#औरंगाबाद रेल दुर्घटना
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biharkonnection · 5 years ago
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कोई पटरी पर सो जाए तो हम क्या कर सकतें हैं: SC
कोई पटरी पर सो जाए तो हम क्या कर सकतें हैं: SC
हाल ही में हुई औरंगाबाद रेल दुर्घटना पर वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिका दायर की थी जिसको SC ने शुक्रवार ,15 मई को ख़ारिज कर दिया। इसमें SC ने कहा की कोई “अगर रेल की पटरी पर सो जाए तो सरकार क्या कर सकती है।”
इससे पहले भी आलोक द्वारा इसी पर याचिका दायर हुई थी जिसमें मांग हुई थी की कोर्ट द्वारा केंद्र को आदेश दिए जाएं की वो फंसे हुए कामगारों की पहचान करे और उनके भोजन व रहने के उचित व्यवस्था…
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kisansatta · 4 years ago
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श्रमिको के पलायन का जिम्मेदार कौन ?औद्योगिक घराने या सरकार
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देश की सरकार यह कहने में जरा संकोच नही करती कि वर्तमान सरकार गरीबो की सरकार है लेकिन आश्चर्य तो तब होता है जब नंगे पाव देश की बहुत बडी आबादी अपने घरो की ओर पलायन करती है और सरकार संवेदना के अलावा जो कुछ करती है वह बहुत ही नाकाफी होता है जिन वाहनो पर पत्थर ढोये जाते है उन पर वेसहारा श्रमिक अपने परिवार व छोटे बच्चो के साथ यात्रा करने को विवश होते है फिर उससे ज्यादा भयानक तस्वीर तब सामने आती है जब श्रमिको को राज्य के बार्डर पर रोक कर आगे न बढने के निर्देश सरकार की मंशा के विपरीत निरंकुश नौकरशाही फरमान जारी करती है भले ही सरकार ने यह कहा हो कि जो श्रमिक आ रहे है उनके रहने व खाने का बन्दोबस्त किया जाए उन्हे किसी प्रकार की कठिनाई न हो उसको नजर अंदाज किया जाता है मामला यही नही थमता श्रमिको की भावनाओ को दर किनार कर उनका आग्रह ठुकराया जाता है और लाठी चार्ज भी होता है । यह भी यदि मान लिया जाए कि सरकार ने उपयुक्त समय पर उचित निर्णय नही लिया यदि उचितसमय पर सही निर्णय लिया गया होता तो शायद देश की तस्वीर इतनी भयावह न होती ।
आश्चर्य की बात है कि देश के चंद दो चार गिने चुने मीडिया ��राने ने ही कोरोना से भी बड़ी कही जा सकने वाली श्रमिक त्रासदी को अपने टी वी चैनल्स पर दिखाना उचित समझा अन्यथा अधिकांश भोंपू चैनल्स का पूरा समय साम्प्रदायिकता फैलाने व सरकार का गुणगान करने में ही निकल रहा है।
जिस समय पूरी दुनिया की नज़रें कोरोना के वैश्विक दुष्प्रभावों पर लगी हुई हैं उसी के साथ साथ विश्व मीडिया भारत के करोड़ों श्रमिकों की दुर्दशा पर भी नज़र रखे हुए है। भारतीय मीडिया इसे ‘मज़दूरों का पलायन’ कहकर संबोधित कर रहा है जबकि यह बेबस व मजबूर श्रमिक अपने औद्योगिक व व्यवसायिक प्रतिष्ठनों की बेरुख़ी व सरकार की नाकामियों व ग़लत फ़ैसलों की वजह से सुरक्षा के दृष्टगत दूरस्थ अपने अपने क़स्बों व गांव मुहल्लों में अपने घरों में अपने परिवार के पास पहुँचने का प्रयास कर रहे हैं।
देश के कई नामीगिरामी लोगो का कहना है कि अब तक के सबसे बड़े श्रमिक प्रस्थान की तुलना 1947 के भारत पाक विभाजन से की जाए तो कहना गलत न होगा जब करोड़ों लोगों ने अनिश्चितता के वातवरण में इधर से उधर कूच किया था। उस समय भी भारत पाक दोनों ही ओर के संपन्न लोग प्रायः सुरक्षित थे जबकि विभाजन की त्रासदी का दंश आम लोगों ने ही झेला था। स्थिति आज भी लगभग वैसी ही है। आज भी लॉक डाउन की सबसे बड़ी मार कामगार,श्रमिक,दिहाड़ीदार व आम लोगों पर ही पड़ रही है। परन्तु मजबूरी,बेबसी और लाचारी के जो मंज़र लगभग दो महीने से चल रहे इस वृहद श्रमिक कूच के दौरान देखे गए वह विभाजन से क���ीं ज़्यादा दर्दनाक,भयावह,अप्रत्याशित तथा श्रमिकों के भरोसे को तोड़ने वाले थे वाले थे।
सोशल मीडिया पर अपने अपने गांव घरों को वापस जा रहे श्रमिकों व उनके परिवार के सदस्यों की जो हृदय विदारक तस्वीरें सामने आ रही हैं उन्हें देखकर कोई भी पत्थर दिल इंसान भी रो पड़ेगा। परन्तु अफ़सोस कि देश के नेताओं को इन्हें तत्काल राहत पहुंचाए जाने का कोई उपाय नहीं सूझा। श्रमिक कूच के दौरान केवल दो अवसरों पर सरकारें सक्रिय दिखाई दीं।
