#कम कैलोरी वाला नाश्ता
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parichaytimes · 3 years ago
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200 कैलोरी से कम प्रोटीन वाली चीला रेसिपी | द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया
200 कैलोरी से कम प्रोटीन वाली चीला रेसिपी | द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया
कैलोरी- 168 आवश्यक सामग्री- ½ स्कूप प्रोटीन पाउडर, कप बेसन, ½ प्याज, ½ शिमला मिर्च, 2 बड़े चम्मच कटा हरा धनिया, 3 बड़े चम्मच दही, छोटा चम्मच काली मिर्च पाउडर, 1 हरी मिर्च, 1 बड़ा चम्मच तेल और नमक स्वादानुसार। तरीका- एक बाउल में प्रोटीन पाउडर, बेसन, काली मिर्च पाउडर और नमक डालें। सूखी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें। अब इसमें बारीक कटा प्याज, शिमला मिर्च, हरी मिर्च और हरा धनिया डालें। आवश्यकतानुसार…
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hbadigitech · 4 years ago
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जल्दी नाश्ते के लिए 5 स्वस्थ और स्वादिष्ट चीला रेसिपी
जल्दी नाश्ते के लिए 5 स्वस्थ और स्वादिष्ट चीला रेसिपी
हम सभी दक्षिण भारतीय व्यंजनों में डोसा के वर्चस्व से परिचित हैं, ठीक उसी तरह, उत्तर भारत में चीला एक लोकप्रिय व्यंजन है, विशेष रूप से एक स्वस्थ और भरने वाले नाश्ते या नाश्ते के लिए। और सबसे अच्छी बात चीला है, इसे बनाना इतना आसान है और इसे तैयार करने के लिए बस कुछ सामग्री की आवश्यकता होती है। आपको बस बैटर को ब्लेंड करना है, कुछ मसालों और जड़ी-बूटियों के साथ अपनी पसंदीदा सब्जियां मिलाना है,…
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khabardaartv · 4 years ago
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डाइटिंग? 200 कैलोरी के तहत 5 इंडियन ब्रेकफास्ट फूड्स आपको ट्राई करने चाहिए
डाइटिंग? 200 कैलोरी के तहत 5 इंडियन ब्रेकफास्ट फूड्स आपको ट्राई करने चाहिए
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हाइलाइट
परहेज़ कोई काकवॉक नहीं है
आपको इस बात से सावधान रहना होगा कि आप अपनी प्लेट में क्या जोड़ते हैं
आप इन खाद्य पदार्थों के साथ अपने दैनिक कैलोरी सेवन को भी नियंत्रित कर सकते हैं
यदि आप डाइटिंग में हैं – या जो एक के साथ दोस्त हैं – आप ‘कैलोरी की गिनती’ के विचार से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। कैलोरी ऊर्जा की एक इकाई है। आप जो भी भोजन खाते हैं उसमें कैलोरी की मात्रा होती है, लेकिन…
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everynewsnow · 4 years ago
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डाइटिंग? 200 कैलोरी के तहत 5 इंडियन ब्रेकफास्ट फूड्स आपको ट्राई करने चाहिए
डाइटिंग? 200 कैलोरी के तहत 5 इंडियन ब्रेकफास्ट फूड्स आपको ट्राई करने चाहिए
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हाइलाइट
परहेज़ कोई काकवॉक नहीं है
आपको इस बात से सावधान रहना होगा कि आप अपनी प्लेट में क्या जोड़ते हैं
आप इन खाद्य पदार्थों के साथ अपने दैनिक कैलोरी सेवन को भी नियंत्रित कर सकते हैं
यदि आप डाइटिंग में हैं – या जो एक के साथ दोस्त हैं – आप ‘कैलोरी की गिनती’ के विचार से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। कैलोरी ऊर्जा की एक इकाई है। आप जो भी भोजन खाते हैं उसमें कैलोरी की मात्रा होती है, लेकिन…
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trendswire · 2 years ago
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divyabhashkar · 3 years ago
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यह 7 कम कैलोरी वाला नाश्ता 30 मिनट में बनाया जा सकता है और एक व्यस्त सुबह के लिए एकदम सही है
यह 7 कम कैलोरी वाला नाश्ता 30 मिनट में बनाया जा सकता है और एक व्यस्त सुबह के लिए एकदम सही है
नाश्ता एक बहुत ही महत्वपूर्ण भोजन है – यह आपका दिन बना या बिगाड़ सकता है। हमने त्वरित और कम कैलोरी वाले स्नैक विकल्पों की एक सूची तैयार की है जो सबसे व्यस्त सुबह को भी रोशन करेंगे। सबसे स्वादिष्ट और संतोषजनक स्नैक व्यंजनों की यह सूची आपको बिस्तर से उठने के लिए भी प्रेरित करेगी। क्या आप कुछ स्वादिष्ट चाहते हैं? खैर, हमारे पास मेनू में हरी मटर है। य��ि आप अंडे चाहते हैं, तो हमने आपको वहां कवर कर…
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ghareluayurvedicupay · 4 years ago
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प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के उपाय
हमारा जीवन कठिनाइयों भरा होता है, जहां कोई ना कोई परेशानी लगी ही रहती है। अगर बात महिलाओं की जाए तो भी सजग रहते हुए भी समस्या आ ही जाती है। ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं के प्रेग्नेंट होने पर उनका वजन अचानक बढ़ जाता है जिससे बाद में महिलाओं को वजन कम करने में बड़ी दिक्कतें होने लगती हैं।
ऐसे में हम आपकी मदद करेंगे ताकि आप  प्रेगनेंसी के बाद अपना वजन आसानी से कम कर सके।
डिलीवरी के बाद क्यों बढ़ जाता है  वजन?
कई बार ऐसा देखा जाता है कि प्रेग्नेंसी के समय वजन बढ़ता ही जाता है जिससे महिलाएं चिंतित होने लगती हैं। एक्सपर्ट की मानें तो ऐसे समय में हार्मोन का संतुलन बदलता रहता है।
जब भी महिलाएं प्रेग्नेंट होती है, तो बच्चे एवं खुद के पोषण को ध्यान रखते हुए खानपान की मात्रा बढ़ा दी जाती है। ऐसे में वजन बढ़ना लाजिमी हो जाता है। कई बार महिलाओं को प्रेगनेंसी में भी थायराइड की समस्या होती है और वजन बढ़ने का कारण बनती है। कई बार प्रेगनेंसी में बेहतर सेहत के लिए कई प्रकार की दवाइयां दी जाती है और यह भी वजन बढ़ने में बड़ा कारण बनती है।
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प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के कारगर उपाय
प्रेगनेंसी के बाद महिलाएं चिंतित होने लगती हैं क्योंकि कुछ दिनों में उनका वजन बढ़ जाता है। ऐसे में हैरान परेशान नहीं बल्कि कुछ कारगर उपाय कर आप फायदा ले सकती हैं।
1) खानपान सही हो –  महिलाएं वजन को लेकर इतना परेशान हो जाती है कि खाना भी सही तरीके से नहीं खाती हैं। ऐसा करने से आपकी परेशानी और भी बढ़ सकती है। ऐसे समय में आपको ऐसा खानपान लेना होगा जो आपको पूरा पोषण दे सके।
2) बेल्ट का उपयोग – आपने देखा होगा कि मोटापा कम करने के लिए लोग बेल्ट का उपयोग करते हैं ऐसे में आप भी इस बेल्ट का ��हारा ले सकती हैं,  जो पूर्ण रूप से सुरक्षित है और आसानी से मिल भी ��ाती है।
3) ज्यादा कैलोरी ना लेना – ऐसे समय में ऐसा खानपान ले, जो ज्यादा कैलोरी का ना हो। इसमें आप प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, कैल्शियम, फाइबर युक्त भोजन ले। यह सभी वजन कम करने में फायदेमंद है।
4) सही सामान की खरीदारी करें – कई बार ऐसा भी देखा जाता है कि मार्केट जाते ही हम कई प्रकार के खाने का सामान देखकर खरीदारी कर लेते हैं। जो आपके लिए सही नहीं है। ऐसे में चॉकलेट, कुकीज ,कुकीज़, से दूर ही रहे तो बेहतर होगा।
5) खाना हो सही समय पर — इस बात का खास ख्याल रखें कि खाना सही समय पर खाएं। बहुत ज्यादा देर ना करें। सोने के  2 घंटे पहले खाना खाना ही बेहतर है।
6) तनाव से दूरी — कई बार ऐसा भी देखा गया है कि तनाव के कारण वजन बढ़ सकता है, ऐसे में किसी भी तनाव से बचें। ऐसा देखा गया है कि यह कहना आसान है लेकिन अगर आप चाहे तो एक बार कोशिश की जा सकती है।
7) स्नैक्स ले —  अगर आपको ऐसा लगे कि भूख लग रही है तो थोड़ा-थोड़ा करके खाएं। आप चाहे तो स्नैक्स के रूप में ओट्स,  सूखे मेवे का सेवन कर सकते हैं।
8)  ज्यादा पानी पिए — अगर आप ज्यादा पानी पिए तो फायदेमंद होगा। रोजाना 8 से 10 गिलास पानी पी कर खुद को स्वस्थ भी रख सकते हैं।
9) चाय, कॉफी से दूरी —  प्रेगनेंसी में वजन कम करने के लिए चाय, कॉफी से दूरी बना लेना ही फायदेमंद है। इनमें कैफीन होती है, जो वजन कम करने में बाधक है। अगर आप चाय, कॉफी पीने के शौकीन हैं तो ग्रीन टी पी सकते हैं।
डिलीवरी के बाद वजन कम करने के घरेलू उपाय
pregnancy ke baad vajan kam kaise kare | delivery ke baad vajan kam karne ka gharelu upay
अगर आप चाहे तो घरेलू उपाय से ही वजन कम किया जा सकता है जो सुरक्षित भी है और घर में रखी सामग्री से आप अपना काम कर सकते हैं।
1)  नींबू और शहद – अगर आप खाली पेट नींबू का पानी गर्म करके और उसमें शहद डालकर पिए हैं, तो यह बहुत ही फायदेमंद हो जाएगा।
2)  टमाटर –   अगर टमाटर का सेवन किया जाए तो यह बेहतर होगा। टमाटर में लाइकोपीन और  बीटा कैरोटीन होता है, जो वजन कम करता है। इसमे प्राकृतिक शुगर पाई जाती है, जो किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं करती है।
3) लहसुन – अगर आप रोज सुबह खाली पेट कच्चे लहसुन की चार पांच कलियों को खाएं तो निश्चित रूप से वजन कम किया जा सकता है। शुरू में इसका स्वाद अजीब लगेगा पर बाद में ठीक हो जाता है।
4).  ग्रीन टी –   अगर आप  ग्रीन टी का उपयोग करें तो बहुत ही फायदा करेगा और कुछ ही दिनों में आपका वजन कम हो जाएगा।
5)  अजवाइन का पानी – अगर आप एक चम्मच अजवायन को पानी में डालकर गर्म कर लें और रोजाना पिए तो इससे भी बहुत ज्यादा फायदा होने वाला है।
प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करने के कुछ मुख्य व्यायाम
प्रेगनेंसी के होने पर  व्यायाम की सलाह दी जाती है लेकिन आप  डिलीवरी के बाद भी व्यायाम करके आप वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
1) वॉकिंग – वजन कम करने का सबसे आसान उपाय वाकिंग है। अगर आपको समय मिले तो सुबह  ताजी हवा में कम से कम आधे घंटे तक वॉकिंग करें इससे आपको फायदा होगा वजन कम करने में।
2) सिटअप्स – अगर आप नियमित रूप से सिटअप्स करते हैं, तो निश्चित रूप से आपका वजन कम होगा। इसके लिए जमीन पर लेट जाए। इसके बाद अपने दोनों हाथों को गर्दन के पीछे ले जाएं और धीरे-धीरे सिर को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें।अगर  आप बार-बार दोहराती है, तो अतिरिक्त वसा बढ़ नहीं पाती है।
