भारत में अमेज़न प्राइम वीडियो पर नो टाइम टू डाई सेट मार्च रिलीज़ की तारीख
भारत में अमेज़न प्राइम वीडियो पर नो टाइम टू डाई सेट मार्च रिलीज़ की तारीख
वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने गुरुवार को घोषणा की कि मार्च में भारत में अमेज़न प्राइम वीडियो पर नो टाइम टू डाई का प्रीमियर होने वाला है। जेम्स बॉन्ड फिल्म फ्रेंचाइजी में नवीनतम फिल्म डेनियल क्रेग की अंतिम फिल्म है जिसमें गुप्त एजेंट 007 जेम्स बॉन्ड को चित्रित किया गया है। फिल्म ने दुनिया भर के बॉक्स ऑफिस पर $770 मिलियन (लगभग 5,800 करोड़ रुपये) से अधिक की कमाई की है, जिसे समीक्षकों और दर्शकों से…
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सेठ को काम शुरू करना था तो उन्होंने हमें फ्लाइट से मेंगलुरू बुलवाया था। वहां पहुंचे तो उन्होंने बताया कि अब दूसरी कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट हो गया है, इसलिए तुम्हारी जरूरत नहीं। हमने वापस जाने के लिए किराया देने का कहा तो बोले, तुम्हें पहले ही फ्लाइट से बुलवाया है, मेरा काफी पैसा खर्च हो गया। अब जाने का किराया नहीं दे सकता। अपने हिसाब से निकल जाओ।
इसके बाद हम बड़ी मुश्किल से मुंबई तक आए। मुंबई स्टेशन पर तीन दिन तक पड़े रहे क्योंकि वापस जाने का किराया ही नहीं था। दो दिन से खाना नहीं खाया था। कृष्णकांत धुरिया नाम के ऑटो चालक ने खाना खिलवाया। उन्हीं के मोबाइल पर रिश्तेदार से पांच सौ रुपए डलवाए, तब कहीं जाकर गोरखपुर के लिए निकल पा रहे हैं।
यह दास्तां गोरखपुर से मेंगलुरू गए उन आठ मजदूरों की है, जो मुंबई के लोकमान्य तिलक स्टेशन पर तीन दिनों तक फंसे रहे। तीन दिन भूखे थे। इन लोगों का हाल देखकर ऑटो चालक कृष्णकांत ने बात की और इन्हें तिलक नगर में शिव भोजन में खिलाने ले गया। वहां 5 रुपए में खाना मिलता है। वहां 5 रुपए में इन लोगों को एक की बजाए दो-दो प्लेट खाना दिया गया। फिर कुशीनगर ट्रेन से ये घर के लिए रवाना हुए।
बिहार-यूप��� से आने वाली ट्रेनों से रोजाना हजारों की संख्या में मजदूर मुंबई पहुंच रहे हैं। कुछ को काम मिल गया है, कुछ अब खोजबीन शुरू करेंगे।
गांवों से मुंबई लौट रहे मजदूरों की अलग-अलग कहानियां हैं। इन लोगों में डर इतना ज्यादा है कि किसी से बातचीत तक नहीं कर रहे, इन्हें लग रहा है कि कहीं हमें क्वारैंटाइन न कर दिया जाए। शनिवार दोपहर सवा दो बजे पाटलीपुत्र एक्सप्रेस से बड़ी संख्या में बिहार से आए वो कामगार मुंबई में उतरे, जो कोरोना के चलते पलायन पर मजबूर हुए थे।
कैमरा देखते ही ये लोग दूर भाग रहे थे। पुलिस इनके हाथों पर होम क्वारैंटाइन का मार्क लगा रही थी। हर किसी के मन में अजीब से घबराहट थी। कोरोना का डर भी था, लेकिन पेट का सवाल भी था, इसलिए खतरा होने के बावजूद मुंबई आ गए। सिर पर बोरी रखकर चल रहे एक शख्स से हमने पूछा कि आप बात क्यों नहीं करना चाहते तो उन्होंने कहा कि, 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन नहीं होना।
हमें बस अपना पेट पालना है। हमें कोई दिक्कत नहीं है। स्टेशन के बाहर ही पटना से आए संजीव राजपूत अपने दो बच्चों और पत्नी के साथ बैठे थे। संजीव होटल-रेस्टोरेंट में परफ्यूम सप्लाई किया करते थे। थियेटर में भी जाते थे, वहां मैनेजमेंट का कुछ काम करते थे लेकिन अभी न थियेटर खुले हैं और न ही कोई रेस्टोरेंट परफ्यूम बुलवा रहा है, ऐसे में इनके पास करने को अब कुछ नहीं है।
मुंबई में कैसे दिन बिताएंगे? ये पूछने पर बोले, सब्जी-भाजी कुछ बेचूंगा। घर का लोन भी चल रहा है, अभी तक तो मोरेटोरियम पीरियड था तो बैंक से कॉल नहीं आया लेकिन अब सितंबर में मोरेटोरियम पीरियड खत्म हो रहा है। अब पता नहीं क्या होगा। बोले, दो बच्चे हैं। स्कूल से फोन आ रहा है कि फीस भरो, ऑनलाइन क्लास चल रही है, लेकिन यहां तो खाने-पीने के ही ठिकाने नहीं हैं।
ऐसे में फीस भरना तो बड़ी दूर की बात है। संजीव अब सालभर में मुंबई छोड़ना चाहते हैं। कहते हैं, अपने घर में ही कुछ करेंगे। अभी इसलिए आ गया कि कुछ न कुछ काम तो मिले ताकि पैसा आना शुरू हो। कुछ दिनों में परिवार को यहां से लेकर चले जाऊंगा।
कंधे पर सामान ले जाते संजीव। सामान उठाते हुए बोले, इतना पैसा नहीं है कि कुली को दे सकूं। इसलिए खुद ही ले जा रहा हूं।
आजमगढ़ से आए धर्मेंद्र तो अपने साथ राशन, चावल और आटा तक लाए हैं। यहां किराये का ऑटो चलाते हैं। कहते हैं, कमाई क्या होगी, कितनी होगी ठिकाना नहीं है इसलिए गांव से जितना सामान हो सकता था भर लाए हैं। लॉकडाउन में कैसे गुजर बसर चला? इस पर बोले, पूछिए मत। बहुत बुरा समय निकला। पानी पी-पीकर पेट भरा है। अब फिर किसी ऑटो की तलाश करूंगा।
बनारस के जमील अहमद जून में पहली बार फ्लाइट में बैठे थे। परिवार के साथ मुंबई से बनारस जाना था। माहिम ट्रस्ट ने इनका ट्रेन से रिजर्वेशन करवाया था लेकिन ट्रेन ही रद्द हो गई। इसके बाद अमिताभ बच्चन के ट्रस्ट की मदद से इन मजदूरों को फ्री में फ्लाइट से मुंबई से बनारस भेजा गया। जमील मुंबई में आठ बाय दस के कमरे में पूरे परिवार के साथ रहते हैं। इसी कमरे में किचन भी है।
शौचालय सार्वजनिक है। कहते हैं, मेरे हाथ में हुनर है। सिलाई का काम करता हूं। गांव में कोई काम नहीं था। भूखे मरने की नौबत थी। इसलिए अकेला ही मुंबई चला आया। अब यहां सिलाई का कहीं न कहीं काम तलाश करूंगा। पहले जहां काम करता था, वहां भी जाऊंगा यदि काम मिल गया और पैसे आने लगे तब ही पत्नी और बच्चों को लाऊंगा।
धर्मेंद्र गांव से राशन लेकर मुंबई पहुंचे। कहते हैं, यहां कामधंधा अब मिलेगा, पता नहीं। इसलिए खाने-पीने का सामान तो लेकर ही आया हूं।
ऑटो चालक रमेश कहते हैं, पिछले कुछ दिनों से यूपी-बिहार से आने वाली ट्रेनें रोजाना फुल आ रही हैं। लोगों को उनके सेठ ने बुलाया है। यहां जो वर्कर जिस फैक्ट्री में काम करते हैं, उन्हें वहीं रहने के लिए कमरा भी मिलता है। एक कमरे में दस-बारह लोगों का रहना आम बात है। खाने का इंतजाम मजदूरों को खुद करना पड़ता है। आठ से दस हजार रुपए औसत पगार मिल जाती है।
अभी जो लोग आ रहे हैं, उनके मन में सबसे बड़ा डर यही है कि सेठ काम पर रखेगा या नहीं। पगार मिलेगी या नहीं। कहीं क्वारैंटाइन तो नहीं कर दिया जाएगा। इन सब आशंकाओं के बीच वो लोग आ रहे हैं, क्योंकि उनके पास गांव में करने को कुछ है ही नहीं। कहते हैं, मनरेगा का पैसा भी पंचायत वाले खा जाते हैं।
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UP, Bihar Migrant workers Returning Mumbai
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बिहार विधानसभा चुनाव : PM मोदी के इस चुनावी ‘अस्त्र’ के आस्ट्रेलियाई पीएम भी हुए मुरीद, लेकिन विपक्ष कितना तैयार
PM Modi ने साल 2014 में होलोग्राम तकनीक का इस्तेमाल कर की थीं रैलियां
नई दिल्ली :
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आखिरकार गहमागहमी शुरू हो चुकी है. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से चुप्पी साधे बैठे राजनीतिक दलों के सामने इस बार चुनाव प्रचार को लेकर बड़ी चुनौती है. क्योंकि बड़ी-बड़ी रैलियां करना और सोशल डिस्टैसिंग का पालन न करने पर इस संक्रमण को एक तरह से न्यौता ही देना होगा. इन सब के बीच बीजेपी ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. जिसको लेकर विपक्ष निशाना भी साध रहा है और साथ में परेशान भी उसकी साफ दिखाई दे रही है. गृहमंत्री अमित शाह 7 जून यानी रविवार को तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए ‘वर्चुअल’ रैली को संबोधित करेंगे. पहले यह रैली 9 जून को तय की गई थी. दावा किया जा रहा है कि इस रैली के माध्यम से 1 लाख लोगों तक बात पहुंचाई जाएगी. साथ ही जो लोग इस रैली को देखने के बजाए इन सुनना चााहते हैं उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाए. रैली को BJP के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है.
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लेकिन पीएम मोदी के पास ‘2014 वाला हथियार’
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने लगातार रैलियां करने का रिकॉर्ड बनाया था. इतना ही नहीं चुनाव के प्रचार के आखिर में उन्होंने एक साथ कई जगहों पर रैलियां करने के लिए होलोग्राम तकनीकी का इस्तेमाल किया था. इसमें एक जगह से कई रैलियों को संबोधित किया था. इस तकनीकी में 3डी का भी इस्तेमाल होता है जिसमें ऐसा लगता था कि पीएम मोदी साक्षात मंच पर खड़े हो भाषण दे रहे हैं. कुल मिलाकर ऐसी ही तकनीकों का इस्तेमाल करने में बीजेपी आईटी सेल के लगो विशेषज्ञ हैं.
ऑस्ट्रेलिया के पीएम भी हुए तकनीकी के मुरीद
गुरुवार को हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन के दौरान जहां समोसा और खिचड़ी छाई रही वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के ‘होलोग्राम’ तकनीक से किए गए चुनाव प्रचार का जिक्र करते हुए आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा,’यह मुझे चौंकाता नहीं है कि इन परिस्थितियों में हम किस तरह से (वर्चुअल) मिलना जारी रखेंगे. आप उनमें से हैं, जिन्होंने होलोग्राम तकनीक का अपने चुनाव प्रचार में कई साल पहले इस्तेमाल किया था. हो सकता है कि अगली बार हमारे पास यहां आपका एक होलोग्राम होगा.’
तेजस्वी यादव ने बीजेपी की वर्चुअल रैलियों पर साधा निशाना
बिहार में राजद नेता ने ट्वीट किया, ‘कोरोना की संख्या लगभग 2 लाख पहुंच गई है. ग़रीब पैदल चल भूखे मर रहे हैं, लेकिन BJP डिजिटल रैली निकालेगी. भाजपा दुनिया की पहली ऐसी पार्टी है जो अपने लोगों के मरने पर जश्न मना रही है. जिस दिन BJP ग़रीबों की मौत का जश्न मनाएगी उसी दिन प्रतिकार में हम ‘गरीब अधिकार दिवस’ मनाएंगे.
विपक्ष कितना है तैयार
इसमें कोई दो राय नहीं है कि तकनीकी के इस्तेमाल के मामले में पीएम मोदी देश में इस समय बाकी नेताओं से काफी आगे हैं और इसका पार्टी की कार्यशैली पर भी पड़ा है. बीजेपी का आईटी सेल इस समय बाकी पार्टियों की तुलना में ज्यादा दक्ष है. अगर कोरोना वायरस के दौर में परंपरागत प्रचार के तरीकों जैसे रैलियां, रोड शो आदि पर रोक जारी रहती है तो विपक्ष के नेताओं की क्या रणनीति होगी. इतना तय है कि अगर सिर्फ ऑनलाइन चुनाव प्रचार की ही इजाजत मिली तो बीजेपी इसमें भारी पड़ सकती है.
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चीन की तरह सभी देश छिपाएंगे कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा - WHO
नई दिल्ली : चीन से फैली महामारी को छिपाने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर एक बार चीन का पक्ष लेते हुए कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने के बाद कई देश चीन की तरह अपनी मृतक संख्या को संशोधित कर सकते हैं | डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वुहान में संक्रमण बहुत तेजी से फैला और प्राधिकारियों के लिए हर मौत एवं संक्रमण के मामले को दर्ज करना मुश्किल हो गया |
वुहान में प्राधिकारियों ने शुरुआत में इस संक्रमण पर पर्दा डालने की कोशिश की थी | इस संक्रमण को लेकर ऑनलाइन सचेत करने वाले चिकित्सकों को सजा दी गई थी और संक्रमण के मामले दर्ज करने को लेकर सरकार पर सवाल उठते रहे हैं क्योंकि उसने गणना के अपने मापदंडों को बार-बार बदला है |
कई देशों में ऐसी ही स्थिति पैदा होगी- WHO
कोविड-19 संबंधी तकनीकी मामलों के लिए डब्ल्यूएचओ का नेतृत्व कर रही मारिया वान केरखोव ने कहा, ‘‘संक्रमण जारी रहने के दौरान हर मामले और हर मौत को पहचानना चुनौतीपूर्ण होता है | उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि कई देशों में ऐसी ही स्थिति पैदा होगी, जब उन्हें पीछे मुड़कर अपने रिकॉर्ड की समीक्षा करनी होगी और देखना होगा |
उन्होंने कहा कि वुहान में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर काम का बहुत दबाव था, कुछ मरीजों की घर में ही मौत हो गई और अन्य लोग अस्थायी केंद्रों में थे | चिकित्साकर्मियों का ध्यान मरीजों के उपचार पर था, इसलिए उन्होंने समय पर कागजी काम नहीं किया | डब्ल्यूएचओ में आपात मामलों के निदेशक माइकल रेयान ने कहा, ‘‘सभी देश ऐसी स्थिति का सामना करेंगे |’’ लेकिन उन्होंने देशों से जल्द से जल्द सटीक आंकड़े मुहैया कराने की अपील की |
आंकड़े छिपाने को लेकर हुई थी चीन की आलोचना
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 मामलों के आंकड़े छिपाने को लेकर हो रही अंतरराष्ट्रीय आलोचना के बीच चीन ने मृतकों की संख्या में शुक्रवार को संशोधन किया | चीन ने कोरोना वायरस के उत्पत्ति केंद्र वुहान शहर में मृतकों की संख्या में 1,290 का इजाफा किया, जिससे चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 4,632 हो गई |
वुहान में 16 अप्रैल तक कोरोना वायरस के पुष्ट किए गए कुल मामलों में 325 की वृद्धि की गयी जो बढ़कर 50,333 हो गए और मृतकों की संख्या में 1,290 की वृद्धि की गयी. इस तरह कोरोनावायरस से मौतों की पुष्टि के बाद मृतक संख्या 3,869 हो गई. संशोधित आंकड़े के मुताबिक चीन में कोविड-19 से हुई मौतों की कुल संख्या बढ़कर 4,632 हो गई है. कुल मामलों की संख्या भी बढ़कर 82,692 हो गई.
