बहुत उदास है दिल जाने माजरा क्या है
मेरे नसीब में गम के सिवा धरा क्या है,
मैं जिनके वास्ते दुनियाँ ही छोड़ आया था
वो पूछते है कि आख़िर हुआ क्या है,
निभा रहा हूँ मैं दुनियाँ के रह ओ रस्म यहाँ
वगरना जिस्म के सहरा में अब बचा क्या है,
यहाँ तो ईद का मौसम भी अब नहीं आता
ना जाने ग़र्दिश ए दौराँ को हो गया क्या है,
हर एक रात मेरी ज़िन्दगी का मातम है
हर एक शाम यहाँ मौत के सिवा क्या है,
हमारा फ़र्ज़ तो जलना है…
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हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार।
श्री गुरुग्रंथ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कबीर परमेश्वर की महिमा गाते हुए कहा है कि - हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदिगार।
नानक बिगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाख़ाक।
अधिक जानकारी के लिए देखें Sant Rampal Ji Maharaj Youtube Channel.
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आलम बड़ा कबीर
भाई बाले वाली जन्म साखी के पृष्ठ 189 में लिखा हैः
खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर।
काईम दाइम कुदरती सिर पीरां दे पीर।।
श्री नानक जी ने कहा है कि काजी रूकनदीन ! जिस खुदा ने आदम जी की उत्पतत की है, वह बड़ा परमात्मा कबीर है। वही पृथ्वी पर सतगुरू की भूमिका करता है। वह सिर पीरां दे पीर यानि सब गुरूओं का सिरताज है। सब से उत्तम ज्ञान रखता है। वह कायम यानि श्रेष्ठ दायम यानि समर्थ परमात्मा (कुदरती) है। मुसलमान उसे अल्लाह कबीर कहते हैं।
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💠'साखी कंधार देश की चली', जन्म साखी के पृष्ठ 470-471 पर एक मुगल पठान ने पूछा कि आपका गुरू कौन है? श्री नानक जी ने उत्तर दिया कि जिन्दा पीर है। वह परमेश्वर ही गुरू रूप में आया था। उसका शिष्य सारा जहाँ है। फिर ‘‘साखी रूकनदीन काज़ी के साथ होई’’ जन्म साखी के पृष्ठ 189 पर नानक जी ने रुकनदीन काज़ी को जबाब देते हुए कहा:-
नानके आखे रूकनदीन सच्चा सुणहू जवाब।
खालक आदम सिरजिया आलम बड़ा कबीर।
कायम दायम कुदरती सिर पिरां दे पीर।
सजदे करे खुदाई नू आलम बड़ा कबीर।।
#सजदेकरे_खुदाईनू_आलम_बड़ा_कबीर
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खेत में सिंचाई करते वक़्त पिता पुत्र की बिजली का करंट लगने से मौत
मोहम्मदाबाद (नीरज कुमार की रिपोर्ट): सोमवार को भोर में पिता पुत्र की खेत मे सिंचाई करते वक्त बिजली के तार गिरने से चपेट में आ गए जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
बता दें कि मोहम्मदाबाद थाना अंतर्गत चक आलम चौबेपुर के निवासी शिवटहल यादव व अनिल यादव खेत सिंचाई कर रहे थे। उसी दरम्यान भोर में लगभग 5 बजे खेत के ऊपर से गुजर रहे 11000 बिजली का तार टूटकर गिर गया। जिससे पिता पुत्र चपेट में आ गए और मौके…
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कोई महबूब सितमगर भी तो हो सकता है
कोई महबूब सितमगर भी तो हो सकता है
फूल के हाथ में खंजर भी तो हो सकता है,
एक मुद्दत से जिसे लोग ख़ुदा कहते है
छु के देखो कि वो पत्थर भी तो हो सकता है,
मुझको आवारगी ए इश्क़ का इल्ज़ाम न दो
कोई इस शहर में बेघर भी तो हो सकता है,
कैसे मुमकिन कि उसे जान के बराबर समझूँ
वो मेरी जान से बढ़ कर भी तो हो सकता है,
सिर्फ़ सावन ही तो नहीं आग लगाने वाला
जून की तरह दिसम्बर भी तो हो सकता है,
चाक दामन से मेरे मुझको बुरा…
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हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदीगार।
श्री गुरुग्रंथ साहेब पृष्ठ 721 पर अपनी अमृतवाणी महला 1 में श्री नानक जी ने कबीर परमेश्वर की महिमा गाते हुए कहा है कि - हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदिगार।
नानक बिगोयद जनु तुरा, तेरे चाकरां पाख़ाक।
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डाॅ फरिहा आलम सिद्दीकी ने कलेक्टोरेट में 5 दिव्यांग बच्चों को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया
डाॅ फरिहा आलम सिद्दीकी ने कलेक्टोरेट में 5 दिव्यांग बच्चों को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया
#Chattisgarh
कलेक्टर डाॅ फरिहा आलम सिद्दीकी ने कलेक्टोरेट में 5 दिव्यांग बच्चों को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया, ये बच्चे पहले सुनने में असमर्थ थे, जिस कारण से इन्हें अपने दैनिक जीवन में बहुत सी व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, श्रवण यंत्र के होने से अब इनके जीवन में सुनने की समस्या से राहत मिला है, अब यह दूसरे लोगों की बात सुन पाएंगे और उनसे बातचीत कर अपनी बात रख पाएंगे, जो कि इनके जीवन के लिए एक…
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