#ओडिशा में अपराध
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sblogposts · 24 days ago
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Cyber Scam Case: पहले फर्जी वेबसाइट पर पहुंचाया, फिर खाते से उड़ा दिए 40 लाख रुपये, ओडिशा में शख्स के साथ बड़ा स्कैम
Cyber Fraud News: ओडिशा के कटक शहर में साइबर जालसाजों ने एक कार कंपनी का वरिष्ठ कर्मी बनकर एक व्यवसायी से 40 लाख रुपये की ठगी कर ली. पुलिस ने इसकी जानकारी दी.
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Cyber Scam Case: व्यवसायी से 40 लाख रुपये की ठगी, पुलिस कर रही जांच
Cyber Scam Case:-ओडिशा के कटक शहर में साइबर अपराध का एक गंभीर मामला सामने आया है। एक कार कंपनी का वरिष्ठ कर्मी बनकर जालसाजों ने एक व्यवसायी से ₹40 लाख की ठगी कर ली। यह घटना साइबर सुरक्षा की मौजूदा स्थिति पर सवाल खड़े करती है।
क्या है पूरा मामला?
कटक के एक व्यवसायी ने संबलपुर में एक कार शोरूम खोलने की योजना बनाई थी। मार्गदर्शन के लिए उन्होंने कार कंपनी के कर्मियों से संपर्क किया।
फर्जी वेबसाइट पर धोखाधड़ी: व्यवसायी ने गलती से एक फर्जी वेबसाइट पर अपने दस्तावेज़ अपलोड किए और दो बैंक खातों में ₹40.20 लाख जमा कर दिए।
शक होने पर खुला फ्रॉड: जब जालसाजों ने और पैसे मांगे लेकिन ‘फील्ड विजिट’ करने से मना कर दिया, तो व्यवसायी को ठगी का एहसास हुआ।
पुलिस की जांच: पुलिस ने मामले की शिकायत दर्ज कर ली है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ठगों के बैंक खाते नयी दिल्ली में स्थित हैं।
पुलिस का बयान और कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने बताया:
पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है।
ठगों के बैंक खातों का पता लगाया जा रहा है।
मामले की गहराई से जांच जारी है।
साइबर अपराध रोकने के लिए सरकार की पहल
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया:
साइबर थानों की स्थापना:
सभी जिलों में साइबर थाने स्थापित करने का लक्ष्य।
साइबर अपराध शाखा:
एक विशेष साइबर अपराध शाखा बनाई जाएगी, जिसका नेतृत्व एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे।
साइबर प्रकोष्ठ का सशक्तीकरण:
पुलिस विभाग के साइबर प्रकोष्ठ को आधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस किया जाएगा।
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indrabalakhanna · 4 months ago
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Satsang Ishwar TV | 02-09-2024 | Episode: 2499 | Sant Rampal Ji Maharaj ...
*🙏🙇‍♂️बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय🙇‍♂️🙏*
*2/09/24 Monday/ सोमवार*
#GodMorningMonday
#MondayMotivation
#MondayThoughts
#संतरामपालजी_की_जनहित_सेवा*
*India Will Become A Vishwaguru*
🌐🌐🌐
1🌀*संत रामपाल जी के सामाजिक कार्य*⏬
आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख का कारण बनी हुई हैं। इन बुराइयों को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा।
2🌀दहेज प्रथा का होगा समूल नाश
जहाँ आज दहेज के कारण न जाने कितनी ही बहन, बेटियों को समाज में जिंदा जला दिया जाता है या फिर दहेज उत्पीड़न के कारण बेटियों को आत्महत्या की नौबत आ जाती है। तो वहीं दूसरी और समाज सुधारक परम संत, सतगुरु रामपाल जी महाराज अपने अनुयायियों को दहेज मुक्त विवाह करने की शिक्षा देकर दहेज मुक्त विवाह करवा रहे हैं। जिससे दहेज प्रथा का अंत हो रहा है। इससे बहन, बेटियों को समाज में सम्मान के साथ जीने का अधिकार मिल रहा है।
3🌀पाखंडवाद का समूल नाश
संत रामपाल जी महाराज समाज में फैले अंधविश्वास और पाखंडवाद को समाप्त करने के उद्देश्य से सभी प्रमाणित धर्म ग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्रानुकूल भक्ति को जनसाधारण तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि मानव अपने मूल उद्देश्य को पहचान कर जन्म-मरण से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त कर सके। क्योंकि मानव जीवन के महत्व को बताते हुए कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारम्बार।
तरूवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर न लगता डारि।।
4🌀नशा मुक्त समाज
आज समाज में नशे रुपी राक्षस का प्रहार तेजी से फैलता नजर आ रहा है। एक इंसान नशा करने के बाद अपनी इंसानियत भूलकर गलत कदम उठा लेता है और अपराध कर बैठता है। सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर लोग नशे की लत से दूर हो रहे हैं। लेकिन नशा मुक्ति केंद्र खोलने के बावजूद सरकारें समाज से नशा को समाप्त करने में लाचार दिखत��ं हैं। तो वहीं संत रामपाल जी महाराज ने समाज सुधारक का काम करते हुए नशा मुक्त समाज तैयार करने का बीड़ा उठा रखा है। वे अपने सत्संगों में भगवान का विधान बताते हैं:
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
भांग तम्बाकू छोतरा आफु और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब।
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार।
जिससे प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते। इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है।
5🌀 छुआछूत से आज़ादी
छुआछात समाज की एक जटिल समस्या है लेकिन संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि
जाति नहीं जगदीश की, हरिजन की कहां से होय।