3)  स्विमिंग – अगर आप वजन कम करने की इच्छुक हैं, तो प्रेगनेंसी के बाद स्विमिंग आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। इसके लिए आप अपने समयानुसार स्विमिंग कर आनंद ले सकती हैं।
4)  स्टेचिंग – वजन कम करने के लिए इसे भी कारगर माना गया है। इसमें आप पीठ के बल लेट जाएं । उसके बाद अपने घुटनों को धीरे धीरे मोड़े। ऐसा करते समय पीठ एकदम सीधी होनी चाहिए। शुरुआत में इसे बहुत ज्यादा देर तक नहीं करें तो बेहतर होगा।
5) बेली बीथिंग – इसे करना बहुत ही आसान है। इसमें आपको पीठ के बल लेटना होगा और अपने हाथों को पेट में रखे। जैसे सांस ले तो आप देखेंगे पेट बाहर आएगा और सांस होने पर पेट को अंदर खींच ले। फिर से सांस रोकते हुए या व्यायाम करें यह भी आपके लिए फायदेमंद है।
अच्छा होगा यदि शुरुआत में आप किसी विशेषज्ञ से सलाह ले ले।
वजन कम करने हेतु क्या नहीं करना चाहिए
कई बार महिलाएं वजन कम करने की होड़ में कुछ गलतियां कर बैठती हैं, तो आपको इन गलतियों से बचना होगा।
1) कई बार महिलाएं अपना खाना पीना छोड़ने लगती हैं। यह तो बिल्कुल गलत है जब तक आपका पोषण सही नहीं होगा, तब तक बच्चे का पोषण सही से नहीं हो पाएगा। इससे बच्चे की सेहत पर बुरा असर होगा।
2) कुछ महिलाएं ऐसा सोचती है कि उपवास करने से वजन कम हो जाएगा लेकिन यदि आपकी कुछ दिनों पहले ही डिलीवरी हुई हो, तो उपवास बिल्कुल ना करें इससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ेगा सबसे ज्यादा जरूरी बच्चे की सेहत है, उस पर ध्यान दें।
3) ऐसे समय में आपके बच्चे को आपके दूध की परम आवश्यकता है। ऐसे में बच्चे को दूध नियमित रूप से दें किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतें।
4) आपने  अखबार पत्र व विज्ञापनों में वजन कम करने के लिए कई प्रकार की दवाइयों की जानकारी देखी होगी तो इस प्रकार के विज्ञापनों से दूर ही रहे और सही निर्णय लें।
डिलीवरी के बाद वजन कम करना क्यों है जरूरी
डिलीवरी के बाद कई  महिलाओं का वजन बढ़ जाता है और उसे कम करने की जद्दोजहद शुरू होती है लेकिन यह भी देखा गया है कि डिलीवरी के बाद वजन कम करना जरूरी है क्योंकि बाद में कई प्रकार की समस्याएं घिर सकती हैं, जो बच्चे के लिए भी ��ातक हो सकता है ऐसे में पूरा ध्यान बच्चे पर दें।
वजन कम करना है एक चुनौती
वजन कम करना एक हमेशा से ही चुनौती होती है और अगर प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करना हो, तो यह और भी मुश्किल काम नजर आता है। बच्चे के साथ वजन कम करना थका देने वाला काम है। ऐसे में अगर सही पोषण पर ध्यान दिया जाए तो निश्चित रूप से यह आपके और बच्चे के लिए फायदेमंद होने वाला है। ऐसे में अगर आप किसी भरोसेमंद व्यक्ति या अपने पार्टनर से मदद लें तो भी फायदेमंद होगा। ऐसे में खुश रहे और धीरे-धीरे वजन कम करने की कोशिश करें ज्यादा परेशान ना ही रहे।
प्रेगनेंसी में इम्यूनिटी पावर कैसे बढ़ाए
सिजेरियन के बाद कैसे करें वजन कम
सिजेरियन डिलीवरी होने से कई प्रकार की समस्याएं देखी जा सकती हैं उनमें से एक वजन की भी समस्या है। इस समय आप एकदम से वजन कम करने के बारे में न सोचे। कुछ दिनों बाद ही वजन कम करना सही होगा। इस समय आपको खुद का ध्यान देने की आवश्यकता है। कुछ आसान उपाय करके इस समय आप अपना वजन कम कर सकती हैं
1) स्तनपान – स्तनपान. किसी भी मां के लिए सबसे अच्छा तरीका है। अपना वजन कम करने का स्तनपान कराने से बच्चे को भी सही पोषण मिल जाता है। जब भी स्तनपान कराया जाता है तो उसमें लगभग 500 कैलोरी खर्च होती है और इससे पेट की चर्बी को भी कम किया जा सकता है। इसे करना आसान भी है।
2) खूब पानी पिए – रोजाना ज्यादा से ज्यादा पानी पिए जो शरीर के लिए फायदेमंद है। यह अतिरिक्त वसा को दूर करने का भी काम करता है।
3) हमेशा कैलोरी पर ध्यान दें – वजन कम करने की जद्दोजहद में कैलोरी पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। सही तरीके से नाश्ता, खाना, मेवे, दही ही लिया जाए तो सही रहेगा। कोशिश करना चाहिए कि ऐसे समय में कैलोरी बहुत ज्यादा भी कम ना हो सके नहीं तो ऐसे में दिक्कत हो जाएगी।
निष्कर्ष
इसमें से हमने देखा कि प्रेगनेंसी के बाद वजन कम करना थोड़ा मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं। इस बात का विशेष ध्यान रखें और बच्चे का भी ध्यान रखें। बहुत जरूरी है कि ऐसे समय में खुश रहे तभी बच्चा सही विकास कर पाएगा।
आपके आने वाले भविष्य के लिए शुभकामनाएं एवं हमारा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।
Source : https://www.ghareluayurvedicupay.com/pregnancy-ke-baad-vajan-kam-karne-ke-upay/
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mp3lyricsstuff · 5 years ago
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Easy And Quick Weight Loss Diet Tips in Hindi | Diabetes and Weight Loss | Vajan Kaise Kam Kare | How To Lose Weight Fast | Eat These Foods for Breakfast to Lose Weight Faster
Easy And Quick Weight Loss Tips: अगर आप भी तेजी से वजन कम करना चाह रहे हैं, लेकिन वजन कम करने के लिए भोजन (Weight Loss Diet) में खूब सारे बदलाव करने के बाद भी आप वजन कम करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो यकीनन आप वजन कम करने के लिए घरेलू नुस्‍खे (Home Remedies) या उपाय तलाशने लगे होंगे. तेजी से वजन कम (Lose Weight Fast) करने का लक्ष्‍य उस समय और भी मुश्‍किल हो जाता है जब आप ब्‍लड शुगर (Blood Sugar) से जुड़ी समस्‍या यानी की डायबिटीज से (Diabetes) जूझ रहे हों. डायबिटीज को कंट्रोल (Control Diabetes) करने और वजन घटाने (How To Lose Weight) के लिए अगर आप भी संघर्ष कर रहे हैं, तो यहां है एक ऐसा उपाय, ज‍िसे अपनाकर आप तेजी से वजन भी घटा पाएंगे और ब्‍लड शुगर लेवल भी कंट्रोल (Control Blood Sugar Level) रहेगा. 
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तेजी से वजन कम करने और ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए कैसा हो नाश्‍ता और डिनर ( For Weight Loss and Better Glucose Control Eat a Big Breakfast)
यदि आप रात में भरपेट खाना करने के बजाए इसे हल्का करें और सुबह हल्का नाश्ता करने के बजाए अगर इसे भरपेट करें, तो आप वजन कम (Weight Loss) करने के साथ-साथ हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar) को भी नियंत्रित कर सकते हैं. एक नए शोध में यह बात सामने आई है. जर्मनी स्थित लुबेक विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि रात्रि के स्थान पर सुबह शरीर खाना अच्छे से पचाने में मदद करता है. यह शोध द जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित हुआ है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, जब हम एब्जॉर्पशन, डाइजेशन, ट्रांस्पोट और पोषक तत्वों के भंडारण के लिए भोजन पचाते हैं तब हमारा शरीर ऊर्जा का विस्तार करता है.
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Weight Loss and Better Glucose Control: तेजी से वजन कम करने और ब्‍लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए खाएं हेवी ब्रेकफास्‍ट.
डाइट-इंड्यूस्ड थर्मोजेनेसिस (डीआईटी) के रूप में चर्चित इस प्रक्रिया में इस बात का माप होता है कि हमारा चयापचय कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है और कैसे यह भोजन के आधार पर भिन्न हो सकता है.
लुबेक विश्वविद्यालय की कॉरेस्पोंडेंस लेखक जूलियन रिचटर ने कहा, “हमारे परिणामों से पता चलता है कि नाश्ते में खाया जाने वाला भोजन, इसमें मौजूद कैलोरी की मात्रा की परवाह किए बिना, डिनर में किए गए भोजन की तुलना में दो बार उच्च आहार-प्रेरित थर्मोजेनेसिस बनाता है.”
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उन्होंने कहा, “इस शोध से अच्छे से नाश्ता करने के महत्व का पता चलता है.”
तेजी से वजन कम करने के लिए नाश्‍ते में क्‍या खाएं (Eat These Foods for Breakfast to Lose Weight Faster)
1. तेजी से वजन घटाने के लिए अपने आहार में दालों को शामिल करें. दालों में कोलेस्ट्रॉल और वसा भी कम या न के बराबर हैं. इनमें फाइबर और प्रोटीन होता है जो वजन कम करने में मददगार है. 
2. वजन घटाने और मोटापा करने के लिए अपनी डाइट में फलों को जगह दें. वजन कम करने के लिए आहार में फलों को शामिल किया जा सकता है. फलों में कम फैट होता है या फिर बिलकुल ही फैट नहीं होता. यह आपकी वेट लॉस डाइट में बहुत अच्‍छी तरह फ‍िट हो सकते हैं.
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3. तेजी से वजन कम करने के लिए भोजन में शामिल करें सब्‍ज‍ियां. हरी पत्तेदार सब्जियां में वसा नहीं होती और यह आयरन व फाइबर से भरपूर होती हैं. जो पेट भरा रहने का अहसास कराते हैं. यह ब्रेकफास्‍ट और लंच के बीच क्रेविंग को कंटोल करने मे मदद करते हैं. 
(इनुपट-आईएएनएस) 
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Weight Loss in Hindi
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वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग – Intermittent Fasting For Weight Loss in Hindi
बढ़ता वजन कई बीमारियों जैसे – मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग और लिवर डिजीज का कारण बन सकता है (1)। ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते बढ़ते वजन को नियंत्रित किया जाए। इसके लिए व्यायाम, डाइटिंग और अन्य तरीकों के अलावा इंटरमिटेंट फास्टिंग का विकल्प भी कारगर हो सकता है। यह क्या है और यह कैसे आम फास्टिंग से अलग है, यह सभी जानकारी स्टाइलक्रेज के इस लेख में दी गई है। साथ ही वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग किस प्रकार मदद कर सकती है, यह भी इस लेख में बताया गया है। इसके अलावा, इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाना चाहिए और इसके नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं, यह भी इस लेख में बताया गया है।
आगे की जानकारी के लिए स्क्रॉल करें।
सबसे पहले जान लेते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या होता है?
