#ओएनजीसी के चेयरमैन
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इन्वेस्ट राजस्थान के अंतर्गत राज्य में 1.36 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए मुख्यमंत्री आवास पर एमओयू साइनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में श्रेष्ठ निवेश वातावरण तैयार हुआ है, जिससे बड़े स्तर पर निवेशक राजस्थान की ओर आकर्षित हो रहे है। राज्य में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए एमएसएमई एक्ट-2019, निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) 2019 एवं 2022, वन स्टॉप शॉप प्रणाली जैसे कदम उठाए गए हैं। पर्यटन के क्षेत्र में भी निवेश के लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
कार्यक्रम के दौरान उद्योग, ऊर्जा एवं पर्यटन से संबंधित 26 परियोजनाओं के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य के विभिन्न जिलों में लगने जा रही इन परियोजनाओं से लगभग 17 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और प्रदेश के सर्वांगीण विकास में उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य सरकार की नीतियों से प्रदेश में उद्योग लगाने की प्रक्रिया सुगम हुई है। राज्य में कानून व्यवस्था, सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिजली आदि की स्थिति काफी अच्छी है। राज्य सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों के कारण प्रदेश में श्रमिक असंतोष जैसी भी कोई स्थिति नहीं है।
गत वर्ष अक्टूबर माह में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट में लगभग 11 लाख करोड़ रूपए के एमओयू साइन हुए, जिनमें से 49 प्रतिशत एमओयू का क्रियान्वयन हो रहा है। इन्वेस्ट राजस्थान समिट की सफलता और इसके तहत हस्ताक्षरित एमओयू की संख्या एवं निवेश राज्य में उद्योग जगत के विश्वास को दर्शाता है। भारत सरकार द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार 11.04 जीडीपी विकास दर के साथ राजस्थान पूरे देश में दूसरे स्थान पर रहा है। कोरोना महामारी के कारण उपजी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सभी आर्थिक मापदण्डों पर राजस्थान उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है।
इस दौरान विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने संबंधित अधिकारियों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्रीमती शकुन्तला रावत ��े कहा कि राज्य सरकार की निवेश हितैषी नीतियों के कारण विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित कम्पनियां निवेश के लिए राजस्थान आ रही हैं। मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन्वेस्ट राजस्थान समिट के दौरान हस्ताक्षरित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सभी प्रकार का सहयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। उद्योग विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता ने कहा कि विभाग हर स्तर पर निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी, रीको चैयरमेन श्री कुलदीप रांका, आरआरईसीएल के चेयरमैन श्री आशुतोष ए.टी. पेडनेकर, आरआरईसीएल के प्रबंध निदेशक श्री अनिल ढाका, रीको के प्रबंध निदेशक श्री शिवप्रसाद नकाते, उद्योग विभाग के आयुक्त श्री महेन्द्र कुमार पारख, पर्यटन विभाग की निदेशक श्रीमती रश्मि शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं कम्पनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
ये हुए एमओयू:-
ओएनजीसी, 25 हजार करोड़ रूपए का 5 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट
टेपसोल सन स्पार्कल प्रा.लि., 25 हजार करोड़ रूपए का 5.2 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट
ग्रीनको एनर्जीज प्रा. लि., 13500 करोड़ रूपए का 2650 मेगावाट ऑफ-स्ट्रीम क्लोज्ड लूप पम्पड स्टोरेज प्रोजेक्ट
रिन्यू पावर, 10 हजार करोड़ रूपए का पम्पड स्टोरेज प्रोजेक्ट
सेमालिया एनर्जी प्रा.लि., 9700 करोड़ रूपए का 1200 मेगावाट ऑफ स्ट्रीम क्लोज्ड लूप पम्पड स्टोरेज प्रोजक्ट