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दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 1640 पहुंचा, अबतक 38 लोगों की मौत
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दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 1640 पहुंचा, अबतक 38 लोगों की मौत
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Coronavirus cases in Delhi till April 16th
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 62 मामले सामने आने के साथ कुल मामले बढ़ कर 1640 हो गये तथा इसके चलते छह लोगों की मौत हो गयी है। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि कुल मामलों में से 1080 वे हैं जिन्हें विशेष अभियान के तहत केंद्रों में लाया गया है। यह संख्या बुधवार के बराबर है। बुधवार की रात राजधानी में घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1578 थी, जिसमें 32 वे लोग भी शामिल थे, जिनकी इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। दिल्ली में छह और लोगों के मरने के साथ ही इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 38 हो गयी है। कुल मामलों में से 51 को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है।
दक्षिणी दिल्ली में पिज्जा पहुंचाने वाले एक व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद अधिकारी अब इस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति करने वाले सभी कर्मियों की चिकित्सीय जांच कराने पर विचार कर रहे हैं। व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 89 लोगों को घर पर पृथकवास में रखा गया है। पिज्जा पहुंचाने वाले 19 वर्षीय लड़के में 14 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। दक्षिणी दिल्ली के जिलाधिकारी बी एम मिश्रा के अनुसार लड़के ने कुल 72 लोगों के यहां पिज्जा पहुंचाया था जिन्हें घर पर पृथक-वास में रखा गया है।
मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया, “इस घटना के आलोक में हम इस पर विचार कर रहे हैं कि घर पर खाद्य पदार्थ पहुंचाने वाले सभी कर्मियों की चिकित्सीय जांच कराई जाए ताकि जिनमें बीमारी के लक्षण हों उन्हें दूसरों के घरों तक जाने से रोका जा सके।” एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पिज्जा पहुंचाने वाला लड़का कुछ समय से बीमार था और उसे मार्च के तीसरे सप्ताह से सर्दी जुकाम की शिकायत थी। इसके बाद वह अस्पताल गया, जहां जांच में उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। मिश्रा ने बताया कि प्राथिमिक तौर पर उसके संपर्क में आने वाले 17 उसके सहयोगियों को छतरपुर स्थित पृथकवास केंद्र में रखा गया है। उन्होंने कहा कि मालवीय नगर और हौजरानी समेत दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के 72 लोगों में अभी तक संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे हैं, लेकिन यदि वे चाहेंगे तो उनकी जांच कराई जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि लड़के के संपर्क में आए लोगों को पृथक वास में भेज दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि अभी यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि विदेश यात्रा न करने और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में न आने के बावजूद पिज्जा पहुंचाने वाले लड़के को संक्रमण कैसे हुआ। उन्होंने कहा कि बूथ स्तरीय दल को पिज्जा पहुंचाने वाले युवक के संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की तलाश के लिए लगाया गया है। इस घटना में जिस रेस्तरां से युवक ने पिज्जा पहुंचाया था वह जोमैटो ऑनलाइन सेवा का साझेदार है। जोमैटो कंपनी का इस मामले पर कहना है कि वे खान-पान की वस्तुएं पहुंचाने वाले अपने साझेदारों को स्वच्छता और सुरक्षा का प्रशिक्षण लगातार दे रहे हैं और उन्हें मास्क भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
जोमैटो के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमारी सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने वाले पचास हजार से अधिक रेस्तरां ने डिलीवरी करने वालों के लिए सेनिटाईजेशन की व्यवस्था की है। हम सुरक्षा उपायों को और बढ़ा रहे हैं।” बृहस्पतिवार को दिल्ली के कई निवासियों को व्हाट्सएप्प पर संदेश प्राप्त हुआ कि बाहर से खाना मंगाना बंद करें। पूर्वी दिल्ली के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन जॉइंट फ्रंट से जुड़े बी एस वोहरा ने कहा, “हमारा क्षेत्र एक खुली कॉलोनी है इसलिए हम हर आने जाने वाले पर नजर नहीं रख सकते।
हमने व्हाट्सएप्प समूहों में संदेश प्रसारित किया है कि ‘भाई थोड़े दिन घर का बना ही खा लो। फिजूल में पृथक होने का कोई फायदा नहीं है।’” वंदना थापर नामक एक गृहणी ने कहा कि वह अपनी बेटी के लिए बाहर से खाना मंगाती थीं लेकिन पिज्जा पहुंचाने वाले युवक के संक्रमित होने की खबर देखने के बाद अब वह बाहर से खाना नहीं मंगाएंगी। हालांकि डोमिनोज और अन्य बड़े रेस्तरां ने अपने ग्राहकों को सभी सुरक्षा उपाय अपनाए जाने का आश्वासन दिया है।
क���रोना से जंग : Full Coverage
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ग्लोबल कोरोनोवायरस डेथ 1,00,000, एक गंभीर माइलस्टोन, जैसा कि केस पास 1.6 मिलियन: लाइव अपडेट
वैश्विक मौतें 1,00,000 पार करती हैं, एक विनाशकारी टोल, जैसा कि पिछले 1.6 मिलियन मामलों में बढ़ता है।
दुनिया भर में कोरोनोवायरस से जुड़ी मौतों की संख्या 1,00,000 से अधिक हो गई है, जिसे ज्ञात संक्रमणों ने पिछले 1.6 मिलियन से बढ़ा दिया है, न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा एकत्र आंकड़ों के अनुसार,
कम से कम 177 देशों ने मामले दर्ज किए हैं। सबसे हालिया युद्धग्रस्त यमन था, जिसने शुक्रवार को अपने पहले कोरोनावायरस मामले की सूचना दी।
संयुक्त राज्य अमेरिका में मरने वालों की संख्या शुक्रवार दोपहर तक रिपोर्ट किए गए वायरस से संबंधित लगभग 18,000 घातक मामलों के साथ, स्पेन से आगे निकल गया है। केवल इटली में अधिक मौतें हुई हैं।
हालाँकि कुछ सरकारें प्रतिबंधों में ढील देने पर विचार कर रही हैं, लेकिन दुनिया भर में ईस्टर सप्ताहांत में तालाबंदी को बढ़ाया जा रहा है, और पुलिस के कदमों में तेजी आई है।
हार्ड-हिट इटली के प्रधान मंत्री ग्यूसेप कोंटे ने शुक्रवार शाम को घोषणा की कि कुछ व्यावसायिक गतिविधियां – जिसमें बुकस्टोर, बच्चों के कपड़े की दुकानें और कुछ वानिकी से संबंधित व्यवसाय शामिल हैं – 14 अप्रैल को मौजूदा प्रतिबंध समाप्त होने पर संचालन फिर से शुरू करने की अनुमति होगी, लेकिन वह 3 मई तक फैक्ट्री क्लोजर सहित अन्य लॉकडाउन उपाय लागू रहेंगे।
टोक्यो के राज्यपाल ने जापान की राष्ट्रीय सरकार के साथ कई तरह के व्यवसायों को बंद करने का अनुरोध किया, जिसमें नाइट क्लब, कराओके बार, जिम और मूवी थियेटर शामिल हैं – आपातकालीन स्थिति इस सप्ताह घोषित किया गया।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता आशंका के बीच आंशिक रूप से लॉकडाउन में चली गई कि देश की कमज़ोर और समझदार स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली आसानी से अभिभूत हो सकती है।
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन गुरुवार को गहन देखभाल से बाहर हो गए थे, और उनके कार्यालय ने शुक्रवार दोपहर कहा कि वह अच्छा कर रहे थे लेकिन अस्पताल में बने रहे। सरकार अभी भी निर्णय ले रही थी लॉकडाउन उपायों का विस्तार करने की योजना, संभवत: हफ्तों से।
ब्रिटेन में महामारी फैलती रही, जिसने शुक्रवार को सबसे अधिक एकल-दिवस की मृत्यु की सूचना दी, जो 980 के आसपास थी, जो कुल मिलाकर लगभग 9,000 हो गई। लगभग 74,000 लोगों ने वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।
फ्रांसीसी आंतरिक मंत्री, क्रिस्टोफ़ कास्टानेर ने इस सप्ताह कहा कि स्थानीय अधिकारी अधिक कड़े कारावास उपायों को लागू कर सकते हैं यदि उन्हें ईस्टर सप्ताहांत में “सुस्ती के संकेत” का पता चला।
“वायरस छुट्टियों का पता नहीं है,” श्री Castaner ने पिछले सप्ताह कहा।
कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि ने मॉस्को की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बहुत पहले ही सीमित कर दिया है प्रकोप के चरम पर, शहर के अधिकारियों ने शुक्रवार को चेतावनी दी।
डिप्टी मेयर ने कहा कि कोविद -19 के साथ मास्को में अस्पताल में भर्ती लोगों की संख्या, वायरस के कारण होने वाल�� बीमारी, पिछले एक सप्ताह में दोगुनी से अधिक हो गई है। देश के 12,000 में से दो-तिहाई संक्रमण मॉस्को में हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है सरकार प्रकोप की वास्तविक सीमा को छिपा रही है।
मॉस्को के मेयर, सर्गेई सोबयानिन ने कहा कि वायरस “गति प्राप्त कर रहा है।”
वायरस ने रूस के विशाल भीतरी इलाकों में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। मास्को के पूर्व में 700 मील की दूरी पर ऊफ़ा में, चिकित्सा कर्मियों और एक हजार से अधिक रोगियों को आदेश दिया गया है कि वे 170 लोगों का परीक्षण करने के बाद अस्पताल न छोड़ें। उत्तर में, कोमी क्षेत्र के कई अस्पतालों को भी अलग कर दिया गया है।
अनास्तासिया वासिलिवा, जो एक स्वतंत्र डॉक्टरों के संघ का नेतृत्व करते हैं, को पिछले सप्ताह हिरासत में लिया गया था अधिकारियों पर जानबूझकर कोविद -19 मामलों को निमोनिया के रूप में गलत तरीके से पहचानने का आरोप लगाया।
स्वास्थ्य मंत्री, मिखाइल मुराशको, ने राज्य के टेलीविजन पर अपनी बात को मानते हुए कहा कि अस्पताल निमोनिया के रोगियों को कोरोनावायरस रोगियों के रूप में मानने लगेंगे।
शहर सरकार के मास्को अस्पतालों को एक पत्र, जिसे ऑनलाइन लीक किया गया था, ने स्वीकार किया कि परीक्षण पर आधारित आंकड़े “बहुत अधिक झूठे परिणामों” से समझौता किए गए थे।
मास्को ने पिछले हफ्ते निवासियों को भोजन या दवा खरीदने या घर के पास अपने कुत्तों को छोड़कर बाहर नहीं जाने का आदेश दिया। हालांकि, आर्थिक व्यवधान से बचने के लिए उत्सुक, उन्होंने प्रतिबंधों को लागू करने के लिए बहुत कम किया है।
राष्ट्रपति व्लादिमीर वी। पुतिन, जो आमतौर पर संकट के समय में बड़ी धूमधाम के साथ नेतृत्व करते हैं, ज्यादातर पृष्ठभूमि में रहे हैं, अपने देश के निवास से पीछे हटते हुए और श्री सोबिनिन और प्रधान मंत्री मिखाइल मिशुस्तीन को सार्वजनिक रूप से संबोधित करने के लिए छोड़ देते हैं।
भोजन का एक नियोजित वितरण शुक्रवार को केन्या के नैरोबी के एक गरीब इलाके में एक खूनी हाथापाई में बदल गया, जहां कई लोगों की आय महामारी में वाष्पित हो गई है।
Kibera में वितरण स्थल पर गेट के माध्यम से लोगों की भीड़ ने जोर लगाने की कोशिश की, एक भीड़-भाड़ वाली झ��ग्गी, जहाँ बहुत से लोग पानी चलाने जैसी बुनियादी सुविधाओं के बिना रहते हैं। उन्हें सुरक्षा बलों ने वापस खदेड़ दिया।
तस्वीरें और वीडियो फुटेज निवासियों ने बैक-टू-बैक दिखाया चूंकि वे एक जिला कार्यालय के बाहर भोजन सहायता के लिए इंतजार कर रहे थे। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, हजारों लोग भीड़ में थे, और जैसे ही उन्होंने अपना रास्ता धक्का देने की कोशिश की, पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और कई लोगों को घायल कर दिया।
सोशल मीडिया पर छवियों ने लोगों के चेहरे पर चोट के निशान और खून से लथपथ लोगों को दिखाया, और कुछ जमीन पर पड़े थे, जाहिर तौर पर चोट लगी। भीड़ को पकड़ने की कोशिश कर रहे पुरुषों ने उन्हें लाठी से मारा और स्वाहिली में “वापस जाओ” चिल्लाया।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने हाल के दिनों में केन्या की राजधानी नैरोबी की पहचान की है, जो कोरोनावायरस के प्रमुख हॉट स्पॉट में से एक है। किबर क्षेत्र के कई निवासी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करते हैं, जो बिना किसी बचत के एक दिन के लिए बाहर रहते हैं। कई लोग काम से बाहर हो गए हैं क्योंकि केन्या वायरस को रोकने के उपाय करता है।
शुक्रवार दोपहर तक, केन्या 189 कोरोनोवायरस की पुष्टि की थी मामलों और सात मौतों, स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट किया, हालांकि महामारी विज्ञानियों को डर है कि प्रकोप बहुत बड़ा है।
स्कूल बंद हो गए हैं, सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है और नैरोबी में और बाहर अनावश्यक यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कराची के बंदरगाह शहर से राजधानी इस्लामाबाद तक, पाकिस्तान में सरकार के आदेशों की अवहेलना करने के लिए हजारों मुस्लिमों ने शुक्रवार की प्रार्थना में भाग लिया कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने की कोशिश करना।
पाकिस्तान में 4,600 से अधिक पुष्टि की गई और 68 मौतें हुई हैं, लेकिन बहुत कम परीक्षण किए गए हैं और वास्तविक संख्या अधिक होने की संभावना है।
लगातार तीसरे सप्ताह, देश भर के उपासक प्रेक्षणों के लिए ढोल बजाते हुए, बंद मस्जिदों के द्वार के बाहर एकत्रित होते हैं या कट्टरपंथी मौलवियों द्वारा अंदर प्रवेश किए जाते हैं जिन्होंने नियमों को धता बताने का वादा किया था।
पिछले सप्ताह कई प्रांतीय सरकारों ने शुक्रवार की दोपहर की प्रार्थना के दौरान तीन घंटे का कर्फ्यू लगाया, और जो कोई भी बाहर गिरफ्तारी या पुलिस की पिटाई से बाहर निकल गया। एक बार अकल्पनीय दृश्यों में, मौलवियों को गिरफ्तार कर लिया गया और उनकी मस्जिदों को तालाबंदी का उल्लंघन करने के लिए सील कर दिया गया।
सुरक्षा बलों का भारी हाथ – जिन्होंने कट्टरपंथी इस्लामवादियों को घरेलू और विदेश नीति के उपकरण के रूप में सशक्त और उपयोग किया है – केवल इस सप्ताह में वफादार लोगों के बीच आगे बढ़ना प्रकट करते हैं। कुछ ने शुक्रवार को लड़ाई की तलाश की।
कराची में तालाबंदी को विफल करने वाले खलील स्वाति ने कहा, “सरकार को लोगों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।” “शुक्रवार की प्रार्थना से पूजा करने वालों को रोककर, सरकार आगे भगवान के क्रोध को आमंत्रित करेगी।”
कोरोनावायरस लॉकडाउन ने दुनिया भर में वर्ग विभाजन को उजागर किया है, और पाकिस्तान में शुक्रवार की प्रार्थना का मुद्दा एक और उदाहरण पेश करता है। कराची में अधिक समृद्ध पड़ोस की मस्जिदें शुक्रवार को बंद रहने के आदेश का पालन करती हैं, लेकिन झुग्गियों में, धर्मपत्नी और कुछ मौलवियों ने तालाबंदी को विफल कर दिया और पुलिस के साथ भिड़ गए।
दुनिया भर की सरकारों को उम्मीद है कि रक्त परीक्षण से पता चलता है कि क्या किसी को कोरोनावायरस से संक्रमित किया गया है – एक सीरोलॉजी परीक्षण – उन्हें बता सकता है कि कौन से लोग प्रतिरक्षात्मक हो सकते हैं फिर से संक्रमण।
