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अंत्योदय_से_सर्वोदय :जनविश्वास के साथ झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 12 माह में कराए गए ₹1112 करोड़ के विकास कार्य — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
त्योदय_से_सर्वोदय : झोटवाड़ा में 12 माह में ₹1112 करोड़ के विकास कार्य - कर्नल राज्यवर्धन राठौड़
अंत्योदय_से_सर्वोदय 🌿🏗️जनविश्वास के साथ झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में 12 माह में कराए गए ₹1112 करोड़ के विकास कार्य …
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झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में तेजी से हो रहे विकास कार्यों ने क्षेत्र को एक आधुनिक और आत्मनिर्भर क्षेत्र बनाने की दिशा में नया आयाम दिया है। कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में बीते 12 महीनों में ₹1112 करोड़ की लागत से विभिन्न बुनियादी सुविधाओं के विकास कार्य पूरे किए गए।
यह अभूतपूर्व विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “अंत्योदय से सर्वोदय” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे झोटवाड़ा के हर नागरिक को सड़क, जल, स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
🚀 झोटवाड़ा में 12 माह के प्रमुख विकास कार्य
🏗️ बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण
✅ ₹3.62 करोड़ की लागत से 6.50 किमी लंबी सड़क का निर्माण एवं नवीनीकरण। ✅ ₹4.07 करोड़ की लागत से बांडी नदी, कालवाड़ रोड पर नई पुलिया का निर्माण। ✅ स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग, फुटपाथ सुधार और ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत किया गया।
🚰 जल जीवन मिशन के तहत जलसंवर्धन और जल आपूर्ति सुधार
✅ ₹55.42 लाख की लागत से 1.50 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण। ✅ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नई पाइपलाइन बिछाकर जल संकट का समाधान। ✅ वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण योजनाओं का विस्तार।
🏥 स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
✅ झोटवाड़ा में नए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) की स्थापना। ✅ निःशुल्क दवा और जांच योजना को प्रभावी रूप से लागू किया गया। ✅ आधुनिक सुविधाओं से युक्त नए सरकारी अस्पतालों का निर्माण।
📚 शिक्षा और युवा सशक्तिकरण
✅ बबेरवालों की ढाणी में आधुनिक पुस्तकालय भवन का उद्घाटन। ✅ सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा। ✅ झोटवाड़ा में खेल स्टेडियम और युवाओं के लिए स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास।
🛍️ व्यापार और औद्योगिक विकास को गति
✅ MSME और स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष औद्योगिक नीतियां लागू। ✅ स्थानीय व्यापारियों को बढ़ावा देने के लिए “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” योजना लागू। ✅ नए लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक केंद्रों की स्थापना से रोजगार के अवसर बढ़े।
📢 कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का संदेश
“झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के हर नागरिक को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। ₹1112 करोड़ के विकास कार्यों ने झोटवाड़ा को एक आत्मनिर्भर और आधुनिक क्षेत्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ाया है। हम “अंत्योदय से सर्वोदय” के संकल्प के साथ हर व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
🌿 झोटवाड़ा के सुनहरे भविष्य की ओर 🚀
✅ स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर नागरिक सुविधाएं। ✅ जल, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य में ऐतिहासिक सुधार। ✅ स्थानीय व्यापार, उद्योग और शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का लक्ष्य।
🚀 “विकसित झोटवाड़ा, आत्मनिर्भर राजस्थान!” 🇮🇳 जय हिंद! जय राजस्थान! 🌿🏗️
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झोटवाड़ा के विकास कार्यों का विश्लेषण — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ 🏗️📈

झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र, जो राजस्थान की राजधानी जयपुर का एक महत्वपूर्ण भाग है, हाल के वर्षों में अभूतपूर्व विकास और बुनियादी ढांचे के सुधार का साक्षी बना है। कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सड़क, जल आपूर्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य और सार्वजनिक सुविधाओं के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की गई हैं और कई नए कार्य प्रगति पर हैं।
इस रिपोर्ट में झोटवाड़ा में हुए प्रमुख विकास कार्यों और उनके प्रभावों का विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
🏗️ 1️⃣ बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण
✅ सड़क और पुल निर्माण
🔹 ₹3.62 करोड़ की लागत से 6.50 किमी लंबी सड़क का नवीनीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य पूरा। 🔹 ₹4.07 करोड़ की लागत से बांडी नदी, कालवाड़ रोड पर पुलिया निर्माण से जलभराव और ट्रैफिक समस्या का समाधान। 🔹 झोटवाड़ा में 20+ नई सड़कों का निर्माण और चौड़ीकरण।
✅ ट्रैफिक और परिवहन सुधार
🔹 पुरानी सड़कों का पुनर्निर्माण, जिससे यातायात जाम की समस्या में कमी। 🔹 स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का कार्य प्रगति पर। 🔹 सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नई बस सेवाएं प्रस्तावित।
🚰 2️⃣ जल आपूर्ति और जल संरक्षण परियोजनाएं
✅ पेयजल और जल प्रबंधन
🔹 ₹55.42 लाख की लागत से 1.50 लाख लीटर क्षमता वाली पानी की टंकी का निर्माण पूरा, जिससे हजारो�� परिवारों को लाभ। 🔹 जल जीवन मिशन के तहत जल आपूर्ति नेटवर्क का विस्तार और पाइपलाइन सुधार कार्य। 🔹 वर्षा जल संचयन प्रणाली को बढ़ावा, जिससे भूजल स्तर में सुधार हो रहा है।
🏥 3️⃣ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
✅ सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों का आधुनिकीकरण
🔹 झोटवाड़ा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को अपग्रेड किया गया। 🔹 नए चिकित्सालयों और डिस्पेंसरियों का निर्माण, जिससे लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। 🔹 आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को राहत मिली।
📚 4️⃣ शिक्षा और युवा सशक्तिकरण
✅ स्कूलों और कॉलेजों का विकास
🔹 सरकारी विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम और आधुनिक सुविधाओं का विस्तार। 🔹 बच्चों के लिए छात्रवृत्ति और विशेष कौशल विकास कार्यक्रम। 🔹 झोटवाड़ा में नए खेल स्टेडियम और युवाओं के लिए स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर।
🛍️ 5️⃣ व्यापार और उद्योग को बढ़ावा
✅ MSMEs और स्थानीय व्यापारियों के लिए विशेष योजनाएं
🔹 “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट” (ODOP) योजना के तहत झोटवाड़ा के उद्यमियों को बढ़ावा। 🔹 स्थानीय बाजारों के विकास के लिए नई योजनाएं। 🔹 स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों के लिए विशेष प्रशिक्षण और सहायता।
🎉 6️⃣ नागरिक सुविधाओं का विस्तार
✅ स्वच्छता और हरित क्षेत्र
🔹 स्वच्छ भारत अभियान के तहत कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था में सुधार। 🔹 सार्वजनिक पार्कों और हरित क्षेत्रों के विकास के लिए विशेष पहल। 🔹 झोटवाड़ा में 5000+ पौधारोपण कार्यक्रम, जिससे पर्यावरण संतुलन बेहतर हुआ।
📈 कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का विज़न
इस विकास यात्रा को लेकर कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा:
“झोटवाड़ा का विकास हमारी प्राथमिकता है। हमने यहां बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और युवाओं के लिए रोजगार एवं शिक्षा के नए अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हमारा लक्ष्य है कि झोटवाड़ा को राजस्थान के सबसे विकसित और आत्मनिर्भर क्षेत्रों में शामिल किया जाए।”
🚀 झोटवाड़ा का भविष्य: आगामी विकास कार्य
✅ नई सड़कें और ओवरब्रिज निर्माण के लिए योजनाएं। ✅ झोटवाड़ा में नए औद्योगिक केंद्र स्थापित करने की पहल। ✅ आधुनिक शिक्षा और कौशल विकास केंद्रों का विस्तार। ✅ महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष कल्याणकारी योजनाएं।
🔹 झोटवाड़ा का विकास, राजस्थान की तरक्��ी!
