#कभी दी गई खबर
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क्या ऐश्वर्या की भाई भाभी से नहीं बनती? इस तस्वीर ने चर्चा छेड़ दी
ऐश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन को लेकर बुरी खबर सामने आई है। कभी उनका तलाक तो कभी आराध्या बच्चन के साथ सिर्फ ऐश्वर्या नजर आने को लेकर कई तरह की चर्चाएं गर्म रहती हैं. वहां अंबानी की शादी में ऐश्वर्या और आराध्या दोनों अलग-अलग आईं। पूरा बच्चन परिवार अलग हो गया और ऐश और आराध्या भी अलग हो गईं। जिससे अक्सर ऐसी चर्चाएं गर्म हो गई हैं कि ऐश्वर्या की बच्चन परिवार या ननंद श्वेता नंदा से अनबन हो गई है। जब…
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Salaar 2: रिलीज़ डेट, कास्ट, स्टोरी और सब कुछ जो आपको जानना चाहिए! साल 2023 की सुपरहिट टॉलीवुड फिल्म Salaar: Part 1 – Ceasefire की शानदार सफलता के बाद, फैंस अब इसके सीक्वल, Salaar 2 का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। Salaar: Part 1 ने दुनिया भर में $100 मिलियन से ज्यादा की कमाई की और कई रिकॉर्ड तोड़े। इस सीक्वल को लेकर अभी से कई चर्चाएं और खबरें आ चुकी हैं। तो आइए जानते हैं Salaar 2 से जुड़ी सारी जानकारी—कब रिलीज़ होगी, कौन-कौन से कलाकार वापसी करेंगे, और इस बार की कहानी क्या होगी! Salaar 2: रिलीज़ डेट और फिल्मिंग की ताज़ा खबरें Salaar 2 की शूटिंग शुरू हो चुकी है! फैंस के लिए यह एक अच्छी खबर है कि Salaar 2 की शूटिंग 10 अगस्त 2024 से शुरू हो चुकी है। India Today के मुताबिक, प्रभास (Salaar) ने अपनी शूटिंग की शुरुआत कर दी है और डायरेक्टर प्रशांत नील फिर से इस सीक्वल की कमान संभाल रहे हैं। यह फिल्म भी Salaar: Part 1 – Ceasefire के सेट पर ही शूट की जा रही है, जिससे फैंस को उम्मीद है कि फिल्म का लुक और फील पहले जैसी ही होगी, लेकिन और भी ज़्यादा धमाकेदार एक्शन के साथ। Salaar 2 की आधिकारिक घोषणा हो चुकी है Salaar 2 की आधिकारिक घोषणा जनवरी 2024 में की गई थी। फिल्म के निर्माता विजय किरगंदूर ने बताया कि Salaar 2 का स्क्रिप्ट तैयार है और फिल्म की शूटिंग कभी भी शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा, "हम फिल्म को अगले 18 महीनों में रिलीज़ करेंगे, यानी कि Salaar 2 2025 में रिलीज़ होने की उम्मीद है।" इससे ये साफ़ हो गया कि Salaar 2 का निर्माण योजना से आगे बढ़ चुका है और अब सिर्फ शूटिंग और पोस्ट-प्रोडक्शन बाकी है। Salaar 2 की रिलीज़ डेट: कब आ रही है फिल्म? फैंस के लिए खुशखबरी है कि Salaar 2 की रिलीज़ की उम्मीद 2025 के गर्मियों में है। निर्देशक प्रशांत नील और निर्माता विजय किरगंदूर के मुताबिक, फिल्म की शूटिंग पूरी होने के बाद पोस्ट-प्रोडक्शन का काम शुरू हो जाएगा और इसे 2025 के मध्य में रिलीज़ किया जाएगा। Salaar 2 का कास्ट: कौन-कौन करेगा वापसी? प्रमुख किरदार और उनके अभिनेता फैंस के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि Salaar 2 में कौन-कौन से कलाकार वापसी करेंगे। अच्छी खबर यह है कि लगभग सारे मुख्य कलाकार वापस आ रहे हैं। इनमें प्रभास (Salaar के रूप में), पृथ्वीराज सुकुमारन (वर्धा के रूप में), और श्रुति हासन (आध्या के रूप में) शामिल हैं। फिल्म के पहले पार्ट का अंत ��क बड़ी क्लिफहैंगर पर हुआ था, जिससे यह साफ है कि इन किरदारों का महत्वपूर्ण योगदान अगले पार्ट में भी होगा। कास्ट की सूची: प्रभास – देवरथ "देवा" रायसार / सलार पृथ्वीराज सुकुमारन – वर्धा राजा "वर्धा" मन्नार श्रुति हासन – आध्या बॉबी सिम्हा – भारवा रामचंद्र राजू – रुद्र राजा मन्नार देवराज – ओम शफी – थिरु ये सारे कलाकार फिल्म की कहानी को और भी अधिक रोमांचक बनाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे, खासकर जब राजनीति और सत्ता संघर्ष की बात आती है। Salaar 2 की कहानी: और भी बड़ा होगा संघर्ष Salaar 2 के निर्माता विजय किरगंदूर के मुताबिक, "पहला पार्ट सिर्फ दूसरे पार्ट की झलक था। आप इसे एक तरह का ट्रेलर समझ सकते हैं। दूसरा पार्ट इससे कहीं ज्यादा बड़ा और भव्य होगा।" पहले पार्ट में सभी मुख्य पात्रों को इंट्रोड्यूस किया गया था, लेकिन दूसरे पार्ट में कहानी और भी गहराई में जाएगी। निर्माता ने कहा कि फिल्म में पॉलिटिक्स, ड्रामा और एक्शन का भरपूर डोज़ होगा, जिसे देखकर फैंस की उत्सुकता और बढ़ जाएगी। Salaar: Part 1 का अंत एक बड़े क्लिफहैंगर पर हुआ था, जहां रुद्र अपने चाचा ओम के साथ मिलकर सिंहासन के लिए संघर्ष करता है। वहीं, देवा की असली पहचान भी सामने आती है कि वह असली खंसार का शासक है, और वर्धा उसकी सेवा करने की कसम खाता है। इस बार Salaar 2 में खंसार के सिंहासन के लिए और भी बड़े स्तर पर लड़ाई होगी, जहां सभी के मकसद और पहचान अब साफ हो चुके हैं। यह फिल्म न सिर्फ एक्शन में बड़ी होगी, बल्कि पॉलिटिकल ड्रामा के मामले में भी दर्शकों को बांधे रखेगी। Salaar 2 के बारे में सब कुछ: फैंस की उम्मीदें और क्य��� देखने को मिलेगा? एपिक स्केल और सिनेमैटिक एक्सपीरियंस अगर आप Salaar: Part 1 – Ceasefire के फैन हैं, तो आपको पता होगा कि फिल्म का स्केल और सिनेमैटिक एक्सपीरियंस पहले से ही बहुत बड़ा था। लेकिन निर्माता और निर्देशक दोनों ने कहा है कि Salaar 2 इससे कहीं ज्यादा भव्य और एक्शन से भरपूर होगी। इसे Game of Thrones जैसा माना जा रहा है, जहां राजनीति, पावर स्ट्रगल, और भारी भरकम एक्शन का मेल होगा। दर्शकों के लिए क्या होगा नया? फैंस को इस बार और भी ज्यादा क्लिफहैंगर मिलेंगे, जो उनकी उत्सुकता को बनाए रखेंगे। इसके साथ ही, प्रशांत नील ने वादा किया
है कि इस बार स्टोरीलाइन और भी ज्यादा पॉलिटिकल होगी, जहां हर किरदार के इरादे और रणनीतियां सामने आएंगी। क्या Salaar 2 के लिए फैंस तैयार हैं? Salaar 2 एक बहुप्रतीक्षित फिल्म है, जिसका इंतजार लाखों दर्शक कर रहे हैं। प्रभास, पृथ्वीराज, और श्रुति हासन जैसे बड़े कलाकारों की वापसी, और पहले पार्ट की धमाकेदार सफलता के बाद, इस फिल्म को लेकर उम्मीदें और भी ज्यादा बढ़ गई हैं। पॉलिटिकल ड्रामा, एक्शन, और भव्य सेट्स के साथ, Salaar 2 2025 की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक हो सकती है। तो अगर आप एक बड़े एक्शन और पॉलिटिकल थ्रिलर के फैन हैं, तो Salaar 2 आपके लिए एक परफेक्ट एंटरटेनमेंट पैकेज होगा। तैयार हो जाइए, क्योंकि Salaar 2 में होगा और भी बड़ा संघर्ष और और भी ज्यादा ड्रामा!
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[18/07, 7:25 am] +91 83078 98929: इमाम हुसैन और खलीफा यजीद के बीच हुई कर्बला की जंग में इमाम हुसैन की शहादत के रूप में मुस्लिम श्रद्धालु मुहर्रम मनाते हैं। जिसे मातम (गम) का त्यौहार माना जाता है, लेकिन वह अल्लाह तआला कौन है जो हमारे सारे गमो को तकलीफों को और दुखों को खत्म कर सकता है?
