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#कमांडो3कैसीहै
chaitanyabharatnews · 5 years
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कमांडो-3 रिव्यू : बेहद कमजोर है कहानी, विद्युत के एक्शन और अदा की अदाकारी ने बचाई फिल्म की लाज
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चैतन्य भारत न्यूज फिल्म : कमांडो 3 स्टारकास्ट : विद्युत जामवाल, गुलशन देवैया, अदा शर्मा, अंगीरा धर, राजेश तैलंग, सुमीत ठाकुर निर्देशक : आदित्य दत्त फिल्म टाइप : एक्शन, ड्रामा, थ्रिलर सर्टिफिकेट : UA अवधि : 2 घंटे 13 मिनट (adsbygoogle = window.adsbygoogle || ).push({}); कहानी बुराक अंसारी (गुलशन देवैया) जो कि एक बेहद खतरनाक आतंकवादी होता है, वो लंदन में बैठे-बैठे भारत में बम ब्लास्ट करवाना चाहता है। इसके लिए बुराक अंसारी भारते में छिपे हुए युवा आतंकवादियों के साथ धमाके की प्लानिंग करता है। जैसे ही इसकी भनक भारत सरकार को लगती है तो सरकार अपने सर्वश्रेष्ठ कमांडो करणवीर सिंह डोगरा (विद्युत जामवा) और एंनकाउंटर स्पेशलिस्ट भावना रेड्डी (अदा शर्मा) को लंदन भेजती है। जहां उनका मिशन बुराक अंसारी को कहीं से भी खोज निकालना है। ये दोनों लंदन के ब्रिटिश इंटेलिजेंस अरमान (सुमित ठाकुर) और मल्लिका सूद (अंगिरा धार) से मिलते जो इस मिशन के को पूरा करने में उनकी मदद करते हैं। यहां से शुरू होता है असली खेल। ये सभी भारतीय एजेंट बुराक अंसारी को खोज निकालने में अपनी पूरी ताकत लगा रहे होते हैं। वहीं बुराक को इनके सभी कदमों की खबर पहले से ही लग जाती है। अब इस खेल में किसकी जीत होती है और किसकी हार? यह जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगी।
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कैसी है फिल्म फिल्म तकनीकी पक्ष से काफी कमजोर है। बात की जाए फिल्म के पहले हाफ की तो फिल्म में कुछ खास मजा नहीं आया, दूसरे हाफ में फिर भी थोड़ा सस्पेंस बढ़ने लगता है। ये एक एक्शन फिल्म है फिर भी इसमें कोई दम नहीं है। फिल्म में VFX भी कुछ खास नहीं है। यानी यह फिल्म कुछ नयापन नहीं परोस पाई है। अगर आप एक्शन फिल्में देखना पसंद करते हैं और विद्युत जामवाल के एक्शन आपको लुभाते हैं तो आप ये फिल्म एक बार जरूर देख सकते हैं।
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कलाकारों की परफॉरमेंस अगर परफॉर्मेंस की बात करें विद्युत पूरी फिल्म को अपनी एक्शन के सहारे दर्शनीय बना देते हैं। हालांकि, विद्युत मार्शल आर्ट्स के खिलाड़ी तो हैं पर फिल्म में वह उसके सटीक नहीं बैठ पा रहे हैं। अदा ने भी थोड़ी बहुत कॉमेडी अच्छी की है। अंगीरा धर की एक्टिंग की बात करें तो उन्होंने अपनी तरफ से पूरी मेहनत की लेकिन कहीं न कही उनकी मेहनत पर्दे पर दर्शकों को बिल्कुल भी पंसद नहीं आई। ये भी पढ़े... होटल मुंबई रिव्यू : 26/11 आतंकी हमले के जख्मों को ताजा कर देगी फिल्म, नम हो जाएंगी आंखें पागलपंती रिव्यू : मल्टीस्टार्स की बेतुकी पागलपंती कर देगी आपका दिमाग खराब, थियेटर छोड़ने को मजूबर हुए लोग मरजावां रिव्यू : अ���ने प्यार को मौत के घाट तक पहुंचाने की कहानी, खून-खराबे से भरी है फिल्म बाला रिव्यू : कम बालों या गंजे लोगों का दर्द बयां करती आयुष्मान की बाला, कॉमेडी-मनोरंजन का बड़ा डोज   Read the full article
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