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#ईवीएम पर सवाल
lassnatural · 14 days
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aamaadmipatrika · 15 days
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EVM पर फिर छिड़ा सियासी घमासान , कांग्रेस और बीजेपी ने एक-दूसरे पर निशाना साधा
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) निशाने पर है. मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार पर मतगणना केंद्र के अंदर ईवीएम से जुड़े फोन के इस्तेमाल के आरोप को लेकर सियासी घमासान मच गया है. साथ ही टेस्ला के मालिक एलन मस्क के EVM पर सवाल उठाने के बाद विपक्ष ने एक बार फिर ईवीएम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंता…
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khabarbharat · 16 days
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राहुल गांधी ने EVM पर उठाए सवाल, कहा- 'यह ब्लैक बॉक्स है, किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं'
Image Source : PTI राहुल गांधी नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर EVM को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क की एक्स पर की गई पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला दिया और ईवीएम पर सवाल खड़े किए। राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में कहा-…
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jkstvnews · 2 months
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कुरुक्षेत्र:- PM मोदी के विकसित भारत का दावा, बनाम राहुल गांधी के पांच न्याय’ का चुनाव
लोकसभा चुनावों के तीन चरण पूरे हो चुके हैं और अब चुनाव अपने चौथे चरण की ओर है।तीन चरणों के मतदान को लेकर चुनाव आयोग के शुरुआती आंकड़े बदलने के बावजूद पिछले चुनावों से मतदान का प्रतिशत कम रहा है। जमीन पर भी चुनाव बेहद ठंडा और अनपेक्षित सा दिख रहा है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का बताने से लेकर आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर महिलाओं के मंगलसूत्र, संपत्ति और पिछड़ों दलितों का आरक्षण छीनकर उसे मुसलमानों में बांट देने का आरोप लगाते हुए चुनाव को गरमाने की पूरी कोशिश की है और अब तो खुद प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना की चुनावी सभा में आरोप लगाया कि जो राहुल गांधी पिछले पांच साल से रोज अंबानी अदाणी के नाम की माला जपते थे, अब उनका नाम क्यों नहीं ले रहे हैं। क्या उनके साथ कोई डील हो गई है और क्या बोरों में भरकर टेंपों में लाद कर काला धन उनके पास आ गया है। 
इसी दिन प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के भारत की विवधता को लेकर रंग और चेहरों पर दिए गए एक बयान को निशाना बनाते हुए भी कांग्रेस पर हमला करते हुए देश को रंग और नस्ल के आधार पर बांटने का आरोप लगाया है।अपने नेता के इस चुनावी राग में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी भाजपा नेताओं ने अपनी आवाज़ उठाकर इन मुद्दों को लगतार उठाया है।
��ुरुक्षेत्र:- PM मोदी के विकसित भारत का दावा, बनाम राहुल गांधी के पांच न्याय’ का चुनावउधर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा के जीतने पर संविधान बदलने ,लोकतंत्र खत्म करने और पिछड़ों दलितों वंचितों और गरीब सवर्णों के अधिकार छीनकर सब कुछ चंद उद्योगपति मित्रों को देने का आरोप भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार लगा रहे हैं। भले ही मोदी ने राहुल पर अंबानी-अदाणी का नाम लेने की बात कही हो, लेकिन राहुल न सिर्फ अदाणी का नाम ले रहे, बल्कि मोदी के आरोप का जवाब देते हुए भी अंबानी-अदाणी का नाम लेते हुए उनके यहां ईडी सीबीआई भेजने की बात कही है। राहुल के इस चुनावी नाद में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, महासचिव प्रियंका गांधी समेत सभी कांग्रेस नेता अपनी आवाज दे रहे हैं।