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[18/07, 7:25 am] +91 83078 98929: पवित्र कुरान शरीफ
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
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🌙पवित्र कुरआन मजीद का अमृत ज्ञान पाक आत्मा हजरत मुहम्मद जी को मिला। हजरत मुहम्मद जी थे तो कुरआन का ज्ञान हमारे बीच में है। इसलिए नबी मुहम्मद जी का अनुभव कुरआन मजीद से कम महत्व नहीं रखता।
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[18/07, 7:25 am] +91 83078 98929: "मक्का महादेव का मंदिर है"
सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम।
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
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[18/07, 7:25 am] +91 83078 98929: कुरआन मजीद का ज्ञान नाजिल करने वाले खुदा ने अपने नबी-ए-करीम मुहम्मद (सल्लम) को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले अल्लाह के विषय में सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी है।प्रमाण :— सूरः फुरकानि—25 आयत नं. 59 में लिखा है कि (हे मुहम्मद) अल्लाह ने सारी कायना�� को छः दिन में उत्पन्न क��या। फिर आसमान में तख्त (सिंहासन) पर जा बैठा। उसकी (खबर) सम्पूर्ण जानकारी किसी (बाखबर) जानकार यानि तत्त्वदर्शी संत से पूछो।(जानो)
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।*
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[18/07, 7:25 am] +91 83078 98929: कादर अल्लाह यथार्थ ज्ञान बताता है। शैतान (जिसे महापुरूषों ने ‘‘काल’’ कहा है) गुप्त रहता है। गुप्त रूप से अज्ञान व ज्ञान का मिश्रण मानव को देता है जो अधूरा अध्यात्म ज्ञान है। समर्थ परमेश्वर संत व सतगुरू के रूप में प्रत्यक्ष प्रकट होकर यथार्थ संपूर्ण अध्यात्म ज्ञान अपने मुख से बोलकर बताता है। परंतु सर्व मानव ने एक बात की रट लगा रखी है कि प्रभु निराकार है जबकि सर्व धर्मों के पवित्र ग्रन्थों में प्रमाण है कि खुदा मानव जैसा साकार है।
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Best 40+ Romantic Shayari For Girlfriend in Hindi गर्लफ्रैंड रोमांटिक शायरी
अगर आप अपनी गर्लफ्रेंड से सच्चा प्यार करते हैं, तो हमारे पास आपके लिए सबसे अच्छी Romantic Shayari For Girlfriend है। अपनी गर्लफ्रेंड को ये दिल को छू लेने वाली शायरी भेजकर आप खुद को उसके और भी करीब महसूस करेंगे।. हमारे कलेक्शन में हिंदी में 50 से ज़्यादा Romantic Shayari For Girlfriend हैं, जिनमें से हर एक रोमांस और जुनून से भरपूर है। ये शायरी सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए भी परफ़ेक्ट हैं। तो, चलिए शुरू करते हैं, इन्हें पढ़ते हैं और अपने प्यार से जुड़े रहते हैं।.
Romantic Shayari for Girlfriend Collection
सोने चांदी का क्या करना, जब हीरे जैसा महबूब साथ है..!!!
तुम्हारा साथ सवारता है मुझे, तुमसे दूरी मुझे बिखेर कर रख देती है..!!!
एक जैसी दिखती थी माचिस की तिल्लियां, कुछ ने दिए जलाएं, कुछ ने घर..!!!
अजीब किस्सा है जिंदगी का, अजनबी हाल पूछ रहे है, और अपनी की कोई खबर नहीं.!!!
तू रूठा रूठा सा लगता है, मुझे तरकीब बता मनाने की, हम जिन्दगी गि��वी रख देंगे, तू कीमत बता मुस्कुराने क���..!!!
याद आने की वजह बहुत अजीब सी है, तुम्हारी, तुम गैर थे जिसे मैंने एक पल में अपना माना..!!!
जान जाओगे तुम इंतजार किसे कहते है, जब चले जायेंगे कोसो दूर, मान जाओगे तुम प्यार किसे कहते है..!!!
मैने तो कहा था कोई और नही है मेरे दिल में, देख लिया तोड़ के कोई मिला क्या..!!!
कितना प्यार करते है तुमसे, यह कहना नही आता, बस इतना जानते है बिना तुम्हारे रहना नही आता..!!!
मैं ठहरा खामोश तरबियत वाला लड़का, मैं सिर्फ अपने पसंदीदा शख्स से बोलता हु..!!!
याद नही की वो रूठा था कि मैं रूठा था, मगर साथ हमारा जरा सी बात पर छूटा था..!!!
कोन कहता है के हम झूट नही बोलते, तुम बार बार खैरियत पूछकर तो देखो..!!!
जख्म देने की आदत नही हमे, हम तो आज भी वही एहसास रखते है, बदले बदले तो आप है जनाब, जो हमारे अलावा सभी को याद रखते है..!!!
फुर्सत निकाल कर आओगे कभी हमारी महफिल में, लोटते वक्त दिल नहीं पाओगे अपने सीने में..!!!
कोन कहता है मोहब्बत आंखो में होती है, दिल तो वो भी ले जाते है जो नजरे झुका के चलते है..!!!
Romantic Girlfriend Shayari in Hindi गर्लफ्रेंड के लिए शायरी
इस इश्क का मुझे ता उम्र मलाल रहेगा, क्यों हुआ था तुमसे यही सवाल रहेगा..!!!
कहने को तो बहुत कुछ बाकी है मगर, तेरे लिए मेरी खामोशी ही काफी है..!!!
��िसी को बांध सकू ये हक नही है मेरा, बस खुद को आजाद कर लू ये फैसला ले लिया है..!!!
कमजोरिया ना खोज मुझमें, मेरे दोस्त, एक तू भी शामिल है मेरी कमजोरियों में..!!!
होने थे जितने खेल, मुकद्दर के हो गए, हम टूटी नाव लेके, समंदर के हो गए..!!!
लोटने का ख्याल भी आए तो वापस चली आना, हम आज भी तुम्हारा बेशबरी से इंतजार करते है..!!!
हमने मोहब्ब्त का भरम, सबसे जुदा रक्खा है, जिक्र हर बात में तेरा है बस, नाम छुपा रक्खा है..!!!
इतनी सी बात थी तो समंदर को खल गई, कागज की नाव पानी में कैसे चल गई..!!!
तेरी यादें तेरी बाते, बस तेरे ही फसाने है, हां हम कबूल करते है, हम तेरे ही दीवाने है..!!!
देखते तो हम भी रह गए तुझे, बस शर्त ये है तुम पलट कर ना देखना..!!!
चाय खत्म होने तक तुम रुकने का वादा करो, हम आखिरी घुट भी आखिरी सांस तक पीते..!!!
हवा गुज़र गई पत्ते हिले भी नही, वो शहर में आकर, हमसे मिले भी नही..!!!
बहुत अंधेरा है ए इश्क तेरी गलियों में, हमने अपना दिल भी जलाया, फिर भी रोशनी ना हुई..!!!
प्यार छोड़ो, तुम दोस्त ही बने रहना, सुना है प्यार मुकर जाता है, यार नही..!!!
Romantic Shayari for Girlfriend for True love
दिल आज भी तेरे लिए परेशां रहता है, देख कर इश्क़ मेरा इश्क़ भी हैरान रहता है…!!!
निगाहों में अभी तक कोई चेहरा ���ी नही आया, भरोसा ही कुछ ऐसा था, तेरे लोट आने का..!!!
सुना है दर्द अक्सर बेदर्द लोग ही दिया करते है, मगर हमारी जिंदगी तो एक मासूम चेहरे ने उजड़ दी..!!!
खामोश रहा हमारी नेकी पर ज़माना, ऐबो की बात आई तो गूंगे भी बोलने लगे.!!!
वो बिक चुके थे जब हम खरीदने के काबिल हुए, ज़माना बीत गया यारो, हमे अमीर होते होते..!!!
सलीका तुमने पर्दे का बड़ा अनमोल रक्खा है, यही निगाहे कातिल है, इन्हे ही खोल रक्खा है..!!!
सत्य बड़ा महंगा सौदा है मालिक, सुना है जो खरीदता है फकीर हो जाता है.!!!
अपनी गलती मानने दूर हो है हम, और उसे लगा घमंड में चल रहा हु..!!!
उसे पाने की एक दो कोसिस और कर नादाँ, उसे खोने के लिए तो पूरी उम्र पड़ी है..!!!
ना जाने वो कौनसा साल था, जब तुम थे, मैं, था, सब कुछ बेमिसाल था..!!!
किस पर भरोसा करे हम, इस दुनियां में तो सभी धोखेबाज है, यार भी और प्यार भी..!!!
रात वक्त की पाबंद है, ढल जाएगी, देखना ये है, चरागो का सफर कितना है..!!!
मैं उसकी जिंदगी से जाऊं ये उसकी दुआ थी, और उसकी हर दुआ कबूल हो ये मेरी दुआ थी..! Romantic Shayari For Girlfriend Video Read Also: Read the full article
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सलमान खान केस: मुंबई पुलिस का सिर दर्द बढ़ा गया अनुज थापन, बिश्नोई गैंग पर शिकंजा कसना अब होगा मुश्किल!
