#कम्प्यूटर नेटवर्किंग
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कम्प्यूटर नेटवर्किंग किसे कहते है? नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है एंव इसके विभिन्न प्रकार
इस आलेख में कम्प्यूटर नेटवर्किंग किसे कहा जाता है? तथा कम्प्यूटर नेटवर्किंग कितने प्रकार की होती है और नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है एंव इसके विभिन्न प्रकार के बारे मे बताया गया है कम्प्यूटर नेटवर्किंग (Networking of Computer) किसी एक ही प्रक्रिया से जुड़े निकायों का आपस में जुड़ा होना उसकी नेटवर्किंग कहलाती है। इसी प्रकार कम्प्यूटर नेटवर्क आपस में जुड़े हुए कम्प्यूटरों का एक जाल है जो कि भौगोलिक रूप…
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बीसीए डिग्रीधारियों के लिए जॉब के अवसरों की कमी नहीं
बीसीए डिग्रीधारियों के लिए जॉब के अवसरों की कमी नहीं
मथुरा। तकनीकी प्रगति, डिजिटलीकरण तथा सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में बीसीए डिग्री युवाओं के सपनों को चार चांद लगा रही है। बीसीए यानी बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन तीन साल का ऐसा स्नातक पाठ्यक्रम है जो छात्र-छात्राओं को बुनियादी कम्प्यूटिंग कौशल और सॉफ्टवेयर विकास का ज्ञान प्रदान करता है। यह आमतौर पर सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में पहला कदम है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में आयोजित कार्यशाला में बीसीए के छात्र-छात्राओं को अतिथि वक्ता हितेन्द्र सिंह (एण्टर प्राइस आर्किटेक्ट-कैलीफोर्निया) ने बताईं। बीसीए की डिग्री के बाद मिलने वाले अवसरों पर अतिथि वक्ता हितेन्द्र सिंह ने कहा कि बीसीए स्नातकों के लिए कई क्षेत्रों में नौकरी के विविध अवसर हैं। बड़ी संख्या में ऐसे पाठ्यक्रम हैं जिन्हें बीसीए स्नातक अपने करियर और कौशल सेट को बढ़ाने के लिए अपना सकते हैं, जिनमें मास्टर इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए), मास्टर्स इन कम्प्यूटर मैनेजमेंट (एमसीएम), मास्टर्स इन इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट, मास्टर इन इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी मैनेजमेंट आदि शामिल हैं। इनके अलावा बीसीए स्नातक डिजिटल मार्केटिंग, नेटवर्क सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और कोडिंग जैसे अल्पकालिक पाठ्यक्रमों में भी दक्षता हासिल कर सकते हैं। अतिथि वक्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि बीसीए आईटी क्षेत्र का बेस है लिहाजा उन्हें कम्प्यूटर नेटवर्किंग, डाटाबेस, वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, प्रोग्रामिंग, डिजिटल मार्केटिंग और कम्प्यूटर ग्रॉफिक्स आदि में दक्षता हासिल करने की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। अतिथि वक्ता ने राजीव एकेडमी को बीसीए के लिए बेहतर संस्थान बताते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर उद्योग अपनी तेज गति और लगातार बदलती प्रकृति के लिए जाना जाता है। यह उद्योग लगातार विकसित और बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर का उपयोग प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तथा कई अन्य उद्योगों सहित व्यापक श्रेणी में किया जाता है। हाल के वर्षों में सॉफ्टवेयर विकास और संबंधित सेवाओं की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, क्योंकि सभी प्रकार के व्यवसाय और सं��ठन अपने संचालन को डिजिटल बनाने और प्रौद्योगिकी के उपयोग में सुधार करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर शामिल हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से नवीनतम तकनीक के साथ हमेशा अद्यतन रहने की आवश्यकता पर बल दिया। अतिथि वक्ता ने बताया कि हमारे देश में बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन कोर्स का दायरा काफी व्यापक और विविध है। जिन छात्र-छात्राओं ने यह डिग्री पूरी कर ली है, वे सरकारी संगठनों, आईटी कम्पनियों, बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों, दूरसंचार, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पा सकते हैं। वे सॉफ्टवेयर डेवलपर, सिस्टम विश्लेषक, नेटवर्क प्रशासक, वेब डिजाइनर और ���ईटी प्रोजेक्ट मैनेजर आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अतिथि वक्ता का आभार माना।
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साइबर बुलिंग का ऐसे करें मुकाबला, ये हैं सजा दिलाने के तरीके
साइबर बुलिंग का ऐसे करें मुकाबला, ये हैं सजा दिलाने के तरीके
डिजिटल डिवाइसेज यानी मोबाइल फोन, लैपटॉप, कम्प्यूटर, टैबलेट्स, एसएमएस मैसेज और ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट्स के अकाउंट्स से जब किसी ��्यक्ति की रजामंदी के बिना अश्लील संदेश और प्राइवेट तस्वीरें अन्य यूजर्स को पोस्ट और शेयर की जाती हैं तो इसे साइबर बुलिंग कहते हैं। इंटरनेट के आने से पहले ऐसी घटनाएं प्रत्यक्ष रूप से डराकर, धमकाकर अपनी धौंस जमाने और ब्लैकमेल करने के लिए होती थीं जिसे बुलिंग कहते थे।…
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रेलवे भर्ती 2020: न परीक्षा और न ही इंटरव्यू, फौरन करें आवेदन
