#आतिशबाजी
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laweducation · 2 years ago
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अपकृत्य विधि में उपेक्षा का मतलब क्या होता है? | परिभाषा व आवश्यक तत्वों को विवेचना
असावधानी क्या है - समाज में जब एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के प्रति सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन करता है और जिसके परिणामस्वरूप उस दूसरे व्यक्ति को नुकसान होता है तब उसे उपेक्षा कहा जाता है तथा जो व्यक्ति ऐसी उपेक्षा करता है वह व्यक्ति उपेक्षा के अपकृत्य के अधीन दायी होता है। आसान शब्दों में – किसी व्यक्ति द्वारा सावधानी बरतने के कर्त्तव्य के उल्लंघन को उपेक्षा कहते है| उपेक्षा की परिभाषा क्या है  – सॉमण्ड (Salmond) के अनुसार – उपेक्षा में जहाँ सावधानी बरतना विधि द्वारा अपेक्षित होता है, वहां सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन किया जाता है। विनफील्ड के अनुसार – उपेक्षा एक अपकृत्य के रूप में सावधानी बरतने के विधिक कर्त्तव्य का उल्लंघन है जिसके परिणामस्वरूप प्रतिवादी के न चाहने पर भी वादी को क्षति (नुकसान) कारित होती है। लार्ड राइट के अनुसार – उपेक्षा किसी कार्य को करने या करने से प्रतिविरत रहने वाला एक लापरवाही युक्त आचरण है जो किसी कर्त्तव्य को भंग करता है और जिससे अन्य व्यक्ति को क्षति पहुँचती है। उपेक्षा के आवश्यक तत्व (essential elements of neglect) – जेकब मेथ्यू बनाम पंजाब राज्य (ए.आई. आर. 2005 एस.सी. 3180) के मामले में न्यायालय द्वारा असावधानी (Negligence) के तीन आवश्यक तत्व बताये गये है - (क) विधिक कर्तव्य, (ख) कर्तव्य का भंग किया जाना, तथा (ग) ऐसे कर्तव्य- भंग से क्षति कारित होना। विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषा के अनुसार उपेक्षा के निम्नांकित तत्व परिलक्षित होते है - (i) प्रतिवादी का सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य होना, (ii) प्रतिवादी ने अपने कर्तव्य का उल्लंघन किया हो, (iii) कर्तव्य के उल्लंघन से वादी को क्षति कारित होना। (i) सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य - वादी के प्रति, प्रतिवादी का सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य होना उपेक्षा का पहला आवश्यक तत्व है| पोलक के अनुसार यदि सावधानी बरतने का को�� विधिक कर्तव्य नहीं है तो उपेक्षा के लिए कार्यवाही नहीं की जा सकती है। जब तक सावधानी बरतने का विधिक कर्त्तव्य नहीं हो उपेक्षा तब तक अनुयोज्य नहीं होती।(2) सावधानी बरतने के कर्त्तव्य का उल्लंघन – प्रतिवादी द्वारा अपने विधिक कर्तव्य का उल्लंघन किया जाना है, यह उपेक्षा का दूसरा आवश्यक तत्व है| कर्त्तव्य का उल्लंघन अथवा कर्त्तव्य भंग से तात्पर्य है - सम्यक् सावधानी का अनुपालन न करना जो किसी परिस्थिति विशेष में बरतनी आवश्यक है।विश्वनाथ गुप्त बनाम मुन्ना के मामले में यह अभिनिर्धारित किया गया कि, वाहन चालक का यह कर्त्तव्य है कि वह सड़क पर पैदल चलने वाले व्यक्तियों के प्रति पूर्ण सावधानी एवं सर्तकता बरते। उसका यह कर्तव्य उस समय और अधिक बढ़ जाता है जब सड़क पर चलने वाले व्यक्ति बच्चे हो। ऐसी स्थिति में चालक को वाहन ऐसी गति से चलाना चाहिये कि आवश्यकता पड़ने पर उसे रोका जा सके। (निर्णय पत्रिका 1971 मध्य प्रदेश 365) (3) वादी को क्षति कारित होना - यह उपेक्षा का तीसरा आवश्यक तत्व है, प्रतिवादी के कर्तव्य-भंग से वादी को जो नुकसान होता है वह नुकसान प्रतिवादी के कार्य प्रत्यक्ष परिणाम से होनी चाहिये ना की दूरवर्ती से।