#आरिफ मुहम्मद खान
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"उच्च शिक्षा क्षेत्र का भगवाकरण किया जा रहा है": माकपा ने केरल के राज्यपाल की आलोचना की
“उच्च शिक्षा क्षेत्र का भगवाकरण किया जा रहा है”: माकपा ने केरल के राज्यपाल की आलोचना की
माकपा ने राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र के “भगवाकरण” के लिए केरल के राज्यपाल पर निशाना साधा। कोच्चि: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने मंगलवार को राज्य में उच्च शिक्षा क्षेत्र के भगवाकरण के लिए केरल के राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान पर जमकर निशाना साधा। गोविंदन ने कहा, “उच्च शिक्षा क्षेत्र का पूरी तरह से भगवाकरण किया जा रहा है। राज्यपाल इसके हिस्से के रूप में प्रयास…
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केरल विधानसभा ने विवादास्पद विश्वविद्यालय अधिनियम विधेयक पारित किया; यूडीएफ का बहिष्कार - टाइम्स ऑफ इंडिया
केरल विधानसभा ने विवादास्पद विश्वविद्यालय अधिनियम विधेयक पारित किया; यूडीएफ का बहिष्कार – टाइम्स ऑफ इंडिया
तिरुवनंतपुरम: केरल विधानसभा ने गुरुवार को विवादास्पद विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक 2022 पारित किया, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल की शक्तियों को कम किया जाएगा। विपक्षी कांग्रेस-यूडीएफ ने मतदान से पहले सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया कि सरकार विश्वविद्यालयों में प्रमुख पदों पर सत्तारूढ़ दल की “कठपुतली” नियुक्त करने का प्रयास कर…
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#अधनयम#आर बिंदु#आरिफ मुहम्मद खान#इडय#ऑफ#क#कय#करल#केके रागेशो#टइमस#न#नेता प्रतिपक्ष#परत#पिनाराई विजयन#प्रिया वर्गीस#बहषकर#यडएफ#वधनसभ#वधयक#ववदसपद#वशववदयलय
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पिनाराई विजयन ने दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
पिनाराई विजयन ने दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
सीपीएम के वरिष्ठ नेता पिनाराई विजयन ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान ने पद की शपथ दिलाई। कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम स्थल पर अधिकतम 500 व्यक्तियों की उपस्थिति की अनुमति दी गई। केरल के मुख्यमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। आइए हम सब मिलकर लोगों के विकल्प को समझें, और एक नव…
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#इंडियन एक्सप्रेस#केरल के मुख्यमंत्री#केरल विधानसभा चुनाव 2021#पिनाराई विजयन#राज्यपाल आरिफ मुहम्मद खान#सी अच्युता मेन��
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केरल में वाइस चांसलरों की नियुक्ति पर सरकार और गवर्नर के बीच टकराव बढ़ा
केरल में वाइस चांसलरों की नियुक्ति पर सरकार और गवर्नर के बीच टकराव बढ़ा
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य सरकार के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. नई दिल्ली : केरल में वाइस चांसलरों की नियुक्ति पर राज्य सरकार और गवर्नर आरिफ मुहम्मद खान के बीच टकराव बढ़ गया है. राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार की रात में एपीजे अब्दुल कलाम टेक्नालॉजिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर पद की जिम्मेदारी राज्य सरकार की सिफारिश को दरकिनार करते हुए केरल डायरेक्टरेट ऑफ़ टेक्निकल एजुकेशन के…
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कश्मीर फाईल्स का असली सच..
कुछ लोग नेता तो बन जाते हैं लेकिन इतिहास उन्हें मालूम नहीं होता। क्या आपको मालूम है कि जिस दिन जम्मू कश्मीर से 4 लाख से. अधिक ब्राह्मण हिन्दुओं को भगाया गया वह तारीख थी 19 जनवरी 1990, उस दिन केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह प्रधानमंत्री थे, जनता दल गठबंधन की सरकार थी। असली राष्ट्रवादी बीजेपी के समर्थन से सरकार बनी थी और चल रही थी।
उस समय अलगाववादी नेता मुफ़्ती मुहम्मद सईद देश के गृहमंत्री थे जिनकी बेटी महबूबा मुफ़्ती हैं। उस समय जम्मू कश्मीर के राज्यपाल बीजेपी नेता जगमोहन थे। उस समय वहां राज्यपाल शासन था जो कि केंद्र सरकार के अधीन होता है।
अब जरा आप गौर कीजिए कि जम्मू कश्मीर से हिन्दुओं को भगाए जाने का आरोप किस पर लगनी चाहिये ?
सरकार किसकी थी.....?
राज्यपाल किसका था...........?
एक्शन किसको लेना था.......?
किसकी जिम्मेदारी थी..........?
ब्राह्मण हिन्दुओं को सुरक्षा देना किस स��कार की जिम्मेदारी थी....?
फिर भी अगर कोई इसका आरोप कांग्रेस पर ही लगाए तो समझ लें कि वह जानबूझ कर अंजान है या पब्लिक को बेवकूफ बना रहा हे ।
याद है न..