नई दिल्ली: दोपहर करीब 12:30 बजे का वक्त रहा होगा। मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में बने लॉकअप के बाहर बुधवार को आम हलचल थी। रुटीन चेकिंग के लिए लॉकअप के ऑफिसर ��ंचार्ज फर्स्ट फ्लोर पर पहुंचे। उनकी नजरें लॉकअप के अंदर झांक ही रहीं थी कि एक कैदी ने उनके कान खड़े कर दिए। उस कैदी ने बताया कि अनुज थापन टॉयलेट गया था, और अभी तक वापस नहीं लौटा। तुरंत लॉकअप का ताला खोला गया और ऑफिसर के साथ कुछ और पुलिसवाले अंदर दाखिल हुए। टॉयलेट का दरवाजा अंदर से बंद था। किसी तरह दरवाजा खोला गया तो भीतर का हाल देखकर पुलिसवालों की आंखें फटी रह गईं।टॉयलेट के अंदर अनुज थापन फंदा लगाकर लटका हुआ था। उसे तुरंत उतारा गया। पुलिसकर्मी आनन-फानन में उसे लेकर हॉस्पिटल भागे। लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि अनुज थापन के अंदर सांसें नहीं बची हैं। इस बीच पुलिस के आला अफसर भी हॉस्पिटल पहुंच चुके थे। खबर से मुंबई पुलिस की नींद उड़ गई। पूरे महकमे में एक हड़कंप मच गया। ये वही अनुज थापन था, जिसे सलमान खान के घर पर फायरिंग के लिए शूटर्स को हथियार पहुंचाने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था। मामले में मुंबई पुलिस ने एक्सिडेंटल डेथ का केस दर्ज किया है। साथ ही मौका-ए-वारदात के सीसीटीवी फुटेज भी सुरक्षित कर लिए हैं। अनुज की गिरफ्तारी और मकोका का चार्ज अनुज थापन को करीब 5-6 दिन पहले पंजाब के अबोहर से गिरफ्तार किया गया था। दरअसल, की जांच में जुटी मुंबई पुलिस लगातार मामले की कड़ियों को जोड़ रही थी। फायरिंग के तार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े होने के बाद अनुज थापन की गिरफ्तारी पुलिस के लिए इस केस में एक बड़ा हथियार थी। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) भी लगा दिया था। लेकिन, अब ने पुलिस का सिरदर्द बढ़ा दिया है। उसकी मौत के बाद पुलिस के लिए अब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर शिकंजा कसना भी मुश्किल होगा। अनुज थापन की मौत से क्यों टेंशन में पुलिस? दरअसल, मामले में मकोका का जो चार्ज लगाया गया है, अनुज थापन की मौत के बाद वो कमजोर पड़ सकता है। इस बात की आशंका पुलिस के आला अफसरों को भी है। सलमान खान फायरिंग केस में मकोका का आरोप तभी टिक पाएगा, जब पकड़े गए आरोपियों में किसी एक का नाम पिछले 10 सालों के भीतर किसी चार्जशीट में आया हो। गिरफ्तार आरोपियों में केवल अनुज थापन ही था, जिसके खिलाफ पहले से हत्या की कोशिश और जबरन वसूली सहित संगीन धाराओं में तीन मुकदमे दर्ज थे। अनुज थापन ने क्यों की खुदकुशी? मुंबई पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना ��ै कि अनुज थापन ने मकोका के डर की वजह से खुदकुशी जैसा बड़ा कदम उठाया। उसे लगने लगा था कि मामले में मकोका लगने के बाद अब कभी वो जेल से बाहर नहीं निकल पाएगा। हालांकि, अनुज थापन के परिवार ने खुदकुशी के दावों का खंडन किया है। परिवार से जुड़े एक सदस्य ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर अनुज खुदकुशी क्यों करेगा? उन्होंने बताया कि वो एक जिंदादिल नौजवान था। एक ट्रासपोर्टर के पास उसकी ठीकठाक नौकरी चल रही थी। परिवार ने अनुज की मौत के पीछे साजिश का अंदेशा जताया है। इस वक्त कहां हैं बाकी तीनों आरोपी? अनुज थापन की मौत के मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है। जिस लॉकअप में उसने खुदकुशी की, वो कमिश्नर दफ्तर के फर्स्ट फ्लोर पर बना है। इस पुरानी बिल्डिंग में पहले और दूसरे फ्लोर पर लॉकअप हैं और बुधवार को 11 आरोपी इनमें बंद थे। पिस्टल सप्लाई करने का दूसरा आरोपी अपनी पुरानी चोट की वजह से इस वक्त न्यायिक हिरासत में है। हालांकि, सलमान खान के घर पर फायरिंग के मुख्य आरोपी विक्की गुप्ता और सागर पाल को यहां नहीं रखा गया था। ये पूरी बिल्डिंग सीसीटीवी कैमरों से कवर है। http://dlvr.it/T6JVGW
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मक्का महादेव का मंदिर है"
सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम।
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
🌙कुरआन मजीद का ज्ञान नाजिल करने वाले खुदा ने अपने नबी-ए-करीम मुहम्मद (सल्लम) को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले अल्लाह के विषय में सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी है।प्रमाण :— सूरः फुरकानि—25 आयत नं. 59 में लिखा है कि (हे मुहम्मद) अल्लाह ने सारी कायनात को छः दिन में उत्पन्न किया। फिर आसमान में तख्त (सिंहासन) पर जा बैठा। उसकी (खबर) सम्पूर्ण जानकारी किसी (बाखबर) जानकार यानि तत्त्वदर्शी संत से पूछो।(जानो)
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
🌙सूरः अश शूरा 42 आयत नं. 1, 2 में (कोड वर्ड) सांकेतिक शब्द हैं। उनका ज्ञान किसी मुसलमान को नहीं है जो अहम हैं। आयत नं. 1. :— ''हा. मीम्, अैन. सीन. काफ.
'' ये अक्षर लिखे हैं जो जाप करने का नाम है। नाम जाप के बिना जीव का कल्याण नहीं हो सकता।
🌙 अल्लाह का आदेश मांस खाने का नहीं है ,कुरआन मजीद में माँस खाने की आज्ञा है, परंतु सृष्टि की उत्पत्ति क���ने वाले कादर अल्लाह ने बाईबल ग्रंथ में उत्पत्ति विषय के अध्याय में मनुष्यों के खाने के लिए बीज
वाले छोटे—छोटे पेड़ (पौधे) तथा फलदार वृक्षों के फल बताए हैं। मांस खाने के लिए नहीं।
🌙पवित्र कुरान शरीफ
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
🌙पवित्र कुरआन मजीद का अमृत ज्ञान पाक आत्मा हजरत मुहम्मद जी को मिला। हजरत मुहम्मद जी थे तो कुरआन का ज्ञान हमारे बीच में है। इसलिए नबी मुहम्मद जी का अनुभव कुरआन मजीद से कम महत्व नहीं रखता।
🌙पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण
सूरः अल बकरा-2 की आयत नं. 243:-
तुमने उन लोगों के ��ाल पर भी कुछ विचार किया जो मौत के डर से अपने घर-बार छोड़कर निकले थे और हजारों की तादाद में थे। अल्लाह ने उनसे कहा मर जाओ। फिर उसने उनको दोबारा जीवन प्रदान किया। हकीकत यह है कि अल्लाह इंसान पर बड़ी दया
करने वाला है। मगर अधिकतर लोग शुक्र नहीं करते।
🌙पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण
सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:-
अल्लाह पहली बार सृष्टि (खिलकित) को उत्पन्न करता है। फिर उसे दोहराएगा। (पुनरावृत्ति करेगा।)
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[4/4, 7:02 AM] Arun Das Patil: 🌙पुस्तक ''फजाईले आमाल‘‘ से जानकारी
कुरआन ज्ञान देने वाले से अन्य समर्थ अल्लाह के विषय में अन्य जानकारीः—
फजाईले आमाल मुसलमानों की एक विश्वसनीय पवित्र पुस्तक है जो हदीसों में से चुनी हुई हदीसों का प्रमाण लेकर बनाई गई है। फजाईले आमाल में एक अध्याय फजाईले जिक्र है। उसकी आयत नं. 1, 2, 3, 6 तथा 7 में कबीर अल्लाह की महिमा है।
[4/4, 7:02 AM] Arun Das Patil: 🌙सूक्ष्मवेद में कहा है कि :—
वही मोहम्मद वही महादेव, वही आदम वही ब्रह्मा।
दास गरीब दूसरा कोई नहीं, देख आपने घरमा॥
मुसलमान धर्म के प्रवर्तक हजरत मुहम्मद जी भगवान शिव के लोक से आए, पुण्यकर्मी आत्मा थे जो परंपरागत साधना ही एक गुफा में बैठकर किया करते थे। शिव जी का एक गण जो ग्यारह रूद्रों में से एक है, वह मुहम्मद जी से उस गुफा में मिले। उन्हीं की भाषा (अरबी भाषा) में काल प्रभु अर्थात् ब्रह्म का संदेश सुनाया। उसी रूद्र को मुसलमान जबरिल फरिश्ता कहते हैं जो नेक फरिश्ता माना जाता है।
[4/4, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌙"मक्का महादेव का मंदिर है"
सिख धर्म की पुस्तक भाई बाले वाली जन्म साखी में प्रमाण है :—
‘‘साखी मदीने की चली‘‘ हिन्दी वाली के पृष्ठ 262 पर श्री नानक जी ने चार इमामों के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा है :
आखे नानक शाह सच्च, सुण हो चार इमाम।
मक्का है महादेव का, ब्राह्मण सन सुलतान॥
सतगुरू नानक देव जी ने चार इमामों से चर्चा करते हुए कहा कि जिस मक्का शहर में जो काबा (मंदिर) है जिसको आप अपना पवित्र स्थान मानते हो। वह महादेव (शिव जी) का मंदिर है। इसमें सब देवी—देवताओं की मूर्तियां थीं। उसकी स्थापना करने वाला सुल्तान (राजा) ब्राह्मण था। बाद में सब मूर्तियाँ उठा दी गई थी। नबी इब्राहिम व हजरत इस्माईल (अलैहि.) ने इसका पुनः निर्माण करवाया था।
[4/4, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌙कुरआन मजीद का ज्ञान नाजिल करने वाले खुदा ने अपने नबी-ए-करीम मुहम्मद (सल्लम) को सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले अल्लाह के विषय में सम्पूर्ण जानकारी नहीं दी है।प्रमाण :— सूरः फुरकानि—25 आयत नं. 59 में लिखा है कि (हे मुहम्मद) अल्लाह ने सारी कायनात को छः दिन में उत्पन्न किया। फिर आसमान में तख्त (सिंहासन) पर जा बैठा। उसकी (खबर) सम्पूर्ण जानकारी किसी (बाखबर) जानकार यानि तत्त्वदर्शी संत से पूछो।(जानो)
वह बाख़बर संत रामपाल जी महाराज जी ही हैं।
[4/4, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌙सूरः अश शूरा 42 आयत नं. 1, 2 में (कोड वर्ड) सांकेतिक शब्द हैं। उनका ज्ञान किसी मुसलमान को नहीं है जो अहम हैं। आयत नं. 1. :— ''हा. मीम्, अैन. सीन. काफ.
