#ईवीएम पर सवाल
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चुनाव आयोग से मिला BJD प्रतिनिधिमंडल, मतगणना में वोटों के अंतर पर उठाए सवाल
बीजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को 2024 के संसद और ओडिशा विधानसभा चुनावों में वोटों में अंतर पर एक ज्ञापन सौंपा। पार्टी नेता डॉ अमर पटनायक ने कहा कि हमने जो तीन मुद्दे उठाए हैं उनमें से एक है किसी विशेष बूथ पर एक ही ईवीएम में डाले गए वोटों की तुलना में गिने गए वोटों की संख्या। हमने कुछ उदाहरण दिए हैं जहां अंतर या विसंगति है। दूसरे, हमने बताया है कि 11:45 पर…
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ईवीएम पर सवाल: उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दी नसीहत
नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस पार्टी को ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर सवाल उठाने को लेकर नसीहत दी है। उमर ने कहा कि अगर किसी को ईवीएम से समस्या है तो इस पर उनका रुख स्थिर रहना चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ��क पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “अगर आपको ईवीएम से दिक्कत है, तो यह समस्या तब भी होनी चाहिए जब आप…
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चुनाव आयोग पूरी तरह निष्पक्ष, मेरे चुनाव में EVM से नहीं हुई छेड़छाड़; अखिलेश यादव के विधायक ने निकली दावों की हवा
Uttar Pradesh News: अखिलेश यादव ने हाल ही में ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए लोकसभा में कहा था कि अगर समाजवादी पार्टी यूपी की सभी 80 सीटें भी क्यों न जीत ले, फिर भी ईवीएम पर भरोसा नहीं करेंगे। हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल करने वाले उनके विधायक ने अलग रुख अपनाया है। सपा विधायक रईस शेख ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से निष्पक्ष है। उन्होंने ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी…
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कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारी में देरी और ईवीएम पर सवाल: कैलाश गोरंट्याल ने हार के कारणों का किया खुलासा
Delay in candidature by Congress and questions on EVM: Kailash Gorantyal reveals the reasons for defeat जालना: विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक कैलाश गोरंट्याल ने अपनी हार पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि टिकट मिलने के बाद भी उन्हें चुनावी मैदान में अकेला छोड़ दिया गया. साथ ही, गोरंट्याल ने ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाते…
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ईवीएम से चुनाव कराने पर फिर उठे सवाल
कांग्रेस ने एक बार फिर बैलेट पेपर या मतपत्रों की वापसी की मांग उठाईं है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को तालकटोरा स्टेडियम में बैलेट पेपर से चुनाव के लिए भारत जोड़ो यात्रा की तरह देशव्यापी अभियान चलाने का ऐलान किया। संविधान रक्षक अभियान के दौरान खरगे ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जाति गणना से डरते हैं। उन्हें डर है कि सभी वर्ग अलग हिस्सा मांगेंगे। खरगे ने कहा कि,…
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Vipaksh Ko EVM Par Nahi, Apne Dimag Par Sawaal Uthana Chahiye : Ramdas Athawale
मुंबई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री चेहरा, मंत्रिमंडल के विस्तार और विपक्ष के ईवीएम पर सवाल को लेकर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के अध्यक्ष एवं केंद्र में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को बात की।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि महाराष्ट्र में कैबिनेट का विस्तार आगामी दो-तीन दिनों में हो सकता है। अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति नहीं बनी है। लेकिन, बहुत जल्द ही मुख्यमंत्री पद का निर्णय हो जाएगा। मंत्रिमंडल के विस्तार में रिपब्लिकन पार्टी को एक मंत्री पद मिलेगा।
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चुनाव आयोग को निष्पक्ष भी दिखाई चाहिए!
केंद्रीय चुनाव आयोग की कार्यशैली पर 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में चुनाव आयोग ने कुछ विवादास्पद निर्णय लिए, जैसे विधानसभा उपचुनावों की तारीख़ें बदलना। ऐसे निर्णयों से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या चुनाव आयोग सभी धर्मों ��र सांस्कृतिक कैलेंडरों का ध्यान रखता है, और क्या चुनावी तारीख़ों की घोषणा से पहले धार्मिक पर्वों की महत्ता का सही आकलन किया जाता है?
