#एम करुणानिधि
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करुणानिधि के नाम पर राज्य कल्याण योजनाओं को लेकर चल रहे विवाद पर NTK चीफ ने ली चुटकी, स्टालिन को दी ये सलाह
नाम तमिलर काची (एनटीके) नेता सीमान ने दिवंगत द्रमुक नेता एम करुणानिधि के नाम पर राज्य कल्याण योजनाओं को लेकर चल रहे विवाद पर चुटकी ली। सीमन ने चेतावनी दी कि तमिलनाडु में एक ‘तमिज़ान’ (एक मूल तमिल व्यक्ति) को सत्ता हस्तांतरण के बाद, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की सत्तारूढ़ पार्टी को तेलंगाना के जगनमोहन रेड्डी के समान भाग्य का सामना करना पड़ेगा। इसे भी पढ़ें: सत्ता के लिए ‘कॉकरोच’ की तरह रेंग रहे हैं…
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जारी करेंगे करुणानिधि पर 100 रुपए का स्मारक सिक्का।
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डी.एम.के प्रमुख एम. करुणानिधि की जन्म शताब्दी पर भारत सरकार 100 रुपए का स्मारक सिक्का जारी करने जा रही है । 18 अगस्त को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस 100 रुपए के सिक्के का अनावरण करेंगे । सिक्को के जानकार सुधीर लूणावत के अनुसार करुणानिधि की जन्म शताब्दी पर जारी होने वाले 100 रुपए के सिक्के को ��ारत सरकार की हैदराबाद टकसाल में 50…
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नेहरू ने बताया कच्चातिवु को बेकार, करुणानिधि ने भी दे दी थी श्रीलंका को सौंपने की हरी झंडी, जानिए पूरी कहानी
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की हलचल के बीच कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा चर्चा में है। एक आरटीआई के जरिए जो जानकारी सामने आई है, उससे देश की सियासत में भूचाल आ गया है। दरअसल, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरटीआई दायर कर कच्चातिवु के बारे में पूछा था। अब आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि सन 1974 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की राष्ट्रपति श्रीमावो भंडारनायके ने एक समझौता किया था। इसके तहत कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को औपचारिक रूप से सौंप दिया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और डीएमके दोनों को घेरा है। पीएम मोदी ने कहा है कि 'कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। वे केवल अपने बेटे-बेटियों की परवाह करते हैं। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातिवु पर उनकी उदासीनता ने, विशेष रूप से हमारे गरीब मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।' आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था कि 'द्वीप अप्रासंगिक है' और इसे अपने पास रखने का कोई कारण नहीं है। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने कच्चातिवु द्वीप को श्रीलंका को सौंपने के लिए केंद्र द्वारा सुझाए गए समाधान के प्रति अपनी सामान्य स्वीकृति व्यक्त की थी। लेकिन कहा था कि वह राजनीतिक कारणों से इसके पक्ष में सार्वजनिक रुख नहीं अपनाएंगे। ऐसा तब हुआ जब तत्कालीन विदेश सचिव केवल सिंह ने 19 जून 1974 को मद्रास (अब चेन्नई) में मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय के दस्तावेज इन तथ्यों का खुलासा करते हैं। इन दस्तावेजों से द्वीप को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की राय का भी पता चलता है। दस्तावेज़ में नेहरू की 10 मई, 1961 की नोटिंग में कहा गया है कि ‘मैं इस छोटे से द्वीप को बिल्कुल भी महत्व नहीं देता और मुझे इस पर अपना दावा छोड़ने में कोई झिझक नहीं होगी। मुझे इस तरह के मामले अनिश्चित काल तक लंबित रहना और संसद में बार-बार उठाया जाना पसंद नहीं है।’ पंडित नेहरू श्रीलंका के पक्ष में कच्चातिवु पर से दावा छोड़ना चाहते थे : अन्नामलाई बीजेपी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने कथित तौर पर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत नेहरू युग के आधिकारिक ‘फाइल नोटिंग’ को उद्धत करते हुए आरोप लगाया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत की संप्रभुत्ता का समर्थन करने वाले विचार के बावजूद श्रीलंका को कच्चातिवु द्वीप देने के इच्छुक थे। अन्नामलाई ने कहा कि ‘क���्चाथिवु को सौंपना एक रहस्य है, इसे किसने दिया और किन परिस्थितियों में दिया, यह एक रहस्य है’ और तब से यह जटिल मुद्दा तमिलनाडु में गूंज रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नेहरू ने इस मुद्दे को ‘एक छोटा सा मुद्दा’ बताया था और पहले प्रधानमंत्री को इसे पड़ोसी देश को सौंपने में कोई झिझक नहीं थी। बीजेपी नेता ने कहा कि हालांकि इस मुद्दे पर बहुत बहस हुई, संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक मंच पर उपलब्ध नहीं थे और सभी संबंधी जानकारी बहुत लंबे समय तक गोपनीय रही। अन्नामलाई ने कहा, 1974 में द्वीप को सौंपने से तमिलनाडु के मछुआरे गंभीर रूप से प्रभावित हुए और इससे मछुआरों की परेशानियों पर राजनीति भी हुई। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय से आरटीआई के जरिए जानकारी मांगी है। करुणानिधि का क्या रोल? अन्नामलाई ने कहा कि जब उन्होंने दस्तावेज मांगे, तो विदेश मंत्रालय ने ‘दो दस्तावेज साझा’ किए जो अब तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं थे।’ उन्होंने कहा कि एक 1968 में अनौपचारिक सलाहकार समिति की बैठक पर था और दूसरा 1974 में कच्चातिवु मुद्दे पर तत्कालीन विदेश सचिव और तत्कालीन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के बीच चर्चा से संबंधित था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘उस समय कांग्रेस पार्टी ने साजिश रची थी और कच्चातिवु को सौंप दिया था।’ विदेश मंत्रालय के दस्तावेज से पता चलता है कि DMK ने 1974 में द्वीप को सौंपने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, लेकिन पार्टी प्रमुख करुणानिधि ने केंद्र के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। दस्तावेजों में विदेश सचिव की सीएम से मुलाकात की बात कही गई है। इंदिरा गांधी से क्या कनेक्शन? अन्नामलाई ने कहा कि 1968 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष डुडले सेनानायके के बीच हुए एक ‘गुप्त समझौते’ के आरोपों के बाद संसद में बहस हुई थी, जिसमें कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंपने की परिकल्पना की गई थी। उन्होंने कहा कि कच्चातिवु देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और उस द्वीप पर भारत की संप्रभुता को लेकर कभी कोई विवाद नहीं था। रामनाड (दक्षिणी तमिलनाडु में वर्तमान रामनाथपुरम जिला) के राजा का उस स्थान पर 1875 से 1948 तक निर्बाध अधिकार था। श्रीलंका ने… http://dlvr.it/T4wV9d
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द्रमुक ने अन्नाद्रमुक के दिग्गजों के रूप में 'प्रतिशोध' से इनकार किया, पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं
द्रमुक ने अन्नाद्रमुक के दिग्गजों के रूप में ‘प्रतिशोध’ से इनकार किया, पूर्व मंत्रियों के खिलाफ मुकदमे चल रहे हैं
छह महीने पहले द्रमुक सरकार के सत्ता में आने के बाद से अन्नाद्रमुक के पांच पूर्व मंत्रियों पर भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और करोड़ों के टेंडर आवंटन में उल्लंघन के आरोपों में कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। कार्रवाई देखने वाले पहले पूर्व परिवहन मंत्री एमआर विजयभास्कर थे, जिन पर उनकी पत्नी विजयलक्ष्मी और भाई सेकर के साथ जुलाई में सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी शाखा ने कथित रूप से उनकी ज्ञात आय से…
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#अन्नाद्रमुक#इंडियन एक्सप्रेस#एम करुणानिधि#जे जयललिता#द्रमुक#पी थंगमणि#पी थंगमणि छापे#भ्रष्टाचार विरोधी छापेमारी#राजनीतिक नब्ज
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Karunanidhi’s memorial could be a platform for 17 opposition parties
Karunanidhi’s memorial could be a platform for 17 opposition parties
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मिडनाइट कोर्ट ड्रामा ने ओपीएस के लिए नई सुबह की उम्मीद जगाई क्योंकि जयललिता का मैन फ्राइडे लड़ाई के लिए तैयार है