हेतलबेन जितेन्द्र कुमार व्यास बनाम पुलिस इन्सपेक्टर साबरमती पुलिस स्टेशन के मामले में एक वैवाहिक जुलूस निकल रहा था। उसमें की जा रही आतिशबाजी से एक ढाई वर्षीय बच्चे की आँख क्षतिग्रस्त हो गई। न्यायालय ने वर-वधू के अभिभावकों को असावधानी का दोषी ठहराते हुए उन्हें प्रतिकर का संदाय करने का आदेश दिया। (ए.आई.आर. 2006 गुजरात 97) Read More -  असावधानी (उपेक्षा) से आप क्या समझते हैं? Definition of Neglect Read the full article
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latestnewsandjokes · 18 days ago
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तेजी से आगे बढ़ते हुए, ट्रम्प ने चीन और भारत की शुरुआती यात्राओं की योजना बनाई है
वाशिंगटन से टीओआई संवाददाता: उनके सलाहकारों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार-संचालित विदेश नीति के एजेंडे में चीन और भारत की शुरुआती यात्राएँ प्रमुख हैं। आने वाले राष्ट्रपति ने अपने उद्घाटन के लिए सप्ताहांत में विजयी रूप से वाशिंगटन डीसी में उड़ान भरी और एक आतिशबाजी प्रदर्शन में भाग लिया जो उनके दूसरे राष्ट्रपति पद का एक रूपक पूर्वावलोकन हो सकता है। व्हाइट हाउस में अपने पहले कार्यकाल की…
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livetimesnewschannel · 21 days ago
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ISIS's Return: How the Terror Group is Expanding Once More
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Introduction Of ISIS Resurgence
ISIS Resurgence: 1 जनवरी 2025 यानी नए साल के पहले दिन ही अमेरिका बेहद बुरी तरह से दहल उठा. अमेरिका के न्यू ऑरलियन्स की बॉर्बन स्ट्रीट पर मौज-मस्ती कर रहे लोगों को एक पिकअप ट्रक ने कुचल दिया. पहले इसे सामान्य हमला माना जा रहा था. बाद में जब पिकअप ट्रक की तलाशी ली गई, तो पता चला कि यह दुर्घटना सामान्य नहीं थी. यह एक आतंकी हमला था, जिसे ISIS यानी इस्लामिक स्टेट से प्रभावित एक शख्स ने अंजाम दिया था. शख्स की पहचान शम्सुद्दीन जब्बार के रूप में की गई है. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ISIS कुचले जाने के बाद फिर से जिंदा हो रहा है. इस बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप भी ��त्ता संभालने वाले हैं. ऐसे में ISIS को पहले कुचलने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी यह सबसे बड़ी चुनौती है.
Table Of Content
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी
दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
अमेरिका में हुआ ताजा हमला
गौरतलब है कि ISIS के नाम से मशहूर इस आतंकी संगठन ने दुनिया भर में मौत और विनाश की क्रूर विरासत छोड़ी है. मीडिल-ईस्ट में ISIS का अब कोई खास प्रभाव वाला इलाका बचा नहीं है, लेकिन इस क्रूर संगठन ने दुनिया भर में आतंकी हमले करना जारी रखा. इसके साथ ही वह चरमपंथी विचारधारा के जरिए युवाओं को भड़काता रहता है. ISIS एक सुन्नी मुस्लिम विद्रोही गुट है, जिसे माना जाता है कि इराक में अलकायदा से जन्म हुआ. इराक में साल 2013 से लेकर 2017 तक चले गृहयुद्ध के लिए भी इस संगठन को ही जिम्मेदार माना जाता है. बाद में स्थानीय मिलिशिया और अमेरिकी सैनिकों ने इन विद्रोहियों को कुचल दिया.