Railway Recruitment 2020 : पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर द्वारा निकाली गई ट्रेड अप्रेंटिस की 1273 पदों पर भर्तियों के लिए आवेदन की प्रक्रिया जारी है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 फरवरी 2020 है। इस भर्ती में योग्य उम्मीदवारों का चयन 10वीं और आईटीआई में प्राप्त मार्क्स के आधार पर बनी मेरिट सूची के आधार पर किया जाएगा। wcr.indianrailways.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
रिक्त पदों, योग्यता और आवेदन से संबंधित अधिक जानकारी
1. अप्रेंटिस, कुल पद : 1273 (ट्रेड/विषय के अनुसार पदों का विवरण) डीजल मैकेनिक, पद : 100 (अनारक्षित : 41) इलेक्ट्रिशियन, पद : 380 (अनारक्षित : 156) वेल्डर (गैस एंड इलेक्ट्रिक), पद : 51 (अनारक्षित : 23) मशीनिस्ट, पद : 16 (अनारक्षित : 02) फिटर, पद : 345 (अनारक्षित : 143) टर्नर, पद : 10 (अनारक्षित : 06) वायरमैन, पद : 43 (अनारक्षित : 19) मेसन, पद : 25 (अनारक्षित : 13) कारपेंटर, पद : 20 (अनारक्षित : 09) पेंटर, पद : 15 (अनारक्षित : 07) गार्डनर, पद : 20 (अनारक्षित : 09) फ्लोरिस्ट एंड लैंडस्केपिंग, पद : 10 (अनारक्षित : 05) पंप ऑपरेटर-कम-मेकेनिक, पद : 30 (अनारक्षित : 13) हॉर्टिकल्चर असिस्टेंट, पद : 15 (अनारक्षित : 07) इलेक्ट्रॉनिक मेकेनिक, पद : 30 (अनारक्षित : 13) इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्निशियन, पद : 10 (अनारक्षित : 05) कोपा, पद : 60 (अनारक्षित : 34) स्टेनोग्राफर (हिन्दी और अंग्रेजी), पद : 30 (अनारक्षित : 13) बेकर एंड कंफेक्शनर, पद : 06 (अनारक्षित) अप्रेंटिस फूड प्रोडक्शन (सामान्य), पद : 04 (अनारक्षित) अप्रेंटिस फूड प्रोडक्शन (शाखाहारी), पद : 04 (अनारक्षित) अप्रेंटिस फूड प्रोडक्शन (कुकिंग), पद : 12 (अनारक्षित : 06) होटल क्लर्क/रिसेप्शनिस्ट, पद : 02 (अनारक्षित) डिजिटल फोटोग्राफी, पद : 02 (अनारक्षित) असिस्टेंट फ्रंट ऑफिस मैनेजर, पद : 02 (अनारक्षित) कम्प्यूटर नेटवर्किंग टेक्निशियन, पद : 06 (अनारक्षित) क्रेच मैनेजमेंट असिस्टेंट, पद : 03 (अनारक्षित) सेक्रेटेरियल असिस्टेंट, पद : 06 (अनारक्षित) हाउस कीपर, पद : 12 (अनारक्षित : 06) हेल्थ सेनिटरी इंस्पेक्टर, पद : 02 (अनारक्षित) डेंटल लैबोरेटरी टेक्निशियन, पद : 02 (अनारक्षित)
2. योग्यता : मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ दसवीं की परीक्षा पास हो और पद से संबंधित ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट प्राप्त होना चाहिए।
3. स्टाइपेंड : नियमानुसार दिया जाएगा।
4. आयु सीमा - 01 जनवरी 2020 को न्यूनतम 15 और अधिकतम 24 वर्ष से कम होनी चाहिए। - उम्मीदवारों का जन्म 01 जनवरी 1996 से पहले और 01 जनवरी 2005 के बाद न हुआ हो। - अधिकतम आयु सीमा में ओबीसी वर्ग के लिए तीन वर्ष, एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए पांच वर्ष और दिव्यांगों को दस वर्ष की छूट दी जाएगी।
5. आवेदन शुल्क - 170 (100 रुपये प्रोसेसिंग फीस+ 70 रुपये एमपी ऑनलाइन पोर्टल शुल्क) रुपये। इसका भुगतान ऑनलाइन माध्यम से क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड, एसबीआई यूपीआई या नेट बैंकिंग के जरिए कर सकते हैं। - एससी/एसटी/ईडब्ल्यूएस/दिव्यांग और महिला उम्मीदवारों को कोई शुल्क नहीं देना होगा।
6. चयन प्रक्रिया - योग्य उम्मीदवारों का चयन शैक्षणिक योग्यता में प्राप्त अंकों के आधार पर बनी मेरिट सूची के आधार पर किया जाएगा।
7. यहां देखें नोटिफिकेशन - वेबसाइट (https://wcr.indianrailways.gov.in) पर लॉगइन करें। होमपेज पर इंर्पोटेंट इंफॉर्मेशन/महत्वपूर्ण सूचनाएं बॉक्स दिया गया है। - इसमें स्क्रॉल हो रहे विज्ञापन शीर्षक 57.'Act apprentice Notification Financial Year 2019-20 issued by DRM(P) Office,Recruitment Section' लिंक पर क्लिक करें। - ऐसा करने से पद से संबंधित विज्ञापन खुल जाएगा। इसे ध्यान से पढ़ लें और अपनी योग्यता जांच लें।
8. आवेदन प्रक्रिया - विज्ञापन में दी गई वेबसाइट (www.mponline.gov.in) पर लॉगइन करें। होमपेज पर एप्लीकेशन ऑप्शन पर क्लिक करें। - ऐसा करने पर एक नया वेबपेज खुल जाएगा। यहां Jabalpur, Division West Central Railway का ऑप्शन दिया गया है। इस पर क्लिक करें। - खुलने वाले नए पेज पर सर्विस सेक्शन पर क्लिक करें। यहां आपको एप्लीकेशन नेम/डिटेल्स में शीर्षक प. म.रे. जबलपुर रेलवे 2019 दिया गया है। - इसके नीचे न्यू रजिस्ट्रेशन फॉर वेरियस ट्रेड के आगे दि�� गए क्लिक हियर लिंक पर क्लिक करें। - ऐसा करते ही दिशा-निर्देशों से संबंधित नोटिफिकेशन बॉक्स खुलेगा। इसे ध्यान से पढ़कर ओके बटन पर टैब करें। - अब आपकी कम्प्यूटर की स्क्रीन पर ऑनलाइन आवेदन पत्र खुल जाएगा। इसे विज्ञापन में दिए दिशा-निर्देशों के अनुसार पूरा भरें और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करें। - अंत में सफलतापूर्वक जमा किए गए आवेदन का ए4 साइज के पेपरपर प्रिंटआउट निकाल कर अपने पास सुरक्षित रखें।
9. खास तिथि ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि : 14 फरवरी 2020
10. अधिक जानकारी यहां वेबसाइट : https://wcr.indianrailways.gov.in और www.mponline.gov.in
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/railway-recruitment-2020-neither-examination-nor-interview-apply-imm-5764975/
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नेटवर्क क्या है? What is Network in Hindi?
