#एंटी-कोविड मेडिसिन
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जून से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मिलने लगेगी एंटी-कोविड मेडिसन 2डीजी, डॉक्टर रेड्डीज़ लैब ने की घोषणा
जून से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मिलने लगेगी एंटी-कोविड मेडिसन 2डीजी, डॉक्टर रेड्डीज़ लैब ने की घोषणा
नवंबर से सरकारी और प्राइवेट प्रबंधन ने भौतिक-कोविट मेडिसन 2डीजी, डॉक्टर की घोषणा की। Source link
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DRDO की एक लैब, इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS) द्वारा एंटी-कोविड दवा ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज’ (2-DG) को हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डी लैब (Dr Reddy) के साथ मिलकर तैयार किया है. क्लीनिकल-ट्रायल के बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने हाल ही में इसे इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दी है. #covidupdates #covidvacccine #covid19india #coronaindia #coronaupdates (at India) https://www.instagram.com/p/CO8S3WOrVQS/?igshid=11nk3lshy9qwp
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सतपाल महाराज ने दून में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को लिखा पत्र
सतपाल महाराज ने दून में ऑक्सीजन उत्पादन के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को लिखा पत्र
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पत्र लिख अधिकारियों को निर्देश देने की मांग की देहरादून: भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेस (आईएनएमएएस) ने डॉक्टर रेड्डी लैब्स, हैदराबाद के साथ मिलकर एंटी- कोविड 19 दवा 2-कमवÛल-क्-ग्लूकोज (2-क्ळ) बनाई है। कोरोना की इस ओरल दवा को (डीसीजीआई) ने मंजूरी दे दी…
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केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया शुरू, रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान करेंगे सबसे पहले प्लाज्मा दान
कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण गंभीर र��प से बीमार मरीजों के उपचार के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया शनिवार से आरंभ हो गई। केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जो अस्पताल में इस कार्य के लिए अपना प्लाज्मा दान करेंगे।इस नेक काम के लिये उन्होंने शनिवार को रमजान के पहले दिन रोजा रख कर अपने रक्त का नमूना केजीएमयू को दिया। उनके रक्त की जांच ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में हो रही है। जांच के बाद सब कुछ ठीक पाए जाने पर डॉ. खान के शरीर से प्लाज्मा लिया जाएगा, जो कोरोना वायरस से संक्रमित कम से कम दो गंभीर मरीजों के इलाज में काम आएगा।
केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. तूलिका चंद्रा ने शनिवार को भाषा से एक विशेष बातचीत में बताया, ‘‘केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर रोगियों के इलाज पर काम शनिवार से शुरू हो गया। इस सिलसिले में केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान के रक्त का नमूना लिया गया है। वह संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो गए हैं।इस नमूने की जांच में हम उनके रक्त में एंटी-बाडीज की क्या स्थिति है, उसकी जांच करेंगे । उसके बाद हम उनके शरीर से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा प्लाज्मा फेरेसिस विधि से निकालेंगे । इस प्रकिया में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लगेगा। इसके बाद हम इस प्लाज्मा को स्टोर कर लेंगे। डॉ. खान के रक्त की जांच के बाद उनके रक्त से प्लाज्मा निकालने की प्रक्रिया रविवार को की जा सकती है ।