💠 बेहतर सड़कें, यातायात और जल आपूर्ति। 💠 शिक्षा, स्वास्थ्य और युवाओं के लिए विशेष योजनाएं। 💠 स्थानीय व्यापार और औद्योगिक विकास को गति। 💠 हर नागरिक के लिए सुविधाओं में सुधार और समग्र विकास।
🚀 “विकसित झोटवाड़ा, आत्मनिर्भर राजस्थान!” 🇮🇳 जय हिंद! जय राजस्थान! 🏗️✨
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राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संबोधन

राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने प्रदेश के औद्योगिक विकास, निवेश, रोजगार और MSME सेक्टर को लेकर सरकार की नीतियों और आगामी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने राजस्थान को उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
मुख्य बिंदु — कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संबोधन
1️⃣ राजस्थान को ‘औद्योगिक हब’ बनाने की प्रतिबद्धता
✅ राजस्थान में इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और व्यापारिक सुगमता को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं। ✅ RIICO (Rajasthan State Industrial Development and Investment Corporation) के माध्यम से नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास। ✅ दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) और ग्रीनफील्ड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में निवेश को प्रोत्साहन।
2️⃣ MSMEs और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
✅ MSME पॉलिसी 2025 के तहत छोटे और मध्यम उद्योगों को वित्तीय सहायता। ✅ स्टार्टअप इंडिया मिशन के तहत राजस्थान को स्टार्टअप हब बनाने का लक्ष्य। ✅ “वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट (ODOP)” योजना के तहत स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों से जोड़ने की पहल।
3️⃣ निवेश और रोजगार को प्रोत्साहन
✅ Rajasthan Investment Promotion Scheme (RIPS) के तहत निवेशकों को कर राहत और भूमि सुविधा। ✅ “Ease of Doing Business” सुधार — व्यापार स्थापित करने की प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। ✅ रोजगार सृजन — औद्योगिक विस्तार से लाखों युवाओं के लिए नए अवसर।
4️⃣ ग्रीन एनर्जी और सस्टेनेबल इंडस्ट्री पर फोकस
✅ राजस्थान को भारत का ‘सोलर एनर्जी कैपिटल’ बनाने की दिशा में कार्य। ✅ हाइड्रोजन और पवन ऊर्जा परियोजनाओं को प्राथमिकता। ✅ पर्यावरण-अनुकूल उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन।
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ का संकल्प
कर्नल राठौड़ ने विधानसभा में कहा:
“राजस्थान को निवेश, उद्योग और नवाचार का केंद्र बनाना हमारा लक्ष्य है। सरकार उद्यमियों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी ताकि प्रदेश में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकें। हमारा विजन एक सशक्त, आत्मनिर्भर और औद्योगिक रूप से उन्नत राजस्थान का निर्माण करना है।”
राजस्थान के विकास की नई दिशा
🚀 औद्योगीकरण को गति देकर राजस्थान को देश का अग्रणी इंडस्ट्रियल हब बनाया जाएगा। 🚀 MSMEs और स्टार्टअप्स को अधिक अवसर और सरकारी सहयोग मिलेगा। 🚀 युवाओं के लिए नए रोजगार सृजन होंगे, जिससे आत्मनिर्भर राजस्थान की दिशा में मजबूत कदम बढ़ेंगे।
“विकसित राजस्थान, आत्मनिर्भर भारत!” जय हिंद! जय राजस्थान! 🚀🇮🇳
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Top 20 SEO Myths 2023

SEO Myths : किसी वेबसाइट की ऑनलाइन visibility के लिए SEO महत्वपूर्ण है। हम सब जानते हैं कि SEO में आपकी वेबसाइट को नंबर 1 पर ले जाने की क्षमता है। SERP में 1 पर आना, यह आपकी वेबसाइट को और भी बेहतर स्थिति में ले जा सकता है। ज्यादातर लोग मार्केटिंग उद्योग में काफी लोकप्रिय SEO Myths के जाल में फंसकर SEO सेवाओं को लेने से डरते हैं।
ऐसे Myths उन्हें SEO सेवाओं को लेने का निर्णय लेने से रोकते हैं। बल्कि SEO Myths प्रमुख कारण हैं कि क्यों बड़े संगठन अपने सपनों के ग्राहकों को आकर्षित करने में विफल रहते हैं।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप SEO के सही रास्ते पर हैं, SEO के बारे में इन 9 Myths और तथ्यों की जाँच करें।
तो चलो शुरू हो जाओ!