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ISIS ने सीरिया के गृहयुद्ध का कैसे उठाया फायदा
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ISIS-खुरासान ने संभाली कमान
कुछ महीनों बाद 22 मार्च रूस की राजधानी मास्को स्थित एक कॉन्सर्ट हॉल में घातक हमला किया था, जिसे अमेरिकी अधिकारियों ISIS-K(खुरासान) को दोषी ठहराया था. इस हमले में कम से कम 137 लोग मारे गए थे . 16 जुलाई को ISIS-K के आतंकियों ने ओमान के मस्जिद में गोलीबारी की, जिसमें 6 लोग मारे गए थे. इसमें ISIS ने शिया मुसलमानों को निशाना बनाया था. इन हमलों के अलावा भी इराक और सीरिया समेत कई देशों में हमले किए गए हैं.
UN ने ISIS को लेकर क्यों दी चेतावनी?
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दुनिया में ISIS के अब तक के घातक हमले
इसके बाद 22 मार्च 2016 को सुबह ब्रुसेल्स में एक एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन को ISIS के आतंकियों ने उड़ा दिया था. इसमें 32 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. साल 2016 में 14 जुलाई को फ्रांस के नीस में बैस्टिल दिवस के दिन एक व्यक्ति ने आतिशबाजी देख रही भीड़ को 19 टन वजनी ट्रक से कुचल दिया. ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन ड्राइवर के सीधे तौर पर आतंकी समूह से जुड़े होने का कोई सबूत नहीं मिले. साल 2015 में ISIS के आतंकियों ने इसी तरह जॉर्डन के सैन्य पायलट मोआज अल कसासबेह को जिंदा जलाया और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया. वहीं, 2015 में 15-16 फरवरी को ISIS से संबंधित लीबियाई आतंकियों ने एक वीडियो जारी कर 21 मिस्र के ईसाइयों का सिर कर दिया.
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सीरिया और इराक में ISIS के ताजा हालात
सीरिया में बशर अल असद के सत्ता से बेदखल होने और सेनाओं के पतन के बाद से विदेशी मामलों के जानकारों का मानना है कि ISIS इन इलाकों में फिर से अपने पैर जमा सकता है. पिछले साल जुलाई के महीने में अमेरिकी विदेश मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता ने चेतावनी जारी करते हुए बताया था कि इराक और सीरिया में ��स्लामिक स्टेट के हमले पिछले साल की तुलना में दोगुने होने के कगार पर हैं.
बशर अल असद के हटते ही अमेरिका समर्थित कुर्द बलों और तुर्की समर्थित विद्रोहियों के बीच संघर्ष उग्र रूप लेता जा रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ISIS फिर से अपने पैर जमा सकता है. इराक में भी उनका प्रभाव बढ़ सकता है. अमेरिकी सेना की मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक सीरिया में ISIS के 20 से अधिक ठिकाने मौजूद हैं. इसमे कुल 9 हजार से अधिक लड़ाके शामिल हैं. वहीं, सीरिया में 2 हजार और इराक में 2.5 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. सीरिया में उथल-पुथल जारी है और अमेरिकी सैनिकों ने हवाई हमले जारी रखे हैं. इससे वह ISIS के लड़ाकों और शिविरों को निशाना बना रहे हैं.