एक उस समय जब औरंगाबाद के समीप ट्रेन से कटकर 16 श्रमिकों ने अपनी जानें गंवाईं। चूँकि उनकी संख्या 16 थी इसलिए उन श्रमिकों के क्षत विक्षत शव को मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ ले जाने के लिए विशेष ट्रेन का प्रबंध किया गया। प्रशासन ने तत्काल आ���्थिक सहायता के साथ स्पेशल ट्रेन से शवों को महाराष्ट्र से रवाना किया।
जबलपुर पहुंचने पर शवों को दो बोगियों से शहडोल और उमरिया रवाना किया गया। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में औरंगाबाद के समीप हुई दुर्घटना में मारे गये शहडोल के ग्यारह और उमरिया के पांच व्यक्तियों के शव भी जबलपुर लाये गये थे। सभी 16 शवों को स्पेशल ट्रेन से उमरिया और शहडोल रवाना किया गया। दुर्घटना स्थल पर अधिकारियों को हेलीकॉप्टर से भेजा गया। नेताओं के शोक संदेशों का दौर चला।
श्रमिकों की शव यात्रा में राजनैतिक दलों के नेताओं ने शिरकत कर घड़ियाली आंसू बहाए। साथ ही इस दुर्घटना के बाद रेल ट्रैक के किनारे श्रमिकों के पैदल चलने पर रोक लगा दी गयी और इस संबंध में रेलवे प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया। जो श्रमिक उस दुर्घटना के दौरान या बाद में रेल ट्रैक के किनारे चल रहे थे उन्हें हटाने की व्यवस्था की गयी। दूसरी सरकारी सक्रियता उस समय नज़र आई जब उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले में दो ट्रकों की टक्कर में ट्रक पर सवार 24 मज़दूरों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
अनेक श्रमिक इस दुर्घटना में घायल भी हुए। यहाँ भी मृतक श्रमिकों की संख्या चूँकि 24 थी और मामला भी उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का था इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सभी ने संवेदना के ट्वीट कर डाले। मोदी जी ने अपने ट्वीट में फ़रमाया कि -‘उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना बेहद ही दुखद है।
सरकार राहत कार्य में तत्परता से जुटी है। इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं, साथ ही घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’ इसी प्रकार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा, ”उत्तर प्रदेश के औरैया में हुए सड़क हादसे में कई श्रमिकों की मृत्यु के बारे में जानकर अत्यंत दुख हुआ है. इस दुर्घटना में जिन लोगों की जान गई है, मैं उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. साथ ही दुर्घटना में घायल हुए मज़दूरों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं’।
वहीं मुख्यमंत्री योगी का संवेदना ट्वीट कुछ इन शब्दों में था -‘जनपद औरैया में सड़क दुर्घटना में प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुःखद है, मेरी संवेदनाएं मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। पीड़ितों को हर संभव राहत प्रदान करने,घायलों का समुचित उपचार कराने व दुर्घटना की त्वरित जांच करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं।’
ठीक है सरकार की जितनी भी संवेदनशीलता है उसका का सम्मान किया जाना चाहिए। परन्तु इसी लॉक डाउन में पैदा परिस्थितियों के कारण एक,दो,चार,छः करके भी कम से कम अब तक एक हज़ार लोग रास्ते में ही मौत ��ी आग़ोश में समा चुके हैं।लगभग प्रतिदिन श्रमिकों के साथ होने वाले किसी न किसी हादसे की ख़बरें आ रही हैं। बिना किसी हादसे के भी कितने श्रमिक या उनके परिवार के सदस्य यहाँ तक कि छोटे बच्चे भूख,प्यास,थकान या डी हाइड्रेशन की वजह से दम तोड़ रहे हैं। देश के इतिहास में श्रमिकों ने इतने बुरे दिन पहले कभी नहीं देखे। निश्चित रूप से यह सरकार की ग़लत व जल्दबाज़ी में लिए गए फ़ैसलों तथा अदूरदर्शिता का ही परिणाम है।
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newsaryavart · 5 years ago
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Rajat Sharma's Blog: हजारों प्रवासी मजदूर क्यों अभी भी रेल की पटरियों पर पैदल चल रहे हैं
Rajat Sharma’s Blog: हजारों प्रवासी मजदूर क्यों अभी भी रेल की पटरियों पर पैदल चल रहे हैं
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Image Source : INDIA TV Rajat Sharma’s Blog: हजारों प्रवासी मजदूर क्यों अभी भी रेल की पटरियों पर पैदल चल रहे हैं?
महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास स्थित करमाड में गुरुवार सुबह हुई एक भीषण दुर्घटना में एक मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे की खबर मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। ये प्रवासी मजदूर जालना की एक स्टील फैक्ट्री…
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khabaruttarakhandki · 5 years ago
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Aurangabad Train Accident: पटरियों पर सो रहे प्रवासी मजदूरों पर चढ़ी मालगाड़ी, 16 मरे, चारों ओर सामान बिखरा नजर आया
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औरंगाबादः महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में ट्रेन की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। वे मध्य प्रदेश लौट रहे थे।रेलवे ने इस दुर्घटना की समग्र जांच की घोषणा की है। हादसा औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर करमाड के समीप सुबह लगभग सवा पांच बजे हुआ। अधिकारियों ने बताया कि मारे ��ए मजदूर और जीवित बचे चार अन्य मजदूर-सभी पुरुष थे। सोशल मीडिया पर वायरल, हादसे की एक वीडियो क्लिप में पटरियों पर मजदूरों के शव पड़े दिखाई देते हैं और शवों के पास मजदूरों का थोड़ा बहुत सामान बिखरा पड़ा नजर आता है।जिला पुलिस प्रमुख मोक्षदा पाटिल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जीवित बचे चार लोगों में से तीन ने अपने साथियों को जगाने की कोशिश की थी जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर जालना से रातभर पैदल चलने के बाद पटरियों पर सो गए थे।
करमाड थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि वे ट्रेन की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे।जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘जालना में एक इस्पात कारखाने में काम करने वाले ये मजदूर गत रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे। वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए।’’पुलिस ने बताया कि जीवित बचे चार मजदूरों में से तीन पटरी से कुछ दूर सो रहे थेपुलिस ने बताया कि जीवित बचे चार मजदूरों में से तीन पटरी से कुछ दूर सो रहे थे। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण ये प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और अपने घर जाना चाहते थे।
वे पुलिस से बचने के लिए ट्रेन की पटरियों के किनारे पैदल चल रहे थे। इस हादसे में बाल-बाल बचे लोगों ने आ रही मालगाड़ी को लेकर अपने समूह के सदस्यों को जगाने का प्रयास किया। जीवित बचे मजदूरों ने इस हादसे के बारे में रूह कंपा देने वाली कहानी बताई।पाटिल ने कहा, ‘‘ फंसे हुए 20 मजदूरों का समूह जालना से पैदल चल पड़ा। उसने आराम करने का फैसला किया और इनमें से ज्यादातर पटरी पर ही लेट गए। तीन मजदूर लेटने के लिए कुछ दूरी पर समतल जमीन पर चले गए। कुछ देर बाद इन तीनों ने एक मालगाड़ी को आते देखा और चिल्लाए लेकिन किसी को कुछ सुनाई नहीं दिया।’’ आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘‘मेरी जीवित बचे हुए लोगों के साथ बातचीत हुई जो कुछ दूरी पर आराम कर रहे रहे थे। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाकर सोते हुए अपने साथियों को जगाने की कोशिश की लेकिन यह व्यर्थ रहा और ट्रेन मजदूरों के ऊपर से निकल गई।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। बीस में से 16 की मौत हो गई, एक घायल हो गया और तीन हमारे पास हैं।करमाड थाने में मामला दर्ज किया गया है।’’ मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त शैलेष पाठक ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पर्याप्त चेतावनी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया है और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है कि ऐसा हादसा फिर न हो। उन्होंने कहा कि प्रवासी या अन्य व्यक्तियों के रेलमार्ग पर चलने और फिर हादसे में मौत की घटना संज्ञान में आई ��ै, ऐसे में भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ही सभी गंभीर रेल हादसों की जांच करते हैंमुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ही सभी गंभीर रेल हादसों की जांच करते हैं और सभी रेल परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करते हैं।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है। पांच-पांच लाख रुपये महाराष्ट्र सरकार तो पांच-पांच लाख रुपये मध्य प्रदेश सरकार देगी। जालना के पुलिस अधीक्षक एस चैतन्य ने कहा कि प्रवासी मजदूरों ने अपने नियोक्ता या स्थानीय प्रशासन को सूचना दिए बिना ही अपनी यात्रा शुरू कर दी थी।पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच थी और वे मध्य प्रदेश के उमरिया तथा शहडोल जिलों के रहने वाले थे। वे जालना में ए��� इस्पात कारखाने में काम करते थे। अधिकारी ने कहा कि प्रशासन जहां प्रवासी मजदूरों के लिए आश्रय शिविर चला रहा है, वहीं हादसे की चपेट में आए लोग अपने कारखाने के परिसर में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि मजदूरों ने औरंगाबाद जाने का निर्णय किया क्योंकि उन्हें लगा कि उन्हें वहां से मध्य प्रदेश के लिए ट्रेन मिल सकती है।रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि जीवित बचे लोगों के अनुसार मजदूरों ने बृहस्पतिवार शाम सात बजे जालना से चलना शुरू किया और लगभग 36 किलोमीटर चलने के बाद पटरियों पर आराम करने का निर्णय किया।