विश्व स्वास्थ्य संगठन कई देशों में बड़ी संख्या में लोगों का परीक्षण करने की योजना बना रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका का कहना है कि इसे जल्द ही पर्याप्त परीक्षण किया जाना चाहिए। कुछ देशों और विश्वविद्यालयों ने अपने स्तर पर भी इसका परीक्षण शुरू कर दिया है।
सीरोलॉजी परीक्षण विशिष्ट एंटीबॉडी की उपस्थिति के लिए देखते हैं, अणु संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर के पास होते हैं।
संक्रमण के जवाब में एंटीबॉडी का उत्पादन किया जाता है, इसलिए परीक्षण शुरुआती संक्रमण का निदान करने में मदद नहीं करते हैं। लेकिन वे यह पता लगाने में मदद करते हैं कि आबादी में वायरस कितना व्यापक रूप से फैल गया है।
25 से 50 प्रतिशत लोग जो संक्रमित हो जाते हैं कभी लक्षण विकसित नहीं हो सकते, और कुछ केवल हल्के से बीमार हो सकते हैं। अन्य लोग जान सकते हैं कि वे बीमार थे, लेकिन परीक्षण नहीं करवा पाए। सीरोलॉजी परीक्षण इन लोगों की पहचान करने और वैज्ञानिकों को वायरस से होने वाली बीमारी कोविद -19 की मृत्यु दर का बेहतर अनुमान लगाने में मदद करेगा।
लेकिन “सीरोलॉजिकल परीक्षण मुद्दों से ग्रस्त हैं,” डॉ एंजेला रासमुसेन, ने कहा कि न्यूयॉर्क में कोलंबिया विश्वविद्यालय में एक वायरोलॉजिस्ट है, और इन परीक्षणों के आगे बढ़ने पर भी समस्याएं सामने आ रही हैं।
उदाहरण के लिए, यू.के. झूठी नकारात्मक बातों से त्रस्त (जब वे मौजूद हों तो एंटीबॉडी नहीं उठाते) और झूठी सकारात्मकता के साथ (कोई भी नहीं होने पर एंटीबॉडी का संकेत देते हुए)।
एक प्रमुख सवाल अनुत्तरित है: क्या एंटीबॉडी स्थायी प्रतिरक्षा को प्रदान करते हैं। सबसे अच्छा अनुमान नए कोरोनोवायरस के चचेरे भाइयों को देखने से आता है: सामान्य ठंड कोरोनवीरस, और अधिक खतरनाक जो एसएआरएस और एमईआरएस का कारण बने। इन विषाणुओं से प्रतिरक्षण एक से आठ वर्ष तक कहीं भी बना रहता है।
यू.एस. अपडेट: बात यह है कि देश को कैसे और कब फिर से खोला जाए।
संयुक्त राज्य अमेरिका में सिर्फ 30 दिनों के बाद घर में रहने के आदेश को जन्म देगा इस गर्मी में एक नाटकीय संक्रमण फैलता है, द न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा प्राप्त सरकारी अनुमान इंगित करते हैं।
होमलैंड सिक्योरिटी एंड हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज के विभागों द्वारा अनुमान, राष्ट्रपति ट्रम्प के हालिया बयानों के विपरीत है कि संयुक्त राज्य अमेरिका “बहुत जल्द,” फिर से खोलने के लिए तैयार हो सकता है।
लेकिन श्री ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा कि अगर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि यह बहुत जल्द है, तो वह सुनेंगे, और “तथ्य यह निर्धारित करने जा रहे हैं कि हम क्या करते हैं।”
लेकिन भले ही व्यापक-आधारित प्रतिबंध लागू हों, अमेरिकियों का परीक्षण सरकार के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही उन लोगों की पहचान करना शुरू हो सकता है, जो कोरोनोवायरस से संक्रमित हो चुके हैं और फिर से काम कर रहे हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के निदेशक डॉ। एंथनी एस फौसी ने सीएनएन को बताया, “एक या दो सप्ताह की अवधि के भीतर, हमारे पास अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में परीक्षण उपलब्ध होने वाले हैं।”
उन्होंने कहा कि संघीय अधिकारी “प्रतिरक्षा के प्रमाण पत्र” के विचार पर चर्चा कर रहे थे, जो उन लोगों को जारी किया जा सकता है जो पहले संक्रमित थे।
डॉ। फौसी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने माना कि जब भी प्रतिबंध हटाए जाएंगे, तो मामलों में वृद्धि होगी, जो उन्हें पहचानने, उन्हें अलग करने और संभव संपर्कों का पता लगाने की आवश्यकता को बढ़ाएगा।
मृतकों की संख्या देश भर में शुक्रवार को 17,900 से ऊपर रहा। संयुक्त राज्य में लगभग आधा मिलियन पुष्टि किए गए मामले हैं, तीन बार किसी भी अन्य देश ने रिपोर्ट किया है।
न्यूयॉर्क में, अभी भी अमेरिकी प्रकोप का केंद्र है, 777 और लोग मारे गए थे, राज्य को कुल 44, to४४ तक लाने के लिए, सरकार ने एंड्रयू एम। कुओमो की घोषणा की। हालांकि, मरने वालों की संख्या कम थी, उन्होंने कहा कि गहन देखभाल इकाइयों में कम रोगियों और लगभग फ्लैट शेष अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या के साथ, आशावादी आशावाद के कारण थे।
कांग्रेस में, सीनेटर चक शूमर, न्यूयॉर्क के डेमोक्रेट और अल्पसंख्यक नेता, ने शुक्रवार को कहा कि ट्रम्प प्रशासन था द्विदलीय वार्ता के लिए सहमत कांग्रेस नेताओं के साथ व्यथित व्यवसायों के लिए ऋण कार्यक्रम की भरपाई करने के लिए $ 250 बिलियन का संघीय जलसेक प्रदान करने पर गतिरोध तोड़ने के लिए।
केवल मौजूद मुट्ठी भर लोगों के साथ, रोमन कैथोलिक अधिकारियों, जिनमें पेरिस के आर्कबिशप, मिशेल औपिटिट शामिल थे, ने आग से बचे हुए एक कीमती अवशेष को बचाने के लिए एक समारोह आयोजित किया: जो कांटों का ताज था, जिसे यीशु द्वारा पहना जाने के रूप में सम्मानित किया गया था। क्रूस के दौरान मसीह।
एक वायलिन वादक ने बाख और दो अन्य कलाकारों ने मंत्र गाए और धार्मिक ग्रंथों को पढ़ा, सभी ने खुद को बचाने के लिए फुल, सफेद रंग के कपड़े पहने। आग से बिखरी हुई मुख्य धूल।
कैथेड्रल ही अभी भी संरचनात्मक रूप से नाजुक है और जनता के लिए बंद रहता है, लेकिन समारोह था फ्रेंच टेलीविजन पर सीधा प्रसारण। फ्रांस के लॉकडाउन उपायों के कारण सार्वजनिक जुलूस और ईस्टर जनता को रद्द कर दिया गया है।
नॉट्रे-डेम की छत और शिखर, जो कैथेड्रल की तिजोरी में छिद्रित छिद्रों में जला और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कार्यकर्ताओं ने मुश्किल से गिरजाघर के ऊपर मचान के वेल्डेड द्रव्यमान को काटना शुरू कर दिया था – आग से पहले नवीकरण कार्य का एक अवशेष – जब कोरोनोवायरस महामारी के कारण निर्माण स्थल को बंद कर दिया गया था।
वेटिकन में, रविवार को ईस्टर मास सेंट पीटर बेसिलिका के अंदर स्थानीय समयानुसार सुबह 11 बजे मनाया जाएगा। पोप फ्रांसिस को वफादार की उपस्थिति के बिना अध्यक्षता करने की उम्मीद है, जो रेडियो, टेलीविजन और वेटिकन न्यूज के माध्यम से भाग लेने में सक्षम होंगे वेबसाइट। मास के अंत में, पोप से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने “उर्बी ई ओरबी” (“टू द सिटी एंड द वर्ल्ड”) संदेश दे और अपने ईस्टर का आशीर्वाद दे।
जैसा दक्षिण कोरिया अपने पहले चुनाव के साथ आगे बढ़ गया चूंकि कोरोनोवायरस महामारी शुरू हो गई थी, इसलिए शुक्रवार को देश के 3,500 बैलेटिंग स्टेशनों पर नकाबपोश मतदाता दिखाई दिए।
उन्हें तीन-फुट के अंतराल पर खड़े होने, तरल सैनिटाइज़र के साथ अपने हाथों को रगड़ने और डिस्पोजेबल प्लास्टिक के दस्ताने लगाने की आवश्यकता थी जो अधिकारियों को मतदान केंद्रों के बाहर वितरित कर रहे थे।
महामारी दुनिया भर के राजनीतिक कैलेंडर को बाधित कर रही है, जिससे प्राइमरी में देरीसंयुक्त राज्य अमेरिका और स्थानों में चुनावी अराजकता और मतदाता उकसाने के लिए उकसाया विस्कॉन्सिन, जहां कई अनुपस्थित मतपत्र आने में विफल रहे और मतदाता मतदान स्थानों पर जाकर अपने स्वास्थ्य को खतरे में डालने से डरते थे।
लेकिन दक्षिण कोरिया ने अपने 44 मिलियन योग्य मतदाताओं को आश्वस्त किया है कि अपने घरों को छोड़ना और वोट देना सुरक्षित है, यहां तक कि उसने उन्हें बड़ी सभाओं से बचने और सामाजिक दूरी बनाए रखने का भी आग्रह किया है।
शुरुआती संकेतों से पता चला कि वोट मूल रूप से आगे बढ़ रहा था।
तैयार करने के लिए, दक्षिण कोरिया ने लोक सेवकों की सेनाओं को जुटाया, जिसमें अनिवार्य सैन्य सेवा के बदले नागरिक जवान शामिल थे। हफ्तों के लिए, उन्होंने देश भर में मतदान केंद्रों को कीटाणुरहित कर दिया है, तीन फुट के अंतराल पर रेखाओं को चिह्नित किया जाता है ताकि मतदाता बहुत पास खड़े होने से बच सकें।
आधिकारिक तौर पर, दक्षिण कोरिया की 300 सदस्यीय नेशनल असेंबली के लिए चुनाव बुधवार को होता है। लेकिन लाखों मतदाताओं को वोट डालने दिया गया शुक्रवार और शनिवार को मतपत्र, अग्रिम मतदान में जो ड्रेस रिहर्सल के रूप में कार्य करता था।
दो विश्व युद्धों के माध्यम से, ब्रिटेन के पब खुले रहे। लेकिन अब, देश के इतिहास में पहली बार हर एक पब बंद है।
“मैं स्वीकार करता हूं कि हम जो कर रहे हैं वह असाधारण है। हम यूनाइटेड किंगडम के प्राचीन लोगों के पब में जाने के प्राचीन, अयोग्य लोगों के अधिकार को छीन रहे हैं, “प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि जब वह बंद की घोषणा की 20 मार्च को सभी पब, रेस्तरां, बार और कैफे।
यहां तक कि 20 वीं शताब्दी के युद्धों ने पबों को बंद नहीं किया।
“दो विश्व युद्धों के दौरान, कभी-कभी बीयर की कमी होती थी और पब को उस कारण से बंद करना पड़ता था,” पॉल जेनिंग्स, एक इतिहासकार और ब्रिटेन में पब संस्कृति और शराब की खपत के बारे में कई पुस्तकों के लेखक हैं। उन्होंने कहा कि कुछ पब, विशेष रूप से लंदन में, 1665 के द ग्रेट प्लेग के दौरान बंद हो सकते हैं, लेकिन यह “इस तरह के सभी को बंद करने के लिए कोई वास्तविक मिसाल नहीं है।”
ऐतिहासिक रूप से, पब 24 घंटे खुले रहते थे, लेकिन 19 वीं सदी की शुरुआत में इसमें बदलाव होना शुरू हुआ, जब वे रविवार को चर्च की सेवाओं के लिए संक्षिप्त रूप से बंद हो जाते थे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान सब कुछ बदल गया, श्री जेनिंग्स ने समझाया, क्योंकि उस समय सरकार ने दावा किया था कि नशे में युद्ध का प्रयास कम हो रहा था। (“यह शायद नहीं था,” श्री जेनिंग्स ने कहा।)
पब को तब कम से कम देर सुबह तक बंद रहने का आदेश दिया गया, फिर दोपहर में फिर से बंद करने और रात को 9 बजे के करीब बंद करने के लिए। युद्ध के साथ काम खत्म करने के रास्ते पर सुबह 6 बजे पिंट हथियाने के दिन भी।
उन सामान्य शुरुआती घंटों में बड़े पैमाने पर द्वितीय विश्व युद्ध के माध्यम से एक ही रहा। “चर्चिल यह सुनिश्चित करने के लिए उत्��ुक थे कि उनके पास अभी भी बीयर की आपूर्ति ह��,” श्री जेनिंग्स ने कहा। “यह मनोबल के लिए अच्छा है।”
यूरोप के अधिकांश भाग में एक विस्तारित ईस्टर सप्ताहांत के रूप में सामाजिक गड़बड़ी को बनाए रखने के प्रयासों को पटरी से उतारने की धमकी दी, महाद्वीप के पुलिस विभागों ने प्रवर्तन प्रयासों को आगे बढ़ाया।
फ्रांस में, जहां सप्ताहांत में धूप के मौसम की उम्मीद की जाती है, पुलिस लोगों को आवाजाही पर प्रतिबंध से बचने के लिए चेक बढ़ा रही थी।
दिन के दौरान जॉगिंग या दौड़ने जैसी शारीरिक गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने या सीमित करने में पेरिस के प्रमुख सेंट-एटीन के शहर की बढ़ती संख्या, पेरिस के नेतृत्व का अनुसरण कर रहे हैं। बोचेस-डु-रोन के तटीय क्षेत्र में, लगभग 1,200 अधिकारी सड़कों, राजमार्गों, लंबी पैदल यात्रा ट्रेल्स और भूमध्यसागरीय तट पर गश्त करेंगे।
ब्रिटेन में, जो पूरे सप्ताहांत में धूप की उम्मीद कर रहा है, पुलिस बलों ने संभावित आगंतुकों को दूर रहने की चेतावनी दी।
डेवोन और कॉर्नवाल पुलिस सेवा, में दक्षिण-पश्चिमी इंग्लैंड ने कहा कि देश में सप्ताहांत बिताने के इच्छुक बाहरी लोगों के लिए क्षेत्र को बंद कर दिया गया था।
“कृपया हमें अब यात्रा न करें,” विभाग ने ट्विटर पर लिखा। “समय सही होने पर आपका स्वागत किया जाएगा।”
स्पेन में पुलिस है मैड्रिड और अन्य प्रमुख शहरों से निकलने वाली सड़कों पर चौकियों पर रुके ड्राइवरों को लोगों को छुट्टियों के घरों की यात्रा करने से रोकने के लिए। जो लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करते हैं वे हजारों यूरो के जुर्माना का सामना करते हैं।
कालंडा में, एक गाँव में एक के लिए जाना जाता है गुड फ्राइडे का उत्सव – जिसे ला रोमपीडा डी ला होरा कहा जाता है – जिसमें हजारों लोग आमतौर पर ड्रमों को एकजुट करने में जुट जाते हैं, बजाय इसके कि निवासियों को उनकी बालकनियों से भाग लेते हुए देखा जाए। हेलीकॉप्टर के ओवरहेड उड़ते ही सैन्य अधिकारियों ने पिकअप ट्रकों में सड़कों पर पहरा दे दिया।
महाद्वीप के तीन सबसे कठिन देशों, इटली, स्पेन और फ्रांस, सभी ने संकेत दिया है कि वे संकट के चरम पर हैं, दैनिक, आधिकारिक तौर पर मृत्यु की ऊँचाई और उनकी दिन या सप्ताह की ऊँचाई से नीचे नए संक्रमण। शुक्रवार, 605 में स्पेन की मृत्यु 17 दिनों में सबसे कम थी, और लगातार दूसरे दिन, फ्रांस में गहन देखभाल में अस्पताल के रोगियों में गिरावट आई थी।
लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों को चिंता है कि जनता अपने गार्ड को कम कर देगी, और जल्द ही प्रतिबंध हटाने के खिलाफ चेतावनी दी है।
शुक्रवार के माध्यम से, इटली में लगभग 19,000 मौतों को वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था, स्पेन में लगभग 16,000 और फ्रांस में 13,000 से अधिक।
चूँकि वे एक कोरोनावायरस महामारी से जूझते हैं, जिसकी सीमाओं का कोई संबंध नहीं है, दुनिया के कुछ सबसे बड़े देशों के नेता उन उत्पादों पर वर्चस्व के लिए लड़ना जो यह निर्धारित कर सकते हैं कि कौन रहता है और कौन मर जाता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, एक बेजोड़ वैज्ञानिक शक्ति, एक ऐसे राष्ट्रपति के नेतृत्व में है जो वैश्विक व्यापार युद्ध का पीछा करते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर खुलकर सामने आता है। भारत, जो ड्रग की मात्रा का उत्पादन करता है, एक हिंदू राष्ट्रवादी द्वारा शासित है, जिसने पड़ोसियों के साथ टकराव की स्थिति पैदा कर दी है। चीन, सुरक्षात्मक गियर और दवाओं का एक प्रमुख स्रोत, अपने पूर्व शाही गौरव को बहाल करने के लिए एक मिशन पर तुला हुआ है।
संकट के लिए जीरो-योग दृष्टिकोण अब छूत को खत्म करने के सामूहिक प्रयासों को कम कर रहे हैं – बहुत ही कम समय में जब दुनिया को वैक्सीन बनाने के लिए सीमाओं के पार काम करने के लिए वैज्ञानिकों की जरूरत है, और निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति की प्रसव समन्वय करने के लिए।
स्विट्जरलैंड के सेंट गैलन विश्वविद्यालय में ग्लोबल ट्रेड अलर्ट प्रोजेक्ट के अनुसार, कम से कम 69 देशों ने सुरक्षात्मक उपकरणों, चिकित्सा उपकरणों या दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध या प्रतिबंध लगा दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन चेतावनी दे रहा है कि संरक्षणवाद टीकों की वैश्विक उपलब्धता को सीमित कर सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विशेषज्ञ साइमन जे। इवन्ट ने कहा, “सबसे गहरी जेब वाले दल इन टीकों और दवाओं को सुरक्षित बनाएंगे और अनिवार्य रूप से विकासशील दुनिया की ज्यादातर तस्वीर पूरी तरह से तस्वीर से बाहर हो जाएगी।” “हम कीमत से राशन होगा। यह क्रूर होगा। ”