Top 20 SEO Myths
यहाँ कुछ सबसे आम SEO Myths और तथ्यों को देखने का समय है जो आपको बढ़ने से रोक रहे हैं।
1. एसईओ मर चुका है
2. डुप्लिकेट कंटेंट पेनल्टी
3. डोमेन AGE एक रैंकिंग कारक है
4. SEO में 3 महीने लगते हैं
5. SEO सिर्फ बैकलिंक्स के बारे में है
6. URL में कीवर्ड महत्वपूर्ण है
7. बाउंस रेट एक रैंकिंग फैक्टर है
8. गूगल सैंडबॉक्स
9. पीपीसी विज्ञापन रैंकिंग में मदद करता है
10. नंबर एक स्थान को सारा ट्रैफिक मिलता है
11. Long कंटेंट बेहतर होता है
12. कीवर्ड स्टफिंग से रैंकिंग में सुधार होता है
13. आउटबाउंड लिंक SEO के लिए खराब हैं
14. आधिकारिक वेबसाइटें हमेशा उच्च रैंक करेंगी
15. अच्छी सामग्री अच्छी रैंकिंग के बराबर होती है
16. SEO करने के नियम
17. अतिथि ब्लॉगिंग और लिंक नेटवर्क पर भरोसा करना ठीक है
18. आंतरिक लिंकिंग महत्वपूर्ण नहीं है
19. छवियों को ऑप्टीमाइज़्ड ना करना
20. मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट नहीं बनाना
For Complete Information, Please Read Our Full Blog,
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इपटा (IPPTA) ‘तेज़ी से बढ़ती एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से उत्पादकता और क्वालिटी में सुधार’ विषय पर सेमिनार का आयोजन करेगा
27 फरवरी 2025, मोहाली: इंडियन पल्प एंड पेपर टेक्निकल एसोसिएशन अपनी वार्षिक आम बैठक में ‘तेज़ी से बढ़ रही एआई टेक्नोलॉजी के माध्यम से उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार’ विषय पर सेमिनार करने जा रही है। यह सेमिनार 28 फरवरी और 1 मार्च 2025 को रेडिसन रेड, मोहाली में होगा। इस आयोजन में 400 से अधिक पेपर उद्योग से जुड़े प्रमुख टेक्नोलॉजिस्ट और उद्यमी, भारत और विदेशों से आए इंजीनियर, मशीनरी सप्लायर और…
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भारत में AI-संचालित पीसी की मांग 2025 तक 8-10 गुना बढ़ने की उम्मीद
2025 तक, भारत में AI-संचालित PC की ज़रूरत मौजूदा स्तरों से आठ से दस गुना बढ़ जाने का अनुमान है। उद्योग के अधिकारियों और बाज़ार विशेषज्ञों के अनुसार, उपभोक्ता PC बाज़ार में सुधार का दौर शुरू होने वाला है, और PC निर्माताओं को विस्तारित वितरण और अगली पीढ़ी की AI क्षमताओं से काफ़ी फ़ायदा मिलने वाला है। AI-संचालित PC का बढ़ता बाजारक्वालकॉम के उत्पाद प्रबंधन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष केदार कोंडप के अनुसार,…
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विपिन खुट्टेल – डिजिटल साक्षरता, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक दृष्टि रखने वाले प्रेरक नेता
विपिन खुट्टेल – डिजिटल साक्षरता, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक दृष्टि रखने वाले प्रेरक नेता
परिचय: परिवर्तन के चैंपियन
विपिन खुट्टेल एक प्रसिद्ध डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ, उद्यमी, शिक्षाविद् और सामाजिक सुधारक हैं, जिन्होंने शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, सामाजिक सशक्तिकरण और भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के क्षेत्र में ��द्वितीय योगदान दिया है। Being Topper के संस्थापक के रूप में उन्होंने हजारों छात्रों और पेशेवरों को मार्गदर्शन दिया, जिससे उन्हें डिजिटल दुनिया में सफलता प्राप्त करने में मदद मिली।
डिजिटल मार्केटिंग में उनके विशाल अनुभव और एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज की उनकी दृष्टि ने उन्हें प्रभावी शैक्षिक कार्यक्रमों का निर्माण करने के लिए प्रेरित किया, जो पारंपरिक शिक्षा और आधुनिक उद्योग की जरूरतों के बीच का अंतर भरते हैं। अपनी डिजिटल शिक्षा के कार्य के अलावा, उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने, विचारकों का सम्मान करने और समाज को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।
नवीनतम सम्मान और मान्यता
शिक्षाविदों और विचार नेताओं का सम्मान
विपिन खुट्टेल की शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और सामाजिक सुधारकों के योगदान को पहचानने की निरंतर प्रतिबद्धता ने उन्हें व्यापक पहचान दिलाई है। उनके द्वारा आयोजित ग्रांड बुक लॉन्च इवेंट, जो 28 जनवरी 2025 को हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में हुआ, में उन्होंने कई प्रमुख शिक्षाविदों का सम्मान किया। इस महत्वपूर्ण अवसर ने शिक्षा, शोध और भारत की सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर के संरक्षण के लिए उनके समर्पण का जश्न मनाया।
सम्मानित शिक्षाविदों में शामिल थे:
🏅 प्रोफेसर नंद किशोर पांडे – हिंदी साहित्य के एक प्रमुख विद्वान, जिन्होंने शैक्षिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
🏅 प्रोफेसर सत्यकेतु संस्कृत (डीन, अंबेडकर विश्वविद्यालय) – भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित एक प्रसिद्ध भाषाविद।
🏅 प्रोफेसर रमा (प��रिंसिपल, हंसराज कॉलेज, DU) – उच्च शिक्षा में एक दूरदर्शी नेता, जो युवा मानसिकता को आकार देने के लिए समर्पित हैं।
🏅 प्रोफेसर भारती भोर – शिक्षा और शोध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित शिक्षाविद।
ये सम्मान विपिन खुट्टेल की लगातार कोशिशों को दर्शाते हैं, जो भारतीय विचारकों और शिक्षाविदों के योगदान को सम्मानित करने और बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे हैं।
पिछले योगदान और सम्मान
डॉक्टर्स डे समारोह (1 जुलाई 2022, संविधान क्लब, नई दिल्ली)
सामाजिक क्षेत्र में परिवर्तन लाने वाले लोगों को सम्मानित करने के अपने मिशन के तहत, विपिन खुट्टेल ने डॉक्टर्स डे समारोह का आयोजन 1 जुलाई 2022 को संविधान क्लब, नई दिल्ली में किया। यह कार्यक्रम चिकित्सा, पत्रकारिता, सामाजिक कार्य, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए था।
मुख्य अतिथि और सम्मानित व्यक्ति थे:
डॉ. सुरेश कुमार (LNJP अस्पताल)
डॉ. आर.के. श्री-रावा (सफदरजंग अस्पताल)
डॉ. धर्मपाल भारद्वाज (डिप्टी चीफ, दिल्ली फायर सर्विस)
मेहंदी माजिद (वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता)
श्री के.एन. सिंह (प्रमुख व्यक्ति)
यह कार्यक्रम डॉ. विधान चंद्र रॉय की विरासत को सम्मानित करने और विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक सुधार के प्रयासों को उजागर करने का अवसर था। एसीपी श्री दिनेश कुमार ने समारोह में डॉक्टरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के योगदान को सराहा।