विषय सूची
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्‍या है – What is Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग, स्वस्थ जीवनशैली के लिए किए जाने वाले उपवास का एक तरीका है। डाइट से अलग यह खाने का एक पैटर्न है। इसमें उपवास करने का एक निर्धारित समय होता है। व्यक्ति अपनी सुविधा अनुसार उस निर्धारित समय का चुनाव कर इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू कर सकता है। इस उपवास में क्या खाना चाहिए, इससे ज्यादा ध्यान खाने के वक्त और उपवास की अवधि का रखा जाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे की बता करें तो यह स्वास्थ्य के लिए काफी हद तक लाभकारी हो सकती है। यह ��रीर का वजन और शरीर की सूजन को कम करने के साथ-साथ अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है (2)।
जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग पहली बार करने जा रहे हैं, उन्हें नीचे बताई जा रही बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शुरुआती लोगों के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने की टिप्स
जो लोग पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का सोच रहे हैं, वे नीचे बताई गईं बातों का पूरा ध्यान रखें।
कैलोरी का ध्यान रखें –  इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह बंद नहीं किया जाता है, बल्कि उन्हें एक निर्धारित वक्त तक संतुलित मात्रा में लेने की जरूरत होती है (3)। ऐसे भोजन की मात्रा को सीमित करके या कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करके शरीर में कैलोरी को नियंत्रित किया जा सकता है।
शुरुआत करें कम वक्त के उपवास से – पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले व्यक्ति शुरुआत में उपवास की अवधि को कम रख सकते हैं। साथ ही हफ्ते में एक या दो बार ही उपवास रखें। फिर धीरे-धीरे उपवास की अवधि को इंटरमिटेंट फास्टिंग की निर्धारित अवधि तक पहुंचाने का प्रयास करें।
उपवास के वक्त का ध्यान रखें – उपवास की अवधि को इस तरह से निर्धारित करें कि उस दौरान 7 घंटे की नींद मिल सके। ध्यान रहे कि सोने से तीन-चार घंटे पहले भोजन करें। उसके बाद सात से आठ घंटे की अच्छी नींद लें। इससे व्यक्ति 11 घंटे तक आसानी से उपवास कर पाएगा। अगर इस बीच उपवास की अवधि को बढ़ाना है, तो उठने के बाद एक से दो घंटे तक कुछ न खाएं।
खुद को हायड्रेट रखें – उपवास के दौरान व्यक्ति को खुद को हायड्रेट रखना भी जरूरी है। ध्यान रहे कि उपवास के दौरान सही मात्रा में पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें। खासकर वो जो पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं।
डॉक्टर की सलाह – उपवास के दौरान किसी भी तरह की स्वास्थ्य परेशानी से बचने के लिए अच्छा होगा कि एक बार डॉक्टर या डायटीशियन से इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे बात कर ली जाए। डॉक्टर स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर इसे करने या न करने की सलाह दे सकता है। साथ ही, इस उपवास से जुड़ी अन्य जरूरी जानकारी भी दे सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग को विस्तार से जानने के लिए आगे स्क्रॉल करें।
लेख के इस भाग में जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और इसे करने का सही तरीका।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और करने का सही तरीका – Ways To Do Intermittent Fasting in Hindi
अगर इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे लेने हैं तो इसके प्रकार और इसे करने का सही तरीका व्यक्ति को पता होना चाहिए। नीचे हम इस विषय पर जानकारी दे रहे हैं।
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग – यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का सबसे ज्यादा चर्चित प्रकार है। इसमें 16 घंटे तक उपवास किया जाता है और 8 घंटे का वक्त खाने के लिए रखा जाता है (2)। इस तरह के इंटरमिटेंट फास्टिंग को 8 घंटे की डाइट या समय-प्रतिबंधित आहार (Time Restricted Diet) भी कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति सुबह 9 बजे अपना नाश्ता करता है, तो वो पूर�� दिन का आखिरी भोजन शाम को 5 बजे कर सकता है। उसके बाद फिर व्यक्ति को अगली सुबह तक उपवास करना होता है।
5:2 इंटरमिटेंट फास्टिंग : यह भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकारों में से एक है। इसमें सप्ताह में पांच दिनों तक बिना किसी प्रतिबंध के भोजन का सेवन करना होता है। फिर सप्ताह में किसी भी दो दिन के लिए कैलोरी युक्त आहार का सेवन कम या न के बराबर करने की सलाह दी जाती है। इसमें उपवास के दिनों में व्यक्ति को 20-25% ऊर्जा की जरूरत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस दौरान कैलोरी युक्त आहार का सेवन करना चाहता है तो वो 500 कैलोरी से अधिक न लें। इसके साथ ही ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दो दिन का ये उपवास लगातार न हो (4)।
हर दूसरे दिन का उपवास (Alternate Fasting) – इसमें लगातार उपवास रखने के बजाय हफ्ते में हर दूसरे दिन उपवास रखा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई सोमवार को भोजन कर रहा है तो वो मंगलवार को उपवास रख सकता है। भोजन करने वाले दिन व्यक्ति अपनी पसंद की चीजों का सेवन कर सकता है (4) (5)।
समय के अनुसार उपवास (Time Restricted Feeding) – इसमें एक निर्धारित समय के अनुसार खाने की अनुमति होती है। उदाहरण के तौर पर रमजान के दौरान किया जाने वाला उपवास एक अच्छा उदाहरण हो सकता है (6)। समय प्रतिबंधित भोजन (time-restricted feeding) में व्यक्ति सुबह 8 बजे से 3 बजे के बीच खाना खा सकता है और बाकी वक्त उपवास कर सकता है (4) (5)।
रमदान उपवास – रमजान के महीने में किया जाने वाला उपवास भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की श्रेणी में आता है। इसमें सूर्योदय के पहले हल्का भोजन किया जाता है, वहीं सूर्यास्त के बाद ज्यादा भोजन का सेवन किया जाता है। इसलिए, रमजान में खाने और उपवास की अवधि लगभग 12 घंटे की होती है (4)।
24 घंटे का उपवास – इसमें व्यक्ति सप्ताह में 1 या 2 दिन के लिए 24 घंटे के उपवास कर सकता है। बेहतर है व्यक्ति अपने शेड्यूल और सुविधा के अनुसार दिन चुनें और फिर उपवास करें। उदाहरण के लिए, पहले दिन शाम 7 बजे भोजन करें और अगले दिन शाम 7 बजे तक उपवास करें। व्यक्ति अपनी इच्छानुसार समय का चुनाव कर सकता है।
36 घंटे का उपवास – यह 24 घंटे के उपवास की ही बढ़ी हुई अवधि है। उदाहरण के तौर पर इसमें व्यक्ति पहले दिन रात का खाना खाता है, अगले दिन पूरे दिन उपवास करता है और तीसरे दिन नाश्ता करता है। इस तरीके का महीने या साल में एक बार किया जा सकता है। साथ ही इसे करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
एक वक्त के भोजन से परहेज – इसमें एक वक्त का भोजन छोड़ना होता है। जैसे नाश्ते को छोड़कर दोपहर और रात का भोजन किया जा सकता है या नाश्ते के बाद सीधे रात का भोजन किया जा सकता है।
कभी-कभी न खाना – अगर किसी व्यक्ति को लगातार उपवास करने में परेशानी आ रही है, तो व्यक्ति हफ्ते में किसी एक दिन उपवास कर सकता है या पूरे दिन में एक वक्त का भोजन छोड़ सकता है। यह सब व्यक्ति की सुविधानुसार होता है। यह लं��ी अवधि के इंटरमिटेंट फास्टिंग को शुरू करने का एक अच्छा तरीका हो सकता है।
योद्धा या वॉरियर आहार – इंटरमिटेंट फास्टिंग के इस प्रकार में व्यक्ति को दिन में हल्का भोजन और रात में अधिक भोजन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों को भी शामिल किया जाता है। साथ ही इस फास्टिंग के दौरान व्यायाम भी करना जरूरी होता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ते रहें यह लेख।
आगे जानते हैं कि वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग लाभकारी है या नहीं?
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग बढ़ते वजन को कम करने में मददगार है या नहीं?
वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक सहायक हो सकती है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इंटरमिटेंट फास्टिंग, सामान्य वजन, अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के बीच अल्पकालिक वजन घटाने (Short Term Weight Loss) में प्रभावी साबित हो सकती है (7)। इसके अलावा, जानवरों पर किए गए शोध में इंटरमिटेंट फास्टिंग का असर लाभकारी पाया गया है। फिलहाल, इस बारे में अभी और सटीक वैज्ञानिक प्रमाण की आवश्यकता है, लेकिन व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने और वजन को संतुलित रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा ले सकता है। यह फास्टिंग न सिर्फ वजन को संतुलित रखने में असरदार हो सकती है, बल्कि इसके फायदे हृदय के स्वास्थ्य को बरकरार रखने में मदद कर सकते हैं (8)।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान किन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है, उसके बारे में विस्तार से नीचे जानें ।
आगे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति क्या-क्या खा सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में क्या खाना चाहिए – What to eat during Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान जो वक्त खाने के लिए चुना गया है, ध्यान रहे कि उसमें ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार का सेवन किया जाए। जैसा कि ऊपर जानकारी दी गई है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कई प्रकार की होती हैं, लेकिन, सभी प्रकार में एक बात सामान्य है कि इसमें उपवास का वक्त थोड़ा लंबा चलता है। ऐसे में व्यक्ति को ध्यान में रखना चाहिए कि वो पोषक आहार ले, ताकि किसी प्रकार की कमजोरी या स्वास्थ्य समस्या न हो। इस दौरान खाने की चीजों में ज्यादा रोक-टोक नहीं होती है, बस कैलोरी को सीमित कर दिया जाता है (3)। ऐसे में नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान किया जा सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हाई फाइबर युक्त आहार (साबुत फल, अनाज और सब्जियां) का सेवन किया जा सकता है। ये आहार पेट को लंबे समय तक भरा रखने के साथ वजन नियंत्रण में सहयोग कर सकते हैं (9)।
नाश्ते में फलों और इनके जूस का सेवन किया जा सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति अपनी पसंद के खाद्य पदार्थों को भी शामिल कर सकता है। ध्यान रहे, खाद्य पदार्थ पोषण से भरपूर हों और इनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक नहीं चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सीमित मात्रा में कैलोरी युक्त आहार लेने की सलाह भी दी जाती है, लेकिन इसकी मात्रा 500 केसीएल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अगर कोई वॉरियर डाइट कर रहा है, तो वो डायटीशियन की सलाह पर प्रोटीन युक्त आहार (दूध, मछली, अंडा, म���ट, दाल, बीन्स, चिकन और कम वसा वाले दूध उत्पाद) का सेवन कर सकता है (10)।
साथ ही इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर में डिहायड्रेशन की समस्या न हो।
नोट –  ऊपर बताए गए इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए खाद्य पदार्थ अनुमान के आधार पर हैं, इसकी सही जानकारी के लिए डायटीशियन से संपर्क जरूर करें।
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए नमूना मील प्लान।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में सात दिनों का मील प्लान – Sample 7 Days Intermittent Fasting Plan In Hindi
नीचे साझा की जाने वाली सूची नमूने के तौर पर दी जा रही है। व्यक्ति अपनी इच्छा और आवश्यकतानुसार इसमें मौजूद खाद्य पदार्थों में बदलाव कर सकते हैं। यह 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक उदाहरण है।
समय पहला दिन दूसरा दिन तीसरा दिन चौथा दिन पांचवा दिन छठा दिन सातवां दिन सुबह उठने से लेकर दिन के 12 बजे तक फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट दोपहर 12 बजे (पहला मील) चिकन सलाद या खिचड़ी, दही और सलाद ग्रिल्ड सब्जियां + दही और डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा पास्ता या सैंडविच नूडल्स ग्रिल्ड मछली और सलाद या ग्रिल्ड सब्जियां और सलाद एक सब्जी, सलाद या दही, दाल और चावल या रोटी मछली, अंडा या चिकन की करी साथ में चावल, शाकाहारी व्यक्ति के लिए अपने पसंद की कोई करी, चावल, दाल, सलाद अंतिम भोजन शाम 4 से 8 बजे के बीच पनीर और हरी सब्जियां मिलाकर एक सब्जी और जरूरत अनुसार रोटी या चावल चिकन या वेज सूप + डार्क चॉकलेट का एक टुकड़ा या सलाद, दाल, एक सब्जी और रोटी सलाद, दाल, चावल या रोटी और सब्जी चिकन टिक्का या पनीर टिक्का या मशरूम-मटर मसाला और रोटी सब्जियों के साथ पनीर या पनीर की सब्जी और चावल या नूडल्स + अपने पसंद की आइसक्रीम ग्रिल्ड चिकन, हमस और पिटा ब्रेड (बाजार में उपलब्ध) या अपनी पसंद का खाना जैसे – दाल, सब्जी या रोटी उबले हुए आलू और सलाद या अपने पसंद का कोई भी हल्का डिनर रात 8 बजे से लेकर सोने तक फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट फास्ट
जरूरी जानकारी : इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए पानी पीते रहे। देखा जाए तो इसमें किसी भी चीज को खाने की मनाही नहीं रहती है। हालांकि, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है और इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर भी। अगर कोई वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहता है तो वो डायटीशियन की सलाह अनुसार डाइट अपना सकता है। हमारी सलाह यही है कि किसी भी प्रकार की इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले डॉक्टर या विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है। अब इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे विस्तार से नीचे पढ़ें।
अब जब इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में इतना कुछ जान गए हैं तो अब बारी आती है इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे जानने की। लेख के इस भाग में हम इसी बारे में जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के अन्य फायदे  – Other Benefits of Intermittent Fasting in Hindi
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के कुछ अन्य फायदे।
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायक भूमिका निभा सकती है। यहां इंटरमिटेंट की हर दूसर��� दिन की जाने वाली फास्टिंग (Alternate Fasting) लाभकारी हो सकती है।  एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए अल्टर्नेट फास्टिंग मददगार हो सकती है। इससे न सिर्फ वजन कम हो सकता है, बल्कि कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease- एक प्रकार का ह्रदय रोग) का जोखिम भी कम हो सकता है (11)।
हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद – इंटरमिटेंट फास्टिंग का लाभ शरीर में एलडीएल (हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। दरअसल, कुछ शोध के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने के साथ-साथ लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार का काम कर सकती है।
