#एनसीआरबी रिपोर्ट 2020
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‘भारत में आकाशीय बिजली गिरने से मौत के मामले में सबसे घातक रहा 2010 से 2020 का दशक’, रिपोर्ट में दावा
वर्ष 2010 से लेकर वर्ष 2020 तक का दशक भारत के लिए सबसे घातक रहा। इस दौरान जिसमें आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं के कारण मौतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है। यह जानकारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा दी गई है। आगे बताया गया है कि वर्ष 1967 से वर्ष 2002 के दौरान भारत में प्रति वर्ष औसत मृत्यु दर 38 थी। वर्ष 2003 से वर्ष 2020 की अवधि में यह मृत्यु दर बढ़कर 61 हो गई। इसके…
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एनसीआरबी डेटा: 28% अपराध वृद्धि, ज्यादातर कोविड उल्लंघन
एनसीआरबी डेटा: 28% अपराध वृद्धि, ज्यादातर कोविड उल्लंघन
रा��्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन से बड़े पैमाने पर प्रभावित एक वर्ष में, गैर-महामारी वर्ष 2019 की तुलना में 2020 में देश में कुल अपराध संख्या में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालाँकि, इस वृद्धि को मोटे तौर पर कोविड -19 उल्लंघन के लिए दर्ज अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है क्योंकि अन्य अपराध वास्तव में 2019 की तुलना में 2020 में…
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#एनसीआरबी ताजा खबर#एनसीआरबी रिपोर्ट#एनसीआरबी रिपोर्ट 2020#कोरोनावाइरस महामारी#कोविड -19 उल्लंघन#कोविड उल्लंघन#भारत समाचार#भारतीय एक्सप्रेस
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पुलिस मुख्यालय में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित किया। प्रदेश में पुलिस सराहनीय कार्य कर रही है। राजस्थान पुलिस के नवाचारों के कारण अपराधों के अनुसंधान में लगने वाला समय कम हुआ है। राज्य में हुई जघन्य घटनाओं में पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाइयां एक बड़ी उपलब्धि है। पुलिस विभाग द्वारा आमजन को न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पुलिस द्वारा अनुसंधान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आईटी और सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए। राज्य में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अभय कमाण्ड सेन्टर को और सुदृढ़ किया जा रहा है एवं 30 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य जल्दी पूरा हो जाएगा। राज्य के लगभग सभी पुलिस थानों में स्वागत कक्ष बनाए जा चुके हैं।
प्रदेश में जयपुर और अन्य शहरों में जमीनों के क्रय-विक्रय से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। इस तरह के प्रकरणों की प्रभावी रोकथाम के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में जयपुर विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग, सहकारिता विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारी सम्मिलित होंगे। यह समिति भूमाफिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अपने सुझाव देगी ताकि आमजन को जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान ठगी से बचाया जा सके। बजरी और शराब माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान को भी और गत��� दी जाएगी।
बैठक में मुआवजे के लिए हादसे में मृतक के शव को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की और इसे सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ बताया। सरकार की प्राथमिकता है कि ऐसे मामलों में दोषी को सजा मिले। इस प्रकार के प्रकरणों में समाज के लोगों को भी सकारात्मक रूख अपनाना चाहिए।
राज्य में शराब की दुकानों के बंद होने का समय रात 8 बजे है, जिसका सख्ती से पालन करवाया जाएगा। यदि रात 8 बजे के बाद शराब की दुकानें खुली पाई गई तो उस इलाके के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बच्चों और युवाओं में ड्रग्स ले��े की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है। इसके लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से एक व्यापक जागरूकता अभियान आरम्भ किया जाएगा।