गेल (इण्डिया) लि., 7250 करोड़ रूपए का सोलर पार्क प्रोजेक्ट
एक्मे क्लीनटेक सॉल्यूशन्स प्रा. लि., 7150 करोड़ रूपए का 1500 मेगावाट ऑफ स्ट्रीम क्लोज्ड हाइड्रो एनर्जी स्टोरेज प्रोजक्ट
आदित्य बिरला रिन्यूएबल्स लि., 6 हजार करोड़ रूपए के 1500 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स एवं ग्रीन हाइड्रोजन
मलूर रिन्यूएबल्स, 5090 करोड़ रूपए के 1800 मेगावाट का सोलर पार्क प्रोजक्ट
बीपीसीएल लि., 5000 करोड़ रूपए का 1000 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट
भांकरोटा सोलर पार्क, 4050 करोड़ रूपए का 900 मेगावाट सोलर पार्क प्रोजेक्ट
किरी ग्रुप, 2892 करोड़ रूपए का एनीलिन कॉम्पलेक्स
एक्मे क्लीनटेक सॉल्यूशन्स प्रा. लि., 2800 करोड़ रूपए का 600 मेगावाट ऑफ स्ट्रीम क्लोज्ड हाइड्रो एनर्जी स्टोरेज प्रोजक्ट
रिन्यू पावर 2 हजार करोड़ रूपए का कार्बन प्रोजेक्ट
चिरीपाल गु्रप, 700 करोड़ रूपए के सोलर मॉडयूल्स
केराकोल, 200 करोड़ रूपए के बिल्डिंग मैटेरियल कार्य
एस्प्रिट वेंचर्स प्रा. लि., 150 करोड़ रूपए का रिसॉर्ट
ग्रेस कॉलोनाइजर्स प्रा. लि., 122 करोड़ रूपए के होटल एवं रिसॉर्ट
उदयपुर एंटरप्राइजेज प्रा. लि., 105 करोड़ का रिसार्ट
संप्रेति स्ट्रक्चर्स एलएलपी, 101 करोड़ रूपए का रिसॉर्ट
रूपम सोवर होटल्स प्रो. लि., 51 करोड़ रूपए का होटल
दयाराम, 10 करोड़ रूपए का मोटल
आनंद बाग रिसोर्ट एण्ड स्पा, 8.5 करोड़ रूपए का होटल
लक्ष्मणगढ़ फोर्ट प्रा. लि., 5 करोड़ रूपए का हेरिटेज होटल
नरेन्द्र पाल सिंह, 4.64 करोड़ रूपए का होटल
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ONGC Recruitment 2022: फायरमैन से लेकर मैनेजर के पदों पर हो रही है भर्ती
ONGC Recruitment 2022: फायरमैन से लेकर मैनेजर के पदों पर हो रही है भर्ती
ONGC Recruitment 2022: तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड, Oil and Natural Gas Corporation Limited (ONGC) में नौकरी (Sarkari Naukri) की तलाश कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है. ओएनजीसी ने इसके लिए पेट्रो एडिशंस लिमिटेड (OPAL) के तहत मैनेजर और एग्जीक्यूटिव के पदों पर भर्तियां निकाली है. इस पदों पर आवेदन करने वाले इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार ONGC की आधिकारिक वेबसाइट ongcindia.com पर जाकर अप्लाई कर…
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ओएनजीसी को तेल क्षेत्रों में हिस्सेदारी बेचने, ड्रिलिंग कारोबार को अलग करने को कहा गया Divya Sandesh
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ओएनजीसी को तेल क्षेत्रों में हिस्सेदारी बेचने, ड्रिलिंग कारोबार को अलग करने को कहा गया
नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) पेट्रोलियम मंत्रालय ने देश की सबसे बड़ी तेल एवं गैस उत्पादक ओएनजीसी से अपने उत्पादक तेल क्षेत्रों मसलन रत्ना आर-श्रृंखला में हिस्सेदारी निजी कंपनियों को बेचने को कहा है। इसके अलावा मंत्रालय ने कंपनी से केजी बेसिन गैस क्षेत्र में विदेशी भागीदार को साथ लाने, मौजूदा ढांचे के मौद्रिकरण और ड्रिलिंग और अन्य सेवाओं को अलग इकाई के तहत लाने को कहा है। मंत्रालय ने कंपनी को सुझाव दिया है कि वह उत्पादन बढ़ाने के लिए ये कदम उठाए। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (खोज) अमर नाथ ने ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सुभाष कुमार को एक अप्रैल को पत्र लिखकर सात-सूत्रीय कार्रवाई योजना का क्रियान्वयन करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि इससे ओएनजीसी 2023-24 तक अपने तेल एवं गैस उत्पादन में एक-तिहाई की बढ़ोतरी कर सकेगी। पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में ओएनजीसी को अपने तेल एवं गैस क्षेत्रों के निजीकरण के लिए तीसरी बार कहा गया है। इससे पहले अक्टूबर, 2017 में मंत्रालय की तकनीकी इकाई हाइड्रोकॉर्बन महानिदेशालय ने 79.12 करोड़ टन कच्चे तेल और 333.46 अरब घनमीटर गैस के सामूहिक भंडार के 15 