दो या दो से अधिक कंप्यूटरों का एक साथ जोड़ना नेटवर्क कहलाता है। आप इन्हें Wire या Wireless दोनों माध्यम से जुड़ और इनके द्वारा आप अपने डाटा को शेयर भी कर सकते हैं। प्रत्येक नेटवर्क का एक निश्चित उद्देश्य होता है। नेटवर्क से हमारा तात्पर्य आसपास या दूर बिखरे हुए Computers को इस प्रकार जोड़ने से है। कंप्यूटर के साधनों में भागीदारी करने के उद्देश्य से बहुत से कंप्यूटरों को आपस में जोड़ा जाता है जिसे कंप्यूटर नेटवर्किंग कहते हैं।
दूसरे शब्दों में, "सूचनाओं या अन्य संसाधनों के परस्पर आदान-प्रदान एवं साझेदारी के लिए दो या दो से अधिक कम्यूटरों का परस्पर जुड़ाव Network कहलाता है। कम्प्यूटर नेटवर्क के अन्तर्गत संसाधनों एवं संयन्त्रों की परस्पर साझेदारी होती है, जिससे डाटा तथा सूचनाएँ एक कम्प्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में समान रूप से पहुंचती है।"
नेटवर्क एक कंपनी, एक अथवा अधिक भवनों, एक कमरे तथा शहर के मध्य स्थापित किए जा सकते हैं। Read more...
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We depend on Chinese apps for entertainment, data sharing, photo editing; Ticketlock, PubG, UC Browser to Zoom all Chinese | एंटरटेनमेंट, डेटा शेयरिंग, फोटो एडिटिंग तक के लिए हम चीनी ऐप्स पर निर्भर; टिकटॉक, पबजी, यूसी ब्राउजर से लेकर जूम तक सब चाइनीज ऐप
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We depend on Chinese apps for entertainment, data sharing, photo editing; Ticketlock, PubG, UC Browser to Zoom all Chinese | एंटरटेनमेंट, डेटा शेयरिंग, फोटो एडिटिंग तक के लिए हम चीनी ऐप्स पर निर्भर; टिकटॉक, पबजी, यूसी ब्राउजर से लेकर जूम तक सब चाइनीज ऐप
भारत में टिकटॉक के लगभग 20 करोड़ यूजर्स हैं, यह दुनियाभर के 150 बाजारों में 39 भाषाओं में उपलब्ध
लॉकडाउन के दौरान पबजी गेम काफी खेला गया, मई में ऐप ने दुनियाभर में करीब 1.7 हजार करोड़ रु. का कारोबार किया
दैनिक भास्कर
Jun 29, 2020, 09:29 PM IST
नई दिल्ली. गलवान घाटी पर भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सोमवार को केन्द्र सरकार ने चीन पर डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक किया है। सरकार ने टिकटाॅक समेत 59 चाइनीज ऐप पर रोक लगाने का फैसला लिया है। सरकार ने इन ऐप्स से भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरा बताया है। बता दें कि इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से चाइनीज एप की एक लिस्ट तैयार कर केंद्र सरकार से अपील की थी इनको बैन किया जाए या फिर लोगों को कहा जाए कि इनको तुरंत अपने मोबाइल से हटा दें। इसके पीछे दलील ये दी गई थी कि चीन भारतीय डेटा हैक कर सकता है। बता दें कि भारत में इन ऐप्स का क��ोड़ों में यूजर्स हैं। आइए जानते हैं भारत में पॉपुलर और अच्छा क���रोबार करने वाली चीनी ऐप्स…
टिकटॉक भारत में काफी पॉपुलर है। शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने इसका नाम नहीं सुना होगा। यह एक शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है, जो एक मिनट तक के वीडियो बनाने और उन्हें लोगों के साथ शेयर करने की अनुमति देता। ऐसे में कई लोग प्रोफेशनली तो कई लोग सिर्फ मनोरंजन के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके चाहने वालों में विराट कोहली, शिल्पा शेट्टी जैसी समेत कई भारतीय सेलिब्रिटी भी शामिल हैं। टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइट डांस है, जिसकी कई ऐप्स भारत में सक्रिय है। टिकटॉक भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के 150 बाजारों में लगभग 39 भाषाओं में उपलब्ध है। दुनियाभर में इसके करीब 40 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। जिसमें से करीब 41 फीसदी यूजर्स की उम्र 16 से 24 साल के बीच है।
2. पबजी मोबाइल
पबजी मोबाइल एक पॉपुलर बैटल रॉयल गेम है और इस भारत का सबसे पसंदीदा मोबाइल गेम कहना गलत नहीं होगा। इसमें चार लोग टीम बनाकर साथ खेल सकते हैं। इसमें मल्टिपल गेम मोड्स मिलते हैं। लॉकडाउन के दौरान इसे खूब पसंद किया गया क्योंकि इस घर पर रहकर ही दोस्तों के साथ खेला जा सकता है। इस कारण इसकी डिमांड में भी काफी इजाफा हुआ। गूगल प्ले स्टोर पर इसने टॉप 5 गेम्स में अपनी जगह बनाई। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2020 की पहली तिमाही में पबजी मोबाइल के 60 करोड़ डाउनलोड्स और 5 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे। सेंसर टॉवर की रिपोर्ट के मुताबिक, मई में पबजी मोबाइल $226 मिलियन (लगभग 1.7 हजार करोड़ रुपए) रेवेन्यू के साथ दुनिया का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाला मोबाइल गेम रहा।
3. UC ब्राउजर
नाम से ही पता चलता है कि यह एक मोबाइल ब्राउजर है। इसे UCWeb ने डेवलप किया है, जिसका चीनी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा ने अधिग्रहण कर लिया है। गूगल क्रोम के बाद यह भारत का सबसे लोकप्रिय ब्राउजर में से एक है। स्टेटकाउंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ब्राउजर मार्केट शेयर में इसका 12.59 फीसदी हिस्सा है। 2017 में UC ब्राउजर पर डाटा चोरी का आरोप भी लग चुका है। इसके कारण ऐसे इसे कुछ समय के लिए गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था।