Conclusion
ISIS फिलहाल सीरिया में है, लेकिन समूह का अफगान सहयोगी ISIS-K ने हाल के हमलों से यह सिद्ध कर चुका है कि वह दुनिया के किसी भी हिस्से में बड़े हमले को अंजाम दे सकता है. ISIS-K दुनिया के अलावा यह संगठन अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से भी लड़ रहा है. अमेरिकी अधिकारी मीडिल-ईस्ट के अलावा अफ्रीकी साहेल इलाके में भी नजर रख रहे हैं, क्योंकि अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि ISIS (जिसे ISIL या अपमानजनक Daesh भी कहा जाता है) साहेल में तेजी से प्रगति कर रहा है.
बता दें कि ISIS ने ही पिछले साल मार्च में नाइजर की सेना पर हमला कर 30 जवानों को मार दिया था. ऐसे में अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि ISIS को नाइजीरिया, कांगो जैसे अफ्रीकी देशों से 60 फीसदी तक मदद मिल रही है. ISIS के लड़ाके फिलहाल हिट-एंड-रन हमले कर रहे हैं. वहीं, ISIS-K का अफगान लीडर सनाउल्लाह गफारी इसे वैश्विक संगठन बनाने की तैयारी कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र को भी डर है कि ISIS के लड़ाके अफगानिस्तान के साथ ही गृहयुद्ध की चपेट में सूडान में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठा सकते हैं.
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वहीं, साल 2019 में अबू बकर अल-बगदादी के मारे जाने के बाद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने दुनिया के नंबर एक आतंकी को न्याय के कटघरे में खड़ा किया. अबू बकर अल-बगदादी मर चुका है, जो ISIS का संस्थापक और नेता था. उन्होंने दावा किया था कि अबू बकर अल-बगदादी को पकड़ना या मारना उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि उसने दूसरों को डराने की बहुत कोशिश की थी, लेकिन अपने अंतिम समय में घबराहट और खौफ में बिताए थे.
उन्होंने दावा किया था कि अमेरिकी सैनिकों की ��हुंच बहुत लंबी है, जिन्होंने ओसामा बिन लादेन के बहुत ही हिंसक बेटे हमजा बिन लादेन को मार गिराया था. अबू बकर अल-बगदादी के बाद हमने ISIS की खिलाफत को 100 प्रतिशत खत्म कर दिया है. साथ ही ISIS आतंकियों को उनके क्रूर अंत तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता संभालने के बाद बड़े पैमाने पर ISIS के आतंकियों के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं. यह बात अन्य आतंकी संगठनों पर भी लागू होती है.
बता दें कि मीडिल-ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेंट्रल कमांड के मुताबिक जनवरी से जून 2024 तक ISIS के खिलाफ 196 मिशन चलाए गए हैं. इसमें इराक में कुल 44 ISIS ऑपरेटिव मारे गए है. वहीं, सीरिया में 59 ऑपरेशनों में 14 ISIS ऑपरेटिव मारे गए. इस दौरान इराक और सीरिया में आठ वरिष्ठ ISIS लीडर मारे गए और 32 पकड़े गए हैं. यह लीडर सीरिया और इराक के बाहर अभियानों की योजना बनाने, भर्ती करने, प्रशिक्षण देने और हथियारों की तस्करी करने के लिए जिम्मेदार थे. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि ISIS का अगला प्लान क्या होगा और डोनाल्ड ट्रंप सत्ता में आने के बाद इससे कैसे निपटे हैं.