अधिकारी ने बताया कि मालगाड़ी में पेट्रोल के खाली कंटेनर थे और यह मनमाड तहसील स्थित पानेवाडी जा रही थी। दुर्घटना के बाद यह अगले स्टेशन पर रुक गई। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मृतकों के शव आज बाद में ट्रेन के जरिए जबलपुर ले जाए जाएंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर शुक्रवार को दुख प्रकट कियाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर शुक्रवार को दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनके पास 16 मजदूरों की मौत पर कुछ कहने के लिए शब्द नहीं हैं।उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें इस हादसे में लोगों की मौत की खबर से बड़ा दुख हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख प्रकट किया और कहा कि राष्ट्र के निर्माताओं के साथ हुए बर्ताव पर शर्मिंदा होना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस हादसे को अत्यंत दुखद और विचलित करने वाला करार दिया तथा मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की। कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए बसों और ट्रेनों की सुविधा प्रदान करने की नीति को त्रुटिपूर्ण कदम करार दिया और कहा, ‘‘आज सुबह जो त्रासदी हुई, उसे रोका जा सकता था यदि सरकार समय पर इन प्रवासी मजदूरों को बचाने के लिए आगे आई होती।’’महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद और मजलिस ए इत्तेहाद उल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने कहा, ‘‘16 प्रवासी मजदूरों की मौत, हत्या क�� मामला है।’’ दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘फंसे मजदूरों की दुर्दशा की अनदेखी करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मजदूरों की मौत केन्द्र और राज्य सरकारों की लापरवाही व असंवेदनशीलता का परिणाम है।उन्होंने घर वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर व्यवस्था की मांग की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रवासी मजदूरों की मौत को दिल दहलाने वाला हादसा बताया और कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें।
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onlinekhabarapp · 5 years ago
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सुतिरहेका मजदुरमाथि भारतमा रेल चल्यो, १६ को मृत्यु
२६ वैशाख, काठमाडौं । भरतको महाराष्ट्रको औरंगाबादमा रेलले किचेर कम्तीमा १६ जनाको मृत्यु भएको छ । ५ जना घाइते भएका छन् ।
भारतका रेलमन्त्री पियुष गोयलका अनुसार, आफ्नो घर हिँडेका मजदुरहरु राति रेलको लिगमा सुतिरहेका थिए । बिहान स्थानीय समयअनुसार साढे पाँच बजे यो दुर्घटना भएको बताइएको छ ।
भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदीले घटनामा दुःख व्यक्त गर्दै रेलमन्त्रीलाई आवश्यक सबै सहयोगको लागि निर्देशन दिएको बताएका छन् ।
औरंगाबादका एसपी मोक्षदा पाटिलका अनुसार, सबै मजदुरहरु औरंगाबाद नजिकै रहेको जालनाको उक स्टिल कारखानामा काम गर्थे । उनीहरू भुसावल भन्ने स्थानतर्फ गइरहेका थिए । उनीहरुलाई औरंगाबादबाट रेल पाइन्छ भनेर सुनाइएको थियो । रात परेपछि उनीहरु रेलको लिगमा नै सुतेका थिए । रेल आउँदा उनीहरु सुतिरहेको कारण उनीहरुले भाग्ने मौका पाएनन् ।
भारतमा कोरोना भाइरस (कोभिड–१९) नियन्त्रणका लागि मे १७ सम्म लकडाउन घोषणा गरिएको छ । त्यसैले विभिन्न राज्यमा गएर काम गर्ने मजदुरहरु लामो बाटो हिँडेरै घर फर्किने गरेका छन् ।
रेलमन्त्री गोयलका अनुसार, चालकले मजदुरहरु लिगमा सुतिरहेको देखेपछि रेल रोक्ने प्रयास गरेका थिए । तर, उनले मजदुरहरुलाई बचाउन भने सकेनन् । मृत्यु हुने सबै मध्य प्रदेशका नागरिक रहेको बताइएको छ ।
स्रोत : अन्तर्राष्टिय सञ्चारमाध्यमहरु
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tinku88044 · 5 years ago
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औरंगा रेल हादसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब कोई रेल पटरी पर सो जाए तो उसे कैसे रोका जा सकता है?
औरंगा रेल हादसा: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब कोई रेल पटरी पर सो जाए तो उसे कैसे रोका जा सकता है?
[ad_1] सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कर रही हैं। लेकिन लोग फेर में पैदल ही निकल रहे हैं। इंतजार नहीं कर रहे हैं। । [ad_2] Source link
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bollywoodpapa · 5 years ago
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औरंगाबाद ट्रेन हादसे का चश्मदीद गवाह आया सामने, किया बड़ा ख़ुलासा,मैंने उन्हें आवाज दी थी लेकिन...'
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औरंगाबाद ट्रेन हादसे का चश्मदीद गवाह आया सामने, किया बड़ा ख़ुलासा,मैंने उन्हें आवाज दी थी लेकिन...'