*गृहमंत्री की बेटी किडनैप हो गयी थी !!!*
राजा नही फकीर है, देश की तकदीर है के नारे के साथ वीपी के जनता दल ने 140 सीटें जीत ली। कांग्रेस अब भी 195 सीट के साथ पहले नम्बर पर रही। लेकिन कहाँ 415 और कहाँ 195.. देश ने कांग्रेस को बैकसीट लेने का आदेश दिया था।
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तो 85 सीटो वाली भारतीय जनता पार्टी ने वीपी को समर्थन दिया। वामपन्थी दल भी उसके साथ आये। वीपी पीएम बन गए, और भाजपा ने सरकार की चाभी घुमानी शुरू की।
पंजाब इस वक्त जल रहा था। कश्मीर में छिटपुट आतंकवादी घटनायें शुरू हो गयी थी। कुछ पुलिस अफसर, कुछ आईबी अफसर, एक जज मारे जा चुके थे। ये ज्यादातर मक़बूल भट मामले से जुड़े लोग थे। इस वक्त कश्मीर में असंतोष था, पर आतंकवाद शुरू न हुआ था।
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वीपी ने शपथ ली, और मुफ़्ती मोहम्मद सईद जो कि कांग्रेस से जनता दल में गए थे, गृह ���ाज्यमंत्री बने। शपथ की खुमारी उतरी न थी, कि एक फोन आया- "जनाब आपकी बेटी किडनैप हो गयी है"
सईद की बेटी डॉक्टरी पढ़ रही थी। कालेज गयी थी, वापस आ रही थी। रास्ते में मिनी बस रुकवाई गयी, लड़की को एक मारुति में बिठाया गया.. और फुर्र।
मांग क्या है किडनैपरों की?? कुछ नही, बस 5 लड़के छोड़ दीजिए। ये लड़के जो कुछ तोड़फोड़ और आतंकी मामलों में पकड़े गए हैं।
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सरकार की शपथ 1989 के दिसम्बर में हुई थी। आते ही हफ्ते में ही किडनैप से स्वागत हुआ। हाथ पैर फूल गए, करना क्या है, किसी को न सूझे। अफरातफरी मच गई।
दुनिया जानती है कि भारत सरकार लौंडों की धमकी में नही आती। पर ये कोई सरकार नही थी। चुनाव जीते सांसदों का झुंड था। गृहमंत्री की बीवी का रो रोकर बुरा हाल था। बेचारा चाहता था कि बेटी फटाफट घर आये। बाकी जिसे छोड़ना है, छोड़ दो।
*सरकार को समर्थन देती भाजपा मूकदर्शक बनी थी। वीपी राजी हो गए।*
लेकिन कश्मीर में मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने किसी को छोड़ने से इनकार कर दिया। तो केंद्र से दो मंत्री श्रीनगर गए- आरिफ मोहम्मद खान और इंदर कुमार गुजराल। फारुख को मनाया गया।
मांगे गए अपराधी छोड़ दिये गए।
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सरजमीने हिंदुस्तान की सर्वशक्तिमान सरकार ऐसे आसानी से घुटनों पर आ जायेगी किसने सोचा था। कश्मीर के छोकरो ने न सोचा था, उनके पाकिस्तानी हैंडलर्स ने भी न सोचा था।
तो छुड़ाए गए लड़को का हीरो वेलकम हुआ। किडनैपर्स भी हीरो बन गए। कल के चवन्नी छाप शोहदे, अब मशहूर "फ्रीडम फाइटर" थे, मुजाहिद थे। छोड़े गए लड़कों में एक मुश्ताक अहमद जरगर था।
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रुबाइया कांड के बाद कश्मीर में प्रदर्शनों में तेजी आ गयी, और आतंकवाद में भी। कई प्रो इंडिया नेता, धार्मिक लीडर्स मार दिए गए। ये नेता हिन्दू थे, मुस्लिम भी। सरकार का क्रेकडाउन हुआ। अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शन करती भीड़ पर गोली चलाई। गांवकदल ब्रिज पर 40 लोग मारे जाने की खबर ने गुस्सा भड़का दिया।
अब संघ ने मामला हाथ मे लिया। जगमोहन राज्यपाल बनाकर भेजे गए। पंडितों से कश्मीर खाली कराया गया। ताकि इसके बाद कश्मीरियों को "सबक सिखाया" जा सके।
सबक सिखाया या नही, वो मुझे नही पता। पता यह है कि वीपी सरकार मन्दिर- मंडल के चक्कर मे गिर गय���। कश्मीरी पंडित कभी घर न लौट सके।
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मुश्ताक अहमद जरगर अर्धशिक्षित कश्मीरी लड़का था। कश्मीर में शुरुआती छुटपुट शान्ति भंग की घटनाओं में लिप्त था, पकड़ा गया था।रुबाइया कांड में छूट गया। सो अब हीरो बन गया।
बहुत लड़को को प्रेरित किया, अपने गैंग में जोड़ा। नरसिंहराव सरकार आ चुकी थी। _*1992 में उसे फिर पकड़ लिया गया। जेल डाला गया। जहां उसे अगली भाजपा सरकार के इंतजार में आठ साल गुजारने पड़े।*_
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तो नई शताब्दी की शुभ वेला में IC814 का अपहरण किया गया। घुटना टेक सरकार सत्ता में थी। 150 भारतीय के बदले 3 आतंकी छोड़े गए। देसी जेम्स बॉन्ड, और विदेशी मंत्री जसवंत तीन आतंकी प्लेन में बिठाकर कंधार ले गए।
उन तीन में एक मुश्ताक अहमद जरगर भी था। दुनिया की सर्वशक्तिमान, देशप्रेमी, मजबूत सरकार को एक नही, दो दो बार ठेंगा दिखाने का रिकार्ड सिर्फ मुश्ताक अहमद जरगर के नाम है।
कंधार की धुंध में गायब होने के बाद वो मुजफ्फराबाद बस गया।
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पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त।
तो उन तीन आतंकियों में मसूद अजहर जरा ज्यादा फेमस हुआ। क्योकि उसने जल्द ही हमारी सन्सद को अपना थैंक्यू भेजा। लेकिन मुश्ताक अहमद जरगर भी कम नही था।
उसके लड़के मुम्बई हमले में शामिल थे। वही हमला जिसमे करकरे मारे गए। लेकिन आतंकी गोलियों से नही, श्राप से। श्राप वाली बाई वही, जो भोपाली मूर्खों ने संसद में भेजा है।
जरगर, अवश्य ही उनका और उनकी सरकार का तीसरी बार कृतज्ञ हुआ होगा।
हरामियों इस कश्मीर फाईल्स को नहीं दिखाओगे....
Dr bn singh
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Karnataka Hijab Row: एक सोची समझी साजिश, सच्चाई होने लगी जग जाहीर!
Karnataka Hijab Row: एक सोची समझी साजिश, सच्चाई होने लगी जग जाहीर!