हालांकि, लिपिड प्रोफाइल और शरीर के वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रभावों का विश्लेषण करने वाले अधिकांश अध्ययन रमजान उपवास पर आधारित हैं, जिसमें उपवास के दौरान लिए गए आहार के बारे में कुछ खास जानकारी मौजूद नहीं है (12)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) में सुधार – इंसुलिन द्वारा ब्लड ग्लूकोज को प्रभावी ढंग से कम करना ही इंसुलिन संवेदनशीलता कहलाता है (13)। यहां इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ देखे जा सकते हैं, क्योंकि इससे इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। इस विषय में किए गए शोध के अनुसार जिन व्यक्तियों ने पांच हफ्तों तक ‘टाइम रिस्ट्रिक्टेड फीडिंग’ (इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक प्रकार) का पालन किया, उनमें इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार देखा गया (14)।
सेल्युलर रिपेयर और ऑटोफैगी को बढ़ावा – इंटरमिटेंट फास्टिंग कोशिकाओं को रिपेयर करने और ऑटोफैगी (Autophagy) में सुधार करने में मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, ऑटोफैगी, कोशिकाओं से जुड़ी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त कोशिकाएं साफ होती हैं और स्वस्थ कोशिकाओं का फिर से निर्माण होता है। एनसीबीआई की वेबसाइट में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, चूहों पर इंटरमिटेंट फास्टिंग से ऑटोफैगी प्रक्रिया में सुधार पाया गया है (15)। इसके अलावा, एक अन्य शोध के अनुसार, उपवास सामान्य कोशिकाओं को विषैले तत्वों से बचाव करने में मदद कर सकता है (16)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
कैंसर के लिए –  कैंसर के बचाव में  इंटरमिटेंट फास्टिंग कुछ हद तक मददगार हो सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध के अनुसार, शॉर्ट टर्म फास्टिंग (STF-Short Term Fasting) विषाक्तता को कम करने के साथ कीमोथेराप्यूटिक एजेंट के प्रभाव को बढ़ा सकता है। साथ ही कीमोथेरेपी लेने वाले मरीजों में डीएनए की क्षति को कम करने में मदद कर सकती है (17)। इतना ही नहीं, ट्यूमर से प्रभावित जिन ��ूहों के आहार को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित किया गया, उनमें जीवित रहने की क्षमता में बढ़त देखी गई (18)। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
मस्तिष्क के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग मस्तिष्क के लिए लाभकारी हो सकती है। इससे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग सीखने की क्षमता और स्मृति में सुधार का काम कर सकती है (19)। इसके अलावा, चूहों पर किए गए शोध से पता चलता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग, उम्र आधारित मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार का काम कर सकती है (20)।
सूजन और रक्तचाप के लिए – इंटरमिटेंट फास्टिंग, शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचाने में मददगार हो सकती है, जिसमें सूजन से आराम और रक्तचाप को कम करना भी शामिल है। फिलहाल, इस विषय पर अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है (21)।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए पढ़ते रहिए यह लेख।
आगे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान या उसके बाद कुछ ध्यान रखने वाली बातें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान और बाद के कुछ टिप्स
नीचे पढ़ें कुछ इंटरमिटेंट फास्टिंग के वक्त और उसके बाद के टिप्स।
जो लोग पहली बार उपवास रख रहे हैं, वो सबसे पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लें।
शुरुआत अल्प अवधि के उपवास से की जा सकती है।
फास्टिंग के दौरान खुद को हायड्रेट रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं और तरल पदार्थों का सेवन करें।
उपवास के दौरान हल्के-फुल्के व्यायाम किए जा सकते हैं। अगर कमजोरी का अनुभव हो तो व्यायाम न करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग तोड़ने के लिए हल्की डाइट लें।
कभी भी भारी आहार से अपना उपवास न तोड़ें।
लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें या इसकी आदत न बनाएं।
किसी को अगर स्वास्थ्य संबंधी समस्या है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
उपवास के दौरान और बाद में जंक फूड्स खाने से बचें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए, यह जानने के लिए नीचे स्क्रोल करें।
लेख के इस भाग में जानिए कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग कब नहीं करनी चाहिए – When to Avoid Intermittent Fasting in Hindi
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक प्रकार का उपवास है, ऐसे में इसे कब नहीं करना चाहिए, यह व्यक्ति को पता होना चाहिए। नीचे हम इसी विषय में बता रहे हैं – (22) (23)।
अगर किसी का वजन जरूरत से ज्यादा कम है, तो वो इंटरमिटेंट फास्टिंग न करें।
अगर डॉक्टर ने इंटरमिटेंट फास्टिंग न करने की सलाह दी है तो फास्टिंग न करें।
गंभीर स्वास्थ्य समस्या में यह फास्टिंग न करें।
गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इंटरमिटेंट फास्टिंग से दूर रहें।
बच्चे और किशोर इस फास्टिंग को न करें।
अगर कोई ब्लड प्रेशर या ह्रदय रोग से संबंधित दवाइयां ले रहा है, तो इस फास्टिंग को करने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
अगर इंटरमिटेंट उपवास के फायदे हैं, तो इसके नुकसान भी कई हैं। यह जानकारी हम नीचे दे रहे हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान – Side Effects of Intermittent Fasting in Hindi
नीचे जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान के बारे में (7)।
सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
कब्ज की परेशानी हो सकती है।
नहीं खाने के वजह से चि��चिड़ाहट या मूड स्विंग हो सकता है।
खाने की इच्छा और ज्यादा बढ़ सकती है।
चक्कर आने की परेशानी हो सकती है।
कमजोरी या ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।
उम्मीद करते हैं कि अब आप अच्छी तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे जान गए होंगे। साथ ही इसके विभिन्न प्रकार और इससे जुड़ी खान-पान संबंधित बातों की भी जानकारी हो गई होगी। ऐसे में अगर आप वजन घटाने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के बारे में सोच रहे हैं, तो लेख को अच्छी तरह पढ़ें और डॉक्टर से भी इस बारे में बात करें। वहीं, पाठक इस बात का भी ध्यान रखें कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कोई जादू नहीं है, ये कुछ लोगों के लिए लाभकारी हो सकती है और कुछ लोगों के लिए नहीं। ऐसे में, हमारा सुझाव यही रहेगा कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे के लिए इसे अपनाया जा सकता है, लेकिन इसे आदत न बनाएं। लगातार इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकते हैं। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कॉफी या चाय पी सकते हैं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान सामान्य चाय और कॉफी की जगह हर्बल टी का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आप डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
क्या सेब के सिरके के सेवन से इंटरमिटेंट फास्टिंग टूट सकती है?
नहीं, इंटरमिटेंट फास्टिंग में सेब के सिरके का सेवन किया जा सकता है। वहीं, अगर किसी को इससे एलर्जी है, तो वह इसका सेवन न करें।
कितनी लंबी अवधि तक इंटरमिटेंट फास्टिंग रखनी चाहिए?
यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है कि व्यक्ति कौन सा इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहा है। इसके अलावा, यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है, लेकिन, हमारी सलाह यही है कि उपवास की अवधि 16 घंटे से अधिक न बढ़ाएं।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान पानी पी सकते हैं?
हां, हमने लेख में भी इस बारे में जानकारी दी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान व्यक्ति को हायड्रेटेड रहने के लिए नियमित रूप से पानी पीना चाहिए।
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति कितना वजन कम कर सकता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग में व्यक्ति का वजन कितना कम हो सकता है, वो उसके वर्तमान वजन, शारीरिक स्थिति, जीवनशैली और इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार पर निर्भर करता है।
क्या महिलाओं के लिए उपवास करना अच्छा है?
सामान्य तौर पर उपवास शरीर के लिए अच्छा माना जाता है (24)। वहीं, गर्भवती, स्तनपान कराने वाली माताओं और किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहीं महिलाओं को उपवास न करने की सलाह दी जाती है (22) (23)।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग कोर्टिसोल (Cortisol) को बढ़ाता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग, कोर्टिसोल को बढ़ाने में मदद कर सकती है। कोर्टिसोल, एक हॉर्मोन होता है, जो तनाव के साथ-साथ शरीर से जुड़ी कई समस्याओं में लाभदायक होता है (24)।
सप्ताह में कितने दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाहिए?
यह व्यक्ति के वजन, उम्र और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर कोई पहली बार इंटरमिटेंट फास्टिंग करना चाह रहा है तो वो ओवरनाइट इंटरमिटेंट फास्टिंग से शुरुआत कर सकता है। इसके अलावा, व्यक्ति हफ्ते में एक दिन इंटरमिटेंट फास्टिंग से शुरुआत कर सकता है और जब कोई परेशानी न हो तो हफ्ते में दो बार इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकता है। ध्यान रहे कि इसे आदत न बनाएं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति एक महीने में कितना वजन कम कर सकते हैं?
इंटरमिटेंट फास्टिंग से व्यक्ति एक महीने में कितना वजन कम कर सकता है, यह इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार और व्यक्ति की उम्र और वजन ��र निर्भर करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान आपको कितनी देर उपवास करना चाहिए? 
इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान कम से कम 6 घंटे का उपवास किया जा सकता है। अगर इस दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या न हो तो धीरे-धीरे इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
क्या इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको कीटोसिस में डालती है?
जैसा कि हमने अपने कीटो डाइट के लेख में जानकारी दी थी कि कीटो डाइट में लोग मध्यम मात्रा में प्रोटीन और ज्यादा मात्रा में फैट वाले आहार का सेवन करते हैं। ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान अगर व्यक्ति प्रोटीन और हाई फैट युक्त आहार का सेवन करता है, तो व्यक्ति कीटोसिस (Ketosis) चरण में प्रवेश कर सकता है। कीटो डाइट के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए वजन घटाने के लिए कीटो डाइट का लेख पढ़ सकते हैं।
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अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मा�� कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-intermittent-fasting-in-hindi/
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rajatgarg79 · 6 years ago
Text
जाने लोगों के ताने सुन थक चुकी निशा ने कैसे घटाए 25 किलो वजन
अत्यधिक वजन की वजह से अगर आपकी उम्र ज्यादा लगने लगे तो आपके लिए वो किसी बुरे सपने से कम नहीं होता। कुछ ऐसा ही निशा के साथ था, मोटापे की वजह से निशा अपने आप को बूढ़ा समझने लगी थी और उनके अधिक वजन की वजह से लोग उनके बारें में बातें बनाया करते थे। उनकी वेट लॉस यात्रा के दौरान उन्होंने ये साबित किया कि कुछ भी मुमकिन है अगर आप उसका पालन अच्छे से करते है तब।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)
चलिए आपको आगे बताते हैं कि कैसे निशा ने 25 किलो किए कम:
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
जब मेरा 88 किलो वजन बढ़ गया था, तो मेरी उम्र 40 साल की लगने लगी थी। अत्यधिक वजन की वजह से मेरा आत्म-विश्वास भी टूट रहा था, तब मैंने महसूस किया कि अब बहुत हुआ और अब मुझे खुद के लिए कुछ करना है जिससे मैं 40 साल की न लगूं। तो कुछ भी खाने की बजाए मैंने स्वस्थ खाना शुरू किया और रोजाना वर्कआउट किया करती थी।
(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए एक्सरसाइज)
आप क्या खाती थी?
मेरा नाश्ता: नाश्ते के दौरान मैं उपमा, उत्तपम, इडली, पोहा, ओट्स, म्यूस्ली और फल।
मेरा दोपहर का खाना: दाल, कुछ सब्जियां, दही, सलाद और एक गेहूं की रोटी।
मेरा रात का खाना: सलाद, कुछ सब्जियां, दाल या ओट्स या बेसन का चीला। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए नाश्ते में क्या खाएं)
चीट डेस के समय: मैं चीट डेस के दौरान पानी पूरी, पाव भाजी और आइस क्रीम खाती थी।
कम कैलोरी वाला आहार: सब्जियों के सूप, उत्तपम और ऑमलेट।
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क्या आप वर्कआउट करती थीं?
मैं वर्कआउट में दौड़ना, कार्डियो, जुम्बा, स्क्वाट, जम्पिंग जैक और बरपीस करती थी।
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आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?
शादी के दिनों की पुरानी फोटो को देखकर और उन कपड़ो को पहनकर प्रेरित होती थी जो मुझे मोटापे के समय नहीं आते थे।
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आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?
मैं शीशे में देखकर खुश होती थी कि मैं अब अपने लक्ष्य से कितना आगे आ चुकी हूं। यह भी मैं जानती हूं कि मैं फिर से उस रास्ते में नहीं जाना चाहती, इस तरह मैं अपने लक्ष्य से भटकती नहीं थी।
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अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?
मोटापे की वजह से मैंने अपने ऊपर पूरी तरह से विश्वास करना छोड़ दिया था और मेरा आत्म-विश्वास धीरे-धीरे गिरता जा रहा था। मुझे अपनी साइज के कपड़े भी बेहद मुश्किल से मिलते थे। सबसे ज्यादा दुख तब होता था जब म��ं लोगों के साथ घूमने के लिए निकलती थी तो वो मोटापा कम करने की नई-नई राय देने लग जाते थे। इन सब चीजों को देख-देखकर मैं तंग आ चुकी थी और फिर तब मैंने फैसला लिया कि अब मैं लोगों के साथ घूमने तब ही जाउंगी जब मैं अपना कुछ वजन कम कर लुंगी।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)
आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?
अगले दस सालों में, मैं अपने आपको फिट देखना चाहती हूं और मैराथन में हिस्सा लेना चाहती हूं।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)
जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए अपने क्या क्या किया?
