेवें | इसे गरम रहते ही धीरे-धीरे पिए | इस काढ़े से बंद नाक और गले की खराश के साथ-साथ बुखार में भी आराम मिलेगा लहसुन का पानी पियें: इसे बनाने के लिए एक कच्चे लहसुन को एक कप पानी (225 मि.ली.) में मिलाकर उबाल लेवें फिर उसे छानकर धीरे-धीरे पियें | यह बुखार दुबारा होने से बचाता है और बुखार के लक्षणों से भी आराम दिलाता हैसूती कपडा या तौलिया भिगोकर माथे पर रखे और आराम करें | *कुछ रोगी डरतें हैं कि कहीं बुखार से दिमाग पर असर न हो | यदि तापमान 106° फारेनहाइट या 41° सेल्सियस से नीचे रखा जाए तो सामान्यतौर पर दिमाग पर असर नहीं होता | वैसे अगर बुखार 104° फारेनहाइट या 40° सेल्सियस से ज्यादा है तो खतरनाक माना जाता है परामर्श- *यदि आपको बुखार है तो कसरत न करें | *अगर बुखार 104° फारेनहाइट या 40° सेल्सियस से ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह लें | अपनी नाक साफ़ रखें | *यदि तापमान 106° फारेनहाइट या 41° सेल्सियस से ऊपर है तो दिमाग पर असर हो सकता है | पथ्य : मूँग की दाल और दाल का पानी, परवल, लौकी, अनार, मौसम्बी का रस, दूध, पपीता आदि हल्के पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अपथ्य : भारी अन्न, तेज मिर्च-मसालेदार, तले हुए पदार्थ, खटाई, अधिक परिश्रम, ठण्डे पानी से स्नान, मैथुन, ठण्डा कच्चा पानी पीना, हवा में घूमना और क्रोध करना यह सब वर्जित है
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lokjantoday · 5 years
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रोजाना खजूर खाएं और इन बीमारियों से मुक्ति पाएं…
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जैसे की खजूर सभी को पसंद नहीं होते, ये स्वाद में मीठे के साथ फीके भी होते हैं। बहुत से लोग खजूर देखकर ही इसे खाने से मना कर देते हैं, जिसका कारण है इसका पक्का रंग।
खाने-पीने की हर सामग्री में कुछ ना कुछ पौष्टिक गुण होते ही हैं, चाहे वो फल-सब्जियां हों या मसाले, सभी अपने गुणों का हमे लाभ प्रदान करते हैं। लेकिन खजूर के कुछ गुण ऐसे हैं जिनसे मिलने वाले फायदों को जानने के बाद आप वाकई चकित होने वाले हैं। आप यदि खजूर बेहद पसंद करते हैं तो रोजाना कम से कम 3 या 4 खजूर सुबह-सुबह खाएं। यदि पसंद नहीं है, तब भी 2 खजूर अवश्य खाएं।
खजूर में भारी मात्रा में विटामिन और मिनरल यानि खनिज पदार्थ के साथ- साथ इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। इसके अलावा फायबर के गुणों से भी युक्त है खजूर। खजूर में विटामिन बी1, बी2, बी3, बी5, ए1 और विटामिन सी भी पाया जाता है। इसके साथ ही पोटैशियम से लैस लेकिन सोडियम से मुक्त होता है खजूर।
जानते हैं खजूर के फायदे…
 खजूर में मौजूद प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से बॉडी को शक्ति मिलती है। जो लोग अधिक थकान महसूस करते हैं वो थकान आयरन की कमी की वजह से होती है, खजूर में मौजूद आयरन उसे कुछ ही दिनों में पूरा कर देता है।
खजूर का सेवन पाचन शक्ति को बढ़ाता है। पेट संबंधी कैसी भी दिक्कत हो, उसमें खजूर का सेवन रामबाण इलाज सिद्ध होता है। यह पाचन शक्ति को सही कर भूख बढ़ाता है।
खजूर हृदय रोगियों के लिए बहुत अच्छा है। यदि किसी को दिल का रोग है तो वह रोजाना 3 से 4 खजूर खाए। खजूर बॉडी के कॉलेस्ट्रोल को कंट्रोल करता है, जिससे हृदय आघात जैसा खतरा कम हो ज���ता है।
ढेर सारे मिनरल्स और कम सोडियम होने की वजह से, खजूर हमारी हड्डियों के लिए अच्छा माना जाता है। खजूर में मौजूद सेलीनियम, मैगनीज, कॉपर जैसे मिनरल हमारी हड्डियों को मजबूती देते हैं।
जो लोग रोजाना वर्कआउट करते हैं, ढेर सारी कसरत करने के शौकीन हैं उन्हें खजूर अवश्य ही खाना चाहिए। ये उन्हें बिना किसी परेशानी के कसरत करने में सहयोग देगा।
आजकल जिस तरह का प्रदूषण शहरों में फैला हुआ है, उससे सबसे ज्यादा धूल संबंधी संक्रमण होता है। खजूर में ‘सल्फर’ पाया जाता है, जो शरीर में पैदा हो रहे संक्रमण को काटता है , इसे खाने वाले लोगों को कभी कोई संक्रमण अपना शिकार नहीं बना सकता।
यह फायदा उनके लिए है जो पतले हैं और अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं। शरीर से बेहद कमजोर या यूं कहें कि अंडरवेट लोगों को खजूर खाने चाहिए। ऐसे लोग चाहें तो दिन में 3 से अधिक खजूर भी खा सकते हैं। खजूर का मीठापन और इसमें प्रोटीन होता है। जिसमे एक किलोग्राम खजूर में कुल 3000 कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ाने के सही अच्छी मात्रा है।
कैंसर से बचाए…
खजूर खाने से कैंसर रोग नहीं होता। खजूर का यह एक ऐसा गुण है जो अधिकतर लोग नहीं जानते। महिलाओं में आजकल उदर कैंसर, यानी कि साधारण भाषा में जिसे पेट का कैंसर भी कहा जाता है, वह काफी बढ़ गया है।
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gethealthy18-blog · 5 years
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तरबूज के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान – Watermelon (Tarbuj) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
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तरबूज के 25 फायदे, उपयोग और नुकसान – Watermelon (Tarbuj) Benefits, Uses and Side Effects in Hindi
Nripendra Balmiki May 21, 2019
गर्मियों में गले को तर करने और गर्मी को दूर करने का तरबूज से अच्छा विकल्प और कोई हो नहीं सकता। तरबूज गर्मियों का सबसे खास फल है, जो न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि भूख को भी शांत करता है। स्टाइलक्रेज का यह लेख इस खास फल पर आधारित है, इस लेख में हम तरबूज के उन औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे, जिनके बारे में शायद आपको पता न हो। आइए सबसे पहले हम तरबूज का संक्षिप्त इतिहास जान लेते हैं।
