#करणछपरा
Explore tagged Tumblr posts
chaitanyabharatnews · 4 years ago
Text
UP पंचायत चुनाव: कभी शादी नहीं करने की ली थी शपथ, ग्राम प्रधान बनने के लिए अब बिना मुहूर्त रचाई शादी
Tumblr media
चैतन्य भारत न्यूज उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की सरगर्मी लगातार तेज हो रही है। लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह चरम पर है। बलिया के एक गांव में प्रधानी का चुनाव लड़ने के लिए एक उम्मीदवार ने तो सालों पहले के अपने एक व्रत को तोड़ दिया। दरअसल इस शख्स ने प्रतिज्ञा ली थी कि वो आजीवन शादी नहीं करेगा और अपने गांव के लोगों की सेवा करेगा। लेकिन उसने अपनी प्रतिज्ञा तब तोड़ दी जब उसे पता चला कि ग्राम प्रधान चुनाव में उसके क्षेत्र से पुरुष की जगह अब महिला चुनाव में उतरेंगी। महिला सीट हुई आरक्षित दरअसल, बलिया के करण छपरा गांव के रहने वाले 45 साल के हाथी सिंह बीते एक दशक से समाजसेवा में लगे हुए हैं। इन्होने पिछली बार भी प्रधानी के चुनाव का पर्चा भरा था लेकिन तब उसे जीत नहीं मिली और वह दूसरे स्थान पर रहा। फिर इस बार ग्राम प्रधान बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए उन्होंने जमकर तैयारी की थी लेकिन जब आरक्षण की लिस्ट आई, तो उनकी उम्मीद टूट गई। उनके गांव की सीट महिला आरक्षित घोषित कर दी गई। अब समस्या यह थी कि हाथी सिंह ने आजीवन शादी न करने का व्रत लिया था। हिंदू परंपराओं और ज्योतिष के अनुसार नहीं हुई शादी इसके बाद हाथी सिंह के समर्थकों ने उन्हें सुझाव दिया कि वह शादी कर लें, ताकि उनकी पत्नी चुनाव लड़ सके। ऐसे में उन्होंने अपन��� व्रत तोड़कर हर कीमत पर अपनी पत्नी को चुनाव में जिताने का प्रण लिया। फिर उन्होंने आखिरकार 26 मार्च को शादी कर ली। दिलचस्प बात यह है कि इस विवाह को खर-मास के दौरान संपन्न कराया गया, जिसे हिंदू परंपराओं के अनुसार शुभ नहीं माना जाता। हाथी सिंह ने कहा, 'उनकी शादी हिंदू परंपराओं और ज्योतिष के अनुसार नहीं हुई। मुझे 13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी करनी थी।' उनकी पत्नी स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं और अब ग्राम पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। किसके कहने पर तोड़ी ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा?: हाथी सिंह ने अपनी ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा समर्थकों के कहने पर तोड़कर शादी की। हाथी सिंह ने बताया कि उसकी मां 80 साल की हैं जिनका ध्यान वो अकेले नहीं रख पाता है और दूसरी तरफ ग्राम प्रधान का चुनाव था जिसमें महिला कैंडिडेट ही हिस्सा ले सकती थी इसलिए महिला कैंडिडेट के रूप में पत्नी को भेज कर अपना सपना पूरा करने के लिए उसने शादी की है। Read the full article
0 notes