हेलो एक सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म है, जिसे जून 2018 में चीनी स्टार्टअप कंपनी बाइटडांस ने लॉन्च किया था। हेलो ऐप भारत में बनी शेयरचैट ऐप का ही सक्सेसफुल चीनी वर्जन है। इसमें एंटरटेनमेंट, पॉलिटिक्स, पैरेंटिंग और फार्मिंग जैसे टॉपिक्स की जानकारी मिलती है। इसमें हिंदी, तमिल माराठी, गुजराती समे�� कई भारतीय भाषाओं का सपोर्ट मिलता है।
यह एक पॉपुलर फाइल शेयरिंग ऐप है, जो दो डिवाइस के बीच आसानी से फाइल शेयरिंग करने की सुविधा देती है। इसे फोन से कम्प्यूटर के बीच फाइल शेयर करने के लिए भी यूज किया जा सकता है। जुलाई 2019 में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने भारत में अपना कामकाज 2015 में शुरू किया था। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इसका ऑफिस सिंगापुर में स्थित है। 2019 में दुनियाभर में इसके 180 करोड़ यूजर्स हैं जबकि भारत और इंडोनेशिया में 60 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। कंपनी अब शॉर्ट वीडियो, मूवी जैसे हाई क्वालिटी कंटेंट भी मुहैया करा रही है।
फोटो, वीडियो, ऐप हो या कोई अन्य डॉक्युमेंट इन्हें एक दूसरे से ट्रांसफर करने के लिए हम अक्सर जे़ंडर ऐप का इस्तेमाल करते हैं। यह भी शेयरइट की तरह ही काम करता है। इसमें यूजर दो से ज्यादा डिवाइस आपस में कनेक्ट कर सकते हैं। कंपनी की स्थापना 2011 में हुई थी और अब दुनियाभर में इसके 70 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं। इसे फोन और कम्प्यूटर के साथ स्मार्ट टीवी से भी कनेक्ट किया जा सकता है।
7. ब्यूटी प्लस
सोशल मीडिया पर खूबसूरत दिखने की होड में भारतीयों ने धड़ल्लें से ब्यूटी प्लस ऐप का इस्तेमाल किया। इसे चीन के Meitu कंपनी ने डेवलप किया है, जिसकी ब्यूटी प्लस समेत कई फोटो एडिटिंग ऐप्स भारतीय बाजार में सक्रिय है। ब्यूटी प्लस एक फोटो एडिटर और सेल्फी फिल्टर ऐप है। यह यूजर को इमेज एडिट करने, फोटो में इफेक्ट देने और सेल्फी लेते समेत कई तरह के फिल्टर्स इस्तेमाल करने की सुविधा देती है। Meitu की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी जानकारी के मुताबिक दिसंबर 2019 तक दुनियाभर के 188 करोड़ डिवाइस में Meitu के प्रोडक्ट एक्टिवेट थे। वहीं भारत समेत 15 ऐसे देश है जहां इसके यूजर्स की संख्या 1 करोड़ से ज्याद��� थी। मई 2019 में ब्यूटी प्लस ऐप ने 50 करोड़ यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया था।
8. कैम स्कैनर
यह डॉक्यूमेंट स्कैनिंग ऐप भारत में काफी पॉपुलर हुई। यह इमेज और डॉक्यूमेंट स्कैन कर उस पीडीएफ फाइल में कन्वर्ट करने की सुविधा देता है, जिसे कहीं भी आसानी से भेजा जा सकता है। इसे सीसी इंटेलिजेंस कॉर्पोरेशन ने डेवलप किया है। इसके कैम स्कैनर, कैम कार्ड समेत कई प्रोडक्ट बाजार में मौजूद हैं। कंपनी का कहना है कि दुनियाभर के 10 करोड़ से ज्यादा लोग उसके प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं। कैमस्कैनर कुछ समय के लिए विवादों में भी रही, जब एक मालवेयर के कारण इसे प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कैम स्कैनर के 10 करोड़ यूजर्स हैं। इस ऐप को 200 से ज्यादा देशों में 37 करोड़ डिवाइस में डाउनलोड किया जा चुका है।
यह एक पॉपुलर वीडियो स्टेट्स ऐप है। इसमें यूजर अपनी फोटो और वीडियो से वीडियो स्टेट्स बना सकते हैं, जिसे सोशल मीडिया ऐप जैसे वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम और फेसबुक स्टोरीज बनाया जा सकता है। यह यूजर को आसान इंटरफेस प्रदान करता है जिससे वे वीडियो एडिट और क्रिएट कर सकते हैं। इसे KWAI.XYZ STUDIO कंपनी ने तैयार किया है और प्लेस्टोर पर अबतक इसके 5 करोड़ ��े ज्यादा डाउनलोड्स पूरे हो चुके हैं।
यह एक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग ऐप है। इसके फ्री वर्जन में 100 लोग एक साथ वीडियो मीटिंग कर सकते हैं। लॉकडाउन के दौरान ऑफिस मीटिंग हो या दूर बैठे दोस्तों-रिश्तेदारों से बात करना हो। भारतीयों ने इस ऐप को धड़ल्ले से इस्तेमाल किया। ऐप पर डेटा चोरी कर अन्य कंपनियों के साझा करना का आरोप लगा तब यह विवादों में आई। इसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से भारत सरकार ने एडवायजरी जारी कर ऐप इस्तेमाल न करने के लिए कहा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में जनवरी से लेकर मार्च तक इसके यूजर 1 करोड़ से 20 करोड़ तक पहुंच गए थे। कंपनी ने बताया कि लगभग 200 देशों के 90 हजार से ज्यादा स्कूलों में इसी ऐप के जरिए पढ़ाई हो रही है।
यह भी टिकटॉक की तरह ही शॉर्ट वीडियो शेयरिगं प्लेटफार्म है, जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था, हालांकि यह टिकटॉक की तरह पॉपुलर नहीं हो पाया। बावजूद भारत में इसके 5 करोड़ यूजर्स हैं।
वीगो वीडियो