उडुपी के विधायक रघुपति भट जो कॉलेज समिति के अध्यक्ष भी हैं, उनहों ने अंदेशा व्यक्त किया है कि हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) केवल कॉलेज से जुड़ा हुआ मामला न हो कर एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश है। उनका कहना है कि हिजाब एक धार्मिक ड्रेस कोड है, जब कि सैक्शन संस्थानों के अपने ड्रेस कोड होते हैं जिसका पालन सभी छा��्रों को करना चाहिए। केरल के राज्यपाल (Governor of Kerala) आरिफ मुहम्मद खान (Arif Muhammad…
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ओमानसँग १८ रनले हार्यो नेपाल
काठमाडौं । आइसीसी क्रिकेट विश्वकप लिग २ अन्तर्गत त्रिकोणात्मक सिरिजको पहिलो खेलमा नेपाल पराजित भएको छ । घरेलु मैदानमा बुधवार भएको खेलमा नेपाल ओमानसंग १८ रनले पराजित भएको हो ।
कीर्तिपुस्थित त्रिवि मैदानमा नेपालले पहिलो ओडिआई खेलमा टस जित्दै पहिले ओमानलाई ब्याटिङको निम्तो दिएको थियो ।
ओमानले निर्धारित ५० ओभरमा ९ विकेट गुमाएर १९७ रन बनाएको थियो । तर मध्यम लक्ष्य पाएको नेपालले शुरुआतमै विकेट गुमाउँदा राम्रो ब्याटिङ गर्न सकेन । नेपालले ४६.५ ओभरमा सबै विकेट गुमाएर १७९ रन मात्र बनाउन सक्यो ।
नेपालको लागि शरद भेषावकरले अर्धशतक बनाए पनि टिमलाई जितसम्म पुर्याउन सकेनन । यस्तै उपकप्तान दीपेन्द्र सिंह ऐरीले ३६, सन्दीप लामिछानेले २७ र विनोद भण्डारीले २६ रन बनाए । अन्य खेलाडीले दोहोरो अंकमा समेत रन छुन सकेनन् ।
त्यसअघि करण केसीले ४ र सुशन भारीले ३ विकेट लादा नेपालले ओमानलाई १९७ रनमा रोक्न सफल भएको थियो ।
पहिलो ओभरको अन्तिम बलमा करण केसीले जतिन्द्र सिंहलाई आउट गर्दै सुखद शुरुआत दिएका थिए । ओमानलाई दबाबमा राख्ने क्रममा करणले नै सातौ ओभरको चौथो बलमा अर्का ओपनर खावर अलीलाई विकेटकिपर विनोद भण्डारीबाट क्याचआउट गराए ।
१३औं ओभरको तेस्रो बलमा दीपेन्द्रले डाइरेक्ट हिटमार्फत १६ रन बनाएर अकिब इल्यासलाई रनआउट गरे । १९औं ओभरमा डेब्युटान्ट सुशन भारीले दुई विकेट लिँदै ओमानलाई थप दबाबमा राखे । उनले चौथो बलमा कप्तान जिसान मक्सुदलाई एलबीडब्लु आउट गरे । त्यसपछि त्यस ओभरको अन्तिम बलमा सुरज कुरमालाई कप्तान ज्ञानेन्द्र मल्लबाट क्याचआउट गराए । नेपाली मुलका सुरज कुमराले खाता समेत खोल्न सकेनन् ।
१९ ओभरमा ५ विकेट गुमाएर ५७ रन बनाएको ओमानी इनिङ्स सुरुमै धर्मराएको थियो । घरेलु दर्शकको समर्थन पाएको नेपालल गति��ो शुरुआत गरे पनि ओमानले मध्यक्रमले उत्कृष्ट ब्याटिङ गर्दै टिमलाई पुनरागमन गराए ।
पाँचौ नम्बरमा ब्याटिङ गरेका मुहम्मद नदिम र सन्दिप गौडले छैटौँ विकेटका लागि अर्धशतकिय साझेदारी गरे । यी दुईले ६० विकेटको साझेदारी गर्दै नेपालको इनिङ्स उकासे । साझेदारीपछि ओमानले ११७ रन बनाएको थियो ।
३९औं ओभरको चौथो बलमा सुशनले उक्त साझेदारी तोडे । सुशनले गौडलाई विनौ भण्डारीको हातबाट स्मटम्प आउट गराए । गौडले ७१ बल खेल्दै ३ चौका र १ छक्काको मद्दतमा ३३ रन योगदान गरे । त्यसपछि नेपालले नियमित अन्तरमा विकेट लिन थाल्यो तर नदिमले अन्तिमसम् क्रिजमा रहँदै ब्याटिङ गर्दै ओमानको लागि मध्ययम स्कवर बनाउन सहयोग गरे ।
४२औं ओभरमा दिपेन्द्र सिंह ऐरीले ५ रन बनाएका बादल सिंहलाई रोहित पौडेलबाट कयाचबउट गराए । त्यसपछि नदिमले नसिम खुशीसंग ४२ रनको साझेदारी गरे । नवौं नम्बरमा ब्याटिङ गरेका खुशीले १८ बल खेल्दै २८ रन बनाए। उनले २ चौका र २ छक्का प्रहार गरे ।
नेपालका करण केसीले खुशीलाई र कलिमुल्लाहलाई एके ओभरमा आउट गरे । ४८औं ओभरको पहिलो बलमा करणले खुशीलाई शरद भेषावकरबाट क्याचआउट गराए । त्यही ओभरको चौथो बलमा कलिमुल्लाहलाई विनोद भण्डारीले क्याचआउट गरे ।
११औं नम्बरमा आएका बिलाल खानले मुहम्मद नदिमसंग अन्तिमसम्म ब्याटिङ गरे । नदिमले अविजित ६९ र बिलाल खानले अविजित ८ रन बनाए ।