Gems ऑफ इंडिया सम्मान (7 जून 2022)
सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने के अपने निरंतर प्रयास में, Being Topper ने 7 जून 2022 को आयोजित एक कार्यक्रम में कई प्रमुख व्यक्तित्वों को "गems ऑफ इंडिया" के रूप में सम्मानित किया। इन सम्मानित व्यक्तित्वों में शामिल थे:
श्री हनुमान शर्मा (पूर्व कुलपति, जयपुर राष्ट्रीय विश्वविद्यालय)
प्रोफेसर सत्यकेतु संस्कृत (डीन, अंबेडकर विश्वविद्यालय)
डॉ. पंकज लाठर (डीन, दिल्ली स्किल यूनिवर्सिटी)
आलोक नाथ गोस्वामी (निर्देशक, RR कॉलेज ऑफ एजुकेशन, जयपुर)
श्री सुरेंद्र मलिक, श्री संदीप दीक्षित
इसके अतिरिक्त, विशेष महिला सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित होने वाली महिलाएं थीं:
प्रोफेसर गीता भट्ट (निर्देशक, NCWEB, दिल्ली विश्वविद्यालय)
डॉ. ममता मलिक
प्रियंका शर्मा
अंजना दीक्षित
पूनम यादव (प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक)
कनिका मलिक (ओकुल्ट विशेषज्ञ)
विन्नी धमेेजा, साक्षी धनजल, सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति आनंद, हिंदी कवि��ित्री श्रीमती नीतू पंचाल, निधि
इन व्यक्तित्वों को उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान और सामाजिक परिवर्तन में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
विपिन खुट्टेल – डिजिटल साक्षरता और शिक्षा में बदलाव लाने वाले नेता
Being Topper के संस्थापक के रूप में विपिन खुट्टेल ने डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए कई प्रमुख कदम उठाए हैं। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग कौशल, व्यावहारिक शिक्षा, और उद्योग के लिए तैयार पेशेवरों को तैयार करने के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। उनके नेतृत्व में Being Topper ने:
✅ छात्रों और पेशेवरों को अत्याधुनिक डिजिटल मार्केटिंग कौशल प्रदान किए, जिससे उनकी नौकरी की संभावनाएं और करियर में वृद्धि हुई। ✅ पारंपरिक शिक्षा और उद्योग की आवश्यकता के बीच के अंतर को पाटने के लिए कार्य किया, ताकि छात्रों को व्यावहारिक और रोजगार-योग्य कौशल प्राप्त हो सके। ✅ उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम लॉन्च किए, जिससे व्यक्तियों को अपना व्यवसाय बनाने और उसे बढ़ाने के उपकरण मिल सके। ✅ मार्गदर्शन और करियर काउंसलिंग प्रदान की, जिससे पेशेवरों को डिजिटल परिदृश्य में सफलता प्राप्त करने में मदद मिली।
विपिन खुट्टेल के प्रयासों ने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया और हजारों छात्रों को सशक्त किया।
सामाजिक सुधार और सशक्तिकरण के चैंपियन
विपिन खुट्टेल की सेवाएं केवल शिक्षा तक ही सीमित नहीं हैं; वे सामाजिक सुधार और सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी गहरी रुचि रखते हैं। उनकी कार्यक्रमों में महिला सशक्तिकरण, युवा विकास और समुदाय की मदद करने के लिए विभिन्न पहलें शामिल हैं। उन्होंने:
👩💻 महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को डिजिटल कौशल सिखाने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित कीं, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता और करियर विकास की दिशा में मदद मिली। 🎓 युवा विकास: युवा मनोबल बढ़ाने और उन्हें नई अवसरों की दिशा में प्रेरित करने के लिए प्रेरणादायक सेमिनार और प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए। 🏡 समुदाय सशक्तिकरण: गैर-लाभकारी संगठनों के साथ साझेदारी की, जिससे समाज के जरूरतमंद वर्गों को शिक्षा, प्रशिक्षण और संसाधन प्राप्त हुए।
भारत की सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर का पुनर्निर्माण
सिर्फ डिजिटल साक्षरता और सामाजिक सशक्तिकरण तक ही सीमित नहीं, विपिन खुट्टेल ने भारतीय सांस्कृतिक और वैज्ञानिक धरोहर के पुनर्निर्माण के लिए भी कार्य किया है। उन्होंने AGYATONSEARCH पुरस्कार और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर संगोष्ठी के आयोजन के दौरान भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों को फिर से मुख्यधारा में लाने के लिए पहल की है।
📜 भारतीय अदृश्य विज्ञान (ओकुल्ट) जैसे ज्योतिष, अंक ज्योतिष और वेदों पर आधारित प्रणालियों की वैज्ञानिक समझ को बढ़ावा दिया। 🔬 पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के बीच पुल स्थापित किया, जिससे इन क्षेत्रों ��ें व्यावहारिक और प्रमाणिकता आधारित अध्ययन को बढ़ावा मिला। 🌍 भारत की बौद्धिक धरोहर के बारे में जागरूकता बढ़ाई, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझें और सम्मानित करें।
विपिन खुट्टेल के कार्यों का गहरा प्रभाव विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा सकता है:
✔ डिजिटल साक्षरता का क्रांतिकारी परिवर्तन: उनके प्रयासों ने हजारों छात्रों को मूल्यवान कौशल प्रदान किए, जिससे उनकी नौकरी की संभावनाएं बढ़ीं। ✔ सामाजिक सशक्तिकरण: उनके कार्यक्रमों ने महिलाओं, युवाओं और समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। ✔ संस्कृतिक पुनर्निर्माण: उनकी पहल से भारत की सांस्कृतिक धरोहर में रुचि और सम्मान का पुनः जन्म हुआ। ✔ शैक्षिक मान्यता: उनके द्वारा किए गए प्रयासों से शिक्षाविदों की भूमिका और महत्व को समाज में और मजबूत किया गया।
विपिन खुट्टेल सिर्फ एक शिक्षाविद् या डिजिटल रणनीतिकार नहीं हैं, बल्कि एक परिवर्तन के अग्रदूत हैं। उनकी समर्पित कोशिशें, डिजिटल
शिक्षा, सामाजिक सशक्तिकरण और भारतीय सांस्कृतिक पुनर्निर्माण के लिए उनके प्रयासों ने समाज पर गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जो समग्र समाज की भलाई और प्रगति के लिए काम करता है
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काउंटर स्टाफ Job || काउंटर सेल्स एग्जीक्यूटिव || सहायक सेल्स मैन || फ्रोजन चिकन स्टोर || मुंबई || कोलकाता || भारत नमस्ते Every body
इस जॉब पोस्ट में, हम "आदर्श करियर ज़ोन" में गोता लगाते हैं, जो आपके लिए सही पेशा खोजने के रहस्यों को उजागर करता है!
चाहे आप #नौकरी की तलाश कर रहे हों, #नौकरी की तलाश कर रहे हों, या नए #चकरी विकल्पों की खोज कर रहे हों, हम आपको विशेषज्ञ युक्तियों और करियर सलाह के साथ कवर करते हैं। अपने जुनून को समझने से लेकर नौकरी की खोज में महारत हासिल करने और साक्षात्कार में सफल होने तक, हम आपको आत्मविश्वास के साथ प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाते हैं!
