#इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी
Explore tagged Tumblr posts
Text
Omicron संस्करण समाचार: Omicron 2 वंशों में विभाजित हो गया है, लेकिन विशेषज्ञ डर को दूर करते हैं | हैदराबाद समाचार - टाइम्स ऑफ इंडिया
Omicron संस्करण समाचार: Omicron 2 वंशों में विभाजित हो गया है, लेकिन विशेषज्ञ डर को दूर करते हैं | हैदराबाद समाचार – टाइम्स ऑफ इंडिया
हैदराबाद: दक्षिण अफ्रीका द्वारा पहली बार रिपोर्ट किए जाने के एक महीने बाद, ओमाइक्रोन (बी.1.1.529), जिसे डब्ल्यूएचओ द्वारा चिंता के एक प्रकार के रूप में नामित किया गया है, दो वंशों – बीए.1 और बीए.2 में विभाजित हो गया है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञ आश्वस्त करते हैं कि अभी के लिए नई वंशावली को लेकर डरने की कोई बात नहीं है। ओमाइक्रोन, लगभग 50 उत्परिवर्तन के साथ, आधिकारिक तौर पर 8 नवंबर को दक्षिण…
View On WordPress
#आ�� की खबर हैदराबाद#इगिबो#इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी#एस-जीन#ऑमिक्रॉन#ओमाइक्रोन संस्करण समाचार#विनोद स्कारिया#हैदराबाद ताजा खबर#हैदराबाद समाचार#हैदराबाद समाचार आज#हैदराबाद समाचार लाइव
0 notes
Text
Covid-19 Now Is The Time To Open The School - Know Which Big Scientist Gave Advice | Covid-19: घटते कोरोना केस के बीच अब स्कूल खोलने का वक्त आ गया है- जानिए
Covid-19 Now Is The Time To Open The School – Know Which Big Scientist Gave Advice | Covid-19: घटते कोरोना केस के बीच अब स्कूल खोलने का वक्त आ गया है- जानिए
देश के कई राज्यों जैसे दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी में कोरोना के मामले अब कम दर्ज किए जा रहे हैं. ऐसे में इन राज्यों में स्कूल-कॉलेज फिर से खोले जाने की मांग की जा रही है. वहीं जिन क्षेत्रों में कोविड का ग्राफ नीचे आना शुरू हो गया है वहां स्कूल-कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए एक मजबूत तर्क देते हुए दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (Institute of Genomics and Integrative…
View On WordPress
0 notes
Text
ओपन स्कूल, अखिल भारतीय लहर फरवरी की शुरुआत में, जीनोमिक्स संस्थान प्रमुख कहते हैं
ओपन स्कूल, अखिल भारतीय लहर फरवरी की शुरुआत में, जीनोमिक्स संस्थान प्रमुख कहते हैं
स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एक मजबूत तर्क देते हुए, कम से कम उन क्षेत्रों में जहां कोविड वक्र नीचे जाना शुरू हो गया है, दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि महामारी अब प्रवेश कर रही है। चरण जहां सामान्य गतिविधियां अपेक्षाकृत छोटी और बहुत कठिन सावधानियों के साथ फिर से शुरू हो सकती हैं। समझाया पर बोलते हुए। इंडियन…
View On WordPress
#इंडियन एक्सप्रेस#ओमाइक्रोन कोविड#ओमाइक्रोन तरंग#कोविड की तीसरी लहर#कोविड की व्याख्या#कोविड खबरें#डॉ अनुराग अग्रवाल#भारत समाचार#समझाया सत्र#समझाया.लाइव#सामयिकी
0 notes
Text
Kappa Variant Of Coronavirus Found In UP Patient, Sant Kabir Nagar
Kappa Variant Of Coronavirus Found In UP Patient, Sant Kabir Nagar