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सवाल है कि चुनाव किस ओर जा रहा है। क्या हर चुनाव में अपना विमर्श चलाकर माहौलबंदी करने वाले PM नरेंद्र मोदी इस चुनाव को भी हिंदुत्व और धार्मिक ध्रुवीकरण के अपने पुराने बहु परीक्षित सियासी एजेंडे को लेकर उसे केंद्रित करने में कामयाब हो रहे हैं या फिर चुनाव पूरी तरह से विकेंद्रित होकर स्थानीय समीकरणों, मुद्दों और राहुल गांधी द्वारा उठाए जा रहे जातीय जनगणना, पांच न्याय जैसे वादों
चुनाव प्रचार प्रसार रैलियों और रोड शो में सारे दल एक से बढ़कर एक दिखाई दे रहे है , लेकिन दूसरी तरफ पिछले दो चरणों में मतदाता उदासीन दिख रहे है । जमीन पर भी चुनावों में इस बार वैसी लहर नजर नहीं आ रही है जो 2014 और 2019 में साफ दिखाई देती थी और जिस पर सवार होकर BJP व नरेंद्र मोदी ने दो बार सरकार बनाई है । जहां पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में बदलाव, राष्ट्रीय सुरक्षा, हिंदुत्व की चाशनी में राष्ट्रवाद की घुट्टी और हिंदू मुस्लिम ध्रुवण जैसे राष्ट्रीय विमर्श और केंद्रीय मुद्दों पर जोर रहा। उन दोनों चुनावों में मतदाताओं ने न जाति देखी न दल सिर्फ देखा तो नरेंद्र मोदी का चेहरा और भरोसा किया तो उनके वादों पर, लेकिन इस बार का चुनाव किसी एक या दो राष्ट्रीय मुद्दों पर न होकर पूरी तरह फ़ैल गया है। हर राज्य हर लोकसभा क्षेत्र में अलग अलग मुद्दे अलग अलग समीकरण और परिस्थितियों का पूरा जोर है। कहीं सांसदों के खिलाफ गुस्सा है तो कहीं जातीय समीकरण भारी हैं।
यह भी पड़े :- शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा | इनकी सही जगह भारत नहीं, इटली है
यह भी पड़े :- ईवीएम: सुरक्षित, विश्वसनीय और छेड़छाड़ बाधक, चुनाव आयोग का सुप्रीम कोर्ट में स्‍पष्‍ट जवाब
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kknlive · 3 months
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ईवीएम में कोई डिवाइस है जो वोट को मैनिपुलेट करता है?
ईवीएम में कोई डिवाइस है जो वोट को मैनिपुलेट करता है...?
क्या ईवीएम हैक हो सकता है… क्या ईवीएम में कोई ऐसा डिवाइस लगा है, जिसकी मदद से वोट को मैनिपुलेट किया जा सकता है… या इसमें छेड़छाड़ की अन्य और कोई गुंजाइस सम्भव है। ऐसे और भी कई सवाल है… जिसका जवाब जानने के लिए मैंने कई लेख पढ़े। विशेषज्ञो की रिपोर्ट खंगाली और माननीय न्यायालय द्वारा समय–समय पर ईवीएम को लेकर दिए गये सुझाव या फैसला का बारीक अध्ययन करने के बाद… जो जानकारी मेरे हाथ लगी… उसी को लेकर आज…
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dgnews · 3 months
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प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा का इलेक्टोरल बॉन्ड व भोजशाला मामले में दिग्विजय सिंह की पत्रकार-वार्ता पर बयान
भोपाल, दिनांक 22/03/2024। देश और प्रदेश में जब भी चुनाव होते हैं, कांग्रेस हार के डर से ईवीएम, जांच एजेंसी एवं न्यायालय पर सवाल खड़ा करती है। केजरीवाल की गिरफ्तारी की निंदा करना, आंतकवादियों का समर्थन करना, न्यायालय के फैसलों पर आपत्ति करना और देश विरोधियों का साथ देना कांग्रेस और दिग्विजय सिंह का मूल चरित्र रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश का जो कायाकल्प हो रहा है,…
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prakhar-pravakta · 5 months
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जिला कांग्रेस ने ईवीएम मशीनों की एफएलसी प्रक्रिया पर उठाये सवाल
सतना। जिला कांग्रेस कमेटी सतना ने आज सर्किट हाउस में एक प्रेस कांफ्रेंस करके जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा ईवीएम मशीनों की एफएलसी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि एफएलसी के दौरान सिंबल यूनिट लोडिंग (SLU) एक प्राइवेट कंपनी के इंजीनियरों द्वारा लोड किया जा रहा है जो संदेह के घेरे में है,अगर निर्वाचन कार्यालय ईवीएम की पारदर्शिता के प्रति गंभीर है तो उसे प्राइवेट इंजीनियरों द्वारा लोड किये जा…
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dainiksamachar · 7 months
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राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना चुनाव नतीजे : कौन मारेगा चौका, कौन होगा बोल्ड?
