#एक अप्रैल
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#जो देश सीमा पार आतंकवाद को आधिकारिक रूप से प्रश्रय देता है#जो ओसामा बिन लादेन को पनाह देता है#जिस देश की भूमिका भारतीय संसद पर हमले में थी#वह आंतकवाद पर उपदेश नहीं दे सकता है.#94#2022-12-18T11:58#भारत में एक कहावत है कि बांस के पौधे में गांठ पड़ती है। ये एक बार पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिला#भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी अपने देश में भले ही रोजाना विरोधियों की किलो#दो किलो गालियां खाते हों लेकिन भारत के बाहर किसी को ये हक नहीं क कोई उनके बारे में एक भी अपशब्द क#बिलावल भुट्टो ने पिछले दिनों अमेरिका में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर#कि“ओसामा बिन-लादेन की तो मौत हो चुकी है लेकिन 'गुजरात का कसाई' अब भी ज़िंदा है और वह भारत के प्रधा#बिलावल भुट्टो ज़रदारी की उम्र महज़ 34 साल है. वो इसी साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान के विदेश मंत्#कोई 18 साल पहले 27 दिसंबर#2007 को माँ बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद बिलावल भुट्टो को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का उत्तराधिक#बिलावल भुट्टो भारत के राहुल गांधी तो नहीं है लेकिन उनकी विरासत एक सी है।विरासत और तरबियत में फर#मुझे याद है कि बिलावल भुट्टो नाम के इस बच्चे को 2009 में अमेरिका-पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान के एक सम#शहबाज़ शरीफ़ की सरकार में बिलावल को विदेश मंत्रालय दिया गया तब कहा जा रहा था कि पाकिस्तान अंतरर#विदेश मंत्रालय की बागडोर ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंप दी गई है जिनके पास कोई अनुभव नहीं है.#भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 15 दिसंबर को न्यूयॉर्क में पाकिस्तान के तमाम आरोपों का जवाब दे#कि#बिलावल भुट्टो की बचकानी#बेवकूफी भरी इस टिप्पणी को असभ्य बताते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दे दिया.जबकि इसकी जरू#पडौसी और दोस्त बनने की काबिलियत हासिल कर ही नहीं सका। ऐसे में बिलावल भुट्टो की बदजुबानी का क्य��#जिसे लेकर बिलावल बिलबिला रहे हैं। वे होतीं तो शायद बिलावल का कान पकड़कर उससे माफी मांगने को कहत#मेरा मानना है कि बिलावल भुट्टो ने सस्ती लोकप्रियता हासिल करने और पाकिस्तानी अवाम को खुश करने क#ये सच है. आकाश नीला है#ये सच है#नई बात यह है कि बिलावल ने अपनी हैसियत भूलकर गलत समय#गलत मंच से गलत तरीके से अपनी बात कही।#हम उस पीढी के लोग हैं जिन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो से लेकर इमरान खान तक का बनाया पाकिस्तान दे
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विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024
के अवसर पर
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट
द्वारा
बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS)
पर कार्यशाला
का आयोजन किया जा रहा है |
चिकित्सक एवं प्रशिक्षक - Lucknow Academy of Pediatrics से डॉ निर्मला जोशी, अध्यक्ष, डॉ अमित रस्तोगी, उपाध्यक्ष, डॉ उत्कर्ष अग्रवाल, सचिव, डॉ पियाली भट्टाचार्य, सलाहकार एवं संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SGPGI) की बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा |
कार्यशाला में श्री नीरज सिंह, समाज सेवी, ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित होने हेतु स्वीकृति प्रदान की हैं |
दिन और दिनांक : रविवार, 07 अप्रैल 2024
समय : प्रात: 08:00 बजे से 10:00 बजे तक
स्थान : रामायण पार्क, सेक्टर 25, इंदिरा नगर, लखनऊ |
बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) वर्कशॉप एक महत्वपूर्ण अवसर है जिसमें आप बुनियादी जीवन समर्थन तकनीकों को सीखने और आपातकालीन स्थितियों में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार होंगे ।
कृपया अपने बहुमूल्य जीवन के लिए, अपना कीमती समय निकालकर अवश्य भाग लें।
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बदलाव
🌟 नया
हम iOS यूज़र के लिए पोस्ट के मीटबॉल मेनू के ज़रिए "पिछला ��ीब्लॉग देखें" विकल्प पेश कर रहे हैं.