उत्पादक क्षेत्रों की पहचान की थी, जिन्हें निजी क्षेत्र को सौंपने की सलाह दी थी। महानिदेशालय का मानना था कि इससे इन क्षेत्रों के अनुमान और खोज में सुधार हो सकेगा। एक साल बाद ओएनजीसी के 149 ऐसे छोटे और सीमान्त क्षेत्रों की पहचान की गई, जिन्हें निजी और विदेशी कंपनियों को सौंपा जाए और कंपनी सिर्फ बड़े क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। सूत्रों ने बताया कि ओएनजीसी के कड़े विरोध के कारण पहली योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका। दूसरी योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा गया। मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी, 2019 को ओएनजीसी के 64 सीमान्त क्षेत्रों के लिए बोलियां मंगवाने का फैसला किया। लेकिन इस निविदा को काफी ठंडी प्रतिक्रिया मिली और ओएनजीसी को इस शर्त के साथ 49 क्षेत्र अपने पास रखने की अनुमति दी गई कि वह कड़ाई से इनके प्रदर्शन की निगरानी करेगी। मंत्रालय के एक अप्रैल, 2021 के नोट में कहा गया है कि मंत्रिमंडल के फैसले के बाद अब दो साल हो चुके हैं। ऐसे में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले क्षेत्रों की पहचान कर उनका विनिवेश और निजीकरण किया जाना चाहिए।
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चमार वाल्मीकि महासंघ उत्तराखंड प्रदेश का गठन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुवद्ध॔न उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी एवं राजेंद्र श्रमिक प्रदेश अध्यक्ष
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चमार वाल्मीकि महासंघ उत्तराखंड प्रदेश का गठन, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुवद्ध॔न उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी एवं राजेंद्र श्रमिक प्रदेश अध्यक्ष
हरिद्वार (1 नवंबर 2020) को चमार वाल्मीकि महासंघ के संरक्षक मंडल की सहमति से क्लासिक होटल में चमार वाल्मीकि महासंघ उत्तराखंड प्रदेश का गठन किया गया। चमार वाल्मीकि महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष भंवर सिंह ने पत्रकार बंधुओं को बताया कि सुवद्ध॔न पूर्व आईएएस एवं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त उत्तराखंड को उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी एवं राजेंद्र श्रमिक को प्रदेश अध्यक्ष, मेघराज सिंह को प्रदेश महामंत्री, राम सिंह पूर्व चेयरमैन लक्सर को प्रदेश उपाध्यक्ष , सोमदत्त पूर्व शाखा प्रबंधक बैंक देहरादून को प्रदेश उपाध्यक्ष, अरूण वाल्मीकि देहरादून को प्रदेश उपाध्यक्ष , नरेश चनयाना हरिद्वार को प्रदेश उपाध्यक्ष, विजय कुमार देहरादून को प्रदेश उपाध्यक्ष, जय प्रकाश शाह को लीगल एडवाइजर रााजेश कुमार गौतम हरिद्वार को प्रदेश सचिव, वीके टम्टा हरिद्वार को प्रदेश सचिव, श्याम सिंह कोटद्वार को प्रदेश सचिव, नरेश कुमार ग्राम प्रधान हरिद्वार को प्रदेश सचिव, विनोद कुमार रुड़की को प्रदेश सचिव, विजय कुमार रुड़की को प्रदेश सचिव, ��चिन चुटेला हरिद्वार को प्रदेशसंगठन सचिव, , रिंकू बाबा उधम सिंह नगर को प्रदेशउप सचिव, सुशील कुमार मौर्य को प्रदेशउपसचिव, सचिन चुटेला, रीनू सिंह ,सोहन सिंह, विजय कुमार सदस्य कार्यकारिणीकी जिम्मेवारी दी गई।
संरक्षक मंडल चंद्र सिंह पूर्व आईएएस , महेश चंद्र पूर्व सदस्य उत्तराखंड अधीनस्थ चयन बोर्ड ,डॉक्टर भगवान दास राठौर पूर्व सांसद, मौलाना आरिफ साहेब( सदर जमीयत उलेमा हिंद उत्तराखंड , चिरंजीलाल भारती पूर्व जज, पी आर बंम्मसिया पूर्व प्रबंधक इंश्योरेंस, हरीश गौतम प्रभारी बामसेफ जम्मू कश्मीर, रमन लाल पूर्व निबंधक रुड़की, हजरत नफीसुल हसन पूर्व जीएम ओएनजीसी, आर यु प्रसाद पूर्व जीएम बी एच ई एल, सुरेंद्र तेश्वर प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सफाई कर्मचारी यूनियन उत्तराखंड, वीरेंद्र श्रमिक पूर्व चेयरमैन जिला सहकारिता भंडार, डॉ राधा वाल्मीकि पंतनगर उत्तराखंड को संरक्षक बनाया। राजू खैरवाल संजय मूलनिवासी, मुकेश श्रमिक, सरदार परविंदर सिंह, रविंद्र कुमार, पूर्व प्रधानाचार्य फूल सिंह, जयपाल सिंह, संघ प्रिया गौतम, इंद्राज, सुशील कुमार, साजन कुमार, अंकितचौहान, सेठ पाल, परविंदर, जयपाल, सुनील कुमार आदि।