विषय सूची
तरबूज का इतिहास – History of Watermelon in Hindi 
तरबूज आकार में बड़ा होता है। यह अंदर से लाल और बाहर से हरा होता है। तरबूज में 90 प्रतिशत से ज्यादा पानी होता है। तरबूज मीठा, स्वादहीन और कड़वे तीनों रूपों में पाया जाता है। इसकी उत्पत्ति का स्थान दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल के आसपास बताया जाता है। कहा जाता है कि तरबूज की पहली फसल मिस्र में लगभग 5 हजार साल पहले उगाई गई थी। तरबूजों को अक्सर राजाओं की कब्रों में रखा जाता था, ताकि वो जिंदगी के बाद भी उन्हें पोषित कर सकें।
माना जाता है कि तरबूज की खेती चीन में 10वी शताब्दी में शुरू हुई और आज चीन तरबूज का सबसे बड़ा उत्पादक है (1)। भारत में भी इसकी खेती बड़े स्तर पर होती है। चलिए आगे जानते हैं तरबूज के विभिन्न शारीरिक ��ायदों के बारे में।
क्या आपके लिए तरबूज अच्छा है – Is Watermelon Good For You in Hindi 
यह फल कई जरूरी पोषक तत्वों से भरा है, इसलिए यह शरीर से जुड़ी कई परेशानियों को दूर करने का काम कर सकता है। तरबूज फाइबर, पोटैशियम, आयरन और विटामिन-ए, सी व बी से समृद्ध होता है, लेकिन इस फल को सबसे ज्यादा खास इसमें मौजूद लाइकोपीन नामक तत्व बनाता है। यह तत्व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है और इसी से फल को गहरा लाल रंग मिलता है।
कई अध्ययनों ने लाइकोपीन के लाभकारी प्रभावों का समर्थन किया है। यह ऑक्सिडेंट स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के साथ-साथ रक्तचाप के स्तर को भी कम कर सकता है। लाइकोपीन के स्वास्थ्य लाभों की चर्चा हम नीचे करेंगे।
तरबूज के बारे में जानने के बाद आगे जानिए तरबूज खाने के फायदे।
तरबूज के फायदे – Benefits of Watermelon in Hindi
1. हृदय स्वास्थ्य
हृदय स्वास्थ्य के लिए तरबूज के फायदे बहुत हैं। शोध के अनुसार, रोजाना तरबूज खाने या इसका जूस पीने से खराब कोलेस्ट्रॉल के संचय को रोका जा सकता है (2), जो हृदय रोग का कारण बन सकता है। अध्ययन के अनुसार तरबूज के इन हृदय-स्वस्थ गुणों के पीछे तरबूज में पाया जाने वाला साइट्रलाइन नामक पदार्थ है। शोध में बताया गया है कि साइट्रलाइन अच्छी तरह से एथेरोस्क्लेरोसिस पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है (3)।
एथेरोस्क्लेरोसिस एक हृदय रोग है, जिसमें धमनी की दीवारों पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का निर्माण होने लगता है। इसके अलावा, साइट्रलाइन रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में धमनी की कठोरता (Arterial Stiffness) को कम करने का काम भी कर सकता है (4)।
2. पाचन स्वास्थ्य
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पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में पानी की अधिकता होती है और पानी भोजन पचाने में सबसे अहम तत्व माना जाता है। इसके अलावा, इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ कब्ज, डायरिया व गैस जैसी समस्याओं से निजात दिलाने का काम करता है (5)। पेट की दिक्कतों से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं।
3. वजन घटाने के लिए
वजन घटान के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। जो लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं, वो अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं। वजन कम करना, तरबूज के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभों में से एक है। तरबूज में कैलोरी की मात्रा कम होती है, जबकि फाइबर अधिक पाया जाता है (6)। इसके अलावा, इसमें पानी की मात���रा अधिक होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और वजन कम करने में मदद कर सकता है (7)।
तरबूज के एक बड़े टुकड़े में लगभग 86 कैलोरी, 1 ग्राम से कम वसा व 22 ग्राम कार्ब्स होता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है और यह दैनिक फाइबर की आवश्यकता का 5 प्रतिशत प्रदान करता है, जिससे फैट को जलाने और वजन घटाने में सहयोग मिलती है (8)।
4. रखता है हाइड्रेट
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हाइड्रेट रहना बहुत जरूरी है, यानी आपके शरीर में जल पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए। डिहाइड्रेशन कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कब्ज, कमजोरी, सिर चकराना, सिर दर्द, मुंह सुखना, पेट फूलना व लो बीपी आदि (9), (10)। तरबूज में पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह शरीर को हाइड्रेट रखने का काम करता है। खासकर, गर्मियों के दौरान निर्जलीकरण की समस्या ज्यादा होती, इसलिए डॉक्टर भी तरबूज का जूस पीने की सलाह देते हैं। यह शरीर को रिहाइड्रेट करता है और पेट को ठंडा रखता है (11)।
5. कैंसर
कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। तरबूज में लाइकोपीन नामक तत्व पाया जाता है, जो कैंसर से बचाव कर सकता है। लाइकोपीन की वजह से तरबूज को लाल रंग प्राप्त होता है (12)। यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, इसलिए यह शरीर में कैंसर को पनपने से रोक सकता है।
एक अध्ययन के अनुसार, लाइकोपीन में कीमो प्रिवेंटिव गुण मौजूद होते हैं, जो खासकर प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं (13)। एक अन्य अध्ययन के अनुसार लाइकोपीन अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम या रोक सकता है (14)।