पडा़ेसी राज्यों से आकर राजस्थान में अपराध करने वाले अपराधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए राज्य के पड़ोसी राज्यों से लगते जिलों में पुलिस को विशेष रूप से सक्रिय किया जा रहा है। जेलों के अंदर से अपराध गतिविधियां चलाने वाले गैंगस्टरों पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा। सोशल मीडिया पर अपराधियों का महिमामण्डन करने वाले लोगों, साप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही कानून व्यवस्था के प्रभावी संधारण के लिए पुलिस प्रशासन को होमगार्ड के एक हजार जवान उपलब्ध कराए जाएंगे।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट-2021 के हवाले से राजस्थान की छवि धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि अन्य राज्यों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। बैठक में बताया गया कि गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश में अपराधों में क्रमशः 69, 24 और 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हत्या, महिला के विरूद्ध अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। वहीं सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ्स गुजरात में हुई है। पोक्सो एक्ट के मामलों में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।
झूठी एफआईआर दर्ज करवाने की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है और एफआईआर की अनिवार्य पंजीकरण की नीति का दुरूपयोग भी देखा जा रहा है। प्रदेश में 2019 में महिला अपराधों की 45.28ः, 2020 में 44.77ः एवं 2021 में 45.26ः एफआईआर जांच में झूठी निकली हैं। झूठी एफआईआर करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। बैठक में बताया गया कि महिलाओं तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के विरूद्ध होने वाले अपराधों के अनुसंधान में लगने वाले समय में कमी आई है। राज्य में वर्ष 2018 में महिला अत्याचारों के अनुसंधान में लगने वाला 168 दिन का समय अब 69 और एससी एसटी के विरूद्ध अपराधों के अनुसंधान में लगने वाला समय 231 से घटकर 79 दिन रह गया है। बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये मात्र 28.6 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 45.2 है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 26.5 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों की पेंडिंग प्रतिशत 9.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7 प्रतिशत है। आईपीसी के प्रकरणों में राजस्थान में लम्बित मामले लगभग 10 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 35.1 प्रतिशत है।
राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है तथा जघन्य अपराधों के शीघ्र अनुसंधान व अपराधियों को सजा दिलाने हेतु हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट (एचसीएमयू) का गठन किया गया है। इसी प्रकार महिला अत्याचार पर प्रभावी रोकथाम तथा उनसे जुड़े अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वुमेन गठित किया गया।
प्रदेश में पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली एवं प्रो-एक्टिव बनाने के उद्देश्य से सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए गए हैं। इन नवाचारों का सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। गत 2 वर्षों में राजस्थान पुलिस हैल्प डेस्क पर प्राप्त होने वाली क्वेरीज का शत-प्रतिशत निवारण किया गया है।
बैठक में बताया गया कि एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत 10 हजार से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं। इसके साथ ही साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाले 100 लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा 5 हजार से अधिक ऐसे लोगों को पाबंद किया गया है। बैठक में बताया गया कि सड़क दुघर्टनाओं की रोकथाम पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले 40 पुलिस थानों की पहचान कर वहां दुर्घटनाएं रोकने के विशेष उपाय किए गए हैं, जिसके कारण सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में काफी कमी आई है।
बैठक से पूर्व वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक इन्टरसेप्टर वाहन का अवलोकन किया।
गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव ने पुलिस को चाकचौबन्द रहकर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अफसरों को अपराधियांे पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक श्री उमेश मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री आनंद कुमार, एडीजी क्राइम डॉ. आरपी मेहरड़ा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे।
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राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है - अशोक गहलोत
राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है – अशोक गहलोत