Android पर कुछ गतिविधि आइटम के रंग-रूप को अपडेट किया गया है.
अब साइट के डेस्कटॉप वर्शन पर पोस्ट एडिटर में जब पोस्ट वाकई लंबा हो जाता है, तो एडिटर का हेडर, व्यू के सबसे ऊपर बना रहता है. अब तैरते हुए अवतार को भी हेडर में भेज दिया गया है ताकि वो पोस्ट पब्लिश होने के बाद जैसी दिखेगी उसके साथ बेहतर ढंग से मैच हो जाए.
वेब पर पोस्ट एडिटर में ही हमने टेक्स्ट को पीले रंग का करने का विकल्प हटा दिया है. हम भविष्य में पहुँच को सुधारने के लिए रंगीन टेक्स्ट विकल्पों के कंट्रास्ट को सुधारने की उम्मीद कर रहे हैं.
वेब पर ही, किसी ब्लॉग को खोजते समय अब आपको पूरे Tumblr में खोजने का विकल्प भी दिखाई देगा.
🛠 सुधार
वेब पर पोस्ट एडिटर में ALT टेक्स्ट इंडिकेटर के साथ समस्या ठीक कर दी जिसकी वजह से वर्णन डिसप्ले होने के बजाय लाइटबॉक्स खुल जाता था. अब ये इमेज वर्णन को सही तरीके से खोलता है.
अब अगर आप खुद पहले से ही ऐड-फ़्री के लिए सब्सक्राइब्ड हैं, तो आपको किसी दूसरे व्यक्ति को ऐड-फ़्री गिफ़्ट करने का प्रॉम्प्ट नहीं मिलेगा, उसे हटा दिया गया है.
Android पर वो परेशानी दूर कर दी जिसकी वजह से एडिटर में रंगीन टेक्स्ट अंडरलाइन हो रहा था.
Android पर ही, अब गतिविधि में प्रासंगिक होने पर अनाम अवतार अंग्रेज़ी के अलावा दूसरी भाषाओं में सही ढंग से डिसप्ले होंगे.
iOS पर, वो गड़बड़ी ठीक कर दी जिसकी वजह से कभी-कभी फ़ीड में ब्लॉग अवतार खाली दिखाई देते थे.
iOS पर ही, वो समस्या सुधार दी जिसकी वजह से आप किसी और के ब्लॉग को कस्टमाइज़ करना शुरू कर सकते थे.
पोल और पोल विकल्पों में जहाँ लोगों ने उन्हें खाली करने का तरीका ढूँढ लिया है, वहाँ अब हमने कुछ डिफ़ॉल्ट प्लेसहोल्डर टेक्स्ट जोड़ दिए है. मज़ा किरकिरा करने का अफ़सोस है!
🚧 जारी
हम iOS ऐप में उस परेशानी के बारे में जानते हैं जिसकी वजह से हेडर में TumblrMart आइकन पर टैप करने पर डैशबोर्ड फ़ीड ज़ूम होकर ऊपर-नीचे हो सकता है. हम ऐप के अगले वर्शन में इसका सुधार शामिल करने पर काम कर रहे हैं!
🌱 जल्द आने वाले
पहली अप्रैल की उल्टी गिनती जारी है.
��ोई समस्या हो रही है? एक सहायता अनुरोध दर्ज करें और हम इस बारे में जितनी जल्दी हो सके आपसे संपर्क करेंगे!
किसी चीज़ के बारे में अपना फ़ीडबैक शेयर करना चाहते हैं? हमारे काम जारी है ब्लॉग पर एक नज़र डालें और समुदाय के लोगों के साथ किसी भी बारे में चर्चा शुरू करें.
Tumblr को सीधे कुछ आर्थिक सहायता भेजना चाहते हैं. TumblrMart में नया सपोर्टर बैज देखें.