चुनाव आयोग का प्राथमिक उद्देश्य निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में ईवीएम और वीवीपैट पर विवादों ने आयोग की विश्वसनीयता को चुनौती दी है। चुनाव आयोग को पारदर्शिता और निष्पक्षता के प्रति अपने दावों को साबित करने के लिए और अधिक गंभीरता से निर्णय लेने की आवश्यकता है।
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कुरुक्षेत्र:- PM मोदी के विकसित भारत का दावा, बनाम राहुल गांधी के पांच न्याय’ का चुनाव
लोकसभा चुनावों के तीन चरण पूरे हो चुके हैं और अब चुनाव अपने चौथे चरण की ओर है।तीन चरणों के मतदान को लेकर चुनाव आयोग के शुरुआती आंकड़े बदलने के बावजूद पिछले चुनावों से मतदान का प्रतिशत कम रहा है। जमीन पर भी चुनाव बेहद ठंडा और अनपेक्षित सा दिख रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का बताने से लेकर आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर महिलाओं के मंगलसूत्र, संपत्ति और पिछड़ों दलितों का आरक्षण छीनकर उसे मुसलमानों में बांट देने का आरोप लगाते हुए चुनाव को गरमाने की पूरी कोशिश की है और अब तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना की चुनावी सभा में आरोप लगाया कि जो राहुल गांधी पिछले पांच साल से रोज अंबानी अदाणी के नाम की माला जपते थे, अब उनका नाम क्यों नहीं ले रहे हैं। क्या उनके साथ कोई डील हो गई है और क्या बोरों में भरकर टेंपों में लाद कर काला धन उनके पास आ गया है।
इसी दिन प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के भारत की विवधता को लेकर रंग और चेहरों पर दिए गए एक बयान को निशाना बनाते हुए भी कांग्रेस पर हमला करते हुए देश को रंग और नस्ल के आधार पर बांटने का आरोप लगाया है।अपने नेता के इस चुनावी राग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी भाजपा नेताओं ने अपनी आवाज़ उठाकर इन मुद्दों को लगतार उठाया है।
कुरुक्षेत्र:- PM मोदी के विकसित भारत का दावा, बनाम राहुल गांधी के पांच न्याय’ का चुनावउधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा के जीतने पर संविधान बदलने ,लोकतंत्र खत्म करने और पिछड़ों दलितों वंचितों और गरीब सवर्णों के अधिकार छीनकर सब कुछ चंद उद्योगपति मित्रों को देने का आरोप भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार लगा रहे हैं। भले ही मोदी ने राहुल पर अंबानी-अदाणी का नाम लेने की बात कही हो, लेकिन राहुल न सिर्फ अदाणी का नाम ले रहे, बल्कि मोदी के आरोप का जवाब देते हुए भी अंबानी-अदाणी का नाम लेते हुए ��नके यहां ईडी सीबीआई भेजने की बात कही है। राहुल के इस चुनावी नाद में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव प्रियंका गांधी समेत सभी कांग्रेस नेता अपनी आवाज दे रहे हैं।
सवाल है कि चुनाव किस ओर जा रहा है। क्या हर चुनाव में अपना विमर्श चलाकर माहौलबंदी करने वाले PM नरेंद्र मोदी इस चुनाव को भी हिंदुत्व और धार्मिक ध्रुवीकरण के अपने पुराने बहु परीक्षित सियासी एजेंडे को लेकर उसे केंद्रित करने में कामयाब हो रहे हैं या फिर चुनाव पूरी तरह से विकेंद्रित होकर स्थानीय समीकरणों, मुद्दों और राहुल गांधी द्वारा उठाए जा रहे जातीय जनगणना, पांच न्याय जैसे वादों
चुनाव प्रचार प्रसार रैलियों और रोड शो में सारे दल एक से बढ़कर एक दिखाई दे रहे है , लेकिन दूसरी तरफ पिछले दो चरणों में मतदाता उदासीन दिख रहे है । जमीन पर भी चुनावों में इस बार वैसी लहर नजर नहीं आ रही है जो 2014 और 2019 में साफ दिखाई देती थी और जिस पर सवार होकर BJP व नरेंद्र मोदी ने दो बार सरकार बनाई है । जहां पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में बदलाव, राष्ट्रीय सुरक्षा, हिंदुत्व की चाशनी में राष्ट्रवाद की घुट्टी और हिंदू मुस्लिम ध्रुवण जैसे राष्ट्रीय विमर्श और केंद्रीय मुद्दों पर जोर रहा। उन दोनों चुनावों में मतदाताओं ने न जाति देखी न दल सिर्फ देखा तो नरेंद्र मोदी का चेहरा और भरोसा किया तो उनके वादों पर, लेकिन इस बार का चुनाव किसी एक या दो राष्ट्रीय मुद्दों पर न होकर पूरी तरह फ़ैल गया है। हर राज्य हर लोकसभा क्षेत्र में अलग अलग मुद्दे अलग अलग समीकरण और परिस्थितियों का पूरा ��ोर है। कहीं सांसदों के खिलाफ गुस्सा है तो कहीं जातीय समीकरण भारी हैं।
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ईवीएम में कोई डिवाइस है जो वोट को मैनिपुलेट करता है?