यमन, जहां पांच साल के गृहयुद्ध ने दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट का कारण बना है, शुक्रवार को इसके पहले कोरोनावायरस केस की सूचना दी।
एक स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि संक्रमित व्यक्ति हैड्रैम प्रांत के अल-शिहिर के दक्षिणी बंदरगाह शहर में एक यमनी कार्यकर्ता है, क्योंकि वह समाचार मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं था। मामला बाद में था एक ट्वीट में पुष्टि की यमन की सर्वोच्च राष्ट्रीय आपातकालीन समिति द्वारा
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि कार्यकर्ता अपने 60 के दशक में एक भारी धूम्रपान करने वाला व्यक्ति था, जिसने संभवतः बंदरगाह पर विदेशी नाविकों से वायरस को पकड़ा था। एक अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है, लेकिन उनके अलग-थलग होने से पहले कम से कम 20 लोगों से संपर्क था।
अधिकारियों ने शहर में ताला लगा दिया है और निवासियों को घर पर रखने के लिए तैनात किया है।
एड्स संगठन यमन के लिए खतरा पैदा करने वाले खतरे के बारे में अलार्म बजा रहे हैं, जिनकी अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को पांच साल के युद्ध के दौरान तबाह कर दिया गया है, जिसके दौरान सऊदी अरब और उसके सहयोगियों ने हौथिया विद्रोही समूह को पीछे धकेलने और सरकार को बहाल करने के लिए लड़ाई लड़ी है ।
सऊदी अरब ने घोषित किया एकतरफा संघर्ष विराम गुरुवार को शुरू हुआ, यह कहते हुए कि यह शांति वार्ता के लिए जगह बनाना चाहता है और सभी को कोरोनोवायरस खतरे पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देता है। लेकिन Houthis को अभी तक ट्रूस पर हस्ताक्षर करना बाकी है, और विश्लेषकों का कहना है इसकी सफलता में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
कोरोनावायरस पहले पर्यटकों, उपासकों, सम्मेलन में उपस्थित लोगों और अन्य लोगों के माध्यम से फैलता था अंतरराष्ट्रीय यात्रियों।
लेकिन लाखों की संख्या में प्रवासी मज़दूर राष्ट्रीय सीमाओं या अपने स्वयं के देशों में भी यात्रा करें। और जैसे ही कोरोनावायरस फैलता है, वे न केवल पीड़ित हैं, बल्कि वैक्टर जो गांवों में महामारी ला रहे हैं जो एक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए बीमार हैं।
“जब वायरस उन लोगों पर हमला करता है जो मेरी तरह कमजोर होते हैं, तो मुझे ऐसा लगता है कि हमारे लिए कोई मदद नहीं है,” म्यांमार के एक प्रवासी कार्यकर्ता कोव विन विन ट्यून ने कहा कि जब वह बैंकाक में अपनी नौकरी खो चुके थे तो अपने देश लौटने के बाद सक���रात्मक परीक्षण किया।
एक ऐसी ही कहानी अफगानिस्तान में सामने आई है, जहां हजारों लोग मजदूरों का घर बह गया है ईरान से; भारत में, जहां आंतरिक प्रवासी हैं रातोंरात नौकरी खत्म होने के बाद घर लौटने के लिए हाथापाई की; और फिलीपींस में, जहां वायरस के लिए अधिकांश लौटने वाले प्रवासियों की जांच नहीं की गई थी।
एक सामान्य धागा: प्रवासियों भीड़ की स्थिति में रहते हैं और काम करते हैं जो छूत के लिए प्रजनन आधार के रूप में काम करते हैं। यहां तक कि जिन समुदायों को वे प्रेषण के माध्यम से समर्थन करते हैं, वे भी हैं संदेह के साथ लौटने वालों का अभिवादन किया।
फ्रांसीसी विमानवाहक पोत चार्ल्स डी गॉल पर कम से कम 50 चालक दल के सदस्यों ने कोविद -19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है, अधिकारियों ने शुक्रवार को पुष्टि की, क्योंकि जहाज अपने घरेलू बंदरगाह की ओर बढ़ रहा था।
फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एक मेडिकल टीम के जहाज पर आने के बाद परीक्षण द्वारा मामलों की पुष्टि की गई, लेकिन यह कि चालक दल के कोई भी सदस्य “बिगड़ती” स्वास्थ्य स्थिति में नहीं थे। मंत्रालय ने कहा कि अब जहाज पर मास्क पहनना अनिवार्य है।
मंत्रालय ने कहा कि तीन नाविकों को हेलीकॉप्टर द्वारा लिस्बन ले जाया गया और फिर एहतियात के तौर पर फ्रांस में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जब मंत्रालय ने पहली बार संदिग्ध मामलों की घोषणा की इस सप्ताह, यह कहा गया था कि जहाज, जो 2,000 नाविकों को ले जा सकता है, पूर्व में निर्धारित की तुलना में भूमध्यसागरीय तट पर अपने घर के बेस, टॉलन में वापस आ जाएगा।
फ्रांस ने 86,000 से अधिक संक्रमणों की सूचना दी है और प्रकोप शुरू होने के बाद से 12,200 से अधिक मौतें हुईं, लेकिन गहन देखभाल में रोगियों की कुल संख्या पहली बार इस सप्ताह गिर गई, एक हस्ताक्षर अधिकारियों ने सावधानीपूर्वक उत्साहजनक कहा है।
और संकट में एक देश के लिए अन्य आशावादी संकेत थे। पेरिस में नोट्रे-डेम कैथेड्रल, गुड फ्राइडे के लिए एक सेवा का आयोजन करता था, जो कि पहले था विनाशकारी आग से जख्मी लगभग एक साल पहले।
पेरिस के आर्कबिशप मिशेल एपेटिट सहित कुछ रोमन कैथोलिक अधिकारियों ने कांटों के एक मुकुट को बचाने के लिए एक छोटा सा समारोह आयोजित किया, जिसमें से एक अवशेष आग से बच गया।
में एक समारोह का सीधा प्रसारण फ्रांसीसी टेलीविजन पर, एक वायलिन वादक ने बाख और दो कलाकारों ने मंत्र गाए और धार्मिक ग्रंथों को पढ़ा। इन सभी ने खुद को बचाने के लिए सफेद बॉडीशूट पहना आग से बिखरी हुई मुख्य धूल।
ग्रीक अधिकारियों ने लारिसा में मध्य ग्रीस में एक रोमा समझौता किया है, वहां लॉकडाउन के तहत कई लोगों के बाद कोरोनोवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया था।
एक 32 वर्षीय व्यक्ति ने वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण के बाद गुरुवार देर रात लगभग 3,000 लोगों के शिविर को संगरोध के तहत रखा गया था। तब से, राज्य टेलीविजन के अनुसार, 20 और संक्रमणों की पुष्टि की गई है, हालांकि सरकार ने कुल सकारात्मक मामलों की तत्काल रिपोर्ट नहीं की है।
सड़कों पर गश्त करने वाले कई ब्लॉकों और अधिकारियों को पुलिस ने घेरा बंदी के साथ शिविर निवासियों के आंदोलनों को प्रतिबंधित कर दिया है। अधिकारी 22 अप्रैल तक भोजन, दवा और अन्य आवश्यकताएं वितरित करेंगे, जब लॉकडाउन की समीक्षा की जाएगी।
100,000 और 350,000 के बीच अनुमानित ग्रीस की रोमा आबादी लंबे समय से हाशिए पर है। रोमा को अक्सर भेदभाव का सामना करना पड़ता है, और देश भर में अस्थायी शिविरों में हमेशा राज्य का समर्थन नहीं मिलता है।
सफल सरकारों ने मुख्य रूप से शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों के माध्यम से रोमा को व्यापक समाज में एकीकृत करने के प्रयास किए हैं, लेकिन प्रयास असंगत हैं, अधिकार समूहों का कहना है। एथेंस के पूर्व महापौर गियोरगोस कामिनीस ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने ग्रीक सरकार से यह बताने के लिए कहा था कि रोमा समुदायों की रक्षा के लिए क्या उपाय किए गए थे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
“दुर्भाग्य से कुछ घंटे बाद, कोरोनोवायरस का पहला मामला दर्ज किया गया था,” उन्होंने कहा, लारिसा में फैलने का जिक्र करते हुए।
ग्रीस, 10.7 मिलियन के एक राष्ट्र ने गुरुवार को 1,855 कोरोनोवायरस संक्रमणों और 86 मौतों की पुष्टि की, एक संकेत है कि देश प्रभावी रूप से समान आबादी वाले यूरोपीय देशों की तुलना में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने में कामयाब हो सकता है। पुर्तगाल में मरने वालों की संख्या 400 से अधिक है, जबकि बेल्जियम में 2,000 से अधिक जानलेवा हमले हुए हैं।
लेकिन मंत्रियों ने संयुक्त ऋण जारी करने के लिए अपनी दलीलों को दरकिनार करते हुए, ब्लाक के सबसे हिट सदस्यों, इटली और स्पेन को झटका दिया।
यहां तक कि एक वायरस के कारण होने वाले अभूतपूर्व आर्थिक संकट के सामने, जिसने 50,000 से अधिक ई.यू. नागरिक, धनी उत्तरी देश बुरी तरह से प्रभावित दक्षिण के लिए सस्ते ऋण की सब्सिडी के लिए अनिच्छुक थे।
जर्मनी, नीदरलैंड और अन्य लोगों ने पिछले संकटों की तुलना में अधिक उदारता दिखाई, उपायों का विवरण दिखाया गया है कि वे धन का उपयोग करने के तरीके को सीमित करने और नियंत्रित करने के लिए बहुत लंबाई में चले गए थे।
वित्त मंत्रियों ने अंतिम अनुमोदन के लिए अपने देशों के नेताओं को सिफारिश करने के लिए जिन कार्यक्रमों पर सहमति व्यक्त की, उनमें बेरोजगारी लाभों के लिए € 100 बिलियन की ऋण योजना, € 200 बिलियन के छोटे व्यवसायों के लिए ऋण, और € 240 बिलियन तक पहुँच के लिए यूरोज़ोन देशों के लिए ऋण शामिल हैं। यूरोजोन बेलआउट फंड से। (€ 1 लगभग $ 1.09 है।)
लेकिन मंत्री संयुक्त बांड जारी करने पर सहमति नहीं बना पाए, कोरोना-बॉन्ड के रूप में जाना जाता है, जर्मनी, नीदरलैंड और अन्य लोगों के कट्टर विरोध के बाद।
टोक्यो के गवर्नर, यूरीको कोइके ने शुक्रवार को जापान की केंद्र सरकार के साथ कई तरह के व्यवसायों को बंद करने का अनुरोध किया, जिसमें नाइट क्लब, जिम और मूवी थिएटर शामिल हैं – आपातकालीन स्थिति इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित किया गया।
प्रधान मंत्री शिंजो आबे के प्रशासन ने राज्यपालों से आग्रह किया था कि अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के डर से व्यवसायों को बंद करने के लिए दो सप्ताह प्रतीक्षा करें। सरकार के पास व्यवसायों को बंद करने के लिए मजबूर करने की कानूनी शक्ति नहीं है, लेकिन राज्यपाल अनुरोध कर सकते हैं कि कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए व्यवसायों के संचालन को निलंबित कर दें।
आपातकाल की स्थिति की घोषणा करते हुए, जो जापान के सबसे बड़े जनसंख्या केंद्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात प्रान्तों पर लागू होता है, श्री आबे ने नागरिकों से कहा कि वे गैर-संभावित सैर से बचें और नाइट क्लबों और म्यूजिक हॉल जैसे व्यवसायों से बचें, जहाँ भ���ड़ निकटता में मिलती है और या तो बात करते हैं या पास रेंज में गाते हैं।
सुश्री कोइके ने तर्क दिया कि वायरस के प्रसार पर वास्तव में कटौती करने का एकमात्र तरीका यह अनुरोध करना होगा कि ऐसे व्यवसाय बंद हों। शनिवार को आधी रात को प्रभावी बंद करने के लिए कहे जाने वाले व्यवसायों में पचिनको जुआ पार्लर, स्ट्रिप क्लब, संग्रहालय और स्विमिंग पूल शामिल हैं।
उन्होंने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, “हमें जानकारी मिली है कि टोक्यो चिकित्सा प्रणाली हर दिन एक गंभीर स्थिति में है।” “हम संभवतः प्रतीक्षा नहीं कर सकते।”
सुश्री कोइके ने यह भी अनुरोध किया कि रेस्तरां और बार रात 8 बजे तक बंद हो जाएं। और शाम 7 बजे तक शराब परोसना बंद कर दें। यद्यपि वह केवल बंद करने का अनुरोध करने की शक्ति रखता है, लेकिन किसी भी व्यवसाय का नाम जो अनुपालन नहीं करता है, प्रचारित किया जा सकता है। पिछले छह दिनों में सकारात्मक मामलों के दोगुने होने के साथ टोक्यो में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
जैसा कि पोलैंड एक कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए संघर्ष करता है, रूढ़िवादी शासी कानून और न्याय पार्टी एक बार फिर संसद में एक वोट के लिए एक व्यापक गर्भपात प्रतिबंध और यौन शिक्षा के अपराधीकरण के लिए कानून लाएगी।
सुदूर-अधिकार के अधिकारियों ने ऐसे उपायों का प्रस्ताव किया है बहुत बार हाल के वर्षों में, लेकिन सड़क पर विरोध प्रदर्शन ड्राइंग द्वारा किए गए प्रयासों को तोड़ दिया गया है दसियों हजारों की महिलाओं और पुरुषों की।
गवर्निंग पार्टी ने कहा कि चूंकि दोनों बिल नागरिकों की पहल थे, इसलिए उन्हें मई तक संसद में पुनर्विचार करना होगा। राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा ने पहले ही उपायों के लिए अपना समर्थन घोषित कर दिया है।
लेकिन कोरोनोवायरस महामारी की वजह से पोलैंड और दुनिया के बाकी हिस्सों में बड़े पैमाने पर सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया, सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन करना लगभग असंभव होगा। संसद को बुधवार को विधेयकों पर मतदान करने की उम्मीद है, और महिला अधिकार संगठनों ने इस कदम पर नाराजगी व्यक्त की है।
वामपंथी पोलिश पहल पार्टी के नेता बारबरा Nowacka ने कहा, “यह इस सरकार के महामारी के प्रबंधन में अपर्याप्त प्रयासों से सभी को विचलित करने के प्रयास की तरह लगता है।”
पोलैंड का मौजूदा गर्भपात कानून पहले से ही यूरोप में सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक है, लेकिन प्रस्तावित कानून, जिसे स्टॉप अबॉर्शन नामक संगठन द्वारा लिखा गया है, सभी समाप्ति को अपराधी बना देगा। महिलाओं, डॉक्टरों और प्रक्रिया में सहायता करने वाले किसी भी व्यक्ति को पांच साल तक की जेल हो सकती है।
एक अन्य विधेयक भी पोलिश स्कूलों के पाठ्यक्रम से प्रभावी रूप से सेक्स शिक्षा को मिटा देगा, जहां यह पहले से ही लगभग न के बराबर है।
रिपोर्टिंग में जोआना बेरेन्ट, एंड्रयू हिगिंस, आब्दी लतीफ दाहिर, मारिया अबी-हबीबा, जिया उर-रहमान का योगदान था। ऑरेलिन ब्रीडेन, एलिसबेटा पोवोलिडो, निकी कित्सेंटोनिस, राफेल मिंदर, मेगन स्पेशिया, योनेट जोसेफ, इलियन पेल्टियर, बेन हबर्ड, माइक इव्स, एलिस मैककेन, चोए संग-हुन, मोटोको रिच, जिन वूएल, एलेन यू, रेमंड झोंग, रिचर्ड सी। पैडॉक, मुक्ताता सुहारटनो, रिक ग्लैडस्टोन, माइकल लेवेन्सन, मटीना स्टीविस-ग्रिडनेफ, नोरिमित्सु ओनिशी, कांस्टेंट मेहेत, हीथर मर्फी, केके रेबेका लाइ, ऐमे ओर्टिज़, अपूर्व मंडाविलि, केटी थॉमस, एंड्रिया कन्नपेल और रिचर्ड पेरेज़-पेना।
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Sai Baba Ke Chamatkari Mantra जाप करने से होते हैं साईं बाबा प्रसन्न
मैं शिरडी के महान संत साईं बाबा को नमन करके उनके जीवन का संक्षेप में वर्णन करने जा रहा हूँ, साथ ही साथ मैं आप सभी का जो ये साईं बाबा का चरित्र चित्रण पढ़ रहे हैं उनका अभिनन्दन करता हूँ और आपको ये भरोसा देता हूँ की साईं बाबा हर समय हमारे साथ रहेंगे। साईं बाबा ने स्वयं अपने जीवन चरित्र में ये कहा है की मेरे मरने के बाद भी मेरे नाम पर चमत्कार होंगे और जब भी मेरा कोई भक्ति श्रद्धा से मुझे पुकारेगा मैं उनकी सहायता के लिए ज़रूर आऊंगा।
साईं बाबा भारतवर्ष के महान संतों में से एक हैं जिनका नाम देवताओं की तरह लिया जाता है और उन्हें देवतातुल्य मानकर उनकी पूजा अर्चना भी भारत के हज़ारों मंदिरों में की जाती है। आज हम जानेंगे साईं बाबा के कुछ कष्ट निवारण मन्त्रों ( Sai Baba Kasht Nivaran Mantra ) के बारे में जिनका जाप करने से साई बाबा की कृपा प्राप्त होती है और मंगल ही मंगल होता है।