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IBM Entry Level Careers for Freshers| WFO Opportunities 2025| New Vacancy
आईबीएम के लिए आईबीएम एंट्री केयर केयर केयर कैरियर, आईबीएम, आईबीएम, आईआरए के वैश्विक नेता, नए लोगों के लिए विभिन्न प्रकार के एक्सेस-प्र��िरोधी काम प्रदान करता है। ये भूमिकाएँ उन्नत प्रौद्योगिकी के लिए ज्ञान, उद्योग नामांकन और विज्ञापन का ज्ञान हैं। आईपीएम के एक्सेस-लेवल स्टेटस सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में सुधार, तकनीकी ज्ञान, सलाह, इंजीनियरिंग और तकनीकी सहायता, विभिन्न औद्योगिक पथ सुनिश्चित करना। चूंकि…
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https://hindi.newsinheadlines.com/adani-scam-investigation-results-impact-on-the-corporate-sector/
अडानी घोटाला जांच के परिणामस्वरूप, अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। कुछ कंपनियों के शेयर 20 प्रतिशत तक गिर गए, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई। हालांकि, बाद में कुछ कंपनियों ने सुधार दिखाया और उनके शेयरों में वृद्धि हुई। यह घटना दर्शाती है कि एक बड़े उद्योग ग्रुप की वित्तीय स्थिति कितनी प्रभावित हो सकती है, जब उस पर आरोप लगाए जाते हैं। यह पूरे कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए एक संकेत है कि किसी भी कंपनी को अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखनी चाहिए, ताकि निवेशकों का विश्वास न खोया जाए।
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पीएम मोदी ने ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का किया उद्धाटन, प्रदेश को बताया पर्यटन का केंद्र

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2024 को जयपुर में आयोजित ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का उद्घाटन किया। इस समिट में प्रधानमंत्री ने राजस्थान के विकास की दिशा में अहम कदम उठाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और प्रदेश को न केवल एक निवेश केंद्र, बल्कि एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में अपनी राय साझा की।
राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ ने प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हुए विभिन्न उद्योगों में निवेश को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है�� प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि राजस्थान में अत्यधिक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने राजस्थान को एक नए पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के राज्य सरकार के प्रयासों को भी सराहा और इस दिशा में सरकार की योजनाओं को तेजी से लागू करने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजस्थान की विशाल ऐतिहासिक धरोहर, अनूठी संस्कृति, और प्राकृतिक सौंदर्य न केवल भारतीय पर्यटकों बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जयपुर, उदयपुर, जैसलमेर, और जोधपुर जैसे शहरों में पर्यटन के विस्तार के साथ ही रोजगार के अवसर���ं का सृजन भी हो सकता है।
निवेश के लिए आकर्षक बन रहा राजस्थान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस समिट के जरिए राजस्थान को एक निवेश केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने राज्य के विकास में निवेशकों की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि राजस्थान के पास सौर ऊर्जा, खनिज संसाधन, और कृषि जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएँ हैं। मोदी ने कहा कि राज्य में निवेश के लिए कई नई नीतियाँ और योजनाएँ बनाई गई हैं, जो यहाँ के उद्योगों को मजबूत करने के साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेंगी।
प्रधानमंत्री ने राजस्थान सरकार के “एक्सपोर्ट प्रमोशन” और “अर्थव्यवस्था में विविधता लाने” के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। साथ ही, उन्होंने कृषि, आईटी, और विनिर्माण क्षेत्र में राज्य की मौजूदा स्थिति को और बेहतर बनाने की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं का जिक्र किया।
पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और विकास
प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र को “नया आयाम” देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य को दुनिया भर के पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल बनाने के लिए यहां के ऐतिहासिक किलों, मंदिरों, और संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सहेजने और प्रचारित करने की जरूरत है।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने “इको-टूरिज़्म” और “अडवेंचर टूरिज़्म” जैसी नई श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित करने की बात की, जिससे पर्यटक एक नई अनुभव की तलाश में राज्य का रुख करें। उन्होंने राज्य सरकार को इन क्षेत्रों में आवश्यक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में सुधार करने की सलाह दी, जिससे पर्यटन उद्योग को एक नई दिशा मिले।
समिट के प्रमुख उद्देश्य
इस समिट का उद्देश्य राजस्थान में निवेश को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर सृजित करना, और राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। राज्य सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों के लिए कई अवसरों को पेश किया, जिनमें पर्यटन, सौर ऊर्जा, खनिज, और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
राजस्थान सरकार ने राज्य में कारोबार को और सरल बनाने के लिए कई नीतिगत सुधारों की घोषणा की, जिनसे राज्य में व्यवसाय करने में आसानी होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन सुधारों से राजस्थान को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024’ का उद्घाटन राजस्थान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह राज्य की बढ़ती वैश्विक पहचान को और मजबूती देगा। समिट में दिए गए संदेश से यह स्पष्ट होता है कि राजस्थान न केवल निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल है, बल्कि अपने अद्वितीय पर्यटन संसाधनों के माध्यम से विश्वभर में एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
राजस्थान का यह प्रयास न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इन योजनाओं को कितनी प्रभावी ढंग से लागू करती है और राजस्थान को एक प्रमुख पर्यटन और निवेश स्थल के रूप में स्थापित करने में कितनी सफलता प्राप्त करती है।
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आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक ०२ फेब्रुवारी २०२५ सकाळी ७.१० मि.
Regional Marathi Text Bulletin, Chhatrapati Sambhajinagar Date – 02 February 2025 Time 7.10 AM to 7.20 AM Language Marathi आकाशवाणी छत्रपती संभाजीनगर प्रादेशिक बातम्या दिनांक ०२ फेब्रुवारी २०२५ सकाळी ७.१० मि.