भोपाल : मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नई सरकार बनने वाली है। इन पांच राज्यों की 675 विधानसभा सीटों के लिए मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रविवार को सिर्फ चार राज्यों के 635 सीटों पर ही वोटों की गिनती होगी। मिजोरम के उम्मीदवारों के फैसला अब 4 दिसंबर को होगा। राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं, मगर वहां कांग्रेस उम्मीदवार के निधन के बाद 199 सीटों पर ही मतदान हुआ। एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है, जबकि राजस्थान में बीजेपी का पलड़ा भारी है। हिंदी प्रदेश के तीन राज्यों में 519 सीटों पर फैसला होना है। एग्जिट पोल्स के मुताबिक, 119 विधानसभा वाली तेलंगाना में कांग्रेस ने बढ़त ली है। निर्वाचन आयोग मतगणना की तैयारियां पूरी कर चुका है। वोटों की गिनती रविवार सुबह सात बजे शुरू होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे। इसके बाद सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम से मतगणना शुरू होगी। मध्यप्रदेश में भारी मतदान, जीतेगा कौन? कमलनाथ या शिवराज सिंह चौहान लोगों की नजरें मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिकी हैं। 17 नवंबर को मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर वोटिंग हुई थी। सवाल यह है कि क्या कमलनाथ तीन साल पहले छीनी गई सत्ता दोबारा हासिल करेंगे या शिवराज सिंह चौहान की लाडली बहना उन्हें फिर से सीएम की कुर्सी सौंपेगी। विधानसभा चुनाव 2023 में मध्यप्रदेश की जनता ने 66 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया। MP में इस बार रेकॉर्ड 76.22 प्रतिशत मतदान हुआ। मल्हारगढ़, जावद, जावरा, शाजापुर, आगर मालवा, शुजालपुर, कालापीपल और सोनकच्छ में 85 फीसदी से अधिक वोटिंग हुई। बंपर वोटिंग के बाद सरकार बदलने की चर्चा भी गरम रही। 30 नवंबर को आए एग्जिट पोल ने इशारा दिया कि मध्यप्रदेश में मामला एकतरफा नहीं है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 सीटों के नतीजे 2018 की तरह नहीं होंगे। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस बेल्ट में एकतरफा जीत मिली थी। तब कांग्रेस को 26 और बीजेपी को सिर्फ सात सीटें मिली थीं। 2018 के चुनाव के बाद कांग्रेस ने पहले सरकार बनाई थी, मगर 19 महीने बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद सत्ता बदल गई थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर हुई थी। तब कांग्रेस को 40.89 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिले थे। इस बार मालवा और निमाड़ में भी बीजेपी फायदा मिल सकता है। शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, कमलनाथ, जीतू पटवारी, नरेंद्र सिंह तोमर, रीति पाठक, गणेश सिंह, कैलाश ��िजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। मध्यप्रदेश के रिजल्ट तय करेंगे कि जीतेगा कौन? कमलनाथ या शिवराज सिंह चौहान। क्या राजस्थान में बदलेगा रिवाज, 10 में से 7 एग्जिट पोल में बीजेपी आगे 200 सदस्यों वाली राजस्थान विधानसभा में बहुमत हासिल करने वाली पार्टी को 101 के मैजिक नंबर को हासिल करना है। श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर के कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण 25 नवंबर को 199 सीटों पर मतदान हुआ। दो दशकों से राजस्थान में सीएम की कुर्सी बीजेपी और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही है। कांग्रेस के दोनों नेताओं सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने दावा किया है कि इस बार परंपरा बदलेगी। कांग्रेस सरकार में वापस लौटेगी। भारतीय जनता पार्टी को उम्मीद है कि परंपरा कायम रहेगी और राजस्थान में सरकार बदलेगी। यहां 25 नवंबर को वोट डाले गए थे। राजस्थान में भी बंपर वोटिंग हुई। राज्य में पहली बार 75.45 