एनसीआरबी के आंकड़ों का गलत विश्लेषण करराजस्थान को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है-अशोक गहलोतजयपुर, 02 सितंबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2021 की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट के बाद राजस्थान को बदनाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सामान्य वर्ष 2019 व 2021 के बीच आंकड़ों की तुलना करना उचित होगा, क्योंकि वर्ष 2020 में लॉकडाउन रहा। राजस्थान में एफआईआर के…
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2021 में भारत में साइबर अपराधों में 5% की वृद्धि, केवल एक तिहाई मामलों में चार्जशीटिंग: सरकारी डेटा
2021 में भारत में साइबर अपराधों में 5% की वृद्धि, केवल एक तिहाई मामलों में चार्जशीटिंग: सरकारी डेटा
भारत नवीनतम सरकारी आंकड़ों के ��नुसार, 2021 में साइबर अपराध के 52,974 मामले दर्ज किए गए, 2020 से 5 प्रतिशत से अधिक (50,035 मामले) और 2019 (44,735 मामले) से 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। साइबर अपराध के 70 प्रतिशत से अधिक मामले तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और असम से सामने आए, जैसा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट में दिखाया गया…
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भारत में 2020 में साइबर अपराध 11% बढ़ा, नए तौर-तरीके और साइबर धोखाधड़ी का उदय बड़ी चिंता - The420CyberNews
भारत में 2020 में साइबर अपराध 11% बढ़ा, नए तौर-तरीके और साइबर धोखाधड़ी का उदय बड़ी चिंता – The420CyberNews
नई दिल्ली: नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में साइबर अपराध के मामलों में 2020 में 11% की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गृह समिति को अधिसूचित किया “एनसीआरबी के अनुसार, राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में साइबर अपराधों का डेटा 2017 में 21,796, 2018 में 27,248, 2019 में 44735 और 2020 में 50035 था। . 2020 में, साइबर अपराध…
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शिशुओं की संख्या में दिल्ली अव्वल शहरों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सबसे खराब राज्यों में: एनसीआरबी | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
शिशुओं की संख्या में दिल्ली अव्वल शहरों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सबसे खराब राज्यों में: एनसीआरबी | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
मुंबई: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 और 2020 के बीच दिल्ली में किसी भी भारतीय शहर में छोड़े गए शिशुओं की संख्या ��बसे अधिक दर्ज की गई। राज्यों में, महाराष्ट्र ने इसी अवधि के भीतर ��ेश भर में छोड़े गए बच्चों, भ्रूण हत्याओं और शिशु हत्याओं की सबसे अधिक संख्या देखी, जो कि 6,459 की राष्ट्रीय संख्या का 18.3 प्रतिशत है। जबकि महाराष्ट्र 1,184 मामलों के साथ शीर्ष पर है,…
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#आज की खबर#आज की ताजा खबर#इंडिया#गूगल समाचार#भारत समाचार#भारत समाचार आज#राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो#शिशु परित्याग#शिशु परित्याग एनसीआरबी#शिशु परित्याग महाराष्ट्र
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देश में 1539 बच्चों की मौत, रेप और हत्या की 118 घटनाएं, एमपी में सबसे ज्यादा 75 बच्चों ने की खुदकुशी | रेप और हत्या के 118 मामले, मप्र में सबसे ज्यादा 75 बच्चों ने की आत्महत्या
देश में 1539 बच्चों की मौत, रेप और हत्या की 118 घटनाएं, एमपी में सबसे ज्यादा 75 बच्चों ने की खुदकुशी | रेप और हत्या के 118 मामले, मप्र में सबसे ज्यादा 75 बच्चों ने की आत्महत्या
निशौरीएक घंटे पहले लिंक की प्रतिलिपि करें डेमो छवि राज्य में 2019 की तुलना में 2020 में बच्चों के खिलाफ अपराध में मामूली गिरावट देखी गई है, लेकिन 2020 में बच्चों के खिलाफ अपराधों की संख्या 2018 की तुलना में अधिक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 2020 में बच्चों के खिलाफ अपराधों के 6,580 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 2018 में 5150 और 2019 में…
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2020 में सड़क हादसों में 1.2 लाख लोगों की मौत : एनसीआरबी
2020 में सड़क हादसों में 1.2 लाख लोगों की मौत : एनसीआरबी #roadaccident #dead