'' ये अक्षर लिखे हैं जो जाप करने का नाम है। नाम जाप के बिना जीव का कल्याण नहीं हो सकता।
[4/4, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌙 अल्लाह का आदेश मांस खाने का नहीं है ,कुरआन मजीद में माँस खाने की आज्ञा है, परंतु सृष्टि की उत्पत्ति करने वाले कादर अल्लाह ने बाईबल ग्रंथ में उत्पत्ति विषय के अध्याय में मनुष्यों के खाने के लिए बीज
वाले छोटे—छोटे पेड़ (पौधे) तथा फलदार वृक्षों के फल बताए हैं। मांस खाने के लिए नहीं।
[4/4, 7:03 AM] Arun Das Patil: 🌙पवित्र कुरान शरीफ
सुरत-फुर्कानि नं. 25 आयत 58:- व तवक्कल् अलल् हरिूल्लजी ला यमूतु व सब्बिह् बिहम्दिही व कफा बिही बिजुनूबि अिबादिही खबीरा(कबीरा)।58।
हजरत मुहम्मद जी जिसे अपना प्रभु मानते हैं वह कुरान ज्ञान दाता अल्लाह (प्रभु) किसी और पूर्ण प्रभु की तरफ संकेत कर रहा है कि ऐ पैगम्बर उस कबीर परमात्मा पर विश्वास रख जो तुझे जिंदा महात्मा के रूप में आकर मिला था। वह कभी मरने वाला नहीं है अर्थात् वास्तव में अविनाशी है।
[4/4, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌙पवित्र कुरआन मजीद का अमृत ज्ञान पाक आत्मा हजरत मुहम्मद जी को मिला। हजरत मुहम्मद जी थे तो कुरआन का ज्ञान हमारे बीच में है। इसलिए नबी मुहम्मद जी का अनुभव कुरआन मजीद से कम महत्व नहीं रखता।
[4/4, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌙पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण
सूरः अल बकरा-2 की आयत नं. 243:-
तुमने उन लोगों के हाल पर भी कुछ विचार किया जो मौत के डर से अपने घर-बार छोड़कर निकले थे और हजारों की तादाद में थे। अल्लाह ने उनसे कहा मर जाओ। फिर उसने उनको दोबारा जीवन प्रदान किया। हकीकत यह है कि अल्लाह इंसान पर बड़ी दया
करने वाला है। मगर अधिकतर लोग शुक्र नहीं करते।
[4/4, 7:04 AM] Arun Das Patil: 🌙पवित्र कुरान में पुनर्जन्म संबंधित प्रकरण
सूरत-अर रूम-30 की आयत नं. 11:-
अल्लाह पहली बार सृष्टि (खिलकित) को उत्पन्न क��ता है। फिर उसे दोहराएगा। (पुनरावृत्ति करेगा।)
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तालिबान की हकुमत में जा पहुंची बिहार की सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर, बोली, लोग इतने बुरे भी नही...
तालिबान की हकुमत में जा पहुंची बिहार की सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर, बोली, लोग इतने बुरे भी नही...
Viral Video: अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी हुकूमत के काबिज होने के बाद से ये खबरें आती रही हैं कि वहां महिलाओं की हालत बहुत खराब है. कभी खबर आती है कि महिलाओं के मेकअप करने पर पाबंदी है तो कभी खबर आती है कि उनके पढ़ने लिखने पर रोक लगा दी गई है. ऐसे हालात में बिहार की एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर अफगानिस्तान पहुंची और पब्लिक ट्रांसपोर्ट लेकर वहां सफर भी किया. हालांकि ये सब बहुत आसान नहीं…
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बापू जयंती
आओ मिल जाएँ हम सुगंध और सुमन की तरह!
-बापू, मैंने सुना है कि तुम अपने गुरुजी को खूब गाली
देते थे l तुम्हारे पिता स्टेट के दीवान थे l खूब मौज
करते थे l
- सच है ये l शायद मैं मंदबुद्धि था l समझ नही थी l मैंने
"सच के प्रयोग" क़िताब मे इसके बारे मे लिखा है l
वही से तुम मुझे चिढ़ा रहे हो l
-पिता जी रिश्वत लेते थे क्या? देखो सच कह दो l किताब
मे तुमने ��हुत कुछ गोल कर दिया है l
-रिश्वत लेते तो क्या मैं राजकोट की देहाती स्कूल मे पढ़ता!
बहुत ही बफादार थे l सत्यप्रेमी थे l हाँ, क्रोधी बहुत थे l
क्रोध सत्यप्रिय का मित्र है l
-तुम फँस जाओगे बापू l मैं कोई तुम्हारा पूजक नहीं और
ना ही कोई राजनीतिज्ञ हूं l पुस्तकों से प्रेम है, पढ़ता हूं l
तुमको भी पढ़ लिया l इसका कतई ये मतलब नही कि
तुमको छोड़ दूँगा l पूरी दुनिया एक तरफ रहे फिर भी
वही कहूँगा जो मैंने खुद तुम्हें पढ़कर तुमको समझा है l
तुम कहते हो दीवान भी थे और रिश्वत भी नही लेते थे?
ऊपर से तुम बिना स्कॉलरशिप के लंदन के इनर टेंपल
मे बैरिस्टरी भी कर बैठे l नेहरू भी वहीँ से बैरिस्टरी की l
तभी तो तू दोनों मे याराना थी l और तुम कहते हो क्रोध
सच बोलने वाले को ही आता है l तुम तो जीवनभर मोम
बने रहे l कभी क्रोधित नही हुए l क्या समझूँ इस व्यवहार
को बापू l
- तुमको मैं कैसे समझा सकूँगा यदि तुमने मन ही बना
लिया कि कैसे भी करके मुझे झूठा सिद्ध करना है l
-बापू, मैं जो कुछ भी पूछ रहा हूँ वे सभी आउट ऑफ
सिलेबस नहीं हैं ब्लकि तुम्हारे द्वारा लिखित तुम्हारे ही
सत्य के प्रयोग से लिए गए प्रश्न हैं l तुमने कोई साहित्य
थोड़े ना लिखी है जो एक वाक्य के लाखों मायने होंगे l
मेरा तुमसे कोई दुश्मनी तो नहीं l तुम हुए उस युग मे और
हम ठहरे इस युग मे l उस काल मे चरखा चलाकर तुमने
अपना रंग जमा लिया l इस युग में मशीन चलाकर भी
लोग रंग नहीं जमा पा रहे हैं l कोड सीखने का समय है l
अब तो न्यूज के ऊपर फैक्ट चेकर बैठे हैं l तुम इस चक्कर
मे मत पड़ो बापू l तुम तो बस वह कहो जो तुमने खुद से
प्रयोग किए हैं l ये वादा है कि एक भी प्रश्�� ऐसा नहीं पूछूँगा
जो तुमने प्रयोग मे जिक्र नहीं किए! जैसे कि - - सुभाष बाबु
से तकरार, आई. सी. एस पास थे l अम्बेडकर तो समझो
तुमसे बहुत उपर की चीज थे l उनको भी कांट छांट दी l
ये सब नही पूछूँगा l अच्छा एक बात कहो l तुम अपने माता
जी से बहुत जुड़े थे l अभी हाल ही मे लॉकडाउन हुआ l लोग
अंतिम क्रिया मे नही पहुंच पाए l मजबूरी थी l चाहकर भी
विदेश से नहीं पहुंच सकते थे l एकांत मे जीभरकर जरूर
रोये होंगे l परंतु तुमको खबर भी दी गई कि माँ ��ी तबीयत
ठीक नहीं है l फिर भी तुम नहीं आएl और जब तुम वापिस
आए तो तुम्हारी माताजी को गुजरे महीनों हो चुके थे l तुम
निर्दय लगे मुझे l एकदम चंट l
-मुझे आजीवन यह कष्ट रहा l मेरी माँ बहुत भावुक थी l
पूजा पाठ के बिना कभी भोजन किया हो मुझे याद नहीं l
कठिन से कठिन व्रत करती थी l मुझे लंदन नहीं भेजना
चाहती थी l यहाँ स्वीकार करूंगा कि मैं उस माता को
फिर कभी देख न सका l मैं श्रवण की तरह अपने माता
पिता की सेवा करना चाहता था लेकिन कर न सका l मैंने
बचपन मे श्रवण पितृ भक्ति नाटक पढ़ी थी l बहुत अधिक
प्रभावित हुआ था l मैंने किताब मे जिक्र किया भी है l
-तुम प्रभावित हुए, तुमने जिक्र किया l हा हा हा l तुम इसके
अलावा और कर भी क्या सकते थे बापू l जिस आदमी को
इतिहास मे अपना नाम अमर करने की लालसा हो जाये,
वह प्रभावित के अलावा और करता ही क्या है l वर्तमान मे
भी हैं ऐसे लोग l तुम तीस करोड़ लोगों को हांकने मे सफल
हुए थे और वर्तमान मे लोग अरबों को हांक रहे हैं वो भी तब
जब न्यूज बिजली से तेज फ्लैश होती है l मजा नहीं आ रहा
मुझे l तुम सही सही कुछ कह नहीं रहे हो l एक बात कहो?