दोस्तों देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है वहीं हर दिन कोई न कोई बुरी ख़बर सामने आ रही है। औरंगाबाद ट्रेन हादसे से सबको हिलाकर रख दिया। सरकार हादसे की जाँच में जुटी है। वहीं हादसे के चश्मदीद गवाह सामने आया जिसे उस हादसे की आँखो देखी कहानी बताई। उस सुबह क्या हुआ था? आइए जानते हैं।
सरकार स्पेशल ट्रेन चलाकर मजदूरों को उनके राज्य ��हुंचा रही थी इसके बावजूद भी लोग पैदल जा रहे हैं या साइकिल से जा रहे हैं। कुछ मज़दूर महाराष्ट्र के जालना से रेल पटरी के रास्ते पैदल मध्यप्रदेश में अपने गांव जा रहे थे। जिनके साथ ये बड़ा हादसा हुआ। औरंगाबाद जिले में हुई ट्रेन दुर्घटना में बाल-बाल जीवित बचे श्रमिकों का कहना है कि उन्होंने पटरियों पर सो रहे अपने साथियों को तेजी से आती ट्रेन से बचने के लिए आवाज दी थी, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अधिकारियों ने बताया कि 20 मजदूरों का एक समूह महाराष्ट्र के जालना से पैदल मध्यप्रदेश में अपने गांव जा रहा था। ये सभी जालना की एक स्टील फैक्टरी में काम करते थे और कोविड-19 लॉकडाउन के कारण बेरोजगार होने के बाद लौट रहे थे। पुलिस अधीक्षक मोक्षदा पाटिल ने बताया, ‘लॉकडाउन के कारण फंसे हुए 20 श्रमिकों का एक समूह जालना से पैदल जा रहा था।
थकान के कारण उन्होंने आराम करने की सोची और उनमें से ज्यादातर पटरियों पर लेट गए। उनमें से तीन पास स्थित खाली जगह में बैठ गए।’ उन्होंने कहा कि कुछ देर बाद इन तीनों ने मालगाड़ी को आते देखा और तुरंत चिल्ला कर सभी को आगाह किया, लेकिन वे सुन नहीं सके। पाटिल ने कहा, ‘मैंने जीवित बचे लोगों से बातचीत की है। वे लोग जालना से पैदल चले थे और भुसावल जा रहे थे। भुसावल दुर्घटना वाली जगह औरंगाबाद के पास करमंड से करीब 30-40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।’
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factbulletin · 5 years ago
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केजरीवाल ने औरंगाबाद रेल हादसे पर गहरा दुख जताया
केजरीवाल ने औरंगाबाद रेल हादसे पर गहरा दुख जताया
नई दिल्ली 08 मई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में मालगाड़ी की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत पर गहरा दुख जताया।
आगे पढ़े
श्री केजरीवाल ने ट्वीट किया, “औरंगाबाद दुर्घटना बहुत दुखद है। कोरोना और लॉकडाउन से गरीब सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।”
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास बदनापुर में आज तड़के मालगाड़ी से…
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kisansatta · 5 years ago
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ट्रेन हादसा : ट्रेन से कटकर प्रवासी मजदूरों की मौत,17 की मौत
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नई दिल्ली : देश में चल रहे कोरोना संकट के बीच दो दिन में दो बार मौत का मातम आया है | महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पटरी पर लोगों के ऊपर से एक खाली मालगाड़ी गुजरने से बड़ा हादसा हो गया है। जिन लोगों पर ट्रेन गुजरी है वो सभी प्रवासी मजदूर थे, यह हादसा शुक्रवार तड़के सुबह 5.15 बजे का है, जिसमें 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी औरंगाबाद रेल हादसे पर दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रेल हादसे में जानमाल के नुकसान से बेहद दुखी हूं। रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।”
औरंगाबाद की एसपी मोक्षदा पाटिल बताया, “यह घटना सुबह 5.15 बजे की है। दुर्भाग्य से एक मालगाड़ी कुछ लोगों के ऊपर से गुजर गई, जिसमें 16 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं।” रेलवे अधिकारी के मुताबिक घटना दक्षिण मध्य रेलवे (SCR) के नांदेड़ डिवीजन के जालना और औरंगाबाद के बीच की है। घटनास्थल पर कुछ पुलिस अधिकारी और आरपीएफ पहुंच गई है।
पटरी पर कुछ लोगों को देखकर ड्राइ��र ने ट्रेन को रोकने की कोशिश भी की लेकिन शायद ट्रेन इतनी स्पीड में थी को उसे रोक नहीं पाया और यह हादसा हो गया। रेलवे मंत्रालय ने बताया कि सुबह में मालगाड़ी के ड्राइवर ने दूर देख लिया था कि कुछ प्रवासी मजदूर पटरी पर हैं। इस दौरान उसने ट्रेन को रोकने की पूरी कोशिश भी की लेकिन वह असफल रहा और ट्रेन उन लोगों पर चल गई। मत्रालय ने बताया कि घायलों को औरंगाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है और इसके साथ ही घटना की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।
ट्रेन दुर्घटना की वॉट्सएप पर की गई इंक्वायरी
उत्तर रेलवे में पहली बार ट्रेन हादसे की इंक्वायरी वॉट्सएप पर हुई है। वॉट्सएप पर वीडियो कॉलिंग के जरिए रेलकर्मियों के बयान लिए गए और वाट्सएप से ही उनकी कॉपी मंगाई गई। इस तरह एक दिन में ही ऑफिस में बैठे-बैठे अधिकारियों ने कर्मचारियों के बयान लेने का काम पूरा कर लिया।
https://kisansatta.com/train-accident-migrant-laborers-killed-by-train-17-dead/ #17Dead, #TrainAccidentMigrantLaborersKilledByTrain 17 dead, Train accident: Migrant laborers killed by train Corona Virus, National, Top, Trending #CoronaVirus, #National, #Top, #Trending KISAN SATTA - सच का संकल्प
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newsaryavart · 5 years ago
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महाराष्ट्र रेल दुर्घटना में प्रवासी मजदूरों की मौत पर पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शोक जताया
