#उच्चकोटि का आदर्श राजनैतिक आचरण
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चलो पहाड़ तोड़ें!
चलो पहाड़ तोड़ें! पहाड़ बहुत बड़े हैं!जगह-जगह अड़े हैं!उत्तुंग तने खड़े हैं! .क्यों ना चलकर उन्हें झुकायें?अपने बराबर पर ले आयें? ...मगर क्यों? .… क्यों मानमर्दन करें?…. क्यों उन्हें झुकायें?क्यों बराबर पर लायें? .वो बनावटी थोड़े हैं.. नियति निर्मित बड़े हैं! .तभी वे स्वभावत:तनकर खड़े हैं! .
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#दद्दाजी_दइन!#प्रवर्तन और प्रगति#भारत भारती और भारतीय_प्रचलन#राजनैतिक जागरूकता#&039;सर्वे भवन्तु सुखिनः&039;# महात्मा गाँधी# सभी पोप#अच्छे को अच्छा कहें...#अपने मुँह मियाँ मिट्#अमेरिका का पतन#आदि शंकराचा��्य#आमजन#आया सतयुग! जाता कलयुग ...#ईश कृपा और कोप का कारण#उच्चकोटि का आदर्श राजनैतिक आचरण#एड्स#परिवर्तन#प्रवर्तन
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रामनीति - राजनीति ? राम जाने!
रामनीति – राजनीति ? राम जाने!
रामनीति – राजनीति ? राम जाने…!आज की राजनीति बहुत जटिल है जी … समझ ही नहींं आती जैसे आदर्शतम रामराज्य में राजा राम भी नहीं समझ पाये थे या शायद समझा नहीं पाये थे …. किसी अकिंचन के सीता मां पर संदेह जताने से उस राज्य के राजा द्वारा अपनी रानी को त्यागने की घटना को उच्चकोटि का आदर्श राजनैतिक आचरण माना जाता रहा है … इस अकिंचन सत्यार्चन को तो यह किसी भी राजघराने के रनिवास की मर्यादा का हनन् दिखता है……
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#आलोचना#उच्चकोटि का आदर्श राजनैतिक आचरण#पत्नि की सुरक्षा में असमर्थ रहने की खीझ#प्रश्न उठाने राजा राम का...#रनिवास की मर्यादा का#राम का सम्पूर्ण आचरण इस योग्य ही है#राम जी#रामराज्य में किसी अकिंचन में इतना साहस#रामराज्य में राजा राम भी#संदेह
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