नेपालको लागि करण केसीले ४ विकेट लिए । तर यसै खेलबाट ओडिआईमा डेब्यु गरिरहेका सुशन भारीले उत्कृष्ट बलिङ गर्दै ३ विकेट लिएर डेब्यु यादगार बनाए ।
करणले ९ ओभरमा १ मेडन ख्द ४७ रन खर्चेर ४ विकेट लिए । सुशनले १० ओभरमा १ मेडन राख्दै मात्र १४ रन खर्चेर ३ विकेट लिए । दीपेन्द्र सिंह ऐरीले १ विकेट लिए । अर्को डेब्युटान्ट बलर अभिनाष बोराले ९ ओभरमा २ मेडनराख्दै ३८ रन खर्चे भने विकेट लिन सकेनन् । सन्दीप लामिछानेले पनि विकेट लिन सकेनन् । उनले १० ओभरमा ४५ रन खरचेर भने १ मेडन राखे ।
१९८ रनको लक्ष्य पछ्याएको नेपालको शुरुआत राम्रो हुन सकेन । कप्तान ज्ञानेन्द्र मल्ल र पारस खड्काको जोडीले ओपनिङ गरेपछि दर्शकको अपेक्षा अनुसार ब्याटिङ गर्न सकेनन् । ज्ञानेन्द्र १ र पारस ३ रन बनाएर आउट भए ।
सुरुको दुई ओभरमा नेपालले रन जोड्न सकेन । ज्ञानेन्द्र चौथो ओभरको पाँचौ बलमा आउट भए भने पारस पाँचौ ओभरको तेस्रो लमा आउट भए । दुई अनुभवी खेलाडी आउट भएपछि सुरुमै धक्का लागेको नेपाली यनिङ्स शरद भेषावकर र उपकपतान दीपेन्द्र सिंह ऐरीले सम्हाले ।
शरद र दीपेन्द्रले तेस्रो विकेटका लागि ६२ रनको साझेदारी गरे । दीपेन्द्रले २१औ ओभरको तेस्रो बलमा आउट हुनुअघि ३६ रन बनाए । उनले ५७ बल खेल्दै ५ चौका र १ छक्का प्रहार गरे । त्यसपछि नेपालले २४औ ओभरमा लगातार २ विकेट गुमायो । आरिफ शेख २ र रोहित कुमार पौडेल १ मा आउट भयो ।
ओमानका कप्तान जिसन मक्सुदले आरिफलाई पहिलो बलमै कट एण्ड बोल्ड गरे । लगतै उनले रोहितलाई खावर अलीबाट क्याचआउट गराए । ओमानका लागि कप्तान जिसनले मात्रै ३ तथा बिलाल खान र कलिमुल्लाहले २-२ विकेट लिए । मक्सुले १० ओभरमा ३ मेडन राख्दै ३० रन खर्चिए ।
नेपालले ७३ रन बनाउँदा ५ विकेट गुमाइसकेको थियो । तर ��रदले एक छेउबाट सम्हालिरहेका थिए । विकेटकिपर विनोद भण्डारीसंग शरदले ४३ रनको साझेदारी गरे । यी दुईले राम्रो साझेदारी गरिरहेको बेला ३४औं ओभरको पहिलो बलमा विनोद भण्डारी आउट भए । विनोदलाई खावर अलीले सन्दिप गौडबाट क्याचआउट गराए ।
नेपालले ११६ रन हुँदा छैटौँ विकेट गुमायो । त्यसपछि करण केसी क्रिजमा गए । तर करण खाता नखोली आउट भए । ८ बल खेलेका करण ३७औं ओभरको चौथो बलमा कलिमुल्लाहको बलमा नसिम खुशीको हातबाट क्याचआउट भए ।
करण आउट भएपछि स्पीनर सन्दीप लामिछाने आठौं नम्बरमा ब्याटिङ गर्ने पुगे । ३८औ ओभरको पाँचौ बलमा सिंगल लिँदै शरदले अर्धशतक पूरा गरे । अर्को बलमा सन्दीपले बाउन्ड्री प्रहार गर्न खोजेका थिए । ओमानी फिल्डरले बल क्याच गरे पनि सम्हाल्न सकेनन् र सन्दीप बचे ।
शरदलाई गतिलो साथ दिएका सन्दीपले ३९औं ओभरमा १ छक्का र ४०औं ओभरमा १ चौका प्रहार गर्दै खेललाई रोमाञ्चक बनाए । सन्दीपले ४२औं ओभरमा २ चौका प्रहार गर्दै नेपालको लागि आशा जगाएका थिए । उनले १८ बलमै २७ रन बनाउ शरदलाई राम्रो साथ दिए । शरद र सन्दीपले आठौं विकेटका लागि ३६ रनको साझेदारी गरे ।
शरद ४४औं ओभरको पहिलो बलमा अकिब इलयासको बलमा बोल्ड भए । उनले १०८ बल खेल्दै ५ चौकाको मद्दतमा ५५ रन जोडे । सन्दीप लामिछाने पनि ४५औं ओभरको पहिलो बलमा आउट भएपछि नेपालको जितको सम्भावना लगभग सकिएको थियो ।
सन्दीप जिसन मक्सुदको बलमा खावर अलीबाट क्याचआउट भए । ४७औं ओभरको पाँचौ बलमा सुशन भारी आउट भएपछि नेपाल १८ रनले पारजित भएको हो । ८ रन बनाएका सुशनलाई विलाल खानले सुरज कुमारबाट क्याचआउट गराए ।
सिरिजको पहिलो खेलमै पराजित भएपछि नेपाल विश्वकप लिग २ मा अंकविहिन छ । जितपछि ओमानले भने १० अंक जोडेको छ । सिरिज अन्तर्गत नेपालले अर्को खेल अमेरिकासँग खेल्नेछ । बिहीवार अमरिका र ओमनबीच खेल हुनेछ ।
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आरिफ़ मोहम्मद खान : एक अवसरवादी की कहानी
संघ की एक मात्र यही रणनीति है, इसीलिए वह...
सृजन का सच : घोटाले के लिए दो तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा था?
वो मुझे संस्कृत तो नहीं सिखा पाए परन्तु...