महाराष्ट्र रेल दुर्घटना में प्रवासी मजदूरों की मौत पर पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शोक जताया
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PM Modi, Vice President Naidu express grief over Aurangabad rail accident
नयी दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ट्रेन दुर्घटना में 16 प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे कम से कम 14 प्रवासी मजदूरों की…
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khabaruttarakhandki · 5 years ago
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Aurangabad Train Accident: पटरियों पर सो रहे प्रवासी मजदूरों पर चढ़ी मालगाड़ी, 16 मरे, चारों ओर सामान बिखरा नजर आया
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औरंगाबादः महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में ट्रेन की पटरियों पर सो रहे कम से कम 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। वे मध्य प्रदेश लौट रहे थे।रेलवे ने इस दुर्घटना की समग्र जांच की घोषणा की है। हादसा औरंगाबाद से करीब 30 किलोमीटर करमाड के समीप सुबह लगभग सवा पांच बजे हुआ। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए मजदूर और जीवित बचे चार अन्य मजदूर-सभी पुरुष थे। सोशल मीडिया पर वायरल, हादसे की एक वीडियो क्लिप में पटरियों पर मजदूरों के शव पड़े दिखाई देते हैं और शवों के पास मजदूरों का थोड़ा बहुत सामान बिखरा पड़ा नजर आता है।जिला पुलिस प्रमुख मोक्षदा पाटिल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जीवित बचे चार लोगों में से तीन ने अपने साथियों को जगाने की कोशिश की थी जो घटनास्थल से करीब 40 किलोमीटर दूर जालना से रातभर पैदल चलने के बाद पटरियों पर सो गए थे।
करमाड थाने के एक अधिकारी ने बताया कि मध्य महाराष्ट्र के जालना से भुसावल की ओर पैदल जा रहे मजदूर अपने गृह राज्य मध्य प्रदेश लौट रहे थे। उन्होंने बताया कि वे ट्रेन की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे।जालना से आ रही मालगाड़ी पटरियों पर सो रहे इन मजदूरों पर चढ़ गई। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘जालना में एक इस्पात कारखाने में काम करने वाले ये मजदूर गत रात पैदल ही अपने गृह राज्य की ओर निकल पड़े थे। वे करमाड तक आए और थककर पटरियों पर सो गए।’’पुलिस ने बताया कि जीवित बचे चार मजदूरों में से तीन पटरी से कुछ दूर सो रहे थेपुलिस ने बताया कि जीवित बचे चार मजदूरों में से तीन पटरी से कुछ दूर सो रहे थे। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण ये प्रवासी मजदूर बेरोजगार हो गए थे और अपने घर जाना चाहते थे।
वे पुलिस से बचने के लिए ट्रेन की पटरियों के किनारे पैदल चल रहे थे। इस हादसे में बाल-बाल बचे लोगों ने आ रही मालगाड़ी को लेकर अपने समूह के सदस्यों को जगाने का प्रयास किया। जीवित बचे मजदूरों ने इस हादसे के बारे में रूह कंपा देने वाली कहानी बताई।पाटिल ने कहा, ‘‘ फंसे हुए 20 मजदूरों का समूह जालना से पैदल चल पड़ा। उसने आराम करने का फैसला किया और इनमें से ज्यादातर पटरी पर ही लेट गए। तीन मजदूर लेटने के लिए कुछ दूरी पर समतल जमीन पर चले गए। कुछ देर बाद इन तीनों ने एक मालगाड़ी को आते देखा और चिल्लाए लेकिन किसी को कुछ सुनाई नहीं दिया।’’ आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘‘मेरी जीवित बचे हुए लोगों के साथ बातचीत हुई जो कुछ दूरी पर आराम कर रहे रहे थे। उन्होंने जोर-जोर से चिल्लाकर सोते हुए अपने साथियों को जगान��� की कोशिश की लेकिन यह व्यर्थ रहा और ट्रेन मजदूरों के ऊपर से निकल गई।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। बीस में से 16 की मौत हो गई, एक घायल हो गया और तीन हमारे पास हैं।करमाड थाने में मामला दर्ज किया गया है।’’ मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त शैलेष पाठक ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को पत्र लिखकर पर्याप्त चेतावनी की ओर उनका ध्यान आकृष्ट किया है और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है कि ऐसा हादसा फिर न हो। उन्होंने कहा कि प्रवासी या अन्य व्यक्तियों के रेलमार्ग पर चलने और फिर हादसे में मौत की घटना संज्ञान में आई है, ऐसे में भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं।मुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ही सभी गंभीर रेल हादसों की जांच करते हैंमुख्य रेलवे सुरक्षा आयुक्त ही सभी गंभीर रेल हादसों की जांच करते हैं और सभी रेल परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान करते हैं।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की है। पांच-पांच लाख रुपये महाराष्ट्र सरकार तो पांच-पांच लाख रुपये मध्य प्रदेश सरकार देगी। जालना के पुलिस अधीक्षक एस चैतन्य ने कहा कि प्रवासी मजदूरों ने अपने नियोक्ता या स्थानीय प्रशासन को सूचना दिए बिना ही अपनी यात्रा शुरू कर दी थी।पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच थी और वे मध्य प्रदेश के उमरिया तथा शहडोल जिलों के रहने वाले थे। वे जालना में एक इस्पात कारखाने में काम करते थे। अधिकारी ने कहा कि प्रशासन जहां प्रवासी मजदूरों के लिए आश्रय शिविर चला रहा है, वहीं हादसे की चपेट में आए लोग अपने कारखाने के परिसर में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि मजदूरों ने औरंगाबाद जाने का निर्णय किया क्योंकि उन्हें लगा कि उन्हें वहां से मध्य प्रदेश के लिए ट्रेन मिल सकती है।रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि जीवित बचे लोगों के अनुसार मजदूरों ने बृहस्पतिवार शाम सात बजे जालना से चलना शुरू किया और लगभग 36 किलोमीटर चलने के बाद पटरियों पर आराम करने का निर्णय किया।