इस जात पात के चक्कर में, डूब मरो मत कोय।।
जिससे उनके शिष्य किसी तरह का छुआछात नहीं करते और इससे समाज को छुआछूत से आज़ादी मिल रही है।
6🌀धार्मिक भेदभाव से आज़ादी
संत रामपाल जी कहते हैं:
जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।
हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई।
आर्य-जैनी और बिश्नोई, एक प्रभू के बच्चे सोई।।
इस उद्धरण का नतीजा यह है कि संत रामपाल जी व उनके करोड़ों अनुयायी किसी प्रकार का किसी के साथ जातीय या धार्मिक भेदभाव नहीं करते। इससे समाज में प्रेम और भाईचारा बढ़ रहा है।
7🌀 बेटा-बेटी एक समान
समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव आज भी समाज में देखने को मिलता है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों में बताया है कि बेटा हो या बेटी सभी परमात्मा की आत्माएं हैं और हमें उनमें भेदभाव करके परमात्मा का दोषी नहीं बनना चाहिए।
8🌀संत रामपाल जी महाराज ने मानव व समाज हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने रक्तदान शिविर, नि:शुल्क नेत्र शिविर, दहेज-मुक्त विवाह, अंगदान शिविर और दंत चिकित्सा शिविर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हजारों, लाखों लोगों की मदद की। साल 2023 में ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल दुर्घटना को कौं भुला सकता है। उस दौरान भी उनके अनुयायियों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर घायलों की सहायता की, जो उनके समाज सेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है।
9🌀समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की ��क सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में मध्यप्रदेश सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया। तो वहीं पंजाब, छत्तीसगढ़ में भी उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
🌀10 महामारी के समय जब बड़ी-बड़ी संस्थाएं भी पीछे हट गईं थीं और सरकार के पास लोगों के इलाज़ के लिए अस्पताल कम पड़ रहे थे। तब संत रामपाल जी महाराज ने सरकार से अपने आश्रमों को कोविड सेंटर में तब्दील करने का आग्रह किया। उन्होंने न केवल कोविड सेंटर में आने वाले सभी खर्चों का वहन करने का भी वादा किया बल्कि इसके साथ-साथ अनेकों प्रवासी मजदूरों के लिए भी आश्रमों के द्वार खोल दिए थे। जो समाज हित में किये जाने वाले उनके सामाजिक कार्यों में योगदान को प्रदर्शित करता है।
11🌀हमारे समाज में जीवों के साथ क्रूरता आज एक जटिल समस्या बन चुकी है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज की छवि पशु प्रेमी के रूप में भी उभरकर सामने आई है। उनका कहना है कि जीव हिंसा भगवान का आदेश नहीं है। इस विषय में कबीर परमेश्वर ने कहा है:
कबीर-जीव हनै हिंसा करै, प्रगट पाप सिर होय।
निगम पुनि ऐसे पाप तें, भिस्त गया नहिं कोय।।
साथ ही, बाइबिल के उत्पत्ति 1:29 से 30 में भी परमात्मा ने मानव को खाने के लिए बीजदार पौधे और फलदार वृक्ष दिए हैं। यानि माँस खाने का आदेश भगवान का नहीं है। इसीलिए हमें जीव हिंसा नहीं करनी चाहिए।
12🌀संत रामपाल जी का सामाजिक कार्यों में अहम योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है। यही नहीं जब-जब मानव जाति पर प्राकृतिक आपदा के रूप में महामारी आई या बाढ़ उस दौरान भी लोगों की मदद के लिए संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायी सबसे आगे खड़े दिखे।
13🌀समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने में आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली
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h1an2s3 · 4 months ago
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: संत रामपाल जी के सामाजिक कार्य
आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख का कारण बनी हुई हैं। इन बुराइयों को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा।
#jaishreeram #explorepage
#KabirIsGod #sanatandharma
#SaintRampalJi #SantRampalJiMaharaj
#SantRampalJi_AvataranDiwas
#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: छुआछूत से आज़ादी
छुआछात समाज की एक जटिल समस्या है लेकिन संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि
जाति नहीं जगदीश की, हरिजन की कहां से होय।
इस जात पात के चक्कर में, डूब मरो मत कोय।।
जिससे उनके शिष्य किसी तरह का छुआछात नहीं करते और इससे समाज को छुआछूत से आज़ादी मिल रही है।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: नशा मुक्त समाज
आज समाज में नशे रुपी राक्षस का प्रहार तेजी से फैलता नजर आ रहा है। एक इंसान नशा करने के बाद अपनी इंसानियत भूलकर गलत कदम उठा लेता है और अपराध कर बैठता है। सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर लोग नशे की लत से दूर हो रहे हैं। लेकिन नशा मुक्ति केंद्र खोलने के बावजूद सरकारें समाज से नशा को समाप्त करने में लाचार दिखतीं हैं। तो वहीं संत रामपाल जी महाराज ने समाज सुधारक का काम करते हुए नशा मुक्त समाज तैयार करने का बीड़ा उठा रखा है। वे अपने सत्संगों में भगवान का विधान बताते हैं:
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
भांग तम्बाकू छोतरा आफु और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब।
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार।