Kappa Variant Found in UP Patient: यूपी के देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले पाए जाने के बाद अब संत कबीर नगर में एक मरीज कोविड-19 के कप्पा स्ट्रेन से पॉजिटिव पाया गया है. 66 साल के मरीज की मौत हो गई है. जीनोम अनुक्रमण अभ्यास के दौरान स्ट्रेन का पता चला था. उनका नमूना 13 जून को नियमित रूप से इक्ठ्ठा किया गया था और सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी,…
View On WordPress
0 notes
Text
कोई सबूत नहीं डेल्टा प्लस संभावित तीसरी लहर का कारण बनेगा: शीर्ष जीनोम सीक्वेंसर
कोई सबूत नहीं डेल्टा प्लस संभावित तीसरी लहर का कारण बनेगा: शीर्ष जीनोम सीक्वेंसर
वर्तमान में डेल्टा प्लस का तीसरी कोविड लहर से कोई लेना-देना नहीं है। नई दिल्ली: संभावित तीसरी कोविड लहर की चिंताओं के बीच, देश के कुछ हिस्सों में डेल्टा प्लस संस्करण के उद्भव के साथ, भारत के शीर्ष डॉक्टरों और जीनोम सीक्वेंसर में से एक ने इस नए उत्परिवर्ती की चिंताओं को दूर कर दिया है जो संक्रमणों में वृद्धि को बढ़ावा दे रहा है। इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के निदेशक…
View On WordPress
0 notes
Link
मुंबई में 4 हेल्थ वर्करों में कोरोना के री-इंफेक्शन का मामला सामने आया है। पहली बार संक्रमण से उबरने के 19 से 65 दिन के बाद पर उन्हें कोरोना का दोबारा संक्रमण हुआ। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें पहले संक्रमण के बाद एंटीबॉडीज नही बनीं। चारों मामलों में पाए गए कोरोना की जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट बताती है, यह वायरस 39 बार म्यूटेट हुआ यानी वायरस ने खुद में बदलाव किया है।
इस पूरे मामले की केस स्टडी लेंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है। चारों मामलों में मिले कोरोना की जीनोम सीक्वेंसिंग दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने की है। जांच करने वाली टीम में शामिल डॉ. राजेश पांडे का कहना है, वायरस ने खुद को बांटा है। यह कई बार म्यूटेट हुआ है, ठीक वैसे, जैसे एक ही पेड़ से कई पत्तियां निकलती हैं।
री-इंफेक्शन के मायने क्या हैं और ये कब सामने आए जब कोरोना से एक बार लड़ने के बाद ��रीज की रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। उसके कुछ समय बाद फिर मरीज में इस वायरस का दोबारा संक्रमण होता है तो इसे री-इंफेक्शन कहते हैं। कोरोना के री-इंफेक्शन का पहला मामला हॉन्गकॉन्ग के 33 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल में अगस्त में सामने आया था।
भारत में री-इंफेक्शन का पहला मामला बेंगलुरु में सामने आया। सितंबर के पहले हफ्ते में 27 वर्षीय महिला में दोबारा कोरोना की पुष्टि हुई।
यह देश में री-इंफेक्शन का सबसे बड़ा ग्रुप रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में चार हेल्थ वर्करों का एक समूह देश में अब तक के री-इंफेक्शन का सबसे बड़ा ग्रुप है। इनमें से 3 डॉक्टर्स बीएमसी के नायर हॉस्पिटल से हैं और एक हेल्थकेयर वर्कर हिंदुजा अस्पताल से है।
इन चारों को जब पहली बार कोरोना का संक्रमण हुआ तो 2-5 दिन बाद माइल्ड लक्षण ही दिखे, जैसे गला सूखना और खांसी। जब दोबारा संक्रमण हुआ तो लक्षण काफी परेशान करने वाले थे। इनमें 2 से 3 हफ्ते तक बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द के लक्षण दिखे।