दोस्तों अगर आप शिरडी जायेंगे तो आप पाएंगे की वहाँ एक ख़ास वर्ग है जो आज भी बाबा की मौजूदगी का अहसास करता है। मैंने भी स्वयं साईं बाबा की शक्तियों को महसूस किया है और अपने जीवन में चमत्कार होते देखे हैं। ये लेख ख़ास करके उन भक्तों के लिए है जिनकी साईं बाबा में अगाध श्रद्धा है। जैसा की हम जानते हैं की साईं बाबा की जीवनी चमत्कारों से भरी पड़ी है। अपने भक्तों के लिए बाबा ने कई प्रकार के कष्ट उठायें और स्वयं को मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। बाबा के रहते शिरडी में कभी कोई बीमारी नहीं फैली और असाध्य रोग भी बाबा के हाथों ठीक हो गए। धन्य हो साईं बाबा जिनके आने से शिरडी नगरी पुण्य नगरी में तब्दील हो गयी जहाँ आज भी भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
साईं बाबा ने अपने जीवनकाल में कभी धनसंग्रह नहीं किया, जो भी दान मिलता उसे वो प्रतिदिन गरीबों में बाँट दिया करते थे। यहाँ एक बात ध्यान देने वाली है की बाबा ने कभी ख़ुद के लिए कोई धन जमा नहीं किया, जीवनभर फकीर बने रहे किन्तु बाबा के पास जो भी एक बार आ गया उसके जीवन में कभी पैसे का अभाव नहीं रहा और वो समृद्ध होता चला गया। साईं बाबा अपने हाथों से भंडारा भी करते थे जिसमे गरीबों को खाना खिलाया जाता था। धन्य है शिरडी के नर नारी जिन्हे साईं बाबा के हाथों से भोजन प्राप्त हुआ और जिन्होंने बाबा को करीब से देखा। ऐसे शिरडीवासियों के भाग्य की बराबरी तो कोई राजा महाराजा भी नहीं कर सकते।
साईं बाबा के कई मंत्र हैं जिनमे से कुछ ख़ास मंत्र जो सबसे ज़्यादा जाप किये जाते हैं वो इस प्रकार हैं। आप इसमें से किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं बस मन में बाबा के लिए अटूट विश्वास होना चाहिए। अगर संभव हो तो साईं बाबा की पूजा करते वक़्त साईं चरित्र का पाठ अवश्य करें।
ॐ साईं नमो नम: श्री साईं नमो नम: जय जय साईं नमो नम:, सद्गुरु साईं नमो नम:
ॐ श्री साईनाथाय नमः
ॐ सांईं देवाय नम:
ॐ शिर्डी देवाय नम:
ॐ सांईं गुरुदेवाय नम:
आज साईं बाबा के चाहने वाले पूरी दुनिया में कोने कोने में फैले हुए हैं और उनके भक्तों की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। दोस्तों अगले गुरुवार को साईं बाबा की जीवनी ( Shirdi Sai Baba True Story ) पर आधारित कुछ लेख प्रकाशित होंगे जिन्हे हम बुधवार को प्रकाशित करेंगे ताकि गुरुवार को साई पूजा से पहले आप साई बाबा से जुडी कुछ और बातें जान सकें। रोज़ नए नए धार्मिक लेख पढ़ने के लिए आप अजनाभ को सब्सक्राइब ज़रूर कर लें ताकि नियमित रूप से आपको नए लेख प्राप्त होते रहे। हमसे जुड़ने के लिए और आपका सहयोग और प्यार देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
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कौन और क्यों उकसा रहा है इस भीड़ को? जिस भीड़ के ख़तरे के बारे में चार साल से लगातार आगाह कर रहा हूं, वो भीड़ अपनी सनक के चरम पर है या क्या पता अभी इस भीड़ का चरम और दिखना बाकी ही हो. कभी गौ रक्षा के नाम पर तो कभी बच्चा चोरी की अफवाह के नाम पर किसी को घेर लेना, मार देना, आसान होता जा रहा है. पहले लगता था कि सिर्फ सांप्रदायिक भीड़ है मगर अब आपके सामने कई प्रकार की भीड़ है. अख़लाक़ की घटना से शुरू हई भीड़ की ये सनक अलवर और पलवल होती हुई अब असम से लेकर धुलिया तक फैल चुकी है. इसने मुसलमान को ही मारा ऐसा नहीं है, इसने हिन्दुओं को भी मारा. पत्रकार शिवम विज ने लिखा है कि व्हाट्सऐप से फैल रही बच्चा चोरी की अफवाह ने पिछले मई से लेकर अब तक 29 लोगों की जान ले ली. आप को अभी भी लगता है कि यह भीड़ मिथ्या है, झूठ है तो फिर आपको विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के ट्विटर हैंडल पर जाना चाहिए. जहां एक वरिष्ठ और विदेश मंत्री के पद पर बैठी मंत्री के बारे में इतनी गालियां लिखी जा रही हैं कि उनका ज़िक्र करना यहां ठीक नहीं रहेगा. विदेश दौरे से लौटने पर सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर दी जा रही गालियों को लेकर ऑनलाइन पोलिंग शुरू कर दी. 57 फीसदी ने इसे ग़लत माना मगर 43 फीसदी ने माना कि गाली देने की भाषा सही है. इनमें से कुछ को उनकी कैबिनेट के मंत्री भी फॉलो करते हैं. 24 जून को सुषमा स्वराज ने पहली बार ट्वीट किया था. 2 जु��ाई तक उनके समर्थन में किसी भी कैबिनेट मंत्री ने बयान तक नहीं दिया न ही गाली देने की इस संस्कृति की निंदा की. बेशक आज देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुषमा से बात की है और निंदा की है. एक कैबिनेट मंत्री भी इस तरह के ट्रोल के सामने अकेली हैं. बेबस हैं. यह भीड़ ऐसी है जो अपनी सनक को विचारधारा समझ बैठी है. यह असहमत होने वाले के खिलाफ उग्र तो है ही लेकिन समर्थकों में से असहमति के ज़रा से स्वर फूटने पर उसका भी वही हाल करती है. ये बेलगाम भीड़ हवा से नहीं आती है, इसे एक बंद कमरे में सियासी रणनीति के तहत आज़ाद किया जाता है. आप जानते हैं कि इसका नायक कौन है. किसने इस भाषा को राजनीति के भीतर मान्यता दी है. आप उसका नाम जानते हैं. हिन्दू अखबार ने लिखा है कि सुषमा को गाली देने वाले कई लोग बीजेपी के समर्थक हैं और सदस्य भी. आपको बताने की ज़रूरत नहीं है कि व्हाट्सऐप यूनिवर्सिटी में किसने अफवाहों और झूठ को कौन फैला रहा था और फैलाने वाले की राजनीति और विचारधारा क्या है. कम से कम प्रधानमंत्री सुषमा स्वराज के समर्थन में इस संस्कृति की निंदा कर सकते थे. 30 जून को किसी विश्व सोशल मीडिया दिवस पर उन्हें ट्वीट करना याद रहा मगर सुषमा स्वराज के साथ खड़ा होना नहीं. प्रधानमंत्री भी कब झूठ बोल दें पता नहीं, जेल में भगत सिंह से किसी कांग्रेसी नेता के मुलाकात नहीं करने को लेकर झूठ बोल दिया, जिस पर आज तक सफाई नहीं दी. तमाम बुराइयों के बाद भी भारत की राजनीति की भाषा कभी इतनी बुरी और निम्नस्तरीय नहीं रही. अब यह संस्थागत रूप ले चुकी है. आपने गौरी लंकेश की हत्या के समय इस भाषा का नमूना देखा था, फिर भी बहुत से लोग चुप रह गए, तब भी चुप रह गए जब बताया गया कि ऐसी भाषा बोलने वालों को मंत्री फोलो कर रहे हैं. क्या आप कभी उस भारत को पसंद करेंगे जहां अफवाहों के पीछे दौड़ती भीड़ किसी को दौड़ा कर मार रही हो? महाराष्ट्र के धुले में बच्चा चोरी की अफवाह फैल गई. साकरी तहसील के रायनपाड़ा गांव में रविवार का बाज़ार लगा था. वहां राज्य परिवहन की बस से 5 लोग उतरते हैं, उनमें से एक किसी बच्ची से बात करते हुए देखा जाता है, तभी लोगों को शक होता है कि ये बच्चा चोर हो सकते हैं. पिछले कुछ दिनों से यहां अफवाह चल रही थी कि इलाके में बच्चा चोर आए हैं. बस लोगों ने इस शक को सबूत मान लिया और पांचों को घेर कर मारना शुरू कर दिया. बाज़ार में भी मारा और फिर इन्हें पंचायत भवन में भी ले गए. वहां बंद कमरे में इतना मारा कि पांचों वहीं मर गए. 23 लोग गिरफ्तार हैं. मरने वाले पांचों गोसावी समुदाय के हैं. ग़रीब परिवार के लोग होते हैं जो भिक्षाटन से अपना जीवन चलाते हैं. इनके नाम हैं भरत शंकर भोसले, दादाराव शंकर भोसले, राजू भोसले, भरत मालवे और अनंगू इंगोले. ये जान की ख़ैर मांगते रहे मगर भीड़ को होश ही नहीं था. ये सब ख़बरें चल रही हैं, मगर आप सोचिए कि लाखों करोड़ों फोन में व्हाट्सऐप के ज़रिए अफवाहें फैल रही हैं. प्रशासन की चेतावनी हर फोन में हर लोग तक नहीं पहुंच सकती है. धुले की खबर की चर्चा पूरे महाराष्ट्र में होने के बाद भी महाराष्ट्र के ही नासिक में भीड़ पागल हो गई. मालेगांव में अगर पुलिस सक्रिय न हुई होती तो चार लोगों और एक बच्चे के साथ क्या होता आप कल्पना कर सकते हैं. पुलिस के मुताबिक आधी रात से छोड़ा पहले कोई कॉल आता है कि संदिग्ध लोग मालेगांव में एक बच्चे को ले जा रहे हैं. हज़ारों लोगों की भीड़ ने उसे घेर लिया. पुलिस के लिए भी उस भीड़ में घुस कर इन चार लोगों को छुड़ा पाना आसान नहीं रहा होगा. भीड़ का आक्रोश अफवाह के आधार पर था और मात्र अफवाह के आधार पर इतने लोग कानून हाथ में लेने के लिए बाहर आ गए थे. पुलिस ने जिन चार लोगों को बचाया है वो परभणी ज़िले के हैं, और मालेगांव आए हुए थे. इनके साथ एक दो साल का बच्चा था. बच्चा उन्हीं का है. जब आप एक समुदाय से नफरत करते हैं या आपको ट्रेन किया जाता है कि एक समुदाय से नफरत करो तो फिर आप किसी से भी नफरत और हिंसा करने के लिए ट्रेन हो जाते हैं. हिंसा आपके राजनीतिक और सामाजिक स्वभाव का हिस्सा बन जाती है. 30 जून को चेन्नई में भी बिहार के दो लोगों को बच्चा चोर समझ कर बुरी तरह पीट दिया गया. गोपाल साहू और बिनोद बिहार मेट्रो में काम करने वाले मज़दूर हैं और सड़क पार करते हुए एक बच्चे को रोक रहे थे मगर लोगों ने बच्चा चोर समझ लिया. असम के करबी आंगलांग ज़िले में निलोत्पल और अभिजीत के इंसाफ के लिए फेसबुक में एक ग्रुप भी बना है जिसे 60000 से अधिक लोग फॉलो कर रहे हैं. 8 जून को निलोत्पल दास और अभिजीत नाथ पिकनिक से लौट रहे थे, मगर पंजुरी में एक भीड़ ने उनकी जीप रोकी और उतार कर मारना शुरू कर दिया. दोनों असम के ही रहने वाले थे तो अहोमिया में भी लोगों से कहा कि वे बच्चा चोर नहीं हैं. लेकिन भीड़ ने दोनों को मार दिया. इस घटना के ठीक पहले हैदराबाद पुलिस ने अलर्ट जारी किया था कि सोशल मीडिया में बच्चा चोरी गैंग को लेकर अफवाह उड़ाई जा रही है. वहां भी भीड़ ने तीन लोगों को घेर कर मार दिया. इसके अलावा 10 लोगों को भीड़ ने पेड़ और बिजली के खंभे से बांध कर बुरी तरह पीटा था. हमारी सहयोगी उमा सुधीर ने इस लगातार रिपोर्ट की है. इसके शिकार चाहें हिन्दू हों या मुसलमान ज्यादातर ग़रीब लोग हैं. कितनी आसानी से किसी ने अफवाहों के ज़रिए ग़रीबों को अफवाहों में उलझा दिया है. दक्षिण त्रिपुरा में अफवाहों से लड़ने के लिए वहां की सरकार ने इंतज़ाम किया था. सुकांत चक्रवर्ती को 500 रुपये की दिहाड़ी पर रखा गया था. सुकांत जिस गाड़ी से जा रहे थे उस पर लाउडस्पीकर भी लगा था जिससे वह अनाउंस कर रहा था कि ऐसी अफवाहों से सावधान रहें. अफवाह फैल गई कि एक बच्चे को किडनी निकाल कर फेंक दिया गया है. इसके कारण लोगों और पुलिस में ही झड़प हो गई. किडनी स्मगलर से लेकर बच्चा चोर गिरोह की बातें होने लगीं. इसी झगड़े में सुकांत फंस गया और मारा गया. जून के महीने में ही 10 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. 2017 में झारखंड में ऐसी ही अफवाह उड़ी बच्चा चोरी के गिरोह की. हल्दी पोखर से राजनगर जा रहे नईम, सज्जू, शिराज और हलीम को सौ से भी अधिक लोगों ने घेर लिया और इतना मारा कि नईम, सज्जू और शिराज की मौत हो गई. उसी रात पूर्व सिंहभूम में विकास, गणेश और गौतम को भीड़ ने घेर लिया. इन तीनों को मार दिया. क्या हिन्दू क्या मुसलमान, भारत में नेशनल सिलेबस ने एक ऐसी भीड़ हर जगह तैयार कर दी है जो किसी को भी मार सकती है. झारखंड में एक दर्जन से ज्यादा मॉब लींचिग की घटना हो चुकी है. टिप्पणियां
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बिहार विधानसभा चुनाव : PM मोदी के इस चुनावी ‘अस्त्र’ के आस्ट्रेलियाई पीएम भी हुए मुरीद, लेकिन विपक्ष कितना तैयार
PM Modi ने साल 2014 में होलोग्राम तकनीक का इस्तेमाल कर की थीं रैलियां
नई दिल्ली :
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आखिरकार गहमागहमी शुरू हो चुकी है. कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से चुप्पी साधे बैठे राजनीतिक दलों के सामने इस बार चुनाव प्रचार को लेकर बड़ी चुनौती है. क्योंकि बड़ी-बड़ी रैलियां करना और सोशल डिस्टैसिंग का पालन न करने पर इस संक्रमण को एक तरह से न्यौता ही देना होगा. इन सब के बीच बीजेपी ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. जिसको लेकर विपक्ष निशाना भी साध रहा है और साथ में परेशान भी उसकी साफ दिखाई दे रही है. गृहमंत्री अमित शाह 7 जून यानी रविवार को तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए ‘वर्चुअल’ रैली को संबोधित करेंगे. पहले यह रैली 9 जून को तय की गई थी. दावा किया जा रहा है कि इस रैली के माध्यम से 1 लाख लोगों तक बात पहुंचाई जाएगी. साथ ही जो लोग इस रैली को देखने के बजाए इन सुनना चााहते हैं उनके लिए अलग से व्यवस्था की जाए. रैली को BJP के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है.
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लेकिन पीएम मोदी के पास ‘2014 वाला हथियार’
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी ने लगातार रैलियां करने का रिकॉर्ड बनाया था. इतना ही नहीं चुनाव के प्रचार के आखिर में उन्होंने एक साथ कई जगहों पर रैलियां करने के लिए होलोग्राम तकनीकी का इस्तेमाल किया था. इसमें एक जगह से कई रैलियों को संबोधित किया था. इस तकनीकी में 3डी का भी इस्तेमाल होता है जिसमें ऐसा लगता था कि पीएम मोदी साक्षात मंच पर खड़े हो भाषण दे रहे हैं. कुल मिलाकर ऐसी ही तकनीकों का इस्तेमाल करने में बीजेपी आईटी सेल के लगो विशेषज्ञ हैं.
ऑस्ट्रेलिया के पीएम भी हुए तकनीकी के मुरीद
गुरुवार को हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया शिखर सम्मेलन के दौरान जहां समोसा और खिचड़ी छाई रही वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी के ‘होलोग्राम’ तकनीक से किए गए चुनाव प्रचार का जिक्र करते हुए आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा,’यह मुझे चौंकाता नहीं है कि इन परिस्थितियों में हम किस तरह से (वर्चुअल) मिलना जारी रखेंगे. आप उनमें से हैं, जिन्होंने होलोग्राम तकनीक का अपने चुनाव प्रचार में कई साल पहले इस्तेमाल किया था. हो सकता है कि अगली बार हमारे पास यहां आपका एक होलोग्राम होगा.’
तेजस्वी यादव ने बीजेपी की वर्चुअल रैलियों पर साधा निशाना
बिहार में राजद नेता ने ट्वीट किया, ‘कोरोना की संख्या लगभग 2 लाख पहुंच गई है. ग़रीब पैदल चल भूखे मर रहे हैं, लेकिन BJP डिजिटल रैली निकालेगी. भाजपा दुनिया की पहली ऐसी पार्टी है जो अपने लोगों के मरने पर जश्न मना रही है. जिस दिन BJP ग़रीबों की मौत का जश्न मनाएगी उसी दिन प्रतिकार में हम ‘गरीब अधिकार दिवस’ मनाएंगे.
विपक्ष कितना है तैयार
इसमें कोई दो राय नहीं है कि तकनीकी के इस्तेमाल के मामले में पीएम मोदी देश में इस समय बाकी नेताओं से काफी आगे हैं और इसका पार्टी की कार्यशैली पर भी पड़ा है. बीजेपी का आईटी सेल इस समय बाकी पार्टियों की तुलना में ज्यादा दक्ष है. अगर कोरोना वायरस के दौर में परंपरागत प्रचार के तरीकों जैसे रैलियां, रोड शो आदि पर रोक जारी रहती है तो विपक्ष के नेताओं की क्या रणनीति होगी. इतना तय है कि अगर सिर्फ ऑनलाइन चुनाव प्रचार की ही इजाजत मिली तो बीजेपी इसमें भारी पड़ सकती है.