वीगो वीडियो भी भारत में काफी पॉपुलर शॉर्ट वीडियो शेयरिंग प्लेटफार्म है। इसका लाइट वर्जन ही बाजारा में वीगो लाइट नाम से मौजूद है। टिकटॉक की तरह इनकी पैरेंट कंपनी भी बाइटडांस है। हालांकि कंपनी वीगो वीडियो और वीगो लाइट की सर्विस 31 अक्टूबर को भारत में बंद करने जा रही है। कंपनी ने इसके यूजर्स को सारा कंटेंट टिकटॉक पर शिफ्ट करने के लिए कहा है।
क्लैश ऑफ किंग्स
यह एक पॉपुलर गेमिंग ऐप है, जिसमें मल्टीपल यूजर्स ऑनलाइन गेम खेल सकते हैं। इसे Elex Tech कंपनी ने 2014 में तैयार किया था। गूगल प्ले स्टोर पर इसके 5 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड्स हो चुके हैं।
क्लब फैक्ट्री
यह चीनी ई-कॉमर्स ऐप है, जिसने 2016 में भारत में अपना कारोबार शुरू किया। इस पर ज्वैलरी, होम डेकोर, हैंड बैग, ब्यूटी समेत कई कैटेगरी के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। जनवरी 2020 में इसे 10 करोड़ एक्टिव यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया था।
यह चीनी मैसेजिंग और सोशल मीडिया ऐप है। प्ले स्टोर पर दी गई जानकारी के मुताबिक दुनियाभर में इसके 100 करोड़ यूजर्स हैं। इस पर चैट और ग्रुप वीडियो कॉल समेत कई तरह की सुविधा मिलती हैं। कंपनी ने भारत में वीचैट-पे डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी शुरू कर चुकी है।
टर्बो VPN एक चीनी VPN प्रोवाइडर टूल है। यह फ्री ऐप है। इस कुछ हद तक सुरक्षित माना जा सकता है क्योंकि इसे इस्तेमाल करने के लिए किसी प्रकार के सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं पड़ती। कंपनी के मुताबिक दुनियाभर में ऐप के 30 करोड़ यूजर्स हैं।
ऐप लॉक भी भारत में काफी पुराने और लोकप्रिय ऐप है। इस 2012 में लॉन्च किया गया है। कंपनी के मुताबिक 150 देशों में इसे 30 करोड़ से ज्यादा यूजर्स इस्तेमाल करते हैं। यह 32 भाषाओं में उपलब्ध है। इससे किसी भी ऐप को पासवर्ड प्रोटेक्ट किया जा सकता है।
फ्लैश कीबोर्ड
यह चीनी ऐप कीबोर्ड कस्टमाइज करने की सुविधा देती है। इसमें कीबोर्ड के लिए कई तरह की थीम और इमोजी उपलब्ध है। ऐप से किसी फोटो को भी कीबोर्ड बैकग्राउंड बनाया जा सकता है। हालांकि प्ले स्टोर पर इसके 50 हजार से अधिक डाउनलोड्स ही हैं।
टिकटॉक, वीगो ऐप की तरह लाइक भी शॉर्ट वीडियो शेयरिंग ऐप है। इसके ज्यादातर यूजर्स भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं। इसमें कई सारे स्टीकर्स और म्यूजिक मैजिक फि��्टर्स के जरिए वीडियो बनाने की सुविधा मिलती है।
क्लीन मास्टर
क्लीन मास्टर चीनी ऐप है, जो फोन से जंक फाइल हटाकर डिवाइस की परफॉर्मेंस बेहतर कर स्टोरेज फ्री करता है। कंपनी का दावा है कि इसके प्रीमियम वर्जन से डिलीट हो चुकी फाइल भी वापस लाई जा सकती है। इसे चीनी कंपनी cheetah मोबाइल ने डेवलप किया है।
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दो लड़कियों से हो गई फेसबुक पर बहुत बड़ी गड़बड़.... ये गलती आप भूलकर भी आप ना करें
दो लड़कियों से हो गई फेसबुक पर बहुत बड़ी गड़बड़.... ये गलती आप भूलकर भी आप ना करें #Hack #Facebook #Local News
देश : इंटरनेट के आने के बाद दुनिया सिमट कर कम्प्यूटर और मोबाइल पर आ गई है। सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिए ही हम आजकल एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं। इनमें फेसबुक का अहम स्थान है। लेकिन क्���ा आपको पता है कि आपकी एक छोटी सी गलती से बड़ा नुकसान हो सकता है। अगर आप भी फेसबुक पर हैं तो ये गलती भूलकर भी मत कीजिएगा जो रामनगर निवासी दो युवतियों ने कर दी।
उत्तराखंड के रामनगर से सामने आया मामला
एक प्रसिद्द…
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History of internet
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Aaj him baat karenege internet ke History ke Chaliye chalte hai पॉल बारन और डोनाल्ड डेविस द्वारा पैकेट स्विचिंग में संशोधन 1 9 60 के दशक के मध्य में, और पैकेट ने एनपीएल नेटवर्क, एआरपीएएनएटी, टायनेट, मेरिट नेटवर्क, टेलनेट, और साइक्लेड्स जैसे नेटवर्क स्विच किए , 1 9 60 के दशक और 1 9 70 के दशक में विभिन्न प्रोटोकॉल का उपयोग करके विकसित किया गया था। एआरपीएएनईटीई प्रोजेक्ट ने इंटरनेटवर्किंग के लिए प्रोटोकॉल के विकास के लिए नेतृत्व किया, जिसके द्वारा कई अलग-अलग नेटवर्क नेटवर्क के एक नेटवर्क में शामिल हो सकते थे। एआरपीएनईटी विकास दो नेटवर्क नोड से शुरू हुआ, जो कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में नेटवर्क मापन केंद्र के बीच एक दूसरे से जुड़ा हुआ था। , 29 अक्टूबर 1 9 6 9 को मेनलो पार्क, कैलिफ़ोर्निया में डगलस एंजेलबार्ट द्वारा एसआरआई इंटरनेशनल (एसआरआई) में लियोनार्ड क्लेनरॉक द्वारा निर्देशित लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) हेनरी सैमुएली स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और एप्लाइड साइंस और । तीसरी साइट यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया, सांता बारबरा में कल्लेर फ्राइड इंटरएक्टिव मैथमेटिक्स सेंटर थी, इसके बाद यूटा विश्वविद्यालय यूटा ग्राफिक्स डिपार्टमेंट के पास था। भविष्य के विकास के शुरुआती संकेत में, 1 9 71 के अंत तक पंद्रह स्थल युवा एआरपीएएनएटी से जुड़े हुए