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मैं केवल सलाह दे सकता हूँ और जहाँ तक सम्भव हो उसका पालन किया जा सकता है, किन्तु मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता। आख़िरकार, मुझसे प्रेम के कारण ही आप सभी श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के लिए इतना कठिन परिश्रम कर रहे हैं, इसलिए यदि प्रेम है तो जबरदस्ती का प्रश्न ही नहीं उठता। हमें कभी भी किसी के साथ ना ही जबरदस्ती का प्रयास करना चाहिए ना ही इस संस्था को एक व्यापारी संस्थान जैसा बनाना चाहिए। इससे सबकुछ नष्ट हो जायेगा। प्रत्येक प्रयास में हमारा एकमात्र उद्देश्य आध्यात्मिक जीवन में प्रगति करना अथवा श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना है। भक्तदास को पत्र, 9 अप्रैल 1972
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रोहित शेट्टी ने रुस्लान टीज़र का उद्घाटन किया; आयुष शर्मा ने कहा कि यह “एक मान्यता की तरह लगता है।”
Rohit Shetty : रुस्लान, आयुष शर्मा द्वारा अभिनीत, 26 अप्रैल को रिलीज़ होने वाला है। ब्लॉकबस्टर मनोरंजन के मास्टर रोहित शेट्टी ने रुस्लान के लिए बहुत प्रतीक्षित टीज़र की घोषणा की। फिल्म ने रुस्लान का समर्थन किया और हिंदी सिनेमा के महान फिल्म निर्माताओं में से एक, जिन्होंने एक्शन फिल्मों को फिर से परिभाषित किया है, को हाल के दिनों में सबसे प्रतीक्षित एक्शन फिल्मों में से एक बनाया है। टीज़र में दिल थाम देने वाली कार्रवाई के साथ भावनात्मक क्षणों का सुखद संयोजन है। शानदार दृश्यों और उत्साहवर्धक दृश्यों के कारण, रुस्लान इस वर्ष की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है।
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Devar Bhabhi Affair एक-दूसरे के इश्क में पागल थे देवर और भाभी, रिश्तों में दीवार बन रहे भैय्या को दे डाली खौफनाक मौत
Devar Bhabhi Affair : Bihar : बेगूसराय पुलिस ने 30 अप्रैल की रात हुई हत्या का खुलासा कर लिया है। हत्या में शामिल मृतक की पत्नी, छोटे भाई और भाई के दोस्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हत्याकांड की साजिश मृतक के छोटे भाई ने की थी। उसका अपनी ही भाभी से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे लेकिन रास्ते में आ रहे भाई को हटाने की साजिश देवर भाभी ने मिलकर रची थी। भाभी का आशिक…
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#….छत्तीसगढ़#affair#bhabhi#devar#Devar Bhabhi Affair#Devar Bhabhi Affair एक-दूसरे के इश्क में पागल थे देवर और भाभी#इश्क#एक-दूसरे#एक्सक्लूसिव#और#के#को#खौफनाक#छत्तीसगढ़#डाली#थे#दीवार#दे#देवर#न्यूज़#पागल#बन#ब्रेकिंग#भाभी#भैय्या#में#मौत#रहें#राज्य#रिश्तों
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Akhil Akkineni Biography
अखिल अक्किनेनी का जन्म 8 अप्रैल 1994 को सैन जोस, कैलिफोर्निया, यूएसए में हुआ था. उनके पिता नागार्जुन एक प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता और व्यवसायी हैं जबकि उनकी माँ अमला अक्किनेनी एक अभिनेत्री हैं. वह अभिनेता अक्किनेनी नागेश्वर राव के पोते और नागा चैतन्य के सौतेले भाई हैं।
साल 2016 में, अखिल की सगाई बिजनेस टाइकून जीवी कृष्णा रेड्डी की पोती श्रिया भूपाल से हुई थी. 2017 में उनकी शादी की योजना बनाई गई थी. लेकिन बाद में सगाई को तोड़ दिया गया।
for more information visit my website:-hindifilmyduniya.in
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Mahavir Jayanti: कल जैन धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
Mahavir Jayanti हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस साल 4 अप्रैल के दिन यह पर्व है, जिसे जैन धर्म अपने 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के जन्म दिवस के उपलक्ष में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाने वाला है।
महावीर जयंती से जुड़ी कुछ बातें-