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WHO ने की भारत में लॉकडाउन बढ़ाने के फैसले की तारीफ
नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने कई देशों को अपने कब्जे में ले लिया है जिससे न जाने कितने लोगों की मौत हो रही है, कई देशों में तो मरने वालों की संख्या हजारों में है जो कि बहुत भयानक है, इस समय हर देश कोरोना की महामारी से जूझ रहा है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि अभी तक कोरोना की कोई दवा नही बना पाई है जिससे इसको काबू में किया जा सके।
तो वही आज WHO ने भारत में हुये लॉकडाउन की तारीफ की है कि यह फैसला बहुत अच्छा और सोच समझ कर लिया हुआ है, प्रधानमंत्री मोदी ने 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। WHO ने कहा है कि भारत की आबादी को देखते हुए प्रधानमंत्री का निर्णय बिल्कुल सही है।
बेनेट विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कोविड-19 वैश्विक ऑनलाइन सम्मेलन में बोलते हुए फिशर ने कहा कि लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय बिल्कुल सही दिशा में उठाया गया कदम है फिशर ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि कोरोना को हराने का यही सबसे सही तरीका है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस क्योंकि कम्युनिटी के माध्यम से फैलता है ऐसे में अगर एक बार में पूरे देश को लॉकडाउन हटा लिया जाता है तो इसके बढ़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है।
भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के विजयाघवन ने बताया कि लॉकडाउन खोलने के बाद वायरस को रोकीले के लिए डिजिटल संपर्क ट्रेसिंग एक तरीका है। इसके तहत लोग जहां जा रहे हैं वहां कोरोना के कितने मरीज हैं और क्या वो इलाका जाने योग्य है कि नहीं इन सबके बारे में पता लगाया जा सकता है। इससे लॉकडाउन खुलने के बाद भी कोरोना को रोका जा सकता है।
विजयाघवन ने टेस्टिंग पर जोर देते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना का पता लगाने के लिए टेस्ट को बढ़ाने का निर्णय लिया है। सरकार को कोरोना मरीजों का पता लगाने के लिए अच्छी मशीनें खरीदी हैं जो पता लगा सकेंगी कि कोरोना का संक्रमण किसी मरीज को है या नहीं। यही नहीं सरकार जांच करने वालों की उपलब्धता, टेस्टिंग लैब की संख्या और रिएक्टर आपूर्ति जैसे मुद्दों पर काम कर रही है।
अगर देश लॉकडाउन हटा देते है तो यह महामारी को रोकना संभव नही हो पायेगा, क्योकि ये मानव से मानव में फैलती है, जबकि जब लॉकडाउन खत्म होगा तो लोग कामकाज के लिये बाहर निकलेंगे जिससे कोरोना को संक्रमण फैलना का डर सबसे ज्यादा है। ऐसे में सही तरीके से लॉकडाउन खोलना ही सही रहेगा। क्योकि ये गलती चीन कर चुका है जिससे वहां से फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है। इसीलिय चरणवद्ध तरीके से ही लॉकडाउन खोलना ही सही रहेगा।
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अब तक 75 हजार मौतें: यूएन ने अफसरों से गैरजरूरी खर्च और नियुक्तियां रोकने को कहा; इटली में अब तक 94 डॉक्टर और 26 नर्स ने दम तोड़ा
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अब तक 75 हजार मौतें: यूएन ने अफसरों से गैरजरूरी खर्च और नियुक्तियां रोकने को कहा; इटली में अब तक 94 डॉक्टर और 26 नर्स ने दम तोड़ा
जापान में अब तक तीन हजार 906 संक्रमित हो चुके हैं, जबकि 92 लोगों की मौत हो चुकी है
न्यूजीलैंड में 25 मार्च से लॉकडाउन है, इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री ने इसका उल्लंघन करने पर खुद को मूर्ख बताया
दुनियाभर में 13 लाख 52 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हैं, सबसे ज्यादा अमेरिका में तीन लाख 67 हजार
दैनिक भास्कर
Apr 07, 2020, 09:00 PM IST
वॉशिंगटन. दुनियाभर में कोरोनावायरस से 13 लाख 52 हजार 173 लोग संक्रमित हैं। 75 हजार 294 की मौत हो चुकी है। दो लाख 87 हजार 679 लोग स्वस्थ भी हुए हैं। इटली (16,523) और स्पेन (13,341) के बाद अमेरिका में भी मरने वालों की संख्या दस हजार के पार हो गई है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने पांच राज्यों में आपातकाल लगा दिया। इटली में 94 डॉक्टर और 26 नर्स दम तोड़ चुके हैं। यूएन ने अफसरों से गैरजरूरी खर्च कम करने को कहा है। रूस में राष्ट्रपति पुतिन एक अहम मीटिंग कर रहे हैं। यूक्रेन में कोरोना का डर ऐसा कि एडवांस में कब्र तैयार की जा रही हैं।
यूएन : गैरजरूरी खर्च रोकने की पहल
यूएन ने अपने अफसरों से गैरजरूरी खर्च टालने को कहा है। इसने अफसरों से कोविड-19 से उपजे हालात में खर्च प्राथमिकता के आधार पर तय किए जाएं। नई नियुक्तियों पर भी रोक लगाने को कहा गया है ताकि वर्तमान कर्मचारियों का वेतन और बिलों का भुगतान समय पर किया जा सके। महासचिव एंटोनियो गुटरेस के प्रवक्ता ने मंगलवार शाम यह जानकारी दी।
चीन के नेनिंग शहर में मंगलवार को एक स्कूल में बच्चों को कोरोनावायरस के खिलाफ ऐहतियाती उपायों की जानकारी देती टीचर। चीन के ज्यादातर शहरों में स्कूल अब खुल गए हैं। बीते 24 घंटे में यहां कोई नया मामला सामने नहीं आया।
यूक्रेन : एडवांस में 600 कब्रें तैयार
यूक्रेन के निप्रो शहर का एक विवादित फैसला सामने आया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, स्थानीय अधिकारियों ने यहां एडवांस में 600 कब्र तैयार करा लीं। अफसरों का मानना है कि आने वाले दिनों में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ेगा। लिहाजा, पहले से तैयारी जरूरी है। हालांकि, उनके इस फैसले का विरोध हो रहा है। यूक्रेन में मंगलवार शाम तक कुल 1 हजार 308 मामले सामने आए। 37 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
ये हैं वुहान शहर के मिस्टर लू और उनकी मंगेतर डिंग। दोनों मैरिज सर्टिफिकेट दिखा रहे हैं। वुहान कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हुबेई प्रांत का शहर है। अब यहां शादियां भी शुरू हो गई हैं।
रूस : पुतिन अहम मीटिंग करेंगे
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज अहम मीटिंग करने जा रहे हैं। हेल्थ और मेडिकल रिसर्च के तमाम आला अफसर टेलिकॉन्फ्रेंसिंग से हिस्सा लेंगे। सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पोस्कोव ने कहा, “संक्रमितों का इलाज चल रहा है। लेकिन, हम चाहते हैं कि मेडिकल फील्ड और खासकर रिसर्च के लोग एक प्लेटफॉर्म पर और सही कोऑर्डिनेशन से काम करें। राष्ट्रपति हालात पर पैनी नजर रख रहे हैं।” पुतिन ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भी जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज अहम मीटिंग करने जा रहे हैं। हेल्थ और मेडिकल रिसर्च के तमाम आला अफसर टेलिकॉन्फ्रेंसिंग से हिस्सा लेंगे।
स्पेन : फिर बढ़ी मौतों की दर
यहां मौतों की दर फिर बढ़ गई है। बीते 24 घंटे में कुल 743 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। यह बीते दिनों की तुलना में 5.7 फीसदी ज्यादा है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आईसीयू में हैं। उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है। लंदन में साईकिल सवाल एक युवक ने तो हाथ में एक बैनर लेकर यह संदेश लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की।
इटली : 94 डॉक्टर और 26 नर्सों की मौत
मेडिकल स्टाफ के लिए भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के मुताबिक, देश में कुल 12 हजार 681 हेल्थ वर्कर संक्रमित हैं। 94 डॉक्टर और 26 नर्सों की मौत हो चुकी है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पतालों में प्रोटेक्टिव इक्युपमेंट्स की कमी है। यही वजह है कि जान बचाने वालों के लिए खुद को सुरक्षित रखना मुश्किल हो गया है।
मंगलवार को रूस की राजधानी मॉस्को के एक अस्पताल में मरीजों से ऑनलाइन बात करते डॉक्टर। पुतिन सरकार जल्द ही संक्रमण रोकने के लिए कुछ बड़े और कड़े फैसले ले सकती है।
ब्रिटेन: पीएम जॉनसन ऑक्सीजन सपोर्ट पर
कैबिनेट मंत्री माइकल गोवे ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन आईसीयू में हैं। लेकिन उन्हें वेंटिलेटर पर नहीं रखा गया है। वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं। उनका इलाज लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल में चल रहा है। उनकी गैर-मौजूदगी में उनका कार्यभार विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब संभाल रहे हैं। ब्रिटेन में सोमवार को तीन हजार 802 नए मामले और 439 नई मौतें दर्ज की गई। कोरोना से संक्रमित भारतीय मूल के कार्डियक सर्जन की ब्रिटेन के एक अस्पताल में मौत हो गई। जितेंद्र कुमार राठौड़ वेल्स यूनिवर्सिटी के कार्डियो-थोरेसिक सर्जरी में एसोसिएट थे। नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) ने उन्हें बेहतरीन सर्जन बताया था।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक रॉब मिटिंग के लिए डाउनिंग स्ट्रीट जाते हुए। बोरिस जॉनसन के आईसीयू में भर्ती होने के बाद डोमिनिक कामकाज देख रहे हैं।
मोदी ने जॉनसन के जल्द ठीक होने की कामना की
Hang in there, Prime Minister @BorisJohnson! Hope to see you out of hospital and in perfect health very soon.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 6, 2020
ट्रम्प ने व्हाइट हाउस टॉस्क फोर्स वार्ता में कहा, “मैं अपने अच्छे दोस्त और अमेरिका के मित्र बोरिस जॉनसन को शुभकामनाएं देता हूं। उनके आईसीयू में भर्ती होने की खबर सुनकर दुखी हूं। ” उन्होंने कहा कि सभी अमेरिकी जॉनसन के जल्द ठीक होने की कामना कर रहे हैं। वे बेहद मजबूत, दृढ़ निश्चयी और आसानी से हार नहीं मानने वाले इंसान हैं।
President @realDonaldTrump expressed America’s well wishes to Prime Minister Boris Johnson for a speedy recovery. pic.twitter.com/C3AfUuuVyv
— The White House (@WhiteHouse) April 6, 2020
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी जॉनसन के जल्द ठीक होने की कामना की है।
भारत के पड़ोसी देशों का हाल
पाकिस्तान ने इस्लामिक मिशनरी आंदोलन, तब्लीगी जमात द्वारा आयोजित सभा में शामिल होने वाले 20 हजार लोगों को लाहौर में क्वारैंटाइन किया गया है। अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि तब्लीगी जमाते के लोग देश में संक्रमण फैला सकते हैं। मंगलवार तक देश में संक्रमण के 3,864 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, मरने वालों का आंकड़ा 54 हो गया। इस्लामाबाद में कोरोना से पहली मौत हुई है। पाकिस्तान का पंजाब प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां 1918 लोग संक्रमित हैं और अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अब तक तीन हजार 918 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 55 लोगों की जान जा चुकी है।
बांग्लादेश में सोमवार को चार लोगों की मौत के बाद मस्जिदों में जाने पर रोक लगा दी गई है। यहां अब तक संक्रमण के 123 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 12 लोगों की मौत हो चुकी है।
श्रीलंका में अब तक कोरोना के 150 मरीज मिल चुके हैं। श्रीलंका में कोरोनो के खिलाफ उठाए गए कड़े कदम सिनहाला और तमिल नव वर्ष के बाद तक जारी रहने की संभावना ���ै। देश में लॉकडाउन 14 अप्रैल तक लागू रहने की संभावना है। इससे पहले 17 मार्च से 24 मार्च तक लॉकडाउन किया गया था।
नेपाल सरकार ने सोमवार को देश में जारी लॉकडाउन को आठ दिन और बढ़ा दिया है। अब यहां 15 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। यहां अब तक 9 केस सामने आए हैं। इनमें एक युवक ठीक भी हो गया है। लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया। नेपाल में कोरोनोवायरस दूसरे चरण में प्रवेश कर चुका है। सरकार ने शुरू में 24 मार्च को एक सप्ताह के राष्ट्रव्यापी बंद की घोषणा की थी। 29 मार्च को इसे 7 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था।
इंडियन इंफर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक, चीन ने भारत को एक लाख 70 हजार पर्सनल प्रोटेक्टिव उपकरण (पीपीई) दिए हैं। इसका इस्तेमाल मेडिकल वर्कर करते हैं। भारत सरकार ने सिंगापुर से भी 80 लाख पीपीई मंगवाने का ऑर्डर दिया है। उधर, चीन के कंपनी से भी 60 लाख पीपीई मंगवाने की बात चल रही है।
नेपाल: काठमांडू एयरपोर्ट पर फंसे अमेरिकी नागरिक अपने देश लौटते। सरकार ने यहां 15 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है।
अमेरिका: 24 घंटे में 1,150 लोगों की जान गई
अमेरिका में 24 घंटे में 30 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और 1,150 लोगों की जान गई है। इटली और स्पेन के बाद अमेरिका में मौतों का आंकड़ा दस हजार से ज्यादा हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क में शटडाउन 29 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है। न्यूयॉर्क स्टेट में पांच हजार मौतें हुई हैं। इनमें आधा से ज्यादा केवल न्यूयॉर्क सिटी में है। वहीं, राज्य में एक लाख 20 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अमेरिका ने एशियाई देश में फंसे अपने 29 हजार नागरिकों को 13 विशेष विमानों से अपने देश बुला लिया है। ये नागरिक साउथ एंड सेंट्रल एशियाई देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में फंसे हुए थे। अकेले भारत में ही 1300 अमेरिकी नागरिक थे।
अमेरिका ने कोरोना से निपटने के लिए देश में 40 हजार सैनिकों को तैनात किया है। इनमें से चार हजार मेडिकल सेवा से जुड़े सैन्यकर्मी हैं। सेना के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने बताया- इनमें इंजीनियरिंग सर्विस के 15 हजार सैनिकों को दूसरे कामों में मदद के लिए लगाया गया है। सेना ने संक्रमितों की जांच और इलाज के लिए 18 राज्यों में 22 फील्ड हॉस्पिटल बनाए हैं।
ट्रम्प ने कोरोना के रोकथाम के लिए दवा कंपनी और बायो-टेक कंपनियों के प्रमुखों से बातचीत की। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टेफनी ग्रिशाम ने सोमवार को कहा- कोरोना के खिलाफ जंग में राष्ट्रपति ने दवा कंपनी और बायो-टेक कंपनियों के कार्यकारी निदेशकों से चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई।
राष्ट्रपति ट्रम्प सोमवार को कहा कि अगर भारत मलेरिया का दवा नहीं भेजता है तो हम भी बदले की कार्रवाई करेंगे। इसके बाद भारत सरकार ने मंगलवार को कहा कि घरेलू जरूरतें पूरी होने के बाद स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर एक्सपोर्ट किया जाएगा।
कैलिफोर्निया के गर्वनर गेविन न्यूसोम ने कहा, “आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक 14,336 मामले सामने आए हैं जबकि इससे 343 लोगों की मौत हुई है।”
लॉस एंजेलिस के सभी नागरिक कोरोनावायरस के टेस्टिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अमेरिका के लुसियाना राज्य में कोरोना के 1857 नए मामलों की पुष्टि हुई है। साथ ही इससे 35 लोगों की मौत हुई है। गर्वनर जॉन बेल एडवर्ड ने बताया कि लुसियाना में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 14,867 हो गए हैं और इससे मरने वालों की संख्या 512 पहुंच गई है। उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की है।
अमेरिकी कस्टम और बॉर्डर पेट्रोल (सीबीपी) ने सोमवार को 160 कर्मचारियों के कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि की है। सबसे ज्यादा मामले न्यूयार्क से आए हैं। यहां इनकी संख्या 59 है जबकि टेक्सास से 19 और कैलिफोर्निया से 16 मामले सामने आए हैं।
न्यूयॉर्क के हरलिम हॉस्पिटल सेंटर के बाहर सुरक्षा उपकरणों की मांग के लिए प्रदर्शन करती नर्स।
न्यूजीलैंड: 25 मार्च से लॉकडाउन
