#उत्तराखंड UCC
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उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत, शादी, लिव-इन रजिस्ट्रेशन और वसीयत दस्तावेज़ों के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की सिफारिश की गई है, जिससे कानूनी प्रक्रियाओं को सरल और सभी के लिए सुलभ बनाया जा सके।
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CM Dhami On UCC : उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगी समान नागरिक संहिता- मुख्यमंत्री
देहरादून : CM Dhami On UCC मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता लागू हो जाएगी। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस तरह उत्तराखंड, आजादी मे बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला प्रदेश बन जाएगा। Weather Update : उत्तराखंड में पहाड़ों पर बर्फबारी व मैदानी क्षेत्रों में शीतलहर का अलर्ट बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और…
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‘उत्तराखंड में इसी महीने लागू होगी समान नागरिक संहिता’, बरेली में बोले CM पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि राज्य में इस महीने से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होगी. उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जहां समान नागरिक संहिता कानून होगा. सुरक्षा को लेकर विभिन्न कानूनी सुधारों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने धर्मान्तरण रोधी कानून बनाया. हमने सख्त दंगा रोधी कानून बनाया. साथ ही हमने नकल विरोधी…
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#AIMPLB सदस्य बोले- #UCC गोवा और उत्तराखंड में अलग अलग कैसे इस कानून को मुसलमानों को टारगेट करके बनाया गया
#AIMPLB #Kanpur #MohammadSuleman #icnewsnetwork
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उत्तराखंड: (Pushkar Singh Dhami) समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक उत्तराखंड 2024 बुधवार को विधानसभा में पारित कर दिया गया। विधेयक पर दो दिनों तक लंबी चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। इस प्रकार उत्तराखंड विधानसभा आजाद भारत के इतिहास में समान नागरिक संहिता का विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई है l Pushkar Singh Dhami मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 को विधानसभा में पेश किया था। बुधवार को सदन में विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने इसे पास कर दिया। अब अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है। महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है। अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है l बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई। समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवा��ी उत्तराखण्डियों से भी समिति ने संवाद किया l समान नागरिक संहिता विधेयक के कानून बनने पर समाज में बाल विवाह, बहु विवाह, तलाक जैसी सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं पर रोक लगेगी, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति, मान्यता और रीति-रिवाज इस कानून से प्रभावित नहीं होंगे। बाल और महिला अधिकारों की ये कानून सुरक्षा करेगा l विवाह का पंजीकरण अनिवार्य। पंजीकरण नहीं होने पर सरकारी सुविधाओं से होना पड़ सकता है वंचित। पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह पूर्णतः प्रतिबंधित। सभी धर्मों में विवाह की न्यूनतम उम्र लड़कों के लिए 21 वर्ष और लड़कियों के लिए 18 वर्ष निर्धारित। वैवाहिक दंपत्ति में यदि कोई एक व्यक्ति बिना दूसरे व्यक्ति की सहमति के अपना धर्म परिवर्तन करता है तो दूसरे व्यक्ति को उस व्यक्ति से तलाक लेने व गुजारा भत्ता लेने का पूरा अधिकार होगा। पति-पत्नी के तलाक या घरेलू झगड़े के समय 5 वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी उसकी माता के पास ही रहेगी। UCC in Uttarakhand- सभी धर्मों में पति-पत्नी को तलाक लेने का समान अधिकार। सभी धर्म-समुदायों में सभी वर्गों के लिए बेटा-बेटी को संपत्ति में समान अधिकार। मुस्लिम समुदाय में प्रचलित हलाला और इद्दत की प्रथा पर रोक। संपत्ति में अधिकार के लिए जायज और नाजायज बच्चों में कोई भेद नहीं किया गया है। नाजायज बच्चों को भी उस दंपति की जैविक संतान माना गया है। किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसकी संपत्ति में उसकी पत्नी व बच्चों को समान अधिकार दिया गया है। उसके माता-पिता का भी उसकी संपत्ति में समान अधिकार होगा। किसी महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे के संपत्ति में अधिकार को संरक्षित किया गया । लिव-इन रिलेशनशिप के लिए पंजीकरण अनिवार्य। पंजीकरण कराने वाले युगल की सूचना रजिस्ट्रार को उनके माता-पिता या अभिभावक को देनी होगी। लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा और उस बच्चे को जैविक संतान के समस्त अधि��ार प्राप्त होंगे l “हमारे देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रऋषि नरेन्द्र मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है।” “समान नागरिक संहिता का विधेयक प्रधानमंत्री द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे महान यज्ञ में हमारे प्रदेश द्वारा अर्पित की गई एक आहुति मात्र है।”“UCC के इस विधेयक में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जा��ि, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।
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समान नागरिक संहिता(UCC) विधेयक को लेकर उत्तराखंड के मुस्लिमों की क्या राय है, इस बात की जानकारी के लिए अलग अलग क्षेत्र के कुछ मुसलमानों से...