जिससे प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते। इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: संत रामपाल जी महाराज ने मानव व समाज हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने रक्तदान शिविर, नि:शुल्क नेत्र शिविर, दहेज-मुक्त विवाह, अंगदान शिविर और दंत चिकित्सा शिविर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हजारों, लाखों लोगों की मदद की। साल 2023 में ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल दुर्घटना को कौं भुला सकता है। उस दौरान भी उनके अनुयायियों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर घायलों की सहायता की, जो उनके समाज सेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: बेटा-बेटी एक समान
समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव आज भी समाज में देखने को मिलता है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों में बताया है कि बेटा हो या बेटी सभी परमात्मा की आत्माएं हैं और हमें उनमें भेदभाव करके परमात्मा का दोषी नहीं बनना चाहिए।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: कोरोना महामारी के समय जब बड़ी-बड़ी संस्थाएं भी पीछे हट गईं थीं और सरकार के पास लोगों के इलाज़ के लिए अस्पताल कम पड़ रहे थे। तब संत रामपाल जी महाराज ने सरकार से अपने आश्रमों को कोविड सेंटर में तब्दील करने का आग्रह किया। उन्होंने न केवल कोविड सेंटर में आने वाले सभी खर्चों का वहन करने का भी वादा किया बल्कि इसके साथ-साथ अनेकों प्रवासी मजदूरों के लिए भी आश्रमों के द्वार खोल दिए थे। जो समाज हित में किये जाने वाले उनके सामाजिक कार्यों में योगदान को प्रदर्शित करता है।
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manvadhikarabhivyakti · 5 months ago
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अंतरराष्ट्रीय कॉल को पाकिस्तान और चीन डायवर्ट करता था सिम बॉक्स गिरोह, ओडिशा में युवक गिरफ्तार
ओडिशा पुलिस ने सिम बॉक्स गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय कॉल को पाकिस्तान, चीन और पश्चिम एशिया की तरफ डायवर्ट करता था। इसके बाद लोगों को साइबर अपराध का शिकार बनाया जाता था। गिरोह का संचालन एक बांग्लादेशी युवक कर रहा था। पुलिस ने गिरोह से जुड़े एक युवक को पकड़ा है। मामले में पुलिस ने भुवनेश्वर से पश्चिम बंगाल के राजू मंडल को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक हजार से अधिक सिम…
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pushpas-posts · 5 months ago
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*💎बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय💎*
11/08/24
*🎈Twitter Trending सेवा🎈*
🎡  *मालिक की दया से अब संत रामपाल जी महाराज जी के परोपकारी कार्य बताते हुए Twitter पर Trending सेवा करेंगे जी।*
*अपना टैग और keyword है⤵️*
*#संतरामपालजीके_परोपकारी_कार्य*
*Social reformer Sant Rampal Ji*
♦️♦️
*सेवा से सम्बंधित फ़ोटो Website पर उपलब्ध हैं जी।*
*Hindi*⤵️
https://www.satsaheb.org/social-reform-hindi-photos/
*English*⤵️
https://news.jagatgururampalji.org/social-reformer-english
*🎯Sewa Points🎯* ⤵
🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
🐚 अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
🐚संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
🐚संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
🐚वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
🐚 समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
🐚 समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर मानवीय सहायता भेजी थी।
🐚 समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
🐚 रक्तदान कर बना रहे समाज सेवा का विश्व रिकॉर्ड
रक्तदान की जब भी बात हो और संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों की बात न हो ऐसा संभव ही नहीं है।
हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
🐚 समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
🐚 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
🐚 देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को ऐस�� निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत लेते हैं और न देते हैं।
🐚निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
❌ *No Copy Paste* ❌
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dainiksamachar · 5 months ago
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10 हजार से अधिक लोगों की जिंदगी लील गई लू, देखें किस राज्य में सबसे अधिक असर