थे। ये प्रारंभिक वर्ष 1 9 72 की फ़िल्म कंप्यूटर नेटवर्क: द हेराल्ड ऑफ़ रिसोर्स शेयरिंग में प्रलेखित किए. ARPANET पर प्रारंभिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग दुर्लभ थे। यूरोपीय डेवलपर्स एक्स.25 नेटवर्क विकसित करने के लिए चिंतित थे। जून 1 9 73 में नॉर्वेजियन सिस्मिक अर्रे (नोर्स), 1 9 73 में स्वीडन द्वारा तनुम पृथ्वी स्टेशन और पीटर टी। क्रिस्टीन के अनुसंधान समूह के उपग्रह लिंक के साथ यूनाइटेड किंगडम, शुरू में कंप्यूटर विज्ञान संस्थान, लंदन विश्वविद्यालय और बाद में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में। दिसंबर 1 9 74 में, विनटन सर्फ, योजोन दलाल और कार्ल सनशाइन द्वारा आरएफसी 675 (इंटरनेट ट्रांसमिशन नियंत्रण कार्यक्रम की विशिष्टता) ने इंटरनेट को इस्तेमाल करने के लिए लघुकथ के रूप में इंटरनेट का इस्तेमाल किया और बाद में आरएफसी ने इस प्रयोग को दोहराया। 1 9 81 में राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (एनएसएफ़) ने कम्प्यूटर साइंस नेटवर्क (सीएसएनईटी) को वित्त पोषित करने के लिए एआरपीएएनएटी तक पहुंच का विस्तार किया था। 1 9 82 में, इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट (टीसीपी / आईपी) को मानकीकृत किया गया था, जिससे दुनिया भर में इंटरकनेक्टेड नेटवर्क्स की अनुमति थी. 1 9 86 में टीसीपी / आईपी नेटवर्क का विस्तार फिर से विस्तार हुआ, जब राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन नेटवर्क (एनएसएफ़नेट) ने शोधकर्ताओं के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में सुपरकंप्यूटर साइटों तक पहुंच प्रदान की, पहले 56 केबीटी / एस की रफ्तार और बाद में 1.5 एमबीटी / एस और 45 एमबीटी / एस । वाणिज्यिक इंटरनेट सेवा प्रदाता (आईएसपी) 1 9 80 के दशक के उत्तरार्ध में और 1990 के दशक के आरंभ में उभरा। 1 99 0 में एआरपीएनेट को निष्क्रिय कर दिया गया था। 1 99 5 तक, यू.एस. में इंटरनेट का पूरी तरह से व्यावसायीकरण किया गया था जब एनएसएफएनटी को डिकमीशन किया गया था, जिससे वाणिज्यिक ट्रैफिक लेने के लिए इंटरनेट के इस्तेमाल पर अंतिम प्रतिबंध हटा दिया गया था। 1 9 80 के दशक के उत्तरार्ध में और 1 9 80 के दशक के उत्तरार्ध में और 1 99 0 की में यूरोप में इंटरनेट का तेजी से विस्तार हुआ। दिसंबर 1 9 88 में एनएसएफएनईटी और यूरोप में नेटवर्क के बीच समर्पित ट्रान्साटलांटिक संचार की शुरुआत प्रिंसटन विश्वविद्यालय और स्टॉकहोम, स्वीडन के बीच एक कम गति वाले उपग्रह रिले के साथ की गई थी। यद्यपि अन्य नेटवर्क प्रोटोकॉल जैसे कि यूयूपीपी इस समय से पहले अच्छी तरह से वैश्विक पहुंच थे, इसने इंटरकांटिनेंटल नेटवर्क के रूप में इंटरनेट की शुरुआत की. 1 9 8 9 के मध्य में इंटरनेट का सार्वजनिक वाणिज्यिक उपयोग इंटरनेट के 500,000 उपयोगकर्ताओं को एमसीआई मेल और कंपोसर्व की ईमेल क्षमताओं के साथ हुआ। बस महीने बाद 1 जनवरी 1 99 0 को, पीएसआईनेट ने वाणिज्यिक उपयोग के लिए वैकल्पिक इंटरनेट रीढ़ की शुरुआत की; एक ऐसा नेटवर्क जो वाणिज्यिक इंटरनेट में बढ़ेगा जिसे आज हम जानते हैं मार्च 1 99 0 में, एनएसएफएनईटी और यूरोप के बीच पहला उच्च गति टी 1 (1.5 एमबीटी / एस) लिंक, कार्नेल यूनिवर्सिटी और सीईआरएन के बीच स्थापित किया गया था, उपग्रहों के लिए सक्षम होने की तुलना में बहुत अधिक मजबूत संचार की अनुमति दी गई थी। छह महीने बाद टिम बर्नर्स-ली, वर्डवेब, सीईआरएन प्रबंधन के दो साल के लॉबिंग के बाद पहला वेब ब्राउज़र लिखना शुरू ��र देंगे। 1990 के दशक तक, बर्नर्स-ली ने काम कर रहे वेब: हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी 0.9), हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (एचटीएमएल), पहला वेब ब्राउज़र (जो कि एक एचटीएमएल एडिटर भी था, के लिए आवश्यक सभी उपकरण तैयार किए थे यूज़नेट समाचारसमूहों और एफ़टीपी फाइलों तक पहुंच सकता है), पहले एचटीटीपी सर्वर सॉफ्टवेयर (बाद में सीईआरएन httpd के रूप में जाना जाता है), पहला वेब सर्वर, और पहला वेब पेज जो परियोजना को खुद ही वर्णित करता है 1 99 1 में वाणिज्यिक इंटरनेट एक्सचेंज की स्थापना की गई थी, जो PSInet को अन्य वाणिज्यिक नेटवर्क सीईआरएफनेट और अल्टरनेट के साथ संवाद करने की अनुमति दे रहा था। 1 99 5 से इंटरनेट ने संस्कृति और वाणिज्य पर काफी प्रभाव डाला है, जिसमें ईमेल, त्वरित संदेश, टेलीफोनी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल या वीओआईपी), दो-तरफा इंटरैक्टिव वीडियो कॉल, और वर्ल्ड वाइड वेब के पास त्वरित संचार की वृद्धि शामिल है इसकी चर्चा मंच, ब्लॉग, सोशल नेटवर्किंग, और ऑनलाइन शॉपिंग साइटें डेटा की बढ़ती मात्रा 1-जीबीटी / एस, 10-जीबीटी / एस या उससे अधिक पर संचालित फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क पर उच्च और उच्च गति पर प्रसारित होती है. इंटरनेट ऑनलाइन, सूचना, ज्ञान, वाणिज्य, मनोरंजन और सोशल नेटवर्किंग से अधिक मात्रा में बढ़ रहा है। 