अधिकारी ने बताया कि मालगाड़ी में पेट्रोल के खाली कंटेनर थे और यह मनमाड तहसील स्थित पानेवाडी जा रही थी। दुर्घटना के बाद यह अगले स्टेशन पर रुक गई। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मृतकों के शव आज बाद में ट्रेन के जरिए जबलपुर ले जाए जाएंगे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर शुक्रवार को दुख प्रकट कियाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर शुक्रवार को दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनके पास 16 मजदूरों की मौत पर कुछ कहने के लिए शब्द नहीं हैं।उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें इस हादसे में लोगों की मौत की खबर से बड़ा दुख हुआ है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख प्रकट किया और कहा कि राष्ट्र के निर्माताओं के साथ हुए बर्ताव पर शर्मिंदा होना चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस हादसे को अत्यंत दुखद और विचलित करने वाला करार दिया तथा मारे गए व्यक्तियों के परिवारों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग की। कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए बसों और ट्रेनों की सुविधा प्रदान करने की नीति को त्रुटिपूर्ण कदम करार दिया और कहा, ‘‘आज सुबह जो त्रासदी हुई, उसे रोका जा सकता था यदि सरकार समय पर इन प्रवासी मजदूरों को बचाने के लिए आगे आई होती।’’महाराष्ट्र के औरंगाबाद से सांसद और मजलिस ए इत्तेहाद उल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने कहा, ‘‘16 प्रवासी मजदूरों की मौत, हत्या का मामला है।’’ दुर्घटनास्थल का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा, ‘‘फंसे मजदूरों की दुर्दशा की अनदेखी करने को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय, रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाने चाहिए।
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मजदूरों की मौत केन्द्र और राज्य सरकारों की लापरवाही व असंवेदनशीलता का परिणाम है।उन्होंने घर वापस आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए बेहतर व्यवस्था की मांग की। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों की मौत पर दुख जताया और उनके परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय मदद देने की घोषणा की। राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रवासी मजदूरों की मौत को दिल दहलाने वाला हादसा बताया और कहा कि केंद्र को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच सकें।
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ourmodi-blog · 5 years ago
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प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुई रेल दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख जताया
प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुई रेल दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख जताया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने औरंगाबाद, महाराष्ट्र में हुई रेल दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “औरंगाबाद, महाराष्ट्र में रेल दुर्घटना के कारण हुई लोगों की मौत से दुखी हूँ। मैंने रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल से बात की है और वे स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। सभी आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है।”
https://twitter.com/narendramodi/status/12585…
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khabaruttarakhandki · 5 years ago
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औरंगाबाद का हादसा दर्दनाक था, 16 लोगों की जान चली गई, सीएम उद्धव ठाकरे बोले- सेना बुलाने की जरूरत नहीं है, तैनाती महज अफवाह
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मुंबई/ औरंगाबादः  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज  औरंगाबाद में जो भी हुआ वह दर्दनाक हादसा था। मैं प्रवासी मजदूरों से अपील करता हूं कि वे बेचैन न हों। हम विभिन्न राज्यों के संपर्क में हैं। कुछ और दिनों के लिए धैर्य बनाए रखें। महाराष्ट्र सरकार आपके साथ है। सीएम ने कहा कि पिछले 2-3 दिनों से अफवाह है कि मुंबई में सेना तैनात की जाएगी। यहां सेना की तैनाती की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने आज तक जो भी किया है वह नागरिकों को सूचित करके किया है। आप सभी अनुशासन बनाए रखें, यही पर्याप्त होगा। सेना बुलाने की जरूरत नहीं है।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगभग 18000 मामले हैं। यह एक बड़ी संख्या है, 3250 मरीजों का इलाज करके उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