जब इंग्लेंड से लौट कर बैरिस्टरी बंबई हाइकोर्ट मे सुरु की,
तो क्या हुआ जो तुम जम नहीं पाए l दो साल करिअर बनाने
की कोशिश की लेकिन तुम किसी को प्रभावित नहीं कर
पाए l गुलाम देश मे तुम तो अंग्रेजों के बीच मे बचपन से
रहे l कोई केश बताओ l दो साल कम नहीं होते l तुम इस
दो साल के बाद ही तो दक्षिण अफ्रीका गए l एक मुस्लिम
व्यापारी ने मौका दी और तुम लपक लिए l
-दो साल तक मैंने बंबई मे बैरिस्टरी की लेकिन एक भी
केश सम्भाल न सका l यहां सभी छाँटे हुए खिलाड़ी थे,
और मैं तर्क मे बिल्कुल ही तंग था l मुझे पढ़ना और
लिखना अच्छा लगता था l तुमने कहा ना कि सुभाष
और अम्बेडकर का नहीं पूछोगे l लेकिन मैं बताता हूं l
एक सभी विषयों का मास्टर था तो दूसरा इतने विषयों
का जानकार की वहाँ मैं कहीं टिक ही नहीं सकता था l
मुझे जाना पड़ा l
-और तभी तुमने अनपढ़ लोगों को फकीर बनकर अपना
शिकार बनाया जैसे वर्तमान मे लोग लाखों की संख्या मे
महात्माओं को सुनते हैं l ये बहुत आसान तरीका है l संख्या
के सामने भला कौन सिर उठा सकेगा l तुमने अपने स्वार्थ
के लिए देश को आग मे झोंक दी l तुम अपने समकालीन
टैगोर, सुभाष, अम्बेडकर, जिन्ना किसी की नहीं सुनी l वही
एक राग लेकर बैठते रहे - "सत्याग्रह" l और बेचारे कुछ भी
नहीं कर सके l आज भी किसी मे हिम्मत नहीं की तुम्हारे
विरुद्ध बात करके चुनाव जीत ले l निष्पक्ष ढंग से कोई यदि
अपनी बात भी रखे तो वे मारे जायेंगे l दो हजार साल पहले,
बुद्ध ने हिम्मत दिखाई और वेद को साफ़ साफ़ नाकार दिया l
चार्वाक ने उनसे पहले ही वेदों को नकार दिया l परंतु जो तुम
करके गए हों उसे कम से कम कोई नेता नाकार नहीं पा रहे l
और ऊपर से जयंती पर छुट्टी देकर तुमको अमर कर दिया
है l
-मैंने तो अपनी सत्यता लिख दी है l लोग निष्पक्ष होकर के
जान सकते हैं l मैंने वही वही किया जो मुझे सही लगा l
लोग भी स्वतन्त्र हैं l वे भी वही करें जो उनको सही लगे l
मैंने किसीकी परवाह नहीं की l जीवन को ठीक वैसे ही
जिया जैसे मैंने पाया l लोग अगर मेरे आगे झुकते हैं तो
ये उनकी स्वतंत्रता है और उनकी अपनी समझ है l अब
तुम मेरे सामने नहीं झुक सके l गोडसे ने भी गोली मारने
से पहले मेरे पाँव को छूकर प्रणाम किया था l
-और गोली लगने बाद तुमने कहा था - हे राम l एक बात
बताओ बापू l एक नही दो l तुम ठहरे गुजराती l आदतन
गुजराती एक दूसरे को देखकर हरे कृष्णा बोलते हैं l राम
राम उतर भारत मे प्रचलित है l परंतु तुम मरते समय बोल
उठे - हे राम l ये चमत्कार कैसे हुआ l वर्तमान का भी सेन्ट
कृष्ण नहीं बल्कि राम राम ही करता है l
-ये मैं कैसे कह सकूँगा l यह तो मुझे भी याद नहीं l मेरी
हत्या हुई और मैं मर गया l ये अलग बात है कि मेरे विचार
सदैव जीवित रहेंगे l
-जानते हो बापू l तुम्हारी हत्या अगर न होती तो तुम वाकई
सदा अमर रह जाते l लेकिन हत्या ने एक प्रश्नचिह्न लगा
दी है l ये प्रश्न तबतक टंगे रहेंगे जबतक सभी सत्य उतार लेने
वाले देशवासी इस देश मे अवतरित नहीं हो जाते l ऐतिहासिक झूठ को पकडने के लिए हज़ारों साल लगते हैं l
अभी तो सौ बर्ष भी नही हुए तुम्हें गए l लाखों लोग अहिंसा
के पीछे पीछे दौड़ते दौड़ते विभाजन मे मारे गए l सभी प्रश्न
ज्यों के त्यों हैं l मजबूरी का नाम महात्मा गांधी मुहावरा तो
जग जाहिर है l वो प्रबुद्ध कौम आने वाले युग मे तुम्हें ठीक
ठीक पूर्णता मे उजागर कर देंगे l जन्मदिन की बधाई बापू!
- दिशव
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Property Rights: इतने साल बाद किराएदार की हो जाती है प्रॉपटी, बाद में कोर्ट भी नहीं करवा सकता खाली
अगर आप अपना मकान या दुकान किराए पर देने की सोच रहे है तो यह खबर आपके लिए बिल्कुल सही है। मकान या दुकान किराए पर देने से पहले आपको कानून की इन बातों की जानकारी होनी चाहिए।
अगर आप किसी प्रॉपर्टी (मकान, जमीन) के मालिक हैं और आपकी संपत्ति पर कोई और रह रहा है तो वह प्रॉपर्टी उसकी हो सकती है.
यह इतना आसान नहीं है लेकिन आपकी लापरवाही के कारण ऐसा संभव है. इसे प्रतिकूल कब्जा (Adverse Possession) कहा जाता है. इस मामले में फिर कोर्ट भी कोई मदद नहीं कर पाता है।
सुप्रीम कोर्ट खुद इस बारे में कह चुका है कि अगर 12 साल तक किसी निजी संपत्ति पर कोई निर्बाध रूप से रह रहा है तो वह उसकी हो जाएगी।
प्रतिकूल कब्जे का कानून अंग्रेजों के जमाने का है. अगर इसे सरल शब्दों में समझें तो यह जमीन पर अवैध कब्जे का कानून है. हालांकि, उपरोक्त दी गई परिस्थिति में यह मान्य कर दिया जाता है।
12 साल वाला कानून सरकारी संपत्ति पर लागू नहीं होता है. काफी पुराने कानून के तहत किया जाता है. कई बार इसके चलते मालिकों को अपनी संपत्ति से हाथ धोना पड़ जाता है,
इसका इस्तेमाल किराए पर काफी लंबे समय से रह रहे लोग कई बार करने की कोशिश करते हैं. यहीं मकानमालिक को सचेत रहने की जरूरत होती है,
किन परिस्थितियों में मिल जाती है मान्यता:
अगर संपत्ति पर शांतिपूर्ण तरीक�� से कब्जा किया गया है और मकानमालिक को इसकी सूचना भी है तो प्रतिकूल कब्जे के तहत प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक का दावा किया जा सकता है।
इसमें सबसे बड़ा फैक्टर यह है कि मकानमालिक ने 12 साल की अवधि में कभी उस कब्जे को लेकर कोई रोक-टोक न लगाई हो।
यानी यह साबित करना भी जरूरी होता है कि प्रॉपर्टी पर कब्जा लगातार था और उसमें कोई ब्रेक नहीं आया था. कब्जा करने वाले को प्रॉपर्टी डीड, टैक्स रसीद, बिजली या पानी का बिल, गवाहों के एफिडेविट आदि की भी जरूरत होती है।
कैसे करें बचाव:
इसका सबसे बेहतर तरीका है कि किसी को भी मकान किराए पर देने से पहल रेंट एग्रीमेंट बनवाएं. ये 11 महीने का होता है और इसलिए हर 11 महीने पर उसे रिन्यू करवाना होगा जिसे प्रॉपर्टी के लगातार कब्जे में ब्रेक माना जाएगा।
#approxproperty #approxpropertyjaipur #nitikjain #RentAgreement
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Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shivshakti 17th July 2023 Hindi Written Update Episode
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Pyaar Ka Pehla Adhyaya Shivshakti 17th July 2023 Hindi Written Update Episode On -
एपिसोड की शुरुआत शिव द्वारा रिसेप्शन पर फॉर्म देने और उपस्थित नर्स को आश्वासन देने से होती है कि शक्ति भविष्य में एक महान डॉक्टर बनेगी।
इस बीच, मंदिरा शक्ति से कहती है कि उसका कोई आत्मसम्मान नहीं है क्योंकि वह अपने फायदे के लिए शिव का अनुसरण कर रही है क्योंकि उसे उसकी मदद की ज़रूरत है।
शक्ति सोचती है कि शिव ने मंदिरा को उसकी हरकतें बता दी हैं और उसे लगता है कि उसने उसे धोखा दिया है क्योंकि उसने सोचा था कि शिव एक अच्छा इंसान था और वह उसकी मदद करेगा।
यह सोचकर कि वह अब कभी डॉक्टर नहीं बनेगी, शक्ति उदास हो जाती है और शिव के केबिन के पास से गुजरती है जिसे शिव देख लेता है और शक्ति को यह बताने का फैसला करता है कि उसने उसके फॉर्म पर पहले ही हस्ताक्षर कर दिए हैं।
मंदिरा अपना हस्ताक्षरित फॉर्म जमा करती है और नर्स से उस फॉर्म वाली लड़की को अपने अंतिम उम्मीदवार के रूप में स्वीकार करने के लिए कहती है, लेकिन नर्स मंदिरा का अनुसरण करने के लिए आश्वस्त नहीं होती है।
इस बीच, कोयल कीर्तन से पूछती है कि उसे शक्ति क्यों पसंद है जब उसका परिवार उसे उल्टी करने के लिए कहता है, जिस पर कीर्तन कहता है कि शक्ति एक खूबसूरत इंसान है। कीर्तन ने खुलासा किया कि वायुमार्ग की सर्जरी शक्ति ��े की थी, न कि उसने कोयल को हँसाया क्योंकि वह जानती थी कि कीर्तन कभी भी अकेले ऐसा कुछ नहीं कर सकता।
कोयल को अपनी आवाज़ कम करने के लिए कहते हुए, कीर्तन कहता है कि शिव के पास अभी भी अस्पताल और घर पर अपना अधिकार है, यही कारण है कि उसे अपनी तरफ शक्ति की ज़रूरत है।
उसी समय, शिव पीछे से शक्ति का स्वागत करता है और चौंक जाता है क्योंकि शक्ति उस पर उसके फॉर्म पर हस्ताक्षर न करने और उसके कमरे में आने के बारे में सभी को उजागर करने का आरोप लगाती है।
शक्ति शिव से सवाल करती है कि क्या वह एक अच्छा डॉक्टर भी है क्योंकि उसने ही उस बच्चे को बचाया था जबकि उस समय उसके हाथ काँप रहे थे।
शिव अपनी जगह पर स्थिर हो जाते हैं क्योंकि शक्ति कहती है कि वह उसके जैसा लंगड़ा डॉक्टर बनने के बजाय और अधिक लोगों को बचा सकती है, साथ ही यह सवाल भी उठाती है कि क्या शिव ने कभी किसी की जान बचाई है।
शक्ति का कहना है कि शिव कभी-कभी अक्षम रहे होंगे जिसके कारण किसी को उनकी मृत्यु का सामना करना पड़ा, जबकि शिव को उस महिला के मरने और उसे बचाने का अनुरोध करने के फ्लैशबैक मिलते हैं।
शिव जोर-जोर से सांस लेने लगते हैं और घबराहट में अपनी उंगलियां घुमाने लगते हैं तभी नंदू वहां आता है और शक्ति को शिव से इतनी अशिष्टता से बात करने से रोकता है।
नंदू शक्ति से कहता है कि वह शिव के बारे में गलत है और वह कभी भी उसके वास्तविक स्वरूप को नहीं समझ सकती जिससे शक्ति भ्रमित हो जाती है। बाद में, शिव उदासी के साथ पियानो बजाता है जबकि नंदू गायत्री से कहता है कि शक्ति ही हर चीज के पीछे का कारण है।
इस बीच, शक्ति को अस्पताल से फोन आता है कि उसे छात्रवृत्ति के लिए चुना गया है, जिससे वह रिमझिम और अन्य लोगों के साथ खुश हो जाती है।
मनोरमा यह खबर सुनकर खुश नहीं दिखती है और शक्ति से कहती है कि वह डॉक्टर का कोर्स नहीं कर सकती और भावुक होकर कहती है कि वह शक्ति की माँ की तरह है। हर कोई मनोरमा से कहता है
कि शक्ति की फीस काट दी गई है और उन्हें कुछ भी भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है, जिससे मनोरमा शक्ति को साक्षात्कार के लिए अनुमति देने के लिए सहमत हो जाती है।
हालाँकि, मनोरमा कहती है कि शक्ति के लिए उसकी एक शर्त है कि अगर वह मेडिकल कॉलेज में पढ़ना चाहती है।
उम्मीद करता हूँ आपको यह एपिसोड अच्छा लगा होगा रोजाना नए एपिसोड पाने के लिए सब्सक्राइब जरुर करे और अपने दोस्तों के साथ यह एपिसोड शेयर करे Source Link:- https://hindistoryok.com/pyaar-ka-pehla-adhyaya-shivshakti-17th-july-2023-hindi-written-update-episode/
#Pyar ka Pehla Adhyay Shiv Shakti#Pyar ka Pehla Adhyay Shiv Shakti written update#Pyar ka Pehla Adhyay Shiv Shakti today episode
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विवाह उपरांत जीवन साथी को छोड़ने के लिए 2 शब्दों का प्रयोग किया जाता है
1-Divorce (अंग्रेजी)
2-तलाक (उर्दू)
कृपया हिन्दी का शब्द बताए...??