आरिफ मोहम्मद खान को क़ौम के साथ गद्दारी का इनाम मिल गया। अब वह 5 साल तक केरल के गवर्नर बन कर , वंचिप्पाट्टुकल सुनते हुए आनंदित होंगे।
आरिफ मोहम्मद खान 1972 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष व सचिव रह चुके हैं और उस समय यह हार्डकोर कट्टर मुस्लिमों की राजनीति करते रहे हैं। 1972 में एक एक्ट के माध्यम से अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक स्वरूप खत्म कर दिया गया था। इसके विरोध में आरिफ मोहम्मद खान के नेतृत्व में जबरदस्त आंदोलन हुआ था। एएमयू के इतिहास के बड़े आंदोलनों में से एक का नेतृत्व आरिफ मोहम्मद खान ने किया था और इसी कारण उनकी काँग्रेस में इंट्री मिल गयी।
आरिफ़ मुहम्मद खान जैसे लोग एक उदाहरण हैं कि कुतर्क के आधार पर कैसे राजनीति की जाती है , दरअसल इस देश के लोगों को भूलने की ज़बरदस्त बिमारी है और लोग आरिफ मोहम्मद खान की 1986-87 की कुटिल राजनीति भूल कर उनको मुस्लिम कुरितियों के खिलाफ़ खड़ा एक नेता समझने लगे , और आज उनको इसी का इनाम मिल गया।
यह शख्स राजीव गाँधी की सरकार में वित्तमंत्री और रक्षामंत्री रहे विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा सरकार और राजीव गाँधी के खिलाफ की जा रही साजिश में शामिल रहा और राजा की दिखती संभावित आँधी में मलाई खाने के लिए शाहबानो के कंधे पर पैर रख कर राजीव गाँधी की सरकार से इस्तीफा दे दिया। दरअसल शाहबानो तो बहाना था , इनको राजा के साथ आना था।
इसका इनको लाभ भी मिला , आरिफ़ मोहम्मद ख़ान कांग्रेस छोड़ने के बाद जनता दल में आ गए और 1989 में राजा की आँधी में सांसद बन गये और वीपी सिंह की जनता दल की सरकार में भी मंत्री बने।
वीपी सिंह का भूत भी देश के सर से जल्दी ही उतर गया और 1997-98 का दौर बहुजन समाज पार्टी के तिव्र उभार का समय था , आरिफ़ मोहम्मद खान ने फ़िर पलटी मारी और बसपा में शामिल हो गये तथा बसपा के टिकट से 1998 में वो फिर चुनाव जीतकर संसद पहुंच गये।
अब फिर समय चक्र बदला और भाजपा की अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के काल में आरिफ मुहम्मद खान की मुहब्बत राष्ट्रवादी हो गयी और 2004 में आरिफ मोहम्मद खान ने भाजपा के टिकट पर कैसरगंज सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। फिर 2007 में उन्होंने भाजपा को भी छोड़ दिया क्योंकि पार्टी में उन्हें अपेक्षित तवज्जो नहीं दी जा रही थी. बाद में, 2014 में बनी भाजपा की केंद्र सरकार के साथ उन्होंने बातचीत कर तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाए जाने की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई।
यह तो रहा एक अवसरवादी नेता का इतिहास जिसने अपनी राजनीति के लिए इस्लामिक व्यवस्था पर सवाल उठाए और कौम के दुश्मनों से हाथ मिलाया।
वैसे तो इस देश में हर नेता अवसरवादी होता है पर आरिफ़ मोहम्मद खान जैसे दोगले लोग कम होते हैं जो अपने धर्म के विरुद्ध जाकर पद प्राप्त करने के लिए साजिशदाँ के साथ शामिल हो जाते हैं और पद पाने में कामयाब भी होते हैं।
ट्रिपल तलाक और शाहबानों के मामले पर हुए एक कार्यक्रम में मैंने उनसे एक सवाल पूछा था , मेरे सवाल का जवाब उनके पास नहीं था , आज भी कोई उनसे यह सवाल पूछ ले और उनका जवाब मिल जाए तो मुझे सूचित कर दें।
सवाल :- दो लोग यदि कोई लिखित समझौता करते हैं तो क्या यह उचित है कि कोई एक उस समझौते से मुकर जाए ?
खान साहब बोले , बिल्कुल नहीं।
सवाल :- क्या आप समझौते के बाद उस समझौते से इतर माँग करने वाले को जायज़ कहेंगे ?
खान साहब बोले , बिल्कुल नहीं।
सवाल :- निकाहनामे पर जब सारी शर्तें लिखी हैं , संबन्ध टूटने के बाद की सारी शर्तें भी तय हैं तो ��प उस समझौते से इतर माँग करने वाले के पैरवीकार क्युँ बने हैं ?
खान साहब चुप
मेरा दूसरा सवाल , एक मर्द यदि अपनी पत्नी से इतना पीड़ित है कि वह उसके साथ 1 सेकेन्ड भी रहना नहीं चाहता तो आप उसके साथ ज़बरदस्ती करेंगे कि वह रहे ? , क्या उस पुरुष का अपना कोई अधिकार नहीं ? इस स्थीति के आने में वह औरत भी तो बराबर की ज़िम्मेदार है कि उसका पति उसके साथ एक सेकेन्ड भी नहीं रहना चाहता ? तो आप उस मर्द को क्युँ मजबूर कर रहे हैं ? क्युँ उसके वैवाहिक जीवन जीने की स्वतंत्रता को कानून में बाँध रहे हैं ?