नई दिल्ली : पिछले कुछ समय में जलवायु परिवर्तन का असर साफ रूप से दिखने लगा है। इसका असर अधिक गर्मी के साथ ही अधिक सर्दी के रूप में दिख रहा है। 2013 से 2022 के बीच देश में लू यानी हीटवेव के कारण 10 हजार से अधिक मौतें दर्ज की गई हैं। यह जानकारी बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई गई। पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा को साझा किया, जो गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। इसमें मौतों की संख्या की पुष्टि की गई। किस राज्य में कितनी मौत आंकड़ों के अनुसार 9 साल के दौरान कुल 10,617 मौतें हुईं। इनमें आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और बिहार सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहे। इन राज्यों में क्रमशः 2,203, 1,485, 1,172, 1,030 और 938 मौतें हीटवेव से हुईं। केंद्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों से पता चला कि उपर दी गई अवधि में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में हीटवेव से संबंधित 18 मौतें हुईं। 2014 से 2024 के बीच, 219 दिनों की भीषण गर्मी के साथ, उत्तर प्रदेश में आंध्र प्रदेश की तुलना में दोगुने दिन हीटवेव देखे गए। हालांकि,न दक्षिणी राज्य में हीटवेव से सबसे अधिक मौत दर्ज की गईं। गर्मी ने तोड़ा 80 साल का रिकॉर्ड रिपोर्ट के अनुसार 50 डिग्री सेल्सियस के पार टेंपरेचर जाने के साथ, इस साल अभूतपूर्व गर्मी ने 80 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। उत्तर और मध्य भारत के कई क्षेत्रों में इस साल लंबे समय तक तीव्र लू देखी गई। इस वर्ष लोकसभा चुनाव भी भीषण गर्मी के बीच हुए। जिसमें बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में कई लोगों की जान चली गई, जिनमें कुछ चुनाव अधिकारी भी शामिल थे। डीएमके नेता कनिमोझी करुणानिधि ने भी चुनाव के दौरान भीषण गर्मी के कारण ड्यूटी पर मारे गए सरकारी कर्मचारियों के परिवारों को दिए जाने वाले मुआवजे के बारे में मंत्रालय से सवाल किया। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) में राज्य के आपदा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों के लिए संसाधन उपलब्ध हैं। आगे की वित्तीय सहायता के लिए, राज्य संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार आपदा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार के फंड का लाभ उठा सकते हैं। http://dlvr.it/TBMPV1
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prabudhajanata · 2 years ago
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गुजरात में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को, चार साल पुराने एक मामले में आपराधिक मानहानि के लिए दो साल की सजा सुना दी। इसे संयोग मानने के लिए राजनीतिक रूप से बहुत भोला होना जरूरी है कि उन्हें जिला अदालत ने, आपराधिक मानहानि के अपराध के लिए दी जाने वाली अधिकतम सजा सुनाई है और यह ठीक उतनी ही सजा है, ज��तनी किसी निर्वाचित सांसद-विधायक को ''अयोग्य'' करार देकर, उसकी सदस्यता खत्म करने के लिए न्यूनतम आवश्यक सजा है! खैर! अब यहां से आगे घटनाक्रम ठीक-ठीक क्या रूप लेगा? राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता ताबड़तोड़ खत्म कर दिए जाने के बाद, क्या चुनाव आयोग उनकी वायनाड की लोकसभाई सीट खाली घोषित कर, उसके लिए चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू कर देगा? क्या उच्चतर अपीलीय न्यायालयों द्वारा राहुल गांधी की सजा को भी, खासतौर पर इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए रोक दिया जाएगा कि यह भारत में आपराधिक मानहानि कानून के करीब पौने दो सौ साल के इतिहास में, किसी को इस कानून के अंतर्गत सजा दिए जाने का पहला ही मामला है, या सदस्यता तत्काल खत्म करने के बाद, राहुल गांधी को आठ साल तक चुनाव लड़ने से भी रोक दिया जाएगा और ऐसा हुआ, तो इसके नतीजे क्या होंगे, इस सब के स्पष्ट होने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन, इस पूरे प्रकरण का एक नतीजा तत्काल साफ-साफ दिखाई दे रहा है। कर्नाटक में एक चुनावी सभा में दिए गए भाषण के एक अंश के लिए, राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाए जाने को, उन्हें संसद से ही दूर करने की कोशिश के रूप में लेकर, इस फैसले का खुलकर सबसे पहले विरोध करने वालों में, एक आवाज आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो, अरविंद केजरीवाल की थी। और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी कम-से-कम इस मामले में विपक्ष के साथ आवाज मिलाने में कमोबेश ऐसी ही तत्परता दिखाई है। लेकिन, वह तो शुरूआत थी। इस सत्ता-प्रायोजित तानाशाहीपूर्ण मनमानी के खिलाफ देश भर में उठी नाराजगी की लहर के दबाव मेें भारत राष्ट्र समिति के शीर्ष नेता केसीआर ही नहीं, चुनावों के ताजा चक्र के बाद से कांग्रेस से बढ़कर राहुल गांधी के खिलाफ खासतौर पर हमलावर ममता बैनर्जी और काफी किंतु-परंतु के साथ ही सही, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी, विरोध की आवाज उठाई है। यहां तक कि सप्ताहांत के बाद, सोमवार को संसद बैठने पर विपक्षी पार्टियों के सांसदों नेे काले कपड़ों के साथ जो विरोध प्रदर्शन निकाला, उसमें बजट सत्र का उत्तरार्द्घ शुरू होने के बाद, पहली बार तृणमूल कांग्रेस और बीआरएस के सांसद भी शामिल हुए। जाहिर है कि संसद में और संसद के बाहर भी, अडानी प्रकरण समेत मौजूदा निजाम के विरोध के मुद्दों पर अक्सर साथ दिखाई देने वाली चौदह-पंद्रह विपक्षी पार्टियां तो इस ''सजा'' को, विपक्ष की आवाज दबाने के लिए, मोदी निजाम के एक और ��मले की ही तरह देखती ही हैं। बहरहाल, उनके अलावा ममता बैनर्जी तथा केसीआर जैसे नेताओं का इस मुद्दे पर खुलकर विरोध की आवाज उठाना, इसलिए खास महत्व रखता है कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में इसी फरवरी में हुए विधानसभाई चुनाव के नतीजों के बाद गुजरे हफ्तों में, इन