6. मांसपेशियों में दर्द
मांसपेशियों में होने वाले दर्द के लिए भी तरबूज फायदा पहुंचा सकता है। यह खास फल इलेक्ट्रोलाइट्स और अमीनो एसिड साइट्रलाइन से समृद्ध होता है, कसरत के बाद गले की मांसपेशियों में होने वाले दर्द को शांत कर सकता है (15)। एक अध्ययन के अनुसार, तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है (16)। इसलिए, मांसपेशियां के दर्द से बचे रहने के लिए आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को शामिल कर सकते हैं।
7. रोग प्रतिरोधक क्षमता
विटामिन-सी से भरपूर होने के कारण तरबूज शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। इसके अलावा, तरबूज में फाइबर भी पाया जाता है, जो आंतों को स्वस्थ रखने का काम करता है (17), (18)। इस खास फल में विटामिन-बी6 भी होता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को एंटीबॉडी का उत्पादन करने में मदद करता है। तरबूज में मौजूद विटामिन-ए प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित करता है और संक्रमण से बचाता है (19)। एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए इम्यून सिस्टम का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। इसलिए, आप अपने दैनिक आहार में तरबूज को स्थान दे सकते हैं।
8. दमा के लिए
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यहां फिर से तरबूज में मौजूद लाइकोपीन का लाभ देखा जा सकता है। यह एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए कारगर साबित हो सकता है। अस्थमा से पीड़ित 17 वयस्कों पर किए गए एक अध्ययन में लाइकोपीन का चिकित्सीय प्रभाव देखा गया है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार लाइकोपीन और विटामिन-ए का पर्याप्त सेवन दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है (20)।
9. किडनी स्वास्थ्य
तरबूज में अन्य पोषक तत्वों की तुलना में पोटैशियम की मात्रा कम होती है। अमेरिका की नेशनल किडनी फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, तरबूज किडनी रोग से पीड़ित लोगों को लाभ पहुंचा सकता है (21)। किडनी को स्वस्थ रखने के लिए तरबूज को दैनिक आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
10. रक्तचाप नियंत्रण
तरबूज साइट्रलाइन नामक एमिनो एसिड से समृद्ध होता है, जो रक्तचाप के लिए फायदेमंद हो सकता है। फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, साइट्रलाइन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (22)।
तरबूज पोटैशियम का भी अच्छा स्रोत है, जिसे उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए जाना जाता है। पोटैशियम एक इलेक्ट्रोलाइट भी है, जो व्यायाम के दौरान रक्तचाप को नियंत्रित करता है (23)। एक अन्य अध्ययन भी तरबूज के रक्तचाप नियंत्रण गुण का समर्थन करता है। शोध में पाया गया है कि तरबूज सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्त्चाप को कम कर सकता है (24)।
11. आंखों के लिए 
आंखों के लिए भी तरबूज के लाभ बहुत हैं। तरबूज विटामिन-ए का अच्छा स्रोत है, जो आंख के रेटिना में पिगमेंट का उत्पादन करने में मदद करता है। इससे उम्र से संबंधित नजर के धुंधलेपन को दूर करने में मदद मिल सकती है। विटामिन-ए को रेटिनॉल भी कहा जाता है, जो कम रोशनी में अच्छी दृष्टि को बढ़ावा देता है (25)।
फेडरल गवर्नमेंट नेशनल आई इंस्टिट्यूट द्वारा प्रायोजित ‘द एज-रिलेटेड आई डिसीज स्टडी’ (AREDS) में पाया गया कि विटामिन-सी और ई, β-कैरोटीन, जिंक व कॉपर  के साथ मिलकर एएमडी के जोखिम को लगभग 25 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं (26)।
एएमडी (Age-Related Macular Degeneration) आंख संबंधी एक चिकित्सीय स्थिति है, जो 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में आंखों की रोशनी कम होने का प्रमुख कारण बनती है। यह बीमारी मैक्युला को नुकसान पहुंचाती है, जो रेटिना के केंद्र के पास होता है। मैक्युला हमें उन वस्तुओं को देखने में मदद करता है, जो सीधे आंखों के आगे होती हैं (27)।
12. मधुमेह
मधुमेह जैसी घातक बीमारी के लिए भी तरबूज के लाभ बहुत हैं। इसमें शुगर की मात्रा कम होती है, इसलिए यह मधुमेह को बढ़ावा नहीं देता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, तरबूज में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटीडायबीटिक गुण भी होते हैं (28)। तरबूज कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है, इसलिए यह टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (29), (30)।
13. हीट स्ट्रोक
हीट स्ट्रोक को लू लगना भी कहते हैं। यह वो अवस्था है, जिसमें गर्मी के कारण शरीर का तापमान बढ़ जाता है और ठंडा नहीं हो पाता है। इसके होने के पीछे का कारण तेज गर्मी में अधिक समय बिताना और नॉन एल्कोहलिक तरल का कम सेवन करना है। कई मामलों में यह घातक भी हो सकता है। वहीं, तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह शरीर को निर्जलीकरण से बचाने का काम करता है (11)। साथ ही तरबूज हाइपरथर्मिया जैसी स्थिति से भी बचा सकता है (31)। चीनी चिकित्सा में भी इसका बहुत महत्व है। तरबूज उन कुछ फलों में से एक है, जो गर्मी में प्यास बुझाने और थकावट को दूर करने का काम करता है। शरीर में तरल की मात्रा बनी रहने से हीट स्ट्रोक ज्याद प्रभाव नहीं डालता है (32)।
14. हड्डी स्वास्थ्य 