इनमें से एक मरीज की हालत इतनी ज्यादा खराब हुई कि उसे प्लाज्मा थैरेपी देने की जरूरत पड़ गई। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें दोबारा संक्रमण कोरोना के म्यूटेट वर्जन से हुआ।
दो मरीजों में कोरोना का खतरनाक स्ट्रेन डॉ. राजेश पांडे के मुताबिक, 4 में से 2 मरीजों में कोरोना का D614G स्ट्रेन मिला है। यह खतरनाक स्ट्रेन है जो संक्रमण और लक्षणों को और गंभीर बनाता है। अगर कोरोना का म्यूटेशन और तेज होता है तो ऐसा हो सकता है कि वैक्सीन सभी में एक जैसी असरदार न हों।
हल्के लक्षणों वालों में जरूरी नहीं कि एंटीबॉडी बनें
नायर हॉस्पिटल की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. जयंती शास्त्री के मुताबिक, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चारों मरीजों में पहले संक्रमण के बाद एंटीबॉडी बनी ही नहीं। वह कहती हैं, हल्के लक्षणों वाले मरीजों में जरूरी नहीं कि एंटीबॉडी बनें।
डॉ. जयंती के मुताबिक, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पहले और दूसरे संक्रमण के RNA की जरूरत होती है। इसे स्टोर करना सबसे बड़ा चैलेंज है। कई हॉस्पिटल के पास RNA को स्टोरी करने की अच्छी सुविधा नहीं होती। डॉ. जयंती ने इन मरीजों के RNA डाटा को स्टोर कराया है ताकि आगे ये रिसर्च में काम आ सकें। रिसर्च रिपोर्ट कहती है, पहली बार संक्रमण के बाद भी इससे बचाव करने की जरूरत है।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Reinfection in four Mumbai health workers, no antibody produced after first bout says Lancet study
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2FOMBKh via IFTTT
0 notes
Text
डेल्टा के बाद UP में कोरोना के कप्पा वैरिएंट की दहशत, गोरखपुर में पहली मौत Divya Sandesh
#Divyasandesh
डेल्टा के बाद UP में कोरोना के कप्पा वैरिएंट की दहशत, गोरखपुर में पहली मौत
गोरखपुर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के मेडिकल कॉलेज में जून में भर्ती एक मरीज की जीनोम सिक्वेंसिंग की जांच में जो रिपोर्ट आई है उसमे कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। की दूसरी लहर में डेल्टा प्लस के साथ-साथ कप्पा वैरिएंट ने भी तबाही मचाई थी। कप्पा वैरिएंट जिस मरीज में मिला था। उस मरीज की मौत जून माह में हो चुकी है। वह संतकबीर नगर जिले के उत्तरपाती गांव का रहने वाला था। उसकी उम्र 65 साल थी।
जिले में डेल्टा और कप्पा मिलने की हुई पुष्टि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने इसकी जानकारी संतकबीर नगर जिले के सीएमओ को दे दी है। इसके बाद से उस मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री से लेकर उसके परिवार के सदस्यों की जानकारी विभाग इकट़्ठा करने में जुट गया है। संतकबीरनगर जिले में कोरोना के नए स्वरूप डेल्टा, डेल्टा प्लस और कप्पा मिलने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें डेल्टा प्लस के एक मरीज की मौत भी हो चुकी है जबकि एमबीबीएस की छात्रा स्वस्थ्य हो चुकी है।