और आखिरी सवाल , संबन्ध टूटने का मुआवजा पति ही क्युँ दे ? पत्नी क्युँ नहीं ? तब जबकि आज औरत और मर्द के बराबरी की बात हो रही है , या तो घोषित करवा दीजिए कि महिला सदैव पुरुष के ऊपर निर्भर प्राणी है और उसे बराबरी का कोई हक नहीं।
खान साहब चुप। मुझे घूरते रहे। मेरा यह तीनों सवाल आज भी कोई उनसे पूछ ले।
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आज की बात: पूरा एपिसोड, 25 अक्टूबर, 2022
आज की बात: पूरा एपिसोड, 25 अक्टूबर, 2022
छवि स्रोत: इंडिया टीवी आज की बात: पूरा एपिसोड, 25 अक्टूबर, 2022 नमस्ते और रजत शर्मा के साथ आज की बात में आपका स्वागत है, यह एकमात्र समाचार शो है जिसमें वास्तविक तथ्य हैं और कोई शोर नहीं है। आज के एपिसोड में:मैं विशेष: क्या ऋषि सनक एक भक्त हिंदी हैं जो गायों की पूजा करते हैं, भगवान गणेश? क्या उसकी पत्नी शाही परिवार से ज्यादा अमीर है? Exclusive: ऋषि सनक के यूके पीएम बनने के बाद महबूबा मुफ्ती,…
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वीडियो: भारत को आजादी दिलाने वाले वे 50 मुस्लिम क्रान्तिकारी जिन्होंने जंग ए आजादी के लिए अपनी जान दे दी, जिन्हे आज भुला दिया गया
स्वन्त्रता दिवस 15 अगस्त भारत के ऐतिहास सबसे महत्वपूर्ण तारिख हैं, आज ही के दिन भारत ब्रिटिश हुकूमत से आज़ाद होकर एक स्वतंत्र राज्य बना था. इस दिन को हम स्वन्त्रता दिवस के नाम से जानते हैं. भारत को ब्रिटिश हुकूमत आज़ादी दिलाने में अनगिनत स्वतंत्रा सेनानि जिन्होंने इस देश की आजादी के लिए अपनी जान की क़ुरबानी दी।
हम अक्सर देखा हैं कि जब भी स्वतंत्रा सेनानियो की बात आती हैं तो मुस्लिम स्वतंत्रा सेनानियो के नाम पर सिर्फ एक ही नाम सामने निकल कर आता है. और स्वतंत्रता संग्राम के मुस्लमान क्रांतकारियो को इतिहास के पन्नो से मिटा दिया गया हैं. जब-कभी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की बात होती है तो मुस्लिम समुदय से सिर्फ एक ही नाम सामने आता है. जहाँ देखो वहीं दिखाई देता है लेकिन उसके अलावा किसी का नाम नज़र नहीं आता हैं।
उस नाम से आप भी अच्छी तरह वाकिफ होंगे, जी हाँ वह और कोई नहीं अशफ़ाक़ उल्लाह खान का नाम दिखाई देता है. तो मुद्दा यह हैं कि क्या सिर्फ अशफ़ाक़ उल्लाह खान भारत के स्वतंत्रा आंदोलन में शामिल थे।
देश में हर तरफ धर्म की राजनीति चल रही है, उलटे सीधे कुतर्क दे कर एक दूसरे के धर्म को टारगेट कर सोशल मीडिया पर सीधा प्रहार किया जा रहा है. कई बार कुछ ऐसी बातें भी की जाती हैं और ऐसे लोगों द्वारा की जाती हैं जिनको ना ही इतिहास का इल्म है और न देश के सविधान का अल्पसंख्यक टारगेट करके ही इस देश के सैंकड़ों लोगों के पेट पल रहे हैं. और इतने टारगेट पर हैं कि देश की आज़ादी में दिये गये मुसलमानों के योगदान को हाशिये पर ला डाल दिया गया है. लेकिन इतिहास तो इतिहास है उसे झुठलाने की कोशिश की जा रहा है।
आज इस देश के मुसलमानों को गालियां देकर उल्टी सीधी टिप्पणियां करके बहुत से लोग ऐसे हैं जो मंत्री और विधायक और सांसद तक बन बेटे है। वहीं बहुत से ऐसे एंकर भी हैं जिनका काम ही है मुसलमानो पर कई तरह के आरोप लगाना और उन्हें देशद्रोही साबित करना है। और ऐसा करने में इन तथाकथित एंकरो ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर भी तरह तरह के झूठे आरोप लगाए हैं।
देश की आजादी के लिए हुए कुर्बान इतिहास के पन्नों में अनगिनत मुस्लिम हस्तियों के नाम दबे पड़े हैं जिन्होने भारतीय स्वतंत्रा आंदोलन में अपने जीवन का बहुमूल्य योगदान दिया जिनका ज़िक्र भूले से भी हमें सुनने को नहीं मिलता हैं. जबकि अंग्रेजों के खिलाफ भारत के संघर्ष में मुस्लिम क्रांतिकारियों, कवियों और लेखकों का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है।
इस बार स्वतंत्रता दिवस पर हम ऐसे क्रान्तिकारी मुसलमानों की लिस्ट प्रकाशित कर रहे हैं जिन्होंने इस देश को आजाद को कराने के लिये अपनी जानें तक कुर्बान कर दी और अंग्रेजों के जुल्म सहे। यह वे 50 नाम है जिन्हें स्कूल की किताबों में नहीं पढ़ाया जाते लेकिन इन महापुरूष क्रान्तिकारियों ने इस देश की आजादी में अपना महत्तवपूर्ण योगदान दिया।
अंग्रेज़ो के खिलाफ पहली आवाज़ उठाने वाले मुसलमान
नवाब सिराजुद्दौला
शेरे-मैसूर टीपू सुल्तान
हज़रत शाह वलीउल्लाह मुहद्दिस देहलवी
हज़रत शाह अब्दुल अज़ीज़ मुहद्दिस देहलवी
हज़रात सयेद अहमद शहीद
हज़रात मौलाना विलायत अली सदिकपुरी
अब ज़फर सिराजुद्दीन मुहम्मद बहादुर शाह ज़फर
अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी
शहज़ादा फ़िरोज़ शाह
मोलवी मुहम्मद बाकिर शहीद
बेगम हज़रत महल
मौलाना अहमदुल्लाह शाह
नवाब खान बहादुर खान
अजीज़न बाई
मोलवी लियाक़त अली अल्लाहाबाद
हज़रत हाजी इमदादुल्लाह मुहाजिर मकई
हज़रत मौलाना मुहम्मद क़ासिम ननोतवी
मौलाना रहमतुल्लाह कैरानवी