उन्होंने बताया, ‘‘इस प्लाज्मा को हम स्टोर कर लेंगे और गंभीर मरीज को इस प्लाज्मा में से 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा। यानी एक मरीज के प्लाज्मा से दो मरीजों को ठीक किया जा सकता है।’’डॉ. चंद्रा ने बताया कि अगर पहली बार 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाए जाने से मरीज में सकारात्मक परिणाम नहीं दिखता है तो उसमें दोबारा 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढाया जाएगा। केजीएमयू के डॉ. खान में एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद 17 मार्च को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वह सात अप्रैल को केजीएमयू से ठीक होकर अपने घर में 14 दिन के लिये पृथक-वास में रहे थे। अब वह एक बार फिर केजीएमयू में अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं।
डॉ. खान ने कहा, ‘‘मुझसे कोविड-19 मरीजों की जांच कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिंमाशु ने पूछा कि क्या मैं प्लाज्मा दान करने वाला पहला व्यक्ति बनना चाहूंगा। मैंने तुरंत हां कर दी क्योंकि रमजान के पवित्र महीने में अगर मैं किसी मरीज की जान बचाने के काम आ सकूं तो इससे बेहतर क्या होगा। मैंने शनिवार को अपना पहला ��ोजा रखने के दौरान अपना रक्त परीक्षण के लिये दे दिया।डॉ. हिमांशु ने बताया, ‘‘डॉ. खान का रक्त परीक्षण के लिये ले लिया गया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की टीम शनिवार शाम या रविवार को उनका प्लाज्मा निकालेगी। डॉ. चंद्रा के मुताबिक प्लाज्मा निकालने के बाद इसे अन्य गंभीर मरीजों में इसे चढ़ाने की प्रक्रिया सोमवार या मंगलवार को शुरू हो सकती है ।
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अगर वैक्सीन की दूसरी डोज में देर हो जाए तो क्या करें? जानें ऐसे हर सवाल का जवाब Divya Sandesh
#Divyasandesh
अगर वैक्सीन की दूसरी डोज में देर हो जाए तो क्या करें? जानें ऐसे हर सवाल का जवाब
‘कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लेने में देर हो जाए तो क्या करें, क्या दूसरी डोज किसी और कंपनी की ली जा सकती है’- को लेकर लोगों के मन में ऐसे तमाम तरह के सवाल हैं। ऐसे सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं- आईसीएमआर के कम्युनिटी मेडिसिन एक्सपर्ट, डॉ. अरुण शर्मा:
अगर वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण होता है तो दूसरी डोज कितनी लेट ले सकते हैं? क्या ऐप पर देरी से रजिस्ट्रेशन हो जाएगा?रजिस्ट्रेशन सिर्फ एक बार कराना है, दूसरी डोज के लिए इसकी जरूरत नहीं। पहली डोज के बाद दूसरी डोज लेने का समय 6 से 8 हफ्ते का है। लेकिन अगर किसी को पहली डोज के बाद संक्रमण हो जाए तो ठीक होने के बाद 4 से 8 हफ्ते के बीच वो दूसरी डोज ले सकते हैं। कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। अगर ऐसे में लोग वैक्सीन लेने के लिए बाहर आने से डरते हैं तो क्या इसे देरी से ले सकते हैं?1 मई से 18 साल से ऊपर वाले का वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है, खत्म नहीं हो रहा है। वैक्सीनेशन कार्यक्रम अभी चलता रहेगा। लोगों को अपनी सुविधा के अनुसार वैक्सीनेशन कराना चाहिए। कोशिश करें कि जितनी जल्द वैक्सीन ले लें, उतना फायदा है। एक कंपनी की वैक्सीन लेने के बाद क्या दूसरी डोज फाइजर या मॉड्रेना या किसी और कंपनी की ली जा सकती है?नहीं, बिल्कुल नहीं। जिस कंपनी का पहली डोज ली है, दूसरी डोज भी उसी कंपनी के वैक्सीन का लें। दूसरी बिल्कुल नहीं लें। क्या हमें दूसरी डोज के लिए नए रेट के हिसाब से पेमेंट करनी होगी?सरकारी अस्पतालों में अभी फ्री है और 1 मई से भी फ्री ही रहेगा। सरकारी अस्पतालों में अभी 250 रुपये की एक डोज है। आने वाले दिनों में प्राइवेट अस्पताल में वैक्सीन की डोज की कीमत अलग अलग हो सकती है। अस्पताल का अपना रेट हो सकता है। ऐसे में जो लोग जहां जाएंगे, वैक्सीन लेने के लिए उन्हें उस अस्पताल के अनुसार पेमेंट करना होगा। क्या सभी लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा या वॉक इन यानी सीधे जाकर वैक्सीन ले सकते हैं?