मिडनाइट कोर्ट ड्रामा ने ओपीएस के लिए नई सुबह की उम्मीद जगाई क्योंकि जयललिता का मैन फ्राइडे लड़ाई के लिए तैयार है
दिसंबर 2016 में जे जयललिता की मृत्यु के बाद से, चेन्नई ने मध्यरात्रि नाटक के लिए एक प्रवृत्ति विकसित की है। या फिर यह ��सा लगेगा। द्रमुक के पूर्व प्रमुख एम करुणानिधि की मृत्यु और अगस्त 2018 में उनकी अंत्येष्टि के लिए कानूनी संघर्ष में राज्य की राजनीति में एक रात भर का नाटक शामिल था जिसे बहुत कम लोग भूल पाएंगे। इसी तरह, अन्नाद्रमुक के समन्वयक ओ पनीरसेल्वम का संकट बुधवार आधी रात को गहरा गया, जिससे…
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*"पेरियार" ईरोड वेंकट रामासामी नायकर (17 सितंबर 1879 - 24 दिसंबर 1973) तमिलनाडु के एक प्रमुख व्यवस्था परिवर्तक व राजनेता थे |* *उन्होने "सच्ची रामायण" लिखकर ढोंग और अंधविश्वास की नींव हिला दी थी |* *उनके कार्यों से प्रभावित होकर संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा उन्हे सामाजिक चेतना का सर्वश्रेष्ठ सम्मान दिया गया था जिसको 27जून1970 को चेन्नई मे पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ.त्रिगुणा सेन (16/03/1967-14/02/1969) एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मुत्तुवेल (एम) करुणानिधि (10/02/1969-04/01/1971) ने उन्हे प्रस्तुत किया था |* *उनके अनुयायियो ने उन्हे थंथाई (पिता), पेरियार (महान) की उपाधियो से विभूषित किया किन्तु यूनेस्को ने उन्हे ‘दक्षिण-पूर्व एशिया का सुकरात’, 'पेरियार, नये जमाने का पैगम्बर', 'समाज सुधार का जनक' और 'अज्ञानता, अंधविश्वास व निरर्थक प्रथाओ का यम’' उपाधियो से नवाजा |* *भारत सरकार ने उनके सामाजिक व राजनैतिक कार्यों के मद्देनजर उन पर 17/10/1978 ��ो 25पैसे के डाक टिकट जारी किये |* *उनके 48वें स्मृतिदिन पर उन्हे सादर आदरांजलि 🌹🌹* *"लोगो को सबसे निचली जातियो के रूप मे प्रस्तुत करने के लिए धर्म या ईश्वर या धार्मिक सिध्दांतो का सहारा लेना बेतुका है |"* *-#पेरियार_ई_वी_रामासामी_नायकर जी के 48वें स्मृतिदिन के अवसर पर विनम्र अभिवादन..💐💐* https://www.instagram.com/mmulnivasi/p/CX3ntrklUk8/?utm_medium=tumblr
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मेरे पिता एम करुणानिधि भी एमएस धोनी के प्रशंसक थे: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन
मेरे पिता एम करुणानिधि भी एमएस धोनी के प्रशंसक थे: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन
चेन्नई में एमएस धोनी और टीएन सीएम एमके स्टालिन। धोनी और उनकी टीम ने पिछले महीने दुबई में इस साल के आईपीएल फाइनल में कोलकाता नाइट राइडर्स को हराया था। चेन्नई सुपर किंग्स के साथ धोनी का यह चौथा खिताब था। आखरी अपडेट:21 नवंबर, 2021, 16:05 IST हमारा अनुसरण इस पर कीजिये: चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने शनिवार को अपने हालिया आईपीएल खिताब का जश्न धूमधाम से मनाया। इस आयोजन में व्यापार और राजनीति की…
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#एमएस धोनी 2005#एमएस धोनी आईपीएल#एमएस धोनी आईपीएल 2021#एमएस धोनी पत्नी#एमएस धोनी रन#क्रिकेट#क्रिकेट खबर#म स धोनी
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सत्ता के लिए ‘कॉकरोच’ की तरह रेंग रहे हैं पलानीस्वामी : स्टालिन
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ई.के.पलानीस्वामी की आलोचना करते हुए आश्चर्य जताया कि क्या कल्याणकारी योजनाओं का नाम उनके नाम पर रखा जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह पद के लिए ‘कॉकरोच’ की तरह रेंग रहे हैं। पलानीस्वामी ने आरोप लगाया है कि सरकार दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के नाम पर बनाई गई योजनाओं के लिए धन आवंटन कर रही है जबकि वे लोगों के…
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2021 का बजट... करुणानिधि के नाम पर हर साल... शास्त्रीय तमिल पुरस्कार
2021 का बजट… करुणानिधि के नाम पर हर साल… शास्त्रीय तमिल पुरस्कार
वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने कहा कि कलाकार एम. करुणानिधि शास्त्रीय तमिल पुरस्कार हर साल तीन जून को दस लाख रुपये के साथ दिया जाएगा। वित्त मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रमुक सरकार का पहला बजट आज (13 अगस्त) सुबह 10 बजे चेन्नई के कलैवनार एरिना में ई-बजट के रूप में पेश किया। इसकी मुख्य विशेषताएं: चेन्नई में शास्त्रीय तमिल अध्ययन संस्थान को पुनर्जीवित किया…
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‘दोषी मुस्लिम भी हो तो फाँसी पर लटका दूँगा’: गुस्से से लाल थे राजेश पायलट, RSS दफ्तर में ब्लास्ट से मरे थे 11 स्वयंसेवक - https://www.annlive.co.in/?p=919 #KanhaiyaKumar #ANNlive #ANN #ANNmrgv आज से 28 साल पहले तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दफ्तर को आतंकियों ने निशाना बनाया गया। वो 8 अगस्त, 1993 का ही दिन था जब चेन्नई में RSS के दफ्तर हुए बम ब्लास्ट में 11 स्वयंसेवकों की जान चली गई थी। इनमें से 5 संघ के प्रचारक थे। उस समय केंद्र में कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार थी और पीवी नरसिंहा राव भारत के प्रधानमंत्री थे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण तब देश के गृह मंत्री हुआ करते थे। वहीं तमिलनाडु की बात करें तो वहाँ AIADMK की सरकार थी और जयललिता पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। तब बाबरी विध्वंस और लालकृष्ण आडवाणी की रथया��्रा के कारण देश की राजनीति उबाल पर थी। साथ ही श्रीलंका में तमिल अलगावादियों ने वहाँ की सरकार के दाँत खट्टे कर रखे थे। इस घटना से सवा 2 साल पहले ही मई 1991 में तमिलनाडु के ही कांचीपुरम स्थित श्रीपेरुम्बुदुर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी की एक बम ब्लास्ट में हत्या कर दी गई थी। लालकृष्ण आडवाणी ने चेन्नई के RSS दफ्तर में मारे गए स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि भी दी थी। बॉम्बे और कलकत्ता (मुंबई और कोलकाता) में बम ब्लास्ट हो चुके थे, ऐसे में दिल्ली की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी क्योंकि आशंका थी कि आतंकी राष्ट्रीय राजधानी को निशाना बना सकते हैं। ये बात तब की है, जब चेन्नई, मद्रास हुआ करता था। चेटपेट इलाके में स्थित RSS की इमारत में रात के समय जोरदार धमाका हुआ। 11 स्वयंसेवकों की मौत हो गई और 7 घायल हुए। मृतकों में दो महिलाएँ भी शामिल थीं। RSS मुख्यालय के सेक्रेटरी वी काशीनाथन की भी इस हमले में जान चली गई। देश में इस घटना के कारण काफी खलबली मची थी। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजेश पायलट तुरंत मद्रास पहुँचे थे। बताते चलें कि राजस्थान में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट उन्हीं के बेटे हैं। राजेश पायलट की जून 2011 में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। RSS के स्थानीय नेताओं ने तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री राजेश पायलट को जानकारी दी थी कि ‘पलानी बाबा’ नाम के एक इस्लामी कट्टरवादी ने इस धमाके के पिछले महीने ताम्बरम में अपने अनुयायियों को भड़काते हुए RSS के मुख्यालय व कांची शंकराचार्य मठ में बम विस्फोट करने के लिए कहा था। ‘पलानी बाबा’ पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI और प्रतिबंधित ‘इस्लामिक सेवक संघ’ से जुड़ा हुआ था। राजेश पायलट ये सुनते ही गुस्से से लाल हो गए थे और उन्होंने कहा था, “मैं दोषियों को फाँसी पर लटका दूँगा, वो मुस्लिम ही क्यों न हो।” लालकृष्ण आडवाणी भी चेन्नई पहुँचे थे और इस बम ब्लास्ट को पिछले 2 बड़े ब्लास्ट्स से जोड़ते हुए सरकार को चेताया था। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकियों के तमिलनाडु में सक्रिय होने की ख़ुफ़िया सूचना मिलने के बावजूद केंद्र व राज्य की सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी रहीं। जब RSS में बम ब्लास्ट के कारण दिल्ली तक के नेता वहाँ पहुँच रहे थे, जब जयललिता पलानी में चुनाव प्रचार के लिए निकली हुई थीं। तमिलनाडु के तत्कालीन राज्यपाल एम चन्ना रेड्डी ने इसके लिए उनकी आलोचना भी की थी। जयललिता ने बाद में सफाई में कहा था कि उन्हें इस बम विस्फोट की तीव्रता व इससे हुए नुकसान का अंदाज़ा नहीं था। राज्यपाल ने पुलि�� और मुख्य सचिव की भी उनकी निष्क्रियता