1 99 0 के उत्तरार्ध के दौरान, यह अनुमान लगाया गया था कि सार्वजनिक इंटरनेट पर ट्रैफ़िक प्रति वर्ष 100 प्रतिशत बढ़े, जबकि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में वार्षिक वृद्धि का अनुमान 20% और 50% के बीच माना जाता था। यह विकास अक्सर केंद्रीय प्रशासन की कमी के कारण होता है, जो नेटवर्क के जैविक विकास की अनुमति देता है, साथ ही साथ इंटरनेट प्रोटोकॉल की गैर-स्वामित्व वाली प्रकृति, जो विक्रेता अंतर को प्रोत्साहित करती है और किसी एक कंपनी को नेटवर्क पर बहुत अधिक नियंत्रण करने से रोकती है । 31 मार्च 2011 तक, इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की अनुमानित कुल संख्या 2.0 9 5 अरब (विश्व जनसंख्या का 30.2%) थी। यह अनुमान लगाया गया है कि 1 99 3 में इंटरनेट ने 2-रास्ता दूरसंचार के माध्यम से बहने वाली जानकारी का केवल 1% ही किया, 2000 तक यह आंकड़ा 51% हो गया, और 2007 तक इंटरनेट पर सभी दूरसंचार सूचनाओं का 97% से अधिक डेटा लिया गया. Kya History Hai haina Dosto
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जयपुर में ऑनलाइन होंगे वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र
Rajasthan News : राजस्थान मोटरयान प्रदूषण ऑनलाइन जांच केन्द्र योजना के तहत प्रथम चरण में जयपुर जिले में 19 अगस्त से वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र केवल ऑनलाईन ही जारी किए जाएंगे। इसके लिए जिले के सभी 151 अधिकृत केन्द्रों को नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ा जा चुका है।
परिवहन मंत्री यूनुस खान ने बताया कि प्रदेश के अधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता एवं एकरुपता के लिए राज्य सरकार ने बजट वर्ष 2016-17 में इन जांच केन्द्रों को नेटवर्किंग के माध्यम से जोडऩे की घोषणा की थी। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड इन्स्ट्रूमेन्ट््स लिमिटेड से ��मझौता किया गया है।
योजना के द्वितीय चरण में अगले तीन माह में अन्य जिलों में स्थापित करीब 1000 अधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों को भी नेटवर्किंग के माध्यम से जोड़ दिया जाएगा। परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव एवं आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि अधिकृत ऑनलाइन प्रदूषण जांच केन्द्रों पर नेटवर्किंग हेतु इन्टरनेट कनेक्टिविटी, विन्डोज युक्त कम्प्यूटर आदि सभी आवश्यकताएं पूरी कर ली गई हैं। वाहन प्रदूषण जांच के बाद जारी प्रमाण पत्र पर सत्यापन के लिए क्यू.आर कोड होगा, जिसे स्कैन कर प्रमाण पत्र को सत्यापित किया जा सकेगा।
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बनाएं लाइब्रेरी साइंस में सुनहरा भविष्य, मिलेगी ज्यादा सैलेरी, यहां से करें कोर्स
पढऩे के शौकीन और पुस्तकों से लगाव रखने वाले लोगों के लिए लाइब्रेरी साइंस का विषय कई तरह से अच्छा है। इससे जुड़े प्रोफेशनल्स की डिमांड भी काफी हद तक बढ़ी है। इन दिनों दुनियाभर में मौजूद पुस्तकालय में केवल पुस्तकों का संग्रहालय ही नहीं रहा है बल्कि यहां तमाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स, माइक्रो फिल्म्स, वीडियो, कैसेट्स आदि से जुड़ी सामग्री भी सहेजकर रखी जाती हैं।
यही कारण है कि लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई में लाइब्रेरी मैनेजमेंट, मेंटेनेंस, मनुस्क्रिप्ट कंजर्वेशन, रिसर्च मैथेडोलॉजी, कम्प्यूटर एप्लीकेशन, इंफॉर्मेशन प्रोसेसिंग, इंडेक्सिंग और आर्काइव मैनेजमेंट आदि विषयों को शामिल किया जाता है।
योग्यता कला संकाय से 12वीं कक्षा पास होने के अलावा संबंधित विषय से ग्रेजुएशन, मास्टर्स और पीएचडी डिग्री प्राप्त होना अनिवार्य है।
रोजगार की संभावनाएं इस फील्ड से जुड़ी पढ़ाई करने के बाद प्रोफेशनल सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में नौकरी पा सकते हैं। इन जगहों पर लाइब्रेरी अटेंडेंट, जूनियर लाइब्रेरियन/प्रोफेशनल असिस्टेंट, असिस्टेंट लाइब्रेरियन, डिप्टी लाइब्रेरियन, लाइब्रेरियन, चीफ लाइब्रेरियन, कंसल्टेंट, रैफरेंस लाइब्रेरियन, सीनियर इंफॉर्मेशन एनालिस्ट, डायरेक्टर और हेड के रूप में विभिन्न पदों पर नौकरी कर सकते हैं।
संबंधित कोर्सेज देश और विदेश में मौजूद कई ऐसी संस्थान और विश्वविद्यालय मौजूद हैं जहां लाइब्रेरी और इंफॉर्मेशन साइंस से जुड़े डिग्री व डिप्लोमा कोर्स संचालित किए जाते हैं। जानते हैं ऐसे कोर्सेज के बारे में-
सर्टिफिकेट इन लाइब्रेरी साइंस
सर्टिफिकेट इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस
डिप्लोमा इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन लाइब्रेरी ऑटोमेशन एंड नेटवर्किंग
बैचलर्स इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस
मास्टर्स इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस
एमफिल इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस
पीएचडी इन लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस
यहां से ले सकते हैं शिक्षा
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
दिल्ली यूनिवर्सिटी
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़
राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर
माखनलाल चतुर्वेदी नेशनल इंस्टीट्यू�� ऑफ जर्नलिज्म, भोपाल