पार्टियों के ही कदमों से और उससे बढ़कर उनके बयानों से, 2024 के आम चुनाव के लिए विपक्ष की एकजुटता के नामुमकिन होने के दावों को काफी बढ़ावा मिल रहा था। कांग्रेस तो खैर, आर-पार की लड़ाई का बिगुल फूंकने के मूड में नजर आ ही रही है। जाहिर है कि यह ताजा घटना विकास, इसकी ओर इशारा करता है कि अगले आम चुनाव में विपक्ष की एकजुटता-विभाजन का मामला, जोड़-घटाव का सरल प्रश्न नहीं, रासायनिक क्रिया का कहीं जटिल मामला होने जा रहा है। ममता बैनर्जी का ही नहीं, तेलंगाना के मुख्यमंत्री तथा बीआरएस सुप्रीमो चंद्रशेखर राव और ओडिशा के मुख्यमंत्री तथा बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक का भी आम तौर पर वर्तमान निजाम के खिलाफ विपक्ष के एकजुट कदमों से अलग-अलग हद तक दूसरी बनाए रखना, विपक्षी एकता के सवाल की उस जटिलता में ही इजाफा करता है। फिर भी इस प्रकरण से एक बात एकदम साफ है, जनतंत्र और विपक्ष मात्र के साथ मोदी राज का सलूक, अपने तमाम राजनीतिक-विचारधारात्मक मतभेदों और हितों के टकरावों के बावजूद, विपक्ष को ज्यादा-से-ज्यादा एक स्वर में बोलने की ओर ले जा रहा है। इसी का एक और साक्ष्य है 14 विपक्षी पार्टियों का सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका दायर कर, केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई, ईडी आदि केंद्रीय जांच एजेंसियों का विपक्ष को कुचलने के लिए दुरुपयोग का आरोप लगाना। इस मामले में आम आदमी पार्टी और बीआरएस जैसी पार्टियां भी, कांग्रेस के साथ एक मंच पर खड़ी देखी जा सकती हैं। ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री, मनीष सिसोदिया की दो अलग-अलग मामलों में सीबीआई तथा ईडी द्वारा गिरफ्तारी और बीआरएस विधान परिषद सदस्य
व चंद्रशेखर राव की पुत्री, सुश्री कविता से ईडी की लगातार जारी पूछताछ ने, इस मुद्दे पर विपक्ष की एकजुटता के दायरे को बढ़ाने का काम किया है। लेकिन, 2024 के आम चुनाव के संदर्भ में विपक्षी एकता की चर्चा में अक्सर, खुद को संघ-भाजपा राज के विरोध में बताने वाली पार्टियों के कई मुद्दों पर अलग-अलग बोलने तथा अलग-अलग चुनाव लड़ने को तो दर्ज किया जाता है, लेकिन विपक्षी स्वरों की बढ़ती एकता की ओर से आंखें ही मूंद ली जाती हैं। बहरहाल, विपक्षी एकता की यह समझ अधूरी है और इसलिए भ्रामक भी। यह समझ विपक्षी एकता को, सत्ताधारी गठजोड़ से बाहर की सभी राजनीतिक पार्टियों के पूरी तरह से एक ��ोकर, सत्ताधारी गठजोड़ के हरेक उम्मीदवार के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार उतारने की हद तक एकता में घटा देती है। जाहिर है कि भारत की वास्तविक राजनीतिक परिस्थितियों में, जिसमें क्षेत्रीय राजनीतिक विविधताएं बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, यह एक असंभव-सी मांग है। और इसी मांग के पूरा न होने के आधार पर विपक्षी एकता होने, न होने को लेकर नकारात्मक फैसले सुनाना, सत्ताधारी गठबंधन की तथाकथित अजेयता के पक्ष में हवा बनाने में मदद तो कर सकता है, लेकिन भारतीय राजनीति की वास्तविक दशा-दिशा को समझने के लिए उससे कोई मदद नहीं मिल सकती है। जाहिर है कि स्वतंत्र भारत की राजनीति का वास्तविक अनुभव, विपक्षी एकता की ऐसी परिभाषा से मेल नहीं खाता है। स्वतंत्रता के बाद के पहले बीस साल में, कांग्रेस की सत्ता पर लगभग इजारेदारी के अनेक राज्यों के टूटने की जब 1967 में शुरूआत हुई थी, कई राज्यों में गठबंधनों ने तथा कुछ राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों ने सत्ता संभाली थी। यह प्रक्रिया, इमरजेंसी के बाद, 1977 के आरंभ में हुए आम चुनाव में नई ऊंचाई पर पहुंची, जब पहली बार केंद्र में सत्ता से कांग्रेस पार्टी की विदाई हुई। वास्तव में इमरजेंसी का उदाहरण ही, भारत में संभव तथा इसलिए भारत के लिए वास्तविक, विपक्षी एकता की संकल्पना का ज्यादा उपयुक्त उदाहरण है। इमरजेंसी के अनुभव के बाद, चंद अपवादों को छोड़कर, लगभग सभी गैर-कांग्रेसी पार्टियां, इमरजेंसी निजाम और उसके लिए जिम्मेदार कांग्रेस का विरोध करने पर एकमत थीं। लेकिन, यह एकता किसी भी प्रकार से, एक के मुकाबले एक उम्मीदवार की, मुकम्मल चुनावी एकता नहीं थी। इसके बावजूद, इस चुनाव में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को अभूतपूर्व हार का सामना करना पड़ा था। आगे चलकर, कांग्रेस के शासन के लगभग दो कार्यकालों के बाद, यही 1988 में, बोफोर्स प्रकरण पर केंद्रित भ्रष्टाचार के आरोपों की पृष्ठभूमि में हुए आम चुनाव में भी, कांग्रेस की हार के रूप में दोहराया गया था। और फिर, 2004 में बेशक काफी भिन्न संदर्भ में, सत्ताधारी भाजपाई गठजोड़ की हार के रूप में। साफ है कि विपक्षी एकता या एकजुटता और विपक्ष का एक के मुकाबले एक उम्मीदवार का मुकाबला सुनिश्चित करने की हद तक एकजुट होना, काफी हद तक अलग-अलग चीजें हैं। वैसे भी एक के मुकाबले एक उम्मीदवार की हद तक विपक्षी एकता, एक ऐसे सत्ताधारी गठजोड़ को हराने की आवश्यक पूर्व-शर्त तो हर्गिज नहीं है, जिसको ऐतिहासिक रूप से अब तक वास्तव में 40 फीसद से ज्यादा वो��� नहीं मिला है। फिर भी, दो चीजें हैं, जो सत्ताधारी गठजोड़ को चुनावी मुकाबले में हराने के लिए जरूरी हैं। पहली, एक वृहत्तर राजनीतिक मुद्दा, को सिर्फ विपक्षी पार्टियों को ही नहीं, आम जनता के उल्लेखनीय रूप से बड़े हिस्सों को भी जोड़ सकता हो। 