शेखुल हिन्द हज़रत मौलाना महमूद हसन
हज़रत मौलाना उबैदुल्लाह सिंधी
हज़रत मौलाना रशीद अहमद गंगोही
हज़रत मौलाना अनवर शाह कश्मीरी
मौलाना बरकतुल्लाह भोपाली
हज़रत मौलाना किफायतुल्लाह
सुभानुल हिन्द मौलाना अहमद सईद देहलवी
हज़रत मौलाना हुसैन अहमद मदनी
सईदुल अहरार मौलाना मुहम्मद अली जोहर
मौलाना हसरत मोहनी
मौलाना आरिफ हिसवि
मौलाना अबुल कलम आज़ाद
हज़रत मौलाना हबीबुर्रहमान लुधयानवी
सैफुद्दीन कचालू
मसीहुल मुल्क हाकिम अजमल खान
मौलाना मज़हरुल हक़
मौलाना ज़फर अली खान
अल्लामा इनायतुल्लाह खान मशरिक़ी
डॉ.मुख़्तार अहमद अंसारी
जनरल शाहनवाज़ खान
हज़रत मौलाना सयेद मुहम्मद मियान
मौलाना मुहम्मद हिफ्जुर्रहमान स्योहारवी
हज़रत मौलाना अब्दुल बरी फिरंगीमहली
खान अब्दुल गफ्फार खान
मुफ़्ती अतीक़ुर्रहमान उस्मानी
डॉ.सयेद महमूद
खान अब्दुस्समद खान अचकजाई
रफ़ी अहमद किदवई
युसूफ मेहर अली
अशफ़ाक़ उल्लाह खान
बैरिस्टर आसिफ अली
हज़रत मौलाना अताउल्लाह शाह बुखारी
अब्दुल क़य्यूम अंसारी
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'तीन तलाक' से जुड़ी साच याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई has been published on PRAGATI TIMES
'तीन तलाक' से जुड़ी साच याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
प्रगति टाइम्स नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुसलमानों में ‘तीन तलाक’ और निकाह हलाला से जुड़ी साच याचिकाओं पर 11 मई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी।
शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन इस मामले पर सुनवाई हुई। तीन तलाक पर चल रही सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ के सामने तीन तलाक की मुद्दे पर चर्चा हो रही है। जानकारी के लिए आप को बतादे कि ट्रिपल तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट में एकसाथ तीन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की दलील सुनने को मिली। जिसमे पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, राम जेठमलानी और आरिफ मुहम्मद खान शामिल हुए थे ; इस दौरान ‘तीन तलाक’ की मुद्दे पर चर्चा और जोरदार दलीलें चलीं। वहीं केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि तीन तलाक यानी महिलाओं को जिंदा दफनाने जैसा होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक और निकाह हलाला से जुड़ी साच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
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'तीन तलाक रुके तो 90% समस्याएं खत्म हो जाएंगी'
ट्रिपल तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट में एकसाथ तीन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की दलील सुनने को मिली। सबसे पहले पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, इनके बाद राम जेठमलानी और फिर आरिफ मुहम्मद खान की जोरदार दलीलें चलीं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि सवाल ये है कि जो चीजें भगवान की नजर में पाप हैं, तो फिर वे वैध कैसे हो सकती हैं। http://dlvr.it/P7L8YZ
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एसिया कप छनोटः पहिलो खेलमै ओमानसँग हार्यो नेपाल
१३ भदौ, काठमाडौं । एसिया कप छनोट क्रिकेटको पहिलो खेलमा नेपाल पराजित भएको छ । बुधबार भएको खेलमा ओमानले नेपाललाई ७ विकेटले हराएको हो ।
नेपालले प्रस्तुत गरेको २२२ रनको लक्ष्य ओमानले ४८ ओभरमा मात्र ३ विकेट गुमाएर भेट्टायो । ओमनलाई जित दिलाउन खवार अलीले उत्कृष्ट पारी खेले ।
अलीले तेस्रो विकेटका लागि वैभव वाटेगओंकरसँग ७६ रनको साझेदारी गरे । यससँगै खेल ओमानको पक्षमा गएको थियो । ३६.४ ओभरमा वैभव रन आउट भए । उनले व्यक्तिगत ४१ रन बनाए ।
तर, अलीले चौथो विकेटका लागि जिशन मक्सुदसँग अविजित ७७ रनको साझेदारी गर्दै ओमानलाई जित दिलाए । अली ८४ रन अविजित रहे भने मक्सुद ४५ रनमा नटआउट रहे । जतिन्दर सिंह ३० र अकिब इल्यासले १६ रन बनाए ।
बलिङतर्फ नेपालका कप्तान पारस खड्काले एक विकेट लिए । सोमपाल कामी, करण केसी, सन्दीप लामिछाने, बसन्त रेग्मी र सागर पुनले विकेट लिन सकेनन् ।
सागरको उत्कृष्ट ब्याटिङ
यसअघि मलेसियाको किनरारा ओभलमा टस हारेर ब्याटिङको निम्तो पाएको नेपालले निर्धारित ५० ओभरमा ९ विकेटको क्षतिमा २२१ रन बनाएको थियो ।
नेपालको सुरुवात सामान्य रहृयो । लामो समयपछि टिममा फर्किएका सुवास खकुरेलसँगै उपकप्तान ज्ञानेन्द्र मल्ल ओपनिङमा थिए । पहिलो विकेटका लागि ३१ रनको साझेदारी गरेकबा खकुरेल मात्र ४ रनमा आउट भए ।
कप्तान पारस खड्काले पनि ठूलो पारी खेल्न सकेनन् । ज्ञानेन्द्रसँग २५ रनको साझेदारी गरेका पारस मात्र ८ रनमा आउट भए । तेस्रो विकेटका रुपमा आउट भएका ज्ञानेन्द्र ५ रनले अर्धशतक बनाउन चुके । ६० बलको सामना गरेका उनले ६ चौका र १ छक्का प्रहार गरेका थिए ।