मैंने बाहर का खाना खाना बंद कर दिया था, क्योंकि उससे आपको किसी भी तरह का पोषण नहीं मिलता है। मैं रोजाना अपना डाइट प्लान अपनाती थी और वर्कआउट भी किया करती थी। एक अनुशासित जीवन आपको क्या दे सकता है यह चीज मुझसे बेहतर कोई नहीं जान सकता। इसलिए आप भी हर चीज का पालन करें। 
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)
आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?
अधिक वजन की वजह से एक रात मैं बेहद रोने लगी थी। तब मैंने सोचा कि अब मुझे अपने खुद के लिए कुछ करना चाहिए और वजन कम करना मेरे लिए बहुत बड़ा फैसला था।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)
वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?
यह बहुत ही लंबी और मुश्किल यात्रा होती है लेकिन आखिर में इसके परिणाम सकारात्मक और सुखद होते हैं। साथ ही आपको खुद को सजा देने की जरूरत नहीं है। अलग-अलग तरह के वर्कआउट करें जो आपको सूट करते हैं। फिटनेस कोई लक्ष्य नहीं है जिसे आपको हासिल करना है, यह एक जीवनशैली है। चीजे रातों रात नहीं बदलती आपको धैर्य के साथ लगातार प्रयास करना पड़ता है।
(और पढ़ें - हिप्स को कम करने के टिप्स)
.........................
आशा करते हैं कि आपको निशा के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।
अगर आपके प��स भी अपनी या अपने किसी मित्र, परिवार के सदस्य या परिचित की कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, तो हमसे ज़रूर शेयर करें। आप अपनी कहानी हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via https://www.myupchar.com/weightloss/how-did-nisha-reduce-25-kilos-of-weight
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trendswire · 2 years ago
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jodhpurnews24 · 6 years ago
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रोगी लें संतुलित और पाचक आहार
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हेपेटाइटिस की बीमारी में लिवर की कार्यप्रणाली प्रभावित होने के कारण यह अंग अपना काम ठीक तरह से नहीं कर पाता। ऐसे में मरीज को बेहद संतुलित और पाचक आहार की जरूरत होती है जो सुपाच्य होने के साथ उसके शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी दे सके। जान���े हैं इस रोग में खानपान के सही तरीके व महत्त्व के बारे में।
ये हो सुबह का नाश्ता
इस रोग में मरीज की पाचनशक्तिकमजोर हो जाती है और उसके शरीर में कैलोरी की मांग भी बढ़ जाती है। इसलिए उसे अधिक से अधिक कैलोरीयुक्तआहार देना चाहिए। ऐसे में सूजी की खीर, दूध दलिया, केला, ब्रेड जैम आदि नाश्ते में दे सकते हैं।
ढाई घंटे का अंतराल जरूरी
लिवर में गड़बड़ी के कारण ज्यादातर रोगी चीजों को एक बार में नहीं खा पाते। ऐसे में उनकी डाइट के बीच में करीब ढाई घंटे का अंतर जरूर रखें। नाश्ते के ढाई घंटे बाद उन्हें भोजन में मूंग की दाल या इसी दाल से बनी खिचड़ी और उपमा आदि दे सकते हैं। उनके खाने में चिकनाई व मिर्च-मसालों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
नमक भी बेहद कम होना चाहिए क्योंकि ऐसे भोजन को पचने में काफी मुश्किल होती है। इसके साथ डाइट में जैली, रसगुल्ला, कस्टर्ड जैसी मीठी चीजों को शामिल करें ताकि शरीर में कैलोरी की मांग पूरी होती रहे। रात के भोजन में दोपहर वाले खाद्य पदार्थों के अलावा लौकी, टिंडे व तुरई आदि की बिना मसाले व तेल की सब्जी भी दी जा सकती है।
रोगी को रोटी भी न दें क्योंकि उसे पचाने में भी दिक्कत हो सकती है। तबीयत में सुधार होने पर रात के भोजन में सब्जी या मूंग की दाल के साथ एक पतली रोटी को शामिल किया जा सकता है।
तरल पदार्थ देते रहें
शरीर में पानी की कमी न हो इसलिए हर दो घंटे में लिक्विड डाइट (तरल पदार्थ) देते रहनी चाहिए। तरल पदार्थ लेने से मरीज में पानी की कमी दूर होने के साथ-साथ यूरिन के माध्यम से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। कई बार हालत गंभीर होने पर मरीज खाना नहीं खा पाता। ऐसे में उसे तरल पदार्थों के भरोसे ही रहना पड़ता है। इसलिए लिक्विड डाइट के रूप में उसे नारियल पानी, मीठी लस्सी, छाछ व सेब का जूस देना चाहिए। इससे उसके शरीर में तरल पदार्थों की पूर्ति के साथ कैलोरी भी पहुंचती रहती है।
एक माह तक परहेज जरूरी
बीमारी से ठीक होने के बाद लिवर कुछ समय तक के लिए कमजोर रहता है इसलिए व्यक्तिको कम से कम एक माह तक बाहर के खाने से परहेज करना चाहिए। घर का बना खाना ही खाएं व जूस आदि भी घर पर निकाला हुआ ही लें क्योंकि बाहर का भोजन अधिक चिकनाईयुक्त व मसालेदारहोता है और आसानी से पच नहीं पाता।
  स्ट्रीट फूड आदि में दूषित पानी व साफ-सफाई का ध्यान न रखे जाने की आशंका रहती है जिससे लिवर में दोबारा संक्रमण होने का खतरा हो सकता है। इसके अलावा बाजार में बिकने वाला फू्रट चाट या कटे हुए खीरे, ककड़ी सलाद आदि को खाने से बचना ही बेहतर होगा।
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crazyindia · 8 years ago
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(via https://www.youtube.com/watch?v=5caz856wbBo)
रात को नहीं खानी चाहिए ये 10 चीजें और अगर इन चीजों को करेंगे डिनर में शामिल तो हरदम रहेंगे फिट Download our Mobile App for all Video: - https://goo.gl/txgp3K Find us on Facebook: - https://facebook.com/healthsolution.co.in हर व्यक्ति की खाने से जुड़ी अपनी अलग आदतें होती हैं। इसलिए कुछ लोग शाम के समय जल्दी खाना खा लेते हैं, जबकि कुछ लोग देर से खाते हैं। शरीर पर इन आदतों का तो असर पड़ता ही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपने रात को जो खाना खाया है, उसका सीधा असर आपकी नींद पर पड़ता है। जी हां, रात को सोने से पहले आपने जो खाना खाया है, यदि ठीक नहीं है तो आपको बहुत जल्दी गहरी नींद नहीं आएगी। For More Visit https://doctorfit.co.in 1. पास्ता एक झट से तैयार होने वाला व्यंजन है, इसीलिए कई बार लोग देर रात को पास्ता खाकर सो जाते हैं, जबकि पास्ता में बहुत ज्यादा कार्बोहाइड्रेट व अन्य कई ऐसे पदार्थ होते हैं जिन्हें शरीर जल्दी से नहीं पचा पाता है। देर रात इसके सेवन से कब्ज व हाइपर एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 2. ज्यादा मसालेदार खाना या मिर्च युक्त खाना भी रात के समय शरीर में पित्त बढ़ाने का काम करता है। जब मिर्ची को अन्य विशेष घटकों के साथ मिलाया जाता है तो यह बहुत स्वास्थ्यप्रद और लाभकारी होती है, लेकिन अधिक मिर्च व मसाले वाला खाना बहुत हानिकारक होता है। 3. देर रात को मिठाई खाना भी सेहत की लिए ठीक नहीं होता है। मिठाई खाने से दांत खराब हो सकते हैं। मोटापा बढ़ता है। साथ ही, शरीर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। 4. नूडल्स में बहुत हाई-कैलोरी होती है। इसलिए इनका सेवन सोने से पहले नहीं करना चाहिए। जब आपको भूख लगती है तो यह एकमात्र ऐसा पदार्थ है, जो 30 मिनिट से भी कम समय में तैयार हो जाता है, लेकिन यह ध्यान रखें कि नूडल्स में कार्बोहाइड्रेट बहुत अधिक मात्रा में होता है जो वसा में बदल जाता है। सोने से पहले नूडल्स खाने से पेट से जुड़ी अनेक समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सोने से पहले उच्च वसा युक्त पदार्थ से दूर रहना चाहिए। 5. नॉनवेज प्रोटीन और आयरन का बहुत अच्छा स्रोत है। यही कारण है कि रात के समय इसकी अधिक मात्रा लेने पर शांत और आरामदायक नींद नहीं आती है। 6. ज्यादा फाइबर वाली सब्जियां या खाद्य पदार्थ जैसे ब्रोकोली, प्याज, पत्तागोभी आदि का सेवन रात को सोने से पहले नहीं करना चाहिए। दरअसल, इनमें जल्दी न पचने वाले फाइबर (रेशे) की मात्रा बहुत अधिक होती है। इस वजह से आप बहुत अधिक समय तक पेट भरा हुआ महसूस करते हैं। रात में इन्हें खाने से पाचन तंत्र में फाइबर की गति बहुत कम होती है। इसके कारण पेट फूलने जैसी समस्या हो सकती है। 7. चीज बर्गर में अधिक मात्रा में वसा होती है। इस वजह से रात के समय इसे खाने से इसका ठीक स��� पाचन नहीं हो पाता है। इससे पेट से जुड़ी कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। 8. स्नैक्स, चिप्स आदि का सेवन भी सोने से पहले करन��� से शरीर को नुकसान होता है, क्योंकि इनमें बहुत अधिक मात्रा में मोनोसोडियम ग्लूटामेट होता है। इसके कारण नींद से संबंधित विभिन्न प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं। इन चीजों को करेंगे डिनर में शामिल तो हरदम रहेंगे फिट 1. फिट रहने के लिए ऐसा हो रात का भोजन आमतौर पर लोग नाश्ता लाइट और रात का भोजन हैवी करते हैं जबकि होना इसका उल्टा चाहिए। क्या आप सचमुच ये जानने के इच्छुक हैं कि रात के समय ऐसी क्या चीजें खाएं जिससे आप फिट भी रहें और बॉडी शेप में भी रहे। 2. हेल्दी डिनर हो आज हम आपको बताएंगे रात के समय खाने में किन चीजों का खास ख्याल रखना चाहिए और किन चीजों को करने से बचना चाहिए। जानिए, कुछ टिप्स जिससे आपका रात का भोजन बना सकता है आपको हेल्दी। 3. कैलोरी अगर आप फिट और हेल्दी रहना चाहते हैं तो आपको रात के समय सिर्फ 450 से 500 कैलोरी तक के फूड ही खाने चाहिए। अगर आप अपनी बॉडी पर वर्क कर रहे हैं और वजन भी नियंत्रित कर रहे हैं तो आप 550 कैलोरी तक खा सकते हैं। 4. कार्ब्स डिनर में अधिकत्तर कार्ब्स खाएं। डिनर का 45 से 55 फीसदी हिस्सा कार्ब्स फूड्स से भरपूर होना चाहिए। यानी 50 से 75 ग्राम कार्ब्स। आप रात में कार्बोहाड्रेट खाने से घबराएं नहीं। आमतौर पर लोग सोचते हैं कि रात में कार्ब्स खाने से वजन बढ़ जाता है। 5. ऊर्जा बनाए रखने के लिए कार्ब्स जरूरी लेकिन आप कार्ब्स की कम कैलोरी लेंगे तो आप फिट रहेंगे क्योंकि शरीर की ऊर्जा बनाए रखने के लिए कार्ब्स भी जरूरी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी रात में खाने के बाद मिठाई और चिप्स की ललक को कम करना है तो डिनर में कार्ब्स का होना बहुत जरूरी है। 6. प्रोटीन फिट रहने के लिए रात के खाने में 20 से 25 फीसदी प्रोटीन युक्त फूड शामिल होना चाहिए। यानी 25 से 35 ग्राम प्रोटीन का सेवन रात में जरूर करें। प्रोटीन के सेवन से मांसपेशियों को मजबूत बनाएं रखने में मदद मिलती है और रात में मांसपेशियों के पुनर्निर्माण में प्रोटीन मददगार है। 7. डिनर में प्रोटीन इसलिए जरूरी डिनर में प्रोटीन होने से आपको खाने के बाद संतुष्टि मिलती है और दोबारा कुछ ओर खाने का मन नहीं करता। # do not eat-these 10 food in night,# रात को नहीं खानी चाहिए ये 10 चीजें,#इन चीजों को करेंगे डिनर में शामिल तो हरदम रहेंगे फिट,# 20 best ways detox your body,#crazy india,#health solution,#health tips,#www.doctorfit.co.in,#how to cure health problems solution with home remedy,#how to gety rid from health problems solution with home remedy,#amazing home remedy for detox body,#ayurveda for healthy life,#what things are eat in night,how to get rid from disease with home remedy, Video Link:- https://youtu.be/5caz856wbBo Channel Link: - https://www.youtube.com/c/crazyindiahealth