मुंबई में 748 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें मुंबई में कुल मामलों की संख्या 11,967 हो गई।ठाकरे ने श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया,  मुआवजे की घोषणामहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए प्रत्येक पीड़ित परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा देने की शुक्रवार को घोषणा की। मध्य प्रदेश के कम से कम 16 श्रमिकों की मौत महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के करमाड रेलवे स्टेशन के निकट हो गई। ये श्रमिक रेल पटरी पर सो रहे थे और एक मालवाहक ट्रेन की चपेट में आ गए।इस दुर्घटना में दो अन्य श्रमिक घायल हैं। एक अधिकारी ने बताया जालना से पैदल भुसावल जा रहे मजदूर मध्य प्रदेश के अपने गांवों की ओर लौट रहे थे और थक कर पटरियों पर सो गए थे।
मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। ठाकरे ने कहा कि वह श्रमिकों को ले जाने के लिए ज्यादा ट्रेन चलाने के संबंध में केंद्र सरकार से लगातार संपर्क में हैं।देशव्यापी बंद की वजह से बड़ी संख्या में मजदूर देश के कई हिस्सों में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ इस संबंध में जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। श्रमिकों को धैर्य नहीं खोना चाहिए।’’ इस घटना की जानकारी मिलने के बाद ठाकरे ने मुख्य सचिव अजय मेहता और रेल अधिकारियों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए बातचीत की। ये श्रमिक जालना के एक स्टील उत्पादन संयंत्र में काम करते थे। जालना मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पड़ोस में है।
ठाकरे ने श्रमिकों से अपील की है कि वे अपनी जान खतरे में नहीं डालें और आश्रय शिविरों में ही रहें। उनकी यात्रा को ले कर व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य सरकार लगातार रेल मंत्रालय के संपर्क में है। एक ट्रेन जल्द ही मुंबई से रवाना होगी। मैं श्रमिकों से अपील करता हूं कि वे अपनी जान खतरे में न डालें।’’ ठाकर ने श्रमिकों से अपील की है कि जब तक उन्हें ट्रेन की समय-सारिणी के बारे में सूचना न दे दी जाए तब तक वे शिविरों से बाहर न निकलें। इन शिविरों में खाना और दवाओं की व्यवस्था है।
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khabaruttarakhandki · 5 years ago
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औरंगाबाद का हादसा दर्दनाक था, 16 लोगों की जान चली गई, सीएम उद्धव ठाकरे बोले- सेना बुलाने की जरूरत नहीं है, तैनाती महज अफवाह
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मुंबई/ औरंगाबादः  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज  औरंगाबाद में जो भी हुआ वह दर्दनाक हादसा था। मैं प्रवासी मजदूरों से अपील करता हूं कि वे बेचैन न हों। हम विभिन्न राज्यों के संपर्क में हैं। कुछ और दिनों के लिए धैर्य बनाए रखें। महाराष्ट्र सरकार आपके साथ है। सीएम ने कहा कि पिछले 2-3 दिनों से अफवाह है कि मुंबई में सेना तैनात की जाएगी। यहां सेना की तैनाती की कोई आवश्यकता नहीं है। मैंने आज तक जो भी किया है वह नागरिकों को सूचित करके किया है। आप सभी अनुशासन बनाए रखें, यही पर्याप्त होगा। सेना बुलाने की जरूरत नहीं है।महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगभग 18000 मामले हैं। यह एक बड़ी संख्या है, 3250 मरीजों का इलाज करके उन्हें छुट्टी दे दी गई है।
मुंबई में 748 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें मुंबई में कुल मामलों की संख्या 11,967 हो गई।ठाकरे ने श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया,  मुआवजे की घोषणामहाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में ट्रेन हादसे का शिकार हुए श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए प्रत्येक पीड़ित परिवार को पांच-पांच लाख रुपये की मुआवजा देने की शुक्रवार को घोषणा की। मध्य प्रदेश के कम से कम 16 श्रमिकों की मौत महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के करमाड रेलवे स्टेशन के निकट हो गई। ये श्रमिक रेल पटरी पर सो रहे थे और एक मालवाहक ट्रेन की चपेट में आ गए।इस दुर्घटना में दो अन्य श्रमिक घायल हैं। एक अधिकारी ने बताया जालना से पैदल भुसावल जा रहे मजदूर मध्य प्रदेश के अपने गांवों की ओर लौट रहे थे और थक कर पटरियों पर सो गए थे।
मुख्यमंत्री ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि घायलों के इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। ठाकरे ने कहा कि वह श्रमिकों को ले जाने के लिए ज्यादा ट्रेन चलाने के संबंध में केंद्र सरकार से लगातार संपर्क में हैं।देशव्यापी बंद की वजह से बड़ी संख्या में मजदूर देश के कई हिस्सों में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ इस संबंध में जल्द ही व्यवस्था की जाएगी। श्रमिकों को धैर्य नहीं खोना चाहिए।’’ इस घटना की जानकारी मिलने के बाद ठाकरे ने मुख्य सचिव अजय मेहता और रेल अधिकारियों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए बातचीत की। ये श्रमिक जालना के एक स्टील उत्पादन संयंत्र में काम करते थे। जालना मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पड़ोस में है।
ठाकरे ने श्रमिकों से अपील की है कि वे अपनी जान खतरे में नहीं डालें और आश्रय शिविरों में ही रहें। उनकी यात्रा को ले कर व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘ राज्य सरकार लगातार रेल मंत्रालय के संपर्क में है। एक ट्रेन जल्द ही मुंबई से रवाना होगी। मैं श्रमिकों से अपील करता हूं कि वे अपनी जान खतरे में न डालें।’’ ठाकर ने श्रमिकों से अपील की है कि जब तक उन्हें ट्रेन की समय-सारिणी के बारे में सूचना न दे दी जाए तब तक वे शिविरों से बाहर न निकलें। इन शिविरों में खाना और दवाओं की व्यवस्था है।
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