दिपेन्द्र सिंह ऐरी पनि व्यक्तिगत ९ रनमै आउट भए, जत��बेला टिमको स्कोर ८०/४ थियो ।
तर, सागर र आरिफ शेखले उत्कृष्ट पारी खेले । दुबैले पाँचौं विकेटका लागि ९२ रनको साझेदारी गर्दै नेपालको पारी सम्हाले । ४५ औं ओभरको पहिलो बलमा पाँचौं विकेटका रुपमा आरिफ आउट भए । आरिफले व्यक्तिगत ३६ रन बनाए ।
रोहितकुमार पौडेल शुन्यमै आउट भए सोमपाल कामीले पनि ५ रन मात्र बनाए । तर, नवौं नम्बरमा आएका करण केसीले आक्रामक ब्याटिङ गर्दै मात्र ९ बलमा २४ रनको साझेदारी गरे ।
पाँच बल बाँकी छँदा सागर ८३ रनमा रनआउट भए । ८४ बलको सामना गरेका उनले ६ चौका र दुई छक्का हाने । करण केसीले मात्र १० बलमा २६ रन बनाउँदा भने बसन्त रेग्मीले खाता नै खोल्न सकेनन् ।
ओमनका लागि विलाल खान, मुहम्मद नदिम र अजय भि्रज्लाल लिल्चेताले समान २-२ विकेट लिए ।
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नेपाललाई तेस्रो सफलता, सन्दीपको बलमा भैभव रनआउट
१३ भदौ, काठमाडौं । एसिया कप छनोट क्रिकेट प्रतियोगिताअन्तर्गत नेपालले ओमनको तेस्रो विकेट लिएको छ ।
ओमनका भैभव वाटेगओंकरलाई सन्दीप लामिछानेले रनआउट गराए । ओमनले ३७ औं ओभरको खेल चलिरहँदा ३ विकेटको क्षतिमा १४७ रन बनाएको छ ।
यसअघि ओमनका ओपनर ब्याट्सम्यान जतिन्दर सिंह ३० रन रनआउट भएका थिए भने नेपालका कप्तान पारस खड्काले पहिलो विकेटको रुपमा अकिब इल्यासलाई १६ रनमा एल्बिडब्लु आउट गराएका थिए ।
टस हारेर पहिले ब्याटिङ गरेको नेपालले निर्धारित ५० ओभरमा ९ विकेटको क्षतिमा २२१ रन बनाएको थियो । नेपालका लागि सागर पुनले उत्कृष्ट प्रदर्शन गरे । उनले ८३ रन बनाएर रनआउट भए । उनले ८४ बलमा ६ चौका र २ छक्का प्रहार गरे ।
त्यस्तै, नेपालका लागि ज्ञानेन्द्र मल्लले ६० बलमा ६ चौका र १ छक्का प्रहार गर्दै ४५ रन बनाए । आरिफ शेखले ३६ रन बनाए। उनले सागर पुनसँग मिलेर ९२ रनको साझेदारी गर्दै नेपालको इनिङ्स सम्हालेका थिए । त्यस्तै, नेपालका लागि करण केसीले विष्फोटक ब्याटिङ गरे । उनले १० बलमा २६ रन बनाए ।
मलेसियाको राजधानी क्वालालम्पुरस्थित बायुमास ओभलमा जारी खेलमा ओमनका लागि विलाल खान, मुहम्मद नदिम र अजय भि्रज्लाल लिल्चेताले समान २-२ विकेट लिए ।
प्रतियोगितामा नेपालसँगै आयोजक मलेसिया, ओमन, युएई, सिंगापुर र हङकङ रहेका छन् ।
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नेपाललाई दोस्रो सफलता, जतिन्दर सिंह ३० रनमा आउट
१३ भदौ, काठमाडौं । एसिया कप छनोट क्रिकेटमा नेपालले ओमनको दोस्रो विकेट लिएको छ । ओमनका ओपनर ब्याट्सम्यान जतिन्दर सिंह ३० रन रनआउट भएका हुन् ।
अहिले ओमनले २१ ओभरको समाप्तिमा २ विकेटको क्षतिमा ७१ रन बनाएको छ । नेपालका लागि कप्तान पारस खड्काले पहिलो विकेटको रुपमा अकिब इल्यासलाई १६ रनमा एल्बिडब्लु आउट गराएका थिए ।
यसअघि टस हारेर पहिले ब्याटिङ गरेको नेपालले निर्धारित ५० ओभरमा ९ विकेटको क्षतिमा २२१ रन बनाएको थियो ।
नेपालका लागि सागर पुनले उत्कृष्ट प्रदर्शन गरे । उनले ८३ रन बनाए । उनले ८४ बलमा ६ चौका र २ छक्का प्रहार गरे ।
त्यस्तै, नेपालका लागि ज्ञानेन्द्र मल्लले ६० बलमा ६ चौका र १ छक्का प्रहार गर्दै ४५ रन बनाए । आरिफ शेखले ३६ रन बनाए । उनले सागर पुनसँग मिलेर ९२ रनको साझेदारी गर्दै नेपालको इनिङ्स सम्हालेका थिए । त्यस्तै, नेपालका लागि करण केसीले विष्फोटक ब्याटिङ गरे । उनले १० बलमा २६ रन बनाए ।
मलेसियाको राजधानी क्वालालम्पुरस्थित बायुमास ओभलमा जारी खेलमा ओमनका लागि विलाल खान, मुहम्मद नदिम र अजय भि्रज्लाल लिल्चेताले समान २-२ विकेट लिए ।
प्रतियोगितामा नेपालसँगै आयोजक मलेसिया, ओमन, युएई, सिंगापुर र हङकङ छन् ।
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नेपाललाई पहिलो सफलता, कप्तान पारसले लिए विकेट
१३ भदौ, काठमाडौं । एसिया कप छनोट क्रिकेटमा नेपालले दिएको २२२ रनको लक्ष्य पछ्याएको ओमानले पहिलो विकेट गुमाएको छ ।
नेपालका लागि कप्तान पारस खड्काले पहिलो विकेट दिलाएका हुन् । पारसले अकिब इल्यासलाई १६ रनमा एलबीडब्लू आउट गराए । ओमनको ८ ओभरको खेल चलिरहंदा १ विकेटको क्षतिमा ३३ रन भएको छ ।
यसअघि टस हारेर पहिले ब्याटिङ गरेको नेपालले निर्धारित ५० ओभरमा ९ विकेटको क्षतिमा २२१ रन बनाएको थियो ।
नेपालका लागि सागर पुनले उत्कृष्ट प्रदर्शन गरे । उनले ८३ रन बनाए । उनले ८४ बलमा ६ चौका र २ छक्का प्रहार गरे ।
त्यस्तै, नेपालका लागि ज्ञानेन्द्र मल्लले ६० बलमा ६ चौका र १ छक्का प्रहार गर्दै ४५ रन बनाए । आरिफ शेखले ३६ रन बनाए । उनले सागर पुनसँग मिलेर ९२ रनको साझेदारी गर्दै नेपालको इनिङ्स सम्हालेका थिए ।
त्यस्तै नेपालका लागि करण केसीले विष्फोटक ब्याटिङ गरे । उनले १० बलमा २६ रन बनाए ।
मलेसियाको बायुमास ओभलमा जारी खेलमा ओमनका लागि विलाल खान, मुहम्मद नदिम र अजय भि्रज्लाल लिल्चेताले समान २-२ विकेट लिए ।
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