भारत में 2020 में “सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लापरवाही के कारण मौतों” के 1.2 लाख मामले दर्ज किए गए, सरकारी आंकड़ों के अनुसार, COVID-19 लॉकडाउन के बावजूद, औसतन हर दिन 328 लोगों की जान चली गई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2020 के लिए अपनी वार्षिक ‘क्राइम इंडिया’ रिपोर्ट में खुलासा किया कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लापरवाही के कारण होने वाली मौतों में तीन साल में 3.92 लाख लोगों की…
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पर्यावरण से जुड़े अपराधों में दूसरे नंबर पर ध्वनि प्रदूषण : एनसीआरबी
पर्यावरण से जुड़े अपराधों में दूसरे नंबर पर ध्वनि प्रदूषण : एनसीआरबी
��ई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चला है कि 2020 में दर्ज 61,767 पर्यावरण संबंधी अपराधों में से, ध्वनि प्रदूषण से संबंधित अपराध (7,318) अखिल भारतीय स्तर पर दूसरे स्थान पर रहे है। सिगरेट और तंबाकू से जुड़े मामले श्रेणी में शीर्ष पर हैं। हालांकि, दिल्ली उन 15 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल है, जिन्होंने ध्वनि प्रदूषण अधिनियम…
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एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी लोगों को आत्महत्या के लिए प्रेरित कर रही है
एनसीआरबी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी लोगों को आत्महत्या के लिए प्रेरित कर रही है
कांग्रेस ने रविवार को भाजपा सरकार पर एनसीआरबी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लोगों को “आत्महत्या की निराशा” के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया, जिसमें कहा गया था कि 2014 से अब तक कुल 9.52 लाख लोगों ने आत्महत्या की है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, बेरोजगारों में 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और रिपोर्ट के…
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#इंडियन एक्सप्रेस न्यूज&039;#एनसीआरबी 2020 सुसाइड रिपोर्ट#एनसीआरबी रिकॉर्ड#छात्र आत्महत्या#दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या#बेरोजगारी आत्महत्या#भारत आत्महत्या#रणदीप सुरजेवाला
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जेल जाने के बाद ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि कैदी वहां रहकर अपना फ्यूचर बनाने में जुट जाए, लेकिन अहमदाबाद के भानूभाई पटेल ने जेल में रहकर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं की, बल्कि सजा के दौरान 8 साल में 31 डिग्रियां लीं। उन्हें स���कारी नौकरी का ऑफर भी मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में उन्होंने और 23 डिग्रियां लीं।
वे अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिवर्सल रिकार्ड फोरम और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया तक में दर्ज करा चुके हैं।
FERA कानून के उल्लंघन पर हुई थी 10 साल की जेल
गुजरात की जेलों में कैदियों की पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी के साथ कई अभ्यास क्रम भी चल रहे हैं। जिसके चलते, कैदी ��गे की पढ़ाई भी कर रहे हैं।
भानूभाई पटेल मूल भावनगर की महुवा तहसील के रहने वाले हैं। अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री लेने के बाद 1992 में मेडिकल की डिग्री लेने के लिए अमेरिका गए थे। यहीं, उनका एक दोस्त स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका में जॉब करते हुए अपनी तनख्वाह भानूभाई के अकाउंट में ट्रांसफर करता था। इसके चलते उन पर फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन एक्ट (FERA) कानून के उल्लंघन का आरोप लगा और इस तरह 50 साल की उम्र में उन्हें 10 साल की सजा हुई और अहमदाबाद की जेल भेज दिया गया।
जेल जाने के बाद भी मिली सरकारी नौकरी भानूभाई ने बताया कि जेल से रिहा होने के बाद मुझे अंबेडकर यूनिवर्सिटी से जॉब ऑफर हुई। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि जेल जाने वाले व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिलती, लेकिन मेरी डिग्रियों के चलते सरकारी जॉब का ऑफर मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में मैंने और 23 डिग्रियां लीं। इस तरह अब तक 54 डिग्रियां ले चुका हूं और इस विषय पर मैंने गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तीन किताबें भी लिखी हैं।
भानूभाई ने सजा के दौरान 8 साल में 31 डिग्रियां लीं। उन्हें सरकारी नौकरी का ऑफर भी मिला। नौकरी के बाद 5 सालों में उन्होंने और 23 डिग्रियां लीं।