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sharpbharat · 1 month ago
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Basuki singh memorial tournament final-फाइटर इलेवन घाटशिला की टीम ने बासुकी सिंह मेमोरियल टूर्नामेंट का खिताब जीता, फ्लडलाइट और आतिशबाजी के बीच सजा ऐतिहासिक फाइनल
घाटशिला : एचसीएल आईसीसी द्वारा प्रायोजित 30वें बासुकी सिंह मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच में शनिवार को चिराग इलेवन आसनबनी को हराकर फाइटर इलेवन घाटशिला ने ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया. मऊभंडार स्पोर्ट्स क्लब ग्राउंड में फ्लडलाइट की रोशनी में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में फाइटर इलेवन घाटशिला की शानदार जीत के बाद आतिशबाजी के बीच पूरे मैदान में जश्न का माहौल बन गया. फाइनल मैच में चिराग इलेवन…
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vedantbhoomidigital · 1 month ago
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पीएम मोदी का नए साल का संदेश: यह साल नए अवसर, सफलता और अनंत खुशियां लेकर आए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आशा और सकारात्मकता का संदेश साझा करते हुए राष्ट्र को नए साल की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी के लिए नए अवसरों, सफलता और खुशी की आशा व्यक्त की, क्योंकि देश ने जश्न और प्रार्थनाओं के साथ नए साल के आगमन को चिह्नित किया। अद्भुत स्वास्थ्य और समृद्धि के साथ,'' पीएम मोदी ने ट्वीट किया।देश भर में आतिशबाजी, संगीत और हर्षोल्लास भरी सभाओं के साथ जीवंत जश्न और…
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krishnadas22 · 1 month ago
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नए साल की शुरुआत संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ज्ञान गंगा एवं जीने की राह पढ़ कर शुरुआत करें। जिससे जीवन में बड़ा बदलाव आएगा । हुड़दंग, आतिशबाजी, नाच गान ,नशा चाहे शराब, सुल्फा, अफीम, हेरोइन आदि-आदि किसी का भी करते हो, यह आपका सर्वनाश का कारण बनेगा। जिससे अप्रिय घटना घट सकता है।
इस का किसी भी शास्त्र में उल्लेख नहीं कि नशा करें।
यह मानव समाज क��� बर्बाद कर रहा है। ऐसे क्षणिक सुख अवश्य त्यागे। उपरोक्त पुस्तक पढ़ कर खुशहाल रहें।
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narmadanchal · 2 months ago
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नवनियुक्त भाजपा मंडल अध्यक्ष को कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
इटारसी। इटारसी नगर भाजपा मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष राहुल चौरे का जयस्तंभ चौक पर भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। जयस्तंभ पर जमकर आतिशबाजी कर खुशियां मनायी गई। इस अवसर पर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पंकज चौरे, भाजपा पिछड़ा वर्ग के जिलाध्यक्ष जयकिशोर चौधरी, मनीष ठाकुर, पार्षद अमित विश्वास, कुंदन गौर, शिवम मैना, स��रभ मेहरा, गोपाल शर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
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bikanerlive · 2 months ago
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महाराष्ट्र में भाजपा की प्रचंड जीत पर, राजस्थान उपचुनाव में ऐतिहासिक जीत भाजपा नेताओ ने आतिशबाजी कर मिठाई खिलाकर जश्न मनाया
भाजपा की जीत का श्रेय प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, सीएम भजनलाल शर्मा और पार्टी कार्यकर्ताओं को– विजय आचार्य प्रदेश की जनता ने भजनलाल स���कार पर भरोसा जताया कांग्रेस प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाए–जेठानंद व्यास बीकानेर महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत ओर प्रदेश उपचुनाव में सात में से पांच सीट पर भाजपा प्रत्याशियों की ऐतिहासिक जीत पर भाजपा जिला कार्यालय पर शहर जिलाध्यक्ष विजय आचार्य की…
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rightnewshindi · 3 months ago
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आधी रात को खाटूश्याम को ‘हैप्पी बर्थडे’ विश करने पहुंचे लाखों भक्त, श्रद्धालुओं ने मनाई दिवाली
Shyam Baba Birthday: सीकर जिले के खाटूश्याम बाबा का एकादशी मेला इस बार एक विशेष आकर्षण बनकर उभरा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के अवसर पर खाटू में होने वाला मुख्य मेला श्रद्धालुओं के लिए खास है। रात से ही मंदिर में दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं और लाखों भक्त बाबा के दर्शन करने के लिए खाटू पहुंचे। इस अवसर पर खाटू में दिवाली जैसी आतिशबाजी ने उत्सव का माहौल बना दिया। हालांकि प्रशासन और मंदिर…
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cgnews24 · 3 months ago
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छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस : 11 हजार दीपों से रौशन हुआ एकात्म पथ, रंग बिरंगी आतिशबाजी से आसमान हुआ सतरंगी छत्तीसगढ़ राज्य की 24 वीं वर्षगांठ और दीपावली के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नया रायपुर के एकात्म पथ पर आयोजित 11,000 दीपों के प्रज्ज्वलन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने मंत्रोच्चार के बीच विधि विधान से दीप प्रज्ज्वलित कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। यह आयोजन राज्य की
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duleshwar-patel · 3 months ago
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#CorrectWay_ToCelebrateDiwali
हम दिवाली का जश्न आतिशबाजी, बम-पटाखों आदि के माध्यम से मनाते हैं, इन सब से धार्मिकता का नाश नहीं हो रहा है!