फीसदी मतदान हुआ, मगर लोगों की नजरें मतगणना के बाद आने वाले नतीजे पर टिकी हैं। राजस्थान में वोटिंग के बाद दस एजेंसियों ने एग्जिट पोल के आंकड़े जारी किए। इनमें सात ने बीजेपी को बहुमत मिलने का दावा किया। एक्सिस माय इंडिया, टुडे-चाणक्य और सीएनएक्स के मुताबिक कांग्रेस को भी 100 सीटों वाला बहुमत मिल सकता है। एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को मेवाड़, मारवाड़ और हड़ौती में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। ढूंढाड़ और शेखावटी में कांग्रेस फायदे में रहेगी। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 39.30 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और उसे 100 सीटें मिली थीं। बीजेपी को 38.77 प्रतिशत वोट और 73 सीटों से संतोष करना पड़ा था। बीजेपी पहली बार बिना किसी सीएम फेस के चुनाव में उतरी है। अशोक गहलोत, सचिन पायलट, वसुंधरा राजे, सांसद दीया कुमारी, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, बाबा बालकनाथ, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भागीरथ चौधरी, नरेन्द्र कुमार और देवजी पटेल के क्षेत्र में जनता क्या निर्णय करती है, यह फैसला भी चंद घंटों के बाद हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सीटें… http://dlvr.it/Szc9KN
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artijaihind · 1 year
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वीएम (EVM) पर सवाल खडा करने वालों के लिए यह राहत की खबर है। इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर फैली गलतफहमी दूर करने
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newsyaari · 4 years
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Madhya Pradesh Through Election 2020 After Digvijay Singh Former Minister Jeetu Patvari Lift Query Towards Evm - एमपी उपचुनाव : दिग्विजय सिंह के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी ईवीएम पर उठाए सवाल
Madhya Pradesh Through Election 2020 After Digvijay Singh Former Minister Jeetu Patvari Lift Query Towards Evm – एमपी उपचुनाव : दिग्विजय सिंह के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी ईवीएम पर उठाए सवाल
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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Tue, 10 Nov 2020 12:52 PM IST
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बिहार चुनाव नतीजे 2020 Live Result Updates
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मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना शुरू हो चुकी है। शुरुआती रुझानों में भाजपा 18 सीटों पर आगे चल रही है, वहीं नौ सीटों पर कांग्रेस बढ़त…
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liajayeger1 · 2 years
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निर्वाचन 2022: स्वतंत्र मतगणना से पहले हरितश रावत, ईवीएम सुरक्षा पर सवाल
निर्वाचन 2022: स्वतंत्र मतगणना से पहले हरितश रावत, ईवीएम सुरक्षा पर सवाल
डेरेन। मतदान के लिए स्वस्थ रहने वाले स्वस्थ खिलाड़ी के बुजुर्ग जन और पूर्व हरीश रावत ने राज्य की स्थिति पर सवाल खड़ा किया था। जब तक यह वही होता है, जब तक यह वही होता है, जिस तरह से यह संतुलित होता है? इस चुनाव आयोग ने निर्वाचन आयोग को इस प्रकार से गठित किया था। हरीश रावत ने कहा कि बैटरी के मामले में, कम से कम बैटरी के मामले में चुनाव आयोग क्या करेगा? यह कहा गया, ‘यह कोई भी इत्तफाक नहीं होगा।…
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aviralmalik · 2 years
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भाजपा नेता एवं केसरिया रक्षा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अविरल मलिक की धमाकेदार टीवी डिबेट अवश्य देखना साथियों