• मध्यमवर्गाला दिलासा देणारा अर्थसंकल्प सादर-१२ लाख रुपयांपर्यंतचं उत्पन्न करमुक्त • शेती-आरोग्य-���ोजगार-लघू आणि मध्यम उद्योग आदी क्षेत्रांना अर्थसंकल्पात प्राधान्य • अर्थसंकल्पातल्या तरतुदींचं मुख्यमंत्र्यांकडून स्वागत तर विरोधकांकडून टीका आणि • पाणी प्रश्नाबाबत जागृतीसाठी मराठवाडा जलसमृद्धी प्रतिष्ठानकडून जलसंवाद परिषदेचं आयोजन
देशाच्या मध्यमवर्गाला मोठा दिलासा देणारा अर्थसंकल्प केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन यांनी काल संसदेत सादर केला. १६ लाख ४५ हजार कोटी रुपये तुटीच्या या अर्थसंकल्पात आगामी वर्षात कर महसुलातून ३४ लाख २० हजार कोटी रुपये उत्पन्न तर ५० लाख ६५ हजार कोटी रुपये खर्च प्रस्तावित असल्याचं म्हटलं आहे. वित्तीय तूट ४ पूर्णांक ४ दशांश टक्के राहण्याची शक्यता असून, चालू आर्थिक वर्षात तुटीचं हे प्रमाण ४ पूर्णांक ८ दशांश टक्के राहण्याचा अंदाज वर्तवण्यात आला आहे. या अर्थसंकल्पात सर्वसामान्य करदाते, शेती, आरोग्य, रोजगार, लघू आणि मध्यम उद्योग, निर्यात, गुंतवणूक, ऊर्जा, नागरीकरण, आदी क्षेत्रांना प्राधान्य देण्यात आलं आहे. सर्वसामान्यांच्या जिव्हाळ्याचा विषय असलेल्या आयकर प्रणालीत मोठे सुधार अर्थमंत्र्यांनी प्रस्तावित केले, यामुळे करदात्याचं सुमारे १२ लाख रुपयांपर्यंतचं उत्पन्न करमुक्त होणार आहे. स्टँडर्ड डिडक्शन अर्थात मानक वजावटीची मर्यादा ५० हजारांवरून ७५ हजारांपर्यंत प्रस्तावित करण्यात आली आहे. यासंदर्भातलं नवं आयकर विधेयक पुढील आठवड्यात मांडणार असल्याचं अर्थमंत्र्यांनी सांगितलं. नव्या आय कर रचनेनुसार ४ लाख रुपयांपर्यंतचं उत्पन्न पूर्णपणे करमुक्त असेल. ४ ते ८ लाख रुपयांपर्यंत उत्पन्नावर ५ टक्के कर आकारला जाईल, ८ ��े १२ लाख रुपये उत्पन्नावर १० टक्के, १२ ते १६ लाखांपर्यंत १५ टक्के, १६ ते २० लाखांसाठी २० टक्के, २० ते २४ लाखांसाठी २५ टक्के तर २४ लाख रुपयांपेक्षा जास्त उत्पन्नावर ३० टक्के कर द्यावा लागणार आहे. सुधारित आयकर विवरण पत्र भरण्याची मुदत आता २ वर्षांवरुन ४ वर्ष करण्यात आली आहे. TDS आणि TCS साठीही अनेक सुधारणा अर्थमंत्र्यांनी प्रस्तावित केल्या. ज्येष्ठ नागरिकांसाठी टीडीएस मर्यादा १ लाख रुपये प्रस्तावित करण्यात आली आहे.
पंतप्रधान धनधान्य कृषी योजनेची घोषणा अर्थमंत्र्यांनी केली. याचा लाभ दीड कोटीपेक्षा जास्त शेतकऱ्यांना होणार आहे. किसान क्रेडिट कार्डद्वारे साडे सात कोटींपेक्षा जास्त शेतकरी, मच्छिमार आणि दूध उत्पादक शेतकऱ्यांना अल्प मुदतीचं कर्ज उपलब्ध करून दिलं जाणार आहे. सुधारित व्याज अनुदान योजने अंतर्गत कर्ज मर्यादा तीन लाखांहून ५ लाखांपर्यंत वाढवण्यात आली आहे. ग्रामीण समृद्धी आणि लवचिकता कार्यक्रमाच्या माध्यमातून कृषी क्षेत्रातल्या बेरोजगारांना कौशल्य, तंत्रज्��ान पुरवलं जाणार आहे. तेलबियांसाठी राष्ट्रीय अभियान राबवण्यात येणार असून, तूर, उडीद, मसूर यांना केंद्रस्थानी ठेवून सहा वर्षांचा आत्मनिर्भर कार्यक्रम आखला जाणार आहे. नोंदणीकृत शेतकऱ्यांकडून पुढील चार वर्षांसाठी नाफेड आणि NCCF कडून तेलबीयांची खरेदी केली जाईल, असं त्यांनी सांगितलं.
सूक्ष्म, लघू आणि मध्यम उद्योग क्षेत्रातल्या वर्गीकरणासाठी गुंतवणुकीची मर्यादा अडीच पटीने तर उलाढालीची मर्यादा दुपटीने वाढवण्यात आली आहे. याशिवाय चर्मोद्योग, खेळणी, अन्नप्रक्रिया, पर्यावरण पूरक तंत्रज्ञान निर्मिती अशा विविध क्षेत्रांसाठी संस्थांची स्थापना, एक कोटी असंघटित कामगारांची ई श्रम पोर्टलवर नोंदणी, ३० हजार रुपयांची मर्यादा असलेली यूपीआय संलग्न क्रेडिट कार्ड आणि प्रधानमंत्री स्वनिधी योजनेत वाढ, आदी घोषणाही अर्थमंत्र्यांनी केल्या.
या अर्थसंकल्पात संरक्षण क्षेत्रासाठी सुमारे पाच लाख कोटी, ग्रामीण विकास सुमारे अडीच लाख कोटी, कृषी १ लाख ७१ हजार कोटी, शिक्षण १ लाख २८ हजार कोटी, आरोग्य ९८ हजार कोटी तर क्रीडा क्षेत्रासाठी ३ हजार ७९४ कोटी रुपये तरतूद करण्यात आली असून, विमा क्षेत्रात थेट परकीय गुंतवणुकीची मर्यादा ७४ टक्क्यांवरुन १०० टक्के करण्यात आली आहे.
सौर बॅटरी, स्मार्ट इलेक्ट्रिक मीटर, कृत्रिम दागिने, इलेक्ट्रीक वाहनं आणि मोबाईल फोन तसंच एलसीडी, एलईडी टीव्हीच्या सुट्या भागांवरच्या करात सवलत, आणि कर्करोगासह ३६ महत्त्वाच्या औषधांना सीमा शुल्कातून सूट प्रस्तावित करण्यात आली आहे. आय आय टी मध्ये साडे सहा हजार तर वैद्यकीय अभ्यासक्रमाच्या १० हजार जागा वाढवण्याचं या अर्थसंकल्पात नमूद असून, देशात तीन कृत्रीम बुद्धीमत्ता अभ्यास केंद्र स्थापन केली जाणार आहेत.