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Economy News In Hindi : ONGC's biggest loss so far in the quarter, loss of Rs 3,098 crore due to lower oil and gas prices | ओएनजीसी को तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा घाटा, तेल और गैस की कीमतें घटने से 3,098 करोड़ रुपए का नुकसान
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Economy News In Hindi : ONGC's biggest loss so far in the quarter, loss of Rs 3,098 crore due to lower oil and gas prices | ओएनजीसी को तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा घाटा, तेल और गैस की कीमतें घटने से 3,098 करोड़ रुपए का नुकसान
ऑफशोर बिजनेस का रेवेन्यू 13 प्रतिशत गिरकर 63,521 करोड़ रुपए रहा
ऑनशोर बिजनेस का रेवेन्यू 10.8 प्रतिशत गिरकर 32,691 करोड़ रहा है
दैनिक भास्कर
Jun 30, 2020, 10:38 PM IST
मुंबई. सरकारी कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) को मार्च तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा हुआ है। कंपनी का शुद्ध घाटा 3,098 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले समान अवधि में उसे 4,239 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था। यह घाटा तेल और गैस की कीमतों में अचानक कमी आने से हुआ है।
दिसंबर तिमाही में लाभ 4,226 करोड़ रुपए था
कंपनी ने मंगलवार को अपना वित्तीय परिणाम जारी किया। कंपनी ने बताया कि दिसंबर तिमाही में उसका लाभ 4,226 करोड़ रुपए था। देश की सबसे प्रमुख तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी के घाटे की प्रमुख वजह तेल और गैस के भाव में गिरावट के चलते चलते कंपनी के खाते में असेट्स का वैल्यूएशन पहले से कम किया जाना है। कंपनी के चेयरमैन एवं एमडी शशि शंकर ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतें गिरने से 2019-20 की चौथी तिमाही में कंपनी को परिसंपत्तियों पर 4,899 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि इसके बावजूद कंपनी ने पूरे वित्त वर्ष के दौरान लाभ कमाया है।
रेवेन्यू 19.8 प्रतिशत गिरकर 21,456 करोड़ रुपए रहा
मार्च तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 19.8 प्रतिशत गिरकर 21,456 करोड़ रुपए रहा है। अन्य आय में 44.6 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह 1,325 करोड़ रुपए रही है। कंपनी का स्टैंडअलोन लाभ 49.8 प्रतिशत गिरकर पूरे साल के लिए 13,444 करोड़ रुपए रहा है। एक साल पहले यह 26,765 करोड़ रुपए था। इसी अवधि में रेवेन्यू 12.3 प्रतिशत गिरकर 96,213 करोड़ रुपए रहा है।
कच्चे तेल का उत्पादन 58.2 लाख टन रहा
जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का कच्चा तेल उत्पादन मामूली गिरकर 58.2 लाख टन रहा जो पिछले साल इसी अवधि में 59 लाख टन था। इसके ऑफशोर बिजनेस से आनेवाले रेवेन्यू में भी गिरावट आई है। यह 13 प्रतिशत गिरकर 63,521 करोड़ रुपए रहा है। ऑनशोर बिजनेस का रेवेन्यू 10.8 प्रतिशत गिरकर 32,691 करोड़ रुपए रहा है। पिछले एक साल में कंपनी के शेयरों में 49.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। जबकि कैलेंडर साल यानी जनवरी से अब तक की पहली छमाही में इसका शेयर 36.8 प्रतिशत गिरा है।