आध्यात्मिक पुस्तक ज्ञान गंगा में संपूर्ण शास्त्रों का ज्ञान है आइए, इस दिवाली पुस्तक के माध्यम से जानें सच्चा धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान। 🙏🏻
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livetimesnewschannel · 1 month ago
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Do You Know Their Names Where New Year is not Celebrated on January1?
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Introduction
10 Countries Where New Year is Not Celebrated: दुनियाभर में न्यू ईयर यानी साल 2025 को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. नया साल अपने साथ नए अवसर, उम्मीदें, लक्ष्य, रिश्ते और आकांक्षाएं लेकर आता है. यही वजह है कि हर कोई नए साल का जश्न मनाता है, जिसके लिए लोग ग्रेंड पार्टी का आयोजन भी करते हैं. लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया के कई ऐसे देश भी हैं जहां न्यू ईयर 1 जनवरी को नहीं ��नाया जाता. बता दें कि पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी को नए साल का जश्न मनाया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि विश्व के वो कौन-कौन से देश हैं, जहां 1 जनवरी को न्यू ईयर सेलिब्रेट नहीं किया जाता.
Table of Content
चीन
थाईलैंड
श्रीलंका
रूस और यूक्रेन
सऊदी अरब
ईरान
पाकिस्तान
कंबोडिया
मंगोलिया
इथियोपिया
नेपाल
क्यों मनाते हैं 1 जनवरी को ही न्यू ईयर
कैसे बना जनवरी साल का पहला महीना
कैसे बना ग्रेगोरियन कैलेंडर?
चीन
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थाईलैंड
थाईलैंड भी विश्व के उन्हीं देशों में शामिल है, जहां नए साल का जश्न 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता. यहां के लोग अप्रैल के महीने में न्यू ईयर सेलिब्रेट करते हैं, जिसे जल महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. बता दें कि थाईलैंड के लोग 13 या 14 अप्रैल को न्यू ईयर मनाते हैं. इस दिन थाईलैंड लोग एक दूसरे को ठंडे पानी से भिगोते हुए नए साल की बधाईयां देते हैं.
श्रीलंका
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रूस और यूक्रेन
रूस और यूक्रेन भी दुनिया के उन्हीं देशों की सू��ी में शामिल है, जहां 1 जनवरी को नया साल नहीं मनाया जाता. यहां के पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के लोग ग्रेगोरियन कैलेंडर की बजाय जूलियन कैलेंडर को फॉलो करते हैं. यही वजह है कि रूस और यूक्रेन में नया साल 14 जनवरी को मनाया जाता है. इस दौरान दोनों देशों में आतिशबाजी और मनोरंजनक गतिविधियां की जाती हैं. इसके साथ ही नए साल पर दोस्तों और परिजनों के बीच मिठाइयां बांटी जाती हैं यानी कि पूरे जोश के साथ नव वर्ष का आगमन किया जाता है.
