#इबोला महामारी
Explore tagged Tumblr posts
Text
युगांडा ने इबोला उपरिकेंद्र में तालाबंदी की, सरकार हाई अलर्ट पर रही
युगांडा ने इबोला उपरिकेंद्र में तालाबंदी की, सरकार हाई अलर्ट पर रही
प्रकोप वायरस के सूडान तनाव के कारण हुआ है। (प्रतिनिधि) युगांडा ने शनिवार को देश के इबोला महामारी के केंद्र में दो जिलों पर दो महीने का तालाबंदी कर दी, इस उम्मीद के बीच कि इसका प्रकोप जल्द ही समाप्त हो सकता है। चूंकि अधिकारियों ने 20 सितंबर को इबोला के प्रकोप की घोषणा की थी, पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र ने राजधानी कंपाला में फैलने वाली बीमारी के साथ 142 पुष्ट मामले और 56 मौतें दर्ज की हैं। राष्ट्रपति…
View On WordPress
0 notes
Text
पुरे विश्वभर से कोरोना महामारी का संकट अभी ख़त्म नहीं हुआ है, हालाँकि इधर मामलों में काफी गिरावट आई है | और ऐसे में एक नई बीमारी "डिजीज X" ने दस्तक दे दी है | डब्ल्यूचओ ने डिजीज X को कोरोना जैसे खतरनाक वायरस की सूचि में शामिल किया है | अगर आपको याद हो तो बीते 2 सालों में कोरोना ने विश्वभर में खूब कहर बरसाया था, जो इसके चपेट में आये वह मौत की नींद सो गए | इसके अतिरिक्त और कई खतरनाक वायरस जैसे - इबोला, मारबर्ग, लस्सा फीवर, सार्स, जीका, मंकिपॉक्स, निपाह विश्व सहित देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर जनहानि का कारण बनें | Read More
#disease x#covid 19#pandemic#corona virus#ebola virus#ebola outbreak#disease x causes#disease x symptoms#healthguidecorner.in
1 note
·
View note
Text
इबोला नियन्त्रणका लागि आपतकालीन कोष
इबोला नियन्त्रणका लागि आपतकालीन कोष
कम्पाला, २ मङ्सिर । युगाण्डामा केही समययतादेखि फैलिएको इबोला महामारी नियन्त्रणका लागि आपतकालीन कोष आवश्यक रहेको विश्व स्वास्थ्य सङ्गठनले जनाएको छ । विश्व स्वास्थ्य सङ्गठनले बिहीबार सो कुराको जानकारी गराएको हो । इबोलामा केही समययतादेखि इबोलाको प्रकोप फैलिएको र यसबाट यहाँका अरु छिमेकी देशहरुमा पनि असर पर्न सक्ने बताइएको छ । विश्व स्वास्थ्य सङ्गठनले बिहीबार युगाण्डाको इबोलाको नियन्त्रण गर्नुपर्ने र…
View On WordPress
0 notes
Text
इबोला के खोजकर्ता ने दी चेतावनी, दुनिया में तेजी से फैल रही एक और जानलेवा महामारी
इबोला के खोजकर्ता ने दी चेतावनी, दुनिया में तेजी से फैल रही एक और जानलेवा महामारी
कोरोना वायरस महामारी के बीच इबोला की खोज क���ने वाले डॉक्टर ने चेतावनी दी है कि दुनिया में कोविड-19 की तरह से एक और महामारी बहुत तेजी से फैल रही है। इस महामारी को Disease X कहा जा रहा है और यह इबोला की तरह से ही बहुत घातक है। साल 1976 में इबोला वायरस की खोज करने में सहायता देने वाले प्रफेसर जीन-जैक्स मुयेम्बे ने तामफूम ने कहा कि मानवता अज्ञात संख्या में नए वायरस का सामना कर रही है। उन्होंने…
View On WordPress
#america Headlines#america News#america News in Hindi#disease x#disease x symptoms#disease x who#Jean Jacques Muyembe Tamfum#Latest america News#new deadly viruses#Zoonotic Diseases#अमेरिका Samachar#इबोला महामारी#कोरोना इबोला वायरस#डिजीज एक्स#वायरस महामारी खतरा
0 notes
Text
युगान्डामा इबोला भाइरस तीब्र रुपमा फैलिएपछि लकडाउनकाे घोषणा
युगान्डामा इबोला भाइरस तीब्र रुपमा फैलिएपछि लकडाउनकाे घोषणा
By admin On ३१ आश्विन २०७९, सोमबार २२:१३ 1 पाँचथर:: अफ्रिकी मुलुक युगान्डामा इबोला भाइरसको संक्रमणका कारण लकडाउनको घोषणा गरिएको छ । युगाण्डाको स्वास्थ्य मन्त्रालयका अनुसार गत सेप्टेम्बर २० मा पहिलो पटक यो प्रकोप देखा परेपछि त्यस यता १९ जनाको मृत्यु भइसकेको हो । महामारी नियन्त्रणका लागि लकडाउन गरिएको युगाण्डाका राष्ट्रपति योवेरी मुसेभेनीले बताउनुभएको छ। इबोला प्रकोपको केन्द्रविन्दुमा रहेका दुई…
View On WordPress
0 notes
Text
इबोला: 20,000 हो सकते हैं संक्रमित
इबोला: 20,000 हो सकते हैं संक्रमित