येत्या तीन वर्षांत प्रत्येक जिल्हा रुग्णालयात कर्करुग्णांसाठी उपचार केंद्र, २५ हजार कोटी रुपये निधीसह मेरीटाईम बोर्डाची स्थापना, उडान योजनेची नव्याने स्थापना, ५० नव्या पर्यटन क्षेत्रांचा विकास, मेडिकल टूरिझमसाठी 'हील इंडिया'योजना, जलजीवन मिशनला २०२८ पर्यंत मुदतवाढ, दीड लाख ग्रामीण टपाल कार्यालयं, पुरातन हस्तलिखितांचं जतन, तसंच आंतरराष्ट्रीय व्यापारासाठी नवीन पोर्टल सुरू करणार असल्याचं, अर्थमंत्र्यांनी सांगितलं. **** हा अर्थसंकल्प करदात्यांना दिलासा देणारा तसंच सर्वसमावेशक असल्याचं सांगत, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी या अर्थसंकल्पाचं स्वागत केलं. ते म्हणाले… जी इन्कम टॅक्सची रचना करण्यात आलेली आहे, याचा मोठा फायदा मध्यमवर्गीयांना, नोकरदारांना, नवतरूणांना होणार आहे. ए���विसाव्या शतकातला हा अर्थसंकल्प विकसित भारताचा अर्थसंकल्प आहे. भारताला गतीने पुढे नेणारा अर्थसंकल्प आहे. आणि भारत हा प्रगल्भ अर्थव्यवस्थेकडे चाललेला आहे. आणि त्यासोबत सर्वसमावेशक अर्थव्यवस्थेकडे चाललेला आहे. या दोन्ही गोष्टी आपल्याला या अर्थसंकल्पातनं पाहायला मिळतात. हा अर्थसंकल्प नोकरदार वर्गाला अभूतपूर्व दिलासा देणारा असल्याचं वर्णन उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यांनी केलं आहे. उपमुख्यमंत्री तथा अर्थमंत्री अजित पवार यांनी या अर्थसंकल्पातून विकसित भारताची पायाभरणी होत असल्याची प्रतिक्रिया नोंदवली आहे. या अर्थसंकल्पातून महाराष्ट्रातल्या पायाभूत प्रकल्पांना भरीव निधी मिळाल्याची माहिती त्यांनी दिली. मुंबई-अहमदाबाद हायस्पीड रेल्वेसाठी चार हजार कोटी, दळणवळण सुधारणांसाठी ६८३ कोटी, महाराष्ट्र अॅग्री बिझनेस नेटवर्क-मॅग्नेट प्रकल्पासाठी ५९६ कोटी, तर सर्वसमावेशक विकासासाठी आर्थिक क्लस्टर जोडणीकरता एक हजार ९४ कोटी रुपये निधीची तरतूद करण्यात आल्याचं, अजित पवार यांनी सांगितलं.
काँग्रेस पक्षाने हा अर्थसंकल्प म्हणजे फक्त आकड्यांचा भुलभुलैया असल्याची टीका केली. प्रदेश काँग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले यांनी, या अर्थसंकल्पातून गुंतवणूकदार, शेतकरी, व्यापारी आणि सामान्य नागरिकाची निराशा झाल्याचं मत नोंदवलं. माजी मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण यांनी या अर्थसंकल्पात कुठेही शिक्षण आणि आरोग्य क्षेत्राशी निगडीत मोठ्या कल्पना मांडण्यात आल्या नसल्याची टीका केली.
भारतीय कम्युनिस्ट पक्षाचे राष्ट्रीय सचिव डॉ भालचंद्र कांगो यांनी हा अर्थसंकल्प निराशाजनक असल्याची प्रतिक्रिया दिली आहे… हे बजट निराशाजनक आहे. कारण का की भारतापुढे आज अर्थव्यवस्थेचे अनेक प्रश्न आहेत. याच्यामध्ये वाढती महागाई, बेरोजगारी आणि वाढती विषमता हे प्रश्न गंभीर आहेत. परंतू त्याचा कुठेही उल्लेखदेखील नाही. शेतकऱ्यांची जी मागणी आहे, एम एस पी ची, त्याचाही उल्लेख नाही. त्याचबरोबर पेन्शनसारख्या किंवा मनरेगासारख्या ज्या योजना असतात, त्याचा निधी वाढवलेला नाही.
किसान सभेचे डॉ अजित नवले यांनी या अर्थसंकल्पात शेतीसाठी करण्यात आलेल्या बहुतांशी घोषणा या उद्योजक आणि औद्योगिक क्षेत्राला लाभ पोहोचवणाऱ्या असल्याची टीका केली. ते म्हणाले… फायदा आणि तरतुदी कॉर्पोरेट सेक्शन धार्जिण्या आणि भासवणं मात्र शेती क्षेत्राला फार मोठे उपकार केलेत. अशाच प्रकारची गोष्ट या अर्थसंकल्पात आपल्याला झालेली दिसते. शेतकऱ्यांना कर्जमाफीपासून, आधारभावाच्या संरक्षणापासून वंचित ठेवण्यात आलेलं आहे. शेतकऱ्यांसाठी निराशाजनक असा हा अर्थसंकल्प आहे.
या अर्थसंकल्पात लघु आणि मध्यम उद्योगांसाठी क्रेडिट हमी कवच १० कोटी रुपयांपर्यंत वाढवण्याच्या निर्णयाचं मराठवाडा असोसिएशन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज ॲण्ड ॲ��्रीकल्चरचे कार्यकारिणी सदस्य उद्योजक दुष्यंत आठवले यांनी स्वागत केलं आहे.
पर्यटनविषयक होम स्टे या प्रकाराला चालना देण्यासाठी या अर्थसंकल्पात केलेल्या तरतुदीचं धाराशिव इथल्या पर्यटन जनजागृती समितीचे अध्यक्ष युवराज नळे यांनी स्वागत केलं आहे. त्यामुळे रोजगार निर्मितीला चालना मिळेल असा विश्वासही त्यांनी व्यक्त केला… होम स्टेच्या संदर्भात जास्तीत जास्त गुंतवणूक कशी होईलआणि होम स्टेच्या माध्यमातून पर्यटन क्षेत्र आणखीन जास्त कसं वृद्धींगत होत जाईल, यासाठी या अर्थसंकल्पामध्ये जो निर्णय घेतलेला आहे, त्याचं मी स्वागत करतो. आणि अपेक्षा करतो की याचं इंप्लिमेंटेशन मोठ्या प्रमाणावर व्हावं आणि तरूणांना याच्या माध्यमातून रोजगार निर्मिती व्हावी.
मराठवाडा जलसमृद्धी प्रतिष्ठानच्या वतीनं आज छत्रप���ी संभाजीनगर इथं जलसंवाद २०२५ या परिषदेचं आयोजन करण्यात आलं आहे. मराठवाड्याची पाण्याची गरज आणि पाणी उपलब्धतेच्या संभाव्य उपाययोजना या संदर्भात या परिषदेत चर्चा होणार आहे. चिकलठाणा परिसरात मसिआ संघटनेच्या सभागृहात आज सकाळी नऊ वाजता होणाऱ्या या परिषदेला उपस्थित राहण्याचं आवाहन आयोजकांनी केलं आहे.
जालना जिल्ह्याच्या सर्वांगीण विकासासाठी निश्चितपणे प्रयत्न करू, असं पालकमंत्री पंकजा मुंडे यांनी म्हटलं आहे. जिल्हा वार्षिक योजनेच्या २०२५-२६ या वर्षाच्या ४११ कोटी १७ लाख रूपयांच्या प्रारुप आराखड्याला काल मुंडे यांच्या अध्यक्षतेखाली झालेल्या नियोजन समितीच्या बैठकीत मान्यता देण्यात आली, त्यावेळी त्या बोलत होत्या.