Mahavir Jayanti मुख्य रूप से उन लोगों का त्योहार है जो जैन धर्म को मानने वाले हैं। लेकिन यह त्योहार केवल एक धर्म तक ही सीमित नहीं है क्योंकि विभिन्न अन्य परंपराओं के लोग भी इसको धूमधाम से मनाते है और इस पर्व के आयोजन में भाग लेते हैं।
आपको बता दें कि जिस दिन भारत में Mahavir Jayanti मनाई जाती है, उस दिन भगवान महावीर की मूर्तियों वाले रथों के साथ जुलूस निकाले जाते हैं, जिसे शोभायात्रा कहा जाता है।
वैसे तो यह त्योहार पूरे भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन गुजरात और राजस्थान में Mahavir Jayanti पर होने वाले समारोह सभी के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
Also Read: PM MODI ने वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, प्रधानमंत्री का भोपाल दौरा देखें LIVE
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Shaheed Diwas 2023: 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए
Shaheed Diwas : 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश सरकार ने लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दी थी
हर साल 23 मार्च को भारत शहादत दिवस मनाया जाता है। भारत के तीन वीर सपूतों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे । ये तीनों ही युवाओं के लिए आदर्श और प्रेरणा है। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु भारत की आजादी के लिए अपनी जान देने वाले क्रांतिकारियों में से एक थे। 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु नाम के तीन युवकों को ब्रिटिश सरकार ने फांसी दे दी थी। वह 23 वर्ष के थे। इसलिए ,शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में, भारत सरकार ने 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में घोषित किया। लेकिन क्या आपको पता है कि इन तीनों शहीदों की मौत भी अंग्रेजी हुकूमत की एक साजिश थी? भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव सभी को 24 मार्च को फाँसी देनी तय हुई थी, लेकिन अंग्रेजों ने एक दिन पहले 23 मार्च को भारत के तीनों वीर पुत्रो को फांसी पर लटका दिया। आखिर इसकी वजह क्या थी? आखिर भगत सिंह और उनके साथियों ने ऐसा क्या अपराध किया था कि उन्हें फांसी की सजा दी गई। भगत सिंह की पुण्यतिथि पर जानिए उनके जीवन के बारे में कई दिलचस्प बातें।
देश की आजादी के लिए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका गया।
8 अप्रैल, 1929 को दो क्रांतिकारियों, भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में बम फेंका और ‘साइमन गो बैक’ नारे में भी संदर्भित किया गया था। जहां कुख्यात आयोग के प्रमुख सर जॉन साइमन मौजूद थे। साइमन कमीशन को भारत में व्यापक विरोध का सामना करना पड़ा था। बम फेंकने के बाद दोनों ने भागने की कोशिश नहीं की और सभा में पर्चे फेंक कर आजादी के नारे लगाते रहे और अपनी गिरफ्तारी दी। जो पर्चे गिराए उनमें पहला शब्द “नोटिस” था। उसके बाद उनमें पहला वाक्य फ्रेंच शहीद अगस्त वैलां का था। लेकिन दोनों क्रांतिकारियों द्वारा दिया गया प्रमुख नारा ‘’इंकलाब जिंदाबाद’’ था । इस दौरान उन्हें करीब दो साल की सजा हुई।
करीब दो साल की मिली कैद
भगत सिंह करीब दो साल तक जेल में रहे। उन्होंने बहुत सारे क्रांतिकारी लेख लिखे, जिनमें से कुछ ब्रिटिश लोगों के बारे में थे, और अन्य पूंजीपतियों के बारे में थे। जिन्हें वह अपना और देश का दुश्मन मानते थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों का शोषण करने वाला कोई भी व्यक्ति उनका दुश्मन है, चाहे वह व्यक्ति भारतीय ही क्यों न हो।
जेल में भी जारी रखा विरोध
भगत सिंह बहुत बुद्धिमान थे और कई भाषाएँ जानते थे। वह हिंदी, पंजाबी, उर्दू, बांग्ला और अंग्रेजी आती जानते थे । उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से बंगाली भी सीखी थी। भगत सिंह अक्सर अपने लेखों में भारतीय समाज में लिपि, जाति और धर्म के कारण आई लोगों के बीच की दूरी के बारे में चिंता और दुख व्यक्त करते थे।
राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव की फांसी की तारीख तय की गई