डेल्टा की तरह खतरनाक है कप्पा वैरिएंट इन सबके बीच कप्पा वैरिएंट की इंट्री ने विभाग को मुश्किलों में डाल दिया है। क्योंकि यह डेल्टा वायरस का ही बदला स्वरूप है, जो डेल्टा प्लस की तरह खतरनाक है। डेल्टा प्लस को भारत में वैरिएंट ऑफ कंर्सन घोषित किया गया है। जबकि कप्पा वैरिएंट को डब्लूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर चुका है। इसकी वजह से शासन ने सभी मरीजों की पूरी जानकारी तलब की है। साथ ही संबंधित जिले के सीएमओ को यह निर्देश भी दिया गया है कि मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री से लेकर उनके परिवार के एक-एक सदस्यों की पूरी जानकारी इकट्ठा की जाए।
27 मरीजों में मिले आईजीआईबी (इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी) की ओर से 30 मरीजों का जीनोम सीक्वेसिंग की जांच सात जुलाई को जारी की गई है। इनमें 27 मरीजों डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। इन मरीजों का मिलान बीआरडी मेडिकल कॉलेज करने में जुट गया है। क्��ोंकि सारे मरीजों का इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में चल रहा था। कॉलेज प्रशासन अब यह जानने में जुट गया है कि डेल्टा वैरिएंट में कितने मरीजों की मौत हुई है और कितने मरीज स्वस्थ्य हुए हैं।
डेल्टा वैरिएंट के म्यूटेशन से पैदा हुआ कप्पा वैरिएंटडॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि कप्पा वैरिएंट बी.1.617 वंश के म्यूटेशन से ही पैदा हुआ है, जो डेल्टा वैरिएंट के लिए भी जिम्मेदार है। बी.1.617 के एक दर्जन से ज्यादा म्यूटेशन हो चुके हैं, जिनमें से दो खास हैं- ई484क्यू और एल452आर। इसलिए इस वैरिएंट को डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है। जैसे-जैसे यह विकसित होता गया बी.1.617 की नई वंशावली तैयार होगी। बी.1.617.2 को डेल्टा वैरिएंट के नाम से जाना जा रहा है, जो कि भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जाता है। इसके अन्य वंश बी.1.617.1 को कप्पा कहा जाता है।
जून माह में भेजे गए सैंपल का इंतजार वहीं माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि कप्पा वैरिएंट डेल्टा का ही बदला हुआ स्वरूप है। इस वैरिएंट के मिले मरीज की मौत जून माह में हो चुकी है। इसकी जानकारी कॉलेज प्रशासन को दे दी गई है। अब जून माह में भेजे गए सैंपल का इंतजार किया जा रहा है।
0 notes
Text
कोविड-19 से मिलकर लड़ेंगे IGIB वैज्ञानिक और IIT एलुमनी
उमाशंकर मिश्र न्यूजवेव @ नई दिल्ली दुनिया में सभी देशों ने नोवेल कोरोना वायरस पर अपने शोध प्रयास तेज कर दिये हैं। कोविड-19 पर रिसर्च और रोगियों से जुड़े आंकड़ों के विश्लेषण पर साझा काम करने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB), नईदिल्ली और IIT एलुमनी काउंसिल के बीच एक नये करार की घोषणा की गई है। CSIR-IGIB और IIT एलुमनी काउंसिल की यह संयुक्त पहल कोविड-19 महामारी से लड़ने पर केंद्रित है। यह बायोडायवर्सिटी सिस्टम बहुउद्देशीय विशेषज्ञता के साथ एक स्वदेशी वैल्यू-चेन को मजबूत करेगा, जिसमें डिजिटल हेल्थ, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, न्यूक्लियर सॉल्यूशन, नेक्स्ट जेन अनुक्रमण, एंटीबॉडी हार्वेस्टिंग और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के उत्पादन से जुड़े विषय शामिल होंगे। 8500 कोरोना रोगियों के डेटा पर होगा रिसर्च