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gethealthy18-blog · 5 years ago
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
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क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi
क्या कीटो डाइट आसानी से वजन घटाने में मदद करती है? – Keto Diet in Hindi Arpita Biswas Hyderabd040-395603080 December 30, 2019
आजकल लोग वजन घटाने या खुद को फिट रखने के लिए कई तरीके आजमाते हैं। कोई जिम जाता है, कोई योग करता है, तो कोई डाइट पर ध्यान देता है। लगभग हर व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए अपने आहार पर ध्यान देता है। अगर डाइट प्लान की बात करें, तो अभी के जमाने में कई तरह की डाइटिंग चलन में हैं। उन्हीं में से एक है कीटो डाइट, जिसे कीटोजेनिक डाइट भी कहा जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम कीटो डाइट संबंधी सभी जरूरी जानकारी जैसे – कीटो डाइट प्लान क्या है, कीटो डाइट चार्ट में कौन सी ��ीजें हो सकती है, कीटो डाइट के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं आदि के बारे में जानने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं अगर कीटो डाइट के नुकसान हैं, तो हम उस बारे में भी बात करेंगे। इसलिए, कीटो डाइट प्लान से संबंधित सभी जानकारियों के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।
सबसे पहले जानते हैं कि कीटो डाइट क्या है।
विषय सूची
कीटो डाइट प्लान क्या है? – What Is Keto Diet In Hindi
कीटोजेनिक आहार में लोग प्रतिदिन कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट, एक मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में वसायुक्त आहार का सेवन करते हैं। इसका मतलब यह है कि शरीर एनर्जी के लिए फैट को अधिक बर्न करता है। फिर केटोसिस नामक एक प्रक्रिया में इसे ‘कीटोन बॉडीज’ या कीटोन में तोड़ता है। कीटोजेनिक आहार में लोग आमतौर पर प्रतिदिन केवल 20 से 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट खाते हैं। उदाहरण के रूप में ब्रेड के 2 स्लाइस और एक केले का सेवन मतलब 50 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेना है (1)।
कीटोजेनिक डाइट 4 प्रकार के होते हैं (2): 
स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (Standard ketogenic diet-SKD)- इसमें कम कार्बोहाइड्रेट, मध्यम मात्रा में प्रोटीन और उच्च मात्रा में फैट लिया जाता है। इसमें आमतौर पर 70 प्रतिशत वसा, 20 प्रतिशत प्रोटीन और केवल 10 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट लिया जाता है।
साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (Cyclical ketogenic diet-CKD) – इसमें कीटोजेनिक डाइट साइकिल के बीच उच्च कार्बोहाइड्रेट का सेवन भी शामिल है। उदाहरण के लिए हफ्ते में 5 दिन कीटोजेनिक डाइट और दो दिन उच्च कार्बोहाइड्रेट डाइट।
टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (Targeted ketogenic diet -TKD)- इसमें एक्सरसाइज के साथ-साथ अतिरिक्त कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जा सकता है।
हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (High-protein ketogenic diet-HPKD)- इसमें प्रोटीन का सेवन अधिक किया जाता है। लगभग 60 प्रतिशत फैट, 35 प्रतिशत प्रोटीन और 5 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल हैं। इसके बावजूद यह अधिक फैट वाली डाइट है।
नोट : स्टैंडर्ड कीटोजेनिक डाइट (SKD) और हाई प्रोटीन कीटोजेनिक डाइट (HPKD) का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। साइक्लिकल कीटोजेनिक डाइट (CKD) और टार्गेटेड कीटोजेनिक डाइट (TKD) हाल ही में चर्चा में आ��� हैं। इन्हें ज्यादातर बॉडीबिल्डर या फिर एथलीट अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं।
अब बारी आती है कीटो डाइट के फायदे जानने की।
कीटो डाइट प्लान के फायदे – Keto Diet Benefits In Hindi
लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट के फायदे के बारे में जानकारी दे रहे हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट प्लान के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं (1) (2) (3) (4)।
वजन कम करने में मददगार हो सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकती है।
कोलेस्ट्रॉल में सुधार करने में सहायक हो सकती है।
कैंसर के जोखिम को कम करने या कैंसर के उपचार के लिए लाभकारी हो सकती है।
अल्जाइमर से बचाव के लिए मददगार हो सकती है।
मिर्गी के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस ��े लिए कीटो डाइट प्लान।
4 हफ्ते का नमूना कीटो डाइट प्लान – Sample Keto Diet Plan in Hindi 
ध्यान रहे कि यहां कीटो डाइट चार्ट को एक नमूने के तौर पर तैयार किया गया है। इसमें मौजूद सामग्रियों व उसकी मात्रा में आहार विशेषज्ञ की सलाह और व्यक्ति के उम्र, जरूरत व स्वास्थ्य के अनुसार बदलाव किया जा सकता है। हर व्यक्ति का शरीर और खाने की पसंद एक जैसी नहीं होती है, इसलिए इन कीटो डाइट चार्ट में बदलाव संभव है।
पहला सप्ताह:
समय डाइट सुबह 7 बजे ●     गर्म या गुनगुने पानी के साथ नींबू
या फिर
●     गर्म या गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण
नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 उबला अंडा + केल स्मूदी
या फिर
●     नारियल का दूध, चिया हलवा या पुडिंग थोड़े से नारियल और अखरोट के साथ
या फिर
●     बादाम दूध, हरी सब्जियां, बादाम मक्खन के साथ बनाई गई स्मूदी
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     सब्जियों का सूप
या फिर
●     मशरूम और सलाद पत्तों का सलाद उच्च वसा के ड्रेसिंग के साथ
या फिर
●     हाई फैट ड्रेसिंग के साथ चिकन, गाजर, शिमला मिर्च और हरी बीन्स की सलाद
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ●     1 कप ग्रीक योगर्ट और 2 बादाम शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●      1 कप ग्रीन टी में थोड़ा नींबू का रस रात का खाना 7:30 बजे ●     झींगा और जूड्ल्स (एक प्रकार का नूडल्स)
या फिर
●     एवोकैडो और उबली हुई ब्रोकली साथ में थोड़ा ओलिव ऑयल
या फिर
●     मशरूम और क्रीम सूप
कैसे लाभकारी हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के पहले हफ्ते में वजन में ज्यादा कमी हो सकती है, क्योंकि कम कार्ब वाला आहार खाने से शरीर से अतिरिक्त पानी बाहर निकल जाता है। इतना ही नहीं लिवर से अतिरिक्त सोडियम भी निकलता है। इससे तेजी से वजन कम होने में मदद मिल सकती है। शरीर में उत्पादित अतिरिक्त कीटोन्स जमा नहीं होते हैं, बल्कि मूत्र के जरिए बाहर निकल जाते हैं। चयापचय को बढ़ावा देने और फैट को बर्न करने के लिए हर रोज खूब सारा प्रोटीन युक्त और अच्छे फैट वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। पूरे दिन में 6 मील लें। जैसे कि इस डाइट में कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में बताया गया है। शरीर को पोषण देने के लिए आहार में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल किया जा सकता है। एक हफ्ते के लिए तैयार किए गए इस कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस से शरीर को ऊर्जा मिल सकती है।
दूसरा सप्ताह:
समय  डाइट प्रातः सुबह 7 बजे गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     गुनगुने या गर्म पानी के साथ एक चम्मच सेब का सिरका
या फिर
●     कार्बनिक मेपल सिरप के साथ 1 कप हर्बल टी + 1 क्रीम चीज़ पैनकेक
या फिर
●     एक पूरा उबला हुआ अंडा और एक गिलास दूध या सोया दूध
या फिर
●     1 कप बुलेटप्रूफ कॉफी + क्रिस्पी फूलगोभी के पकौड़े
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     एवोकैडो और टमाटर के साथ सलाद पत्तों का टैको (मकई या गेहूं से बनी एक प्रकार की रोटी, जिसमें वेज या नॉन-वेज की फिलिंग हो सकती है)
या फिर
●     भूना हुआ चिकन और सब्जियां
या फिर
●     ब्रोकली और हरी बीन्स के साथ ग्रील्ड चिकन के साथ अच्छा उच्च फैट सॉस
दोपहर के भोजन के बाद 2:30 बजे ●     1 छोटी कटोरी फ्लेवर्ड दही शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●     2 अलसी की कूकीज + 1 कप मसालेदार चाय या हर्बल टी रात का खाना 7:30 बजे ●     गाजर और हरी सब्जियों के साथ ग्रील्ड मछली
या फिर
●     ताजा क्रीम के साथ बटरनट (अखरोट) स्क्वैश सूप
●     लौकी और फूलगोभी के साथ दाल का सूप
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
पहले हफ्ते की तरह ही दूसरे हफ्ते में भी 6 मील खाने की आवश्यकता है। साथ ही दिन में दो बार हर्बल टी का सेवन करें। ध्यान रहे कि सही मात्रा में प्रोटीन का भी सेवन किया जाना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट की न्यूनतम मात्रा भी आवश्यक है, इसलिए सब्जियों का सेवन भी सही तरीके से करना जरूरी है। हर्बल टी के बजाय बुलेटप्रूफ कॉफी (मक्खन वाली कॉफी) भी ली जा सकती है। सामान्य ब्लैक कॉफी में मक्खन, नारियल तेल और क्रीम को मिलाकर बुलेटप्रूफ कॉफी बनाई जाती है। इससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त हो सकती है।
तीसरा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ●     नींबू और आर्गेनिक शहद के 1 बड़े चम्मच के साथ गर्म या गुनगुना पानी नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 कप ग्रीन टी + 1 उबला अंडा + पालक की स्मूदी
या फिर
●     1 मध्यम कटोरे में क्विनोआ घी में पकाई गई सब्जियां
दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     2 बादाम या 1 कप ग्रीक योगर्ट शाम के स्नैक्स 5:00 बजे ●     1 कप ग्रीन टी रात का खाना 7 बजे ●     ग्रील्ड चिकन सलाद अच्छी उच्च वसा ड्रेसिंग के साथ
●     सोया चंक रैप (गेहूं के फ्लैट ब्रेड का उपयोग करें)
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
तीसरा हफ्ता पहले दो हफ्ते के ही समान होता है, लेकिन सेवन की जाने वाली कैलोरी की संख्या के आधार पर यह काफी अलग होता है। इस हफ्ते में दोपहर के खाने के बाद छोटे मील को हटाया जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर भारी नाश्ते से मिली ऊर्जा का उपयोग करे और खाने को पचने में भी आसानी हो। इसके बाद प्रोटीन युक्त डिनर से शरीर को फिर से एनर्जी मिल सकती है।
चौथा सप्ताह:
प्रातः सुबह 7 बजे ●     नींबू पानी के साथ अलसी बीज का चूर्ण नाश्ता सुबह 8:30 बजे ●     1 कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफी दोपहर का भोजन 12:30 बजे ●     1 सेब या 1 गिलास छाछ रात का खाना 7 बजे ●     चिकन सूप + फ्रूट कस्टर्ड
या फिर
●     पालक, लहसुन, खट्टा क्रीम और पारमेसन चीज़ + फ्लेवर्ड दही के साथ मसली हुई गोभी
या फिर
●     स्मोक्ड चिकन + हरी सब्जियां + 1 मध्यम आकार की चॉकलेट ब्राउनी
कैसे फायदेमंद हो सकती है?