29 अगस्त 2014 विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि पश्चिमी अफ़्रीका में इबोला वायरस पर पूरी तरह काबू पाए जाने से पहले इससे क़रीब 20 हज़ार लोग संक्रमित हो सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी के मुताबिक इस समय तीन हज़ार लोगों में इबोला के संक्रमण का पता है लेकिन संक्रमित मरीजों की संख्या इससे चार गुनी हो सकती है. महामारी की रोकथाम के लिए संगठन की योजनाओं की घोषणा करते हुए संगठन के उप महासचिव…
View On WordPress
0 notes
Text
सामने आया कोरोना से भी खतरनाक वायरस मारबर्ग वायरस, 8 दिन में छीन लेता है सांसे!
New Post has been published on https://bollywoodpapa.com/286122/marburg-virus-even-more-dangerous-than-corona-virus-has-arrived-the-patient-dies-in-eight-days/
सामने आया कोरोना से भी खतरनाक वायरस मारबर्ग वायरस, 8 दिन में छीन लेता है सांसे!
दोस्तों दुनियाभर में कोरोना महामारी का संकट बरकरार है। कई देशों में इसके संक्रमण के मामले कम हुए हैं तो कई जगहों पर बढ़ भी रहे हैं। भारत में भी तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच दुनिया में एक नए वायरस ने भी दस्तक दे दी है, जिसे बेहद ही खतरनाक माना जा रहा है। इसका नाम मारबर्ग वायरस है। पश्चिमी अफ्रीकी देश गिनी में इस वायरस से संक्रमण का पहला मामला सामने आया है, जिसकी पुष्टि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह वायरस खतरनाक और जानलेवा इबोला वायरस से संबंधित है। माना जा रहा है कि मारबर्ग वायरस कोरोना से भी अधिक खतरनाक है। ऐसे में वैज्ञानिकों की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह वायरस संभवत: चमगादड़ों में पाया जाता है। कोरोना को लेकर भी ऐसा ही दावा किया जाता है। यह मारबर्ग वायरस कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है इस वायरस की मृत्यु दर 88 फीसदी तक होती है। अफ्रीका के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मात्शिदिसो मोएती ने कहा कि इस वायरस में दूर-दूर तक फैलने की क्षमता है, इसलिए हमें इसे जल्द से जल्द रोकने की जरूरत है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी दो महीने पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गिनी में इबोला वायरस की दूसरी लहर के खत्म होने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद एक नया और जानलेवा मारबर्ग वायरस आ गया। जिस व्यक्ति में इसके संक्रमण का पता चला है, उसे यह संक्रमण कैसे और कहां से हुआ, इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इंसानों में मारबर्ग वायरस का संक्रमण चमगादड़ों के संपर्क में आने से फैल सकता है। एक बार जब कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो यह कोरोना की तरह ही इंसानों से इंसानों के सीधे संपर्क से फैल सकता है। संगठन का कहना है कि यह संक्रमित लोगों के रक्त, अंगों या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ और सतहों के माध्यम से भी फैलने में सक्षम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मारबर्ग वायरस इंसानों में गंभीर रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है। इसके लक्षण दो से 21 दिनों के बीच नजर आ सकते हैं। इसके संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी तेज बुखार, तेज सिर दर्द और गंभीर अस्वस्थता के साथ अचानक शुरू हो जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मारबर्ग वायरस से संक्रमण के बाद कई मरीजों में सात दिन के भीतर गंभीर रक्तस्राव की समस्या विकसित हो सकती है और घातक मामलों में आमतौर पर शरीर ���ें कई जगहों से रक्तस्राव होता है। उल्टी और मल के माध्यम से तो शरीर से खून निकलता ही है, साथ ही नाक और मसूड़ों से भी खून बहने की समस्या होती है। घातक मामलों में मरीज की मौत आमतौर पर शुरुआत संक्रमण के 8 से 9 दिनों के बीच हो जाती है।
ये मारबर्ग वायरस के अन्य लक्षण और इलाज!