के लिए आलोचना की थी। ‘पलानी बाबा’ के बारे में बता दें कि इस बम ब्लास्ट के पौने 4 साल बाद फरवरी 1997 में उसकी भी हत्या हो गई थी, जिसके बाद तमिलनाडु के कई हिस्सों में हिन्दू-मुस्लिम दंगे भड़क गए थे। इसी साल जनवरी में भाजपा के स्टेट एग्जीक्यूटिव सदस्य एसडी माणिक्कम की हत्या हुई थी। तब तक तमिलनाडु में करुणानिधि के DMK की सरकार आ चुकी थी। गणेश पूजा के जुलूस को मुस्लिम इलाकों स��� नहीं गुजरने दिया गया। On this day 28 years ago, 11 of our innocent Swayamsevaks died in a dastardly bomb blast at the Chennai RSS Office. Among those included 5 Pracharaks. Our respectful homage to all of them. pic.twitter.com/eA5CAhg36b — Friends of RSS (@friendsofrss) August 8, 2021 ‘मुनेत्र कझगम’ नाम के एक इस्लामी चरमपंथी संगठन ने तो राजभवन पर ही कब्ज़ा करने की कोशिश की थी, जिसे पुलिस ने नाकाम कर दिया था। ये भी जानने लायक है कि RSS के चेन्नई दफ्तर में हुए बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपित मुस्ताक अहमद इस घटना के 25 साल बाद जनवरी 2018 में धराया। CBI ने उसे चेन्नई से दबोचा था। वो तमिलनाडु के आतंकी संगठन ‘अल उम्माह’ का सरगना था। 59 वर्षीय मुस्ताक अहमद पर तब पुलिस ने 10 लाख रुपए का इनाम रखा था। बम ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए RDX का इंतजाम उसी ने किया था और अन्य आतंकियों को शरण दी थी। इस मामले की जाँच CB-CID को सौंपी गई थी। इसके बाद 1994 में 18 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी। इस मामले में 431 गवाह थे। जून 2007 में स्पेशल कोर्ट ने 11 को दोषी ठहराया और 4 को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। एक अन्य आरोपित इमाम अली मुठभेड़ में मारा गया था।
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TamilNadu : Political strife between Karunanidhi's son Alagiri says i am real successor | करुणानिधि के बेटों के बीच सत्ता संघर्ष: पार्टी के बाहर चल रहे अलागिरी बोले
TamilNadu : Political strife between Karunanidhi’s son Alagiri says i am real successor | करुणानिधि के बेटों के बीच सत्ता संघर्ष: पार्टी के बाहर चल रहे अलागिरी बोले
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#Alagiri#DMK#M karunanidhi#political heirs#son of Karunanidhi#Stalin#Tamil Nadu#अलागिरी#एम करुणानिधि#करुणानिधि के बेटे#डीएमके#तमिलनाडु#राजनीतिक वारिस#स्टालिन
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राष्ट्रपति कोविंद ने मद्रास विधान परिषद शताब्दी समारोह में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के चित्र का अनावरण किया
राष्ट्रपति कोविंद ने मद्रास विधान परिषद शताब्दी समारोह में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के चित्र का अनावरण किया
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मद्रास विधान परिषद के 100 वें वर्ष की अध्यक्षता की और चेन्नई के सेंट फोर्ट जॉर्ज में पांच बार तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के चित्र का अनावरण किया। सभा को संबोधित करते हुए, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि उन्हें गर्व है कि आने वाले वर्षों में यह दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित होगा। स्टालिन ने राष्ट्रपति की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने…
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#एमके स्टालिन#करुणानिधि पोट्रेट असेंबली#करुणानिधि समाचार#कलैग्नर पोट्रेट#चेन्नई समाचार#तमिलनाडु विधानसभा खबर#तमिलनाडु समाचार#नवीनतम अपडेट#भारत समाचार#मद्रास विधान परिषद 100 वर्ष