1977 में इमरजेंसी, तो 1988 में बोफोर्स व आम तौर पर भ्रष्टाचार, ऐसे ही मुद्दे थे। पुन: 2004 में शासन का बढ़ता सांप्रदायीकरण, खासतौर पर 2002 के गुजरात के खून-खराबे की पृष्ठभूमि में ऐसा ही मुद्दा था, जिसने भाजपाई गठजोड़ को, केंद्र में सत्ता से बाहर किया था। 2024 के चुनाव में मोदी राज की बढ़ती अघोषित तानाशाही और जनविरोधी कार्पोरेटपरस्ती, बखूबी ऐसा ही निर्णायक मुद्दा बन सकती है। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कराने के जरिए मौजूदा निजाम ने जाहिर है कि इस प्रक्रिया को और गति दे दी है। लेकिन, इसका अर्थ यह हर्गिज नहीं है कि विपक्षी कतारों के चुनाव के पहले और चुनाव के लिए भी, एकजुट होने की कोई भी जरूरत या सार्थकता ही नहीं है। 1977, 1988 और 2004 -- तीनों चुनावों का अनुभव बताता है कि विपक्ष की मुकम्मल एकता भले संभव न हो और देश के एक अच्छे-खासे हिस्से में यानी कई राज्यों में केंद्र की सत्ताधारी पार्टी का असली मुकाबला, राज्य के स्तर पर मजबूत क्षेत्रीय पार्टियों से या उनके नेतृत्व वाले राज्यस्तरीय गठबंधनों/ मोर्चों से ही होने जा रहा हो, फिर भी विपक्ष की राजनीतिक निशाने की एकता के साथ ही साथ, चुनाव से पहले और चुनाव में भी, उसके एक हद तक एकजुट होने की भी जरूरत होती है, ताकि जनता के बीच
आम तौर पर इसका भरोसा पैदा हो सके कि सत्ताधारियों को, हराने में समर्थ ताकतें सचमुच मौजूद हैं, कि उन्हें सचमुच हराया जा सकता है। मोदी राज के दुर्भाग्य से, उसकी तमाम तिकड़मों और हथकंडों के बावजूद, हालात उसे हराने की दोनों शर्तें पूरी होने की ओर ही बढ़तेे नजर आते हैं। राहुल गांधी के खिलाफ नवीनतम कानूनी प्रहार ने इस प्रक्रिया को और भी तेज कर दिया है।
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praveenpradhan254121 · 4 years ago
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ओडिशा में अधिक बलात्कार, हत्याएं हुईं भुवनेश्वर न्यूज़
ओडिशा में अधिक बलात्कार, हत्याएं हुईं भुवनेश्वर न्यूज़
BHUBANESWAR: पिछले साल कोविद-प्रेरित तालाबंदी और बंद के बावजूद, राज्य में अधिक बलात्कार हुए और हत्या 2020 में पहले वर्ष की तुलना में। गृह राज्य मंत्री दिब्य शंकर मिश्रा द्वारा विधानसभा में एक लिखित उत्तर के अनुसार, पिछले साल कुल मिलाकर 2,984 बलात्कार और 1,470 हत्या के मामले दर्ज किए गए थे। हालांकि मंत्री के लिखित उत्तर में पिछले वर्ष के विशिष्ट अपराध डेटा शामिल नहीं थे, लेकिन आंकड़ों ने साझा किया…
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jaksnews · 4 years ago
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ओडिशा: प्रताड़ित किए जाने से नाराज, दो नाबालिग बेटों ने की मां की हत्या
ओडिशा: प्रताड़ित किए जाने से नाराज, दो नाबालिग बेटों ने की मां की हत्या
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द्वारा लिखित ऐश्वर्या मोहंती | भुवनेश्वर | 17 सितंबर, 2020 4:42:17 बजे
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बेटों ने उसे लोहे की छड़ से मारा और फिर उसे एक पॉलीथिन बैग के साथ बंद कर दिया।
पुलिस ने बताया कि भुवनेश्वर के सुंदरपाड़ा इलाके में एक 40 वर्षीय महिला को उसके नाबालिग बेटों ने कथित तौर पर मार डाला। उसे कथित तौर पर लोहे की छड़ से मारा गया और फिर एक…
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marketingstrategy1 · 2 years ago
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Aligarh News:नौकरी के नाम पर कई राज्यों में ठगी, ओडिसा पुलिस ने किया जमालपुर से इंजीनियर गिरफ्तार - Orissa Police Arrested Engineer From Aligarh
Aligarh News:नौकरी के नाम पर कई राज्यों में ठगी, ओडिसा पुलिस ने किया जमालपुर से इंजीनियर गिरफ्तार – Orissa Police Arrested Engineer From Aligarh
गिरफ्तार जफर का अलीगढ़ में मकान – फोटो : अमर उजाला ख़बर सुनें ख़बर सुनें देश के अलग-अलग राज्यों में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले रैकेट के खास सदस्य को ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जमालपुर से गिरफ्तार किया है। इस रैकेट के द्वारा अब तक पांच राज्यों में 50 हजार से ज्यादा लोगों से ठगी का अनुमान है। ओडिशा पुलिस उसे यहां से वारंट के आधार पर गिरफ्तार करके ले गई है। हालांकि अभी…
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24cgnews · 2 years ago
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रायपुर एसएसपी ने स्मृतिचिन्ह देकर पुलिसकर्मियों का बढ़ाया मनोबल
रायपुर एसएसपी ने स्मृतिचिन्ह देकर पुलिसकर्मियों का बढ़ाया मनोबल
रायपुर। सरस्वती नगर थाना क्षेत्र में हुई लाखों की चोरी के मामले को 24 घंटे में सुलझाकर ओडिशा से दो आरोपितों को गिरफ्तार करने वाले पुलिसकर्मियों को एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने स्मृतिचिन्ह देकर मनोबल बढ़ाया है। स्मृतिचिन्ह पाने वालों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध अभिषेक माहेश्वरी, एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट प्रभारी गिरीश तिवारी, सरस्वती नगर थाना प्रभारी श्रुति सिंह, एंटी क्राइम एवं साइबर यूनिट…
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indrabalakhanna · 5 months ago
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Episode : 26 | कबीर परमात्मा के द्वारा जात-पात के भेद को मिटाना | 11 -08...