न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य मंत्री डेविड क्लार्क ने सोमवार को लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर खुद को मूर्ख कहा। क्लार्क ने कहा कि वे लॉकडाउन के दौरान ड्राइव कर 20 किलोमीटर दूर अपने परिवार के साथ बीच (समुद्र का किनारा) पर गए थे। इसके बाद उन्होंने पीएम जेसिंडा अर्डर्न के सामने इस्तीफे का प्रस्ताव रखा। लेकिन, कोरोना के संकट को देखते हुए उन्हें पद पर बने रहने के लिए कहा गया है। इससे पहले रविवार को स्कॉटलैंड के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लॉकडाउन के दौरान अपने दूसरे घर जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था। देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया है।
इटली: 24 घंटे में 636 की जान गई
इटली में सोमवार को 636 लोगों की मौत हुई है, जबकि संक्रमण के 3,599 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में कुल मौतें 16 हजार 523 और कुल संक्रमितों की संख्या एक लाख 32 हजार 547 हो गया है।
इटली की राजधानी रोम में एक मरीज को अस्पताल ले जाते स्वास्थ्यकर्मी।
फ्रांस: स्टे-एट-होम ऑर्डर 15 अप्रैल तक बढ़ा
फ्रांस में सोमवार को 833 लोगों की मौत हुई। देश में अब तक आठ हजार 911 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 98,010 संक्रमित हैं। स्वास्थ्य मंत्री ओलिविर विरैन ने कहा कि अभी हम इस महामारी के अंत तक नहीं पहुंचे हैं। फ्रांस 17 मार्च से पूरी तरह लॉकडाउन है। सभी गैर-जरूरी यात्राएं प्रतिबंधित हैं। लोग बिना अनुमति के घर से नहीं निकल सकते। 27 मार्च को स्टे-एट-होम ऑर्डर 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया था। इस हफ्ते प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलीप ने कहा कि स्टे-एट-होम ऑर्डर को और बढ़ाया जा सकता है।
फ्रांस: पेरिस के एक अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कोरोना मरीज। देश में अब तक करीब 9 हजार लोगों की जान जा चुकी है।
रूस: एक दिन में 1,154 नए मामले
रूस में पहली बार मंगलवार को 1,154 पॉजिटिव मामले सामने आए। इसके साथ ही संक्रमितों की संख्या 7,497 हो गई है। यहां अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। देश के आपदा कार्रवाई केंद्र ने इस बात की जानकारी दी। राजधानी मॉस्को संक्रमण का एपिसेंटर बना हुआ है। देश में फिलहाल आंशिक लॉकडाउन लागू है। लोगों को सिर्फ जरूरी सामान और इलाज के लिए घर से बाहर जाने की इजाजत है। अन्य गैर जरूरी सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
रूस: नगरपालिका के कार्यकर्ता गोंजी में इलाके को डिसइन्फेक्ट कर रहे हैं। देश में कोरोना से अब तक 58 लोगों की मौत हो गई है।
स्पेन: लगातार चौथे दिन मौतों की संख्या में कमी
स्पेन में सोमवार को कोरोनोवायरस से 24 घंटों में 637 मौतें हुईं। लगातार चौथे दिन मौतों की संख्या में गिरावट नजर आई। पिछले दो हफ्तों में यह सबसे कम संख्या थी। देश में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन है। यहां अब तक 13 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि एक लाख 36 हजार लोग संक्रमित हैं।
सिंगापुर: लॉकडाउन 4 मई तक बढ़ा
सिंगापुर में अब तक 1,375 संक्रमित मिले हैं और 6 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को यहां की ज्यादातर सड़कें सुनी नजर आईं। यहां पर चार मई तक लॉकडाउन हैं। जरूरी सुविधाओं को छोड़कर सभी लोगों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहा गया है। बैंक खुले हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों में यहां आने वाले लोगों की संख्या कम हो गई है। रेस्टोरेंट खोलने की अनुमति है, लेकिन वहां बैठकर खाने की इजाजत नहीं दी जा रही, वे सिर्फ टेकअवे या होम डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं।
सिंगापुर: देश में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां सरकार ने चार मई तक लॉकडाउन लगाया है।
चीन: सोमवार को संक्रमण के 32 नए मामले
चीन में भी पिछले 24 घंटों में कोरोना से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। एएफपी के मुताबिक, सोमवार को जनवरी से पहली बार संक्रमण से चीन में किसी की जान नहीं गई। चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया की कि चीन में सोमवार को कोरोना के 32 नए मामले सामने आए। इनमें सभी देश के बाहर के नागरिक थे। यहां अब तक तीन हजार 331 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 81 हजार 740 लोग संक्रमित हैं। वुहान में आठ अप्रैल से परिवहन सुविधाएं शुरू हो जाएंगी।
चीन की राजधानी बीजिंग में मास्क पहनकर घूमते लोग। देश में सोमवार को एक भी मौत नहीं हुई है।
ईरान: 2,600 कैदी अपने देश वापस जाने के लिए तैयार
ईरान के उप कानून मंत्री महमूद अब्बासी ने कहा है कि कोरोना को देखते हुए कुछ देशों के साथ कैदियों की अदला-बदली पर बात हो रही है। विदेश मंत्रालय और इंटरपोल के जरिए इस दिशा में पहल की गई है। इसके कुछ सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। फिलहाल 2,600 कैदी अपने देश वापस जाने के लिए तैयार हैं। कुछ मध्य एशियाई देशों ने अपने कैदियों से हमारे कैदियों को बदलने पर सहमति दी है। संक्रमण को देखते हुए देश में पहले ही 1 लाख कैदियों को बेल पर रिहा जा चुका है।
ईरान: तेहरान में मास्क पहनकर काम करती महिलाएं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अप्रैल में कुछ आर्थिक गतिविधियों शुरू की जा सकती हैं।
इजराइल: नेतन्याहू, पुतिन ने महामारी के खिलाफ सहयोग के लिए सहमति जताई
कोरोना के खिलाफ सोमवार को सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को लेकर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि मेडिकल इक्विपमेंट की खरीद में सहयोग करने को लेकर उनके और पुतिन के बीच सहमति बनी है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इजराइल कोरोनावायरस संक्रमण की जांच के लिए जरूरी टेस्टिंग किट और रेस्पिरेटर की कमी से जूझ रहा है। नेतन्याहू के कार्यालय ने बयान जाकी कर कहा, “दोनों देशों के नागरिक स्वदेश लौट सकें इसको लेकर भी रूस और इजराइल के बीच मूवमेंट को सक्षम बनाने को लेकर भी सहमति बनी। फिलहाल इजराइल में लॉकडाउन लागू है। यहां अब तक आठ हजार 904 लोग संक्रमित हैं, जबकि 57 लोगों की मौत हो चुकी है।
फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के कर्मचारी ने इजराइल से लौटे वर्कर को सैनिटाइज किया। इजराइल में भी लॉकडाउन लगा दिया गया है।
कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान ड्यूके ने घोषणा की है कि देश में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा। इससे पहले देश में 25 मार्च से 13 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाया गया था।
ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने नागरिकों से कहा है कि वे ईस्टर तक अपने घरों में ही रहें। देश में संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यहां अब तक 5,844 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 44 मौतें हुई हैं।
हॉलीवुड डायरेक्टर स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म ‘जॉस’ के अभिनेता ली फीयरो की कोरोना से मौत हो गई। वे 91 साल की थीं।
कुवैत: कोरोना संक्रमितों की संख्या 743
कुवैत के स्वास्थ्य म��त्रालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि देश में कोरोना के 69 नए मामले आए हैं जबकि नौ अन्य मामलों में निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री बासेल अल-सबाह ने कोरोना से दो मरीजों के ठीक होने की घोषणा की। चार अप्रैल को कुवैत में कोरोना से पहली मौत होने की रिपोर्ट आई थी। कुवैत की सरकार कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है। कुवैत में 13 मार्च तक सभी व्यवसायिक उड़ानें रद्द हैं। सरकार ने सभी स्टोर, मॉल और को बंद कर दिया है।
धर्म के आधार पर कोरोना के मरीजों का वर्गीकरण न करें : डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने धर्म या नस्ल के नाम पर कोरोना के मरीजों का वर्गीकरण न करने की हिदायत दी है। संगठन के स्वास्थ्य आपदा कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माईकल रेयान ने कहा, “कोई कोरोना से संक्रमित हो जाता है तो इसमें उसकी कोई गलती नहीं है। कोरोना के मरीजों का नस्ल, धर्म या मत के आधार पर वर्गीकरण नहीं किया जाना चाहिए।” एक भारतीय संवाददाता द्वारा दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज से बहुतायत में कोरोना फैलने संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने यह बात कही। रेयान ने कहा कि डब्ल्यूएचओ इस्लामी और अन्य धार्मिक नेताओं के साथ संपर्क में है और धार्मिक आयोजन टालने के लिए उनसे चर्चा कर रहा है।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश कितने संक्रमित कितनी मौतें कितने ठीक हुए अमेरिका 3,67,650 10,943 19,810 स्पेन 1,36,675 13,341 40,437 इटली 1,32,547 16,523 22,837 जर्मनी 1,03,375 1,810 28,700 फ्रांस 98,010 8,911 17,250 चीन 81,740 3,331 77,167 ईरान 60,500 3,739 24,236 ब्रिटेन 51,608 5,373 135 तुर्की 30,217 649 1,326 स्विट्जरलैंड 21,657 765 8,056
स्रोत: https://www.worldometers.info/coronavirus/
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ताहिर शाह नए गाने ‘फरिश्ता’ के साथ संगरोध ब्लूज़ को वापस लाने के लिए वापस आ गए हैं; घड़ी
मैनकाइंड एंजल फेमस ताहिर शाह का नया गाना फरिश्ता अभी बाहर है। गायक ने एक धमाके के साथ वापसी की है और कथित तौर पर दुनिया को घातक COVID -19 संक्रमण से बचाने के लिए एक मिशन पर है। हालांकि फरिश्ता 10 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी, गायक ने प्रत्याशा को उच्च रखा और गीत को उसी दिन जारी किया जैसे दिन किसी करीबी को आकर्षित कर रहा हो।
गीत फरिश्ता ने सोशल मीडिया पर पहले ही दौर बनाना शुरू कर दिया है और नेटिज़न्स का ध्यान सफलतापूर्वक हासिल किया है। रिलीज के सिर्फ 20 मिनट के भीतर, गाने को 4500 से अधिक बार देखा गया है। ताहिर शाह की जाँच करें फरिश्ता यहाँ:
ताहिर शाह ने पहले घोषणा की थी कि वह जल्द ही ‘एक निर्दोष प्रेम कहानी’ रिलीज करने जा रहे हैं। हालांकि, उनके नए गीत से पता चलता है कि ‘बच्चे पृथ्वी के स्वर्गदूत हैं’। गाने के विषय में स्विच करने का कारण अभी तक गायक द्वारा नहीं बताया गया है और नेटिज़ेंस ने वादा किए गए प्रेम गीत के बारे में जानने के लिए अपनी गहरी रुचि दिखाई है।
ताहिर शाह पिछले कुछ समय से गाने के रिलीज़ को छेड़ रहे हैं। गायक अपने प्रशंसकों को एक गीत के विमोचन के लिए बुला रहा था द किंग लव जिसे बाद में बदल दिया गया फरिश्ता अंतिम क्षण में। ताहिर द्वारा साझा किए गए एक ट्वीट में, गायक ने लिखा कि कैसे द किंग लव शुक्रवार 10 अप्रैल को होगा, पोस्टर ने खुलासा किया कि कैसे उसकी नई रचनात्मक कला अप्रत्याशित रूप से बाहर हो जाएगी। गायक ने हैशटैग COVID-19 का उपयोग करते हुए घोषणा साझा की।
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कल, ताहिर शाह ने ट्वीट कर प्रशंसकों के बीच उत्सुकता जताई कि यह रिलीज सिर्फ एक दिन दूर है। ताहिर शाह की नवीनतम गीत रिलीज़ को “COVID-19 का उत्तर” माना जाता है। एक ऑनलाइन समाचार पोर्टल के साथ बातचीत में, उन्होंने कहा कि ‘मानव जाति के दूत’ COVID-19 से दुनिया को बचाने के लिए आगे बढ़ेंगे और जीवन सामान्य हो जाएगा।
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ताहिर शाह अपने गीत रिलीज़ के लिए सुर्ख़ियों में नहीं हैं। देवदूत तथा आंख से आंख अपने गीत, गीत शैली और वीडियो के लिए बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की। कथित तौर पर गायक के पास एक बड़ी पंथ है और इसे “पाकिस्तानी की सबसे त्वरित इंटरनेट सेलिब्रिटी” के रूप में भी वर्णित किया जाता है।
रिपोर्टों के अनुसार, मौत की धमकी मिलने के बाद गायक ने गाना छोड़ दिया था; हालाँकि, उन्होंने अब वापसी की है। ताहिर शाह की फरिश्ता उनके अंतिम गीत के चार साल बाद एक अच्छा रिलीज़ किया गया है।
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(इमेज क्रेडिट: ट्विटर पर ताहिर शाह)
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Thawe Mandir Story क्या है माँ दुर्गा के सिद्ध थावे मंदिर की संपूर्ण कहानी
माँ दुर्गा सनातन धर्म की प्रमुख देवी हैं और पुरे हिंदुस्तान में इनके कई देवस्थान हैं जहाँ भक्तों का ताँता लगा रहता है। आज हम चर्चा करेंगे गोपालगंज जिले में स्थित माँ दुर्गा के एक सिद्ध स्थान की जो सदियों से बहुत ही प्रचलित रहा है और यहाँ हर वक़्त माँ के भक्तों की लम्बी कतार लगी ही रहती है।
इस मंदिर को थावे वाली माता के नाम से जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि थावे वाली माता अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं। हर साल चैत्र (मार्च-अप्रैल) के महीने में यहाँ एक बड़ा मेला लगता है।
इस मंदिर की कहानी लगभग 14 वीं शताब्दी ईस्वी की है। राजा ‘मनन सिंह’ ‘चेरो’ वंश से ‘हथुवा’ का शासक थे। हालाँकि मनन सिंह माँ दुर्गा के भक्त थे लेकिन वो स्वाभाव से घमंडी थें। उन्हें स्वयं के माँ दुर्गा के सबसे बड़े भक्त होने का अहंकार था इसलिए वो अन्य संतों और धार्मिक व्यक्तियों को पसंद नहीं करते थे। उसके निर्दयी स्वभाव और व्यवहार के कारण प्रजा राजा से खुश नहीं थी।
जिस किले में राजा रहता थे वह वर्तमान ‘थावे’ में स्थित था। उसी गाँव में माँ के एक अनन्य भक्त रहषु भगत भी रहा करते थे जो एक संत थे।
एक बार हथुवा राज्य में बहुत बड़ा अकाल पड़ा। भूख के कारण लोग मरने लगे। हर जगह बहुत बुरी हालत थी, लेकिन राजा ने उस दयनीय हालत में भी प्रजा के ऊपर कर का बोझ लगा दिया। राजा के क्रूर रवैये के कारण गरीब लोग अत्यंत दुखी हो गए। उन्होंने राहत के लिए ‘माँ कामाख्या’ देवी से प्रार्थना की।
अपने भक्तों को उनके दुःख और दर्द से राहत देने के लिए, माँ कामाख्या ने मध्यरात्रि में सात शेरों के साथ बैठकर रहषु भगत को घास काटने और मध्यरात्रि में उनकी पूजा करने के लिए कहा। रहशू भगत पूरे दिन घास काटते थे और इसे माँ कामाख्या के सात शेरों के मध्य में देते थे। इस प्रकार उन्हें ‘मनसारा’ (एक प्रकार का पवित्र चावल) प्राप्त हुआ।
हर सुबह रहशु भगत ने गरीब लोगों के बीच मानसरा वितरित करके उनकी भूख मिटाई। रहशु भगत बहुत प्रसिद्ध हो गए क्योंकि उन्होंने गरीब लोगों को उनकी भूख से छुटकारा दिलाया था।
जब राजा को इन सभी घटनाओं के बारे में पता चला, तो वह बहुत क्रोधित हुआ और रहशु भगत को बुलाया और उसका अपमान किया। राजा ने रहशु भगत को आदेश दिया कि वे अपनी सच्ची भक्ति को साबित करने के लिए माँ कामाख्या को बुलाएँ।
रहशु भगत ने राजा से ऐसा न करने का अनुरोध किया और राजा को एक सच्चे मन से माँ की प्रार्थना करने का सुझाव दिया लेकिन राजा ने माँ को बुलाने के लिए ज़ोर दिया और अवज्ञा के मामले में रहशु भगत को मारने की धमकी दी। अंत में, असहाय रहशु भगत ने माँ कामाख्या को अपने पास बुलाने के लिए प्रार्थना करना शुरू कर दिया। अपने सच्चे भक्त के आह्वान पर, माँ कामाख्या ने कामरूप (असम) से सात शेरों पर बैठकर अपनी यात्रा शुरू की।
रहशु भगत ने फिर से राजा से अपनी जिद छोड़ने का अनुरोध किया लेकिन राजा सहमत नहीं हुए और राहशू भगत को माँ को बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस बीच माँ विंध्याचल में कुछ समय के लिए प्रकट हुईं और उन्हें माँ ‘विंध्यवासनी देवी’ कहा गया। उसके बाद माँ कलकत्ता में कालीघाट पहुंची जहाँ उन्हें ‘मां कालका देवी’ कहा गया। रहशु भगत ने फिर से राजा से अपनी इच्छा छोड़ने का अनुरोध किया और उन्हें सामूहिक विनाश के लिए चेतावनी दी लेकिन राजा किसी भी हालत में सहमत नहीं हुए।
मां अपनी यात्रा के दौरान पटना में कुछ समय के लिए रुकी जहाँ उन्हें ‘पाटनदेवी’ कहा गया। तब मां ‘आमी’ में प्रकट हुईं और ‘घोडाघाट’ को क्रमशः ‘अंबिकाभवानी’ और ‘घोड़ देवी’ कहा गया।
जब माँ थावे ’पहुंची तब मौसम का स्वरूप बदलने लगा। सैकड़ों गड़गड़ाहट के कारण राजा का महल गिर गया और नष्ट हो गया जैसा की सभी को आशंका थी। मां के भक्तों ने उन्हें बचाने के लिए प्रार्थना करना शुरू कर दिया क्योंकि उन्हें पता था कि मां थावे पहुंच गई हैं।