हड्डी स्वास्थ्य के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। तरबूज विटामिन-सी से भरपूर होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार शरीर में विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी और हड्डियों में दर्द जैसी समस्या हो सकती है (18), (33)।
स्विट्जरलैंड के एक अध्ययन से पता चलता है कि तरबूज में मौजूद लाइकोपीन ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी के फ्रैक्चर होने की आशंका को रोक सकता है (34)। इसके अलावा, तरबूज में मौजूद विटामिन-ए हड्डी के विकास को बढ़ावा देने का काम करता है (35)।
15. मसूड़ों के लिए
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ओरल हेल्थ के लिए भी तरबूज का सेवन किया जा सकता है। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है (18) और विटामिन-सी दांतों और मसूड़ों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। एक रिपार्ट के अनुसार विटामिन-सी की कमी से मसूड़े से संबंधित समस्या हो सकती है (36)। एक अन्य रिपोर्ट में ओरल हाइजीन के लिए विटामिन-सी के महत्व को बताया गया है (37)।
इसके अलावा तरबूज में पानी की अधिकता होती है इसलिए यह दांतों से प्लेक, बैक्टीरिया को हटाने का काम कर सकता है।
16. कोशिकाओं की क्षति
जैसा कि हमने पहले बताया कि तरबूज लाइकोपीन से समृद्ध होता है और लाइकोपीन वो खास तत्व है, जो हृदय रोग से जुड़ी कोशिकाओं की क्षति को रोकने का काम कर सकता है (38)। तरबूज विटामिन-बी12 से भी समृद्ध होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के विकास में मदद करता है (39), (40)।
17. गर्भावस्था के दौरान 
तरबूज फोलिक एसिड, कैल्शियम, विटामिन-ए व बी12 और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है, जिनकी आवश्यकता गर्भावस्था के दौरान ज्यादा होती है (41), (42)।
एक रिपार्ट के अनुसार तरबूज में मौजूद लाइकोपीन गर्भावस्था के दौरान इंट्रा यूटराइन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन को कम कर सकता है। इंट्रा यूटराइन ग्रोथ रेस्ट्रिक्शन ऐसी स्थिति है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान बच्चा सामान्य वजन तक नहीं बढ़ पाता है (43)। एक अन्य रिपार्ट के अनुसार तरबूज गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन और मॉर्निंग सिकनेस को भी कम करने में भी मदद कर सकता है।
18. जलन-सूजन की स्थिति में
तरबूज में मौजूद लाइकोपीन एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है, जो जलन और सूजन जैसी स्थिति में फायदा पहुंचा सकता है (44)। इसके अलावा, तरबूज में कोलाइन नामक तत्व भी पाया जाता है, जो एंटीनोसाइसेप्टिव और एंटीइंफ्लेमेटरी से समृद्ध होता। ये दोनों तत्व शरीर में दर्द, सूजन व जलन की स्थिति में फायदा पहुंचा सकते हैं (45), (46)।
19. शरीर में उर्जा के लिए
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शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए तरबूज का नियमित सेवन कर सकते हैं। तरबूज विटामिन-बी का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने का काम करता है। तरबूज जरूरी विटामिन, जैसे बी6 और बी12 से समृद्ध होता है, जो ऊर्जा के अच्छे स्रोत माने जाते हैं (40), (47)। इसके अलावा, तरबूज में पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जो थकावट और प्यास को दूर कर खोई हुई ऊर्जा की पूर्ति करता है।
20. त्वचा के लिए
त्वचा के लिए भी तरबूज के फायदे बहुत हैं। इसमें पानी की अधिकता होती है, इसलिए यह त्वचा के सूखेपन को दूर कर स्कीन को हाइड्रेट और मॉइश्चराइज करने का काम करता है।
तरबूज विटामिन-ए से भी समृद्ध होता है (40), जो त्वचा के बड़े रोम छिद्रों को कम कर सकता है। चेहरे के लिए आप तरबूज का फेसपैक बना सकते हैं।
कैसे बनाए तरबूज का फेसपैक –
एक कप कटे हुए तरबूज के साथ एक चम्मच दही मिलाकर पेस्ट बना लें और 20 मिनट के लिए पूरे चेहरे और गले पर लगाएं। बाद में ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह फेसपैक त्वचा को चमक देने का कम करेगा और त्वचा को आराम पहुंचाएगा। यह प्रक्रिया आप हफ्ते में दो से तीन बार दोहरा सकते हैं।
तरबूज के सबसे अच्छे लाभों में से एक है, उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकना। इसमें लाइकोपीन की उपस्थिति त्वचा के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह एक कारगर एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को मुक्त कणों से सुरक्षा प्रदान करता है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को काफी प्रभावी रूप से कम करता है (48)।
21. बालों के लिए 
बालों के लिए भी तरबूज खाने के फायदे बहुत हैं। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है (18), जो शरीर को गैर-हीम आयरन का उपयोग करने में मदद करता है (49)। गैर-हीम आयरन स्वस्थ बालों को बढ़ावा देता है। स्वस्थ बालों के विकास के लिए कोलेजन की भी आवश्यकता होती है और तरबूज में मौजूद विटामिन-सी कोलेजन को बढ़ावा देने में मदद करता है (50)।
22. यौन क्षमता
तरबूज के फायदे यहीं समाप्त नहीं होते। एक रिपार्ट के अनुसार तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन यौन संबंध के लिए फायदेमंद हो सकता है। साइट्रलाइन वो खास तत्व है, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन (यौन रोग) को सुधारने का काम करता है (51)।
एक रिपोर्ट के अनुसार तरबूज में मौजूद साइट्रलाइन, नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाने का काम करता है, जो इरेक्टाइल डिसफंक्शन को सुधारने और यौन क्षमता के विकास को बढ़ावा देता है (52)।