याद दिला दें कि IIT एलुमनी काउंसिल देश के 23 IIT संस्थानों के पूर्व छात्रों की एक स्वायत्त वैश्विक संस्था है। इस समझौते के तहत काउंसिल ने मुंबई के 8500 मरीजों के इमेजिंग डेटा का पहला सेट CSIR-IGIB को सौंप दिया है। मरीजों की पहचान उजागर किए बिना जल्दी ही इस डेटा को शोध को बढ़ावा देने के लिए CSIR-IGIB भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा सार्वजनिक रूप से ओपन डेटा प्लेटफॉर्म पर प्रस्तुत किया जाएगा। देश में एडवांस टेस्टिंग और ट्रीटमेंट मैथेडोलॉजी बनाने के साथ वैश्विक डेटा लीडरशिप स्थापित करने के लिए दोनों पक्ष इस करार को एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। IIT एलुमनी काउंसिल के अध्यक्ष रवि शर्मा ने कहा कि यह पहल दुनियाभर के वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स के लिए ओपन डेटा तक पहुँच को आसान बनाएगी। IIT एलुमनी काउंसिल का मानना है कि आईजीआईबी के साथ मिलकर इस पहल के तहत हम स्वास्थ्य संबंधी डेटा के लिए उच्च सुरक्षा से लैस डेटा आर्किटेक्चर बना सकेंगे। काउंसिल द्वारा कहा गया कि यह साझेदारी IIT एलुमनी काउंसिल के दो प्रयासों में मदद करेगी, जिसमें परीक्षण के लिए मुंबई में स्थापित होने वाली विश्व की सबसे बड़ी मेगालैब और बायोलॉजिक्स आधारित उपचार के लिए भारत की सबसे बड़ी मेगा-टीएक्स एंटीबॉडी सुविधा शामिल है। शर्मा ने कहा कि “इस साझेदारी के बाद सरकार और आईआईटी एलुमनी काउंसिल जैसे घरेलू गैर-लाभकारी संगठनों के साथ सहयोग के नये आयाम भी उभर सकते हैं।” CSIR-IGIB निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि इस करार की खास बात यह है कि IIT एलुमनी काउंसिल अपने चैरिटेबल कार्यों से बहुत सारे डेटा उत्पन्न कर रही है, जिसे वे हमारे माध्यम से सुरक्षित तरीके से सार्वजनिक करना चाहते हैं। (इंडिया साइंस वायर) Read the full article
0 notes
Text
MSPCL सहित इन सरकारी विभागों में निकली बंपर भर्तियां, फटाफट करें अप्लाई
मणिपुर स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड (MSPCL) ने जूनियर सिस्टम असिस्टेंट, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कंट्रोल रूम असिस्टेंट, ऑफिस असिस्टेंट और ड्राइवर समेत 285 पदों (ग्रुप C और D) पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। अभ्यर्थी को नोटिफिकेशन पर दिए गए लिंक पर क्लिक कर आवेदन करना होगा। आवेदक की अधिकतम उम्र 38 वर्ष और न्यूनतम आयु 28 फरवरी, 2019 के अनुसार गणना के आधार पर तय की जाएगी। आरक्षित वर्गों को आयु सीमा में छूट का प्रावधान दिया जाएगा।
आवेदन की अंतिम तिथि : 28 फरवरी, 2019
आवश्यक योग्यता : विभिन्न पदों के अनुसार योग्यता भी अलग-अलग तय की गई है। न्यूनतम योग्यता 12वीं कक्षा या समकक्ष पास किया होना चाहिए। साथ ही वेलिड ड्राइविंग सर्टिफिकेट आदि होना जरूरी है।
चयन प्रक्रिया : लिखित परीक्षा में प्राप्त मेरिट अंकों के आधार पर अभ्यर्थी को टाइपिंग टेस्ट/ कम्प्यूटर प्रोफिशिएंसी टेस्ट और ड्राइविंग टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा।
नोटिफिकेशन देखने के लिए यहां जाएं : http://mspcl.in/wp-content/uploads/2019/02/mspcl.in_terms_conditions.pdf
अधिक जानकारी के लिए देखें : http://mspcl.in/
मणिपुर स्टेट पावर कंपनी लिमिटेड (MSPCL) सहित कई सरकारी विभागों में सरकारी नौकरियों हेतु आवेदन करने हेतु नोटिफिकेशन जारी किए गए हैं। आप भी इन नौकरियों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। जानिए ऐसी ही कुछ भर्तियों की डिटेल्स के बारे में...
यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, चेन्नई पद : एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर - मेडिकल (स्केल-।) (12 पद) आवेदन की अंतिम तिथि : 28 फरवरी, 2019
CSIR- इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, दिल्ली (05 पद) पद : प्रोजेक्ट असिस्टेंट-।।, ।।।, रिसर्च एसोसिएट-। व लैबोरेट्री टेक्नीशियन वॉक इन इंटरव्यू की तिथि : 22 फरवरी, 2019
नॉर्थईस्टर्न इंदिरा गा��धी रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ एंड मेडिकल साइंसेज, शिलॉन्ग पद : जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स (23 पद) वॉक इन इंटरव्यू की तिथि : 26 फरवरी, 2019
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जोधपुर पद : रजिस्ट्रार, सीनियर एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, साइंटिफिक ऑफिसर व अन्य विभिन्न पद (23 पद) आवेदन की अंतिम तिथि : 15 मार्च, 2019
भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर पद : अपर डिविजन क्लर्क और स्टेनोग्राफर गे्रड-।।। (60 पद) आवेदन की अंतिम तिथि : 25 फरवरी, 2019
नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया पद : डिप्टी मैन��जर (टेक्नीकल) (29 पद) आवेदन की अंतिम तिथि : 28 फरवरी, 2019
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://www.patrika.com/jobs/mspcl-apply-for-govt-jobs-tips-in-hindi-4158518/
0 notes
Text
IGIB Recruitment 2019 » Project Asst & Laboratory Technician Post
IGIB Recruitment 2019 » Project Asst & Laboratory Technician Post सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी ने 05 पदों पर Project Assistant & Laboratory Technician की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की है। इच्छुक उम्मीदवार 22 फरवरी 2019 को साक्षात्कार में जा सकते हैं।
CSIR-IGIB Vacancy 2019: CSIR-Institute of Genomics & Integrative Biology has issued a latest notification for the recruitment of Project Assistant (I, II, III) & Laboratory Technician Vacancy at 05 Posts. Interested candidates can go to the Interview on 22 February 2019. Other details of CSIR-IGIB Jobslike Age Limit, Educational Qualification, Selection Process, Application Fee and How to Apply…
View On WordPress
0 notes
Text
अलीगढ़ में नहीं मिला कोविड का नया घातक स्वरूप, AMU अस्पताल के कर्मचारियों को मिली राहत Divya Sandesh
#Divyasandesh
अलीगढ़ में नहीं मिला कोविड का नया घातक स्वरूप, AMU अस्पताल के कर्मचारियों को मिली राहत
अलीगढ़ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओर से दिल्ली के ‘इंस्टीटयूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी’ (सीएसआईआर) को जीनोम के लिए भेजे गए किसी भी नमूने में कोविड-19 के किसी नए घातक स्वरूप का पता नहीं चला है। अस्पताल के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। इस खबर ने अस्पताल के संकटग्रस्त चिकित्सा कर्मचारियों को राहत दी है जो दो वरिष्ठ चिकित्सकों और विश्वविद्यालय के मौजूदा व सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों की मौत से सहमे थे।
एएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर हारिस मंजूर खान के अनुसार, भेजे गए 20 नमूनों में से 18 (90%) में वायरस का बी.1.617.2 स्वरूप मिला है। उन्होंने बताया ‘इसे ‘डबल म्यूटेंट वेरिएंट’(दो बार स्वरूप बदलना) कहा जाता है। इसका पता पहली बार पांच अक्टूबर, 2020 को महाराष्ट्र में चला था। यह बी.1.617 प्रकार का एक उप प्रकार है जो उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान मुख्य रूप से पाया गया है।’’ एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने आईसीएमआर के निदेशक, दिल्ली स्थित सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक और सभी वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया है।
एक महीने में 21 एएमयू शिक्षकों की हुई मौत पिछले एक महीने के दौरान एएमयू ने 17 सेवारत शिक्षकों और कम से कम 21 सेवानिवृत्त शिक्षकों को खो दिया है जो कोविड और कोविड जैसे लक्षणों से पीड़ित थे। ��ूंकि उनमें से अधिकांश एएमयू परिसर में और उसके आसपास रहते थे, इसलिए एएमयू अधिकारियों ने अलीगढ़ के सिविल लाइंस क्षेत्र से एकत्र किए गए नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने की मांग की थी। इस बीच, जवाहर नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की स्थिति जो तीन सप्ताह से अधिक समय से अनिश्चित थी, उसमें अब काफी सुधार हुआ है।’ अधिकारी ने कहा कि जर्मनी से आयात किए जा रहे तरल ऑक्सिजन संयंत्र के अगले सप्ताह आने की उम्मीद है।
0 notes