कहानी आजतक के Editor... संजय सिन्हा की लिखी है...।
तब मैं... 'जनसत्ता' में... नौकरी करता था...। एक दिन खबर आई कि... एक आदमी ने झगड़े के बाद... अपनी पत्नी की हत्या कर दी...। मैंने खब़र में हेडिंग लगाई कि... "पति ने अपनी बीवी को मार डाला"...! खबर छप गई..., किसी को आपत्ति नहीं थी...। पर शाम को... दफ्तर से घर के लिए निकलते हुए... प्रधान संपादक प्रभाष जोशी जी... सीढ़ी के पास मिल गए...। मैंने उन्हें नमस्कार किया... तो कहने लगे कि... "संजय जी..., पति की... 'बीवी' नहीं होती...!"
“पति की... 'बीवी' नहीं होती?” मैं चौंका था
" “बीवी" तो... 'शौहर' की होती है..., 'मियाँ' की होती है..., पति की तो... 'पत्नी' होती है...! "
भाषा के मामले में... प्रभाष जी के सामने मेरा टिकना मुमकिन नहीं था..., हालांकि मैं कहना चाह रहा था कि... "भाव तो साफ है न ?" बीवी कहें... या पत्नी... या फिर वाइफ..., सब एक ही तो हैं..., लेकिन मेरे कहने से पहले ही... उन्होंने मुझसे कहा कि... "भाव अपनी जगह है..., शब्द अपनी जगह...! कुछ शब्द... कुछ जगहों के लिए... बने ही नहीं होते...! ऐसे में शब्दों का घालमेल गड़बड़ी पैदा करता है...।"
खैर..., आज मैं भाषा की कक्षा लगाने नहीं आया..., आज मैं रिश्तों के एक अलग अध्याय को जीने के ���िए आपके पास आया हूं...। लेकिन इसके लिए... आपको मेरे साथ... निधि के पास चलना होगा...।
निधि... मेरी दोस्त है..., कल उसने मुझे फोन करके अपने घर बुलाया था...। फोन पर उसकी आवाज़ से... मेरे मन में खटका हो चुका था कि... कुछ न कुछ गड़बड़ है...! मैं शाम को... उसके घर पहुंचा...। उसने चाय बनाई... और मुझसे बात करने लगी...। पहले तो इधर-उधर की बातें हुईं..., फिर उसने कहना शुरू कर दिया कि... नितिन से ��सकी नहीं बन रही और उसने उसे तलाक देने का फैसला कर लिया है...।
मैंने पूछा कि... "नितिन कहां है...?" तो उसने कहा कि... "अभी कहीं गए ह��ं..., बता कर नहीं गए...।" उसने कहा कि... "बात-बात पर झगड़ा होता है... और अब ये झगड़ा बहुत बढ़ गया है..., ऐसे में अब एक ही रास्ता बचा है कि... अलग हो जाएं..., तलाक ले लें...!"
निधि जब काफी देर बोल चुकी... तो मैंने उससे कहा कि... "तुम नितिन को फोन करो... और घर बुलाओ..., कहो कि संजय सिन्हा आए हैं...!"
निधि ने कहा कि... उनकी तो बातचीत नहीं होती..., फिर वो फोन कैसे करे...?!!!
अज़ीब सँकट था...! निधि को मैं... बहुत पहले से जानता हूं...। मैं जानता हूं कि... नितिन से शादी करने के लिए... उसने घर में कितना संघर्ष किया था...! बहुत मुश्किल से... दोनों के घर वाले राज़ी हुए थे..., फिर धूमधाम से शादी हुई थी...। ढ़ेर सारी रस्म पूरी की गईं थीं... ऐसा लगता था कि... ये जोड़ी ऊपर से बन कर आई है...! पर शादी के कुछ ही साल बाद... दोनों के बीच झगड़े होने लगे... दोनों एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाने लगे... और आज उसी का नतीज़ा था कि... संजय सिन्हा... निधि के सामने बैठे थे..., उनके बीच के टूटते रिश्तों को... बचाने के लिए...!
खैर..., निधि ने फोन नहीं किया...। मैंने ही फोन किया... और पूछा कि... "तुम कहां हो... मैं तुम्हारे घर पर हूँ..., आ जाओ...। नितिन पहले तो आनाकानी करता रहा..., पर वो जल्दी ही मान गया और घर चला आया...।
अब दोनों के चेहरों पर... तनातनी साफ नज़र आ रही थी...। ऐसा लग रहा था कि... कभी दो जिस्म-एक जान कहे जाने वाले ये पति-पत्नी... आंखों ही आंखों में एक दूसरे की जान ले लेंगे...! दोनों के बीच... कई दिनों से बातचीत नहीं हुई थी...!!
नितिन मेरे सामने बैठा था...। मैंने उससे कहा कि... "सुना है कि... तुम निधि से... तलाक लेना चाहते हो...?!!!
उसने कहा, “हाँ..., बिल्कुल सही सुना है...। अब हम साथ... नहीं रह सकते...।"
मैंने कहा कि... "तुम चाहो तो... अलग रह सकते हो..., पर तलाक नहीं ले सकते...!"
“क्यों...???
“क्योंकि तुमने निकाह तो किया ही नहीं है...!”
"अरे यार..., हमने शादी तो... की है...!"
“हाँ..., 'शादी' की है...! 'शादी' में... पति-पत्नी के बीच... इस तरह अलग होने का... कोई प्रावधान नहीं है...! अगर तुमने 'मैरिज़' की होती तो... तुम "डाइवोर्स" ले सकते थे...! अगर तुमने 'निकाह' किया होता तो... तुम "तलाक" ले सकते थे...! लेकिन क्योंकि... तुमने 'शादी' की है..., इसका मतलब ये हुआ कि... "हिंदू धर्म" और "हिंदी" में... कहीं भी पति-पत्नी के एक हो जाने के बाद... अलग होने का कोई प्रावधान है ही नहीं....!!!"
मैंने इतनी-सी बात... पूरी गँभीरता से कही थी..., पर दोनों हँस पड़े थे...! दोनों को... साथ-साथ हँसते देख कर... मुझे बहुत खुशी हुई थी...। मैंने समझ लिया था कि... रिश्तों पर पड़ी बर्फ... अब पिघलने लगी है...! वो हँसे..., लेकिन मैं गँभीर बना रहा...
मैंने फिर निधि से पूछा कि... "ये तुम्हारे कौन हैं...?!!!"
निधि ने नज़रे झुका कर कहा कि... "पति हैं...! मैंने यही सवाल नितिन से ��िया कि... "ये तुम्हारी कौन हैं...?!!! उसने भी नज़रें इधर-उधर घुमाते हुए कहा कि..."बीवी हैं...!"
मैंने तुरंत टोका... "ये... तुम्हारी बीवी नहीं हैं...! ये... तुम्हारी बीवी इसलिए नहीं हैं.... क्योंकि... तुम इनके 'शौहर' नहीं...! तुम इनके 'शौहर' नहीं..., क्योंकि तुमने इनसे साथ "निकाह" नहीं किया... तुमने "शादी" की है...! 'शादी' के बाद... ये तुम्हारी 'पत्नी' हुईं..., हमारे यहाँ जोड़ी ऊपर से... बन कर आती है...! तुम भले सोचो कि... शादी तुमने की है..., पर ये सत्य नहीं है...! तुम शादी का एलबम निकाल कर लाओ..., मैं सबकुछ... अभी इसी वक्त साबित कर दूंगा...!"