23. कब्ज के लिए तरबूज
पाचन तंत्र खराब होने पर कब्ज हो सकती है, जिसमें व्यक्ति का मल सख्त हो जाता है और मल त्याग में कठिनाई आती है। कब्ज बच्चों, वृद्धों और गर्भवती महिलाओं में आम है। कब्ज दुनिया भर में सबसे आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की शिकायत है, जिसके सालाना दो मिलियन से अधिक मामले सामने आते हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए तरबूज आपकी मदद कर सकता है। तरबूज में जल और फाइबर जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है, इसलिए यह कब्ज की समस्या से निजात दिला सकते हैं (53)।
24.  एनीमिया के लिए
एनीमिया के लिए भी तरबूज खाने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनीमिया होने पर शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को कमी हो जाती है। तरबूज आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है (40), इसलिए यह लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देने का काम कर सकता है। इसके अलावा, तरबूज में विटामिन-बी12 भी होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के विकास में मदद करता है (39)।
25. तनाव से मुक्ति
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तनाव से मुक्ति पाने की लिए भी तरबूज का सेवन किया जा सकता है। तरबूज विटामिन-सी से समृद्ध होता है, जो एंटीस्ट्रेस के रूप में जाना जाता है (40)। विटामिन-सी एक प्रसिद्ध एंटीऑक्सीडेंट है, जो चिंता, तनाव, अवसाद व थकान को दूर करने और मनोदशा को ठीक करने का काम करता है।
अध्ययनों से पता चला है कि विटामिन-सी ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस व न्यूरो साइकोलॉजिकल विकारों को दूर कर सकता है (54)।
तरबूज के फायदों के बाद आगे जानिए कि इसमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं।
तरबूज के पौष्टिक तत्व – Watermelon Nutritional Value in Hindi
तरबूज के शारीरिक फायदे जानने के बाद आगे जानिए इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में (40)।
पोषक तत्व मात्रा ( प्रति 100 ग्राम) पानी (ग्राम) 91.45 ऊर्जा (kcal) 30 प्रोटीन  (ग्राम) 0.61 कुल फैट  (ग्राम) 0.15 कार्बोहाइड्रेट (ग्राम) 7.55 कुल डाइटरी फाइबर  (ग्राम) 0.4 ��ुगर  (ग्राम) 6.20 मिनरल्स कैल्शियम (मिलीग्राम) 7 आयरन  (मिलीग्राम) 0.24 मैग्नीशियम (मिलीग्राम) 10 फास्फोरस(मिलीग्राम) 11 पोटैशियम (मिलीग्राम) 112 सोडियम (मिलीग्राम) 1 जिंक  (मिलीग्राम) 0.10 विटामिन्स विटामिन सी (मिलीग्राम) 8.1 थायमिन (मिलीग्राम) 0.033 राइबोफ्लेविन (मिलीग्राम) 0.021 नियासिन (मिलीग्राम) 0.178 विटामिन बी -6 (मिलीग्राम) 0.045 फोलेट, डीएफई  (µg) 3 विटामिन बी -12 (µg) 0.00 विटामिन ए, आरएई (µg) 28 विटामिन ए, (IU) 569 विटामिन ई (अल्फा-टोकोफ़ेरॉल) (मिलीग्राम) 0.05 विटामिन डी (डी 2 + डी 3) 0.0 विटामिन डी (IU) 0 विटामिन के (फाइलोक्विनोन) (µg) 0.1 लिपिड फैटी एसिड, कुल सैचुरेटेड(ग्राम) 0.016 फैटी एसिड, कुल मोनोअनसैचुरेटेड (ग्राम) 0.037 फैटी एसिड, कुल पॉलीअनसैचुरेटेड (ग्राम) 0.050 फैटी एसिड, कुल ट्रांस (ग्राम) 0.00 कोलेस्ट्रॉल (मिलीग्राम) 0
कैलोरी : तरबूज कैलोरी में काफी कम है। तरबूज की एक स्लाइस में लगभग 86 कैलोरी होती हैं।
विटामिन : तरबूज विटामिन का बड़ा स्रोत है। तरबूज में दो प्रमुख विटामिन हैं, विटामिन ए और सी। तरबूज में विटामिन-ए कैरोटीनॉयड के रूप में मौजूद होता है। ताजा तरबूज के एक कप में लगभग 12 मिलीग्राम विटामिन-सी होता है।
पोटैशियम : एक कप कटे हुए तरबूज में पोटैशियम की दैनिक जरूरत का चार प्रतिशत होता है।
फाइबर : ताजे तरबूज के लगभग 175-200 कैलोरी में तीन से चार ग्राम डाइटरी फाइबर होता है, जो घुलनशील और अघुलनशील फाइबर का अच्छा मिश्रण है।
कार्बोहाइड्रेट : तरबूज की 100 ग्राम मात्रा में 7.55 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है।
फैट की मात्रा : फल में फैट की मात्रा कम होती है। 100 ग्राम तरबूज में कुल फैट 0.15 ग्राम होता है।
लाइकोपीन : यह तरबूज के सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है, जो इसके अधिकांश लाभों के लिए जिम्मेदार है। 
तरबूज का उपयोग – How to Use Watermelon in Hindi
1. वॉटरमेलन सलाद 
सामग्री :
आधा कटा हुआ प्याज
पांच कप कटे हुए तरबूज
दो खीरे, गोल-गोल कटे हुए
कटे हुए काजू एक कप
150 ग्राम चीज
एक मुट्ठी ताजा बारीक कटा हुआ पुदीना
एक कप जैतून का तेल
एक नींबू का रस
एक चुटकी नमक
बनाने की प्रक्रिया :
जैतून का तेल, नींबू का रस और नमक को छोड़कर, एक कटोरे में सभी सामग्री मिला लें।
अब मिश्रण में जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाएं।
अंत में नमक का छिड़काव करें।
2. वॉटरमेलन डोनट्स 
सामग्री :
एक तरबूज (बीज निकाला हुआ)
खट्टी मलाई (आवश्यकतानुसार)
स्वाद के लिए चीनी
वनिला रस (स्वाद के लिए)
बारीक पतले कटे हुए थोड़े से बादाम
बनाने की प्रक्रिया :
तरबूज को डोनट आकार में गोल-गोल काटें और बीच में एक बड़ा छेद कर दें।
खट्टी मलाई में चीनी और थोड़ा वनीला रस मिलाएं।
अब तरबूज के टुकड़ों को मिश्रण में डुबोएं और ऊपर से बादाम का छिड़काव करें।
अंत में आपको तरबूज के टुकड़ों को फ्रिज में एक-दो घंटे के लिए रखना होगा।
इसके बाद वॉटरमेलन डोनट्स का आनंद उठाएं।
तरबूज का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखना – Selection and Storage of Watermelon in Hindi
 चयन
आपको ताजे तरबूज की तलाश करनी होगी, जो कहीं से कटा हुआ न हो।