सऊदी अरब
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ईरान
ईरान भी दुनिया के उन्हीं देशों की लिस्ट में शामिल है, जो 1 जनवरी को नए साल का जश्न नहीं मनाते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ईरान में पारसी कैलेंडर को फॉलो किया जाता है, जिसके मुताबिक न्यू ईयर 21 मार्च से शुरू होता है. बता दें कि 21 मार्च वसंत उत्सव का दिन है और इसी दिन नौरोज़ की भी छुट्टी होती है. ऐसे में देखा जाए तो 1 जनवरी का दिन ईरान में बेहद सामान्य होता है. वहीं, नवरोज से नव वर्ष की शुरुआत होती है.
पाकिस्तान
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कंबोडिया
कंबोडिया भी दुनिया के उन देशों में आता है, जो 1 जनवरी को नया साल नहीं मनाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि कंबोडिया में बौद्ध कैलेंडर फॉलो किया जाता है. बौद्ध कैलेंडर चन्द्र-सौर कैलेंडर का एक समूह है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कंबोडिया, भारत, तिब्बत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, बांग्लादेश, वियतनाम, मले��िया, सिंगापुर और लाओस आबादी द्वारा धार्मिक और आधिकारिक अवसरों का पता लगाने के लिए किया जाता है. यही वजह है कि कंबोडिया में 13 या 14 अप्रैल को न्यू ईयर सेलिब्रेट किया जाता है.
मंगोलिया
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इथियोपिया
इथियोपिया भी दुनिया के उन्हीं देशों की लिस्ट में आता है, जहां नया साल 1 जनवरी को नहीं मनाया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इथियोपिया आज भी अपने प्राचीन कैलेंडर को फॉलो करता है. इस कैलेंडर के अनुसार, एक साल 13 महीने का होता है. यही वजह है कि यह देश दुनिया के बाकी देशों से 7 साल (Country 7 years behind the world) पीछे है. इस देश के पहले महीनों में 30 दिन होते हैं, इसके बाद आखिरी महीने में 5 दिन के साथ ही लीप ईयर वाले साल में 6 दिन भी शामिल होते हैं. साल के इस आखिरी महीने को पेग्यूम कहा जाता है. इसी के चलते इथियोपिया में 11 या 12 सितंबर को नए साल का जश्न मनाया जाता है. हालांकि, इथियोपिया के कई लोग बाकी देशों की तरह ग्रेगोरियन कैलेंडर को ही फॉलो करते हैं.
नेपाल
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क्यों मनाते हैं 1 जनवरी को ही न्यू ईयर
रोमन कैलेंडर का चलन 45 ईसा पूर्व में हुआ करता था. रोमन कैलेंडर में रोम के तत्कालीन राजा नूमा पोंपिलुस के समय 10 महीने हुआ करते थे. वहीं, हफ्ते में 8 दिन और साल में 310 दिन होते थे. फिर नूमा ने थोड़े समय के बाद कैलेंडर में थोड़े बदलाव कर दिए और जनवरी मा�� को कैलेंडर का पहना महीना बना दिया. जानकारी के लिए बता दें कि 1582 ई. के ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरुआत के बाद से ही 1 जनवरी को न्यू ईयर मनाने का चलन शुरू हुआ.
कैसे बना जनवरी साल का पहला महीना
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कैसे बना ग्रेगोरियन कैलेंडर?
रोमन के राजा जूलियस सीजर ने नई गणनाओं के आधार पर जीसस क्राइस्ट के जन्म से 46 साल पहले एक नया कैलेंडर बनाया. इसके बाद से ही जूलियस सीजर ने नए साल के शुरुआत 1 जनवरी से करने का एलान किया. धरती सूर्य की परिक्रमा 6 घंटे करती है और साल में 365 दिन होते हैं. ऐसे में जब जनवरी और फरवरी के महीने को कैलेंडर में जोड़ा गया तो सूर्य की गणना के साथ इसका तालमेल ठीक नहीं बैठ सका, जिसके बाद खगोलविदों द्वारा गहन अध्ययन किया गया.