कीटो डाइट प्लान के चौथे सप्ताह में हाई फैट, उच्च प्रोटीन और कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थ खाने की आवश्यकता होती है। इस हफ्ते में काफी हद तक वजन कम हो सकता है, क्योंकि किटोसिस फैट को बर्न करने में मदद कर सकता है। यह वह सप्ताह है, जब कीटो डाइट प्लान के साथ नियमित व्यायाम करने वालों को सबसे अधिक फायदा हो सकता है।
ये तो थे हफ्ते के अनुसार कीटो डाइट चार्ट के नमूने। अब बारी आती है यह जानने की कि कीटो डाइट में और क्‍या-क्या खा सकते हैं।
कीटो डाइट में क्‍या खाएं – Foods to Eat on the Keto Diet In Hindi
नीचे हम कीटो डाइट प्लान में खाए जाने वाले कुछ खाद्य पदार्थों की सूची शेयर कर रहे हैं (2) (5) (6)।
हरी सब्जियां जैसे – पालक, खीरा, ब्रोकली, स्प्राउट्स, शिमला मिर्च, मशरूम, गोभी
चिकन
साबुत अनाज
नट्स जैसे – बादाम, अखरोट
बीज
जैतून का तेल
तरह-तरह के फल
खूब सारा पानी
लेख के अगले भाग में जानिए कि कीटो डाइट प्लान में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कीटो डाइट में क्‍या न खाएं – Foods to Avoid on the Keto Diet In Hindi
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें (7)।
शराब का सेवन न करें।
सॉफ्ट ड्रिंक या सोडायुक्त पेय पदार्थों से दूर रहें।
तले-भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें।
बाहर का खाना या जंक फूड का सेवन न करें।
ज्यादा मसाले वाले खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
ज्यादा सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें।
नोट : अगर कीटो डाइट चार्ट में मौजूद किसी खाद्य पदार्थ से किसी व्यक्ति को एलर्जी है, तो उसका सेवन न करें। कीटो डाइट प्लान के बारे में आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें। कीटो डाइट प्लान की कई चीजें व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करती है। इसलिए, बेहतर है कि कीटो डाइट प्लान शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
लेख के आगे के भाग में जानिए कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के लिए किस तरह की एक्सरसाइज और योग फायदेमंद हो सकते हैं।
वजन घटाने के लिए कीटो डाइट के साथ कुछ व्यायाम और योगासन
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस में अगर व्यायाम या योग को शामिल कर लिया जाए, तो उसका प्रभाव और जल्दी दिख सकता है। साथ ही इन्हें सही प्रकार से करना भी जरूरी है। व्यायाम या योग न सिर्फ मोटापे को कम करने में मदद कर सकते हैं, बल्कि अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से भी बचाव करने में मदद कर सकते हैं (8) (9) (10) (11) (12)।
नीचे हम चार हफ्तों में किए जाने वाले कुछ आसान व्यायाम व योग के बारे में जानकारी दे रहे हैं। पहले तीन हफ्ते मुश्किल व्यायाम किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि चौथे सप्ताह में हल्के-फुल्के स्ट्रेचिंग योगासन का सहारा लें, क्योंकि चौथे सप्ताह में व्यक्ति लिक्विड डाइट पर रहता है।
पहला हफ्ता – वॉर्मअप + जॉगिंग + रनिंग + जंपिंग जैक + रस्सी कूदना
दूसरा हफ्ता – वॉर्मअप + रस्सी कूदना + स्क्वाट + पुश अप + एरोबिक्स
तीसरा हफ्ता – वॉर्मअप + सीढ़ी चढ़ना + पुश अप + कार्डियो
चौथा हफ्ता – वॉर्मअप + योग + चलना + ध्यान लगाना या मेडिटेट करना
नोट : कोई भी एक्सरसाइज या योगासन करने से पहले किसी विशेषज्ञ द्वारा राय जरूर लें। साथ ही किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें। साथ ही व्यक्ति अपने उम्र और स्वास्थ्य के अनुसार व्यायाम या योग के बारे में विशेषज्ञ की सलाह ले सकता है।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस कुछ लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए, लेख के इस भाग में हम कीटो डाइट प्लान से संबंधित कुछ टिप्स दे रहे हैं।
कीटो डाइट के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Keto Diet in Hindi
कीटो डाइट प्लान के शुरुआत में कुछ परेशानियां हो सकती है। ��संद की चीजें खाने का मन हो सकता है। ऐसे में इधर-उधर की चीजों में मन लगाकर ध्यान भटकाने का प्रयास करें।
कीटो डाइट प्लान का प्रभाव और अच्छा हो, उसके लिए नियमित व्यायाम व योग करें। चाहें तो जिम या योग सेंटर भी जॉइन कर सकते हैं।
नियमित रूप से पानी पिएं।
कीटो डाइट प्लान के साथ शरीर को आराम भी दें।
कीटो डाइट प्लान के साथ जीवनशैली में भी बदलाव किया जा सकता है। बाहर खाने की जगह बेहतर है कि घर में ही बना खाना खाएं।
एक कप कॉफी और सैंडविच के लिए कॉफी शॉप जाने की जगह घर में ही कॉफी बनाए और साथ में अंडे या हरी सब्जियों का सैंडविच बनाकर खाएं।
सही वक्त पर खाना खाएं।
कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के शुरुआत से ही हर दिन या हर हफ्ते वजन चेक करें और उसे लिखते जाएं। इससे पता चलेगा कि कीटो डाइट फॉर वेट लॉस का कितना असर हो रहा है।
सही वक्त पर सोएं और सुबह उठें। ध्यान रहे कि नींद पूरी करें।
कीटो डाइट प्लान हर किसी के लिए आसान नहीं है, क्योंकि इसमें कई चीजों को खाने में रोक लगी होती है। ऐसे में इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जिसके बारे में लेख के इस भाग में जानकारी दी जा रही है।
कीटो डाइट प्लान के नुकसान – Keto Diet Plan Side Effect In Hindi
हर चीज के दो पहलू होते हैं एक फायदा और एक नुकसान। उसी तरह कीटो डाइट के फायदे हैं, तो कुछ नुकसान भी हैं। नीचे पढ़ें कीटो डाइट के नुकसान (6) (7)।
पोषक तत्वों की कमी
मतली या उल्टी
सिरदर्द
थकान
मूड स्विंग्स या चिड़चड़ापन
चक्कर आना
थकान
कब्ज
अनिद्रा
कीटो डाइट के फायदे जानने के बाद कई लोग इसे फॉलो करना चाहेंगे। उससे पहले कीटो डाइट प्लान को आजमाने के लिए कीटो डाइट चार्ट के बारे में आहार विशेषज्ञ से सलाह लें। साथ ही कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस को अगर सही तरीके से किया जाए, तो इसका असर शरीर पर कुछ ही वक्त में दिख सकता है। ध्यान रहे कि कीटो डाइट के साथ सावधानी जरूरी है, क्योंकि कीटो डाइट के नुकसान भी हैं। इसलिए, डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार कीटो डाइट प्लान को फॉलो करें। अगर डाइट के दौरान कोई भी असुविधा महसूस हो, तो तुरंत विशेषज्ञ से इस बारे में बात करें। कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर आप अपने अनुभव नीचे दिए कमेंट बॉक्स की मदद से हमारे साथ जरूर शेयर करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या कीटो डाइट सुरक्षित है?
हां, कीटो डाइट सुरक्षित है (5)। हालांकि, यह व्यक्ति के उम्र और स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि उसके लिए कीटो डाइट सुरक्षित है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि इस बारे में अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
कीटो डाइट का पालन कर मैं कितना वजन कम कर सकता हूं?
अगर कीटो डाइट प्लान को सही तरीके से फॉलो किया जाए और साथ में व्यायाम किया जाए, तो पहले दो हफ्ते में 4.5 किलो तक वजन कम हो सकता है (7)।
मैं तीन सप्ताह के लिए कीटो डाइट पर हूं, लेकिन मेरा वजन कम नहीं हुआ है । कृपया मदद करे।
कम कार्ब आहार पर वजन कम न होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे एक दिन में कम कार्ब के खाद्य पदार्थों का सेवन करना, बहुत से फल खाना, पर्याप्त व्यायाम न करना, बहुत अधिक या बहुत कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाना, हर हफ्ते बहुत से चीटमील खाना, बहुत ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन। इतना ही नहीं तनाव, हार्मोनल असंतुलन और पर्याप्त नींद नहीं लेना भी कारण हो सकता है। इसलिए, कम से कम तीन दिन तक आप अपनी दिनचर्या, पूरे दिन किन खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं और ऐसी ही अन्य छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों को एक जगह नोट करते जाएं। इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से इस बारे में बात कर सकते हैं।
क्या मिर्गी रोगी कीटो डाइट कर सकते हैं ?
कभी-कभी जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो मिर्गी रोग से ग्रस्त बच्चों को डॉक्टर कीटो डाइट की सलाह देते हैं (7)। अगर किसी भी व्यक्ति के घर में कोई मिर्गी रोगी है, तो उसे कीटो डाइट का पालन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ।
बॉडी बिल्डिंग के लिए एक सही किटोजेनिक डाइट प्लान क्या है?
अगर कोई व्यक्ति बॉडी बिल्डिंग में रुचि रखता है, तो सबसे पहले उसे शरीर से फैट कम करना होगा। ऊपर बताए गए कीटो डाइट प्लान में कम कार्ब, उच्च फैट और मध्यम मात्रा में प्रोटीन लेने की सलाह दी गई है। फैट को कम करने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले 5-सप्ताह केटोजेनिक आहार योजना से शुरुआत करनी होगी। एक बार जब शरीर का फैट बर्न होने लगता है और काफी फैट कम हो चुका होता है, तब बारी आती है विटामिन, खनिज और प्रोटीन सप्लीमेंट (यदि आवश्यक हो) के साथ उच्च प्रोटीन आहार लेने की। फिर भी हम यही सुझाव देंगे कि पहले अपने डॉक्टर, डायटीशियन या जिम ट्रेनर से मिलकर इस बारे में बात की जाए। वो व्यक्ति के स्वास्थ्य के अनुसार बेहतर जानकारी दे सकते हैं।
क्या मैं बच्चे के जन्म के बाद वजन कम करने के लिए कीटो डाइट प्लान को फॉलो कर सकती हूं?
नहीं, डिलीवरी के ठीक बाद आपके बच्चे को पोषण की आवश्यकता होगी। आप जो पौष्टिक और पूर्ण आहार लेंगी वही आपके शिशु को मिलेगा। ऐसे में अगर आप सही और पोषक तत्व युक्त आहार नहीं लेंगी, तो उसका प्रभाव आपके बच्चे पर हो सकता है। इसलिए, पर्याप्त प्रोटीन, वसा और कार्ब्स खाएं, ताकि आपका शिशु स्वस्थ रहे। डिलवरी के कुछ महीनों बाद आप डॉक्टर से परामर्श लें कि कीटोजेनिक डाइट आपके लिए सही है या नहीं। फिर डॉक्टर के कहे अनुसार ही डाइट का चुनाव करें।
क्या ज्यादा फैट युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से फैट बर्न हो सकता है?
हां, कीटो डाइट प्लान में अच्छे वसा शामिल हैं। इसमें ऐसे फैट शामिल हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं, जैसे – मोनोअनसैचुरेटेड फैट (1) (2)। इसके अलावा, दैनिक आहार में ओमेगा-3 फैटी एसिड को शामिल करें। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (13)।
क्या कीटो डाइट प्लान के दौरान शराब का सेवन किया जा सकता है ?
सप्ताह में सिर्फ एक बार एक छोटा गिलास वाइन का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए, बेहतर है कि आहार विशेषज्ञ या डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें। स्टाइलक्रेज अल्कोहल सेवन को बढ़ावा नहीं देता है।
क्या मुझे सप्लीमेंट लेने की भी जरूरत है?
यदि आप पहली बार कीटो डाइट कर रहे हैं या कम कार्ब आहार के लिए नए हैं, तो आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। आपके मांसपेशियों में ऐंठन महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको सप्लीमेंट की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन सप्लीमेंट के सेवन से पहले न्यूट्रिशनिस्ट या डॉक्टर से बात जरूर करें (1)।
मुझे कब्ज की शिकायत हो रही है। कृपया मदद करें।
आपको अधिक तरल पदार्थ (पानी, ताजे फलों जैसे – बेरीज) का सेवन करना चाहिए (5) (6)। ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। फाइबर न सिर्फ पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है, बल्कि कब्ज की परेशानी से भी राहत दिला सकता है (14) (15)। अगर समस्या ज्यादा बढ़े या ज्यादा दिन से है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
कीटोन्स को कैसे मापा जा सकता है?
कीटोन्स को मापने के लिए बाजार में कई उपकरण हैं, जैसे कि कीटोस्टिक्स (Ketostix)। आप उन्हें ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर से खरीद सकते हैं। इसका उपयोग करने से पहले पैकेट पर दिए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
कीटोसिस चरण में प्रवेश करने में कितने दिन लगेंगे?
कम कार्ब वाले आहार के सेवन के साथ अगर रोज व्यायाम भी किया जाए, तो कुछ ही दिनों में आप कीटोसिस चरण में प्रवेश कर जाएंगे। कीटो डाइट प्लान को अगर सही तरीके से फॉलो किया जाए, तो पहले ही दो हफ्तों में 4.5 (10 lbs) किलो वजन कम किया जा सकता है (7)। यह काफी हद तक व्यक्ति की दिनचर्या और वो किन चीजों का सेवन कर रहा है, उस पर भी निर्भर करता है। जब शरीर में जमा वसा ऊर्जा में परिवर्तित होने लगती है, तो कीटोन निकलने शुरू हो जाते हैं। इसे ही कीटोसिस चरण कहा जाता है।
मुझे घर में खाना बनाने का वक्त नहीं मिलता है। ऐसे में लो कार्ब डाइट को कैसे फॉलो किया जा सकता है?