आप तरबूज छोटा या बड़ा ले सकते हैं, जिसका वजन भारी हो। इसका अर्थ है कि यह पानी से भरा है।
आपको फील्ड स्पॉट की तलाश करने होगी। यह तरबूज की बाहरी परत का वो क्षेत्र है, जो जमीन से सटा रहता है और धूप के कारण पीला पड़ जाता है। अगर फील्ड स्पॉट का रंग सफेद है, तो आप समझ जाइए कि इसे जल्द ही तोड़ लिया गया है।
यदि आप कटा हुआ तरबूज ले रहे हैं, तो हमेशा चमकीले लाल रंग के टुकड़ों का चुनाव करें, जिनके बीज का रंग काला या गहरा भूरा हो।
सफेद लकीरों वाले टुकड़ों से बचें या जिनमें बहुत अधिक सफेद बीज हों।
स्टोर
रेफ्रिजरेटर में एक पूरा तरबूज दो सप्ताह तक स्टोर किया जा सकता है। फल को सावधानीपूर्वक रखें। इस बात का ध्यान रखें कि आपके रेफ्रिजरेटर का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे न हो। तरबूज को 50-60 फारेनहाइट रूम तापमान में रखा जा सकता है।
अगर आप एक बार में तरबूज को पूरा नहीं खाने चाहते हैं, तो बाकी का कटा हुआ तरबूज किसी कंटेनर में रखकर तीन-चार दिन के लिए फ्रीज में स्टोर कर सकते हैं (55)। कटे हुए तरबूज को जल्दी खाने की कोशिश करें।
आइए, अब तरबूज से जुड़े कुछ नुकसानों के बारे में भी जान लेते हैं।
तरबूज के नुकसान – Side Effects of Watermelon in Hindi
इसमें कोई दो राय नहीं कि तरबूज एक गुणकारी फल है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कुछ शारीरिक समस्या भी खड़ी कर सकता है। नीचे जानिए तरबूज के अत्यधिक सेवन के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में –
पेट संबंधी परेशानियां
जैसा कि हमने देखा है, तरबूज के अधिकांश लाभों को लाइकोपीन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, लेकिन यह यौगिक कई साइड इफेक्ट का कारण भी बन सकता है। अगर फल अधिक मात्रा में खाया गया, तो लाइकोपीन के ओवरडोज के चलते मतली, उल्टी, अपच और दस्त लग सकते हैं।
हाइपरकलेमिया
तरबूज के अधिक सेवन से हाइपरकलेमिया हो सकता है (56), जिसमें पोटैशियम का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इससे हृदय संबंधी समस्याएं, जैसे अनियमित दिल की धड़कन और कमजोर नाड़ी हो सकती है।
एलर्जी
कुछ व्यक्तियों को तरबूज से एलर्जी हो सकती है (57)। इसमें हल्के से लेकर गंभीर चकत्ते और चेहरे पर सूजन शामिल हो सकते हैं।
तरबूज से जुड़े रोचक तथ्य – Stunning Watermelon Facts in Hindi 
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक के सबसे बड़े तरबूज का वजन 122 किलो दर्ज किया गया है। यह रिकॉर्ड 2005 में होप अरकांसा बिग वाटरमेलन प्रतियोगिता के दौरान दर्ज किया गया था।
तरबूज की 1,200 से अधिक किस्में हैं, जो दुनिया भर में उगाई जाती हैं।
कच्चे टमाटर की तुलना में तरबूज में 40% अधिक लाइकोपीन होता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जापान में चौकोर तरबूज उगाया जाता है। इसके लिए वो तरबूज को शुरू से चौकोर कांच के बक्सों के अंदर रखते हैं, जिससे फल बढ़ने के साथ कंटेनर का आकार ले लेता हैं।
तरबूज एक फल और सब्जी दोनों है। इस फल के छिलकों की सब्जी बनाई जाती है।
अब तो आप तरबूज के विभिन्न शारीरिक फायदों के बारे में जान गए होंगे। तो सोचिए मत, आज से ही तरबूज को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। साथ ही इस बात ध्यान रखें कि अगर तरबूज के नियमित सेवन के दौरान लेख में बताए गए दुष्प्रभाव नजर आते हैं, तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में बताना न भूलें। अन्य जानकारी के लिए आप हमसे सवाल भी पूछ सकते हैं।
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Nripendra Balmiki
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/tarbuj-ke-fayde-upyog-aur-nuksan-in-hindi/
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bisaria · 6 years
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दूध का नाम सुनते ही कई लोगों की भौं सिकुड़ जाती है. लेकिन अगर ठंडे दूध के फायदों का पता चल जाए तो इसे रोजाना पीना शुरू कर देंगे. ठंडा दूध ना केवल स्‍वास्‍थ्‍य से भरा होता है बल्‍कि टेस्‍ट में भी काफी लाजवाब माना जाता है. अगर गर्म दूध पीने के कई फायदे हैं तो ठंडा दूध भी कुछ कम नहीं है. ठंडा दूध पीने एसीडिटी मोटापा बार-बार भूख लगना आदि जैसी छोटी मोटी बीमारियां दूर हो सकती हैं. यही नहीं अगर आप जिम से आकर बुरी तरह से थक जाते हैं और तुरंत एनर्जी के लिए ठंडा दूध किसी औषधि से कम नहीं. इससे खोई हुई एनर्जी भी वापस आएगी और मसल्‍स को रिपेयर होने के लिए प्रोटीन भी मिलता है.
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फ्लेवर डालकर पीएं
हेल्थ एक्सपर्ट श्वेता गर्ग का कहना है कि अगर आप ठंडा दूध सीधे नहीं पी सकते तो इसे स्‍वादिष्‍ट बनाने के लिए फ्लेवर भी मिक्‍स कर सकते हैं. ठंडा दूध पीने से पहले एक बात का बहुत ख्‍याल रखें कि अगर आपको सर्दी-जुखाम है तो इसे भूल कर भी ना पीएं. हम आप से ठंडे दूध के फायदों के बारे में बता रहे हैं, जो शायद ही आपको मालूम हो
अगर आप बिल्‍कुल ठंडा दूध पीएं तो शरीर को पहले उसे नॉर्मल तापमान पर लाने के लिए कैलोरी बर्न करनी पड़ेगी और फिर उसे पचाना पड़ेगा. इससे आपका मोटापा कंट्रोल में रहेगा.
हल्‍का गुनगुना दूध पीने से नींद आती है क्‍योंकि, दूध में अमीनो एसिड ट्रिप्टोफान पाया जाता है जो कि दूध गर्म होने तथा स्‍टार्च वाले फूड के साथ पीने से दिमाग में घुस जाता है. लेकिन, ठंडे दूध में प्रोटीन होने की वजह से ऐसा नहीं हो पाता और इसलिए इसको दिन में कभी भी पी सकते हैं.