बात अलग दिशा में चल पड़ी थी...। मेरे एक-दो बार कहने के बाद... निधि शादी का एलबम निकाल लाई..., अब तक माहौल थोड़ा ठँडा हो चुका था..., एलबम लाते हुए... उसने कहा कि... कॉफी बना कर लाती हूं...।"
मैंने कहा कि..., "अभी बैठो..., इन तस्वीरों को देखो...।" कई तस्वीरों को देखते हुए... मेरी निगाह एक तस्वीर पर गई..., जहाँ निधि और नितिन शादी के जोड़े में बैठे थे...। और पाँव~पूजन की रस्म चल रही थी...। मैंने वो तस्वीर एलबम से निकाली... और उनसे कहा कि... "इस तस्वीर को गौर से देखो...!"
उन्होंने तस्वीर देखी... और साथ-साथ पूछ बैठे कि... "इसमें खास क्या है...?!!!"
मैंने कहा कि... "ये पैर पूजन का रस्म है..., तुम दोनों... इन सभी लोगों से छोटे हो..., जो तुम्हारे पांव छू रहे हैं...।"
“हां तो....?!!!"
“ये एक रस्म है... ऐसी रस्म सँसार के... किसी धर्म में नहीं होती... जहाँ छोटों के पांव... बड़े छूते हों...! लेकिन हमारे यहाँ शादी को... ईश्वरीय विधान माना गया है..., इसलिए ऐसा माना जाता है कि... शादी के दिन पति-पत्नी दोनों... 'विष्णु और लक्ष्मी' के रूप हो जाते हैं..., दोनों के भीतर... ईश्वर का निवास हो जाता है...! अब तुम दोनों खुद सोचो कि... क्या हज़ारों-लाखों साल से... विष्णु और लक्ष्मी कभी अलग हुए हैं...?!!! दोनों के बीच... कभी झिकझिक हुई भी हो तो... क्या कभी तुम सोच सकते हो कि... दोनों अलग हो जाएंगे...?!!! नहीं होंगे..., हमारे यहां... इस रिश्ते में... ये प्रावधान है ही नहीं...! "तलाक" शब्द... हमारा नहीं है..., "डाइवोर्स" शब्द भी हमारा नहीं है...!"
यहीं दोनों से मैंने ये भी पूछा कि... "बताओ कि... हिंदी में... "तलाक" को... क्या कहते हैं...???"
दोनों मेरी ओर देखने लगे उनके पास कोई जवाब था ही नहीं फिर मैंने ही कहा कि... "दरअसल हिंदी में... 'तलाक' का कोई विकल्प ही नहीं है...! हमारे यहां तो... ऐसा माना जाता है कि... एक बार एक हो गए तो... कई जन्मों के लिए... एक हो गए तो... प्लीज़ जो हो ही नहीं सकता..., उसे करने की कोशिश भी मत करो...! या फिर... पहले एक दूसरे से 'निकाह' कर लो..., फिर "तलाक" ले लेना...!!"
अब तक रिश्तों पर जमी बर्फ... काफी पिघल चुकी थी...!
निधि चुपचाप मेरी बातें सुन रही थी...। फिर उसने कहा कि... "भैया, मैं कॉफी लेकर आती हूं...।"
वो कॉफी लाने गई..., मैंने नितिन से बातें शुरू कर दीं...। बहुत जल्दी पता चल गया कि... बहुत ही छोटी-छोटी बातें हैं..., बहुत ही छोटी-छोटी इच्छाएं हैं..., जिनकी वज़ह से झगड़े हो रहे हैं...।
खैर..., कॉफी आई मैंने एक चम्मच चीनी अपने कप में डाली...। नितिन के कप में चीनी डाल ही रहा था कि... निधि ने रोक लिया..., “भैया..., इन्हें शुगर है... चीनी नहीं लेंगे...।"
लो जी..., घंटा भर पहले ये... इनसे अलग होने की सोच रही थीं...। और अब... इनके स्वास्थ्य की सोच रही हैं...!
मैं हंस पड़ा मुझे हंसते देख निधि थोड़ा झेंपी कॉफी पी कर मैंने कहा कि... "अब तुम लोग... अगले हफ़्ते निकाह कर लो..., फिर तलाक में मैं... तुम दोनों की मदद करूंगा...!"
शायद अब दोनों समझ चुके थे.....
हिन्दी एक भाषा ही नहीं - संस्कृति है...!
इसी तरह हिन्दू भी धर्म नही - सभ्यता है...!!
👆उपरोक्त लेख मुझे बहुत ही अच्छा लगा..., जो सनातन धर्म औ�� संस्कृति से जुड़ा है...। आप सभी से निवेदन है कि... समय निकाल कर इसे पढ़ें
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दृष्टव्य: सुखी वैवाहिक जीवन के लिए इस आलेख से श्रेष्ठ प्रेरक कथानक मैने कभी नहीं पढ़ा है।
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Apple यूजर्स की मौज, कंपनी देने की जा रही है यह फीचर
एप्पल आईपैड का उपयोग करने वाले यूजर के लिए बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है जिसकी वजह से एप्पल यूजर को काफी ज्यादा फायदा होने वाला है क्योंकि कंपनी वीडियो एडिटिंग के लिए नया फीचर देने वाली है दुनिया में ज्यादातर यूज़र ऐसे हैं जो कि एप्पल किस प्रोडक्ट का उपयोग करना अधिक पसंद करते हैं और कंपनी अपनी युवक की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हमेशा नए नए फीचर पेश करती रहती है लेकिन इस बार एप्पल जो सुविधा देने जा रहा है इससे एप्पल आईपैड यूजर को काफी ज्यादा फायदा होने वाला है क्योंकि कंपनी ने इस बार यूज़र को ऑडियो और वीडियो एडिटिंग करने के लिए यह सुविधा देने का फैसला किया है हालांकि कंपनी के द्वारा दी जाने वाली यह सुविधा सिर्फ उन्हीं यूजर के लिए फायदेमंद होगी जो कि एप्पल आईपैड का उपयोग करते हैं यदि आप एक एप्पल आईपैड यूजर हैं और आपको वीडियो और ऑडियो एडिटिंग करने की जरूरत पड़ती है तो यह खबर आपके लिए बहुत ही जरूरी है जानकारी के अनुसार यह बात सामने आई है कि एप्पल कंपनी एक न��ा अपडेट लेकर आ रही है जिसमें यूज़र को वीडियो और ऑडियो एडिटिंग करने के लिए Final Cut Pro और Logic Pro App दिया जाएगा यदि आप एक ऐसे यूजर हैं जो कि वीडियो और ऑडियो एडिटिंग करने का शौक रखते हैं तो यह आपके लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होने वाला है यदि आपने कभी फाइनल कट प्रो या फिर लॉजिक प्रो ऐप का इस्तेमाल किया होगा तो आप इसके फीचर के बारे में जानते ही होंगे जो कि आप से वीडियो और ऑडियो को काफी ज्यादा बेहतरीन बनाने में मददगार होता है इसे भी पढ़ेंः Apple ग्राहकों के लिए खुशी की खबर, आज दिल्ली में खुलेगा एप्पल का रिटेल स्टोर फाइनल कट प्रो के अंदर कई सारे ऐसे फीचर्स मिल जाते हैं जो कि वीडियो की क्वालिटी को और ज्यादा बेहतरीन बनाने में मदद करते हैं जानकारी के अनुसार यह बात सामने आई है कि एप्पल कंपनी के द्वारा दिए जाने वाले फीचर का उपयोग यूजर 23 मई के बाद अपने आईपैड में उपयोग कर सकेंगे Apple कंपनी के द्वारा दिया जाने वाला यह वीडियो एडिटिंग एप्लीकेशन उपयोग करने के लिए यूजर को मंथली सब्सक्रिप्शन प्लान लेने की आवश्यकता होगी इसी के साथ साथ जो यूजर एनुअली प्लान लेना चाहते हैं उनके लिए उपलब्ध होगी यदि कंपनी के द्वारा दिए जाने वाले इस सॉफ्टवेयर के सब्सक्रिप्शन प्लान की बात करें तो देश में इसकी कीमत मंथली बेस पर ₹499 रखी गई है यहीं पर यदि सालाना सब्सक्रिप्शन प्लान की बात करें तो यह ₹4999 में लिया जा सकेगा यदि कोई यूजर एप्पल के द्वारा दिए जाने वाले इस अपडेट का लाभ लेना चाहता है तो जब भी वह कोई सब्सक्रिप्शन प्लान लेगा तो इसके लिए 1 महीने का ट्रायल भी दिया जाएगा यदि नहीं पर कंपनी के द्वारा दिए जाने वाले इस सॉफ्टवेयर के सपोर्ट की बात करें तो यह M1 और M2 chipset के साथ आसानी से काम करेगा follow on: google news Read the full article
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बजट में फुलझड़ी नहीं, बस आमदनी-खर्च का हिसाब.. निर्मला के बजट का प्लस-माइनस समझिए