आप नीचे बताए गए तरीकों को फॉलो कर सकते हैं (16) (17):
हाई कार्ब फूड्स जैसे कूकीज, केक, पेस्ट्री, पास्ता व ब्रेड से दूर रहें।
डिब्बा बंद व सोडा युक्त पेय पदार्थों का सेवन न करें।
अगर आप कहीं बाहर खाने जा रहे हैं, तो वेटर या शेफ से बात करें और अपने खाने की जरूरतों को समझाएं।
सहकर्मियों या दोस्तों के साथ डिनर या लंच के लिए बाहर जाते समय, कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों जैसे – चिकन, हरी सब्जियां व फलों के रस आदि को ऑर्डर करें।
ज्यादा मसाले वाले आहार से दूर रहें।
अंत में हमारा सुझाव है कि आप हरी सब्जियां, फल खरीदें। हर दिन बाहर या ऑफिस जाने से पहले उन्हें धोएं और काटकर जिपलॉक बैग में रख लें। बाहर के खाने से दूरी बनाएं और भूख लगने पर हरी सब्जियों की सलाद या फलों का सेवन करें। इसके अलावा, आप फ्रीज में भी एक दिन के लिए सब्जियां काटकर रख सकते हैं और जब आप घर आएं, तो उन पर जैतून का तेल और नींबू का रस मिलाकर उनका सेवन कर सकते हैं। आप अंडे उबालकर भी रख सकते हैं। इन चीजों से आप अपना काम आसान कर सकते हैं।
क्या ��ीटो डाइट प्लान में अच्छी मात्रा में प्रोटीन का सेवन किया जा सकता है?
कीटो डाइट प्लान में सीमित मात्रा में प्रोटीन के सेवन की सलाह दी जाती है (1)। उच्च प्रोटीन वाले आहार से बचें, क्योंकि प्रोटीन का अधिक सेवन शरीर को कीटोसिस स्टेट में जाने से बाधित कर सकता है (18)।
क्या कीटो डाइट प्लान फॉर वेट लॉस के दौरान बहुत अधिक पेशाब आना सामान्य है?
हां, कीटो डाइट के दौरान यह सामान्य बात है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होता है। इस डाइट में पहले हफ्ते में पेशाब बार-बार आता है, जिससे वजन कम हो सकता है (7)। बार-बार पेशाब जाना केटोसिस का संकेत हो सकता है, मतलब कि आपका शरीर केटोसिस स्टेट में प्रवेश कर चुका है। इसलिए, ध्यान रहे कि आप खूब पानी या अन्य पेय पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में पानी की कमी न हो।
कीटो डाइट फॉर वेट लॉस के दौरान इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई कैसे करें?
कीटो डाइट के दौरान व्यक्ति के शरीर से पानी और इलेक्ट्रोलाइट निकलते हैं, तो ऐसे में उनकी भरपाई भी जरूरी है। इस स्थिति में व्यक्ति मैग्नीशियम और पोटैशियम की खुराक व मल्टीविटामिन की खुराक ले सकता हैं। रोजाना दो कप सूप पिएं, अपने पीने के पानी या डिटॉक्स ड्रिंक में एक चुटकीभर नमक मिलाएं। ध्यान रहे कि अगर कोई व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डायबिटीज से पीड़ित हैं, तो नमक का उपयोग न करें। इसके अलावा, बाजार में उपलब्ध लो-सोडियम साल्ट जैसे लाइट साल्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कीटो फ्लू क्या है?
कीटो फ्लू शरीर में कीटोसिस का एक विशेष संकेत है। कीटो फ्लू कीटो डाइट प्लान शुरू करने के दो से सात दिन बाद दिखाई दे सकता है। इसके लक्षण कुछ इस प्रकार है (19):
सिरदर्द
नींद न आना
कब्ज
थकान
उल्टी या मतली
चिड़चिड़ापन
ऐसा अचानक डाइट में होने वाले परिवर्तन के कारण हो सकता है।
भोजन में कार्ब्स की गणना कैसे कर सकते हैं?
आप न्यूट्रीशन डेटा वेबसाइट पर ऑनलाइन जांच कर सकते हैं या ऑनलाइन टूल जैसे फिटनेस पाल टू कैलकुलेट दी टोटल कार्ब्स (fitness pal to calculate the total carbs) का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, विकल्प के तौर पर आप कम कार्ब वाले खाद्य पदार्थों के बारे में जानकर अपनी डाइट में कम कार्ब वाली सामग्रियों का चुनाव कर सकते हैं।
कीटो डाइट प्लान के लिए स्वस्थ फैट क्या है?
नीचे हम कुछ स्वस्थ फैट युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जिनका सेवन आप कर सकते हैं। स्वस्थ फैट में मोनो-अनसैचुरेटेड और पोलीअनसैचुरेटेड फैट मौजूद है। इसका सेवन हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है (20) (21)।
जैतून का तेल
अलसी के बीज
सूरजमुखी के बीज का तेल
सोया
मकई
मछली
एवोकैडो
नट्स
कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण क्या हैं?
अगर बात करें कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के चरण की, तो लोगों के अनुभव के अनुसार आमतौर पर कीटो डाइट प्लान में वजन घटाने के तीन चरण होते हैं। ध्यान रहे कि इनके बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। इसलिए, हम लोगों के अनुभव के आधार पर इस बारे में बता रहे हैं।
तीन स्टेजेस कुछ इस प्रकार हैं :
रैपिड वेट लॉस स्टेज (Rapid weight loss stage) – इस चरण में व्यक्ति के शरीर से अधिक से अधिक पानी का वजन कम होगा। इसे कीटो डाइट प्लान का पहला चरण कहा जा सकता है।
कीटो अडैप्शन स्टेज (Keto-adaptation stage) – इस चरण में व्यक्ति का वजन घटना स्थिर हो सकता है। हालांकि, इस स्टेज में व्यक्ति का वजन बढ़ भी सकता है। इस स्टेज में शरीर नए ऊर्जा स्रोत और ऊर्जा के रूप में शुगर की कमी का अनुभव कर सकता है। यह लगभग एक सप्ताह तक चल सकता है।
कम्पलीट कीटो अडैप्शन स्टेज (Complete keto-adaptation stage) – इस स्टेज में शरीर मुख्य ऊर्जा स्रोत के रूप में कीटोन्स का उपयोग करना सीख जाता है। इस स्टेज में शरीर ज्यादा फैट बर्न कर सकता है। यह स्टेज तीसरे सप्ताह के मध्य से शुरू हो सकता है और चौथे सप्ताह तक रह सकता है। इस दौरान कुछ लोग वजन बढ़ने का या वजन न घटने का भी अनुभव कर सकते हैं, लेकिन इसमें कोई चिंता की बात नहीं है। यह वजन बढ़ाने या वजन कम न करने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। ध्यान रहे कि आप सही तरीके से डाइट का पालन करें और नियमित रूप से व्यायाम या योग करते रहें, ताकि वजन संतुलित रहे।
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Arpita Biswas
अर्पिता ने पटना विश्वविद्यालय से मास कम्यूनिकेशन में स्नातक किया है। इन्होंने 2014 से अपने लेखन करियर की शुरुआत की थी। इनके अभी तक 1000 से भी ज्यादा आर्टिकल पब्लिश हो चुके हैं। अर्पिता को विभिन्न विषयों पर लिखना पसंद है, लेकिन उनकी विशेष रूचि हेल्थ और घरेलू उपचारों पर लिखना है। उन्हें अपने काम के साथ एक्सपेरिमेंट करना और मल्टी-टास्किंग काम करना पसंद है। इन्हें लेखन के अलावा डांसिंग का भी शौक है। इन्हें खाली समय में मूवी व कार्टून देखना और गाने सुनना पसंद है।
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Source: https://www.stylecraze.com/hindi/vajan-ghatane-ke-liye-keto-diet-in-hindi/
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rajatgarg79 · 6 years ago
Text
बिना वर्कआउट नमिता ने घटाया अपना 29 किलो वजन जाने कैसे
नमिता को अपने अत्यधिक वजन की वजह से लोगों से बातें सुननी पड़ती थी और जब वो बाहर निकलती थी तो लोग उन्हें घूरते थे जिसकी वजह से उनक��� आत्म-विश्वास कम हो जाता था। लेकिन यह वही समय था जब नमिता ने वजन घटाने का फैसला लिया। मोटापे के कारण उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगी थी और ऐसे वक़्त में उन्हें ये भी लगता था कि बीमार रहने की वजह से कहीं उनकी मौत न हो जाए।
(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)
आइए आपको आगे नमिता की वेट लॉस यात्रा के बारें में बताते हैं:
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
2013 में मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी, टखनों में सूजन आने लगती थी और नींद भी अच्छे से नहीं आती थी, इन सभी चीजों को देखकर मैं अंदर से टूटती जा रही थी। अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है तो समाज आपके साथ अच्छे से पेश नहीं आएगा। बल्कि लोग आपको बेकार समझने लगते हैं। मैं तनाव में रहने लगी थी और इस वजह से मुझे कोई भी रास्त नहीं दिख रहा था। आखिर में मैंने वजन घटाने का फैसला लिया।
(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए डाइट चार्ट)
आप क्या खाती थी?
मेरा नाश्ता: मैं नाश्ते में दो अंडे या ऑमलेट के साथ-साथ कई मिक्स सब्जियां खाती थी और एक कप चाय भी पिया करती थी। मेरे मूड पर निर्भर करते हुए, मैं कभी-कभी डोसा, इडली और सांबर भी खा लिया करती थी। नाश्ते के कुछ घंटे बाद मैं एक कप ग्रीन टी के साथ दो कूकीज खाती थी।
मेरा दोपहर का खाना: एक रोटी, एक कटोरी चावल, एक कटोरी दाल या चिकन और हरी सब्जियां। साथ के साथ मैं गुलाब जामुन भी खाया करती थी।
मेरा रात का खाना: मैं आठ बजे तक अपना डिनर कर लिया करती थी। एक रोटी के साथ खूब सारी दाल या एक ���टोरी सब्जी। साथ ही मैं डिनर के बाद एक कप ग्रीन टी भी पीती थी।
चीट डेस के समय: शनिवार के दिन मेरा चीट डे होता था। मेरा जो मन होता था उस दिन मैं वो ही खाती थी। लेकिन उस दिन मैं ग्रीन टी भी पीती थी।
कम कैलोरी वाला आहार: मैं नमक और काली मिर्च मिलाकर उबला बिना जर्दी का सफेद अंडा खाती थी।
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क्या आप वर्कआउट करती थीं?
अपनी तीन साल की बेटी के आगे-पीछे घूमना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती होती थी और वो एक तरह से मेरा वर्कआउट ही होता था। 
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आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?
मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थी मेरे कपड़े जिनके साथ मुझे मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। वजन घटाने के बाद मेरे कपड़े आसानी से मुझे आने लगे थे। साथ ही वेट लॉस के बाद मुझे लोगों से तारीफें भी सुनने को मिलती थी जो कि मेरे लिए ये एक बहुत बड़ा प्रेरणा का स्रोत बन गया था। 
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आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?
मैं अपनी पुरानी तस्वीरों को देखती थी, इस तरह मैं अपने लक्ष्य के साथ डटी रहती थी। मुझे अब यकीन है कि मेरा वजन अब फिर से बढ़ने वाला नहीं है।
(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीएं)
अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?
अधिक वजन की वजह से सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब था जब मेरा आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान खोने लगा था।
(और पढ़ें - रात में सोते हुए कैसें वजन कम करें)
आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?
अब तो मैं अपना वजन इससे अधिक नहीं जाने देना चाहती हूं, वजन और कम करके हमेशा स्लिम व फिट रहना चाहती हूं।
(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए कितना पैदल चलना चाहिए)
जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या क्या किया?
जब मेरा वजन अधिक था तब मैं खुद की बॉडी को एक कूड़ादान समझती थी, लेकिन एक समय आया जब मुझे लगा कि अब मुझे अपने शरीर के बारें में सोचना चाहिए। इसलिए मैं हर घंटे पानी पीती थी। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से मुझे वजन घटाने में मदद मिली। मैं इस चीज पर भी ध्यान रखती थी की मैं कब क्या खा रही हूं और कब क्या खाना चाहिए। हालांकि वेट लॉस के दौरान स्वाद पर लगाम लगा पाना बेहद मुश्किल होता है।
(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए जड़ी बूटियां)
वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?
जब से मैंने वजन घटाया है तब से मेरा जीवन हर तरीके से बदल गया है। मैं अब स्वस्थ, खुश और आत्म-��िश्वास से भरी हुई हूं।
(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)
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आशा करते हैं कि आपको नमिता के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।
अगर आपके पास भी अपनी या अपने किसी मित्र, परिवार के सदस्य या परिचित की कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, तो हमसे ज़रूर शेयर करें। आप अपनी कहानी हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख via https://www.myupchar.com/weightloss/without-workout-namita-reduced-29-kg
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