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सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियां निवेश कार्यों में तेजी लाएं : वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियों से अपने पूंजीगत व्यय को तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ाने को कहा है। मंत्रालय का मानना है कि इससे बाजार में लेनदेन गतिविधियां बढ़ेगी और परिणामस्वरूप आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और महारत्न और नवरत्न केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के प्रमुखों के बीच हुई बैठक के दौरान इस बात पर जोर दिया गया। बैठक की सह-अध्यक्षता आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती और व्यय सचिव जी सी मुर्मू ने की। बैठक में बुनियादी ढांचा उद्योग से जुड़े वित्तीय सलाहकार भी शामिल हुए। बैठक के दौरान विभिन्न सीपीएसई और मंत्रालयों के पूंजी व्यय की समीक्षा की गई। बयान में कहा गया है, ‘‘उनसे व्यय योजना पर कायम रहने और निवेश गतिविधियों में तेजी लाने को कहा गया।” बैठक पूंजी व्यय बढ़ाने और बाजार में तरलता बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिये बुलाई गई थी। उल्लेखनीय है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 5 प्रतिशत रही जो छह साल का न्यूनतम स्तर है। खरीद और अन्य अनुबंधों के लिए भुगतान निगरानी पर भी जोर दिया गया ताकि समयबद्ध तरीके से नकदी सुनिश्चित करने में देरी नहीं हो। बयान के अनुसार, ‘‘वित्त मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों के साथ-साथ सीपीएसई की बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निरंतर समीक्षा करेगा।” बैठक के बाद ओएनजीसी के कार्यकारी निदेशक एन सी पांडे ने कहा कि 87,000 करोड़ रुपए मूल्य की 27 परियोजनाओं पर काम चल रहा हैं ये परियोजनाएं अगले तीन-चार साल में पूरी होंगीं बैठक में पावरग्रिड कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी के निदेशक (परियोजना), एचएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के सदस्य (वित्त), सेल के निदेशक (वित्त) और जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केट प्लेस) के सीईओ शामिल हुए। इसके अलावा रेलवे, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पोत परिवहन, बिजली, नागर विमानन, आवास और शहरी मामलों, जल संसाधन, ग्रामीण विकास और मानव संसाधन मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकार बैठक में शामिल हुए। Read the full article
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25 परियोजनाओं में 83,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश: ओएनजीसी
25 परियोजनाओं में 83,000 करोड़ रुपये का करेगी निवेश: ओएनजीसी
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) तेल एवं गैस उत्पादन बढ़ाने के लिये 25 बड़ी परियोजनाओं में करीब 83,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने गुरुवार को यह कहा। 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मौके पर कंपनी के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें से 15 परियोजनाएं क्रियान्वधीन हैं। इससे तेल और गैस उत्पादन…
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रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी समेत 10 भारतीय टॉप सीईओ में शामिल
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी समेत 10 भारतीय टॉप सीईओ में शामिल
नई दिल्ली. दुनिया के टॉप सीईओ की सूची में देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी, आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह और ओएनजीसी के प्रमुख शशि शंकर शामिल हैं। सीईओवर्ल्ड पत्रिका ने 2019 में दुनिया के सबसे अधिक प्रभावशाली सीईओ ��ी सूची जारी की है। इसमें दस भारतीय सीईओ शामिल हैं।
आर्सेलरमित्तल के चेयरमैन एवं सीईओ लक्ष्मी निवास मित्तल सबसे ऊंची रैंकिंग (तीसरी) वाले भारतीय सीईओ हैं। हालांकि, उनकी कंपनी को…
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Ongc Expects New Gas Prices Can Equal The Expenses Only No | गैस की नई दर से ONGC को सिर्फ लागत बराबर होने भर की उम्मीद
Ongc Expects New Gas Prices Can Equal The Expenses Only No | गैस की नई दर से ONGC को सिर्फ लागत बराबर होने भर की उम्मीद
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तेल एवं गैस खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक शशि शंकर ने कहा कि एक अक्टूबर से लागू होने वाली प्राकृतिक गैसों की नई कीमतों से किसी तरह उसकी उत्पादन लागत निकल जाएगी. सरकार ने प्राकृतिक गैस का खरीद मूल्य अगले छह माह के लिए 10 प्रतिशत बढ़ा दिया है. जो एक अक्टूबर से लागू होगा. नई कीमत 3.36 डॉलर…