लखनऊ यूनिवर्सिटी, लखनऊ
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/make-career-in-library-science-3988597/
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NIT कालिकट में प्रोजेक्ट नेटवर्क टेक्निशियन, प्रोजेक्ट हार्डवेयर टेक्निशियन के पदाें पर भर्ती, करें आवेदन
NIT calicut recruitment 2018, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( NIT ), कालिकट ने प्रोजेक्ट नेटवर्क टेक्निशियन, प्रोजेक्ट हार्डवेयर टेक्निशियन और टेक्निकल असिस्टेंट के 23 रिक्त पदों पर भ्रती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक व याेग्य उम्मीदवार इन पदाें के लिए 14 अगस्त 2018 को आयाेजित हाेने वाले वाॅक इन इंटरव्यू में शामिल हाे सकते हैं।अावेदन आैर अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए अधिसूचना विवरण लिंक पर क्लिक करें।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( NIT ), कालिकट मेें रिक्त पदाें का विवरणः
प्रोजेक्ट नेटवर्क टेक्निशियन, पद : 01 योग्यता : बीई/बीटेक या कम्प्यूटर साइंस/इंजीनियरिंग में में तीन वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त हो अथवा बीसीए किया हो। - इसके साथ संबंधित क्षेत्र में छह वर्ष का कार्यानुभव होना चाहिए। आयु सीमा : अधिकतम 33 वर्ष। वेतन : 18150 रुपये प्रतिमाह।
प्रोजेक्ट हार्डवेयर टेक्निशियन, पद : 01 योग्यता : कम्प्यूटर इंजीनियरिंग/इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक की डिग्री प्राप्त हो। अथवा - कम्प्यूटर साइंस/हार्डवेयर इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त हो अथवा बीसीए किया हो। - इसके साथ संबंधित क्षेत्र में छह वर्ष का कार्यानुभव होना चाहिए। आयु सीमा : अधिकतम 33 वर्ष। वेतन : 16500 रुपये प्रतिमाह।
प्रोजेक्ट जूनियर नेटवर्क टेक्निशियन, पद : 02 योग्यता : कम्प्यूटर इंजीनियरिंग/इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक की डिग्री प्राप्त हो। अथवा - कम्प्यूटर साइंस/हार्डवेयर इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त हो अथवा बीसीए किया हो। - इसके साथ संबंधित क्षेत्र में पांच वर्ष का कार्यानुभव होना चाहिए। आयु सीमा : अधिकतम 33 वर्ष। वेतन : 16500 रुपये प्रतिमाह।
टेक्निकल असिस्टेंट(नेटवर्किंग एंड हार्डवेयर मेंटिनेंस), पद : 13 योग्यता : बीई/बीटेक की डिग्री प्राप्त हो अथवा कम्प्यूटर साइंस/इंजीनियरिंग/इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त हो अथवा बीसीए किया हो। - इसके साथ संबंधित क्षेत्र में पांच वर्ष का कार्यानुभव होना चाहिए। आयु सीमा : अधिकतम 33 वर्ष। वेतन : 15125 रुपये प्रतिमाह।
टेक्निकल असिस्टेंट(नेटवर्किंग एंड वेबसाइट मेंटिनेंस), पद : 06 योग्यता : कम्प्यूटर इंजीनियरिंग/इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक की डिग्री प्राप्त हो। अथवा - कम्प्यूटर साइंस/हार्डवेयर इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा प्राप्त हो। अथवा - बीसीए/कम्प्यूटर साइंस या इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बीएससी की डिग्री प्राप्त हो। - इसके साथ संबंधित क्षेत्र में पांच वर्ष का कार्यानुभव होना चाहिए। आयु सीमा : अधिकतम 33 वर्ष। वेतन : 15125 रुपये प्रतिमाह।
आयु सीमा (उपरोक्त सभी पद): अधिकतम 33 वर्ष। - आयु की गणना 01 अगस्त 2018 के आधार पर की जाएगी। - अधिकतम आयु में छूट भारत सरकार के नियमों के अनुसार दी जाएगी।
इंटरव्यू की निर्धारित तिथि (उपरोक्त सभी पद) : 14 अगस्त 2018 (सुबह 09.30 बजे)
आवेदन शुल्क : इन पदों के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
चयन प्रक्रिया : योग्य उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया : - वेबसाइट www.nitc.ac.in पर लॉगइन करें। यहां बाईं तरफ मौजूद Academic Forms Download लिंक पर क्लिक करें। - इसके बाद खुलने वाले वेबपेज पर ADVERTISEMENTS सेक्शन के अंतर्गत दिए गए Careers@NITC लिंक पर क्लिक करें। - इसके बाद ADVERTISEMENTS सेक्शन में Careers@NITC ऑप्शन को क्लिक करना होगा। - ऐसा करते ही नया वेबपेज खुल जाएगा। यहां पर Walk in Interview - Ad hoc Technical Staff in CNC लिंक पर क्लिक करें। - इस तरह पद संबंधित विस्तृत विज्ञापन खुल जाएगा। इसमें दी गई जानकारियां ध्यान से पढ़ें और पदों के अनुसार अपनी योग्यता की जांच कर लें। - इस विज्ञापन में Registration form लिंक दिया गया है। इस लिंक पर क्लिक करें। - इस तरह रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा। इसे डाउनलोड कर लें। - अब आवेदन पत्र में मांगी गई सभी जानकारियां दर्ज करें। - इंटरव्यू के दिन यह भरा हुआ फॉर्म और मांगे गए जरूरी दस्तावेजों की मूल प्रति सहित सेल्फ अटेस्टेड फोटोकॉपी अपने साथ जरूर लेकर जाएं।
महत्वपूर्ण तिथि :
वॉक-इन-इंटरव्यू की निर्धारित तिथि : 14 अगस्त 2018
अधिक जानकारी यहां :
वेबसाइट : www.nitc.ac.in
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ( NIT ), कालिकट में रिक्त पदाें पर आवेदन करने के लिए विस्तृत अधिसूचना यहां क्लिक करें।
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