दो साल तक कैद में रहने के बाद, राजगुरु और सुखदेव को 24 मार्च, 1931 को फाँसी दी जानी थी। हालाँकि, उनकी फाँसी की ख़बर से देश में बहुत हंगामा हुआ और ब्रिटिश सरकार प्रतिक्रिया से डर गई। वह तीनों सपूतों की फांसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। भारतीयों का आक्रोश और विरोध देख अंग्रेज सरकार डर गई थी।
डर गई अंग्रेज सरकार
ब्रिटिश सरकार को इस बात की चिंता थी कि भगत सिंह , सुखदेव और राजगुरु की फाँसी के दिन भारतीयों का गुस्सा उबलने की स्थिति में पहुँच जाएगा, और स्थिति और भी बदतर हो सकती है। इसलिए, उन्होंने उसकी फांसी की तारीख और समय को बदलने का फैसला किया।
तय समय से पहले दी भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को फांसी
ब्रिटिश सरकार ने जनता के विरोध को देखते हुए 24 मार्च जो फांसी का दिन था उसे 11 घंटे पहले 23 मार्च का दिन कर दिया। इसका पता भगत सिंह को नहीं था। 22 मार्च की रात सभी कैदी मैदान में बैठे थे। तभी वार्डन चरत सिंह आए और बंदियों को अपनी-अपनी कोठरियों में जाने को कहा। कुछ ही समय बाद नाई बरकत की बात कैदियों के कानों में पड़ी कि उस रात भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी जाने वाली है।
23 मार्च 1931 को शाम 7.30 बजे फांसी दे दी जायगी । कहते है कि जब भगत सिंह से उनकी आखिरी इच्छा पूछी गई तो उन्होंने कहा कि वह लेनिन (Reminiscences of Leni) की जीवनी पढ़ रहे थे और उन्हें वह पूरी करने का समय दिया जाए। लेकिन जेल के अधिकारियों ने चलने को कहा तो उन्होंने किताब को हवा में उछाला और कहा – ’’ठीक है अब चलो।’’
भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 7 बजकर 33 मिनट पर 23 मार्च 1931 को शाम में लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव एक दूसरे से मिले और उन्होंने एक-दूसरे का हाथ थामे आजादी का गीत गाया।
”मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे। मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग इे बसन्ती चोला।।’’
साथ ही ’इंक़लाब ज़िन्दाबाद’ और ’हिंदुस्तान आजाद हो’ का नारा लगये ।
उनके नारे सुनते ही जेल के कैदी भी इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। कहा जाता है कि फांसी का फंदा पुराना था लेकिन जिसे फांसी दी गई वह काफी तंदुरुस्त था। मसीद जलाद को फाँसी के लिए लाहौर के पास शाहदरा से बुलाया गया था। भगतसिंह बीच में खङे थे और अगल-बगल में राजगुरु और सुखदेव खङे थे। जब मसीद जल्लाद ने पूछा कि, ’सबसे पहले कौन जाएगा?’
तब सुखदेव ने सबसे पहले फांसी पर लटकाने की सहमति दी। मसीद जल्लाद ने सावधानी से एक-एक करके रस्सियों को खींचा और उनके पैरों के नीचे लगे तख्तों को पैर मारकर हटा दिया। लगभग 1 घंटे तक उनके शव तख्तों से लटकते रहे, उसके बाद उन्हें नीचे उतारा गया और लेफ्टिनेंट कर्नल जेजे नेल्सन और लेफ्टिनेंट एनएस सोढ़ी द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
तीन क्रांतिकारियों, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव का अंतिम संस्कार
ब्रिटिश सरकार की योजना थी इन सबका अंतिम दाह संस्कार जेल में करने की योजना बनाई थी। हालांकि, अधिकारियों को चिंता हुई कि अगर जेल से दाह संस्कार की प्रक्रिया से निकलने वाले धुएं को देखा तो जनता नाराज हो जाएगी। इसलिए, उन्होंने जेल की दीवार को तोड़ने और कैदियों के शवों को जेल के बाहर ट्रकों पर फेंकने का फैसला किया।
इससे पहले ब्रिटिश सरकार ने तय किया था कि भगत सिंह राजगुरु सुखदेव का अंतिम संस्कार रावी नदी के तट पर किया जाएगा, लेकिन उस समय रावी में पानी नहीं था। इसलिए उनके शव को फिरोजपुर के पास सतलुज नदी के किनारे लाया गया। उनके शवों को आग लगाई गई। इसके बारे में जब आस-पास के गाँव के लोगों को पता चल गया, तब ब्रिटिश सैनिक शवों को वहीं छोङकर भाग गये। कहा जाता है कि सारी रात गाँव के लोगों ने उन शवों के चारों ओर पहरा दिया था।
अगले दिन जब तीनों क्रांतिकारियों की मौत की खबर फैली तो उनके सम्मान में तीन मील लंबा जुलूस निकाला था। इसको लेकर लोगों ने ब्रिटिश सरकार का विरोध किया ।
फांसी से पहले भगत सिंह ने अपने साथियों को एक पत्र लिखा था।
साथियों,