क्‍या आपने कभी ठंडे दूध को एसिडिटी मिटाने के लिए पिया है? धीरे-धीरे ठंडा दूध पीने से पेप्‍टिक अल्‍सर के कारण से पैदा होने वाला दर्द भी दूर हो जाता है.
खाना खाने के बाद अगर आपको बार-बार भूख लगती है तो आप ठंडा दूध पी सकते हैं. आप चाहें तो ठंडे दूध में ओट्स मिलाकर भी खा सकते हैं.
बढाए गर्मी के दिनों में अगर आप कोल्‍ड कॉफी पीते हैं तो एक दम से तरोताजा हो जाएंगे.
ठंडे दूध में एलेक्‍ट्रोलाइट्स होते हैं जो शरीर को डीहाइड्रेशन होने से रोकते हैं. अगर आप दिन में दो गिलास ठंडा दूध पीते हैं तो आपका शरीर हमेशा हाइड्रेट बना रहेगा. दूध पीने ��ा सबसे अच्‍छा समय है कि इसे सुबह पिया जाए.
इसमें गैस को दबाने के गुण होते हैं जो कि खाना पचाने के लिए लाभकारी है. यह फैट, घी या तेल को आराम से पचा सकता है. अगर इसमें अदरक या मिर्च मिला कर पिया जाए तो ज्‍यादा असरदार होता है.
जिम में भारी कसरत करने के बाद अगर कोई एनर्जी से भरी ड्रिंक पीनी है तो आप ठंडा दूध पी सकते हैं. इससे मसल्‍स को रिपेयर होने के लिए प्रोटीन और शरीर को एनर्जी मिलती है.
चेहरे पर ठंडा दूध लगाने से त्‍वचा क्‍लीन और टाइट बनती है. इससे त्‍वचा हाइड्रेट और स्‍मूथ हो जाती है.
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rajatgarg79 · 7 years
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दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय और क्या खाये
जब से हम पैदा हुए हैं हमारा मस्तिष्क लगातार काम कर रहा है। आपका शरीर सोते समय आराम कर भी लेता है लेकिन मस्तिष्क कभी आराम नहीं करता वो उस समय भी सोचता है, जिस कारण आप सपने देख पाते हैं। मस्तिष्क बहुत सारे काम जैसे सोचना, संख्याओं को याद रखना, लिखने के लिए शब्द देना आदि करता है। बहुत से काम करने के लिए मस्तिष्क का स्थिर होना बहुत ज़रूरी है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कम समय में अधिक काम करने के लिए दिमाग का सही समय पर सही प्रतिक्रिया देना आवश्यक है। तो आइये जानते हैं कुछ तरीके जो आपके मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।
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बायें हाथ का प्रयोग आपके मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करता है और नए न्यूरॉन्स भी बनाता है। जिस प्रकार व्यायाम करने से शरीर में मज़ब��ती और स्फूर्ति आती है ठीक उसी प्रकार हमारा मस्तिष्क भी बायें हाथ के प्रयोग से अधिक ऊर्जावान बनता है। कुछ अधययनों में यह सामने आया है कि जब आप अधिक उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क का एक ही गोलार्ध (hemisphere) काम करता है। लेकिन जब आप कम उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क के दोनों गोलार्ध कार्यशील होते हैं क्योंकि आपके मस्तिष्क का बायां गोलार्ध दाएं हाथ से और दायां गोलार्ध बायें हाथ से जुड़ा होता है।
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व्यायाम सेहत के लिए हर प्रकार से लाभदायक है। 20 मिनट बिना किसी रूकावट के ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क की मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं जिससे दिमाग तेज़ चलता है। व्यायाम से आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी होती है जिससे उन रोगों के होने की सम्भावना भी कम होती है जिनसे स्मरण शक्ति कम होती है जैसे शुगर (मधुमेह) और हृदय रोग आदि। ताकत वाले व्यायाम मस्तिष्क रसायनों के प्रभाव को बढ़ाते हैं और तनाव दूर करते हैं। कसरत का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह नए न्यूरॉनल कनेक्शनों को उत्तेजित करके नए न्यूरॉन्स की बनावट को बढ़ावा देते हैं। निष्क्रिय लोगों की तुलना में जो लोग व्यायाम करते हैं उनमें मस्तिष्क की गति बढ़ाने वाले प्रोटीन (BDNF protein) 32 प्रतिशत अधिक पाया जाता है जो निर्णय लेने, उच्च सोच और सीखने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय – सुबह या शाम)
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थियेनाइन (Theanine) एक ऐमिनो अम्ल है जो ग्रीन टी की पत्तियों में पाया जाता है। यह अम्ल तनाव बढ़ाने वाले कारकों को निष्क्रिय करता है। एक जापानी रिसर्च के अनुसार, यह चिंता को कम करने और ध्यान केंद्रित करने में सहायक है। ग्रीन टी के फायदे अनेक हैं, उनमें से एक है थकान को दूर करना क्योंकि इसमें कैफीन होता है जो आपको दिनभर चुस्त और फुर्तीला बनाये रखने में मदद करता है। (और पढ़ें - थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं)
टेट्रिस (ब्लॉक जोड़ना) है याददाश्त बढ़ाने का अचूक मंत्र - Tetris increase brain efficiency in Hindi
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध के अनुसार, कुछ देर ब्लॉक जोड़ने वाला खेल (Tetris) खेलने से मस्तिष्क में पाए जाने वाले ग्रे द्रव्य (gray matter) में बढ़ोतरी होती है। जिससे चीज़ों को अधिक समय तक याद रखने में आसानी होती है। मस्तिष्क के अधिकतर न्यूरॉन्स इसी ग्रे द्रव्य में पाए जाते हैं। न्यूरॉन्स, मांसपेशियों की तरह होते हैं जिन्हें वजन के साथ मज़बूत किया जा सकता है। टेट्रिस खेल की मदद से आप अपने मस्तिष्क की इन मांसपेशियों को मज़बूत बना सकते हैं जो स्मरण शक्ति के विकास में सहायक है।
याददाश्त तेज करने के लिए करें जॉगिंग - Jogging boosts brain power in Hindi
एक अध्ययन के मुताबिक, जॉगिंग से रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन और पोषक तत्व अच्छी तरह से मिलते हैं जो किसी भी कार्य को तेज़ी से करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि अधिकतर लोग जॉगिंग शुरु करने के कुछ दिन बाद अधिक फुर्ती से काम करने लगे थे। नियमित रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि आपकी याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है। (और पढ़ें - दौड़ना या जॉगिंग करना कैसे शुरू करें)