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*"पेरियार" ईरोड वेंकट रामासामी नायकर (17 सितंबर 1879 - 24 दिसंबर 1973) तमिलनाडु के एक प्रमुख व्यवस्था परिवर्तक व राजनेता थे |* *उन्होने "सच्ची रामायण" लिखकर ढोंग और अंधविश्वास की नींव हिला दी थी |* *उनके कार्यों से प्रभावित होकर संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा उन्हे सामाजिक चेतना का सर्वश्रेष्ठ सम्मान दिया गया था जिसको 27जून1970 को चेन्नई मे पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ.त्रिगुणा सेन (16/03/1967-14/02/1969) एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मुत्तुवेल (एम) करुणानिधि (10/02/1969-04/01/1971) ने उन्हे प्रस्तुत किया था |* *उनके अनुयायियो ने उन्हे थंथाई (पिता), पेरियार (महान) की उपाधियो से विभूषित किया किन्तु यूनेस्को ने उन्हे ‘दक्षिण-पूर्व एशिया का सुकरात’, 'पेरियार, नये जमाने का पैगम्बर', 'समाज सुधार का जनक' और 'अज्ञानता, अंधविश्वास व निरर्थक प्रथाओ का यम’' उपाधियो से नवाजा |* *भारत सरकार ने उनके सामाजिक व राजनैतिक कार्यों के मद्देनजर उन पर 17/10/1978 को 25पैसे के डाक टिकट जारी किये |* *उनके 48वें स्मृतिदिन पर उन्हे सादर आदरांजलि 🌹🌹* *"लोगो को सबसे निचली जातियो के रूप मे प्रस्तुत करने के लिए धर्म या ईश्वर या धार्मिक सिध्दांतो का सहारा लेना बेतुका है |"* *-#पेरियार_ई_वी_रामासामी_नायकर जी के 48वें स्मृतिदिन के अवसर पर विनम्र अभिवादन..💐💐* https://www.instagram.com/p/CX3neBdF4Bv/?utm_medium=tumblr
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5 स्तरीय सुरक्षा, 5,000 जवानों की होगी तैनाती
5 स्तरीय सुरक्षा, 5,000 जवानों की होगी तैनाती
पुलिस ने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आज से शुरू हो रही पांच दिवसीय तमिल बदू यात्रा के लिए कमांडो समेत करीब 5,000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा क्योंकि उन्हें भी पांच स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। राष्ट्रपति शाम को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई पहुंचेंगे और शाम को तमिलनाडु विधानसभा में शताब्दी समारोह की अध्यक्षता करेंगे और सदन में पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के चित्र का अनावरण भी…
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#Ram Nath Kovind#चेन्नई#तमिलनाडु#राष्ट्रपति के तमिलनाडु ने सुरक्षा इंतजामों का किया दौरा#सुरक्षा राष्ट्रपति की तमिलनाडु यात्रा
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सोमवार से तमिलनाडु के पांच दिवसीय दौरे पर रहेंगे राष्ट्रपति Divya Sandesh
#Divyasandesh
सोमवार से तमिलनाडु के पांच दिवसीय दौरे पर रहेंगे राष्ट्रपति
नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द सोमवार से तमिलनाडु के पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। राष्ट्रपति इस दौरान ‘मद्रास विधान परिषद’ के शताब्दी समारोह को संबोधित करेंगे और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) नेता और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के चित्र का अनावरण करने सहित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
राष्ट्रपति सचिवालय ने रविवार को बताया कि राष्ट्रपति कोविन्द 2 से 6 अगस्त तक तमिलनाडु के दौरे पर रहेंगे। राष्ट्रपति कोविन्द 2 अगस्त को चेन्नई में मद्रास विधान परिषद के 100वें वर्ष के स्मरणोत्सव को संबोधित करेंगे और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ कलैग्नर एम. करुणानिधि के चित्र का अनावरण करेंगे। ‘मद्रास विधान परिषद’ की स्थापना 1921 में हुई थी वर्तमान में इसे तमिलनाडु विधानसभा के नाम से जाना जाता है।
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तमिलनाडु में अपने प्रवास के दौरान, राष्ट्रपति 4 अगस्त को वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज का भी दौरा करेंगे और 77वें स्टाफ कोर्स के छात्र अधिकारियों को संबोधित करेंगे।
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उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद 19 जुलाई को नई दिल्ली की अपनी दूसरी यात्रा में एम के स्टालिन ने राष्ट्रपति कोविन्द से मुलाकात कर उन्हें मद्रास विधान परिषद के शताब्दी समारोह में शामिल होने का निमंत्रण देने के साथ ही डीएमके नेता एम करुणानिधि के चित्र का अनावरण करने का आग्रह किया था। राष्ट्रपति कोविन्द इससे पहले मार्च माह में भी तमिलनाडु गये थे।
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