स्वाभाविक है कि जीने की इच्छा मुझमें भी होनी चाहिए। मैं इसे छिपाना नहीं चाहता, लेकिन एक शर्त पर जिंदा रह सकता हूँ कि मैं कैद होकर या पाबंद होकर जीना नहीं चाहता।
मेरा नाम हिन्दुस्तानी क्रांति का प्रतीक बन चुका है और क्रांतिकारी दल के आदर्शों और कुर्बानियों ने मुझे बहुत ऊँचा उठा दिया है- इतना ऊँचा कि जीवित रहने की स्थिति में इससे ऊँचा मैं हर्गिज नहीं हो सकता। आज मेरी कमजोरियाँ जनता के सामने नहीं हैं। अगर मैं फाँसी से बच गया तो वे जाहिर हो जाएँगी और क्रांति का प्रतीक चिन्ह मद्धिम पड़ जाएगा या संभवतः मिट ही जाए।
लेकिन दिलेराना ढंग से हँसते-हँसते मेरे फाँसी चढ़ने की सूरत में हिन्दुस्तानी माताएँ अपने बच्चों के भगतसिंह बनने की आरजू किया करेंगी और देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों की तादाद इतनी बढ़ जाएगी कि क्रांति को रोकना साम्राज्यवाद या तमाम शैतानी शक्तियों के बूते की बात नहीं रहेगी।
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Indian Fasttrack News Update: देश की 10 बड़ी खबर
उद्धव ठाकरे गुट के 5 बागी नेता को पार्टी से निकाल दिया गया, चेतावनी के बावजूद नामांकन वापस नहीं लिया। IPS संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए DGP, अप्रैल 2028 में रिटायर होंगे अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताने के मामले में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी असम में 2 हाथियों के शव बरामद, बिजली के झटके से मौत होने की आशंका बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस के हाथ लगा एक और…
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ग्राहक आयोग का ऐतिहासिक निर्णय: जैसवाल को मिला न्याय, TVS स्कूटर पर भारी छूट
ग्राहक आयोग का ऐतिहासिक निर्णय: जैसवाल को मिला न्याय, TVS स्कूटर पर भारी छूट Consumer Commission’s historic decision: Jaiswal gets justice, huge discount on TVS scooter जालना: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत ग्राहक आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाते हुए विशाल जैसवाल को TVS iQube इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने के मामले में न्याय दिलाया है. जैसवाल ने 22 अप्रैल 2022 को TVS iQube इलेक्ट्रिक स्कूटर…
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धरोहर | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट | Dharohar | Help U Educational and Charitable Trust
लखनऊ, 28.04.2023 | हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर "स्थापना दिवस कार्यक्रम" तथा हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र NCZCC के संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, विशाल खंड, गोमती नगर, लखनऊ में किया गया |
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल, संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट तथा डॉ रूपल अग्रवाल, न्यासी, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने दीप प्रज्वलन करके किया l
सांस्कृतिक कार्यक्रम "धरोहर” में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की तथा भारतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी |
उर्मिला पाण्डेय ग्रुप - भाव नृत्य राम भी रहीम भी
हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा ही राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है । राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द्र को समर्पित भाव नृत्य शीर्षक राम भी रहीम भी प्रस्तुत किया ।
अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम
श्री राम तथा माता सीता इनके मिलन की ही गाथा है ये नृत्य नाटिका वैदेही के राम। प्रभु श्री राम जब महर्षि विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी पहुँचे और वहाँ की पुष्प वाटिका में देवी सीता और श्री राम एक दूसरे को देख मंत्र मुग्ध हो गए। अंततः प्रभु श्री राम ने स्वयंवर में रखे शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर राजकुमारी सीता से विवाह किया।