ईवीएम में कोई डिवाइस है जो वोट को मैनिपुलेट करता है...?
क्या ईवीएम हैक हो सकता है… क्या ईवीएम में कोई ऐसा डिवाइस लगा है, जिसकी मदद से वोट को मैनिपुलेट किया जा सकता है… या इसमें छेड़छाड़ की अन्य और कोई गुंजाइस सम्भव है। ऐसे और भी कई सवाल है… जिसका जवाब जानने के लिए मैंने कई लेख पढ़े। विशेषज्ञो की रिपोर्ट खंगाली और माननीय न्यायालय द्वारा समय–समय पर ईवीएम को लेकर दिए गये सुझाव या फैसला का बारीक अध्ययन करने के बाद… जो जानकारी मेरे हाथ लगी… उसी को लेकर आज…
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जिला कांग्रेस ने ईवीएम मशीनों की एफएलसी प्रक्रिया पर उठाये सवाल
सतना। जिला कांग्रेस कमेटी सतना ने आज सर्किट हाउस में एक प्रेस कांफ्रेंस करके जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा ईवीएम मशीनों की एफएलसी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि एफएलसी के दौरान सिंबल यूनिट लोडिंग (SLU) एक प्राइवेट कंपनी के इंजीनियरों द्वारा लोड किया जा रहा है जो संदेह के घेरे में है,अगर निर्वाचन कार्यालय ईवीएम की पारदर्शिता के प्रति गंभीर है तो उसे प्राइवेट इंजीनियरों द्वारा लोड किये जा…
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चुनाव आयोग से मिला BJD प्रतिनिधिमंडल, मतगणना में वोटों के अंतर पर उठाए सवाल
बीजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को 2024 के संसद और ओडिशा विधानसभा चुनावों में वोटों में अंतर पर एक ज्ञापन सौंपा। पार्टी नेता डॉ अमर पटनायक ने कहा कि हमने जो तीन मुद्दे उठाए हैं उनमें से एक है किसी विशेष बूथ पर एक ही ईवीएम में डाले गए वोटों की तुलना में गिने गए वोटों की संख्या। हमने कुछ उदाहरण दिए हैं जहां अंतर या विसंगति है। दूसरे, हमने बताया है कि 11:45 पर…
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राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना चुनाव नतीजे : कौन मारेगा चौका, कौन होगा बोल्ड?
भोपाल : मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नई सरकार बनने वाली है। इन पांच राज्यों की 675 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चु��ी है। रविवार को सिर्फ चार राज्यों के 635 सीटों पर ही वोटों की गिनती होगी। मिजोरम के उम्मीदवारों के फैसला अब 4 दिसंबर को होगा। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, मगर वहां कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद 199 सीटों पर ही मतदान हुआ। एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है, जबकि राजस्थान में बीजेपी का पलड़ा भारी है। हिंदी प्रदेश के तीन राज्यों में 519 सीटों पर फैसला होना है। एग्जिट पोल्स के मुताबिक, 119 विधानसभा वाली तेलंगाना में कांग्रेस ने बढ़त ली है। निर्वाचन आयोग मतगणना की तैयारियां पूरी कर चुका है। वोटों की गिनती रविवार सुबह सात बजे शुरू होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे। ��सके बाद सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम से मतगणना शुरू होगी। मध्यप्रदेश में भारी मतदान, जीतेगा कौन? कमलनाथ या शिवराज सिंह चौहान लोगों की नजरें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिकी हैं। 17 नवंबर को मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर वोटिंग हुई थी। सवाल यह है कि क्या कमलनाथ तीन साल पहले छीनी गई सत्ता दोबारा हासिल करेंगे या शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना उन्हें फिर से सीएम की कुर्सी सौंपेगी। विधानसभा चुनाव 2023 में मध्यप्रदेश की जनता ने 66 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया। MP में इस बार रेकॉर्ड 76.22 प्रतिशत मतदान हुआ। मल्हारगढ़, जावद, जावरा, शाजापुर, आगर मालवा, शुजालपुर, कालापीपल और सोनकच्छ में 85 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई। बंपर वोटिंग के बाद सरकार बदलने की चर्चा भी गरम रही। 30 नवंबर को आए एग्जिट पोल ने इशारा दिया कि मध्यप्रदेश में मामला एकतरफा नहीं है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 सीटों के नतीजे 2018 की तरह नहीं होंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस बेल्ट में एकतरफा जीत मिली थी। तब कांग्रेस को 26 और बीजेपी को सिर्फ सात सीटें मिली थीं। 