गझल ही माणसाला माणसाच्या जवळ आणण्याचं काम करते असं मत, ख्यातनाम मराठी उर्दू गझलकार डॉ. संदीप गुप्ते यांनी व्यक्त केलं आहे. अंबाजोगाई इथं साधना प्रतिष्ठानच्या दुसऱ्या अखिल भारतीय एल्गार मराठी गझल संमेलनाचं काल उद्घाटन केल्यानंतर ते बोलत होते. या कार्यक्रमात सागर पांपटवार आणि प्रियंका गिरी या नवोदित गझलकारांचा उपस्थित मान्यवरांच्या हस्ते स्मृतिचिन्ह तसंच शाल देऊन गौरव करण्यात आला.
परभणीच्या सय्यद शाह तुराबूल हक उर्सला आजपासून सुरुवात होत आहे. जिल्हाधिकारी राघुनाथ गावडे, पोलीस निरीक्षक रवींद्रसिंह परदेशी यांच्या उपस्थितीत काल संदल मिरवणूक काढण्यात आली.
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मिथिला में मखाना बोर्ड से कितने जिलों को होगा फायदा? निर्मला सीतारमण के बजट में हुई घोषणा का सार समझिए
मिथिला में मखाना बोर्ड से कितने जिलों को होगा फायदा? निर्मला सीतारमण के बजट में हुई घोषणा का सार समझिए
मधुबनी (1 फरवरी, 2025): केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के केंद्रीय बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें मिथिला क्षेत्र के मखाना किसानों के लिए मखाना बोर्ड बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इस बोर्ड के गठन से मखाना उत्पादकों को बाजार में सीधा लाभ मिलेगा, उनकी आय में वृद्धि होगी और मखाना उद्योग में सुधार होगा। इसके साथ ही, इस क्षेत्र में मखाना उ��्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन…
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महाराष्ट्र के विकास में सीमेंट निर्माण की भूमिका
सीमेंट निर्माण महाराष्ट्र की आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो बुनियादी ढांचे की वृद्धि, रोजगार और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यहाँ यह विवरण दिया गया है कि सीमेंट निर्माण राज्य के विकास को कैसे प्रभावित करता है:

1.मौलिक सुविधाओं का विकास
निर्माण और निर्माण कार्य: सीमेंट भवनों, सड़कों, पुलों, बांधों और अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में एक आवश्यक घटक है। महाराष्ट्र, जो शहरीकरण का केंद्र है, सीमेंट निर्माण के माध्यम से बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों को समर्थन देता है, खासकर मुंबई, पुणे और नागपुर जैसे शहरों में।
औद्योगिक वृद्धि: औद्योगिक पार्क, वाणिज्यिक भवनों और गोदामों के निर्माण में सीमेंट अहम भूमिका निभाता है, जो महाराष्ट्र के विनिर्माण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों के लिए आवश्यक है।
2.आर्थिक योगदान
राजस्व सृजन: सीमेंट उद्योग राज्य को करों और शुल्कों के माध्यम से महत्वपूर्ण राजस्व प्रदान करता है, जिससे सार्वजनिक आधारभूत संरचनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के ��िए धन प्राप्त होता है।
रोजगार के अवसर: सीमेंट संयंत्र हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं, जिनमें उत्पादन, वितरण और प्रशासन जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा, यह उद्योग आपूर्तिकर्ताओं, परिवहनकर्ताओं और ठेकेदारों के माध्यम से अप्रत्यक्ष रोजगार भी उत्पन्न करता है।
3.संबंधित उद्योगों को बढ़ावा
कच्चे माल: महाराष्ट्र में सीमेंट उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल जैसे कि चूना पत्थर, मिट्टी और जिप्सम प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इनका स्थानीय स्रोतों से उपलब्ध होना आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देता है, जिससे लॉजिस्टिक लागत में कमी आती है और अर्थव्यवस्था को लाभ मिलता है।
आपूर्ति श्रृंखला और लॉजिस्टिक्स: सीमेंट निर्माता ट्रकिंग, गोदामों और बंदरगाह लॉजिस्टिक्स जैसी मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर होते हैं, जो महाराष्ट्र के परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों को बढ़ावा देती हैं।
अनुसंधान और विकास: सीमेंट निर्माण कंपनियां अक्सर अपनी प्रक्रियाओं में सुधार और अधिक स्थायी उत्पादों के निर्माण के लिए अनुसंधान और विकास (R&D) में निवेश करती हैं, जो राज्य के औद्योगिक आधार में नवाचार को बढ़ाती है।
4.ग्रामीण विकास
सीमेंट संयंत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित होते हैं, जो वहां आवश्यक आधारभूत सुविधाओं, स्वास्थ्य सेवाओं और शैक्षिक सुविधाओं का विकास करते हैं। इन संयंत्रों की उपस्थिति स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को बेहतर कनेक्टिविटी और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके सुधारती है।
5.पर्यावरणीय प्रभाव और स्थिरता
ग्रीन सीमेंट: पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करने के लिए, महाराष्ट्र की कई सीमेंट कंपनियां कार्बन उत्सर्जन को कम करने, वैकल्पिक ईंधन का उपयोग करने और ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए "ग्रीन सीमेंट" का उत्पादन करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह राज्य के पर्यावरणीय लक्ष्यों में योगदान करता है।
रीसायकलिंग और अपशिष्ट उपयोग: कुछ सीमेंट संयंत्र औद्योगिक अपशिष्टों (जैसे कि फ्लाई ऐश या स्लैग) का उपयोग उत्पादन में करते हैं, जिससे अपशिष्ट कम होता है और पारंपरिक पद्धतियों के मुकाबले पर्यावरणीय दृष्टिकोण से यह एक बेहतर विकल्प बनता है।
6.चुनौतियाँ और अवसर
मांग में उतार-चढ़ाव: सीमेंट उद्योग निर्माण की मांग में उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील होता है, जो लाभप्रदता को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, महाराष्ट्र के निरंतर शहरी विकास और आधारभूत संरचना परियोजनाओं के कारण सीमेंट की स्थिर मांग बनी रहती है। •प्रतिस्पर्धा और नवाचार: जैसे-जैसे उद्योग बढ़ता है, उत्पादकों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जो उत्पाद विकास, लागत दक्षता और स्थिरता में नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
सारांश: महाराष्ट्र में सीमेंट निर्माण राज्य की समग्र विकास में अपरिहार्य भूमिका निभाता है, यह आधारभूत संरचनाओं, औद्योगिकीकरण, रोजगार सृजन और स्थिरता को समर्थन देता है। शहरी विस्तार और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के साथ, यह उद्योग महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ बना हुआ है।
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