महारास
राधा कृष्ण और गोपियों द्वारा किया जाने वाला आनंदमयी तथा सौंदर्यवर्धक नृत्य रास कहलाता है। लीलापुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में छः महीने की रातों को एक कर ब्रजभूमि के कुंज में सर्वप्रथम यह नृत्य किया था । नृत्य की बंदिशों के साथ भाव भंगिमाओं तथा डांडिया नृत्य का उच्चतम प्रयोग रास के अंतर्गत देखने को मिलता है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है तथा यह राधा कृष्ण के प्रेम से परिपक्व नृत्य शैली मानी जाती है। आज की इस रासलीला में सर्वप्रथम बाल कृष्ण तत्पश्चात युवा कृष्ण एवम् राधा रानी का नृत्य प्रस्तुत किया ।
राजस्थानी लोक नृत्य घूमर
घूमर और राजस्थान दोनो एक दूसरे के पर्याय हैं और घूमर राजस्थान का सर्व जन प्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है। किसी भी मांगलिक अवसर एवम् उत्सव में घूमर नृत्य अति आवश्यक रूप से नाचा जाता रहा है।
"स्थापना दिवस कार्यक्रम" में, हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विव��ण पुस्तिका का विमोचन किया गया | विवरण पुस्तिका में ट्रस्ट के विगत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण उपलब्ध है |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया |
इस मौके पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी श्री हर्ष वर्धन अग्रवाल ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि, "आज के मुख्य अतिथि आदरणीय श्री बृजेश पाठक जी प्रदेश में निकाय चुनाव में व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, वह आज इस समय वाराणसी में हैं | अपने पूज्य बाबा श्री राधेश्याम अग्रवाल जी व अपने पिताजी श्री राजीव अग्रवाल जी के जनहित के कार्यों से प्रभावित होकर 28 अप्रैल, 2012 को हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की | तत्कालीन मेयर परम आदरणीय श्री दिनेश शर्मा जी ने ट्रस्ट को अपना बहुमूल्य सहयोग एवं मार्गदर्शन प्रदान किया | हमें संरक्षक के रूप में महाकवि पदम भूषण डॉ श्री गोपाल दास नीरज जी, पदम श्री अनवर जलालपुरी तथा भजन सम्राट पदम श्री अनूप जलोटा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ | देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशो में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जनहित के कार्यों में अपना योगदान दे सकें | वर्तमान समय में माननीय प्रधानमंत्री परम आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास, सबका विश्वास का अनुसरण करते हुए समाज के हर क्षेत्र में लोगों की मदद कर रहे हैं |
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ० रूपल अग्रवाल ने हेल्प यू सम्मान से नवाजे गए सभी विभूतियों तथा हेल्प यू कोरोना वॉरियर्स से सम्मानित महानुभावों को बहुत-बहुत बधाई | विगत 11 वर्षों में बहुत कुछ बदला और हमने सबसे कठिन दौर तब देखा जब वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व को ज़कर लिया | उस समय लखनऊ शहर के अनेक संवेदनशील लोगों ने हमारा साथ दिया, जिससे हम सही समय पर असहाय व जरूरतमंद लोगों की मदद कर पाए | मैं बस यही कहना चाहूंगी कि आप भविष्य में भी इसी तरह हमारा साथ दीजिए जिससे हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अपनी मुहिम को पूरा कर सकें |
कार्यक्रम का संचालन डॉ अलका निवेदन ने किया I
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बदलाव
🌟 नया
वेब पर, दाएँ साइडबार पर हमने आपके ब्लॉग की अकाउंट सेटिंग के सेकेंडरी मेनू में एक "ब्लॉग देखें" लिंक जोड़ा है, जो उस ब्लॉग को ऐसे खोलता है मानो कोई और उसे देख रहा था.
अब आप Tumblr Patio में कीबोर्ड शॉर्टकट का इस्तेमाल कर सकते हैं. कॉलम के बीच घूमने के लिए अपनी ऐरो कीज़ का इस्तेमाल करें.
आपके फ़ीडबैक के आधार पर, Tumblr Patio में टैग और सर्च कॉलम के लिए डिफ़ॉल्ट क्रम को सबसे नए पर सेट कर दिया गया है. अगर आप इन्हें बदलकर टॉप पर सेट करना चाहते हैं, तो कॉलम के सबसे ऊपर दाईं तरफ़ दिए हुए मीटबॉल मेनू के नीचे सेटिंग को चुनें.