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उत्तराखंड, केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री व नैनीताल उधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र से सांसद अजय भट्ट ने उत्तराखंड विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक चर्चा के बाद विधिवत पास होने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विधानसभा के सभी सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। केंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य हो गया है इससे सभी धर्म समुदायों में विवाह,…
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उत्तराखंड के UCC बिल में क्या है | Uttarakhand UCC Bill | #uttarakhand ...
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सीएम धामी ने UCC बिल विधानसभा में किया पेश, पढ़िए क्या कुछ है बिल में प्रावधान..
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राज्य विधानसभा में मंगलवार को समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश किया। ��ब राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद विधेयक कानून बन जाएगा। समान नागरिक संहिता विधेयक पास होने के बाद कानून बन जाएगा। इसके साथ ही देवभूमि उत्तराखंड देश में यूसीसी लागू करने वाला आजादी के बाद पहला राज्य होगा। सूत्रों के अनुसार, मसौदे में 400 से ज्यादा…
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UCC in Uttarakhand : विवाह व उत्तराधिकार संबंधी दोहराव वाले प्रविधानों को हटाने की तैयारी
देहरादून : UCC in Uttarakhand प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहले इसकी नियमावली बनाने का कार्य चल रहा है। शासन इस समय नियमावली बनाने के लिए गठित समिति के ड्राफ्ट का अध्ययन कर रहा है। माना जा रहा है कि 424 पृष्ठों की इस नियमावली में कई प्रविधान ऐसे हैं, जो केंद्रीय नियमों का दोहराव हैं। WPL Auction : महिला प्रीमियर लीग में उत्तराखंड की चार बेटियां छाई सूत्रों की मानें तो ऐसे…
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BJP के घोषणापत्र में है UCC, बोले कानून मंत्री मेघवाल- विधि आयोग के पास लंबित
देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर चर्चा हुई. मेघवाल ने कहा कि यूसीसी गोवा में लागू किया जा रहा है और उत्तराखंड ने इसके लिए कानून बनाया है. यूसीसी बीजेपी के घोषणापत्र का हिस्सा था, इसमें कोई संदेह नहीं है. जब हमें लगता है कि यह संभव है तो हम घोषणापत्र में चीजें लेते हैं. राज्यों ने भी इस पर काम किया. अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह पहले से ही…
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UCC लागू करें, लेकिन परिणाम की जिम्मेदारी के लिए तैयार रहें...देहरादून के शहर काजी की सरकार को चेतावनी
देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की ड्राफ्ट रिपोर्ट पर राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस ने इस मामले में पुष्कर सिंह धामी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार की नीति से प्रदेश को कोई फायदा नहीं होगा। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव में फायदा उठाने की नीति की बात कही है। देहरादून शहर काजी ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि सरकार भले ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू कर ले। कोई भी निर्णय ले ले, लेकिन इसके परिणाम की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।देहरादून शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि सरकार जो चाहे वह फैसला ले सकती है। उनके हाथ में प्रदेश की बागडोर है। लेकिन, इस फैसले को लागू किए जाने के बाद आगे जो भी नुकसान होगा, उसकी भी जिम्मेदारी सरकार की होगी। शहर काजी के बयान को चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि इस प्रकार के बयान के जरिए मुद्दे को भड़काने की कोशिश की गई है। कांग्रेस ने बोला हमला कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने यूसीसी को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सीएम धामी की सरकार ध्रुवीकरण करना चाहती है। लोकसभा चुनाव को लेकर इस प्रकार की योजना पर काम किया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि सरकार ने किन लोगों की राय ली? सिविल लॉ में किन प्रावधानों को बदले जाने की जरूरत महसूस हुई है? इन बातों को सामने रखा जाना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें यूनिफॉर्म सिविल कोड से कोई दिक्कत नहीं है। किन प्रावधानों से दिक्कत थी, इसे नहीं बताया गया है। इससे राज्य को कोई लाभ नहीं होने वाला है। समाज के किसी तबके को कोई लाभ नहीं होने वाला है। हरीश रावत का बड़ा बयान पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस नेता हरीश रावत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने कानून बनाने की शक्तियों का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के मसले पर राज्य सरकार को मोहरा बनाया। उन्होंने मांग की, यूनिफॉर्म सिविल कोड पर केंद्र सरकार कानून बनाए। http://dlvr.it/T2CWhG
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