नहीं, अभी 18 साल से ऊपर वाले को बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन नहीं मिलेगी। उन्हें रजिस्ट्रेशन करा कर ही जाना होगा। अभी वॉकइन रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। अगर बहुत लंबी लाइनें लग रही हैं और दूसरी डोज लेने में देर हो जाए तो क्या करें?वैक्सीन की दूसरी डोज का समय 4 से 12 हफ्ते का है, कोशिश करें कि इस समय के बीच में दूसरी डोज ले लें। इससे ज्यादा समय लगने पर पहली डोज का असर कम हो सकता है, इससे आपको पर्याप्त एंटीबॉडी मिलने में भी परेशानी हो सकती है। अगर दूसरी डोज लेने के तुरंत बात कोरोना हो जाए तो क्या मुझे ठीक होने के बाद फिर से वैक्सीन लेनी होगी?कोविड से ��ीक होने के बाद 4 से 8 हफ्ते के बीच दूसरी डोज ले सकते हैं। क्या कोई अलग डॉक्युमेंट से अलग वैक्सीन ले सकता है?डॉक्युमेंट्स में अड्रेस और फोन नंबर तो लगभग एक ही होता है, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। मेरा सुझाव है कि इससे आपको नुकसान हो सकता है। इस तरह की चीजों से बचें। क्या कोविशिल्ड के दो डोज लेने के बाद कोवैक्सीन या फाइजर ली जा सकती है? यदि हां तो कितने समय बाद?अभी तक की साइंटिफिक स्टडी के अनुसार, एक इंसान को सिर्फ एक ही प्रकार की वैक्सीन लेनी चाहिए। देश में दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है और दोनों वैक्सीन की एफिकेसी इतनी है कि दूसरे वैक्सीन की जरूरत नहीं है। इसलिए अभी इसी स्ट्रेटजी पर काम हो रहा है। आगे क्या होगा, पता नहीं है। हो सकता है कि आने वाले समय में कोरोना से बचाव के लिए हर साल वैक्सीन लेनी पड़ सकती है। तब यह भी विकल्प हो सकता है कि हर साल आदमी अलग अलग वैक्सीन ले सकता है, लेकिन यह अभी यह भविष्य की बात है। दोनों डोज़ लेने के बाद बनने वाला एंटीबाडी कब तक रहेगी? क्या ये वैक्सीन कुछ कुछ टाइम बाद दोबारा लेने पड़ेंगे?दोनों डोज लेने के 14 दिन बाद बॉडी में पर्याप्त एंटीबॉडी बन जाती है। लेकिन यह एंटीबॉडी कब तक टिकेगी, इसकी जानकारी नहीं है। अभी वैक्सीन की फॉलोअप स्टडी होगी, तब पता चलेगा कि यह कितने दिनों तक प्रभावी है। वैक्सीन के बाद बनने वाली एंटीबॉडी कितने दिन टिकती है, इस पर बहुत सारे सवालों के जवाब छिपे हैं। कुछ लोगो को वैक्सीन लगवाने के बाद काफी कमजोरी महसूस हो रही है। इसके लिए कुछ लोग ताकत की दवाएं भी ले रहे हैं। क्या यह सही है?वैक्सीन के बाद कमजोरी नहीं आती है, ऐसा कोई साइड इफेक्ट्स नहीं देखा गया है। इस तरह की बातों पर ध्यान नहीं दें। वैक्सीनेशन के बाद बुखार आता है तो क्या यह पता चल सकता है कि यह वैक्सीन का साइड इफेक्ट है या कोविड इन्फेक्शन की वजह से बुखार आया है?वैक्सीन के 24 घंटे के बाद अगर फीवर आता है तो हो सकता है कि यह एईएफआई हो। फीवर लंबा टिकता है तो इसकी आरटीपीसीआर जांच कराएं। अगर आरटीपीसीआर निगेटिव है तो फीवर वैक्सीन की वजह से है। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव है तो फीवर वायरस की वजह से होगा। पीरियड के दौरान महिलाएं वैक्सीनेशन ले सकती हैं?पीरियड के दौरान महिलाएं या युवतियां वैक्सीन ले सकती हैं, इसका वैक्सीनेशन से कोई संबंध नहीं है। आराम से ले सकती हैं, कोई दिक्कत नहीं है। एक ऐसी अफवाह है कि वैक्सीन के बाद युवतियां मां नहीं बन सकतीं?अफवाह पर ध्यान नहीं दें। ऐसा कहीं भी नहीं देखा गया है कि वे वैक्सीन के बाद मां नहीं बन सकतीं। इस वैक्सीन में भी ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। निसंकोच वैक्सीन लें, वैक्सीन ही आपको इस वायरस से सुरक्षा देगा। वैक्सीन के बाद जिम जा सकते हैं या नहीं?जहां पर इंजेक्शन दिया जाता है, वहां पर थोड़ा दर्द होता है। इसलिए, वैक्सीन के बाद तुरंत जिम नहीं जाएं। कुछ दिन जिम जाने से बचें। इसी तरह फीवर भी आ जाए तो जिम नहीं करें। क्या वैक्सीन लेने के बाद शराब पी सकते हैं?