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isubhashsaw · 2 years
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वाराणसी में विभिन्न अधिकारियों द्वारा हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ईवीएम को तीन वाहनों में भरकर ले जाया जाना बताया गया लेकिन आज उनके द्वारा वीडियो के माध्यम से ट्रेनिंग करते दिखाया गया। सबसे मुख्य बात है कि ट्रेनिंग लेते हुए मात्र तीन लोग दिखाई दिये। सवाल यह है कि मात्र तीन लोगों की ट्रेनिंग के लिए तीन वाहनों में भरकर ईवीएम की जरूरत कैसे पड़ सकती है? और जब वीडियो से ट्रेनिंग की व्यवस्था उपलब्ध थी तब बिना सुरक्षा एवं प्रोटोकॉल का पालन किये ईवीएम क्यों ले जाई जा रही थी? मंशा पर संदेह तो होना ही है। और विभिन्न जिलों में जो पर्चियां, बैलेट पेपर, चुनाव सामग्री मिलने की घटनायें सामने आ रही हैं वो सभी संदेह ही पैदा कर रही हैं कि सब कुछ सही नहीं चल रहा है। और अब तक बरेली सोनभद्र वाराणसी में एडीएम या एसडीएम के खिलाफ हुई कार्यवाही से इतना तो स्पष्ट है कि पार्टी विशेष के लिए प्रशासन ने बेहद शर्मनाक गुनाह किया है। https://www.instagram.com/p/Ca4uc32Jtf8/?utm_medium=tumblr
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viralnewsofindia · 2 years
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ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने से पहले मतगणना के दिन का इंतजार तो कर लेते अखिलेश
ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने से पहले मतगणना के दिन का इंतजार तो कर लेते अखिलेश
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा  कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव में हार की घबराहट और बौखलाहट में चुनाव आयोग पर भी अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं। मंगलवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि अखिलेश ने 10 मार्च का भी इंतजार नहीं किया जिस दिन मतगणना होगी और अपनी आदत से मजबूर पहले ही ईवीएम पर सवाल उठाने शुरू कर दिये। (more…)
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uttarakhandjan · 2 years
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उत्तराखंड : कांग्रेस करेगी EVM की सुरक्षा, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने किया ऐलान
उत्तराखंड : कांग्रेस करेगी EVM की सुरक्षा, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने किया ऐलान
देहरादून : EVM मशीन पर हमेशा ही सवाल खड़��� होते आए हैं। सवाल खड़े करने वालों में कांग्रेस भी मुखर रहे हैं। प्रत्याशियों का भाग्य मतदाता तय कर चुके हैं, जो EVM में कैद है और EVM स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी गई है। बावजूद इसके कांग्रेस को ईवीएम मशीन से छेड़छाड़ का ड�� सता रहा है। यही कारण है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक फेसबुक पर पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने जिला अध्यक्षों…
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mrdevsu · 3 years
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Assam में BJP उम्मीदवार की गाड़ी में मिली EVM... चूक या चोरी? | संविधान की शपथ
Assam में BJP उम्मीदवार की गाड़ी में मिली EVM… चूक या चोरी? | संविधान की शपथ
असम में एक बीजेपी विधायक और उम्मीदवार की गाड़ी में कल रात ईवीएम मिलने से आज पूरे दिन सियासी बवाल मचा रहा … चुनाव आयोग और बीजेपी, दोनों पर हमला तेज हो गए हैं .. सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये घटना वाकई इफाक है। या किसी की नीयत खराब है। Source link
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