कुछ समय बाद, माँ प्रकट हुईं और उन्होंने अपना दाहिना हाथ जिसमे उन्होंने कंगन पहना था, रहषु भगत के सिर को तोड़ के बाहर निकाला। चार हाथ वाली मां ने सात शेरों के दर्शन किए और अपने भक्तों को आशीर्वाद दिया। अपने सच्चे भक्तों से प्रार्थना पर, माँ ने वहां जनजीवन को बेहतर किया और गायब हो गयी।
माँ के भक्तों ने एक मंदिर बनवाया जहाँ माँ के दर्शन हुए। उन्होंने एक ‘रहशु-मंदिर’ भी बनवाया, जहाँ रहशु भगत माँ की प्रार्थना किया करते थे। ऐसा कहा जाता है कि माँ थावेवाली के दर्शन (दर्शन) के बाद, माँ को प्रसन्न करने के लिए राहु-मंदिर के दर्शन अनिवार्य हैं। मां को ‘सिंघासिनी भवानी’ भी कहा जाता है। मां थावेवाली अपने भक्तों के लिए बहुत दयालु और उदार हैं और उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं। रहशु भगत को ‘मोक्ष’ (स्वर्ग) मिला। राजा, उसका महल और उसका सारा साम्राज्य समाप्त हो गया महल के अवशेष थावे में माँ के मंदिर के आसपास आज भी देखे जा सकते हैं।
तो दोस्तों ये थी कहानी माँ थावे वाली की। इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक जानकारियों के लिए अजनाभ को सब्सक्राइब ज़रूर करें, आपके सहयोग और असीम प्यार के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद्। जय हिन्द।
Thawe Mandir Story क्या है माँ दुर्गा के सिद्ध थावे मंदिर की संपूर्ण कहानी
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अमेरिका में हर छह मिनट में हो रही है एक मौत, मुर्दाघरों में जगह नही,
न्यूयॉर्क। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोनावायरस रिसोर्स केंद्र ने बताया कि अमेरिका में बुधवार को मृतकों का आंकड़ा 4,000 पार कर गया है जो चीन, इटली और स्पेन से भी अधिक है। हर ढाई से छह मिनट में एक मौत होने के चलते न्यूयॉर्क में अस्पतालों के मुर्दाघर भर गए हैं।
इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने हर अमेरिकी से कठिन दिनों के लिए तैयार रहने को कहते हुए चेताया कि आगामी दो सप्ताह बहुत दर्दनाक हो सकते हैं। जॉन हॉपकिंस केंद्र के मुताबिक कोविड-19 के कारण अमेरिका में करीब 1,90,000 लोग संक्रमित मिले हैं। जबकि पिछले 24 घंटे में देश में 869 लोगों की जान गई है।
पूरे देश में बढ़ती मृतक संख्या को देखते हुए शवों का अंतिम संस्कार मुश्किल हो चला है। न्यूयॉर्क के हालात और भी खराब हैं जहां पिछले 30 वर्षों से शवों को दफनाने के काम में जुटी इंटरनेशनल फ्यूनरल कंपनी के सीईओ मर्मो ने कहा कि लाशों को संभालने में मुश्किलें आ रही हैं।
उन्होंने कहा, अस्पतालों के मुर्दाघर लगभग भर गए हैं, जबकि इन शवों को दफनाना भी खतरनाक होता जा रहा है। मैं नहीं जानता कि मैं कितनी लाशें ले सकता हूं। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस महामारी को प्लेग करार देते हुए कहा, मैं चाहता हूं कि हर अमेरिकी नागरिक आगामी कठिन दिनों के लिए तैयार रहे। अभी दो सप्ताह तक राहत की गुंजाइश नहीं है इसलिए यह समय काफी दर्दनाक रहने वाला है।
दुनिया में 42,000 से ज्यादा मारे गए
पूरी दुनिया में करीब 8,60,000 लोगों को कोरोनावायरस मामलों की पुष्टि हुई है जबकि 42,000 से ज्यादा लोग इस बीमारी से मारे जा चुके हैं। इन सब में चीन, इटली और स्पेन काफी आगे हैं लेकिन अमेरिका में यह इनसे भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। ट्रंप ने कहा, सुरंग के अंत में प्रकाश को देखने से पहले हमें दो सप्ताह तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
न्यूयॉर्क में हालात सबसे गंभीर
अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में कोरोनावायरस संक्रमण से मरने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार शहर में 31 मार्च तक कोरोना वायरस के 41,771 मामले सामने आ चुके हैं और 1,096 लोगों की मौत हो चुकी है।
कम से कम 8,400 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और उनमें से 1,888 लोग आईसीयू में हैं। राज्य के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने चेताया कि यह संकट खत्म होने से पहले हजारों की जान ले सकता है। मेयर बिल डी. ब्लासियो ने कहा, हम सबसे मुश्किल दौर पर में प्रवेश करने जा रहे हैं और हमारे शहर के सामने चुनौतियां बढ़ रही हैं।
ब्रिटेन में कोरोना की चपेट में आया 13 साल का बच्चा
ब्रिटेन में कोरोना वायरस महामारी के कारण मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी के बीच एक 13 साल का बच्चा भी इसकी चपेट में आ गया है। सबसे खास बात यह है कि ब्रिटेन के इस सबसे कम उम्र के मरीज का किसी भी तरह की बीमारी का कोई इतिहास नहीं है।
इस्माइल मोहम्मद अब्दुलवहाब नाम के इस बच्चे को सोमवार को सांस लेने में तकलीफ होने पर किंग्स कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इस बच्चे का इलाज कराने के लिए एक अरबी शिक्षण संस्थान ने एक ही दिन में ऑनलाइन फंडरेजिंग के जरिये 56 हजार पाउंड जुटाकर उसके परिवार की मदद की है।
https://is.gd/vJaGT1 #ThereIsADeathHappeningEverySixMinutesInAmerica, #ThereIsNoPlaceInTheMorgues There is a death happening every six minutes in America, there is no place in the morgues National, State, Top #National, #State, #Top KISAN SATTA - सच का संकल्प
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पृथ्वीराज: लुसिफर के बाद से दुनिया बहुत अलग है
द्वारा: एंटरटेनमेंट डेस्क | बेंगलुरु |
प्रकाशित: 30 मार्च, 2020 6:42:43 अपराह्न
लूसिफ़ेर ने पृथ्वीराज के निर्देशन की शुरुआत की।
अभिनेता-निर्माता पृथ्वीराज सुकुमारन ने अपने पहले निर्देशकीय उद्यम लूसिफ़ेर के एक वर्ष का जश्न मनाने के लिए आजुजीविथम की शूटिंग से कुछ समय निकाल लिया।
“पिछले साल इस बार, मैंने सभी प्लेटफार्मों पर लूसिफ़ेर को लोड करना समाप्त कर दिया था और उनमें से हर एक पर चेक आउट किया था। यह 3 महीने की लंबी, उन्मत्त, दिन और रात के पोस्ट प्रोडक्शन शेड्यूल की परिणति थी। मेरे सिनेमैटोग्राफर, डायरेक्टोरियल, एडिट, साउंड, DI और VFX टीम (sic) के निरंतर समर्थन के बिना मैं इसे समय पर नहीं बना सका। ” फेसबुक पृष्ठ।
लूसिफ़ेर 27 मार्च को सिनेमाघरों में खुली। सुपरस्टार मोहनलाल की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म दुनिया भर में टिकटों की बिक्री से 200 करोड़ रुपये की कमाई कर गई। पृथ्वीराज ने कहा कि फिल्म की सफलता उन्हें कठिन समय के दौरान चलते रहने के लिए प्रेरित करती है।
“एक साल बाद से, दुनिया बहुत अलग है। और मैं एक अच्छा 30 किलो हल्का हूँ! ये कठिन समय हैं..और मुझे लगता है कि यादें आपको प्रेरित करती हैं जो पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं, ”उन्होंने कहा।
पृथ्वीराज ने मोहनलाल के साथ first पहला दिन, पहला शो ’देखने की याद को भी याद किया। “अगली सुबह, सरोगेट और नींद से वंचित, सुप्रिया और मैं अपने डायरेक्टोरियल डेब्यू के पहले दिन के पहले शो को देखने के लिए एर्नाकुलम में कविता स्क्रीन पर गए। और लालटेगन ने मुझे एक विनम्र भीड़ के बीच हमारे साथ मिलकर अपने जीवनकाल का सबसे अच्छा आश्चर्य ��िया। सिनेमा में यह काफी लंबी यात्रा रही है..लेकिन 28/03/19 मेरे मरने तक विशेष रहेगा! सुरक्षित लोगों (एसआईसी) रहो, ”उन्होंने कहा।
अभिनेता ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह लुसिफर की अगली कड़ी का निर्देशन करेंगे, जिसका शीर्षक एमिपुराण है।
पृथ्वीराज वर्तमान में यात्रा के प्रतिबंध के कारण जॉर्डन में अपने चालक दल के साथ फंसे हुए हैं कोरोना प्रकोप। और इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए, वह ब्लेसी के औदुजीविथम के लिए शूटिंग जारी रखे हुए है।
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सिर्फ एक क्लिक में पढ़ें 6 अप्रैल 2020 की सभी बड़ी खबरें - Top news 6 april 2020 breaking news coronaviris confirm cases covid 19 positive case death toll lockdown news updates
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11:33 PM भोपाल में 61 कोरोना पॉजिटिव मरीज, 32 स्वास्थ्य विभाग के शामिल
11:10 PM अमेरिका में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर पहुंचा 10,335
10:43 PM दिल्ली: 3 डॉक्टर और 12 नर्स कोरोना पॉजिटिव, पूर्वी दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती
09:45 PM तेलंगाना में कोरोना के 30 नए मामले, राज्य में अब तक 364 पॉजिटिव केस
09:23 PM राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 301
09:11 PM मध्य प्रदेश: कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा, राज्य में अब तक 256 पॉजिटिव केस
08:40 PM कोरोना के आज 120 नए केस सामने आए, राज्य में 868 पॉजिटिव केस: महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग
08:03 PM कोरोना: सूरत में 2 और नए मामले, गुजरात में कुल संख्या हुई 146
07:24 PM देश में 24 घंटे में कोरोना के 704 नए केस, 28 लोगों की मौत: स्वास्थ्य मंत्रालय
06:42 PM यूपी में 27 नए कोरोना पॉजिटिव केस, तबलीगी जमात से जुड़े 21 मरीज
06:30 PM उत्तराखंड में 5 नए केस, राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 31
06:10 PM J-K: पुंछ में पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन, LoC के पास फायरिंग
05:45 PM कोरोना पर बोले केजरीवाल- साउथ कोरिया की तरह दिल्ली में भी कर रहे ज्यादा टेस्ट
05:37 PM कोरोना से दिल्ली में अब तक 7 लोगों की गई जान: अरविंद केजरीवाल
05:36 PM दिल्ली में 24 घंटे में कोरोना से एक शख्स की मौत: अरविंद केजरीवाल
05:29 PM कश्मीर में कोरोना के 3 नए मामलों की पुष्टि, राज्य में अब तक 109 पॉजिटिव केस
05:17 PM दुनियाभर में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 70 हजार के पार
04:55 PM लॉकडाउन पर आज शाम 6 बजे होगी हाई पावर कमेटी की बैठक
04:35 PM कोरोना संकट: नेपाल सरकार ने 15 अप्रैल तक ��ढ़ाया लॉकडाउन
Nepal Government has decided to extend the #CoronavirusLockdown in the country till 15th April. Earlier, the lockdown was ordered to be imposed in Nepal till 7th April.
— ANI (@ANI) April 6, 2020
04:20 PM 24 घंटे में कोरोना से 13 मौतें और 693 पॉजिटिव केस सामने आए: स्वास्थ्य मंत्रालय
04:12 PM कोरोना के 1445 मरीज तबलीगी जमात से जुड़े: स्वास्थ्य मंत्रालय
03:58 PM राजस्थान में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर हुई 288
03:41 PM सांसद निधि का पैसा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगाः प्रकाश जावड़ेकर
03:37 PM प्रकाश जावड़ेकरः सांसद निधि फंड 2 साल के लिए स्थगित
03:36 PM जावड़ेकरः राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों की भी सैलरी में होगी कटौती
03:36 PM पीएम, मंत्रियों और सभी सांसद 30 फीसदी कम सैलरी लेंगे: प्रकाश जावड़ेकर
03:34 PM कैबिनेट बैठक के बाद बोले जावड़ेकरः PM समेत मंत्रियों और सांसदों की सैलरी में कटौती
03:33 PM प्रकाश जावड़ेकरः सांसदों की सैलरी 30 फीसदी कम करने को लेकर मंजूरी
03:28 PM दिल्लीः थोड़ी देर में कैबिनेट बैठक पर ब्रीफिंग करेंगे मंत्री प्रकाश जावड़ेकर
03:09 PM मोहाली में कोरोना वायरस के अब तक 16 पॉजिटिव केसः पंजाब स्पेशल चीफ सेक्रेटरी
03:07 PM पंजाबः मोहाली से एक और शख्स को कोरोना, पिता दिल्ली जमात में हुआ था शामिल
03:05 PM पिछले 24 घंटे में असम में कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आयाः स्वास्थ्य मंत्री हेमंत सरमा
02:30 PM असमः कोरोना के 26 केस सामने आए, हमने अब तक 2000 टेस्ट किएः राज्य स्वास्थ्य मंत्री
02:27 PM बंगलुरुः कर्नाटक में कोरोना के 12 नए केस, राज्य में अब तक कुल 163 मामले
01:40 PM गौतम गंभीर की मदद पर बोले CM केजरीवाल- पैसा नहीं PPE किट कहीं से दिलवा दीजिए
01:17 PM सीतापुरः दिल्ली से लौटे 8 जमाती खैराबाद में कोरोना पॉजिटिव- CMO
12:49 PM दिल्लीः VC के जरिए भुवनेश्वर में 500 बेड वाले कोरोना अस्पताल का उद्घाटन
12:07 PM PM नरेंद्र मोदीः हमारे आसपास एक भी गरीब भूखा न रहे
12:05 PM PM नरेंद्र मोदीः जरुरतमंदों तक राशन पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए
12:05 PM PM नरेंद्र मोदीः लोगों की मदद के लिए जाते समय फेस कवर जरुर लगाएं
12:04 PM PM नरेंद्र मोदीः देश के लिए इस कड़ी में पार्टी का दायित्व और बढ़ा
12:01 PM PM नरेंद्र मोदीः कोरोना के खिलाफ विजयी होकर निकलना है
12:00 PM PM मोदीः WHO ने भी की भारत की सराहना
11:59 AM PM मोदीः लॉकडाउन के समय देशवासियों ने गंभीरता दिखाई
11:41 AM महाराष्ट्र में कोरोना के 33 नए मामले, अब तक राज्य में कुल 781 केसः राज्य स्वास्थ्य विभाग
11:32 AM महाराष्ट्रः कोरोना के 33 नए मामलों में 19 केस पिंपरी और 11 मुंबई में: स्वास्थ्य विभाग
11:28 AM आंध्र प्रदेश में कोरोना के 14 नए मामले, अब तक राज्य में कुल 266 केस
11:27 AM छत्तीसगढ़ः राजनंदगांव जिले में नक्सलियों ने ग्राम प्रधान की हत्या की
11:04 AM गुजरात में कोरोना के 16 और नए पॉजिटिव केस, अब तक राज्य में कुल 144 मामले सामने आए
10:55 AM झारखंडः रांची में एक और महिला को कोरोना, राज्य में अब तक 4 लोग पॉजिटिव
10:39 AM दिल्लीः बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने सांसद निधि फंड से CM फंड में फिर 50 लाख रुपये दिए
10:34 AM दिल्लीः PM मोदी BJP के स्थापना दिवस पर आज पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे
10:22 AM हिमाचल प्रदेशः चंबा में आज सुबह 7 बजे 3.1 तीव्रता वाला भूकंप आया
10:07 AM कोरोना वायरसः कनिका कपूर की रिपोर्ट निगेटिव, अस्पताल से मिली छुट्टी
09:57 AM राजस्थान में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 274 तक पहुंची- राज्य स्वास्थ्य विभाग
09:56 AM राजस्थानः राज्य में कोरोना के 8 और नए केस, इनमें से 6 जमाती भी शामिल
09:54 AM मध्य प्रदेशः कोरोना के कारण भोपाल में पहली मौत, राज्य में अब तक 15 लोग मारे गए
09:52 AM काबुलः अफगानिस्तान में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 30 नए केस सामने आए
09:22 AM महावीर जयंती की वजह से आज बंद रहेगा शेयर बाजार
09:14 AM दिल्लीः निजामुद्दीन थाने में तैनात 24 पुलिसकर्मी आइशोलेसन में भेजे गए
08:59 AM लखनऊः उत्तर प्रदेश में 16 और लोग कोरोना पॉजिटिव, सभी पीड़ित पुरुषः KGMU प्रशासन
08:41 AM दिल्लीः केंद्रीय कैबिनेट की आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 12 बजे होगी बैठक
08:36 AM प्रयागराजः दिल्ली से लौटे एक इंडोनेशियाई जमाती को कोरोना पॉजिटिव
08:01 AM देहरादूनः आज दिल्ली के लिए रवाना होंगे राज्य में फंसे 154 अमेरिकी पर्यटक
07:29 AM दुनियाभर में अब तक कोरोना वायरस के 1,273,794 केस, 69,419 लोगों की हो चुकी है मौत
06:36 AM राजस्थान: बीकानेर में कोरोना वायरस से 6 नए मरीज पॉजिटिव
06:22 AM स्पेन: कोरोना वायरस के कारण 674 नई मौतें, अब तक 12418 की गई जान
05:49 AM कोरोना से संक्रमित ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को अस्पताल में भर्ती कराया गया
04:42 AM इटली: कोरोना वायरस के कारण 525 नई मौतें, अब तक 15887 लोगों की गई जान
04:06 AM कोरोना वायरस के कारण न्यूयॉर्क में 594 नई मौतें
03:00 AM गुजरात: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बेचने के लिए निकला ऑनलाइन विज्ञापन, मामला दर्ज
02:24 AM तेलंगाना: कोरोना वायरस के 62 नए मरीज, अब तक 283 लोग पॉजिटिव
01:14 AM यूपी: सीएम योगी कोविड-19 फंड के लिए विधायक निधि फंड से एक करोड़ और 1 महीने का वेतन देंगे
12:07 AM राजस्थान: फतेहपुर में दीये जलाने के दौरान दो समुदायों में पथराव, एक व्यक्ति गिरफ्तार
12:02 AM पटाखे जलाने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने 98 लोगों को किया गिरफ्तार
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