🛠 सुधार
वेब पर, रीब्लॉग की पेरेंट पोस्ट से लिंक करने वाले मीटबॉल मेनू आइटम को अब थोड़ा और होशियारी से लेबल किया गया है. अगर पेरेंट पोस्ट कोई दूसरा रीब्लॉग है, तो उसे अब भी "पिछला रीब्लॉग देखें" के तौर पर लेबल किया ��ाता है—लेकिन अगर पेरेंट पोस्ट ही मूल पोस्ट है, तो अब उसे "मूल पोस्ट देखें" के तौर पर लेबल किया जाता है.
Android पर अब हम पंक्ति में रखी गई पोस्ट पर पूरी तारीख और समय दिखाते हैं.
iOS पर हमने वो बग ठीक कर दिया जिसकी वजह से आपको मिले हुए गिफ़्ट के लिए पुश नोटिफ़िकेशन को टैप करने पर आपको गलत जगह भेज दिया जाता था. अब नोटिफ़िकेशन पर टैप करने पर आप उम्मीद के अनुसार गिफ़्ट स्क्रीन पर आ जाते हैं.
वेब पर थोड़ी देर के लिए Tumblr उपलब्ध नहीं था, लकिन अब वो समस्या ठीक हो गई है!
हो सकता है कि पिछले शुक्रवार को कुछ यूज़र वीडियो अपलोड नहीं कर पा रहे हों. इस परेशानी को उसी दिन ठीक कर दिया गया था.
वेब पर आपकी अकाउंट सेटिंग के नीचे ऐक्टिव सेशन का लोकेशन अब ज़्यादा सटीक होना चाहिए.
अब आप में से ज़्यादातर लोगों को आस्क/सबमिशन इनबॉक्स का सही जोड़ दिखाई देना चाहिए.
🚧 जारी
आज बताने के लिए कुछ नहीं है.
🌱 जल्द आने वाले
पहली अप्रैल की उल्टी गिनती शुरू हो गई है.
Android पर हमने Tumblr TV को फिर से डिज़ाइन किया है. हमने तलाशें बार को स्क्रीन के निचले हिस्से में भेज दिया है, अब प्लेहेड पोजीशन टेक्स्ट तलाशें बार के थंब पोजीशन को फ़ॉलो नहीं करता और साथ ही, हमने कुछ UI एलिमेंट पर कुछ साफ़ दिखाई दें/गायब हो जाएं ऐनीमेशन जोड़े हैं. नई डिज़ाइन अगले वर्ज़न के साथ रिलीज़ की जाएगी.
कोई समस्या हो रही है? एक सहायता अनुरोध दर्ज करें और हम इस बारे में जितनी जल्दी हो सके आपसे संपर्क करेंगे!
किसी चीज़ के बारे में अपना फ़ीडबैक शेयर करना चाहते हैं? हमारे काम जारी है ब्लॉग पर एक नज़र डालें और समुदाय के लोगों के साथ किसी भी बारे में चर्चा शुरू करें.
Tumblr को सीधे कुछ आर्थिक सहायता भेजना चाहते हैं. TumblrMart में नया सपोर्टर बैज देखें.
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एक अच्छा नागरिक जानता है कि कौन-सा काम कानूनी है और कौन-सा गैरकानूनी। आप स्वयं को पुलिस की आँखों से अथवा मानवीय कानून से बचा सकते हो परन्तु आप भगवान् की आँखों से नहीं बच सकते, क्योंकि वे प्रत्यक्ष आपके हृदय में विराजमान हैं। बम्बई, 6 अप्रैल 1974
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मुख्यमंत्री सुक्खू ने डोडरा क्वार की महिलाओं को दिया सम्मान निधि का तोहफा, 91.62 करोड़ रुपए जारी
Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को शिमला जिला के दूरदराज क्षेत्र डोडरा क्वार का दौरा कर यहां की महिलाओं को सम्मान निधि की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने जिला शिमला के लिए इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि का डोडरा क्वार में शुभारंभ किया और 509 पात्र महिलाओं को एक अप्रैल 2024 से 12 महीने की सम्मान निधि जारी की। उन्होंने लाभार्थी महिलाओं को 91.62 लाख रुपये की धनराशि…
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भारत- चीन समझौते पर क्यों उठ रहे हैं सवाल, क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
रूस के कज़ान में ब्रिक्स सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐलान किया कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर गश्त के पैटर्न को लेकर एक समझौते पर पहुंच चुके हैं. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा कि कि भारत-चीन सीमा के इस हिस्से में गश्त का पैटर्न अप्रैल 2020 की स्थिति में लौट आएगा. इसके बाद कज़ान में भारत…
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