ऐसी कोई गाइडलाइन ��ो नहीं है, लेकिन एक हफ्ते अल्कोहल न लें तो बेहतर है। कोविड पॉजिटिव हो गए हैं तो क्या ऐसी स्थिति में कोरोना वैक्सीन लगवा सकते हैं?अगर आप कोविड पॉजिटिव हैं तो पहले अपना ट्रीटमेंट कराएं और जब रिपोर्ट निगेटिव आ जाए उसके बाद कोरोना की वैक्सीन लगवाएं। कोविड पॉजिटिव होने के दौरान गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीन लगवाने पर मनाही है। कोविड पॉजिटिव होने के दौरान आपकी कई तरह की दवाएं चल रही होती हैं। ऐसे में कुछ मरीजों को साइड इफेक्ट होने के चांस रहते हैं इसलिए पहले कोविड का इलाज कराएं उसके बाद वैक्सीन लगवाएं। वैक्सीन की पहली डोज लगवा ली और उसके बाद अब कुछ दिन में मेरी दूसरी डोज लगने की बारी आ रही हैं लेकिन अगर तब को��िड पॉजिटिव हो जाएं, तो क्या दूसरी डोज लगवानी चाहिए?यदि पहली डोज के बाद कोविड पॉजिटिव हो गए हैं तो अभी करीब तीन महीने तक कोरोना की दूसरी डोज यदि नहीं लेंगे तब भी कोई दिक्कत नहीं है। कोरोना की डोज एंटी बॉडीज डिवेलप होने के लिए दी जाती है। वहीं कोरोना पॉजिटिव होने पर एंटी बॉडीज खुद ही डिवेलप हो जाती हैं जिसके चलते तीन महीने तक डोज की जरुरत नहीं हैं।
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केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया शुरू, रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान करेंगे सबसे पहले प्लाज्मा दान
कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों के उपचार के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया शनिवार से आरंभ हो गई। केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जो अस्पताल में इस कार्य के लिए अपना प्लाज्मा दान करेंगे।इस नेक काम के लिये उन्होंने शनिवार को रमजान के पहले दिन रोजा रख कर अपने रक्त का नमूना केजीएमयू को दिया। उनके रक्त की जांच ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में हो रही है। जांच के बाद सब कुछ ठीक पाए जाने पर डॉ. खान के शरीर से प्लाज्मा लिया जाएगा, जो कोरोना वायरस से संक्रमित कम से कम दो गंभीर मरीजों के इलाज में काम आएगा।
केजीएमयू की ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. तूलिका चंद्रा ने शनिवार को भाषा से एक विशेष बातचीत में बताया, ‘‘केजीएमयू में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना वायरस संक्रमण के गंभीर रोगियों के इलाज पर काम शनिवार से शुरू हो गया। इस सिलसिले में केजीएमयू के रेजीडेंट डॉक्टर तौसीफ खान के रक्त का नमूना लिया गया है। वह संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो गए हैं।इस नमूने की जांच में हम उनके रक्त में एंटी-बाडीज की क्या स्थिति है, उसकी जांच करेंगे । उसके बाद हम उनके शरीर से 500 मिलीलीटर प्लाज्मा प्लाज्मा फेरेसिस विधि से निकालेंगे । इस प्रकिया में करीब डेढ़ से दो घंटे का समय लगेगा। इसके बाद हम इस प्लाज्मा को स्टोर कर लेंगे। डॉ. खान के रक्त की जांच के बाद उनके रक्त से प्लाज्मा निकालने की प्रक्रिया रविवार को की जा सकती है ।
उन्होंने बताया, ‘‘इस प्लाज्मा को हम स्टोर कर लेंगे और गंभीर मरीज को इस प्लाज्मा में से 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा। यानी एक मरीज के प्लाज्मा से दो मरीजों को ठीक किया जा सकता है।’’डॉ. चंद्रा ने बताया कि अगर पहली बार 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढ़ाए जाने से मरीज में सकारात्मक परिणाम नहीं दिखता है तो उसमें दोबारा 200 मिलीलीटर प्लाज्मा चढाया जाएगा। केजीएमयू के डॉ. खान में एक संक्रमित मरीज के संपर्क में आने के बाद 17 मार्च को संक्रमण की पुष्टि हुई थी। वह सात अप्रैल को केजीएमयू से ठीक होकर अपने घर में 14 दिन के लिये पृथक-वास में रहे थे। अब वह एक बार फिर केजीएमयू में अपनी सेवाएं देने को तैयार हैं।