मांसपेशियों में दर्द, गंभीर पानी जैसा दस्त (दस्त एक हफ्ते तक बना रह सकता है) ,पेट में दर्द और ऐंठन मतली और उल्टी (यह संक्रमण के तीसरे दिन शुरू हो सकती है) , आंखों का कमजोर होना, सुस्ती। बता दे की फ़िलहाल मारबर्ग वायरस रोग के लिए अभी कोई भी उपचार उपलब्ध नहीं है। हालांकि, इसके इलाज के लिए वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिरक्षा उपचारों और दवा उपचारों सहित संभावित उपचारों की एक श्रृंखला का मूल्यांकन किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ मरीज की उचित देखभाल और लक्षणों का बेहतर उपचार संक्रमण से उबरने में मदद कर सकता है।
0 notes
Text
WHO: गिनी ने पश्चिम अफ्रीका में मारबर्ग वायरस से दर्ज की पहली मौत Divya Sandesh
#Divyasandesh
WHO: गिनी ने पश्चिम अफ्रीका में मारबर्ग वायरस से दर्ज की पहली मौत
गिनी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को कहा कि गिनी में स्वास्थ्य अधिकारियों ने इबोला के समान अत्यधिक संक्रामक रक्तस्रावी बुखार मारबर्ग वायरस से एक मौत की पुष्टि की है. यह पहली बार है कि पश्चिम अफ्रीका में घातक बीमारी की पहचान की गई है. 1967 से अब तक 12 प्रमुख मारबर्ग प्रकोप हुए हैं, ज्यादातर दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में इसे देखा गया है.
��स वायरस की खोज डब्ल्यूएचओ द्वारा गिनी के इबोला के दूसरे प्रकोप को समाप्त करने की घोषणा के ठीक दो महीने बाद आई है, जो पिछले साल शुरू हुआ था और इसमें 12 लोगों की जान चली गई थी. जिनेवा में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर खतरे को उच्च मानता है. हालांकि वैश्विक स्तर पर अभी उतना खतरनाक नहीं है.
यह खबर भी पढ़ें: सावन में दिख जाए नीलकंठ पक्षी तो खुल जाएगी आपकी बंद किस्मत
डब्ल्यूएचओ के बयान में कहा गया है कि रोगी, जिसने बीमारी के कारण दम तोड़ दिया, ने अपनी हालत तेजी से बिगड़ने से पहले स्थानीय क्लिनिक में इलाज की मांग की थी. वहीं, गिनी की राष्ट्रीय रक्तस्रावी बुखार प्रयोगशाला और सेनेगल में इंस्टीट्यूट पाश्चर के विश्लेषकों ने बाद में मारबर्ग को पाए जाने की पुष्टि की.
यह खबर भी पढ़ें: साल में एक दिन खुलता है शमशान घाट पर बना कंकाली मंदिर, जानिए इसकी अनोखी कहानी
अफ्रीका के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने बयान में कहा, “मारबर्ग वायरस के दूर-दूर तक फैलने की संभावना का मतलब है कि हमें इसे अपने ट्रैक में रोकने की जरूरत है.” मोएती ने आगे कहा, “हम स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं ताकि इबोला के प्रबंधन में गिनी के पिछले अनुभव और विशेषज्ञता पर आधारित प्रतिक्रिया को लागू किया जा सके.”
यह खबर भी पढ़ें: मनुष्य की म्रत्यु के बाद फिर से होगा उसका पुनर्जन्म, जानिए नारद पुराण का अद्भुत रहस्य
मारबर्ग मामले और इस साल के इबोला दोनों मामलों का पता गिनी के गुएकेडौ जिले में, लाइबेरिया और आइवरी कोस्ट की सीमाओं के पास पता चला था। 2014-2016 के इबोला महामारी के पहले मामले, जो इतिहास में सबसे बड़े थे, भी दक्षिणपूर्वी गिनी के वन क्षेत्र के उसी इलाको से थे.