अपने जेल के अनुभव तीन किताबों में साझा किए भानूभाई कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के समय में अपने जेल के अनुभव और विश्व स्तरीय रिकॉर्ड तक के सफर पर गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में तीन किताबें भी लिखीं। गुजराती किताब का नाम 'जेलना सलिया पाछळ की सिद्धि', अंग्रेजी में 'BEHIND BARS AND BEYOND' है। इतना ही नहीं, भानूभाई 13वीं विधानसभा चुनावों में प्रिसाइडिंग ऑफिसर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। इस समय उनकी उम्र 65 साल है और वे अविवाहित हैं।
जेल में शिक्षित कैदियों की संख्या ज्यादा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात की जेल में अनपढ़ों की बजाय शिक्षित कैदियों की संख्या ज्यादा है। ग्रेजुएट, इंजीनियर, पोस्ट ग्रेजुएट किए हुए कैदी तक ��नमें शामिल हैं।गुजरात की जेलों में 442 ग्रेजुएट, 150 टेक्निकल डिग्री-डिप्लोमा, 213 पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वहीं, 5179 कैदी 10वीं से कम पढ़े हैं। सबसे ज्यादा आरोपी हत्या और अपहरण के गुनाह में सजा काट रहे हैं।
वे अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड, यूनिक वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, यूनिवर्सल रिकार्ड फोरम और वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया तक में दर्ज करा चुके हैं।
कैदियों की पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी सहित कई सुविधाएं गुजरात की जेलों में कैदियों की पढ़ाई के लिए ओपन यूनिवर्सिटी के साथ कई अभ्यास क्रम भी चल रहे हैं। जिसके चलते, कैदी आगे की पढ़ाई भी कर रहे हैं। हर साल नियमित रूप से इनकी परीक्षाएं भी आयोजित होती हैं और कैदी इसमें शामिल होते हैं।
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Took 31 degrees in 8 years while in jail, got government job too, has registered name in Limca Book of Records
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शिशुओं की संख्या में दिल्ली अव्वल शहरों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सबसे खराब राज्यों में: एनसीआरबी | इंडिया न्यूज - टाइम्स ऑफ इंडिया
शिशुओं की संख्या में दिल्ली अव्वल शहरों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सबसे खराब राज्यों में: एनसीआरबी | इंडिया न्यूज – टाइम्स ऑफ इंडिया
मुंबई: दिल्ली में 2015 और 2020 के बीच किसी भी भारतीय शहर में छोड़े गए शिशुओं की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो2020 की रिपोर्ट। राज्यों में, महाराष्ट्र ने इसी अवधि के भीतर देश भर में छोड़े गए बच्चों, भ्रूण हत्याओं और शिशु हत्याओं की सबसे अधिक संख्या देखी, जो कि 6,459 की राष्ट्रीय संख्या का 18.3 प्रतिशत है। जबकि महाराष्ट्र 1,184 मामलों के साथ शीर्ष पर है, मध्य प्रदेश…
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पिछले साल अवैध शराब के कारण पंजाब में दूसरी मौत हुई: NCRB की रिपोर्ट
पिछले साल अवैध शराब के कारण पंजाब में दूसरी मौत हुई: NCRB की रिपोर्ट
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द्वारा लिखित नवजीवन गोपाल | चंडीगढ़ | प्रकाशित: 2 सितंबर, 2020 11:47:47 अपराह्न
पंजाब में 2019 में 45 ड्रग ओवरडोज से मौत की सूचना। (प्रतिनिधि)
एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब में हाल ही में हुई एक त्रासदी में 123 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 2019 में अवैध और नकली शराब के सेवन से होने वाली मौतों की दूसरी सबसे बड़ी…
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नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट ‘क्राइम इन इंडिया-2018' के अनुसार सभी मेट्रो शहरों में अपराध के मामले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली शीर्ष स्थान पर है। एनसीआरबी द्वारा... from Live Hindustan Rss feedhttps://https://ift.tt/2R3l5KA
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2020 में सड़क हादसों में लापरवाही से 1.20 लाख मौतें, रोजाना औसतन 328: डाटा
2020 में सड़क हादसों में लापरवाही से 1.20 लाख मौतें, रोजाना औसतन 328: डाटा
भारत में 2020 में “सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लापरवाही के कारण मौतों” के 1.20 लाख मामले दर्ज किए गए – सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोविड -19 लॉकडाउन के बावजूद, हर दिन औसतन 328 लोग अपनी जान गंवाते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2020 के लिए अपनी वार्षिक ‘क्राइम इंडिया’ रिपोर्ट में खुलासा किया कि सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लापरवाही के कारण होने वाली मौतों में तीन साल में 3.92 लाख…
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