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले ही कह दिया था, माफ करना- में कोई धमाका नहीं होगा, बस सरकार आमदनी-खर्च का हिसाब दे देगी। वह अपनी बात पर कायम रहीं। बजट में कोई फुलझड़ी नहीं थी लेकिन आप इसे उनकी आलोचना मत समझिए, यह तो उनकी प्रशंसा है। निर्मला के अंतरिम बजट से अर्थशास्त्री झूम उठे हैं। उन्होंने इसमें रेवड़ियां नहीं बांटीं और राजकोषीय घाटे में कमी का वादा किया। राजकोषीय घाटे का मतलब है, सरकार की आमदनी से अधिक खर्च। निर्मला ने बताया कि वित्त वर्ष 2024 में यह घाटा GDP का 5.8 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले बजट में इसके लिए 5.9 प्रतिशत का अनुमान रखा गया था। सरकार ऐसा इसलिए कर पाई क्योंकि उसे अच्छी आमदनी हुई। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2025 में यह 5.1 प्रतिशत रहेगा और उससे अगले साल 4.5 प्रतिशत। कोरोना महामारी, यूक्रेन युद्ध और अल निनो जैसी चुनौतियों के बीच यह बात खास मायने रखती है। कुछ आलोचक कह सकते हैं कि राजस्व घाटा तो वित्त वर्ष 2024 में GDP का 2.8 प्रतिशत रहा, जिसे कभी खत्म करने की बात कही गई थी और अगले वित्त वर्ष में भी यह 2 प्रतिशत रहने वाला है। कुछ अर्थशास्त्री यह भी कहेंगे कि सरकारी खजाने की सेहत तभी अच्छी मानी जाती है, जब प्राथमिक घाटा खत्म हो जाए। राजकोषीय घाटे में से सरकार की ब्याज देनदारी निकालने बाद जो रकम बचती है, उसे प्राथमिक घाटा कहते हैं। प्राथमिक घाटा शून्य हो तो उसका मतलब है कि सरकार जो भी उधार ले रही है, वह उससे निवेश करेगी। वित्त वर्ष 2024 में प्राथमिक घाटा 2.3 प्रतिशत रहा, लेकिन अगले साल इसके 1.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। शायद यह आने वाले वर्षों में खत्म हो जाए। बाजार पर असर सवाल यह भी है कि राजकोषीय घाटे को लेकर अंतरिम बजट से जो अच्छी खबर आई, उसका शेयर बाजार पर पॉजिटिव असर क्यों नहीं पड़ा? असल में मार्केट टैक्स छूट की उम्मीद कर रहा था, जो पूरी नहीं हुई और बजट से पहले शेयर बाजार में यूं भी अच्छी तेजी आ चुकी थी। इसलिए गुरुवार को इसमें मामूली गिरावट आई और निफ्टी 50 इंडेक्स 0.13 प्रतिशत नीचे बंद हुआ।कई जानकारों को लग रहा था कि वित्त मंत्री कुछ रेवड़ियों का ऐलान करेंगी। यूं तो अंतरिम बजट में ऐसा नहीं करना चाहिए, लेकिन पहले के कुछ वित्त मंत्रियों ने इस बंधन को नहीं माना था। 5 साल पहले पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था और तब उन्होंने पर्सनल इनकम टैक्स से छूट की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था। उन्होंने सैलरीड क्लास के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में छूट के साथ अन्य रियायतें भी दी थीं। उन्होंने दावा किया था कि इससे मध्यवर्ग के 3 करोड़ करदाताओं को फायदा होगा, जो BJP का वोट बैंक माने जाते हैं। चुनाव और बजट गोयल के बजट से कुछ सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को सालाना 6,000 रुपये देने की घोषणा की थी। इसे तेलंगाना की रायतू बंधु, ओडिशा की KALIA और राहुल गांधी की चुनाव जीतने पर हर किसान परिवार को 72,000 रुपये देने के वादे के मुकाबले में लाया गया था। रायतू बंधु योजना के तहत तेलंगाना में हर कटाई सीजन में किसानों को 4,000 रुपये प्रति एकड़ और KALIA के तहत ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को 10,000 रुपये का भुगतान किया जाता है। 2019 में BJP को भरोसा नहीं था कि वह आम चुनाव जीत जाएगी। दरअसल, कुछ महीने पहले मध्य भारत के तीन राज्यों में हुए चुनाव में वह हार गई थी। यूं तो मोदी अक्सर कहते हैं कि चुनाव रेवड़ियां बांटकर नहीं, परफॉरमेंस से जीते जाते हैं। इसके बावजूद BJP को तब रेवड़ियां बांटनी पड़ी थीं, भले ही दूसरी पार्टियों की तुलना में उसने कम फ्रीबीज दिए। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले हालात बिल्कुल अलग हैं। BJP को आम चुनाव में जीत का भरोसा है। मोदी की अप्रूवल रेटिंग 90 प्रतिशत तक है। किसी अन्य लोकतांत्रिक देश के लीडर के लिए ऐसी रेटिंग सपना है। कुछ समय पहले हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी को शानदार जीत मिली। मध्य प्रदेश में तो सत्ता में रहते हुए भी उसकी सीटें बढ़ गईं। आज उसे सत्ता विरोधी लहर का डर नहीं है इसलिए 5 साल पहले भले ही गोयल के लिए रेवड़ी बांटना राजनीतिक मजबूरी थी, निर्मला के सामने ऐसी मजबूरी नहीं है। BJP को परफॉरमेंस के दम पर लोकसभा चुनाव जीतने का यकीन है। इसलिए अंतरिम बजट में जब व��� अपनी सरकार की एक के बाद एक उपलब्धियां बता रही थीं तो उनकी पार्टी के सांसद हर बड़े दावे पर मेजें थपथपा रहे थे। उन्होंने यह वादा भी किया कि पिछले 10 वर्षों में BJP के नेतृत्व में देश ने क्या हासिल किया है और उससे पहले के दशक में कांग्रेस सरकार ने क्या हासिल किया था, इस पर रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगी। देश की इकॉनमी आज भारत दुनिया के बड़े देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पहले अग्रिम अनुमान में बताया गया कि वित्त वर्ष 2024 में देश की ग्रोथ 7.3 प्रतिशत रह सकती है,… http://dlvr.it/T2BzQX
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विवेकानंद अमरीका जाते थे। रामकृष्ण की तो मृत्यु हो गई थी। रामकृष्ण की पत्नी शारदा से वे आशा मांगने गए कि मैं जाता हूं परदेश, खबर ले जाना चाहता हूं— धर्म की, सत्य की। मुझे आशीर्वाद दें कि मैं सफल होऊं।
शारदा तो ग्रामीण स्त्री थी। वे उससे आशीर्वाद लेने गए। उन्होंने सोचा भी न था कि शारदा आशीर्वाद देने में भी सोच—विचार करेगी। उसने विवेकानंद को नीचे से ऊपर तक देखा। वह अपने चौके में खाना बनाती थी। फिर बोली सोच कर बताऊंगी।
विवेकानंद ने कहा सिर्फ आशीर्वाद मांगने आया हूं शुभाशीष चाहता हूं तुम्हारी मंगलकामना कि मैं जाऊं और सफल होऊं।
उसने फिर उन्हें गौर से देखा और उसने कहा ठीक है। सोच कर कहूंगी।
विवेकानंद तो खड़े रह गए अवाक। कभी आशीर्वाद भी किसी ने सोच कर दिए हों और आशीर्वाद सिर्फ मांगते थे शिष्टाचारवश।
वह कुछ सोचती रही और फिर उसने कहा विवेकानंद को कि नरेन्द्र, वह जो सामने पड़ी हुई छुरी है, वह उठा लाओ।
सामने पड़ी हुई छुरी विवेकानंद उठा लाए और शारदा के हाथ में दी। हाथ में देते ही वह हंसी और उसकी हंसी से उन्हें आशीर्वाद बरस गए उनके ऊपर। उसने कहा कि जाओ। जाओ, तुमसे सबका मंगल ही होगा। विवेकानंद कहने लगे कि इस छुरी के उठाने में और तुम्हारे आशीर्वाद देने में कोई संबंध था क्या?
शारदा ने कहा संबंध था। मैं देखती थी कि छुरी उठा कर तुम किस भांति मुझे देते हो। मूठ तुम पकड़ते हो कि फलक तुम पकड़ते हो। मूठ मेरी तरफ करते हो कि फलक मेरी तरफ करते हो। और आश्चर्य कि विवेकानंद ने फलक अपने हाथ में पकड़ा था छुरी का और मूठ लकड़ी की शारदा की तरफ की थी।
आमतौर से शायद ही कोई फलक को पकड़ कर और मूठ दूसरे की तरफ करे। मूठ कोई पकड़ेगा सहज, खुद।
शारदा कहने लगी तुम्हारे मन में मैत्री का भाव है, तुम जाओ, तुमसे कल्याण होगा। तुमने फलक अपनी तरफ पकड़ा, मूठ मेरी तरफ। अपने को असुरक्षा में डाला। हाथ में चोट लग सकती है और मेरी सुरक्षा की फिकर की। तुम जाओ, आशीर्वाद मेरे तुम्हारे साथ हैं।
इतनी सी, छोटी सी घटना में मैत्री प्रकट होती है, साकार बनती है। बहुत छोटी सी घटना है! क्या है मूल्य इसका कि क्या पकड़ा आपने, फलक या मूठ? शायद हम सोचते भी नहीं। और सौ में निन्यानबे मौके पर कोई भी मूठ ही पकड़ता है। वह सहज मालूम होता है। अपनी रक्षा सहज मालूम होती है, आत्म—रक्षा सहज मालूम होती है।
मैत्री आत्म—रक्षा से भी ऊपर उठ जाती है। दूसरे की रक्षा, वह जो जीवन है हमारे चारों तरफ, उसकी रक्षा महत्वपूर्ण हो जाती है। मैत्री का अर्थ है. मुझसे भी ज्यादा मूल्यवान है सब—कुछ जो है।
वैर का अर्थ है मैं सबसे ज्यादा मूल्यवान हूं। सारा जगत मिट जाए, लेकिन मेरी रक्षा जरूरी है। मैं हूं केंद्र जगत का। वैर— भाव का आधार है मैं हूं केंद्र जगत का। वैर— भाव ईगो—सेंट्रिक है। वह अहं—केंद्रित है। मैं हूं जगत का केंद्र। सारा जगत चलता है मेरे लिए, सारा जगत मिट जाए, लेकिन मैं बचूं।
मैत्री का केंद्र मैं नहीं हूं सर्व है। मैं मिट जाऊं, सब बचे। मैं खो जाऊं, सब रहे। मैत्री है मंगल की कामना, सर्व—मंगल की। कामना ही नहीं, सक्रिय जीवन भी। उठूं, बैठूं, चलूं— और मेरा उठना, बैठना, चलना, मेरा श्वास लेना भी सर्व—मंगल के लिए समर्पित हो जाए; तो मनुष्य परमात्मा के दूसरे द्वार में प्रवेश पाता है।
प्रभु की पगड़ंडियां--(प्रवचन--04)
प्रभु—मंदिरका दूसरा द्वार: मैत्री(प्रवचन—चौथा)
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