Download app: अपने शहर की तरो ताज़ा खबरें पढ़ने के लिए डाउनलोड करें संजीवनी टुडे ऐप
0 notes
Text
गिनी 2016 के बाद पहली मौतों के साथ नए इबोला प्रकोप की घोषणा करती है
गिनी 2016 के बाद पहली मौतों के साथ नए इबोला प्रकोप की घोषणा करती है
पश्चिम अफ्रीका में इबोला का 2013-2016 का प्रकोप नेज़रेकोर में शुरू हुआ, जिसकी सीमा में व्यस्त सीमाओं ने वायरस को रोकने के प्रयासों में बाधा डाली। गिनी, लाइबेरिया और सिएरा लियोन में अधिकांश मामलों में कम से कम 11,300 लोगों की हत्या हुई। इबोला से लड़ना फिर से गिनी में स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव डालेगा क्योंकि वे COVID-19 महामारी से भी लड़ते हैं। लगभग 12 मिलियन लोगों का देश गिनी, अब तक 14,895…
View On WordPress
0 notes
Text
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कांगो के पिछले महामारी वाले क्षेत्र में इबोला पुनर्जीवित है
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कांगो के पिछले महामारी वाले क्षेत्र में इबोला पुनर्जीवित है
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि एक मृत महिला को कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के एक क्षेत्र में इबोला से संक्रमित पाया गया था, जिसका प्रकोप जून में समाप्त हो गया था। डब्ल्यूएचओ ने रविवार को एक बयान में कहा, ईबोला उत्तरजीवी की पत्नी ने उत्तर किवू प्रांत के बुटेमबो में एक ��्वास्थ्य केंद्र में इलाज की मांग की थी। बुटेम्बो दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इबोला प्रकोप का केंद्र था, जो पूर्वी कांगो में लगभग दो…
View On WordPress
0 notes
Text
दुनिया में आ रही है कोरोना से भी खतरनाक Disease X महामारी? प्रोफेसर Jean-Jacques Muyembe Tamfum की चेतावनी
दुनिया में आ रही है कोरोना से भी खतरनाक Disease X महामारी? प्रोफेसर Jean-Jacques Muyembe Tamfum की चेतावनी
कोरोना महामारी के बीच इबोला वायरस ढूंढने वाले वैज्ञानिक प्रोफेसर Jean-Jacques Muyembe Tamfum ने चेतावनी दी है कि दुनिया में Disease X नाम की एक और बीमारी आहट दे रही है. यह बीमारी पहले से ज्यादा खतरनाक होगी.
View On WordPress
0 notes
Text
दुनिया में आ रही है कोरोना से भी खतरनाक Disease X महामारी? प्रोफेसर Jean-Jacques Muyembe Tamfum की चेतावनी
दुनिया में आ रही है कोरोना से भी खतरनाक Disease X महामारी? प्रोफेसर Jean-Jacques Muyembe Tamfum की चेतावनी
किंशासा (कांगो): दुनिया में कोरोना (CoronaVirus) महामारी अभी गई भी नहीं है कि वहीं एक नामी वैज्ञानिक ने इससे भी खतरनाक बीमारी के आगमन की चेतावनी दी है. वैज्ञानिक का कहना है कि नई बीमारी के वायरस पहले से भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं. इबोला खोजने वाले वैज्ञानिक ने Disease X को बताया गंभीर करीब चार दशक पहले इबोला (Ebola) वायरस की खोज करने वाले वैज्ञानिक प्रोफेसर Jean-Jacques Muyembe Tamfum ने कहा…
View On WordPress
#Covid 19 like Disease#Disease X#Disease X Details#Disease X Pandemic#Ebola#Jean-Jacques Muyembe Tamfum#New disease X#New Pandemic#what is Disease X
0 notes
Text
इबोला की खोज करने वाले डॉक्टर ने दुनिया को दी खतरनाक 'Disease X' के तेज़ी से फैलने की चेतावनी
इबोला की खोज करने वाले डॉक्टर ने दुनिया को दी खतरनाक ‘Disease X’ के तेज़ी से फैलने की चेतावनी