*🥀💞🥀बन्दीछोड़ सतगुरु संत रामपाल जी महाराज जी की जय🥀💞🥀*
11/08/24 Sunday/रविवार
🌎🎡🌎🎡 
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#SundayThoughts
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*Social reformer Sant Rampal*
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1📯संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
2📯अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
3📯संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
4📯संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
5📯वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
6📯समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
7📯समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान क��� मानवीय सहायता भेजी थी।
8📯समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
9📯रक्तदान कर बना रहे समाज सेवा का विश्व रिकॉर्ड
रक्तदान की जब भी बात हो और संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों की बात न हो ऐसा संभव ही नहीं है।
हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
10📯संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
11📯समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
12📯 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
13📯संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
14📯 देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को ऐसा निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत लेते हैं और न देते हैं।
15📯निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
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h1an2s3 · 4 months ago
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: संत रामपाल जी के सामाजिक कार्य
आज पूरे विश्व में जिस कार्य को करने के लिए सरकारें अरबों-खरबों रुपये खर्च करके भी नहीं कर पा रही हैं, उसी कार्य को संत रामपाल जी महाराज जी ने सहज रूप से अपने आध्यात्मिक ज्ञान से करके दिखाया है। समाज में फैली बुराइयों जैसे दहेज प्रथा, मृत्यु भोज, पाखंड पूजा, अंधविश्वास, नशा, व्याभिचार, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार, भ्रूण हत्या, जातिवाद, धार्मिक भेदभाव आदि हमारे दु:ख का कारण बनी हुई हैं। इन बुराइयों को जड़ से खत्म करके संत रामपाल जी महाराज एक स्वच्छ समाज का निर्माण कर रहे हैं। जिससे मानव समाज सुखी होगा।
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#तारणहार_संतरामपालजी_महाराज
[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: छुआछूत से आज़ादी
छुआछात समाज की एक जटिल समस्या है लेकिन संत रामपाल जी महाराज कहते हैं कि
जाति नहीं जगदीश की, हरिजन की कहां से होय।
इस जात पात के चक्कर में, डूब मरो मत कोय।।
जिससे उनके शिष्य किसी तरह का छुआछात नहीं करते और इससे समाज को छुआछूत से आज़ादी मिल रही है।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: नशा मुक्त समाज
आज समाज में नशे रुपी राक्षस का प्रहार तेजी से फैलता नजर आ रहा है। एक इंसान नशा करने के बाद अपनी इंसानियत भूलकर गलत कदम उठा लेता है और अपराध कर बैठता है। सिर्फ आध्यात्मिक ज्ञान से ही इससे छुटकारा पाया जा सकता है। संत रामपाल जी महाराज का ज्ञान सुनकर लोग नशे की लत से दूर हो रहे हैं। लेकिन नशा मुक्ति केंद्र खोलने के बावजूद सरकारें समाज से नशा को समाप्त करने में लाचार दिखतीं हैं। तो वहीं संत रामपाल जी महाराज ने समाज सुधारक का काम करते हुए नशा मुक्त समाज तैयार करने का बीड़ा उठा रखा है। वे अपने सत्संगों में भगवान का विधान बताते हैं:
मदिरा पीवै कड़वा पानी, सत्तर जन्म श्वान के जानी।
भांग तम्बाकू छोतरा आफु और शराब।
गरीबदास कौन करे बंदगी ये तो करे खराब।
अमल आहारी आत्मा, कबहु न उतरे पार।
जिससे प्रभावित होकर संत रामपाल जी महाराज के शिष्य भांग, तम्बाकू, शराब आदि किसी भी तरह के नशे को किसी को लाकर देना तो दूर रहा उसे हाथ तक नहीं लगाते। इस तरह संत रामपाल जी महाराज ने नशे की लत से लाखों उजड़े परिवारों को मात्र ज्ञान आधार से एक बार पुनः नशा मुक्त कर उन्हें सुखी बनाया है।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: संत रामपाल जी महाराज ने मानव व समाज हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने रक्तदान शिविर, नि:शुल्क नेत्र शिविर, दहेज-मुक्त विवाह, अंगदान शिविर और दंत चिकित्सा शिविर जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हजारों, लाखों लोगों की मदद की। साल 2023 में ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल दुर्घटना को कौं भुला सकता है। उस दौरान भी उनके अनुयायियों ने सैकड़ों यूनिट रक्तदान कर घायलों की सहायता की, जो उनके समाज सेवा के प्रति अटूट समर्पण को दर्शाता है।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: बेटा-बेटी एक समान
समाज में बेटा-बेटी में भेदभाव आज भी समाज में देखने को मिलता है। लेकिन संत रामपाल जी महाराज ने अपने सत्संगों में बताया है कि बेटा हो या बेटी सभी परमात्मा की आत्माएं हैं और हमें उनमें भेदभाव करके परमात्मा का दोषी नहीं बनना चाहिए।
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[02/09, 7:30 am] +91 83078 98929: कोरोना महामारी के समय जब बड़ी-बड़ी संस्थाएं भी पीछे हट गईं थीं और सरकार के पास लोगों के इलाज़ के लिए अस्पताल कम पड़ रहे थे। तब संत रामपाल जी महाराज ने सरकार से अपने आश्रमों को कोविड सेंटर में तब्दील करने का आग्रह किया। उन्होंने न केवल कोविड सेंटर में आने वाले सभी खर्चों का वहन करने का भी वादा किया बल्कि इसके साथ-साथ अनेकों प्रवासी मजदूरों के लिए भी आश्रमों के द्वार खोल दिए थे। जो समाज हित में किये जाने वाले उनके सामाजिक कार्यों में योगदान को प्रदर्शित करता है।
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divyabhashkar · 3 years ago
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100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी में माइक्रोफाइनेंस फर्म का एमडी गिरफ्तार: रिपोर्ट
100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी में माइक्रोफाइनेंस फर्म का एमडी गिरफ्तार: रिपोर्ट
माइक्रोफाइनेंस फर्म के एमडी रु। धोखाधड़ी के आरोप में पकड़े गए 109 करोड़ राउरकेला: ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में एक निजी माइक्रोफाइनेंस फर्म के प्रबंध निदेशक ने रुपये की पेशकश की है। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि गबन के आरोप में 100 करोड़ रुपये से अधिक को गिरफ्तार किया गया है। ओडिशा पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने दीपक किंडो को गिरफ्तार किया, जो एक साल से अधिक समय से फरार चल रहा था। सुंदरगढ़ जिले के…