आपको बता दें कि कोई भी कैलेंडर चंद्र या सूर्य चक्र की गणना के आधार पर तैयार किया जाता है. सूर्य चक्र पर बनने वाले कैलेंडर में 365 दिन और चंद्र चक्र पर बनने वाले कैलेंडर में 354 दिन होते हैं. ग्रेगोरियन कैलेंडर सूर्य चक्र पर बेस्ड है और दुनिया के ज्यादातर देशों में ग्रेगोरियन कैलेंडर ही फॉलो किया जाता है.
Conclusion
वैसे तो नया साल हर किसी के जीवन में नई उम्मीद, खुशियां और उल्लास लेकर आता है, लेकिन हर देश की अपनी अलग-अलग संस्कृति और मान्यताएं होती हैं. यही वजह है कि दुनिया के कई देश ऐसे भी हैं जो नए साल की शुरुआत 1 जनवरी की बजाय अपनी-अपनी मान्यता और इतिहास से जुड़े दिनों से करना पसंद करते हैं.
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sharpbharat · 1 month ago
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Jamshedpur new year celebration - नये साल से जश्न में डूबा जमशेदपुर, कहीं आतिशबाजी, तो कहीं डीजे की धुन पर थिरके युवा, देखिए - video
जमशेदपुर: जमशेदपुर में नववर्ष 2025 का स्वागत हर्षोल्लास के साथ किया गया. नए साल की पूर्व संध्या पर शहर जश्न में डूबा नजर आया. सर्द मौसम के बावजूद बाजार में रात तक चहल-पहल बना रही. रात के 12 बजते ही लोगों ने केक काटा, आतिशबाजी छुड़ाई और एक दूसरे को नए साल की बधाई दी. वर्ष 2024 की विदाई और नववर्ष 2025 की अगवानी के लिए लोगों ने अपने-अपने अंदाज में तैयारी की. किसी ने केक खरीदा तो किसी ने गिफ्ट. (नीचे…
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vedantbhoomidigital · 1 month ago
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नए साल की पूर्व संध्या: न्यूजीलैंड वैश्विक नए साल के जश्न में सबसे आगे है, भारत जल्द ही पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार है
जैसे ही दुनिया ने 2024 को विदाई दी, न्यूजीलैंड के ऑकलैंड ने 2025 में प्रवेश का नेतृत्व किया, और दुनिया भर में नए साल 2025 का जश्न मनाने वाले पहले स्थानों में से एक बन गया। ऑकलैंड के अलावा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया में सिडनी और जापान में टोक्यो ने 2025 में प्रवेश किया है। भारत को अभी 2025 का स्वागत करना बाकी है, देश भर में लोग इसके आगमन की तैयारी कर रहे हैं। सिडनी में, विश्व प्रसिद्ध आतिशबाजी का…
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newshawkers · 3 months ago
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केरल मंदिर के आतिशबाजी भंडार में विस्फोट #kasaragod #kasaragodnews #kerala #breakingnews #viral #trending
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narmadanchal · 3 months ago
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श्रीजी कृपा गौशाला में धूमधाम से मनी गोपाष्टमी
गौवंश की पूजा अर्चना एवं गो ग्रास किया अर्पित इटारसी। कर्मा सखी संगम इटारसी द्वारा सांस्कृतिक एवं धार्मिक गतिविधि के रूप में भव्य गोपाष्टमी का आयोजन श्रीजी कृपा गौशाला परिसर इटारसी में किया गया। उक्त अवसर पर गोवंश की पूजा अर्चना करने के उपरांत गो ग्रास की सेवा दी। कर्मा सखी संगम ने एक गाय का दान भी किया एवं विभिन्न गतिविधियों के साथ दीपावली मिलन पर आतिशबाजी भी की गई। प्रबंधक जगदीश मालवी�� ने…
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