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शशि शंकर ओएनजीसी के सीएमडी बने has been published on PRAGATI TIMES
शशि शंकर ओएनजीसी के सीएमडी बने
नई दिल्ली, (आईएएनएस)| ऊर्जा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओएनजीसी ने रविवार को कहा कि शशि शंकर ने कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का पदभार संभाल लिया।
कंपनी ने कहा कि शंकर कंपनी के बोर्ड में 2012 से हैं और अब उन्होंने डी.के. सर्राफ का स्थान लिया है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “शंकर के पास इस उद्योग से जुड़े मामलों में 35 वर्ष का अनुभव है।” वर्ष 2012 में उन्हें निदेशक (टेक्नोलॉजी और फील्ड सर्विसेज) बनाया गया था। इससे पहले वह कंपनी में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं।
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लेटेस्ट करंट अफेयर्स 23 August 2017 इन हिंदी
लेटेस्ट करंट अफेयर्स 23 August 2017 इन हिंदी
1. अजय विपिन नानावती को सिंडिकेट बैंक का चेयरमैन नियुक्त किया गया। 2. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीसीटीएनएस परियोजना के तहत एक डिजिटल पुलिस पोर्टल शुरु किया जिसका उद्देश्य अपराधों और अपराधियों का राष्ट्रीय ब्यौरा तैयार करना है। 3. सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृति गैस निगम (ओएनजीसी) निदेशक मंडल ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लि. में 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण की सैद्धांतिक मंजूरी दे…
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जीएसपीसी घोटाले में जांच कराने की कांग्रेस की मांग कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता रणदीप सूरजेवाला ने आज अहमदाबाद में जीएसपीसी के २० हजार करोड़ रुपये के घोटाले में पत्रकारों को बताया है कि, सीएजी रिपोर्ट और अखबारी संशोधन में जीएसपीसी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है । जिसकी वास्तविकता यह है कि, जीएसपीसी में गुजरात सरकार और बैंकों के १९५७६ करोड़ रुपये केजी बेजिन गैस ब्लोक में डूबा दिए लेकिन १३ वर्ष में गैस नहीं निकला । जीएसपीसी ६४ गैस ब्लोकस की मालिक थी । जीएसपीसी ने यह ६४ गैस ब्लोकस में ४५ गैस ब्लोकस को सरन्डर कर दिया, जिसके कारण २,९९२.७२ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ । इसमें से ११ ओवरसीज गैस ब्लोकस था, जिसकी सरकारी तिजोरी को १७५७.४६ करोड़ रुपये का नुकसान हुए । इतना ही नहीं कोई भी प्रकार के नीविदा बिना जीएसपीसी ने दो जोइन्ट वेन्चर पार्टनर बना दिया । जीएसपीसी ने यह दोनों निजी कंपनियों की तरफ से २३१९.४३ करोड़ रुपये का खर्च किया, जिसके लिए एक पैसा भी यह ��ंपनियों ने सरकार को वापस नहीं दिया । २३१९.४३ करोड़ रुपये का नुकसान सरकारी तिजोरी को हुआ । सूरजेवाला ने मोदी पर प्रहार करते हुए कहा है कि, जबकि गुजरात के २० हजार करोड़ रुपये जीएसपीसी में डूब रहे थे तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उर्जित पटेल को जीएसपीसी का स्वतंत्र डायरेक्टर तथा ओडिट कमिटी के चेयरमैन के तौर पर नियुक्त कर दिया था । यह सभी को मालूम है कि, उसके बाद मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद उनको आरबीआई के गवर्नर के तौर पर नियुक्त कर दिया ।इसके सिवाय जीएसपीसी के साथ जुड़े हुए सभी अधिकारियों को भारत सरकार में उच्च पद पर नियुक्त कर दिया । ४.८.१७ को आर्थिक दृष्टिकोण से २० हजार करोड़ रुपये डूबाने के बाद जीएसपीसी के ८० फीसदी शेयर को भारत सरकार की ओएनजीसी द्वारा ७.७३८ करोड़ रुपये में खरीदी गया । उल्लेखनीय बात है कि, २००५ से आज दिन तक जीएसपीसी के केजी बेजिन गैस ब्लोक में से कोई गैस नहीं मिला है तो भी ओएनजीसी ने उन्होंने क्यों खरीदा?
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