डॉ. खान ने कहा, ‘‘मुझसे कोविड-19 मरीजों की जांच कर रहे मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिंमाशु ने पूछा कि क्या मैं प्लाज्मा दान करने वाला पहला व्यक्ति बनना चाहूंगा। मैंने तुरंत हां कर दी क्योंकि रमजान के पवित्र महीने में अगर मैं किसी मरीज की जान बचाने के काम आ सकूं तो इससे बेहतर क्या होगा। मैंने शनिवार को अपना पहला रोजा रखने के दौरान अपना रक्त परीक्षण के लिये दे दिया।डॉ. हिमांशु ने बताया, ‘‘डॉ. खान का रक्त परीक्षण के लिये ले लिया गया है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की टीम शनिवार शाम या रविवार को उनका प्लाज्मा निकालेगी। डॉ. चंद्रा के मुताबिक प्लाज्मा निकालने के बाद इसे अन्य गंभीर मरीजों में इसे चढ़ाने की प्रक्रिया सोमवार या मंगलवार को शुरू हो सकती है ।
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उत्तर प्रदेश के जिला अस्पतालों में सर्जरी के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में OPD भी शुरू Divya Sandesh
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उत्तर प्रदेश के जिला अस्पतालों में सर्जरी के साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में OPD भी शुरू
लखनऊ उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण में राहत के साथ प्रदेश सरकार ने जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों में शुक्रवार से ओपीडी खोलने की आदेश दिए हैं। 1 अप्रैल से सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद चल रही थी। ओपीडी शुरू होने से नॉन कोविड मरीजों की बीमारी का भी इलाज हो सकेगा। प्रदेश सरकार की अनुमति के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिला एमएमजी अस्पताल, महिला अस्पताल, सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बंद ओपीडी को शुरू करने को कहा है। अफसरों का कहना है कि ओपीडी में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाएगा।
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में करीब डेढ़ महीने बाद शुक्रवार से कुछ चुनिंदा विभागों की ओपीडी शुरू होगी। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद अस्पतालों की ओपीडी बंद कर दी गई थी। अब केस कम होने के बाद अस्पतालों में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक ओपीडी चलेगी। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मरीज देखे जाएंगे। इसके साथ सामान्य ऑपरेशन भी होंगे।
राजधानी लखनऊ के अस्पतालों का हाल
बलरामपुर अस्पताल ईएनटी, नेत्र रोग और सर्जरी विभाग की ओपीडी शुरू होगी। जुकाम-बुखार वाले मरीजों को फीवर क्लीनिक में इलाज मिलेगा। अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि बाकी विभागों की ओपीडी अभी नहीं शुरू की जाएगी। वहीं, ऑपरेशन से पहले कोरोना जांच जरूरी होगी।
सिविल अस्पताल शुरुआत में मेडिसिन, नेत्र रोग, ईएनटी, सर्जरी, हड्डी रोग, एंटी रैबीज के मरीज देखे जाएंगे। निदेशक डॉ. सुभाष एस सुंदरियाल ने बताया कि बुखार की जांच के बाद ही मरीज देखे जाएंगे। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के ऑपरेशन भी होंगे।
लोकबंधु अस्पताल पोस्ट कोविड ओपीडी के साथ ईएनटी और नेत्र रोग विभाग की ओपीडी पहले से चल रही है। शुक्रवार से सर्जरी की ओपीडी चालू होगी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही ऑपरेशन भी शुरू किए जाएंगे।
भाऊराव देवरस अस्पताल नेत्र रोग विभाग, ईएनटी और सर्जरी विभाग की ओपीडी चालू होगी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष ने बताया कि इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।
केजीएमयू कैंसर, दिल, स्त्री रोग, बाल रोग, इंडोक्राइन और फीवर क्लीनिक पहले से चल रही है। प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिं�� ने बताया कि आदेश मिलने के बाद दूसरे विभागों की ओपीडी भी शुरू की जाएगी।
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