2018 के चुनाव के बाद कांग्रेस ने पहले सरकार बनाई थी, मगर 19 महीने बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद सत्ता बदल गई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। तब कांग्रेस को 40.89 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिले थे। इस बार मालवा और निमाड़ में भी बीजेपी फायदा मिल सकता है। शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, कमलनाथ, जीतू पटवारी, नरेंद्र सिंह तोमर, रीति पाठक, गणेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मध्यप्रदेश के रिजल्ट तय करेंगे कि जीतेगा कौन? कमलनाथ या शिवराज सिंह चौहान। क्या राजस्थान में बदलेगा रिवाज, 10 में से 7 एग्जिट पोल में बीजेपी आगे 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में बहुमत हासिल करने वाली पार्टी को 101 के मैजिक नंबर को हासिल करना है। श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर के कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण 25 नवंबर को 199 सीटों पर मतदान हुआ। दो दशकों से राजस्थान में सीएम की कुर्सी बीजेपी और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही है। कांग्रेस के दोनों नेताओं सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने दावा किया है कि इस बार परंपरा बदलेगी। कांग्रेस सरकार में वापस लौ��ेगी। भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि परंपरा कायम रहेगी और राजस्थान में सरकार बदलेगी। यहां 25 नवंबर को वोट डाले गए थे। राजस्थान में भी बंपर वोटिंग हुई। राज्य में पहली बार 75.45 फीसदी मतदान हुआ, मगर लोगों की नजरें मतगणना के बाद आने वाले नतीजे पर टिकी हैं। राजस्थान में वोटिंग के बाद दस एजेंसियों ने एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए। इनमें सात ने बीजेपी को बहुमत मिलने का दावा किया। एक्सिस माय इंडिया, टुडे-चाणक्य और सीएनएक्स के मुताबिक कांग्रेस को भी 100 सीटों वाला बहुमत मिल सकता है। एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को मेवाड़, मारवाड़ और हड़ौती में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। ढूंढाड़ और शेखावटी में कांग्रेस फायदे में रहेगी। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 39.30 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और उसे 100 सीटें मिली थीं। बीजेपी को 38.77 प्रतिशत वोट और 73 सीटों से संतोष करना पड़ा था। बीजेपी पहली बार बिना किसी सीएम फेस के चुनाव में उतरी है। अशोक गहलोत, सचिन पायलट, वसुंधरा राजे, सांसद दीया कुमारी, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, बाबा बालकनाथ, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भागीरथ चौधरी, नरेन्द्र कुमार और देवजी पटेल के क्षेत्र में जनता क्या निर्णय करती है, यह फैसला भी चंद घंटों के बाद हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सीटें… http://dlvr.it/Szc9KN
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ईवीएम पर सवाल उठाने पर भड़की भाजपा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मांगा इस्तीफा; जानें पूरा मामला
Delhi News: विधानसभा चुनावों के बाद ईवीएम पर फिर से विवाद शुरू हो गया है। भाजपा ने ईवीएम की सत्यता पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस पर हमला बोला है। कांग्रेस पर तंज कसते हुए भाजपा की तरफ से कहा गया है कि अगर उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है तो राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा समेत कांग्रेस के सभी लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए की जब तक बैलेट पेपर से चुनाव होना शुरू नहीं हो जाते वह…
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वीएम (EVM) पर सवाल खडा करने वालों के लिए यह राहत की खबर है। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर फैली गलतफहमी दूर करने
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Madhya Pradesh Through Election 2020 After Digvijay Singh Former Minister Jeetu Patvari Lift Query Towards Evm - एमपी उपचुनाव : दिग्विजय सिंह के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी ईवीएम पर उठाए सवाल
Madhya Pradesh Through Election 2020 After Digvijay Singh Former Minister Jeetu Patvari Lift Query Towards Evm – एमपी उपचुनाव : दिग्विजय सिंह के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी ईवीएम पर उठाए सवाल
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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 10 Nov 2020 12:52 PM IST
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मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा 18 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं नौ सीटों पर कांग्रेस बढ़त…
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