कोरोना वायरस महामारी के बीच इबोला की खोज करने वाले डॉक्टर ने चेतावनी दी है कि दुनिया में कोविड-19 की तरह से एक और महामारी बहुत तेजी से फैल रही है। इस महामारी को Disease X कहा जा रहा है और यह इबोला की तरह से ही बहुत घातक है। साल 1976 में इबोला वायरस की खोज करने में सहायता देने वाले प्रफेसर जीन-जैक्स मुयेम्बे ने तामफूम ने कहा कि मानवता अज्ञात संख्या में नए वायरस का सामना कर रही है। डॉ. तामफम के…
View On WordPress
0 notes
Photo
‘रोग एक्स’ अगला महामारी हो सकता है, डॉक्टर जो इबोला की खोज कहते हैं https://tinyurl.com/y74paxuo #africa #covid_19 #democratic_republic_of_congo #disease_x #ebola #epidemic #ingede #pandemic #professor_jean-jacques_muyembe_tamfum #sars #who #world_health_organisation #अगल #इबल #एकस #क #कहत #खज #ज #डकटर #महमर #रग #सकत #ह
0 notes
Photo
जगाला आता ‘डिसीज-एक्स’ या नव्या घातक विषाणूचा धोका, इबोला विषाणूचा शोध लावणाऱ्या डॉक्टरांचा इशारा येणारी महामारी कोरोना विषाणूपेक्षा जास्त धोकादायक | #DiseaseX #Covid19 #MayHitTheWorld https://www.headlinemarathi.com/featured/disease-x-a-new-disease-similar-to-covid-19-and-ebola-may-hit-the-world-in-near-future-warns-scientist-who-discovered-ebola/?feed_id=40936&_unique_id=5ff29e6a8b0bf
0 notes
Text
ब्रिटिश सैनिकों को चेतावनी, सांप का खून नहीं पीएं, जिंदा बिच्छू खाने से करें परहेज Divya Sandesh
#Divyasandesh
ब्रिटिश सैनिकों को चेतावनी, सांप का खून नहीं पीएं, जिंदा बिच्छू खाने से करें परहेज
लंदन खुद को हर परिस्थिति में जिंदा रखने के लिए कोबरा जैसे जहरीले सांपों का खून पीने वाले और जिंदा बिच्छू खाने वाले दुनियाभर के सैनिकों के लिए बुरी खबर है। पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर आगाह किया है कि कोरोना वायरस खतरे के बीच इस तरह की प्रथा से सांपों और अन्य जीवों के अंदर से कोविड-19 जैसे वायरस या पशुओं से इंसानों के शरीर में जाने वाली बीमारियां सैनिकों के शरीर में प्रवेश कर सकती हैं।
दरअसल, हर साल दुनियाभर से सैनिक थाइलैंड में होने वाले कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल में हिस्सा लेने के लिए वहां पहुंचते हैं। इस दौरान ये सैनिक असाधारण जिंदा जानवरों को मारने और फिर उन्हें खाने का अभ्यास करते हैं ताकि वे जिंदा रह सकें। इस दौरान सैनिक फील्ड ट्रेनिंग के दौरान सांप का खून पीते हैं, बिच्छू या छिपकली को जिंदा खाने का अभ्यास करते हैं। पेटा ने चेतावनी दी कि सांप का खून पीने या उन्हें जिंदा खाने से कोरोना जैसे वायरस या पशुओं की बीमारियां इंसानों के शरीर में प्रवेश कर सकती हैं।
75 प्रतिशत बीमारियां पशुओं से इंसानों में फैल रही उन्होंने कहा कि इससे एक और महामारी फैल सकती है। बता दें कि पिछले साल आयोजित कोबरा गोल्ड मिलिट्री ड्रिल में अमेरिकी सैनिकों को छिपकली और बिच्छू की खाल उतारते और उन्हें जिंदा खाते हुए कैमरे में कैद किया गया था। यही नहीं ड्रिल के दौरान एक सांप को मारकर उसके सिर से निकलते हुए खून को सैनिकों ने आपस में बांटकर पीया था। इसकी तस्वीरों के वायरल होने पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी।
पेटा ने अमेरिकी सीडीसी का हवाला देते हुए कहा कि 75 प्रतिशत बीमारियां पशुओं से इंसानों में फैल रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 1970 के दशक से लेकर अब तक तीन दर्जन संक्रामक बीमारियां इंसानों के पशुओं के आवास में छेड़छाड़ करने की वजह से फैलीं। इनमें सार्स, मर्स, इबोला, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू और जीका वायरस आदि शामिल हैं। वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना वायरस भी चमगादड़ से फैला है।
0 notes