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pushpas-posts · 5 months ago
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*💎बन्दीछोड़ सतगुरु रामपाल जी महाराज जी की जय💎*
11/08/24
*🎈Twitter Trending सेवा🎈*
🎡  *मालिक की दया से अब संत रामपाल जी महाराज जी के परोपकारी कार्य बताते हुए Twitter पर Trending सेवा करेंगे जी।*
*अपना टैग और keyword है⤵️*
*#संतरामपालजीके_परोपकारी_कार्य*
*Social reformer Sant Rampal Ji*
♦️♦️
*सेवा से सम्बंधित फ़ोटो Website पर उपलब्ध हैं जी।*
*Hindi*⤵️
https://www.satsaheb.org/social-reform-hindi-photos/
*English*⤵️
https://news.jagatgururampalji.org/social-reformer-english
*🎯Sewa Points🎯* ⤵
🐚 संत ���ामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ जातीय, धार्मिक भेदभाव, छुआछूत, मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज का निर्माण हो रहा है।
🐚 अद्वितीय तत्वज्ञान से समाज सुधार
एक तरफ जहां निःसंतान को समाज में हेयदृष्टि से देखा जाता था। वहीं संत रामपाल जी महाराज ने इस गलत धारणा को अपने अद्वितीय तत्वज्ञान से समाप्त कर दिया और बताया कि निःसंतान तो बहुत ही पुण्यकर्मी प्राणी होता है। क्योंकि उसका किसी से कोई पिछला संस्कार नहीं जुड़ा होता न कोई ऋण होता बच्चों का, जिससे सतगुरु शरण में आकर उसका सहजता से मोक्ष हो सकता है।
🐚संत रामपाल जी महाराज ने विवाह की एक ऐसी सादगीपूर्ण विधि समाज को दी है जिसमें न तो किसी प्रकार के दहेज की सरदर्दी होती और न ही फिजूलखर्ची होती। जिससे सचमुच अब बेटियां माता-पिता के लिए बोझ नहीं रहीं हैं।
🐚संत रामपाल जी महाराज की अद्वितीय समाज सेवा
बाढ़ हो या कोरोना जैसी महामारी, जब-जब मानव से लेकर पशु धन पर आपत्ति आई, तब-तब संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके अनुयायियों ने समाज सेवा कर अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
🐚वृक्षारोपण का अद्भुत उदाहरण
पंजाब प्रांत में संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा से उनके हजारों समर्थकों ने एक दिन में 50000 से अधिक वृक्षारोपण और पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभाई।
🐚 समाज सुधारक संत रामपाल जी महाराज
नशा भारत सहित पूरे विश्व की एक बड़ी समस्या है। युवाओं से लेकर महिलाओं तक सभी नशे में लिप्त हो रहे हैं। लेकिन संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से करोड़ों लोग आज नशा मुक्त हो चुके हैं, जिससे उनका जीवन सुखी तो हुआ ही, साथ ही उनका पूरा परिवार भी सुखी हो चुका है। इस तरह संत रामपाल जी के सानिध्य में नशा मुक्त समाज तैयार हो रहा है।
🐚 समाज सेवा का अद्भुत उदाहरण
ओडिशा के बालासोर भीषण रेल हादसे को कौन भूल सकता है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में लोगों ने जान गंवाई थी, तो वही बड़ी तादाद में लोग घायल हुए थे। जिनके इलाज के लिए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके समर्थकों ने बड़ी संख्या में रक्तदान कर मानवीय सहायता भेजी थी।
🐚 समाज सेवा हो तो ऐसी!
कोरोना महामारी के दो वर्षों को कौन भूल सकता है, जो मानव जाति पर कहर बरपा रही थी, कोरोना मानव जाति को तबाह करने पर आमादा थी। उस दौरान अस्पताल भी कम पड़ रहे थे, तब मानव जाति की रक्षा के लिए संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायी सामने आए थे और संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में सतलोक आश्रम बैतूल (मध्यप्रदेश) व सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा) में अस्थायी कोविड सेंटर खोले गए थे। जिससे मानव जाति को एक बड़ी राहत मिली थी।
🐚 रक्तदान कर बना रहे समाज सेवा का विश्व रिकॉर्ड
रक्तदान की जब भी बात हो और संत रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों की बात न हो ऐसा संभव ही नहीं है।
हर साल संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में छः बड़े समागम होते हैं जिसमें संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणा पाकर उनके समर्थक मानव हित में प्रत्येक बार हजारों यूनिट रक्तदान करते हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज के समाज सुधारक कार्य
आम समाज में बेटे व बेटियों में बहुत फ़र्क समझा जाता रहा है। जिसके कारण भ्रूण हत्या अर्थात लड़की को गर्भ में मारने जैसा भयंकर अपराध भी शुरू हो गया था। संत रामपाल जी महाराज ने इसी लिंग भेद को स्थायी रूप से समाप्त किया है जिससे उनके करोड़ों अनुयायी बेटा व बेटी में किसी प्रकार का भेद नहीं समझते।
🐚 समाज सेवा से पर्यावरण संरक्षण तक
जलवायु परिवर्तन आज दुनिया की एक सबसे बड़ी समस्या है। जिसे देखते हुए संत रामपाल जी महाराज के मार्गदर्शन में उनके लाखों अनुयायियों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक दिन में 11-12 लाख पौधे लगाने में सरकार का सहयोग देकर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
🐚 संत रामपाल जी महाराज जी वह अवतार हैं जो सभी कुप्रथाओं व बुराइयों जैसे नशा, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या आदि को जड़ से खत्म कर रहे हैं।
🐚 संत रामपाल जी महाराज का समाज सुधार में अमूल्य योगदान
संत रामपाल जी महाराज दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म करने के साथ-साथ मृत्यु भोज व नशे जैसी अन्य बुराइयों को समाज से ख़त्म कर रहे हैं।
🐚 देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी अपने अनुयायियों को ऐसा निर्मल ज्ञान दे रहे हैं जिससे उनके अनुयायी न रिश्वत लेते हैं और न देते हैं।
🐚निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज
समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
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lazypenguinearthquake · 3 years ago
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बीमा धोखाधड़ी: कैसे घोटालेबाजों ने ओडिशा के व्यवसायी को 2.5 करोड़ रुपये का धोखा दिया - The420CyberNews
बीमा धोखाधड़ी: कैसे घोटालेबाजों ने ओडिशा के व्यवसायी को 2.5 करोड़ रुपये का धोखा दिया – The420CyberNews
भुवनेश्वर: कुछ बदमाशों ने ओडिशा के सबसे बड़े साइबर-सह-आर्थिक अपराधों में से एक में क्योंझर के एक व्यवसायी को 2.35 करोड़ रुपये का धोखा दिया, उसे जीवन बीमा पॉलिसी के लिए बड़े मुनाफे का लालच देकर उसे खरीदा था। इस तथ्य के बावजूद कि इस तरह के अपराधों की जांच आमतौर पर साइबर अपराध पुलिस स्टेशन द्वारा की जाती है, धोखाधड़ी की भयावहता को देखते हुए राज्य अपराध शाखा ने अपनी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को…
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