झपकी लेने से होता है बुद्धि का विकास - Napping boosts brain power in Hindi
एक जर्मन रिसर्च के अनुसार, जो लोग थोड़ी देर के लिए झपकी लेते रहते हैं उनकी स्मरण शक्ति अन्य लोगों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक होती है। अल्पावधि वाली स्मरण शक्ति मस्तिष्क के 'हिप्पोकैम्पस' वाले क्षेत्र में मौजूद होती है। झपकी लेने की आदत इस स्मरण शक्ति को किसी तरह नियोकॉर्टेक्स (मस्तिष्क का वो भाग जिसमें देखने और सुनने की शक्ति मौजूद रहती है) में स्थानांतरित कर देता है जहां ये अधिक समय के लिए सुरक्षित रहते हैं।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए खाएं विटामिन - Vitamins increase memory power in Hindi
चाहे आप अल्जाइमर रोग से पीड़ित हों या आपके पास स्मृति से जुड़ी समस्याएं हो, कुछ विटामिन और फैटी एसिड आपकी इस समस्या के समाधान के लिए बने हैं। विटामिन बी-12, और ओमेगा-3 फैटी एसिड इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हरी सब्ज़ियां, अंडे, मीट और मछली में विटामिन-बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ऑक्सफ़ोर्ड अध्ययन के अनुसार, मछली खाने से होमोसिस्टीन एमिनो एसिड से क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप उम्र के साथ मस्तिष्क के विकास में आने वाली रुकावट कम हो जाती है। बादाम (कई नट्स और बीज) विटामिन ई से भरपूर होते हैं जो याददाश्त कमज़ोर होने से बचाता है। ब्लू बैरीज़ (Blueberries) में फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो आपकी स्थान सम्बन्धी स्मृति को सुरक्षित रखती हैं। चॉकलेट में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट भी याददाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं। मनोभ्रम (dementia) की सम्भावना कम होती है। इसलिए आज से ही अपने आहार में विटामिन युक्त चीज़ें शामिल कीजिये।
पानी पीने से बढ़ता है दिमाग का प्रतिक्रिया समय - Drinking water boosts your brain's reaction time in Hindi
पानी पीने से मस्तिष्क अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करता है। प्यासे लोगों की तुलना में, पानी से तृप्त लोगों में 14 प्रतिशत अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया होती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप किसी ज़रूरी काम से जा रहे हैं या किसी परीक्षा में बैठे हैं तो पहले पानी पी लीजिये क्योंकि इससे आप चीज़ें भूलते नहीं। जर्नल ऑफ पोषण रिसर्च के अनुसार, थोड़ा निर्जलीकरण (dehydration) होने पर शरीर आपके मस्तिष्क से पानी की कमी पूरी करता है। आपके मस्तिष्क के जीवित रहने के लिए भी पानी बहुत ज़रूरी है। शरीर में पानी की मात्रा आपके मूत्र से पता की जा सकती है। अगर आप काफी घंटों से मूत्र त्यागने नहीं गए हैं या आपके मूत्र का रंग अत्यधिक पीला है तो आपको पानी पीने की ज़रूरत है। (और पढ़ें - खाली पेट पानी पीने के 9 बड़े फायदे)
दिमाग़ तेज़ करने के लिए तनाव से दूर रहें - Keep away from stress to enhance brain power in Hindi
कभी कभी आप छोटी छोटी चीज़ें भूल जाते हैं जैसे चाभी कहाँ रखी थी या सुबह नाश्ता किया या नहीं आदि। ये अल्पावधि के लिए चीज़ें भूलने का कारण तनाव हो सकता है। आपके आस पास दिन में लाखों चीज़ें होती हैं और सबको याद रखना मुमकिन नहीं है लेकिन जब ज़रूरी चीज़ों को याद रखना मुश्किल हो जाता है तो मस्तिष्क को उस समय एक चीज़ से दूसरी चीज़ में अदला बदली करने में परेशानी होती है। ऐसा तनाव के कारण होता है। इसलिए जितना हो सके ध्यान करके, मधुर संगीत सुनकर और अपने आपको व्यस्त रखकर तनाव से दूर रहें।
दिमाग तेज करने के लिए क���या खाना चाहिए - What to Eat to boost Brain Power in Hindi
आपके दिमाग का लगातार काम करना और अच्छी हालत में रहना आपके आहार, रक्त शर्करा और ऑक्सीजन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति पर निर्भर करता है। ऐसे कई आहार हैं जो आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं और अपनी मानसिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi
दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi
दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi
दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi
दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi
दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi
पाँच से आठ ग्राम दालचीनी पाउडर शहद में मिलाकर रोज़ लेने से दिमाग की कमज़ोरी दूर होती है और दिमाग तेज़ होता है। (और पढ़ें – शहद के फायदे)
दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi
ब्राह्मी दिमागी शक्ति के बहुत ही प्रसिद्ध जड़ीबूटी है। एक चम्मच ब्राह्मी का रस रोज़ लेने से या द्दह से सात ब्राह्मी के पत्ते रोज़ चबाने से दिमाग और तेज़ होता है।
दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi
बीस गर्म अखरोट के साथ दस ग्राम किशमिश खाने से दिमागी शक्ति तेज़ होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। (और पढ़ें – अखरोट के गुण)
दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi
अलसी के बीज में प्रोटीन और फाइबर होता है इसलिए यह भी दिमाग के लिए फायदेमंद है। इन्हें नियमित रूप से खाएं और तेज़ दिमाग पाएं।
दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi
बीस ग्राम तिल में थोड़ा गुड़ मिलाकर खाने से दिमागी शक्ति बढ़ती है। (और पढ़ें – तिल के तेल का उपयोग) from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via http://www.myupchar.com/tips/dimag-tez-karne-ke-gharelu-upay-aur-kya-khaye-in-hindi
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